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28 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

28 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 44.61करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,06,63,147 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.39 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 41,678 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 43,654 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 3,99,436 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.27% हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.36% है।

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.51%, लगातार 5 % से कम बना हुआ है।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 46.09 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

एक चौथाई से ज्यादा अमेरिकियों ने माना कि,वायरस के मुकाबले वैक्सीन ज्यादा जोखिम-सर्वेक्षण

एक चौथाई से ज्यादा अमेरिकियों ने माना कि,वायरस के मुकाबले वैक्सीन ज्यादा जोखिम-सर्वेक्षण

वैक्सीन नहीं लगवाने वाले एक चौथाई से ज्यादा अमेरिकियों का मानना है कि वायरस के मुकाबले उनकी सेहत के लिए कोविड-19 वैक्सीन ज्यादा जोखिम है. Yahoo News/YouGov की तरफ से किए गए सर्वे में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल एक तिहाई से ज्यादा प्रतिभागियों ने कहा कि कोविड-19 का कारण बननेवाला वायरस अमेरिका में सबसे बड़ा खतरा है. हालांकि, वैक्सीन नहीं लेनेवाले 28 फीसद व्यस्कों ने टीकाकरण को ज्यादा जोखिम बताया.


वायरस के मुकाबले वैक्सीन ज्यादा जोखिम-सर्वेक्षण


सर्वे के लिए 1,715 व्यस्कों की 13 जुलाई और 15 जुलाई के बीच ऑनलाइन राय ली गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, 18 साल से ऊपर के टीकाकरण नहीं करानेवाले 37 फीसद का मानना था कि वैक्सीन कोविड-19 से ज्यादा स्वास्थ्य का जोखिम रखती है. सर्वे में शामिल करीब 35 फीसद ने इस बारे में निश्चित नहीं होने की जानकारी दी, और सिर्फ 29 फीसद का कहना था कि टीकाकरण कराने के मुकाबले वायरस ज्यादा जोखिम भरा है.

 


फिलहाल, ये बताने के लिए डेटा नहीं है कि अमेरिका में उपलब्ध वैक्सीन कोरोना वायरस के मुकाबले ज्यादा जोखिम हैं. सर्वे में लोगों से ये नहीं पूछा गया था कि क्यों उनका मानना है कि वैक्सीन ज्यादा खतरा हैं लेकिन ये गलत जानकारी के कारण हो सकता है. अपेक्षाकृत, 83 फीसद प्रतिरक्षित व्यस्कों ने कहा कि वायरस आम लोगों के लिए बड़ा जोखिम है जबकि 5 फीसद ने बड़ा खतरा माना.

 

टीकाकरण नहीं करानेवाले लोगों की ली गई राय

 

गौरतलब है कि सर्वेक्षण के नतीजे ऐसे समय आए हैं जब डेल्टा वेरिएंट का फैलाव जारी है. डेल्टा वेरिएन्ट के फैलाव के बीच स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में करीब कोरोना के सभी मामले, अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत और मौत की घटना वैक्सीन नहीं लगवानेवाले लोगों में है. Yahoo News/YouGov सर्वे के नतीजे अमेरिकी सेंसस ब्यूरो की तरफ से जारी डेटा से मेल खाते हैं.

 

27 जुलाई : आइए एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 टीकाकरण अपडेट पर

27 जुलाई : आइए एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 टीकाकरण अपडेट पर

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 45.73 करोड़ से अधिक खुराक (45,73,30,110) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 24,11,000 खुराक प्रक्रियारत हैं। आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें अपव्यय सहित कुल 43,80,46,844 खुराक की खपत हुई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 2.28 करोड़ से अधिक (2,28,27,959) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

 

 

27 जुलाई :  कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

27 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 44.19 करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,06,21,469 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.39 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 42,363 मरीज ठीक हुए।

भारत में 132 दिनों के बाद 30,000 से कम दैनिक मामलों दर्ज किए गए; पिछले 24 घंटे के दौरान 29,689 नए मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले 124 दिनों के बाद 4 लाख से कम दर्ज किए हैं। भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 3,98,100 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.27 % हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.33 % है

दैनिक पॉजिटिविटी दर 1.75 %, लगातार 5 % से कम बना हुआ है।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 45.91 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

डॉ मंजू पुरी ने कहा कोविड पॉजिटिव मां को बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए, लेकिन...

डॉ मंजू पुरी ने कहा कोविड पॉजिटिव मां को बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए, लेकिन...

नई दिल्ली, डॉ. मंजू पुरी, विभागाध्यक्ष, प्रसूति एवं स्त्री रोग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली ने गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 टीकाकरण के निर्णय के बारे में और महिलाओं को खुद को व अपने बच्चे को कोविड-19 से बचाने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इसके बारे में बातचीत की। अब महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी कोविड-19 के टीके लगवाने की स्वीकृति दे दी गई हैं। यह कदम उनके लिए किस तरह मददगार साबित होगा? दूसरी लहर के दौरान, पहली लहर की तुलना में गर्भावस्था के दौरान महिलाएं कोविड-19 से संक्रमित हुई। यदि कोविड के गंभीर लक्षण है तो गर्भावस्था के दौरान काफी मुश्किलें हो सकती है, विशेष रूप से अंतिम तिमाही के दौरान क्योंकि गर्भाशय बड़ा हो जाता है और मध्यपट (diaphragm) पर दबाव पड़ता है, जिससे महिला के ऑक्सीजन संतृप्ति में गिरावट आने से उसकी क्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे रक्त ऑक्सीजन संतृप्ति में अचानक गिरावट आ सकती है और मां व बच्चे दोनों के जीवन को खतरा हो सकता है। टीके गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारी को रोकने में मदद करेंगे। इसके अलावा, एक मां के द्वारा टीका लगवाने से नवजात को कुछ हद तक सुरक्षा मिलने की संभावना है क्योंकि टीकाकरण के बाद मां के शरीर में विकसित एंटीबॉडी उसके रक्त के माध्यम से विकासशील भ्रूण तक पहुंच जाएंगी। स्तनपान कराने वाली माताओं के मामले में, एक शिशु को ये एंटीबॉडी मां के स्तन के दूध के माध्यम से मिलती है। कुछ लोगों का मानना है कि टीके महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। क्या यह सच है? ये ऐसी अफवाहें हैं जो हर जगह सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं। गलत सूचनाएं वायरस से कहीं ज्यादा खतरनाक है।

हालांकि कोविड-19 के टीके अपेक्षाकृत नए हैं, लेकिन इन्हें समय-परीक्षित तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया गया है। टीके शरीर को एक विशिष्ट रोगज़नक़ के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने में मदद करते हैं, यह शरीर के किसी अन्य ऊतक को प्रभावित नहीं करते हैं। वास्तव में, हम महिलाओं को और उनके अजन्मे बच्चे को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए गर्भावस्था के दौरान भी कुछ टीके जैसे हेपेटाइटिस बी, इन्फ्लुएंजा, पर्टुसिस वैक्सीन दी जाती हैं।

इसके अलावा, हमारे नियामकों ने अपनी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही गर्भावस्था के दौरान टीके लगाने को मंजूरी दी है। कोई वैज्ञानिक डेटा या अध्ययन नहीं है जो यह दर्शाता हो कि टीके महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। ये टीके किसी भी तरह से प्रजनन अंगों को प्रभावित नहीं करते हैं।

एक गर्भवती महिला को खुद को कोविड से बचाने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

गर्भावस्था और प्रसव हमारे समाज में सामाजिक घटनाएं हैं। लेकिन महामारी के दौरान, इसका मतलब मां और बच्चे के संक्रमण की चपेट में आने से हो सकता है। हम अनुशंसा करते हैं कि एक गर्भवती मां को अपने परिवार के सदस्यों के बीच घर पर रहते हुए भी मास्क पहनना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि हो सकता है वह बाहर नहीं जा रही हो, लेकिन उसके परिवार के सदस्य काम के लिए बाहर जा रहे हैं और उनसे वह इस वायरस से संक्रमित हो सकती है।

इसलिए, महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद सभी कोविड-उपयुक्त सावधानियों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह उन्हें संक्रमण और संबंधित जटिलताओं से प्रभावित होने से बचा सकता है।

अगर गर्भवती महिला में कोविड-19 के लक्षण दिखें तो उसे क्या करना चाहिए?

सबसे पहले, यदि उनमें कोविड के कोई लक्षण हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द अपना परीक्षण करवाना चाहिए, क्योंकि जितनी जल्दी हम बीमारी का पता लगाएंगे, उतना ही बेहतर हम बीमारी का प्रबंधन कर सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान कोविड का प्रबंधन लगभग वैसा ही होता है जैसा कि दूसरों के लिए होता है, लेकिन इसे डॉक्टर की सख्त निगरानी में ही किया जाना चाहिए।

एक महिला को खुद को अलग रखना चाहिए, खूब सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए, हर 4-6 घंटे में अपना तापमान और ऑक्सीजन संतृप्ति की जांच करनी चाहिए। यदि पैरासिटामोल लेने के बाद भी तापमान कम नहीं होता है, तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए; यदि ऑक्सीजन की मात्रा में गिरावट है या घटती प्रवृत्ति है, उदाहरण के लिए, सुबह 98, शाम को 97, और फिर अगले दिन और गिर जाती है, तो उसे अपने डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है।

इसके अलावा, जिन महिलाओं को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा आदि जैसी बीमारियां हैं, उन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, अपने चिकित्सक से परामर्श करें और पुनर्प्राप्ति अवधि के दौरान अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि मां और भ्रूण ठीक हैं, हम कोविड से ठीक होने के बाद एक समग्र स्वास्थ्य जांच की पुरजोर सिफारिश करते हैं।

क्या मां से भ्रूण को कोविड-19 हो सकता है?

इस चिंता का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है। हमने कुछ अध्ययन किए हैं और पाया है कि प्लेसेंटा, एक अंग जो गर्भाशय में बनता है जिसमें एक भ्रूण बढ़ता है, एक सुरक्षात्मक बाधा के रूप में कार्य करता है। ऐसे कुछ मामले हैं जहां नवजात संक्रमित पाए गए लेकिन हमें यकीन नहीं है कि उन बच्चों को मां के गर्भ में संक्रमण हुआ या जन्म के तुरंत बाद।

यह कहने के बाद, जैसा कि मैंने पहले भी समझाया है, गर्भवती महिलाओं को संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि कोविड-19 उन्हें और उनके बच्चे को कई अन्य तरीकों से प्रभावित कर सकता है।

 

एक कोविड पॉजिटिव मां को अपने नवजात शिशु की सुरक्षा के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

एक मां को बच्चे को स्तनपान कराते रहना चाहिए लेकिन उसे सलाह दी जाती है कि जब वह स्तनपान नहीं करा रही हो तो बच्चे से 6 फीट की दूरी बनाकर रखें। एक देखभाल करने वाला जिसका परीक्षण नकारात्मक है, वह भी नवजात शिशु की देखभाल करने में मदद कर सकता है। नवजात शिशु को स्तनपान कराने से पहले, महिलाओ को अपने हाथ धोने चाहिए, मास्क, फेस शील्ड जैसे सुरक्षा कवच पहनने चाहिए और अपने आस-पास के वातावरण को भी बार-बार सैनिटाइज करना चाहिए।

महिलाओं में प्रसवोत्तर अवसाद और चिंता आम है। क्या आप महामारी के दौरान महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि देखते हैं?

निश्चित रूप से, गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हुई है। ये ऐसे समय होते हैं जब एक महिला बहुत सारे हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है। इस वक़्त , उन्हे शारीरिक एवं मानसिक हालातो का सामना करने के लिए, सामाजिक समर्थन की आवश्यकता है। इस सामाजिक समर्थन के अभाव में, वह अकेला, असहाय और उदास महसूस कर सकती है।

15 दिनों के लिए आइसोलेशन हर किसी के लिए मुश्किल होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और प्रसव के बाद की माताओं के लिए इससे भी ज्यादा। इस समय के दौरान, उसके बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता उसकी मानसिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।

इसलिए, इस दौरान महिलाओं को निरंतर समर्थन और आश्वासन प्रदान करना महत्वपूर्ण है। परिवार को वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क में रहना चाहिए, और उसके मूड में किसी भी बदलाव का निरीक्षण करना चाहिए और अगर वह उदास दिखती है और महसूस करती है, तो चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

हम हमेशा अपनी गर्भवती महिलाओं और माताओं से दो सामान्य जांच प्रश्न पूछते हैं: एक, क्या उसे अपने नियमित काम करने में बहुत कम या कोई दिलचस्पी नहीं है? और दूसरा, क्या उसे पिछले 2 हफ्तों में कभी भी बिना किसी विशेष कारण के उदास या रोने का मन किया है? यदि इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर हाँ है, तो इसका अर्थ है कि उसे मनोवैज्ञानिक द्वारा और मूल्यांकन की आवश्यकता है। डॉक्टरों के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को भी इस दौरान महिला के व्यवहार को ध्यान से देखने की जरूरत है।

आप अपनी महिला रोगियों को क्या सलाह देना चाहेंगी?

हम उन्हें सुरक्षित रहने, पर्याप्त सावधानी बरतने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए कहते हैं। जब और जब यह उनके लिए उपलब्ध हो तो टीका लें। ज्यादा लोगों से मिलने से बचें।

यदि उनमें बुखार, गले में खराश, स्वाद या गंध की कमी या किसी कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने जैसे लक्षण हैं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की आवश्यकता है, निदान में देरी नहीं करनी चाहिए और स्व-उपचार नहीं करना चाहिए। और अंत में, हम अपनी सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान विभिन्न गर्भनिरोधक विधियों के बारे में सलाह देते हैं और उन्हें प्रसवोत्तर इंट्रा-यूटेराइन डिवाइस (कॉपर टी) प्रदान करते हैं, जिसे बच्चे के जन्म या सिजेरियन डिलीवरी के तुरंत बाद डाला जा सकता है। यह उन्हें बच्चे के जन्म के बाद अस्पताल की अनावश्यक यात्रा से बचाता है और अनियोजित गर्भावस्था के जोखिम को कम करता है। 

रिकवरी दर बढ़कर 97.35 प्रतिशत हुई, भारत के कुल कोविड-19 टीकाकरण ने इतने करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया

रिकवरी दर बढ़कर 97.35 प्रतिशत हुई, भारत के कुल कोविड-19 टीकाकरण ने इतने करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया

भारत में कोविड-19 टीकाकरण का आंकड़ा कल 43.51 करोड़ के अहम स्तर को पार कर गया है। आज सुबह 8 बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के मुताबिक 52,95,458 सत्रों के माध्यम से टीकों की कुल 43,51,96,001 खुराक लगा दी गई हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान टीकों की 18,99,874 खुराक लगाई गई हैं। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। केन्द्र सरकार देश भर में कोविड-19 टीकाकरण की गति और उसका दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। महामारी की शुरुआत से अभी तक संक्रमित लोगों में से 3,05,79,106 लोग पहले ही कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके हैं और पिछले 24 घंटों के दौरान 35,968 लोग ठीक हो गए। इस प्रकार ठीक होने की दर 97.35प्रतिशत के स्तर पर है, जिससे लगातार बढ़ोतरी के रुझान का पता चलता है। पिछले 24 घंटों के दौरान भारत में दैनिक नए मामले 39,361 दर्ज किए गए। लगातार 29दिनों से दैनिक नए मामले 50,000 के स्तर से नीचे बने हुए हैं। यह केन्द्र और राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए निरंतर और सहयोगपूर्ण प्रयासों का परिणाम है। भारत के सक्रिय मामले 4,11,189के स्तर पर बने हुए हैं और अब देश के कुल पॉजिटिव मामलों में सक्रिय मामलों की हिस्सेदारी 1.31 प्रतिशत है। देश भर में परीक्षण क्षमता में खासी बढ़ोतरी के साथ, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कुल 11,54,444परीक्षण कराए गए। भारत में अभी तक कुल 45.74 करोड़ (45,74,44,011) परीक्षण हो चुके हैं। जहां एक तरफ देश में परीक्षण क्षमता में बढ़ोतरी हुई है, वहीं मामलों की साप्ताहिक पॉजिटिविटी में गिरावट देखने को मिली है। वर्तमान में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 2.31 प्रतिशत के स्तर पर है, जबकि आज दैनिक पॉजिटिविटी दर 3.41प्रतिशत रही। लगातार 34 दिनों से दैनिक पॉजिटिविटी दर 3 प्रतिशत से कम बनी हुई है, और यह पिछले लगातार 49दिनों से 5 प्रतिशत से कम है।

26 जुलाई :  कोविड-19 टीकाकरण पर नवीनतम जानकारी

26 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण पर नवीनतम जानकारी

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 45.37करोड़ से अधिक खुराक (45,37,70,580) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 59,39,010 खुराक प्रक्रियारत हैं। आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें अपव्यय सहित कुल 42,28,59,270 खुराक की खपत हुई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 3.09 करोड़ से अधिक (3,09,11,310) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

 

26 जुलाई : आइए एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 की नवीनतम जानकारी पर

26 जुलाई : आइए एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 की नवीनतम जानकारी पर

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 43.51 करोड़ खुराक लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,05,79,106 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.35 प्रतिशत हुई।

पिछले 24 घंटों के दौरान 35,968 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 39,361 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,11,189 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.31 प्रतिशत हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.31 प्रतिशत है

दैनिक पॉजिटिविटी दर 3.41 प्रतिशत, लगातार 35वें दिन भी 3 प्रतिशत से कम

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 45.74 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

 कोरोना की तीसरी लहर की आहट! यहां हुआ एक हफ्ते में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत

कोरोना की तीसरी लहर की आहट! यहां हुआ एक हफ्ते में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत

नई दिल्ली: बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा सबसे ज्यादा बताया जा रहा है और यही वजह है कि भारत में बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक सितंबर तक भारत में कोरोना की वैक्सीन आ सकती है और इसके ट्रायल तेजी से चल रहे हैं. लेकिन अन्य देशों में बच्चों पर तीसरी लहर का असर भयावह असर देखने को मिल रहा है.

100 से ज्यादा बच्चों की मौत
इंडोनेशिया में बीते एक हफ्ते के दौरान ही 100 से ज्यादा बच्चों की संक्रमण की चपेट में आने के बाद जान चली गई जिससे तीसरी लहर का खतरा और बढ़ गया है. मरने वाले बच्चों में कई की उम्र तो पांच साल से भी कम बताई जा रही है. बच्चों की मृत्यु दर यहां सबसे ज्यादा है जिसने डॉक्टरों की ओर से बच्चों पर कोरोना के कम असर वाले दावे के सामने चुनौती पेश की है.

मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक इंडोनेशिया में इतनी बड़ी तादाद में बच्चों की मौत से कोहराम मच गया है और स्थानीय लोग इसे सरकार की विफलता बता रहे हैं. लोगों में गुस्सा है कि सरकार की ओर से तीसरे लहर के खतर को देखते हुए पहले से तैयारियां क्यों नहीं की गईं. 

स्थानीय डॉक्टर अमन पुलुगन ने बताया कि हमारे आंकड़े दुनिया में सबसे ज्यादा हैं, बच्चों की मौत लगातार हो रही है लेकिन हम अपने बच्चों के लिए बेहतर इंतजाम क्यों नहीं कर पाए. साउथ ईस्ट एशिया में बच्चों की मौत के बढ़ते मामलों की पीछे डेल्टा वेरिएंट को वजह माना जा रहा है साथ ही इन मुल्कों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी धीमी चल रही है. 
 
इंडोनेशिया दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला मुल्क है लेकिन भारत और ब्राजील को पीछे छोड़ वहां संक्रमण में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. शुक्रवार के आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 50 हजार मामले और 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इंडोनेशिया ही नहीं, थाईलैंड, मलेशिया, म्यांमार और वियतनाम जैसे मुल्कों में भी संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. 

इंडोनेशिया के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत होने लगी है. सरकार ने उद्योग के बजाय चिकित्सा उपाय के लिए ऑक्सीजन देने का निर्देश दिया है. देश में पहले 25 प्रतिशत ऑक्सीजन चिकित्सा क्षेत्र को मिलता था जो अब बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक कर दिया गया है. उधर भारत ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं और इंडोनेशिया को 300 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सौ मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई की है.
तेजी से बढ़ेगी हाइट, बस रोजाना दबाएं ये एक्यूप्रेशर प्वाइंट

तेजी से बढ़ेगी हाइट, बस रोजाना दबाएं ये एक्यूप्रेशर प्वाइंट

अगर उम्र के हिसाब से आपकी या फिर आपके बच्चों की हाइट छोटी रह गई है तो यकीनन इसे बढ़ाने के लिए आप काफी मशक्कतें करते होंगे। यह जरूरी भी है क्योंकि अच्छी हाइट पर्सनालिटी में चार चांद लगाने में मदद जो करती है। इसके लिए आप चाहें तो कुछ एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स दबा सकते हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स बारे में बताते हैं, जिन्हें रोजाना दबाकर तेजी से हाइट बढ़ाई जा सकती है।


क्या है एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स?
शरीर में कई ऐसे प्रेशर प्वाइंट्स होते हैं, जिनका संबंध शरीर के विभिन्न भागों से होता है। इन प्वाइंट्स के द्वारा शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे पैरों और हाथों के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर दबाव डालकर विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता है।


आइब्रो के बीच का हिस्सा दबाएं
हाइट को बढ़ाने के लिए रोजाना आइब्रो के बीच का हिस्सा दबाना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए आप अपनी आइब्रो के बीचों-बीच कोई भी एक उंगली रखें और उससे माथे पर दबाव बनाएं। इसके बाद इसे सर्कुलेशन मोशन में घुमाएं। आप इसे 10-15 बार दबा सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए दिन में 2 बार इस एक्यूप्रेशर प्वाइंट को दबाएं, इससे आपको कुछ समय के बाद अपनी हाइट में काफी बदलाव नजर आने लगेगा।


हाथ के अंगूठे के नीचे दबाएं
अपनी हाइट बढ़ाने में हाथ के अंगूठे के निचले हिस्से को दबाना काफी प्रभावी है। इसके लिए आप पहले अपने दाएं हाथ को आगे करें और फिर इसके अंगूठे के नीचे के हिससे को बाएं हाथ के अंगूठे से दबाएं। आप इसे 10 बार दबा सकते हैं। इसके बाद दाएं हाथ के अंगूठे से बाएं हाथ के अंगूठे के निचले हिस्से को दबाएं। बेहतर परिणाम के लिए दिन में 2 बार इसका अभ्यास करें।


पैरों के तलवों के बीच से दबाएं
हाइट बढ़ाने के लिए पैरों के तलवों को दबाना भी लाभकारी माना जाता है। इसके लिए पहले अपने दोनों पैरों के तलवों के बीच में दोनों हाथों की कोई दो उंगली रखें और फिर इस प्वाइंट को दबाएं। आप 8-10 बार इस प्वाइंट को दबा सकते हैं। इसके नियमित अभ्यास से आपका कद तेजी से बढऩे लगेगा। इसी के साथ इससे आप कई तरह अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलने लगेंगे।


पिंडलियों को दबाएं
हाइट बढ़ाने के लिए पिंडलियों को दबाना भी फायदेमंद है। इसलिए रोजाना अपनी पिंडलियों को हाथों की मदद से कम से कम 10 बार दबाएं। इससे बेहतर परिणाम पाने के लिए आप पिंडलियों को दिन में दो-तीन बार दबा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे की हाइट छोटी है तो एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स की बजाय उसे बचपन से ही हाइट बढ़ाने के लिए एक अच्छी डाइट दें और कुछ एक्सरसाइज करवाएं।

25 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

25 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 45.37 करोड़ से अधिक खुराक (45,37,70,580) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 11,79,010 खुराक प्रक्रियारत हैं। आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें अपव्यय सहित कुल 42,08,32,021 खुराक की खपत हुई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 3.29 करोड़ से अधिक (3,29,38,559) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

25 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

25 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 43.31 करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,05,43,138 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.36 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 39,972 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 39,742 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,08,212हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.30% हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.24% है

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.31%, लगातार 34 वें दिन भी 3% से कम

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 45.62 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

पहला मौका जब ऑक्सीजन एक्सप्रेस को पड़ोसी देश के लिए परिचालन में लगाया गया, जाने कहा जाएगी ट्रेन

पहला मौका जब ऑक्सीजन एक्सप्रेस को पड़ोसी देश के लिए परिचालन में लगाया गया, जाने कहा जाएगी ट्रेन

नई दिल्ली | भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ी बांग्लादेश की यात्रा पर जाने के लिए तैयार है। यह पहला मौका है जब ऑक्सीजन एक्सप्रेस को पड़ोसी देश के लिए परिचालन में लगाया गया है। आज दक्षिण पूर्व रेलवे के अंतर्गत चक्रधरपुर मंडल के टाटा में 200 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) को बांग्लादेश के बेनापोल तक पहुंचाने का मांगपत्र रखा गया।  10 कंटेनर रेक में एलएमओ की 200 मीट्रिक टन की लोडिंग 09.25 बजे पूरी हो चुकी है।  उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे द्वारा 24 अप्रैल, 2021 को मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले भारतीय राज्यों को राहत देने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुरू की गई थी। 35000 मीट्रिक टन से अधिक एमएलओ को 15 राज्यों में पहुंचाया गया। लगभग 480 ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन किया गया था। भारतीय रेलवे का प्रयास है कि कम से कम समय में जितना संभव हो उतनी एलएमओ पहुंचायी जाए।

24 जुलाई : आइये एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 टीकाकरण अपडेट पर

24 जुलाई : आइये एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 टीकाकरण अपडेट पर

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 44.53 करोड़ से अधिक खुराक (44,53,86,390) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 85,58,360 खुराक प्रक्रियारत हैं। 
आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें अपव्यय सहित कुल 41,55,50,543 खुराक की खपत हुई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 2.98 करोड़ से अधिक (2,98,35,847) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

24 जुलाई : आइये एक नज़र डालते हैं आज के  कोविड-19 से जुडी ताज़ा जानकारी पर

24 जुलाई : आइये एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 से जुडी ताज़ा जानकारी पर

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 42.78करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,05,03,166मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.35प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 35,087मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 39,097मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,08,977हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.31% हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.22% है

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.40%, लगातार 33 वें दिन भी 3% से कम

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 45.45करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

23 जुलाई :  कोविड-19 टीकाकरण पर ताज़ा जानकारी

23 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण पर ताज़ा जानकारी

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की गति को तेज करने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीकाकरण के सार्वभौमिकरण का नया चरण 21 जून 2021 से शुरू हुआ। टीकाकरण अभियान को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अधिक टीकों की उपलब्धता और वैक्सीन उपलब्धता की अग्रिम स्थिति के माध्यम से बेहतर योजना बनाने और वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने के माध्यम से तेज किया गया है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के अंग के रूप में, भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निःशुल्क में कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी सहायता कर रही है। कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सार्वभौमिकरण के नए चरण में, केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए देश में वैक्सीन निर्माताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे टीकों की 75 प्रतिशत खरीद और आपूर्ति (निःशुल्क) करेगी। सभी स्रोतों के माध्यम से अब तक राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को 43.87 करोड़ (43,87,50,190) से अधिक वैक्सीन की खुराक प्रदान की जा चुकी हैं और 71,40,000 और खुराक की आपूर्ति का जानी हैं। इसमें से अपव्यय सहित कुल खपत 41,12,30,353 खुराक (आज सुबह 8 बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अभी भी 2.75 करोड़ (2,75,19,837) से अधिक शेष और अप्रयुक्त कोविड वैक्सीन खुराक उपलब्ध हैं जिन्हें दिया जाना है।

 

23 जुलाई :  कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

23 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 42.34 करोड़ खुराक लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,04,68,079 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.36 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 38,740 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 35,342 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,05,513 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.30 प्रतिशत हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.14 प्रतिशत है।

 

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.12 प्रतिशत, लगातार 32 वें दिन भी 3 प्रतिशत से कम।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 45.29 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

बर्ड फ्लू पर एम्स के डायरेक्टर कही ये बात... पढ़े पूरी खबर

बर्ड फ्लू पर एम्स के डायरेक्टर कही ये बात... पढ़े पूरी खबर

एवियन इन्फ्लूएंजा से देश में पहली मौत की पुष्टि के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा कि एच5एन1 वायरस का मानव से मानव में संक्रमण बहुत दुर्लभ है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। एम्स निदेशक ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हालांकि संपर्क में आने से बचना चाहिए और वायरस के कारण जहां पर बच्चे की मौत हुई, उस क्षेत्र से नमूने लिए जाने की जरूरत है तथा कुक्कुटों की मौत पर नजर रखनी चाहिए। हरियाणा के 12 वर्षीय लड़के की एच5एन1 वायरस के संक्रमण से हाल में एम्स दिल्ली में मौत हो गयी। गुलेरिया ने कहा, ''पक्षियों से मानवों में वायरस का संक्रमण बहुत दुर्लभ है और एच5एन1 का मानव से मानव में संक्रमण का मामला अब तक साबित नहीं हुआ है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। डॉ. गुलेरिया ने कहा, लेकिन पोल्ट्री के निकट काम करने वाले लोगों को निश्चित तौर पर एहतियात बरतना चाहिए और साफ-सफाई रखना चाहिए।
एम्स में मेडिसीन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों की बीमारी है और मानव से मानव के बीच संक्रमण का अब तक प्रमाण नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ''हालांकि संक्रमण से प्रभावित कुछ छिटपुट क्षेत्रों का पता चला है। इन क्षेत्रों में दुर्लभ स्थिति में संक्रमण का प्रसार हो सकता है। हालांकि मानव से मानव के बीच संक्रमण का कोई प्रमाण नहीं मिला है। डॉ निश्चल ने कहा, सीरो सर्वेक्षण में बिना लक्षण वाले मामलों में कोई प्रमाण नहीं मिला है और उपचार के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण फैलने के कोई सबूत नहीं हैं। उन्होंने कहा, ''अगर कोई ठीक से पका हुआ पोल्ट्री उत्पाद खा रहा है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

ठीक से पके हुए भोजन से लोगों में फैलने के सबूत नहीं
अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह ठीक से पके हुए भोजन से लोगों में फैल सकता है। भोजन को उच्च तापमान पर पकाने पर वायरस नष्ट हो जाता है। संक्रमित, खासकर बीमार मुर्गे-मुर्गियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पूर्व में जब मुर्गे-मुर्गियों में एच5एन1 एवियन फ्लू इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आए थे तो संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उन क्षेत्रों में कुक्कुटों को मार दिया गया था। उन्होंने कहा कि एच5एन1 वायरस का प्रसार मुख्य रूप से प्रवासी पक्षियों के जरिए कुक्कुटों में होता है। गुलेरिया ने कहा कि जो लोग पोल्ट्री के निकट संपर्क में काम करते हैं, उनमें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।

12 साल के लड़के की मौत
एम्स के एक सूत्र ने कहा था कि 12 वर्षीय लड़के को दो जुलाई को निमोनिया और ल्यूकेमिया की दिक्कतों के साथ एम्स में भर्ती कराया गया था। उसकी 12 जुलाई को मृत्यु हो गई। इलाज के दौरान कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा की जांच की गयी। सूत्र ने कहा था, ''लड़के की कोविड-19 जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। इन्फ्लूएंजा संक्रमण की पुष्टि हुई। नमूने को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे भेजा गया जहां एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई।

कुछ राज्यों ने बीमारी के फैलने के बाद कुक्कुटों को मार डाला
सूत्रों ने कहा कि मामले का विवरण राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को भेज दिया गया है और उनकी टीम ने निगरानी और संपर्क का पता लगाना शुरू कर दिया है। यह देखा जा रहा है कि क्या इसी तरह के लक्षणों वाला कोई और मामला है जिनके साथ बच्चा संपर्क में आया था। इस बीच, संक्रमित बच्चे के संपर्क में आए एम्स के सभी कर्मचारियों को फ्लू के किसी भी लक्षण पर नजर रखने और तुरंत अधिकारियों को सूचित करने को कहा गया। जनवरी में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों ने बीमारी के फैलने के बाद कुक्कुटों को मार डाला था।

वायरस मनुष्यों को आसानी से संक्रमित नहीं करता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लोगों में एच5एन1 संक्रमण के लगभग सभी मामले संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों या एच5एन1 प्रभावित वातावरण के निकट संपर्क से जुड़े हैं। वर्तमान में उपलब्ध महामारी विज्ञान की जानकारी से पता चलता है कि वायरस मनुष्यों को आसानी से संक्रमित नहीं करता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलना दुर्लभ प्रतीत होता है। जब लोग संक्रमित होते हैं तो मृत्यु दर लगभग 60 प्रतिशत होती है।

21 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

21 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 43.25 करोड़ से अधिक खुराक (43,25,17,330 ) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 53,38,210 खुराक प्रक्रियारत हैं। आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें अपव्यय सहित कुल 40,36,44,231 खुराक की खपत हुई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 2.88 करोड़ से अधिक (2,88,73,099) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

21 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

21 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 41.54 करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,03,90,687  मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.36 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 36,977 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 42,015 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,07,170 हैं

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.30 % हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई हैवर्तमान में 2. 09 % है

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.27 %लगातार 30 वें दिन भी 3% से कम

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 44.91करोड़ नमूनों की जांच की गई है।