भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल होने वाला है. ये मैच 9 मार्च 2025 को दुबई में होगा.भारत की टीम बहुत मज़बूत है. टीम इंडिया के पास शानदार बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ हैं. इस टूर्नामेंट में भारत ने अब तक 3 मैच खेले और तीनों जीते. भारत ने न्यूज़ीलैंड को ग्रुप स्टेज में 44 रन से हराया था. उस मैच में भारत ने पहले 249 रन बनाए, जिसमें श्रेयस अय्यर ने 79 रन बनाए. फिर वरुण चक्रवर्ती ने 5 विकेट लिए और न्यूज़ीलैंड को 205 रन पर रोक दिया. भारत की स्पिन गेंदबाजी में बहुत धार है, और इस टूर्नामेंट में स्पिनरों ने 15 विकेट लिए हैं.
न्यूज़ीलैंड भी बहुत खतरनाक टीम है. उनके पास अच्छे स्पिनर और तेज़ गेंदबाज़ हैं. न्यूज़ीलैंड ने सेमी-फाइनल में साउथ अफ्रीका को 50 रन से हराया. उस मैच में रचिन रवींद्र ने 108 रन और केन विलियमसन ने 102 रन बनाए. न्यूज़ीलैंड ने 362 रन बनाए, जो चैंपियंस ट्रॉफी का सबसे बड़ा स्कोर है. न्यूजीलैंड की फील्डिंग भी कमाल की है. इस टूर्नामेंट में उन्होंने 96% कैच पकड़े हैं, जो सबसे ज़्यादा हैं. न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ मैट हेनरी ने 5 मैचों में 15 विकेट लिए हैं.
ये फाइनल उसी पिच पर होगा, जहां भारत ने पाकिस्तान को हराया था. उस पिच पर स्पिनरों को मदद मिलती है. भारत और न्यूज़ीलैंड, दोनों के पास शानदार स्पिनर हैं. भारत के पास कुलदीप यादव हैं, जिन्होंने 6 विकेट लिए, और न्यूज़ीलैंड के पास मिचेल सैंटनर हैं, जिनके नाम 8 विकेट हैं. दोनों टीमें जीतने के लिए पूरी ताकत लगाएंगी. लेकिन कुछ प्वाइंट ऐसे भी जहां दोनों टीमों की तुलना की जाए तो भारत को चौकन्ना रहना जरूरी है.
बात करें वनडे मैचों में तो भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 119 मैच खेले हैं. इनमें भारत को 61 में जीत मिली है जबकि 50 मैचों में हार हुई है. वहीं आईसीसी टूर्नामेंट में आंकड़े न्यूजीलैंड के पक्ष में हैं.
1-न्यूज़ीलैंड भारत के लिए ICC चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में क्यों मुश्किल टीम है?
न्यूज़ीलैंड एक बहुत मुश्किल टीम है भारत के लिए ICC चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में. इसके पीछे कई कारण हैं. पहला कारण ये है कि न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ी उस मैदान की पिच को बहुत अच्छे से जानते हैं. वे पहले भारत के साथ उसी मैदान पर खेल चुके हैं. इससे उन्हें पिच की हर बात समझ में आ गई होगी, जैसे कि पिच कैसे खेलती है, गेंद कितनी उछलती है, और बल्लेबाज़ी करना कितना आसान या मुश्किल है. दूसरा कारण ये है कि न्यूज़ीलैंड के पास बहुत अच्छे स्पिन गेंदबाज़ हैं, जो भारत के स्पिन गेंदबाज़ों जितने ही खतरनाक हैं. इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने मिलकर 5 विकेट गिराए हैं. जिस में मिशेल सैंटनर ने 3 और ग्लेन फिलिप्स ने 2 विकेट लिए हैं. भारत को भी अपनी स्पिन गेंदबाजी पर भरोसा है, लेकिन न्यूज़ीलैंड भी कम नहीं है. तीसरा कारण है उनके तेज़ गेंदबाज़. न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ गेंद को हवा में हिलाते हैं और बहुत उछाल पैदा करते हैं, जो भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. चौथा कारण उनकी फील्डिंग है. न्यूज़ीलैंड की फील्डिंग दुनिया में सबसे अच्छी मानी जाती है. वे मैदान पर बहुत तेज़ हैं और रन बचाने में माहिर हैं. आखिरी कारण है उनके बल्लेबाज़। न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ उस पिच पर अच्छा खेल सकते हैं और खासकर स्पिन गेंदबाजी को बहुत अच्छे से संभाल सकते हैं. इन सारी बातों की वजह से न्यूज़ीलैंड भारत के लिए बहुत बड़ी चुनौती है.
2-न्यूज़ीलैंड की स्पिन गेंदबाजी भारत की तुलना में कैसी है और उनकी क्या रणनीति हो सकती है?
भारत अपनी स्पिन गेंदबाजी के लिए बहुत मशहूर है. पूरी दुनिया जानती है कि भारत के पास दुनिया के सबसे अच्छे स्पिन गेंदबाज़ हैं. लेकिन न्यूज़ीलैंड के पास भी बहुत अच्छे स्पिन गेंदबाज़ हैं, और वे भारत को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. न्यूज़ीलैंड की स्पिन गेंदबाजी का लीडर है मिचेल सैंटनर. मिचेल सैंटनर बहुत चालाक गेंदबाज़ हैं. वे गेंद को घुमाते हैं और बल्लेबाज़ों को परेशान करते हैं. उनके साथ माइकल ब्रेसवेल भी हैं, जो एक और शानदार स्पिनर हैं. फिर ग्लेन फिलिप्स हैं, जो गेंदबाजी भी करते हैं और फील्डिंग में भी कमाल हैं. रचिन रवींद्र भी स्पिन गेंदबाजी करते हैं और बहुत अच्छे ऑलराउंडर हैं. इन चारों स्पिनरों की खास बात ये है कि ये सब अलग-अलग तरह की गेंदबाजी करते हैं. कोई तेज़ गेंद डालता है, कोई धीमी, कोई ज़्यादा घुमाता है, तो कोई कम. इससे न्यूज़ीलैंड की स्पिन गेंदबाजी बहुत मज़बूत हो जाती है.
न्यूज़ीलैंड की रणनीति क्या हो सकती है? चूंकि वे पहले भारत के साथ इस टूर्नामेंट में खेल चुके हैं, तो उन्हें पिच की पूरी जानकारी होगी.उन्हें पता होगा कि पिच पर गेंद कैसे रुकती है, कैसे घूमती है, और बल्लेबाज़ों को क्या परेशानी होती है. फाइनल उसी पिच पर होगा, जो भारत और पाकिस्तान के मैच में इस्तेमाल हुई थी. उस पिच पर स्पिन गेंदबाज़ों को बहुत मदद मिलती है. इसलिए न्यूज़ीलैंड अपने स्पिनरों पर बहुत भरोसा करेगा. वे भारत के बल्लेबाज़ों को रोकने के लिए अपनी स्पिन गेंदबाजी का पूरा इस्तेमाल करेंगे. वे कोशिश करेंगे कि भारत के बड़े बल्लेबाज़ जल्दी आउट हो जाएं. इसके लिए वे अपनी गेंदबाजी में बदलाव करते रहेंगे, ताकि भारतीय बल्लेबाज़ समझ न पाएं कि अगली गेंद क्या होगी.
3-न्यूज़ीलैंड की तेज़ गेंदबाजी में क्या खास है, और ये भारत के बल्लेबाज़ों को कैसे परेशान कर सकती है?
न्यूज़ीलैंड की तेज़ गेंदबाजी बहुत खास है. उनके तेज़ गेंदबाज़ नई गेंद से बहुत कुछ कर सकते हैं. वे गेंद को स्विंग कराने में माहिर हैं. ये स्विंग इस टूर्नामेंट में दूसरी टीमों के गेंदबाज़ों से ज़्यादा देखने को मिली है. न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ लंबे हैं, यानी उनकी हाइट ज़्यादा है. इसकी वजह से जब वे गेंद डालते हैं, तो गेंद को हवा में ज़्यादा समय मिलता है. हवा में ज़्यादा समय होने से गेंद हिलती है और बल्लेबाज़ को समझ नहीं आता कि गेंद कहां जाएगी. साथ ही, वे गेंद को अच्छी लंबाई पर डालते हैं, जिससे उछाल भी पैदा होता है. ये उछाल भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए बहुत परेशानी का कारण बन सकती है.
भारत के टॉप बल्लेबाज़, जो शुरुआत में खेलते हैं, उन्हें ये उछाल और गेदों का हिलना पहले भी ICC टूर्नामेंट्स में परेशान कर चुकी है. न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ इस बात का फायदा उठाना चाहेंगे. वे कोशिश करेंगे कि भारत के बड़े बल्लेबाज़ जल्दी आउट हो जाएं, ताकि भारत दबाव में आ जाए. अगर शुरुआती ओवरों में भारत के विकेट गिर गए, तो न्यूज़ीलैंड को बहुत बड़ा फायदा हो सकता है.
4-न्यूज़ीलैंड की फील्डिंग कितनी अहम है, और ये मैच को कैसे प्रभावित कर सकती है?
न्यूज़ीलैंड की फील्डिंग दुनिया में सबसे अच्छी है. वे मैदान पर बहुत तेज़ हैं। वे 30 से 40 रन आसानी से बचा सकते हैं. यानी अगर भारत के बल्लेबाज़ अच्छा खेल रहे हों, तो भी न्यूज़ीलैंड की फील्डिंग की वजह से कम रन बनाने देंगे.इसके अलावा, न्यूज़ीलैंड के फील्डर मुश्किल कैच भी पकड़ लेते हैं. ग्लेन फिलिप्स एक बहुत शानदार फील्डर हैं. वे ऐसे कैच पकड़ सकते हैं, जो खेल का रुख बदल दें. इससे पहले हुए मैच में विराट कोहली का कैच ग्लेन फिलिप्स ने जिस तरह से पकड़ा था उससे हर कोई हैरान रह गया था.
जब न्यूज़ीलैंड के स्पिनर गेंदबाजी करते हैं, तो वे अपने सबसे अच्छे फील्डरों को पास में खड़ा करते हैं. इससे भारत के बल्लेबाज़ों को सिंगल रन लेना भी मुश्किल हो जाता है. हर रन के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है. ये दबाव भारत के लिए बहुत बड़ा हो सकता है. अगर भारत रन नहीं बना पाया, तो न्यूज़ीलैंड आसानी से मैच में आगे निकल सकता है.फील्डिंग न्यूज़ीलैंड की सबसे बड़ी ताकत में से एक है.
5-न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों की क्या ताकत है, खासकर स्पिन के खिलाफ?
न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ उस पिच पर बहुत अच्छा खेल सकते हैं. उनके पास रचिन रवींद्र, विल यंग और केन विलियमसन जैसे खिलाड़ी हैं, जो तेज़ शुरुआत दे सकते हैं. ये बल्लेबाज़ स्पिन गेंदबाजी को अच्छे से खेलते हैं और बड़े शॉट भी मार सकते हैं. फिर टॉम लैथम, डैरिल मिचेल और ग्लेन फिलिप्स हैं, जो मिडिल ओवर्स में अच्छा खेलते हैं. ये सब स्पिन को बहुत अच्छे से संभालते हैं.
पिछले मैच में न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ वरुण चक्रवर्ती की शानदार गेंदबाजी से हार गए थे. लेकिन अब वे उससे सीख लेकर बेहतर खेलने की कोशिश करेंगे. वे भारत के स्पिनरों को ध्यान से खेलेंगे और बड़े स्कोर बनाने की कोशिश करेंगे. उनकी ताकत ये है कि वे पिच के हिसाब से खेल सकते हैं और स्पिन को परेशानी नहीं मानते.
6-भारत को न्यूज़ीलैंड को हराने के लिए किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
भारत को न्यूज़ीलैंड को हराने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी. सबसे पहले, उन्हें शुरुआती ओवरों में न्यूज़ीलैंड की तेज़ गेंदबाजी का जवाब ढूंढना होगा. न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ गेंद को हिलाते हैं और उछालते हैं, तो भारत को सावधान रहना होगा. पावरप्ले में रन बनाना बहुत ज़रूरी है. दूसरी बात, भारत को पिच को अच्छे से समझना होगा. उन्हें न्यूज़ीलैंड के स्पिनरों के खिलाफ रणनीति बनानी होगी. अगर भारत इन दोनों चीज़ों पर ध्यान देगा, तो वे न्यूज़ीलैंड को हरा सकते हैं.
7-पिच की हालत फाइनल के लिए कितनी ज़रूरी है, और ये दोनों टीमों को कैसे प्रभावित करेगी?
पिच बहुत ज़रूरी है. फाइनल उसी पिच पर होगा, जो भारत-पाकिस्तान मैच में थी. उस पिच पर स्पिन गेंदबाज़ों को बहुत मदद मिलती है. भारत और न्यूज़ीलैंड, दोनों के पास अच्छे स्पिनर हैं. दोनों टीमों के बल्लेबाज़ भी स्पिन को अच्छे से खेल सकते हैं. जो टीम पिच को बेहतर समझेगी और अपनी रणनीति को अच्छे से लागू करेगी, वही जीतेगी.
8-पिछले भारत-न्यूज़ीलैंड मैच से फाइनल के लिए क्या सीख मिलेगी?
पिछले मैच से न्यूज़ीलैंड को भारत की स्पिन गेंदबाजी का अनुभव मिला है.भारत को न्यूज़ीलैंड की तेज़ गेंदबाजी से सावधान रहना होगा. दोनों टीमें पिच को ध्यान से देखेंगी और उसी हिसाब से रणनीति बनाएंगी. दिल थाम कर बैठिए, ये मैच बहुत रोमांचक होने जा रहा है.
source: ABP Live