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चुकंदर में छिपा है सेहत का खज़ाना, डाइजेशन से लेकर गट हेल्थ तक बनाता है बेहतर

चुकंदर में छिपा है सेहत का खज़ाना, डाइजेशन से लेकर गट हेल्थ तक बनाता है बेहतर

सर्दियों का सीजन शुरू होते ही हमारे खानपान में बदलाव आने लग जाता है. हम हरी सब्जियां का सेवन ज्यादा शुरू कर देते हैं. यह सब्जियां हमें बीमारियों से बचा के रखती है. इन्हीं में से एक सब्जी है बीटरुट यानि चुकंदर. लाल रंग के कंद वाली ये सब्जी पोषक तत्वों का भंडार है. इसमें मैग्नीशियम, फोलेट, पोटैशियम, विटामिन बी6, कार्ब, आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद हैं जो हमारे शरीर के अंगो के संचालन के लिए जरूरी होते हैं. इस सब्जी की खास बात यह है कि आप इसे पका भी सकते हैं, इसका जूस भी बना सकते हैं और सलाद के रूप में इसे कच्चा भी खा सकते हैं. चलिए खबर के जरिए इसके फायदों के बारे में जानते हैं.

चुकंदर खाने से शरीर को होने वाले फायदे

1.बेहतर डाइजेशन में इफेक्टिव
बीटरुट में अच्छी खासी मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है. साथ ही ये हमारी पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाए रखने में मदद करता है. तो अगर आप चुकंदर को सर्दी के मौसम में अपनी डाइट में शामिल करेंगे तो आपका डाइजेशन हमेशा अच्छा बना रहेगा.

2. शरीर में सूजन को करता है कम
इस सब्जी में एंटीऑक्सीकडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर के अंगो में होने वाली सूजन को घटाते हैं. चुकंदर का यही गुण शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है और कैंसर के खतरे को भी कम करता है.

3. नेचुरल डिटॉक्स
चुकंदर खाने से बॉडी का डिटॉक्स अपने आप हो जाता है. इसमें पावरफुल एंजाइम्स मौजूद रहते हैं जो बॉडी को अपने आप डिटॉक्स कर देते हैं. नेचुरल डोटॉक्स होने के कारण ही चुकंदर खाने से आपका वजन कम होता है.

4. गट हेल्थ के लिए होता है अच्छा
इस सब्जी में प्री बायोटिक और फाइबर पाया जाता है जो गुड बैक्टीरिया को हेल्दी रखते हैं. इन्हें हेल्दी रखने से शरीर में पेट की समस्याओं से राहत मिलती है.

 

बाजारों में जमकर चल रहा नकली अंडे का कारोबार, ऐसे कर रहा आपकी सेहत पर बुरा असर, जाने कैसे करें असली और नकली अंडे की पहचान…

बाजारों में जमकर चल रहा नकली अंडे का कारोबार, ऐसे कर रहा आपकी सेहत पर बुरा असर, जाने कैसे करें असली और नकली अंडे की पहचान…

 Fake Egg Business :  आज के समय में भले कोई चिकन मछली या मटन नाका लेकिन हर वर्ग के लोग अंडे काफी शौक से खाते हैं लेकिन क्या आपको पता है अब नकली अंडे का भी कारोबार बाजारों में तूल पकड़ चुका है अंडे की बढ़ती डिमांड ने इसे बढ़ावा दिया है लेकिन इसकी पहचान कैसे किया जाए यह काफी मुश्किल भरा सवाल है

 

सर्दी आते ही देश में अंडे (Egg) की डिमांड बढ़ने लगती है क्‍योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और ओमेगा-3 की अच्‍छी खासी मात्रा होती है. डिमांड बढ़ते ही व्‍यापारी इस बात का फायदा उठाते हैं. कुछ कारोबारी नकली अंडे को मार्केट में बेचते हैं और आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं. जिससे आपकी सेहत को कुछ फायदा नहीं होता है और आप इससे बीमार भी हो सकते हैं. भारत में सबसे ज्‍यादा अंडे का प्रोडक्‍शन आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में होता है वहीं खपत की बात करें तो सबसे आगे तेलंगाना है. एक रिपोर्ट के अनुसार हैदराबाद में ही रोज 75 लाख अंडों की डिमांड होती है. अंडे का कारोबार एक लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का हो गया है.

ऐसे करें असली और नकली अंडे की पहचान?

 

नकली अंडे बनाने के लिए उसके छिलके पर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए अगर आप नकली अंडे को आग के पास रखेंगे तो अंडे से जलने की महक आएगी और वह आग भी पकड़ सकता है.

इन बातों रखें ध्यान

अगर आपके पास असली अंडा है तो उसे हाथ में लेकर हिलाए, उसमें से किसी भी तरह की आवाज नहीं आएगी, लेकिन नकली अंडे को हाथ में लेकर हिलाने पर उसमें से कुछ आवाज आएगी. इसलिए अंडा खरीदने से पहले इस तरह पहचान करें, क्योंकि इस तरह नकली अंडे खाने से आपकी सेहत खराब हो सकती है.

Drinking Water: क्या आप भी खड़े-खड़े पीते हैं पानी? तो जान लें इससे होने वाले 4 नुकसान

Drinking Water: क्या आप भी खड़े-खड़े पीते हैं पानी? तो जान लें इससे होने वाले 4 नुकसान

 Drinking Water Tips: पानी हमारे जीवन के लिए कितना ज़रूरी है, यह हम सब जानते हैं। यह शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसर, दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी पीना बेहद ज़रूरी है। हालांकि, सिर्फ इतना ही काफी नहीं है, आपको यह भी पता होना चाहिए कि पानी पीने का सही तरीके क्या है। जी हां, पानी पीने का एक सही तरीका भी है और यह उतनी ही अहमियत रखता है जितना की पानी पीना।

जब बात आती है पानी पीने की आदत की, तो आमतौर पर लोग जल्दी में खड़े होकर ही पानी पी लेते हैं। सही कहा ना? हालांकि, यह कोई नहीं सोचता कि इस तरह पानी पीना कितना हानिकारक हो सकता है। तो आइए जानें कि खड़े होकर पानी पीने से किस तरह के नुकसान हो सकते हैं?

खड़े-खड़े पानी पीने के साइड इफेक्ट्स:

1. फेफड़ों को होता है नुकसान

जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो ज़रूरी पोषक तत्व और विटामिन लिवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुंचते और साथ ही यह सिस्टम से बहुत तेज़ी से गुज़र जाता है, जिससे आपके फेफड़ों और हृदय के काम को नुकसान पहुंचता है क्योंकि इससे ऑक्सीजन का स्तर गड़बड़ हो जाता है.

2. बदहज़मी

खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुंचता है। क्योंकि जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो यह बड़ी तेज़ गति के साथ भोजन नली से होकर सीधे पेट के निचले हिस्से पर जा गिरता है, जो हानिकारक है। खड़े होकर तेज़ी से पानी पीने से नसें तनावग्रस्त हो जाती हैं, जिससे तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ जाता है, और टॉक्सिन्स व बदहज़मी बढ़ती है।

3. किडनी से जुड़ी दिक्कतें

ऐसा पाया गया है कि हमारी किडनी उस वक्त बेहतर तरीके से फिल्टर करती हैं, जब हम बैठे होते हैं। ऐसे में जब खड़े होकर पानी पिया जाता है, तो तरल पदार्थ बिना फिल्टर हुए सीधे पेट के निचले हिस्से में चला जाता है। इससे पानी में मैजूद अशुद्धियां मूत्राशय में जम जाती हैं, और गुर्दे की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे युरीनरी ट्रेक्ट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं.

4. गठिया का ख़तरा बढ़ता है

जब आप खड़े होकर गटागट पानी पी जाते हैं, तो इससे नसें तनाव की स्थिति में आ जाती हैं,तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ता है और शरीर में टॉक्सिन्स और बदहज़मी बढ़ती है, यहां तक कि यह जोड़ों में तरल पदार्थ भी जमा करता है, जिससे गठिया हो जाता है और हड्डियों को नुकसान पहुंचता है।

तो फिर पानी पीने का सही तरीका क्या है?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, पानी पीने का सही तरीका है बेठकर पीना। इसके लिए कुर्सी पर बैठें, पीठ को सीधा रखें और फिर पानी पिएं। इससे पोषक तत्व दिमाग़ तक पहुंचते हैं और मस्तिष्क गतिविधि में सुधार आता है। सिर्फ इतना ही नही, इससे पाचन में भी सुधार आता है और पेट में सूजन या पेट फूलने की दिक्कत नहीं होती।

Foods For Bloating: पेट फूलने की समस्या में खाएं ये 5 फूड्स, मिलेगा तुरंत आराम

Foods For Bloating: पेट फूलने की समस्या में खाएं ये 5 फूड्स, मिलेगा तुरंत आराम

 Foods That Help With Bloating: आज के समय की लाफस्टाइल औक खराब खान-पान के चलते ब्लोटिंग यानि पेट फूलने की समस्या बहुत आम हो गई है। ब्लोटिंग होने पर आपका पेट भारी-भारी और भरा महसूस होता है जिससे आपको कुछ भी खाने की इच्छा नहीं करती है। जिसका आपकी मेंटल हेल्थ पर भी काफी गहरा प्रभाव पड़ता है।

ब्लोटिंग की समस्या में आपकी छोटी आंत में गैस हो जाती है जिसके कारण आपका पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है जोकि पेट फूलना, पेट में ऐंठन और पेट में दर्द जैसी समस्याएं पैदा करता है। ऐसे में आज हम आपको ब्लोटिंग की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुछ फूड्स बताने जा रहे हैं जिनके सेवन से आप तुरंत ही राहत प्राप्त कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं-

अदरक

अदरक एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसके अलावा अदरक में जिंजीबैन नामक एंजाइम मौजूद होता है जोकि ब्लोटिंग की समस्या को दूर करने में मददगार होता है। इसके सेवन से आपको खाना पचाने में मदद मिलती है।

सौंफ

सौंफ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जोकि आपके पेट को लंबे वक्त तक हेल्दी बनाए रखने में मददगार साबित होता है। सौंफ का सेवन करने से आपका खाना ठीक से पचता है जिससे आपको गैस की समस्या नहीं होती है। इसलिए सौंफ खाने से ब्लोटिंग नहीं होती है।

दही

दही एक प्रोबायोटिक्स है, जोकि आंत के बैक्टीरिया को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। ऐसे में आप दही में नमक या हल्का मीठा डालकर खा सकते है। इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर बना रहता है और आपको ब्लोटिंग की समस्या नहीं होती है।

केला

केला पोटैशियम और फाइबर जैसे गुणों से भरपूर होता है। इसलिए केले के नियमित सेवन से अपच और गैस की समस्या दूर होती हैं। जिससे आपको ब्लोटिंग की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।

नींबू

नींबू विटामिन सी, सोडियम और पोटैशियम जैसे हेल्दी गुणों से भरपूर होता है इसलिए ये आपके पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद करता है। अगर आप रोजाना नींबू को आहार में शामिल करते हैं तो इससे आपको अपच, गैस और ब्लोटिंग की समस्या से छुटकारा मिलता है।

How To Use Raw Milk For Hair: कच्‍चे दूध से दूर करें बालों का रूखापन, जाने लें इस्‍तेमाल करने का तरीका

How To Use Raw Milk For Hair: कच्‍चे दूध से दूर करें बालों का रूखापन, जाने लें इस्‍तेमाल करने का तरीका

 Raw Milk Hair Benefits: हर कोई सबसे सुंदर और आकर्षक दिखने की ख्वाहिश करता है। लेकिन सर्दियों का मौसम आते ही आपके बालों में रूखेपन की समस्या होने लग जाती है। इससे बचने के लिए आप तरह-तरह के महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स, ट्रीटमेंट्स या पार्लर का सहारा लेते हैं।

लेकिन ये सारे प्रोसेस महंगे होने के साथ-साथ केमिकलयुक्त भी होते हैं जिनसे आपकी त्वचा को लाभ कम हानि ज्यादा हो सकती है। ऐसे में आज हम आपके लिए बालों में कच्चे दूध लगाने के तरीके और फायदे लेकर आए हैं। कच्चा दूध व‍िटाम‍िन डी, व‍िटाम‍िन के, मैग्नीशियम, कैल्‍श‍ियम, फॉस्‍फोरस और प्रोटीन जैसे गुणों से भरपूर होता है।

इससे आपके बालों को जरूर पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं जिससे आपके बाल कोमल, चमकदार और मजबूत बनते हैं। कच्चे दूध की मदद से आपके बालों से रूखेपन की समस्या को दूर करके बालों को हेल्दी बनाया जा सकता है, तो चलिए जानते हैं बालों को कच्चा दूध लगाने के तरीके-

कच्‍चा दूध और शहद

इसके विए आप कच्‍चे दूध में शहद डालकर एक गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। फिर आप इस पेस्ट को अपने बालों में अच्‍छी तरह से लगा लें। फिर आप करीब आधे घंटे बाद साधारण साफ पानी से बाल धो लें। इससे आपके बालों की ग्रोथ को बढ़ाने और रूखेपन को दूर करने में मदद मिलती है।

कच्‍चा दूध कंडीशनर के साथ म‍िलाएं

बालो को सोफ्ट बनाने के ल‍िए आप अपने कंडीशनर में कच्‍चा दूध म‍िलाकर बालों में अच्छी तरह से मिलाकर करीब 3 म‍िनट तक लगाकर छोड़ दें। फ‍िर आप बालों को साधारण पानी से धोकर साफ कर लें। कंडीशनर में कच्‍चा दूध म‍िलाकर लगाने से आपके बाल हेल्‍दी और मुलायम बनते हैं।

कच्‍चा दूध एलोवेरा

बालों का ड्रायनेस को दूर करने के ल‍िए आप अपने बालों में एलोवेरा और कच्‍चे दूध का म‍िक्चर लगाएं। इससे आपके बालों में नमी आ जाती है जिससे आपके बालों को रूखापन दूर हो जाता है। एलोवेरा विटामिन ए और ई की अच्छी मात्रा से भरपूर होता है। इसके लिए आप 3 बड़े चम्‍मच कच्‍चा दूध में एलोवेरा म‍िलाकर बालों में लगाएं। इससे बालों में डैंड्रफ और ड्राईनेस की समस्या दूर होती है।

Winter Health Care Tips: सर्दियों में इन 5 तरह से डाइट में शामिल करें अदरक, इम्यूनिटी होगी मजबूत

Winter Health Care Tips: सर्दियों में इन 5 तरह से डाइट में शामिल करें अदरक, इम्यूनिटी होगी मजबूत

 How to Use Ginger in Winter Season: अदरक एक मसाला है जिसको खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। अदरक की तासीर गर्म होती है इसलिए सर्दियों में इसके सेवन से आपका शरीर आंतरिक तौर पर गर्म रहता है जिससे आप खांसी, जुखाम या बुखार जैसी कई मौसमी बीमारियों से बचे रहते हैं।

इसके अलावा अदरक में कई एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स, मिनरल्स, विटामिन बी3, विटामिन बी6 और पोटेशियम की भी अच्छी मात्रा मौजूद होती है जिससे आपकी सेहत को बेहतरीन फायदे प्राप्त होते हैं।

ऐसे में आज हम आपके लिए सर्दियों में अदरक को अपनी डाइट में शामिल करने के तरीके लेकर आए हैं। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है, तो चलिए जानते हैं सर्दियों में अदरक खाने के तरीके-

सर्दियों में अदरक को अपनी डाइट में शामिल करने के तरीके- How to Use Ginger in Winter Season in Hindi

अदरक का काढ़ा

अदरक का काढ़ा बनाने के लिए आप एक गिलास पानी में अदरक, काली मिर्च, लौंग और बड़ी इलायची डालें। फिर आप इस पानी को आधा होने तक अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद आप फिर इस पानी को छानकर पी लें। इससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है और आप सर्दी में होने वाला जुकाम, खांसी जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं।

अदरक का अचार

अगर आप अचार खाने के शौकीन हैं तो आप रोटी या चावल के साथ अदरक का अचार खा सकते हैं। अदरक के अचार को आप घर पर बना सकते हैं या फिर बाजार से भी खरीद भी ला सकते हैं।

अदरक की चाय

ज्यादातर लोग दूध वाली अदरक की चाय खूब पसंद करते हैं। लेकिन ये आपकी सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। ऐसे में आप एक गिलास पानी में अदरक डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। फिर आप इस पानी को एक गिलास में छान लें। इसके बाद आप इसमें नींबू का रस और शहद मिला लें। इस चाय को दिन में दो से तीन बार पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है।

अदरक का सूप

अदरक का सूप बनाने के लिए आप इसमें ब्रोकली, मशरूम या मिक्स वेज आदि के सूप में अदरक डालकर बना सकते हैं। इससे आपका सूप कई गुना पोषक तत्वों से भर जाता है। ऐसे में सर्दियों में शरीर को गर्माहट और एनर्जी प्रदान करने के लिए अदरक का सूप जरूर पीएं।

अदरक की चटनी

कई लोग खाने के साथ चटनी खाने के शौकीन होते हैं। ऐसे में अदरक की चटनी बेहद स्वादिष्ट और पोषक तत्वों भंडार होती है। इसको आप रोटी या परांठे के साथ चटकारा लेकर खा सकते हैं। अदरक की चटनी के सेवन से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है।

आइब्रो में हो गए हैं दाने तो अपनाए ये घरेलू नुस्खे

आइब्रो में हो गए हैं दाने तो अपनाए ये घरेलू नुस्खे

भौहों में बालों के बीच होने वाले दानों से कई लोग परेशान रहते हैं। जी हाँ, दुनिया में कई लोग हैं जो भौहों में बालों के बीच होने वाले दानों को लेकर परेशान रहते हैं और कुछ कर नहीं पाते। कई बार ये दाने दर्द करते हैं और इनसे निजात पाना आसान नहीं होता। हालाँकि अगर आप भी अक्सर इस समस्या को झेलते हैं, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप इन घरेलू नुस्खों को आजमा सकते हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
हल्दी का लेप: अगर आप चाहे तो, आइब्रो में होने वाले दानों से राहत के लिए हल्दी का लेप लगा सकते हैं। जी दरअसलहल्दी के एंटीसेप्टिक गुण दानों को कुछ ही समय में कम कर देंगे और इनसे होने वाले दर्द से भी आपको राहत मिल सकती है।

बर्फ की सिकाई: अगर आपको आंखों के आसपास और आइब्रो में पिंपल या दाने के होने पर इसका तुरंत इलाज करना है तो ऐसी स्थिति में आपको आइब्रो पर बर्फ की सिकाई करनी है। इसके लिए एक कॉटन के कपड़े में बर्फ लें और इसे दाने पर कुछ मिनटों के लिए लगाए रखें।

खीरे का रस: आप खीरे के रस से आइब्रो में हुए दानों का इलाज कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें गुलाब जल मिलाकर आइब्रो पर लगाएं। इससे दाने तो कम होंगे ही, साथ ही ठंडक भी मिलेगा।

दालचीनी पाउडर: मसाले के रूप में किचन में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी को दानों के इलाज में भी बेस्ट माना जाता है। आप दालचीनी पाउडर में शहद मिलाकर इसे भौह में दाने पर लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें और कुछ समय में आप फर्क पाएंगे।

 

सिर के मुंहासों से राहत दिलाने में मदद करेंगे ये पांच घरेलू नुस्खे

सिर के मुंहासों से राहत दिलाने में मदद करेंगे ये पांच घरेलू नुस्खे

बालों को अच्छी तरह से न धोना, हेयर स्टाइल प्रोडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल करना, सिर में पसीना आने के बाद उसे न साफ करना आदि की वजह स्कैल्प के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं, जिस वजह से सिर में मुंहासे हो सकते हैं। यह एक कष्टदायक समस्या है क्योंकि इसके कारण दर्द और जलन जैसी समस्याएं होती हैं। आइए आज हम आपको पांच ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप सिर के मुंहासों से जल्द राहत पा सकते हैं।

टमाटर के रस का करें इस्तेमाल
टमाटर का रस सिर के मुंहासों के उपचार के लिए एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा है। सैलिसिलिक एसिड से भरपूर टमाटर आपके सिर के श्च॥ स्तर को संतुलित करके मुंहासों को धीरे-धीरे कम करने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए एक कटोरी में टमाटर का रस निकालें, फिर उससे रूई के टुकड़े को भिगोकर सिर के मुंहासों पर हल्के हाथ लगाएं। एक घंटे के बाद अपने सिर को माइल्ड शैंपू और पानी से धोकर साफ करें।

लहसुन लगाएं
लहसुन सैलिसिलिक एसिड, एंटी-ऑक्सिडेंट, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुणों से समृद्ध होता है, जो सिर के मुंहासों से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकते हैं। शायद इससे आपके सिर से लहसुन की महक आए, लेकिन यह इसे स्वस्थ और मुंहासों से मुक्त बना सकता है। राहत के लिए लहसुन की कुछ कलियों को पानी में उबाल लें, फिर इस पानी को ठंडा करके अपने स्कैल्प पर लगाएं। 30 मिनट के बाद अपने सिर को माइल्ड शैंपू से साफ करें।

सेब का सिरका आएगा काम
सेब का सिरका एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है, जो सिर में मुंहासें पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह सिर के पीएच स्तर को संतुलित करके इसे बहुत अधिक तैलीय या बहुत शुष्क होने से भी बचाता है। लाभ के लिए एक कटोरी में तीन चम्मच सेब का सिरका और पानी मिलाएं, फिर शैंपू करने के बाद इस मिश्रण को अपने सिर पर लगाएं। एक मिनट बाद फिर से अपना सिर धोएं।

एलोवेरा करेगा मदद
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर एलोवेरा भी सिर के मुंहासों से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। यह मुहांसो के कारण होने वाली सिर में जलन और खुजली से भी जल्द राहत दिलाकर स्कैल्प को हाइड्रेट रखने समेत स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए ताजा एलोवेरा जेल सीधे अपने स्कैल्प पर लगाएं और 15-30 मिनट के बाद अपने सिर को सिर्फ पानी से धो लें।

टी ट्री ऑयल से भी दूर होंगे सिर के मुंहासें
एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध टी ट्री ऑयल सिर के मुंहासों का इलाज काफी प्रभावी तरीके से कर सकता है। यह सिर के रोमछिद्रों को खोलकर मुंहासों को कम कर सकता है। लाभ के लिए टी ट्री ऑयल की दो-तीन बूंदों को जोजोबा ऑयल में मिलाएं, फिर इसे अपने स्कैल्प पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। एक घंटे बाद सिर को माइल्ड शैंपू से साफ करें।
 

दिनभर एसी में रहने वाले हो जाएं सावधान,  हो सकती है ये गंभीर परेशानिया

दिनभर एसी में रहने वाले हो जाएं सावधान, हो सकती है ये गंभीर परेशानिया

एसी में हवा खान किसे अच्छा नहीं लगता है खासकर गर्मियों के मौसम में एसी में रहने का एक अलग ही आनंद होता है। एसी आपको चिलचिलाती धूप से राहत देती है घर हो या ऑफिस, आज के समय में एक बड़ी संख्या में लोग अपना ज्यादातर समय एसी के सामने बैठकर गुजारते हैं। एसी की ठंडी हवा भले ही आपको चिलचिलाती धूप से राहत दिला सकती है, पर क्या आप जानते हैं उसका आपकी सेहत पर क्या बुरा असर पड़ता है। जी हां, एसी में ज्यादा देर रहना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे।

एसी में रहने के नुकसान-

जोड़ों में दर्द की समस्या-
लंबे समय तक कम तापमान में बैठे रहने से जोड़ों में अकड़न बढ़ जाती है।

झुर्रियां-
एसी वातावरण को ठंडा करने के साथ उस जगह का मॉइस्चर भी सोख लेता है, लंबे समय तक एसी में रहने के कारण ये त्वचा की नमी के साथ शरीर में भी पानी की कमी होने लगती है। इससे त्वचा पर झुर्रियां दिखने लगती हैं।

आंखें और त्वचा का शुष्क होना-
जो लोग दफ्तर में घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं, उन्हें आंखों में खुजली या सूखेपन की शिकायत रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑफिस में लगे एसी ठंडी हवा तो देते हैं लेकिन वातावरण से नमी खत्म कर देते हैं। नमी रहित यह हवा हमें गर्मी और उमस से तो राहत दिलाती है, लेकिन आंखों में मौजूद आवश्यक नमी को खत्म कर देती है। इसी तरह एसी की हवा में पानी कम पिया जाता है, जिससे त्वचा में रूखापन बढ़ जाता है।

ब्लडप्रेशर-
लंबे समय तक एसी की ठंडी हवा में बैठने से हमारे शरीर का तापमान कृत्रिम तरीके से काफी लो हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर की कोशिकाएं संकुचित होने लगती हैं और रक्त संचार प्रभावित होने लगता है। जो बाद में सिरदर्द, चक्कर, उल्टी आना और लो ब्लड प्रेशर का कारण बनता है।

सर्द-गर्म के नुकसान-
एसी के ठंडे तापमान से एकदम निकल कर जब हम सामान्य तापमान में जाते हैं तो शरीर इतनी जल्दी ऊपर-नीचे होते तापमान के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता। जिसकी वजह से व्यक्ति को बुखार, चिड़चिड़ापन, थकान के साथ लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।

सांस की समस्या-
एसी की सफाई अगर लंबे समय तक न की जाए तो इसमें धूल-मिट्टी इकट्ठी होकर कमरे में फैलने लगती है। जो सांस संबंधी रोगों को बढ़ाने का काम कर सकती है।


एसी में बैठते समय बरतें ये सावधानियां-
-एसी का इस्तेमाल करने से पहले उसकी सर्विस जरूर करवा लें, ताकि धूल-मिट्टी साफ हो सके। पानी की निकासी होती रहे।
-जिस कमरे में एसी चलता हो, कभी-कभी उसके खिड़की-दरवाजे खोल कर रखें, ताकि धूप व ताजी हवा कमरे में आ सके।
-देर तक एसी के ठीक सामने ने बैठें। उसे बहुत कम तापमान पर न चलाएं।
-जिस कमरे में एसी चलता हो, वहां पानी से भरा एक बर्तन हमेशा रखें। ऐसा करने से वातावरण में नमी बरकरार रहेगी। आंखें और त्वचा शुष्क नहीं हो पाएंगी।
-हर दो घंटे में कुछ समय के लिए एसी बंद कर दें। इससे कमरे का तापमान संतुलित रखने में मदद मिलती है।
-एसी से सीधे धूप में बाहर न निकलें। बाहर निकलने से पहले कुछ मिनट रुककर शरीर को सामान्य तापमान पर आने दें।
 

वजन कम करने में कैसे मदद करती है ग्रीन टी?

वजन कम करने में कैसे मदद करती है ग्रीन टी?

जब बात फिटनेस और स्वास्थ्य की आती है तो ग्रीन टी का नाम लगभग हर किसी की जुबान पर आता है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें बायोएक्टिव पदार्थों के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म तेज करके शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने समेत कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में सक्षम है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि वजन घटाने में ग्रीन टी का सेवन कैसे मदद करता है।

वजन घटाने में काफी मदद कर सकती है ग्रीन टी
विशेषज्ञों ने बताया कि ग्रीन टी शरीर में ग्लूकोसिडेज, पैंक्रियाटिक लाइपेज और एमाइलेज जैसे एंजाइमों को रोकती है, जो आंतों में कार्बोहाइड्रेट और फैट के निर्माण के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे जटिल अणुओं को कम करके ग्लूकोज और फैटी एसिड जैसे सरल अणुओं का अवशोषण भी कम हो जाता है। वहीं, वजन घटाने के लिए ग्रीन टी की प्रभावकारिता भिन्न होती है और यह चर्चा का विषय है, लेकिन शरीर के लिए ग्रीन टी सबसे कम दुष्प्रभावी है।

मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मददगार है ग्रीन टी
ग्रीन टी में जरूरी बायोएक्टिव पदार्थ जैसे कैफीन और कैटेचिन होते हैं, जो शरीर की मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। तेज मेटाबॉलिज्म दर शरीर की अधिक कैलोरी बर्न करके ऊर्जा को बढ़ाती है, जिस कारण वजन घटाने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में एंटी-ऑक्सीडेंट के स्तर को भी बढ़ाता है। अध्ययनों के अनुसार, ग्रीन टी के सेवन से रोजाना 75-100 कैलोरी बर्न की जा सकती है।

वर्कआउट से पहले करें ग्रीन टी का सेवन
कैलोरी को बर्न करने में ग्रीन टी काफी प्रभावी मानी जाती है, इसलिए आजकल विभिन्न वजन घटाने वाले सप्लीमेंट्स में ग्रीन टी का अर्क मौजूद होता है। हालांकि, इन सप्लीमेंट्स का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के करना गलत है। आप चाहें तो अपने शरीर की अतिरिक्त कैलोरी को तेजी से बर्न करने के लिए अपने रोजाना के वर्कआउट सेशन से पहले एक कप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।

भूख को सीमित और चीनी के सेवन को कम करने में है कारगर
अधिक मात्रा में चीनी का सेवन वजन को बढ़ाने और कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है और ग्रीन टी चीनी के सेवन को कम करने में मदद करती है क्योंकि इसके लिए चीनी की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, ग्रीन टी शरीर के डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे तत्वों को प्रभावित करके आपकी भूख को भी सीमित करने में भी मदद करती है, जिससे आप अधिक खाने से बचकर वजन को कम कर सकते हैं।

अच्छे फैट को बढ़ाने में सहायक है ग्रीन टी
हमारे शरीर में दो तरह के फैट होते हैं, जिसे ब्राउन फैट और व्हाइट फैट कहा जाता है। ब्राउन फैट को गुड फैट के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह वजन कम करने में सहयोगी होता है, जबकि व्हाइट फैट शरीर में स्क्विशी बैड फैट होता है, जो वजन बढऩे पर दिखाई देता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन शरीर के ब्राउन फैट को बढ़ाने में मदद करता है, जो वजन को कम करने में मदद कर सकता है।
 
 

ये सब आदते लाते है जल्द बुढ़ापा , इन चीजों से रहे दूर

ये सब आदते लाते है जल्द बुढ़ापा , इन चीजों से रहे दूर

आजकल के दौड़ भाग वाले जिंदगी से बच नहीं पाते जिससे कि हम समय पर तय नहीं कर पाते कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए . और यही हमारी आदते हमे जल्द बुढ़ापे कि और धकेलती है . आप जो सुबह से लेकर रात तक जो भी मील लेते है उससे हमारी डेली एक्टिविटी पर फर्क पड़ता है . इसलिए सही भोजन का चुनाव करने में ही समझदारी है .
आप जो खाते हैं वह आपकी स्किन के लिए बेहद जरूरी होता है। यही कारण है कि हमने उन खाने की चीजों के बारे में बताया है जिनसे आपको बचना चाहिए जो उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षणों को रोकने में मदद करेंगे। हालांकि, एक बात जो आपको जाननी चाहिए वह यह है कि उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो आपको कई बार प्रभावित कर सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा नहीं कर सकते। जानिये कि सभी खाद्य पदार्थ जो हमे बुढ़ापे कि जल्दी धकेलती है ।

तला हुआ खाना

तले खाने से फ्री रेडिकल निकलते हैं तो स्किन सेल को नुकसान पहुंचा सकते हैं और त्वचा इलास्टिकसिटी को कमजोर कर सकते हैं। फ्रेंच फ्राइज, शकरकंद फ्राई जैसी खाने की चीजों से बचें। इसके अलावा, कम नमक का खाना भी खाएं।

सफेद चीनी

बहुत ज्यादा सफेद चीनी खाने से कोलेजन-हानिकारक एजीई के निर्माण में योगदान हो सकता है। चीनी की ज्यादा मात्रा से स्किन समस्याएं हो सकती हैं। इसके बजाय, कुछ मीठा खाने का मन होने पर फल या डार्क चॉकलेट खाएं।

प्रोसेसड मीट

बेकन, सॉसेज और पेपरोनी प्रोसेसड मीट हैं। इनसे आपको बचना चाहिए। ये सोडियम, सैच्यूरेटिड फैट और सल्फाइट से भरे होते हैं, जो सभी सूजन का कारण बनते हैं जो कोलेजन को कमजोर कर सकते हैं और स्किन से पानी कम करते हैं।

कैफीनयुक्त ड्रिंक्स

सोडा और कॉफी पीने से त्वचा से ज्यादा नींद प्रभावित होती है। खराब सोने के पैटर्न को उम्र बढ़ने, झुर्रियों, काले घेरे और महीन रेखाओं के संकेतों से जोड़ा गया है। जितना हो सके कैफीनयुक्त ड्रिंक्स कम पिएं।

शराब

बहुत अधिक शराब पीने से त्वचा की कई समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें झुर्रियां, कोलेजन की कमी, सूजन और लालिमा शामिल हैं। यह विटामिन ए सहित कुछ पोषक तत्वों की कमी की ओर भी ले जाता है।

सफेद ब्रेड

सफेद ब्रेड में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो शरीर में सूजन पैदा कर सकता है, जो बदले में स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से भी जोड़ा गया है। अंकुरित अनाज की रोटी ट्राई करें जिसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं।

 

अनानास के इन फायदों को जानकार रोज खाएंगे आप

अनानास के इन फायदों को जानकार रोज खाएंगे आप

खट्टे -मीठे स्वाद के साथ से भरपूर अनानास को सेहत के लिए सबसे अहम और लाभकारी माना जाता है। जी हाँ और कई बीमारियों में मरीजों को इलाज के दौरान विशेषज्ञ इसे खाने की सलाह देते है। जी दरअसल अनानास बॉडी में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए एक अच्छा तरीका माना जाता है और इसके सेवन से बॉडी से जुडी कई परेशानियां दूर होती है। आज हम आपको बताते हैं इसको खाने के फायदे।
* अनानास मोटापा दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योकि अनानास में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इस वजह से अनानास का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है यह पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ साथ वजन को भी कम करने में सहायता करता है। जी दरअसल अनानास में विटामिन ए भी पाया जाता है इसमें विटामिन के अलावा फाइबर पोटेशियम फास्फोरस और कैल्शियम भी मौजूद होते है यह सभी तत्व बॉडी को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरुरी होते है
* अनानास में फाइबर मैग्नीशियम होता है इसमें मौजूद थाइमिन हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अच्छा माना जाता है। इसी के साथ अनानास में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट्स तत्व पाए जाते है जो बॉडी को फिट रखने में सहायता करते है। जी हाँ और यह एंटीऑक्सीडेंट्स गठिया ह्रदय संबंधी रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से आपको दूर रखता है अनानास खाने से दांतऔर मसूड़े मजबूत होते है।
* हाई ब्लड प्रेशर से परेशान लोगो अपनी डाइट में पाइनेपल को शामिल कर सकते है। जी दरअसल इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है और इसमें सोडियम की मात्रा काफी कम होती है। इसी के साथ इससे यह बॉडी में ब्लड फ्लो को शानदार बनाए रखता है।
* आपको शायद ही पता होगा कि अनानास में एंटी कैंसर एजेंट होते है। जी दरअसल अनानास के नियमित सेवन करने से बॉडी में कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

 

वजन घटाने की कर रहे हैं कोशिश? तो आपको डायट में शामिल करना चाहिए ये चीज

वजन घटाने की कर रहे हैं कोशिश? तो आपको डायट में शामिल करना चाहिए ये चीज

सुबह सबसे पहले ताजे निचोड़े हुए नींबू के रस और शहद को गर्म पानी मिलाकर पीने से आपको तेजी से वजन कम करने में मदद मिल सकती है। शहद और ताजे नींबू के रस की कुछ बूंदों से आपको न केवल वजन घटाने के लिए बल्कि कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स मिल सकते हैं। यह आपके पाचन में सुधार करने में मदद करता है, आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ता है, और सबसे जरूरी बात यह है कि ये पेट की चर्बी को नैचुरल तरीके से कम करने में मदद करता है।

क्या हैं इन दोनों चीजों के फायदे
शहद के फायदे
- कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होने के कारण शहद आपके एनर्जी लेवल को बढ़ाता है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और आपकी स्किन को यंग बनाए रखता है।
- शहद में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम होता है, जो इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।

नींबू के फायदे
- नींबू में साइट्रिक एसिड, विटामिन सी, मैग्नीशियम और कैल्शियम होता है, जो आपके इम्यून सिस्टम के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
- एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, नींबू कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है और स्किन को सॉफ्ट और यंग बनाता है।
-रिपोर्ट्स की मानें तो नींबू में मौजूद फ्लेवोनोइड्स में कैंसर रोधी गुण होते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
- वजन कम करने के लिए सबसे पहली और सबसे जरूरी चीज है डिसिप्लेन। अच्छे रिजल्ट देखने के लिए रोजाना शहद-नींबू का पानी पीएं।
- वजन घटाने के लिए अपने शहद नींबू ड्रिंक में गर्म पानी को ठंडे पानी से न बदलें। गर्म पानी मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और ये एक्सट्रा फैट को जलाने में मदद करता है।
- अगर आप सुबह सबसे पहले एक कप चाय या कॉफी पीते हैं, तो नींबू और शहद के पानी का मिश्रण पिएं। अगर जरूरी है तो अपने पसंदीदा ड्रिंक को दिन में थोड़ी देर बाद पियें।

कैसे तैयार करें ये ड्रिंक

इसे बनाने के लिए एक पैन में थोड़ा पानी गर्म करें। और फिर इस पानी में शहद मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें। फिर इसमें आधा नींबू का रस मिलाएं। अब इसे रोज सुबह खाली पेट पिएं।


 

बालो का रखे ख्याल होम मेड स्प्रे से , जानिए कुछ तरीके

बालो का रखे ख्याल होम मेड स्प्रे से , जानिए कुछ तरीके

हर कोई स्वस्थ, चमकदार और मजबूत बाल चाहता है, लेकिन प्रदूषण, सूरज की हानिकारक ङ्क किरणें, केमिकल्स युक्त हेयर केयर प्रोडक्ट्स और हीट-स्टाइलिंग उपकरणों आदि से बालों को काफी नुकसान पहुंचता है, जिस वजह से ये शुष्क और बेजान हो जाते हैं। हालांकि, अगर आप अपने बालों को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए घर पर कुछ ही मिनटों में प्राकृतिक सामग्रियों से हेयरस्प्रे बनाकर इस्तेमाल करें। चलिए फिर आज हेयरस्प्रे बनाने के कुछ तरीके जानते हैं।

गुलाब जल और चीनी का हेयरस्प्रे
गुलाब जल और चीनी का हेयरस्प्रे बालों को मॉइश्चराइज करेगा और इन्हें टूटने से भी बचाएगा। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर गुलाब जल आपके बालों के श्च॥ स्तर को संतुलित रखने में भी मदद करेगा। हेयरस्प्रे बनाने के लिए थोड़ा ताजा गुलाब जल गर्म करें, फिर इसमें चीनी डालें और जब तक यह पूरी तरह से घुल न जाए गैस बंद न करें, फिर इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद एक स्प्रे बोतल में डालें और जरूरत अनुसार इस्तेमाल करें।

एलोवेरा हेयरस्प्रे
विटामिन्स, फैटी एसिड, अमीनो एसिड, एंटी-बैक्टीरियल और हीलिंग गुणों से भरपूर एलोवेरा हेयरस्प्रे स्कैल्प को मॉइश्चराइज करेगा, डेड स्किन सेल्स को हटाने और बालों के विकास को बढ़ावा देगा। यह हेयरस्प्रे उन लोगों के लिए जरूरी है, जिनके बाल रूखे या बेजान हैं। हेयरस्प्रे बनाने के लिए ताजे एलोवेरा जेल को पानी के साथ मिलाएं, फिर इसमें नारियल का तेल मिलाएं। इसके बाद पूरे मिश्रण को एक स्प्रे बोतल में डालें और जब चाहें इसका इस्तेमाल करें।

आर्गनऑयल हेयरस्प्रे 

आर्गन ऑयल फैटी एसिड, एंटी-ऑक्सिडेंट, कई तरह के विटामिन्स और खनिजों से समृद्ध होता है, जो आपके बालों को पोषित करने में मदद करेंगे। आप इस हेयरस्प्रे को हीट प्रोटेक्टेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि आर्गन ऑयल में स्मोक पॉइंट ज्यादा होता है। हेयरस्प्रे बनाने के लिए पानी गर्म करें, फिर उसमें चीनी मिलाकर गैस बंद कर दें और जब मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसमें आर्गन ऑयल मिलाकर इसे एक स्प्रे बोतल में डालें।

मेथी के बीज का हेयरस्प्रे
विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-के से भरपूर मेथी के बीज स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन को उत्तेजित करने के साथ-साथ बालों को पोषण प्रदान करने में काफी मदद कर सकते हैं और तेजी से बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं। हेयरस्प्रे बनाने के लिए मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोएं, फिर अगली सुबह मेथी के पानी को स्प्रे बोतल में डालें और इसे अपने पूरे बालों पर स्प्रे करें।
 

गैस की समस्या होने पर करें इन चाय का सेवन, जल्द मिलेगा समस्या से छुटकारा

गैस की समस्या होने पर करें इन चाय का सेवन, जल्द मिलेगा समस्या से छुटकारा

गैस बनने की समस्या तब होती है, जब गले और पेट को जोडऩे वाली एक प्रकार की नली कमजोर हो जाती है और इससे पेट में मौजूद एसिड ऊपर की ओर आ जाता है। यह एक सामान्य शारीरिक समस्या है और इससे डॉक्टरी इलाज की मदद से राहत पाई जा सकती है। वहीं, कुछ हर्बल चाय भी आपको इससे राहत दिला सकती हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी चाय के बारे में बताते हैं।

पुदीने की चाय
पुदीने की चाय का सेवन गैस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। इस चाय को बनाने के लिए पहले एक पैन में दो कप पानी उबालें, फिर इसमें 10 से 15 पुदीने की पत्तियां डालें और पानी को थोड़ी देर तक उबालें। कुछ सेकंड बाद गैस बंद करके पानी को ढक दें, फिर कुछ मिनट बाद इस चाय को छानकर इसका सेवन करें। आप चाहें तो इस चाय में भी स्वादानुसार शहद मिला सकते हैं।

अदरक की चाय
अदरक की चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करने समेत गैस से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दो से तीन कप पानी और थोड़ा सा कदूकस किया हुआ अदरक डालें। इसके बाद कुछ मिनट तक पानी को उबलाकर गैस बंद कर दें। अब इस चाय को छानकर एक कप में डालें, फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर पिएं।

कैमोमाइल टी
कैमोमाइल टी का सेवन भी गैस से राहत दिलाकर पाचन को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक गिलास पानी और एक चौथाई कप सूखे कैमोमाइल के फूल डालकर उबालें और जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद करके चाय को छानकर कप में डालें। इसके बाद चाय में स्वादानुसार शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

सौंफ की चाय
इस चाय का सेवन भी गैस की समस्या से राहत दिलाने में सहायक है। सौंफ की चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक कप पानी गर्म करें, फिर उसमें एक छोटी चम्मच सौंफ डालकर पानी को एक उबाला दिलाएं। इसके बाद इसमें एक छोटी चम्मच चायपत्ती डालें और चाय अच्छे से कड़ जाए तो गैस बंद कर दें। अब इस चाय को छानकर एक कप में डालें, फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर पिएं।

 

  

घुटनो और कोहनी के कालेपन को दूर करने के लिए फॉलो करे इन सरल टिप्स को..

घुटनो और कोहनी के कालेपन को दूर करने के लिए फॉलो करे इन सरल टिप्स को..

अक्सर लोग अपने स्किन और हेल्थ की देखभाल ज्यादा करते है लेकिन गर्मी में कई बार त्वचा कलाई और डार्क घुटने,कोहनी और अंडर आर्म्स से जुडी समस्या होने लगती है इस मौसम में कई बार कोहनी और घुटने का काले हो जाते है इसके कई कारन होते है लेकिन आपको बता दे की इस समस्या से बचने के लिए कुछ इसी टिप्स है जिससे त्वचा खूबसूरत दिखती है और डार्क घुटने कोहनी की समस्या दूर होती है तो चलिए जानते है

इनके बारे में
फ्रिक्शन कम करे-कई बार काम काज करते समय अपने पेरो को काफी देर तक मोड़े रखते है जिसके कारन इनमे फ्रिक्शन हो जाता है जो डार्क स्किन का रूप लेता है ऐसे में इससे समस्या से बचने के लिए अपने जॉइंट्स को फ्रिक्शन कम करे इससे डार्क स्किन की समस्या दूर रहती है।
विटामिन ए और ई का इस्तेमाल करे-अगर आप विटामिन ए और ई का नियमित इस्तेमाल करते है तो आपको काफी फायदा होगा इससे स्किन के पिगमेंट नहीं बढ़ते है और डार्क स्किन की समस्या दूर होती है इसके लिए गाजर,शकरकंद जैसी चीजे लाभदायक है। इसके अलावा टाइट कपडे पहनने से बचे।  

चेहरे के अनचाहे बाल को करे बाए- बाए,  अपनाए ये नेचुरल तरीके

चेहरे के अनचाहे बाल को करे बाए- बाए, अपनाए ये नेचुरल तरीके

बाल हमारे शरीर के एक महत्वपूर्ण हिस्सा है . बाल स्किन को जलवायु परिवर्तन ,बैक्टीरिया जैसी बाहरी कारकों से बचाने में जरूरी भूमिका निभाते हैं लेकिन हमारे शरीर के कई हिस्से पर ऐसे बाल होते हैं जो आत्म विश्वास को कम कर सकता है साथ हमारे चेहरे की सुंदरता को भी खराब कर देते हैं शरीर में हार्मोन संतुलन संतुलन के अवस्थाओं के बाद या कुछ चिंताओं के कारण चेहरे के अनचाहे बाल बढ़ सकते हैं आज अब आपको चेहरे के बालों को हटाने की कुछ नेचुरल उपाय बताते हैं।

दाल का फेस पैक :लाल मसूर की दाल का चिकना पेस्ट बनाकर दाल का फेसपैक तैयार करें इस पैक को विपरीत दिशा में स्क्रब करे जहाँ अनचाहे बाल हैं वहां आपके चेहरे पर घृश्न पैदा होता है धीरे-धीरे और बालों को हटा देता जो आप नहीं चाहते हैं ।

नींबू का रस और शहद :शहद और नींबू के रस का एक फेस पैक आपकी स्किन से चिपक जाता है आपकी त्वचा से धीरे-धीरे छिलने पर बालों के विकास को दूर करने में मदद करता है शहद में हाइड्रेटिंग और मॉइश्चराइजिंग गुण होते हैं जो स्किन को चिकना और मुलायम बनाने में मदद करेंगे हां वही नींबू का रस आपकी स्किन को साफ करता है और आपकी त्वचा के छिद्रों को कसने में मदद करता है यहआपके चेहरे के और सारे शरीर के अन्य अंगों के बालों को भी हल्का करता है।

हल्दी :हल्दी एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जानी जाती है लेकिन हल्दी आपके चेहरों पर बालों को बढऩे से रोकने में मददगार है यह विशेष रुप से आपकी शरीर के घने बालों को हटाने का काम करता है।
 

बाजार में मौजूद हैं कई तरह के फेस हाइलाइटर, जानिए किसका चयन करना सही..

बाजार में मौजूद हैं कई तरह के फेस हाइलाइटर, जानिए किसका चयन करना सही..

हाइलाइटर चेहरे के बेस्ट फीचर्स को हाइलाइट करने और उसकी कुछ कमियों को छिपाने में मदद करता है। यही कारण है कि सिर्फ प्रोफेशनल्स ही नहीं बल्कि आम लड़कियां भी अपनी मेकअप किट में हाईलाइटर को जगह देती हैं। वैसे बाजार में पांच तरह के फेस हाइलाइटर मौजूद हैं और अगर आपको नहीं पता कि इनमें से किसका चयन करना चाहिए तो परेशान न होइए। आइए आज हम आपको इन पांच हाइलाइटर्स की विशेषताएं बताते हैं।
स्ट्रॉबिंग क्रीम
अगर आप चाहते हैं कि आपकी त्वचा प्राकृतिक रूप से चमके तो आपके लिए स्ट्रॉबिंग क्रीम का इस्तेमाल करना एकदम सही है। यह एक प्रकार का चमकीला मॉइश्चराइजर या प्राइमर हता है, जो आपके चेहरे को विशेष हिस्सों को हाइलाइट करने में मदद कर सकता है। आप चाहें तो चेहरे पर फाउंडेशन लगाने से पहले भी स्ट्रॉबिंग क्रीम लगा सकते हैं या इसे अपने फाउंडेशन के साथ मिला सकते हैं।

स्टिक हाइलाइटर
एक स्टिक हाइलाइटर मोटे क्रेयॉन की तरह ठोस होता है, जो मेकअप बिगनर्स के इस्तेमाल के लिए सही माना जाता है क्योंकि इनका इस्तेमाल करना काफी आसान होता है। आप चाहें तो इसे सीधा अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। स्टिक हाइलाइटर आमतौर पर पैराफिन या बीजवैक्स से तैयार किए जाते हैं। आप इस हाइलाइटर का इस्तेमाल आईलिड पर भी कर सकते हैं। हालांकि, हाइलाइटर को चेहरे पर अच्छे से ब्लेंड करने के लिए अपनी उंगलियों का इस्तेमाल जरूर करें।

लिक्विड हाइलाइटर
अगर आप किसी अवसर के लिए हैवी मेकअप करने वाले हैं तो उस दौरान लिक्विड हाइलाइटर का इस्तेमाल करें। यह हाइलाइट कांच या प्लास्टिक की बोतल में ड्रॉपर के साथ आता है। इसके अतिरिक्त, इसमें ऐसे तेल मौजूद होते हैं, जो आसानी से आपकी त्वचा में समा जाते हैं। रूखे प्रकार की त्वचा के लिए यह बेस्ट ऑप्शन है। अपने लिक्विड हाइलाइटर को अपने फाउंडेशन के साथ मिलाएं और परफेक्ट ग्लो के लिए इसे अपनी त्वचा पर लगाएं।

पाउडर हाइलाइटर
अगर आपकी त्वचा तैलीय प्रकार की है तो आपके लिए पाउडर हाइलाइटर का इस्तेमाल करना अच्छा है। वहीं, रूखे प्रकार की त्वचा वाले लोग उचित मॉइश्चराइजेशन के बाद इसका इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि त्वचा पर रूखे पैच न पड़े। पाउडर हाइलाइटर शिमरी पाउडर होता है, जो कॉम्पैक्ट पाउडर की तरह दिखता है। पूरा मेकअप करने के बाद पाउडर हाइलाइटर को ब्रश से लगाएं। आप इसे अपनी आंखों के अंदरूनी कोनों पर भी लगा सकते हैं।

ब्रिक हाइलाइटर
ब्रिक हाइलाइटर सभी प्रकार की त्वचा के लिए एकदम सही है। यह हाइलाइटर भी पाउडर आधारित होता है, जिसमें छोटे-छोटे चमकीले कण होते हैं और प्रत्येक रंग के लिए अलग-अलग पंक्तियां होती हैं। आप अपने कस्टम हाइलाइटर रंग बनाने के लिए अलग-अलग रंगों को एक साथ मिला सकते हैं या इसे अलग से एक ब्रोंजर या ब्लश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे बतौर आईशैडो भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
 

स्वास्थ के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है बर्फ वाला पानी पीना, होते हैं ये नुकसान..

स्वास्थ के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है बर्फ वाला पानी पीना, होते हैं ये नुकसान..

गर्मियों के मौसम में लोग ठंडा पानी पीना पसंद करते है। कुछ लोग तो पानी में बर्फ डालकर पीते हैं। भले ही आपको गर्मी में ठंडा बर्फ वाला पानी पीकर राहत मिलती है लेकिन ये आपके स्वास्थ के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं हैं। पानी जब बहुत ठंडा होता है तो थोड़े से पानी से ही आपको ऐसा महसूस होगा, जैसे बहुत ज्यादा पानी पी लिया हो। यह आपकी प्यास पर कंट्रोल लगा देता है। इससे आपके शरीर में पानी की मात्रा भी कम होती है। डॉक्टर की मानें तो हमे हमेशा 20 से 22 डिग्री टेम्प्रेचर वाला पानी ही पीना चाहिए। बर्फ वाला या ठंडा पानी पीने से आपको पेट से जुड़़ी कई सारी परेशानियां जैसे पेट दर्द, खाना पचने में दिक्कत हो सकती है। अगर आप ज्यादा ठंडा पानी पीते हैं तो इससे कई बार नर्व ठंडी होकर आपके हार्ट रेट को धीमी कर देती है। आज हम आपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको विस्तार से बताने जा रहे कि अगर आप नियमित तौर पर ठंडा पानी पीते है तो सेहत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं....
पाचन तंत्र को नुकसान
ठंडा पानी पीने से पाचन तन्त्र को नुकसान पहुंचता है। क्योंकि ठंडे पीने से ब्लड सेल्स सिकुड़ जाती हैं। इससे डाइजेशन धीमा पड़ जाता है। डाइजेशन ठीक से नहीं होता इसलिए खाने के पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं या शरीर द्वारा अवशोषित नहीं किए जाते।

बॉडी हाइड्रेट नहीं रहती
बर्फ का पानी ठीक तरह से बॉडी को हाइड्रेट नहीं कर पाता है। कभी भी खाने के तुरंत बाद बर्फ वाला पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

पोषक तत्वों का खत्म हो जाना
शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है और जब आप कोई ठंडी चीज पीते हैं तो उसके तापमान को नियमित करने के लिए आपके शरीर को कुछ ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। वरना इस उर्जा का उपयोग भोजन के पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए होता है। यही कारण है कि ठंडा पानी पीने से आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

माइग्रेन
माइग्रेन वाले लोगों को बर्फ का पानी पीना ज्यादा तकलीफ दे सकता है। जब आप ठंडा पानी पीते हैं तो यह आपके नाक और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को ब्लॉक कर देता है। जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ा देता है।

मोटापा
हर वक्त बर्फ वाला पीने से शरीर में मौजूद फैट बर्न नहीं हो पाते है जिसकी वजह मोटापा बढऩे लगता है और वजन कम करने में परेशानी होती है।

गला खराब
ठंडा पानी पीने से आपके श्वसन तंत्र में म्युकोसा बन सकता है जो श्वसन तंत्र की सुरक्षात्मक परत होती है। जब यह परत सिकुड़ जाती है तो आपका श्वसन तंत्र अनावृत हो जाता है और इंफेक्शन की चपेट में आ जाता है। इसी कारण गला खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।

हार्ट रेट को कम करता है
बर्फ का पानी या ठंडा पानी पीने से आपका हार्ट रेट कम हो सकता है। रिसर्च से पता चला है कि ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। वेगस तंत्रिका 10 वीं कपाल तंत्रिका है और यह शरीर के स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करती है। वेगस तंत्रिका हार्ट रेट को कम करने में मध्यस्थता करती है और ठंडा पानी इस तंत्रिका को उत्तेजित करता है जिसके कारण हार्ट रेट कम हो जाता है।

 

लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने के पांच फायदे...

लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने के पांच फायदे...

प्लास्टिक की कंघी से बाल करने से बहुत बाल टूटते हैं और इससे स्कैल्प का प्राकृतिक तेल भी प्रभावित होता है। यही वजह है कि हेयर केयर एक्सपर्ट्स लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह स्कैल्प को पोषित करने के साथ-साथ सिर के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर रखने में भी सहायक है। इसके अतिरिक्त, यह पर्यावरण के भी अनुकूल है। आइए आज हम आपको लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने के पांच फायदे बताते हैं।
डैंड्रफ को कम करने में है सहायक
प्लास्टिक या फिर किसी भी अन्य धातु की कंघी आपके स्कैल्प पर रूखापन बढ़ाकर डैंड्रफ की समस्या पैदा कर सकती है, जो आपके बालों के लिए नुकसानदायक है। हालांकि, लकड़ी की कंघी स्कैल्प की प्राकृतिक तेल को नुकसान पहुंचाए बिना कोमलता से अपना काम करती है, जिससे डैंड्रफ भी नहीं होता। दरअसल, यह आपके स्कैल्प पर तेल उत्पादन को उत्तेजित करती है और स्कैल्प पर तेल के खराब फैलाव को रोकती है, जो

डैंड्रफ को दूर रखने में मददगार है।
बालों का झडऩा होगा खत्म
प्लास्टिक की कंघी फेराते समय बाल काफी ज्यादा खींचते हैं, जिससे बालों के झडऩे की संभावना बढ़ जाती है। खासकर, अगर बाल में लगी किसी गांठ को सुलझाना हो तो बाल काफी ज्यादा झड़ते हैं। हालांकि, लकड़ी की कंघी से ऐसा कुछ नहीं होता है। यह आपके बालों को बिना खींचे आसानी से उन्हें सुलझा सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी हेयर केयर किट में प्लास्टिक की बजाय लकड़ी की कंघी को शामिल करें।

ग्रेसी बालों से मिलेगा छुटकारा
जो लोग ग्रेसी बालों की समस्या का सामना करते हैं तो वे इससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह के महंगे-महंगे हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगते हैं, फिर भी उन्हें मनचाह परिणाम नहीं मिल पाता। हालांकि, लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने से आपकी यह समस्या खत्म हो सकती है क्योंकि यह कंघी स्कैल्प के सीबम के उत्पादन को नियंत्रित करती है, जिससे आपके बाल ग्रेसी नहीं होते हैं।

स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन होगा बेहतर
प्लास्टिक की कंघी बालों के लिए कठोर होती है, जबकि लकड़ी की कंघी कोमलता से बालों को सुलझाने में मदद करती है और इनकी गुणवत्ता में भी सुधार करती है। लकड़ी की कंघी कार्बन आधारित होती हैं, जो स्कैल्प की मालिश करने में मदद करती है और इससे खरोंच या जलन जैसी समस्याएं नहीं होती है। इस वजह से लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में काफी मदद कर सकती है।

स्कैल्प को किसी भी एलर्जी से बचाने में है सहायक
लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करना हर तरह के बालों के लिए सुरक्षित है। भले ही आपका स्कैल्प संवेदनशील प्रकार की ही क्यों न हो। प्लास्टिक या अन्य धातु की कंघी कभी-कभी खोपड़ी पर एलर्जी या जलन पैदा कर सकती है, जबकि लकड़ी की कंघी से ऐसा कुछ नहीं होता। प्राकृतिक घटकों से बनी लकड़ी की कंघी पर एक सुरक्षात्मक कोटिंग होती है, जो आपकी खोपड़ी को एलर्जी या किसी भी जलन से बचाती है।