नई दिल्ली,विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी जेएसडब्ल्यू (JSW) समूह ने सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन से 40 करोड़ डॉलर के आयात को अगले 24 महीने में शून्य पर लाने का फैसला किया है। समूह की सहयोगी इकाई जेएसडब्ल्यू सीमेंट के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए हालिया टकराव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कार्रवाई (आयात के बहिष्कार) भारतीय मिट्टी पर उन्होंने (चीन ने) जो किया, उसका परिणाम है।
14 अरब डॉलर की कंपनी जेएसडब्ल्यू समूह का स्वामित्व पार्थ के पिता सज्जन जिंदल के पास है। समूह इस्पात, ऊर्जा, सीमेंट और बुनियादी संरचना जैसे मुख्य क्षेत्रों में कारोबार करती है।
पार्थ ने एक ट्वीट में कहा कि जेएसडब्ल्यू समूह चीन से सालाना 40 करोड़ डॉलर का आयात करता है। अब इसे बंद करने का फैसला किया गया है।
The unprovoked attack by the Chinese on Indian soil on our brave jawaans has been a huge wake up call and a clarion call for action - we @TheJSWGroup have a net import of $400mn from China annually and we pledge to bring this down to zero in the next 24 months #BoycottChina
— Parth Jindal (@ParthJindal11) July 2, 2020
उन्होंने ‘#Boycott China’ के साथ कहा कि चीन के सौनिकों द्वारा हमारे जवानों पर अकारण किया गया हमला आंखें खोलने वाला है और स्पष्ट कार्रवाई की जरूरत बताता है। हम (जेएसडब्ल्यू समूह) चीन से सालाना 40 करोड़ डॉलर का शुद्ध आयात करते हैं। हम इसे अगले 24 महीने में शून्य पर लाने का संकल्प लेते हैं।
नईदिल्ली। कोरोना काल में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपने सभी एटीएम कार्डधारकों को 30 जून 2020 तक शुल्क मुक्त लेनदेन की सौगात दी थी। लेकिन 1 जुलाई से यह सुविधा खत्म कर दी गई है। इसका मतलब है कि अगर ग्राहकों को एटीएम से एक निश्चित सीमा ले अधिक बार लेनदेन करने पर चार्ज देना होगा। एसबीआई की बेवसाइट में कहा गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के मद्देनजर बैंक ने 30 जून, 2020 तक एसबीआई और दूसरे बैंकों के एटीएम से किए गए लेनदेन पर एटीएम सर्विस चार्ज में छूट देने का फैसला किया है। इससे साफ है कि 1 जुलाई से इस तरह के लेनदेन पर चार्ज लगेगा।
नई दिल्ली, एलएसी पर तनाव का जवाब आर्थिक झटके से दे रही मोदी सरकार अब चीन की बड़ी कंपनी हुवावे को झटका देने की तैयारी में है। सोमवार को चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब हुवावे को देश में 5जी सेवा से पूरी तरह से दूर रखने पर मंथन किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुई वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक में हुवावे को बाहर करने पर सैद्घांतिक सहमति बन गई है। इस बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर, संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
सोमवार देर शाम हुई इस बैठक में हुवावे को 5जी योजना से जोडऩे या ना जोडऩे पर लंबी मंत्रणा हुई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सुरक्षा कारणों से हुवावे को इस योजना से दूर रखने का फैसला लिया गया है। वैसे भी सरकार ने जिस प्रकार सोमवार को चीन के कई एप पर प्रतिबंध लगाया है, उससे देखते हुए हुवावे को 5जी योजना की प्रक्रिया से जोड़े रखने की संभावना नहीं है। वह भी तब जब हुवावे को ट्रायल की इजाजत देने से पहले और बाद में भारी विवाद हुआ था।
बीते साल 31 दिसंबर को हुवावे को ट्रायल में हिस्सा लेने की अनुमति पर सरकार में भी मतभेद थे। इस संबंध में बनाई गई उच्च स्तरीय समिति ने हुवावे की 5जी में भागीदारी का विरोध किया था। समिति ने कहा था कि इस कंपनी के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और सरकार से बेहद नजदीकी संबंध हैं। इस कारण यह कंपनी संवदेनशील सूचनाओं को लीक कर सकती है। समिति ने इसी आशंका से अमेरिका सहित कई देशों की ओर से हुवावे पर लगाए गए प्रतिबंध का हवाला भी दिया था। हालांकि सरकार ने इसके बावजूद चीनी कंपनी को ट्रायल की अनुमति दी थी।
नयी दिल्ली, तेल, साबुन, सर्फ जैसे रोजमर्रा की जरूरत का सामान बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह त्वचा की देखभाल से जुड़े अपने लोकप्रिय बांड 'फेयर एंड लवली से 'फेयर शब्द हटाएगी।कंपनी ने कहा कि त्वचा देखभाल से जुड़े उसके दूसरे उत्पादों के मामले में भी नया समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाएगा जिसमें हर रंग-रूप का ख्याल रखा जाएगा।हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल) ने एक बयान में कहा, ''कंपनी ब्रांड को आगे सुदंरता के दृष्टिकोण से और समावेशी बनाने के लिये कदम उठा रही है। इसके तहत कंपनी अपने ब्रांड 'फेयर एंड लवली से 'फेयर शब्द हटाएगी। नये नाम के लिये नियामकीय मंजूरी की प्रतीक्षा है। हम अगले कुछ महीनों में नाम में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। कंपनी इस बदलाव के तहत 'फेयर एंड लवली फाउंडेशन के लिये भी नये नाम की घोषणा करेगी। इस फाउंडेशन का गठन 2003 में महिलाओं को उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी करने में मदद के लिये वजीफा देने के इरादे से किया गया था।एचयूएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा, ''फेयर एंड लवली में बदलाव के अलावा एचयूएल के त्वचा देखभाल से जुड़े अन्य उत्पादों में भी सकारात्मक खूबसूरती का नया दृष्टिकोण प्रतिबिंबित होगा। उन्होंने कहा कि 2019 में हमने फेयर एंड लवली से दो चेहरों वाली तस्वीर हटाते हुए अन्य बदलाव किये थे। साथ ही हमने ब्रांड 'कम्युनिकेशनÓ के लिये 'फेयरनेसÓ की जगह 'ग्लो का उपयोग किया जो स्वस्थ्य त्वचा के आकलन के लिहाज ज्यादा समावेशी है। मेहता ने दावा किया कि बदलाव को ग्राहकों ने काफी पसंद किया है। उन्होंने कहा कि नये नाम को लेकर नियम की मंजूरी की प्रतीक्षा है। अगले कुछ महीनों में संशोधित नाम के साथ उत्पाद बाजार में उपलब्ध होगा।
रायपुर | कन्फेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों और बॉलीवुड और क्रिकेट की मशहूर हस्तियों से अपील करने के बाद कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और भारत के 50 अन्य उद्योगपति को पत्र भेजकर राष्ट्र एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के इस अभियान में उनसे जुड़ने का आग्रह किया । कैट ने भारतीय सामान - हमारा अभिमान के नाम से चीनी सामानों का बहिष्कार का एक अभियान गत 10 जून, 2020 को यह राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया है।
मुकेश अम्बानी के अलावा कैट ने उद्योगपति रतन टाटा, नारायणमूर्ति, अजीम प्रेमजी, आदी गोदरेज, नुस्ली वाडिया, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, कुमार मंगलम बिरला, शिव नाडार, राहुल बजाज, सुनील भारती मित्तल, ज्योत्स्ना सूरी, आनंद महिंद्रा, उदय कोटक, पालनजी मिस्त्री, शशि रुइया, मधुकर पारेख, डॉ. सतीश रेड्डी, पंकज पटेल, नीलेश गुप्ता हर्ष मरीवाला, पंकज पटेल आदी से सहयोग का आग्रह किया है ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने मुकेश अंबानी सहित उद्योगपतियों को भेजे पत्र में कहा कि एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधारों में से एक होने के कारण कैट ने सभी उद्योगपतियों से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है । कैट ने श्री अंबानी सहित अन्य सभी उद्योगपतियों से कहा की यह अभियान देश की अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन लाएगा और भारत को दुनिया में एक नदी आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा, इस दृष्टि से देश के सभी प्रमुख वर्गों के जुड़ने से चीन पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम होगी ।
अमर पारवानी ने कहा कि भारत चीन से चार श्रेणियों के उत्पादों का आयात करता है अर्थात तैयार माल, कच्चा माल, भारत में माल की असेंबली के लिए स्पेयर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी वाले उत्पाद और कैट ने चरणबद्ध तरीके से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कैट ने पहले चरण के लिए लगभग 450 व्यापक श्रेणी के तैयार उत्पादों की एक सूची बनाई है जिसके अंतर्गत लगभग 3000 से अधिक उत्पाद ऐसे हैं जो चीन से आयात होते हैं जबकि इस प्रकार के सभी उत्पाद भारत में पहले से ही बन रहे हैं । उन्होंने आगे कहा कि कैट के राष्ट्रीय अभियान का पहला चरण 10 जून, 2020 को शुरू किया गया था और यह दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा। इस दौरान भारतीय उद्योग, लघु उद्योग, उद्यमियों, स्टार्टअप और अन्य लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए कैट केंद्र सरकार से एक व्यापक रणनीति बनाने का आग्रह करेगा और एक समग्र नीति के अंदर भारत में कच्चे माल, स्पेयर पार्ट्स और प्रौद्योगिकी संचालित वस्तुओं से संबंधित वस्तुओं के निर्माण को भारत में ही शुरू करने के लिए सरकार से आग्रह करेगा ।
अमर पारवानी ने कहा कि देश के कुछ वर्गों में एक मिथक है कि भारत चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल है जिसे भारत के व्यापारियों ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश में व्यापारी देशवासियों के सहयोग से इसे करके दिखाएंगे । उन्होंने कोविड से लड़ने के लिए देश में ही अनेक वस्तुओं के उत्पादन का उदहारण देते हुए कहा की के उत्पादन के लिए एक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के निर्माण का उदाहरण दिया और कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम दो महीने के बहुत कम समय में कोरोना से संबंधित पीपीई किट, वेंटिलेटर, मास्क और अन्य वस्तुओं का उत्पादन कर सकते हैं तो फिर हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक दृढ़ संकल्प जरूरी है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाया जा सके । वर्तमान में उपभोक्ताओं के खरीद व्यवहार में एक बड़ा बदलाव आया है और अब उपभोक्ता भी चीनी सामान की अपेक्षा भारतीय सामन खरीदना ज्यादा पसंद करने लगे हैं जो कैट के भारतीय सामान -हमारा अभिमान के अभियान की मुख्य धुरी बनेगा।
अमर पारवानी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन की सेना ने सबसे गुप्त तरीके से लद्दाख सीमा पर भारतीय सेना पर बर्बर हमला किया है, जिसके परिणाम स्वरूप देश के 20 बहादुर बेटों की नृशंस हत्या हुई है। प्रत्येक भारतीय चीन के अत्याचारों के प्रति गहरी नाराजगी, आक्रोश और घृणा कर रहा है और चीन के प्रति उनका विरोध लगातार तीव्र होता जा रहा है । आज प्रत्येक भारतीय का खून प्रतिशोध की भावना के साथ उबल रहा है और इसलिए जहाँ भारत की सेना चीन से सैन्य रूप लड़ेगी वहां भारतीय व्यापारी और भारत के लोग अब चीन से आर्थिक युद्ध लड़ेंगे |
नयी दिल्ली। तेल कंपनियों ने सोमवार को लगातार 16वें दिन पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ा दिये। पेट्रोल के दाम में सोमवार को 33पैसे और डीजल के दाम में 58 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। इस वृद्धि के बाद खुदरा दाम रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गये। ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 79.23 रुपये से बढ़कर 79.56 रुपये और डीजल का दाम 78.27 रुपये से बढ़कर 78.55 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। तेल विपणन कंपनियों की जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। तेल कंपनियां देशभर में एक साथ दाम बढ़ाती है लेकिन राज्यों में इन पर अलग दर से लगने वाले बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) की वजह से खुदरा दाम अलग अलग होते हैं। पिछले 16 दिनों से दोनों ईंधनों के खुदरा दाम में लगातार वृद्धि की जा रही है। इस दौरान पेट्रोल के दाम कुल मिलाकर 8.30 रुपये और डीजल के दाम में 9.46 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है। अप्रैल 2002 में पेट्रोल, डीजल के दाम नियंत्रणमुक्त किये जाने के बाद किसी एक पखवाड़े में यह सबसे बड़ी वृद्धि है।
नई दिल्ली,स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Samsung ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन Galaxy Note 10 Lite की कीमत में भारी कटौती कर दी है. साथ ही इस फोन पर हैवी कैशबैक भी दिया जा रहा है. इस फोन का सीधा मुकाबला Oneplus 8 से होगा. आइये जानते हैं Galaxy Note 10 Lite की नई कीमत और इसके फीचर्स.
नई कीमतें: Samsung ने Galaxy Note 10 Lite को दो वेरिएंट में लॉन्च किया था. लेकिन अब कंपनी ने ग्राहकों के लिए इसकी कीमत में कटौती कर दी है. इसके 6 GB रैम और 128 GB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत में 4000 रूपये की कटौती की गई है जिसके बाद यह वेरिएंट 37,999 रुपये में ख़रीदा जा सकता है, जबकि इसके 8 GB रैम और 128 GB स्टोरेज वेरियंट की अब 39,999 रुपये हो गई है.
5000 रुपये का कैशबैक ऑफर्स
अगर आप Citibank debit या credit कार्ड से इस फोन को खरीदते हैं तो आपको 5000 रुपये का कैशबैक मिलेगा. जिसकी बाद इसकी इस फोन की कीमत 32999 रुपये (6GB वेरिएंट) और 34999 रुपये (8GB वेरिएंट) हो जाएगी. यह फोन ऑरा ग्लो, ऑरा ब्लैक और ऑरा रेड कलर वेरियंट में उपलब्ध है.
फीचर्स
Galaxy Note 10 Lite में 6.7 इंच की फुल एचडी प्लस, इनफिनिटी ओ सुपर एमोलेड डिस्प्ले लगा है. इस फोन के साथ S-पेन की भी सुविधा मिलती है. परफॉरमेंस के लिए इसमें Exynos 9810 प्रोसेसर है. जो 10nm ऑक्टा-कोर प्रोसेसर है.और इसकी क्लॉक स्पीड 2.7 गीगाहर्ट्ज़ है. यह फोन 8 GB रैम और 128 GB इंटरनल स्टोरेज के साथ है. फोन में 4500mAh की बैटरी दी गई है जोकि फ़ास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है.
फोटोग्राफी के लिए इसके रियर में ट्रिपल कैमरा सेटअप है मौजूद है, जिसमें पहला लेंस 12 मेगापिक्सल का है जिसके साथ ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन मिलता है, जबकि दूसरा लेंस 12 मेगापिक्सल का वाइड एंगल के साथ है, वहीँ तीसरा लेंस भी 12 मेगापिक्सल का टेलीफोटो लेंस है. इसके अलावा सेल्फी के लिए इसमें 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा लगा है.
OnePlus 8 सीरिज से होगा मुकाबला
Galaxy Note 10 Lite का सीधा मुकाबला OnePlus 8 से होगा. कीमत की बात करें तो OnePlus 8 के 6GB रैम और 128GB स्टोरेज के बेस मॉडल की कीमत 41,999 रुपये से शुरू है, जबकि 8GB रैम और 128GB स्टोरेज मॉडल की कीमत 44,999 रुपये है, इसके अलावा 12GB रैम और 256GB स्टोरेज मॉडल की कीमत 49,999 रुपये तक जाती है.
परफॉरमेंस के लिए इसमें क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 865 SoC प्रोसेसर और X55 5G चिपसेट दिया है. OnePlus 8 Pro में पावर के लिए इसमें 4,510mAh की बैटरी दी गई है, जबकि OnePlus 8 में 4,300mAh की बैटरी दी गई है. OnePlus 8 में 6.55 इंच के FluidAMOLED 90Hz रिफ्रेश रेट वाले डिस्प्ले लगा है. जबकि OnePlus 8 Pro इसमें 6.78 इंच के FluidAMOLED 120Hz रिफ्रेश रेट वाला डिस्प्ले लगा है.