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दिनभर एसी में रहने वाले हो जाएं सावधान,  हो सकती है ये गंभीर परेशानिया

दिनभर एसी में रहने वाले हो जाएं सावधान, हो सकती है ये गंभीर परेशानिया

एसी में हवा खान किसे अच्छा नहीं लगता है खासकर गर्मियों के मौसम में एसी में रहने का एक अलग ही आनंद होता है। एसी आपको चिलचिलाती धूप से राहत देती है घर हो या ऑफिस, आज के समय में एक बड़ी संख्या में लोग अपना ज्यादातर समय एसी के सामने बैठकर गुजारते हैं। एसी की ठंडी हवा भले ही आपको चिलचिलाती धूप से राहत दिला सकती है, पर क्या आप जानते हैं उसका आपकी सेहत पर क्या बुरा असर पड़ता है। जी हां, एसी में ज्यादा देर रहना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे।

एसी में रहने के नुकसान-

जोड़ों में दर्द की समस्या-
लंबे समय तक कम तापमान में बैठे रहने से जोड़ों में अकड़न बढ़ जाती है।

झुर्रियां-
एसी वातावरण को ठंडा करने के साथ उस जगह का मॉइस्चर भी सोख लेता है, लंबे समय तक एसी में रहने के कारण ये त्वचा की नमी के साथ शरीर में भी पानी की कमी होने लगती है। इससे त्वचा पर झुर्रियां दिखने लगती हैं।

आंखें और त्वचा का शुष्क होना-
जो लोग दफ्तर में घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं, उन्हें आंखों में खुजली या सूखेपन की शिकायत रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑफिस में लगे एसी ठंडी हवा तो देते हैं लेकिन वातावरण से नमी खत्म कर देते हैं। नमी रहित यह हवा हमें गर्मी और उमस से तो राहत दिलाती है, लेकिन आंखों में मौजूद आवश्यक नमी को खत्म कर देती है। इसी तरह एसी की हवा में पानी कम पिया जाता है, जिससे त्वचा में रूखापन बढ़ जाता है।

ब्लडप्रेशर-
लंबे समय तक एसी की ठंडी हवा में बैठने से हमारे शरीर का तापमान कृत्रिम तरीके से काफी लो हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर की कोशिकाएं संकुचित होने लगती हैं और रक्त संचार प्रभावित होने लगता है। जो बाद में सिरदर्द, चक्कर, उल्टी आना और लो ब्लड प्रेशर का कारण बनता है।

सर्द-गर्म के नुकसान-
एसी के ठंडे तापमान से एकदम निकल कर जब हम सामान्य तापमान में जाते हैं तो शरीर इतनी जल्दी ऊपर-नीचे होते तापमान के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता। जिसकी वजह से व्यक्ति को बुखार, चिड़चिड़ापन, थकान के साथ लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।

सांस की समस्या-
एसी की सफाई अगर लंबे समय तक न की जाए तो इसमें धूल-मिट्टी इकट्ठी होकर कमरे में फैलने लगती है। जो सांस संबंधी रोगों को बढ़ाने का काम कर सकती है।


एसी में बैठते समय बरतें ये सावधानियां-
-एसी का इस्तेमाल करने से पहले उसकी सर्विस जरूर करवा लें, ताकि धूल-मिट्टी साफ हो सके। पानी की निकासी होती रहे।
-जिस कमरे में एसी चलता हो, कभी-कभी उसके खिड़की-दरवाजे खोल कर रखें, ताकि धूप व ताजी हवा कमरे में आ सके।
-देर तक एसी के ठीक सामने ने बैठें। उसे बहुत कम तापमान पर न चलाएं।
-जिस कमरे में एसी चलता हो, वहां पानी से भरा एक बर्तन हमेशा रखें। ऐसा करने से वातावरण में नमी बरकरार रहेगी। आंखें और त्वचा शुष्क नहीं हो पाएंगी।
-हर दो घंटे में कुछ समय के लिए एसी बंद कर दें। इससे कमरे का तापमान संतुलित रखने में मदद मिलती है।
-एसी से सीधे धूप में बाहर न निकलें। बाहर निकलने से पहले कुछ मिनट रुककर शरीर को सामान्य तापमान पर आने दें।
 

वजन कम करने में कैसे मदद करती है ग्रीन टी?

वजन कम करने में कैसे मदद करती है ग्रीन टी?

जब बात फिटनेस और स्वास्थ्य की आती है तो ग्रीन टी का नाम लगभग हर किसी की जुबान पर आता है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें बायोएक्टिव पदार्थों के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म तेज करके शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने समेत कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में सक्षम है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि वजन घटाने में ग्रीन टी का सेवन कैसे मदद करता है।

वजन घटाने में काफी मदद कर सकती है ग्रीन टी
विशेषज्ञों ने बताया कि ग्रीन टी शरीर में ग्लूकोसिडेज, पैंक्रियाटिक लाइपेज और एमाइलेज जैसे एंजाइमों को रोकती है, जो आंतों में कार्बोहाइड्रेट और फैट के निर्माण के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे जटिल अणुओं को कम करके ग्लूकोज और फैटी एसिड जैसे सरल अणुओं का अवशोषण भी कम हो जाता है। वहीं, वजन घटाने के लिए ग्रीन टी की प्रभावकारिता भिन्न होती है और यह चर्चा का विषय है, लेकिन शरीर के लिए ग्रीन टी सबसे कम दुष्प्रभावी है।

मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मददगार है ग्रीन टी
ग्रीन टी में जरूरी बायोएक्टिव पदार्थ जैसे कैफीन और कैटेचिन होते हैं, जो शरीर की मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। तेज मेटाबॉलिज्म दर शरीर की अधिक कैलोरी बर्न करके ऊर्जा को बढ़ाती है, जिस कारण वजन घटाने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में एंटी-ऑक्सीडेंट के स्तर को भी बढ़ाता है। अध्ययनों के अनुसार, ग्रीन टी के सेवन से रोजाना 75-100 कैलोरी बर्न की जा सकती है।

वर्कआउट से पहले करें ग्रीन टी का सेवन
कैलोरी को बर्न करने में ग्रीन टी काफी प्रभावी मानी जाती है, इसलिए आजकल विभिन्न वजन घटाने वाले सप्लीमेंट्स में ग्रीन टी का अर्क मौजूद होता है। हालांकि, इन सप्लीमेंट्स का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के करना गलत है। आप चाहें तो अपने शरीर की अतिरिक्त कैलोरी को तेजी से बर्न करने के लिए अपने रोजाना के वर्कआउट सेशन से पहले एक कप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।

भूख को सीमित और चीनी के सेवन को कम करने में है कारगर
अधिक मात्रा में चीनी का सेवन वजन को बढ़ाने और कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है और ग्रीन टी चीनी के सेवन को कम करने में मदद करती है क्योंकि इसके लिए चीनी की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, ग्रीन टी शरीर के डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे तत्वों को प्रभावित करके आपकी भूख को भी सीमित करने में भी मदद करती है, जिससे आप अधिक खाने से बचकर वजन को कम कर सकते हैं।

अच्छे फैट को बढ़ाने में सहायक है ग्रीन टी
हमारे शरीर में दो तरह के फैट होते हैं, जिसे ब्राउन फैट और व्हाइट फैट कहा जाता है। ब्राउन फैट को गुड फैट के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह वजन कम करने में सहयोगी होता है, जबकि व्हाइट फैट शरीर में स्क्विशी बैड फैट होता है, जो वजन बढऩे पर दिखाई देता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन शरीर के ब्राउन फैट को बढ़ाने में मदद करता है, जो वजन को कम करने में मदद कर सकता है।
 
 

ये सब आदते लाते है जल्द बुढ़ापा , इन चीजों से रहे दूर

ये सब आदते लाते है जल्द बुढ़ापा , इन चीजों से रहे दूर

आजकल के दौड़ भाग वाले जिंदगी से बच नहीं पाते जिससे कि हम समय पर तय नहीं कर पाते कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए . और यही हमारी आदते हमे जल्द बुढ़ापे कि और धकेलती है . आप जो सुबह से लेकर रात तक जो भी मील लेते है उससे हमारी डेली एक्टिविटी पर फर्क पड़ता है . इसलिए सही भोजन का चुनाव करने में ही समझदारी है .
आप जो खाते हैं वह आपकी स्किन के लिए बेहद जरूरी होता है। यही कारण है कि हमने उन खाने की चीजों के बारे में बताया है जिनसे आपको बचना चाहिए जो उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षणों को रोकने में मदद करेंगे। हालांकि, एक बात जो आपको जाननी चाहिए वह यह है कि उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो आपको कई बार प्रभावित कर सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा नहीं कर सकते। जानिये कि सभी खाद्य पदार्थ जो हमे बुढ़ापे कि जल्दी धकेलती है ।

तला हुआ खाना

तले खाने से फ्री रेडिकल निकलते हैं तो स्किन सेल को नुकसान पहुंचा सकते हैं और त्वचा इलास्टिकसिटी को कमजोर कर सकते हैं। फ्रेंच फ्राइज, शकरकंद फ्राई जैसी खाने की चीजों से बचें। इसके अलावा, कम नमक का खाना भी खाएं।

सफेद चीनी

बहुत ज्यादा सफेद चीनी खाने से कोलेजन-हानिकारक एजीई के निर्माण में योगदान हो सकता है। चीनी की ज्यादा मात्रा से स्किन समस्याएं हो सकती हैं। इसके बजाय, कुछ मीठा खाने का मन होने पर फल या डार्क चॉकलेट खाएं।

प्रोसेसड मीट

बेकन, सॉसेज और पेपरोनी प्रोसेसड मीट हैं। इनसे आपको बचना चाहिए। ये सोडियम, सैच्यूरेटिड फैट और सल्फाइट से भरे होते हैं, जो सभी सूजन का कारण बनते हैं जो कोलेजन को कमजोर कर सकते हैं और स्किन से पानी कम करते हैं।

कैफीनयुक्त ड्रिंक्स

सोडा और कॉफी पीने से त्वचा से ज्यादा नींद प्रभावित होती है। खराब सोने के पैटर्न को उम्र बढ़ने, झुर्रियों, काले घेरे और महीन रेखाओं के संकेतों से जोड़ा गया है। जितना हो सके कैफीनयुक्त ड्रिंक्स कम पिएं।

शराब

बहुत अधिक शराब पीने से त्वचा की कई समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें झुर्रियां, कोलेजन की कमी, सूजन और लालिमा शामिल हैं। यह विटामिन ए सहित कुछ पोषक तत्वों की कमी की ओर भी ले जाता है।

सफेद ब्रेड

सफेद ब्रेड में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो शरीर में सूजन पैदा कर सकता है, जो बदले में स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से भी जोड़ा गया है। अंकुरित अनाज की रोटी ट्राई करें जिसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं।

 

अनानास के इन फायदों को जानकार रोज खाएंगे आप

अनानास के इन फायदों को जानकार रोज खाएंगे आप

खट्टे -मीठे स्वाद के साथ से भरपूर अनानास को सेहत के लिए सबसे अहम और लाभकारी माना जाता है। जी हाँ और कई बीमारियों में मरीजों को इलाज के दौरान विशेषज्ञ इसे खाने की सलाह देते है। जी दरअसल अनानास बॉडी में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए एक अच्छा तरीका माना जाता है और इसके सेवन से बॉडी से जुडी कई परेशानियां दूर होती है। आज हम आपको बताते हैं इसको खाने के फायदे।
* अनानास मोटापा दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योकि अनानास में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इस वजह से अनानास का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है यह पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ साथ वजन को भी कम करने में सहायता करता है। जी दरअसल अनानास में विटामिन ए भी पाया जाता है इसमें विटामिन के अलावा फाइबर पोटेशियम फास्फोरस और कैल्शियम भी मौजूद होते है यह सभी तत्व बॉडी को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरुरी होते है
* अनानास में फाइबर मैग्नीशियम होता है इसमें मौजूद थाइमिन हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अच्छा माना जाता है। इसी के साथ अनानास में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट्स तत्व पाए जाते है जो बॉडी को फिट रखने में सहायता करते है। जी हाँ और यह एंटीऑक्सीडेंट्स गठिया ह्रदय संबंधी रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से आपको दूर रखता है अनानास खाने से दांतऔर मसूड़े मजबूत होते है।
* हाई ब्लड प्रेशर से परेशान लोगो अपनी डाइट में पाइनेपल को शामिल कर सकते है। जी दरअसल इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है और इसमें सोडियम की मात्रा काफी कम होती है। इसी के साथ इससे यह बॉडी में ब्लड फ्लो को शानदार बनाए रखता है।
* आपको शायद ही पता होगा कि अनानास में एंटी कैंसर एजेंट होते है। जी दरअसल अनानास के नियमित सेवन करने से बॉडी में कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

 

वजन घटाने की कर रहे हैं कोशिश? तो आपको डायट में शामिल करना चाहिए ये चीज

वजन घटाने की कर रहे हैं कोशिश? तो आपको डायट में शामिल करना चाहिए ये चीज

सुबह सबसे पहले ताजे निचोड़े हुए नींबू के रस और शहद को गर्म पानी मिलाकर पीने से आपको तेजी से वजन कम करने में मदद मिल सकती है। शहद और ताजे नींबू के रस की कुछ बूंदों से आपको न केवल वजन घटाने के लिए बल्कि कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स मिल सकते हैं। यह आपके पाचन में सुधार करने में मदद करता है, आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ता है, और सबसे जरूरी बात यह है कि ये पेट की चर्बी को नैचुरल तरीके से कम करने में मदद करता है।

क्या हैं इन दोनों चीजों के फायदे
शहद के फायदे
- कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होने के कारण शहद आपके एनर्जी लेवल को बढ़ाता है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और आपकी स्किन को यंग बनाए रखता है।
- शहद में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम होता है, जो इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।

नींबू के फायदे
- नींबू में साइट्रिक एसिड, विटामिन सी, मैग्नीशियम और कैल्शियम होता है, जो आपके इम्यून सिस्टम के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
- एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, नींबू कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है और स्किन को सॉफ्ट और यंग बनाता है।
-रिपोर्ट्स की मानें तो नींबू में मौजूद फ्लेवोनोइड्स में कैंसर रोधी गुण होते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
- वजन कम करने के लिए सबसे पहली और सबसे जरूरी चीज है डिसिप्लेन। अच्छे रिजल्ट देखने के लिए रोजाना शहद-नींबू का पानी पीएं।
- वजन घटाने के लिए अपने शहद नींबू ड्रिंक में गर्म पानी को ठंडे पानी से न बदलें। गर्म पानी मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और ये एक्सट्रा फैट को जलाने में मदद करता है।
- अगर आप सुबह सबसे पहले एक कप चाय या कॉफी पीते हैं, तो नींबू और शहद के पानी का मिश्रण पिएं। अगर जरूरी है तो अपने पसंदीदा ड्रिंक को दिन में थोड़ी देर बाद पियें।

कैसे तैयार करें ये ड्रिंक

इसे बनाने के लिए एक पैन में थोड़ा पानी गर्म करें। और फिर इस पानी में शहद मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें। फिर इसमें आधा नींबू का रस मिलाएं। अब इसे रोज सुबह खाली पेट पिएं।


 

बालो का रखे ख्याल होम मेड स्प्रे से , जानिए कुछ तरीके

बालो का रखे ख्याल होम मेड स्प्रे से , जानिए कुछ तरीके

हर कोई स्वस्थ, चमकदार और मजबूत बाल चाहता है, लेकिन प्रदूषण, सूरज की हानिकारक ङ्क किरणें, केमिकल्स युक्त हेयर केयर प्रोडक्ट्स और हीट-स्टाइलिंग उपकरणों आदि से बालों को काफी नुकसान पहुंचता है, जिस वजह से ये शुष्क और बेजान हो जाते हैं। हालांकि, अगर आप अपने बालों को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए घर पर कुछ ही मिनटों में प्राकृतिक सामग्रियों से हेयरस्प्रे बनाकर इस्तेमाल करें। चलिए फिर आज हेयरस्प्रे बनाने के कुछ तरीके जानते हैं।

गुलाब जल और चीनी का हेयरस्प्रे
गुलाब जल और चीनी का हेयरस्प्रे बालों को मॉइश्चराइज करेगा और इन्हें टूटने से भी बचाएगा। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर गुलाब जल आपके बालों के श्च॥ स्तर को संतुलित रखने में भी मदद करेगा। हेयरस्प्रे बनाने के लिए थोड़ा ताजा गुलाब जल गर्म करें, फिर इसमें चीनी डालें और जब तक यह पूरी तरह से घुल न जाए गैस बंद न करें, फिर इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद एक स्प्रे बोतल में डालें और जरूरत अनुसार इस्तेमाल करें।

एलोवेरा हेयरस्प्रे
विटामिन्स, फैटी एसिड, अमीनो एसिड, एंटी-बैक्टीरियल और हीलिंग गुणों से भरपूर एलोवेरा हेयरस्प्रे स्कैल्प को मॉइश्चराइज करेगा, डेड स्किन सेल्स को हटाने और बालों के विकास को बढ़ावा देगा। यह हेयरस्प्रे उन लोगों के लिए जरूरी है, जिनके बाल रूखे या बेजान हैं। हेयरस्प्रे बनाने के लिए ताजे एलोवेरा जेल को पानी के साथ मिलाएं, फिर इसमें नारियल का तेल मिलाएं। इसके बाद पूरे मिश्रण को एक स्प्रे बोतल में डालें और जब चाहें इसका इस्तेमाल करें।

आर्गनऑयल हेयरस्प्रे 

आर्गन ऑयल फैटी एसिड, एंटी-ऑक्सिडेंट, कई तरह के विटामिन्स और खनिजों से समृद्ध होता है, जो आपके बालों को पोषित करने में मदद करेंगे। आप इस हेयरस्प्रे को हीट प्रोटेक्टेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि आर्गन ऑयल में स्मोक पॉइंट ज्यादा होता है। हेयरस्प्रे बनाने के लिए पानी गर्म करें, फिर उसमें चीनी मिलाकर गैस बंद कर दें और जब मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसमें आर्गन ऑयल मिलाकर इसे एक स्प्रे बोतल में डालें।

मेथी के बीज का हेयरस्प्रे
विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-के से भरपूर मेथी के बीज स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन को उत्तेजित करने के साथ-साथ बालों को पोषण प्रदान करने में काफी मदद कर सकते हैं और तेजी से बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं। हेयरस्प्रे बनाने के लिए मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोएं, फिर अगली सुबह मेथी के पानी को स्प्रे बोतल में डालें और इसे अपने पूरे बालों पर स्प्रे करें।
 

गैस की समस्या होने पर करें इन चाय का सेवन, जल्द मिलेगा समस्या से छुटकारा

गैस की समस्या होने पर करें इन चाय का सेवन, जल्द मिलेगा समस्या से छुटकारा

गैस बनने की समस्या तब होती है, जब गले और पेट को जोडऩे वाली एक प्रकार की नली कमजोर हो जाती है और इससे पेट में मौजूद एसिड ऊपर की ओर आ जाता है। यह एक सामान्य शारीरिक समस्या है और इससे डॉक्टरी इलाज की मदद से राहत पाई जा सकती है। वहीं, कुछ हर्बल चाय भी आपको इससे राहत दिला सकती हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी चाय के बारे में बताते हैं।

पुदीने की चाय
पुदीने की चाय का सेवन गैस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। इस चाय को बनाने के लिए पहले एक पैन में दो कप पानी उबालें, फिर इसमें 10 से 15 पुदीने की पत्तियां डालें और पानी को थोड़ी देर तक उबालें। कुछ सेकंड बाद गैस बंद करके पानी को ढक दें, फिर कुछ मिनट बाद इस चाय को छानकर इसका सेवन करें। आप चाहें तो इस चाय में भी स्वादानुसार शहद मिला सकते हैं।

अदरक की चाय
अदरक की चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करने समेत गैस से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दो से तीन कप पानी और थोड़ा सा कदूकस किया हुआ अदरक डालें। इसके बाद कुछ मिनट तक पानी को उबलाकर गैस बंद कर दें। अब इस चाय को छानकर एक कप में डालें, फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर पिएं।

कैमोमाइल टी
कैमोमाइल टी का सेवन भी गैस से राहत दिलाकर पाचन को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक गिलास पानी और एक चौथाई कप सूखे कैमोमाइल के फूल डालकर उबालें और जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद करके चाय को छानकर कप में डालें। इसके बाद चाय में स्वादानुसार शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

सौंफ की चाय
इस चाय का सेवन भी गैस की समस्या से राहत दिलाने में सहायक है। सौंफ की चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक कप पानी गर्म करें, फिर उसमें एक छोटी चम्मच सौंफ डालकर पानी को एक उबाला दिलाएं। इसके बाद इसमें एक छोटी चम्मच चायपत्ती डालें और चाय अच्छे से कड़ जाए तो गैस बंद कर दें। अब इस चाय को छानकर एक कप में डालें, फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर पिएं।

 

  

घुटनो और कोहनी के कालेपन को दूर करने के लिए फॉलो करे इन सरल टिप्स को..

घुटनो और कोहनी के कालेपन को दूर करने के लिए फॉलो करे इन सरल टिप्स को..

अक्सर लोग अपने स्किन और हेल्थ की देखभाल ज्यादा करते है लेकिन गर्मी में कई बार त्वचा कलाई और डार्क घुटने,कोहनी और अंडर आर्म्स से जुडी समस्या होने लगती है इस मौसम में कई बार कोहनी और घुटने का काले हो जाते है इसके कई कारन होते है लेकिन आपको बता दे की इस समस्या से बचने के लिए कुछ इसी टिप्स है जिससे त्वचा खूबसूरत दिखती है और डार्क घुटने कोहनी की समस्या दूर होती है तो चलिए जानते है

इनके बारे में
फ्रिक्शन कम करे-कई बार काम काज करते समय अपने पेरो को काफी देर तक मोड़े रखते है जिसके कारन इनमे फ्रिक्शन हो जाता है जो डार्क स्किन का रूप लेता है ऐसे में इससे समस्या से बचने के लिए अपने जॉइंट्स को फ्रिक्शन कम करे इससे डार्क स्किन की समस्या दूर रहती है।
विटामिन ए और ई का इस्तेमाल करे-अगर आप विटामिन ए और ई का नियमित इस्तेमाल करते है तो आपको काफी फायदा होगा इससे स्किन के पिगमेंट नहीं बढ़ते है और डार्क स्किन की समस्या दूर होती है इसके लिए गाजर,शकरकंद जैसी चीजे लाभदायक है। इसके अलावा टाइट कपडे पहनने से बचे।  

चेहरे के अनचाहे बाल को करे बाए- बाए,  अपनाए ये नेचुरल तरीके

चेहरे के अनचाहे बाल को करे बाए- बाए, अपनाए ये नेचुरल तरीके

बाल हमारे शरीर के एक महत्वपूर्ण हिस्सा है . बाल स्किन को जलवायु परिवर्तन ,बैक्टीरिया जैसी बाहरी कारकों से बचाने में जरूरी भूमिका निभाते हैं लेकिन हमारे शरीर के कई हिस्से पर ऐसे बाल होते हैं जो आत्म विश्वास को कम कर सकता है साथ हमारे चेहरे की सुंदरता को भी खराब कर देते हैं शरीर में हार्मोन संतुलन संतुलन के अवस्थाओं के बाद या कुछ चिंताओं के कारण चेहरे के अनचाहे बाल बढ़ सकते हैं आज अब आपको चेहरे के बालों को हटाने की कुछ नेचुरल उपाय बताते हैं।

दाल का फेस पैक :लाल मसूर की दाल का चिकना पेस्ट बनाकर दाल का फेसपैक तैयार करें इस पैक को विपरीत दिशा में स्क्रब करे जहाँ अनचाहे बाल हैं वहां आपके चेहरे पर घृश्न पैदा होता है धीरे-धीरे और बालों को हटा देता जो आप नहीं चाहते हैं ।

नींबू का रस और शहद :शहद और नींबू के रस का एक फेस पैक आपकी स्किन से चिपक जाता है आपकी त्वचा से धीरे-धीरे छिलने पर बालों के विकास को दूर करने में मदद करता है शहद में हाइड्रेटिंग और मॉइश्चराइजिंग गुण होते हैं जो स्किन को चिकना और मुलायम बनाने में मदद करेंगे हां वही नींबू का रस आपकी स्किन को साफ करता है और आपकी त्वचा के छिद्रों को कसने में मदद करता है यहआपके चेहरे के और सारे शरीर के अन्य अंगों के बालों को भी हल्का करता है।

हल्दी :हल्दी एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जानी जाती है लेकिन हल्दी आपके चेहरों पर बालों को बढऩे से रोकने में मददगार है यह विशेष रुप से आपकी शरीर के घने बालों को हटाने का काम करता है।
 

बाजार में मौजूद हैं कई तरह के फेस हाइलाइटर, जानिए किसका चयन करना सही..

बाजार में मौजूद हैं कई तरह के फेस हाइलाइटर, जानिए किसका चयन करना सही..

हाइलाइटर चेहरे के बेस्ट फीचर्स को हाइलाइट करने और उसकी कुछ कमियों को छिपाने में मदद करता है। यही कारण है कि सिर्फ प्रोफेशनल्स ही नहीं बल्कि आम लड़कियां भी अपनी मेकअप किट में हाईलाइटर को जगह देती हैं। वैसे बाजार में पांच तरह के फेस हाइलाइटर मौजूद हैं और अगर आपको नहीं पता कि इनमें से किसका चयन करना चाहिए तो परेशान न होइए। आइए आज हम आपको इन पांच हाइलाइटर्स की विशेषताएं बताते हैं।
स्ट्रॉबिंग क्रीम
अगर आप चाहते हैं कि आपकी त्वचा प्राकृतिक रूप से चमके तो आपके लिए स्ट्रॉबिंग क्रीम का इस्तेमाल करना एकदम सही है। यह एक प्रकार का चमकीला मॉइश्चराइजर या प्राइमर हता है, जो आपके चेहरे को विशेष हिस्सों को हाइलाइट करने में मदद कर सकता है। आप चाहें तो चेहरे पर फाउंडेशन लगाने से पहले भी स्ट्रॉबिंग क्रीम लगा सकते हैं या इसे अपने फाउंडेशन के साथ मिला सकते हैं।

स्टिक हाइलाइटर
एक स्टिक हाइलाइटर मोटे क्रेयॉन की तरह ठोस होता है, जो मेकअप बिगनर्स के इस्तेमाल के लिए सही माना जाता है क्योंकि इनका इस्तेमाल करना काफी आसान होता है। आप चाहें तो इसे सीधा अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। स्टिक हाइलाइटर आमतौर पर पैराफिन या बीजवैक्स से तैयार किए जाते हैं। आप इस हाइलाइटर का इस्तेमाल आईलिड पर भी कर सकते हैं। हालांकि, हाइलाइटर को चेहरे पर अच्छे से ब्लेंड करने के लिए अपनी उंगलियों का इस्तेमाल जरूर करें।

लिक्विड हाइलाइटर
अगर आप किसी अवसर के लिए हैवी मेकअप करने वाले हैं तो उस दौरान लिक्विड हाइलाइटर का इस्तेमाल करें। यह हाइलाइट कांच या प्लास्टिक की बोतल में ड्रॉपर के साथ आता है। इसके अतिरिक्त, इसमें ऐसे तेल मौजूद होते हैं, जो आसानी से आपकी त्वचा में समा जाते हैं। रूखे प्रकार की त्वचा के लिए यह बेस्ट ऑप्शन है। अपने लिक्विड हाइलाइटर को अपने फाउंडेशन के साथ मिलाएं और परफेक्ट ग्लो के लिए इसे अपनी त्वचा पर लगाएं।

पाउडर हाइलाइटर
अगर आपकी त्वचा तैलीय प्रकार की है तो आपके लिए पाउडर हाइलाइटर का इस्तेमाल करना अच्छा है। वहीं, रूखे प्रकार की त्वचा वाले लोग उचित मॉइश्चराइजेशन के बाद इसका इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि त्वचा पर रूखे पैच न पड़े। पाउडर हाइलाइटर शिमरी पाउडर होता है, जो कॉम्पैक्ट पाउडर की तरह दिखता है। पूरा मेकअप करने के बाद पाउडर हाइलाइटर को ब्रश से लगाएं। आप इसे अपनी आंखों के अंदरूनी कोनों पर भी लगा सकते हैं।

ब्रिक हाइलाइटर
ब्रिक हाइलाइटर सभी प्रकार की त्वचा के लिए एकदम सही है। यह हाइलाइटर भी पाउडर आधारित होता है, जिसमें छोटे-छोटे चमकीले कण होते हैं और प्रत्येक रंग के लिए अलग-अलग पंक्तियां होती हैं। आप अपने कस्टम हाइलाइटर रंग बनाने के लिए अलग-अलग रंगों को एक साथ मिला सकते हैं या इसे अलग से एक ब्रोंजर या ब्लश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे बतौर आईशैडो भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
 

स्वास्थ के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है बर्फ वाला पानी पीना, होते हैं ये नुकसान..

स्वास्थ के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है बर्फ वाला पानी पीना, होते हैं ये नुकसान..

गर्मियों के मौसम में लोग ठंडा पानी पीना पसंद करते है। कुछ लोग तो पानी में बर्फ डालकर पीते हैं। भले ही आपको गर्मी में ठंडा बर्फ वाला पानी पीकर राहत मिलती है लेकिन ये आपके स्वास्थ के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं हैं। पानी जब बहुत ठंडा होता है तो थोड़े से पानी से ही आपको ऐसा महसूस होगा, जैसे बहुत ज्यादा पानी पी लिया हो। यह आपकी प्यास पर कंट्रोल लगा देता है। इससे आपके शरीर में पानी की मात्रा भी कम होती है। डॉक्टर की मानें तो हमे हमेशा 20 से 22 डिग्री टेम्प्रेचर वाला पानी ही पीना चाहिए। बर्फ वाला या ठंडा पानी पीने से आपको पेट से जुड़़ी कई सारी परेशानियां जैसे पेट दर्द, खाना पचने में दिक्कत हो सकती है। अगर आप ज्यादा ठंडा पानी पीते हैं तो इससे कई बार नर्व ठंडी होकर आपके हार्ट रेट को धीमी कर देती है। आज हम आपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको विस्तार से बताने जा रहे कि अगर आप नियमित तौर पर ठंडा पानी पीते है तो सेहत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं....
पाचन तंत्र को नुकसान
ठंडा पानी पीने से पाचन तन्त्र को नुकसान पहुंचता है। क्योंकि ठंडे पीने से ब्लड सेल्स सिकुड़ जाती हैं। इससे डाइजेशन धीमा पड़ जाता है। डाइजेशन ठीक से नहीं होता इसलिए खाने के पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं या शरीर द्वारा अवशोषित नहीं किए जाते।

बॉडी हाइड्रेट नहीं रहती
बर्फ का पानी ठीक तरह से बॉडी को हाइड्रेट नहीं कर पाता है। कभी भी खाने के तुरंत बाद बर्फ वाला पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

पोषक तत्वों का खत्म हो जाना
शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है और जब आप कोई ठंडी चीज पीते हैं तो उसके तापमान को नियमित करने के लिए आपके शरीर को कुछ ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। वरना इस उर्जा का उपयोग भोजन के पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए होता है। यही कारण है कि ठंडा पानी पीने से आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

माइग्रेन
माइग्रेन वाले लोगों को बर्फ का पानी पीना ज्यादा तकलीफ दे सकता है। जब आप ठंडा पानी पीते हैं तो यह आपके नाक और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को ब्लॉक कर देता है। जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ा देता है।

मोटापा
हर वक्त बर्फ वाला पीने से शरीर में मौजूद फैट बर्न नहीं हो पाते है जिसकी वजह मोटापा बढऩे लगता है और वजन कम करने में परेशानी होती है।

गला खराब
ठंडा पानी पीने से आपके श्वसन तंत्र में म्युकोसा बन सकता है जो श्वसन तंत्र की सुरक्षात्मक परत होती है। जब यह परत सिकुड़ जाती है तो आपका श्वसन तंत्र अनावृत हो जाता है और इंफेक्शन की चपेट में आ जाता है। इसी कारण गला खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।

हार्ट रेट को कम करता है
बर्फ का पानी या ठंडा पानी पीने से आपका हार्ट रेट कम हो सकता है। रिसर्च से पता चला है कि ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। वेगस तंत्रिका 10 वीं कपाल तंत्रिका है और यह शरीर के स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करती है। वेगस तंत्रिका हार्ट रेट को कम करने में मध्यस्थता करती है और ठंडा पानी इस तंत्रिका को उत्तेजित करता है जिसके कारण हार्ट रेट कम हो जाता है।

 

लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने के पांच फायदे...

लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने के पांच फायदे...

प्लास्टिक की कंघी से बाल करने से बहुत बाल टूटते हैं और इससे स्कैल्प का प्राकृतिक तेल भी प्रभावित होता है। यही वजह है कि हेयर केयर एक्सपर्ट्स लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह स्कैल्प को पोषित करने के साथ-साथ सिर के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर रखने में भी सहायक है। इसके अतिरिक्त, यह पर्यावरण के भी अनुकूल है। आइए आज हम आपको लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने के पांच फायदे बताते हैं।
डैंड्रफ को कम करने में है सहायक
प्लास्टिक या फिर किसी भी अन्य धातु की कंघी आपके स्कैल्प पर रूखापन बढ़ाकर डैंड्रफ की समस्या पैदा कर सकती है, जो आपके बालों के लिए नुकसानदायक है। हालांकि, लकड़ी की कंघी स्कैल्प की प्राकृतिक तेल को नुकसान पहुंचाए बिना कोमलता से अपना काम करती है, जिससे डैंड्रफ भी नहीं होता। दरअसल, यह आपके स्कैल्प पर तेल उत्पादन को उत्तेजित करती है और स्कैल्प पर तेल के खराब फैलाव को रोकती है, जो

डैंड्रफ को दूर रखने में मददगार है।
बालों का झडऩा होगा खत्म
प्लास्टिक की कंघी फेराते समय बाल काफी ज्यादा खींचते हैं, जिससे बालों के झडऩे की संभावना बढ़ जाती है। खासकर, अगर बाल में लगी किसी गांठ को सुलझाना हो तो बाल काफी ज्यादा झड़ते हैं। हालांकि, लकड़ी की कंघी से ऐसा कुछ नहीं होता है। यह आपके बालों को बिना खींचे आसानी से उन्हें सुलझा सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी हेयर केयर किट में प्लास्टिक की बजाय लकड़ी की कंघी को शामिल करें।

ग्रेसी बालों से मिलेगा छुटकारा
जो लोग ग्रेसी बालों की समस्या का सामना करते हैं तो वे इससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह के महंगे-महंगे हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगते हैं, फिर भी उन्हें मनचाह परिणाम नहीं मिल पाता। हालांकि, लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने से आपकी यह समस्या खत्म हो सकती है क्योंकि यह कंघी स्कैल्प के सीबम के उत्पादन को नियंत्रित करती है, जिससे आपके बाल ग्रेसी नहीं होते हैं।

स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन होगा बेहतर
प्लास्टिक की कंघी बालों के लिए कठोर होती है, जबकि लकड़ी की कंघी कोमलता से बालों को सुलझाने में मदद करती है और इनकी गुणवत्ता में भी सुधार करती है। लकड़ी की कंघी कार्बन आधारित होती हैं, जो स्कैल्प की मालिश करने में मदद करती है और इससे खरोंच या जलन जैसी समस्याएं नहीं होती है। इस वजह से लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में काफी मदद कर सकती है।

स्कैल्प को किसी भी एलर्जी से बचाने में है सहायक
लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करना हर तरह के बालों के लिए सुरक्षित है। भले ही आपका स्कैल्प संवेदनशील प्रकार की ही क्यों न हो। प्लास्टिक या अन्य धातु की कंघी कभी-कभी खोपड़ी पर एलर्जी या जलन पैदा कर सकती है, जबकि लकड़ी की कंघी से ऐसा कुछ नहीं होता। प्राकृतिक घटकों से बनी लकड़ी की कंघी पर एक सुरक्षात्मक कोटिंग होती है, जो आपकी खोपड़ी को एलर्जी या किसी भी जलन से बचाती है।
 

कभी ऐसे न करें विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल वरना खराब हो जाएगा चेहरा...

कभी ऐसे न करें विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल वरना खराब हो जाएगा चेहरा...

हर महिला, हर लड़की की ख्वाहिश होती है कि उसकी स्किन ग्लोइंग दिखे और वह लंबे समय तक जवान दिखती रहे। जी हाँ और इसके लिए अधिकतर महिलाएं स्किन केयर रूटीन फॉलो करती हैं। कई लडकियां और महिलाएं बाजार में मिलने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, जिन्हें काफी हद तक केमिकल्स से बनाया जाता है। इनकी तरफ से बेहतर निखार और शाइनी स्किन के लिए दावा किया जाता है, हालाँकि वह सब कुछ समय के लिए ही होता है। इस लिस्ट में विटामिन ई कैप्सूल भी शामिल है जिसे लोग लगाते हैं लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं इसे कैसे भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना है।
सीधे स्किन पर लगाना
कई लोग विटामिन ई कैप्सूल को सीधे चेहरे पर लगाने की गलती कर देते हैं। हालाँकि ऑयली स्किन वालों को ये तरीका बिल्कुल नहीं अपनाना चाहिए। जी दरअसल स्किन स्पेशलिस्ट के मुताबिक ऐसा करने से स्किन पर पिंपल्स निकल सकते हैं। आप इसे स्किन टाइप के हिसाब से दूसरे ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मिलाकर लगा सकते हैं।
ज्यादा देर लगाना
विटामिन ई कैप्सूल को कई चीजों के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाया जा सकता है, हालाँकि एलोवेरा जेल और इससे बेस्ट रिजल्ट पाए जा सकते हैं। इसके लिए आप इन दोनों इंग्रेडिएंट्स को लगाएं, लेकिन इसे ज्यादा देर तक स्किन पर लगाए न रखें। इससे स्किन पर कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, जिसमें ड्राईनेस का होना आम बात है।
फेसपैक
कई लोग फेस पैक के जरिए ग्लोइंग स्किन पाने के लिए इसमें विटामिन ई कैप्सूल जरूरत से ज्यादा मिला देते हैं। हालाँकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक बार के फेस पैक में एक कैप्सूल काफी होती है। लेकिन हां अगर आप बालों में इसका यूज कर रही हैं, तो दो कैप्सूल काम में ले सकती हैं।
गर्म करने की भूल
स्किन या हेयर केयर में किसी भी तरह का एक्सपेरिमेंट अच्छा नहीं माना जाता है। हालाँकि विटामिन ई कैप्सूल को गर्म करके लगाने से स्किन पर पिंपल्स या रैशेज की दिक्कत हो सकती है। ऐसा न करें।
 

च्विंगम चबाने से होते हैं लाजवाब फायदे...

च्विंगम चबाने से होते हैं लाजवाब फायदे...

अक्सर आपको लोग च्विंगम चबाते होंगे या आपको ऐसे लोग दिख जाते होंगे जो च्विंगम चबाते होंगे। जी दरअसल च्विंगम चबाने से मसूड़ों और सिर पर काफी प्रभाव पड़ता है। कई लोग खाली समय चुइंगम चबाना या किसी काम को करते वक्त चुइंगम चबाना पसंद करते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं च्विंगम चबाने के फायदे।
च्विंगम चबाने के फायदे
जी दरअसल लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार दोपहर का खाना खाने के बाद जो लोग च्विंगम चबाते हैं, उन्हें पूरे दिन भूख कम लगती है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा वह लोग अधिक कैलोरी वाले खाने-पीने के सामान को खाने से बचते हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश साइंसेज इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर एंड्रयू शोले का कहना है कि च्विंगम चबाने से शॉर्ट टर्म मेमोरी की समस्या में 35 प्रतिशत से अधिक का सुधार होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि च्विंगम चबाने के दौरान दिमाग में खून का प्रवाह भी अच्छे से होता है।

पाचन क्रिया भी बेहतर
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार च्विंगम चबाने से तनाव कम होता है। केवल यही नहीं बल्कि लोग इसे चबाने के समय घबराहट महसूस नहीं करते। जी दरअसल च्विंगम चबाने के दौरान मुंह में थूक अधिक आता है। यह डायजेस्टिव एसिड को पेट से मुंह में आने से रोकता है। जी हाँ और यही कारण है कि खाना आसानी से पच जाता है और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।

डबल चिन से रहत

कई लोग ओरल हेल्थ को लेकर भी बहुत परेशान रहते हैं। वहीं च्विंगम चबाने से दांतों की सडऩ व मुंह से बुरी दुर्गंध समाप्त हो जाती है। इसके अलावा ऊपर से दांत भी साफ रहते हैं। वहीं जिन लोगों को डबल चिन होती है यानि गले के पास मोटापा दिखने लगता है, उनके लिए चुइंगम चबाना एक्सरसाइज जैसा है।
 

घर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं फेस प्राइमर, जानिए पांच तरीके...

घर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं फेस प्राइमर, जानिए पांच तरीके...

फेस प्राइमर एक मेकअप प्रोडक्ट है, जो आपकी त्वचा और मेकअप के बीच एक सुरक्षित परत कायम करता है। यह चेहरे पर किए गए मेकअप को लंबे समय तक ठीक रखने और त्वचा को हाइड्रेट करने में भी काफी मदद कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप बिना पैसे खर्च किए फेस प्राइमर चाहते हैं तो आप इसे खुद ही घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए फिर आज पांच तरह के फेस प्राइमर बनाने के तरीके जानते हैं।

एलोवेरा और ग्लिसरीन से बनाए फेस प्राइमर
अगर आपकी त्वचा रूखे प्रकार है कि आपके लिए एलोवेरा और ग्लिसरीन से बना फेस प्राइमर इस्तेमाल करना लाभदायक साबित हो सकता है क्योंकि यह त्वचा को तरोताजा और हाइड्रेट बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके लिए सबसे पहले एक मेकअप कंटेनर में ताजा एलोवेरा जेल और ग्लिसरीन की बराबर मात्रा मिलाएं, फिर इसमें थोड़ा फेस सीरम मिलाएं और इस मिश्रण का इस्तेमाल बतौर फेस प्राइमर करें।

ग्लिसरीन, विच हेजल और टी ट्री ऑयल का फेस प्राइमर
यह फेस प्राइमर तैलीय प्रकार की त्वचा वालों के लिए परफेक्ट है क्योंकि टी ट्री ऑयल त्वचा के अतिरिक्त तैलीय उत्पादन को सोखने में मदद करता है और आपके चेहरे को चिकना होने से रोकता है, जबकि विच हेल ऑयल त्वचा को हाइड्रेट करता है। फेस प्राइमर बनाने के लिए सबसे पहले एक स्प्रे बोतल को डिस्टिल्ड वॉटर से भरें, फिर इसमें विच हेजल ऑयल, ग्लिसरीन और टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं। बस आपका फेस प्राइमर तैयार है।

अलसी और अरारोट पाउडर का फेस प्राइमर
यह फेस प्राइमर आपकी त्वचा को हाइड्रेट करने और प्राकृतिक चमक देने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह आपकी त्वचा के पीएच स्तर को भी संतुलित करता है और त्वचा की लोच में सुधार करता है। फेस प्राइमर बनाने के लिए अलसी के बीज को गर्म पानी में मिलाएं, फिर इसे ठंडा होने दें और पेस्ट को छान लें। अब इसमें थोड़ा अरारोट पाउडर मिलाकर इस मिश्रण को इस्तेमाल से पहले कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रखें।

गुलाब जल का फेस प्राइमर
गुलाब जल से बना फेस प्राइमर आपकी त्वचा को गुलाबी चमक देगा और आपके मेकअप को भी लंबे समय तक बनाए रखेगा। वहीं, इससे आपकी त्वचा को ठंडक और नमी मिलेगी। फेस प्राइमर बनाने के लिए एक स्प्रे बोतल को आधा ताजे गुलाब जल से भरें, फिर इसमें ग्लिसरीन और एलोवेरा जेल मिलाएं और जब भी आप मेकअप के दौरान फाउंडेशन लगाने वाले हो, उससे पहले इस प्राइमर का अपने चेहरे पर छिड़काव करें।

समुद्री नमक और नारियल के तेल का फेस प्राइमर
समुद्री नमक एक बेहतरीन एक्सफोलिएंट के रूप में कार्य करके आपकी त्वचा से कई तरह की अशुद्धियां खत्म कर सकता है और इसमें मौजूद खनिज आपकी त्वचा को कोमल और मुलायम बनाते हैं, जबकि नारियल का तेल त्वचा को मॉइश्चराइज करने में सहायक है। फेस प्राइमर बनाने के लिए एक स्प्रे बोतल में थोड़ा गर्म पानी, समुद्री नमक, एलोवेरा जेल, लैवेंडर का तेल और नारियल का तेल डालें और बोतल को अच्छी तरह हिलाएं, फिर इसका इस्तेमाल करें।

 

कई तरह के होते हैं फेस पाउडर, जानिए आपको कौन सा चुनना चाहिए...

कई तरह के होते हैं फेस पाउडर, जानिए आपको कौन सा चुनना चाहिए...

फेस पाउडर एक तरह का मेकअप प्रोडक्ट है, जिसका इस्तेमाल मेकअप को सेट करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसकी मदद से मुंहासों और महीन रेखाओं को भी छिपाने में मदद मिलती है। वैसे बाजार में पांच तरह के फेस पाउडर मौजूद हैं और अगर आपको नहीं पता कि इनमें से कौन-सा आपकी त्वचा के लिए बेहतरीन हैं तो परेशान न होइए। आइए जानते हैं कि किस तरह का फेस पाउडर आपकी त्वचा के लिए बेहतरीन है।

लूज पाउडर
लूज पाउडर आमतौर पर एक छोटे कंटेनर में आते हैं, जो हल्का कवरेज और प्राकृतिक फिनिश लुक देता है और आपके मेकअप को लंबे समय तक बरकरार रखने में मदद करता है। यह अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करने में मदद करता है और मेकअप को मैट और फ्रेश लुक देता है। अगर आपकी त्वचा तैलीय या फिर मिश्रित प्रकार की है तो आपके लिए लूज पाउडर का इस्तेमाल करना अच्छा है।

प्रेस्ड पाउडर
प्रेस्ड पाउडर आसानी से इस्तेमाल करने के लिए एक नरम स्पंज के साथ कॉम्पैक्ट के रूप में आते हैं। यह पाउडर लूज पाउडर की तुलना में अधिक पिगमेंटेड होते हैं। इनमें आमतौर पर मोम और सिलिकॉन जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो एक थोड़े ठोस रूप में बदल जाते हैं। प्रेस्ड पाउडर अच्छा कवरेज प्रदान करते हैं और बिना मेकअप बेस के भी आप इसका इस्तेमाल अपने चेहरे पर कर सकते हैं।

बनाना पाउडर
बनाना पाउडर मेकअप की दुनिया में नया है। यह एक पीले रंग का टोंड पाउडर है, जो अल्ट्रा-फाइन स्थिरता में आता है। यह आपके कंसीलर को सेट करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह त्वचा पर आई किसी भी तरह की लालिमा को ठीक करता है। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है, जिनके चेहरे पर दाग-धब्बे और काले घेरे हैं। यह त्वचा को एक अच्छी हाइलाइटिंग बनावट देगा और मेकअप को भी लंबे समय तक बनाए रखेगा।

मिनरल पाउडर
लूज और प्रेस्ड, दोनों रूपों में उपलब्ध मिनरल पाउडर छोटे सूक्ष्म कणों से बने होते हैं, जिनमें कोई सिंथेटिक तत्व नहीं होते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ये पाउडर चेहरे पर एक सुरक्षित परत बनाता है और एक अच्छा कवरेज प्रदान करता है। आजकल बाजार में मिनरल पाउडर हर तरह की त्वचा के लिए मौजूद है, इसलिए आप अपनी त्वचा के प्रकार और इसकी जरूरत के हिसाब से ही मिनरल पाउडर का चयन करें।

पाउडर फाउंडेशन
अगर आपकी त्वचा तैलीय प्रकार की है तो आपके लिए पाउडर फाउंडेशन का इस्तेमाल करना अच्छा है। इसका मुख्य कारण है कि यह कई घंटों तक चेहरे के अतिरिक्त तैलीय प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिस वजह से मेकअप के फैलने की संभावना काफी कम हो जाती है। वहीं, इससे आपको मैट फिनिश मेकअप लुक मिलता है। हालांकि, इसके लिए एक अच्छा गुणवत्ता वाला पाउडर फाउंडेशन ही खरीदें।
 

हाथों की ड्रायनेस दूर करेंगे, ये 4 हैंड स्क्रब्स...

हाथों की ड्रायनेस दूर करेंगे, ये 4 हैंड स्क्रब्स...

हाथ धोना एक अच्छी आदत है और कोरोना महामारी ने तो इस बात को और अच्छी तरह से समझा दिया है। बार-बार हाथ धोने से जर्म्स और बैक्टीरिया भले ही खत्म हो जाएं लेकिन इससे हाथ भी बहुत ज्यादा रूखे हो जाते हैं। जिससे बहुत इरीटेशन होती है। तो हाथों की ड्रायनेस दूर करने से लेकर उनकी गहराई से सफाई और नमी बनाए रखने के लिए इन हैंड स्क्रब्स का करें इस्तेमाल।
1. नींबू और चीनी
नींबू और चीनी के स्क्रब के फायदे कई मायनों में अद्भुत हैं। नींबू में विटामिन सी का एक प्राकृतिक स्त्रोत है। चीनी एक प्राकृतिक एक्सफोलिएटर है जो डेड स्किन सेल्स को आसानी से हटा देता है।
पैक बनाने के लिए सामग्री
85 ग्राम चीनी, 32 ग्राम नारियल या जैतून का तेल, 1 नींबू का रस
विधि
*एक कटोरी में चीनी और नींबू का रस मिलाएं।
*इस मिश्रण को हाथों पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करते हुए रगड़ें।
*अब पानी से धोकर हैंड क्रीम लगाएं।

2. एवॉकाडो हैंड मास्क
एवॉकाडो बायोटिन का स्त्रोत है, जो शुष्क त्वचा और नाखूनों को नर्म बनाने में मदद करता है। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो हाइड्रेट और एक्सफोलिएट करता है जबकि ऑलिव ऑयल कंडिशनिंग करता है।
पैक बनाने के लिए सामग्री
1 पका हुआ एवॉकाडो, 2 टेबलस्पून रॉ शहद, 1 टेबलस्पून जैतून का तेल, 2 टीस्पून दही
विधि
*एक ब्लेंडर में सारी चीज़ों को ब्लेंड कर लें।
*इस मिश्रण को हाथों पर लगाएं। इस पैक को लगाने के बाद 10-20 मिनट के लिए ग्लव्स पहनकर छोड़ दें। धो लें और फिर हैंड क्रीम लगाएं।

3. दलिया और एलोवेरा
दलिया, नारियल तेल और एलोवेरा जेल का मिश्रण त्वचा के लिए एक मॉयस्चराइजिंग के तौर पर काम करता है। इसे हाथों के लिए बेस्ट एक्सफोलिएटर माना जाता है।
पैक बनाने के लिए सामग्री
ग्राम दलिया, ग्राम मोटा समुद्री नमक, ग्राम नारियल तेल, टेबलस्पून एलोवेरा जेल
विधि
*एक बोल में सारी चीज़ें मिलाएं।
*हाथों पर लगाएं और 2-3 मिनट के लिए सर्कुलर मोशन में धीरे से स्क्रबिंग करें।
*नॉर्मल पानी से धो लें और फिर मॉयस्चराइजर लगा लें

4. कोकोनट ऑयल
नारियल का तेल अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, जो त्वचा के प्राकृतिक पीएच स्तर को सुधारने में सहायक होता है। इसके रोजाना इस्तेमाल का असर आपको कुछ ही समय में नजर आने लगेगा।
पैक बनाने के लिए सामग्री
1 चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल, 1 टेबलस्पून नारियल का बुरादा
विधि
*तेल में नारियल का बुरादा मिलाकर हाथों और क्यूटिकल्स पर रगड़ें।
*लगाने के बाद हाथों को तौलिए या किसी कपड़े से लपेट लें और पांच मिनट रखें।
*फिर हैंड वॉश कर लें और क्रीम लगा लें।

सुबह के समय चलाएं साइकिल, जानें क्या है इसके फायदे...

सुबह के समय चलाएं साइकिल, जानें क्या है इसके फायदे...

स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कुछ लोग फिट रहने के लिए व्यायाम की बजाय साइकिल जैसी एक्टिविटी करते हैं।
आपने भी अपने जीवन में कभी न कभी साइकिल जरूर चलाई होगी और आप यह भी जानते हैं कि यह एक अच्छा व्यायाम है। लेकिन साइकिल चलाने से मिलने वाले लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीका होना बेहद जरूरी है। आज विश्व साइकिल दिवस के मौके पर हम साइकिल चलाने का सही तरीका और उससे मिलने वाले फायदों के बारे में जानेंगे।

साइकिल चलाने का सही तरीका
1. धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं-
साइकिल चलाना शुरू करते हुए उसे दौड़ाना शुरू न करें बल्कि धीरे-धीरे उसकी तीव्रता को बढ़ाएं। कम से कम 200 से 300 मीटर की दूरी तक रिलैक्स होकर साइकिल चलाएं।

2. दोनों पैरों की पोजीशन का ध्यान रखें-
यह ध्यान रखें कि आपके दोनों पैर पैडल पर समान पोजीशन पर ही रखे गए हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पैडल पर पैर का पंजा या एड़ी न रखें। बल्कि पंजे से ठीक पिछला हिस्सा पैडल पर रखें

3. आगे की तरफ न झुकें-
साइकिल चलाते समय आगे की तरफ झुकने की कोशिश न करें बल्कि यह ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ की हड्डी में ज्यादा मोड़ तो नहीं आया है। हालांकि, आप थोड़ा सा आगे की तरफ मुड़ सकते हैं, लेकिन पूरी तरह कमर मोड़ कर रखना रीढ़ की हड्डी को परेशान कर सकता है।

4. हैंडल को जोर से न पकड़ें-
साइकिल चलाते समय आपको यह ध्यान रखना है कि आप हैंडल को रिलैक्स होकर पकड़ रहे हैं। हालांकि, अगर आप स्पीड से साइकिल चला रहे हैं, तो हैंडल को इतना हल्के से भी पकडऩा नहीं चाहिए।

साइकिल चलाने के फायदे
वैसे तो आप साइकिल किसी भी समय चला सकते हैं और उसके फायदे भी ले सकते हैं। लेकिन सुबह के समय साइकिलिंग करने के अपने अलग ही फायदे होते हैं। सुबह के समय साइकिल चलाने के प्रमुख फायदों में निम्न शामिल हैं-

1. शरीर फिट रहता है-
अगर आप फिट रहना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह के समय कम से कम 30 मिनट साइकिल चलाना शुरू करें। इससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे अपने आप गायब होना शुरू हो जाएगी।

2. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है-
सुबह के समय साइकिल चलाते समय आपको ताजी हवा मिलती है, जिसे मन अच्छा होता है। साथ ही डिप्रेशन जैसी समस्याओं को भी सुबह के समय साइकिलिंग करके दूर किया जा सकता है।

3. मांसपेशियां मजबूत होती हैं-
अच्छी मस्कुलर बॉडी चाहिए तो रोजाना सुबह के समय कम से कम 40 मिनट तक साइकिल चलाएं। साइकिल चलाने से शरीर की कई मांसपेशियों में खिंचाव आता है और वे मजबूत बनती हैं।

4. पाचन क्रिया तेज होती है-
साइकिल मांसपेशियों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। अगर आपको पेट में गैस, बदहजमी, दस्त या कब्ज आदि में से कोई भी समस्या महसूस हो रही है, तो आपको रोज सुबह उठकर साइकिलिंग करने की आदत डाल लेनी चाहिए।
 

 फटी एडिय़ों में वैसलीन के साथ मिलाकर रातभर लगे रहने दे यह चीज, सुबह होगा चमत्कार..

फटी एडिय़ों में वैसलीन के साथ मिलाकर रातभर लगे रहने दे यह चीज, सुबह होगा चमत्कार..

फटी एडिय़ों की समस्या आज के समय में हर किसी को परेशां करती है। हालाँकि इसके लिए नींबू रामबाण है। जी हाँ, आप इसके इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में फटी एडिय़ों की परेशानी को दूर कर सकते हैं। आप सभी को बता दें कि नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फटी एडिय़ों की परेशानी को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। इसी के साथ ही यह एडिय़ों में सूजन, दरारों को कम कर सकता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं फटी एडिय़ों के लिए नींबू के फायदों के बारे में और इसका इस्तेमाल कैसे करना है।

रातभर मोजे में नींबू रखकर सोएं
अगर आप काफी दिनों से फटी एडिय़ों की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो यह नुस्खा काम का है। इसके लिए आपको 1 नींबू के छोटे से टुकड़े को मोजे में डालकर पहनकर सोने की जरूरत है। वहीं रातभर मोजे में मौजूद नींबू आपके पैरों को मॉइश्चराइज कर सकता है और इससे आपके पैरों में नमी बनी रहेगी, जो पैरों के रूखेपन को दूर कर सकता है। वैसे आप चाहे तो मोजे में नींबू डालने से पहले इसे अपने तलवों पर रगड़ लें।

नींबू और पेट्रोलियम जेली
जी दरअसल इन दोनों का मिश्रण आपके पैरों को सॉफ्ट कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए रात में सोने से पहले नींबू और पेट्रोलियम जेली का मिश्रण तैयार कर लें। उसके बाद इस मिश्रण को सोने से पहले अपने पैरों पर लगा लें। वहीं सुबह उठकर अपने पैरों को धो लें। जी दरअसल नियमित रूप से इस तरह पैरों में नींबू लगाने से फटी एडिय़ों की परेशानी दूर हो सकती है।

सीधेतौर पर एडिय़ों में रगड़े नींबू
रात में सोने से पहले नींबू के रस को अपनी एडिय़ों पर रगड़ें। आप सुबह उठकर अपने पैरों को गर्म या गुनगुने पानी से अच्छी तरह से धो लेंक्योंकि नियमित रूप से ऐसा करने से आपके पैरों की खूबसूरती बढ़ेगी।

नारियल तेल और नींबू
इसको इस्तेमाल करने के लिए रात में सोने से पहले नारियल तेल में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिक्स कर लें और अब इस मिश्रण को अपने पैरों पर रगड़ लें। उसके बाद पैरों की हल्की सी सिंकाई करें, ऐसा करने से कुछ समय तक पैरों की मसाज करने से थकान कम होगी और इसके बाद मोजे पहनकर सो जाएं। वहीं सुबह उठकर पैरों को गुनगुने पानी से धो लें। इससे आपके पैर सॉफ्ट होंगे और फटी एडिय़ों की परेशानी दूर होगी।
 

इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ...

इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ...

कई लोग अपने दिन की शुरूआत चाय और कॉफी से करना पसंद करते हैं। खासकर, चाय में तो कई तरह के फ्लेवर मौजूद हैं। किसी को ग्रीन टी पसंद है तो कोई कड़क चाय या नींबू की चाय का जायका लेना पसंद करता है। वहीं, इलायची की चाय पीने वालों की भी कमी नहीं है क्योंकि इस चाय का सेवन कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में सक्षम है। आइए इस चाय को बनाने का तरीका और इसके फायदे जानें।

इलायची की चाय बनाने का तरीका
सामग्री: तीन-चार हरी इलायची या आधा चम्मच हरी इलायची का पाउडर, एक कप पानी, एक चौथाई चम्मच चायपत्ती, थोड़ा सा दूध (वैकल्पिक) और शहद (स्वादानुसार)। चाय बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पैन में पानी को गर्म करें, फिर उसमें चायपत्ती डालें और जब पानी में उबाला आ जाए तो कूटी हरी इलायची या फिर हरी इलायची का पाउडर और दूध डालकर फिर से उबालें। अब चाय को एक कप में छानकर डालें और इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

पाचन को दुरुस्त रखने में है सहायक
इलायची की चाय का सेवन पाचन क्रिया के लिए बहुत फायदेमंद होती है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इलायची की चाय पाचन एंजाइम को उत्तेजित करके पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही यह कब्ज, डायरिया, अपच और गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का भी काम कर सकती है। इसके लिए बस रोजाना एक कप इलायची की चाय का सेवन करना सुनिश्चित करें।

हृदय के स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक
एक शोध के अनुसार, इलायची की चाय में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट धमनियों के सेल्स से कोलेस्ट्रॉल को हटाकर हृदय को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ये धमनियों के सख्त होने और इससे होने वाली समस्या एथेरोस्क्लेरोसिस से भी निजात दिलाने में सहायक हैं। एक अन्य शोध के मुताबिक, इलायची की चाय का सेवन हृदय में रक्त संचार में सुधार लाता है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है।

सर्दी और खांसी से मिलेगी जल्द राहत
मौसम में बदलाव के कारण सर्दी और खांसी जैसी समस्याएं होना सामान्य बात है, लेकिन ये काफी परेशान कर देती हैं, इसलिए इनसे जल्द राहत पाना जरूरी है। आप चाहें तो सर्दी और खांसी के उपचार के लिए इलायची की चाय का सेवन कर सकते हैं। कई अध्ययन के मुताबिक, इलायची की चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो इन समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हैं।

ताजा सांस के लिए करें इस चाय का सेवन
इलायची की चाय में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह के कीटाणुओं को दूर कर मुंह की बदबू से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, इलायची की चाय में मौजूद मेंथॉल प्रभाव की वजह से ताजगी का अहसास भी होता है। आप चाहें तो माउथ फ्रेशनर के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं। इन्हीं फायदों की वजह से इलायची की चाय का सेवन मुंह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है।