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गर्मियों में रोज पिये एक गिलास नींबू पानी, दूर होंगी कई बीमारियां....

गर्मियों में रोज पिये एक गिलास नींबू पानी, दूर होंगी कई बीमारियां....

नींबू को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है और इसका इस्तेमाल कई तरह के हेल्दी ड्रिंक्स को बनाने के लिए किया जाता है। गर्मी के दिनों में नींबू पानी, शिंकजी और नींबू सोडा काफी पसंद किया जाता है। इनको पीने के कई फायदे हैं जो गर्मी में देखने के ली मिलते हैं। शरीर से लेकर चेहरे तक के लिए नींबू का इस्तेमाल किया जाता है। जी दरअसल ये त्वचा पर निखार लाने में भी मदद करता है और नींबू का पानी न केवल गर्मी से राहत पहुंचाने का काम करता है बल्कि ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। जी दरअसल इसमें विटामिन सी, बी, ई, आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। तो आइए आपको बताते हैं

नींबू पानी पीने के फायदे

विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है- नींबू में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। जी हाँ और यह कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाता है। आप सभी को बता दें कि विटामिन सी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में मदद करता है। ये स्ट्रोक और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है।

वजन घटाने के लिए- अगर आप हर सुबह नींबू के पानी का सेवन करते हैं तो ये मेटाबॉलिज्म को तेज करता है। जी हाँ और इस प्रकार ये तेजी से वजन घटाने में मदद करता है। केवल यही नहीं बल्कि इसमें पेक्टिन एक फाइबर होता है। इससे आपको भूख कम लगती है और इससे पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है।

हाइड्रेशन- गर्मियों में हम अधिकतर डिहाइड्रेटेड महसूस करते हैं। जी हाँ और ऐसे में नींबू का पानी हमें हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
पाचन- गुनगुना नींबू पानी सुबह के समय नियमित रूप से पीया जाए तो ये कब्ज की रोकथाम करने में मदद करता है। इसी के साथ ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। इससे गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

त्वचा के लिए फायदेमंद- नींबू पानी में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। ये त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
 

तेज धूप से आपके चेहरे पर आ गए है टैनिंग, तो अपनाइए शहद के ये 4 फेस मास्क, मिलेगा बहुंत फायदा, जाने कैसे बनाये मास्क

तेज धूप से आपके चेहरे पर आ गए है टैनिंग, तो अपनाइए शहद के ये 4 फेस मास्क, मिलेगा बहुंत फायदा, जाने कैसे बनाये मास्क

पारंपरिक भारतीय रसोई की सबसे शानदार सामग्रियाें में से एक है शहद। आपके छोटे बेबी से लेकर आपके एजिंग पेरेंट्स तक भी इसके स्वाद के मुरीद हैं। इसके खास पोषक तत्व इसे आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी सामग्री बना देते हैं। पर सिर्फ इतना ही नहीं, यह आपके सौंदर्य के लिए भी लाजवाब है। हमारी पुरखिनों की सौंदर्य पिटारी में शहद का खास महत्व रहा है। डल और डैमेज स्किन से लेकर बढ़ती उम्र में होने वाली पिग्मेंटेशन तक, शहद के पास सबका इलाज है। अगर आप भी इन दिनों पिग्मेंटेशन या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आइए जानते हैं कैसे करना है शहद का इस्तेमाल |

शहद एक फायदे अनेक
दुनिया भर की संस्कृतियों ने हजारों सालों से अपनी त्वचा पर शहद का इस्तेमाल किया है। शहद के अन्दर मौजूद प्राकृतिक एंटी बैक्टीरियल गुण इसे त्वचा के लिए वरदान बनाते हैं। एनसीबीआई द्वारा 2016 में शहद के गुणों पर किए गए एक शोध में यह साबित हुआ कि त्वचा पर होने वाले सभी विकारों को दूर करने में शहद उपयोगी है। शहद के ऐसे ही औषधीय गुणों के बारे में बात कर रही हैं फिटनेस एंड वेलनेस एक्सपर्ट पूनम दुनेजा

पूनम बताती हैं कि शहद कई तरह के हार्मफुल बैक्टीरिया को मार सकता है। आपकी त्वचा में मौजूद हार्मफुल बैक्टीरिया की वजह से ही पिंपल्स हो सकते हैं, इसलिए चेहरे पर शहद का इस्तेमाल करने से मुंहासों को कम करने में मदद मिल सकती है।

एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लेमेट्री
2014 में एथेंस, ग्रीस के जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि शहद में फ्लेवोनोइड और पॉलीफेनोल यौगिक होते हैं, जो इसे एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करने में मदद करते हैं। इसे जब त्वचा पर लगाया जाता है, तो शहद को त्वचा में जलन पैदा करने वाले कैमिकल्स को कम करने में मदद मिलती है। यह त्वचा पर होने वाली रेडनेस और जलन को कम करने में भी मदद कर सकता है।

एक बेहतरीन एक्सफ़ोलिएटर है शहद
शहद में प्राकृतिक एंजाइम होते हैं, जो चेहरे पर से मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद कर सकते हैं। यह एक कारण है कि शहद आपकी त्वचा के लिए प्राकृतिक एक्सफोलिएटर के रूप में एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

पिगमेंटेशन हटाने में भी है लाभकारी
शहद आपके चेहरे पर होने वाले पिगमेंटेशन में भी काफी असरकारक है। खास करके तब जब इसका इस्तेमाल नींबू के साथ किया जाता है। शहद और नींबू का मिश्रण चेहरे पर होने वाली झाइयाें को हटाने में मददगार साबित हो सकता है।
चेहरे पर शहद लगाने से हो सकते हैं कुछ नुकसान भी | हालांकि शहद आमतौर पर आपके चेहरे पर उपयोग करने के लिए सुरक्षित होता है। पर कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।

यदि आप शहद के प्रति अपनी संवेदनशीलता को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं हैं, तो आप इसे अपने चेहरे पर लगाने से पहले अपनी त्वचा पर पैच परीक्षण के जरिए जांच सकती हैं।

पैच टेस्ट करने के लिए, इन स्टेप्स को फॉलो करें:
त्वचा के एक छोटे से हिस्से पर शहद की एक बूंद लगाएं।
24 घंटे प्रतीक्षा करें।

लालिमा, जलन, सूजन या खुजली के लक्षण के लिए 24 घंटे के बाद अपनी त्वचा की सावधानीपूर्वक जांच करें। यदि आपकी त्वचा में इनमें से कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देता है, तो संभवतः आपके चेहरे पर शहद का उपयोग करना सुरक्षित है।

हनी मास्क लगाने का सही तरीका
इसकी चिपचिपाहट के कारण, अन्य किसी भी प्राकृतिक तत्त्वों की तुलना में शहद को लगाने के बाद इसे स्किन से हटाना कठिन हो सकता है। अपनी त्वचा को रगड़े या खींचे बिना हनी को चेहरे से रिमूव करने के लिए गीले हाथ से इस पर मसाज करें और फिर गुलाबजल लगाएं, अपना चेहरा अच्छी तरह से धोएं। स्किन सॉफ्ट बनाए रखने के लिए चेहरा अच्छी तरह गुनगुने पानी से धो लें।

1 यूं बनाएं हनी फेस मास्क
यदि आपकी तैलीय त्वचा है, तो इस फेस मास्क में मौजूद तत्व अतिरिक्त तेल और छिद्रों को कसने में मदद कर सकते हैं।

इसके लिए आपको चाहिए:
1/2 बड़ा चम्मच कच्चा शहद
1 चम्मच नींबू का रस
एक अंडे का सफेद भाग
चेहरे के लिए तैयार करें हनी फेस मास्क
सामग्री को एक बाउल में डालकर 1 से 2 मिनट तक फेंटें।
अपने ताजे धुले चेहरे पर मिश्रण को लगाने के लिए अपनी उंगलियों या एक छोटे, साफ ब्रश का प्रयोग करें। इसे लगाते समय आंखों के क्षेत्र से बचें।
मिश्रण को टपकने से बचाते हुए जितना हो सके गाढ़ा लगाएं।
मास्क को 20 से 30 मिनट तक सूखने दें। अगर आपको लगता है कि मास्क सूख गया है और आपकी त्वचा पर खिंचने लगा है, तो इसे हटा दें।
अपनी त्वचा को गर्म पानी से या मुलायम गीले वॉशक्लॉथ से पोंछ लें। अपने चेहरे को सुखाएं। हल्का मॉइस्चराइजर लगाएं।

अलग-अलग त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए यहां कुछ और हनी फेस मास्क दिए गए हैं –
आप विभिन्न त्वचा स्थितियों के लिए फेस मास्क बनाने के लिए नींबू के रस और शहद के अन्य संयोजनों का उपयोग कर सकते हैं। शहद के फेस पैक बनाते समय इन बातों का खयाल रखें

2 मुंहासे हटाने के लिए- मास्क
1 चम्मच नींबू का रस, 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं। 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें।

3 हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए मास्क
1 चम्मच नींबू का रस, 1 बड़ा चम्मच शहद, 1 बड़ा चम्मच सादा दही और 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं। 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें।

4 त्वचा की सूजन और लालिमा को कम करने के लिए मास्क

दो बड़े चम्मच शहद, एक नींबू के टुकड़े का रस और एक चम्मच दालचीनी मिलाएं। 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें।

और अंत में
शहद और नींबू दोनों ही प्राकृतिक तत्व हैं जिनमें कई उपचार गुण होते हैं। शहद आमतौर पर नींबू की तुलना में आपकी त्वचा पर उपयोग करने के लिए अधिक सुरक्षित होता है। यह अधिक कोमल, अधिक पौष्टिक तो होता है है साथ में इसके करने की संभावना कम होती है।

नींबू अत्यधिक अम्लीय होता है और त्वचा में जलन, ड्राईनेस और सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से क्षति का कारण बन सकता है। खासकर यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है इसलिए शहद के साथ इसके इस्तेमाल को लेकर भी सचेत रहें। शहद को नींबू के साथ सुरक्षित रूप से उपयोग करने की कुंजी त्वचा पर इसे थोड़ी मात्रा में उपयोग करना है।

इसके अलावा, अपने चेहरे पर शहद लगाने से पहले अपनी त्वचा के एक छोटे से हिस्से पर पैच टेस्ट जरूर कर लें। यदि पैच टेस्ट से आपकी त्वचा लाल, सूजी हुई या खुजलीदार हो जाती है तो इसका उपयोग न करें।

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की  just36news पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

गर्मियों में पुदीने का सेवन करना है बेहद फायदेमंद, राहत के साथ देता है सेहत के 8 फायदे...

गर्मियों में पुदीने का सेवन करना है बेहद फायदेमंद, राहत के साथ देता है सेहत के 8 फायदे...

नई दिल्ली : गर्मी के मौसम में पुदीना (Mint) खाने से सेहत को कई लाभ होते है। पुदीना सबसे अधिक अपने अनोखे स्वाद के लिए ही जाना जाता है। पुदीने की तासीर ठंडी होने की वजह से शरबत, जलजीरा,पुदीने की चटनी या फिर किसी भी तरीके से सेवन करना अच्छा माना गया है। सामान्य तौर पर पुदीने का उपयोग माउथ फ्रेशनर, चुइंगगम्स, कैंडीज और दंत-मंजन,आदि में किया जाता है। पुदीने में ऐंटिबैक्टीरियल, ऐंटिइंफ्लामेट्री और ऐंटिफंगल तत्व पाए जाते है।

यूं तो पुदीना का प्रयोग स्वाद और औषधीय गुणों के लिए कभी भी किया जा सकता है, लेकिन अपनी ठंडक के कारण खास तौर से गर्मियों में यह बेहद फायदेमंद होता है। तो इन गर्मियों में जरूर जानें इसेके 8 बेशकीमती गुण और खूब करें इसका प्रयोग - 1 पेट की गर्मी को कम करने के लिए पुदीने का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं से भी जल्द निजात दिलाने में लाभकारी है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। 2 दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को पैर के तलवों जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पुदीने को पीसकर तलवों पर लगाना चाहिए ताकि तुरंत राहत मिल सके।

इससे पैरों की गर्मी भी कम होगी। 3 सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पने के साथ मिलाकर पीने पर पेट में होने वाली जलन दूर होगी और ठंडक मिलेगी। गर्मी हवाओं और लू से भी बचाव होगा। 4 अगर आपको अक्सर टॉंसिल्स की शिकायत रहती है और इसमें होने वाली सूजन से भी आप परेशान हैं तो पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर इस पानी से गरारे करना आपके लिए फायदेमंद होगा। 5 गर्मी में पुदीने की चटनी का रोजाना सेवन सेहत से जुड़े कई फायदे देता है। पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है। 6 पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है।

वहीं अगर आप लगातार हिचकी आने से परेशान हैं तो पुदीने में चीनी मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं। कुछ ही देर में आप हिचकी से निजात पा लेंगे। 7 पुदीने की पत्तियों का लेप करने से कई प्रकार के चर्म रोगों को खत्म किया जा सकता है। घाव भरने के लिए भी यह उत्तम है। इसके अलावा गर्मी में इसका लेप चेहरे पर लगाने से त्वचा की गर्मी समाप्त होगी और आप ताजगी का अनुभव करेंगे। 8 पुदीने का नियमित रूप से सेवन आपको पीलिया जैसे रोगों से बचाने में सक्षम है। वहीं मूत्र संबंधी रोगों के लिए भी पुदीने का प्रयोग बेहद लाभदायक है। पुदीने के पत्तियों को पीसकर पानी और नींबू के रस के साथ पीने से शरीर की आंतरिक सफाई होगी।  

क्या आप परेशान हैं बार बार हो रहे यूरिन इंफेक्शन से, जाने आपके इस बीमारी का कारन और इसे दूर करने क उपाय

क्या आप परेशान हैं बार बार हो रहे यूरिन इंफेक्शन से, जाने आपके इस बीमारी का कारन और इसे दूर करने क उपाय

यूरिन इंफेक्शन आपको बार-बार परेशान कर रहा है, जबकि आप हाइजीन का पूरा ध्यान रखती हैं तो इसकी जड़ साफ-सफाई की कमी के कारण नहीं बल्कि मानसिक समस्याओं में छिपी हो सकती है. ऐसा कई रिसर्च में सामने आया है कि जिन लोगों को एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग घेरे हुए होते हैं, उन्हें ब्लेडर से रिलेटेड इश्यूज, बार-बार पेशाब आना और यूरिन इंफेक्शन का बार-बार होना जैसी समस्याएं घेरे रहती हैं.

एक या दो नहीं बल्कि 26 स्टडीज
हेल्थ एक्सपर्ट्स किन्हीं एक या दो रिपोर्ट्स के आधार पर नहीं बल्कि इस विषय में दुनियाभर में हुई अलग-अलग 26 स्टडीज में यह बात सामने आई है कि ओवर ऐक्टिव ब्लेडर और डिप्रेशन के बीच कनेक्शन है. जबकि एंग्जाइटी पर हुई 6 स्टडीज में यही बात सामने आई है कि एंग्जाइटी होने पर भी ब्लेडर ओवर एक्टिव हो जाता है, जिससे बार-बार यूरिन जाने की जरूरत पड़ती है.

रिसर्च में ये बातें भी सामने आईं
अलग-अलग रिसर्च में ये बात सामने आई है कि डर, अवसाद और बहुत अधिक मान सिक चिंता की स्थिति ब्लेडर के फंक्शन को प्रभावित करती है. यही वजह है कि यूरोलॉजिस्ट भी इस बात से सहमती रखते हैं कि मानसिक समस्याएं यूरिन इंफेक्शन, ब्लेडर और सेक्शुअल हेल्थ को प्रभावित करते हैं.

यूरिन इंफेक्शन से बचने के तरीके
यदि आपको यूरिन इंफेक्शन बार-बार हो रहा है और दवाएं लेने पर यह कुछ हद तक कम होता है लेकिन फिर से आ जाता है. तो आपको एक बार अपनी मानसिक सेहत पर जरूर ध्यान देना चाहिए. गौर करें कि क्या आप बहुत अधिक तनाव में रहते हैं या चिंता के कारण आपके सिर में भारीपन बना रहता है. अगर हां तो आपको ये बातें अपने डॉक्टर से जरूर बतानी चाहिए.


1. आप पानी का सेवन अधिक करें. चाय और कॉफी से जितना संभव हो दूर रहें.

2. तनाव को कम करने और मानसिक रूप से मजबूत बनने में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बहुत सहायक होता है.

3. अधिक से अधिक मात्रा में पानी पिएं. ऐसा करने से इंफेक्शन अधिक पनप नहीं पाता है.

4. डॉक्टर की देखरेख में एंटिबायोटिक दवाओं का सेवन करें.

5. एकांत में समय बिताना और ध्यान लगाना यानी मेडिटेशन आपको मानसिक रूप से मजबूत बनने में बहुत मदद करता है.

 

 

कोरोना से हाहाकार, 27 शहरों में लगा लॉकडाउन- करोड़ों लोग घरों में कैद

कोरोना से हाहाकार, 27 शहरों में लगा लॉकडाउन- करोड़ों लोग घरों में कैद

बीजिंग : दुनिया के अन्य देशों के साथ अब कोरोना ने चीन में कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि 27 शहरों में यहां लॉकडाउन लगाना पड़ गया। लॉकडाउन के दौरान सख्ती इतनी है कि 16.5 करोड़ लोग घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हैं। सरकार की कठोर नीति और जीरो कोविड पॉलिसी नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। हालत ये है कि जो लोग भोजन के सामग्री इक_ा नहीं कर पाए उन्हें काफी मुश्किल से भोजन मिल पा रहा है। कहीं-कहीं तो 24 घंटे लोग भूखे रह रहे हैं और फिर अगले दिन 1 घंटे के लिए खाने का सामान खरीदने की मोहलत दी जाती है।

महामारी के दौरान, चीन अपनी जीरो कोविड पॉलिसी पर अड़ा हुआ है। इसके तहत वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन, मास टेस्टिंग, क्वारंटीन और सीमाएं बंद करने, लोगों को घर से बाहर निकलने पर मनाही, बाहर निकलने पर भारी जुर्माना और जेल जैसे कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। चीन की सख्ती के बावजूद कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हो रही है। इन कठोर प्रतिबंधों के कारण लोग भूखों मरने को मजबूर हैं।

इस साल मार्च में चीन में मामले अचानक बढऩे लगे, देखते-देखते देश में संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली जो कि 2020 की शुरुआत में वुहान में शुरुआती प्रकोप के बाद से भी तेज है। प्रकोप के शुरुआती चरणों के दौरान पूर्वोत्तर जिलिन प्रांत बुरी तरह प्रभावित हुआ था। गुरुवार को, चांगचुन और जिलिन सिटी के अधिकारियों, जिनकी संयुक्त आबादी एक करोड़ 35 लाख से अधिक निवासियों की है, ने कहा कि वे जल्द ही लॉकडाउन को कम करना शुरू कर देंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रक्रिया कैसी होगी, या किन परिस्थितियों में लोगों को घरों से निकलने की अनुमति दी जाएगी।

 

BIG BREAKING : भारत में 12 से 17 वर्ष के आयु वर्ग के लिए एक और वैक्सीन को मिली मंजूरी

BIG BREAKING : भारत में 12 से 17 वर्ष के आयु वर्ग के लिए एक और वैक्सीन को मिली मंजूरी

नई दिल्ली | राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड​​​​-19 कार्यकारी समूह ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोवोवैक्स को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में 12 से 17 उम्र वालों के वास्ते शामिल करने की मंजूरी दे दी है. समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोवोवैक्स को 28 दिसंबर को वयस्कों में आपात स्थितियों में सीमित उपयोग के लिए और 9 मार्च को 12-17 आयु वर्ग के लिए कुछ शर्तों के अधीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.

इससे पहले, सूत्रों ने तीन अप्रैल को बताया था कि कोविड​​​​-19 कार्यकारी समूह ने एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति से सिफारिश की थी कि कोवोवैक्स को 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाए., जिस पर अब मुहर लग गई है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कोवोवैक्स को टीकाकरण अभियान में शामिल करने का अनुरोध किया था.

एक अप्रैल को हुई थी एनटीएजीआई की अहम बैठक
एनटीएजीआई के कोविड​​​​-19 कार्यकारी समूह की एक बैठक एक अप्रैल को हुई थी, जिस दौरान कोवोवैक्स के आंकड़े की समीक्षा की गई थी, जिसके बाद यह सिफारिश की गई थी कि टीके को राष्ट्रीय कोविड​​​​-19 टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है ताकि 12 साल की उम्र और उससे अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जा सके. सिंह ने कहा था कि पुणे स्थित कंपनी एसएसआई 900 रुपये और जीएसटी के हिसाब से निजी अस्पतालों को कोवोवैक्स टीके की खुराक प्रदान करना चाहती है और केंद्र को भी टीकों की आपूर्ति करने के लिए निर्देशों का इंतजार कर रही है.

सीरम इंस्टीट्यूट ने 21 फरवरी को दिया था आवेदन
एसआईआई में सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने डीसीजीआई को एक आवेदन 21 फरवरी को दिया था और 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए कोवोवैक्स के लिहाज से ईयूए मांगी थी. समझा जाता है कि ईयूए के आवेदन में सिंह ने कहा है कि 12 से 17 साल के करीब 2,700 बच्चों पर किये गये दो अध्ययन के आंकड़े दिखाते हैं कि कोवोवैक्स बहुत प्रभावी, प्रतिरक्षा जनक और सुरक्षित है.

भारत ने 16 मार्च से 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया था. बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्स का उपयोग उन्हें टीका लगाने के लिए किया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लिखे एक पत्र में, सिंह ने कहा कि निजी कंपनियां, शैक्षणिक संस्थान, सामाजिक संगठन, केंद्र सरकार के संगठन और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने कर्मचारियों, परिवारों और बच्चों को टीका लगाने के लिए कोवोवैक्स के लिए अनुरोध कर रहे है.

क्या आप भी हैं जोड़ों के दर्द से परेशान, तो अपनाइए ये घरेलु उपाय, मिलेगा दर्द से आराम

क्या आप भी हैं जोड़ों के दर्द से परेशान, तो अपनाइए ये घरेलु उपाय, मिलेगा दर्द से आराम

बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से लोगों का शरीर कमजोर होने लगा है. ऐसे में 30-35 साल की उम्र में ही लोगों को जोड़ो का दर्द सताने लगा है. वजन बढ़ने, यूरिक एसिड की समस्या होने या ज्यादा देर तक खड़े रहने से ये समस्या और बढ़ जाती है. ऐसे में उठने-बैठने में भी परेशानी होने लगती है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ये समस्या ज्यादा होती है. दवाओं से कुछ देर दर्द से राहत मिलती है, लेकिन जैसे ही दवा का असर कम होता है दर्द फिर से बढ़ जाता है. ऐसे में आप कुछ घरेलू उपायों से इस समस्या को कम कर सकते हैं.

1- लहसुन- लहसुन को आयुर्वेद में बहुत कारगर माना गया है. इससे कई बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है. कहते हैं कच्चा लहसुन खाने से जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिलता है. लहसुन के सेवन से कुछ ही दिनों में दर्द गायब हो जाती है. हां, इसके लिए सही मात्रा में सेवन करना भी ज़रूरी होता है भारतीय घरों में दर्द के अलावा भी लहसुन को कई बीमारियों के लिए आज भी इस्तेमाल किया जाता है.

2- पपीता- पपीता खाने से पेट और पाचन अच्छा रहता है ये तो सभी को पता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पपीता जोड़ों के दर्द को भी दूर करता है. अगर आप नियमित रूप से पपीता का सेवन करते हैं तो इससे जोड़ों के दर्द को आसानी से दूर किया जा सकता है. पपीता में विटामिन-सी भरपूर होता है जो दर्द और सूजन को कम करता है.

3- पिपरमिंट तेल- जोड़ों के दर्द में मालिश से काफी आराम मिलता है. हां इसके लिए आपको सही तेल का पता होना चाहिए. कहा जाता है कि पिपरमेंट ऑयल के साथ नारियल के तेल को हल्का गुनगुना करके सुबह और शाम मालिश करने से दर्द को दूर किया जा सकता है. इसके लिए ध्यान रहे कि दोनों तेल की मात्रा बिल्कुल बराबर हो और तेल हल्का गरम होना चाहिए. मालिश के साथ- साथ आपको नियमित एक्सरसाइज भी करनी चाहिए.

4- विटामिन-डी और कैल्शियम- ये सभी को पता है कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी और कैल्शियम दोनों बहुत जरूरी हैं. अगर आपको जोड़ों और हड्डियों में दर्द की समस्या रहती है तो आप विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें. सुबह की थोड़ी धूर जरूर लें. इसके अलावा दूध को डाइट का हिस्सा बनाएं. इससे शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी दोनों की कमी पूरी होती है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की  just36news पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

रोजाना खाली पेट पानी पीने के ये 7 अमेजिंग फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान

रोजाना खाली पेट पानी पीने के ये 7 अमेजिंग फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान

नई दिल्ली : पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए या यूं कहें कि जीवन के लिए सबसे जरूरी चीजों में से एक है। कई विशेषज्ञ कहते हैं कि एक व्यक्ति को रोजाना आठ से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह जरूरी नहीं है, आपको जितनी प्यास हो, उतना ही पानी पिएं। वैसे तो पानी पीने के कई तरीके हैं, जिन्हें लोग अपनाते हैं, लेकिन अंतत: निष्कर्ष यही निकलता है कि पानी जरूरी है। कई लोग ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं तो कई लोगों को गर्म पानी अच्छा लगता है। खासकर सुबह-सुबह तो गर्म पानी पीना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है और पाचन क्रिया के लिए भी यह फायदेमंद होता है। इसी तरह कई लोगों को खाली पेट पानी पीने की भी आदत होती है। इसे भी सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।


हमारे शरीर में 60% से 70% पानी होता है और उचित जलयोजन के बिना, यह अपरिहार्य है कि हमें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, हमारी आधुनिक जीवनशैली और स्वाद भी हमारे द्वारा प्रतिदिन पीने वाले पानी की मात्रा को प्रभावित करते हैं।
आयुर्वेद और जापानी संस्कृति में सुबह सबसे पहले पानी पीने की प्रथा को बहुत अधिक माना जाता है। जैसे ही आप उठें, अपने दिन की शुरुआत 2 गिलास पानी से करें। हालांकि, अगर स्वाद आपको परेशान करता है, तो साइट्रस के निचोड़ के साथ अपनी बोतल को मसाला दें। इससे पहले कि आप महसूस करें, वह बोतल खाली हो जाएगी और आपका शरीर, खुश और स्वस्थ !


1. नियमित मल त्याग में मदद करता है
बार-बार कब्ज की समस्या हमारे स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है और शरीर के अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को फेंकने से भी रोक सकती है। सुबह सबसे पहले पानी पीने से आपकी आंतों को साफ करने में मदद मिलती है। यह आंत्र को स्थानांतरित करने की इच्छा पैदा करता है और इस प्रकार पाचन तंत्र को विनियमित करने में मदद करता है।2. अब कोई सुबह का सिरदर्द नहीं
निर्जलीकरण सिरदर्द के सबसे बड़े कारणों में से एक है। सुबह खाली पेट पानी पीने से एसिडिटी कम होती है और इस समस्या से भी राहत मिलती है
3. आपके चयापचय को गति देता है
वजन कम करने के लिए आपको अपना मेटाबॉलिज्म बढ़ाना चाहिए। खाली पेट एक गिलास पानी पीने से मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है, इस प्रकार आपके भोजन के पाचन के समय में तेजी आती है और बदले में कुछ किलो वजन कम करने में भी मदद मिलती है !! यह आपके पाचन को भी दुरुस्त करता है !!


4. अपने वजन पैमाने पर संख्या कम करें
पानी पूरी तरह से कैलोरी मुक्त होता है और इस प्रकार इसे पर्याप्त मात्रा में पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर और एसिडिटी को भी कम करके आपके शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है !!


5. पाएं बेदाग त्वचा
क्या आपको आश्चर्य है कि जापानी लोगों की त्वचा इतनी चमकदार और निर्दोष क्यों होती है? जी हां, जापानी परंपरा है कि जागने के बाद सबसे पहले पानी पिएं। अगर आप कम पानी पीते हैं तो आपकी त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां दिखने लगती हैं और त्वचा बेजान दिखने लगती है। खाली पेट पानी पीने से रक्त प्रवाह नियंत्रित होता है और बदले में त्वचा की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह त्वचा को हाइड्रेटेड और चमकदार बनाता है।


6. स्वस्थ बाल
पानी बालों का 1/4 भाग बनाता है और इस प्रकार पर्याप्त पानी नहीं पीने से बाल कमजोर और भंगुर हो जाते हैं जिससे बाल टूटते हैं। पर्याप्त पानी पीने से बालों को चमकदार और स्वस्थ दिखने में मदद मिलती है


7. अपनी प्रतिरक्षा को मजबूत करें
जब आप जागने के बाद अपने शरीर को एक गिलास पानी से भरते हैं, तो यह आपके लसीका तंत्र को मजबूत करता है और शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह संक्रमण के फैलने की संभावना को भी रोकता है। यह सब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है, इस प्रकार सभी प्रकार के वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों को दूर रखता है !!

शाम की चाय के साथ खाएं ये हेल्दी स्नैक्स, मोटापा और डायबिटीज को करें कंट्रोल

शाम की चाय के साथ खाएं ये हेल्दी स्नैक्स, मोटापा और डायबिटीज को करें कंट्रोल

ज्यादातर लोग शाम की चाय के साथ कुछ न कुछ स्नैक्स जरूर लेते हैं. हालांकि जो लोग डाइट को लेकर थोड़ा ध्यान रखते हैं वो बड़ा ही सोच-समझकर कुछ खाते हैं. ऐसे में अगर आप वजन घटाना चाहते हैं या डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको स्नैक्स के तौर पर कुछ ऐसी चीजें शामिल करनी होंगी जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहे. आज हम आपको ऐसे हेल्दी स्नैक्स बता रहे हैं, जिन्हें आप चाय या शाम को स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं.
1- ड्राइफ्रूट्स-
सबसे हेल्दी और टेस्टी स्नैक्स के तौर पर आप ड्राइफ्रूट्स खा सकते हैं. आप चाहें तो रोस्टेड या प्लेन काजू, बादाम, अखरोट और पिस्ता खा सकते हैं. इन्हें आप अपने साथ एक टिफिन में कैरी भी कर सकते हैं. ड्राइफ्रूट्स में स्वाद और पोषक तत्व भरपूर होते हैं. डेली ड्राइफ्रूट्स खाने से ब्लड शुगर और हार्ट दोनों कंट्रोल रहता है.
2- पॉपकोर्न-
जो लोग वजन घटाना चाहते हैं उन्हें स्नैक्स के रूप में पॉपकोर्न अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए. शुगर के मरीजों के लिए भी ये काफी अच्छा स्नैक्स का ऑप्शन है. पॉपकोर्न में कम कैलरी होती है और इसे फटाफट घर में भी बना सकते हैं. पॉपकोर्न में काफी मात्रा में फाइबर होता है जिससे वजन भी कंट्रोल रहता है.
3- काले चने-
डायबिटीज के मरीज भुने हुए चने भी खा सकते हैं. रोज एक मुट्ठी चने खाने से आपकी भूख भी शांत होगी और वजन भी कंट्रोल रहेगा. काले चने खाने से ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. आप इन्हें अपने साथ आसानी से कैरी कर सकते हैं.
4- भेल और चिड़वा-
कुछ चटपटा खाने का मन है तो आप भेल खा सकते हैं. आप इसे हेल्दी बनाने के लिए इसमें फ्रूट्स और स्प्राउट्स भी मिला सकते हैं. इससे शरीर को अच्छी मात्रा में फाइबर मिलता है. आप चिड़वा यानि पोहा भी रोस्ट करके नमकीन बना सकते हैं. इसे एक बॉक्स में हमेशा अपने साथ आने-जाने में ले जा सकते हैं.
5- अंडा-
प्रोटीन से भरपूर अंडा भी अच्छा स्नैक्स ऑप्शन है. डॉक्टर्स रोज एक अंडा खाने की सलाह देते हैं. वजन घटाने के लिए आपको डाइट में अंडा जरूर शामिल करना चाहिए. डायबिटीज के मरीज रोज एक उबला हुआ अंडा खा सकते हैं. स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें प्याज, टमाचर, हरी मिर्च, धनिया और चाट मसाला मिला लें.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news.com पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

6 से 12 साल के बच्चों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन, DCGI ने कोवैक्सीन को दी मंजूरी

6 से 12 साल के बच्चों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन, DCGI ने कोवैक्सीन को दी मंजूरी

भारत में बच्चों की वैक्सीन को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. अब से 6 से 12 साल के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा सकेगी. डीसीजीआई ने को-वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. ये वैक्सीन भारत बायोटेक ने तैयार की है, इसके ट्रायल दिल्ली के AIIMS सहित कई राज्यों में हुए थे, अब DCGI ने इस वैक्सीन के ट्रायल के नतीजे आने के बाद को-वैक्सीन को 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए सुरक्षित करार दिया है और इसे बच्चों को लगाए जाने को मंज़ूरी दे दी है.
अब DCGI की मंज़ूरी के बाद भारत बायोटेक बच्चों के वैक्सीन का उत्पादन व्यावसायिक आधार पर शुरू करेगी और इसके बाद बच्चों को वैक्सीन दिए जाने की शुरुआत की घोषणा सरकार की ओर से जल्द की जाएगी.
पेरेंट्स की चिंता हुई दूर
6-12 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ़्त वैक्सीन की व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी, हाल ही में स्कूल पूरी तरह से खुल जाने के बाद बच्चों के मां-बाप को कोरोना को लेकर ख़ासी चिंता थी, अब छोटे बच्चों के लिए वैक्सीन को हरी झंडी दिए जाने के बाद ये पेरेंट्स के लिए बड़ी राहत की खबर है.
इन वैक्सीन को मिली है मंजूरी
6 से 12 साल के बच्चों के लिए को-वैक्सीन, 5 से 12 साल के बच्चों के लिए कोर्वेवैक्स और 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए ZyCoV-D को मंजूरी मिली है. इन तीनों वैक्सीन की मंजूरी आपातकालीन इस्तेमाल के लिए दी गई है. ये वैक्सीन लगवाने के लिए पहले कोविन ऐप या पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद ही इनको लगाया जा सकेगा. देश में 16 मार्च से 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया था.

 

डार्क चॉकलेट खाने से रहती एनर्जी बूस्ट, जानें कई अमेजिंग हेल्थ बेनेफिट्स.....

डार्क चॉकलेट खाने से रहती एनर्जी बूस्ट, जानें कई अमेजिंग हेल्थ बेनेफिट्स.....

 चॉकलेट का नाम सुनते ही बड़े छोटे सभी के मुंह में पानी आना शुरू हो जाता है। चॉकलेट खाना आमतौर पर हर किसी को पंसद होता है खासकर, लड़कियों को तो चॉकलेट बहुत पंसद होती है। क्या आप जानते हैं कि चॉकलेट टेस्टी होने के साथ बहुत हेल्दी भी होती है। डार्क चॉकलेट खाने से सेहत को फायदा मिलता है। अगर डार्क चॉकलेट को संतुलित मात्रा में खाया जाए, तो इससे शरीर को कई फायदे प्राप्त होंगे। जानते हैं डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate Benefits ) खाने के फायदे।


डार्क चॉकलेट में भरपूर पोषण - अगर आप शुद्ध डार्क चॉकलेट का सेवन कर रहे हैं, तो जिसमें 70 प्रतिशत से ज्यादा कोकोआ मौजूद हो, तो यह आपको कई सारे पोषक तत्व देती है। डार्क चॉकलेट में पोटैशियम, जिंक, सेलेनियम, फॉस्फोरस, फाइबर जैसा न्यूट्रिशन होता है।


ब्लड फ्लो और ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक असर करता है - डार्क चॉकलेट में फ्लेवेनॉल्स होते हैं, जो एंडोथेलियम को स्टिम्युलेट करते हैं और नसों को फायदा पहुंचाते हैं। ऐसे में इससे नाइट्रिक ऑक्साइड पैदा करने वाली आर्टर बेहतर होता हैं और ब्लड फ्लो सुधर जाता है।


पुरूषों की सेक्सुअल पावर होती है बूस्टएक अध्ययन में तो यह भी दावा किया गया है कि डॉर्क चॉकलेट खाने से पुरुषों की सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है। वह बेडरूम में बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं। चॉकलेट में मौजूद मुख्य तत्व कोकोआ में एंटीऑक्सीडेंट्स होता है, जो शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। ब्लड सर्कुलेशन प्राइवेट पार्ट्स में भी अच्छी तरह से होने से सेक्सुअल पावर बूस्ट होती है।
शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है - डार्क चॉकलेट खाने से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बेहतर होता है। जो कि डार्क चॉकलेट बुरे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी असरदार होता है।


सन डैमेज से स्किन को बचाता है - डार्क चॉकलेट के अंदर बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो स्किन के लिए लाभदायक माने जाते हैं। यह कंपाउंड स्किन (skin) को सन डैमेज से बचाते हैं और उसमें ब्लड फ्लो ठीक करने में मदद करते हैं।


दिमाग तेज होता है - डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवनॉल दिमाग में भी ब्लड फ्लो सुधारता है। इसके सेवन से दिमाग का कॉग्निटिव फंक्शन बेहतर होता है, तो दिमाग (brain) तेज होता है और दिमागी क्षमता बढ़ती है। डार्क चॉकलेट (dark chocolate) में कैफीन और थियोब्रोमाइन की भी थोड़ी मात्रा होती है, जो ब्रेन हेल्थ को स्टिम्युलेट करने में मदद करते हैं।


डिप्रेशन को भगाए डार्क चॉकलेट खाने से डिप्रेशन दूर होता है। इसमें पाए जाने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करने वाले हार्मोन को नियंत्रित करते हैं जिससे तनाव कम होता है। चॉकलेट में सेरोटोनिन पाए जाने के कारण यह हमारे दिमाग को तरोताजा रखता है और तनाव व डिप्रेशन को हावी नहीं होने देता। डार्क चॉकलेट में स्ट्रेस को कम करने का विशेष गुण पाया जाता है।
 

ओमिक्रॉन के 8 नए वैरिएंट आए सामने, दिल्ली में मिला पहला संक्रमित मरीज , वैज्ञानिक बोले….

ओमिक्रॉन के 8 नए वैरिएंट आए सामने, दिल्ली में मिला पहला संक्रमित मरीज , वैज्ञानिक बोले….

देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. ऐसे में ओमिक्रॉन के 8 नए वैरिएंट का पता चला है. इन 8 वैरिएंट में से एक मामले राजधानी दिल्ली में भी मिला है. नए वैरिएंट के दिल्ली में मिलने के बाद इसकी पड़ताल में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने जांच शुरू कर दी है. जानकारी मिली है कि ये वैरिएंट हाल ही में विदेश यात्रा से दिल्ली लौटे एक कोरोना संक्रमित मरीज में मिला है. हालांकि इसका जेनेटिक स्ट्रक्चर मौजूद वैरिएंट की तुलना में एक दम अलग है.
वैज्ञानिक ने की पुष्टि
खबरों की मानें तो इन्साकॉग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने ओमिक्रॉन के नए 8 वैरिएंट में से एक वैरिएंट से संक्रमित मरीज की पुष्टि की है. इन्साकॉग के वैज्ञानिक कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायरस के मौजूद स्वरूप और उनके जेनेटिक बनावट के साथ जब इसका मिलान किया गया है तो पता चला है कि यह बीए.2.12.1 से मिलता जुलता है. हालांकि यह लोगों को कितना प्रभावित करता है इसका पता नहीं चल सका है. इसलिए लोगों को इसके लिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है.


 

अब 5 से 12 साल के बच्चों को भी लगेगा टीका, कोर्बेवैक्स वैक्सीन को मिली मंजूरी

अब 5 से 12 साल के बच्चों को भी लगेगा टीका, कोर्बेवैक्स वैक्सीन को मिली मंजूरी

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के विशेषज्ञ पैनल ने 5 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स वैक्सीन (Corbevax) के इमरजेंसी इस्तेमाल की सिफारिश की है। जिसके बाद अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अंतिम मंजूरी से पहले वैक्सीन को डीसीजीआई की अनुमति का इंतजार है। फिलहाल यह वैक्सीन 12-14 साल के आयु वर्ग के बच्चों को लगाई जा रही है।
इंडिया टुडे ने पीटीआई के सूत्रों के हवाले से कहा कि है कि सीडीएससीओ की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने बायोलॉजिटकल ई के इमरजेंसी इस्तेमाल के आवेदन पर विचार-विमर्श कर पांच से 11 साल के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स को मंजूरी देने की सिफारिश की है। हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई की ओर से विकसित, कॉर्बेवैक्स कोविड-19 के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।
इस साल 16 मार्च से 12 से 14 साल के बच्चों को कॉर्बेवैक्स दिया जा रहा है। फिलहाल देश में इस समय 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का प्रयास कर रही है।

 

शादी के बाद काम पर लौटी आलिया भट्ट, वायरल हुई तस्वीरें

शादी के बाद काम पर लौटी आलिया भट्ट, वायरल हुई तस्वीरें

पाँच दिन पूर्व विवाह बंधन में बंधी अभिनेत्री आलिया भट्ट, अब सम्भवत: आलिया भट्ट कपूर, ने अपने काम पर वापसी कर ली है। नवविवाहित आलिया भट्ट ने मंगलवार, 19 अप्रैल को, रणबीर कपूर के साथ अपनी शादी के बाद पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्हें एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया जब वह रणवीर सिंह के साथ रॉकी और रानी की प्रेम कहानी की शूटिंग के लिए जा रही थीं।

रणबीर कपूर और आलिया भट्ट अब पति-पत्नी हैं। दोनों ने 14 अप्रैल को करीबी परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में एक अंतरंग शादी की थी। अब, आलिया काम फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। उन्हें मनीष मल्होत्रा के साथ एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया, क्योंकि वे रॉकी और रानी की प्रेम कहानी की शूटिंग के लिए निकले थे, जिसमें रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं।

अपनी शादी के बाद अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति के लिए, आलिया ने एक सुंदर ब्लश गुलाबी सलवार कमीज और दुपट्टा चुना। वह बहुत खूबसूरत लग रही थी।

जुलाई 2021 में, करण जौहर ने अपने निर्देशन में बनने वाली अगली फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी की घोषणा की थी। आलिया भट्ट और रणवीर सिंह के अलावा, फिल्म में शबाना आजमी, जया बच्चन और धर्मेंद्र भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान फिल्म में बतौर सहायक निर्देशक काम कर रहे हैं। इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म को धर्मा प्रोडक्शंस के साथ वायकॉम 18 मिलकर बना रहे हैं।

गर्मियों में खूब खाएं खरबूजा, दिल, किडनी और इम्यूनिटी होती है मजबूत

गर्मियों में खूब खाएं खरबूजा, दिल, किडनी और इम्यूनिटी होती है मजबूत

गर्मियां आते ही लाइफस्टाइल से लेकर खान-पान में कई तरह के बदलाव आते हैं. तापमान को देखते हुए सभी चीजों का सेवन उस हिसाब से करना बहुत जरुरी होता है. गर्मियों में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की परेशानी न हो. इतना ही नहीं गर्मियों में खाने वाले सब्जियां भी अलग होती हैं, जिनका सेवन केवल गर्मियों में किया जा सकता है बिलकुल उसी तरह गर्मियों में खाने वाले फलों पर भी आपको उतना ही ध्यान देना चाहिए. आपको उन फलों को डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए, जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो. गर्मियों में तरबूज, खरबूज, ककड़ी और खीरा पानी से भरपूर फल सब्जियां हैं. इसमें से आपको खरबूज जरूर खाना चाहिए. ये एक ऐसा फल है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. खरबूज में 90 प्रतिशत पानी होता है जो भूख को मिटा देता है और शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती है. जानिए खरबूज खाने के फायदे क्या हैं?
1- डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद-
खरबूज में एडिनोसिन नाम का तत्त्व पाया जाता है, जो खून को पतला करने में मदद करता है. इसी तरह से डायबिटीज रोगियों के लिए खरबूज बहुत फायदेमंद है. खरबूज का सेवन करने से दिल से बीमारियां भी दूर होती हैं. ऐसे में ध्यान रहें कि डायबिटीज रोगियों को सीमित मात्रा में खरबूज का सेवन करना चाहिए.
2- इम्यूनिटी बढ़ती है-
खरबूज में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है. ऐसे में खरबूज का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है और साथ ही वायरस का खतरा कम हो जाता है. इसलिए खरबूज का सेवन आपको निश्चिंत रूप करना चाहिए.
3- दिल की परेशानियां दूर होंगी-
खरबूज में फोलिक एसिड पाया जाता है, जो रक्त की नालियों में खून को जमने से रोकता है और दिल से जुड़ी सभी परेशानियों को दूर करता है. ऐसे में यदि आप हार्ट पेशेंट हैं तो आपको नियमित रूप से खरबूज का सेवन करना चाहिए.
4- किडनी स्टोन को दूर करे-
खरबूज में पानी और ऑक्सीकाइन पाया जाता है, जो किडनी स्टोन की परेशानी को दूर करता है. ऐसे में खरबूज का सेवन करने से किडनी स्टोन और किड़नी से जुड़ी सारी परेशानियों को दूर रखता है.
5- कब्ज को दूर करता है-
गर्मियों के मौसम में लोग अक्सर मसालेदार खाना खाते हैं जिससे कई तरह की परेशानिया जैसे पेट दर्द, कब्ज आदि होने लगती है. ऐसे में कब्ज से छुटकारा पाने के लिए खरबूज का सेवन जरुरी है क्योंकि खरबूज में फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज को दूर करता है. अगर आप पेट से जुडी परेशानियों से परेशान हैं तो ध्यान रहें कि खरबूज का सेवन करें ही करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news.com पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

क्या आप भी सांसों की दुर्गंध से है परेशान, छुटकारा पाने के लिए जरूर अपनाएं ये असरदार घरेलू नुस्खे

क्या आप भी सांसों की दुर्गंध से है परेशान, छुटकारा पाने के लिए जरूर अपनाएं ये असरदार घरेलू नुस्खे

सांसों की दुर्गंध सिर्फ अपना मूड ही खराब नहीं करती है बल्कि पास बैठकर बात करने वाले लोगों को भी असहज करती है. यह समस्या अगर लंबे समय तक बनी रहे तो पार्टनर से लेकर फ्रैंड्स तक सभी पास बैठने और बात करने से बचने लगते हैं. सांसों से आने वाली दुर्गंध के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं. कई बार ये कारण सिर्फ गलत खान-पान से जुड़े होते हैं तो कई बार पेट संबंधी बीमारी के कारण भी सांसों से दुर्गंध आती है. इसके अतिरिक्त जो लोग लंबे समय से किसी रोग की दवाएं खा रहे होते हैं, उनके मुंह से भी दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है. खैर, आपकी समस्या की वजह जो भी हो, हम आपको यहां जो समाधान बता रहे हैं, इन्हें आप हर स्थिति से होने वाली सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए अपना सकते हैं...
1. मुंह की सही सफाई का तरीका
ओरल हेल्थ को लेकर अवेयर लोग दिन में दो बार ब्रश जरूर करते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग सिर्फ दांतों की सफाई करते हैं और जीभ को साफ करना भूल जाते हैं. बस आपकी यही भूल मुंह से आने वाली दुर्गंध की वजह बन जाती है.
2. शुगर कम खाएं
चाय-कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और स्वीट्स के रूप में बहुत सारी शुगर को हर दिन अपने शरीर के अंदर डालने वाले लोगों के मुंह से भी दुर्गंध आने की समस्या होने लगती है. क्योंकि शुगर के कारण आपके मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो मूड खराब करने वाली सांसों की दुर्गंध पैदा करते हैं.
3. मुंह में लौंग डाल लें
खाना खाने के बाद और रात को सोने से पहले या जब भी आपका मन करे आप अपने मुंह में एक लौंग डाल लें और इसे कैंडी की तरह धीरे-धीरे चूसते रहें. यह एक ऐसा शानदार मसाला है, जो सांसों की दुर्गंध भी दूर करता है और दांतों को भी स्वस्थ बनाता है.
4. कितना पानी पीते हैं आप?
सांसों की दुर्गंध से बचने के लिए इस बात पर जरूर करें कि आप एक दिन में कितना पानी पीते हैं. क्योंकि यदि आप 8 से 10 गिलास पानी रोज नहीं पीते हैं तो आपके मुंह से दुर्गंध आना सामान्य बात है. इसलिए पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं.
5. पेट साफ रखें
जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है, उन्हें भी सांसों से दुर्गंध आने की पेरशानी होती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपना पेट हमेशा साफ रखें. यदि आपको कब्ज की समस्या रहती है तो आंवला चूर्ण, त्रिफला, पेट सफा इत्यादि चूर्ण का सेवन करें और पेट को पूरी तरह साफ करें.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, just36news.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

गर्मियों में पेट संबंधी रोगों से बचाव के लिए सावधानी जरूरी

गर्मियों में पेट संबंधी रोगों से बचाव के लिए सावधानी जरूरी

रायपुर, गर्मियों में आमतौर पर पेट से संबंधित अनेक रोग जैसे उल्टी, दस्त, पेचिश, डायरिया, अपचन, खट्टी डकार, एसिडिटी यानि गैस, कब्जियत, मिचली, पीलिया और टायफाइड, होने की संभावना रहती है।इन रोगों का प्रमुख कारण बाजार और खुले में बिकने वाले दूषित पेय एवं खाद्य पदार्थ हैं इसलिए इन पदार्थों के सेवन में परहेज व सावधानी बरतनी चाहिए।शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि सामान्यतः लोग इस मौसम में बाजार में बिकने वाले गन्ना या अन्य फलों के रस, लस्सी, कुल्फी, नीबू की शिकंजी आदि का सेवन करते हैं। इन पेय पदार्थों में बर्फ मिला होता है लेकिन कभी-कभी दूषित जल और सावधानियां नहीं बरतने तथा फलों के सड़े-गले होने के कारण पेट से संबंधित अनेक रोग पैदा हो सकते हैं। इन रोगों का मुख्य कारण खानपान ही है इसलिए लोगों को गर्मियों के दौरान खानपान में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जनसामान्य को बाजार के खाद्य पदार्थों के सेवन से पहले साफ-सफाई और वस्तुओं की गुणवत्ता जरूर सुनिश्चित करनी चाहिए। चूंकि गर्मियों में पाचन शक्ति कमजोर होती है इसलिए गरिष्ठ और मसालेदार भोजन खाने से बचना चाहिए इसके अलावा घर में भी बासी भोजन या अन्य खाद्य पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इस मौसम में तेज गर्मी के कारण भोजन जल्दी खराब हो जाते हैं।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि गर्मियों में गरम, खटाई, तीखा, नमकीन, तला-भुना, तेज मिर्च-मसालेदार, उड़द दाल, मैदा और बेसन से बने खाद्य पदार्थों, फास्ट-फूड, मांसाहार और शराब का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है इसलिए इनका परहेज करना चाहिए।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि चूंकि गर्मियों में सूर्य की तपिश बहुत ज्यादा होती है, फलस्वरूप लोगों में डिहाइड्रेशन, थकान, घबराहट और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। शरीर में पानी एवं अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स मिनरल्स की मात्रा संतुलित रखने के लिए हल्का, सुपाच्य, स्वच्छ ठंडा या उबाले हुए तरल पेय पदार्थों के सेवन करना चाहिए। गर्मियों में पीसा जीरा और नमक मिलाकर मठा यानि छाछ, दही की लस्सी, दूध, कच्चे आम का जलजीरा, नींबू की शिकंजी या शरबत, घर में बनी ठंडाई, गन्ने का रस, बेल का शरबत, नारियल पानी, मौसमी एवं ताजे फलों का रस इत्यादि पीना चाहिए बेहतर हो कि ये पेय पदार्थ घर में ही बनाई जाए अथवा बाजार में स्वच्छता का ध्यान रखा जाए। गर्मियों के दौरान भोजन में पुराने जौ, पुराने चांवल, खिचड़ी, मूंग की दाल, फायबर युक्त अनाज जैइ गेहूं की रोटी, सत्तू, रायता, सब्जियों में चौलाई, करेला, बथुआ, मुनगा, परवल, भिंडी, तरोई, पुदीना, टमाटर, खीरा, ककड़ी, अदरक, प्याज, आंवला का मुरब्बा इत्यादि को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा तरबूज, खरबूज, मौसंबी, संतरा, अनार, शहतूत, आंवला इत्यादि का प्रयोग हितकारी है। उपरोक्त खानपान से गर्मियों के दौरान पेट संबंधी रोगों से बचा जा सकता है। 

बच्चों में तेजी से फैल रहा है कोरोना, चौथी लहर की आशंका राज्य सरकारों ने जारी कि गाइडलाइंस

बच्चों में तेजी से फैल रहा है कोरोना, चौथी लहर की आशंका राज्य सरकारों ने जारी कि गाइडलाइंस

रांची : देश में एक बार फिर कोरोना वायरस की आहट सुनाई देने लगी है. बीते एक ही दिन में देश में कोविड 19 के मामलों में 90 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. कोरोना की चपेट में बच्चें ज्यादा आ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है. एक बार फिर कोरोना वायरस की आहट सुनाई देने लगी है. बीते कुछ हफ्तों से संक्रमण के गिरते आंकड़ों के बाद एक बार फिर संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा दिख रहा है.

बीते एक ही दिन में देश में कोविड 19 के मामलों में 90 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. कोरोना संक्रमण की चपेट में इस बार बच्चें ज्यादा आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के अस्पताल में भर्ती मरीजों में 27 फीसदी बच्चे हैं. इसके अलावा एनसीआर में भी बच्चों में कोरोना संक्रमण के कई मामले सामने आये हैं. वहीं, बढ़ते मामलों को देखते हुए कई लोग कोरोना के चौथे लहर की आशंका भी जता रहे हैं.

इधर, दिल्ली में एक बार फिर कोरोना की दस्तक के बाद सरकार सतर्क हो गई है. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ष्ठष्ठरू्र) बुधवार को अहम बैठक करने जा रहा है. बैठक को कोरोना को लेकर नई गाइडलाईन से संबंधित कई फैसले किए जा सकते हैं. इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन जारी की थी.

स्कूल खुलने के बाद बच्चों कोरोना की तपेट में आने लगे है. सबसे बड़ी बात की संक्रमण का आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरती जाएं. उन्हें मास्क अनिवार्य रूप से पहनाएं जाएं, खान पान पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. इसके अलावा सोशल डिस्टेसिंग की भी पालन हो. अगर कोरोना का हल्का सा भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टरी सलाह ली जाए.

दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. सबसे बड़ी बात की बच्चों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में एक सप्ताह के भीतर 50 से ज्यादा बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. वहीं, बीते एक दिन में दिल्ली-एनसीआर में 22 नए बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया गया. बच्चों में बढ़ता संक्रमण अब डराने लगा है.

वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञ खास सतर्कता बरतते रहने की सलाह दे रहे हैं.वहीं, गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने स्कूली बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए स्कूल के साथ-साथ अभिभावकों से भी बच्चों जागरूक करने की अपील की है. जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने की बात कही है. उन्हें इससे बचने के उपाय के बारे में जानकारी देने को कहा है. बच्चों के कक्षा में जाने से पहले यहां तक की कक्षाओं में मास्क हमेशा लगाकर रखें. नियमित रुप से हाथ धोते रहें, स्कूल सैनिटाइजर देकर ही भेजें, पढ़ाई के दौरान बिना वजह एक जगह इकठ्ठा न हो इसकी जानकारी बच्चों को देनी होगी.

दिल्ली में भी बढ़ते कोरोना केस को लेकर नई गाइडलाइन बीते दिनों ही जारी कर दी गई है. दरअसल, बीते दिनों वसंत कुंज के एक निजी स्कूल में पांच छात्रों और स्टाफ सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए थे. वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है. इसके अनुसार जिस स्कूलों में छात्र या स्टाफ कोरोना पॉजिटिव होते हैं तो पूरे स्कूल को बंद कर दिया जाएगा. मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का फिर से कड़ाई से पालन हो. हाथ धोने और सैनिटाइज करते रहें. शिक्षक, छात्रों और अभिभावकों को कोरोना को लेकर जागरुक करने का काम करते रहें.

 

टमाटर को इन तरीकों से करें स्टोर, लंबे समय तक रहेंगे ठीक

टमाटर को इन तरीकों से करें स्टोर, लंबे समय तक रहेंगे ठीक

ऐसी कई स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां हैं, जो किसी भी मौसम में बाजार में आसानी से मिल जाती हैं, जिनमें टमाटर भी शामिल है। अममून लोग सलाद से लेकर सब्जियां बनाने तक में टमाटर का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं, इसलिए इसे घर में स्टोर करना सही समझते हैं। हालांकि, अगर इन्हें ठीक से स्टोर न किया जाए तो इनके खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए आज हम आपको टमाटर को स्टोर करने के तरीके बताने जा रहे हैं।


कमरे के तापमान पर करें स्टोर

जब भी आप बाजार से टमाटर खरीदकर लाएं तो उन्हें हमेशा कमरे के तापमान पर स्टोर करें। इसी के साथ ध्यान रखें कि इस पर सीधी धूप न पड़े। इस तरीके से टमाटर कम से कम छह दिन तक ठीक रहेगें। हालांकि, अगर आप कटे हुए टमाटर को स्टोर करना चाहते हैं तो आप सबसे पहले इसका छिलका निकालें, फिर इसे किसी एयरटाइट डिब्बे में डालकर फ्रिज में रखें।


अन्य सब्जियों के साथ न रखें

आमतौर पर लोग टमाटर को अन्य सब्जियों के साथ ही स्टोर कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है। दरअसल, कई सब्जियों में एथिलीन नामक केमिकल मौजूद होता है, जिससे टमाटर जल्दी खराब हो सकते हैं। वहीं, कई सब्जियों में साइट्रिक एसिड होता है, जो टमाटर के साथ-साथ अन्य सब्जियों को भी खराब कर सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि आप टमाटर को सभी सब्जियों से अलग ही स्टोर करें।


भूल से भी फ्रिज में न करें स्टोर
अगर आप टमाटर को फ्रिज में स्टोर करके रखना सही समझते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा करने से टमाटर जल्द ही खराब हो सकते हैं। दरअसल, जब फ्रिज में रखे सामान की महक टमाटर पर पड़ती है तो इससे वे खराब होने लगते हैं। वहीं, टमाटर की तासीर भी ठंडी होती है और ऐसे में इसे ठंडी जगह पर रखने से इस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिस वजह से इसके खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।


पेपर टॉवल में लपेटकर रखें
टमाटर को लंबे समय तक फ्रेश रखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप इसे खरीदते समय थोड़ी स्मार्टनेस दिखाएं और ऐसे टमाटर खरीदें, जो एकदम सूखे और हल्के छिल्के वाले हों। इस तरह के टमाटर खरीदने के बाद जब आप घर आए तो उन्हें तुरंत पेपर टॉवल से लपेट दें और स्टोर करें। अगर आपके पास पेपर टॉवल न हो तो आप टमाटर को पेपर बैग में भी स्टोर कर सकते हैं।
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इन तरीको की मदद से मिनटों में साफ़ होंगी झूठे बर्तनों से जिद्दी चिकनाई...

इन तरीको की मदद से मिनटों में साफ़ होंगी झूठे बर्तनों से जिद्दी चिकनाई...

 साफ चमकती किचन में सबसे पहले ध्यान जाता है, बर्तनों पर। जिसमे आपको अपने बर्तनों की सफाई पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। बर्तन धोना किचन का सबसे काम है। ऐसे में बहुत से लोग ऐसे होते है जिन्हें बर्तन धोना बड़ा ही झंझट वाला काम लगता है। लेकिन कुछ बातो को ध्यान में रखकर इसी काम को बहुत आसानी से किया जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बतायेंगे जिनकी मदद से आप मिनटों में बरतनों को साफ़ कर सकती है तो

आइये जानते है इस बारे में...
* बर्तन धोने से पहले पूरे घर को चेक कर लें और सारे जूठे बर्तनों को एक ही जगह इकट्ठा कर लें। प्लानिंग से काम करने पर आपको बार-बार भागना नहीं पड़ेगा। बर्तन धुलने की सामग्री जैसे- साबुन, स्क्रबर और तौलिया भी पास में रख लें।

* बर्तनों को धुलने से पहले गर्म पानी में भिगो दें ताकि इनसे चिकनाई छूट जाए और इनको साफ करने में ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े।
*जूठे बर्तनों को पानी से साफ करके किसी अलग टब या स्लैब पर ही रख लें। ऐसा करने से आपका काम भी कम हो जाएगा और आपको बर्तनों से बार-बार जूठन भी नहीं निकालनी पड़ेगी। बर्तनों को स्क्रब करने के बाद उन्हें छोटे से लेकर बड़े के क्रम में धोना शुरू करें।
* कांच के बर्तन और चीनी मिट्टी के बर्तनों को धोकर अलग रख लें ताकि इनके टूटने का खतरा कम रहे। चम्मच, कांटे और चाकू भी पहले ही साफ कर लें।
* बर्तनों को धोने के बाद एक साथ घुसाकर कर न रख दें। पहले इन्हें सूखने दें और फिर किचन टॉवल से पोंछने के बाद रैक में रखें।