रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (सीजी व्यापम) ने छत्तीसगढ़ मंडी समिति में 168 मंडी निरीक्षक एवं उप निरीक्षक पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक उम्मीदवार छत्तीसगढ़ प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (सीजी व्यापम) की ऑफिशियल वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 14 फरवरी 2021 को राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा- 2020 की लिखित परीक्षा निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा - 2020 के मॉडल उत्तर दिनांक 15 फरवरी 2021 को आयोग की वेबसाइट में जारी करते हुए ऑनलाइन आपत्ति स्वीकार करने की अंतिम तिथि 22 फरवरी तथा आयोग कार्यालय में दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि 1 मार्च तक निर्धारित थी । इसी क्रम में इस परीक्षा के मॉडल उत्तर के संदर्भ में प्राप्त आपत्तियों का परीक्षण और निराकरण विषय विशेषज्ञों के समिति द्वारा करवाया गया। विषय विशेषज्ञों द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के आधार पर संशोधित मॉडल उत्तर आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई है । www.psc.cg.gov.in
रायपुर, असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गयी है। PSC ने इंटरव्यू और सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन का डेट जारी जारी कर दिया है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत सहायक प्राध्यापक सूचना प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर साईंस, कम्प्यूटर एप्लीकेशन, राजनीति शास्त्र एवं रसायन शास्त्र विषयों के 249 पदों के लिए परीक्षा ली थी। लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों व अर्हता प्राप्त अभ्यर्थियों की उपलब्धता के आधार पर चिन्हांकित 493 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार होना है।
PSC ने इंटरव्यू का डेट जारी कर दिया है। तय कार्यक्रम के मुताबिक 31 मार्च से 17 अप्रैल तक साक्षात्कार लिया जायेगा। इन चिन्हांकित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन साक्षात्कार तिथि के एक दिन पूर्व दो पालियों में सवेरे 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक एवं अपरान्ह 1 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। दस्तावेजों के सत्यापन में अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने की अनुमति नही दी जाएगी। वर्गवार चयन सूची, अनुपूरक सूची जारी की गई है।
उपरोक्त पदों के लिए 19 जनवरी 2021 को जारी लिखित परीक्षा परिणाम में 493 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए चिन्हांकित किया गया। सहायक प्राध्यापक सूचना प्रौद्योगिकी के लिए 08, कम्प्यूटर साईंस 12, कम्प्यूटर एप्लीकेशन के लिए 20, राजनीति शास्त्र 59 एवं रसायन शास्त्र के 150 पदों के लिए अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जाएगा। अभ्यर्थी के पास आवश्यक शैक्षणिक अर्हताओं एवं अन्य अर्हताओं के प्रमाण पत्र ऑनलाईन आवेदन करने हेतु निर्धारित अंतिम तिथि अथवा उसके पूर्व प्राप्त कर लिया होना चाहिए।
ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि के बाद जारी शैक्षणिक एवं अन्य अर्हताओं के प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगे। इस संबंध में शैक्षणिक दस्तावेजों, स्थायी जाति, निवास, आय, निशक्तजन प्रमाण पत्र, पहचान, अन्य प्रमाण पत्रों की मूल प्रति तथा दो सत्यापित अथवा स्वप्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत करना होगा। आवश्यक शैक्षणिक अर्हता, अन्य प्रमाण पत्रों की कमी होने पर अभ्यर्थी की उम्मीदवारी समाप्त कर दी जाएगी एवं इस संबंध में कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा।
कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु आयोग कार्यालय परिसर में केवल अभ्यर्थियों को ही प्रवेश दिया जाएगा अभ्यर्थियों के अतिरिक्त अन्य के लिए प्रवेश निषेध है । अभ्यर्थियों को फेस मास्क लगाना एवं सेनिटाइजर रखना अनिवार्य है, जो अभ्यर्थी फेस मास्क, सेनेटाईजर के बिना साक्षात्कार में उपस्थित होगा, उन्हें साक्षात्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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नई दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में “स्त्री शक्ति सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता आईआईएमसी की अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा ने की। आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक सन्मार्ग, कोलकाता की डिप्टी एडीटर सर्जना शर्मा मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुईं।
इस अवसर पर प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भारत की संस्कृति बहुत महान है, लेकिन किसी भी समाज का निर्माण लोगों के आचरण पर निर्भर करता है। हम महिला दिवस के दिन बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि ऐसी बातें करके महिलाओं को महान मत बनाइये, बल्कि उन्हें समानता और सम्मान दीजिए।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि दुनिया को सुंदर बनाने के लिए महिलाओं ने क्या कुछ नहीं किया, पर हमने महिलाओं के लिए क्या किया। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर हम जैसे जैसे कानून कड़े करते जा रहे हैं, महिलाओं के प्रति बर्बरता भी बढ़ती जा रही है। असल में हमें कड़े कानूनों की नहीं, बल्कि मानवीय आचरण में सुधारों की आवश्यकता है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि स्त्री 'शक्ति' का ही एक रूप है। इस दुनिया में एक स्त्री ही ये कामना कर सकती है कि उसका पति, उसका बेटा उससे आगे निकल जाए।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार सर्जना शर्मा ने कहा कि भारत में स्त्री शक्ति की गौरवशाली परंपरा रही है। महिलाएं किसी भी संस्थान की सबसे बड़ी शक्ति हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जब भी महिला सशक्तिकरण की बात होती है, तो पुरुषों का विरोध शुरू हो जाता है, जबकि भारतीय संस्कृति में नर और नारी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
सर्जना शर्मा ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब महिलाओं की पुरुषों से तुलना करना बंद होना चाहिए। पुरुषों के बिना भी समाज की कल्पना संभव नहीं है। एक सुंदर समाज के निर्माण में पुरुष और महिला को मिलकर काम करना चाहिए, न कि एक दूसरे का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में अधिकांश महिलाएं 'फैमिनिस्ट' न होकर 'फैमिलिस्ट' हैं। उन महिलाओं के केंद्र में उनका परिवार है और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। सुश्री शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग और झूठे नारी विमर्शों से दूर रहना चाहिए।
आईआईएमसी की अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा ने कहा कि इस तरह के सम्मान समारोह से संस्थान में कार्य कर रही महिलाओं का हौंसला बढ़ता है और उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण आईआईएमसी की पुस्तकालय प्रभारी डॉ. प्रतिभा शर्मा ने दिया तथा सुश्री रीता कपूर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन विष्णुप्रिया पांडेय ने किया।
इससे पूर्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आईआईएमसी में कार्य कर रही महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को इंद्रप्रस्थ महाविद्यालय के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रेखा सेठी ने संबोधित किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी का अब अपना अलग शिक्षा बोर्ड होगा. दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई. 2021-22 में कुछ स्कूलों में नए बोर्ड के तहत पढ़ाई होगी. अभी दिल्ली में केवल CBSE/ICSE बोर्ड हैं. लेकिन अब अन्य राज्यों की तरह दिल्ली का भी अपना शिक्षा बोर्ड होगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब ऐसी शिक्षा तैयार की जाएगी ताकि पढ़ाई के बाद उसे रोजगार के लिए धक्के ना खानी पड़े. उन्होंने कहा आज पूरी शिक्षा तंत्र रटने पर जोर देता है, जिस बदलकर समझने पर जोर देना पड़ेगा.
अरविंद केजरीवाल ने इसका ऐलान करते हुए कहा- आज हमलोगों ने दिल्ली की कैबिनेट में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दी है. ये कोई मामूली शिक्षा बोर्ड नहीं है. ये शिक्षा बोर्ड बनाने के लिए इसलिए जरूरी पड़ी क्योंकि पिछले छह साल में हमने दिल्ली के बजट का करीब 25 प्रतिशत हर वर्ष शिक्षा पर खर्च करना शुरू किया. इससे सरकारी स्कूलों की शानदार बिल्डिंग, अच्छे कमरे और साफ-सफाई की व्यवस्था होने लगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा- "हमने शिक्षा के जगत में कई बड़ा परिवर्तन किया. इससे पहले स्कूल में कुछ भी काम के लिए सरकार से इजाजत लेनी पड़ती थी. स्कूल में कई पोस्ट्स खाली पड़ी रहती थी. लेकिन हमने स्कूल के प्रिंसपल को यह पावर दी है. कई नए प्रयोग किए गए."
उन्होंने कहा- "आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 98 प्रतिशत आने लगे हैं. दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से अच्छे आने लगे हैं. जो पैरेंट्स पहले सरकारी स्कूलों में बच्चों को नहीं भेजते थे वे अपने बच्चों का भविष्य अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुरक्षित मानते हैं. ऐसे में यह वक्त आ गया है कि अब यह तय किया जाए कि स्कूल में क्या पढ़ाया जा रहा है और क्यों पढ़ाया जा रहा है. इसलिए अब हमें ऐसे बच्चों को तैयार किए जाने की जरूरत है जो देशभक्त हो और हर क्षेत्र की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने को तैयार हो. ऐसे बच्चे हमारी शिक्षा को तैयार करेगी."
In today's cabinet meet, we have given approval to the constitution of a Delhi Board of School Education: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal pic.twitter.com/9qTZ2NhduC
— ANI (@ANI) March 6, 2021
उप राष्ट्रपति श्री एम वैंकेया नायडू ने कहा है कि तकनीकी कौशल के साथ इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए भावात्मक और सामाजिक कौशल महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन कौशलों से विद्यार्थी तेजी से बदलते विश्व को अपना सकेंगे। आईआईटी तिरुपति के छठे इंस्टिट्यूट दिवस पर आईआईटी तिरुपति के विद्यार्थियों के साथ बताचीत में उप राष्ट्रपति ने उनसे सामाजिक प्रसंग के साथ अपने ज्ञान को जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि विद्यार्थी अपनी नियति तय करेंगे और अपने ज्ञान तथा कौशल से राष्ट्रीय परिवर्तन में योगदान देंगे। देश के विकास ढांचे में टेक्नोलॉजी की प्रगति को प्रमुख बताते हुए श्री नायडू ने प्रौद्योगिक प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और टैक्नोलॉजी को लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुधारनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिक प्रगति जारी रखते हुए हमें पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के प्रति सतर्क रहना होगा। उप राष्ट्रपति ने आईआईटी को उभरते और महत्वाकांक्षी भारत की छवि का प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि भारत विश्व समुदाय में अपना उचित स्थान पाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह सपना तभी पूरा होगा जब हम अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार करेंगे। नई शिक्षा नीति को सुविचारित दस्तावेज बताते हुए श्री नायडू ने इस नीति को शीघ्र अमल में लाने में बल दिया। उप राष्ट्रपति ने बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा मातृ भाषा में देने की बात की। उन्होंने तकनीकी शिक्षा में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ाने का प्रयास करने को कहा। उन्होंने प्रशासन और न्याय पालिका में भी भारतीय भाषाओं के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि प्रत्येक वर्ष 1.5 मिलियन इंजीनियर परीक्षा पास करते हैं, लेकिन मूल इंजीनियरिंग रोजगार में केवल 7 प्रतिशत ही योग्य पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें रोजगार में वृद्धि करनी होगी और काम के लिए कौशल प्रदान करना होगा। उप राष्ट्रपति ने शिक्षा और उद्योग जगत के बीच मजबूत संपर्क बनाने पर बल दिया। भारत के शानदार अतीत की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन काल में भारत को विश्व गुरु माना जाता था और एशिया के विद्यार्थी नालंदा, तक्षशिला तथा पुष्पगिरि जैसी महान संस्थाओं में अध्ययन के लिए आते थे। उन्होंने कहा कि हमें पुराना गौरव हासिल करना होगा। हमें भारत को एक बार फिर ज्ञान और शिक्षा का केंद्र बनाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे अधिक युवा देश है और राष्ट्र निर्माण के लिए युवा ऊर्जा को सक्रिय बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवा तभी परिवर्तनकारी भूमिका निभा पाएंगे, जब उचित रूप से कौशल संपन्न, प्रेरित होंगे तथा जब उन्हें सही अवसर प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पवित्र नगरी तिरुपति का उनके हृदय में विशेष स्थान है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे न केवल नवीन टेक्नोलॉजी सीखें बल्कि भारत की पुरातन संस्कृति की भी खोज करें। श्री नायडू ने कहा कि आईआईटी तथा आईआईएसईआर जैसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों के साथ तिरुपति भविष्य का शिक्षा केंद्र बनने के लिए तैयार है। उन्होंने नए आईआईटी तथा आईआईएम की स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इन संस्थानों को सच्चे रूप में विश्व स्तरीय संस्थान बनाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए अध्ययन, शोध तथा प्रयोग के उद्देश्य से सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में आईआईएम ब्रांड बन गए हैं, लेकिन उनकी जिम्मेदारी पुराने आईआईटी द्वारा तय मानकों को बनाए रखने की है।mउप राष्ट्रपति ने आईआईटी तिरुपति को गृह तथा हुडको पुरस्कार पाने की प्रशंसा की। आईआईटी तिरुपति को यह पुरस्कार पर्यावरण अनुकूल ट्रांजिट कैंपस की डिजायन और निर्माण के लिए मिला है। श्री नायडू ने कोविड-19 महामारी से लड़ने में आईआईटी तिरुपति की भागीदारी की प्रशंसा की। आईआईटी तिरुपति ने थर्मल एयर इस्टेरिलाइजर, एन-95 के बराबर रीयूजेबल रेसपीरेटर सहित अनेक टैक्नोलॉजी का विकास किया। श्री नायडू ने कहा कि तिरुपति भारत का एकमात्र शहर है, जहां आईआईटी और आईएसईआर दोनों हैं। श्री नायडू ने सभी आईआईटी के बीटेक कार्यक्रम में सबसे अधिक छात्राओं का नामांकन (18 प्रतिशत) आईआईटी तिरुपति में होने पर प्रशंसा व्यक्त की।उप राष्ट्रपति ने इन उपलब्धियों के लिए आईआईटी तिरुपति के निदेशक, फैकल्टी, स्टाफ तथा विद्यार्थियों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि संस्थान आने वाले वर्षों में राष्ट्र निर्माण में योगदान करेगा। समारोह में आध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के. नारायणस्वामी, आईआईटी तिरुपति के निदेशक प्रोफेसर के.एन, सत्यानारायण, आईआईटी तिरुपति के स्डूडेंट डीन प्रोफेसर एन वैंकेया और प्रोफेसर ए मेहर प्रसाद उपस्थित थे।
रायपुर | राजधानी रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय ने विभिन्न कक्षाओं के सेमेस्टर एग्जाम की समय सारणी जारी कर दी है |
देखें परीक्षा समय सारणी :-
रायपुर | पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित होने वाले स्नातक / स्नातकोत्तर / डिप्लोमा एवं पी.जी. डिप्लोमा परिक्षाए (वार्षिक) की मुख्या परीक्षा 2021 में सम्मिलित होने वाले एवं अन्य सम्बंधित पाठ्यक्रमों के नियमित एवं अमहाविद्यालयिन / भूतपूर्व / पूरक हेतु पात्रतानुसार परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा आवेदन पत्र मंगवाया है | विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों से बी.ए./बी.ए. क्लासिक्स/बी.कॉम., बी.एस.सी./बी.एस.सी. (होम साइंस), बी.सी.ए., एम.ए./एम.कॉम./ अमहाविद्यालयिन (वार्षिक), एम.एस.सी. (गणित) अमहाविद्यालयिन (वार्षिक), यूरोपियन लैंग्वेजेज, सर्टिफिकेट कोर्स, होटल मैनेजमेंट/पर्सनल मैनेजमेंट, इंडस्ट्रियल रिलेशन, गाइडेंस एंड काउंसिलिंग, बी.लिब.आई.एस.सी., बी.पी.ई. में आवेदन आमंत्रित है | विद्यार्थी अपना आवेदन ऑनलाइन पद्धति से विश्वविद्यालय के वेबसाइट www.prsuuniv.in पर प्रस्तुत कर सकते हैं | विश्वविद्यालय ने फॉर्म भरने की तिथि जारी कर दी है। परीक्षार्थी दिनांक 02/03/2021 से 21/03/2021 तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकते है।
NTPC Recruitment 2020-21 : राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड ने Experienced Engineer and Chemist पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। NTPC Limited Vacancy हेतु निर्धारित अर्हताओं की पूर्ति करने वाले उम्मीदवार अंतिम तिथि तक विभाग को Natioanl Thermal Power Corporation Limited Recruitment पर आवेदन कर सकते हैं।
NTPC Recruitment 2020-21 : राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड भर्ती
विभाग का नाम :- राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड
भर्ती/परीक्षा नाम :- NTPC Jobs
नौकरी स्थान :- All India
आवेदन मोड :- Online
NTPC Recruitment 2020 : पद डिटेल
इंजिनियर – 200 पद
असिस्टेंट केमिस्ट – 30 पद
कुल पदों की संख्या टोटल 240 पद
वेतनमान, आयुसीमा एवं योग्यता विवरण
वेतनमान :- 30000-120000/-
आयुसीमा :- 21 से 30 वर्ष के बीच
योग्यता :- इंजीनियरिंग डिग्री/रसायन में MSc
आरक्षण :- नियमानुसार
आवेदन शुल्क विवरण
सामान्य वर्ग :- 300/-
अन्य पिछड़ा वर्ग :- 300/-
एससी/एसटी :- -/-
महत्वपूर्ण तिथि एवं कार्यक्रम विवरण
आवेदन प्रारंभ तिथि :- 24-02-2021
आवेदन अंतिम तिथि :- 10-03-2021
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड भर्ती विभागीय विज्ञापन एवं आवेदन फार्म
प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, इसका उद्देश्य लोगों में विज्ञान के महत्व और इसके अनुप्रयोग का संदेश फैलाना है। 28 फरवरी, 1928 को भौतिक विज्ञानी सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज को चिह्नित करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस खोज के लिए सी.वी. रमन को 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की स्थापना केंद्र सरकार द्वारा 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद की मांग के आधार पर की गई थी। पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था। इस दिवस को लोगों के दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले विज्ञान के महत्व के बारे में संदेश फैलाने और विज्ञान व प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के लिए मनाया जाता है। इस घटना में, पारदर्शी माध्यम से गुजरने के बाद प्रकाश की किरण का कुछ हिस्सा बिखर जाता है। प्रकाश के प्रकीर्णन की इस घटना को रमन स्कैटरिंग कहा जाता है और प्रकीर्णन के कारण को रमन प्रभाव कहा जाता है। इन बिखरी हुई किरणों की तरंगदैर्घ्य (wavelength) प्रकाश की किरणों (incident rays) से भिन्न होती है।
रायपुर । उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) के ग्रेडेशन को लेकर प्रदेश में संचालित शासकीय विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों द्वारा की जा रही गतिविधियों के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि राज्य में संचालित हो रहे सभी शासकीय उच्च शिक्षण संस्थानों के नैक ग्रेडेशन में सुधार लाने के लिए मिशन मोड में काम किया जाए। इसके लिए उन्होंने प्रभावी कार्ययोजना बनाने और उसका क्रियान्वयन करने के निर्देश विश्वविद्यालय के कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्राचार्य को दिए है। मंत्री पटेल ने कहा है कि नैक ग्रेडेशन में सुधार के लिए की जारी कार्यवाही की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक दो माह में स्वयं उनके द्वारा की जाएगी। उन्होंने इस कार्य की निगरानी और मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर पर, विश्वविद्यालय स्तर पर और जिला स्तर पर तीन दल का गठन करने के निर्देश दिए है। मंत्री पटेल ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानांे के ग्रेडेशन के लिए बेहतर कार्य प्रणाली अपनाने और शिक्षण संस्थानों में प्रभावी सुधार लाने वाले विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने नैक ग्रेडेशन से संबंधित सभी लंबित प्रक्रियाओं को 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश दिए है।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन सहित राज्य के सभी शासकीय और मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के कुलपति और महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।
रायपुर | अग्रसेन महाविद्यालय, पुरानी बस्ती, रायपुर में स्व. श्रीमती स्वर्णलता अमरीश कुमार अग्रवाल स्मृति में नवनिर्मित आडियो-विजुअल स्टुडियो का उदघाटन 27 फरवरी 2021 को सुबह 11 बजे किया जायेगा | प्राचार्य डॉ. युलेंद्र कुमार राजपूत ने बताया कि इस कार्यक्रम में पं. रविशंकर शुक्ल विवि रायपुर के कुलपति डॉ. केशरीलाल वर्मा मुख्य अतिथि होंगे तथा कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे एवं वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर तथा समाजसेवी रमेश अग्रवाल विशेष अतिथि होंगे | इस दौरान नवनिर्मित स्टुडियो में “उच्च शिक्षा में नवाचार का प्रयोग” विषय पर संक्षिप्त परिचर्चा भी होगी |
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट - पोस्ट ग्रेजुएट (NEET-PG) यानी नीट पीजी परीक्षा 2021 का आयोजन 18 अप्रैल 2021 को होगा. नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) द्वारा इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मेडिकल यूजी कोर्स पूरा करने वाले इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. एनबीई की वेबसाइट natboard.edu.in या nbe.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
नीट पीजी 2021
- 23 फरवरी 2021 को दोपहर 3 बजे से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं.
- 15 मार्च 2021 (रात 55 बजे) तक का आवेदन किया जा सकता है.
- 12 अप्रैल 2021 को प्रवेश परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी किए जाएंगे.
- 18 अप्रैल 2021 को परीक्षा को होगी.
- रिजल्ट (NEET PG result) की घोषणा 31 मई 2021 तक की जाएगी.
नीट पीजी पास करना क्यों है जरूरी
नीट पीजी पास करने पर ही देश की किसी भी मेडिकल यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एमडी, एमएस या अन्य मेडिकल पीजी डिप्लोमा कोर्सेस में एडमिशन मिलता है. इन सभी कोर्स में एडमिशन के लिए कोई और प्रवेश परीक्षा नहीं ली जाती है.
रायपुर | रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग ने साइबर अपराध जागरूकता विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आर के विज विशेष पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़ उपस्थित हुए। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में सोनाली गुहा, साइबर फ़ोरेंसिक विशेषज्ञ, विशिष्ट अतिथि यूनिवर्सिटी के प्रति-कुलाधिपति राजीव माथुर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो.डॉ. राजेश कुमार पाठक ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आर के विज ने कहा कि साइबर अपराध विभिन्न रूपों में किये जाते हैं। कुछ साल पहले, इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों के बारे में जागरूकता का अभाव था। साइबर अपराधों के मामलों में भारत भी उन देशों से पीछे नहीं है, जहाँ साइबर अपराधों की घटनाओं की दर भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। साइबर अपराध के मामलों में एक साइबर अपराधी, किसी उपकरण का उपयोग, उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, गोपनीय व्यावसायिक जानकारी, सरकारी जानकारी या किसी डिवाइस को अक्षम करने के लिये कर सकता है। कार्यशाला में अतिथियों द्वारा प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों के साइबर अपराध से जुडी आशंकाओं का प्रश्नोत्तर के माध्यम से समाधान किया गया। उक्त कार्यशाला के संयोजक कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष कोमल यादव थे। कार्यक्रम का संचालन कला संकाय की अधिष्ठाता प्रो. शोभना झा द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. आर पी रजवाड़े द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव वरुण गंजीर सहित अधिकारियों-कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।