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सरकार कोविड से जान गंवाने वालों के परिवारों की मदद को तैयार नहीं, यह क्रूरता है : राहुल

सरकार कोविड से जान गंवाने वालों के परिवारों की मदद को तैयार नहीं, यह क्रूरता है : राहुल

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने में केंद्र द्वारा असमर्थता जताए जाने को लेकर सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार की क्रूरता है। उन्होंने ट्वीट किया, जीवन की क़ीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवज़ा सिर्फ़ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार यह भी करने को तैयार नहीं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आंकड़े और ऊपर से सरकार की यह क्रूरता...। गौरतलब है कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे केजरीवाल का `गो बैक` के नारे से हुआ स्वागत

अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे केजरीवाल का `गो बैक` के नारे से हुआ स्वागत

अमृतसर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल आज अमृतसर पहुंच गए हैं। केजरीवाल के अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचते ही कांग्रेस कार्यकर्ता `गो- बैक` का नारा लगाने लगे। पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता विवान खुराना और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। साथ ही देर रात पंजाब में यूथ कांग्रेस के सौरव मदान ने पूरे शहर में केजरीवाल `गो- बैक` की होल्डिंग लगवा दी।

बीता ढाई साल, प्रदेश हुआ बदहाल : साय

बीता ढाई साल, प्रदेश हुआ बदहाल : साय

रायपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए है, कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ढाई साल पूरा कर चुकी है। पूरे प्रदेश में हर वर्ग के हालत बदहाल हैं। किसान से लेकर युवा और महिलाओं को इस सरकार ने छला है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के पास किसी मसले पर ज़वाब नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय संगठन तय कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके साथ ही प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई।  

महिला कांग्रेस ने बढ़ती महगाई पर केंद्र के खिलाफ किया प्रदर्शन

महिला कांग्रेस ने बढ़ती महगाई पर केंद्र के खिलाफ किया प्रदर्शन

धमतरी । बढ़ती मंहगाई पर केंद्र सरकार के खिलाफ ब्लॉक महिला कांग्रेस धमतरी शहर अध्यक्ष वीणा देवांगन के नेतृत्व में प्रदर्शन किया ।
रसोई गैस सिलेंडर को सामने रखकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन हुआ। वीणा देवांगन ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामो में बढ़ोतरी कर आम जनता की कमर तोड़ रखी है। आलम यह है कि लोग एकबार फिर लकड़ी जलाकर खाना पकाने को मजबूर हो रहे हैं। मंहगाई बढने से सीधे आम जनता के जेब में डाका डाला जा रहा है। महिलाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर कहा कि बहुत हुआ अत्याचार महगाई कम करो मोदी सरकार। इस अवसर पर ऋतु, संतोषी, नीरू, आशमा बानो, हाशिम अली, अब्दुल, बसन्त सहित वार्डवासी उपस्थित रहे।
 

दिल्ली दौरे पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन, नड्डा की बैठक में होंगे शामिल...

दिल्ली दौरे पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन, नड्डा की बैठक में होंगे शामिल...

रायपुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह रविवार को दिल्ली दौरे पर रवाना हुए। डॉ. रमन इस दौरान पार्टी आलाकमान जेपी नड्डा से मिलेंगे। जेपी नड्डा ने पार्टी के सभी राष्ट्रीय उपाध्यक्षों की एक बैठक बुलाई है। यह बैठक दोपहर 3 बजे से शुरू होगी। बैठक में पार्टी की आगामी कार्य योजना पर चर्चा हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव की सुगबुगाहट के बीच छत्तीसगढ़ के चार चेहरों में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है। वर्तमान में आदिवासी वर्ग की रेणुका सिंह केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। चर्चा है कि रेणुका सिंह को रिप्लेस कर छ्त्तीसगढ़ से किसी नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है।
पिछड़ा वर्ग से विजय बघेल, सुनील सोनी, सामान्य वर्ग से सरोज पाण्डेय, संतोष पाण्डेय और अनुसूचित जाति से गुहाराम अजगले के नाम की चर्चा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का कहना है कि ये पूरी तरह से पार्टी हाईकमान का मामला है, लेकिन छ्त्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
 

छतीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतो को लेकर भाजपा पर किया हमला

छतीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतो को लेकर भाजपा पर किया हमला

रायपुर: छतीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने पेट्रोल-डीजल की मनमानी मूल्यवृद्धि को लेकर कांग्रेस के धरना प्रदर्शन पर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की अनर्गल टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा। पेट्रोल-डीजल की कीमतें 100 रूपए के पार पहुचने का कारण मोदी सरकार से एक्साइज ड्यूटी में लगातार बढ़ोत्तरी किया जाना है।


पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित सारे भाजपा नेता, केंद्र की मनमानी एक्साइज ड्यूटी से ध्यान भटकाने के लिए हमेशा राज्यों को सलाह देते हैं कि वे वेट की दरों में कमी करें। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लगातार यह झूठ बोलते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मूल्यों के आधार पर पेट्रोल- डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। असलियत यह है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यू.पी.ए सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर से 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुच गई थी, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर, पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम लगायी थी। देश को पेट्रोल 74 और डीजल 58 रूपए प्रति लीटर में उपलब्ध कराया था।

 

मोदी सरकार के शपथग्रहण के तत्काल बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल गिरकर 44 डॉलर तक पहु गई थी जो आज 70 डॉलर तक ही है। लेकिन मोदी सरकार ने जनता को राहत देने के बजाए, एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से लूट का रास्ता खोज निकाला। पेट्रोल पर 2014 में एक्साइज ड्यूटी 9.48 रूपए प्रति लीटर थी, जो आज बढ़कर 33 रूपए हो गई है और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रू. से बढ़कर 32 रू. प्रति लीटर हो गई है। राज्यों में वेट पेट्रोल-डीजल के बेस प्राइस पर लगता है जिसमें कच्चे तेल की लागत, एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, कंपनी का लाभांश शामिल होता है। एक्साइज ड्यूटी में कमी किए जाने से बेस प्राइस भी कम हो जाएगी और उस पर लगने वाले वेट टैक्स की राशि भी स्वतः कम हो जाएगी। यह मूल्य निर्धारण की सामान्य प्रक्रिया है।


उन्होंने सेंट्रल एक्साइज से राज्य को मिलने वाले राजस्व के आरोप पर कहा कि श्री कौशिक को यह मालूम ही नहीं है कि मोदी सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स सहित अन्य 25 वस्तुओं पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को सेस में शामिल कर, राज्यों के राजस्व पर डाका डालने का काम किया है। यह संविधान और संघीय व्यवस्था पर सीधे हमला है।
उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ पेट्रोल-डीजल पर वेट कर की दरें देश के भाजपा शासित राज्यों से कमतर हैं। म.प्र. में आज पेट्रोल 107 रू. तथा डीजल 98 रू. प्रति लीटर मिल रहा है । जबकि छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल की प्रति लीटर दर 94 रूपए है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से सवाल किया है कि क्या वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने को कहने का साहस दिखाएंगे और म.प्र. के मुख्यमंत्री को सलाह देंगे कि वे म. प्र. में वेट की दरें छत्तीसगढ़ के समान रखें।


उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल, खाद्य तेल की महंगाई की मार से आम आदमी कराह रहा है और भाजपा नेताओं को आम जनता की भलाई से कोई सरोकार नहीं है। इसका स्पष्ट प्रमाण यह है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से 22 लाख करोड़ लूट लिए और कार्पोरेट घराने की कंपनियों के कार्पोरेट टैक्स में 10 प्रतिशत कमी कर, उन्हें 1,46,000 करोड़ रूपए का टैक्स बेनीफीट दिया।

प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर के नेताओ के साथ सर्वदलीय बैठक 24 को , कई मुद्दो पर हो सकती है चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर के नेताओ के साथ सर्वदलीय बैठक 24 को , कई मुद्दो पर हो सकती है चर्चा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 जून को दिल्ली में कश्मीरी नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसे कश्मीर में पॉलिटिकल प्रक्रिया की ओर बड़ी शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में कश्मीरी राजनीतिक दलों के गुपकार एलायंस ने कहा था कि वो केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।

माना जा रहा है कि डिलिमिटेशन की प्रकिया और राज्य में कराए जाने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चर्चा के लिए ये बैठक बुलाई गई है। असल में कश्मीर से अगस्त 2019 में जब आर्टिकल 370 को हटाया गया था तब मोदी सरकार पर ये आरोप लगा था कि ये फैसला बिना कश्मीरी दलों और नेताओं को भरोसे में लिए जबरन लिया गया था। इस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक इस सर्वदलीय बैठक के लिए नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन जैसे नेताओं को आज औपचारिक न्योता भी भेज दिया जाएगा। कश्मीरी नेताओं के साथ इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार सरकार के इस सर्वदलीय बैठक में शामिल होने न होने पर गुपकार एलायंस के नेता जल्दी ही फैसला करेंगे।

पंडित माधवराव सप्रे ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता को दी नई दिशा : भूपेश बघेल

पंडित माधवराव सप्रे ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता को दी नई दिशा : भूपेश बघेल

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के जनक और साहित्यकार पंडित माधवराव सप्रे की जयंती 19 जून पर उन्हें याद करते हुए कहा है कि सप्रे जी के रचनात्मक और मूल्यपरक लेखन ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता को एक नई दिशा दी है। उनके द्वारा रखी गई नींव पर ही आज छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता समृद्ध हो रही है। सन् 1900 में जब प्रकाशन के लिए पर्याप्त सुविधाएं और आधुनिक तकनीकी नहीं थी, उन्होंने वामनराव लाखे जी और रामराव चिंचोलकर जी के सहयोग से पेण्ड्रा में मासिक हिन्दी पत्रिका ‘छत्तीसगढ़ मित्र‘ का सम्पादन और प्रकाशन शुरू किया। सप्रे जी द्वारा रचित कहानी ‘टोकरी भर मिट्टी‘ को भारतीय साहित्य में हिन्दी की पहली मौलिक कहानी का गौरव प्राप्त है।
श्री बघेल ने कहा कि अपनी लेखनी से छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय और साहित्यिक चेतना को विकसित करने में भी सप्रे जी का अमूल्य योगदान रहा है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनकी लेखनी ने सैकड़ों सत्याग्रहियों का मार्गदर्शन किया और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा दी। सप्रे जी जीवन भर देश और साहित्य सेवा में लगे रहे। उनके कई लेख और कृतियां प्रकाशित हुई। उन्होंने अनेक संस्थाओं को जन्म दिया जिनके माध्यम से लोग देश और जन सेवा के लिए आगे आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्रे जी का व्यक्तित्व और कृतित्व साहित्यकारों और पत्रकारों सहित आम जनता के लिए भी प्रेरणादायक है।
 

राज्य सरकार की योजनाओं से किसान हो रहे आर्थिक दृष्टि से मजबूत : भूपेश बघेल

राज्य सरकार की योजनाओं से किसान हो रहे आर्थिक दृष्टि से मजबूत : भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कुछ साल पहले तक किसान कर्ज मांगने के लिए साहूकारों के दरवाजे पर खड़े रहते थे, सोसायटियों में किसान डिफाल्टर हो जाता था। हर साल खाद-बीज की चिंता रहती थी, लेकिन आज उनके चौखट में बड़ी-बड़ी फायनेंस कम्पनियां खड़ी है, कोई ट्रेक्टर देने तैयार है, कोई मोटर-सायकिल बेचना चाहता है। यह बदलाव राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं और फैसलों से आया है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में लोकार्पण और भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि किसान हितैषी योजनाओं से किसान आर्थिक दृष्टि से मजबूत हो रहे हैं। कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी जैसी योजनाओं से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। गरीबों और किसानों की जेब में पैसा आ रहा है। बड़ी-बड़ी कम्पनियों को मालूम है कि शहरों से ज्यादा पैसा छत्तीसगढ़ के गांवों में आ रहा है। फायनेंस कम्पनियां किसानों को ट्रेक्टर और अन्य उपकरणों के लिए तत्काल फायनेंस करने के लिए तैयार हैं। लॉकडाउन के समय जब पूरे देश में मंदी थी, तब सबसे ज्यादा ट्रेक्टर और मोटर-सायकल छत्तीसगढ़ में बिक रही थी। श्री बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम में कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में 226 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत के 265 विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। उन्होंने कोरबा जिले में लगभग 104 करोड़ रूपए की लागत के 121 कार्याें का और जांजगीर-चांपा जिले में 122 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत के 144 विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर वर्चुअल कार्यक्रम में ही कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में अनेक कार्याें की मंजूरी की घोषणा की। श्री बघेल ने कोरबा में दर्रीबराज-गोपालपुर सड़क की जल्द स्वीकृति मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने कोरबा में दो माह में विद्युत भण्डार गृह प्रारंभ करने की मंजूरी के साथ गोपालपुर-बरबसपुर सड़क की स्वीकृति की घोषणा की। इसी तरह उन्होंने जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा में 132 केव्ही क्षमता के बिजली सब-स्टेशन के लिए टेंडर शीघ्र जारी कराने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने डबरा से खरसिया रोड़ की स्वीकृति, मांड नदी में बैराज और डबरा में लिफ्ट इरिगेशन का परीक्षण कराने तथा सुकदा मोहाई में हाई स्कूल की मांग को अगले बजट में शामिल करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गांवों में जो बदलाव दिखाई दे रहा है, उनके पीछे छत्तीसगढ़ की नारी शक्ति है। ग्रामीण महिला बड़ी संख्या में गोबर से गौठानों में जैविक खाद का उत्पादन कर रही है, आज उन्हीं की बदौलत हमारे खेत फिर उपजाऊ हो रहे हैं और उन्हें रोजगार भी मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के फायदे को देखते हुए अब इसका दायरा और बढ़ा दिया है। अब धान और गन्ने के साथ-साथ मक्का, कोदो, कुटकी, अरहर, सोयाबीन, दलहन, तिलहन को भी योजना के दायरे में शामिल कर लिया गया है। योजना में नए प्रावधान करके किसानों के लिए आय के नए जरिया खोले गए हैं। जिन किसानों ने पिछली बार जिस खेत में धान की फसल ली थी, इस साल यदि वह खरीफ की अन्य प्रमुख फसल लेता है, या वृक्षारोपण करता है, तो उसे धान पर मिलने वाली आदान सहायता से ज्यादा आदान सहायता दी जाएगी। धान की जगह दूसरी फसल लगाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता तथा वृक्षारोपण करने पर तीन साल तक 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की आदान सहायता मिलेगी। भविष्य में अपने पेड़ काटने के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी-लहर से जो अनुभव मिला है, उसे देखते हुए विकासखंड से लेकर जिला तक हर सरकारी अस्पताल की व्यवस्था को हम चाक-चौबंद कर रहे हैं। सभी कलेक्टरों को इसके लिए 15 दिनों में कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि इतने कम समय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में वंचितों को अपने पैरों पर खडे़ करने और कमजोर वर्गाें के लोगों को आगे बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया गया है। नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार के कार्याें की प्रशंसा अमेरिका में भी की जा रही है। कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। पहले किसानों के कर्जा माफ किया गया है, फिर उन्हें उपज का सही मूल्य दिलाने का काम किया। जांजगीर-चांपा जिले के प्रभारी मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि कोरोना के संकट के बावजूद छत्तीसगढ़ में विकास की गति नहीं थमी। सभी वर्गाें के उत्थान के लिए कार्य किए गए हैं।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि कोरबा जिले में सड़कों के निर्माण का कार्य तेजी से किया गया है। अब कोरबा से रायपुर जाने में मात्र 3 घंटे का समय लगता है। सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत और गुहाराम अजगले, विधायक और मध्य क्षेत्र प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम कंवर, विधायक ननकीराम कंवर, रामकुमार यादव, सौरव सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।
 

नक्सलियों का बहाना बनाकर आदिवासियों से किये अपने वादों से मुकर नहीं सकते भूपेश जी - विकास मरकाम

नक्सलियों का बहाना बनाकर आदिवासियों से किये अपने वादों से मुकर नहीं सकते भूपेश जी - विकास मरकाम

रायपुर।भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा 17 जून के अपने सफ़ल कार्यक्रम से उत्साहित है।मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने मीडिया को प्रेस नोट जारी कर कहा है कि अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने प्रदेश के आदिवासियों से मिलकर उनकी भावनाओं के अनुरूप ज्ञापन तैयार किया था।ज्ञापन में लिखे बिंदूओं के आधार पर मोर्चा ने भूपेश बघेल सरकार को एक्सपोज कर दिया है कि ढाई सालों में भूपेश सरकार ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा कि लघु वनोपजों के लिये भूपेश सरकार "नीति" बनाने में फ़ेल रही है और आदिवासियों हितों के लिए कुछ भी "नया" नहीं कर सकी है।कुछ नया करना तो दूर भूपेश सरकार तो फर्जी आदिवासियों को शासकीय नौकरियो से बाहर भी नहीं कर सकी जबकि सरकार के सामान्य प्रशासन और ट्राइबल विभाग के पास फ़र्जी आदिवासियों की पूरी लिस्ट है। विधानसभा में कई- कई सत्रों में लगे सवालों में जवाब देते हुए फ़र्जी आदिवासियों की लिस्ट सदन में आई है।फिर भी राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के चलते सीएम भूपेश बघेल फ़र्जी आदिवासी के मुद्दे पर धृतराष्ट्र बने हुए हैं। वास्तव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आदिवासी मामलों में राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल एक कार्यक्रम में कहा था- "मुझे ट्रांसफर, प्रमोशन कुछ समझ मे नहीं आता है।" युवा आदिवासियों के सोशल मीडिया ग्रुप्स में सीएम का यह पुराना भाषण वॉयरल है।इस वॉयरल वीडियो बाईट के आधार पर मैं कहना चाहता हूँ सीएम भूपेश बघेल आदिवासियों हितों की बात सिर्फ़ और सिर्फ अपने राजनीतिक हितों के लिए करते रहे हैं।
सोशल मीडिया एप क्लब हाउस में देश के वरिष्ठ पत्रकारों से कल बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों को जमीन देना चाह रही है लेकिन नक्सली नहीं चाहते कि किसी आदिवासी को शासकीय पट्टा मिले। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुये मरकाम ने कहा कि भूपेश बघेल अपनी सरकार नक्सलियों के चाहने और ना चाहने से चला रहे है क्या? उन्होंने भूपेश बघेल को आगाह करते हुए कहा कि नक्सलियों का बहाना बनाकर प्रदेश सरकार आदिवासियों से किये अपने वादों से मुकर नहीं सकती है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ने के लिये सदैव तत्पर है।
 

भूपेश बघेल सरकार को ढाई साल पूरे हुये, जानिए ढाई साल मे कितना बदला छतीसगढ़

भूपेश बघेल सरकार को ढाई साल पूरे हुये, जानिए ढाई साल मे कितना बदला छतीसगढ़

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को आज ढाई साल पूरे हो गए है, लिहाजा बीजेपी नेताओं ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर सवाल उठाए और अधूरे वादों को लेकर सवालों की झड़ी लगा दी। विपक्ष ने राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग भी की। बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर मंत्री रविंद्र चौबे जमकर बरसे और पलटवार किया कि हाईकमान की प्रताड़ना से बचने बीजेपी नेता मीडिया के सामने आ रहे हैं। ढाई साल पूरे होने पर वार-पलटवार के इतर भूपेश सरकार के कामकाज की समीक्षा करना भी स्वाभाविक है। सवाल है कि ढाई साल में कितना बदला छत्तीसगढ़? अपने वादों को पूरा करने और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में सरकार का परफारमेंस कैसा रहा?

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार को ढाई साल पूरे होने पर है। सरकार की वादाखिलाफी को मुद्दा बनाकर बीजेपी जहां सरकार पर निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ रही, तो सत्ता पक्ष भी इस अहम पड़ाव पर अपनी उपलब्धियों को गिनाने के साथ विपक्ष के हर वार का जवाब दे रही है। दरअसल आज से ठीक ढाई साल पहले 17 दिसंबर को भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में अपना 15 साल का वनवास खत्म किया था। इन ढाई साल में सरकार ने जनता से किए 36 चुनावी वादों में से प्राथमिकता वाले वादों को पूरा किया है। इसमें किसानों को धान का 25 सौ रुपए, ऋणमाफी, बिजली बिल हाफ और सिंचाई ऋण मुख्य रुप से शामिल है। अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण, बेरोजगारी भत्ता जैसे अन्य वादों को पूरा करने के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सरकार को डेढ़ साल कोरोना संक्रमण काल की चुनौतियों से भी निपटना पड़ा। इस कठिन दौर में भीसरकार ने किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की 15 सौ करोड़ और गोधन न्याय योजना की राशि दी है। लेकिन शराबबंदी के मुद्दे पर वो लगातार विपक्ष के निशाने पर है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन देकर सरकार को शऱाबबंदी का मुद्दा याद दिलाया, तो दूसरी ओर बीजेपी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की वादाखिलाफी पर जमकर निशाना साधा।

बीजेपी नेताओं के आरोपों पर मंत्री रविन्द्र चौबे ने पलटवार करते हुए कहा कि हाईकमान के प्रताड़ना और अंतरकलह से उबरने के लिए एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग पर रविंद्र चौबे ने कहा कि राज्य सरकार को बीजेपी की सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है।

कुल मिलाकर भूपेश सरकार के ढाई साल के कार्यकाल को देखें, तो उसका सबसे ज्यादा फोकस किसानों पर रहा है। लेकिन अब अगले विधानसभा चुनाव में ढाई साल का वक्त ही बचेगा। ऐसे में उसे शराबबंदी और बेरोजगारी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जल्द रणनीति बनानी होगी, जिसे लेकर बीजेपी लगातार उस पर सवालों की बौछार कर रहा है।

राहुल नेतृत्व करने में असमर्थ...अब असम तक पहुंची कांग्रेस कलह की आंच, विधायक ने पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप

राहुल नेतृत्व करने में असमर्थ...अब असम तक पहुंची कांग्रेस कलह की आंच, विधायक ने पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप

पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद अब कांग्रेस के भीतर घमासान की आंच असम तक पहुंच गई है। असम के कांग्रेस विधायक ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाकर इस्तीफा देने की बात कही है। असम के कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान अपने युवा नेताओं की बजाय बुजुर्ग नेताओं को प्राथमिकता देता है और इसी वजह से सभी राज्यों में पार्टी की स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी आगे नहीं बढ़ पाएगी, क्योंकि वह नेतृत्व करने में समक्ष नहीं हैं।


पंजाब और राजस्थान कांग्रेस में कलब के बीच असम से कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने कहा कि कांग्रेस अपने युवा नेताओं की नहीं सुन रही है। इसलिए सभी राज्यों में इसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। मैं विधानसभा अध्यक्ष से मिलूंगा और अपना इस्तीफा दे दूंगा। राहुल गांधी नेतृत्व करने में असमर्थ हैं, अगर वह पार्टी के शीर्ष पर रहते हैं तो कांग्रेस आगे नहीं बढ़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं क्योंकि दिल्ली में आलाकमान और गुवाहाटी के नेता बुजुर्ग नेताओं को ही प्राथमिकता देते हैं। हमने उनसे कहा था कि कांग्रेस के पास इस बार सत्ता में आने का अच्छा मौका है और हमें एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एक गलती होगी और वास्तव में यही हुआ।
बता दें कि पंजाब कांग्रेस में रार अब भी जारी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। वहीं राजस्थान में भी पायलट गुट और गहलोत गुट के बीच विवाद चल ही रहा है। मुंबई कांग्रेस में भी आपसी कलह की खबर है क्योंकि पार्टी के एक विधायक जीशान सिद्दीकी ने मुंबई कांग्रेस के चीफ भाई जगताप के खिलाफ सोनिया गांधी को लेटर लिखा है।
 

न बाइडन...न जॉनसन, PM मोदी अब भी हैं दुनिया के सबसे अधिक स्वीकार्य नेता

न बाइडन...न जॉनसन, PM मोदी अब भी हैं दुनिया के सबसे अधिक स्वीकार्य नेता

कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और वह दुनिया में सबसे अधिक स्वीकार्य नेता हैं। अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म 'मॉर्निंग कंसल्ट' द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, स्वीकार्यता के मामले में नरेंद्र मोदी अब भी अन्य वैश्विक नेताओं की तुलना में आगे चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग 66 फीसदी है। डेटा के मुताबिक, कोरोना काल में भी वह पीएम मोदी अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, फ्रांस और जर्मनी सहित 13 देशों के अन्य नेताओं से बेहतर बने हुए हैं।
अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म 'मॉर्निंग कंसल्ट' द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर में उनकी लोकप्रियता अथवा अप्रूवल रेटिंग में गिरावट देखी गई है, बावजूद इसके वह दुनिया में टॉप पर चल रहे हैं और अन्य वैश्विक नेताओं की तुनला में उनका प्रदर्शन बेहतर है। इस अप्रूवल रेटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी का नंबर आता है, जिनकी अप्रूवल रेटिंग 65 फीसदी है। वहीं तीसरी नंबर मैक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर हैं, जिनकी रेटिंग 63 फीसदी है।
विश्व नेताओं की अप्रूवल रेटिंग
'मॉर्निंग कंसल्ट' नियमित रूप से विश्व के नेताओं की अप्रूवल रेटिंग को ट्रैक करता है। इसके मुताबिक, पीएम मोदी के बाद दूसरा स्थान अटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी (65%) ने हासिल किया, इसके बाद मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर (63%), ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (54%), जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल (53%), अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (53%), कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (48%), ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (44%), दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन (37%), स्पेनिश स्पेन पेड्रो सांचेज़ (36%), ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (35%), फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन (35%) और जापानी प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा (29%) हैं।
भारत में 2,126 वयस्कों के सैंपल साइज के साथ मॉर्निंग कंसल्ट ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए 66 प्रतिशत अप्रूवल दिखाया, जबकि 28 प्रतिशत ने उन्हें अस्वीकृत कर दिया। इस ट्रैकर को आखिरी बार 17 जून को अपडेट किया गया था। बता दें कि हर देश का अलग-अलग सैंपल साइज है।
क्या है मॉर्निंग कंसल्ट
गौरतलब है कि अमेरिकी डेटा कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस फिलहाल ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य में सरकारी नेताओं के लिए अप्रूवल रेटिंग को ट्रैक करता है और साप्ताहिक आधार पर नवीनतम डाटा के साथ पेज को अपडेट करता है। यह ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग प्रत्येक देश में वयस्क निवासियों के सात-दिवसीय मूविंग ऑसत पर आधारित होती हैं और सैंपल साइज देश के अनुसार भिन्न होते हैं।

 

ममता को शुभेंदु से हार नहीं हो पा रहा है स्वीकार, नतीजे को लेकर हाई कोर्ट में दी चुनौती

ममता को शुभेंदु से हार नहीं हो पा रहा है स्वीकार, नतीजे को लेकर हाई कोर्ट में दी चुनौती

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी से मिली हार को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं और अब वह हाई कोर्ट पहुंच गई हैं। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के चुनावी नतीजे को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। पिछले साल दिसंबर में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को करीबी मुकाबले में हरा दिया था। तृणमूल कांग्रेस ने नंदीग्राम सीट पर दोबारा काउंटिंग की मांग करते हुए मतों की गिनती में कई अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था।
नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 1,956 वोटों से हराया था। अधिकारी को 1,10,764 वोट मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बनर्जी के पक्ष में 1,08,808 मत पड़े थे। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक 6227 मतों के साथ माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहीं। चुनावी नतीजों के बाद ममता बनर्जी ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे।
भवानीपुर सीट से लड़ती रहीं ममता बनर्जी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया। शुभेंदु ने चुनाव के दौरान दावा किया था कि वह ममता बनर्जी को इस सीट से हरा देंगे और ऐसा नहीं कर पाए तो राजनीति छोड़ देंगे। अपने दावे के मुताबिक, जीत हासिल करने वाले शुभेंदु अधिकारी को बीजेपी ने अब विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया है। मई में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी तीसरी बार बंगाल की सत्ता पर काबिज हुई तो बीजेपी 3 से 77 विधायकों वाली पार्टी बन गई।
 

 बढ़ती महंगाई, और वैक्सीनेशन में असफलता को छिपाने भाजपा कर रही है राजनीतिक नौटंकी : कांग्रेस

बढ़ती महंगाई, और वैक्सीनेशन में असफलता को छिपाने भाजपा कर रही है राजनीतिक नौटंकी : कांग्रेस

रायपुर । भाजपा के प्रदर्शन को कांग्रेस ने मोदी सरकार के असफलता छिपाने राजनीतिक नौटंकी करार दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन हो चुकी है। जनसमर्थन खो चुकी है। भाजपा नेता अपने संघी प्रशिक्षण के आधार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की छवि धूमिल करने निरन्तर प्रोपोगंडा रच रहे है, झूठे कपोलकल्पित आरोप लगा रहे है। पूर्व में भी भाजपा ने भात पर बात और खेत सत्याग्रह जैसे राजनीतिक नौटंकी आयोजित किए जिसे छत्तीसगढ़ की जनता ने नकार दिया। आज भी भाजपा के आंदोलन से आम जनता का कोई सरोकार नहीं है। जनता भाजपा नेताओं से मोदी सरकार के मुनाफ़ाखोरी के नियत और नीति के चलते बेवजह महंगे हुए पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दामों में वृद्धि, खाद्य पदार्थो एवं तेल की कीमतों में हुई दोगुनी तिगुनी बढ़ोतरी, बढ़ती बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, महामारी रोकने में कुप्रबंधन और वैक्सीनेशन में असफलता पर सवाल पूछ रही है। भाजपा के झूठ का रोज पर्दाफाश भी हो रहा है।
भाजपा के वादाखिलाफी जुमलाबाजी से जन-जन वाकिफ हो चुका है। यही वजह है कि 15 साल के सत्ता के बाद भाजपा छत्तीसगढ़ में 14 सीट में सिमट गई है। मोदी सरकार के 7 साल का कार्यकाल भी रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल की तरह असफलताओं से भरा है। भाजपा नेताओं की झूठ बोलने अफवाह फैलाने के यही आदत रही तो 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने ढाई साल में जनता से किये 36 बिंदुओं में से आधे से अधिक वादों को पूरा कर कीर्तिमान रचा है। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना साकार हो रहा है। वादा निभाने में भूपेश बघेल सरकार अव्वल है। ढाई साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ खुशहाल हुआ है, किसान आर्थिक रूप से मजबूत हुआ हैं मजदूरों के हाथ में काम है आदिवासी वर्ग को उनका कानूनी अधिकार मिला है महिलाएं सुरक्षित हैं युवाओं को सरकारी नौकरी में भर्ती का अवसर मिल रहा है। छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति परंपरा तीज त्योहारों को पुनर्जीवित करने सरकार ने काम किया है नरुवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना का लाभ गांव गरीब गोवंश को मिला है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान से बस्तर बीमारी से दूर हुआ है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक का लाखों लोगों को लाभ मिला, बस्तर के बीहड़ क्षेत्रो में रहने वाले है उन तक स्वास्थ्य सुविधा पहुँच रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान मुख्यमंत्री के माध्यम से गर्म में सुपोषित भोजन दिया जा रहा है जिसका परिणाम है कुपोषण के मामले में 13 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश में 2018 में 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित एवं 41 प्रतिशत महिलायें एनीमिया से पीड़ित थे। 52 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी हो रही है,देश में अब तक खरीदी की गई वनोपज में 75 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ का है। रमन सरकार में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत था जो अब 3 प्रतिशत है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, 65 लाख राशन कार्ड के माध्यम से सबको चावल वितरण कोरोना काल में गरीब जनता को एक मुश्त पहली बार दो माह का राशन निःशुल्क एवं दूसरी बार तीन माह का चांवल निःशुल्क दिया जा रहा है। किसानों को धान की समर्थन मूल्य के अलावा ₹9000 प्रति एकड़ अतिरिक्त लाभ दिया जा रहा है, तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 से बढ़ाकर ₹4000 प्रति बोरा किया गया है, चरण पादुका खरीदने के लिए नगद राशि दी जा रही है, कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ सिंचाई कर माफ सहित अनेक योजनाओं से छत्तीसगढ़ आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है सर्वहारा वर्ग खुशहाल हुआ है छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री व्यापारियों को गुमास्ता नवीनीकरण के झंझट से मुक्ति, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में गरीब बच्चों को अंग्रेजी की मुफ्त शिक्षा, शिक्षाकर्मियों का संविलियन, लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन लौटाना, जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को जेल से बाहर निकालने कमेटी बनाया जिसमें 718 प्रकरणों में 900 से अधिक वआदिवासियों को जेल से मुक्ति मिला है मक्का प्रोसेसिंग प्लांट सहित अनेक जनकल्याणकार्यो से छत्तीसगढ़ चहुमुखी विकास की ओर बढ़ रहा है।
 

 भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद आम आदमी पार्टी खोलेगी विकास के दावों की पोल- कोमल हुपेंडी

भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद आम आदमी पार्टी खोलेगी विकास के दावों की पोल- कोमल हुपेंडी

रायपुर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी कि आज 17 जून को राज्य में कॉंग्रेस नित भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं , और सरकार का दावा है कि इस अवधि में सरकार ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और प्रदेश की जनता सरकार के कामकाज से खुश है। आज आम आदमी पार्टी ने प्रदेश स्तर पर सरकार के इन दावों की सच्चाई उजागर करने का फैसला किया। गोधन न्याय योजना भूपेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है जो सबसे पहले लागू की गई और जिसके माध्यम से ग्रामीण छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलने की बात कही गई थी।

आम आदमी पार्टी ने तय किया कि गोधन न्याय योजना अंतर्गत बने गौठनों का रियलिटी चेक किया जाए । आज सारे प्रदेश में पार्टी के कार्यकर्ताओं/पदाधिकारियों ने गौठनों का औचक निरीक्षण किया और पाया कि गौठान बेहद बदहाल स्थिति में हैं। कहीं गोबर खरीदी बंद है कहीं गोबर का भुगतान ही नहीं हुआ है। जहाँ कुछ काम हो भी रहा है वहाँ स्व सहायता समूहों को जो कमाई हो रही है उससे उनको मजदूरी जितनी राशि भी नहीं मिल पा रही है। महासमुंद जिले के आम आदमी पार्टी के संजय यादव जी ने बताया कि अधिकांश जगहों पर गौठनों, वर्मी कम्पोस्ट टांकों के लिए बने शेड टूटने फूटने लगे हैं और खाद खुले में पड़ा  हुआ है,वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन के दौरान जो तकनीकी सावधानियां रखी जानी चाहिए उसका इंतजाम भी अधिकांश जगहों पर दिखाई नहीं दे रहा है। और 20-25 लाख रुपयों का निवेश वृक्षारोपण, गौठान और टाँकों पर किया जा चुका है तो इतनी भारी भरकम राशि खर्च करने का औचित्य क्या है?

जिला अध्यक्ष कमल नायक ने जानकारी दी कि जिले के हर ब्लॉक में महज 2-3 पंचायतों में इस योजना का मॉडल प्रारूप दिखावे के लिए बनाया गया है , बाकी जगहों पर योजना का बहुत ही बुरा हाल है।

हुपेंडी ने आगे कहा कि गोधन न्याय योजना की जमीनी पड़ताल पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के द्वारा अभी लगातार जारी रहेगी और इस योजना की जमीनी हकीकत जनता के समक्ष रखी जाएगी। कांग्रेस के घोषणा पत्र की कॉपी जलाकर पार्टी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन एवम नारेबाजी की गई । एकान्त अग्रवाल , संतोष दुबे , अज़ीम खान , लक्ष्मण सेन एवम अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
प्रदेश की वित्तीय हालात पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : रमन सिंह

प्रदेश की वित्तीय हालात पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : रमन सिंह

रायपुर। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वित्तीय मदद का हिस्सा 52 फ़ीसदी है, जबकि राज्य का हिस्सा क़रीब 48 फ़ीसदी है। सरकार का कुल खर्च 80 हजार 126 करोड़ रुपए है, जिसमें राजस्व व्यय 70 हजार करोड़ रुपए है। करीब 88 फ़ीसदी हिस्सा अनुदान, सब्सिडी, ब्याज भुगतान में खर्च हो रहा है। दिवालियापन की यही वजह है। कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा की। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सरकार सभी क्षेत्रों में असफल बताते हुए कहा कि निराशा हावी है। ढाई साल में कांग्रेस की उपलब्धि क्या है? सरकार अपने किए कामों की जानकारी देती है, लेकिन ये इतनी निराश सरकार है, जो अपने विकास के काम को गिनाने से बच रही है। सवाल तो पूछे जाएँगे, भूपेश जी जवाब तो देना होगा, ये सिर्फ़ बीजेपी का सवाल नहीं था ये कांग्रेस की घोषणा पत्र में किए गए वादे ही थे। उन्होंने कहा कि किसान पूछ रहे हैं दो साल का बोनस कहा गया? बेरोज़गार पूछ रहे हैं रोज़गार कहाँ हैं? शराबबंदी का वादा था लेकिन राज्य में शराब की नदियाँ बह रही हैं. माफियाराज छत्तीसगढ़ में पैदा किया गया। रेत से लेकर कोल और शराब मफ़ियाओं ने गाँव गाँव को क़ब्ज़े में ले लिया है। ढाई साल में सरकार से पहला सवाल यही है कि विकास के सारे काम ठप्प क्यूँ हो गया है? आर्थिक दिवलियापन के हालात क्यूँ बन गए हैं? रमन सिंह ने कहा कि अधोसंरचना का निर्माण सिर्फ़ 12 फ़ीसदी है जबकि हमारी सरकार में यह क़रीब 16 फ़ीसदी था. बीस साल के इतिहास का सबसे ज़्यादा राजस्व घाटा इस सरकार में रहा। प्रधानमंत्री आवास योजना में चार लाख अस्सी हज़ार मकान स्वीकृत थे, राज्य की राजस्व हालत खराब होने की वजह से यह वापस हो गए हैं। सरकार को एक-एक गांव के एक-एक पंचायतों में साठ-सत्तर लाख के मकान बनने थे, लोगों को रोज़गार मिलना था ये सब समाप्त हो गया। डॉ. सिंह ने कहा कि बीजेपी के 15 साल में 37 हज़ार करोड़ रुपए का कुल कर्ज लिया था, लेकिन इस सरकार ने ढाई साल में ही 15 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ ले लिया। ये सरकार जवाब देने की बजाय आंदोलन की दिशा में जा रही है. छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज़्यादा पलायन करने वाले राज्यों में आ गया है। वन नेशन, वन राशन योजना में छत्तीसगढ़ ने शामिल होने से इंकार कर दिया, जबकि यहाँ का मज़दूर दूसरे राज्यों में जाता तो उसे राज्य के राशन कार्ड से राशन मिल जाता।

राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर कसा तंज़ कहा, हमारे देश के पुनर्निर्माण की शुरुआत तब होगी जब....

राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर कसा तंज़ कहा, हमारे देश के पुनर्निर्माण की शुरुआत तब होगी जब....

 नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिये केन्द्र सरकार पर हमला किया उन्होने कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा गरीबी भारत में बढ़ने संबंधी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश के पुनर्निर्माण की शुरुआत तब होगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी `गलतियां स्वीकार करेंगे और विशेषज्ञों की मदद लेंगे।


उन्होंने एक रिपोर्ट साझा करते हुए ट्वीट किया, ``यह भारत सरकार के महामारी कुप्रबंधन का परिणाम है। परंतु अब हमें भविष्य की ओर देखना है। कांग्रेस नेता ने कहा, ``हमारे देश के पुनर्निर्माण की शुरुआत तब होगी जब प्रधानमंत्री अपनी गलतियां स्वीकार करेंगे और विशेषज्ञों की मदद लेंगे। नकारने की मुद्रा में बने रहने से किसी भी चीज का हल नहीं निकलेगा।

राहुल गांधी ने जिस रिपोर्ट को साझा किया उसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में गरीबी बड़े पैमाने पर बढ़ी है और इसमें भारत का सबसे अधिक योगदान है।

रमन भाजपा अपने 15 साल के वादाखिलाफी का आत्मविश्लेषण करें-धनंजय सिंह ठाकुर

रमन भाजपा अपने 15 साल के वादाखिलाफी का आत्मविश्लेषण करें-धनंजय सिंह ठाकुर

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल पूरा होने पर भाजपा के द्वारा चलाये जा रहे अभियान को कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के मानसिक दिवालियापन की उपज करार दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के शासनकाल में रमन भाजपा ने छत्तीसगढ़ की जनता से किये वादे को पूरा नहीं किया। भाजपा को अपने 2003, 2008 और 2013 के घोषणा पत्र का आत्मविश्लेषण करना चाहिये। भाजपा का मूलमंत्र कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करना था जनता से किये चुनावी वादों को भाजपा के नेता ही जुमला ठहराकर जनता का उपहास उड़ाते है। गांव-गांव, गली-गली घूम रहे भाजपा नेताओं को रमन सरकार के वादा खिलाफी के लिये घर-घर जाकर माफी मांगना चाहिये। कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाने से पहले भाजपा को अपने 15 साल के कुशासन पर इन 15 सवालों का जवाब देना चाहिये।
1 12वीं पास युवाओं को 500 रू. बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था 15 साल में कितने युवाओं को मिला? आउट सोर्सिंग से युवाओं के रोजगार को क्यों बेचा?
2 प्रत्येक आदिवासी परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी का वादा और 10 लीटर दूध देने वाली गाय देने का वादा भाजपा ने किया था क्यों नहीं दिये?
3 किसानों के उनके उपज का सही मूल्य किसानों का धान पूरा खरीदा जायेगा एवं उन्हे बेचने एवं भुगतान प्राप्ति हेतु सोसायटी एवं दफ्तर के चक्कर नही काटने पड़ेगे। किसानों से किये वादे को पूरा क्यों नहीं किया गया?
4 एक गांव एक प्रहरी योजना के अंतर्गत प्रत्येक गांव के यानि 20,000 गांव में एक युवक या युवती को राज्य सरकार प्रहरी बनाएगी। यानि बीस हजार बेरोजगारों को रोजगार क्यों नहीं दिया गया?
5 गोवध पर होगा पूर्ण प्रतिबंध- पशुधन का होगा संवर्धन, गौ वंश की रक्षा एवं इसकी नस्ल के सुधार के लिए उपबन्ध उपाय क्यों नहीं किया गया? भाजपा नेताओं के अनुदान प्राप्त गौशालाओं में निर्मम हुयी गौमाता की हत्या के लिये जिम्मेदार कौन?
6 किसानों के धान पर राज्य सरकार की ओर से 270 रू. प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिया जायेगा, क्यों नहीं दिया गया?
7 आदिवासियों के जमीनों की खरीद-बिक्री तथा अवैध कब्जों के मामले में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाया जायेगा, कानून क्यों नहीं बनाया गया?
8 किसानों को 5 हार्स पावर तक पंपो के बिजली मुफ्त देने का वायदा क्यों नहीं निभाया?
9 किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देंगे, क्यों नहीं दिया गया?
10 धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2100 प्रति क्विंटल बोलकर क्यों नहीं दिया गया?
11 किसानो के एक-एक धान की खरीदी, क्यों नहीं खरीदी गयी?
12 धान 300 रूपये प्रति क्विंटल बोनस पूरे 5 साल तक, क्यों नहीं दिया गया?
13 शासकीय रिक्त पदों पर सीधी भर्ती क्यों नहीं की गयी?
14 छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक क्यों लगाई गयी?
15 138 साल पुरानी शराब नीति को क्यों और किसके इशारों पर बदला गया? 

सचिन पायलट को प्रियंका-राहुल ने नहीं दिया मिलने का समय, 6 दिन बाद दिल्‍ली से बैरंग लौटे, जानिए क्या है नहीं मिलने का कारण

सचिन पायलट को प्रियंका-राहुल ने नहीं दिया मिलने का समय, 6 दिन बाद दिल्‍ली से बैरंग लौटे, जानिए क्या है नहीं मिलने का कारण

जयपुर/ नई दिल्‍ली. राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे सियासी संकट के बीच एक बड़ी खबर समाने आ रही है. दरअसल अपनी मांगों को लेकर राजस्थान कांग्रेस से नाराज चल रहे पायलट को दिल्ली में पार्टी की रणनीतिकार प्रियंका गांधी के साथ राहुल गांधी ने मिलने का समय नहीं दिया है. सचिन पायलट शुक्रवार से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे और उनको उम्मीद थी कि पार्टी आलाकमान के साथ प्रियंका गांधी उनसे से मिलेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता. यही नहीं, राजस्‍थान के पूर्व पीसीसी चीफ को ये भी भरोसा था कि पहले उनसे जो वादा किया गया है या फिर उन्होंने जो अपनी मांग रखी है, उसको गंभीरता से लिया जाएगा और समस्या का समाधान होगा. हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. साफ है कि 6 दिनों तक पायलट के दिल्ली में रुकने के बाद भी कोई रास्ता नहीं बन पाया है.

बता दें कि सचिन पायलट पिछले एक साल से नाराज चल रहे हैं. जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उनको देखते हुए जनता ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुना था. जब सरकार बनी तो पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया और अशोक गहलोत को कमान सौंप दी. वहीं, पूरी दमदारी से लड़ने वाले सचिन को डिप्टी सीएम बनाया गया. वैसे अशोक गहलोत को उनकी कुशल रणनीति और वरिष्ठता को देखते हुए पार्टी ने राजस्थान का सीएम बनाया था.

हाईकमान ने सचिन पायलट को दिया बड़ा मैसेज
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हाईकमान ने सचिन पायलट को साफ शब्दों में मैसेज दे दिया है कि राजस्थान में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उन्हीं के नेतृत्व में सब कुछ होगा. हालांकि पायलट भविष्य के बड़े नेता हैं और उन्हें आगे मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा. यही नहीं, पार्टी को जब भी मौका मिला तो मंत्रिमंडल में या फिर संगठन में सचिन पायलट को पद दिया गया, लेकिन फिलहाल उन्‍हें इंतजार करना चाहिए.बहरहाल, राजस्थान कांग्रेस में चल रही गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है अब अंजाम क्या होगा यह देखना होगा.

सचिन पायलट की ये है चाहत
फिलहाल सचिन पायलट यही चाहते हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो. सरकार में 9 मंत्री के पद खाली हैं और उनके समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में और सरकारी नियुक्ति में जगह दी जाए, लेकिन ऐसा होता संभव नहीं दिख रहा है. अब बड़ा सवाल यह है कि अगर सचिन पायलट की मांगे पूरी नहीं होती हैं तो वो क्या करेंगे.

आज शाम को पहुंचेंगे जयपुर
प्रियंका और राहुल गांधी का छह दिन तक इंतजार करने के बाद सचिन पायलट आज दोपहर में अपने दिल्ली स्थित 5 कैनिंग लेन आवास से सड़क मार्ग से जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं. जबकि वह शाम तक जयपुर पहुंचेंगे, जहां उनके समर्थक विधायकों और कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं. वहीं, सचिन जयपुर पहुंचकर क्या निर्णय लेते हैं या फिर अपने समर्थकों को कैसे मनाते हैं, यह देखना महत्वपूर्ण है. कभी गांधी परिवार के करीबी और राहुल गांधी के राइट हैंड रहे सचिन पायलट अब समझ गए होंगे सियासत समय के साथ चलती है अपने हिसाब से नहीं.