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 बच्चों की अच्छी सेहत ले लिए उनको जरूर सिखाएं खान-पान से जुड़े ये तौर तरीके

बच्चों की अच्छी सेहत ले लिए उनको जरूर सिखाएं खान-पान से जुड़े ये तौर तरीके

अपनी व्यस्ता के चलते हम अपने बच्चों को पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं, आजकल यह समस्या ज्यादातर पैरंट्स की है। ऐसे में बच्चे उन जरूरी बातों से भी अनजान रह जाते हैं, जो उन्हें जरूर पता होनी चाहिए। अगर आप रोज बच्चों को वक्त नहीं दे पाते तो खान-पान से जुड़ी ये बातें बच्चों को किसी गेम या पिकनिक के दौरान बताएं। ताकि वे ध्यान से आपकी बातों को सुन, समझ और अपना सकें...

- कई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें खाने के बाद आलस आ जाता है और वह सो जाते हैं लेकिन आप जानते हैं यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसा करने से आपका मोटापा बढ़ेगा। साथ ही पाचन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। ये बातें बच्चों को बातों की तरह ही बताएं और अपने जीवन में भी उतारें ताकि आपको ऐसा करता देख बच्चा इन बातों पर यकीन कर सके।

- खाना खाने के तुरंत बाद फल खाना सही नहीं होता है। आयुर्वेद के अनुसार माना जाता है कि दोनों के सेवन करने से हमें पेट संबंधी समस्या हो सकती हैं। इसलिए हमें खाने के बाद फल नहीं खाना चाहिए। फल खिलाते समय बच्चे को यह बात जरूर बताएं।

- आप यह बात जानते हैं स्वस्थ्य शरीर के लिए सही समय में नहाना और खाना बहुत ही जरूरी होता है। कई ऐसे लोग भी होते हैं जो खाना खाने के बाद ही नहाना पसंद करते हैं लेकिन इससे उनकी सेहत में बुरा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि खाना खाने के बाद नहाने से हमारे पेट के चारों ओर खून का प्रवाह तेज हो जाता है जिससे हमारी पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है जिससे कई समस्याएं होती हैं।

- कुछ लोग चाय के बहुत ज्यादा शौकीन होते हैं। उन्हें इस चीज की लत सी लग जाती है। इसी कारण वह खाना खाने के बाद तुरंत चाय पी लेते है। लेकिन आप जानते हैं कि इससे आपको पाचन संबंधी कई समस्या हो सकती हैं। इतना ही नहीं आपको असिडिटी की भी समस्या हो सकती है। चाय की जिद करने पर बच्चे को ऐसे समझाएं। क्योंकि बड़ों को चाय पीता देखकर बच्चे भी चाय पीने की जिद करते हैं।

- कहा जाता है कि खाना खाने के बाद थोड़ा चलने से हमारा खाना ठीक ढंग से पच जाता है। आयुर्वेद के अनुसार माना जाता है कि खाने के बाद तुरंत नहीं चलना चाहिए। थोड़ा रुककर वॉक करनी चाहिए, क्योंकि तुरंत चलने से हमारे पूरे शरीर को पोषण नहीं मिल पाता है और हमारी पाचन क्रिया भी कमजोर हो जाती है।

 

सलमान खान ने बॉडी बनाने के शौकीन लोगों के लिए कह दी बड़ी बात जानिए क्या बोले ....

सलमान खान ने बॉडी बनाने के शौकीन लोगों के लिए कह दी बड़ी बात जानिए क्या बोले ....

बॉलिवुड ऐक्टर सलमान खान जिनकी बॉडी के कई फैंस हैं, उन्होंने लोगों को स्टेरॉयड से दूर रहने की सलाह दी है। सलमान खान काफी फिटनेस फ्रीक हैं और कई लोगों की इंस्पिरेशन हैं, उन्होंने कहा, स्टेरॉयड्स लेना बिल्कुल गलत है। इन्हें किसी को नहीं लेना चाहिए।

इनफैक्ट कई लोग इसका मिसयूज करते हैं। यह उनकी बॉडी के लिए बेहद खराब हैं। इससे लिवर, किडनी प्रभावित होते हैं, कई लोगों का हार्ट भी फेल हो चुका है। यह अच्छी चीज नहीं है।

साथ ही यह भी कहा कि सप्लिमेंट्स और प्रोटीन शेक्स फिर भी ठीक हैं लेकिन इस तरह के स्टेरॉयड्स से आपको बॉडी तो मिल जाएगी लेकिन यह नैचरल बॉडी नहीं होती। न शरीर लंबे वक्त तक रहता है, न इंसान।

सलमान खान ने ये बातें स्पेशल इवेंट के दौरान कहीं, यह उनके बीइंग स्ट्रॉन्ग फिटनेस इच्पिमेंट के प्रिव्यू का मौका था।

अगर आप भी है मोटापे से परेशान तो आज ही खाना शुरू करें यह सब्जी जानें और भी फायदे

अगर आप भी है मोटापे से परेशान तो आज ही खाना शुरू करें यह सब्जी जानें और भी फायदे

सर्दियों के मौसम में शिमला मिर्च की सब्जी खाने का मजा ही कुछ और है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. शिमला मिर्च को कई तरीके से सब्जियों में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है जिस वजह से इसके सेवन से मोटापा नहीं बढ़ता है और कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल रहता है|


जानते हैं शिमला मिर्च खाने के फायदे..

वजन होगा नियंत्रित:
कई लोग मोटापे से परेशान होते हैं और वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए शिमला मिर्च का इस्तेमाल करना काफी कारगर साबित हो सकता है. इसमें काफी कम कैलोरी होती है. ऐसे में ये बेहद आसानी से पच जाती है. इसे खाने से बॉडी का मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है|

पोषक तत्वों से भरी हुई:
शिमला मिर्च में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बॉडी के लिए बेहद जरूरी हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, फलेवानाइॅड्स, अल्कालॉइड्स, टैनिन और अल्कालॉइड्स प्रचुर मात्रा में होते हैं जो एंटी-इंफलेमेटरी, एनलजेस्टिक और एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करते हैं|

आयरन को सोखने में करती है मदद:
बॉडी में आयरन को सोखने के लिए विटामिन सी की आवश्यकता होती है.चूंकि इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. ऐसे में इसके सेवन से बॉडी अच्छी तरह आयरन का इस्तेमाल कर पाती है और आपको खून की कमी या एनीमिया भी नहीं होता है|
 
अगर आपको थायराइड है तो करे इनका सेवन होगा जल्द लाभ

अगर आपको थायराइड है तो करे इनका सेवन होगा जल्द लाभ

1) लौकी का जूस (GOURD JUICE)

रोज सुबह खाली पेट लौकी का जूस पीने से थायरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पीने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिये नही ।

2) तुलसी और एलोवेरा (TULSI AND ALOEVERA)

दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करने से भी थायरोइड की बीमारी से छुटकारा पाने का उतम उपाय है।

3)लाल प्याज़ (ONION)

प्याज़ को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले कर ले और रात को सोने से फेले थायरोइड ग्लैंड के आसपास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज्ज का रस धोये नहीं।

4)हल्दी का दूध (TURMERIC AND MILK)

थायरोइड कंट्रोल करने के लिए आप रोज़ दूध मेन हल्दी को पका कर पिये। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाए तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करने से थ्यरोइड कंट्रोल में रेहता है।

5)कालीमिर्च (BLACK PEPPER)

कालीमिर्च भी थायरोइड के लीये बहुत ही फायदेमंद है किसी भी प्रकार से कालीमिर्च का सेवन करे थायरोइड में फायदा मिलेगा।

6)अश्वगंधा (ASHWAGANDHA)

 

रात को रोज सोते समय एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन गाय के दूध के साथ सेवन करने से भी थायरोइड में फायदा मिलता है।

7)हरा धनिया (CORIANDER LEAVES)

थायरोइड में हरा धनिया की चटनी भी बहुत फायदेमंद है। इस चटनी को एक ग्लास पनि में १ चम्मच घोल कर पिये।  इस उपाय को जबभी करे ताज़ी चटनी पीस कर ही करे।

8) बादाम और अखरोट (BADAM AND WALNUT)

बादाम और अखरोट मेन सेलिनिउम तत्व मोजूद होता है जो थायरोइड के इलाज के लिए बहुत ह फायदेमंद है। इसके रोह सेवन से गले के सूजन में काफी आराम मिलता है।

9) अदरक (GINGER)

अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।

10) दही और दूध का सेवन (MILK AND CURD)

थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।

11) मुलेठी का सेवन (MULETHI KA SEWAN)

थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।

12) गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल(USE OF WHEAT AND JOWAR)

थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का सेवन कर सकते हो। गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

13) साबुत अनाज (WHOLE GRAINS)

जौ, पास्ता और ब्रेड़ आदि साबुत अनाज का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता  है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

14) फलों और सब्जियों का सेवन (CONSUMPTION OF FRUITS AND VEGETABLES)

थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों  और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए। फल और सब्जियों में एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।

15) गले को दें ठंडी गर्म सेंक (GIVE A COLD HOT DRINK TO THE THROAT)

थायरइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फायदा मिलता है। इसके लिए आप गर्म पानी को एक बोतल में भर लें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें। ठंडे पानी में एक तौलिया भी भिगों लें।और इसे इस तरह से गर्दन की सिकाई करें। तीन मिनट गर्म पानी से सिकाई और फिर एक मिनट तक ठंण्डे पानी से सिकाई। एैसा आप तीन बार करें। और चौथी बारी में तीन मिनट ठण्डी और तीन मिनट गर्म पानी की सेंक करें।इस उपाय को आप दिन में कम से कम दो बारी जरूर करें।

 

अगर आप भी सेहत तंदरुस्त रखने के लिए पहली बार रनिंग करने जा रहे हैं तो जान लें ये टिप्स, होगा दोगुना फायदा

अगर आप भी सेहत तंदरुस्त रखने के लिए पहली बार रनिंग करने जा रहे हैं तो जान लें ये टिप्स, होगा दोगुना फायदा

दौडऩा एक काफी अच्छी एक्सरसाइज है. इससे पूरी बॉडी टोंड रहती है क्योंकि इस दौरान शरीर की हर मांसपेशी पर प्रभाव पड़ता है. दौडऩे से अच्छी कसरत कुछ भी नहीं. इसमें ज्यादा झंझट भी नहीं है, कम पैसे और कम टाइम में यह सबसे बेहतरीन कसरत है. रोजाना करीब 30-40 मिनट दौडऩे से बीमारियों का रिस्क काफी हद तक कम हो जाता है. इससे आपकी फिटनेस भी बनी रहती है. लेकिन अगर आप पहली बार दौडऩा शुरू करने जा रहे हैं तो जान लें ये जरूरी बात....

रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप पहली बार दौडऩा शुरू कर रहे हैं तो शुरुआत में यानी कि पहले सप्ताह में करीब 4 मिनट तक ब्रिस्क वॉक (तेज क़दमों से टहलें) करें. इसके बाद 1 से 2 मिनट तक आराम से टहलें. इसके बाद फिर से यह प्रक्रिया दोहराएं.

2.रनिंग शुरू करने के दूसरे सप्ताह में आप शुरुआती 1 मिनट तक धीमी गति से दौड़ें इसके बाद कम से कम 3 मिनट तक तेजी से ब्रिस्क वॉक करें. इस प्रक्रिया को कम से कम 20 मिनाट तक 5 बार करें.

3.रनिंग के तीसरे सप्ताह में आप शुरूआती 1 मिनट तक दौड़ें और कम से कम 2 मिनट तक ब्रिस्क वॉक करें. कुल 21 मिनट की अवधि में इस प्रक्रिया को 7 बार रिपीट करें.

4.रनिंग के चौथे सप्ताह में आप 1 मिनट ब्रिस्क वाक करें और इसके बाद 1 मिनट तक रनिंग. इसे कम से कम 10 बार रिपीट करें.

5.पांचवे सप्ताह में शुरूआती 2 मिनट तक रनिंग करें और फिर एक मिनट तक ब्रिस्क वॉक करें. कुल 21 मिनट तक इस प्रक्रिया को 7 बार करने की कोशिश करें.

6.छठे सप्ताह में आप शुरुआत के 3 मिनट तक रनिंग करें और इसे बाद 1 मिनट तक ब्रिस्क वॉक. इसे कम से कम 5 बार तक करें.

7. सातवें सप्ताह में आप शुरुआत के 4 मिनट तक रनिंग करें. इसके बाद 1 मिनट तक ब्रिस्क वॉक. इसे कम से कम 4 बार करें.

सर्दियों में रहना है सेहतमंद तो जरूर करें इन 8 चीजों का सेवन, कभी नहीं होंगे बीमार

सर्दियों में रहना है सेहतमंद तो जरूर करें इन 8 चीजों का सेवन, कभी नहीं होंगे बीमार

रायपुर. हमारा खानपान मौसम के मुताबिक होना चाहिए। मौसम के अनुसार खानपान से हम सेहतमंद भी रहते हैं और कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं। हर मौसम में हमारे शरीर को भी कम या अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है और इसी जरूरत के अनुसार हमारा खानपान होना चाहिए। अब मौसम बदल रहा है और सर्दियां आ रही हैं। ऐसे में हमारा खानपान भी सर्दी के मुताबिक होना चाहिए। सर्दी खाने के हिसाब से अच्छा मौसम माना जाता है। जानिए इस मौसम में किस तरह का खानपान हो।

हरी सब्जियां
हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जस्वित बनाए रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण होते हैं। सर्दी में हरी सब्जी को अपने खानपान में शामिल करें। पालक की सब्जी, बीटरूट, बथुआ, ब्रोकली, पत्तागोभी, गाजर जरूर खाएं।

फल
हमें मौसमी फलों को हमेशा अपने खानपान में प्राथमिकता देनी चाहिए। हमें सर्दी में आने वाले फल जैसे संतरा, सेब, अनार, आंवला आदि खाना चाहिए। ये फल शरीर को पोषण, ऊर्जा और गर्माहट देते हैं। फलों का जूस बना कर पीने से अच्छा है, सीधे स्वच्छ फल खाएं।

गुड़ और तिल
सर्दी में गुड़ और तिल को अपने खानपान में प्राथमिकता देनी चाहिए। सर्दियों में तिल खाने से ऊर्जा मिलती है। तिल के तेल से मालिश करने से त्वचा मुलायम रहती है और ठंड से बचाव होता है। तिल और गुड़ साथ खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। इम्यूनिटी बढ़ती है और खांसी कफ से राहत मिलती है।

हल्दी
यूं तो हर मौसम में हल्दी की अहमियत है लेकिन सर्दियों में इसके अधिक लाभ हैं। सर्दियों में हल्दी मिला गरम दूध रोजाना रात को पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। इसमें एंटीबायोटिक गुणों के साथ एंटीएलर्जिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी हैं। रोग प्रतिरोधक शक्ति बढऩे के लिए यह श्रेष्ठ आयुर्वेदिक औषधि है।

लहसुन
लहसुन भी सेहत के लिए फायदेमंद है। लहसुन का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि और किचन में किया जाता है। सर्दी में लहसुन अधिक फायदा पहुंचाता है। सर्दी के मौसम में लहसुन का नियमित सेवन सर्दी, जुकाम और खांसी से छुटकारा दिलाता है। इस मौसम में लहसुन को प्राथमिकता दें।

गाजर
सर्दी की प्रमुख फल- सब्जियों में शामिल है गाजर। गाजर में विटामिन प्रचुर मात्रा में होने से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढा़ती है और इससे आंखें भी स्वस्थ रहती हैं। सर्दी के मौसम में गाजर खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है। सर्दी में गाजर खाने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

बाजरा और मेथी
सर्दियों में बाजरा और मेथी भी खाई जानी चाहिए। इस मौसम में बाजरा अधिक खाया जाता है। बाजरे में मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन और एंटी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। मेथी में विटामिन के, आयरन और फोलिक एसिड होता है। शरीर को गरम रखने के साथ ही यह खून की मात्रा बढ़ाती है।

बादाम
सर्दी में हमें अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, इसलिए इस मौसम में सूखे मेवे हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। बादाम खाएं। बादाम में प्रोटीन, फाइबर मिनरल होते हैं, जो सर्दी में मौसमी बीमारियों से बचाव करते हैं। सर्दी के मौसम में बादाम रोजाना खाने से दिमाग तो तेज होता ही है, साथ ही कब्ज में भी राहत मिलती है।

 

 

 

एम्स में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली 'लाइफ सपोर्ट सिस्टम' पर, मिलने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

एम्स में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली 'लाइफ सपोर्ट सिस्टम' पर, मिलने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

 नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की सेहत में बीते कुछ दिनों से कोई खास सुधार नहीं हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनकी सेहत अभी भी नाजुक बनी हुई है. मिली जानकारी के अनुसार उन्हें एम्स में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. अरुण जेटली की नाजुक हालत को देखते हुए उनसे मिलने आने वाले नेताओं का सिलसिला जारी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एम्स पहुंचे. उनसे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रामविलास पासवान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे.  

खास बातें
बीते कुछ दिनों से एम्स में भर्ती हैं अरुण जेटली
डॉक्टरों की विशेष टीम कर रही है इलाज
सांस लेने में दिक्कत की वजह से हुए थे भर्ती

अरुण जेटली के अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही उनसे मिलने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. शनिवार को भी देश की कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां अरुण जेटली का हालचाल लेने पहुंची थी. शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई नेता अस्पताल पहुंचे. दोनों नेताओं ने अरुण जेटली की सेहत को लेकर डॉक्टरों से बात भी की. बता दें कि अरुण जेटली (66) को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है और विभिन्न विभागों के डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति की निगरानी कर रही है. उन्हें नौ अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एम्स ने जेटली की स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में 10 अगस्त से कोई बुलेटिन नहीं जारी किया है. 

अरुण जेटली की सेहत ‘हीमोडायनेमिकली स्टेबल\\\\\\\', उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू देखने पहुंचे

सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन, भाजपा के सतीश उपाध्याय और कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी और ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ भी जेटली का हाल जानने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे. बसपा प्रमुख और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए अस्पताल पहुंचीं थी. अरुण जेटली से मुलाकात के बाद मायावती ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि पूर्व केन्द्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के स्वास्थ्य का हालचाल लेने आज नई दिल्ली के एम्स अस्पताल गई थी.

सांस लेने में तकलीफ के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया

उनके परिवार के लोगों से मिलकर उन्हें दिलासा दिलाने के साथ-साथ भगवान से प्रार्थना भी है कि वह जेटली जी को शीघ्र स्वास्थ्य बनाएं. सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की समस्या के बाद जेटली को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस साल मई में उपचार के लिए वह एम्स में भर्ती हुए थे. पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे. उनके पास वित्त और रक्षा का प्रभार था और सरकार के लिए वह संकटमोचक की भूमिका में रहे. खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा.

अनुच्छेद 35A समानता के अधिकार का मौलिक उल्लंघन है: अरुण जेटली

पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था. उस समय रेल मंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी थी. पिछले साल अप्रैल की शुरुआत से ही वह कार्यालय नहीं आ रहे थे और वापस 23 अगस्त 2018 को वित्त मंत्रालय आए. लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी करायी थी. हर्षवर्द्धन ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘एम्स में डॉक्टर अपना हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं.\\\\\\\'\\\\\\\' राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जेटली के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए शुक्रवार को एम्स पहुंचे थे.

बेरोजगार लोगों से अधिक नौकरी वाले रहते हैं परेशान, विश्वास न हो तो पढ़ लीजिए ये रिपोर्ट

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 कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया में पांच में चार कामकाजी लोग असुरक्षित कामकाजी प्रथा के माहौल में हैं और वे इसके कारण घायल हो रहे हैं, बीमार हो रहे हैं या फिर काम पर दर्दनाक स्थितियों के कारण दोनों से पीड़ित हो जा रहे हैं. एक सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया कि \'वर्क शुडन्ड हर्ट\' नाम के इस सर्वेक्षण को ऑस्ट्रेलियन काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एसीटीयू) ने सोमवार को जारी किया, जिसमें 26,000 कामगारों का सर्वेक्षण किया गया. इस सर्वेक्षण से खुलासा होता है कि करीब 80 फीसदी कामकाजी लोग अपने काम के कारण घायल, बीमार या दोनों हैं,

जबकि 16 फीसदी किसी ऐसे आदमी को जानते थे, जिसकी काम के दौरान मौत हो गई, या फिर काम से जुड़ी बीमारियों के कारण मौत हो गई. इसमें यह भी पाया गया कि 47 फीसदी प्रतिभागियों ने बताया कि पिछले 12 महीनों में उन्हें काम के दौरान संकटपूर्ण या दर्दनाक स्थितियों का सामना करना पड़ा और 31 फीसदी ने कहा कि उन्हें सहकर्मियों, क्लाइंट्स या ग्राहकों द्वारा गाली दी गई, धमकी दी गई या मारपीट की गई.

पांच में से तीन कामगारों ने कहा कि पिछले 12 महीनों से वे खराब मानसिक स्वास्थ्य का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनका नियोक्ता असुरक्षित कामकाजी स्थितियों को सुधारने में असफल है. एसीटीयू के सहायक सचिव लियाम ओब्रायन ने फेयरफैक्स मीडिया को सोमवार को बताया कि चोट लगने या मानसिक स्वास्थ्य खराब होने की घटनाओं से \'पूरी तरह से बचा जा सकता\' था.

उन्होंने कहा, "काम पर किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए - चाहे वह मानसिक रूप से हो या शारीरिक रूप से हो." उन्होंने आगे कहा, "वर्क शुडन्ट हर्ट सर्वेक्षण से पता चलता है कि बहुत सारे कामकाजी लोग काम पर हिंसा, प्रताड़ना और खराब कामकाजी स्थितियों का सामना कर रहे हैं जबकि इसमें से ज्यादातर को रोका जा सकता है."

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का लक्षण हो सकता है पेट दर्द, कभी न करें इग्नोर

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का लक्षण हो सकता है पेट दर्द, कभी न करें इग्नोर

 गर आपको बार-बार पेटदर्द की शिकायत हो रही है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें, क्योंकि गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर में भी सामान्य तौर पर पेट दर्द की ही शिकायत होती है. 

नई दिल्लीः सामान्य तौर पर जब भी किसी को पेट दर्द की शिकायत होती है तो वह मेडिकल स्टोर में जाकर पेट दर्द की दवाई ले लेता है या फिर घरेलू नुस्खों से ही पेटदर्द से छुटकारा पाने में लग जाता है, लेकिन इसी पेटदर्द की अनदेखी कई बार आपको गंभीर बीमारियों का लक्षण हो सकता है. ऐसे में कोशिश करें कि कभी भी पेटदर्द और अपच को आप इग्नोर न करें. अगर आपको बार-बार पेटदर्द की शिकायत हो रही है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें, क्योंकि गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर में भी सामान्य तौर पर पेट दर्द की ही शिकायत होती है. बता दें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (पेट की आंतों या पेट के कैंसर) भारत में चौथा सबसे ज्यादा संख्या में लोगों को होने वाला कैंसर बन गया है. पिछले साल जीआई कैंसर के 57,394 मामले सामने आए.

 

क्या है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर
दरअसल, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर पेट की आंतों का या फिर कहें, पेट का कैंसर होता है. जो धीरे-धीर बढ़ता जाता है और शरीर के आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरु कर देता है. यह कैंसर शरीर के अंदर आंतों, गुर्दे, पित्ताशय, पैनक्रियाज और पाचन ग्रंथि को चपेट में लेने लगता है और इन्हें निष्क्रिय बना देता है. इसलिए कभी भी पेट दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए और जरूरत पड़े तो बार-बार पेट दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए.