छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |
कभी ऐसे न करें विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल वरना खराब हो जाएगा चेहरा...

कभी ऐसे न करें विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल वरना खराब हो जाएगा चेहरा...

हर महिला, हर लड़की की ख्वाहिश होती है कि उसकी स्किन ग्लोइंग दिखे और वह लंबे समय तक जवान दिखती रहे। जी हाँ और इसके लिए अधिकतर महिलाएं स्किन केयर रूटीन फॉलो करती हैं। कई लडकियां और महिलाएं बाजार में मिलने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, जिन्हें काफी हद तक केमिकल्स से बनाया जाता है। इनकी तरफ से बेहतर निखार और शाइनी स्किन के लिए दावा किया जाता है, हालाँकि वह सब कुछ समय के लिए ही होता है। इस लिस्ट में विटामिन ई कैप्सूल भी शामिल है जिसे लोग लगाते हैं लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं इसे कैसे भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना है।
सीधे स्किन पर लगाना
कई लोग विटामिन ई कैप्सूल को सीधे चेहरे पर लगाने की गलती कर देते हैं। हालाँकि ऑयली स्किन वालों को ये तरीका बिल्कुल नहीं अपनाना चाहिए। जी दरअसल स्किन स्पेशलिस्ट के मुताबिक ऐसा करने से स्किन पर पिंपल्स निकल सकते हैं। आप इसे स्किन टाइप के हिसाब से दूसरे ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मिलाकर लगा सकते हैं।
ज्यादा देर लगाना
विटामिन ई कैप्सूल को कई चीजों के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाया जा सकता है, हालाँकि एलोवेरा जेल और इससे बेस्ट रिजल्ट पाए जा सकते हैं। इसके लिए आप इन दोनों इंग्रेडिएंट्स को लगाएं, लेकिन इसे ज्यादा देर तक स्किन पर लगाए न रखें। इससे स्किन पर कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, जिसमें ड्राईनेस का होना आम बात है।
फेसपैक
कई लोग फेस पैक के जरिए ग्लोइंग स्किन पाने के लिए इसमें विटामिन ई कैप्सूल जरूरत से ज्यादा मिला देते हैं। हालाँकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक बार के फेस पैक में एक कैप्सूल काफी होती है। लेकिन हां अगर आप बालों में इसका यूज कर रही हैं, तो दो कैप्सूल काम में ले सकती हैं।
गर्म करने की भूल
स्किन या हेयर केयर में किसी भी तरह का एक्सपेरिमेंट अच्छा नहीं माना जाता है। हालाँकि विटामिन ई कैप्सूल को गर्म करके लगाने से स्किन पर पिंपल्स या रैशेज की दिक्कत हो सकती है। ऐसा न करें।
 

च्विंगम चबाने से होते हैं लाजवाब फायदे...

च्विंगम चबाने से होते हैं लाजवाब फायदे...

अक्सर आपको लोग च्विंगम चबाते होंगे या आपको ऐसे लोग दिख जाते होंगे जो च्विंगम चबाते होंगे। जी दरअसल च्विंगम चबाने से मसूड़ों और सिर पर काफी प्रभाव पड़ता है। कई लोग खाली समय चुइंगम चबाना या किसी काम को करते वक्त चुइंगम चबाना पसंद करते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं च्विंगम चबाने के फायदे।
च्विंगम चबाने के फायदे
जी दरअसल लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार दोपहर का खाना खाने के बाद जो लोग च्विंगम चबाते हैं, उन्हें पूरे दिन भूख कम लगती है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा वह लोग अधिक कैलोरी वाले खाने-पीने के सामान को खाने से बचते हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश साइंसेज इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर एंड्रयू शोले का कहना है कि च्विंगम चबाने से शॉर्ट टर्म मेमोरी की समस्या में 35 प्रतिशत से अधिक का सुधार होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि च्विंगम चबाने के दौरान दिमाग में खून का प्रवाह भी अच्छे से होता है।

पाचन क्रिया भी बेहतर
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार च्विंगम चबाने से तनाव कम होता है। केवल यही नहीं बल्कि लोग इसे चबाने के समय घबराहट महसूस नहीं करते। जी दरअसल च्विंगम चबाने के दौरान मुंह में थूक अधिक आता है। यह डायजेस्टिव एसिड को पेट से मुंह में आने से रोकता है। जी हाँ और यही कारण है कि खाना आसानी से पच जाता है और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।

डबल चिन से रहत

कई लोग ओरल हेल्थ को लेकर भी बहुत परेशान रहते हैं। वहीं च्विंगम चबाने से दांतों की सडऩ व मुंह से बुरी दुर्गंध समाप्त हो जाती है। इसके अलावा ऊपर से दांत भी साफ रहते हैं। वहीं जिन लोगों को डबल चिन होती है यानि गले के पास मोटापा दिखने लगता है, उनके लिए चुइंगम चबाना एक्सरसाइज जैसा है।
 

घर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं फेस प्राइमर, जानिए पांच तरीके...

घर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं फेस प्राइमर, जानिए पांच तरीके...

फेस प्राइमर एक मेकअप प्रोडक्ट है, जो आपकी त्वचा और मेकअप के बीच एक सुरक्षित परत कायम करता है। यह चेहरे पर किए गए मेकअप को लंबे समय तक ठीक रखने और त्वचा को हाइड्रेट करने में भी काफी मदद कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप बिना पैसे खर्च किए फेस प्राइमर चाहते हैं तो आप इसे खुद ही घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए फिर आज पांच तरह के फेस प्राइमर बनाने के तरीके जानते हैं।

एलोवेरा और ग्लिसरीन से बनाए फेस प्राइमर
अगर आपकी त्वचा रूखे प्रकार है कि आपके लिए एलोवेरा और ग्लिसरीन से बना फेस प्राइमर इस्तेमाल करना लाभदायक साबित हो सकता है क्योंकि यह त्वचा को तरोताजा और हाइड्रेट बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके लिए सबसे पहले एक मेकअप कंटेनर में ताजा एलोवेरा जेल और ग्लिसरीन की बराबर मात्रा मिलाएं, फिर इसमें थोड़ा फेस सीरम मिलाएं और इस मिश्रण का इस्तेमाल बतौर फेस प्राइमर करें।

ग्लिसरीन, विच हेजल और टी ट्री ऑयल का फेस प्राइमर
यह फेस प्राइमर तैलीय प्रकार की त्वचा वालों के लिए परफेक्ट है क्योंकि टी ट्री ऑयल त्वचा के अतिरिक्त तैलीय उत्पादन को सोखने में मदद करता है और आपके चेहरे को चिकना होने से रोकता है, जबकि विच हेल ऑयल त्वचा को हाइड्रेट करता है। फेस प्राइमर बनाने के लिए सबसे पहले एक स्प्रे बोतल को डिस्टिल्ड वॉटर से भरें, फिर इसमें विच हेजल ऑयल, ग्लिसरीन और टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं। बस आपका फेस प्राइमर तैयार है।

अलसी और अरारोट पाउडर का फेस प्राइमर
यह फेस प्राइमर आपकी त्वचा को हाइड्रेट करने और प्राकृतिक चमक देने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह आपकी त्वचा के पीएच स्तर को भी संतुलित करता है और त्वचा की लोच में सुधार करता है। फेस प्राइमर बनाने के लिए अलसी के बीज को गर्म पानी में मिलाएं, फिर इसे ठंडा होने दें और पेस्ट को छान लें। अब इसमें थोड़ा अरारोट पाउडर मिलाकर इस मिश्रण को इस्तेमाल से पहले कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रखें।

गुलाब जल का फेस प्राइमर
गुलाब जल से बना फेस प्राइमर आपकी त्वचा को गुलाबी चमक देगा और आपके मेकअप को भी लंबे समय तक बनाए रखेगा। वहीं, इससे आपकी त्वचा को ठंडक और नमी मिलेगी। फेस प्राइमर बनाने के लिए एक स्प्रे बोतल को आधा ताजे गुलाब जल से भरें, फिर इसमें ग्लिसरीन और एलोवेरा जेल मिलाएं और जब भी आप मेकअप के दौरान फाउंडेशन लगाने वाले हो, उससे पहले इस प्राइमर का अपने चेहरे पर छिड़काव करें।

समुद्री नमक और नारियल के तेल का फेस प्राइमर
समुद्री नमक एक बेहतरीन एक्सफोलिएंट के रूप में कार्य करके आपकी त्वचा से कई तरह की अशुद्धियां खत्म कर सकता है और इसमें मौजूद खनिज आपकी त्वचा को कोमल और मुलायम बनाते हैं, जबकि नारियल का तेल त्वचा को मॉइश्चराइज करने में सहायक है। फेस प्राइमर बनाने के लिए एक स्प्रे बोतल में थोड़ा गर्म पानी, समुद्री नमक, एलोवेरा जेल, लैवेंडर का तेल और नारियल का तेल डालें और बोतल को अच्छी तरह हिलाएं, फिर इसका इस्तेमाल करें।

 

कई तरह के होते हैं फेस पाउडर, जानिए आपको कौन सा चुनना चाहिए...

कई तरह के होते हैं फेस पाउडर, जानिए आपको कौन सा चुनना चाहिए...

फेस पाउडर एक तरह का मेकअप प्रोडक्ट है, जिसका इस्तेमाल मेकअप को सेट करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसकी मदद से मुंहासों और महीन रेखाओं को भी छिपाने में मदद मिलती है। वैसे बाजार में पांच तरह के फेस पाउडर मौजूद हैं और अगर आपको नहीं पता कि इनमें से कौन-सा आपकी त्वचा के लिए बेहतरीन हैं तो परेशान न होइए। आइए जानते हैं कि किस तरह का फेस पाउडर आपकी त्वचा के लिए बेहतरीन है।

लूज पाउडर
लूज पाउडर आमतौर पर एक छोटे कंटेनर में आते हैं, जो हल्का कवरेज और प्राकृतिक फिनिश लुक देता है और आपके मेकअप को लंबे समय तक बरकरार रखने में मदद करता है। यह अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करने में मदद करता है और मेकअप को मैट और फ्रेश लुक देता है। अगर आपकी त्वचा तैलीय या फिर मिश्रित प्रकार की है तो आपके लिए लूज पाउडर का इस्तेमाल करना अच्छा है।

प्रेस्ड पाउडर
प्रेस्ड पाउडर आसानी से इस्तेमाल करने के लिए एक नरम स्पंज के साथ कॉम्पैक्ट के रूप में आते हैं। यह पाउडर लूज पाउडर की तुलना में अधिक पिगमेंटेड होते हैं। इनमें आमतौर पर मोम और सिलिकॉन जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो एक थोड़े ठोस रूप में बदल जाते हैं। प्रेस्ड पाउडर अच्छा कवरेज प्रदान करते हैं और बिना मेकअप बेस के भी आप इसका इस्तेमाल अपने चेहरे पर कर सकते हैं।

बनाना पाउडर
बनाना पाउडर मेकअप की दुनिया में नया है। यह एक पीले रंग का टोंड पाउडर है, जो अल्ट्रा-फाइन स्थिरता में आता है। यह आपके कंसीलर को सेट करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह त्वचा पर आई किसी भी तरह की लालिमा को ठीक करता है। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है, जिनके चेहरे पर दाग-धब्बे और काले घेरे हैं। यह त्वचा को एक अच्छी हाइलाइटिंग बनावट देगा और मेकअप को भी लंबे समय तक बनाए रखेगा।

मिनरल पाउडर
लूज और प्रेस्ड, दोनों रूपों में उपलब्ध मिनरल पाउडर छोटे सूक्ष्म कणों से बने होते हैं, जिनमें कोई सिंथेटिक तत्व नहीं होते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ये पाउडर चेहरे पर एक सुरक्षित परत बनाता है और एक अच्छा कवरेज प्रदान करता है। आजकल बाजार में मिनरल पाउडर हर तरह की त्वचा के लिए मौजूद है, इसलिए आप अपनी त्वचा के प्रकार और इसकी जरूरत के हिसाब से ही मिनरल पाउडर का चयन करें।

पाउडर फाउंडेशन
अगर आपकी त्वचा तैलीय प्रकार की है तो आपके लिए पाउडर फाउंडेशन का इस्तेमाल करना अच्छा है। इसका मुख्य कारण है कि यह कई घंटों तक चेहरे के अतिरिक्त तैलीय प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिस वजह से मेकअप के फैलने की संभावना काफी कम हो जाती है। वहीं, इससे आपको मैट फिनिश मेकअप लुक मिलता है। हालांकि, इसके लिए एक अच्छा गुणवत्ता वाला पाउडर फाउंडेशन ही खरीदें।
 

हाथों की ड्रायनेस दूर करेंगे, ये 4 हैंड स्क्रब्स...

हाथों की ड्रायनेस दूर करेंगे, ये 4 हैंड स्क्रब्स...

हाथ धोना एक अच्छी आदत है और कोरोना महामारी ने तो इस बात को और अच्छी तरह से समझा दिया है। बार-बार हाथ धोने से जर्म्स और बैक्टीरिया भले ही खत्म हो जाएं लेकिन इससे हाथ भी बहुत ज्यादा रूखे हो जाते हैं। जिससे बहुत इरीटेशन होती है। तो हाथों की ड्रायनेस दूर करने से लेकर उनकी गहराई से सफाई और नमी बनाए रखने के लिए इन हैंड स्क्रब्स का करें इस्तेमाल।
1. नींबू और चीनी
नींबू और चीनी के स्क्रब के फायदे कई मायनों में अद्भुत हैं। नींबू में विटामिन सी का एक प्राकृतिक स्त्रोत है। चीनी एक प्राकृतिक एक्सफोलिएटर है जो डेड स्किन सेल्स को आसानी से हटा देता है।
पैक बनाने के लिए सामग्री
85 ग्राम चीनी, 32 ग्राम नारियल या जैतून का तेल, 1 नींबू का रस
विधि
*एक कटोरी में चीनी और नींबू का रस मिलाएं।
*इस मिश्रण को हाथों पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करते हुए रगड़ें।
*अब पानी से धोकर हैंड क्रीम लगाएं।

2. एवॉकाडो हैंड मास्क
एवॉकाडो बायोटिन का स्त्रोत है, जो शुष्क त्वचा और नाखूनों को नर्म बनाने में मदद करता है। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो हाइड्रेट और एक्सफोलिएट करता है जबकि ऑलिव ऑयल कंडिशनिंग करता है।
पैक बनाने के लिए सामग्री
1 पका हुआ एवॉकाडो, 2 टेबलस्पून रॉ शहद, 1 टेबलस्पून जैतून का तेल, 2 टीस्पून दही
विधि
*एक ब्लेंडर में सारी चीज़ों को ब्लेंड कर लें।
*इस मिश्रण को हाथों पर लगाएं। इस पैक को लगाने के बाद 10-20 मिनट के लिए ग्लव्स पहनकर छोड़ दें। धो लें और फिर हैंड क्रीम लगाएं।

3. दलिया और एलोवेरा
दलिया, नारियल तेल और एलोवेरा जेल का मिश्रण त्वचा के लिए एक मॉयस्चराइजिंग के तौर पर काम करता है। इसे हाथों के लिए बेस्ट एक्सफोलिएटर माना जाता है।
पैक बनाने के लिए सामग्री
ग्राम दलिया, ग्राम मोटा समुद्री नमक, ग्राम नारियल तेल, टेबलस्पून एलोवेरा जेल
विधि
*एक बोल में सारी चीज़ें मिलाएं।
*हाथों पर लगाएं और 2-3 मिनट के लिए सर्कुलर मोशन में धीरे से स्क्रबिंग करें।
*नॉर्मल पानी से धो लें और फिर मॉयस्चराइजर लगा लें

4. कोकोनट ऑयल
नारियल का तेल अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, जो त्वचा के प्राकृतिक पीएच स्तर को सुधारने में सहायक होता है। इसके रोजाना इस्तेमाल का असर आपको कुछ ही समय में नजर आने लगेगा।
पैक बनाने के लिए सामग्री
1 चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल, 1 टेबलस्पून नारियल का बुरादा
विधि
*तेल में नारियल का बुरादा मिलाकर हाथों और क्यूटिकल्स पर रगड़ें।
*लगाने के बाद हाथों को तौलिए या किसी कपड़े से लपेट लें और पांच मिनट रखें।
*फिर हैंड वॉश कर लें और क्रीम लगा लें।

सुबह के समय चलाएं साइकिल, जानें क्या है इसके फायदे...

सुबह के समय चलाएं साइकिल, जानें क्या है इसके फायदे...

स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कुछ लोग फिट रहने के लिए व्यायाम की बजाय साइकिल जैसी एक्टिविटी करते हैं।
आपने भी अपने जीवन में कभी न कभी साइकिल जरूर चलाई होगी और आप यह भी जानते हैं कि यह एक अच्छा व्यायाम है। लेकिन साइकिल चलाने से मिलने वाले लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीका होना बेहद जरूरी है। आज विश्व साइकिल दिवस के मौके पर हम साइकिल चलाने का सही तरीका और उससे मिलने वाले फायदों के बारे में जानेंगे।

साइकिल चलाने का सही तरीका
1. धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं-
साइकिल चलाना शुरू करते हुए उसे दौड़ाना शुरू न करें बल्कि धीरे-धीरे उसकी तीव्रता को बढ़ाएं। कम से कम 200 से 300 मीटर की दूरी तक रिलैक्स होकर साइकिल चलाएं।

2. दोनों पैरों की पोजीशन का ध्यान रखें-
यह ध्यान रखें कि आपके दोनों पैर पैडल पर समान पोजीशन पर ही रखे गए हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पैडल पर पैर का पंजा या एड़ी न रखें। बल्कि पंजे से ठीक पिछला हिस्सा पैडल पर रखें

3. आगे की तरफ न झुकें-
साइकिल चलाते समय आगे की तरफ झुकने की कोशिश न करें बल्कि यह ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ की हड्डी में ज्यादा मोड़ तो नहीं आया है। हालांकि, आप थोड़ा सा आगे की तरफ मुड़ सकते हैं, लेकिन पूरी तरह कमर मोड़ कर रखना रीढ़ की हड्डी को परेशान कर सकता है।

4. हैंडल को जोर से न पकड़ें-
साइकिल चलाते समय आपको यह ध्यान रखना है कि आप हैंडल को रिलैक्स होकर पकड़ रहे हैं। हालांकि, अगर आप स्पीड से साइकिल चला रहे हैं, तो हैंडल को इतना हल्के से भी पकडऩा नहीं चाहिए।

साइकिल चलाने के फायदे
वैसे तो आप साइकिल किसी भी समय चला सकते हैं और उसके फायदे भी ले सकते हैं। लेकिन सुबह के समय साइकिलिंग करने के अपने अलग ही फायदे होते हैं। सुबह के समय साइकिल चलाने के प्रमुख फायदों में निम्न शामिल हैं-

1. शरीर फिट रहता है-
अगर आप फिट रहना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह के समय कम से कम 30 मिनट साइकिल चलाना शुरू करें। इससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे अपने आप गायब होना शुरू हो जाएगी।

2. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है-
सुबह के समय साइकिल चलाते समय आपको ताजी हवा मिलती है, जिसे मन अच्छा होता है। साथ ही डिप्रेशन जैसी समस्याओं को भी सुबह के समय साइकिलिंग करके दूर किया जा सकता है।

3. मांसपेशियां मजबूत होती हैं-
अच्छी मस्कुलर बॉडी चाहिए तो रोजाना सुबह के समय कम से कम 40 मिनट तक साइकिल चलाएं। साइकिल चलाने से शरीर की कई मांसपेशियों में खिंचाव आता है और वे मजबूत बनती हैं।

4. पाचन क्रिया तेज होती है-
साइकिल मांसपेशियों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। अगर आपको पेट में गैस, बदहजमी, दस्त या कब्ज आदि में से कोई भी समस्या महसूस हो रही है, तो आपको रोज सुबह उठकर साइकिलिंग करने की आदत डाल लेनी चाहिए।
 

 फटी एडिय़ों में वैसलीन के साथ मिलाकर रातभर लगे रहने दे यह चीज, सुबह होगा चमत्कार..

फटी एडिय़ों में वैसलीन के साथ मिलाकर रातभर लगे रहने दे यह चीज, सुबह होगा चमत्कार..

फटी एडिय़ों की समस्या आज के समय में हर किसी को परेशां करती है। हालाँकि इसके लिए नींबू रामबाण है। जी हाँ, आप इसके इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में फटी एडिय़ों की परेशानी को दूर कर सकते हैं। आप सभी को बता दें कि नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फटी एडिय़ों की परेशानी को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। इसी के साथ ही यह एडिय़ों में सूजन, दरारों को कम कर सकता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं फटी एडिय़ों के लिए नींबू के फायदों के बारे में और इसका इस्तेमाल कैसे करना है।

रातभर मोजे में नींबू रखकर सोएं
अगर आप काफी दिनों से फटी एडिय़ों की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो यह नुस्खा काम का है। इसके लिए आपको 1 नींबू के छोटे से टुकड़े को मोजे में डालकर पहनकर सोने की जरूरत है। वहीं रातभर मोजे में मौजूद नींबू आपके पैरों को मॉइश्चराइज कर सकता है और इससे आपके पैरों में नमी बनी रहेगी, जो पैरों के रूखेपन को दूर कर सकता है। वैसे आप चाहे तो मोजे में नींबू डालने से पहले इसे अपने तलवों पर रगड़ लें।

नींबू और पेट्रोलियम जेली
जी दरअसल इन दोनों का मिश्रण आपके पैरों को सॉफ्ट कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए रात में सोने से पहले नींबू और पेट्रोलियम जेली का मिश्रण तैयार कर लें। उसके बाद इस मिश्रण को सोने से पहले अपने पैरों पर लगा लें। वहीं सुबह उठकर अपने पैरों को धो लें। जी दरअसल नियमित रूप से इस तरह पैरों में नींबू लगाने से फटी एडिय़ों की परेशानी दूर हो सकती है।

सीधेतौर पर एडिय़ों में रगड़े नींबू
रात में सोने से पहले नींबू के रस को अपनी एडिय़ों पर रगड़ें। आप सुबह उठकर अपने पैरों को गर्म या गुनगुने पानी से अच्छी तरह से धो लेंक्योंकि नियमित रूप से ऐसा करने से आपके पैरों की खूबसूरती बढ़ेगी।

नारियल तेल और नींबू
इसको इस्तेमाल करने के लिए रात में सोने से पहले नारियल तेल में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिक्स कर लें और अब इस मिश्रण को अपने पैरों पर रगड़ लें। उसके बाद पैरों की हल्की सी सिंकाई करें, ऐसा करने से कुछ समय तक पैरों की मसाज करने से थकान कम होगी और इसके बाद मोजे पहनकर सो जाएं। वहीं सुबह उठकर पैरों को गुनगुने पानी से धो लें। इससे आपके पैर सॉफ्ट होंगे और फटी एडिय़ों की परेशानी दूर होगी।
 

इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ...

इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ...

कई लोग अपने दिन की शुरूआत चाय और कॉफी से करना पसंद करते हैं। खासकर, चाय में तो कई तरह के फ्लेवर मौजूद हैं। किसी को ग्रीन टी पसंद है तो कोई कड़क चाय या नींबू की चाय का जायका लेना पसंद करता है। वहीं, इलायची की चाय पीने वालों की भी कमी नहीं है क्योंकि इस चाय का सेवन कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में सक्षम है। आइए इस चाय को बनाने का तरीका और इसके फायदे जानें।

इलायची की चाय बनाने का तरीका
सामग्री: तीन-चार हरी इलायची या आधा चम्मच हरी इलायची का पाउडर, एक कप पानी, एक चौथाई चम्मच चायपत्ती, थोड़ा सा दूध (वैकल्पिक) और शहद (स्वादानुसार)। चाय बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पैन में पानी को गर्म करें, फिर उसमें चायपत्ती डालें और जब पानी में उबाला आ जाए तो कूटी हरी इलायची या फिर हरी इलायची का पाउडर और दूध डालकर फिर से उबालें। अब चाय को एक कप में छानकर डालें और इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

पाचन को दुरुस्त रखने में है सहायक
इलायची की चाय का सेवन पाचन क्रिया के लिए बहुत फायदेमंद होती है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इलायची की चाय पाचन एंजाइम को उत्तेजित करके पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही यह कब्ज, डायरिया, अपच और गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का भी काम कर सकती है। इसके लिए बस रोजाना एक कप इलायची की चाय का सेवन करना सुनिश्चित करें।

हृदय के स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक
एक शोध के अनुसार, इलायची की चाय में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट धमनियों के सेल्स से कोलेस्ट्रॉल को हटाकर हृदय को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ये धमनियों के सख्त होने और इससे होने वाली समस्या एथेरोस्क्लेरोसिस से भी निजात दिलाने में सहायक हैं। एक अन्य शोध के मुताबिक, इलायची की चाय का सेवन हृदय में रक्त संचार में सुधार लाता है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है।

सर्दी और खांसी से मिलेगी जल्द राहत
मौसम में बदलाव के कारण सर्दी और खांसी जैसी समस्याएं होना सामान्य बात है, लेकिन ये काफी परेशान कर देती हैं, इसलिए इनसे जल्द राहत पाना जरूरी है। आप चाहें तो सर्दी और खांसी के उपचार के लिए इलायची की चाय का सेवन कर सकते हैं। कई अध्ययन के मुताबिक, इलायची की चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो इन समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हैं।

ताजा सांस के लिए करें इस चाय का सेवन
इलायची की चाय में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह के कीटाणुओं को दूर कर मुंह की बदबू से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, इलायची की चाय में मौजूद मेंथॉल प्रभाव की वजह से ताजगी का अहसास भी होता है। आप चाहें तो माउथ फ्रेशनर के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं। इन्हीं फायदों की वजह से इलायची की चाय का सेवन मुंह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है।
 

कुछ मिनटों में बनाएं ये चॉकलेट डेजर्ट, जानिए इनकी रेसिपी....

कुछ मिनटों में बनाएं ये चॉकलेट डेजर्ट, जानिए इनकी रेसिपी....

चॉकलेट का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ गया न! यह होना तो लाजमी है क्योंकि इसका स्वाद ही इतना बेमिसाल होता है कि बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई इसका शौकीन है। अगर आपका परिवार भी चॉकलेट का बहुत बड़ा फैन है तो आप उनके लिए घर पर बड़ी आसानी से कुछ ही मिनटों में तरह-तरह के स्वादिष्ट चॉकलेट डेजर्ट बना सकते हैं। चलिए फिर आज हम आपको कुछ चॉकलेट डेजर्ट की रेसिपी बताते करते हैं।

चॉकलेट मूस
सबसे पहले डबल बॉयलर विधि का उपयोग करके एक कटोरे में चॉकलेट, मक्खन, एक चुटकी नमक और कॉफी को पिघलाएं, फिर एक स्पैटुला से सभी सामग्रियों को अच्छे से मिलाएं। अब इस मिश्रण को कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें। अब एक कटोरे में वनिला क्रीम और को फेंटें, फिर इसमें चॉकलेट वाला मिश्रण डालकर अच्छे से मिलाएं। इसके बाद मिश्रण को एक छोटे कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें, फिर कुछ घंटे बाद इसका सेवन करें।

नो बेक चीज़केक
सबसे पहले ओरियो बिस्कुट को क्रश करके पिघले हुए मक्खन के साथ मिलाएं। अब इस मिश्रण को एक स्प्रिंगफॉर्म पैन में डालकर दबाते हुए फैलाएं और इसे फ्रिज में रखें। इसके बाद एक कटोरे में क्रीम चीज़, चीनी और वनीला एसेंस को फेंटें, फिर इसमें पिघली हुई चॉकलेट मिलाएं। अंत में स्प्रिंगफॉर्म पैन को फ्रिज से बाहर निकालकर उसमें क्रीम चीज़ वाला मिश्रण डालें और दोबारा इसे कुछ देर के लिए फ्रिज में रखें। इसके बाद केक का आनंद लें।

चॉकलेट कप-केक्स
सबसे पहले एक कटोरे में मैदा, बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा, कोकोआ पाउडर और एक चुटकी नमक को डालकर मिलाएं। अब एक बड़े कटोरे में चीनी, अंडे और मक्खन को डालकर स्पैटुला से तब तक फेंटें, जब तक मिश्रण फुला-फुला सा न लगे, फिर इसमें कुछ वेनिला एसेंस में मिलाएं। इसके बाद मैदे के मिश्रण में दूध मिलाएं और इसे मफिन कप में डालने के बाद इन्हें ओवन में बेक करें, फिर कप-केक को ठंडा करके परोसें।

चॉकलेट पुडिंग
सबसे पहले एक कटोरे में चीनी, कोकोआ पाउडर, कॉर्नस्टार्च और एक चुटकी नमक को डालकर मिलाएं, फिर मिश्रण में दूध डालकर फेंटें। अब इस मिश्रण को गर्म करें और मध्यम आंच पर धीरे-धीरे हिलाते हुए उबालें और दो मिनट तक मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं। इसके बाद गैस बंद करके मिश्रण में वेनिला एसेंस और मक्खन मिलाएं, फिर इस मिश्रण को छह घंटे के लिए फ्रिज में रखने के बाद खाएं।
 

टांगों में अकडऩ होने पर इन एसेंशियल ऑयल्स का करें इस्तेमाल, जल्द मिलेगा आराम

टांगों में अकडऩ होने पर इन एसेंशियल ऑयल्स का करें इस्तेमाल, जल्द मिलेगा आराम

टांगों में अकडऩ होना एक कष्टदायक समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि इसके कारण चलने-फिरने में काफी दिक्कत होने लगती है। अगर आपको कभी भी किसी कारणवश ऐसी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले और उनकी बताई दवाओं के सेवन के साथ कुछ एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल करें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल्स के बारे में बताते हैं, जिनके इस्तेमाल से टांगों की अकडऩ जल्द दूर होगी।

जिंजर एसेंशियल ऑयल

टांगों की अकडऩ से राहत पाने के लिए जिंजर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना लाभदायक साबित हो सकता है। समस्या से राहत पाने के लिए सबसे पहले एक मुलायम तौलिए को गर्म पानी (ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म न हो) में भिगोएं, फिर इसे निचोड़कर इस पर दो-तीन बूंद जिंजर ऑयल की डालें। इसके बाद तौलिए को दर्द से प्रभावित टांग पर लपेटें और जब तौलिया ठंडा हो जाए तो फिर से इसे पानी से भिगोकर पैर पर लगाएं।

पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल

पेपरमिंट ऑयल यानी पुदीने के तेल का इस्तेमाल करने से भी टांगों की अकडऩ दूर हो सकती है। पुदीने के तेल में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो टांगों को अकडऩ से आराम दिला सकते हैं। राहत के लिए पुदीने के तेल की कुछ बूंदें दर्द से प्रभावित टांग पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें। इसके अलावा, आप चाहें तो पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर नहा भी सकते हैं। इससे भी आपको आराम मिलेगा।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल

अगर मांसपेशियों में खिंचाव के कारण किसी टांग में अकडऩ हो तो इससे राहत पाने के लिए आप लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। लैवेंडर के तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रभावित टांग की मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें अकडऩ से प्रभावित टांग पर लगाएं, फिर हल्के हाथों से मसाज करें। बेहतर परिणाम के लिए दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

रोजमेरी एसेंशियल ऑयल

अगर कभी भी टांग में अकडऩ हो तो इससे राहत पाने के लिए आप रोजमेरी ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजमेरी ऑयल से अकडऩ वाली टांग की मालिश करने से प्रभावित हिस्से का रक्त प्रवाह बेहतर होता है और अकडऩ से राहत मिल सकती है। दरअसल, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड समेत कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिनका टांग के हिस्से वाली मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
 

घर पर बहुत आसानी से तैयार किए जा सकते हैं बॉडी वॉश, जानिए कुछ तरीके

घर पर बहुत आसानी से तैयार किए जा सकते हैं बॉडी वॉश, जानिए कुछ तरीके

आजकल बॉडी वॉश काफी चलन में है क्योंकि यह साबुन की तुलना में त्वचा पर हार्श नहीं होता और गहराई से साफ करने के साथ-साथ त्वचा को मॉइश्चराइज भी करता है। वैसे तो आजकल मार्केट में कई तरह के बॉडी वॉश मौजूद है, लेकिन अगर आप बिना पैसे खर्च किए बॉडी वॉश चाहते हैं तो आप इसे खुद ही घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए फिर आज चार तरह के बॉडी वॉश बनाने के तरीके जानते हैं।

तैलीय त्वचा के लिए बेहतरीन है यह बॉडी वॉश 

सामग्री: आधा कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, दो बड़ी चम्मच शुद्ध नारियल का तेल, दो बड़ी चमम्च ग्लिसरीन, एक बड़ी चम्मच जैतून का तेल, एक बड़ी चम्मच विटामिन-श्व का तेल और किसी भी खट्टे फल से बने एसेंशियल ऑयल की 20-30 बूंदें। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरे में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से मिला लें, फिर इस मिश्रण को पंप डिस्पेंसर वाली बोतल में डालें। बस बॉडी वॉश तैयार है। शेल्फ लाइफ: दो साल।

रूखे प्रकार की त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: आधा कप बिना चीनी वाला नारियल का दूध, ढाई कप बिना गंध वाला लिक्विड कैस्टाइल साबुन, तीन चम्मच जोजोबा ऑयल, दो चम्मच ग्लिसरीन, एक छोटा चम्मच कच्चा शहद और पांच बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरे में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से मिला लें, फिर इस मिश्रण को किसी बोतल मंट डालें। इस्तेमाल के लिए बॉडी वॉश को स्नान स्पंज पर डालकर इस्तेमाल करें। शेल्फ लाइफ: एक साल।

मिश्रित त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: डेढ़ कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, चार चम्मच ग्लिसरीन, 10 बूंद पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल और 10 बूंद इलंग-इलंग एसेंशियल ऑयल। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पंप वाली डिस्पेंसर बोतल में लिक्विड कैस्टाइल साबुन और ग्लिसरीन डालें, फिर इसमें दोनों एसेंशियल ऑयल डालकर बोतल को अच्छे से हिलाएं और इसका बतौर बॉडी वॉश इस्तेमाल करें। शेल्फ लाइफ: इस बॉडी वॉश की शेल्फ लाइफ एक साल है।

संवेदनशील त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: आधा कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, आधा कप कच्चा शहद, दो बड़ी चम्मच अरंडी का तेल, दो बड़ी चम्मच जैतून का तेल और 10 बूंदे आपके पंसदीदा एसेंशियल ऑयल की। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक बोतल में लिक्विड कैस्टाइल साबुन डालें, फिर इसमें बाकि की सारी सामग्रियों को डालकर बोतल को अच्छे से हिलाएं। इसके बाद यह बॉडी वॉश तैयार है। शेल्फ लाइफ: यह बॉडी वॉश दो साल तक चल सकता है।
 

नारियल के तेल से बनाएं ये लिपबाम, होठों को रुखेपन से बचाएंगे...

नारियल के तेल से बनाएं ये लिपबाम, होठों को रुखेपन से बचाएंगे...

रूखेपन के कारण होंठ फटते हैं और अगर वक्त रहते इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो कई बार होंठ इतने फट जाते हैं कि उनसे खून तक निकलने लगता है। नारियल का तेल एक प्राकृतिक मॉइश्चराइजर है, जो होंठो के रूखेपन को दूर करके इन्हें फटने से बचा सकता है। आइए आज हम आपको नारियल के तेल से तरह-तरह के लिपबाम बनाने के तरीके बताते हैं, जिनके इस्तेमाल से आप अपने होंठो को रूखेपन से बचा सकते हैं।

नारियल के तेल और पेट्रोलियम जेली का लिपबाम
सामग्री: एक चम्मच नारियल का तेल और एक चम्मच पेट्रोलियम जेली। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले पेट्रोलियम जेली को एक छोटे पैन में गर्म करें या फिर माइक्रोवेव में रखकर पिघलाएं, फिर इसे नारियल के तेल के साथ मिलाएं। अब एक छोटे कंटेनर में इस मिश्रण को डालें और जब यह कमरे के तापमान पर ठंडा हो जाए तो इसे 20-30 मिनट के लिए फ्रीज में रखें। इसके बाद मिश्रण का बतौर लिपबाम इस्तेमाल करें।

नारियल के तेल और एलोवेरा का लिपबाम
सामग्री: एक बड़ी चम्मच नारियल का तेल, आधी बड़ी चम्मच कारनौबा वैक्स और एक चम्मच एलोवेरा जेल। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले धीमी आंच पर एक छोटा पैन रखें, फिर उसमें कारनौबा वैक्स पिघलाएं। जब यह पिघल जाए तो गैस बंद करके इसे किसी कंटेनर में डालकर कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें। इसके बाद इसमें एलोवेरा जेल और नारियल का तेल मिलाएं और इसे कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रखने के बाद इस्तेमाल करें।

शिया बटर और नारियल के तेल का लिपबाम
सामग्री: एक बड़ी चम्मच नारियल का तेल, एक बड़ी चम्मच कारनौबा वैक्स और एक बड़ी चम्मच शिया बटर। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले धीमी आंच पर एक पैन रखकर उसमें शिया बटर और कारनौबा वैक्स को पिघलाएं। जब यह मिश्रण पिघल जाए तो गैस बंद करके इसे एक कंटेनर में डालकर कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें, फिर इसमें नारियल का तेल मिलाएं और इसे कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रखने के बाद बतौर लिपबाम इस्तेमाल करें।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल और नारियल का तेल
सामग्री: डेढ़ चम्मच नारियल का तेल, एक बड़ी चम्मच कारनौबा वैक्स और लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की 10 बूंदें। लिपबाम बनाने का तरीका: सबसे पहले धीमी आंच पर एक पैन रखकर उसमें कारनौबा वैक्स पिघलाएं, फिर गैस बंद करके इसे कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें। इसके बाद इसे एक छोटे कंटेनर में नारियल के तेल और लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के साथ मिलाकर कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। फिर इसका होंठो पर इस्तेमाल करें।
 

पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हैं ये पेय, रोजाना करें सीमित मात्रा में सेवन...

पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हैं ये पेय, रोजाना करें सीमित मात्रा में सेवन...

पाचन क्रिया भोजन को पचाकर पोषक तत्वों में बदलती है। ये पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ देने में भी सहायक होते हैं। हालांकि, अगर किसी कारण से पाचन क्रिया प्रभावित हो जाए तो इसके कारण अपच और डायरिया जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचाकर पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में कुछ पेय का सेवन काफी मदद कर सकता है। आइए आज ऐसे कुछ पेय के बारे में बताते हैं।

अदरक की चाय
अदरक में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो गैस्ट्रिक जूस के उत्पादन को उत्तेजित करके हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को तोडऩे और पाचन को बढ़ावा देने में मदद करती है। यहीं नहीं, अदरक में मौजूद गुण पेट की ऐंठन, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं। इन लाभों के लिए एक कप अदरक वाली चाय का सेवन करें।

कैमोमाइल चाय
एंटी-स्पास्मोडिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर कैमोमाइल चाय का सेवन भी पाचन को दुरुस्त करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, कैमोमाइल चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक गुणों से समृद्ध होती है, इसलिए इसका सेवन कई तरह के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लाभ देने में सहायक है। इसलिए रोजाना एक कप कैमोमाइल चाय का सेवन जरूर करें। ध्यान रखें कि एक दिन में एक कप चाय पीना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

नारियल पानी
अगर आप रोज सुबह खाली पेट नारियल पानी का सेवन करते हैं तो इसका पाचन क्रिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक शोध के मुताबिक, नारियल पानी के सेवन से कब्ज, हैजा और अन्य पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। वहीं एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि नारियल पानी पेट में पहुंचकर डाइजैशन टॉनिक का काम कर सकता है। इसलिए रोजाना नारियल पानी का सेवन जरूर करें।

चिया सीड ड्रिंक
फाइबर से भरपूर चिया सीड्स भी पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होते हैं। ये प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करके पेट में अच्छे बैक्टीरिया पैदा करने में मदद कर सकता है और आपकी पाचन क्रिया की कार्यक्षमता को प्रभावी तरीके से बढ़ा सकता है। अच्छी बात यह है कि चिया सीड्स पचाने में भी आसान होते हैं। पाचन को स्वस्थ रखने के लिए चिया सीड्स को पानी में भिगोकर खाली पेट इसका सेवन करें।
 

धूप में रखें अपनी आंखों का ख्याल : डॉ. नीलम भगत....

धूप में रखें अपनी आंखों का ख्याल : डॉ. नीलम भगत....

रायगढ़ : दिन में तीखी धूप के बीच लू और शाम होते होते धूल भरी आंधी इन दिनों शहर में चल रही है। गर्म हवा व उड़ रही धूल आंख को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। गर्मी के मौसम में आंख का ख्याल रखना आवश्यक है क्योंकि इन दिनों आंख की समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं। आंखों के साथ लापरवाही करना नुकसानदायक हो सकता है। तल्ख धूप में घर से बाहर निकले लोगों की आंखों में जलन हो सकती है। आंख में दर्द भी हो सकता है। बिन चश्मा बाइक चला रहे हैं तो आंख से पानी गिरने लगता है। इतना ही नहीं आंख में खुजली भी होना शुरु हो सकती है। इन मुसीबतों से बचने के लिए नियमित चश्मा का सेवन करना अत्यंत जरुरी है।

इस सम्बन्ध में जिले की नेत्ररोग विशेषज्ञ मेजर डॉ नीलम भगत ने बताया कि गर्मी में हवा चलने से धूल व मिट्टी के रेत आंखों में पड़ जाते हैं। ऐसा होते ही हम आंखों को रगड़ने लगते हैं। इससे आंख लाल होने के साथ ही जलन शुरु हो जाती है। ऐसा होते ही तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें। गर्मियां में झुलसाने वाली तेज धूप और उसकी तपिश न सिर्फ आपकी सेहत के लिए, बल्कि आंखों के लिए भी सही नहीं है। गर्मी का मौसम अपने साथ कई समस्याएं लेकर आता है। सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से आंखों की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है। सन ग्लास यानी धूप का चश्मा खतरनाक अल्ट्रा वॉयलेट ए और अल्ट्रा वायलेट बी किरणों को रोकता है। यहां तक कि आप छाया में खड़े हों तब भी सन-ग्लास का उपयोग करें। बड़े साइज की कैप या हैट सूरज की किरणें आपकी आंखों तक रोकने में सहायक होती है।

हाइड्रेशन बेहद जरूरी
गर्मी के कारण आंखों में मेलानोमा या लायमोफोमा जैसी कई तरह की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। डॉ मेजर नीलम भगत का कहना है कि अल्ट्रा वॉयलेट किरणें मौसम के साथ फैलती हैं जिसकी गति प्रकाश से भी अधिक तेज होती है। नमी आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी जरूर पीएं ताकि आंखों और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। डिहाइड्रेशन से आपकी आंखों में लुब्रिकेशन की कमी आ सकती है, जिससे जीरोफ्थलमिया (सूखी आंखें) जैसी बीमारी संभव है। पानी की पर्याप्त मात्रा आंखों को गर्मी के प्रभाव से बचाए रखती है।

धूप में रहने से कई नुकसान
धूप में जाने और लगातार बिना किसी सुरक्षा और सावधानी के रहने के नुकसान के बारे में डॉ मेजर नीलम भगत बताती हैं, ” धूप में एक्सपोज़ होने से ऑयलिड कैंसर, आंसू की गुणवत्ता खराब होने से ड्राई आई होने का खतरा बना रहता हैं। कंजेक्तिवा कार्निया पर चढ़ने से नखुना हो सकता है जिससे नज़र कमजोर हो सकती है और दृष्टिदोष उत्पन्न हो सकता है। कम उम्र में ही मोतियाबिंद हो सकता है। इसलिए लोग धूप से बचें।”

उन्होंने आगे बताया, “यदि पहले से नज़र का चश्मा लगा हो तो उस पर सन प्रोटेक्टिव फिल्म लगा लें। समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहें। किसी भी प्रकार की गठान आंख या उसके आसपास है तो तुरंत जांच करवाएं। सावधानी ही बचाव है। बिना एक्सपर्ट की सलाह के कोई इलाज न लें। ड्राई आईज के लिए हो सकता है उम्र भर टियर सब्सिट्यूट लेना पड़े जो आपको नेत्र विशेषज्ञ ही बता सकते हैं। आँख से संबंधित सभी बीमारियों का समय से जांच और इलाज से ही काबू किया जा सकता है।”

 

गर्मियों में नहीं होना चाहते बीमार, तो जानें क्या खाएं और किन चीजों का करें परहेज : अंजली चौधरी...

गर्मियों में नहीं होना चाहते बीमार, तो जानें क्या खाएं और किन चीजों का करें परहेज : अंजली चौधरी...

खरसिया : गर्मी के मौसम शरीर बहुत जल्दी बीमार हो जाता है। किसी को लू लग जाती है तो कोई डिहाइड्रेशन से परेशान हो जाता है। कई लोग तो गर्मियों में सन स्ट्रोक के भी शिकार हो जाते हैं। वहीं कई लोगों को पेट की समस्याएं जैसे उल्टी और लूज मोशन शुरू हो जाते हैं। ऐसे में गर्मी के दिनों में खानपान का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। दरअसल गर्म हवाओं और तेज धूप की वजह से तरह-तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है। गर्मी में शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है। ऐसे में गर्मी के दिनों में हमें अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए। इस समय कर् ऐसी चीजें हैं जिनका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। वहीं कुछ चीजें शरीर को ठंडक देती हैं जिनका सेवन गर्मियों में जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि गर्मियों में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

गर्मियों में इन चीजो का जरूर करें सेवन
नारियल पानी: नारियल पानी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर नारियल पानी गर्मी के दिनों में शरीर को स्वस्थ रखता है। नारियल पानी में मिलने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स बॉडी को डिहाइड्रेशन से बचाते हैं। गर्मियों में पेट को ठंडा रखने के साथ ही नारियल पानी एसिडिटी और पेट फूलने की समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है।

तरबूज: गर्मियों में तरबूज का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसमें 92 प्रतिशत तक पानी की मात्रा पाई जाती है। गर्मी के दिनों में यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है और साथ ही डिहाईड्रेशन से बचाता है। इसमें विटामिन ए और सी पाया जाता है जो शरीर को स्वस्थ रखता है। तरबूज एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। ऐसे में ये न सिर्फ शरीर को ठंडा रखता है बल्कि इसे कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है।
स्प्राउट्स: गर्मी के मौसम में आप स्प्राउट्स को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। इसमें आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होती है। गर्मी के दिनों में ये आपके शरीर को स्वस्थ रखता है। सात ही इसे खाने से शरीर को तुरंत एनर्जी भी मिलती है।

खीरा और ककड़ी: गर्मियों में खीरा और ककड़ी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसमें भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। खीरा और ककड़ी गर्मियों में शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं। ये बॉडी को ठंडा रखने के साथ साथ पेट की समस्याओं को भी दूर करते हैं। खीरे के सेवन से गैस और कब्ज की परेशानी से छुटकारा मिलता है।

आम पना: आम में विटामिन ए, सी और ई पाया जाता है जो शरीर के लिए काफी सेहतमंद होता है। कच्चे आम को उबालकर उसमें काला नमक, पुदीना, भुना हुआ जीरा मिलाकर उसका पना तैयार किया जाता है जिसका सेवन करने से गर्मियों में शरीर स्वस्थ रहता है। आम पना शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।

गर्मियों में इन चीजों का न करें सेवन:
गर्मियों में तला और मसालेदार खाना खाने से बचें।-ज्यादा मसालेदार खाना खाने से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।-फैट युक्त चीजों का सेवन कम करें-गर्मियों में ज्यादा चाय या कॉफी न पिएं।-गर्मी के मौसम में बासी खाना बिल्कुल भी न खाएं।-इस मौसम में बासी खाना खाने से फूड प्वाइजिनिंग का खतरा बना रहता है।-जंक फूड, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने से परहेज करें।-रेड मीट के सेवन से बचें, क्योंकि गर्मियों में प्रोटीन को पचाने में दिक्क्त होती है। गर्मियों में ज्यादा आइसक्रीम न खाएं। ये अंदर से शरीर को गर्म करती है। गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक, फ्लेवर्ड ड्रिंक्स और मीठा सोडा भी न पिएं।

 

रोजाना वॉक करने के फायदे, जानिए हेल्दी रहने के लिए कितना चलना है जरूरी

रोजाना वॉक करने के फायदे, जानिए हेल्दी रहने के लिए कितना चलना है जरूरी

अगर आपको लंबे समय तक फिट रहना है तो वॉक को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लें. आप जिस तरह रोज खाना खाते हैं और पानी पीते हैं उसी तरह वॉक जरूर करें. वॉक करने से शरीर एक्टिव रहता है और बीमारियां दूर रहती हैं. डॉक्टर से लेकर फिटनेस एक्सपर्ट भी सुबह शाम वॉक करने की सलाह देते हैं. टहलना (Walk) एक ऐसा वर्कआउट है जिसमें आपका पूरा बॉडी मूवमेंट होता है. सभी अंग तेजी से काम करने लगते हैं. अगर आप रोज पैदल चलते हैं तो आपको किसी और एक्सरसाइज की जरूरत नहीं है. किसी भी उम्र के लोग वॉक कर सकते हैं. वॉक करने से वजन कंट्रोल रहता है और कई अन्य फायदे मिलते हैं. आइये जानते हैं हेल्दी रहने के लिए आपको कितनी वॉक करनी चाहिए. वॉक के फायदे क्या हैं

Walk करने के फायदे

1-   हार्ट रहेगा हेल्दी- 

वॉक करना हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद है. जो लोग नियमित रुप से चलते हैं उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं. पैदल चलने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है. वॉक करने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है.

2- फेफड़े रहेंगे स्वस्थ- 

रोज पैदल चलने के शरीर को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है. पैदल चलने से बॉडी में ऑक्सीजन का फ्लो अच्छा होतो है जिससे फेफेड़े स्वस्थ्य और मजबूत होते हैं. 

3- पाचनतंत्र होगा मजबूत- 

पैदल चलने से पाचनतंत्र अच्छा काम करता है और पेट साफ रहता है. रोज पैदल चलने से आप काफी हल्का महसूस करते हैं. पैदल चलने से शरीर में हैप्पी हार्मोंस ज्यादा बनते हैं जिससे आप स्वस्थ रहते हैं.

4- दिमाग बनेगा मजबूत- 

पैदल चलने से दिमाग तेज होता है. चलने पर मतिष्क में बदलाव होते है जिसका असर दिमाग पर भी पड़ता है. एक रिसर्च में कहा गया है कि पैदल चलने से दिमाग और तंत्रिका तंत्र में मौजूद हॉर्मोन बढ़ते हैं जिससे तनाव भी कम होता है. 

5- वजन होगा कम-

रोजाना वॉक करने से वजन तेजी से कम होता है. अगर आप डेली करीब 5 किलोमीटर की वॉक करते हैं तो आपको कोई दूसरी एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं है. हां वेट लॉस के लिए आपको थोड़ी तेज वॉक करनी चाहिए. इससे आपका वजन जल्दी कम होगा.

रोजाना कितनी वॉक करें
एक हेल्दी इंसान को करीब 10,000 कदम यानि 6 से 7 किलोमीटर रोजना चलना चाहिए. अगर आप सिर्फ आधा घंटा वॉक करते हैं तो थोड़ा तेज वॉक करें. ज्यादा उम्र या फिर कोई बीमारी होने पर आप थोड़ी कम देर वॉक करें.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news.com पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

टाइप-2 डायबिटीज होने पर इस तरह करना चाहिए एलोवेरा का सेवन, होगा लाभ...

टाइप-2 डायबिटीज होने पर इस तरह करना चाहिए एलोवेरा का सेवन, होगा लाभ...

एलोवेरा एक लोकप्रिय औषधीय पौधा है और इसका उपयोग हजारों वर्षों किया जाता आ रहा है। यह सनबर्न को दूर करने से लेकर घावों तक को ठीक करने वाले उत्पादों में एलोवेरा को प्रयोग में लाया जाता रहा है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं इससे सेहत को होने वाले फायदों के बारे में। जी दरअसल इससे सेहत को कई लाभ होते हैं और आज हम आपको उन्ही लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं।


टाइप-2 डायबिटीज में लाभदायक-
एलोवेरा जूस का सेवन करना डायबिटीज रोगियों के लिए विशेष लाभदायक हो सकता है। जी दरअसल इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फाइटोथेरेपी एंड फाइटोफार्मेसी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन दो बड़े चम्मच एलोवेरा जूस पीने से टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित बना रह सकता है। जी हाँ, यानी यह माना जा सकता है कि एलोवेरा मधुमेह का संभावित इलाज या नियंत्रक है। हालाँकि जो लोग ग्लूकोज कम करने वाली दवाएं पहले से लेते हैं, उन्हें एलोवेरा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।


कम कर सकता है स्तन कैंसर का खतरा

बहुत कम लोग जानते हैं कि एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि एलोवेरा में एलो इमोडिन नामक यौगिक पाया जाता है। जी हाँ और यह स्तन कैंसर के विकास को धीमा करने की क्षमता रखता है। एलोवेरा जूस का नियमित रूप से सेवन करना आपको इस कैंसर के जोखिम से बचाने में सहायक हो सकता है। हालाँकि इस सिद्धांत की पुष्टि के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है जो अब तक हुआ नहीं है। ऐसे में यह पूरी तरह कारगर है या नहीं कहा नहीं जा सकता।
 

गर्मियों में जरूर पिएं नारियल पानी, मिलेंगे जबरदस्त फायदे...

गर्मियों में जरूर पिएं नारियल पानी, मिलेंगे जबरदस्त फायदे...

चिलचिलाती धूप और लू में बॉडी का ठंडा रहना जरूरी है, इस मौसम में कई रसीले फल और जूस मिलता जो बॉडी के लिए फायदेमंद होते हैं. एक फल है है नारियल, जिसका पानी गर्मीयों में बहुत राहत देता है. यह पानी हरे व कच्चे नारियल के अंदर पाया जाता है. नारियल पानी काफी पोष्टिक होता है. इसमें कैलशियम, मैग्नीशियम, फौस्फोरस, सोडियम अच्छी मात्रा में होता है. बता दें कि इस फल में 94 प्रतिशत पानी पाया जाता है और बहुत कम मात्रा में फैट होता है. ज्यादातर ये समुद्री तट में मिलता है. आज हम बात करेंगे नारियल पानी के फायदो के बारे में.
एनर्जी बूस्ट होगी


बढ़ती गर्मी के कारण बॉडी में एनर्जी का लेवल कम हो जाता है ऐसे में नारियल पानी एनर्जी को बूस्ट करने में फायदेमंद साबित होता है. साथ ही ये इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है.


इंसुलिन का भी करता है काम

साथ ही बॉडी में शुगर को भी कंट्रोल में रखता है, डायबिटीज की समस्या इंसुलिन के कमी की वजह से होती है जिसमें नारियल पानी इंसुलिन की मात्रा को बॉडी में बढ़ाता है.


किडनी के लिए भी फायदेमंद
किडनी जैसे रोग के लिए काफी लाभकारी है, इसके सेवन से पथरी के क्रिसटल को कम करने का काम करती है और यूरीन के जरीए किडनी से पथरी को निकाल देता है.


त्वचा को निखारने में उपयोगी

त्वचा को हाइड्रेटड रखना काफी जरूरी है, ऐसे में नारियल का पानी बहुत असरदार होता है, यह पानी पीने और साथ ही चहरे को पानी से धोने से फेस पर होने वाले किल, मुहासे से छुटकारा मिलता है.
 

जल्दी से जल्दी वजन कैसे कम करें? काम आएंगे ये टिप्स...

जल्दी से जल्दी वजन कैसे कम करें? काम आएंगे ये टिप्स...

बदलती लाइफस्टाइल और खराब खान-पान के चलते अधिकतर लोगों को वजन बढऩे की शिकायत का सामना करना पड़ता है. इससे निपटने के लिए तमाम तरह के टिप्स अपना चुके लोगों को अपने रहन-सहन में बदलाव करना होगा, जिससे आपका वजन कंट्रोल में रह सके. तो आज हम आपके लिए ऐसे छोटे-छोटे टिप्स लेकर आए हैं, जिसे फॉलो करने के बाद आसानी सी जल्दी से जल्दी वजन कम होने लगेगा.

रोज सुबह पिएं एक गिलास पानी
माना जाता है कि अगर आप रोज सुबह खाली पेट 1-2 गिलास पानी पिएंगे तो इससे आपका पेट फिट रहेगा और पाचन शक्ति भी मजबूत होगी. इसको नियामित तौर पर करने से वजन भी कंट्रोल में रहेगा. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऐसा करने से मेटॉबॉल्जिम भी बढ़ता है, जिससे आपका वजन नहीं बढ़ता है.

खाने से आधे घंटे पहले पेट भर पानी पिएं
इसके अलावा आप खाने से आधा घंटा पहले पेट भर के पानी पी सकते हैं. इससे आपको फायदा मिलेगा. दरअसल, ऐसा करने से आपको अधिक भोजन खाने का मन नहीं करेगा और आप अपका वजन कंट्रोल में आ जाएगा. हालांकि, कमजोरी न आए, इसलिए आप अपनी डाइट में ड्राई फ्रूट्स को भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.

इन चीजों को खाने से बचें
- इसके अलावा ज्यादा ऑयली चीजें जैसे- बर्गर, पिज्जा खाने से बचें. इससे न सिर्फ आपका वजन बढ़ता है बल्कि कई प्रकार की समस्याएं भी आपके घरेने लगती हैं.
- शुगर युक्त चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए, क्योंकि इससे भी आपका वजन बढ़ सकता है. ऐसे में आपको सीमित मात्रा में शुगर का सेवन करना चाहिए.
- जो लोग एक्सरसाइज नहीं करते हैं, उन्हें आज से ही अपनी खराब आदतों को बदलना होगा, ताकी किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो.

 

अनेक बिमारियों व संक्रमण के खिलाफ बेहद कारगर है क्वीन ऑफ हर्ब्स तुलसी...

अनेक बिमारियों व संक्रमण के खिलाफ बेहद कारगर है क्वीन ऑफ हर्ब्स तुलसी...

रायपुर : भारत के अधिकांश घरों में प्रायः तुलसी का पौधा देखा जा सकता है। तुलसी न केवल अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि हिन्दू धर्म में इसका विशेष धार्मिक महत्व भी है। वेद और पुराणों में भी तुलसी के औषधीय गुणों का उल्लेख है। इसे दैनिक जीवन में अहम स्थान मिला हुआ है। धार्मिक महत्व से इतर भी तुलसी एक लाभदायक पौधा है जो हमारे शरीर को कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है।

तुलसी में बहुत से रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। इसलिए इसे ‘क्वीन ऑफ हर्ब्स’ कहा जाता है। तुलसी का उपयोग होम्योपैथी, एलोपैथी और यूनानी पद्धति की दवाईओं में भी होता है। तुलसी में इतने अलग-अलग प्रकार के रसायन होते हैं कि इसका इस्तेमाल अनेक बीमारियों के इलाज में किया जाता है। तुलसी का उपयोग दिल की बीमारियों से लेकर खराश और बुखार जैसी बीमारियों में भी किया जाता है। कई दवाइयों में तुलसी के पौधे से मिलने वाले रस का प्रयोग होता है। यह हमारे पर्यावरण को भी शुद्ध करता है।

दुनिया भर में दस से ज्यादा प्रकार के तुलसी के पौधे पाए जाते हैं। इनमें से सात से अधिक केवल भारत में पाए जाते हैं। तुलसी का वानस्पतिक नाम ‘‘ओसीमम् सेंक्टमऔर’’ तथा कुल का नाम “लैमिएसी” है। इसका पौधा एक से तीन फीट लंबा होता है जो झाड़ीनुमा प्रतीत होता है। तुलसी के पत्ते एक से दो इंच लंबे होते हैं। इसके पौधे की उम्र एक से दो साल की होती है। तुलसी के बीज और पत्तियों के चूर्ण में भी औषधीय गुण होता है।

शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि तुलसी की पत्तियों में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने तथा रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियों, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण इत्यादि में बहुत फायदेमंद है। तुलसी के बीजों में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक शामिल होते हैं जो कि मानव के शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारते हैं। तुलसी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाती है।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि सर्दी-जुकाम होने पर या मौसम में बदलाव होने पर अक्सर गले में खराश या गला बैठ जाने जैसी समस्याएं होने लगती है। तुलसी की पत्तियां गले से जुड़े विकारों को दूर करने में बहुत ही लाभप्रद है। गले की समस्याओं से आराम पाने के लिए तुलसी के रस को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर उससे कुल्ला करें। इसके अलावा तुलसी रस-युक्त जल में हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करने से भी मुख, दांत तथा गले के विकार दूर होते हैं।

ज्यादा काम करने या अधिक तनाव में होने पर सिरदर्द होना आम बात है। सिर दर्द होने पर तुलसी के तेल की एक-दो बूंदें नाक में डालें। इस तेल को नाक में डालने से पुराने सिर दर्द और सिर से जुड़े अन्य रोगों में आराम मिलता है। दिमाग के लिए भी तुलसी अच्छा काम करता है। इसके रोजाना सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और याददाश्त तेज होती है। इसके लिए रोजाना तुलसी की 4-5 पत्तियों को पानी के साथ निगलकर खाएं।

त्वचा संबंधी समस्या में नीबू रस के साथ तुलसी की पांच बूंद डालकर प्रयोग करने से लाभ होता है। तुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है। यह खून को साफकर शरीर को चमकीला बनाती है। तुलसी का औषधि के रूप में उपयोग चिकित्सीय परामर्श और देखरेख में किया जाना चाहिए।