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अच्छी सेहत के लिए खूब खाईए मुनगा…

अच्छी सेहत के लिए खूब खाईए मुनगा…

रायपुर : छत्तीसगढ़ में सब्जी के रूप में लोकप्रिय मुनगा अनेक गुणों की खान है। मुनगा के बारे में विज्ञान में प्रमाणित किया गया है कि इसके पेड़ का हर अंग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। मुनगा (सहजन) लम्बी फलियों वाली एक सब्जी का पेड़ है। स्थानीय बोलियों में मुनगा को सहजना, सुजना, सैजन या सहजन के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। मुनगा के जड़, फूल, पत्तियों और फलियों का आयुर्वेद में विस्तार से औषधीय और उपयोगी गुण बताए गए हैं। इसके फूल और फली दोनों का सब्जी में प्रयोग किया जाता है।

मुनगा न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पौष्टिकता से भरपूर भी है। मुनगा में आयरन, विटामिन-सी विटामिन-ए के साथ-साथ पोषक खनिज तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर को पर्याप्त उर्जा प्रदान करते हैं। मुनगा की पत्तियों में प्रोटीन और विटामिन-बी-6, विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन-ई होता है। इसमें आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक जैसे मिनरल भी पाए जाते हैं। शरीर में खून की कमी जिसे हम एनीमिया कहते हैं, उसे ठीक करने में मुनगा को कारगर माना गया है। मुनगा महिलाओं का कुपोषण दूर करने में भी कारगर है। 

आलू से बनाएं ये लजीज व्यंजन, आसान है रेसिपी...

आलू से बनाएं ये लजीज व्यंजन, आसान है रेसिपी...

अगर आपको आलू से बने व्यंजनों का सेवन करना पसंद है तो यकीनन आप इससे तरह-तरह की रेसिपी को ट्राई करना भी काफी पसंद करेंगे। आइए आज हम आपको आलू से बनाए जाने वाले कुछ व्यंजनों की रेसिपी बताते हैं, जिन्हें आप सिर्फ 30 से 45 मिनट में इन्हें तैयार कर सकते हैं। वहीं, इन्हें आप अपने मेहमानों के लिए चाय-कॉफी या फिर सॉफ्ट ड्रिंक के साथ परोस सकते हैं।


स्पाइरल आलू
सबसे पहले आलू को एक बड़ी तीली में डालें, फिर आली को गोल-गोल करके स्पाइरल के आकार में पतला काटें। इसी तरह तीन से चार आलू को तैयार कर लें। इसके बाद सभी स्पाइरल आलू को कढ़ाई में गोल्डन ब्राउन होने तक तल लें। इसके बाद एक कटोरी में लाल मिर्च का पाउडर, थोड़ा सा औरिगैनो और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छे से मिलाएं, फिर इस मसाले को स्पाइरल आलुओं के ऊपर छिड़ककर उनका स्वाद लें।


ट्वाइस बेक्ड पोटैटो कैसरोल
घर पर ट्वाइस बेक्ड पोटैटो कैसरोल बनाने के लिए सबसे पहले आवश्यकतानुसार आलू लें, फिर उन्हें साफ पानी में अच्छे से धो लें। अब सभी आलुओं को एक मिनट के लिए माइक्रोवेव में गर्म कर लें ताकि आलू थोड़े नरम हो जाएंगे, फिर आलुओं को माइक्रोवेव से निकालकर छीलें। इसके बाद एक कटोरे में आलू को मैश करके डालें, फिर इसमें मक्खन, चीज, दूध, हरी प्याज और सॉर क्रीम मिलाकर इस मिश्रण को बेक करें, फिर इसका सेवन करें।


फ्राइड मैश पोटैटो बॉल्स
फ्राइड मैश्ड पोटैटो बॉल्स बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरे में उबले हुए आलू को मैश करके डालें, फिर इसमें पका हुआ बेकन और चेडर चिव्स मिलाएं। इसके बाद कटोरे में थोड़ा गार्लिक पाउडर, स्वादानुसार नमक और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाएं। अब इस मिश्रण की छोटी-छोटी बॉल्स बनाकर उन्हें कढ़ाई में गोल्डन ब्राउन करने तक तल लें, फिर तैयार फ्राइड मैश पोटैटो बॉल्स को हरी चटनी के साथ खाएं।


इंस्टेंट पॉट पोटैटो सूप
घर पर इंस्टेंट पॉट पोटैटो सूप बनाना काफी आसान है। इसके लिए पहले एक इंस्टेंट पॉट में मक्खन डालें, फिर इसमें बारीक प्याज, लहसुन और कुछ करी पत्ते डालें। इसके बाद इंस्टेंट पॉट में थोड़े उबले आलू और चिकन शोरबा डालकर इसे 8-10 मिनट के लिए पकाएं। अब दूध, मलाई और कॉर्नस्टार्च का घोल बनाएं, फिर इसे इंस्टेंट पॉट में डालकर पांच मिनट पकाएं, फिर सूप में स्वादानुसार नमक और एक चुटकी काली मिर्च का पाउडर मिलाकर इसका सेवन करें।
 

शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक हैं ये एक्सरसाइज, घर में ही करें अभ्यास..

शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक हैं ये एक्सरसाइज, घर में ही करें अभ्यास..

आमतौर पर लोग शरीर को मजबूत बनाने के लिए जिम का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह काम घर में ही कुछ आसान एक्सरसाइज के जरिये भी पूरा किया जा सकता है? कई ऐसी एक्सरसाइज हैं, जो न सिर्फ प्राकृतिक रूप से मजबूती प्रदान कर सकती हैं बल्कि शरीर में लचीलापन भी ला सकती हैं। आइए आज आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज के बारे बताते हैं, जिनकी मदद से शरीर को मजबूत बनाया जा सकता है।

स्क्वाट
स्क्वाट एक्सरसाइज करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों हाथ सामने की ओर खोलकर सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आपकी छाती एकदम तनी हुई होनी चाहिए। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ते हुए ऐसे बैठें, जिस तरह से कुर्सी पर बैठा जाता है। इसके बाद सांस भरते हुए धीरे-धीरे नीचे झुकें, फिर ऊपर आते समय सांस छोड़ें। ऐसा आप 10 मिनट तक कर सकते हैं। शुरूआत में 10 स्क्वाट करें और फिर धीरे-धीरे 12-15 तक ले जाएं।

लंज
लंज एक्सरसाइज के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े होकर अपने दाएं पैर को आगे बढ़ाएं और उसको घुटनों से मोड़ते हुए 90 डिग्री का कोण बनाएं। अब बायां पैर पीछे के ओर सीधा करें और दोनों पैरों के बीच में कम से कम दो-तीन फीट की दूरी कायम करें। कुछ सेकेंड इसी स्थिति में रहने के बाद खुद को ऊपर की ओर उछालें। इससे आप प्रारंभिक स्थिति में आ जाएंगे। इसी तरह दोनों पैर से 12-15 रेप्स करें।

पुश अप्स
पुश अप्स के लिए सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं, फिर गर्दन को सीधा रखें और हथेलियों को कंधों के नीचे रखें। वहीं, पंजे जमीन से सटे हुए हों। अब हाथों पर जोर डालते हुए शरीर को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करें, लेकिन इस दौरान ध्यान रखें कि शरीर को नीचे लाते समय छाती जमीन से छूनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों को सीधा करें और 10 सेकंड इसी अवस्था में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

जंपिंग जैक
जंपिंग जैक के लिए सबसे पहले जमीन पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर पैरों को अपने कूल्हों की चौड़ाई के बराबर खोलें। इसके बाद कूदें और इस दौरान अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर ले जाते हुए मिलाएं, फिर से कूंदें और अपनी बाजुओं को नीचे लाने के साथ ही पैरों को एक साथ चिपकाएं। कुछ सेकेंड के बाद आप अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं और इस क्रिया को बार-बार दोहराएं।

 

पैरों की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं ये स्क्रब, जानिए बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका...

पैरों की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं ये स्क्रब, जानिए बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका...

चेहरे को निखारने के लिए लोग न जाने क्या कुछ नहीं करते हैं, लेकिन वे शरीर के अन्य अंगों पर ध्यान देना भूल जाते हैं, खासकर पैरों की सफाई को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में पैरों पर डेड स्किन सेल्स जमने या फिर कालेपन की समस्या हो सकती है। हालांकि, आप चाहें तो कुछ होममेड स्क्रब का इस्तेमाल करके अपने पैरों को खूबसूरत बना सकते हैं। चलिए फिर इन्हें बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका जानते हैं।


एप्सम सॉल्ट और नारियल के तेल का फुट स्क्रब

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर नारियल का तेल पैरों को मॉइश्चराइज और पोषण प्रदान करने में सहायक है, जबकि एप्सम सॉल्ट डेड स्किन सेल्स को हटाता है। बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरी में एप्सम सॉल्ट और नारियल का तेल मिलाएं, फिर इसमें किसी भी एसेंशियल ऑयल की तीन-चार बूंदें और विटामिन-श्व ऑयल मिलाएं। इसके बाद गीले पैरों पर इस मिश्रण से 20 मिनट तक स्क्रब करने के बाद उन्हें पानी से धो लें।


कॉफी और ब्राउन शुगर का फुट स्क्रब
कॉफी और ब्राउन शुगर का फुट स्क्रब पैरों को डेड स्किन सेल्स और कालेपन से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ इन्हें कोमल और मुलायम बनाने में काफी मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह आपके पैरों के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद करता है। बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका: थोड़ा नारियल तेल गर्म करें, फिर उसमें पिसी हुई कॉफी और ब्राउन शुगर मिलाएं। अब इस मिश्रण का इस्तेमाल पैरों पर बतौर स्क्रब करें।


शहद और नींबू का फुट स्क्रब
यह शहद और नींबू का फुट स्क्रब आपके पैरों को एक्सफोलिएट और मॉइश्चराइज करेगा और कुछ ही समय में इनकी समान रंगत को भी ठीक कर देगा। बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका: पहले एक कटोरी में एप्सम सॉल्ट, नारियल का तेल और चीनी मिलाएं, फिर इसमें थोड़ा शहद और ताजा नींबू का रस मिलाएं। अब इस मिश्रण को अपने पैरों पर लगाएं और धोने से पहले कुछ मिनट के लिए हल्के हाथों से पैरों की मसाज करें।


ओटमील फुट स्क्रब
अगर आप पैरों की रूखी और खुजली वाली त्वचा से परेशान हैं तो यह ओटमील स्क्रब आपके लिए एकदम सही विकल्प है। ओटमील पैरों से डेड स्किन सेल्स को धीरे-धीरे हटा देगा और त्वचा के रोगों को भी ठीक कर सकता है। बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरी में ओटमील, बेकिंग सोडा और पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें, फिर इस मिश्रण का इस्तेमाल बतौर फुट स्क्रब करें।

 

गर्मियों को प्यास मिटाने वाली कोल्ड ड्रिंक्स होती है आपकी जान की दुश्मन

गर्मियों को प्यास मिटाने वाली कोल्ड ड्रिंक्स होती है आपकी जान की दुश्मन

गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है ऐसे भी मार्केट में कई तरह की चिल्ड सॉफ्ट ड्रिंक पहुंच चुके हैं आप लोग भी अपने प्यास मिटाने के लिए सॉफ्ट ड्रिंक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आपको बता दें कि यह सॉफ्टवेयर तूफानी भले ही लगे लेकिन इस शरीर के लिए काफी फायदेमंद नहीं होती है आज हम आपको इनके नुकसान बताते हैं।


सॉफ्ट ड्रिंक पिने के अगले 20 मिनट में शुगर लेवल बढ़ जाता है और इंसुलिन का फ्लोर तेज हो जाता है लिवर इसे कंट्रोल करने की कोशिश तो करता है लेकिन एक्स्ट्रा शुगर फेट में कन्वर्ट हो जाती है कोल्ड ड्रिंक पीने के 40 मिनट बाद, शरीर में कैफीन का असर दिखता है आँखों की पुतलिया बढऩे लगती है इसके साथ ही बीपी बढऩे लगती है।


अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक कोल्ड्रिंक को गंभीर बीमारियों की जड़ माना गया है इससे ना सिर्फ मोटापा बढ़ता है बल्कि किडनी लीवर भी धीरे-धीरे बीमार होने लगते हैं यह स्ट्रोक और जिम्नेशिया की खतरा भी बढ़ जाता है हावर्ड यूनिवर्सिटी केस स्टडी के अनुसार कोल्ड ड्रिंक से हर साल करीब पौने दो लाख लोगों की मौत हो जाती है इसके साथ ही फास्ट फूड का इसके साथ कॉन्बिनेशन इसे और भी घातक बनाता है।
 

देश में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.4 मिलने की पुष्टि, यहाँ मिला पहला केस

देश में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.4 मिलने की पुष्टि, यहाँ मिला पहला केस

भारत में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.4 का पहला केस हैदराबाद में मिला है। इंडियन सॉर्स कोव-2 जिनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने इसकी पुष्टि की है। INSACOG ने एक बैठक भी की है और BA.4 पर चर्चा की है, आनुवंशिक प्रयोगशालाओं का ग्रुप वर्तमान में नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए काम कर रहा है।
सूत्रों ने कहा, 'बीए.4 के पहले मामले का पता लगाने के बाद, दक्षिण अफ्रीका से हैदराबाद की यात्रा करने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने वालों के संपर्क का पता लगाना शुरू कर दिया गया है। वह असिम्प्टोमैटिक था और नमूना 9 मई को एकत्र किया गया था।'
इंसाकोग सोमवार को मेडिकल बुलेटिन जारी करेगा। Omicron के BA.4 और BA.5 दोनों प्रकार दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस की पांचवीं लहर से जुड़े हैं और हाल ही में अमेरिका और यूरोप ने भी रिपोर्ट किया है।
 

पहली बार जिम जा रहे हैं? अपने बैग में इन चीजों को जरूर रखें

पहली बार जिम जा रहे हैं? अपने बैग में इन चीजों को जरूर रखें

अगर आपने हाल ही में कोई जिम ज्वाइन किया है तो आपको बता दें कि इसके लिए आपको एक बैग तैयार करना होगा। हालांकि, अगर आप इस बात से वाकिफ नहीं है कि जिम के बैग में किन-किन चीजों को रखना जरूरी है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज का लेख आपके लिए ही है। आइए जानते हैं कि जिम के बैग में किन चीजों को रखना जरूरी होता है।


अच्छी फिटिंग वाले कपड़े
वर्कआउट चाहें जिम में हो या घर पर, इसमें कपड़े बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं और कपड़े सही होने पर ही अच्छे से वर्कआउट किया जा सकता है। इसलिए आपके जिम वाले बैग में एक जोड़ी कपड़े जरूरी होने चाहिए। इसके लिए आप स्ट्रेचेबल पैंट और टॉप का चयन कर सकते हैं। वैसे पॉलीप्रोपाइलीन युक्त कपड़े जिम वर्कआउट के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं क्योंकि यह त्वचा के पसीने को जल्दी सोख लेता है।


एक तौलिया सेट
वर्कआउट सेशन के बीच में पसीने को पोंछने के लिए तौलिए की जरूरत पड़ेगी, इसलिए इसे भी अपने जिम के बैग में जरूर रखें। ध्यान रखें कि बैग में एक बड़ा तौलिया और एक या दो छोटे तौलिए रखने हैं। अगर आप वर्कआउट के बाद स्टीम रूम में जाते हैं तो उस समय बड़ा तौलिया आपके काम आएगा। हालांकि, तौलिए का इस्तेमाल करते समय इसे त्वचा पर रगड़े नहीं बल्कि हल्के हाथों से थपथपाएं।


एक जोड़ी जूते
वर्कआउट के लिए जिम के बैग में जूते रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे आपके पैर की सबसे बड़ी उंगली और जूतों में हमेशा आधे से एक इंच का अंतर होना चाहिए ताकि इन्हें पहनने पर पैरों में लडख़ड़ाहट न हो। दरअसल, चलते या दौड़ते समय हमारे पैर का पंजा आगे की ओर मुड़ता है और इसी कारण हमें जूते के भीतर कुछ अतिरिक्त स्थान की आवश्यकता होती है।


पानी की बोतल है जरूरी
जिम के बैग में एक पानी की बोतल जरूर रखें क्योंकि वर्कआउट करने से अत्यधिक पसीना आता है जिसके कारण आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए खुद को हाइड्रेट रखना जरूरी है। इसके लिए अपने पास पानी की बोतल रखें ताकि प्यास लगने पर आपको हर बार वाटर कूलर की ओर न भागना पड़े। बेहतर होगा कि आप अपने वर्कआउट सत्र के दौरान हर 10-20 मिनट में एक से दो घूंट पानी की पिएं।
 

गर्मी में निखरी और खिली-खिली त्वचा के लिए करे यह घरेलू उपाये....

गर्मी में निखरी और खिली-खिली त्वचा के लिए करे यह घरेलू उपाये....

गर्मियां अपने यौवन पर हैं। गर्मी में तेज़ धूप मौसम की गर्मी और सूर्य की अल्ट्रा वायलट किरणों से त्वचा झुलस जाती है और त्वचा में कालापन आ जाता है। वातावरण में गर्मी, प्रदूषण, गर्म हवा, लू आदि से त्वचा की प्रकृतिक चमक खो जाती है और त्वचा बेजान, रूखी, काली हो जाती है। इसकी वजह से त्वचा पर काले मस्से, खाज-खुजली तथा त्वचा की रंगत खराब हो जाती है, लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि गर्मियों में आप अपनी त्वचा को कोमल, मुलायम, नरम नहीं रख सकती। बल्कि अगर आप अपनी रसोई में रखी सामग्री का उपयोग करें तो गर्मियों में भी आपकी त्वचा निखरी और खिली-खिली रह सकती है। रसोई घर में रखे बादाम, हल्दी, दही, लस्सी, टमाटर, खीरा तथा फल-सब्ज़ियों का उपयोग करके आप गर्मियों में अपनी त्वचा की ताज़गी और आभा को बनाए रख सकती हैं।

खीरा त्वचा को कोशिकाओं में खिंचाव लाता है जिससे आप युवा दिखेंगी। हल्दी को प्रकृतिक एंटीसैपटिक और त्वचा को नर्म, मुलायम बनाए रखने में प्रयोग किया जाता है। टमाटर के प्रयोग से त्वचा की रंगत में निखार आता है तथा तैलीय त्वचा में आरामदेह साबित होता है। दही, छाछ तथा लस्सी के नियमित प्रयोग से त्वचा को पौषण प्रदान होता है तथा त्वचा मुलायम व कोमल बनी रहती है। इन उत्पादों के नियमित प्रयोग से त्वचा स्वास्थ्यवर्धक व युवा बनी रहती है।


रसोई घर में विद्यमान पीसे बादाम, चावल के आटे, जेई, अखरोट पाउडर को मास्क और स्क्रब में प्रयोग किया जा सकता है। जिससे त्वचा में निर्जीव कोशिकाओं को हटाकर त्वचा में ताज़गी तथा स्फूर्ति लाई जा सकती है। फ्रूट पैक त्वचा के निखार में काफी मददगार साबित होते हैं क्योंकि फलों में विद्यमान एसिड से त्वचा की रंगत में निखार आता है। फलों को दही या नींबू के साथ मिलाकर बने पैक ज्यादा लाभदायक तथा प्रभावी होते हैं। ऐलोवेरा के नियमित प्रयोग से भी त्वचा में नमी विद्यमान रहती है और रंगत में निखार आता है। आप घर पर रह कर ही निम्नलिखित तरीकों से अपनी त्वचा को कोमल व मुलायम बना सकती हैं।



केसर की कुछ पंखुड़ियों को गर्म दूध में मिलाकर दूध को सामान्य वातावरण में ठण्डा होने दें। इसके ठण्डा हो जाने के बाद कॉटनवूल की मदद से त्वचा पर लगाकर आधे घण्टे के बाद ताजे़ साफ पानी से धो डालें। इससे त्वचा की रंगत में निखार आएगा।

चुटकी भर हल्दी को दही में मिलाकर नियमित रूप से चेहरे पर लगायें। आप इसमें सूखे पाउडर नींबू छाल को भी मिला सकती हैं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाने के आधे घण्टे बाद ताज़े साफ पानी से धो डालिए। नींबू जूस और खीरा रश्स को बराबर मात्रा में मिलाकर प्रतिदिन 30 मिनट तक चेहरे पर लगाने के बाद ताज़े पानी से धो डालिए। खीरा तथा पके हुए पपीते की लुगदी को दही में मिलाईए। आप इसमें नींबू रस भी मिला सकती हैं। इस मिश्रण को सप्ताह में दो बार चेहरे पर लगाकर सामान्य तापमान में सूख जाने के बाद सामान्य पानी से धो डालिए।
तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल, नींबू रस का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगा लें तथा सूख जाने पर चेहरे को धो डालें। बादाम पाउडर को दही तथा चुटकी भर हल्दी में मिलाकर बने पेस्ट को चेहरे पर लगाकर आधे घण्टे बाद आहिस्ता-आहिस्ता हटा लीजिए तथा चेहरे को ताज़े साफ पानी से धो डालिए।


चुटकी भर हल्दी, बेसन तथा एलोवेरा का पेस्ट बनाकर इसका रोज़ाना प्रयोग करें।
तीन चम्मच एलोवेरा जेल/जूस को तीन चम्मच पाउडर दूध में मिलाकर मिक्सी में ब्लैंड करके पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे, हाथों और गर्दन आदि खुले अंगों पर लगाकर धो डालें। यह सामान्य तथा सभी प्रकार की त्वचा के लिए लाभकारी है। सामान्य से तैलीय त्वचा के लिए एक चम्मच खीरा जूस, पके हुए पपीते की लुगदी, एलोवेरा जेल को दो चम्मच जेई में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे आप हफ्ते में दो बार चेहरे तथा खुले भागों में लगा सकती हैं।


दो चम्मच एलोवेरा जैल, कच्चा दूध, गुलाब जल तथा नींबू छिलके के पाउडर को मिलाकर पेस्ट बना लें तथा इस पेस्ट को आप हफ्ते में दो बार प्रयोग कर सकती हैं। गर्मियों में सामान्यतः दो या तीन लीटर पानी का सेवन करें। नींबू पानी, नारियल पानी, तरबूज़ तथा ताज़े जूस शरीर में नमी बनाए रखने में अहम भूमिका अदा करते हैं।


अपने आहार में सालाद, सब्ज़ियों, मौसमी फलों, खट्टे फलों, जूस को ज़रूर शामिल कीजिए क्योंकि यह आपके शरीर में आन्तरिक तौर पर ठण्डक बनाए रखने में मदद करेंगे। शरीर में पर्याप्त नमी से सूर्य की किरणों से झुलसी त्वचा प्रकृतिक तौर पर स्वस्थ हो जाएगी। 

होंठों से लेकर एडिय़ों तक में चमक लाएगा खरबूजा, जानिये इसके बेनिफिट्स....

होंठों से लेकर एडिय़ों तक में चमक लाएगा खरबूजा, जानिये इसके बेनिफिट्स....

खरबूजा एक ऐसा फल है जो गर्मी के दिनों में खूब पसंद किया जाता है। खरबूजा उन फलों में से है, जो टेस्टी होने के साथ शरीर को हाइड्रेट रखने का काम करता है। ऐसे में आप खरबूजे को कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। जी दरअसल इसमें शरीर को हेल्दी रखने वाले पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, बी 6, सी व अन्य कई पाए जाते है। हालाँकि क्या आप जानते हैं कि इसके कई ब्यूटी बेनिफिट्स भी हैं। आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।

क्लींजर के रूप में- गर्मी हो या सर्दी अगर बॉडी में विटामिन सी की कमी हो, तो स्किन पर डार्कनेस आने लगती है। ऐसे में आप इसकी कमी खरबूजे से पूरी कर सकते हैं। खरबूजे को क्लींजर की तरह यूज करें। इसके लिए एक बर्तन लें और इसमें खरबूजे को मैश कर लें। अब इसे हाथों से चेहरे पर अप्लाई करें और धीरे-धीरे इसकी मसाज करें। आप हफ्ते में करीब दो बार ऐसा करें।

फेस टोनर- आप खरबूजे और गुलाब जल से बनने वाले टोनर को अपने स्किन केयर रूटीन में शामिल कर सकते हैं हैं। जी हाँ और इसके लिए एक बर्तन में खरबूजे का रस निकालें और इसमें थोड़ा गुलाब जल मिला लें। रात में सोने से पहले इसे स्किन पर स्प्र करें।

लिप स्क्रब- खरबूजा होंठों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए अच्छा है। इसके लिए एक बर्तन लें और इसमें खरबूजा मैश कर लें और अब इसमें थोड़ा सा ग्लिसरीन मिलाएं और इसे होंठों पर लगाएं। कुछ देर इसकी मसाज करने के बाद इसे सूखने के लिए छोड़ दें। अब कॉटन की मदद से होंठों को साफ कर लें।

एडिय़ां- फटी हुई एडिय़ों को सॉफ्ट एवं चमकदार बनाने के लिए खरबूजे को मैश करें और इसमें पीसा हुआ ओट्स डालें। अब हल्के हाथों से इसकी एडिय़ों पर स्क्रब करें।

 

अच्छी नींद से लेकर डैंड्रफ खत्म करने में लाजवाब है संतरे के छिलके, ऐसे करे इस्तेमाल

अच्छी नींद से लेकर डैंड्रफ खत्म करने में लाजवाब है संतरे के छिलके, ऐसे करे इस्तेमाल

भारत में संतरे खाना लोगों को बहुत पसंद होते हैं और यहाँ यह फल शौक से खाया जाता है। जी दरअसल इसका खट्टा-मीठा स्वाद होता है जो हर किसी को अपनी ओर खिंच लेता है। इसी के साथ इसमें मौजूद विटामिन सी, कैल्शियम और फोलेट सेहत के लिए लाभकारी है। वैसे इसके अंदरूनी फल को तो हम खा लेते हैं, लेकिन छिलका हम कूड़ेदान में फेक देते हैं। वैसे इसके छिलके के भी कई फायदे हैं जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।


स्किन के लिए अच्छा- संतरे का छिलका हमारी त्वचा के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता। जी हाँ और अगर आपकी स्किन ऑयली है तो ये किसी औषधि से कम नहीं है। केवल यही नहीं बल्कि इसके पाउडर को शहद में मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और चेहरे पर लगाएं। ऐसा करने से चेहरे पर ग्लो आ जाएगा और दाग घब्बे भी दूर हो जाएंगे।


नींद- अगर आपको अच्छी नींद नहीं आती तो इसके लिए संतरे के छिलके को पानी में डालकर गर्ग कर लें और फिर इसे पी जाएं।
इम्यूनिटी बूस्ट- संतरे के छिलको में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इम्यूनिटी बूस्ट करने का काम करते हैं। जी हाँ और इसके लिए संतरे के छिलके को गर्म पानी में धोकर खा सकते हैं।


बालों का कंडीशनर - आज के समय में लोग केमिकल युक्त कंडिशनर लगाते हैं, लेकिन आप छिलके को भी कंडीशनर बना सकते हैं। इसके लिए संतरे के छिलके को सुखाकर पाउडर बना लें, फिर उसमें शहर मिक्स कर लें और सिर पर लगा लें। कुछ देर धोने के बाद बाल शाइनी हो जाएंगे।
डैंड्रफ खत्म- इसके लिए संतरे के छिलके को सुखाकर अगर आप पाउडर तैयार कर लें और फिस इसमें नारियल के तेल को मिक्स करें। अब इस मिक्सचर को बालों में लगा डाले।

अस्थमा के जोखिम कम करने में मदद कर सकते हैं ये एसेंशियल ऑयल्स...

अस्थमा के जोखिम कम करने में मदद कर सकते हैं ये एसेंशियल ऑयल्स...

अस्थमा की बीमारी शरीर के वायुमार्ग की अंदरूनी दीवारों में सूजन आने और सिकुडऩे के कारण होती है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। इस बीमारी से बचने और इसके जोखिमों को कम करने में कुछ एसेंशियल ऑयल्स काफी मदद कर सकते हैं। आइए आपको कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल्स के बारे में बताते हैं, जिनका इस्तेमाल करना अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक हो सकता है।


लैवेंडर एसेंशियल ऑयल

लैवेंडर ऑयल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अस्थमा से प्रभावित वायुमार्ग को आराम देकर बीमारी के जोखिमों को कम करने में सहायक हैं। लाभ के लिए लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें डिफ्यूजर में डालें और इसे चालू करके अपने बिस्तर के पास रखें। इससे आपको बहुत जल्द ही राहत मिलेगी। हालांकि, अगर आपको पास डिफ्यूजर नहीं है तो आप रूई के टुकड़े पर दो-तीन बूंद लैवेंडर ऑयल डालें, फिर इसे सूंघें।

रोजमेरी एसेंशियल ऑयल

एक अध्ययन से पता चला है कि रोजमेरी एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल उन लोगों में अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकता है, जिन्होंने पारंपरिक उपचार से सुधार नहीं देखा। इस अध्ययन में अस्थमा रोगियों में खांसी और घरघराहट जैसे अस्थमा के लक्षणों में कमी देखी गई है। लाभ के लिए एक रूई के टुकड़े पर थोड़ा सा रोजमेरी एसेंशियल लगाकर उसे कुछ मिनट के लिए सूंघे। हालांकि, इसके लिए पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

थाइम एसेंशियल ऑयल

थाइम एक हर्ब है, जिससे बने तेल का इस्तेमाल काफी समय से अस्थमा के उपचार के लिए किया जाता आ रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि थाइम एसेंशियल ऑयल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो अस्थमा के जोखिम कम करने में सक्षम है। वहीं, इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए रोजाना थाइम एसेंशियल ऑयल को कुछ मिनट के लिए सूंघे।

रोमन कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल

रोमन कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल भी कई ऐसे गुणों से समृद्ध होता है, जो अस्थमा के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए रोमन कैमोमाइल ऑयल की कुछ बूंदें डिफ्यूजर में डालें और इसे चालू करके अपने पास रखें। हालांकि, अगर आपके पास डिफ्यूजर नहीं है तो आप एक रूई के टुकड़े पर थोड़ा सा रोमन कैमोमाइल ऑयल लगाकर उसे कुछ मिनट के लिए सूंघे।
 

गर्मियों के लिए बेस्ट ड्रिंक साबित होगी पुदीना-नींबू शरबत, शरीर को देगी ठंडक

गर्मियों के लिए बेस्ट ड्रिंक साबित होगी पुदीना-नींबू शरबत, शरीर को देगी ठंडक

गर्मियों का समय आ चुका हैं जिसमें बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ का सेवन किया जाना चाहिए जिससे सेहत बनी रहे। गर्मियों के दिनों में सभी को ऐसे पेय पदार्थ की जरूरत होती हैं जो शरीर को ठंडक देने के साथ ही ताजगी प्रदान करें। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए पुदीना-नींबू शरबत बनाने की रेसिपी लेकर आए हैं जो गर्मियों के लिए बेस्ट ड्रिंक साबित होगी। तो आइये जानते हैं इसकी रेसिपी के बारे में...


आवश्यक सामग्री
पुदीना पत्ती - 25-30
नींबू - 4
चीनी - 3/4 कप
जीरा पाउडर - 1 टेबलस्पून
आइस क्यूब्स - 5-6
पानी - 4 गिलास


बनाने की विधि

देसी कोल्ड ड्रिंक पुदीना और नींबू का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले पुदीना को लें और उसे साफ पानी से अच्छी तरह से धो लें। इसके बाद एक बाउल में पुदीना अलग रख दें। इसके बाद नींबू को लें और उसे बीच से 2 टुकड़ों में काट लें और उसके बीज निकालकर अलग कर दें और एक कटोरी में नींबू का रस निकाल लें। इसके बाद मिक्सर में पुदीने की पत्तियां, नींबू का रस, चीनी और पानी डालकर ग्राइंड करें।
मिक्सर में इस मिश्रण को इतना ग्राइंड करें कि मिक्चर महीन हो जाए। इसके बाद शरबत को छान लें और चार गिलास में बराबर मात्रा में डाल दें। इस तरह आपका स्वादिष्ट नींबू का शरबत बनकर तैयार हो गया है। सर्व करने से पहले नींबू शरबत में एक-एक आइस क्यूब डाल दें। आप चाहें तो शरबत में ज्यादा आइस क्यूब्स भी डाल सकते हैं। इसके बाद हर गिलास में थोड़ा-थोड़ा जीरा पाउडर डालकर चम्मच से घोलें। जो भी इस शरबत को पिएगा उसके शरीर में ठंडक घुल जाएगी और वह दिनभर ताजगी महसूस करेगा।

एक उम्र के बाद जरूरी है रक्तचाप की नियमित जांच : डॉ. मेश्राम

एक उम्र के बाद जरूरी है रक्तचाप की नियमित जांच : डॉ. मेश्राम

दुर्ग : एक उम्र के बाद बीपी व शुगर की जांच नियमित रूप से कराते ही रहना चाहिए ताकि गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सके। अनियमित दिनचर्या और अनुचित खान-पान की वजह से स्वास्थ्य को काफी नुकसान होता है। अनुचित खान-पान व भाग-दौड़ भरी दिनचर्या की वजह से रक्त चाप पर भी इसका असर पड़ता है और तभी व्यक्ति उच्च रक्तचाप या फिर निम्न रक्त चाप का मरीज बन जाता है। विश्व रक्तचाप दिवस के अवसर पर जिले में ऐसी ही आवश्यक जानकारी से अवगत कराते हुए लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाएगा।

स्वास्थ्य केन्द्रों में रक्तचाप और मधुमेह की स्क्रीनिंग की जाएगी। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेपी मेश्राम ने बताया कि ‘’प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष रूप से ओपीडी में आने वाले 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के रक्तचाप की जांच की जाएगी। इसके अलावा मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप से उत्पन्न होने वाली समस्याएं, बचाव, रोकथाम संबंधी जानकारी भी लोगों को दी जाएगी। इस वर्ष विश्व उच्च रक्तचाप दिवस “Measure your blood pressure accurately, control it, live longer” यानी “अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापे इसे नियंत्रित करें, अधिक समय तक जीवित रहे।” की थीम पर मनाया जाएगा।”

आगे उन्होंने बताया कि ‘’अगर आपकी उम्र 30 वर्ष हो चुकी है तो जरूरी है कि आप नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करवाएं। उच्च रक्तचाप कई कारणों से होता है जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। उच्च रक्तचाप से तेज सिरदर्द, थकान, भ्रम, देखने में समस्या, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, अनियमित रूप से बढ़ने वाली दिल की धड़कन, यूरिन में ब्लड आना ऐसे लक्षण हो सकते हैं। इससे बचने के लिए जंक फूड खाने से परहेज करने के साथ ही अनियमित जीवन शैली पर भी ध्यान देने की जरूरत है। जीवन में मानसिक तनाव को कम करने व शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए डॉक्टर की सलाह से व्यायाम को नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।” उन्होंने अपील की है, अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जाकर अपना बीपी और शुगर की जांच करवाएं और ले, स्वस्थ रहें-निरोग रहें।

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय एवं विकासखंड स्तर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जागरूकता हेतु विशेष स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे जिसमें उच्च रक्तचाप से संबंधित बीमारियों के रोकथाम हेतु एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर डायबिटीज कार्डियोवैस्कुलर डिजीज एंड स्ट्रोक) कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को जागरूक करने और “स्वस्थ जीवनशैली” अपनाने के बारे में भी बताया जाएगा।

उच्च रक्तचाप के कारण
नमक की अधिक मात्रा में सेवन, अनियमित दिनचर्या, अनियमित खानपान, तनाव,धूम्रपान या नशीली चीजों का सेवन करना, अत्यधिक वजन का बढ़ना।

रोकथाम व उपचार-
हरी साग-सब्जियों का सेवन ज्यादा करना, नमक का कम उपयोग करना, नशीली और धूम्रपान जैसी चीजों का सेवन ना करना, समय पर डॉक्टर से जांच कराकर और परामर्श लेना, डॉक्टर की सलाह से नियमित रूप से व्यायाम कारगर है।

 

 गर्मियों में बचना है लू से तो जरूर अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

गर्मियों में बचना है लू से तो जरूर अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

गर्मी अकेले नहीं आती, बल्कि अपने साथ-साथ हमें परेशान करने के लिए अन्य कई तरह की समस्याएं भी ले आती है। इन समस्याओं में चिलचिलाती धूप, उमस और गर्म हवाएं शामिल हैं। इन दिनों दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, इन गर्म हवाओं को ही लू कहते हैं। मजबूत इम्युनिटी वाले लोग इन गर्म हवाओं को सहन कर लेते हैं लेकिन बहुत से लोग इन हवाओं को सहन नहीं कर पाते हैं और संपर्क में आते ही बीमार पड़ जाते हैं। देश में हर साल काफी बड़ी तादात में लोग लू की चपेट में आ जाते हैं।


लू लगने के कारण
गर्मी में बढ़ता पारा हवाओं को लू में बदल देता है। ऐसे में अगर हम धूप में शरीर पूरा ढंके बिना बाहर निकलते हैं, तो लू लगने का पूरी-पूरी संभावना रहती है। इसके अलावा तेज़ धूप में नंगे पैर चलना, घर से बिना कुछ खाए निकलना, कम पानी पीना, एसी वाली जगह से निकलकर तुरंत धूप में चले जाना, धूप से बाहर आकर तुरंत ठंडा पानी पीना और कम पानी पीने वालों को लू जल्दी अपनी चपेट में लेती है।


लू से बचने के असरदार घरेलू उपाय
-प्याज को भून लें और इसे एक साधारण प्याज के साथ मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण में जीरा पाउडर और मिश्री मिलाकर खाने से भी लू से आराम मिलता है। इसके अलावा रोजाना खाने में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें।
-ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते का इस्तेमाल करें।
-अधिक मात्रा में पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।
-घर पर ही आम का पना बनाकर पियें। लू से बचने का यह सबसे असरदार घरेलू उपाय है।
-धनिये और पुदीने दोनों की ही तासीर ठंडी होती है। लू से बचने के लिए गर्मियों में रोजाना धनिये और पुदीने का जूस बनाकर पिएं।
- प्याज के रस को निकाले और उसे पीये। साथ ही उसी रस को छाती पर भी मलें।
-गर्मियों के दिनों में हल्का भोजन करें
-पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना निकलें।
-हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें।
-गर्मी के दिनों में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकलें
-ऐसे में आप पुदीने की पत्तियों को पीसकर उसमें दो लौंग मिलाएं और दोबारा से पीस लीजिये। अब पानी मिलाकर उसका सेवन करें।
-सब्जियों का सूप बनाकर रोजाना सेवन करें।
-लू लगने पर कभी बहुत ठंडा पानी न दें ,मटके का पानी दे या सामान्य पानी दें।
-शरीर को ठंडा रखने के लिए दिन में एक या दो बार नींबू पानी का सेवन ज़रुर करें।


लू से बचने के आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के दिनों में ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। ठंडी तासीर वाली चीजों को खाने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू नहीं लगती है
सेब का सिरका : लू लगने पर शरीर में मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है खासतौर पर पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे ज़रुरी मिनरल की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में सेब के सिरके का सेवन करने से ये खोए हुए मिनरल वापस मिल जाते हैं और शरीर में इनका संतुलन बना रहता है।
खुराक और सेवन का तरीका : दो चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।
चंदनासव : यह चंदन और कई तरह की जड़ी बूटियों से निर्मित एक आयुर्वेदिक पेय औषधि (आसव) है। आयुर्वेद के अनुसार चंदनासव में शीतल गुण होता है। ठंडी तासीर होने के कारण जब शरीर में गर्मी या जलन काफी बढ़ जाती है तो इसका इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद रहता है। लू लगने पर इसका सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है।
खुराक और सेवन का तरीका : तीन से चार चम्मच चंदनासव और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।
बेल का शरबत : गर्मियों में बेल का शरबत अमृत के समान होता है। बेल में विटामिन सी और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसके सेवन से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू से बचाव होता है। बेल का शरबत पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है।
खुराक और सेवन का तरीका : रोजाना दिन में दो-तीन बार इस जूस का सेवन खाना खाने से पहले करें।
गिलोय का जूस : गिलोय में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय वात, पित्त और कफ शामक माना जाता है। यह लू में होने वाले तेज बुखार को जल्दी ठीक करती है और शरीर के तापमान को और बढऩे से रोकती है।
खुराक और सेवन का तरीका : आजकल बाज़ार में गिलोय का रस आसानी से उपलब्ध है। आप इसे ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं। दो से तीन चम्मच गिलोय रस में समान मात्रा में पानी मिलाकर रोजाना सुबह नाश्ते से पहले इसका सेवन करें।
उशीरासव : उशीरासव (खस) एक आयुर्वेदिक पेय औषधि है। यह पित्तशामक है और लू लगने पर यह शरीर में होने वाली गर्मी और जलन को शांत करने में मदद करती है. इसके अलावा पित्त संबंधी सभी रोगों में आप उशीरासव का इस्तेमाल कर सकते हैं।
खुराक और सेवन का तरीका : तीन से चार चम्मच उशीरासव और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।

 गर्मियों के दौरान इस तरह से करें मेकअप, नहीं रहेगा इसके फैलने का डर...

गर्मियों के दौरान इस तरह से करें मेकअप, नहीं रहेगा इसके फैलने का डर...

गर्मियों में पसीने के कारण मेकअप फैल जाता है, जिसके चलते चेहरे का पूरा लुक बिगड़ जाता है। इसके अलावा, कई मेकअप प्रोडक्ट्स पसीने के साथ मिलकर आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, अगर सही मेकअप प्रोडक्ट्स को चुनें और उन्हें सही तरीके से लगाते हैं तो इनके फैलने कि संभावना काफी कम हो सकती है। आइए जानते हैं गर्मियों में किस तरह से मेकअप करना चाहिए ताकि आपको इससे कोई परेशानी न हो।

सबसे पहले चेहरे पर सीरम और सनस्क्रीन लगाएं
अधिकतर लड़कियां और महिलाएं यह सोचकर गर्मियों के दौरान चेहरे को मॉइश्चराइज करने से बचती हैं कि इससे उन्हें और ज्यादा पसीना आएगा, लेकिन यह त्वचा के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए अपने चेहरे को माइल्ड क्लींजर से साफ करने के बाद हाइड्रेटिंग गुणों से समृद्ध फेस सीरम लगाएं, फिर अपनी त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए कम से कम एसपीएफ 50 वाला हल्की जेल बेस्ड सनस्क्रीन लगाएं।

चेहरे पर प्राइमर लगाना है जरूरी
गर्मियों के दौरान मेकअप की शुरूआत फेस प्राइमर से करना अच्छा है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि बाजार में कई तरह के फेस प्राइमर मौजूद हैं और ऐसे में गलत प्राइमर को चुनने की संभावना बढ़ जाती है। बेहतर होगा कि आप अच्छे ब्रांड के ही प्राइमर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, जब भी आप प्राइमर खरीदें तो अपनी त्वचा के प्रकार और जरूरतों को जरूर ध्यान में रखें।

फाउंडेशन की जगह बीबी क्रीम से बनाएं मेकअप बेस
फाउंडेशन भले ही कितना भी महंगा या गुणवत्ता पूर्ण हो, चेहरे पर पसीना आते ही उसके फैलने की संभावना रहती ही है। इसलिए बेहतर होगा कि आप गर्मियों के दौरान फाउंडेशन की जगह बीबी क्रीम से मेकअप बेस बनाएं। यह क्रीम त्वचा को मॉइश्चराइज करने के साथ-साथ सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से भी बचाने में मदद कर सकती है। वहीं, अगर आपकी चेहरे पर मुंहासे हो रखे हैं तो इन्हें छुपाने में भी बीबी क्रीम बेस्ट है।

इन मेकअप टिप्स को भी जरूर अपनाएं
अगर आप मेकअप के दौरान कॉम्पैक्ट पाउडर लगाती हैं तो गर्मियों के दौरान इसे न लगाएं। इसके अतिरिक्त, पाउडर ब्लश की जगह क्रीम ब्लश चुनें और चेहरे के जिस भी हिस्से को आप हाइलाइट करना चाहते हैं तो उस पर ब्रोंजर का इस्तेमाल करें। इसके बाद अपने मेकअप को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए चेहरे पर मेकअप सेटिंग स्प्रे का छिड़काव करें। अंत में होंठो पर न्यूड शेड की लिपस्टिक लगाएं।
 

 जानिए गर्मी में दिन में कितनी बार धोना चाहिए चेहरा, जिससे बनी रहेगी आपके चेहरे की नमी....

जानिए गर्मी में दिन में कितनी बार धोना चाहिए चेहरा, जिससे बनी रहेगी आपके चेहरे की नमी....

गर्मी में ताजगी बने रहने के लिए लोग दिन में कई बार चेहरा धोते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि बार-बार फेस वॉश करने से चेहरे पर निखार आ जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं बार-बार चेहरा धोने की आदत आपको नुकसान पंहुचा सकता है। इससे आपके चेहरे की नमी गायब हो सकती है। सिर्फ फेसवॉश करने से चेहरा साफ नहीं होता है। इसके लिए आपके फेस वॉश करने का सही तरीका और समय पता होना जरूरी है। इसके अलावा फेस पर ग्लो लाने के लिए सही डाइट भी जरूरी है। आज हम आपको बता रहे हैं कि गर्मी हो या सर्दी आपको दिन में कितनी बार चेहरा धोना चाहिए।

सुबह - जब आप सोकर उठते हैं तो आलस छाया रहता है। इसलिए सुबह उठकर सबसे पहले सादा पानी से अपना चेहरा धो लें। चेहरा धोने से फुर्ती महसूस होगी और फेस के पोर्स भी साफ हो जाएगे। सुबह आप ठंडे पानी से चेहरा धोएं। आप चाहें को कोई माइल्ड फेसवाश का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

दोपहर - अगर आपकी ऑयली स्किन है तो आपको फेस वॉश करते वक्त अपनी त्वचा के हिसाब से साबुन या फेसवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए। ऑयली स्किन पर दोपहर तक ऑयल आने लगता है। कई बार आप बाहर निकलते हैं तो चेहरे पर धूल जम जाती हैं ऐसे में दोपहर में भी ठन्डे पानी या फेसवाश से चेहरे को अच्छी तरह साफ करना चाहिए।

शाम - अगर आप कहीं बाहर जाते हैं तो शाम को घर लौटने के बाद चेहरा जरूर साफ करे लें। ऑफिस से घर आने के बाद दिनभर की गंदगी को साफ करना जरूरी है। जो महिलाएं मेकअप करके ऑफिस जाती हैं, उन्हें अपने फेस को जरूर साफ करके सोना चाहिए। फेस वॉश करने से दिनभर की थकान दूर हो जाती है। आप फ्रेश फील करते हैं।

चेहरा धोते समय इन बातों का रखे ध्यान
हाथ जरूर साफ करें
चेहरा साफ करने से पहले अपने हाथ जरूर साफ कर लें। गंदे हाथ से चेहरे धोने पर निखार कम हो जाता है। साथ ही चेहरा धोने के बाद इसे हल्के हाथों से पोछें। रगडऩे से स्किन खराब होती है।

सॉफ्ट स्क्रबिंग
चेहरे पर स्क्रबिंग कोमल हाथों से करें। वरना चेहरे पर रगड़ के निशान भी बन सकते हैं। स्क्रबिंग के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करें और हफ्ते में 2 बार स्किन एक्सफोलिएट करें।

चेहरे पर ना लगाएं ये चीजें
चेहरे पर वॉशक्लॉथ, मेश स्पॉन्ज या उंगलियों के अलावा किसी और चीज का इस्तेमाल ना करें। इससे आपकी त्वचा में जलन हो सकती है।

क्लीजिंग मिल्क जरूर करें
मेकअप उतारने के लिए पहले क्लीजिंग मिल्क करें और फिर कॉटन से चेहरे पोछें। इसके बाद पानी से धोएं। वरना मेकअप रोमछिद्रों में जाकर उन्हें बंद कर देगा।

दिन में 2 बार चेहरा धोएं
कई लोगों का मानना है कि मेकअप हटाने के लिए या जब यह गंदा दिखता है तो सिर्फ चेहरा धोने की जरूरत होती है। जबकि ऐसा नहीं है। हर किसी को कम से कम दिन में दो बार चेहरा धोना चाहिएं।

फेसवॉश से धोएं चेहरा
साबुन की बजाए फेसवॉश से चेहरा धोएं। वैसे आप इसके लिए बेसन, मक्की या चावल का आटा भी चूज करेंगे तो बेस्ट है।

पसीने के बाद चेहरा धोएं
भारी पसीने के बाद अपना चेहरा धो लें, खासकर टोपी या हेलमेट पहनने पर त्वचा में जलन होती है। ऐसे में पसीने के बाद जितनी जल्दी हो सके चेहरे धो लें। साथ ही कोशिश करें कि दिन में 2 बार चेहरा धोएं।

 

विभिन्न गुणों से भरपूर होता है चन्दन का लेप, जाने इसे लगाने के क्या होते हैं फायदे

विभिन्न गुणों से भरपूर होता है चन्दन का लेप, जाने इसे लगाने के क्या होते हैं फायदे

भारत में कुछ परम्पराएं सदियों से चली आ रही हैं. माथे पर चंदन का टीका लगाना भी इसी फेहरिस्त में शुमार है. पूजा-पाठ में भी चंदन का विशेष महत्व है. इसके अलावा कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी चंदन का इस्तेमाल किया जाता है. मार्केट में चंदन के फेस पैक से लेकर परफ्यूम, रूम फ्रैशनर जैसे अनगिनत प्रोडक्ट मौजूद हैं.बदलते ट्रेंड के बीच भी लाखों ऐसे लोग हैं, जो माथे पर चंदन का तिलक लगाते हैं. आज हम आपको बताते हैं चंदन के ऐसे गुणों के बारे में, जिसे जानकर आप भी चंदन का लेप इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे.

दरअसल हिंदू धार्मिक रिवाज का हिस्सा होने के साथ-साथ चंदन का खास वैज्ञानिक महत्व भी है. यही कारण है कि कई लोग माथे, गले और सर की चोटी पर चंदन का टीका लगाते हैं. यह परंपरा दक्षिण भारत के ज़्यादातर हिस्सों में में आज भी घर-घर निभाई जाती है. वहां महिला, पुरुष और बच्चे तक चंदन का तिलक लगाते हैं. जानिए चंदन के अनोखे फायदों के बारे में.

बुखार से राहत दिलाने में कारगर है चंदन
बुखार में शरीर का तापमान कम करने के लिए अक्सर ठंडे पानी की पट्टी सर पर रखी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुखार से निपटने में भी चंदन का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, चंदन की तासीर ठंडी होती है. बुखार में माथे पर चंदन का लेप लगाने से यह प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है. चंदन के लेप से शरीर का तापमान सामान्य होने लगता है.

ग्लोइंग स्किन का सीक्रेट है चंदन
मौजूदा समय में लोग फिर से नेचुरल चीज़ों का इस्तेमाल करना पसंद कर रहे हैं. यही वजह है कि कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में चंदन का इस्तेमाल किया जाने लगा है. हालांकि इन प्रोडक्ट्स में केमिकल भी होते हैं. ऐसे में त्वचा पर निखार लाने के लिए चंदन पाउडर का फेस पैक भी लगा सकते हैं. इससे न सिर्फ स्किन में ग्लो आता है बल्कि कलर कॉम्प्लेक्शन भी अच्छा होता है.

सिर दर्द में असरदार है चंदन
सिर दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए चंदन का उपयोग कर सकते हैं. कई बार गर्मी की वजह से सिर के नसों में खिंचाव होता है, जो सिर दर्द की वजह बनती है. ऐसे में सिर पर चंदन का लेप लगाने से मस्तिष्क ठंडा रहता है और दर्द से भी राहत मिलती है.

 

खीरा खाने के बाद भूलकर भी न करें ये काम, वरना काटने पड़ेंगे अस्पताल के चक्कर...

खीरा खाने के बाद भूलकर भी न करें ये काम, वरना काटने पड़ेंगे अस्पताल के चक्कर...

नई दिल्ली : गर्मी के मौसम में खीरे के सेवन से शरीर हाइड्रेट रहता है और ठंडक महसूस करता है। खीरा को विटामिन मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स का पावर हाउस कहा जाता है। खीरा में काफी अधिक पानी की मात्रा होने की वजह से खासकर गर्मियों में इसका सेवन काफी किया जाता है। खीरे में मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन के, मैंग्नीज और पोटैशियम जैसे गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी होते है। यदि आप वजन को कम करने की सोच रहे है। तो खीरे को डाइट में शामिल कर सकते हैं।

खीरा का सेवन आप जूस (Juice) और सलाद (salad) के रूप में कर सकते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खीरा खाने के बाद विशेष बात का ध्यान रखना अधिक जरूरी है। गर आप खीरा खाने के तुरंत बाद पानी पीते है। तो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

खीरा खाने के बाद पानी पीने से हो सकते हैं ये नुकसान : 1.पाचन : हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, खाने के पाचन के लिए शरीर को पीएच लेवल की जरूरत होती है। लेकिन खीरा के साथ या उसके बाद पानी का सेवन करने से बॉडी का पीएच लेवल डिस्टर्ब हो सकता है, जिसकी वजह से आपको पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है।

2.लूज मोशन : यदि आपको खीरा खाने के बाद पानी पीने की आदत है। तो सावधान हो जाएं. क्योकि खीरा खाने के तुरंत बाद पानी का सेवन करने से लूज मोशन की परेशानी हो सकती है।

3.पेट फूलना : जो लोग खीरा खाने के बाद पानी पीते है। उनको पेट फूलने की परेशानी हो सकती है। पेट फूलना, पेट में भारी पन महसून होना और बेचैनी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
 

पीलिया से बचाव के लिए सावधानी है बहुत जरूरी, जानिये इसके बचाव के आवश्यक उपाय.....

पीलिया से बचाव के लिए सावधानी है बहुत जरूरी, जानिये इसके बचाव के आवश्यक उपाय.....

रायपुर : पीलिया यानि जाॅन्डिस लीवर से जुड़ा रोग है। लीवर शरीर का अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है, इसलिए इसे सेहतमंद रखना बहुत जरूरी है। पीलिया एक सूक्ष्म वायरस से होता है। इसके संक्रमण के कारण व्यक्ति का लीवर सामान्य ढंग से कार्य नहीं कर पाता। फलस्वरूप खून में बिलिरुबिन बढ़ जाता है।

शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि आमतौर पर गर्मियों के मौसम में पीलिया संक्रमण के रोगी बहुतायत में मिलते हैं। इस रोग का प्रमुख कारण दूषित खाद्य तथा पेय पदार्थों का सेवन, दवाओं का दुष्प्रभाव, अनेक रोग एवं आवश्यक साफ-सफाई का अभाव है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के रक्तदान करने एवं पीलिया संक्रमित व्यक्ति के मल, मूत्र से भी यह रोग होता है। इस मौसम में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए बाजार में बिकने वाले बर्फ मिले शीतल पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। कभी-कभी दूषित पानी से बने बर्फ तथा सड़े-गले फलों के कारण पीलिया की संभावना बढ़ जाती है।

सामान्यतः पीलिया के रोगी में बुखार आना, सिर दर्द, भूख न लगना, भोजन देखकर मिचली और उल्टी, पेट फूलना, कमजोरी व थकावट, त्वचा, नाखून और आंखों के सफेद भाग का रंग पीला होना, त्वचा में खुजली होना, पेशाब का रंग गाढ़ा पीला होना, पैरों में सूजन, पेट दर्द और दस्त जैसे लक्षण मिलते हैं। पीलिया जहां एक गंभीर बीमारी है, वहीं यह अन्य रोगों का लक्षण भी है। इसलिए इन लक्षणों के दिखाई देने पर रोगी को तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए अन्यथा यह जानलेवा भी हो सकता है। डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि आयुर्वेद में पीलिया को कामला रोग कहा गया है। इसका मुख्य कारण अनुचित खान-पान व दिनचर्या के कारण पित्त दोष की वृद्धि को बताया गया है। आधुनिक एवं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार पीलिया रोग से बचाव के लिए खान-पान में आवश्यक सावधानी तथा वैयक्तिक स्वच्छता अपनाने की जरूरत है।

जहां तक संभव हो बाजार में खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों तथा बर्फ मिले गन्ना या अन्य फलों के रसों के सेवन, वसायुक्त भोजन, स्ट्रीट फूड, मांसाहार, शराब एवं धूम्रपान का परहेज करें। इस मौसम में ताजा व गर्म भोजन और उबले हुए पानी, दही, छाछ में काला नमक व जीरा मिलाकर पीएं। नीबू की शिकंजी, गन्ना रस, अनार, मौसंबी, अंगूर इत्यादि फल को खान-पान में शामिल करें तथा नियमित व्यायाम करें। शौच के बाद एवं भोजन के पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोना चाहिए। इन सावधानियों को अपनाकर पीलिया बीमारी से बचा जा सकता है।
आमतौर पर यह देखा जाता है कि पीलिया के रोगी इस रोग के उपचार के लिए अंधविश्वास या झाड़-फूंक के फेर में पड़ जाते हैं जो जानलेवा हो सकता है। पीलिया रोग का उपचार आधुनिक एवं आयुर्वेद दोनों पद्धतियों में संभव है। इसलिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों, आयुर्वेद अस्पतालों अथवा विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह तुरंत लेनी चाहिए।
 

डायबिटीज पेशेंट इन सब्जियों को जरूर करें डाइट में शामिल, कंट्रोल होगा शुगर लेवल...

डायबिटीज पेशेंट इन सब्जियों को जरूर करें डाइट में शामिल, कंट्रोल होगा शुगर लेवल...

नई दिल्ली : डायबिटीज पेशेंट को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी डाइट में क्या खा रहे हैं और क्या नहीं खा रहे इस बात की जानकारी आपको हो। आमतौर पर शुगर पेशेंट को उन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जिसमें मिठास हो। यानी कि जिसके स्वाद में मीठापन हो। इन चीजों का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल और ज्यादा बढ़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी सब्जियों के बारे में बताएंगे जिनका सेवन करने से आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं।

रोज खाएं पत्ता गोभी : आजकल पत्ता गोभी आपको बाजार में हर मौसम में आराम से मिल जाएगी। ये एक लो स्टार्च वाली सब्जी है, जो कि शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में आपकी मदद करेगी। इसे आप सलाद के रूप में या फिर सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं।
करेला जरूर खाएं : कई लोगों को करेला बिल्कुल पंसद नहीं होता। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें करेला बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं करेला एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन डायबिटीज पेशेंट को जरूर करना चाहिए। ये ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करेगा।

भिंडी भी है लाभकारी : इस मौसम बाजार में भिंडी बहुत ज्यादा आती है। ये सेहत के लिए अच्छी होती है। इसमें घुलनशील फाइबर होता है जिसकी वजह से ये आसानी से पच जाती है। इसके साथ ही ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल भी करती है। खास बात है कि भिंडी में मौजूद तत्व इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा भी सकता है।

ब्रोकली को करें डाइट में शामिल : ब्रोकली का सेवन ज्यादातर लोग सलाद के रूप में करते हैं। ये कम कार्ब्स वाली है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल पर कोई असर नहीं पड़ता है। ऐसे में शुगर मरीज ब्रोकली को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।