मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में इसके साथ ही हमने लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी का दायरा भी बढ़ा दिया है। पहले सिर्फ 7 वनोपजों की खरीदी करते थे, जबकि अब हमारी सरकार द्वारा 15 वनोपजों की खरीदी की जा रही है। इसके अलावा 3 लघु वनोपजों, रंगीनी लाख पर 20 रूपए किलो, कुल्लू गोंद पर 20 रूपए किलो तथा कुसमी लाख पर 22 रूपए किलो अतिरिक्त बोनस देने का इंतजाम भी किया गया है। यह जानकार आश्चर्य होगा कि प्रदेश में वनोपज का कारोबार लगभग 18 सौ करोड़ रूपए का होता है, जिसमें हमारे आदिवासी समाज को समुचित भागीदारी नहीं मिली थी। अब हमारी सरकार ने ऐसे नये रास्ते तलाशे हैं, जिससे आप सभी लोगों की आय बढ़ सकेगी। हम आदिवासी समाज में मातृ-शक्ति को और सशक्त बनाना चाहते हैं, इस दिशा में एक नया कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ा जाएगा। परंपरागत वैद्यकीय ज्ञान भी छत्तीसगढ़ के वनांचलों की विशेषता है। इस कौशल को लम्बे अरसे में न तो मान्यता मिली और न सुविधा, जबकि जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों को लेकर कोई संदेह नही है। हमने परंपरागत वैद्यों के कौशल और ज्ञान को सहेजने तथा इसे उपयोग में लाने के लिए 1200 परंपरागत वैद्यों का एक सम्मेलन आयोजित किया। अब इस दिशा में कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है।
रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा पावर इलेक्ट्रॉनिक्स कन्वर्टर और रियल टाइम कंट्रोल में नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है | यह 5 दिवसीय कार्यशाला 9 से 13 दिसंबर 2019 तक आयोजित की जाएगी | यह कार्यशाला डॉ ललित कुमार साहू और डॉ सुभोजित घोष के मार्ग दर्शन में आयोजित की जा रही है | कार्यशाला का प्रस्ताव हाल के अनुसंधान रुझानों, और बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स कन्वर्टर्स, इसके वास्तविक समय डिजिटल नियंत्रण और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सुधार के लिए एक संपूर्ण प्रदर्शन देने का प्रस्ताव है। इस कार्यक्रम की विशिष्ट विशेषताओं में विभिन्न आईआईटी, क्षेत्र और इसकी तकनीकी प्रगति, हाथ से प्रशिक्षण और प्रयोगशाला सत्र पर विभिन्न आईआईटी, एनआईटी और उद्योग के प्रतिष्ठित वक्ता शामिल हैं। सिमुलेशन और हार्डवेयर पर दैनिक आकर्षक सत्र आयोजित किए जाएंगे जो प्रतिभागियों के अनुसंधान क्षितिज को व्यापक बनाने में सक्षम होंगे। इंटरएक्टिव लेक्चर सेशन, फलदायी टास्क असाइनमेंट, डिजाइन किए गए ई-साइकिल, पीवी प्लांट विजिट, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड डिजाइनिंग पर गिफ्ट राइड प्राप्त करने वाले विजेताओं के साथ प्रश्नावली राउंड वर्कशॉप का मुख्य आकर्षण हैं। यह कार्यक्रम संकाय, अनुसंधान विद्वानों, छात्रों और उद्योग के व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होगा, जो विकास के साथ-साथ वास्तविक समय पर नियंत्रण और कार्यान्वयन के साथ बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स कन्वर्टर्स के क्षेत्र में अनुसंधान/अभ्यास शुरू करने का इरादा रखते हैं।
रायपुर,आज शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर की आइक्यूएसी के द्वारा साप्ताहिक व्याख्यानमाला के अंतर्गत वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर माधुरी श्रीवास्तव ने प्रबंध विषय पर पर अपना व्याख्यान दिया। इस व्याख्यान में उन्होंने प्रबंध की व्यवसायिकएवं व्यवहारिक दृष्टिकोण की चर्चा की। उन्होंने बताया किसी भी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए प्रबंध आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अच्छी योजनाएं ही प्रबंध का आधार है। प्रबंध से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है। वेद, धर्म ,परिवार, व्यावसायिक संस्थान, शैक्षणिक संस्थान राजनीति, खेल,प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंध पाया जाता है। प्रबंध के जनक टेलर तथा हेनरी फयोल की भी चर्चा की और बताया कि प्रबंध का वैज्ञानिक आधार है बिना वैज्ञानिक विश्लेषण तथा उचित प्रयोग के प्रबंध संभव नहीं है प्रबंध में अर्थव्यवस्था कार्य क्षमता सहयोग प्रशिक्षण अनुभव सभी आवश्यक है।
प्रबंध में मुख्य तौर पर कर्तव्य ,अधिकार तथा दायित्व की चर्चा की। भारतीय इतिहास में प्रबंध के महत्वपूर्ण आधार स्तंभ चाणक्य का भी उदाहरण दिया। प्रबंध के व्यावहारिक पक्ष की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आहार विचार तथा व्यवहार तीनों अच्छा रखना आवश्यक है। अच्छे व्यवहार के लिए विचार पूर्वक बोले कम बोलें सुनने की आदत डालें क्षमा करना सीखें। संतुलित आहार लें जिससे आपकी शारीरिकक्षमता की वृद्धि होगी तथा कार्य क्षमता भी बढ़ेगी। इसी प्रकार अच्छे प्रबंध के लिए अच्छा मन भी आवश्यक है अच्छी व धनात्मक विचारधारा भी प्रबंध क्षमता को बढ़ाती है, हमेशा अपने लिए अच्छा सोचें ,दूसरा हार जाए यह न सोचें कुछ ऐसा करें कि दूसरों की मुस्कुराने की वजह बने। सोच समझकर काम करें काम को टाले नहीं ,आलस न करें। इससे भी आपकी प्रबंधक क्षमता में वृद्धि होगी। इस व्याख्यान में IQ AC प्रमुख डॉ कविता शर्मा, मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ संध्या वर्मा डॉ मिनी गुप्ता डॉ शीला दुबे डॉ कल्पना झा, डॉ मीना पाठक, डॉ रंजना तिवारी डॉ सुषमा तिवारी तथा अनेक वरिष्ठ प्राध्यापक एवं छात्राएं उपस्थित थी। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया।
रायपुर,शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में ग्रन्थालय में वाणिज्य विभाग के द्वारा बेस्ट रीडर चयन एवं साप्ताहिक संगोष्ठी के अंतर्गत छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। यह समिति के सदस्य मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ नरेश पुरी, डॉ शैल बाला जैस, डॉ आशा दुबे , वाणिज्य विभाग से डॉ मिनी गुप्ता डॉ विनीता शर्मा आदि उपस्थित थे। यह कार्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया।
अंकेक्षण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वाणिज्य विभाग की छात्रा समता तलरेजा ने बताया कि अंकेक्षण एक बहुत ही महतवपूर्ण कार्य है।किसी भी संस्थान में यह एक बहुत ही उत्तरदायित्व पूर्ण कार्य होता है। अंकेक्षण की अनिवार्यता का प्रश्न व्यवसाय एवं औद्योगिक संस्थाओं में बड़े पैमाने पर होने वाले विकास से जुड़ा है। व्यवसायिक संस्थाओं पर लगे आयकर विक्रय कर मृत्यु कर आदि के विवाद के निपटारे के लिए खातों का अंकेशन अति आवश्यक है। वर्तमान में अंकेक्षक के मानकों की आवश्यकता पर बहुत बल दिया गया है। द्वितीय वक्ता हर्षिता ने बताया कि भारत एक बहुत ही विकासशील अर्थव्यवस्था है जिसमें कृषि गत वस्तुओं के संबंध में पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति देखने को मिलती है। सीमेंट, कागज उद्योग, मशीन मोटर कार इत्यादि में कुछ उत्पादकों का प्रभाव होने से भारतीय उद्योगों को अल्पाधिकार प्रतियोगिता की दिशा में माना गया है। खरीद एवं बिक्री के कार्य को तेज करने के लिए लेनदेन की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स एक आवश्यक कदम है। ई-कॉमर्स ने भौगोलिक सीमाओं को तोड़कर विश्व के सभी ग्राहकों को एक साथ इकट्ठा कर दिया है। भारत की औद्योगिक इकाइयां एवं व्यापारिक घराने ई-कॉमर्स को निरंतर अपनाने की दिशा में अग्रसर हैं। समिति के सदस्यों के द्वारा बेस्ट रीडर के लिए समता तालरेजा का चयन किया गया।ग्रन्थालय में वाणिज्य विभाग के द्वारा बेस्ट रीडर चयन एवं साप्ताहिक संगोष्ठी के अंतर्गत छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। यह समिति के सदस्य मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ नरेश पुरी, डॉ शैल बाला जैस, डॉ आशा दुबे , वाणिज्य विभाग से डॉ मिनी गुप्ता डॉ विनीता शर्मा आदि उपस्थित थे। यह कार्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया।अंकेषण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वाणिज्य विभाग की छात्रा समता तलरेजा ने बताया कि अंकेषणं एक बहुत ही महतवपूर्ण कार्य है।किसी भी संस्थान में यह एक बहुत ही उत्तरदायित्व पूर्ण कार्य होता है। अंकेशन की अनिवार्यता का प्रश्न व्यवसाय एवं औद्योगिक संस्थाओं में बड़े पैमाने पर होने वाले विकास से जुड़ा है। व्यवसायिक संस्थाओं पर लगे आयकर विक्रय कर मृत्यु कर आदि के विवाद के निपटारे के लिए खातों का अंकेशन अति आवश्यक है। वर्तमान में अंकेक्षक के मानकों की आवश्यकता पर बहुत बल दिया गया है। द्वितीय वक्ता हर्षिता ने बताया कि भारत एक बहुत ही विकासशील अर्थव्यवस्था है जिसमें कृषि गत वस्तुओं के संबंध में पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति देखने को मिलती है। सीमेंट, कागज उद्योग, मशीन मोटर कार इत्यादि में कुछ उत्पादकों का प्रभाव होने से भारतीय उद्योगों को अल्पाधिकार प्रतियोगिता की दिशा में माना गया है। खरीद एवं बिक्री के कार्य को तेज करने के लिए लेनदेन की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स एक आवश्यक कदम है। ई-कॉमर्स ने भौगोलिक सीमाओं को तोड़कर विश्व के सभी ग्राहकों को एक साथ इकट्ठा कर दिया है। भारत की औद्योगिक इकाइयां एवं व्यापारिक घराने ई-कॉमर्स को निरंतर अपनाने की दिशा में अग्रसर हैं। समिति के सदस्यों के द्वारा बेस्ट रीडर के लिए समता तालरेजा का चयन किया गया।
जैन समाज मे छिपी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने एवं बच्चों के सामान्य ज्ञान के स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर आज भारत के विभिन्न शहरों में एक साथ राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन विचक्षण विद्यापीठ विद्यालय द्वारा किया गया था विचक्षण विद्यापीठ के संभाग प्रमुख श्री महेंद्र दूगड़ जानकारी देते हुए बताया जैन संत श्री महेंद्र सागर जी महाराज युवा मनीषी श्री मनीष सागर जी महाराज साहब एवं साध्वी श्री मणि प्रभा श्रीजी की प्रेरणा से बच्चों की प्रतिभाओं को आगे लाने के उद्देश्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आज सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गई उसी क्रम में आज श्री महावीर जैन विद्यालय दुर्ग में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गई विचक्षण विद्यापीठ की इस प्रतियोगिता के अंतिम चरण में 12 जनवरी को विचक्षण जैन विद्यापीठ कुम्हारी के परिसर में संपन्न होगा जिसे पूरे राष्ट्र से प्रथम चरणों में चयनित प्रत्येक कक्षा के श्रेष्ठ 25 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा
महावीर लोढ़ा अजय श्री श्री माल चंपालाल पारख प्रकाश श्री श्री माल के सहयोग से महावीर जैन विद्यालय दुर्ग में जैन समाज के बच्चों ने हर्ष और उल्लास के वातावरण में इस सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में हिस्सा लिया विचक्षण विद्यापीठ दुर्ग इकाई के प्रमुख गुलाब लोढ़ा प्रकाश गोलछा सतीश वैद्य आशीष लुनिया संजय लोढ़ा के सहयोग से महावीर जैन विद्यालय में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता संपन्न हुई कक्षा पांचवी से लेकर कक्षा आठवीं तक सीनियर एवं जूनियर स्तर पर पूरे भारतवर्ष में 30 परीक्षा केंद्रों अहिवारा रायपुर बालाघाट इंदौर चंद्रपुर राजनांदगांव संबलपुर महासमुंद मुंगेली नगरी नागपुर खरियार रोड गोंदिया भोपाल भाटापारा भिलाई 3 सहित कई विभिन्न क्षेत्रों में आज सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता संपन्न हुई
पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी मार्गशीर्ष के महीने के दौरान शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष विवाह पंचमी 1 दिसंबर 2019 को मनाया जाएगा।
विवाह पंचमी
1 दिसंबर 2019, रविवार
विवाह पंचमी पूजा का समय
विवाह पंचमी रविवार, दिसंबर1, 2019 को
पंचमी तिथि प्रारंभ - नवंबर 30, 2019 को शाम 06:05 बजे
पंचमी तिथि समाप्त - दिसंबर 01, 2019 को शाम 07:13 बजे
विवाह पंचमी के दिन क्या वरदान मिलते हैं?
इस दिन पूजा करने से शादी में आने वाली समस्याएं, दिक्कतें दूर हो सकती हैं और विवाह जल्दी होने के रास्ते खुलते हैं।
ऐसे पति पत्नी जिनका वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं है, आपसी मतभेद लड़ाई झगड़े होते हैं उन लोगों को इस दिन अवश्य पूजा करनी चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
राम सीता की संयुक्त रूप से पूजा करनी चाहिए। इस दिन रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए। बालकांड में भगवान राम और सीता विवाह का पाठ करना चाहिए।
विवाह पंचमी के दिन राम सीता का विवाह कराएं।
देशभर में विवाह पंचमी के दिन लोग पूजा पाठ करते हैं और राम सीता का विवाह कराते हैं। प्रातः काल स्नान करने के बाद राम विवाह का संकल्प लेना चाहिए।
उसके बाद विवाह की तैयारियां शुरू कर दें।
भगवान राम और माता सीता की प्रतिकृति (मूर्ति) की स्थापना करें। भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र पहनाएं। बालकांड पढ़ते हुए विवाह प्रसंग का पाठ करें।
ॐ जानकीवल्लभाय नमः का जाप करें। फिर भगवान राम और माता सीता का गठबंधन करें। उसके पश्चात आरती करें। गठबंधन किए हुए वस्तुओं को अपने पास संभालकर रखें।
मार्गशीर्ष (अगहन) मास में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचंद्र जी एवं माता सीता जी का विवाह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मिथिला राज्य जनकपुर में हुआ था। राजा जनक ने जिस दिन सीता स्वयंवर का आयोजन रखा था उस दिन मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। अयोध्या पति महाराज दशरथ के जेष्ठ पुत्र राम ने अपने गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से ही भगवान शिव के धनुष को तोड़कार राजा जनक की प्रतिज्ञा को पूर्णता प्रदान करते हुए उनकी पुत्री सीता से विवाह किया था। विवाह पंचमी 1 दिसंबर 2019 दिन रविवार को मनाई जाएगी।
ऋषि विश्वामित्र ने महाराज दशरत से राम एवं लक्ष्मण को अपने यज्ञ की रक्षा हेतु कुछ समय के लिए मांगा था और उनका यज्ञ सफलतापूर्वक संपन्न भी हुआ। इसके बाद में महाराज जनक ने सीता स्वयंवर की घोषणा की, जिसमें उन्होंने ऋषि विश्वामित्र को भी निमंत्रण भेजा था। चूंकि उस समय राम-लक्ष्मण विश्वामित्र जी के साथ में ही थे इसलिए वे उन्हें भी अपने साथ लेकर मिथिपलपुरी सीता स्वयंवर देखने गए थे। मार्गशीर्ष (अगहन) मास 2019 : प्रमुख व्रत एवं त्यौहार महाराज जनक ने उपस्थित ऋषिमुनियों के आशीर्वाद से स्वयंवर के लिए शिवधनुष उठाने के नियम की घोषणा की।
राजा जनक की सभा में उपस्थित अनेक राजा, महाराजा एवं राजकुमार शिव धनुष को उठाने में असफल रहे। तभी ऋषि विश्वामित्र की आज्ञा से राम जी ने शिव धनुष को भंग कर सीता जी से विवाह किया, उस दिन अगहन मास की पंचमी तिथि थी। तभी से प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी पर्व मनाया जाता है।
स्वयंवर सम्पन्न होने के बाद में राम-सीता जी का विधिवत विवाह संस्कार हुआ एवं साथ में देवी उर्मिला- श्रीलक्ष्मण जी, देवी मांडवी- श्री भरत जी एवं देवी श्रुतकीर्ति का विवाह श्री शत्रुघ्न जी से हुआ। उपरोक्त विवाह पंचमी कहीं-कहीं नाग पंचमी के रूप में भी मनाया जाता है। स्कन्द पुराण में वर्णन आता है कि- मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को एक समय व्रत रखकर नागों का पूजन करने वाले मनुष्य की अनेक कामनाएं पूरी हो जाती है।
शुक्ला मार्गशिरे पुण्या श्रावणे या च पंचमी।
स्नानदानैर्बहुफला नागलोक प्रदायिनी।।
रायपुर शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा शैक्षणिक भ्रमण जंगल सफारी नया रायपुर ले जाया गया। करीब 200 छात्राओं ने सफारी का आनंद लिया मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल की प्रेरणा स्त्रोत रहीं यह कार्यक्रम सफल रहा l छात्राओं में बीयर सफारी लायन सफारी चिड़ियाघर तथा पेड़ विभिन्न प्रजाति की वनस्पति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया । साथ-साथ छात्राओं ने पुरखौती मुक्तांगन का भी भ्रमण किया।इस शैक्षणिक भ्रमण में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ मनीशा गर्ग के साथ डॉ रवि शर्मा डॉक्टर सीरिल डेनियल डॉ आशा दुबे एवं डॉ अंजना पुरोहित उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया
रायपुर शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में आइक्यूएसी के द्वारा आयोजित व्याख्यान की श्रृंखला में हिंदी विभाग के द्वारा हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ रंजना तिवारी के द्वारा सुंदरकांड के द्वारा जीवन प्रबंधन नैतिक मूल्य तथा साहित्यिक सौंदर्य चर्चा विषय पर व्याख्यान दिया गया। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल इस कार्यक्रम की प्रमुख प्रेरणा स्रोत थी। कार्यक्रम का प्रारंभ भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रवि शर्मा के द्वारा सुंदरकांड का महत्व एवं चर्चा बताते हुए विषय परिचयके साथ डॉ रंजना तिवारी को आमंत्रित किया। डॉ रंजना तिवारी ने सुंदरकांड जीवन प्रबंधन के साथ जोड़ते हुए यह बताया कि सुंदरकांड की चौपाइयां हमारे जीवन से संबंधित है जैसे जब हनुमान जी ने सीता जी की खोज प्रारंभ की तो व्यवधान आने पर भी उन्होंने कार्य अधूरा नहीं छोड़ा उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में संकट आने पर कार्य अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए कार्य करते समय विनम्रता भी रखनी चाहिए कठिनाई आने पर परीक्षा के लिए भी सहर्ष तैयार होना चाहिए जैसा हनुमान जी ने समुद्र पार करते समय दी हमेशा अपनी लड़ाई बुद्धिमत्ता पूर्वक लगनी चाहिए नीति तय करें फिर कार्य आगे बढ़ाएं। कठिन से कठिन कार्य भी कड़ी मेहनत और लगन से प्राप्त किया जा सकता है। हमारे जीवन में भी कुछ ऐसे लोग आते हैं जहां हमें अपने बल प्रदर्शन अपना बल प्रदर्शन करना चाहिए। शत्रु खेमे में हो तब भी उस व्यक्ति की पहचान करें जो आपकी मदद कर सकते हैं उसे जानकारी लेने के बाद अपने कार्य की योजना बनानी चाहिए जीवन प्रबंधन के साथ-साथ उन्होंने सुंदरकांड के दोहे में साहित्य सौंदर्य की भी चर्चा की सुंदरकांड में लिखित तुलसी बाबा के द्वारा लिखी गई नीति वाक्यों की भी चर्चा की।जीवन प्रबंधन तथा सुंदरकांड की चर्चा करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि अपना ऊंची अपनी उद्देश्य पूर्ति के समय विनम्रता भी रखनी चाहिए तथा नीति पूर्वक ही कार्य करना चाहिए हमेशा कार्य करने का प्रमाण रखना चाहिए। यह भी बताया कि रावण के समान बॉस नहीं बनना चाहिए बॉस ऐसा हो जो सब को बोलने की आजादी दे ताकि उसे अपनी गलती का पता चल सके। तथा यह भी चर्चा की कि परिवार में एकजुटता होनी चाहिए इसी प्रकार सुंदरकांड के अंतिम दोहे छात्राओं के गायन के साथ समापन किया और यह बताया कि सुंदरकांड एक ऐसा ग्रंथ है जो साथ आने पर आपको सही रास्ता दिखा सकता है अवसाद आने पर भी आप पढ़े तो आपको सही रास्ता अवश्य मिलेगा।
किसी भी संस्थान की कार्यपद्धती नीतियों पर टिकी होती है समाज एवं जीवन के लिए वही उपयोगी रह सकती है डॉ तिवारी ने सुंदरकांड में दिए गए राम एवं रावण के उदाहरण से नेतृत्व के विषय में भी व्याख्या की राम राज्य में नीति बल एवं निष्ठा प्रत्येक कर्मचारी का आदर प्रोत्साहन उनकी विजय का कारण बना दूसरी तरफ रावण राज्य का अहंकार और तानाशाही रावण के विनाश का कारण बनी। भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रवि शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन एवं सुंदरकांड पर आधारित प्रश्नोत्तरी तथा पुरस्कार वितरण के द्वारा यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में प्रमुख रुप से डॉ प्रीति पांडे डॉ मीना पाठक डॉक्टर देशपांडे डॉ कल्पना झा डॉ सुषमा तिवारी डॉ शैलबाला जैस डॉ मनीषा गर्ग डा सिरिल डैनियल आदि प्राध्यापक उपस्थित थे
रायपुर. अग्रसेन महाविद्यालय पुरानी बस्ती में वार्षिकोत्सव- “उमंग--2020” के तहत आज स्वास्थ्य शिविर और पूर्व छात्रों का सम्मलेन (एल्युमिनी मीट) आयोजित किया गया. साथ ही पूर्व छात्रों के मनोरंजन के लिए गीत-संगीत का कार्यक्रम भी हुआ.
आज के कार्यक्रमों में सर्वप्रथम स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ. इस मौके पर महाविद्यालय के डायरेक्टर डा वी.के. अग्रवाल ने सभी डाक्टरों का अभिनन्दन किया और उनके सक्रिय सहयोग के लिए आभार जताया. प्राचार्य डा. युलेंद्र कुमार राजपूत ने भी सभी डाक्टरों साधुवाद दिया. स्वास्थ्य शिविर में दन्त चिकित्सक डा. मनीष गुप्ता, त्वचा रोग विशेषग्य डा. दिव्या सचदेवा, नेत्र चिकित्सक डा. अनिल गुप्ता और फिजिशियन डा. संदीप सर्राफ ने अपने सहयोगियों के साथ विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा अभिभावकों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया. शिविर में रक्त-चाप (ब्लड प्रेशर) सहित विभिन्न व्याधियों का परीक्षण किया गया. वहीँ दन्त चिकित्सक ने लाभार्थियों को परीक्षण के पश्चात दन्त रोग से बचाव के उपाय बताए. शिविर में सामान्य स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया गया. इस अवसर पर विद्यार्थियों एवं समस्त प्राध्यापकों ने अपना सहयोग दिया.
“उमंग--2020” के तहत आज पूर्व छात्रों के सम्मलेन (एल्युमिनी मीट) का भी आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान पूर्व छात्रों ने महाविद्यालय में अपनी पढ़ाई के समय से जुड़े अनुभव बांटे अपने कीमती सुझाव भी दिए. आज के सभी कार्यक्रमों में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों ने अपना सक्रिय सहयोग दिया. आज एल्यूमिनी मीट के दौरान नवीन अग्रवाल एंड ग्रुप के कलाकारों द्वारा गीत-संगीत का कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया.
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष शंकरहरि अग्रवाल रहे. वहीँ छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के केन्द्रीय सचिव डा जे.पी. अग्रवाल और महाविद्यालय के तकनीकी सलाहकार अनुराग अग्रवाल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. इन सभी अतिथियों ने “उमंग--2020” के तहत आयोजित कार्यक्रमों को उद्देश्यपूर्ण बताते हुए महाविद्यालय के उज्जवल भविष्य की कामना की. इस अवसर पर महाविद्यालय के डायरेक्टर डा वी.के. अग्रवाल ने कहा कि एल्यूमिनी मीट के जरिये पुराने और नए विद्यार्थियों के बीच मेल-जोल बढ़ने से आपसी संपर्क और प्रगाढ़ होता है. प्राचार्य डा युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि पुराने छात्रों के सम्मलेन के जरिये मिलने वाले सुझावों से महाविद्यालय के भावी विकास में निश्चित ही मदद मिलेगी. एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने आशा व्यक्त की, कि इस तरह की रचनात्मक गतिविधियों से महाविद्यालय में एक समरसता का वातावरण तैयार होता है
दुर्गा महाविद्यालय रायपुर में छात्र परिषद प्रभारी डॉ प्रतिभा मुखर्जी साहूकार के निर्देशन में चल रहे दस दिवसीय युवा महोत्सव के चतुर्थ दिन कठपुतली नाटक मोहन से महात्मा का जीवंत प्रदर्शन किया गया यह नाटक क्रिएटिव पपेट थियेटर वाराणसी के द्वारा एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से संपन्न किया गया इस कठपुतली प्रदर्शनी के दौरान पूरा सभागार छात्र-छात्राओं एवं महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारीगणों से भरा रहा
इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुवात महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर आरके तिवारी जी के औपचारिक वक्तव्य से हुई इस कठपुतली नाटक का प्रदर्शन श्री मिथिलेश दुबे एवं उनकी 7 सदस्य टीम के द्वारा किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य महात्मा गांधी के 150वीं जयंती के उपलक्ष में पूरे देश और दुनिया में सत्य अहिंसा सामाजिक सद्भाव एवं शांति का प्रचार प्रसार करना एवं विशेषकर स्कूल कालेज में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं के बीच की जागरूकता पैदा करना कि वर्तमान में तेजी से फैल रही गैर बराबरी बेरोजगारी भ्रष्टाचार जातिवाद सांप्रदायिकता की समस्या को गांधीजी के मानवीय जीवन मूल्यों एवं दृढ़ संकल्प के द्वारा समाप्त किया जा सकता है
प्रदेश की जानी-मानी संस्था, शासकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, रायपुर के TEQIP- III परियोजना के अंतर्गत दिनाँक २५/११/२०१९ को प्रात ११:०० बजे “Effects of Climate Change and Government Strategies” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय प्रांगण में किया जा रहा है | इस ज्वलंत और प्रासंगिक विषय पर ज्ञानवर्धन करने हेतु विशेषज्ञ के रूप में श्री प्रदीप शर्मा, सलाहकार, मुख्यमंत्री प्लानिंग, पॉलसी, एग्रीकल्चर, एंड रूरल डेवलपमेंट, छत्तीसगढ़ शासन. डॉ.एस.डी. अत्री, डिप्टी डायरेक्टर जनरल ऑफ़ मिटीओरोलॉजी, गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया, डॉ. शंकर जी. अग्रवाल, CSIR-NPL, दिल्ली के सीनियर साइंटिस्ट, एवं एवं डॉ. आर. एस. परिहार, प्राचार्य, शासकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, रायपुर की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न होगा | इस कार्यकम के समन्वयक एवं संयोजक, डॉ. विकास कुमार जैन, सह प्राध्यापक, रसायन शास्त्र विभाग तथा डॉ. अजय कुमार त्रिपाठी, सह प्राध्यापक, मेकनिकल विभाग, ने बताया कि, इस विषय में, इस परिचर्चा के माध्यम से वातावरण में हो रहे बदलाव के अनूकूल और प्रतिकूल परिस्थियों से हमारे संस्था के शिक्षकों एवं छात्रों को पर्यावरण सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ और स्त्रोतों से अवगत कराया जायेगा | आज के परिवेश में पर्यावरण में हो रहे अप्रत्याशित गंभीर बदलाव के विरुद्ध सही कदम उठाने का यही सही समय है | इस तरह के कार्यक्रम के द्वारा आम लोगों तक पर्यावरण सम्बन्धी बदलाव के बारे में जानकारी साझा करने का यह एक अप्रतिम प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय कदम है | उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के पर्यावरण संबंधी योजनाओ और कार्यों की भी जानकारी दी जाएगी ।
रायपुर,शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में IQAC के द्वारा आयोजित सेमिनार की श्रृंखला में गृह विज्ञान विभाग के द्वारा विशेष व्याख्यान की व्यवस्था की गई । सर्वप्रथम IQAC प्रभारी Dr कविता शर्मा ने सेमिनार का महत्व बताया तथा यह यह ज्ञान हेतु बुनियादी योग्यता है बताया । विभागाध्यक्ष डॉक्टर संध्या वर्मा ने बताया पोषण का महत्व क्या हैभोजन क्या हैं। कुपोषण से क्या क्या समस्याएं हो सकती है।शासन द्वारा इस दिशा में चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया ।
प्रमुख वक्ता डॉ शैलबाला जैस ने अपने व्याखयान में पोषण और आहार से संबंधित जानकारी दी। खाना किसे कहते है यह प्रश्न पूछते हुए व्याख्यान की शुरुवात की।।मस्तिष्क के लेटरल भाग भोजन की आश्यकता को नियंत्रित करता है। संतुलित भोजन की जानकारी देते हुए बताया कितनी कैलोरी का भोजन लेना चाहिए जो उम्र और लिंग के अनुसार अलग होता है।उस भोजन में उचित मात्रानुसार कार्बोहाइड्रेट वसा प्रोटीन होना चाहिए।।और कैसे किन स्रोत से कितनी मात्रा में लेना चाहिए।इसी आधार पर डायट चार्ट बनता है।इसे ही मीनू में परिवर्तित किया जाता है।भारत में भोजन को चार भागों में विभाजित किया जाता है ।नाश्ता लंच शाम का नाश्ता रात का भोजन।प्रोटीन कितना लेना है कहा से लेना है। क्वालिटी प्रोटीन लेना चाहिए।।जिसमें एनिमल प्रोटीन के अलावा सोयाबीन दाले पनीर आदि। कार्बोहाइड्रेट 250से 400ग्राम तक लिया जाना चाहिए जिसमें स्टार्च ग्लूकोज अमिलोज अदिं सलाद दाल चावल आदि।वसा भी एनिमल और प्लांट से प्राप्त होता है।प्लांट से प्राप्त वसा ज्यादा अच्छे होते है इसमें सभी dry fruit ,HDL सबसे अच्छा है।अलसी तेल सोयाबीन तेल सरसो तेल ricebran तेलअच्छे है । मोजरेला चीस नुकसान देह हैं।।विटामिन हमें मिनरल सब्जी व फल से मिलता है ।इसे भी समाविष्ट करना चाहिए।तभी संतुलित भोजन होगा 2-3घंटे के अंतराल से भोजन करना जरूरी है । इसके आधार पर डायट प्लान करे। फास्ट फूड से दूर रहे रेडी टू इट भोजन भी सबसे बड़ा जहर है ।इससे बचना चाहिए।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राधयापक dr मीना पाठक, डॉ प्रीति पांडे , डॉ कल्पना झा, डा,रंजना तिवारी, डॉ सुषमा तिवारी ,उषा अग्रवाल डॉ डेनियल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से IQ AC इंचार्ज डॉ कविता शर्मा की उपस्थिति रही। उन्होंने अपने धन्यवाद ज्ञापन में विशेष रूप से मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस सेमिनार की श्रृंखला को पुनर्जीवित किया। यह कार्यक्रम शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर के प्राचार्य डॉ जायसवाल के निर्देशन में किया गया।
रायपुर। सब्जी के रूप में पहचाने जाने वाले मुनगा का स्वाद अब चॉकलेट, मिठाई में भी मिल सकेगा। पौष्टिकता से भरपूर मुनगे को कृषि वैज्ञानिकों ने मिठाई और चॉकलेट का रूप दिया है। मीठे के शौकीन लोगों और बच्चों के लिए मुनगे की यह शुगर फ्री मिठाई स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर भी है। साथ ही बाजार में मिल रहे अन्य उत्पादों की तुलना में सस्ती है। पेरियाकुलम मुनगा (पीकेएम.1) की पत्तियों से चॉकलेट, मिठाई, बिस्किट, टी जैेसे कई खाद्य पदार्थ कृषि विश्वविद्यालय ने तैयार किया है। रिसर्च के रूप में मिली इस सफलता के पीछे विवि के कृषि विज्ञान केंद, राजनादगांव के वैज्ञानिकों की मेहनत है। तमिलनाडु में ईजाद हुए पीकेएम-1 मुनगा की पत्तियों के माध्यम से यह संभव हो पाया है, जिससे अब बड़े स्तर पर देने की तैयारी विवि में चल रही है।
भाभा अनुसंधान का मिला सहयोग
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई के सहयोग से मुनगा की पत्तियों पर रिसर्च कर विभिन्न मूल्य-वर्धित उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। वहीं इस रिसर्च को लोगों तक पहुंचाने के लिए स्व सहायता समूह को जोड़ा जाएगा, जिससे बाजार में सेलिंग कर आमदनी कर सकें। विवि की तरफ से प्रोजेक्ट को लेकर समूह को प्रशिक्षण, मार्केटिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे चॉकलेट की कीमत सात रुपये से और कम हो जाएगी।
चॉकलेट में 32 फीसद मुनगा की पत्ती
विवि कुलपति डॉ संजय पाटील ने बताया कि मुनगा पत्ती कड़वे होने के कारण बच्चे एवं युवा इससे दूर रहना चाहते है। इसलिए विश्वविद्यालय ने बच्चों को ध्यान में रखकर मुनगा चॉकलेट निर्मित किया है। जिसे बच्चे जन्मदिन या किसी कार्यक्रम में कभी भी इसका उपयोग कर सकते है। इसे तैयार करने के लिए मिल्क पाउडर, कोको पाउडर, मुनगा पत्ती पाउडर प्रमुख सामग्री शामिल है। जिसमें मुनगा पत्ती पाउडर का 32 प्रतिशत उपयोग किया जाता है।
अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति परीक्षा-2019 की घोषणा कल, सारी तैयारियां पूरी, फॉर्म ऑनलाइन ही भरे जाएंगे
अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा संचालित अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति परीक्षा-2019 की घोषणा बुधवार को होगी। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पिछली बार की तरह ही इस बार नवीं और दसवीं के प्रादेशिक बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए 30-30 हजार रुपये की 18 छात्रवृत्तियां और 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों के लिए 50-50 हजार रुपये की 18 छात्रवृत्तियां दी जाएंगी।
इस वर्ष की छात्रवृत्ति की परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रादेशिक शिक्षा बोर्ड से नवीं से 12वीं कक्षा तक में पढ़ने वाले और पिछली वार्षिक परीक्षा में न्यूनतम 60 फीसदी अंक पाने वाले वे विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय डेढ़ लाख रुपये से कम हो। आवेदन केवल ऑनलाइन ही भरे जा सकेंगे। पात्र पाए गए विद्यार्थियों को एडमिट कार्ड भी ऑनलाइन ही भेजे जाएंगे। पिछले वर्ष एक लाख से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थी अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति के लिए हुई परीक्षा में शामिल हुए थे और उसमें से सफल हुए 36 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में 14.4 लाख रुपये दिए गए थे।
दृष्टिहीनों के लिए दो विशेष छात्रवृत्तियां
पिछली बार की तरह ही इस बार भी दो दृष्टिहीन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। परीक्षा में उन्हें सहायक लाने की स्वीकृति दी जाएगी। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि अपने से एक कक्षा नीचे का छात्र ही, उनका सहायक हो सकता है। सहायक को स्कूल का आई कार्ड साथ लाना होगा।
15 अगस्त 1947 को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। हर भारतवासी के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी और साथ ही विश्व के नक्शे पर भारत को अलग पहचान भी मिली थी। ऐसे में देश के सम्मान के लिए वंदे मातरम और राष्ट्रगान जैसे- गीत रग-रग में देशभक्ति की भावना को कायम रखते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि किन-किन मौकों पर गाया जाता है राष्ट्रगान.. \\\\\\\'जन-गण-मन\\\\\\\'। आइए पढ़ते हैं अगली स्लाइड में...अगली स्लाइड दे