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इंडिगो के कर्मचारियों को बड़ा झटका, सैलरी में कटौती के साथ लीव विदआउट पे

इंडिगो के कर्मचारियों को बड़ा झटका, सैलरी में कटौती के साथ लीव विदआउट पे

मुंबई | कोरोना वायरस महामारी के कारण तमाम एयरलाइंस कंपनियों के उड़ानों पर रोक के बीच देश की सबसे बड़ी विमानन सेवा प्रदाता कंपनी इंडिगो एयरलाइन ने मई में सैलरी में कटौती के अलावा, जुलाई तक लीव विदआउट पे का ऐलान किया है। एयरलाइन के इस फैसले से कर्मचारियों को करारा झटका लगा है। 

कंपनी के सीईओ रंजय दत्ता ने कर्मचारियों को भेजे गए एक खत में कहा, हम कर्मचारियों को मार्च तथा अप्रैल की पूरी सैलरी का भुगतान किया, लेकिन यह बात कहते हुए मुझे दुख हो रहा है कि अब मई 2020 के लिए सैलरी में कटौती के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं बचा है।
दत्ता ने कहा, इसके अलावा, मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि हम मई, जून तथा जुलाई महीने के लिए लिमिटेड, ग्रेडेड लीव विदआउट पे का भी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लीव विदआउट पे 1.5 से 5 दिनों का होगा और लेवल ए या निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए यह लागू नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि कंपनी में ए लेवल के कर्मचारियों की तादाद कंपनी में काम करने वाले कुल कर्मचारियों का 40 प्रतिशत है और संख्या 27 हजार है। 
इंडिगो ने 19 मार्च को अप्रैल में भुगतान की जाने वाली सैलरी के लिए कहा था कि वह इसमें 25 प्रतिशत तक कटौती कर सकती है, लेकिन सरकार के दबाव में उसे यह कदम वापस लेना पड़ा है।
 
एसबीआई ने ब्याज दरों में की भारी कटौती, लोन लेना हुआ सस्ता

एसबीआई ने ब्याज दरों में की भारी कटौती, लोन लेना हुआ सस्ता

नई दिल्ली | सार्वजनिक क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर आधारित लोन की ब्याज दरों में 15 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। ब्याज दरों में कटौती हर अवधि के लोन पर की गई है। इस कटौती के बाद एक साल की लोन अवधि पर ब्याज दर 7.40 फीसदी से घटकर 7.25 फीसदी हो गई। नई ब्याज दर 10 मई से लागू होगी। बैंक ने कहा कि यह लगातार 12वीं बार है जब ब्याज दरों में कटौती की गई है। 

स्टेट बैंक ने टर्म डिपॉजिट पर भी ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया है। जमा पूंजी पर ब्याज दरों में 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई है जो 12 मई से लागू होगी और यह तीन साल की अवधि के लिए है।
इसके अलावा बैंक ने सीनियर सिटिजन्स के लिए एसबीआई वीकेयर डिपॉजिट स्कीम की शुरुआत की है। इसके तहत बुजुर्गों को 5 साल या उससे ज्यादा की अवधि पर जमा करने पर 30 बेसिस पॉइंट्स का एक्स्ट्रा प्रीमियम इंट्रेस्ट मिलेगा। यह स्कीम 30 सितंबर 2020 तक जारी रहेगी।
6 मई को बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया था। दोनों बैंक ने ब्याज दरों में 10 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की घोषणा की थी। इंडियन ओवरसीज बैंक ने एक साल की अवधि के कोष की सीमांत लागत आधारित कर्ज की ब्याज दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक साल की अवधि की एमसीएलआर आधारित व्याज दर को 0.10 प्रतिशत घटकर 7.90 प्रतिशत कर दिया।
 
लॉकडाउन से पस्त हुई कोटक महिंद्रा बैंक, कर्मचारियों की 10 फीसदी सैलरी काटने की घोषणा

लॉकडाउन से पस्त हुई कोटक महिंद्रा बैंक, कर्मचारियों की 10 फीसदी सैलरी काटने की घोषणा

नई दिल्ली | कोरोना वायरस की मार देश के हर सेक्टर को झेलनी पड़ रही है। बैंकिंग सेक्टर भी इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके चलते प्राइवेट सेक्टर के बैंक कोटक महिंद्रा बैंक ने कर्मचारियों के सैलरी पैकेज में 10 फीसद कटौती की घोषणा की है। इसके तहत सालाना 25 लाख रुपये से ज्यादा पैकेज वाले कर्मचारियों की सीटीसी में 10 फीसदी की कटौती की जाएगी।

बताया जाता है कि इसके लिए बैंक की तरफ से सभी कर्मचारियों को भेजी एक आंतरिक ईमेल में कहा गया है कि हमने मई 2020 से 25 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक वेतन वाले सभी कर्मचारियों के लिए सीटीसी में 10 प्रतिशत की कटौती का फैसला किया है। सालाना 25 लाख रुपये से कम आय वाले कर्मचारी प्रभावित नहीं होंगे।

सुत्रों के मुताबिक, बैंक ने ये फैसला कोरोना से बिजनेस प्रभावित होने के चलते लिया है। ई-मेल में कहा गया है कि कोविड-19 हमारी अर्थव्यवस्था पर भी कहर ढा रहा है, जो हमारे जैसे वित्तीय सर्विसेज कंपनियों को प्रभावित करेगा। इसलिए, हमें अपने बिजनेस को बचाने के लिए हमारी लागतों और परिचालनों को फिर से रिकैलिब्रेट करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे सहकर्मी सुरक्षित हों और उनकी नौकरियों की सुरक्षा के लिए पूरी कोशिश करें।

 
शेयर बाजार में जोरदार तेजी, मजबूत विदेशी संकेतों से 1300 अंक उछला सेंसेक्स, निफ्टी 300 अंक चढ़ा

शेयर बाजार में जोरदार तेजी, मजबूत विदेशी संकेतों से 1300 अंक उछला सेंसेक्स, निफ्टी 300 अंक चढ़ा

मुंबई। विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेतों से मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार आरंभिक कारोबार के दौरान गुलजार रहा। सेंसेक्स 28,900 के उपर तक उछला जबकि निफ्टी में 8,400 के उपर कारोबार चल रहा था। सुबह 9.46 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 1262.76 अंकों यानी 4.58 फीसदी की तेजी के साथ 28,853.71 पर कारोबार कर रहा था जबकि निफटी में पिछले सत्र से 363.70 अंकों यानी 4.50 फीसदी की तेजी के साथ 8,447.50 पर कारोबार चल रहा था।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज के 30 षेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1307.41 अंकों की तेजी के साथ 28,898.36 पर खुला और 28,963.25 तक उछला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सत्र से 362.50 की तेजी के साथ 8,446.30 पर खुला और 8,468.25 तक उछला। अमेरिकी बाजार में सोमवार को जबदरस्त उछाल के बाद एशियाई बाजारों में मंगलवार को तेजी रही।
मंदी में चली जाएगी विश्व अर्थव्यवस्था, भारत-चीन हो सकते हैं अपवाद

मंदी में चली जाएगी विश्व अर्थव्यवस्था, भारत-चीन हो सकते हैं अपवाद

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की ताजा व्यापार रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल मंदी में चली जाएगी, जबकि भारत और चीन इसके अपवाद हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान खरबों डॉलर का नुकसान होगा और विकासशील देशों के लिए एक बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
रिपोर्ट में हालांकि इस बात की विस्तार से व्याख्या नहीं की गई है कि भारत और चीन अपवाद क्यों और कैसे होंगे?
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि कोविड-19 संकट के चलते विकासशील देशों में रह रहे दुनिया के करीब दो-तिहाई लोग अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और साथ ही इन देशों की मदद के लिए 2,500 अरब डॉलर के राहत पैकेज की सिफारिश भी की गई है।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) के एक ताजा विश्लेषण में कहा गया है कि दुनिया की दो-तिहाई आबादी प्रभावित होगी और अगले 2 वर्षों के दौरान विकासशील देशों में करीब 2,000 से 3,000 अरब डॉलर के बीच विदेशों से आने वाला निवेश प्रभावित हो सकता है।

अंकटाड ने कहा कि हाल में विकसित अर्थव्यवस्थाओं और चीन ने भारी-भरकम सरकारी पैकेज की घोषणा की है। जी-20 के मुताबिक उनकी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए यह पैकेज कुल 5,000 अरब डॉलर का होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक अभूतपूर्व संकट है जिसके लिए अभूतपूर्व फैसले करने हैं।
अंकटाड ने कहा है कि इन राहत उपायों के बावजूद विश्व अर्थव्यवस्था इस साल मंदी के दौर में चली जाएगी और इससे अरबों-खरबों डॉलर के वैश्विक निवेश का नुकसान होगा, जो विकासशील देशों के लिए गंभीर मुसीबत बन जाएगा।


 

लॉकडाउन के कारण चूजों का उत्पादन बंद होने से पोल्ट्री उद्योग को हो रहा है भारी नुकसान

लॉकडाउन के कारण चूजों का उत्पादन बंद होने से पोल्ट्री उद्योग को हो रहा है भारी नुकसान

नईदिल्ली, देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते हुए प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण चूजों के उत्पादन के लगभग बंद होने से पोल्ट्री उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए यातायात के साधनों पर लगाई गई रोक के कारण अधिकांश स्थानों पर हैचिंग का काम रोक दिया गया है और अंडों के भंडारण पर जोर दिया जा रहा है। इतना ही नहीं सरकारी संस्थानों में किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी रोक दिया गया है।
कोरोना के मद्देनजर यातायात के साधनों पर रोक लगाए जाने से न केवल लोगों का आना-जाना बाधित हुआ है बल्कि मुर्गी दाना, दवा ,विटामिन्स , खनिज और बिक्री के लिए तैयार मुर्गियों का परिवहन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने पोल्ट्री उद्योग के संकट के बारे में पूछे जाने पर बताया कि विकट परिस्थिति के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है जिसका लंबे दौर में किसानों की आर्थिक स्थिति पर व्यापक असर होगा।
डॉक्टर सिंह ने बताया कि चूजा उत्पादन बंद होने से व्यावसायिक पैमाने पर पोल्ट्री उद्योग बुरी तरह से प्रभावित होगा और अंतत: इसका असर किसानों की अर्थव्यवस्था पर होगा। देश में करीब 10 लाख किसान पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े हुए हैं जिनमें से 60 प्रतिशत किसान 10 हजार से कम पक्षियों को पालते हैं। देश के सकल घरेलू उत्पाद में पोल्ट्री उद्योग का योगदान 1.2 लाख करोड़ रुपए सालाना है। देश भर में पूरे पोल्ट्री व्यवसाय चेन से करीब दस करोड़ लोग जुड़े हुए हैं।
पिछले दिनों कोरोना वायरस को लेकर फैलाई गयी अफ़वाह के कारण चिकन की थोक कीमत धराशाई हो गयी थीं और लोग 15 रुपए किलो भी लेने को तैयार नहीं हो रहे थे। देश में सरकारी क्षेत्र में बेगलुरु , हैदराबाद , चंडीगढ़ ,बरेली , इज्जतनगर और कृषि विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर चूजों को तैयार किया जाता है और यहां किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। दक्षिण भारत में निजी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चूजे तैयार किए जाते हैं और इसे किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।
डॉक्टर सिंह ने बताया कि देश में पोल्ट्री प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन सुविधाओं का अभाव है। यह सुविधा होने पर बड़े पैमाने पर चिकन और अंडों का प्रसंस्करण किया जा सकता था। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अनुसार केवल छह प्रतिशत पोल्ट्री का ही प्रसंस्करण किया जा रहा है। इस बीच पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रमेश चंदर खत्री ने बताया कि पोल्ट्री उद्योग की कमर टूट चुकी है और चूजों की आपूर्ति लाइन पूरी तरह से तबाह हो गई है। किसानों ने अंडों को जमीन के अंदर दबा दिया है और वे आर्थिक रूप से पूरी तरह से टूट चुके हैं। बिक्री के लिए तैयार पक्षी किसानों पर बोझ हैं क्योंकि दाना का भारी अभाव है।
 

कोरोना वाइरस के चलते घर बैठे मंगा सकते हैं बैंकों से पैसा, क्या है तरीका...पढ़े पूरी खबर

कोरोना वाइरस के चलते घर बैठे मंगा सकते हैं बैंकों से पैसा, क्या है तरीका...पढ़े पूरी खबर

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगभग पूरे भारत में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है, ऐसे वक्त में अगर आपको किसी इमरजेंसी में पैसों की आवश्यकता पड़ती है तो आप बैंक से घर बैठे धन मंगा सकते हैं। SBI, ICICI, HDFC जैसे कई बैंक अपने ग्राहकों को इस तरह की सुविधा प्रदान करते हैं।
SBI भी डोरस्टेप डिलिवरी के तहत घर पर नकद मंगाने, पैसा जमा करने की सुविधा ग्राहकों को देता है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों या विशेष पंजीकरण वाले ग्राहकों के लिए है।
इसका शुल्क 100 रुपए है।

ICICI बैंक से घर पर कैश डिलिवरी के लिए बैंक की वेबसाइट पर Bank@homeservice पर लॉगइन करना होता है। कस्टमरकेयर पर फोन करके भी आप यह सुविधा ले सकते हैं। नकद मंगाने के लिए सुबह 9 से दोपहर 2 बजे के बीच अनुरोध कर सकते हैं। 2 घंटे के भीतर आपको जरूरत का पैसा मिल जाता है। इससे 2 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक घर बैठे ले सकते हैं। इस सर्विस के लिए बैंक मात्र 60 रुपए चार्ज करती है।
HDFC बैंक भी कैश एट होम की सुविधा मुहैया कराता है। आप 5 से 25 हजार रुपए तक का कैश घर पर मंगा सकते हैं। इसके लिए 100 से 200 रुपए तक शुल्क बैंक लेता है।

इन बैंकों के अलावा भी कई बैंक इस तरह की सुविधा देते हैं। बैंकों के एप्स पर भी आप कैश एट होम के लिए आवेदन कर सकते हैं।

 

 

कोरोना का डर शेयर बाजार में 1 घंटे में हो गए निवेशकों के 10 लाख करोड़ स्वाहा

कोरोना का डर शेयर बाजार में 1 घंटे में हो गए निवेशकों के 10 लाख करोड़ स्वाहा

नई दिल्ली। शेयर बाजार में सोमवार शुरुआती एक घंटे के कारोबार के दौरान निवेशकों की 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति डूब गई। इस दौरान बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली और प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से अधिक टूट गए।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके चलते इक्विटी बाजारों में सप्ताह की शुरुआत बड़े पैमाने पर बिकवाली के साथ हुई।

बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण कारोबार को 45 मिनट के लिए रोके जाने से ठीक पहले 10,29,847.17 करोड़ रुपए घटकर 1,05,79,296.12 करोड़ रुपऐ रह गया। बीएसई के प्रमुख सेंसेक्स सूचकांक में 2,991.85 अंक या 10 प्रतिशत की गिरावट हुई, जिसके बाद कारोबार को 45 मिनट के लिए रोक दिया गया।
बीएसई सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में थे। एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक और बजाज फाइनेंस में जोरदार गिरावट हुई। बैंक, रियल्टी और वित्त क्षेत्र के शेयरों में भारी नुकसान देखने को मिला। सूचकांक में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले आरआईएल में 11.57 फीसदी और टीसीएस में 5.84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

 

सभी कंपनियों के एमडी को दी जेल भेजने की चेतावनी, जाने क्या है यह पूरा मामला

सभी कंपनियों के एमडी को दी जेल भेजने की चेतावनी, जाने क्या है यह पूरा मामला

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में सरकार से कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों पर बकाया राशि का फिर से आकलन करना कोर्ट की अवमानना होगी। इसकी इजाजत दी गई तो यह कोर्ट से धोखा होगा। सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जो हो रहा है वो बेहद चौंकाने वाला है। क्या हम मूर्ख है ये कोर्ट के सम्मान की बात है क्या टेलीकॉम कंपनियां को लगता है कि वो संसार में सबसे पावरफुल है। कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को जोरदार फटकार लगाई है। साथ ही, कोर्ट ने सभी टेलीकॉम कंपनियों के एमडी को जेल भेजने की चेतावनी भी दी है।

आपको बता दें कि सोमवार को वोडाफोन आइडिया ने कहा कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट को अतिरिक्त 3,354 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कंपनी ने कहा है कि खुद के आकलन के मुताबिक उसने एजीआर बकाए की मूल राशि का पूरा भुगतान कर दिया है। अब तक कंपनी सरकार को एजीआर बकाए को लेकर 6,854 करोड़ रुपये दे चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को जोरदार फटकार लगाई है। साथ ही, कोर्ट ने सभी टेलीकॉम कंपनियों के एमडी को जेल भेजने की चेतावनी भी दी है।

यह है मामला 
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने वोडाफोन आइडिया से एजीआर बकाए को लेकर करीब 53 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। इसमें ब्याज, जुर्माना और राशि के भुगतान में की गई देरी पर ब्याज भी शामिल है। कंपनी ने कहा कि वह एजीआर देनदारी पर स्वआकलन रिपोर्ट टेलीकॉम डिपार्टमेंट को छह मार्च को सौंप चुकी है। इससे पहले कंपनी ने 17 फरवरी को 2,500 करोड़ रुपये और 20 फरवरी को 1000 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
सोना हुआ सस्ता, चांदी में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली

सोना हुआ सस्ता, चांदी में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली

नई दिल्ली। कमजोर जेवराती मांग और डॉलर की तुलना में रुपए में जारी गिरावट से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना शुक्रवार को 43,170 रुए प्रति 10 ग्राम रह गया। चांदी भी 2983 रुपए की बड़ी गिरावट के साथ 43,855 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गई।

विदेशों में गुरुवार को दोनों पीली धातु में रही एक फीसदी से अधिक की नरमी ने भी घरेलू बाजार में इस पर दबाव डाला। हालांकि आज इसमें कुछ सुधार देखा गया।

लंदन एवं न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार, सोना हाजिर आज 7.8 डॉलर चढ़कर 1,584.35 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं, अप्रैल का अमेरिकी सोना वायदा 4.60 डॉलर टूटकर 1,585.70 डॉलर प्रति औंस बोला गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी हाजिर 15.73 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रही।
स्थानीय बाजार में सोना स्टैंडर्ड 1,430 रुए की गिरावट के साथ 43,170 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। सोना बिटुर भी इतनी ही नरमी के साथ 43,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव बिका। आठ ग्राम वाली गिन्नी 1,500 रुपए की बड़ी गिरावट के साथ 32,500 रुपए प्रति इकाई पर आ गई।

चांदी हाजिर 2,983 रुपए लुढ़ककर 43,855 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई। चांदी वायदा 2460 रुपए टूटकर 42,883 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। सिक्का लिवाली और बिकवाली 10-10 रुपए टूटकर क्रमश: 960 रुपए और 970 रुपए प्रति इकाई के भाव पर स्थिर रहे।

 

यस बैंक की रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम को मोदी सरकार ने दी मंजूरी, शेयरों में भी उछाल

यस बैंक की रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम को मोदी सरकार ने दी मंजूरी, शेयरों में भी उछाल

नई दिल्ली, यस बैंक के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यस बैंक की रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम को केंद्र की मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम की मंजूरी दी गई। रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम को मंजूरी मिलने के ऐलान के बाद बैंक के शेयर में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है। यस बैंक का शेयर 6 फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ 27.50 रुपये के स्तर पर कारोबार करते हुए देखा गया।
आरबीआई यस बैंक के प्रस्तावित रिस्ट्रक्चरिंग प्लान को कैबिनेट की बैठक में पेश किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्राफ्ट स्कीम के अंतर्गत स्टेट बैंक यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है। ड्राफ्ट स्कीम को लेकर आरबीआई द्वारा लोगों से सुझाव मांगा गया था। एसबीआई का कहना है कि यस बैंक के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बनाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाउसिंग डेवलमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड और कोटक महिंद्रा प्राइम लिमिटेड भी यस बैंक में हिस्सा खरीद सकते हैं।

 

सामुदायिक विकास कार्यों के लिए बालको ने जीता गोल्डन पीकॉक अवार्ड

सामुदायिक विकास कार्यों के लिए बालको ने जीता गोल्डन पीकॉक अवार्ड

कोरबा,सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के उत्कृष्ट प्रबंधन और क्रियान्वयन के लिए भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड बालको प्रबंधन ने वर्ष 2019 का गोल्डन पीकॉक पुरस्कार जीता। यह पुरस्कार 4 मार्च 2020 को बालको के सामुदायिक विकास प्रबंधक श्री विवेक सिंह ने मुंबई में सामुदायिक उत्तरदायित्व पर गोल्डन पीकॉक की ओर से आयोजित 14वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ग्रहण किया।
इस अवसर पर बिडला सेंटर फॉर कम्यूनिटी इनिशिएटिव एंड रूरल डेवलपमेंट की अध्यक्ष श्रीमती राजश्री बिडला और केरल के लोक आयुक्त तथा कर्नाटक एवं उत्तराखंड उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सिरियाक जोसेफ मौजूद थे। इस उपलब्धि के लिए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने बालको परिवार को शुभकामनाएं दी हैं। बालको प्रबंधन अपने प्रचालन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन और आधारभूत संरचना विकास संबंधी योजनाएं संचालित करता है। बालको की योजनाओं से बड़ी संख्या में नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं।
 

SBI बचत खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबर, नहीं रखना पड़ेगा मिनिमम बैलेंस

SBI बचत खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबर, नहीं रखना पड़ेगा मिनिमम बैलेंस

नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने अपने सभी बचत खाताधारकों के लिए एक औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता बुधवार को समाप्त करने की घोषणा की। इससे अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ खाते की सुविधा मिलने लगेगी।
इसके अलावा बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रूप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है।

एसबीआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि देश में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए उसने अपने सभी 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों के लिए औसत मासिक न्यूनतम राशि (एएमबी) रखने की अनिवार्यता खत्म कर दी है।
अभी मेट्रो शहरों के बचत खाताधारकों को औसत मासिक न्यूनतम राशि के तौर पर 3,000 रुपये, कस्बों में 2,000 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपए खाते में रखने होते हैं। औसत मासिक न्यूनतम राशि को बनाए नहीं रखने की स्थिति में खाताधारकों को 5 से 15 रुपये जुर्माने और करों का भुगतान करना होता है।

एएमबी समाप्त किए जाने से बैंक के इन खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ (यानी कोई न्यूनतम राशि नहीं रखने) की सुविधा उपलब्ध होगी।
इसके अलावा बैंक ने त्रैमासिक आधार पर एसएमएस सेवा के लिए वसूले जाने वाले शुल्क को भी खत्म कर दिया है।
इस बारे में बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि यह फैसला और अधिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला होगा।
बैंक का कहना है कि ‘सबसे पहले ग्राहक हित’ की अवधारणा पर चलते हुए उसने यह कदम उठाया है।

इसके अलावा बैंक ने बचत खातों पर वार्षिक ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाते हुए सभी श्रेणियों के लिए घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है।

 

सेंसेक्स 2400 अंक टूटा, निफ्टी में 700 अंकों की गिरावट

सेंसेक्स 2400 अंक टूटा, निफ्टी में 700 अंकों की गिरावट

मुंबई। कोरोना के कहर से गुरुवार को दलाल स्ट्रीट पर फिर कोहराम मच गया। विदेशी बाजारों से मिले निराशाजनक संकेतों से बढ़े बिकवाली के भारी दबाव में सेंसेक्स 2,400 अंक से ज्यादा लुढ़ककर 33,250.06 पर आ गया। वहीं, निफ्टी 700 अंक से ज्यादा टूटकर 9,713.65 पर आ गया। कोरोना के कहर और कच्चे तेल में गिरावट के कारण बने निराशाजनक माहौल में शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव बना हुआ था। शेयर बाजार में आई गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर हुआ।

पूर्वाह्न् 11.01 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 2,357.63 अंकों यानी 6.60 फीसदी लुढ़ककर 33,339.77 पर कारोबार कर रहा था, जबकि इससे पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र से 2,447.34 अंकों की गिरावट के साथ 33,250.06 पर आ गया। कारोबार के आरंभ में सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 1,224.90 अंकों की गिरावट के साथ 34,472.50 पर खुला।
 
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सत्र के मुकाबले 731.90 अंकों यानी सात फीसदी की गिरावट के साथ 9,726.50 पर बना हुआ था जबकि इससे पहले निफ्टी 744.75 अंक टूटकर 9,713.65 पर आ गया। कारोबार के आरंभ में निफ्टी 10,039.95 पर खुला और 10,040.75 तक चढ़ा।

बाजार के जानकारों ने बताया कि कोरोनावायरस का प्रकोप दुनियाभर में गहराने और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों से बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है। कोरोना का कहर और अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंका बनी हुई है, जिसके चलते बिकवाली का दबाव बना हुआ है।

डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार पिछले सत्र से 61 पैसे फिसलकर 74.25 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। रुपया बीते सत्र में मजबूती के साथ 73.64 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। हालांकि बाद में देसी करेंसी में पिछले सत्र के मुकाबले 74.12 रुपये प्रति डॉलर पर कारोबार चल रहा था। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया है।
शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये डूबे, जाने पूरी खबर

शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये डूबे, जाने पूरी खबर

नयी दिल्ली। शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह गिरावट हुई। बीएसई में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स सूचकांक 1515.01 अंक या 4.03 प्रतिशत गिरकर 36,061.61 पर आ गया। निफ्टी में भी 417.05 अंकों या 3.80 प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 10,572.40 के स्तर पर आ गया। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई। इच्टिी बाजार में इस गिरावट के चलते निवेशकों के 4,79,820.87 करोड़ रुपये डूब गए और बीएसई पर कुल बाजार पूंजीकरण 1,39,39,640.96 करोड़ रुपये रह गया। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को कारोबार के अंत में 1,44,31,224.41 करोड़ रुपये था। कारोबारियों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका गहराने के चलते शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख है। सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में चल रहे हैं।
 
ओएनजीसी, रिलायंस, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस गिरने वाले प्रमुख शेयर रहे। पिछले सत्र में बीएसई में 893.00 अंकों की और निफ्टी में 279.55 अंकों की गिरावट हुई थी। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान सकल आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,594.84 करोड़ रुपये की इच्टिी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,543.78 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की। कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल को देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। उन्होंने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।
कोरोना वायरस आपातकाल का फायदा उठाने वालों के खिलाफ फेसबुक, इंस्टा सख्त

कोरोना वायरस आपातकाल का फायदा उठाने वालों के खिलाफ फेसबुक, इंस्टा सख्त

सैन फ्रांसिस्को। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम ने शनिवार को अपने प्लेटफॉर्म पर मेडिकल फेस मास्क बेचने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, ताकि लोगों से कोरोनावायरस आपातकाल का फायदा न उठाया जा सके। फेसबुक पर ट्रस्ट/इंटिग्रिटी टीम (विज्ञापनों और वाणिज्यिक उत्पादों के लिए) का नेतृत्व करने वाले रॉब लीथर्न ने ट्विटर पर इस निर्णय की घोषणा की।

उन्होंने ट्वीट किया, हम मेडिकल फेस मास्क बेचने वाले विज्ञापनों और प्रोडक्ट लिस्टिंग पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। कोविड-19 पर हम कड़ी नजर बनाए हुए हैं और अगर हम यह पाते हैं कि लोग इस सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं, तो हम अपनी नीतियों में आवश्यक सुधार करेंगे। इंस्टाग्राम के प्रमुख एडम मोसेरी ने भी उनके इस निर्णय को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, आपूर्ति कम है और दाम ज्यादा है। हम लोगों द्वारा इस सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का फायदा उठाए जाने के खिलाफ हैं। हम भी अगले कुछ दिनों में इसकी शुरुआत करेंगे।

फेसबुक ने इस बात का भी ऐलान किया कि उनके इस मंच पर कोरोनावायरस से संबंधित खोजों के साथ एक पॉप-अप या सूचना भी ऑटोमैटिक आएगा, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से आवश्यक निर्देश होंगे। 

अन्य तकनीकी कंपनियां भी मूल्य वृद्धि और स्वास्थ्य संबंधी गलत सूचना को रोकने के लिए प्रयासरत है।
टेक क्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन भी अपने यहां से हैंड सैनिटाइजर और फेस मास्क जैसे उत्पादों पर च्अधिक कीमतों वाले ऑफर्सज् को हटाने की काम पर लगा हुआ है, जबकि ईबे ने एन95 और एन100 फेस मास्क, हेंड सेनिटाइजर और एल्कोहॉल वाइप्स प्रोडक्ट की लिस्टिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
एयर इंडिया समूह के विमान ने जगदलपुर एयरपोर्ट में ट्रायल लैंडिंग किया, जाने कब से नियमित रूप से उड़ान होगी शुरू

एयर इंडिया समूह के विमान ने जगदलपुर एयरपोर्ट में ट्रायल लैंडिंग किया, जाने कब से नियमित रूप से उड़ान होगी शुरू

जगदलपुर, बस्तर संभाग मुख्यालय से हवाई सेवा पुन: जल्द शुरू हो सकता है। मिल रही जानकारी के अनुसार 29 मार्च से एयर इंडिया समूह की एलायंस कंपनी यहां से नियमित उड़ान का संचालन शुरू करेगी। इससे पहले शुक्रवार को एलायंस का एटीआर 72 विमान जगदलपुर पहुंचा। यह एयर इंडिया समूह के एलायंस की ट्रायल लैंडिंग थी।
विमान दिल्ली से उड़कर सीधे जगदलपुर में लैंड हुआ। विमान के साथ डीजीसीए और एयर इंडिया एलायंस के अफसर भी पहुंचे हुए हैं। कुछ घंटे बाद सारी तकनीकी जानकारी जुटाने और उससे संतुष्ट होने के बाद विमान दिल्ली के लिए टेकऑफ करेगा। एयरपोर्ट सूत्रों की मानें तो लैंडिंग सफल रही है, डीजीसीए को भेजी जाने वाली रिपोर्ट के बाद 29 मार्च से नियमित उड़ान का रास्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा। 29 मार्च से फ्लाइट रायपुर-जगदलपुर-हैदराबाद के लिए चलेगी। जगदलपुर एयरपोर्ट को ट्रांजिट एयरपोर्ट बनाये जाने की जानकारी मिल रही है।
 

फरवरी में फास्टैग से सरकार ने रोजाना कमाए 63 करोड़ रुपए, महीने में हुई 1841 करोड़ की कमाई

फरवरी में फास्टैग से सरकार ने रोजाना कमाए 63 करोड़ रुपए, महीने में हुई 1841 करोड़ की कमाई

पूरे देश में टोल टैक्स वसूली के लिए फास्टैग व्यवस्था लागू हो गई है। फरवरी महीने में इस नई व्यवस्था के द्वारा 1841 करोड़ रुपए की कमाई की गई है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस महीने में फास्टैग से सरकार को टोल प्लाजा से रोजना 63 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई है। नेशनल हाईवे स्थित टोल प्लाजा पर फास्टैग से टोल टैक्स वसूला जा रहा है। हालांकि अभी हाईवे पर एक-चौथाई टोल बूथ पर नकद और फास्टैग दोनों से भुगतान हो सकेगा।
बिना फास्टैग के लेन में घुसने वाले वाहनों से वसूले 20 करोड़
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि उसने टोल प्लाजा पर फास्टैग वाले लेन में घुसने वाले बिना टैग के 18 लाख वाहनों से 20 करोड़ रुपए वसूले हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में इलेक्ट्रॉनिक टोल वसूली के लिए फास्टैग की शुरुआत की थी। बिना टैग वाला वाहन अगर फास्टैग वाली लेन में घुसता है तो उसे दो गुना टोल देना होता है। अभी तक देशभर में 1.55 करोड़ से ज्यादा फास्टैग जारी किए जा चुके हैं।
 

हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर, अब मिलेगी नई सेवा, पढ़े पूरी खबर...

हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर, अब मिलेगी नई सेवा, पढ़े पूरी खबर...

नईदिल्ली। हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने भारत में संचालित उड़ान सेवाओं को उड़ानों के दौरान यात्रियों को वाई-फाई उपलब्ध कराने की सोमवार को मंजूरी दे दी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी कर विमान अधिनियम, 1937 में बदलाव किया है। इसके अनुसार पायलट इन कमांड उड़ान के दौरान वाई-फाई के माध्यम से यात्रियों को इंटरनेट के इस्तेमाल की अनुमति दे सकता है। यह भी शर्त रखी गयी है कि वाई-फाई का इस्तेमाल करने के दौरान भी यात्री अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जैसे लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन, स्मार्टवाच, ई-रीडर आदि को फ्लाइट या एरोप्लेन मोड में ही रखेंगे।

 

अधिसूचना में कहा गया है कि उड़ान के दौरान वाई-फाई का इस्तेमाल तभी हो सकेगा जब नागर विमानन महानिदेशालय इसके लिए विमान को सत्यापित करता है।

इससे पहले पिछले शुक्रवार को विस्तारा के सीईओ लेस्ली थंग ने एवरेट में पहले बोइंग 787-9 विमान की डिलीवरी के मौके पर पत्रकारों से कहा था कि यह भारत में उड़ान के दौरान वाई-फाई उपलब्ध कराने वाला पहला विमान होगा। वहीं पिछले माह टाटा समूह की कंपनी नेल्को और पैनासॉनिक एवियॉनिक्स कॉरपोरेशन ने भारतीय विमानन क्षेत्र में उड़ान के दौरान ब्रॉडबैंड सेवाएं मुहैया कराने के लिए साझेदारी की घोषणा की थी। तब बताया गया था कि विस्तारा एयरलाइंस के साथ इस सेवा की शुरुआत की जाएगी। बता दें कि विस्तारा टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस की संयुक्त कंपनी है।

इस संदर्भ में नेल्को के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ( सीईओ ) पीजे नाथ ने कहा है कि, च्हम यह बताकर उत्साहित हैं कि नेल्को देश में लंबे समय से प्रतीक्षित उड़ान ब्रॉडबैंड सेवाओं की शुरुआत कर रही है। विस्तारा इस सेवा से जुडऩे वाली पहली विमानन कंपनी है।ज् इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नेल्को ने इस बाबत पैनासॉनिक एवियॉनिक्स कॉरपोरेशन की एक अनुषंगी के साथ साझेदारी की है।

इससे पहले दिसंबर में खबर आई थी कि विस्तारा में जनवरी से यात्रियों को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी मिलने लगेगी। नेल्को एक वीसैट सेवा प्रदाता कंपनी है, जिसको सरकार से वीसैट लिंक मिल गया है। केंद्र सरकार ने विस्तारा को स्पेक्ट्रम भी दे दिया है। डाटा मिलने से भी यात्री व्हाट्सएप जैसे एप का इस्तेमाल फोन कॉल करने के लिए कर सकते हैं।

मई 2018 से पहले भारतीय हवाई क्षेत्र में उडऩे वाले प्रत्येक विमान को डाटा या फोन सेवा चलाने की मंजूरी नहीं थी। यात्रा के वक्त यात्रियों को अपना मोबाइल फोन बंद करके या फिर फ्लाइट मोड पर रखना होता था। यह नियम विदेश से आने वाली उड़ानों पर भी लागू था। हालांकि अब दूरसंचार विभाग ने पहले लगाई रोक को हटा लिया है।
मार्च माह में लगातार 8 दिन बंद रह सकते हैं बैंक, 8 मार्च से पहले निपटा लें अपना बैंक का काम, जाने क्या है बैंक बंद हो सकने की वजह

मार्च माह में लगातार 8 दिन बंद रह सकते हैं बैंक, 8 मार्च से पहले निपटा लें अपना बैंक का काम, जाने क्या है बैंक बंद हो सकने की वजह

नई दिल्ली | अगर आपका बैंक से जुड़ा कोई काम है तो उसे आप 8 मार्च से पहले ही निपटा लें तो बेहतर होगा, क्योंकि मार्च में लगातार 8 दिनों तक बैंक बंद रह सकते हैं। 8 मार्च को रविवार है, जबकि 9 तथा 10 मार्च को होली की छुट्टी है। 11,12 तथा 13 मार्च को बैंककर्मी हड़ताल पर जा सकते हैं। अगर बैंककर्मी हड़ताल पर गए तो लगातार 6 दिनों की छुट्टी हुई, वहीं 14 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार पड़ रहा है, जबकि 15 को रविवार का अवकाश है। ऐसे में बैंक लगातार 8 दिन बंद रहेंगे।

अगर ऐसा होता है तो बैंक के ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि मार्च वित्त वर्ष का आखिरी माह होता है और इस माह में सारे साल के लंबित वित्त मामले निपटाने होते हैं। दरअसल बैंक कर्मचारी अपनी सैलरी को रिवाइज कराने की मांग को लेकर हड़ताल करने जा रहे हैं। सरकारी बैंकों की यूनियन बैंक एंप्लॉयी फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयी एसोसिएशन ने 11 से 13 मार्च तक देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया हैं। बैंक कर्मचारियों का कहना है कि हर पांच साल में बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन रिवाइज किया जाता है, लेकिन 2012 के बाद से ऐसा नहीं हुआ है। साथ ही बैंक यूनियनों ने दो साप्ताहिक अवकाश देने की भी मांग की है।