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Corona Vaccination : 12+ वर्ग का वैक्सीनेशन आज से शुरू , ऐसे करे रजिस्ट्रेशन , यहां जानें पूरी प्रक्रिया...

Corona Vaccination : 12+ वर्ग का वैक्सीनेशन आज से शुरू , ऐसे करे रजिस्ट्रेशन , यहां जानें पूरी प्रक्रिया...

नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण के खिलाफ देश के वैक्सीनेशन अभियान का दायरा आज और बढ़ गया है। केंद्र सरकार ने 16 मार्च से 12 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों को कोरोना रोधी टीका लगाने की अनुमति दे दी है। इस आयुवर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है। बच्चों के परिजनों में भी टीकाकरण को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। आइए आपको बताते हैं कि 12 से 14 साल तब के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगवाने की पूरी प्रक्रिया।

12 से 14 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगवाने की प्रक्रिया आम लोगों की तरह 12 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगवाने की पूरी प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा। वैक्सीन लगवाने के लिए वही प्रक्रिया है, जो पहले से इस्तेमाल होती रही है। रजिस्ट्रेशन के लिए आपको कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु एप पर जाना होगा, यहीं से प्रक्रिया पूरी होगी।

कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक https://selfregistration.cowin.gov.in पोर्टल पर जाएं और यहां रजिस्ट्रेशन का विकल्प चुनें।
रजिस्ट्रेशन का विकल्प चुनने के बाद मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा, जिसे लिखना होगा।
ओटीपी दर्ज करने के बाद एक नया पेज आपके सामने खुलकर आएगा। इस पेज पर आपको कुछ जानकारी दर्ज करनी होगी।

रजिस्ट्रेशन के लिए आपको एक विकल्प चुनकर अपनी किसी आइडी का नंबर डालना होगा। इसके बाद नाम, उम्र, जेंडर और जन्मतिथि आदि जानकारी यहां दर्ज करनी होगी। केंद्र सरकार ने पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड या मान्य फोटो युक्त परिचय पत्र को वैध किया गया है।
इस पेज पर ही आपको अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर चुनने का भी विकल्प मिलेगा। इसी वैक्सीनेशन सेंटर पर आपको टीका लगेगा।

वैक्सीनेशन सेंटर के बाद आपको वो टाइम स्लॉट भी चुनना होगा, जब आप वैक्सीन लगवाना चाहते हैं। कोरोना वैक्सीन सेंटर में टीका लेने के बाद आपको कुछ देर वहीं बैठना होगा। कोरोना वैक्सीननेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ये सर्टिफिकेट आप कोविन एप से भी डाउनलोड कर सकते हैं। इतनी दी जाएगी खुराक और 28 दिन बाद लगेगी दूसरी डोज इस फेज में 12 से 14 वर्ष के बच्चों को भी निडिल वाली इंजेक्शन 0.5 एमएल वैक्सीन लगाई जाएगी।

कोर्बीवैक्स नई वैक्सीन है, जिसे इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अनुमति दी गई है। गाइडलाइन के मुताबिक बड़ों की तरह Corbevax की डोज भी 28 दिनों के अंतराल पर लगाई जाएगी।

ये वैक्सीन दी जा रही 12 से 14 साल के बच्चों को स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 12 से 14 साल के बच्चों को हैदराबाद की बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन कोर्बीवैक्स (Corbevax) लगाई जाएगी। बता दें कि इससे पहले शुरू हुए 15 से 18 आयुवर्ग को केवल भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है। अभी 15 साल से अधिक उम्र के बच्चों का रजिस्ट्रेशन ऑन-स्पॉट भी हो रहा है।
 

गर्मी में इस तेल से करें शिशु की मालिश, स्किन और बालों को होंगे बेहतरीन फायदे

गर्मी में इस तेल से करें शिशु की मालिश, स्किन और बालों को होंगे बेहतरीन फायदे

शिशु की त्वचा कोमल रहे, और उन्हें कोई नुकसान ना हो इसके लिए लोग तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं। ऐसे में बच्चों के लिए सबसे लाभदायक होती है तेल मालिश। जी दरअसल इसकी जरूरत बच्चो को अधिक होती है। वहीं तेल मालिश करने से नवजात को त्वचा संबंधी समस्याएं नहीं होती। आज के समय में बाजार में कई तेल उपलब्ध हैं, लेकिन बच्चों की मालिश के लिए ऑलिव ऑयल यानी जैतून के तेल का अपना महत्व है।जी दरअसल जैतून तेल से मालिश करने के फायदे बहुत हैं। अब आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।

जैतून तेल से बच्चों की मालिश करने के फायदे
त्वचा को मॉइस्चराइज करे- शिशु की त्वचा बहुत कोमल होती है और ऑलिव ऑयल मॉइस्चराइजिंग गुणों से भरपूर होते हैं। इसी के चलते इस तेल से मालिश करने के बाद बच्चे की त्वचा कोमल और सौम्य रहती है।

स्किन को पोषण देता है- जैतून यानी ऑलिव ऑयल में स्क्वैलिन होता है, और यह एक हाइड्रेटिंग एजेंट है, जो आपके बच्चे की त्वचा को नरम रखने में मदद करता है और पोषण देने का काम करता है।


डायपर रैशेज से छुटकारा - अगर आपका बच्चा डायपर पहनता है तो आप ऑलिव ऑयल को डायपर रैशेज के घरेलू उपचार के रूप में ले सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले ऑलिव ऑयल को हल्का गुनगुना करके बच्चे के रैशेज वाले हिस्से पर लगा सकते हैं। इससे बच्चे के शरीर पर दाने नहीं आएंगे।


अच्छी नींद - हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बच्चों के लिए अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है। जी हाँ क्योंकि इससे उनका शारीरिक और मानिसक विकास अच्छे से होता है। वहीं बच्चों को अच्छी नींद आए, इसके लिए आप जैतून तेल से मालिश करें। 
बालों के लिए फायदेमंद- ऑलिव ऑयल में विटामिन ई पाया जाता है, जिसकी मदद से बच्चों के बालों की ग्रोथ अच्छी रहती है।

सावधानियां-
बच्चे को किसी तरह की एलर्जी है तो जैतून के तेल का इस्तेमाल न करें।
इस तेल के उपयोग से शरीर पर रैशेज आने लगें तो इस्तेमाल बंद कर दें।
आप किसी तरह के मिलावटी जैतून तेल का इस्तेमाल न करें।

 

CORONA VACCINE : इस तारीख से शुरू होगा 12 से 14 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण , 60 वर्ष से ऊपर के हर बुजुर्ग को मिलेगी प्रिकॉशन डोज

CORONA VACCINE : इस तारीख से शुरू होगा 12 से 14 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण , 60 वर्ष से ऊपर के हर बुजुर्ग को मिलेगी प्रिकॉशन डोज

नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामलों में अब कमी आ रही है। कोरोना से लड़ने के लिये नागरिको टीकाकरण किया गया रहा है। देश की जनता भी इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है। इस बीच एक खबर सामने आई है रही है। कोरोना के खिलाफ जंग में अब 12 से 14 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा। 12 से 14 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण बुधवार यानी 16 मार्च से शुरू होगा। भारत सरकार ने सोमवार को ये जानकारी दी।

बता दें कि देश में 15-18 वर्ष की श्रेणी के लोगों का टीकाकरण लगभग पूरा हो चुका है। जिसके बाद अब 12-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों का टीकाकरण शुरू होगा। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि केंद्र इस सप्ताह 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण शुरू करेगा। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों को एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) देने के लिए कोमोरबिडिटी क्लॉज को हटा दिया जाएगा। यानी अब सभी सीनियर सिटीजन प्रिकॉशन डोज के लिए पात्र होंगे।

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "बच्चे सुरक्षित तो देश सुरक्षित! मुझे बताते हुए खुशी है की 16 मार्च से 12 से 13 व 13 से 14 आयुवर्ग के बच्चों का कोविड टीकाकरण शुरू हो रहा है। साथ ही 60+ आयु के सभी लोग अब प्रिकॉशन डोज लगवा पाएँगे। मेरा बच्चों के परिजनों व 60+ आयुवर्ग के लोगों से आग्रह है की वैक्सीन जरूर लगवाएँ।"

रिपोर्ट में कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई को 12-14 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को इसके कॉर्बेवैक्स वैक्सीन लगाने के लिए अपनी सिफारिश दी है। यानी भारत में 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को बायोलॉजिकल ई का कॉर्बेवैक्स टीका दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि भारत ने 3 जनवरी से 15-18 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण शुरू किया था। अब तक, बच्चों को भारत बायोटेक के कोवैक्सिन शॉट्स दिए जाते थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 15 से 18 साल के बीच के 3,37,70,605 बच्चों को दूसरी खुराक मिली है।


बच्चे सुरक्षित तो देश सुरक्षित!

मुझे बताते हुए खुशी है की 16 मार्च से 12 से 13 व 13 से 14 आयुवर्ग के बच्चों का कोविड टीकाकरण शुरू हो रहा है।

साथ ही 60+ आयु के सभी लोग अब प्रिकॉशन डोज लगवा पाएँगे।

मेरा बच्चों के परिजनों व 60+ आयुवर्ग के लोगों से आग्रह है की वैक्सीन जरूर लगवाएँ।

होली पर अपनी त्वचा और बालों को रंगों से सुरक्षित रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स....

होली पर अपनी त्वचा और बालों को रंगों से सुरक्षित रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स....

बाजार में अधिकतर हार्श केमिकल्स युक्त होली के रंग मौजूद हैं, जो त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब होली आने ही वाली है और ऐसे में अगर आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अपनी त्वचा और बालों को रंगों से सुरक्षित कैसे रखा जाए? तो अब आप परेशान न होइए। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देते हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी त्वचा और बालों को होली के रंगों से सुरक्षित रख सकते हैं।


सिर और त्वचा पर तेल लगाएं

तेल आपकी त्वचा और बालों से रंगों को आसानी से छुड़ाने में मदद करेगा। बेहतर होगा कि आप होली खेलने से 15 मिनट पहले अरंडी के तेल, नारियल के तेल और नींबू के रस की कुछ बूंदों का मिश्रण बनाकर उसे अपनी त्वचा पर लगाएं। इसके बाद अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना न भूलें। वहीं, नारियल के तेल को हल्का गर्म करके अपने स्कैल्प और बालों में अच्छे से लगाकर कुछ मिनट मालिश करें।
नाखूनों को रंगों से ऐसे बचाएं


नाखूनों को भी होली के रंगों से बचाना जरूरी है क्योंकि बाद में इनसे रंगों को हटाना काफी मुश्किल हो जाता है। इसके लिए होली खेलने से पहले अपने हाथों और पैरों के नाखूनों पर जैतून का तेल लगाएं। इसके बाद अपने नाखूनों पर किसी गहरे रंग की नेल पेंट का मोटा कोट लगा लें। अंत में नाखूनों पर पैट्रोलियम जेली मलें। इन चीजों से आपके नाखूनों पर एक ऐसी परत बन जाएगी, जो इन्हें रंगों से सुरक्षित रखेगी।


त्वचा पर बर्फ मलें

अगर आप अपनी त्वचा को रंगों से बचाए रखना चाहते हैं तो होली खेलने से पहले इस हैक को जरूर अपनाएं। इसके लिए सबसे पहले अपने चेहरे को माइल्ड फेसवॉश से साफ कर लें, फिर खुले रोमछिद्रों को बंद करने के लिए कुछ बर्फ के टुकड़ों को हल्के हाथों से चेहरे पर रगड़ें। इसके बाद अतिरिक्त सुरक्षा के लिए चेहरे पर सनस्क्रीन और मॉइश्चराइजर लगाएं। यह हैक रंगों को आपकी त्वचा में अवशोषित होने से रोकेगा।


गीले कपड़े अधिक देर तक पहनने से बचें
अगर होली खेलते समय आपके कपड़े भीग जाते हैं तो आप उन्हें ज्यादा देर तक पहनकर न रखें क्योंकि उनके कारण आपको जलन या फिर रैशेज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, अगर आपने रंग लगा रखा है तो वह त्वचा के रोमछिद्रों में घुसकर कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं क्योंकि रंग केमिकल्स युक्त होते हैं। बेहतर होगा कि आप होली खेलते समय गहरे रंग के सूती कपड़े पहनें।

 

एनीमिया का खतरा होता है कम प्रतिदिन केले के सेवन से

एनीमिया का खतरा होता है कम प्रतिदिन केले के सेवन से

सामान्यत: ऐसा माना जाता है कि जिस खाने की चीज का स्वाद अच्छा न हो, वह अधिकतर हेल्दी ही होती है। लेकिन बात अगर केले की करें तो ऐसा नहीं है। ज्यादातर लोग केला खाना पसंद करते हैं और अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें केला खाना अत्यधिक पसंद है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। जी हां, केला स्वाद में जितना अच्छा लगता है उससे कहीं ज्यादा अच्छे उसके फायदे होते हैं। आइये हम आपको बताते है केले खाने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे:

वजन कम करने में मददगार
केले में फाइबर बेहतरीन मात्रा में पाया जाता है और एक बार अगर आपने केला खा लिया तो आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी। केले में एक खास तरीके का स्टार्च होता है जो आपकी भूख को काबू में रखता है।

अनीमिया का खतरा होगा कम
अनीमिया होने पर हमें कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अनीमिया में हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स और हीमॉग्लोबिन का स्तर काफी कम हो जाता है। केले में आयरन की मात्रा काफी अच्छी होती है जो आपके शरीर में रेड ब्लड सेल बनाने की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है।

तनाव कम करने में सहायक
आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में तनाव एक आम समस्या बनता जा रहा है। अगर आप भी तनाव से जूझ रहे हैं तो केला आपकी सहायता के लिए हाजिर है। रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि केला आपके मूड को बेहतर बनाने में काफी हद तक कारगर होता है।

धमनियों का दबाव होगा कम
हमारे देश में बहुत बड़ी संख्या में लोग हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। इससे उनमें हृदयाघात का खतरा काफी बढ़ जाता है। अगर आप इस समस्या को कुछ हद तक काबू में रखना चाहते हैं तो आप केले का सेवन कर सकते हैं। आपको बता दे की केले में करीब 420 एमजी के बराबर पोटैशियम होता है जो धमनियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

 

गो कोरोना गो... देश में बचे कोरोना के महज 40 हजार केस, नए मामले 3600 ही मिले

गो कोरोना गो... देश में बचे कोरोना के महज 40 हजार केस, नए मामले 3600 ही मिले

नई दिल्ली : भारत में लगातार कोरोना के केसेज कम होते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,614 नए मामले सामने आए हैं। 12 मई 2020 के बाद यह एक दिन में सामने आए सबसे कम मामले हैं। वहीं देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,29,87,875 हो गई है, जबकि इलाज करा रहे मरीजों की संख्या घटकर 40,559 रह गई है।

तेजी से ठीक हो रहे लोग
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार सुबह आठ बजे यह जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे के दौरान 89 और मरीजों की मौत होने से देश में कोविड-19 महामारी से जान गंवाने वालों की कुल संख्या 5,15,803 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक कुल संक्रमितों के मुकाबले इलाज करा रहे मरीजों की संख्या केवल 0.09 प्रतिशत है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 से ठीक होने की दर में भी और सुधार हुआ है और यह 98.71 प्रतिशत तक पहुंच गयी है।

मृत्यु दर हुई 1.2 फीसदी
मंत्रालय ने बताया कि गत 24 घंटे के दौरान उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,660 की कमी आई है। आंकड़ों के मुताबिक 12 मई 2020 को 3,604 नए मामले सामने आए थे,उसके बाद ये एक दिन में सबसे कम मामले हैं। मंत्रालय ने बताया कि अबतक 4,24,31,513 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि मृत्युदर 1.2 प्रतिशत है। इस बीच, देश में अबतक कोविड-19 टीके की 179.91 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।

 

COVID-19 : चीन में फिर से लौटा कोरोना वायरस ,  इस शहर में लॉकडाउन लगाया गया

COVID-19 : चीन में फिर से लौटा कोरोना वायरस , इस शहर में लॉकडाउन लगाया गया

बीजिंग : कोरोना महामारी का खतरा अभी भी टला नहीं है। दुनिया के कई देशों में अभी भी कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है। कई देशों में अभी भी स्तिथि सुधरी नहीं है। इस बीच यह खबर सामने आ रही है कि चीन ने 90 लाख की आबादी वाले पूर्वोत्तर शहर चांगचुन में लॉकडाउन लगाने का शुक्रवार को आदेश दिया  

चीन ने लॉकडाउन लगाने का यह आदेश इस क्षेत्र में कोविड​​-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच दिया है। इसके तहत निवासियों को घर पर ही रहना होगा और तीन दौर की सामूहिक जांच से गुजरना होगा. वहीं गैर-आवश्यक व्यवसायों को बंद कर दिया गया है और परिवहन सम्पर्क निलंबित कर दिए गए हैं।

स्थानीय ट्रांसमिशन के 397 मामले
चीन में शुक्रवार को देशभर में स्थानीय ट्रांसमिशन के 397 और मामले सामने आए, जिनमें से 98 मामले जिलिन प्रांत में आए हैं। शहर के भीतर केवल दो मामले सामने आए. हालांकि, अधिकारियों ने महामारी के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की चीन की नीति के तहत एक या अधिक मामले वाले क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाने का संकल्प लिया है। 
इस बीच स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि चीन पहली बार तेजी से एंटीजन परीक्षण शुरू करेगा क्योंकि कोविड 19 का प्रकोप फैल रहा है।

लॉकडाउन के खिलाफ चेतावनी
हालांकि चीन की केंद्रीय आर्थिक नियोजन एजेंसी ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि बड़े लॉकडाउन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं, और एक शीर्ष चीनी वैज्ञानिक ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश को अन्य देशों की तरह वायरस के साथ सह-अस्तित्व का लक्ष्य रखना चाहिए
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शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक हैं ये हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास

शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक हैं ये हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास

अममून लोग शरीर को मजबूत बनाने के लिए जिम का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह काम घर में ही कुछ आसान योग हस्त मुद्राओं का अभ्यास करके भी पूरा किया जा सकता है? कई ऐसी हस्त मुद्राएं हैं, जो न सिर्फ प्राकृतिक रूप से मजबूती प्रदान कर सकती हैं बल्कि शरीर में लचीलापन भी ला सकती हैं। आइए आज आपको कुछ ऐसी हस्त मुद्राओं के अभ्यास का तरीका बताते हैं।

गणेश मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को छाती के सामने लाकर हथेलियों को एक-दूसरे के ऊपर रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों की उंगलियों को मोड़कर एक टाइट ग्रिप बनाएं, फिर हाथों की अवस्था को बदलें यानि जो हाथ ऊपर था उसे नीचे और नीचे वाले हाथ को ऊपर की ओर लाएं। हाथों के स्थान को 15 मिनट तक ऐसे ही बदलते रहें।

वरूण मुद्रा
वरूण मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों। इसके बाद अपनी कनिष्ठ उंगली को अपने अंगूठे की नोंक से मिलाएं और बाकि उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। रोजाना 20 से 25 मिनट तक इस मुद्रा का अभ्यास करें।

प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकी उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।

पृथ्वी मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को अपने दोनों घुटनों पर रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों की अनामिका यानी रिंग फिंगर के ऊपरी हिस्से को अंगूठे के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकि उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 30 से 45 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।

 

गर्मियों में करें इन स्वास्थ्यवर्धक जूस का सेवन, आसान हैं इनकी रेसिपी

गर्मियों में करें इन स्वास्थ्यवर्धक जूस का सेवन, आसान हैं इनकी रेसिपी

मौसम का मिजाज बदलने लगा है और गर्मियां जल्द ही दस्तक देने वाली है। ऐसे में मौसमी और ताजे फलों का जूस पीना बहुत स्वास्थ्यवर्धक और रिफ्रेशिंग होता है। हालांकि, अगर आप गर्मियों में खुद को हाइड्रेट और स्वस्थ रखना चाहते हैं तो मार्केट में मिलने वाले जूस की बजाय घर में ही कुछ स्वादिष्ट जूस बनाकर पिएं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे जूस रेसिपी बताते हैं, जिनका गर्मियों में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

कीवी और खीरे का जूस
चुभनभरी गर्मी से बचाने में कीवी और खीरे के जूस का सेवन मदद कर सकता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक खीरे और दो कीवी को धोकर छिलें, फिर इन्हें छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर एक घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। अब एक जूसर में बर्फ के टुकड़े, ठंडा खीरा, ठंडी कीवी, थोड़ा पानी, एक चुटकी काली मिर्च, थोड़ा नमक और कदूकस किया हुए अदरक डालें और इस मिश्रण को पीसने के बाद गिलास में डालकर पिएं।

संतरे और तुलसी का जूस
संतरे और तुलसी के मिश्रण से बनने वाला यह जूस न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में सक्षम है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले दो से तीन संतरे छिल लें, फिर इन्हें एक जूसर में कुछ तुलसी की पत्तियों, शहद और बर्फ के टुकड़े के साथ ब्लेंड करें। इसके बाद इस जूस को छानकर गिलास में डालें, फिर इसका सेवन करें। आप चाहें तो इस जूस में नींबू का रस भी मिला सकते हैं।

तरबूज और अदरक का जूस
तरबूज और अदरक का जूस बनाने के लिए सबसे पहले एक जूसर में तीन चौथाई गिलास तरबूज का रस, दो चम्मच नींबू का रस, एक चौथाई चम्मच कद्दूकस की हुई अदरक और चुटकी भर कुटी काली मिर्च डालकर अच्छे से ब्लेंड करें। अगर आपको ये कम मीठा लग रहा है तो आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं। अंत में इस जूस में बर्फ के कुछ टुकड़े डालकर इसका सेवन करें।

मैंगो लाइम जूस
मैंगो लाइम जूस बनाने के लिए सबसे पहले दो कप कटे हुए आम को आधा कप नींबू के रस और एक कप ठंडे पानी के साथ मिक्सी में पीस लें। अब एक सॉस पैन में आधा कप चीनी और एक कप पानी को उबालें और जब यह मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसे आम वाले मिश्रण के साथ मिलाएं। इसके बाद इस तैयार मैंगो लाइम जूस को गिलास में भरे और इस पर कुछ पुदीने की पत्तियां डालकर इसे पिएं।


 

12 से 17 साल के बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन को DCGI ने दी मंजूरी

12 से 17 साल के बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन को DCGI ने दी मंजूरी

भारतीय दवा नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. टीके को 12 से 17 साल के बच्चों के लिए विकसित किया गया है. एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.


देश में 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध यह कोरोना रोधी चौथा टीका होगा. भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोविड-19 से संबंधित विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर कोवावैक्स के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी. सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र वालों को टीका लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया है.
डीसीजीआई को दिये गए आवेदन में 21 फरवरी को सीरम इंस्टीट्यूट में निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने कहा कि 12 से 17 साल के लगभग 2707 बच्चों पर दो अध्ययनों से पता चलता है कि कोवोवैक्स अधिक असरदार, अधिक प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने वाला एक सुरक्षित टीका है. यह भी कहा गया कि इस उम्र वर्ग के बच्चे इस टीके को अच्छी तरह बर्दाश्त कर सकते हैं.
एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक आवेदन में सिंह की ओर से कहा गया कि यह मंजूरी न केवल हमारे देश के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि इससे पूरा विश्व लाभान्वित होगा. सिंह की ओर से कहा गया कि, ‘‘यह हमारे प्रधानमंत्री के ‘मेकिंग इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टिकोण के अनुरूप है. हमारे सीईओ डॉ. अदार सी पूनावाला के दर्शन के अनुरूप मुझे यकीन है कि कोवोवैक्स देश और दुनिया के बच्चों को बड़े पैमाने पर कोविड-19 बीमारी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.’’
डीसीजीआई ने पहले ही 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दे दी थी. हालांकि इसे अभी तक देश के टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है.
डीसीजीआई ने 21 फरवरी को कुछ शर्तों के अधीन 12 से 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लिए बायोलॉजिकल-ई के कोविड-19 रोधी टीके ‘कॉर्बेवैक्स’ के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी थी. कोवावैक्स को नोवावैक्स से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण द्वारा निर्मित किया गया है. इस टीके को यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी द्वारा बाजार में बिक्री को लेकर सशर्त मंजूरी दी गई है.
भारत में 15-18 साल के किशोरों का टीकाकरण करने के लिए भारत बायोटेक के टीके ‘कोवैक्सिन’ का उपयोग किया जा रहा है. डीजीसीआई ने सबसे पहले ‘जाइकोव-डी’ टीके को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.

 

गर्मी में आपके शरीर में पानी की कमी होगी पूरी, अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

गर्मी में आपके शरीर में पानी की कमी होगी पूरी, अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

आजकल धीरे-धीरे गर्मी का अहसास हमें होने लगा है। अब आने वाले दिनों में जल्द ही भीषण गर्मी होने वाली है। वहीं दूसरी तरफ हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मौसम के इस बदलाव का शरीर पर बहुत असर पड़ता है। इसके चलते इस मौसम में अपने खानपान और डेली रूटीन पर बहुत ध्यान पड़ता है।

आजकल दोपहर में तेज गर्मी और रात में हल्की ठंड है। इस दौरान जरा सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है। हालाँकि पूरी तरह गर्मियां आने से पहले ही आपको अपनी डाइट मौसम के हिसाब से करना शुरू कर देना चाहिए। अब आज हम आपको उन चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करेंगी।

खीरा का सेवन-

गर्मी के मौसम में खीरे का सेवन बेहद फायदेमंद है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खीरे में खूब सारा फाइबर होता है। ऐसे में यह कब्ज दूर रखने में मदद करता है।

दही का सेवन-

दही शरीर को ठंडक पहुंचाता है। इसी के साथ इसके सेवन से इम्युनिटी बूस्ट होती है और स्किन पर ग्लो आता है।

नारियल पानी का सेवन-

गर्मियों में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नारियल पानी बेस्ट ऑप्शन है। ये पेट में ठंडक पहुंचाता है। इसके अलावा नियमित रूप से नारियल पानी पीने से कैंसर से भी बचाव होता है।

पुदीना का सेवन-

दीना शरीर के तापमान को ठंडा रखता है और आपको ताजगी भी देता है।

प्याज का सेवन-

प्याज में भी ठंडक देने के गुण पाए जाते हैं। आप इसमें नींबू-नमक मिलाकर सलाद बनाकर खा सकते हैं। प्याज खाने से सन-स्ट्रोक से भी बचने में मदद मिलती है।

 

साबुन से चेहरा धोना हो सकता है बहुत खतरनाक! इन चीजों का करें इस्तेमाल

साबुन से चेहरा धोना हो सकता है बहुत खतरनाक! इन चीजों का करें इस्तेमाल

अगर आप अपना चेहरा साफ करने के लिए साबुन का इस्तेमाल करते हैं तो आज ही छोड़ दें क्योंकि आज हम आपको बताने जा रहे हैं चेहरे पर साबुन उपयोग करने के बड़े-बड़े नुक्सान के बारे में। आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, कई मौसमी बदलाव और प्रदूषण की वजह से अपनी स्किन को स्वस्थ बनाएं रखना एक चुनौती बन गया है। वहीं इसके अलावा, कई महिलाएं चेहरे की खूबसूरती को बनाएं रखने के लिए फेस वॉश के अलावा साबुन का भी इस्तेमाल करती हैं, हालाँकि यह आपके चेहरे के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।

अब आइए जानते हैं नुकसानों के बारे में।
* साबुन एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसमें कई तरह के केमिकल पाएं जाते हैं। जी हाँ और ये केमिकल स्किन को और रूखा बना देते हैं। इसके अलावा, साबुन में ट्रिक्लोसन नाम का रसायन (तत्व) अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है, जो तत्व चेहरे का प्राकृतिक तेल को नष्ट कर देता है और स्किन को और अधिक शुष्क या रूखा बना देता है। इस वजह से साबुन का नियमित इस्तेमाल ना करें।


स्किन का पीएच लेवल होता है प्रभावित - किसी भी स्किन का सामान्य पीएच लेवल 4 से 65 तक हो सकता है लेकिन निरंतर केमिकल प्रोडक्ट के इस्तेमाल से इसका संतुलन बिगड़ सकता है। साबुन स्किन के पीएच लेवल और एसिड मेंटल तत्व को भी काफी हद तक प्रभावित कर रहे हैं, जिसे गंभीर नुकसान होते हैं।


चेहरे की चमक खत्म- स्किन की सुरक्षा एमिनो एसिड्स और क्षार जैसे तत्व करते हैं, जो तत्व स्किन की चमक को बरकरार रखने में सहायक हैं। केवल यही नहीं बल्कि, ये तत्व त्वचा की परत पर एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के तौर पर भी मौजूद होते हैं लेकिन साबुन को नियमित तौर पर इस्तेमाल करने से ये पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं।


कैसे करने चेहरे को साफ़-
चेहरे को धोने के लिए एक अच्छे फेस वॉश का ही इस्तेमाल करें।
गुलाब जल से भी अपना चेहरा साफ कर सकते हैं।
कच्चे दूध से चेहरा धो सकती हैं।
हल्दी या शहद का फेस पैक बनाकर लगाए।
चेहरे को मुल्तानी मिट्टी से धो सकते हैं।
 

सुबह खाली पेट 'Bed Tea' पीने वाले हो जाएं सावधान, सेहत को हो सकते हैं ये नुकसान

सुबह खाली पेट 'Bed Tea' पीने वाले हो जाएं सावधान, सेहत को हो सकते हैं ये नुकसान

अगर आपको भी सुबह उठते ही बेड टी पीने की आदत है, बेड टी न पीने पर आपका सिरदर्द या दिन थकान भरा गुजरता है तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल दें। जी हां, एक्सपर्ट आपकी इस लत को सेहत के लिए बुरा मानते हैं। आइए जानते हैं सुबह खाली पेट चाय पीने से सेहत को होते हैं क्या-क्या नुकसान।  

न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल ( Varun Katyal, Nutritionist And Wellness Expert) के अनुसार, खाली पेट चाय पीने से आपके मेटाबॉलिक सिस्टम के काम करने की प्रकिया पर बुरा असर पड़ता है। जब कोई व्यक्ति ज्यादा मात्रा में चाय पीता है तो अम्लीय और क्षारीय पदार्थ दोनों शरीर में एक साथ मिल जाते हैं जो आगे चलकर चयापचय की सामान्य गतिविधि में बाधा डालते हैं, जिससे व्यक्ति को बेचैनी, पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं होती है।

एक्सपर्ट्स के सुझाव-
एक्सपर्ट्स की सलाह के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को सुबह उठते ही चाय पीने की आदत हो तो उसे चाय के प्याले के साथ एक-दो बिस्किट जरूर खाने चाहिए। कई बार खाली पेट चाय पीने से गैस, कब्ज और एसिडिटी की समस्या होने लगती हैं। दरअसल,  चाय में मौजूद कैफिन, एलथायनिन और थियोफाइलिन जैसे पदार्थ शरीर में प्रवेश करके व्यक्ति को उत्तेजित करते हैं। लेकिन चाय का अधिक सेवन करने वाले लोगों में बाद में पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं शुरू हो जाती है। इतना ही नहीं विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि सुबह उठते ही सबसे पहले चाय या कॉफी पीने से मुंह के बैक्टीरिया आंत तक चले जाते हैं, जो नुकसानदायक हो सकते हैं। इसके अलावा चाय में एक ऐसा थियोफिलाइन नाम का रसायन मौजूद होता है, जो कब्ज की समस्या भी पैदा कर सकता है। जबकि चाय में पाया जाने वाला निकोटीन आपको इसका आदी बना सकता है।

चाय पीने का सही समय- 
अगर आपको लगता है कि आपके दिन की शुरूआत चाय पिएं बिना नहीं हो सकती है तो सुबह नाश्ता के एक घंटे बाद आप चाय पी सकते हैं। जबकि शाम को स्नेक्स के साथ भी आप चाय पी सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें, रात में सोने से पहले चाय का सेवन करने से पेट से जुड़ी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। 

सुबह खाली पेट चाय पीने के नुकसान- 
थकान और चिड़चिड़ापन-
कई लोगों को लगता है कि सुबह बेड पर चाय मिलने से उनके भीतर चुस्ती-फुर्ती और ताज़गी बनी रहती है लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं होता है। खाली पेट चाय पीने से व्यक्ति का सारा दिन थकाऊ, चिड़चिड़ा सा बना रहता है। 

बॉडी को करता है डिहाइड्रेट -
जरूरत से ज्यादा चाय पीने से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। रातभर सोने से सुबह उठने तक व्यक्ति पानी नहीं पीता है। इसके बाद भी जब वो सुबह उठते ही खाली पेट चाय पीने लगता है तो बॉडी काफी डिहाइड्रेट हो जाती है। 

पेट से जुड़ी परेशानियां-
खाली पेट चाय पीने से अल्सर और हाइपर ऐसिडिटी का खतरा बना रहता है। दरअसल, खाली पेट गर्म चाय पीने से पेट की अंदरुनी सतह में जख्म होने की आशंका बढ़ जाती है या फिर व्यक्ति को एसिडिटी,कब्ज और गैस की समस्या बनी रहती है। 

हड्डियों से जुड़ा रोग-
खाली पेट चाय पीने से स्केलेटल फ्लोरोसिस नाम की बीमारी भी हो सकती है। ये बीमारी हड्डियों को अंदर ही अंदर खोखला बना देती है। जिससे शरीर में आर्थराइटिस जैसा दर्द होने लगता है।

घबराहट और उल्टी आना-
सुबह खाली पेट चाय पीने से आपको उल्टी और घबराहट महसूस हो सकती है। पेट में बाइल-जूस बनने की वजह उसके काम करने की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ने लगता है। 

 

गर्भावस्था में भूलकर भी न करें ये 5 गलतियाँ, वरना पड़ सकते हैं बड़ी मुश्किल में, जाने कैसे

गर्भावस्था में भूलकर भी न करें ये 5 गलतियाँ, वरना पड़ सकते हैं बड़ी मुश्किल में, जाने कैसे

गर्भावस्था में अक्सर महिलाओं को अपना और भ्रूण की सेहत का ज्यादा ख्याल रखना होता है. लेकिन ज्ञान की कमी होने के कारण अकसर महिलाएं कुछ ऐसी गलतियां कर देती हैं, जिसके कारण उनकी सेहत और उनके बच्चे की सेहत दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आपको बता दें कि छोटी सी लापरवाही बड़ी समस्या पैदा कर सकती है. ऐसे में महिलाओं को पता होना चाहिए कि प्रेगनेंसी के दौरान किन गलतियों से दूर रहना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे की प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को किन गलतियों को करने से बचना चाहिए.

प्रेगनेंसी के दौरान किन गलतियों को करने से बचें
1  अकसर महिलाएं गलत तरीके से सोने या बैठने के कारण कमर दर्द, गर्दन का दर्द, पैरों दर्द आदि का सामना करती हैं. ऐसे में महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अपने पोश्चर पर ध्यान देना चाहिए.

2   कुछ महिलाओं की आदत होती है कि वे नेट से पढ़कर या किसी के कहने पर दवाइयों का सेवन करना शुरू कर देती हैं, जिससे रिएक्शन हो सकता है. ऐसे में बता दें कि सेल्फ मेडिकेशन करने से बचें.

3  प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को गलत फुटवियर का चुनाव करने से भी बचना चाहिए. इनके कारण पैरों में सूजन, दर्द, फुट कॉर्न की समस्या आदि का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही हील पहनने के कारण महिलाओं का बैलेंस भी बिगड़ सकता है.

4  प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को लगता है कि वे अगर ज्यादा काम करेंगी तो इससे बच्चे की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी मांसपेशियों को लचीला रखने के लिए साथ ही ब्लड प्रेशर को कंट्रोल और स्ट्रेस को दूर रखने के लिए थोड़ा थोड़ा काम करना बेहद जरूरी है.

5  प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाएं अपने बढ़ते वजन से इतना परेशान रहती हैं कि वे अपनी डाइट में जरूरी चीजों को नहीं जोड़तीं और ना ही वह सही प्रकार से भोजन करती हैं. इसके कारण भी शिशु की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और शिशु को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान संतुलित भोजन के साथ-साथ जरूरी विटामिंस, कैल्शियम, आयरन आदि एक्सपर्ट की सलाह पर सेवन करना चाहिए. तेल और घी का अधिक मात्रा में सेवन ना करें. साथ ही स्ट्रीट फूड का सेवन करने से बचें. रेडी टू ईट चीजों का सेवन करने से भी बचें. पेस्ट्री, बिस्केट, मैदा, चीनी आदि को भी अपनी डाइट से निकालें.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news.com पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

स्किन केयर रूटीन के दौरान इस क्रम में लगाएं प्रोडक्ट्स, मिलेगा पूरा फायदा

स्किन केयर रूटीन के दौरान इस क्रम में लगाएं प्रोडक्ट्स, मिलेगा पूरा फायदा

एक बेहतरीन स्किन केयर रूटीन के लिए सिर्फ अच्छे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना ही काफी नहीं है। अगर आप स्किन केयर प्रोडक्ट्स को सही समय और सही क्रम में अप्लाई करती हैं, तभी आपको उनका पूरा फायदा मिलता है। हालांकि, समस्या यह है कि कई लोगों को इसके सही क्रम के बारे में पता ही नहीं है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में एक हैं तो चलिए आज आपको स्किन केयर प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने का सही क्रम बताते हैं।


सबसे पहले क्लींजर, फिर टोनर का करें इस्तेमाल
क्लींजर: सबसे पहले अपने चेहरे को साफ करने के लिए किसी ऐसे क्लींजर का इस्तेमाल करें जो आपकी त्वचा के प्रकार के हिसाब से अच्छा हो। उदाहरण के लिए तैलीय त्वचा के लिए एक्सफोलिएटिंग फेसवॉश का इस्तेमाल करें, लेकिन अगर आपकी त्वचा रूखी या संवेदनशील है तो सल्फेट मुक्त माइल्ड क्लींनर का चयन करें। टोनर: क्लींजर के बाद हाइड्रेटिंग टोनर का इस्तेमाल करें। टोनर त्वचा को हाइड्रेट करके अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करने का काम करता है।


फेस सीरम हैं जरूरी और स्पॉट ट्रीटमेंट से हटेंगे दाग-धब्बे

सीरम: टोनर के बाद चेहरे पर सीरम लगाएं क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज मौजूद होती हैं, जो त्वचा को हर तरह के नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है। बेहतर होगा कि आप विटामिन-ष्ट युक्त फेस सीरम का इस्तेमाल करें। स्पॉट ट्रीटमेंट: अगर आपके चेहरे पर किसी तरह के दाग-धब्बे हैं तो आप उन्हें हटाने के लिए सीरम के बाद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। हालांकि, अगर आपके चेहरे पर कोई दाग-धब्बे हैं तो आप इस स्टेप को छोड़ दें।


आंखों की देखभाल के लिए आई क्रीम लगाएं और चेहरे को मॉइश्चराइज करना न भूलें

आई क्रीम: आंखों के आस-पास की त्वचा काफी पतली और नाजुक होती है, इसलिए यहां जल्द झुर्रियां और फाइन लाइन्स उभरने लगती हैं। इस परिस्थिति में आंखों की देखभाल के लिए विटामिन- सी युक्त आई क्रीम का इस्तेमाल करें। मॉइश्चराइजर: मॉइश्चराइजिंग त्वचा को पर्याप्त नमी प्रदान करती है। आप चाहें तो त्वचा को मॉइश्चराइज करने के लिए केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स की बजाय जैतून का तेल और नारियल का तेल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।


रेटिनॉल से मिलेगा स्मूद चेहरा और फेस ऑयल से चेहरे पर आएगी चमक

रेटिनॉल: अगर आप समय से पहले झलकने वाले बढ़ती उम्र के प्रभाव, मुंहासों और दाग-धब्बे आदि से परेशान हैं तो अपने स्किन केयर रूटीन में रेटिनॉल से युक्त क्रीम या सीरम को जरूर शामिल करें। यह आपके चेहरे को एकदम स्मूद और ग्लोइंग बना देगा। फेस ऑयल: फेस ऑयल के इस्तेमाल से चेहरे को भरपूर नमी के साथ ही कई तरह के पोषक तत्व मिल सकते हैं, जिसके कारण चेहरा स्वस्थ और चमकदार नजर आता है।


सनस्क्रीन के बिना अधूरा है स्किन केयर रूटीन

मौसम भले ही कोई भी हो, रोजाना सीमित मात्रा में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरूरी है। बेहतर होगा कि आप अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। दरअसल, सनस्क्रीन त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के साथ-साथ झुर्रियों, पिगमेंटेंशन और असमान रंगत को भी दूर करती है। हालांकि, अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि कौन सी सनस्क्रीन लगानी चाहिए तो हाइड्रेटिंग और प्राकृतिक सामग्रियों से युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
 

भारत में आयेगी कोरोना की चौथी लहर, एक्सपर्ट ने बताया कब से होगी शुरुआत, यहाँ देखे....

भारत में आयेगी कोरोना की चौथी लहर, एक्सपर्ट ने बताया कब से होगी शुरुआत, यहाँ देखे....

नई दिल्ली : एक्सपर्ट का मानना है कि अगले कुछ महीनों में कोरोना वायरस की चौथी लहर आ सकती है। ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी होगी।


बता दें कि देश में अभी कोरोना की तीसरी लहर थम चुका है। अभी देश में कोरोना के मामले 10 हजार से 13 हजार के बीच आ रहे हैं। भारत के अलावा सभी देशों में कोरोना के मामले शांत हो चुके है। इस बीच आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट ने चौथी लहर को लेकर अलर्ट किया है।
एक्सपर्ट की माने तो देश में कोरोना की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है। चौथी लहर कितना घातक होगा अभी इसका स्पष्ट परिणाम सामने नहीं आया है। यह कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने पर निर्भर करेगी। चौथी लहर जून से 24 अक्टूबर तक रह सकता है।

आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स ने कहा है कि कोविड -19 की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी। यह सांख्यिकीय भविष्यवाणी 24 फरवरी को प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv पर पब्लिश हुई है। एक्सपर्ट का कहना है कि चौथी लहर का कर्व 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पीक पर पहुंच जाएगा। इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी।


बता दें कि आईआईटी कानपुर रिसर्चर्स ने इससे पहले भी तीसरी लहर को लेकर जो बातें कही थी, बिलकुल सटीक रही। ये रिसर्च आईआईटी कानपुर के मैथमैटिक्स एंड स्टैटिस्टिक डिपार्टमेंट के एसपी राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने की थी।
 

मरने से 15 मिनट पहले ये सोचता है दिमाग, टेस्ट में हुआ रिकॉर्ड

मरने से 15 मिनट पहले ये सोचता है दिमाग, टेस्ट में हुआ रिकॉर्ड

आज से पहले कोई नहीं जानता था कि मरने से पहले के कुछ मिनट आदमी क्या सोच रहा है. लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने इस सवाल का भी पता लगा लिया. पहली बार वैज्ञानिकों ने ये रिकॉर्ड किया है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु का समय पास आता है तो उस दौरान उसके दिमाग (Brain Activities) में कैसे विचार आते हैं या वो क्या सोचता है. दरअसल, वैज्ञानिकों का कहना है कि मरता हुआ दिमाग (Dying Brain) आखिरी समय में अपने जीवन के अच्छे पलों को याद करता है. रिपोर्ट की मानें तो वैज्ञानिकों ने गलती से ब्रेन को कैप्चर करके ये जाना कि ब्रेन आखिरी वक्त में क्या सोचता है? जानते हैं उस शख्स के बारे में

आदमी क्या सोचता है मरने से पहले?

द सन की रिपोर्ट के आधार पर एक 87 वर्ष का व्यक्ति था, जिसे मिर्गी की समस्या थी. इसका इलाज एक हॉस्पिटल में चल रहा था. इलाज के लिए इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम EEG (electroencephalogram) की मदद ली गई. बता दें कि जब व्यक्ति का इलाज चल रहा था तो उस दौरान अचानक से व्यक्ति को हार्ट अटैक (दिल का दौरा) आया और उसकी मौत हो गई. लेकिन इस पूरी परिस्थिति में उस शख्स के मरने के 15 मिनट पहले के विचार रिकॉर्ड हो गए. रिकॉर्डिंग में ये पाया गया कि वो शख्स मरने से पहले जीवन से जुड़ी अच्छी यादों को याद कर रहा था. ये रिकॉर्डिंग इइजी पर हुई. शख्स की मौत के 30 सेकेंड के दौरान हार्ट बीट काफी तेज बढ़ने लगीं और तभी वैज्ञानिकों ने एक यूनिक वेव कैप्चर की. वेव का नाम Gamma Oscillations है. रिपोर्ट में यह पाया गया कि इस पर शोध की जरूरत है. हालांकि इस बात का दावा वैज्ञानिकों द्वारा हुआ कि मरने से पहले आदमी अपनी सबसे अच्छी यादों को याद करता है.

क्या कहता है शोध

ले लुइसविले ज़ेमर विश्वविद्यालय के न्यूरोसर्जन डॉ अजमल ज़ेमर (Louisville Zemmar) द्वारा शोध हुआ. शोध में पाया गया कि आखिरी समय में हमारा दिमाग सपना देखने की स्थिति में पहुंच जाता है. हालांकि शरीर में जान नहीं रहती लेकिन आखिरी स्टेज तक दिमाग काम करता है. 

डॉक्टर की राय

न्यूरो एंड पेन केयर क्लीनिक गुडगांव के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. भुपेश कुमार के मुताबिक, जब मरीज की मौत हुई तो ये पाया गया कि सबसे ज्यादा गामा वेव एक्टिव हुई. हालांकि इसके साथ ही बीटा वेव भी एक्टिव हुई, जिससे मरीज को एग्जायटी होने लगी. उसके बाद एल्फा, थीटा भी एक्टिव हुए. जैसे ही व्यक्ति की डेल्टा वेव एक्टिव हुई तो व्यक्ति गहरी नींद में चला गया. चूंकि व्यक्ति की गामा वेव ज्यादा हाई थीं इसी कारण वो पुरानी अच्छी यादों को याद करने लगा.

 

Source:india.com

रोजाना वर्कआउट से पहले करें ये स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

रोजाना वर्कआउट से पहले करें ये स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

अगर आप स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज किए बिना ही अपना वर्कआउट सेशन शुरू कर देते हैं तो आपकी इस गलती के कारण मांसपेशियों पर अधिक दबाव पडऩे लगता है, जिससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए किसी भी तरह की एक्सरसाइज को करने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना फायदेमंद हो सकता है। इससे न सिर्फ मांसपेशियां खुलती हैं, बल्कि शरीर भी काफी लचीला हो जाता है। आइए आज हम आपको कुछ आसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने का तरीका बताते हैं।

हाई नी एक्सरसाइज
सबसे पहले जमीन पर अपने पैरों को थोड़ा खोलकर खड़े हो जाएं, फिर अपने एक घुटने को अपनी छाती तक उठाएं, फिर जल्दी से अपने पहले पैर को छोड़ते हुए अपने दूसरे पैर को छाती के पास तक लाएं। पैर से पैर पर स्विच करते समय अपने कोर को जोडऩे का प्रयास करें। शुरुआत में यह एक्सरसाइज एक मिनट तक करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं और प्रत्येक सेट के बीच 30 सेकंड का आराम जरूर करें।

डबल नी टू चेस्ट एक्सरसाइज
इसके लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटकर अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए पेट या छाती के ऊपर लाएं। अब अपने हाथों से घुटनों को पकड़ें और 10 सेकेंड तक पकड़े रहें, फिर पहले वाली अवस्था में लौट जाएं। आप चाहें तो अपने हाथों से पैरों को सहारा देते हुए इस स्थिति में 15 से 30 सेकेंड के लिए रह सकते हैं। अंत में धीरे-धीरे अपने पैरों को नीचे कर लें।

लंज एक्सरसाइज
सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े होकर अपने दाएं पैर को आगे बढ़ाएं और उसको घुटनों से मोड़ते हुए 90 डिग्री का कोण बनाएं। अब बायां पैर पीछे के ओर सीधा करें और दोनों पैरों के बीच में कम से कम दो-तीन फीट की दूरी कायम करें। कुछ सेकेंड इसी स्थिति में रहने के बाद खुद को ऊपर की ओर उछालें। इससे आप प्रारंभिक स्थिति में आ जाएंगे। इसे रेप्स कहते हैं। इसी तरह दोनों पैर से 12-15 रेप्स करें।

जंपिंग जैक एक्सरसाइज
इसके लिए सबसे पहले जमीन पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर पैरों को अपने कूल्हों की चौड़ाई के बराबर खोलें। इसके बाद कूदें और इस दौरान अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर ले जाते हुए मिलाएं, फिर से कूंदें और अपनी बाजुओं को नीचे लाने के साथ ही पैरों को एक साथ चिपकाएं। कुछ सेकेंड के बाद आप अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं और इस क्रिया को बार-बार दोहराएं।

 

12-17 साल वालों को लगेगी कोवोवैक्स वैक्सीन! सीरम इंस्टीट्यूट ने इमरजेंसी यूज के लिए DCGI से मांगी इजाजत

12-17 साल वालों को लगेगी कोवोवैक्स वैक्सीन! सीरम इंस्टीट्यूट ने इमरजेंसी यूज के लिए DCGI से मांगी इजाजत

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 12 से 17 साल के आयु समूह के लिए कोवोवैक्स के इमरजेंसी यूज के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से इजाजत मांगी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा है कि 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों में कोवोवैक्स वैक्सीन की आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति के लिए दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन जमा कर रहे हैं.
इसके अलावा रिपोर्ट के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कंपनी के आवेदन में कहा है कि 12 से 17 वर्ष की आयु के लगभग 2,707 व्यक्तियों पर दो अध्ययनों के डेटा से पता चलता है कि कोवोवैक्स अत्यधिक प्रभावकारी, प्रतिरक्षात्मक, सुरक्षित है. उन्होंने आगे कहा कि हमें यकीन है कि कोवोवैक्स हमारे देश और दुनिया के बच्चों को कोविड -19 से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और हमारे राष्ट्रीय ध्वज को विश्व स्तर पर ऊंचा रखेगा.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने पिछले साल 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दी थी. इसे 17 दिसंबर 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आपातकालीन उपयोग सूची प्रदान की गई थी.
कॉरबेवैक्स को मिली मंजूरी
इससे पहले डीसीजीई ने 12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए बायोलॉजिकल ई की कोरोना वैक्सीन कॉरबेवैक्स को मंजूरी दे दी. कोर्बेवैक्स वैक्सीन को मांसपेशियों के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा. 28 दिनों के अंदर इसकी दो डोज लेनी होगी. इस टीके की स्टोरेज दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है.
बता दें कि सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाने का फैसला नहीं किया है. भारत 15 से 18 साल के लोगों को टीका लगाने के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का उपयोग कर रहा है.

 

सर्दी और खांसी होने पर इन चाय का करें सेवन, जल्द मिलेगा समस्याओं से छुटकारा

सर्दी और खांसी होने पर इन चाय का करें सेवन, जल्द मिलेगा समस्याओं से छुटकारा

मौसम में बदलाव और गलत खान-पान के कारण किसी को भी सर्दी और खांसी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ये छोटी-छोटी समस्याएं तकलीफ देती हैं। इसलिए कई लोग इनसे छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह की दवाईयों का सेवन करते हैं, जिनका असर न बराबर ही होता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी चाय की रेसिपी बताते हैं, जिनका सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करके सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

अदरक की चाय
अदरक की चाय में वार्मिंग और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो सर्दी और खांसी जैसी बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दो से तीन कप पानी और थोड़ा सा कदूकस किया हुआ अदरक डालें। इसके बाद कुछ मिनट तक पानी को उबलाकर गैस बंद कर दें। अब इस चाय को छानकर एक कप में डालें, फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर पिएं।

तुलसी की चाय

इस चाय का सेवन भी सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में सहायक है। तुलसी की चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक कप पानी को अच्छे से गर्म करें, फिर उसमें एक चौथाई चम्मच चायपत्ती डालें और जब पानी में उबाला आ जाए तो इसमें तुलसी की पांच से छह पत्तियां और दूध ((वैकल्पिक) डालकर फिर से उबालें। अब चाय को एक कप में छानकर निकालें और इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

पुदीने की चाय
पुदीने में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज मौजूद होती हैं, इसलिए पुदीने की चाय का सेवन भी सर्दी और खांसी की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। पुदीने की चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में डेढ़ कप पानी में थोड़ी पुदीने की पत्तियां डालकर उबालें, फिर इस चाय को छानकर कप में डालें। इसके बाद चाय में स्वादानुसार शहद या मेपल सिरप मिलाकर इसका सेवन करें।

ग्रीन टी
ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ कई ऐसे पोषक तत्वों से समृद्ध होती है, जो सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में सहायक हैं। इस चाय को बनाने के लिए गैस ऑन करके उस पर एक पैन रखकर उसमें पानी को गर्म करें, फिर पानी को एक कप में डालकर उसमें ग्रीन टी बैग को डालें। दो-तीन मिनट बाद इस स्वास्थ्यवर्धक हर्बल टी का सेवन करें। आप चाहें तो इसमें स्वादानुसार शहद मिला सकते हैं।