रायपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय शर्मा ने प्रदेश सरकार पर छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक करने पर जमकर हमला बोला है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश की सरकार बेरोजगारों के सपनों को उड़ान भरने का मौका देने के बजाय उनसे जिस तरह का छलावा कर रही है वह बेहद शर्मनाक है।
भाजयुमो अध्यक्ष ने कहा कि बेरोजगारों को हर माह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार न तो बेरोजगारों के लिये रोजगार का इंतजाम कर पायी है और न ही अब तक बेरोजगारी भत्ते का कहीं अता-पता नजर आया है। आदिवासियों के साथ छलावे का यह एक नया मामला है कि नारायणपुर जिले का रोजगार दफ्तर युवा बेरोजगारों को रोजगार दिलाने में फिसड्डी साबित हुआ है। इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस रोजगार कार्यालय में पंजीकृत एक भी बेरोजगार को पिछले एक वर्ष में सरकारी नौकरी नहीं मिल पायी है। श्री शर्माने कहा कि बावजूद इसके सरकार पाँच लाख रोजगार देने का झूठा दावा प्रदेश को परोस रही है। प्रदेश सरकार स्पष्ट करे कि ये पाँच लाख रोजगार वह किस चश्में से देख रही है? जो स्थिति नारायणपुर जिले की है, वही स्थिति पूरे प्रदेश की है। अब जिन युवाओं से भी प्रदेश कांग्रेस ने बेरोजगारी के फॉर्म भरवाए थे, उन युवाओं को प्रदेश सरकार से अपना हक मांगना चाहिये।
विजय शर्मा ने प्रदेश के बेरोजगारों के साथ किये गये भद्दे मजाक पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जांजगीर-चाँपा जिले में कुक और अटेंडेंट भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के बाद स्वास्थ्य विभाग अभ्यर्थियों को डिमाण्ड ड्राफ्ट वापस तो लौटा रहा है मगर बेरोजगार अभ्यर्थी जब यह डीडी लेकर बैंक पहुँच रहे हैं तो, 70 फीसदी राशि शुल्क के नाम पर काटी जा रही है। यह बेरोजगारों के लिये दूबर को दो असाढ़ वाली स्थिति है। प्रदेश सरकार युवाओं के लिये रोजगार के अवसर ढूँढ नहीं पा रही है, उन्हें बेरोजगारी भत्ता दे नहीं रही है और डीडी शुल्क के नाम पर उनका पैसा काटा जा रहा है। यह पूरी स्थिति शर्मनाक है। श्री शर्मा ने कहा कि यह और हैरत भरी बात है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर इस पूरे मामले से अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ रहे हैं। इस भर्ती प्रक्रिया को मजाक बनाकर रखने वाले स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को इसके लिये ऑनलाइन फीस लेकर ऐसी स्थिति में उसे ऑनलाइन ही लौटाना चाहिये था। लेकिन अफसरों ने एकाएक भर्ती प्रक्रिया रद्द कर और अब डीडी शुल्क काटकर बेरोजगार युवकों के साथ भद्दा मजाक किया है। उन्होंने ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जाँच की मांग की है।
रायपुर। प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राजधानी के युवा उद्योगपति प्रवीण सोमानी के अपहरण की गुत्थी सुलझाने में प्रदेश के गृह मंत्रालय और पुलिस प्रशासन की विफलता पर निशाना साधा है। कौशिक ने कहा कि लगभग 12 दिन बीत जाने के बाद भी अपहृत उद्योगपति का पता लगा नहीं पाना प्रदेश में कानून व्यवस्था की विफलता और अराजकता के चरम का परिचायक है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश में लिखी जा रही नित-नये अपराधों की इबारत से यह सवाल उठ रहा है कि प्रदेश में सरकार और गृह मंत्री हैं भी या नहीं? कौशिक ने प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा इस घटना के परिप्रेक्ष्य में यह कहे जाने पर भी निशाना साधा है कि हम सबकी सुरक्षा नहीं कर सकते। क्या प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को यही सुनने के लिये सत्ता में बिठाया है? प्रदेश के गृह मंत्री का यह कथन प्रदेश सरकार के निकम्मेपन को प्रमाणित करने के लिये पर्याप्त है। यदि प्रदेश की सरकार अपने निकम्मेपन के कारण प्रदेश की सुरक्षा की अपनी जवाबदेही ठीक से नहीं निभा सकती तो वह और उसके गृह मंत्री पद पर बैठकर समय व्यतीत क्यों कर रहे हैं? ऐसी सरकार को और ऐसे गृह मंत्री को एक क्षण भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को प्रदेश सरकार और उसके मन्त्रियों के गैर-जिम्मेदाराना बयान को संज्ञान में लेकर प्रदेश सरकार को इस्तीफा देने का निर्देश देना चाहिये। कांग्रेस के नेता टीका-टिप्पणी करने के बजाय अपनी सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की जोड़ी के गैर जिम्मेदाराना आचरण पर ज्यादा ध्यान दें। जिस सरकार के मुख्यमंत्री छल-कपट, झूठ-फरेब, वादाखिलाफी, करके भी सियासी लफ्फाजियों में व्यस्त हैं और गृह मंत्री प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा की गारण्टी लेने में अपनी असमर्थता जता रहे हैं, ऐसी गैर जिम्मेदार सरकार के कामकाज पर यदि कांग्रेस नेता समय रहते ध्यान नहीं देंगे तो यकीनन प्रदेश में अब कोई कांग्रेस का नामलेवा भी नहीं रह जायेगा। दीवार पर लिखी इस इबारत को प्रदेश सरकार और कांग्रेस के नेता अपने लिये चेतावनी समझें।
रायपुर। प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि एनआईए एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार की याचिका अनुचित है। यह एक्ट तब लाया गया था जब केन्द्र में कांग्रेसनीत यूपीए की सरकार थी। अब प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही ऐसा क्या हो गया कि अपनी ही सरकार के समय बने एक्ट का विरोध कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि कहीं कांग्रेसी वकीलों को पैरवी की फीस के नाम पर अनाप-शनाप पैसे देने के लिए तो ऐसे बेसिर-पैर के मुकदमें तो नही किए जा रहे? श्री कौशिक ने कहा कि यह सवाल इसलिए भी उठता है क्योंकि एक तो लगभग सारे केस सरकार हार रही है और पिछले दिनों सदन में स्वीकार भी किया था कि फीस के नाम पर कांग्रेस नेताओं को करोड़ों दिए गए। श्री कौशिक ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बयान को भी अस्वीकार्य और अनावश्यक बताया है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि जब आतंक के मामले पर हमेशा दोहरा रुख रहा कांग्रेस का। उन्होंने कहा कि केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन सरकार थी तब पोटा कानून लाया गया। जिसे आतंकवाद पर अंकुश लगाने कि दिशा में ठोस कदम माना गया, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आते ही इस कानून को खत्म कर दिया गया था। इससे देश में आतंकी घटनाए बढ़ी थी। आतंकवाद के मामले में इस तरह की राजनीति नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी ही नीति से आतंकियों के मंसुबों की परिणति मुम्बई जैसे भयानक हमले में हुआ था जिसके बाद एनआईए की जरूरत महसूस हुई। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी जी की सरकार आई है तब से मजबूत इच्छाशक्ति के साथ नक्सल व आतंकवाद के खिलाफ काम कर रही है तथा आतंकवाद के खिलाफ कारगर लड़ाई लड़ी जा रही है। जिस पर हम पूरी तरह सफल हुए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। इसलिए कांग्रेस कुछ नही कर रही है।
रायपुर, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने धान खरीदी की सीमा खत्म करने और एक बार में किसानों का पूरा धान खरीदने संबंधी फैसले के त्वरित क्रियान्वयन की मांग को दुहराया है। श्री चंद्राकर ने कहा कि अब भी प्रदेश के अधिकांश धान खरीदी केन्द्रों में धान विक्रेता किसानों को बेहद परेशानी हो रही है। इधर आदेश के अभाव में टोकन काटने में भी समितियां खुद को निरूपाय महसूस कर रही है और किसानों के आक्रोश का सामना करने के लिए विवश हैं।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद्राकर ने कहा कि टोकन कटा चुके किसानों से निर्धारित मात्रा से प्रति कट्टा 1 किलो धान ज्यादा लिया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार धान खरीदी के दौरान एक बोरी (कट्टा) में 40 किलो धान तौला जाना चाहिए। बोरी का वजन 500 ग्राम माना गया है। इस मान से कुल 40.5 किलो धान तौला जाना चाहिए जबकि किसानों से प्रति बोरी 41.5 किलो धान तौला जा रहा है। किसानों से धान की यह अवैध वसूली है और इस पर तत्काल कार्रवाई कर रोक लगाने की मांग की है। श्री चंद्राकर ने बताया कि ज्यादातर केन्द्रों में यह गड़बड़ी चल रही है। प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारी धान खरीदी के संबंध में जो दावे कर रहे हैं उन दावों का जमीनी सच इसके एकदम उलट दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि धान उठाव नहीं होने के कारण खरीदी केन्द्रों में किसान टोकन कटने के बाद भी अपना धान स्थानाभाव के कारण बेच नहीं पा रहे हैं और धान खरीदी की रफ्तार धीमी पड़ी हुई है। श्री चंद्राकर ने कहा कि पिछले डेढ़ माह में निर्धारित लक्ष्य का आधा धान भी सरकार खरीद नहीं पाई है और अब एक महीने से भी कम अवधि मेें सरकार लक्ष्य के आधे से अधिक धान की खरीदी कैसे कर पाएगी, यह विचारणीय है क्योंकि धान खरीदी की 15 फरवरी तक की निर्धारित अवधि में 11 दिन छुट्टियों में गुजरने वाले हैं।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद्राकर ने इस बात पर भी क्षोभ व्यक्त किया कि धान बिकने के पंद्रह दिन से एक माह तक की अवधि बीत जाने के बावजूद किसानों को उनके धान का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। किसानों को छोटी-छोटी तकनीकी वजहें बताकर चक्कर कटवाया जा रहा है। ऐसे किसानों को अफसर आधार नंबर या खाते में त्रुटि बताकर किसानों को भुगतान के लिए परेशान किया जा रहा है। अब तक ऐसे किसानों का सात करोड़ रूपयों का भुगतान अटका पड़ा है और प्रदेश सरकार किसानों की व्यथा को नजरअंदाज कर संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों का वैसे ही काफी नुकसान कर चुकी है, अब तो वह किसानों को राहत पहुंचाने का काम करे। किसानों को कम अवधि का टोकन दिया जाय और धान खरीदी की निर्धारित सीमा 15 फरवरी से बढ़ाकर 15 मार्च की जाए। श्री चन्द्राकर ने प्रति बोरी 1 किलो धान कमीशन में लेने वालों की पहचान कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इसे एक अलग “धान घोटाला” बताया है।
ठाणे,महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने दावा किया है कि राज्य में शिवसेना के 56 विधायकों में से 35 पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा महाराष्ट्र में सत्ता में जरूर लौटेगी।
भाजपा के कोटे से राज्यसभा सदस्य राणे ने एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार को ‘नकारा’ सरकार करार दिया और कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने में पांच सप्ताह से अधिक समय लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास 105 विधायक हैं तथा शिवसेना के पास महज 56 और उसमें भी 35 असंतुष्ट हैं।
राणे ने यह भी कहा कि किसानों का ऋण माफ करने का ठाकरे सरकार का वादा भी खोखला है क्योंकि इस बात की कोई समय सीमा नहीं है कि इसे कब लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की औरंगाबाद यात्रा का जिक्र करते हुए राणे ने कहा कि वह किसी योजना की घोषणा किये बगैर या इस क्षेत्र को कोई फंड दिये बिना लौट आये।
उन्होंने कहा कि हम ऐसी सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? उन्हें सरकार चलाने के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है। उन्होंने सरकार बनाने में 5 सप्ताह ले लिये जिससे कोई भी सोच सकता है कि वे इसे कैसे संचालित करेंगे।
भाजपा और राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के हाथ मिलाने संबंधी अटकलों पर कुछ कहने से इनकार करते हुए उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि भाजपा प्रमुख ही इस पर कुछ कहेंगे।
रायपुर । चुनाव प्रचार का आखिरी दिन होने की वजह से गुरुवार 19 तारीख़ को पूरे शहर भर में राजनीतिक पार्टियों और अनेक निर्दिलियों ने जनता से समर्थन मांगने बड़ी बड़ी रैलियां निकली। लगभग सभी प्रत्याशियों ने रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया।
रायपुर । महर्षि वाल्मीकि वार्ड के भाजपा प्रत्याशी राजीव कुमार अग्रवाल ने आज विशाल रैली निकालकर पूरे वार्ड में जनसंपर्क कर मतदाताओं से आशीवार्द लिया, विशेष रूप से मातृशक्ति द्वारा श्री अग्रवाल का तिलक कर आरती उतारकर जीत का आशीवार्द दिया। इस अवसर पर श्री अग्रवाल इस मातृशक्ति को विश्वास दिलवाया की वे चुनाव जीतने के बाद सबसे पहला काम वार्ड की शराब भट्टी को हटाने का करेंगे, साथ ही वार्ड में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ वार्ड में बारिश में होने वाले जलभराव की समस्या को हल करेंगर क्योंकि पानी-बरसात के दिनों में जलभरब के कान हमारी वार्ड की महिलाएं किचन में पानी घुसने के कारण 2-3 दिनों तक परिवार के लिए भोजन नही बना पाती है। रैली एम प्रमुख रूप से शारदा पटेल, राजकुमार राठी, किशोरचंद नायक, रामलाल साहू, अशोक गुप्ता, अजय राणा, संजय शाह, सत्येंद्र पांडेय, विजय शादीजा,सतीश छुगानि,प्रेम विश्वकर्मा, रविंद्र चौहान, रामचंद्र अग्रवाल अमित वाधवानी, संजय मोहता, प्रसन्ना गट्टानी, भवरलाल सेन,सुनील खंडूजा, भगत वाधवानी, नामदेव दरयानी, संजय पोपटानी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
रायपुर,प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सियासत गरमाते जा रही हैं. रायपुर के महर्षि वाल्मिकी वार्ड क्रमांक 32 का समीकरण भी बेहद रोचक हो चुका हैं.
नगर निगम के 70 वार्ड में से सभी लोगों की नज़र 32 नंबर में बनी हुई हैं. यह मुख्य वार्ड इसलिए क्यूंकि भाजपा ने पार्षद चुनाव में इस वार्ड से अपने सबसे बड़े प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। भाजपा से वार्ड 32 के उम्मीदवार है 'राजीव कुमार अग्रवाल' जो भाजपा के रायपुर जिला अध्यक्ष भी है।
कांग्रेस की एकजुटता में कमी का सीधा फायदा भाजपा को मिल रहा हैं और राजीव कुमार अग्रवाल जैसे वरिष्ठ नेता को भरपूर जनसमर्थन मिल रहा हैं.
सूत्रों की माने तो राजीव कुमार अग्रवाल भाजपा के महापौर प्रत्याशी भी कहे जा रहें है इसलिए जनता के बीच उन्हें समर्थन अधिक मिल रहा है। क्यूंकि जनता के पास मौका है अपने वार्ड के व्यक्ति को महापौर बनाने का और जनता का मूड भी लग ही रहा है इस मौके पर चौका मारने का।
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक ने बुधवार को कहा कि पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार को माफ कर दिया है, जिन्होंने गत सप्ताह देवेन्द्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री की शपथ ली थी।
मलिक ने कहा कि अजित पवार ने अपनी गलती मान ली है और पवार साहिब ने उन्हें माफ कर दिया है। उन्होंने अवगत कराया कि पवार पार्टी में हैं और पार्टी में उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इससे पहले अजित पवार ने विधानसभा में शपथ ली, साथ ही बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने उन्हें गले लगाया। उल्लेखनीय है कि अंतिम समय में अजित पवार ने देवेन्द्र फडणवीस का साथ छोड़ दिया और उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ही फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शक्ति परीक्षण से कुछ समय पहले मुख्यपमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इतनी जल्दी इस मामले में अजित पवार को माफ़ कर गले लगाने के पीछे की वजह क्या हो सकती है कही पूरा घटना क्रम सियासी फायदे के लिए तो नहीं किया गया था यह बात अभी तक सामने नहीं आ पाई है !
बहरहाल अजित पवार अपने कुनबे में वापस शामिल हो गए
रायपुर आलोक पांडेय प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ असंगठित कामगार कांग्रेस ने बताया 25 नवम्बर सोमवार को छत्तीसगढ़ के चावल को केंद्र सरकार द्वारा सेन्ट्रल पुल में न खरीदने के विरोध में एवं मजदूरों की सुरक्षा की मांग को लेकर राजीव गांधी फायरब्रिगेड चौक रायपुर में महा धरने के आयोजन किया जा रहा है।
ज्ञात हो इस समय देश बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, बढ़ती हुई महंगाई, अद्योमुखी बैंकिंग प्रणाली एवं कृषि संकट के दौर से गुजर रहा है।दुर्भाग्य वाश केन्द्र सरकार को इन मुद्दों को हल करने के बजाय, केंद्र सरकार बड़ी बेशर्मी से इन सब से इनकार करते आ रही है।विदित हो कि वर्तमान में केंद्र की भाजपा सरकार ने सामाजिक सुरक्षा लाने जा रही है।जिससे मौजूदा 15 श्रम कल्याण कानूनों का विलय किया गया है।आश्चर्य यह है कि इस सहिंता में 40 करोड़ असंगठित श्रमिकों के लिए कुछ भी ठोस वायदा नही किया गया है।असंगठित कामगार कांग्रेस छत्तीसगढ़ मांग करती है कि भारत सरकार किसानों के हित में छत्तीसगढ़ का चावल सेन्ट्रल पुल में ख़रीदे, असंगठित कामगारों के रोजगार की रक्षा करते हुए उनके लिए बेहतर रोजगार की व्यवस्था तैयार की जाए।बेरोजगारों के लिए रोजगार का अवसर तैयार किया जाए।असंगठित कामगारों की मजदूरी सुनिश्चित किया जाए।सामाजिक सुरक्षा सहिंता में असंगठित श्रमिकों के लिए जीवन, विकलांगता, स्वास्थ्य, मातृत्व एवम पेंसन संबंधित प्रावधान भी सुनिश्चित की जाए।सभी असंगठित एवम स्व श्रमिकों को कामगार के रूप में पहचान एवम पंजीकृत किया जाए।सभी असंगठित कामगारों epf एवम esi योजना के दायरे में लाया जाना सुनिश्चित किया जाए।हम माननीय प्रधानमंत्री, माननीय राष्ट्रपति से अनुरोध करते हैं कि हमारी सामाजिक सुरक्षा कोड जिसे 15 श्रम कानूनों को विलय कर सूचित किया जा रहा इसे समाहित किया जाए।इन सभी मांगो को लेकर असंगठित कामगार कांग्रेस सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक महाधरना का आयोजन कर 3 बजे राजभवन की ओर कूच करेगी एवम राज्यपाल को राष्ट्रपति एवम प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगी।
महाराष्ट्र | कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार सीडब्ल्यूसी ने शिवसेना संग गठबंधन को हरी झंडी दे दी है। कार्यकारिणी की बैठक के बाद महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा, हमने राकांपा के साथ अपनी बातचीत के बारे में सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी है। तीनों पार्टियों की शुक्रवार को मुंबई में एक बैठक प्रस्तावित है, जहां गठबंधन की घोषणा हो सकती है।
पटना [जेएनएन]। अगले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) होंगे या नहीं, इसपर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में एक राय नहीं दिख रहा। नीतीश के समर्थन में सामने आए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) के बयान को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी (Mithilesh Tiwary) व मंत्री प्रेम कुमार (Prem Kumar) व सीपी ठाकुर (CP Thakur) ने खारिज कर दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) सुप्रीमो रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को ही एनडीए का चेहरा माना है।
उधर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सुशील मोदी को नीतीश कुमार का आदमी बताते हुए कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के चेहरे पर विश्वास नहीं है।
मुख्यमंत्री चेहरा पर खड़ा हुआ विवाद
आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरा (CM Face) नीतीश कुमार हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं। लेकिन बीते दिन बीजेपी एमएलसी संजय पासवान (Sanjay Paswan) ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का पद छोड़ केंद्र की राजनीति करने की सलाह दे भूचाल खड़ा कर दिया। इस मामले में बीजेपी व जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच तनातनी भरे बयान जारी किए गए।
सुशील मोदी ने कही ये बात, हुआ विवाद
मामले में नया मोड़ बुधवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi ) के ट्वीट के साथ आया। उन्होंने लिखा कि 2020 का विधानसभा चुनाव भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उन्होंने लिखा कि नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के कैप्टन हैं और 2020 के विधान सभा चुनाव में भी कैप्टन बने रहेंगे। जब कैप्टन हर मैच में चौका-छक्का लगा रहा हो और विरोधियों की पारी से हार हो रही हो तो किसी बदलाव का सवाल ही कहां उठता है?
सुशील मोदी के इस ट्वीट काे बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने खारिज कर दिया। कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, यह फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। इस संबंध में सुशील मोदी के बयान को उन्होंने निजी विचार करार दिया। नीतीश सरकार में मंत्री व बीजेपी के वरीय नेता प्रेम कुमार ने भी कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी अध्यक्ष व प्रधानमंत्री तय करेंगे।
इसके बाद गुरुवार को बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी ठाकुर ने भी सुशील मोदी के बयान का विरोध किया। उन्होंने कहा कि एेसे ममलों में पहले पार्टी फैसला करती है। हाल ही में संपन्न कोर कमेटी की बैठक में ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी इन दिनों व्यस्त हैं। जब कोई फैसला हो जाए तो इस मामले पर बयान देना उचित होता। डॉ. ठाकुर ने यह भी कहा कि बिहार कैबिनेट (Bihar Cabinet) में बीजेपी का प्रतिनिधि होने के नाते भी सुशील मोदी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।
तेजस्वी ने भी जमकर कसे तंज
बीजेपी में सुशील मोदी के ट्वीट के खिलाफ स्वर उठे तो आरजेडी ने भी एनडीए तथा नीतीश कुमार व सुशील मोदी को आड़े हाथों लिया। आरजेडी प्रवक्ता और सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार व सुशील मोदी के रिश्ते के तमाशे को हास्य और विनोद की नज़रों से देखती है। सुशील मोदी को नीतीश कुमार का आभारी होना चाहिए। इसके बाद देर रात पटना पहुंचे तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी को नीतीश कुमार का आदमी करार दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में सुशील मोदी के ट्वीट के बाद तेजस्वी ने कहा कि सुशील मोदी ने साफ कर दिया है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे पर भरोसा नहीं है। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार का चेहरा बड़ा है। किंतु उन्हें यह भी बताना चाहिए कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में उन्होंने अपने काम के ऊपर नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के चेहरे पर वोट क्यों मांगा?
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अगर वाकई अच्छे कप्तान हैं तो बिहार में अकेले चुनाव लड़कर देख लें। इससे पता चल जाएगा कि कौन कितने पानी में है। तेजस्वी ने सुशील मोदी पर नीतीश मैन (Nitish Man) होने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी के कई नेता ऐसा दावा करते हैं।
06 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। सरकारी भवनों व सरकार से ताल्लुक रखने वाले संसाधनों पर ऐसी लिखावट जो पार्टी या जनप्रतिनिधि का प्रचार करती हो ऐसी सभी इबारतों मिटाने का निर्देश सभी विभागों को दिए गए हैं। शहर की सरकारी दीवारों पर लिखे नारे आदि को पुतवाने की जिम्मेदारी सबसे अधिक नगर पालिका की है। नगरपालिका ने अभी अपनी दीवारों और पेयजल परिवहन के लिए उपलब्ध हुए टैंकरों से भी राजनैतिक दल विशेष का प्रचार करने वाली लेखन सामग्री को नहीं मिटाया है। मेला मैदान में नगर पालिका द्वारा संचालित राजीव गांधी सभागार के पास नपा की दीवार पर बहुजन समाज पार्टी के समर्थन में लेखन कार्य हो रहा है और पेयजल परिवहन के लिए सांसद द्वारा दिए गए दो टैंकरों पर भी लिखा सांसद का नाम नपा ने इस तरह मिटाया है कि, वह पुतने के बाद भी साफ दिखाई दे रहा है।
हर बार के चुनाव में जनप्रतिनिधि स्थाई मंडी की कर चुके घोषणा
कई सालों से लग रही बीच सड़क पर सब्जी मंडी
करैरा। न्यूज
नगर की जनसंख्या के आधार पर एक भी मूलभूत सुविधा नगर परिषद ने यहां के वाशिंदो को उपलब्ध नहीं करा पाई। जैसे करैरा में सबसे बड़ी समस्या स्थाई सब्जी मंडी की है। सब्जी मंडी न होने के कारण सब्जी विक्रेता कहीं पर भी अपनी दुकान लगाकर बैठ जाते हैं। जिसके कारण मुख्य मार्ग पर गंदगी फैलती रहती हैं। जब भी चुनाव आते हैं उस समय हर जनप्रतिनिधि कई तरीके की घोषणा करते है। चुनाव बाद यह अपने किए गए वादों को भूल जाते हैं। पिछले 15 सालों से नगर परिषद की सीट पर काबिज कोम साहू सब्जी मंडी की घोषणा हर बार से करते चले आ रहे हैं लेकिन आज तक मंडी की स्थाई व्यवस्था नहीं करा पाए, और अब तीसरी बार भी यह नप के मुखिया है, लेकिन सब्जी मंडी की स्थाई व्यवस्था आज तक नहीं कर पाए। इस बार के विधानसभा के चुनाव में भाजपा कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों से स्थानीय लोगों को सब्जी मंडी की व्यवस्था की काफी उम्मीदे बनी हुई है।
जांजगीर-चांपा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज बनसोड़ ने कहा है कि जिले में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिए हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मतदान मतदाता का अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है मताधिकार का प्रयोग से लोकतंत्र मजबूत होता है। साथ ही लोकतंत्र के संचालन के लिए उपयुक्त जनप्रतिनिधि का निर्वाचन भी संभव होता है। इसके लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री बनसोड़ व एसपी श्रीमती नीतू कमल ने निर्वाचन में प्रत्येक मतदाता को बिना किसी प्रलोभन के और निर्भय होकर मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया है।
बैठक कर डीएम-एसपी ने मांगा सहयोग, दी पर्ची सिस्टम की जानकारी
फरियादी की शिकायत का समाधान कराने के लिए शुरू किए गए पीलीभीत पर्ची सिस्टम की कामयाबी को एसपी देवरंजन वर्मा ने सहयोग मांगा। जनप्रतिनिधियों संग बैठक कर योजना की जानकारी देने के साथ ही इसके प्रचार-प्रसार की अपील की गई। ताकि जनता को इसका लाभ दिलाया जा सके।
शनिवार सुबह पुलिस लाइंस स्थित सभागार कक्ष में एसपी की ओर से आयोजित जन प्रतिनिधियों की बैठक में समस्त राजनैतिक दलों के लोग पहुंचे। डीएम शीतल वर्मा समेत समस्त पुलिस एवं प्रशासनिक अफसर भी रहे। एसपी ने जनता की शिकायत का समाधान करने को प्राथमिकता बताते हुए उनको पर्ची सिस्टम की जानकारी दी। इसको और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे गए। जनप्रतिनिधियों से अपील की गई कि उनके पास गुहार लेकर पहुंचने वाले फरियादी को वह इसकी जानकारी दें। ताकि पर्ची सिस्टम का पता लोगों को रहे। थाना जाकर जन शिकायत अधिकारी से मिलकर पर्ची जरूर लें, कोई नहीं देता है तो शिकायत करें। कार्रवाई तत्काल की जाएगी। डीएम शीतल वर्मा ने पर्ची सिस्टम को बेहतर प्रयास बताते हुए सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर उद्देश्य के हिसाब से इस पर काम किया गया तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब अफसरों के कार्यालय के बाहर लगने वाली फरियादियों की भीड़ नाममात्र रह जाएगी। विभिन्न राजनैतिक पार्टियों से आए नेताओं ने सहयोग का भरोसा दिलाया। इस मौके पर एडीएम एके सैनी, एएसपी डा.रामसुरेश यादव, सीओ निशांक शर्मा, अनुराग दर्शन, बीपी सिंह, हरीश भदौरिया, सिटी मजिस्ट्रेट राजितराम प्रजापति, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश गंगवार, कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा, सपा जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव, वसीम खां, देवेंद्र सिंह टोनी, एमआर मलिक आदि मौजूद रहे।
पंचायती राज एक्ट के विरोध में जनप्रतिनिधियों ने एक बैठक आयोजित की। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर जिला मुख्यालय में ढोल नगाड़ों के साथ धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।मंगलवार को दंडी क्षेत्र आश्रम में जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। जिसमें उन्होंने पंचायती राज एक्ट संशोधन विधेयक पर आपति
उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर जिला मुख्यालय में ढोल नगाड़ों के साथ धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।मंगलवार को दंडी क्षेत्र आश्रम में जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। जिसमें उन्होंने पंचायती राज एक्ट संशोधन विधेयक पर आपति