रायपुर | मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतों में तेजी दिखाई दे रही है। एमसीएक्स पर आज शुरुआती कारोबार में सोने का वायदा 0.39 प्रतिशत बढ़कर 51,889 प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि चांदी वायदा 0.65 प्रतिशत बढ़कर 69,410 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।
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वहीं पिछले सत्र में सोने का वायदा 51,687 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी वायदा 68,965 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुए थे। सोना पिछले महीने 56,200 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। उसके बाद इसमें गिरावट देखने को मिली थी।
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विदेशी बाजार में मंगलवार को सोने में स्थिरता दिखी। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले डॉलर में नरमी है। इसका असर सोने पर दिख रहा है। विदेशी बाजार में सोना स्पॉट 1,956.17 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर दिखा। सोमवार को इसमें 1 प्रतिशत की तेजी आई थी।
अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर 0.1 प्रतिशत चढ़कर 1,966.40 डॉलर प्रति औंस चल रहा था। विदेशी बाजार में चांदी में हल्की नरमी दिखी। यह 0.1 प्रतिशत गिरकर 27.12 प्रति औंस पर कारोबार करती दिखी।
नई दिल्ली | सर्राफा बाजार में सोने के डीलर्स ने लगातार चौथे सप्ताह में भी तगड़ा डिस्काउंट दिया, क्योंकि लोगों में सोने के आभूषण खरीदने को लेकर आकर्षण कम होता जा रहा है। चीन के बाद भारत में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक सोने के खरीदार हैं। भारत में श्राद्ध शुरू होने की वजह से सोने की खरीदारी को तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि भारत में करीब दो हफ्तों का श्राद्ध का समय होता है, जो पूर्णिमा से शुरू होकर अमावस्या तक चलता है। इस दौरान भारत में सोना खरीदने को अशुभ माना जाता है।
नई दिल्ली, पेट्रोल और डीजल के दाम में एक दिन की कटौती के बाद फिर स्थिरता बनी हुई। तेल विपणन कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में भी बीते सत्र की गिरावट के बाद तरीबन स्थिरता के साथ कारोबार चल रहा था। क्रूड का भाव पिछले सत्र में टूटने के बाद 40 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बिना किसी बदलाव के क्रमश: 81.99 रुपये, 83.49 रुपये, 88.64 रुपये और 84.96 रुपये प्रति लीटर पर बने हुए हैं। डीजल की कीमतें भी 73.05 रुपये, 76.55 रुपये, 79.57 रुपये और 78.38 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है। एक दिन पहले तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में आठ से नौ पैसे जबकि डीजल के दाम में 10 से 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती थी।
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अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के नवंबर डिलीवरी अनुबंध में शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 0.12 फीसदी की कमजोरी के साथ 40.01 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। वहीं, डब्ल्यूटीआई के अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले .0.08 फीसदी की बढ़त के साथ 37.33 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। कमोडिटी बाजार विशेषज्ञों की माने तो तेल की मांग कमजोर रहने की आशंका बनी हुई है जिससे कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है।
नई दिल्ली | कल भारी गिरावट के बाद 50,821 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद होने वाला सोना आज मामूली बढ़त के साथ खुला है। बता दें कि कल वायदा बाजार में सोना 230 रुपये से अधिक और सर्राफा बाजार में सोना 600 रुपये से भी अधिक फिसला था। आज सोना 143 रुपये बढ़कर 50,964 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर खुला। हालांकि, शुरुआती कारोबार में सोने की कीमतों में कमजोरी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में ही सोने ने 50,851 रुपये का न्यूनतम स्तर भी छू लिया।
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दिल्ली , कोरोना संकट की वजह से अप्रैल से जून की इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल से जून तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिये हैं. थोड़ी देर पहले आए कोर सेक्टर के आंकड़ों ने भी निराश किया है. जुलाई महीने में आठ इंडस्ट्री के उत्पादन में 9.6 फीसदी की गिरावट आई है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पहली तिमाही में स्थिर कीमतों पर यानी रियल जीडीपी 26.90 लाख करोड़ रुपये की रही है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 35.35 लाख करोड़ रुपये की थी. इस तरह इसमें 23.9 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले साल इस दौरान जीडीपी में 5.2 फीसदी की बढ़त हुई थी.
गिरावट की वजह
गौरतलब है कि इस तिमाही में दो महीने यानी अप्रैल और मई में लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप रही है और जून में भी इसमें थोड़ी ही रफ्तार मिल पाई. इस वजह से रेटिंग एजेंसियों और इकोनॉमिस्ट ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि जून तिमाही के जीडीपी में 16 से 25 फीसदी की गिरावट आ सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह ऐतिहासिक गिरावट होगी.
औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों, केंद्र और राज्य सरकारों के व्यय आंकड़ों, कृषि पैदावार और ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग, बीमा आदि कारोबार के प्रदर्शन के आंकड़ों को देखते हुए यह आशंका जाहिर की जा रही है.
दिल्ली | कोरोना वायरस महामारी के बीच पेट्रोल-डीजल के मोर्चे पर आम आदमी को झटका लग रहा है. एक दिन के ठहराव के बाद रविवार को एक बार फिर पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 9 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया है. हालांकि, तेल कंपनियों ने डीजल के दाम में बढ़ोतरी नहीं कर आम आदमी को थोड़ी राहत दी है. अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 82.03 रुपये हो गई है जबकि डीजल का भाव 73.56 रुपये प्रति लीटर है. पेट्रोल डीजल के भाव रोजाना बदलते हैं और सुबह 6 बजे अपडेट हो जाते हैं.
नई दिल्ली, एचएएल यानी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. CNBC आवाज़ को मिली खबर के मुताबिक, सरकार ओएफएस यानी ऑफर फोर सेल के जरिए 10% तक हिस्सा बेचेगी. इसके ओएफएस के लिए फ्लोर प्राइस 1001 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. नॉन रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए OFS गुरुवार को खुल जाएगा. आपको बता दें कि एचएएल नवरत्न कंपनी है. एचएएल को जून 2007 में नवरत्न कंपनी का दर्जा मिला था. उत्पादन के मूल्य के लिहाज से यह रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी है.
यह कई तरह के उत्पाद बनाती है. इसके अलावा यह उत्पाद की डिजाइन, मरम्मत, मेंटेनेंस आदि का भी काम करती है. उसके उत्पादों की सूची में वायुयान, हेलिकॉप्टर्स, एयरो इंडिन, एवियॉनिक्स, एक्सेसरीज और एयरोस्पेस स्ट्रक्चर शामिल हैं.
एचएएल की खासियत यह है कि यह काफी हद तक अपनी रिसर्च पर निर्भर है. इसके अलावा कई उत्पादों के उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लाइसेंस एग्रीमेंट भी किया है. कारोबार के विस्तार के लिए इसके 13 कमर्शियल ज्वाइंट वेंचर्स हैं.
#BreakingNews | HINDUSTAN AERONAUTICS LIMITED
— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) August 26, 2020
- सरकार OFS के जरिए 10% तक हिस्सा बेचेगी
- OFS का फ्लोर प्राइस `1001/Sh तय
- नॉन रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए OFS कल खुलेगा pic.twitter.com/nXRiyK03UJ
ओएफएस के बारे में जानिए-ओएफएस को ऑफर फॉर सेल कहते है. शेयर बाजार में लिस्टेपड कंपनियों के प्रमोटर्स अपनी हिस्सेदारी को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल करते है. सेबी के नियमों के मुताबिक जो भी कंपनी ओएफएस जारी करना चाहती है, उसे इश्यू के दो दिन पहले इसकी सूचना सेबी के साथ-साथ एनएसई और बीएसई को देनी होती है.
इसके बाद इन्वेस्टर्स एक्सचेंज को जानकारी देकर इस प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. इन्वेस्टर्स किस कीमत पर शेयर खरीदना चाहते हैं उसकी जानकारी उपलब्ध करानी होती है.
इन्वेस्टर अपनी बोली दाखिल करता है. उसके बाद कुल बोलियों के प्रस्तावों की गणना की जाती है और इससे पता चलता है कि इश्यू कितना सब्सक्राइब हुआ है. इसके बाद प्रक्रिया पूरी होने पर स्टॉक्स का अलॉटमेंट होता है.
नईदिल्ली। सप्ताह के पहले दिन एमसीएक्स पर सोना और चांदी की कीमत में भारी गिरावट देखी जा रही है। सोना के अक्टूबर और दिसंबर डिलिवरी और चांदी की सितंबर और दिसंबर डिलिवरी में भारी गिरावट देखी जा रही है। कीमत में गिरावट का सिलसिला पिछले कई कारोबारी सत्र से जारी है।
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नई दिल्ली. 70 से 90 के दशक में लोगों के दिलों पर राज करने वाले स्कूटर लैंब्रेटा को भारत में बनाने वाली सरकारी कंपनी स्कूटर्स इंडिया को बंद करने की तैयारी कर रही है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले सरकार ने इस कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी. लेकिन किसी ने स्कूटर्स इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इसीलिए सरकार, अब इसे बंद कर सकती है.
आपको बता दें स्कूटर्स इंडिया में सरकार की 93.87 फीसदी हिस्सेदारी है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी के शेयर में 5 फीसदी का ऊपरी सर्किट (जब शेयर को खरीदने वाले ही होते है और बेचने वाला नहीं होता है) लग गया है.
#AwaazExclusive। स्कूटर्स इंडिया को सरकार बंद करने पर विचार कर रही है। CNBC-आवाज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक कैबिनेट से अंतिम मंजूरी के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। पूरी खबर बता रहे हैं @RoyLakshman । pic.twitter.com/ViOH6RfekF
— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) August 18, 2020
कब तक बंद होगी स्कूटर्स इंडिया- स्कूटर्स इंडिया को बंद करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने प्रस्ताव तैयार किया है. सूत्रों के मुताबिक, इसकी सारी जमीन बेच दी जाएगी. इसकी ज़मीन उत्तर प्रदेश सरकार को वापस कर दी जाएगी. मशीन और प्लांट भी बेच दीजिए जाएंगे.
क्या होगा कर्मचारियों?-सूत्रों ने बताया कि स्कूटर्स इंडिया के ब्रैंड को अलग से बेचा जाएगा. इसका पूरा खाका तैयार किया है. इसे बेचने की जिम्मेदारी एमएसटीसी को दी जाएगी. ये सरकारी कंपनी इसे बेचकर जो पैसा मिलेगा. उसका इस्तेमाल कर्मचारियों के VRS में होगा. बंद करने से पहले इसे शेयर बाजार से डीलिस्ट भी कराया जाएगा.
SOURCE: CNBC AAWAZ
नईदिल्ली, विदेशों में दोनों कीमती धातुओं में भारी गिरावट से घरेलू वायदा बाजार में भी बीते सप्ताह सोना साढ़े छह प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया। चाँदी भी इस दौरान करीब 12 प्रतिशत सस्ती हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोना वायदा पिछले सप्ताह 3,648 रुपये यानी 6.53 प्रतिशत टूट कर सप्ताहांत पर बाजार बंद होते समय 52,227 रुपये प्रति दस ग्राम बोला गया। सोना मिनी भी 6.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,451 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया।
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चाँदी वायदा 9,138 रुपये यानी 11.97 प्रतिशत की भारी भरकम गिरावट के साथ 67,220 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। चाँदी मिनी भी 11.85 फीसदी लुढ़ककर सप्ताहांत पर 67,255 रुपये प्रति किलोग्राम रही। रूस में कोविड-19 का टीका लॉन्च होने से दुनिया में इस महामारी के नियंत्रण की उम्मीद बढ़ी है। इससे निवेशकों ने शेयर बाजारों में जोखिम उठाया और पीली धातु में निवेश कम किया। इससे सोने पर दबाव रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में लंदन में सोना हाजिर 116.96 डॉलर यानी 5.67 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत पर 1,944.45 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। दिसंबर का अमेरिकी सोना वायदा 5.68 फीसदी की गिरावट के साथ 1,953.70 डॉलर प्रति औंस बोला गया। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चाँदी हाजिर 1.90 डॉलर यानी 6.70 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26.46 डॉलर प्रति औंस रह गई।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फेसलेस ई-असेसमेंट सर्विस की शुरुआत की। यह सर्विस 25 सितंबर से देश भर में शुरू हो जाएगी। उन्होंने 'ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन- ईमानदारों के लिए सम्मान' प्लेटफॉर्म का लॉन्च करते समय कहा कि इससे टैक्स सिस्टम सरल और पारदर्शी बनेगा।
क्या है फेसलेस ई-असेसमेंट सर्विस : फेसलेस ई-असेसमेंट सॉफ्टवेयर के जरिये किया जाएगा। इसके तहत टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स अधिकारी के सामने या उसके ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं होगी। टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स स्क्रूटनी असेसमेंट नोटिस के लिए भी आयकर विभाग या चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास नहीं जाना होगा।
पारदर्शिता बढ़ेगी : नई व्यवस्था पूरी तरह फेसलेस और पारदर्शी होगी। इसमें करदाता और कर अधिकारी दोनों को ही एक-दूसरे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी। इससे न सिर्फ कर व्यवस्था में सरकारी हस्तक्षेप कम होगा बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम कसी जा सकेगी।
सरकार ने क्यों लागू की यह स्कीम : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में बजट पेश करते हुए फेसलेस असेसमेंट स्कीम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि स्क्रूटनी की मौजूदा व्यवस्था में करदाता और विभाग के बीच आमने-सामने बात करने की काफी जरूरत पड़ती है। यह करदाताओं के लिए असुविधा का कारण बनता है। इसे खत्म करने के लिए फेसलेस असेसमेंट स्कीम लाने की तैयारी है।
तालमेल भी बेहतर होगा : फेसलेस ई-असेसमेंट की नई व्यवस्था से करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच तालमेल भी बेहतर होगा। सॉफ्टवेअर से असेसमेंट होने से ज्यादा लोग टैक्स भरने के लिए प्रेरित होंगे। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।