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कुछ मिनटों में बनाएं ये चॉकलेट डेजर्ट, जानिए इनकी रेसिपी....

कुछ मिनटों में बनाएं ये चॉकलेट डेजर्ट, जानिए इनकी रेसिपी....

चॉकलेट का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ गया न! यह होना तो लाजमी है क्योंकि इसका स्वाद ही इतना बेमिसाल होता है कि बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई इसका शौकीन है। अगर आपका परिवार भी चॉकलेट का बहुत बड़ा फैन है तो आप उनके लिए घर पर बड़ी आसानी से कुछ ही मिनटों में तरह-तरह के स्वादिष्ट चॉकलेट डेजर्ट बना सकते हैं। चलिए फिर आज हम आपको कुछ चॉकलेट डेजर्ट की रेसिपी बताते करते हैं।

चॉकलेट मूस
सबसे पहले डबल बॉयलर विधि का उपयोग करके एक कटोरे में चॉकलेट, मक्खन, एक चुटकी नमक और कॉफी को पिघलाएं, फिर एक स्पैटुला से सभी सामग्रियों को अच्छे से मिलाएं। अब इस मिश्रण को कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें। अब एक कटोरे में वनिला क्रीम और को फेंटें, फिर इसमें चॉकलेट वाला मिश्रण डालकर अच्छे से मिलाएं। इसके बाद मिश्रण को एक छोटे कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें, फिर कुछ घंटे बाद इसका सेवन करें।

नो बेक चीज़केक
सबसे पहले ओरियो बिस्कुट को क्रश करके पिघले हुए मक्खन के साथ मिलाएं। अब इस मिश्रण को एक स्प्रिंगफॉर्म पैन में डालकर दबाते हुए फैलाएं और इसे फ्रिज में रखें। इसके बाद एक कटोरे में क्रीम चीज़, चीनी और वनीला एसेंस को फेंटें, फिर इसमें पिघली हुई चॉकलेट मिलाएं। अंत में स्प्रिंगफॉर्म पैन को फ्रिज से बाहर निकालकर उसमें क्रीम चीज़ वाला मिश्रण डालें और दोबारा इसे कुछ देर के लिए फ्रिज में रखें। इसके बाद केक का आनंद लें।

चॉकलेट कप-केक्स
सबसे पहले एक कटोरे में मैदा, बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा, कोकोआ पाउडर और एक चुटकी नमक को डालकर मिलाएं। अब एक बड़े कटोरे में चीनी, अंडे और मक्खन को डालकर स्पैटुला से तब तक फेंटें, जब तक मिश्रण फुला-फुला सा न लगे, फिर इसमें कुछ वेनिला एसेंस में मिलाएं। इसके बाद मैदे के मिश्रण में दूध मिलाएं और इसे मफिन कप में डालने के बाद इन्हें ओवन में बेक करें, फिर कप-केक को ठंडा करके परोसें।

चॉकलेट पुडिंग
सबसे पहले एक कटोरे में चीनी, कोकोआ पाउडर, कॉर्नस्टार्च और एक चुटकी नमक को डालकर मिलाएं, फिर मिश्रण में दूध डालकर फेंटें। अब इस मिश्रण को गर्म करें और मध्यम आंच पर धीरे-धीरे हिलाते हुए उबालें और दो मिनट तक मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं। इसके बाद गैस बंद करके मिश्रण में वेनिला एसेंस और मक्खन मिलाएं, फिर इस मिश्रण को छह घंटे के लिए फ्रिज में रखने के बाद खाएं।
 

टांगों में अकडऩ होने पर इन एसेंशियल ऑयल्स का करें इस्तेमाल, जल्द मिलेगा आराम

टांगों में अकडऩ होने पर इन एसेंशियल ऑयल्स का करें इस्तेमाल, जल्द मिलेगा आराम

टांगों में अकडऩ होना एक कष्टदायक समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि इसके कारण चलने-फिरने में काफी दिक्कत होने लगती है। अगर आपको कभी भी किसी कारणवश ऐसी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले और उनकी बताई दवाओं के सेवन के साथ कुछ एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल करें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल्स के बारे में बताते हैं, जिनके इस्तेमाल से टांगों की अकडऩ जल्द दूर होगी।

जिंजर एसेंशियल ऑयल

टांगों की अकडऩ से राहत पाने के लिए जिंजर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना लाभदायक साबित हो सकता है। समस्या से राहत पाने के लिए सबसे पहले एक मुलायम तौलिए को गर्म पानी (ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म न हो) में भिगोएं, फिर इसे निचोड़कर इस पर दो-तीन बूंद जिंजर ऑयल की डालें। इसके बाद तौलिए को दर्द से प्रभावित टांग पर लपेटें और जब तौलिया ठंडा हो जाए तो फिर से इसे पानी से भिगोकर पैर पर लगाएं।

पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल

पेपरमिंट ऑयल यानी पुदीने के तेल का इस्तेमाल करने से भी टांगों की अकडऩ दूर हो सकती है। पुदीने के तेल में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो टांगों को अकडऩ से आराम दिला सकते हैं। राहत के लिए पुदीने के तेल की कुछ बूंदें दर्द से प्रभावित टांग पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें। इसके अलावा, आप चाहें तो पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर नहा भी सकते हैं। इससे भी आपको आराम मिलेगा।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल

अगर मांसपेशियों में खिंचाव के कारण किसी टांग में अकडऩ हो तो इससे राहत पाने के लिए आप लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। लैवेंडर के तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रभावित टांग की मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें अकडऩ से प्रभावित टांग पर लगाएं, फिर हल्के हाथों से मसाज करें। बेहतर परिणाम के लिए दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

रोजमेरी एसेंशियल ऑयल

अगर कभी भी टांग में अकडऩ हो तो इससे राहत पाने के लिए आप रोजमेरी ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजमेरी ऑयल से अकडऩ वाली टांग की मालिश करने से प्रभावित हिस्से का रक्त प्रवाह बेहतर होता है और अकडऩ से राहत मिल सकती है। दरअसल, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड समेत कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिनका टांग के हिस्से वाली मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
 

घर पर बहुत आसानी से तैयार किए जा सकते हैं बॉडी वॉश, जानिए कुछ तरीके

घर पर बहुत आसानी से तैयार किए जा सकते हैं बॉडी वॉश, जानिए कुछ तरीके

आजकल बॉडी वॉश काफी चलन में है क्योंकि यह साबुन की तुलना में त्वचा पर हार्श नहीं होता और गहराई से साफ करने के साथ-साथ त्वचा को मॉइश्चराइज भी करता है। वैसे तो आजकल मार्केट में कई तरह के बॉडी वॉश मौजूद है, लेकिन अगर आप बिना पैसे खर्च किए बॉडी वॉश चाहते हैं तो आप इसे खुद ही घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए फिर आज चार तरह के बॉडी वॉश बनाने के तरीके जानते हैं।

तैलीय त्वचा के लिए बेहतरीन है यह बॉडी वॉश 

सामग्री: आधा कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, दो बड़ी चम्मच शुद्ध नारियल का तेल, दो बड़ी चमम्च ग्लिसरीन, एक बड़ी चम्मच जैतून का तेल, एक बड़ी चम्मच विटामिन-श्व का तेल और किसी भी खट्टे फल से बने एसेंशियल ऑयल की 20-30 बूंदें। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरे में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से मिला लें, फिर इस मिश्रण को पंप डिस्पेंसर वाली बोतल में डालें। बस बॉडी वॉश तैयार है। शेल्फ लाइफ: दो साल।

रूखे प्रकार की त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: आधा कप बिना चीनी वाला नारियल का दूध, ढाई कप बिना गंध वाला लिक्विड कैस्टाइल साबुन, तीन चम्मच जोजोबा ऑयल, दो चम्मच ग्लिसरीन, एक छोटा चम्मच कच्चा शहद और पांच बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरे में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से मिला लें, फिर इस मिश्रण को किसी बोतल मंट डालें। इस्तेमाल के लिए बॉडी वॉश को स्नान स्पंज पर डालकर इस्तेमाल करें। शेल्फ लाइफ: एक साल।

मिश्रित त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: डेढ़ कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, चार चम्मच ग्लिसरीन, 10 बूंद पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल और 10 बूंद इलंग-इलंग एसेंशियल ऑयल। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पंप वाली डिस्पेंसर बोतल में लिक्विड कैस्टाइल साबुन और ग्लिसरीन डालें, फिर इसमें दोनों एसेंशियल ऑयल डालकर बोतल को अच्छे से हिलाएं और इसका बतौर बॉडी वॉश इस्तेमाल करें। शेल्फ लाइफ: इस बॉडी वॉश की शेल्फ लाइफ एक साल है।

संवेदनशील त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: आधा कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, आधा कप कच्चा शहद, दो बड़ी चम्मच अरंडी का तेल, दो बड़ी चम्मच जैतून का तेल और 10 बूंदे आपके पंसदीदा एसेंशियल ऑयल की। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक बोतल में लिक्विड कैस्टाइल साबुन डालें, फिर इसमें बाकि की सारी सामग्रियों को डालकर बोतल को अच्छे से हिलाएं। इसके बाद यह बॉडी वॉश तैयार है। शेल्फ लाइफ: यह बॉडी वॉश दो साल तक चल सकता है।
 

नारियल के तेल से बनाएं ये लिपबाम, होठों को रुखेपन से बचाएंगे...

नारियल के तेल से बनाएं ये लिपबाम, होठों को रुखेपन से बचाएंगे...

रूखेपन के कारण होंठ फटते हैं और अगर वक्त रहते इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो कई बार होंठ इतने फट जाते हैं कि उनसे खून तक निकलने लगता है। नारियल का तेल एक प्राकृतिक मॉइश्चराइजर है, जो होंठो के रूखेपन को दूर करके इन्हें फटने से बचा सकता है। आइए आज हम आपको नारियल के तेल से तरह-तरह के लिपबाम बनाने के तरीके बताते हैं, जिनके इस्तेमाल से आप अपने होंठो को रूखेपन से बचा सकते हैं।

नारियल के तेल और पेट्रोलियम जेली का लिपबाम
सामग्री: एक चम्मच नारियल का तेल और एक चम्मच पेट्रोलियम जेली। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले पेट्रोलियम जेली को एक छोटे पैन में गर्म करें या फिर माइक्रोवेव में रखकर पिघलाएं, फिर इसे नारियल के तेल के साथ मिलाएं। अब एक छोटे कंटेनर में इस मिश्रण को डालें और जब यह कमरे के तापमान पर ठंडा हो जाए तो इसे 20-30 मिनट के लिए फ्रीज में रखें। इसके बाद मिश्रण का बतौर लिपबाम इस्तेमाल करें।

नारियल के तेल और एलोवेरा का लिपबाम
सामग्री: एक बड़ी चम्मच नारियल का तेल, आधी बड़ी चम्मच कारनौबा वैक्स और एक चम्मच एलोवेरा जेल। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले धीमी आंच पर एक छोटा पैन रखें, फिर उसमें कारनौबा वैक्स पिघलाएं। जब यह पिघल जाए तो गैस बंद करके इसे किसी कंटेनर में डालकर कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें। इसके बाद इसमें एलोवेरा जेल और नारियल का तेल मिलाएं और इसे कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रखने के बाद इस्तेमाल करें।

शिया बटर और नारियल के तेल का लिपबाम
सामग्री: एक बड़ी चम्मच नारियल का तेल, एक बड़ी चम्मच कारनौबा वैक्स और एक बड़ी चम्मच शिया बटर। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले धीमी आंच पर एक पैन रखकर उसमें शिया बटर और कारनौबा वैक्स को पिघलाएं। जब यह मिश्रण पिघल जाए तो गैस बंद करके इसे एक कंटेनर में डालकर कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें, फिर इसमें नारियल का तेल मिलाएं और इसे कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रखने के बाद बतौर लिपबाम इस्तेमाल करें।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल और नारियल का तेल
सामग्री: डेढ़ चम्मच नारियल का तेल, एक बड़ी चम्मच कारनौबा वैक्स और लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की 10 बूंदें। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले धीमी आंच पर एक पैन रखकर उसमें कारनौबा वैक्स पिघलाएं, फिर गैस बंद करके इसे कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें। इसके बाद इसे एक छोटे कंटेनर में नारियल के तेल और लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के साथ मिलाकर कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। फिर इसका होंठो पर इस्तेमाल करें।
 

पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हैं ये पेय, रोजाना करें सीमित मात्रा में सेवन...

पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हैं ये पेय, रोजाना करें सीमित मात्रा में सेवन...

पाचन क्रिया भोजन को पचाकर पोषक तत्वों में बदलती है। ये पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ देने में भी सहायक होते हैं। हालांकि, अगर किसी कारण से पाचन क्रिया प्रभावित हो जाए तो इसके कारण अपच और डायरिया जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचाकर पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में कुछ पेय का सेवन काफी मदद कर सकता है। आइए आज ऐसे कुछ पेय के बारे में बताते हैं।

अदरक की चाय
अदरक में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो गैस्ट्रिक जूस के उत्पादन को उत्तेजित करके हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को तोडऩे और पाचन को बढ़ावा देने में मदद करती है। यहीं नहीं, अदरक में मौजूद गुण पेट की ऐंठन, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं। इन लाभों के लिए एक कप अदरक वाली चाय का सेवन करें।

कैमोमाइल चाय
एंटी-स्पास्मोडिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर कैमोमाइल चाय का सेवन भी पाचन को दुरुस्त करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, कैमोमाइल चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक गुणों से समृद्ध होती है, इसलिए इसका सेवन कई तरह के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लाभ देने में सहायक है। इसलिए रोजाना एक कप कैमोमाइल चाय का सेवन जरूर करें। ध्यान रखें कि एक दिन में एक कप चाय पीना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

नारियल पानी
अगर आप रोज सुबह खाली पेट नारियल पानी का सेवन करते हैं तो इसका पाचन क्रिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक शोध के मुताबिक, नारियल पानी के सेवन से कब्ज, हैजा और अन्य पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। वहीं एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि नारियल पानी पेट में पहुंचकर डाइजैशन टॉनिक का काम कर सकता है। इसलिए रोजाना नारियल पानी का सेवन जरूर करें।

चिया सीड ड्रिंक
फाइबर से भरपूर चिया सीड्स भी पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होते हैं। ये प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करके पेट में अच्छे बैक्टीरिया पैदा करने में मदद कर सकता है और आपकी पाचन क्रिया की कार्यक्षमता को प्रभावी तरीके से बढ़ा सकता है। अच्छी बात यह है कि चिया सीड्स पचाने में भी आसान होते हैं। पाचन को स्वस्थ रखने के लिए चिया सीड्स को पानी में भिगोकर खाली पेट इसका सेवन करें।
 

धूप में रखें अपनी आंखों का ख्याल : डॉ. नीलम भगत....

धूप में रखें अपनी आंखों का ख्याल : डॉ. नीलम भगत....

रायगढ़ : दिन में तीखी धूप के बीच लू और शाम होते होते धूल भरी आंधी इन दिनों शहर में चल रही है। गर्म हवा व उड़ रही धूल आंख को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। गर्मी के मौसम में आंख का ख्याल रखना आवश्यक है क्योंकि इन दिनों आंख की समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं। आंखों के साथ लापरवाही करना नुकसानदायक हो सकता है। तल्ख धूप में घर से बाहर निकले लोगों की आंखों में जलन हो सकती है। आंख में दर्द भी हो सकता है। बिन चश्मा बाइक चला रहे हैं तो आंख से पानी गिरने लगता है। इतना ही नहीं आंख में खुजली भी होना शुरु हो सकती है। इन मुसीबतों से बचने के लिए नियमित चश्मा का सेवन करना अत्यंत जरुरी है।

इस सम्बन्ध में जिले की नेत्ररोग विशेषज्ञ मेजर डॉ नीलम भगत ने बताया कि गर्मी में हवा चलने से धूल व मिट्टी के रेत आंखों में पड़ जाते हैं। ऐसा होते ही हम आंखों को रगड़ने लगते हैं। इससे आंख लाल होने के साथ ही जलन शुरु हो जाती है। ऐसा होते ही तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें। गर्मियां में झुलसाने वाली तेज धूप और उसकी तपिश न सिर्फ आपकी सेहत के लिए, बल्कि आंखों के लिए भी सही नहीं है। गर्मी का मौसम अपने साथ कई समस्याएं लेकर आता है। सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से आंखों की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है। सन ग्लास यानी धूप का चश्मा खतरनाक अल्ट्रा वॉयलेट ए और अल्ट्रा वायलेट बी किरणों को रोकता है। यहां तक कि आप छाया में खड़े हों तब भी सन-ग्लास का उपयोग करें। बड़े साइज की कैप या हैट सूरज की किरणें आपकी आंखों तक रोकने में सहायक होती है।

हाइड्रेशन बेहद जरूरी
गर्मी के कारण आंखों में मेलानोमा या लायमोफोमा जैसी कई तरह की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। डॉ मेजर नीलम भगत का कहना है कि अल्ट्रा वॉयलेट किरणें मौसम के साथ फैलती हैं जिसकी गति प्रकाश से भी अधिक तेज होती है। नमी आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी जरूर पीएं ताकि आंखों और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। डिहाइड्रेशन से आपकी आंखों में लुब्रिकेशन की कमी आ सकती है, जिससे जीरोफ्थलमिया (सूखी आंखें) जैसी बीमारी संभव है। पानी की पर्याप्त मात्रा आंखों को गर्मी के प्रभाव से बचाए रखती है।

धूप में रहने से कई नुकसान
धूप में जाने और लगातार बिना किसी सुरक्षा और सावधानी के रहने के नुकसान के बारे में डॉ मेजर नीलम भगत बताती हैं, ” धूप में एक्सपोज़ होने से ऑयलिड कैंसर, आंसू की गुणवत्ता खराब होने से ड्राई आई होने का खतरा बना रहता हैं। कंजेक्तिवा कार्निया पर चढ़ने से नखुना हो सकता है जिससे नज़र कमजोर हो सकती है और दृष्टिदोष उत्पन्न हो सकता है। कम उम्र में ही मोतियाबिंद हो सकता है। इसलिए लोग धूप से बचें।”

उन्होंने आगे बताया, “यदि पहले से नज़र का चश्मा लगा हो तो उस पर सन प्रोटेक्टिव फिल्म लगा लें। समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहें। किसी भी प्रकार की गठान आंख या उसके आसपास है तो तुरंत जांच करवाएं। सावधानी ही बचाव है। बिना एक्सपर्ट की सलाह के कोई इलाज न लें। ड्राई आईज के लिए हो सकता है उम्र भर टियर सब्सिट्यूट लेना पड़े जो आपको नेत्र विशेषज्ञ ही बता सकते हैं। आँख से संबंधित सभी बीमारियों का समय से जांच और इलाज से ही काबू किया जा सकता है।”

 

गर्मियों में नहीं होना चाहते बीमार, तो जानें क्या खाएं और किन चीजों का करें परहेज : अंजली चौधरी...

गर्मियों में नहीं होना चाहते बीमार, तो जानें क्या खाएं और किन चीजों का करें परहेज : अंजली चौधरी...

खरसिया : गर्मी के मौसम शरीर बहुत जल्दी बीमार हो जाता है। किसी को लू लग जाती है तो कोई डिहाइड्रेशन से परेशान हो जाता है। कई लोग तो गर्मियों में सन स्ट्रोक के भी शिकार हो जाते हैं। वहीं कई लोगों को पेट की समस्याएं जैसे उल्टी और लूज मोशन शुरू हो जाते हैं। ऐसे में गर्मी के दिनों में खानपान का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। दरअसल गर्म हवाओं और तेज धूप की वजह से तरह-तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है। गर्मी में शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है। ऐसे में गर्मी के दिनों में हमें अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए। इस समय कर् ऐसी चीजें हैं जिनका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। वहीं कुछ चीजें शरीर को ठंडक देती हैं जिनका सेवन गर्मियों में जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि गर्मियों में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

गर्मियों में इन चीजो का जरूर करें सेवन
नारियल पानी: नारियल पानी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर नारियल पानी गर्मी के दिनों में शरीर को स्वस्थ रखता है। नारियल पानी में मिलने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स बॉडी को डिहाइड्रेशन से बचाते हैं। गर्मियों में पेट को ठंडा रखने के साथ ही नारियल पानी एसिडिटी और पेट फूलने की समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है।

तरबूज: गर्मियों में तरबूज का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसमें 92 प्रतिशत तक पानी की मात्रा पाई जाती है। गर्मी के दिनों में यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है और साथ ही डिहाईड्रेशन से बचाता है। इसमें विटामिन ए और सी पाया जाता है जो शरीर को स्वस्थ रखता है। तरबूज एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। ऐसे में ये न सिर्फ शरीर को ठंडा रखता है बल्कि इसे कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है।
स्प्राउट्स: गर्मी के मौसम में आप स्प्राउट्स को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। इसमें आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होती है। गर्मी के दिनों में ये आपके शरीर को स्वस्थ रखता है। सात ही इसे खाने से शरीर को तुरंत एनर्जी भी मिलती है।

खीरा और ककड़ी: गर्मियों में खीरा और ककड़ी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसमें भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। खीरा और ककड़ी गर्मियों में शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं। ये बॉडी को ठंडा रखने के साथ साथ पेट की समस्याओं को भी दूर करते हैं। खीरे के सेवन से गैस और कब्ज की परेशानी से छुटकारा मिलता है।

आम पना: आम में विटामिन ए, सी और ई पाया जाता है जो शरीर के लिए काफी सेहतमंद होता है। कच्चे आम को उबालकर उसमें काला नमक, पुदीना, भुना हुआ जीरा मिलाकर उसका पना तैयार किया जाता है जिसका सेवन करने से गर्मियों में शरीर स्वस्थ रहता है। आम पना शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।

गर्मियों में इन चीजों का न करें सेवन:
गर्मियों में तला और मसालेदार खाना खाने से बचें।-ज्यादा मसालेदार खाना खाने से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।-फैट युक्त चीजों का सेवन कम करें-गर्मियों में ज्यादा चाय या कॉफी न पिएं।-गर्मी के मौसम में बासी खाना बिल्कुल भी न खाएं।-इस मौसम में बासी खाना खाने से फूड प्वाइजिनिंग का खतरा बना रहता है।-जंक फूड, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने से परहेज करें।-रेड मीट के सेवन से बचें, क्योंकि गर्मियों में प्रोटीन को पचाने में दिक्क्त होती है। गर्मियों में ज्यादा आइसक्रीम न खाएं। ये अंदर से शरीर को गर्म करती है। गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक, फ्लेवर्ड ड्रिंक्स और मीठा सोडा भी न पिएं।

 

रोजाना वॉक करने के फायदे, जानिए हेल्दी रहने के लिए कितना चलना है जरूरी

रोजाना वॉक करने के फायदे, जानिए हेल्दी रहने के लिए कितना चलना है जरूरी

अगर आपको लंबे समय तक फिट रहना है तो वॉक को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लें. आप जिस तरह रोज खाना खाते हैं और पानी पीते हैं उसी तरह वॉक जरूर करें. वॉक करने से शरीर एक्टिव रहता है और बीमारियां दूर रहती हैं. डॉक्टर से लेकर फिटनेस एक्सपर्ट भी सुबह शाम वॉक करने की सलाह देते हैं. टहलना (Walk) एक ऐसा वर्कआउट है जिसमें आपका पूरा बॉडी मूवमेंट होता है. सभी अंग तेजी से काम करने लगते हैं. अगर आप रोज पैदल चलते हैं तो आपको किसी और एक्सरसाइज की जरूरत नहीं है. किसी भी उम्र के लोग वॉक कर सकते हैं. वॉक करने से वजन कंट्रोल रहता है और कई अन्य फायदे मिलते हैं. आइये जानते हैं हेल्दी रहने के लिए आपको कितनी वॉक करनी चाहिए. वॉक के फायदे क्या हैं

Walk करने के फायदे

1-   हार्ट रहेगा हेल्दी- 

वॉक करना हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद है. जो लोग नियमित रुप से चलते हैं उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं. पैदल चलने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है. वॉक करने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है.

2- फेफड़े रहेंगे स्वस्थ- 

रोज पैदल चलने के शरीर को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है. पैदल चलने से बॉडी में ऑक्सीजन का फ्लो अच्छा होतो है जिससे फेफेड़े स्वस्थ्य और मजबूत होते हैं. 

3- पाचनतंत्र होगा मजबूत- 

पैदल चलने से पाचनतंत्र अच्छा काम करता है और पेट साफ रहता है. रोज पैदल चलने से आप काफी हल्का महसूस करते हैं. पैदल चलने से शरीर में हैप्पी हार्मोंस ज्यादा बनते हैं जिससे आप स्वस्थ रहते हैं.

4- दिमाग बनेगा मजबूत- 

पैदल चलने से दिमाग तेज होता है. चलने पर मतिष्क में बदलाव होते है जिसका असर दिमाग पर भी पड़ता है. एक रिसर्च में कहा गया है कि पैदल चलने से दिमाग और तंत्रिका तंत्र में मौजूद हॉर्मोन बढ़ते हैं जिससे तनाव भी कम होता है. 

5- वजन होगा कम-

रोजाना वॉक करने से वजन तेजी से कम होता है. अगर आप डेली करीब 5 किलोमीटर की वॉक करते हैं तो आपको कोई दूसरी एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं है. हां वेट लॉस के लिए आपको थोड़ी तेज वॉक करनी चाहिए. इससे आपका वजन जल्दी कम होगा.

रोजाना कितनी वॉक करें
एक हेल्दी इंसान को करीब 10,000 कदम यानि 6 से 7 किलोमीटर रोजना चलना चाहिए. अगर आप सिर्फ आधा घंटा वॉक करते हैं तो थोड़ा तेज वॉक करें. ज्यादा उम्र या फिर कोई बीमारी होने पर आप थोड़ी कम देर वॉक करें.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news.com पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

टाइप-2 डायबिटीज होने पर इस तरह करना चाहिए एलोवेरा का सेवन, होगा लाभ...

टाइप-2 डायबिटीज होने पर इस तरह करना चाहिए एलोवेरा का सेवन, होगा लाभ...

एलोवेरा एक लोकप्रिय औषधीय पौधा है और इसका उपयोग हजारों वर्षों किया जाता आ रहा है। यह सनबर्न को दूर करने से लेकर घावों तक को ठीक करने वाले उत्पादों में एलोवेरा को प्रयोग में लाया जाता रहा है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं इससे सेहत को होने वाले फायदों के बारे में। जी दरअसल इससे सेहत को कई लाभ होते हैं और आज हम आपको उन्ही लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं।


टाइप-2 डायबिटीज में लाभदायक-
एलोवेरा जूस का सेवन करना डायबिटीज रोगियों के लिए विशेष लाभदायक हो सकता है। जी दरअसल इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फाइटोथेरेपी एंड फाइटोफार्मेसी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन दो बड़े चम्मच एलोवेरा जूस पीने से टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित बना रह सकता है। जी हाँ, यानी यह माना जा सकता है कि एलोवेरा मधुमेह का संभावित इलाज या नियंत्रक है। हालाँकि जो लोग ग्लूकोज कम करने वाली दवाएं पहले से लेते हैं, उन्हें एलोवेरा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।


कम कर सकता है स्तन कैंसर का खतरा

बहुत कम लोग जानते हैं कि एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि एलोवेरा में एलो इमोडिन नामक यौगिक पाया जाता है। जी हाँ और यह स्तन कैंसर के विकास को धीमा करने की क्षमता रखता है। एलोवेरा जूस का नियमित रूप से सेवन करना आपको इस कैंसर के जोखिम से बचाने में सहायक हो सकता है। हालाँकि इस सिद्धांत की पुष्टि के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है जो अब तक हुआ नहीं है। ऐसे में यह पूरी तरह कारगर है या नहीं कहा नहीं जा सकता।
 

गर्मियों में जरूर पिएं नारियल पानी, मिलेंगे जबरदस्त फायदे...

गर्मियों में जरूर पिएं नारियल पानी, मिलेंगे जबरदस्त फायदे...

चिलचिलाती धूप और लू में बॉडी का ठंडा रहना जरूरी है, इस मौसम में कई रसीले फल और जूस मिलता जो बॉडी के लिए फायदेमंद होते हैं. एक फल है है नारियल, जिसका पानी गर्मीयों में बहुत राहत देता है. यह पानी हरे व कच्चे नारियल के अंदर पाया जाता है. नारियल पानी काफी पोष्टिक होता है. इसमें कैलशियम, मैग्नीशियम, फौस्फोरस, सोडियम अच्छी मात्रा में होता है. बता दें कि इस फल में 94 प्रतिशत पानी पाया जाता है और बहुत कम मात्रा में फैट होता है. ज्यादातर ये समुद्री तट में मिलता है. आज हम बात करेंगे नारियल पानी के फायदो के बारे में.
एनर्जी बूस्ट होगी


बढ़ती गर्मी के कारण बॉडी में एनर्जी का लेवल कम हो जाता है ऐसे में नारियल पानी एनर्जी को बूस्ट करने में फायदेमंद साबित होता है. साथ ही ये इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है.


इंसुलिन का भी करता है काम

साथ ही बॉडी में शुगर को भी कंट्रोल में रखता है, डायबिटीज की समस्या इंसुलिन के कमी की वजह से होती है जिसमें नारियल पानी इंसुलिन की मात्रा को बॉडी में बढ़ाता है.


किडनी के लिए भी फायदेमंद
किडनी जैसे रोग के लिए काफी लाभकारी है, इसके सेवन से पथरी के क्रिसटल को कम करने का काम करती है और यूरीन के जरीए किडनी से पथरी को निकाल देता है.


त्वचा को निखारने में उपयोगी

त्वचा को हाइड्रेटड रखना काफी जरूरी है, ऐसे में नारियल का पानी बहुत असरदार होता है, यह पानी पीने और साथ ही चहरे को पानी से धोने से फेस पर होने वाले किल, मुहासे से छुटकारा मिलता है.
 

जल्दी से जल्दी वजन कैसे कम करें? काम आएंगे ये टिप्स...

जल्दी से जल्दी वजन कैसे कम करें? काम आएंगे ये टिप्स...

बदलती लाइफस्टाइल और खराब खान-पान के चलते अधिकतर लोगों को वजन बढऩे की शिकायत का सामना करना पड़ता है. इससे निपटने के लिए तमाम तरह के टिप्स अपना चुके लोगों को अपने रहन-सहन में बदलाव करना होगा, जिससे आपका वजन कंट्रोल में रह सके. तो आज हम आपके लिए ऐसे छोटे-छोटे टिप्स लेकर आए हैं, जिसे फॉलो करने के बाद आसानी सी जल्दी से जल्दी वजन कम होने लगेगा.

रोज सुबह पिएं एक गिलास पानी
माना जाता है कि अगर आप रोज सुबह खाली पेट 1-2 गिलास पानी पिएंगे तो इससे आपका पेट फिट रहेगा और पाचन शक्ति भी मजबूत होगी. इसको नियामित तौर पर करने से वजन भी कंट्रोल में रहेगा. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऐसा करने से मेटॉबॉल्जिम भी बढ़ता है, जिससे आपका वजन नहीं बढ़ता है.

खाने से आधे घंटे पहले पेट भर पानी पिएं
इसके अलावा आप खाने से आधा घंटा पहले पेट भर के पानी पी सकते हैं. इससे आपको फायदा मिलेगा. दरअसल, ऐसा करने से आपको अधिक भोजन खाने का मन नहीं करेगा और आप अपका वजन कंट्रोल में आ जाएगा. हालांकि, कमजोरी न आए, इसलिए आप अपनी डाइट में ड्राई फ्रूट्स को भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.

इन चीजों को खाने से बचें
- इसके अलावा ज्यादा ऑयली चीजें जैसे- बर्गर, पिज्जा खाने से बचें. इससे न सिर्फ आपका वजन बढ़ता है बल्कि कई प्रकार की समस्याएं भी आपके घरेने लगती हैं.
- शुगर युक्त चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए, क्योंकि इससे भी आपका वजन बढ़ सकता है. ऐसे में आपको सीमित मात्रा में शुगर का सेवन करना चाहिए.
- जो लोग एक्सरसाइज नहीं करते हैं, उन्हें आज से ही अपनी खराब आदतों को बदलना होगा, ताकी किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो.

 

अनेक बिमारियों व संक्रमण के खिलाफ बेहद कारगर है क्वीन ऑफ हर्ब्स तुलसी...

अनेक बिमारियों व संक्रमण के खिलाफ बेहद कारगर है क्वीन ऑफ हर्ब्स तुलसी...

रायपुर : भारत के अधिकांश घरों में प्रायः तुलसी का पौधा देखा जा सकता है। तुलसी न केवल अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि हिन्दू धर्म में इसका विशेष धार्मिक महत्व भी है। वेद और पुराणों में भी तुलसी के औषधीय गुणों का उल्लेख है। इसे दैनिक जीवन में अहम स्थान मिला हुआ है। धार्मिक महत्व से इतर भी तुलसी एक लाभदायक पौधा है जो हमारे शरीर को कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है।

तुलसी में बहुत से रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। इसलिए इसे ‘क्वीन ऑफ हर्ब्स’ कहा जाता है। तुलसी का उपयोग होम्योपैथी, एलोपैथी और यूनानी पद्धति की दवाईओं में भी होता है। तुलसी में इतने अलग-अलग प्रकार के रसायन होते हैं कि इसका इस्तेमाल अनेक बीमारियों के इलाज में किया जाता है। तुलसी का उपयोग दिल की बीमारियों से लेकर खराश और बुखार जैसी बीमारियों में भी किया जाता है। कई दवाइयों में तुलसी के पौधे से मिलने वाले रस का प्रयोग होता है। यह हमारे पर्यावरण को भी शुद्ध करता है।

दुनिया भर में दस से ज्यादा प्रकार के तुलसी के पौधे पाए जाते हैं। इनमें से सात से अधिक केवल भारत में पाए जाते हैं। तुलसी का वानस्पतिक नाम ‘‘ओसीमम् सेंक्टमऔर’’ तथा कुल का नाम “लैमिएसी” है। इसका पौधा एक से तीन फीट लंबा होता है जो झाड़ीनुमा प्रतीत होता है। तुलसी के पत्ते एक से दो इंच लंबे होते हैं। इसके पौधे की उम्र एक से दो साल की होती है। तुलसी के बीज और पत्तियों के चूर्ण में भी औषधीय गुण होता है।

शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि तुलसी की पत्तियों में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने तथा रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियों, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण इत्यादि में बहुत फायदेमंद है। तुलसी के बीजों में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक शामिल होते हैं जो कि मानव के शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारते हैं। तुलसी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाती है।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि सर्दी-जुकाम होने पर या मौसम में बदलाव होने पर अक्सर गले में खराश या गला बैठ जाने जैसी समस्याएं होने लगती है। तुलसी की पत्तियां गले से जुड़े विकारों को दूर करने में बहुत ही लाभप्रद है। गले की समस्याओं से आराम पाने के लिए तुलसी के रस को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर उससे कुल्ला करें। इसके अलावा तुलसी रस-युक्त जल में हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करने से भी मुख, दांत तथा गले के विकार दूर होते हैं।

ज्यादा काम करने या अधिक तनाव में होने पर सिरदर्द होना आम बात है। सिर दर्द होने पर तुलसी के तेल की एक-दो बूंदें नाक में डालें। इस तेल को नाक में डालने से पुराने सिर दर्द और सिर से जुड़े अन्य रोगों में आराम मिलता है। दिमाग के लिए भी तुलसी अच्छा काम करता है। इसके रोजाना सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और याददाश्त तेज होती है। इसके लिए रोजाना तुलसी की 4-5 पत्तियों को पानी के साथ निगलकर खाएं।

त्वचा संबंधी समस्या में नीबू रस के साथ तुलसी की पांच बूंद डालकर प्रयोग करने से लाभ होता है। तुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है। यह खून को साफकर शरीर को चमकीला बनाती है। तुलसी का औषधि के रूप में उपयोग चिकित्सीय परामर्श और देखरेख में किया जाना चाहिए। 

क्या कोरोना की तरह ही डराएगा मंकी पॉक्स! WHO के बयान से बढ़ी घबराहट

क्या कोरोना की तरह ही डराएगा मंकी पॉक्स! WHO के बयान से बढ़ी घबराहट

कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और दुनिया के कई देशों में मंकी पॉक्स ने सनसनी फैला दी है। यूरोपीय संघ की रोग एजेंसी का कहना है कि 20 देशों में फैल चुके मंकी पॉक्स के अभी तक 219 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के बयान से यूरोपीय देशों की धड़कन और बढ़ गई है क्योंकि संगठन ने चेताया है कि आने वाले दिनों में इसके मामले और बढ़ सकते हैं। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कह चुके हैं कि कोरोना महामारी की तरह मंकी पॉक्स महामारी साबित नहीं होगा। लेकिन WHO ने इस मामले में चुप्पी साधी हुई है।
1970 को सबसे पहले मंकी पॉक्स का दुनिया में पहला मानव मामला आया है। आम बोलचाल की भाषा में चेचक और मंकी पॉक्स चचेरे भाई हैं। इस साल एक बार फिर मंकी पॉक्स ने यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में दस्तक दे दी है। यह अभी तक पश्चिमी और मध्य अफ्रीका के 11 देशों समेत 20 देशों में पैर पसार चुका है। इस वक्त भारत के लिहाज से इसकी अच्छी बात यह है कि देश में इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है।
कोरोना की तरह महामारी फैलाएगा मंकी पॉक्स
साल 2020 में दुनिया ने पहली बार कोरोना महामारी का नाम सुना और एक ही साल के भीतर यह पूरी दुनिया में महामारी बनकर उभरा। करोड़ों की संख्या में लोगों को मार चुका कोरोना अभी तक पूरी तरह दुनिया से खत्म नहीं हुआ है। इस बीच मंकी पॉक्स की दस्तक के साथ ही दुनिया के सामने एक और परेशानी खड़ी हो गई है। मंकी पॉक्स अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में भी पैर पसार चुका है। हालांकि अमेरिका स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि इस बीमारी के महामारी होने की आशंका बेहद कम है क्योंकि यह कोरोना जितना संक्रामक नहीं है।
भारत में एक भी केस नहीं, पर नजर चौकस
आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ अपर्णा मुखर्जी ने कहा भारत इस संक्रमण के लिए तैयार है, क्योंकि यह यूरोप, अमेरिका और अन्य नॉन-इंडेमिक देशों में तेजी से फैल रहा है। हालांकि, भारत में अब तक कोई मामला रिपोर्ट नहीं किया गया है।'
असामान्य लक्षणों पर कड़ी नजर
अपर्णा मुखर्जी ने असामान्य लक्षणों पर कड़ी नजर रखने पर जोर दिया, खासकर उन लोगों के लिए जिनका मंकी पॉक्स प्रभावित देशों से यात्रा का इतिहास है। डॉ मुखर्जी ने कहा, हमें तेज बुखार, बड़े लिम्फ नोड्स, शरीर में दर्द, चकत्ते आदि जैसे असामान्य लक्षणों पर नजर रखना चाहिए, खासकर वो लोग जो मंकी पॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा किए हैं।
संक्रमण से बचने के उपाय?
डॉ मुखर्जी ने कहा कि जिन लोगों में लक्षण दिखते हैं, वे या तो उनमें से निकलने वाले तरल पदार्थ के जरिए सैंपलों का टेस्ट करवा सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी इन वायरसों की टेस्टिंग के लिए रजिस्टर्ड लैंब हैं। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए और उन लोगों के साथ क्लोज कॉन्टैक्ट से बचना चाहिए जो पहले में मंकी पॉक्स से संक्रमित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर मंकी पॉक्स का संक्रमण बहुत निकट संपर्क होने से फैलता है। इसके लिए निर्धारित दिशानिर्देश हैं जिसे पहले ही प्रकाशित किया जा चुका है।
 

सोर्स: इंडिया.कॉम

रोजाना रात को सोने से पहले करें ये ब्रीथिंग एक्सरसाइज, आएगी बेहतर नींद...

रोजाना रात को सोने से पहले करें ये ब्रीथिंग एक्सरसाइज, आएगी बेहतर नींद...

नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चैन की नींद सोने से शरीर तरोताजा महसूस करता है और इससे कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। इसके विपरीत अगर किसी कारणवश नींद ठीक से पूरी न हो पाए तो शरीर कई बीमारियों से घिर सकता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी ब्रीथिंग एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं, जिन्हें रात को सोने से पहले कुछ मिनट करने से आपको बेहतर नींद मिल सकती है।

लिप ब्रीथिंग एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज को अगर आप रात को सोने से पहले कुछ मिनट अपने बिस्तर पर किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठकर करते हैं तो यकीनन यह जल्दी असर करेगी और आपको बेहतर नींद आएगी। लिप ब्रीथिंग करने के लिए नाक से सामान्य तरीके से सांस लें। इसके बाद होंठों से सांस को इस तरह धीरे-धीरे छोड़ें जैसे केक पर लगी मोमबत्तियों को बुझाने के लिए फूंक मारी जाती है। इस क्रम को आप पांच से छह बार दोहरा सकते हैं।

डायाफ्रामिक ब्रीथिंग
इस एक्सरसाइज के लिए किसी समतल और शांत जगह पर सीधे बैठ जाएं या फिर बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपना एक हाथ सीने पर और दूसरा पेट पर रखें। इसके बाद नाक से सामान्य तरीके से ऐसे सांस लें कि पेट ज्यादा से ज्यादा अंदर की ओर सिकुड़े और फिर धीरे-धीरे नाक से सांस छोड़ें। इस एक्सरसाइज को एक से दो मिनट दोहराने के बाद सामान्य हो जाएं।

4-7-8 ब्रीथिंग एक्सरसाइज
इस ब्रीथिंग एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले अपने बिस्तरे पर बैठें या लेटें। इसके बाद अपने मुंह से सांस छोड़ते हुए एक तेज ध्वनी के साथ आवाज निकालें, फिर मुंह बंद करें और नाक से सांस को अंदर लेते हुए मन ही मन चार तक की गिनती पूरी करें। अब सात सेकंड तक सांस रोककर रखें और फिर से इसे मुंह खोलकर सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को चार बार दोहराएं।

भ्रामरी ब्रीथ एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज के लिए सबसे पहले अपने बिस्तरे पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें। अब हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। अब मुंह बंद करके नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे आंखे खोलें और एक्सरसाइज को छोड़ दें।
 

गर्मियों के दौरान रूखी त्वचा का ख्याल रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स...

गर्मियों के दौरान रूखी त्वचा का ख्याल रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स...

गर्मी का मौसम किसी भी त्वचा के प्रकार के लिए सही नहीं है, फिर चाहें वह तैलीय त्वचा हो या रूखी त्वचा। गर्मियों के दौरान चलने वाली गर्म हवा त्वचा को शुष्क, कमजोर और परतदार बना सकती है। वहीं, पसीने के कारण त्वचा पर मुंहासें जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देते हैं, जिन्हें अपनाकर आप गर्मियों के दौरान अपनी रूखी त्वचा का बेहतर तरीके से ध्यान रख सकते हैं।


अपनी त्वचा को हमेशा मॉइश्चराइज करें
मॉइश्चराइजिंग स्किन केयर रूटीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फिर चाहें मौसम गर्मी का हो या कोई और, इसका पालन करना बेहद ही जरूरी हो जाता है ताकि गर्मियों के दौरान त्वचा को रूखेपन की समस्या का सामना न करना पड़े। आप चाहें तो त्वचा को मॉइश्चराइजिंग करने के लिए केमिकल युक्त क्रीम और लोशन की बजाय घी, जैतून का तेल और नारियल का तेल जैसे प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।


एक्सफोलिएशन और हाइड्रेटिंग मास्क है जरूरी
मॉइश्चराइजिंग के साथ समय-समय पर त्वचा को एक्सफोलिएट करना जरूरी है क्योंकि इसकी मदद से रूखी परतदार त्वचा और डेड स्किन सेल्स से छुटकारा मिलता है। एक्सफोलिएशन भले ही आप घर पर बने स्क्रब से करें या फिर अपने लिए कोई माइल्ड स्क्रब क्रीम बाजार से ले आएं, लेकिन आपको हल्के हाथों से यह काम करना है। इसके अतिरिक्त, हफ्ते में दो बार हाइड्रेटिंग मास्क का इस्तेमाल भी जरूर करें।


सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना भी है महत्वपूर्ण

भले ही आपकी त्वचा किसी भी प्रकार की हो, आपके लिए सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। सनस्क्रीन त्वचा को हाइड्रेट करने के साथ ही सूरज की हानिकारक ङ्क किरणों से बचाकर रखने में काफी मदद कर सकती है, इसलिए रोजाना सीमित मात्रा में एक बार अपने चेहरे पर मेकअप करने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं। अगर आप घर से बाहर हैं तो अपने चेहरे पर हर दो से तीन घंटे बाद सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।


कम मेकअप करें
गर्मियों के दौरान आपको कम मेकअप करना चाहिए क्योंकि गर्मियों में हैवी मेकअप करने से चेहरे पर दाने या फिर खुजली की समस्या हो सकती है। इसके लिए आप चाहें तो एक मॉइश्चराइजर, एक कंसीलर और एक न्यूड शेड की लिपस्टिक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही क्रीम या बहुत अधिक चमकदार चीजों का इस्तेमाल न करें क्योंकि ऐसी चीजें आपको पसीने से तर कर देगीं।
 

सिर्फ 15 मिनट में पाए दाग-धब्बों रहित निखरी साफ त्वचा, चेहरे पर लगाएं ये स्ट्रॉबेरी फेस पैक....

सिर्फ 15 मिनट में पाए दाग-धब्बों रहित निखरी साफ त्वचा, चेहरे पर लगाएं ये स्ट्रॉबेरी फेस पैक....

दाग-धब्बों रहित और निखरी साफ त्वचा हर किसी को पसंद होती है। जिसके लिए हम तरह-तरह की क्रीम और रसायन युक्त उत्पादों को त्वचा पर लगाते है लेकिन अगर आप प्राकृतिक घरेलू उत्पादों में विश्वास रखते हैं, तो आज हम आपके लिए स्ट्रौबरी से बने कुछ घरेलू फेस मास्क लेकर आए हैं, जो कील-मुहांसों और एक्ने की समस्या को कम करने के साथ त्वचा में चमक भी ला सकता है।

स्ट्रॉबेरी सभी का मनपसंद फल होता है। सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ यह सौन्दर्य और त्वचा की देखभाल के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर स्ट्रॉबेरी त्वचा में कसाव के साथ-साथ मृत त्वचा को दूर कर दमकती स्किन देती है।
स्ट्रॉबेरी में सोडियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, शुगर और विटमिन्स के साथ आयरन, मैग्नीशियम और प्रोटीन भी होता है। स्ट्रॉबेरी में पाया जाने वाला सैलिसिलिक एसिड त्वचा की परत एपिडर्मिस को साफ करके रोम छिद्रों को खोलने का काम करता है। इसके अलावा यह त्वचा की नई कोशिकाओं के विकास में और विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म करने में कारगर हो सकता है। इसलिए स्ट्रौबरी फेस पैक के द्वारा एक्ने की समस्या में कमी की जा सकती है।

स्ट्रॉबेरी और फ्रेश क्रीम मास्क
सबसे पहले आप स्ट्रॉबेरी प्यूरी लें अब इसमें फ्रेश क्रीम (ड्राई स्किन के लिए) और दही (ऑयली त्वचा के लिए) के साथ एक चम्मच शहद मिला लें। आपका पैक तैयार है। तैयार पैक को अपने फेस पर लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद गुनगुने पानी से अपने चेहरे को साफ करे। यह आपकी त्वचा में मुंहासों को दूर कर स्किन पर चमक और निखार लाता है।

स्ट्रॉबेरी फेस मास्क
यह फेस मास्क सरल और आसान है। इसे तैयार करने के लिए बस आपको तीन या चार स्ट्रॉबेरी की प्यूरी तैयार करनी है। बिना किसी चीज को मिलाए इस प्यूरी को अपने फेस पर लगा ले। 15 मिनट के लिए इसे सूखने दे और फिर नार्मल पानी से इसे धो लें। और यह आपको पार्लर जैसी ताज़ा और चमकदार त्वचा देने में आपकी मदद करता है।

स्ट्रॉबेरी और चॉकलेट मास्क
स्ट्रॉबेरी को मसलकर पेस्ट तैयार करें। इसमें शहद और एक चम्मच कोको पाउड को मिलाए। तैयार पेस्ट 15 मिनट के लिए फेस पर लगाकर छोड़ दें। यह प्राकृतिक तरीके से मृत त्वचा की परत को उतारता है। एंटी-बैक्टीरियल गुण से युक्त शहद आपकी स्किन को मुलायम बनाता है। जबकि स्ट्रॉबेरी और कोको आपकी स्किन को चमकाने का काम करते हैं। त्वचा सॉफ्ट और ग्लोइंग बनेगी।

स्ट्रॉबेरी और नींबू मास्क
त्वचा को चमकाने के लिए स्ट्रॉबेरी और नींबू से बना मास्क लगाएं। यह आपकी स्किन से टैन को दूर कर स्किन की रंगत को निखारने का काम करता है। इसके लिए स्ट्रॉबेरी पेस्ट में एक चम्मच नींबू के रस को मिलाए। अपने फेस पर इस मास्क को लगाएं। 10 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरे को साफ कर लें।

स्ट्रॉबेरी और दलिया
4-5 स्ट्रॉबेरी और एक चम्मच दलिया मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाकर हलके हाथों से मसाज करें। कुछ ही दिनों में त्वचा ग्लो करने लगेगी।

स्ट्रॉबेरी और एलोवेरा
5-6 स्ट्रॉबेरी में एक चम्मच एलोवेरा जेल मिलाकर लगाएं। पिम्पल्स के कारण होने वाले दाग-धब्बे ठीक हो जाएंगे।

गुलाबी होंठ
होंठों पर मैश स्ट्रॉबेरी लगाकर कुछ देर छोड़ दे। रोजाना ऐसा करने से होंठ गुलाबी बने रहेंगे।
 

अंगूर खाने से फुर्तीला रहता है शरीर, जानिए इसके अनोखे फायदे...

अंगूर खाने से फुर्तीला रहता है शरीर, जानिए इसके अनोखे फायदे...

अंगूर सारे भारत में आसानी से उपलब्ध फल है। वहीं कई लोगों के पसंदीदा फलों में भी इसका नाम शामिल है। जी दरअसल इसमें विटामिन-सी तथा ग्लूकोज पयाप्त मात्रा में पाया जाता है और यह शरीर में खून की वृद्धि करता है और कमजोरी दूर करता है। जी हाँ और यही कारण है कि डॉक्टर लोग मरीजों को फलों में अंगूर भी खाने की सलाह देते हैं। आपको बता दें कि प्रत्येक 100 ग्राम अंगूर में लगभग 85.5 ग्राम पानी, 10.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 0.8 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम वसा, 0.03 ग्राम कैल्शियम, 0.02 ग्राम फास्फोरस, 0.4 मिलीग्राम आयरन, 50 मिलीग्राम विटामिन-बी, 10 मिलीग्राम विटामिन-सी, 8.4 मिलीग्राम विटामिन-पी, 15 यूनिट विटामिन-ए, 100 से 600 मिलीग्राम टैनिन, 0.41-0.72 ग्राम टार्टरिक अम्ल पाया जाता है।


जी हाँ और इसके अतिरिक्त सोडियम क्लोरॉइड, पोटेशियम क्लोरॉइड, पोटेशियम सल्फेट, मैग्निशियम तथा एल्युमिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व भी इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। अंगूर में पाई जाने वाली शर्करा पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है, जो कुछ किस्मों में 11 से 12 प्रतिशत तक होती है और कुछ में 50 प्रतिशत। जी दरअसल यह शर्करा शरीर में पहुंचकर एनर्जी प्रदान करती है। आपको बता दें कि अंगूर का सेवन थकान को दूर कर शरीर को चुस्त-फुर्त व मजबूत बनाता है। अब हम बताते हैं अंगूर के फायदे।


* अंगूर में क्षारीय तत्व बढ़ाने की अच्छी क्षमता के कारण ही शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता, मोटापा, जोड़ों का दर्द, रक्त का थक्का जमना, दमा, नाड़ी की समस्या व त्वचा पर लाल चकत्ते उभरने आदि स्थितियों में इसका सेवन लाभकारी होता है।


* अंगूर का सेवन, आंत, लीवर व पचान संबंधी अन्य रोगों, मुंह में कड़वापन रहना, खून की उल्टी होना, गुर्दे की कार्यक्षमता में कमी, कब्जियत, मूत्र की बामारी, अतिसार कृमि रोग, टीबी (क्षय रोग), अम्ल-पित्त, गुल्म रोग (गांठ) और ग्रहणी आदि रोगों में विशेष लाभकारी होता है।
* अगर किसी ने धतूरा खा लिया हो, तो उसे अंगूर का सिरका दूध में मिलाकर पिलाने से काफी लाभ होता है। अंगूर मियादी बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन की गड़बड़ी आदि में असरदार है।


* अंगूर में एक विशेष गुण यह भी पाया जाता है कि यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देता है।
* अंगूर के रस को कलई के बर्तन में पकाकर गाढ़ा करके सोते समय आंखों में लगाने से जाला, फूला आदि नेत्र रोगों दूर हो जाते हैं।
* जिन महिलाओं को पर्याप्त दूध न उतरता हो, उनके लिए भी इसका सेवन फायदेमंद है।

बच्चों में गर्मी से होने वाली बीमारियों से रहे सावधान..

बच्चों में गर्मी से होने वाली बीमारियों से रहे सावधान..

रायगढ़ : जिले का तापमान बीते दो सप्ताह से लगातार बदल रहा है। हालांकि गर्मी में कमी नहीं आई है पर बीच-बीच मे हुई बारिश ने उमस को बढ़ा दिया है। बुधवार से नौतपे की भी शुरुआत हो गई है। यानी मौसम में अभी लगातार बदलाव होंगे। इसी के कारण मौसम संबंधित बीमारियों के बढ़ने की संभावना है। छोटे बच्चों में उल्टी-दस्त और बुखार की शिकायत ज्यादा आ रही है। जिला चिकित्सालय के बाल रोग विभाग में ऐसे बच्चों की तादाद ओपीडी में बढ़ी है।

विदित हो कि बच्चों को बाहर का खाना बेहद पसंद होता है। बाहर के खाने से होने वाली बीमारियां गर्मियों के मौसम में आम हो जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मी में खाना आसानी से ख़राब हो जाता है। संक्रमित और अस्वच्छ खाना खाने से दस्त और उल्टियां शुरू हो सकती है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यहां तक कि घर पर बने खाने को भी पुराना करके न खाने की सलाह डॉक्टर देते हैं। इसी तरह बच्चों को खुले मैदान या बाहर खेलना पसंद होता है। जिससे गर्म मौसम में उन्हें लू लग सकती है। हाइपरथर्मिया एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर का तापमान असामान्य रूप से ऊंचा हो जाता है, यह संकेत देता है कि यह पर्यावरण से आने वाली गर्मी को नियंत्रित नहीं कर सकता है। गर्मी से थकावट और हीट स्ट्रोक चिकित्सा आपात स्थिति हैं जो हाइपरथर्मिया के अंतर्गत आती हैं। हाइपरथर्मिया से पीड़ित बच्चा सिर दर्द, बेहोशी, चक्कर आना, ज़्यादा पसीना आना, अकड़न जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकता है।

इस बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ ताराचंद पटेल बताते हैं: “जैसे ही मौसम बदलता है बच्चों की तबियत बिगड़नी शुरू हो जाती है। अभी गर्मी का मौसम गया नहीं है, उमस के कारण दस्त-उल्टी और बुखार से पीड़ित बच्चे ही आ रहे हैं। लेकिन जैसे ही तापमान बढ़ेगा वैसे तेज़ बुखार के लक्षण बच्चों में अधिक होंगे। पालक बच्चों को लू और अचानक तापमान परिवर्तन से बचाएं। पानीयुक्त खाद्य पदार्थ, जूस, सलाद बच्चों के खाने में शामिल करें। बच्चे को भीषण गर्मी से बचाने के लिए उस समय बाहर न भेजें, जब गर्मी चरम पर होती है। शाम होने के साथ बच्चे को बाहर खेलने भेजा जा सकता है।

बच्चों को एलर्जी से बचाएं : डॉ ताराचंद पटेल
डॉ ताराचंद पटेल आगे बताते हैं: ” यह साल का वह समय है जब सूक्ष्मकण व परागकण हवा में मौजूद होते हैं। जिन बच्चों को एलर्जी है उनके लिए गर्मी और उमस स्थिति को और गंभीर बना देती है। अगर बच्चे में थकावट, घरघराहट, सांस लेते समय सीटी की आवाज़, खांसी, सांस फूलने जैसे लक्षण नज़र आएं, तो उन्हें नज़रअंदाज़ न करें, क्योंकि हवा की आवाजाही में कमी धूल और मोल्ड जैसे प्रदूषकों को वायुमार्ग में फंसा सकती है। अस्थमा अटैक को रोकने या खराब होने से बचाने के लिए, बच्चे के पास होने पर किसी को भी धूम्रपान न करने दें, घरों को धूल रहित और धूल-मिट्टी से मुक्त रखें।

मास्क लगाना होगा फायदेमंद
कोविड-19 महामारी ने सभी लोगों को मास्क पहनना सिखा दिया है। यह एक ऐसी आदत है जिसे महामारी के बाद भी जारी रखना फायदेमंद होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इंफ्लूएंज़ा वायरस भी कोरोना वायरस की तरह ही फैलता है। आमतौर पर फ्लू सर्दियों में मौसम में ज़्यादा देखा जाता है, लेकिन यह गर्मी और मौसम बदलने पर भी हो सकता है। इससे बुखार के साथ खांसी और सर्दी हो सकती है। इसलिए हाथों के सफाई और शारीरिक दूरी बनाएं।

 

गर्मी में संतरे का जूस पीने से सेहत में होने वाले फायदों के बारे में जानिए

गर्मी में संतरे का जूस पीने से सेहत में होने वाले फायदों के बारे में जानिए

गर्मी के मौसम में स्वस्थ और सेहतमंद रहने के लिए आप संतरे का सेवन करे संतरे खाना ज्यादातर लोगो को पसंद है ये काफी टेस्टी और पौष्टिक होते है इनका सेवन करने से शरीर से जुडी कई समस्या दूर होती है संतरे में कई पोषक तत्व पाए जाते है इसमें विटामिन,आयरन ,कैल्शियम मौजूद होता है इसे खाने से शरीर में अलग अलग लाभ होते है इस मौसम में आप संतरे का जूस का सेवन करे इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है तो चलिए जानते है संतरे का जूस पिने से होने वाले इन फायदों के बारे में


संतरे का जूस पीने से सेहत में कई लाभ होते है इसमें विटामिन ज्यादा पाया जाता है और एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद है ऐसे में इसका सेवन करने से त्वचा की चमक बढ़ती है इससे त्वचा से जुडी समस्या दूर होती है और चेहरे पर दाग धब्बे दूर होते है और संतरे का जूस पीने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है इससे शरीर कई बीमारियों से बचा रहता है।


जिन लोगो हार्ट से जुडी समस्या रहती है उन लोगो को संतरे का जूस पीना चाहिए संतरे का जूस पिने से दिल स्वस्थ रहता है इससे दिल से जुडी समस्या दूर होती है अगर आपका वजन बढ़ गया है तो ऐसे में आप संतरे के जूस का सेवन करे इससे वजन जल्दी कम होता है और शरीर में होने वाली सूजन से आराम मिलता है।
 

घर पर आसानी से बनाया जा सकता है डियोड्रेंट, जानिए तरीके...

घर पर आसानी से बनाया जा सकता है डियोड्रेंट, जानिए तरीके...

गर्मियों में पसीने की बदबू और चिपचिपाहट से बचाने में डियोड्रेंट काफी मदद कर सकता है, लेकिन मार्केट की बजाय घर पर ही इसे बनाकर इस्तेमाल करें। दरअसल, मार्केट में मौजूद अधिकतर डियोड्रेंट केमिकल्स से युक्त होते हैं, जिनके इस्तेमाल से त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। आइए आज हम आपको पांच तरह के डियोड्रेंट बनाने के तरीके बताते हैं, जिनका इस्तेमाल न सिर्फ काफी असरदार है बल्कि त्वचा के लिए सुरक्षित भी है।

बेकिंग सोडा और कॉर्नस्टार्च डियोड्रेंट
बेकिंग सोडा और कॉर्नस्टार्च से बना डियोड्रेंट पसीने को जल्दी सोखने और गंध पैदा करने वाले कीटाणुओं को खत्म करने में सहायक है। सबसे अच्छी बात यह है कि ये दोनों सामग्रियां किसी भी किराने की दुकान से आसानी से मिल सकती है। डियोड्रेंट बनाने के लिए एक कंटेनर में छह चम्मच कॉर्नस्टार्च और एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं। ध्यान रखें कि इस मिश्रण में पानी नहीं मिलाना है। इसके बाद इस मिश्रण का इस्तेमाल अपनी कांख पर करें।

नारियल के तेल और क्लारी सेज एसेंशियल ऑयल का डियोड्रेंट
नारियल के तेल और क्लारी सेज एसेंशियल ऑयल से बना डियोड्रेंट संवेदनशील त्वचा के लिए सुरक्षित है और इसका इस्तेमाल आपको तरोताजा महसूस कराने में मदद करेगा। डियोड्रेंट बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में पानी गर्म करके उसके अंदर एक कटोरी रखें, फिर उसमें शिया बटर और नारियल का तेल मिलाएं। इसके बाद इसमें ग्रेपफ्रूट और क्लारी सेज एसेंशियल ऑयल और विटामिन-श्व ऑयल मिलाएं। अब गैस बंद करके इसे ठंडा होने दें और आपका डिओडोरेंट तैयार है।

लेमनग्रास डियोड्रेंट स्प्रे
लेमनग्रास की खुबियों से भरपूर डियोड्रेंट पसीने के कीटणुओं को दूर करके त्वचा को साफ और महकाने में मदद कर सकता है। डियोड्रेंट बनाने के लिए सबसे पहले एक स्प्रे बोतल में सेब का सिरका, लैवेंडर एसेंशियल ऑयल, लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल और टी ट्री एसेंशियल ऑयल मिलाएं, फिर इसमें डिस्टिल्ड वॉटर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। अब बोतल का ढक्कन लगाएं, फिर इस मिश्रण का इस्तेमाल बतौर डियोड्रेंट करें।

शिया बटर और कोकोआ बटर का डियोड्रेंट
डियोड्रेंट बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में पानी गर्म करके उसके अंदर एक कटोरी रखें, फिर उसमें शिया बटर और कोकोआ बटर समेत अपने पसंदीदा एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें डालें। जब शिया बटर और कोकोआ बटर पिघल जाए तो उसमें बेकिंग सोडा और अरारोट पाउडर मिलाएं। अब गैस बंद करके इस मिश्रण को 24 घंटे के लिए ढककर रख दें, फिर इसे फ्रिज में सेट होने के लिए रखें। इसके बाद आपका डियोड्रेंट तैयार हो जाएगा।

गुलाब जल और लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का डियोड्रेंट
गुलाब जल शरीर की दुर्गंध को दूर रखने में बेहद कारगर है और यह पसीने के उत्पादन को कम करने में भी मदद करता है, जबकि लैवेंडर एसेंशियल ऑयल में मौजूद गुण त्वचा को पोषण प्रदान करने के साथ इसे महकाने में सहायक है। डियोड्रेंट बनाने के लिए एक स्प्रे बोतल में ताजा गुलाब जल, सेब का सिरका, लैवेंडर एसेंशियल ऑयल और टी ट्री ऑयल मिलाएं। अब इसका इस्तेमाल बतौर डियोड्रेंट करें।