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रेफरी पर हमला करने के आरोप में दीपक पुनिया के कोच गेड्रोव ओलंपिक से निष्कासित

रेफरी पर हमला करने के आरोप में दीपक पुनिया के कोच गेड्रोव ओलंपिक से निष्कासित

टोक्यो/नई दिल्ली: भारतीय पहलवान दीपक पुनिया के कोच मोराड गेड्रोव को ओलंपिक से बाहर दिया गया है। उन पर आरोप है कि कांस्य पदक मुकाबले में दीपक की हार के बाद उन्होंने रेफरी के रूम में जाकर मैच में निर्णय देने वाले रेफरी पर हमला किया था। 86 किलो भार वर्ग के इस मुकाबले में दीपक पुनिया को नाजेम मायलेस ने शिकस्त दी थी। दोनों पहलवानों के बीच यह कांस्य पदक के लिए मुकाबला हुआ था।

खबरों के मुताबिक यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिेंग ने तुरंत इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समित से शिकायत की। यूडब्ल्यू डब्ल्यू ने इस मामले में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है। जिसके बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गेड्रोव को निष्कासित कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पहले गेड्रोव को चेतावनी देकर छोड़ दिया। लेकिन इसके बाद यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने जब डब्ल्यूएफआई से पूछा कि उसने गेड्रोव के खिलाफ क्या कार्रवाई की है। इसके बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गेड्रोव को निष्कासित करने का फैसला लिया।

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से कहा कि गेड्रोव के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के मुताबिक वह पूर्व में भी लगातार ऐसी हरकतें करते रहे हैं। उनकी इन हरकतों के लिए उन्हें पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है। गेड्रोव अपने समय के जाने माने पहलवान रहे हैं उन्होंने बीजिंग ओलंपिक में 74 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था।

इससे पहले साल 2004 में एथेंस ओलंपिक के दौरान गेड्रोव को डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। तब उन्होंने क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी पर हमला कर दिया था। वहीं टोक्यो ओलंपिक में इस घटना के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने उनकी मान्यता खत्म कर दी और इसके बारे में भारत को भी अवगत करा दिया। आईओसी ने गेड्रोव को तुरंत खेल गांव छोड़ने का फरमान भी जारी कर दिया।

टोक्यो ओलंपिक : गोल्फ में पदक से चूकीं अदिति, हासिल किया चौथा स्थान

टोक्यो ओलंपिक : गोल्फ में पदक से चूकीं अदिति, हासिल किया चौथा स्थान

टोक्यो/नई दिल्ली: भारत की महिला गोल्फर अदिति अशोक शानदार प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले इवेंट में चौथे स्थान पर रहीं। चौथे अंतिम राउंड के अंतिम क्षणों में की गई कुछ गलतियां अदिति को पदक से दूर ले गईं। वह तीन राउंड तक पदक की दौड़ में बनी हुई थीं।

चौथा स्थान भी अदिति के लिए हर मायने में सराहनीय कहा जाएगा। अपना दूसरा ओलंपिक खेल रहीं अदिति रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रही थीं। लेकिन टोक्यो में अदिति ने शुरू से ही शानदार प्रदर्शन किया तीसरे राउंड की समाप्ति तक टॉप-3 में बनी रहीं।

चार राउंड में 15-अंडर स्कोर 269 जुटाने वाली अदिति से पहले यह मुकाम कोई भारतीय हासिल नहीं कर सका है। भारत के लिए खेलों में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, जिमनास्ट दीपा करमाकर निशानेबाज जॉयदीप कर्माकर ने जो मुकाम हासिल किया है, अदिति का प्रदर्शन हर लिहाज से उससे मेल खाता है।

विश्व की नम्बर-1 अमेरिका की एलपीजीए चैम्पियन नेली कोर्डा ने17-अंडर स्कोर 267 के स्कोर के साथ इस इवेंट का स्वर्ण जीता जबकि रजत जापान की मोने इनामी के खाते में गया। मोने ने तीसरे स्थान के लिए हुए प्लेऑफ मुकाबले में न्यूजीलैंड की लीडिया को हराया।

भारत की एक अन्य गोल्फर दीक्षा डागर हालांकि प्रभावित नहीं कर सकीं। दीक्षा 60 गोल्फरों के बीच संयुक्त रूप से 50वें स्थान पर रहीं।

VIDEO: हार के बाद पीएम मोदी से बात करते हुये भावुक हुई महिला हॉकी टीम

VIDEO: हार के बाद पीएम मोदी से बात करते हुये भावुक हुई महिला हॉकी टीम

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानि शुक्रवार को टोक्योक ओलिंपिक खेलों में चौथे स्थाेन पर रही भारतीय महिला हॉकी टीम से फोन पर बात की. रानी रामपाल की टीम से बात करते हुए पीएम ने महिला हॉकी प्लेियर्स का हौसला बढ़ाया. उन्होंनने तीसरे और चौथे स्थातन के लिए हुए मैच में ब्रिटेन से मिली हार के बाद दुखी प्लेहयर्स का हौसला बढ़ाते हुए कहा, 'रोइए मत, आपका पसीना देश की करोड़ों बेटियों की प्रेरणा बन गया है.' पीएम ने जब महिला हॉकी टीम को फोन किया तो कप्तातन रानी रामपाल ने उन्हें नमस्काणर किया. रानी ने हौसला बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्य वाद भी दिया.टोक्योह ओलिंपिक में तीसरे और चौथे स्था न के लिए आज हुए मुकाबले में भारत को ब्रिटेन की महिला टीम से 3-4 की हार का सामना करना पड़ा.

पीएम मोदी ने फोन पर बात करते हुए कहा, 'बेटी..आप लोग बहुत अच्छाल खेले.आपने बहुत पसीना बहाया पिछले पांच-छह साल से सब छोड़कर आप इसी में साधना कर रहे थे. आपका पसीना पदक नहीं ला सका लेकिन यह देश की करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा बन गया है.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'मै टीम के सभी साथियों को बधाई देता हूं. मैं देख रहा था नवनीत की आंख पर कुछ चोट आई है.' इस पर कप्ताेन ने उन्हें बताया कि नवनीत की आंख पर स्टिच आए हैं, इस पर पीएम ने चोटिल खिलाड़ी के हालचाल के बारे में पूछा.प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदना और अन्यइ खिलाड़ी सबने अच्छाक खेला. सलीमा बहुत बढि़या करती है. उन्‍होंने कहा, 'मुझे आप लोगों के रोने की आवाज सुनाई दे रही है. आप रोना बंद करिए...देश आप पर गर्व कर रहा है. बिल्कु'ल भी निराश नहीं होना है. आप लोगों की मेहनत से हॉकी, जो देश की पहचान है, पुनर्जीवित हो रही है.' पीएम ने कोच और सपोर्टिंग स्टााफ से भी बात की और कहा कि आप सभी ने अपनी ओर से हरसंभव प्रयास किया.
इससे पहले, पीएम ने एक ट्वीट करके भी हॉकी टीम के प्रदर्शन पर गर्व जताया था. उन्होंिने ट्वीट में लिखा-हम बारीक अंतर से मेडल चूक गए लेकिन यह टीम इंडिया की भावना को दर्शाता है, जहां हम अपना सर्वश्रेष्ठव प्रदर्शन देते हैं. यह सफलता देश की बेटियों को हॉकी को अपनाने और इसमें उत्कृेष्टि प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी. इस टीम पर हमें गर्व है.

 

बड़ी खबर: खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगा अवॉर्ड

बड़ी खबर: खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगा अवॉर्ड

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। अब इसे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले यह अवॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम हुआ करता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी।


उन्होंने कहा कि मुझे पूरे भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।

 

 

टोक्यो ओलंपिक : भारत ने मैच हारकर भी दिल जीता, रियो गोल्ड मेडलिस्ट ब्रिटेन को दी कड़ी टक्कर

टोक्यो ओलंपिक : भारत ने मैच हारकर भी दिल जीता, रियो गोल्ड मेडलिस्ट ब्रिटेन को दी कड़ी टक्कर

टोक्यो/नई दिल्ली: ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम को कांस्य पदक के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 3-4 से करारी हार का सामना करना पड़ा। गुरुवार को भारतीय पुरुष टीम ने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था। महिला टीम के पास भी आज इतिहास रचने का मौका था, लेकिन वह ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाई।

हालांकि, भारतीय टीम ने ब्रिटेन को कड़ी टक्कर दी। 2016 के रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली ग्रेट ब्रिटेन को भारत के खिलाफ मैच जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक वक्त 3-2 पिछड़ रही ब्रिटेन आखिरी क्वार्टर में बढ़त बना पाई। इसलिए भारत मैच हारकर भी लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहा।

टीम इंडिया भले ही कांस्य पदक नहीं जीत पाई हो, लेकिन उसने टोक्यो में अपने अभियान का अंत चौथे स्थान पर रहकर किया। इससे पहले 1980 में भी भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे स्थान पर रही थी। उस वक्त मुकाबले राउंड रोबिन आधार पर हुए थे और टॉप की दो टीमों के बीच फाइनल खेला गया था।

कांस्य पदक के मुकाबले में शुरुआती 15 मिनट के खेल में भारतीय टीम अपनी लय पाने की कोशिश करती दिखी। इस वजह से टीम इंडिया खराब डिफेंस एक फिर सामने आया। इसका पूरा फायदा ब्रिटेन ने उठाया और 2-0 की बढ़त के साथ टीम इंडिया को दबाव में डाल दिया।

इसके बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी की और हाफ टाइम में 3-2 की बढ़त के साथ ब्रिटेन को बैकफुट पर ला दिया। इसके बावजूद ब्रिटेन ने लगातार अपने अटैक के जरिए भारत की परीक्षा ली। यहीं, टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी जीत के रास्ते में रोड़ बन गई। आइए जानते हैं भारत की हार के 5 कारण...

पहले क्वार्टर से ही डिफेंस कमजोर दिखा
पहले क्वार्टर में टीम इंडिया का कमजोर डिफेंस मुश्किलें खड़ी करता रहा। हालांकि, ग्रेट ब्रिटेन के खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सके। भारतीय खिलाड़ी की खराब डिफेंस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले क्वार्टर में ब्रिटेन के खिलाड़ी भारतीय टीम के डी में बॉल पहुंचाने में कामयाब हो रहा था।

ब्रिटेन के अटैक का तोड़ नहीं निकाल पाए
पहले क्वार्टर के बाद ब्रिटेन ने अपना अटैकिंग खेल दिखाया और एक के बाद एक कई गोल शॉट लगाए। इस क्वार्टर के शुरू होने के तुरंत बाद 16वें मिनट में ब्रिटेन ने अपना पहला गोल किया। इससे पहले भारत इसे बराबर करने की कोशिश करता, ब्रिटेन ने 24वें मिनट में गोल दागकर अपनी बढ़त दोगुनी कर दी। जब भारत ने ब्रिटेन पर बढ़त ली, उसके बाद उनका अटैक और तेज हो गया। भारत के पास इस अटैक का कोई जवाब नहीं था और मुकाबला ब्रिटेन के पक्ष में रहा।

अहम मौकों पर पैनल्टी कॉर्नर पर स्कोर नहीं कर पाए
टीम इंडिया को मैच में वापसी करने के कई मौके मिले, लेकिन भारत उन्हें भुना नहीं पाया। इस मैच में भारत को कुल 8 पैनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारत सिर्फ 2 को गोल में तब्दील कर पाया। मैच में तब 8 मिनट बचे थे, तब भारत को ब्रिटेन की बराबरी का मौका मिला था, लेकिन टीम पैनल्टी कॉर्नर को स्कोर में बदलने में कामयाब नहीं हो सकी।

अटैक करने में पीछे रही टीम
ग्रेट ब्रिटेन के सामने भारत का अटैक फीका नजर आया। टीम इंडिया ज्यादातर ब्रिटेन के प्रहारों को बचाने का प्रयास करती नजर आई। इसकी अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के मुकाबले आधे गोल शॉट ही लगाए। ब्रिटेन ने मैच में कुल 19 गोल शॉट लगाए, जबकि भारत की ओर से सिर्फ 11 गोल शॉट लगे।

सविता पुनिया को टीम का साथ नहीं मिला
भारत की ओर डिफेंस का जिम्मा एक बार सिर्फ गोलकीपर सविता पुनिया के कंधों पर रहा। सविता ने 11 गोल शॉट में से 7 का बचाव किया। उन्होंने दीवार की तरह ब्रिटेन के अटैक का सामना किया, लेकिन उन्हें किसी और डिफेंडर का साथ नहीं मिला। टीम इंडिया को इसी का खामियाजा हार के साथ चुकाना पड़ा।

टोक्यो ओलंपिक : भारत को मिल सकता है एक और पदक, भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया पहुंचे सेमीफाइनल में

टोक्यो ओलंपिक : भारत को मिल सकता है एक और पदक, भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया पहुंचे सेमीफाइनल में

टोक्यो/नई दिल्ली | जापान की राजधानी टोक्यो से एक बड़ी खबर आ रही है | खबर है कि  भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है | पूनिया ने क्वार्टर फाइनल में एशियाई चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट ईरान के मुर्तजा चेका घियासी को अंतिम क्षणों में शिकस्त दी। इससे पहले उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान के अर्नाजर अकमातालिएव को हराया था। 

टोक्यो ओलंपिक खुशखबरी : रवि ने दिलाई चांदी, प्रधानमंत्री ने ट्विट कर जाने क्या कहा ...

टोक्यो ओलंपिक खुशखबरी : रवि ने दिलाई चांदी, प्रधानमंत्री ने ट्विट कर जाने क्या कहा ...

रवि दहिया ने भारत को ओलंपिक में कुश्ती का सिल्वर मेडल दिलाया है। गुरुवार शाम को गोल्ड मेडल के लिए जारी मुकाबले में वह रुस के पहलवान को मात नहीं दे सके, लेकिन चांदी लेकर भारत लौट रहे हैं। रवि दहिया को रूस के पहलवान जवूर उगुएव से 57 किलोग्राम भार वर्ग की फ्रीस्टाइल कैटिगरी में हार का सामना करना पड़ा। मुकाबले की शुरुआत से ही रूसी पहलवान जवूर उगुएव ने अपनी बढ़त बना ली थी, जिसे रवि दहिया कड़ी टक्कर देने के बाद भी अंत तक खत्म नहीं कर पाए। रवि ने पहले पीरियड की शुरुआत में 2-2 की बराबरी कर ली थी, लेकिन फिर रूसी पहलवान ने जबरदस्त वापसी करते हुए स्कोर को 4-2 कर दिया था। इसके बाद रूसी पहलवान ने रवि को कोई मौका नहीं दिया। एक समय पर जवूर उगुएव 7-2 से आगे चल रहे थे, लेकिन तभी रवि दहिया ने दो पॉइंट और हासिल कर लिए, लेकिन मुकाबला नहीं हासिल कर सके। रवि दहिया ने की सुशील कुमार के रिकॉर्ड की बराबरी
यह भारत और रवि दहिया के लिए बड़ी उपलब्धि है। रवि दहिया ने ओलंपिक में पहली बार हिस्सा लिया था और मेडल जीतकर लौट रहे हैं। भले ही रवि दहिया गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर सके हैं, लेकिन कुश्ती में उन्होंने सुशील कुमार के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। 2008 के बीजिंग ओलंपिक के बाद से ही भारत लगातार कुश्ती में मेडल हासिल कर रहा है। रवि दहिया ने कुश्ती में दूसरा सिल्वर जीता है, उनसे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक के फ़ाइनल में पहुंचे पहलवान सुशील कुमार ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

विनेश फोगाट और अंशु मलिक की हार से निराशा

इससे पहले दिन में विनेश फोगाट के मुकाबले में भारत को निराशा का सामना करना पड़ा था। विनेश फोगाट को बेलारूस की पहलवान के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा। वहीं पहलवान अंशु मलिक भी ब्रॉन्ज मेडल में रूस की पहलवान वलेरिया कोबलोवा को हार का सामना करना पड़ा। वह 57 किलोग्राम भारवर्ग के रेपेचेज मुकाबले में उतरी थीं। पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा- खूब लड़े, आपका जवाब नहीं

 

 

 

रवि दहिया को ओलंपिक में जीतने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'रवि कुमार दहिया बेहतरीन पहलवान हैं। उनकी फाइटिंग स्पिरिट का कोई जवाब नहीं है। उन्हें टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के लिए शुभकामनाएं। भारत को उनकी इस शानदार उपलब्धि पर गर्व है।'

टोक्यो ओलंपिक : सेमीफाइनल में हारी भारतीय महिला हॉकी टीम

टोक्यो ओलंपिक : सेमीफाइनल में हारी भारतीय महिला हॉकी टीम

टोक्यो/नई दिल्ली: भारतीय महिला हॉकी टीम के टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने का सपना अधूरा रह गया। उसे दूसरे सेमीफाइनल में दुनिया की दूसरे नंबर की टीम अर्जेंटीना के हाथों हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम को रोमांचक मुकाबले में 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी। हालांकि भारतीय टीम ने अपने से मजबूत टीम को कड़ी टक्कर दी और आखिरी सेकेंड तक लड़ती रही लेकिन अंत में बाजी अर्जेंटीना ने मारी।

भारतीय टीम ने मैच में पहले क्वार्टर के दूसरे ही मिनट में गोल कर बढ़त ले ली थी, लेकिन इसके बाद अर्जेंटीना ने दूसरे क्वार्टर में वापसी करते हुए स्कोर को बराबर किया। अर्जेंटीना की कप्तान मारिया ने टीम की तरफ से दोनों गोल किए। वहीं भारत की तरफ से गुरजीत कौर ने इकलौता गोल किया।


सेमीफाइनल में हार के बाजवूद भारतीय टीम के पास पदक जीतने का मौका अभी बरकरार है। अब उसे छह अगस्त को ग्रेट ब्रिटेन से प्लेऑफ (कांस्य पदक मैच) में भिड़ना है, जहां जीतने पर वह ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की हॉकी टीम की जमकर तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय महिला हॉकी टीम की हार के बाद भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में महिला टीम ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है वह काबिले तारीफ है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, टोक्यो 2020 में एक चीज जिसे हम याद रखेंगे, वह है हमारी हॉकी टीमों का शानदार प्रदर्शन। आज का मैच और पिछले सभी मैचों में महिला हॉकी टीम ने धैर्य के साथ खेला और शानदार कौशल दिखाया। टीम पर गर्व है। अगले मुकाबले और भविष्य के लिए टीम को शुभकामनाएं।`

टोक्यो ओलंपिक : क्वार्टर फाइनल में हारीं दुनिया की नंबर 1 पहलवान विनेश

टोक्यो ओलंपिक : क्वार्टर फाइनल में हारीं दुनिया की नंबर 1 पहलवान विनेश

टोक्यो/नई दिल्ली: भारत को रेसलिंग में झटका लगा है। दुनिया की नंबर 1 पहलवान भारत की विनेश फोगाट महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार गईं। विनेश को बेलारूस की पहलवान वैनेसा कलाडजिंस्काया ने शिकस्त दी। इस हार के बाद विनेश पदक जीतने की रेस में बनी हुई हैं। अब उन्हें रेपचेज मुकाबले का इंतजार करना होगा। लेकिन विनेश का हारना भारत की बड़ी हार है।

भारत की तरफ से पदक की प्रबल दावेदार विनेश फोगाट 53 किग्रा भार वर्ग के पहले दौर में रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली स्वीडन की सोफिया मैटसन को हराकर अंतिम आठ में जगह बनाई। विनेश के पास अब भी पदक जीतने का मौका है। अगर वेलारूस की पहलवान वानेसा फाइनल में पहुंचती हैं तो विनेश को रेपचेज में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।

इससे पहले विनेश ने अपने पहले मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया। भारत की इस 26 वर्षीया पहलवान ने स्वीडन की खिलाड़ी सोफिया को 7-1 से शिकस्त दी। विनेश ने साल 2019 में विश्व चैंपियनशिप के दौरान भी मैटसन को पटखनी दी थी।

मैच के दौरान मैटसन ने जब कभी विनेश के दाएं पैर पर हमला किया तो भारतीय पहलवान ने पलटवार करते हुए पॉइंट अर्जित किेए। विनेश फोगाट ने पूरे मुकाबले के दौरान जोश और जज्बा बरकरार रखते हुए अपने प्रतिद्वंदी को चित करने का मौका भी बनाया।

वहीं भारत की एक अन्य पहलवान अंशु मलिक को 57 किग्रा भार वर्ग में रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता वेलेरिया कोब्लोवा ने रेपचेज मुकाबले में 5-1 से हराया। इस हार के बाद अंशु पदक की रेस से बाहर हो गईं।

टोक्यो ओलंपिक : 41 साल बाद हॉकी में भारत ने दिखाया दम, जर्मनी को हराकर जीता पदक

टोक्यो ओलंपिक : 41 साल बाद हॉकी में भारत ने दिखाया दम, जर्मनी को हराकर जीता पदक

टोक्यो/नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में पदक हासिल कर लिया है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को हरा दिया। मैच में शुरुआत में पिछड़ने के बाद भारत ने जोरदार वापसी की और जर्मनी के खिलाफ मैच को 5-4 से जीत लिया। इससे पहले आखिरी बार हॉकी में टीम इंडिया ने 1980 में ओलंपिक मेडल जीता था।

जर्मनी ने मैच के दूसरे ही मिनट में अपना खाता खोल लिया था। जर्मनी की तरफ से तिमूर ओरुज ने पहला गोल दागा। इसके साथ ही जर्मनी ने 1-0 की बढ़त ले ली थी। इसके बाद भारतीय टीम ने 17वें मिनट में वापसी की, जब सिमरनजीत सिंह ने जोरदार खेल दिखाते हुए जर्मन गोलकीपर को छकाया और गोल करने में सफल रहे। इस गोल के साथ ही दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गई।

दूसरे क्वार्टर में स्कोर बराबर
हालांकि, यह बढ़त ज्यादा देर नहीं टिक सकी और जर्मनी की तरफ से निकलास वेलेन ने 24वें मिनट में अपना पहला और टीम के लिए दूसरा गोल कर जर्मनी 2-1 से आगे कर दिया। इसके बाद जर्मनी ने एक मिनट के अंदर एक और गोल दागा और अपनी लीड को 3-1 कर दिया। उसकी तरफ से तीसरा गोल फुर्क बेनेडिक्ट ने 25वें मिनट में किया।

मैच के 27वें मिनट में भारत को पैनल्टी कॉर्नर मिला और हार्दिक सिंह ने उसे गोल में तब्दील कर जर्मनी की बढ़त को कम कर दिया। सिमरनजीत सिंह की ओर से लिए गए पैनल्टी कॉर्नर को जर्मनी के गोलकीपर ने रोका, लेकिन गेंद रिफ्लेक्ट हुई और हार्दिक ने उसे गोल पोस्ट में भेज दिया। इसी के साथ स्कोर 3-2 हो गया।

इसके बाद भारत ने और आक्रामक खेल दिखाया और मैच का तीसरा गोल कर दिया। इसी के साथ दोनों ही टीम 3-3 की बराबरी पर पहुंच गईं। दूसरे क्वार्टर के खत्म होने से पहले 29वें मिनट में हरमनप्रीत ने यह शानदार गोल किया।

भारत ने तीसरे क्वार्टर में पलटा मैच
भारत ने तीसरे क्वार्टर में शानदार शुरुआत की। भारत को पैनल्टी स्ट्रोक मिला और रुपिंदर ने कोई गलती नहीं की। रुपिंदर ने गेंद को सीधा गोलपोस्ट में डाला और भारत को 4-3 की अहम और मजबूत बढ़त दिला दी। इसके बाद 34वें मिनट में सुमित के पास पर सिमरनजीत सिंह ने शानदार गोल दागा और भारत को 5-3 ये आगे कर कांस्य पदक के और करीब ले आए।

चौथे क्वार्टर में जर्मनी को रोकने में भारत कामयाब
चौथा क्वार्टर शुरू होने के साथ ही जर्मनी ने आक्रामक खेल दिखाया और गोल करने की हर संभव कोशिश की। मैच के 48वें मिनट में जर्मनी को पैनल्टी कॉर्नर के रूप में मौका मिला और विंडफेडर ने उसे गोल में तब्दील कर दिया। इसी के साथ स्कोर 5-4 हो गया।
इसके बाद भारत ने शानदार डिफेंस दिखाया और जर्मनी को गोल नहीं करने दिया। मैच आखिरी पलों में रोमांचक मोड़ तब आया, जब जर्मनी को एक और पैनल्टी कॉर्नर दिया गया। हालांकि, भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने उसे बचाकर भारत की जीत सुनिश्चित की।

भारत-इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट आज से, इन खिलाड़ियो को मिलेगा मौका

भारत-इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट आज से, इन खिलाड़ियो को मिलेगा मौका

नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच आज यानी 4 अगस्त से पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला नॉटिंघम में खेला जाएगा. भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और कोच रवि शास्त्री को प्लेइंग 11 चुनने के लिए काफी माथापच्ची करनी होगी. मयंक अग्रवाल की जगह ओपनिंग के लिए केएल राहुल (KL Rahul) मजबूत दावेदार हैं. दूसरी ओर बतौर ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर में से किसी एक मौका मिल सकता है. मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ हैं लेकिन उनकी उम्र बढ़ रही है. जसप्रीत बुमराह 2019 में कमर के स्ट्रेस फ्रेक्चर के बाद टेस्ट गेंदबाज के रूप में पहले जैसी सफलता हासिल नहीं कर पाए लेकिन पिछली सीरीज में अच्छे प्रदर्शन से उन्हें शुरुआती टेस्ट में खेलने का मौका मिल सकता है. लेकिन भारत के सबसे तेज और फॉर्म में चल रहे गेंदबाज मोहम्मद सिराज का क्या होगी जिनकी तेज गति की गेंद हेलमेट में लगने के बाद मयंक अग्रवाल टेस्ट मैच से बाहर हो गए. कप्तान के लिए सिराज की चुनौती की अनदेखी करना आसान नहीं होगा।

दोनों टीमें इस प्रकार हैं:

भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, उमेश यादव, लोकेश राहुल, ऋद्धिमान साहा, अभिमन्यु ईश्वरन, पृथ्वी शॉ और सूर्यकुमार यादव.


इंग्लैंड: जो रूट (कप्तान), जेम्स एंडरसन, जॉनी बेयरस्टो, डोम बेस, स्टुअर्ट ब्रॉड, रॉरी बर्न्स, जोस बटलर, जैक क्रॉउली, सैम कुरेन, हसीब हमीद, डेन लॉरेंस, जैक लीच, ओली पोप, ओली रॉबिन्सन, डॉम सिब्ले और मार्क वुड.

टोक्यो ओलंपिक : बुल्गारिया के पहलवान को हरा कर सेमीफाइनल में पहुंचे रवि कुमार

टोक्यो ओलंपिक : बुल्गारिया के पहलवान को हरा कर सेमीफाइनल में पहुंचे रवि कुमार

टोक्यो: भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया पुरुषों की 57 किग्रा भार वर्ग में सेमीफाइनल में पहंच गए। क्वार्टर फाइनल मेंं उन्होंने बुल्गारिया के जॉर्डी वैंगेलोव को 14-4 से हराया।

भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया पुरुषों के फ्री स्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। रवि ने क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया के जॉर्डी वैंगेलोव को 14-4 से शिकस्त दी। उनकी इस जीत ने रेसलिंग में पदक की उम्मीद जगा दी है।

इससे पहले उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया के पहलवान ऑस्कर टिगरेरोस उरबानो को 13-2 से मात देकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। अब सेमीफाइनल में उनका मुकाबला कजाकिस्तान के पहलवान से होगा।

टोक्यो ओलंपिक : भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में पहुंचे नीरज

टोक्यो ओलंपिक : भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में पहुंचे नीरज

टोक्यो/नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में भारत के स्टार जेवेलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने भाला फेंक स्पर्धा में पहले ही प्रयास में कमाल का थ्रो करते हुए 86.65 मीटर दूर भाला फेंका। इसके साथ वह फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गए। फाइनल में सीधे प्रवेश करने के लिए 83.50 मीटर का थ्रो होना जरूरी है। नीरज अब 7 अगस्त को फाइनल मुकाबले में अपना दमखम दिखाएंगे।

ओलंपिक के इतिहास में भारत की तरफ से अब तक कोई भी एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पदक नहीं जीत पाया। जेवेलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा इस सूखे को खत्म कर सकते हैं। कुल मिलाकर जिस तरह से उन्होंने आज अपने पहले प्रयास में प्रदर्शन किया उसे देख उनसे पदक की उम्मीद है।

टोक्यो ओलंपिक में पदार्पण करने वाले नीरज चोपड़ा ने 86.65 मीटर दूर भाला फेंककर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया। नीरज ने यह करिश्मा अपने पहले ही प्रयास में कर दिखाया। उनके इस शानदार प्रदर्शन के देखकर ऐसा कहा जा रहा है कि वह भारत को पदक अवश्य दिलाएंगे।

नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक के लिए बेहतर तैयारी नहीं कर सके। उनकी तैयारियों में कोविड-19 महामारी और चोट आड़े आई। इसके बावजूद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया और पहले ही थ्रो में फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया।

टोक्यो ओलंपिक: भारत की बेटी ने जीता कांस्य पदक, पीएम ने दी बधाई

टोक्यो ओलंपिक: भारत की बेटी ने जीता कांस्य पदक, पीएम ने दी बधाई

टोक्यो/नई दिल्ली: वेल्टरवेट महिला मुक्केबाज़ी के सेमी फ़ाइनल मुक़ाबले में बुधवार को भारतीय मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहाईं को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी तुर्की की खिलाड़ी बुसेनाज़ सुर्मेनेली ने हरा दिया। लवलीना ने भारत के लिए दूसरा ओलंपिक मेडल पीवी सिंधु के कांस्य पदक जीतने से पहले ही 30 जुलाई को सुनिश्चित कर लिया था।

सेमीफ़ाइनल में जीतकर उनके पास कांस्य को रजत पदक में बदलने का मौक़ा था लेकिन तुर्की की शीर्ष वरीयता खिलाड़ी के आगे लवलीना टिक नहीं पाईं। पहले ही राउंड में सुर्मेनेली ने उन्हें हरा दिया और आगे का मैच बहुत आसानी से तुर्की की खिलाड़ी ने जीत लिया।

बीते शुक्रवार को उन्होंने वेल्टरवेट क्वार्टर फ़ाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे की निएन-चिन चेन को हराकर सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई थी। ओलंपिक के प्री क्वार्टर फ़ाइनल में उन्हें बाई मिला था जबकि जर्मनी की खिलाड़ी को हराकर वो क्वार्टर फ़ाइनल में पहुँची थीं। राउंड-16 में उन्होंने जर्मनी की नडीन अपेत्ज़ को 3-2 से हराया था।

क्वार्टर फ़ाइनल मुक़ाबले में उन्होंने निएन-चिन चेन नाम की जिस खिलाड़ी के ख़िलाफ़ जीत हासिल की थी, वो पूर्व विश्व चैम्पियन हैं और अब तक के कई मुक़ाबलों में लवलीना उनसे हारती आई थीं। लवलीना 2018 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उनसे हार गई थीं।

लवलीना (दाएं) ने चीनी ताइपे की निएन-चिन चेन को हराकर सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई थी।
लेकिन शुक्रवार की लवलीना की जीत कोई मामूली जीत नहीं थी उन्होंने अपनी विरोधी खिलाड़ी को 4-1 से मात दी थी जो कि बहुत बड़ी जीत थी।
 

टोक्यो ओलंपिक : चीनी पहलवान को पटखनी देकर दीपक पहुंचे सेमीफाइनल में

टोक्यो ओलंपिक : चीनी पहलवान को पटखनी देकर दीपक पहुंचे सेमीफाइनल में

टोक्यो/नई दिल्ली: भारत के युवा पहलवान दीपक पुनिया ने देश की उम्मीदों की बरकरार रखा है। टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती के 86 किग्रा भारवर्ग के दूसरे वरीय दीपक ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। 22 वर्षीय पहलवान शानदार शुरुआत करते हुए प्री क्वार्टरफाइनल में नाइजीरियाई पहलवान एकरेकेम एगियोमोर को 12-1 से हराया। पहला मुकाबला आसानी से जीतने के बाद दीपक ने क्वार्टरफाइनल में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया।

दीपक ने क्वार्टरफाइनल में चीनी पहलवान जुशेन लिन को 6-3 से पटखनी दी। हालांकि इस मुकाबले में दीपक को चीनी खिलाड़ी से कड़ी टक्कर मिली। एक समय दोनों खिलाड़ी 3-3 की बराबरी पर थे लेकिन भारतीय पहलवान ने आखिरी के 10 सेकंड में पूरी बाजी पलट दी। उन्होंने जोरदार पलटवार किया और दो तीन अहम टेक्निकल पॉइंट हासिल किए। इस जीत के साथ ही दीपक ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। अब अगले दौर में दीपक का मुकाबला अमेरिका के पहलवान डेविड टेलर से होगा।

टोक्यो ओलंपिक : हॉकी में बेल्जियम ने रोका भारत का विजय रथ

टोक्यो ओलंपिक : हॉकी में बेल्जियम ने रोका भारत का विजय रथ

टोक्यो/नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में भारत को हॉकी स्पर्धा में बड़ा झटका लगा है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम फाइनल की रेस से बाहर हो गई है। टीम इंडिया को सेमीफाइनल मुकाबले में विश्व चैंपियन बेल्जियम ने 5-2 से हराया। पूरे मैच के दौरान भा्रतीय पुरुष हॉकी टीम बेल्जियम के आगे संघर्ष करती रही। एक समय भारत की बेल्जियम पर बढ़त बना ली थी। लेकिन टीम इंडिया बहुत देर तक यह बढ़त कायम नहीं कर सकी। बीते कुछ मैचों में भारत ने जो पैनापन दिखाया वह इस सेमीफाइऩल मैच में नदारद रहा।

फिलहाल इस हार के बाद भी भारत की मेडल जीतने की उम्मीद अभी कायम है। कांस्य पदक के लिए 5 अगस्त को मुकाबला खेला जाएगा। इससे पहले दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीम के बीच भिड़ंत होगी। उसमें से जो टीम हारेगी उसके साथ कांस्य पदक के लिए भारत का मुकाबला होगा। भारतीय हॉकी टीम साल 1980 के बाद से ओलंपिक में पदक नहीं जीती है।

वहीं अगर सेमीफाइनल मैच की बात की जाए तो बेल्जियम में शानदार शुरुआत की। खेल के दूसरे मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर लॉक लुईपर्ट ने गोल कर टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। इसके बाद टीम इंडिया ने वापसी करते हुए बराबरी का गोल दागा। सातवें मिनट पर मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत सिंह ने गोल कर भारत को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद मनदीप सिंह ने 8वें मिनट में गोल कर टीम इंडिया को 2-1 से आगे कर दिया।

जब पहले क्वार्टर का खेल समाप्त हुए तो भारत 2-1 से आगे था। इसके बाद दूसरे क्वार्टर में बेल्जियम की टीम ने वापसी की। खेले के 19वें मिनट में एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने गोल कर बेल्जियम को 2-2 की बराबरी पर ला दिया। जब हाफ टाइम का खेल समाप्त हुए तो दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं।
इस दौरान मैच के तीसरे क्वार्टर में दोनों टीमों की तरफ से गोल करने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद 49वें मिनट में बेल्जियम को पेनाल्टी कार्नर मिला जिस पर हेंड्रिक्स ने गोल कर टीम को 3-2 की बढ़त दिलाई। 53वें मिनट में एक बार फिर हेंड्रिक्स ने गोल कर टीम को 4-2 की मजबूत बढ़त दिला दी। 60वें मिनट में डोहमेन ने भारतीय उम्मीदों पर तुषारापात करते करते हुए गोल दागा और बेल्जियम को 5-2 से जीत दिला दी।

इससे पहले भारतीय टीम लगातार चार मैच जीतकर अंतिम चार में जगह बनाई थी। लेकिन सेमीफाइनल मैच में टीम इंडिया अपनी लय बरकरार नहीं रख पाई। वहीं बेल्जियम को हॉकी में पहले गोल्ड मेडल का इंतजार है। फाइनल में बेल्जियम का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच खेले जाने वाले सेमीफाइनल के विजेता से होगा।

टोक्यो ओलंपिक : कमलप्रीत कौर मेडल की रेस से बाहर

टोक्यो ओलंपिक : कमलप्रीत कौर मेडल की रेस से बाहर

कमलप्रीत कौर डिस्कस थ्रो के फाइनल में छठे नंबर पर रही. उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 63.70 मीटर का रहा. हालांकि, उनके तीन थ्रो फाउल रहे. कमलप्रीत को मेडल हासिल करने के लिए 65.72 मीटर से ज्यादा का थ्रो करना था. डिस्कस थ्रो का गोल्ड मेडल अमेरिका की वैलेरी ऑलमैन (Valarie Allman) ने जीता, जबकि सिल्वर मेडल जर्मनी की क्रिस्टिन पुडेन्ज़ो (Kristin Pudenz) ने अपने नाम किया. कांस्य पदक क्यूबा की याइमे पेरेज़ के खाते में गया.

टोक्यो ओलंपिक : 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय हॉकी टीम

टोक्यो ओलंपिक : 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय हॉकी टीम

टोक्यो/नई दिल्ली: भारतीय पुरुष हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के और करीब पहुंच गई है। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में टीम ने क्वार्टरफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को एकतरफा मुकाबले में 3-1 से पटखनी दी। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही। क्वार्टरफाइनल मुकाबले में भारत की तरफ से दिलप्रीत सिंह, गुर्जंत सिंह और हार्दिक सिंह ने एक-एक गोल दागे जबकि गोलकीपर श्रीजेश ने भी ब्रिटेन के कई शॉट्स को सफलतापूर्वक रोका।

भारत की जीत के साथ ही अब सेमीफाइनलिस्ट का नाम भी तय हो गया है। भारत को जहां विश्व चैंपियन बेल्जियम से चुनौती मिलेगी वहीं अन्य मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी आमने-सामने होंगे।

बात करें भारत के अब तक के सफर की तो उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला मुकाबला 3-2 से जीता। हालांकि इसके बाद दूसरे मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने जोरदार वापसी की और फिर स्पेन को 3-0, अर्जेंटीना को 3-1 और जापान को 5-3 से हराया। इस के साथ भारतीय टीम ग्रुप ए में पांच में से चार मुकाबले जीतकर दूसरे स्थान पर रही।

टोक्यो ओलंपिक : क्वार्टरफाइनल में पहुंची महिला हॉकी टीम, इस टीम से होगी भिड़ंत

टोक्यो ओलंपिक : क्वार्टरफाइनल में पहुंची महिला हॉकी टीम, इस टीम से होगी भिड़ंत

टोक्यो/नई दिल्ली: भारतीय महिला हॉकी टीम क्वार्टरफाइनल में पहुंच गई है, जहां उसकी भिड़ंत ऑस्ट्रेलिया से होगी। दरअसल, पूल ए के मैच में ब्रिटेन ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया। इसके साथ ही भारत क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर गया। बता दें कि वंदना के शानदार खेल की बदौलत ही भारतीय टीम ग्रुप ए का अपना आखिरी मुकाबला जीतने में सफल रही और क्वार्टरफाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखा। भारतीय टीम ने अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से पटखनी दी। इसके साथ ही भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक की अपनी दूसरी जीत हासिल की और ग्रुप ए में छह अंक लेकर चौथे स्थान पर रही। इस जीत के बाद भारत की नजर आयरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन के मुकाबले पर थी।

भारत को क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के लिए आयरलैंड का हारना जरूरी था। हालांकि, हुआ भी ऐसा ही। अब दो अगस्त को भारतीय हॉकी टीम और ऑस्ट्रेलियाई टीम की भिड़ंत होगी। बता दें कि भारतीय हॉकी टीम ने 41 वर्षों में पहली बार ओलंपिक के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया है। इससे पहले भारतीय महिला टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में मास्को ओलंपिक में रहा जहां वह सेमीफाइनल में पहुंची थी लेकिन आखिर में उसे चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था।
 

टोक्यो ओलंपिक : घायल शेर की तरह लड़े बॉक्सर सतीश, हारकर भी जीत लिया दिल

टोक्यो ओलंपिक : घायल शेर की तरह लड़े बॉक्सर सतीश, हारकर भी जीत लिया दिल

टोक्यो/नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सिंग में भारत को जबरदस्त झटका लगा। बॉक्सर सतीश कुमार 91 किग्रा भार वर्ग में उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से हार गए। जालोलोव ने उन्हें 5-0 से शिकस्त दी। इस हार के साथ सतीश का टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का सपना टूट गया। प्री क्वार्टर फाइनल में लगी चोट के कारण वह सात टांके लगवाकर रिंग में उतरे थे। इस दौरान उन्होंने विश्व चैंपियन जालोलोव को कड़ी टक्कर देते हुए घायल भी किया। लेकिन यह उनकी बदकिस्मती रही कि सतीश मुकाबला जीत नहीं पाए।

सेना के 32 वर्ष के बॉक्सर सतीश ने अपने दाहिए हाथ से भी प्रतिद्वंदी पर पंच जड़े। लेकिन विश्व चैंपियन जालोलोव इस मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज पर हावी रहे। तीसरे दौर का मुकाबला जब शुरू हुआ तो सतीश के माथे का घाव घुल गया। वह खून से लथपथ हो गए लेकिन लेकिन मैदान नहीं छोड़ा।


इस मुकाबले में सतीश ने घायल शेर की तरह अपने प्रतिद्वंदी का सामना किया। यही वजह थी कि जीतने के बाद खुद जालोलोव ने उनकी जमकर तारीफ की। सतीश ओलंपिक में सुपर हेवीवेट मुकाबले में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे। वहीं बखोदिर जालोलोव तीन बार एशियाई चैंपियन रह चुके हैं।