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अब 18 से 25 साल के लोगों को फ्री में मिलेगा कंडोम, जानें सरकार ने क्यों लिया है ऐसा फैसला?

अब 18 से 25 साल के लोगों को फ्री में मिलेगा कंडोम, जानें सरकार ने क्यों लिया है ऐसा फैसला?

 फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 18 से 25 साल के सभी युवाओं को फ्री में कंडोम उपलब्ध कराने की घोषणा की है। जनवरी से फ्रांस के युवाओं को कंडोम खरीदने के लिए पैसे नहीं देने होंगे।

फ्रांस को ‘नए एचआईवी मामलों से मुक्त’ करने का लक्ष्य रखा है। फ्रांस में 2020 और 2021 में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन( infection) के मामलों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी।

युवा एसटीआई होने की आशंका होने पर फ्री में जांच( free) 

फ्रांस में एसटीआई पर लगाम लगाने के लिए और भी कई स्वास्थ्य अभियान चलाए जा रहे हैं। फ्रांस में युवा एसटीआई होने की आशंका होने पर फ्री में जांच करा सकते हैं।

संबंध बनाते समय कंडोम( condom) का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते

राष्ट्रपति मैक्रों ने इसे रोकथाम की दिशा में एक छोटी क्रांति बताया है। मैक्रों ने कहा कि फ्रांस यौन शिक्षा के मामले में बहुत अच्छा नहीं है। हकीकत थ्योरी से बहुत अलग होती है। इस क्षेत्र में हमें लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। पिछले साल हुई एक स्टडी में सामने आया था कि फ्रांस में हर चार में एक युवा नए साथी के साथ संबंध बनाते समय कंडोम का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते हैं

Sukhvinder Singh Sukhu: सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे हिमाचल के मुख्यमंत्री- कल इतने बजे लेंगे शपथ, पार्षद से लेकर CM बनने तक का पूरा सफर

Sukhvinder Singh Sukhu: सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे हिमाचल के मुख्यमंत्री- कल इतने बजे लेंगे शपथ, पार्षद से लेकर CM बनने तक का पूरा सफर

 Sukhvinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. नतीजों के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठकों का दौर चल रहा था. राजधानी शिमला में एक लंबी बैठक के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री चुन लिया गया है. विधायक दल की बैठक में सभी की राय से सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी गई.   

सुखविंदर सिंह सुक्खू रविवार यानी 11 दिसंबर की सुबह हिमाचल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इसके साथ ही मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल के उप मुख्यमंत्री पर की शपथ लेंगे. बता दें कि इससे पहले कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सीएम की रेस में आगे चल रही थीं, लेकिन शनिवार की दोपहर आते-आते सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम आगे चलने लगा. 

कांग्रेस को मिला है स्पष्ट बहुमत

हिमाचल की कुल 68 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 40 सीटें मिली हैं, वहीं इसके मुकाबले बीजेपी को 25 सीटें हासिल हुईं. इसके अलावा 3 सीटों पर निर्दलीय जीते. कांग्रेस ने हिमाचल के लिए ना तो चुनाव से पहले किसी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया था और ना ही बाद में सीएम पद के लिए नाम का ऐलान किया था. लेकिन अब सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के अगने मुख्यमंत्री होंगे.   

हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. 8 दिसंबर को नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री के लिए जो नाम चर्चा में चल रहे थे, उनमें सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री का नाम सबसे आगे था. ऐसे में आइए बताते हैं कि सुखविंदर सिंह सुक्खू कौन हैं?   

सुखविंदर सिंह सुक्खू  

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश की नादौन विधानसभा सीट से चुनाव जीता है. उन्होंने बीजेपी के विजय कुमार को 3,363 वोटों के अंतर से हराया है. सुक्खू को हिमाचल के मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे थे. सुखविंदर सिंह को 50.88 फीसदी वोट शेयर के साथ 36142 वोट मिले, जबकि बीजेपी के विजय कुमार को 46.14 फीसदी वोट शेयर के साथ 32,779 हासिल हुए. वहीं, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शैंकी ठुकराल को महज 1,487 वोट ही मिल सके. 

सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश की मौजूदा राजनीति में धुरंधर माने जाने जाते हैं. वह अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं. सुक्खू का जन्म 27 मार्च 1964 को हिमाचल प्रदेश के नादौन में हुआ था. अब वह कांग्रेस से इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनके पिता का नाम रसिल सिंह है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नादौन यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बाद में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की. 

2003 में पहली बार विधायक बने

सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते थे. 2022 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू कांग्रेस की प्रचार कमेटी के प्रमुख भी थे. सुखविंदर सुक्खू ने अब तक 5 बार विधानसभा का चुनाव लड़ा है, जिसमें से 4 चुनावों में जीत हासिल की है. वह पहली बार साल 2003 में नौदान विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. इसके बाद सुक्खू 2007, 2017 का चुनाव जीते. वह 2013 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.  

High Court: अजन्मे बच्चे को गोद लेना कानून के लिए अज्ञात, जानिए हाईकोर्ट को आखिर क्यों कहनी पड़ी ये बात?

High Court: अजन्मे बच्चे को गोद लेना कानून के लिए अज्ञात, जानिए हाईकोर्ट को आखिर क्यों कहनी पड़ी ये बात?

 कर्नाटक: अजन्मे बच्चे को गोद लेने का समझौता कानून के लिए अज्ञात है। ये टिपण्णी कर्नाटक हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए की। न्यायमूर्ति बी वीरप्पा और न्यायमूर्ति के एस हेमलेखा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए दो साल, नौ महीने की एक बच्ची के माता-पिता की ओर से संयुक्त रूप से दायर याचिका खारिज कर दिया।

Karnataka High Court: मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बच्ची के जैविक माता-पिता हिंदू हैं वहीं, उसके दत्तक माता-पिता मुस्लिम हैं। दरअसल, बच्ची के जैविक माता-पिता और दत्तक माता-पिता ने उडुपी जिला अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की थी जिससे कि मुस्लिम दंपति को उस बच्ची का दत्तक माता-पिता और अभिभावक घोषित किया जा सके।

Karnataka High Court: निचली अदालत ने बच्ची के जैविक माता-पिता और दत्तक माता-पिता की अर्जी को खारिज कर दिया था, इसके बाद वे हाईकोर्ट पहुंचे। इस मामले में हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति बी वीरप्पा और न्यायमूर्ति के एस हेमलेखा की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि समझौते की तारीख के अनुसार, बच्ची अपीलकर्ता संख्या 4 के गर्भ में था और बच्चे का जन्म 26-3-2020 को हुआ था, यानी पार्टियों के बीच समझौते के पांच दिनों के बाद।

Karnataka High Court: इस तरह, दोनों पक्षों ने एक अजन्मे बच्चे के संबंध में समझौता किया। ऐसा समझौता कानून के लिए अज्ञात है। जबकि जैविक माता-पिता हिंदू हैं, बच्ची के दत्तक माता-पिता मुस्लिम हैं। अदालत ने इस मामले को खारिज कर दिया।

Karnataka High Court: मिली जानकारी के मुताबिक, बच्ची के जैविक माता-पिता गरीबी के कारण बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ थे और उसके दत्तक माता-पिता मुस्लिम दंपति निःसंतान थे इसलिए उन्होंने समझौता किया था। समझौते में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच गोद लेने के लिए पैसे का आदान-प्रदान नहीं किया गया था।

Karnataka High Court: ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने उनकी याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि इस समझौते से कही से भी यह साफ नहीं होता कि बच्चे का कल्याण होगा। जिसके बाद दोनों जोड़ों ने अपील के साथ निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। वहीं, इस मामले में सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि अगर जैविक माता-पिता बच्चे के बारे में चिंतित थे तो वे इसे कानूनी रूप से गोद लेने के लिए रख सकते थे।

artifical Intelligence : पता लग जाएगा कब मरने वाला है इंसान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करेगा मौत की भविष्यवाणी

artifical Intelligence : पता लग जाएगा कब मरने वाला है इंसान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करेगा मौत की भविष्यवाणी

 artifical Intelligence : क्या हो अगर हमें अपनी मौत का पता पहले ही लग जाए! आज साइंस इतनी तरक्की के बाद भी मौत का सही समय पता करने में नाकामयाब रहा। अब डेथ प्रिडिक्शन को लेकर नए दावे हो रहे हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए पता लग सकेगा कि किसकी मौत लगभग कब होने वाली है।

40 से 69 साल हजारों लोग शामिल हुए स्टडी

नॉटिंघम यूनिवर्सिटी ने डेथ प्रिडिक्शन को लेकर ब्रिटिश लोगों पर ये स्टडी की। इसके तहत 40 से 69 साल की उम्र वाले लगभग हजार लोगों को लिया गया, जो लाइफ-स्टाइल बीमारियों जैसे डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के साथ अस्पताल आए।

हॉस्पिटल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ये समझने की कोशिश हुई कि किन हालातों में मरीजों की हालत ज्यादा गंभीर हो जाती है, या उनकी मौत हो सकती है। खास बात ये है कि स्टडी प्रीमैच्योर डेथ के इशारे समझने की बात करती है, न कि उम्र के साथ अपने-आप होती मृत्यु की।अध्ययन से कई खास पैटर्न निकलकर आए, जिनके बारे में वैज्ञानिक मान रहे हैं कि ये एक तरह से मौत का पता लगाने की तरह है। साथ ही ये फायदा भी गिनाया जा रहा है कि अगर खास परिस्थितियों में मौत का ट्रेंड समझ आ सके तो डॉक्टर उन मरीजों की बजाए, जिनकी मौत करीब है, उनपर ध्यान दें सकेंगे, जिनके जीने की संभावना ज्यादा है।

कैसे होगा प्रीमैच्योर डेथ टेस्ट

प्रीमैच्योर डेथ की सारी जानकारी पीएलओएस वन साइंस जर्नल में दी गई। डेथ टेस्ट के बारे में आम तरीके से समझें तो ये एक तरह का ब्लड टेस्ट होगा। एक्सपर्ट इसमें कुछ अलग बायोमार्कर देखकर तय कर सकेंगे कि मरीज की मौत अगले दो से पांच सालों के भीतर होगी या नहीं।

प्रिडिक्शन टेस्ट में बड़ा रोल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का होगा। ये स्टडी फिलहाल अपनी शुरुआती स्टेज में है, इसलिए पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता कि इसके दावे कितने सही हैं।

इकोकार्डियोग्राम वीडियो देख करेगा भविष्यवाणी

दरअसल साल 2021 की शुरुआत में भी मौत की भविष्यवाणी की बात हुई थी। पेंसिल्वेनिया के हेल्थ केयर सिस्टम गीजिंगर में दशकभर से ज्यादा समय से इसपर स्टडी की जा रही थी, जिसके नतीजे पिछले साल ही बाहर आए।  वैज्ञानिकों ने क्लेम किया कि इकोकार्डियोग्राम वीडियो देखकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न सिर्फ मौत का पता लगा सकेगा, बल्कि ये भी पक्के तौर पर सामने आ जाएगा कि मरीज की मौत सालभर के भीतर होगी।

स्टडी के दौरान लगभग सवा 8 लाख से ज्यादा इकोकार्डियोग्राम देखे गए, और नब्बे फीसदी मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भविष्यवाणी सही पाई गई। पेंसिल्वेनिया का ये अध्ययन नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग नाम की साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ।

आंखों में भी दिखेगी मौत

इसी साल की शुरुआत में एक और स्टडी आई थी, जिसमें दावा था कि आंखें देखकर मौत का समय बताया जा सकेगा। दिल की बीमारी से जूझ रहे मरीजों पर हुई स्टडी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रेटिना को स्कैन करता और मौत का अनुमानित समय बताया। इस तरीके से लगभग 18 सौ लोगों की मौत का सटीक अनुमान लगाया जा सका। ये वे लोग थे, जिनकी रेटिना समय से पहले  बूढ़ी हो चुकी थी।

आपको बता दें कि आंखों को देखकर इंसान की बायोलॉजिकल उम्र का पता पहले से ही लगता रहा है। लेकिन, अगर आंखों में अर्ली-एजिंग आ रही है, तो इसका मतलब कि शख्स की गलत लाइफ-स्टाइल उसे समय से पहले बूढ़ा करके मौत की तरफ ले जा रही है।

गरीबों का अनाज बेचकर बना करोड़पति !  सस्ते में लेकर महंगे में बेचता था आटा, अब आरोपी गिरफ्तार, जानिये पूरा मामला

गरीबों का अनाज बेचकर बना करोड़पति ! सस्ते में लेकर महंगे में बेचता था आटा, अब आरोपी गिरफ्तार, जानिये पूरा मामला

  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में मिल रहे मुफ्त सस्ते राशन पर माफियों की लगी नजर। दो साल पहले ही इंदौर में 80 लाख से ज्यादा का राशन घोटाला प्रशासन ने पकड़ा था और कुछ लोगों पर रासुका तक लगाई, मकान भी तोड़े, लेकिन इसके बाद भी माफिया में कोई खौफ नहीं आया। पुलिस ने एक और गैंग को पकड़ा है जो गरीबों से राशन सस्ते दाम में खरीदकर उसे बेच देते थे और फिर खरीदार इनका आटा बनाकर अपने ब्रांड के नाम से बाजार में महंगे दामों में बेच डालता था, इस तरह के धंधे से वह करोड़पति हो गया।

आरोपी इमरान ने लॉकडाउन में बनाई गैंग

इस कांड का मुख्य आरोपी मोहम्मद इमरान पिता बाबू खान अब पुलिस की गिरफ्त में है। संयोगितागंज टीआई तहजीब काजी ने उसे पकड़ा है, उसके पास से चावल के 27 कट्‌टे मिले हैं। आरोपी इमरान आटा चक्की चलाता है, लॉकडाउन के दौरान गरीबों ने उसे अनाज बेचा, कुछ लोग ऐसे भी थे जो इन गरीबों से अनाज खरीदकर ऑटो रिक्शा से थोक में इमरान को बेचते थे। इमरान ने पहले इन रिक्शा चालकों को कमीशन देकर माल लेना शुरू किया, फिर उसने इस दौरान एक गैंग बनाई, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। उसने इस राशन के परिवहन के लिए 20 ऑटो ले रखे थे, जो राशन दुकान के बाहर ही 15 से 16 रुपए में गरीबों से सीधे गेंहू, चावल व अन्य राशन खरीद लेते थे। ऑटो से इन्हें गोदाम पहुंचाया जाता था और फिर इमरान इसकी अपने नए ब्रांड के नाम से पैकिंग कर बाजार में बेच देता था, औसतन 30 रुपए प्रति किलो यह गेंहू बेचा जाता था।

पिछड़ी बस्तियों से आता था अनाज

पुलिस को पूछताछ में यह भी जानकारी लगी है कि वह ऑटो रिक्शा वालों की मदद से चंदन नगर, खजराना और आजाद नगर सहित अन्य इलाकों की दुकानों से माल की कालाबाजारी करता था।

पुलिस ने रैकी कर रिक्शा को पीछाकर पकड़ा

टीआई तहजीब काजी ने बताया कि शासन के अनाज की कालाबाजारी करने की सूचना मिली थी। दो दिन पहले आजाद नगर और संयोगिता गंज इलाके के बीच बनी शासकीय राशन दुकान पर पुलिस ने रैकी कर रिक्शा का पीछा किया। वह इमरान की आटा चक्की के बाहर आकर रुकी। थाने लाकर पूछताछ की गई, तो पूरा घोटाला सामने आया। पुलिस ने इस मामले में चार और आरोपियों की गिरफ्तारी की है। पुलिस ने मंजूर पुत्र मुख्तियार निवासी आरएनटी मार्ग, नसीम पुत्र अली हुसैन पुत्र साकिर हुसैन निवासी आजाद नगर और शाहरुख हुसैन पुत्र मंजूर हुसैन निवासी आरएनटी मार्ग इंदौर को गिरफ्तार कर उनसे वाहन जिससे शासकीय अनाज कलेक्ट करते थे। उसे भी जब्त किया गया है वहीं पुलिस ने इस मामले में लिप्त महिला एजेंटों की गिरफ्तारी भी की है।

कौन होगा हिमाचल का मुख्यमंत्री? कांग्रेस आलाकमान करेगा तय...आज सौंपी जाएगी रिपोर्ट

कौन होगा हिमाचल का मुख्यमंत्री? कांग्रेस आलाकमान करेगा तय...आज सौंपी जाएगी रिपोर्ट

 हिमाचल प्रदेश /  में कांग्रेस की नवनिर्वाचित सरकार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला पार्टी आलाकमान लेगा। पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा गया है। शनिवार को रिपोर्ट आलाकमान को भेजी जाएगी। दिन भर चले हंगामे के बाद शुक्रवार रात 10:00 बजे विधायक दल की बैठक में इस प्रस्ताव पर सभी मौजूद 40 विधायक सहमत हुए। बैठक में किसी भी नाम पर सहमति बनती नहीं दिखी तो यह फैसला लिया गया।

निवर्तमान कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने एक सिंगल लाइन प्रस्ताव हाईकमान को भेजकर उन्हीं पर फैसला छोड़ने की बात की, जिसका चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू ने समर्थन किया। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश मामलों के प्रभारी सांसद राजीव शुक्ला, सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली, संजय दत्त, तजेंद्र पाल बिट्टू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह विशेष रूप से मौजूद रहीं।  बैठक में हर विधायक से बारी-बारी चुनाव पर्यवेक्षकों ने बात की। इनसे सीएम पद के लिए दो-दो नाम पूछे गए। उनके गुण और अवगुण भी पूछे। फिर इस बैठक में सीएलपी की सहमति के बाद एक सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजने का निर्णय हुआ। सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित किया गया है कि जो भी फैसला होगा, वह कांग्रेस आलाकमान करेगा। इस प्रस्ताव को शनिवार को आलाकमान के समक्ष रखा जाएगा। इसके लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है।
वीरभद्र कार्ड खेलकर हिमाचल जीते : प्रतिभा सिंह
प्रतिभा सिंह ने कहा है कि प्रदेश में वीरभद्र कार्ड खेलकर ही पार्टी सत्ता में आई है। वीरभद्र के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को लोगों के बीच रखा गया। उसके बाद जनता का अपार जनसमर्थन मिला। 

सुक्खू बोले - प्रियंका गांधी की रणनीति से जीते
सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि प्रियंका गांधी की रणनीति से ही प्रदेश में पार्टी की जीत हुई है। सोलन में हुई रैली मेें जिस तरह उन्होंने बातें रखीं और  प्रदेश से अपना भावनात्मक संबंध जोड़ा, उससे विजय हुई है। 

गुजरात सरकार पर दिल्ली में मुहर लगेगी आज

गुजरात सरकार पर दिल्ली में मुहर लगेगी आज

 अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में एतिहासिक जीत के बाद भाजपा सहित पूरे गुजरात में जश्न का माहौल है । जश्न में डूबी भाजपा अब सरकार बनाने की प्रक्रिया में जुट गई है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पूरे मंत्रिमंडल के साथ राज्य में नयी सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस्तीफा दे दिया हैं।

राज्य में सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह से पहले भाजपा विधायकों की बैठक में एक बार फिर से उन्हें इस पद के लिए नामांकित किया जाएगा। गुजरात में भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद भूपेंद्र पटेल प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के साथ आज शाम 4 बजे दिल्ली आएंगे।

23 साल की उम्र में 11 बच्चों की मां बन गई है ये महिला, 105 बच्चे पैदा करने का इतिहास बनाना चाहते हैं ये दं​पति

23 साल की उम्र में 11 बच्चों की मां बन गई है ये महिला, 105 बच्चे पैदा करने का इतिहास बनाना चाहते हैं ये दं​पति

 रुस: बच्चे हर किसी को पसंद होते हैं, शायद ही कोई ऐसा होगा जो इनकी मासूम हंसी पर अपना दिल न हार बैठे. आजकल छोटे परिवार का चलन बढ़ गया है, ऐसे में ज्यादातर लोग एक-दो बच्चे ही पैदा करना पसंद करते हैं.

 

रूस (Russia) में रहने वाली 23 साल की क्रिस्टिना ओज्टर्क को बच्चों से काफी ज्यादा ही लगाव है और यही कारण है कि वो इतनी कम उम्र में ही 11 बच्चों का पालन पोषण कर रही हैं. हालांकि उनका बच्चों को लेकर दीवानापन अभी भी खत्म नहीं हुआ है और वे फ्यूचर में भी कई बच्चों की मां बनना चाहती हैं. क्रिस्टिना ने कहा कि मैंने छह साल पहले एक लड़की को जन्म दिया था. उसके बाद से मैंने इन बच्चों को जन्म नहीं दिया है और हमने सरोगेसी (Surrogacy) की मदद से बाकी बच्चों को पैदा किया है.

क्रिस्टिना भविष्य में 100 बच्चों का परिवार चाहती हैं. इस कपल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा था कि वे 105 बच्चे चाहते हैं. हालांकि क्रिस्टिना ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि हम बच्चों के नंबर को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं लेकिन इतना जरूर है कि हम 11 पर रूकने वाले नहीं है. हम फाइनल नंबर पर फैसला नहीं कर पाए हैं

क्रिस्टिना का परिवार जॉर्जिया के बातुमी शहर में रहता है. क्रिस्टिना ने कहा कि बातुमी में जिस क्लीनिक में हम सरोगेसी के लिए जाते हैं वे ही हमारे लिए सरोगेट महिलाओं का चयन करते हैं. इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी उनकी होती है. हम पर्सनल तौर पर इन सरोगेट महिलाओं के संपर्क में नहीं होते हैं और ना ही हमारा उनके साथ कोई डायरेक्ट कॉन्टेक्ट होता है.

बड़ी खबरः तन्मय को नहीं बचाया जा सका, जिंदगी की जंग हारा, करीब 84 घंटे रेस्क्यू के बाद बोरवेल से बाहर निकाला शव, गांव में पसरा मातम

बड़ी खबरः तन्मय को नहीं बचाया जा सका, जिंदगी की जंग हारा, करीब 84 घंटे रेस्क्यू के बाद बोरवेल से बाहर निकाला शव, गांव में पसरा मातम

 बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आई है। बोरवेल में गिरा मासूम तन्मय जिंदगी की जंग हार गया है। जिले के मांडवी गांव में 400 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिरे 8 साल के तन्मय साहू को बचाया नहीं जा सका। इस खबर से गांव सहित पूरे जिले के लोग स्तब्ध है। लोगों को उनके बचने की पूरी उम्मीद थी। वहीं डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित करने के बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में शोक की लहर है। हर कोई तन्मय की ही चर्चा करते नजर आ रहे है।

बता दें कि एमपी के बैतूल जिले के मांडवी गांव का मासूम तन्मय बोरवेल में फंसा हुआ था। रेसक्यू ऑपरेशन भी लगातार जारी रही लेकिन टीम को तन्मय तक पहुंचने में सफलता नहीं मिली। 45 फीट तक खुदाई करने के बाद 10 फीट की होरिजेंटल टनल बनाकर तन्मय तक पहुंचने की कोशिश की गई पर हार्डरॉक्स के चलते इस पूरी मुहिम में काफी समस्याओं का सामना टीम को करना पड़ा। इस पूरे ऑपरेशन में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम विशेषज्ञों के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। मौके पर बैतूल,नर्मदापुरम भोपाल और हरदा का प्रशासनिक अमला भी जुटा रहा। अधिकारियों की चिंता तब बढ़ी जब लंबे समय से तन्मय ने कोई रिस्पांस नहीं दिया, हालांकि स्थिति के मद्देनजर एंबुलेंस, मेडिकल टीम, लाइफ सेफ्टी इक्विपमेंट्स के साथ पूरी टीम तैयार रही। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के प्रयास की सराहना की किंतु नियति के आगे सब नतमस्तक हो गए।

UP में GST टीम की ताबड़तोड़ छापेमारी, टैक्स चोरी के आरोपों में व्यापारी हलाकान

UP में GST टीम की ताबड़तोड़ छापेमारी, टैक्स चोरी के आरोपों में व्यापारी हलाकान

 लखनऊ। उत्तर प्रदेश में टैक्स चोरी के मामले में राज्य कर विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी आज भी जारी है. प्रदेश के 71 जिलों में मिले इनपुट के आधार पर जीएसटी टीम अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापेमारी की. इस छापेमारी से टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ना तय है तो वहीं एक साथ छापेमारी की कार्यवाही से प्रदेश के चारो ओर व्यपारियों में भय-रोष का माहौल व्याप्त है.

वहीं गोरखपुर-बस्ती मंडल में एक साथ 22 टीमों ने छापेमारी कर 24 प्रतिष्ठानों के कागजात खंगाले. विभिन्न टीमों ने गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, संतकबीर नगर के 24 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की, गोरखपुर में रेस्टोरेंट, मेडिकल स्टोर, चश्मा घर, हार्डवेयर की दुकानों पर छापेमारी हुई. सोनौली, मेडिकल रोड, महराजगंज में शीशे की दुकान के साथ पोल्ट्री फार्म पर छापेमारी हुई.

संतकबीर नगर में फुटवियर तो वहीं कुशीनगर में चश्मा और हार्डवेयर की दुकान पर छापेमारी हुई. एडिशनल कमिश्नर ने बताया कि छापेमारी का उद्देश्य बिना पंजीयन के कारोबार करने वाले प्रतिष्ठानों द्वारा पंजीयन कराया जाना है. बिना पंजीयन के कारोबार होने से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस दौरान टीमों ने 1.83 करोड़ रुपए का गोलमाल पकड़ा, जिसे देखते हुए व्यापारियों ने 18 लाख रुपए कर जमा कराए.

जीएसटी विभाग की छापेमारी का खौफ प्रमुख बाजारों में साफ दिख रहा है. छापेमारी से व्यापारियों में भारी आक्रोश है. गोरखपुर के गोलघर, रेती, शाही मार्केट, सहजनवां समेत प्रमुख बाजारों में दुकानें बंद रही हैं. सर्वाधिक मुश्किल में इलेक्ट्रानिक्स गुड्स के कारोबारी दिखे. इसी का नतीजा है कि रेती रोड, बलदेव प्लाजा, असुरन छाया कम्पाउंड, सिनेमा रोड स्थित शाही मार्केट में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं. कुछ दुकानदारों ने तो दर्जन भर मर्तबा दुकान का शटर उठाया और गिराया.

शाही मार्केट, बलदेव प्लाजा से लेकर रेती रोड पर प्रतिदिन करीब 5 करोड़ रुपए के मोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स गुड्स के साथ कम्प्यूटर पार्ट्स की बिक्री होती है. चौथे दिन पूरे जोन में चिह्नित प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई. विभिन्न टीमों ने गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, संतकबीर नगर के 22 टीमों ने 24 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की. 1.83 करोड़ रुपए गोलमाल पकड़ा और 18 लाख रुपए जमा कराए.

यूपी के 71 जिलों में टैक्स चोरी के आरोप में व्यापारियों पर स्टेट जीएसटी के छापे की. स्टेट जीएसटी के छापे से व्यापारियों में बौखलाहट देखी रही है. इस छापें में उन व्यपारियों पर भी छापेमारी की जा रही है जो जीएसटी के दायरे में नहीं है. स्टेट जीएसटी आंख बंदकर छापे मार रहा है. जिस वजह से व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है और बाजार तक बंद हो रखे हैं.

स्टेट जीएसटी की इस छापेमारी के खिलाफ कई जिलों में विधायकों और व्यापारियों का धरना प्रदर्शन भी जारी है. स्टेट जीएसटी के खिलाफ व्यापारियों में आक्रोश देखा जा रहा है. 71 जिलों में 294 छापों से हड़कंप मचा हुआ है. कई शहरों में इतने छापे की व्यापारियों का धंधा ठप हो गया है. व्यापारियों ने स्टेट जीएसटी पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. अगले एक हफ्ते तक बाजार-बाजार छापे पड़ेंगे. स्टेट जीएसटी के छापों से व्यापारी परेशान हैं.

विधायकों की बैठक में नहीं बन पाई सहमति...अब कांग्रेस आलाकमान तय करेगा सीएम का नाम

विधायकों की बैठक में नहीं बन पाई सहमति...अब कांग्रेस आलाकमान तय करेगा सीएम का नाम

 हिमाचल प्रदेश।  विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री चेहरे के चयन को लेकर मचे घमासान के बीच कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में शुक्रवार देर शाम को नव निर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश मामलों के प्रभारी सांसद राजीव शुक्ला, सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली, संजय दत्त, तजेंद्र पाल बिट्टू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह मौजूद रहे।

इसके अलावा बैठक में प्रदेश कांग्रेस के सभी नव निर्वाचित विधायक मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री के चयन के लिए हर विधायक से दो-दो नाम पूछे गए। उनकी प्राथमिकता वाले उम्मीदवार की मेरिट और डिमेरिट भी पूछी गई। मुख्यमंत्री चेहरे के चयन को लेकर सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) बैठक में सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजने का फैसला लिया गया।अब हाईकमान तय करेगा कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार का मुख्यमंत्री कौन होगा? सूत्रों के अनुसार बैठक में मुकेश अग्निहोत्री ने सिंगल लाइन प्रस्ताव की बात रखी और सुखविंदर सुक्खू ने उसका समर्थन किया। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में थोड़ी देर में प्रेस ब्रीफिंग की जाएगी।इससे पहले कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि सीएलपी बैठक में सभी विधायक मौजूद रहेंगे। बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा और अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान की ओर से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदान वहां होता है जहां विवाद होता है, लेकिन कांग्रेस में सीएम चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है।

मासूम के कातिल को सजा-ए-मौत ! 7 साल की बच्ची की रेप के बाद मर्डर, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा…

मासूम के कातिल को सजा-ए-मौत ! 7 साल की बच्ची की रेप के बाद मर्डर, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा…

 सोनभद्र। जिले के बीजपुर थाना क्षेत्र में करीब दो वर्ष पूर्व सात वर्षीय मासूम से दुष्कर्म व हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. जज ने कहा कि दोषी को मरने तक फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। फांसी की सजा सुनते ही आरोपी रोने लगा. वहीं पीड़िता के परिजन कोर्ट के फैसले से खुश हुए और कोर्ट व जज का शुक्रिया अदा करते हुए अपनी बेटी के साथ हुई घटना को याद किया.


दरअसल, बीजपुर थाना क्षेत्र में दो साल पहले सात साल की मासूम को बिस्किट दिलाने के बहाने जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करने के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. आरोपी शिवम ने इस घटना को अंजाम देने के बाद मासूम की लाश को नाले में फेंक दिया था.

घटना के बाद आरोपी खुद परिजनों व पुलिस सहित मासूम का शव ढूढ़ने में सहयोग करता रहा, लेकिन आरोपी की हरकत से परिजनों को शक हो गया. तब परिजनों ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए पूछताछ की. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

इस मामले में पीड़िता के वकील दिनेश अग्रहरी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए. अभियुक्त के बाल एवं बालिका के मृत शरीर पर पाये गये बाल का डीएनए परीक्षण कराया गया, जबकि अन्य साक्ष्य अभियुक्त को नहीं बचा सके, जिसके फलस्वरूप पोस्को अधिनियम की विशेष अदालत ने न्याय करते हुए अभियुक्त को सजा सुनाई.

मृतक मासूम के माता-पिता का कहना है कि दो साल में आरोपियों की फांसी बता रही है कि न्याय के घर में देर है पर अंधेर नहीं. आज मेरी बच्ची को सच्चा न्याय मिला है. आरोपी ने जघन्य अपराध किया था और मेरी बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. शव को नाले में फेंक दिया. हम इस न्याय से खुश हैं. पुलिस, जज और भगवान सभी का शुक्रिया अदा करते हैं.
बुर्का पर बवालः 4 छात्रों ने बुर्का पहनकर आइटम सॉन्ग पर किया डांस, वीडियो वायरल होने पर भड़के लोग, जानिए क्या है पूरा मामला…

बुर्का पर बवालः 4 छात्रों ने बुर्का पहनकर आइटम सॉन्ग पर किया डांस, वीडियो वायरल होने पर भड़के लोग, जानिए क्या है पूरा मामला…

 Trending News: इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने बुर्का पहनकर आइटम सॉन्ग पर डांस किया. जिसका वीडियो वायरल हुआ तो सोशल मीडिया पर जमकर इसका विरोध किया गया. हालांकि, इसके बाद चारों स्टूडेंट्स को कॉलेज प्रबंधन ने निलंबित कर दिया है. कॉलेज की ओर से कहा गया है कि स्टूडेंट्स कार्यक्रम खत्म होने के बाद स्टेज पर चढ़कर डांस करने लगे थे.

जानकारी के अनुसार, कर्नाटक (Karnataka) के मंगलुरु के सेंट जोसेफ इंजीनियरिंग कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान स्टेज पर बुर्का पहनकर छात्र-छात्राओं ने डांस किया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. अधिकारियों ने कहा कि, शहर के सेंट जोसेफ इंजीनियरिंग कॉलेज में एक प्रोग्राम आयोजित किया गया था. इसमें कुछ छात्रों ने बुर्का पहनकर स्टेज पर आकर फिल्मी गाने पर डांस किया. इसका वीडियो वायरल हो गया था. वीडियो सामने आने के बाद कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इस डांस को आपत्तिजनक बताया है.

इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने मामले की जांच करवाकर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की. इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य रियो डिसूजा ने कहा कि प्रबंधन ने मुस्लिम समुदाय के चारों छात्रों को निलंबित कर दिया है.

कॉलेज ने बयान जारी कर कहा है कि, कॉलेज में आधिकारिक कार्यक्रम समाप्त होने के बाद छात्रों ने डांस किया था. इसका वीडियो वायरल हुआ है. परिसर के अंदर ऐसे किसी भी डांस का समर्थन नहीं किया जा सकता, जो विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव के खिलाफ हो.

BJP के 2 वरिष्ठ नेताओं को सजा: वोटिंग के दौरान मतपत्र फाड़कर पीठासीन अधिकारी के साथ की थी मारपीट

BJP के 2 वरिष्ठ नेताओं को सजा: वोटिंग के दौरान मतपत्र फाड़कर पीठासीन अधिकारी के साथ की थी मारपीट

 सागर। मध्यप्रदेश के सागर में महापौर चुनाव के दौरान मतपत्र फाड़ने और पीठासीन अधिकारी के साथ मारपीट करने के मामले में बीजेपी के दो वरिष्ठ नेताओं को सजा हुई है। कोर्ट ने वरिष्ठ नेता श्याम तिवारी और संजीव मोहन दुबे को एक-एक साल की सजा सुनाई है। साथ ही 200 रुपए का जुर्माना भी लागाया है।

दरअसल, सागर में 2014 में हुए महापौर चुनाव के दौरान तहसील स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में बनाए गए मतदान क्रमांक 22 में मतपत्र फाड़ने और पीठासीन अधिकारी के साथ मारपीट करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्याम तिवारी और संजीव मोहन दुबे को न्यायालय ने 1 वर्ष की सजा और 200 रुपए अर्थ दंड से दंडित किया है।

बता दें कि इस मामले में पीठासीन अधिकारी केएल रजक ने 6 जनवरी 2014 को सिविल लाइन थाने में अपने साथ हुई मारपीट और मतपत्र फाड़ने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच कर पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। आज न्यायालय ने सुनवाई करते हुए दोनों नेताओं को इस मामले में दोषी पाया। न्यायालय ने धारा 332 के तहत एक-एक साल की सजा सुनाई।

राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान

राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान

 Ration card Scheme: राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब फ्री राशन लेने वालों के लिए UIDAI की ओर से बड़ी जानकारी मिली है। सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से देश के करोड़ों लोगों को इसका लाभ होगा।

आधार के जरिए राशन लिया जा सकता है

देशभर में आधार जारी करने वाली संस्था ने जानकारी देते हुए कहा है कि अब आप देश में कहीं भी आधार के जरिए राशन ले सकते हैं। इसके लिए आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं होगी।
 
ट्वीट कर दी जानकारीUIDAI की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि अब देश में कहीं भी राशन की सुविधा सिर्फ आधार पर ही मिलेगी। हालांकि आप इस सुविधा का लाभ तभी उठा सकते हैं जब आपका आधार कार्ड अपडेट हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो आप इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसके अलावा अगर आपको राशन कार्ड से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या है तो आप 1947 पर संपर्क कर सकते हैं।
राज्यसभा में हंगामे के बीच ‘समान नागरिक संहिता’ बिल हुआ पेश, विपक्ष की मांग खारिज

राज्यसभा में हंगामे के बीच ‘समान नागरिक संहिता’ बिल हुआ पेश, विपक्ष की मांग खारिज

 Parliament Winter Session: राज्यसभा में शुक्रवार को ‘समान नागरिक संहिता’ निजी विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया। भजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा द्वारा इसे पेश किया गया। सदन में इस निजी विधेयक के पेश किये जाने पर बवाल हो गया। बहस गरमाने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पूछा कि इसे क्यों पेश नहीं किया जा सकता?

वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे रोकने की विपक्ष की मांग के बाद वोटिंग कराई। जिसमें बिल को पेश करने के पक्ष में 63 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 23 वोट डाले गए। इसके बाद विपक्ष की मांग खारिज हो गई और बिल को पेश करने की अनुमति मिल गई। बिल में मांग की गई है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक National Inspection & Investigation Commission बनाया जाए।

राज्यसभा में समान नागरिक संहिता लागू करने से जुड़ा प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया। जिसको लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके, एनसीपी और टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने बिल पेश करने का जोरदार विरोध किया। बिल को पेश करने का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि मुसलमान अपनी चचेरी बहन से शादी करना सही मानते हैं क्या हिंदू ऐसा कर सकते हैं। इसीलिए सभी धर्मों की अलग-अलग परंपरा है। बीजू जनता दल ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और सदन से वॉकआउट किया।

इस बिल को लेकर सदन में हुई चर्चा
सरकार की ओर से बोलते हुए केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी सदस्य को बिल पेश करने और अपने क्षेत्र के मुद्दे उठाने का अधिकार है। उन्होंने विरोध कर रहे सभी पार्टियों से कहा कि बिल पेश होने के बाद जब इस पर चर्चा होगी तब हर पार्टी अपनी बात रख सकेगी। इसके लिए राज्यसभा में बहस होनी चाहिए है। वहीं सीपीआई(एम) के सांसद जॉन ब्रिटास ने विधि आयोग की रिपोर्ट का हवाले देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं है।

बता दें कि सात दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है। इस सत्र में संसद में कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध देखने को मिल रहा है। राज्यसभा के सभापति के रूप में जगदीप धनखड़ के लिए भी यह पहला सत्र है। उन्होंने सत्र शुरू होने से पहले सदन की कार्यवाही में व्यवधान को कम करने और कामकाज में सुधार के तरीकों पर कई सदस्यों के सुझाव भी मांगे थे। यह शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर को समाप्त होगा।

भारत के इस गांव शादी से पहले संभोग करना अनिवार्य, और अगर हो जाये बच्चा तो माना जाता है बेहद शुभ, जाने इस अजीबो-गरीब रस्म बारे में…

भारत के इस गांव शादी से पहले संभोग करना अनिवार्य, और अगर हो जाये बच्चा तो माना जाता है बेहद शुभ, जाने इस अजीबो-गरीब रस्म बारे में…

 नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में शादी के अलग-अलग रीति रिवाज होते हैं। हमारे देश में भी कई राज्यों में ऐसे रीति रिवाज होते हैं जो सबको सोचने में मजबूर कर देते हैं। हालांकि हमारे हिंदू धर्म में भी कई तरह की शादी की रस्में निभाई जाती हैं। ऐसे ही विदेशों में भी कुछ जगहों पर अजीबो-गरीब रस्म अदा की जाती है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। हम बात कर रहे हैं बेहद ही खूबसूरत देश स्कॉटलैंड की। यहां शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन के साथ कुछ ऐसा किया जाता है जिसे जानकर आप कहेंगे कि ऐसे रस्म को निभाना क्या वाकई में जरूरी है।

शादी की अजीबो-गरीब परंपरा

हमारे देश में शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन एक साथ कई सारी रस्में निभाते हैं। यह रस्में हर कल्चर और समाज के हिसाब से अलग-अलग होती हैं। इनमें से कुछ रीति रिवाज ऐसे होते हैं, जिन्हें जानकर लोग दंग रह जाते हैं। जैसे की कहीं पर बच्चा पैदा करने के बाद लड़कियों की शादी होती है, तो कहीं भाई अपनी बहन की मांग भरता है।

शादी से पहले बच्चे पैदा करना शुभ

भारत के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं। सभी अपने समाज के नियमों के अनुरूप ही शादी करते हैं। राजस्थान के सिरोही और पाली जिले में गरासिया जनजाति के लोगों में शादी की एक अजब गजब परंपरा है। यहां शादी से पहले बच्चे पैदा करना शुभ माना जाता है। बता दें यह परंपरा 1000 साल से पहले से चली आ रही है। यहां लड़के-लड़कियों को शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाना जरुरी होता है और अगर बच्चा हो जाता है तो इनकी शादी करा दी जाती है, नहीं तो उनकी शादी नहीं होती है।

राजधानी के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में लगी भीषण आग, 1 व्यक्ति की मौत, 2 हजार करोड़ के नुकसान की आशंका

राजधानी के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में लगी भीषण आग, 1 व्यक्ति की मौत, 2 हजार करोड़ के नुकसान की आशंका

 रूस की राजधानी मॉस्को के एक बड़े शॉपिंग मॉल में लगी भीषण आग में एक व्यक्ति की मौत हो गई।एमेरजेंसी मिनिस्ट्री के हेड सर्गेई पोलिटकिन ने बताया कि आग सुबह के 10 बजकर 45 मिनट पर लगी। जो देखते ही देखते लगभग 7,000 वर्ग मीटर के एरिया( area) में फैल गई। जिस पर अब पूरी तरह से काबू पा लिया गया है।

70 से ज्यादा फायर फाइटर्स( fire fighters) काम पर लगे

आग पर काबू पाने के लिए 70 से अधिक फायर फाइटर्स और 20 अग्निशमन ट्रकों को साइट पर भेजा गया था। सर्गेई पोलिटकिन ने बताया कि इमारत के डिजाइन के कारण आग को बुझाने में काफी परेशानी हुई।

जांच के लिए बनाई गई कमेटी

रूस की न्यूज एजेंसी ने जानकारी दी थी कि आग की यह घटना साजिश भी हो सकती है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर कई वीडियोज वायरल हो रही हैं।

ये है दुनिया का सबसे महंगा फल, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप!

ये है दुनिया का सबसे महंगा फल, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप!

 अनानास (Pineapple) विटामिन सी, एंटी-ऑक्सीडेंट और मैंगनीज और पोटेशियम जैसे खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है. खासकर सर्दियों के मौसम में यह सेहत( health) के लिए एक बेहतरीन फल है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी एक ऐसी किस्म है जिसे वहन करना थोड़ा महंगा है।

रिपोर्ट के मुताबिक( as per reports) एक हेलिगन प्रवक्ता ने कहा, ‘अनानास बहुत ही मेहनत का काम है. अनानास की देखभाल, खाद की परिवहन लागत, अनानास के गड्ढों के रखरखाव और अन्य छोटे टुकड़ों की देखभाल करने में लगने वाले समय के साथ अनानास हमें 1,000 पाउंड का पड़ता है।

प्रत्येक अनानास की कीमत 10 लाख रुपये

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को विक्टोरियन ग्रीनहाउस में उगाया गया दूसरा अनानास उपहार में दिया गया था. उद्यान के अधिकारियों ने कहा कि अगर फल( fruit) की नीलामी की जाए, तो प्रत्येक अनानास की कीमत 10 लाख रुपये तक हो सकती है।

Transfer Breaking: UP में फिर प्रशासनिक फेरबदल, 3 IAS अफसरों के हुए तबादले, देखें पूरी लिस्ट…

Transfer Breaking: UP में फिर प्रशासनिक फेरबदल, 3 IAS अफसरों के हुए तबादले, देखें पूरी लिस्ट…

 लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर प्रशासनिक फेरबदल हुआ है. प्रदेश में 3 IAS अफसरों के तबादले हुए हैं. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.

जारी आदेश के मुताबिक समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार हटाए गए हैं. राकेश कुमार विशेष सचिव राजस्व बनाए गए. खेमपाल सिंह विशेष सचिव परिवहन बने. जबकि रामनारायण यादव विशेष सचिव सचिवालय प्रशासन बनाए गए हैं.