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3 अगस्त : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

3 अगस्त : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 47.85 करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,08,96,354 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.38 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 38,887 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 30,549 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,04,958 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1 .28 % हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.39 % है।

दैनिक पॉजिटिविटी दर 1.85 %, लगातार 5 % से कम बना हुआ है।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 47.12 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

 देश में मिनी थर्ड वेव की दस्तक: कई राज्यों ने बढ़ाई केंद्र सरकार की चिंता

देश में मिनी थर्ड वेव की दस्तक: कई राज्यों ने बढ़ाई केंद्र सरकार की चिंता

 नई दिल्ली। केरल ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी राज्यों में भी पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते हफ्ते देश के 13 राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। सिर्फ तमिलनाडु ऐसा राज्य है जहां संक्रमण के मामलों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 


उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में भी 26 जुलाई से 1 अगस्त तक के हफ्ते के बीच पिछले सप्ताह की तुलना में नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। हिमाचल प्रदेश में यह बढ़ोतरी 64 प्रतिशत है, जो कि पूरे देश में सबसे ज्यादा है। यहां नए मामले प्रतिदिन 670 से बढ़कर 1100 तक पहुंच गए हैं। उत्तराखंड में भी नए मामले 61 फीसदी तक बढ़ गए हैं। हालांकि, यहां मामले 272 से बढ़कर 437 हुए हैं। 

जम्मू-कश्मीर में भी कोरोना के मामले 26 फीसदी बढ़ गए हैं। दिल्ली जहां एक हफ्ते में सिर्फ 381 नए मामले सामने आए, वहां भी संक्रमण 15 फीसदी बढ़ गया है। राजधानी में बीते हफ्ते 440 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी कोरोना के मामले 2 फीसदी बढ़े हैं।
हालांकि, कुल संख्या देखें तो केरल में कोरोना के मामलों में साप्ताहिक बढ़ोतरी बहुत ज्यादा है। बीते हफ्ते राज्य में कोरोना 1.4 लाख नए मामले आए। हर दिन यहां 20 हजार से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए, जिससे कुल मामले 27 फीसदी बढ़े। 
मुंह के छाले दूर करने के चार महत्वपूर्ण घरेलू रामबाण उपाय, जानिए यहां

मुंह के छाले दूर करने के चार महत्वपूर्ण घरेलू रामबाण उपाय, जानिए यहां

मुंह मे छाले होना बहुत ही जटिल समस्या होती है, लेकिन यह परेशान बहुत करती है. मुंह के छाले बहुत तकलीफदेह हो सकते हैं. इसके साथ ही यह कमजोरी की वजह भी बन सकते हैं. मुंह के छाले या माउथ अल्सर (Mouth Ulcer) क्या होते हैं? असल में मुंह के अंदरुनी भाग में होने वाले से छोटे छालों को माउथ अल्सर कहा जाता है. अब सवाल उठता है कि मुंह के छालों के कारण क्या होते हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. अक्सर लोग इसे पेट की गर्मी से जोड़ते हैं. मुंह के छालों की वजह पेट साफ न होना, हॉर्मोनल की गड़बड़ी और पीरियड्स की वजह से हो सकते हैं.


कुछ मिलीमीटर के आकार के मुंह के छाले अक्सर लाल या सफेद पैच जैसे होते हैं. बाजार में मुंह के छाले की टेबलेट, मुंह के छाले की होम्योपैथिक दवा और मुंह के छाले की अंग्रेजी दवा मौजूद हैं, लेकिन आप इन्हें कुछ आसान घरेलू उपचारों से भी ठीक कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं दर्द भरे मुंह के छालों को दूर करने के आसान घरेलू उपाय और रामबाण नुस्खे-


मुंह के छालों का इलाज और घरेलू उपाय (How To Cure Mouth Ulcers Fast Naturally)

किन हिस्सों में होते हैं मुंह के छाले
मुंह के किसी भी भाग जैसे जीभ, अंदरूनी गाल, मसूड़ों और होंठों पर यह हो सकते हैं. इन छालों की वजह से खाने और पीने में द‍िक्कत होती है. यह कुछ भी खाने-पीने पर तेज जलन का अहसास करा सकते हैं. जीभ या होंठ पर होने की स्थि‍ति में यह बोलने के दौरान भी दर्द का अहसास करा सकते हैं.


क्यों होते हैं मुंह में छाले (Common causes of this symptom)
मुंह में छाले होने के पीछे कई वजह हो सकती हैं. जैसे
- पेट में गर्मी
- डिहाइड्रेशन
- विटामिन बी और सी की कमी
- तनाव
- मसालेदार और तला मसालेदार भोजन
- मुंह की सफाई की खराब देखभाल.


मुंह के छालों के लिए घरेलू नुस्खे और उपाय (Home Remedies for Mouth Ulcers)


1. शहद से दूर करें मुंह के छाले
शहद मुंह के छालों से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह के छालों को दूर कर दर्द में राहत दिला सकते हैं.
कैसे काम करता है शहद: शहद, त्वचा को हाइड्रेट रखता है और छाले वाले भाग को सूखने से बचाता है.
कैसे करें इस्तेमाल: कच्चा शहद लेकर छालों पर सीधा लगाएं. आप चाहें तो इसमें हल्दी में डाल सकते हैं. दिन में 2-3 बार ऐसा करें.


2. मुंह के छालों से नि‍जाद दिलाएगा एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर मुंह के छालों के इलाज में एक रामबाण घरेलू उपचार माना जाता है. एक कप एप्पल साइडर विनेगर में आधा कप पानी मिलाएं. इससे गरारे करें. राहत मिलेगी.


3. लहसुन करेगा दर्द को दूर
मुंह के छालों से लड़ने में लहसुन फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए लहसुन की कली को छील कर उसे छालों पर हल्के हाथ से रगड़ें. इसे 20-25 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर कुल्ला कर लें.


4. मुंह के छालों में आराम पहुंचाएगा नारियल तेल
नारियल तेल सूजन को कम करने में मदद करेगा. नारियल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक दर्द से राहत दिला सकते हैं. आपको करना यह होगा कि नारियल तेल को छालों पर लगाना होगा. मुंह के छालों से जल्दी राहत पाने के लिए दिन में 3-4 बार इसे दोहराएं. आराम मिलेगा.

 

डायबिटीज के मरीज को कॉफी पीनी चाहिए या नहीं? जानिए फायदे और नुकसान

डायबिटीज के मरीज को कॉफी पीनी चाहिए या नहीं? जानिए फायदे और नुकसान

डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने-पीने का बहुत ध्यान रखने की जरूरत है. ऐसे लोगों को अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखना पड़ता है. यही वजह है कि डायबिटीज के रोगियों को खाने-पीने को लेकर कई बार सोचना पड़ता है. बिना सोचे-समझे ऐसे लोग कुछ भी नहीं खा सकते हैं. कई लोग चाय या कॉफी के इतने शौकीन होते हैं कि उनके दिन की शुरुआत ही इन चीजों के साथ होती है. ऐसे में कई लोग ये जानना चाहते हैं कि डायबिटीज में कॉफी पी सकते हैं या नहीं? आइए जानते हैं.


कॉफी के कुछ फायदे- एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज में कई के शरीर पर कॉफी पॉजिटिव और कुछ लोगों की सेहत पर नेगेटिव असर डालती है. कई रिसर्च में पता चला है कि कॉफी पीने से डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है. कॉफी में काफी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं. जिससे शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है. हालांकि आपको सीमित मात्रा में ही कॉफी का सेवन करना चाहिए. अगर आप नेचुरल तरीके से शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आपको मॉडरेट लेवल में ही कॉफी पीनी चाहिए. कई रिसर्च में ये भी कहा गया है कि कैफीन से इंसुलिन सेंसिटिविटी अच्छी होती है.

 

कॉफी पीने से क्या नुकसान हो सकता है


1 हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कॉफी में मौजूद कैफीन इंसुलिन के प्रोडक्शन को कम कर देती है.

 

2 इससे 2 डायबिटीज टाइप 1 और 2 का जोखिम बढ़ जाता है.


3 जिन लोगों का ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता है उन्हें कॉफी पीने से बचना चाहिए.


4 ज्यादा कॉफी पीने से डायबिटीज के मरीजों को हाई बीपी की समस्या हो सकती है.


5 खाली पेट कॉफी पीने से 5 ब्लड शुगर के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.


6 खाली पेट कॉफी पीने से हार्ट प्रोबलम होने का खतरा भी रहता है.


7 अगर आप कॉफी पीना चाहते हैं तो नाश्ते के बाद पी सकते हैं इससे नुकसान कम होगा.


8 डायबिटीज के मरीजों को सीमित मात्रा में ही कॉफी का सेवन करना चाहिए.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की Just36News पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

भारत के कुल कोविड-19 टीकाकरण ने इतने करोड़ का आंकड़ा पार किया

भारत के कुल कोविड-19 टीकाकरण ने इतने करोड़ का आंकड़ा पार किया

भारत में कोविड-19 टीकाकरण का आंकड़ा कल 47.22 करोड़ के अहम स्तर को पार कर गया है। आज सुबह 8 बजे तक की अनंतिम रिपोर्ट के मुताबिक 55,99,690 सत्रों के माध्यम से टीकों की कुल 47,22,23,639 डोज लगा दी गई हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान टीकों की 17,06,598 डोज लगाई गई हैं। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। केन्द्र सरकार देश भर में कोविड-19 टीकाकरण की गति और उसका दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। महामारी की शुरुआत से अभी तक संक्रमित लोगों में 3,08,57,467 लोग पहले ही कोविड-19 से उबर चुके हैं और पिछले 24 घंटों के दौरान 36,946 ठीक हो गए। इस प्रकार ठीक होने की दर 97.35.प्रतिशत के स्तर पर है। पिछले 24 घंटों के दौरान भारत में दैनिक नए मामले 40,134 सामने आए। लगातार 36 दिनों से दैनिक नए मामले 50,000 के स्तर से नीचे बने हुए हैं। यह केन्द्र और राज्यों/ यूटी द्वारा किए गए निरंतर और सहयोगपूर्ण प्रयासों का परिणाम है। भारत के सक्रिय मामले 4,13,718 के स्तर पर बने हुए हैं और अब देश के कुल पॉजिटिव मामलों में सक्रिय मामलों की हिस्सेदारी 1.31 प्रतिशत है। देश भर में परीक्षण क्षमता में खासी बढ़ोतरी के साथ, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कुल 14,28,984 परीक्षण कराए गए। भारत में अभी तक कुल 46.96 करोड़(46,96,45,494)) परीक्षण हो चुके हैं। जहां एक तरफ देश में परीक्षण क्षमता में बढ़ोतरी हुई है, वहीं, वर्तमान में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 2.37 प्रतिशत के स्तर पर है, जबकि आज दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.81 प्रतिशत रही। लगातार 56 दिनों से दैनिक पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम बनी हुई है।

2 अगस्त : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

2 अगस्त : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 47.22 करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,08,57,467 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.35 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 36,946 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 40,134 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,13,718 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.31% हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.37% है।

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.81%, लगातार 5 % से कम बना हुआ है।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 46.96 करोड़ नमूनों की जांच की गई है।

 सावधान: इसी महीने आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, अक्टूबर में हालात होंगे ज्यादा खराब

सावधान: इसी महीने आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, अक्टूबर में हालात होंगे ज्यादा खराब

नई दिल्ली। भारत में कोरोना की तीसरी लहर इस महीने से दस्तक दे सकती है। विशेषज्ञों ने कहा है कि अगस्त के महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है, जिसमें रोजाना एक लाख कोरोना के मामले सामने आएंगे। इस वक्त देश में हर दिन 40 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं 550 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है, जबकि रविवार को 39 हजार लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगस्त के महीने में शुरू होने वाली तीसरी लहर अक्तूबर में अपने चरम पर जा सकती है। दूसरी लहर में कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए केंद्र ने राज्यों से ऑक्सीजन, दवा समेत अन्य जरूरी सामानों को पहले ही उपलब्ध रखने का निर्देश दिया है। 

हालांकि, कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर के मुकाबले ज्यादा खतरनाक नहीं होगी, विशेषज्ञों ने बताया कि दूसरी लहर में देश में हर रोज 4 लाख नए मामले देखने को मिले थे, लेकिन अब डरावनी तस्वीर नहीं दिखेगी। कोरोना की स्थित के बारे में अनुमान लगाने वाले विशेषज्ञों का आकलन एक गणितीय मॉडल पर आधारित था। मई में आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि भारत के कोरोना वायरस का प्रकोप आने वाले दिनों में गणितीय मॉडल के आधार पर चरम पर हो सकता है।

केरल और महाराष्ट्र में बढ़ रहे मामले
हैदराबाद और कानपुर आईआईटी के प्रोफेसरों के नेतृत्व में शोधकर्ताओं का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट में बताया गया कि कोविड -19 मामलों में हो रही बढ़ोतरी कोरोनो वायरस महामारी की तीसरी लहर को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि यह अक्तूबर में अपने पीक पर पहुंच सकती है। विशेषज्ञों ने कहा कि केरल और महाराष्ट्र में जिस तरह कोरोना के मामले सामने आ रहे हंा इससे स्थिति खराब हो सकती है। बता दें कि केरल में कोरोना के मामले रोजना 20 हजार से ज्यादा आ रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में करीब 7 हजार मामले सामने आ रहे हैं। दोनों राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

10 राज्यों में बढ़ रहा कोरोना
मंत्रालय के मुताबिक पिछले एक दिन में पांच राज्यों से 80.36 फीसदी नए कोरोना केस सामने आए हैं जिसमें अकेले केरल से 49.3 फीसदी केस हैं। वहीं मौत को लेकर बात करें तो सर्वाधिक महाराष्ट्र में 225 मरीजों ने बीते शनिवार को दम तोड़ दिया। केरल में 80 मरीजों की जान गई। फिलहाल जिन 10 राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उनमें केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं।
 
वजन घटाना है तो डाइट में शामिल करें ये 5 ड्राई फ्रूट्स, मिलेंगे कई फायदे

वजन घटाना है तो डाइट में शामिल करें ये 5 ड्राई फ्रूट्स, मिलेंगे कई फायदे

Dry Fruits for Weight Loss: आजकल लोग बढ़ते मोटापे से सबसे ज्यादा परेशान हैं. हालांकि लोग अब अपनी फिटनेस को लेकर काफी अलर्ट हो गए हैं. डाइट में हेल्दी फूड, वॉक, योग और एक्सरसाइज से अपने वजन को कंट्रोल रखते हैं. जो लोग मोटापे के शिकार हो जाते हैं उनके शरीर में कई तरह की बीमारियां भी पनपने लगती हैं. खासतौर से कोरोना काल में खुद को स्वस्थ रखना किसी चुनौती से कम नहीं है.


कई लोग क्रेश डाइटिंग करके वजन कम करना चाहते हैं जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में आप भूखे रहने की बजाय कुछ हेल्दी चीजें अपनी डाइट में शामिल करें. ड्राई फ्रूट्स में भरपूर पोषक तत्व होते हैं, जिससे भूख कंट्रोल हो जाती है और वजन भी कम होने लगता है. आज हम आपको ऐसे 5 नट्स बता रहे हैं जो वजन घटाने में आपकी मदद करेंगे.


वजन घटाने के लिए नट्स और ड्राई फ्रूट्स


1- बादाम- वजन कम करने में बादाम सबसे ज्यादा मदद करते हैं. बादाम खाने से क्रेविंग दूर होती है. मुट्ठी भर बादाम खाने से आपकी भूख भी शांत होती है. बादाम काफी लो कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. बादाम बेली फैट और ओवरॉल बॉडी मास इंडेक्स को कम करने में मदद करता है. बादाम में मोनो-अनसेचुरेटेड फैट और भरपूर फाइबर होता है. इसे खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है.

 

2- अखरोट- वजन घटाने में अखरोट भी मदद करता है. अखरोट में प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन काफी मात्रा में पाए जाते हैं. अगर आप भूख लगने पर अखरोट खाते हैं तो इससे आपका पेट काफी देर तक भरा रहेगा. अखरोट में ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो दिमाग में मौजूद केमिकल सेरेटोनिन लेवल को बढ़ाते हैं. इससे भूख का एहसास कम हो जाता है. रोज एक-एक मुट्ठी भीगे हुए अखरोट खाने से आपको वजन घटाने में मदद मिलेगी.


3- किशमिश- भूख लगने पर आप किशमिश भी खा सकते हैं. किशमिश में कैलोरीज बहुत कम होती हैं. इसे खाने से जल्दी खाने की इच्छा नहीं होती. किशमिश में भूख मिटाने वाले गुण होते हैं. ये शरीर में फैट सेल्स को कम करते हैं, साथ ही बेली फैट को घटाने में मदद करते हैं.


4- काजू- वजन कम करने के लिए आप काजू भी खा सकते हैं हालांकि काजू खाते वक्त आपको सीमित मात्रा में ही खाने चाहिए. काजू में काफी मात्रा में मैग्नीशियम होता है जिससे मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है. साथ ही काजू में प्रोटीन भी होता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है.


5- मूंगफली- मूंगफली खाने से शरीर में कैलोरीज बर्न होती हैं. मूंगफली में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होता है, जिससे शरीर में सूजन कम होती है. मूंगफली खाने से शरीर को ताकत मिलती है और वजन घटाने में भी मदद मिलती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की Just36News पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर पहुंची 0.26 प्रतिशत पर

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर पहुंची 0.26 प्रतिशत पर

रायपुर: कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए राज्य शासन के किए गए प्रभावी उपायों से संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है। प्रदेश में 30 जुलाई को संक्रमण की दर घटकर 0.29 प्रतिशत पर पहुंचने के बाद 31 जुलाई को इसमें और गिरावट आई है। 31 जुलाई की स्थिति में संक्रमण की दर 0.26 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्रदेश के तीन जिलों में कोविड-19 का कोई नया मरीज नहीं मिला है। इनमें बेमेतरा, कबीरधाम और गरियाबंद शामिल हैं। इस दिन प्रदेश में कोविड-19 से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।

प्रदेश भर में 30 जुलाई को 42 हजार 714 सैंपलों की जांच में 125 और 31 जुलाई को 38 हजार 644 सैंपलों की जांच में 102 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने और रोज कम संख्या में नए मरीज मिलने के कारण कोविड-19 के सक्रिय मामले भी तेजी से घट रहे हैं। राज्य में अभी सक्रिय मरीजों की संख्या 1863 है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए अब तक एक करोड़ 13 लाख 94 हजार 233 सैंपलों की जांच की गई है। कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर अब तक प्रति दस लाख की आबादी में औसत कोरोना जांच और रोजाना प्रति दस लाख की आबादी में कोरोना जांच में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से आगे है। प्रदेश में प्रतिदिन प्रति दस लाख की जनसंख्या में 1487 सैंपलों की जांच की जा रही है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 1306 है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की शुरूआत के बाद से अब तक प्रति दस लाख की आबादी में तीन लाख 95 हजार 335 सैंपलों की जांच की गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत तीन लाख 42 हजार 961 है।

मोटापे से छुटकारा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है, रोज सुबह उठ कर करें यह काम

मोटापे से छुटकारा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है, रोज सुबह उठ कर करें यह काम

बढ़ते वजन से आजकल हर कोई परेशान है. वजन बढ़ने से न सिर्फ आपका फिगर खराब होता बल्कि आपके शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा होने लगती हैं. ऐसे में जो लोग पतला होने की चाहत रखते हैं और रोज रोज सुबह ये सोचते हैं कि ऐसा क्या किया जाए जिससे वजन कम हो जाए. बता दें कि वजन कम करने के लिए आपको सबसे पहले इस बात को अपने दिमाग में बिठाना जरूरी है कि जिस तरह से धीर-धीरे सालों में आपका वजन बढ़ा है उसी तरह धीरे-धीरे सालों में ही आपका वजन कम होगा. वजन घटाने का ये सबसे हेल्दी तरीका है. आज सोचें कि एक-दो महीने में आप बिल्कुल पतले हो जाएं तो थोड़ा मुश्किल है.


मोटापे से छुटकारा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. इसके लिए आपको डाइट और एक्सरसाइज के साथ हेल्दी रुटीन को भी फॉलो करना होगा. एक्सपर्ट्स की मानें तो डाइट और फिजिकल फिटनेस के अलावा आपकी डेली हेबिट्स भी वजन को प्रभावित करती हैं. आज हम आपको वजन घटाने में मददगार ऐसी मॉर्निंग टिप्स दे रहे हैं जो आपकी Weight Loss जर्नी को बेहद आसान बना देंगी.


1- गर्म पानी पीएं- वजन और फिट रहने के लिए हमेसा सुबह उठकर गर्म पानी पीने की आदत बना लें. सुबह गर्म पानी पीने से पेट साफ रहता है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है. आयुर्वेद में भी ये बात कही गई है कि सुबह 2 कप गुनगुना पानी पीने से आपका शरीर पूरे दिन ऊर्जावान रहता है. गर्मियों में भी सुबह की शुरुआत गुनगुना पानी से ही करनी चाहिए. आप चाहें तो गुनगुने पानी में नींबू या शहद मिलाकर भी पी सकते हैं. इससे वजन घटाने में मदद मिलेगी और स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा.


2- एक्सरसाइज करके पसीना बहाएं- मोटापा कम करने के लिए आपको सुबह वर्क आउट जरूर करना चाहिए. सुबह एक्सरसाइज करने से जमा फैट कम होता है और आप जल्दी पतले होते हैं. इसलिए आपको अपनी मॉर्निंग हैबिट में एक्सरसाइज या योग को जरूर शामिल करना चाहिए. इससे वजन घटाने में मदद मिलती है. सुबह व्यायाम करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने और बीमारियों से दूर करने में मदद मिलती है.

 

3- हेल्दी नाश्ता करें- दिन की शुरुआत आपको हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ करनी चाहिए. नाश्ता ऐसा होना चाहिए, जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्वों शामिल हों. आपकी नाश्ते की थाली में प्रोटीन और फाइबर सही मात्रा में शामिल हों. हाई प्रोटीन और फाइबर वाला खाना खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है. इससे वजन घटाने में मदद मिलती है. आप नाश्ते में अंडे, दूध, ड्राईफ्रूट्स, स्प्राउट्स, ब्राउन ब्रेड, शेक, स्मूदीज शामिल कर सकते हैं. इससे मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है और कैलोरीज बर्न करने में भी मदद मिलेगी.


4- खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है- सुबह का खाया-पीया पूरे दिन आपकी सेहत पर असर डालता है ठीक वैसे ही आपको पूरे दिन खुद को हाइड्रेटेड रखना भी जरूरी है. एक्सपर्ट्स की मुताबिक अगर आपकी बॉडी हाइड्रेटेड है तो आपका वजन भी कंट्रोल रहेगा. पानी पीने से ज्यादा कैलोरीज लेने से आप बचते हैं. जिससे आप धीर-धीरे पतले होने लगते हैं. इसके लिए पानी की बोलत हमेशा अपना पास रखें. जब भी घर से बाहर निकलें तो 2 गिलास पानी पीकर निकलें. सुबह ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें.

 

31 जुलाई :   कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

31 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 48.78 करोड़ से अधिक खुराक (48,78,63,410) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 68,57,590 खुराक प्रक्रियारत हैं। 
आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें बर्बाद सहित कुल 45,82,60,052 खुराक की खपत हुई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 3.14 करोड़ से अधिक (3,14,57,081) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

31 जुलाई :  कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

31 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 46.15 करोड़ डोज लगाई गई हैं

 

अब तक पूरे देश में कुल 3,07,81,263 मरीज स्वस्थ हुये।

 

रिकवरी दर वर्तमान में 97.37 प्रतिशत है।

 

पिछले 24 घंटों के दौरान 37,291 मरीज ठीक हुए।

 

भारत में पिछले 24 घंटों में 41,649 मामले सामने आए हैं।

 

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,08,920 हैं।

 

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.29% हैं।

 

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.42% है।

 

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.34%, लगातार 5% से कम बनी हुई है।

 

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई-कुल 46.64 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

कोविड के बीच नई आफत, इस नए वायरस के शिकार हो रहे बच्चे

कोविड के बीच नई आफत, इस नए वायरस के शिकार हो रहे बच्चे

कोरोना महामारी के बीच एक नई आफत आ गई है. इन दिनों एक ऐसे वायरस का खतरा बढ़ गया है जिससे बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. ब्रिटेन के अस्पतालों में गंभीर श्वसन संक्रमण से पीड़ित बच्चों के मामले बढ़ रहे हैं. इसमें रेस्पिरेटरी सिनसिटियल वायरस यानी Respiratory Syncytial Virus (आरएसवी) नाम के संक्रमण में बेमौसम वृद्धि शामिल है और यह वायरस दो माह के बच्चों में भी देखा गया. इससे श्वास की नली में सूजन (ब्रोंकियोलाइटिस) जैसे रोगों के लिए अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है जो फेफड़ों की सूजन यानी ब्रोंकाइटिस के जैसा है.
आमतौर पर सर्दी की बीमारी माने वाले वाला आरएसवी 2021 की गर्मी में क्यों बढ़ रहा है? कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगायी पाबंदियों ने दूसरे श्वसन संबंधी वायरसों को भी रोक दिया. कई देशों में इन पाबंदियों को हटाने के कारण कई श्वसन रोग फिर से फैल रहे हैं.
आरएसवी एक आम श्वसन रोगाणु है और हम में से लगभग सभी दो साल की उम्र तक इससे संक्रमित होते हैं. ज्यादातर लोगों में इस बीमारी के हल्के लक्षण – जुकाम, नाक बहना और खांसी – होते हैं. ये लक्षण आमतौर पर एक या दो हफ्ते में बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं.
तकरीबन तीन में से एक बच्चे को आरएसवी के कारण ब्रोंकियोलाइटिस हो सकता है. इससे श्वास की नली में सूजन आ जाती है और मरीजों का तापमान बढ़ जाता है तथा उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है. कभी-कभी यह बहुत गंभीर बीमारी बन जाती है. अगर किसी युवा व्यक्ति को सांस लेने में बहुत दिक्कत होने लगती है तो यह लक्षण गंभीर हो सकते हैं जिससे तापमान 38 सेल्सियस के पार जा सकता है, होंठ नीले पड़ सकते है तथा सांस लेना बहुत मुश्किल हो सकता है.
बच्चों में इस बीमारी के कारण वह कुछ खाने से इनकार कर सकते हैं तथा उन्हें लंबे वक्त तक पेशाब नहीं आती. एक माह के बच्चों की श्वास नली बहुत छोटी होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है.
ज्यादातर मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन कई बार ब्रोंकियोलाइटिस जानलेवा हो जाता है. हर साल तकरीबन 35 लाख बच्चे अस्पताल में भर्ती होते हैं और इनमें से करीब पांच प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती है.
ऐसा लगता है कि कोविड-19 के कारण हाथ धोने, मास्क पहनने और लोगों के बीच आपसी संपर्क कम होने से 2020-21 की सर्दी में बहुत कम लोगों को फ्लू हुआ. आरएसवी के मामले में भी यह सही है. अध्ययनों के मुताबिक, पिछले वर्षों के मुकाबले उत्तरी गोलार्द्ध वाले देशों में ब्रोंकियोलाइटिस के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 83 प्रतिशत कम रही. अब इसके बिल्कुल विपरीत हो रहा है.
हम यह नहीं जानते कि क्यों आरएसवी से संक्रमित कुछ बच्चों में हल्के लक्षण होते हैं तथा अन्य गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं. आरएसवी के गंभीर लक्षणों के संबंध में कई कारकों की पहचान की गयी है जिसमें उम्र (एक माह के शिशु को सबसे अधिक खतरा), लिंग (महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को ज्यादा खतरा), पर्यावरणीय परिस्थितियां जैसे धुएं के संपर्क में आना, फेफड़ों की बीमारी होना तथा कुछ जीन संबंधी तत्व शामिल हैं.
सभी संक्रमणों की तरह इस बीमारी से निपटने में भी एक मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता होनी महत्वपूर्ण है. हम जानते हैं कि ‘न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज’ गंभीर बीमारी से बचाती हैं. हालांकि, आरएसवी से रोग प्रतिरोधक शक्ति लंबे समय तक नहीं रहती इसलिए हमारे में से ज्यादातर लोग अपने जीवन में फिर से संक्रमित हो जाते हैं. यही वजह है कि कई प्रयासों के बावजूद अभी कोई टीका उपलब्ध नहीं है. इसके लिए कुछ टीके विकसित किए जा रहे हैं. कई टीकों का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है जिससे यह उम्मीद मिलती है कि हम अपने बच्चों को आरएसवी से पैदा होने वाले ब्रोंकियोलाइटिस से बचा सकते हैं.
(इनपुट-भाषा)

 

30 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

30 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 48.03 करोड़ से अधिक खुराक (48,03,97,080) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 71,16,720 खुराक प्रक्रियारत हैं। 
आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें बर्बाद सहित कुल 45,27,93,441 खुराक की खपत हुई है।

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 2.92 करोड़ से अधिक (2,92,65,015) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

30 जुलाई : आइए एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 की ताज़ा जानकारी पर

30 जुलाई : आइए एक नज़र डालते हैं आज के कोविड-19 की ताज़ा जानकारी पर

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 45.60 करोड़ डोज लगाई गई हैं

अब तक पूरे देश में कुल 3,07,43,972 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.38 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 42,360 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 44,230 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,05,155 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.28% हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.43 % है।

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.44 %, लगातार 5 % से कम बनी हुई है।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई-कुल 46.46 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

कोविड-19 मामलों में आई तेजी को देखते हुये केंद्र एक उच्चस्तरीय दल इस राज्य के लिए रवाना

कोविड-19 मामलों में आई तेजी को देखते हुये केंद्र एक उच्चस्तरीय दल इस राज्य के लिए रवाना

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने फैसला किया है कि विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल तुरंत केरल रवाना किया जायेगा। यह दल केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करेगा, ताकि वहां कोविड-19 से कारगर तरीके से निपटा जा सके। उल्लेखनीय है कि केरल में कोविड मामले रोज तेजी से बढ़ रहे हैं। केरल रवाना होने वाले केंद्रीय दल में छह सदस्यों को रखा गया है। इनका नेतृत्व राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एसके सिंह कर रहे हैं। दल 30 जुलाई, 2021 को केरल पहुंचेगा और कुछ जिलों का दौरा करेगा। यह दल राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगा, वास्‍तिवक स्थिति का जायजा लेगा और राज्य में कोविड के तेजी से बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिये जन-स्वास्थ्य सम्बंधी जरूरी सुझाव देगा। केरल में कोविड के सक्रिय मामले 1.54 लाख हैं, जो देश के कुल सक्रिय मामलों का 31.7 प्रतिशत हैं। पिछले सात दिनों में मामले 1.41 प्रतिशत की दर से बढ़े हैं। राज्य में रोज औसतन 17,443 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में पॉजिटिविटी दर भी बढ़कर 12.93 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है और साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 11.97 प्रतिशत है। वहां ऐसे छह जिले हैं, जिनकी साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से ऊपर है। 

29 जुलाई :  कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

29 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण अपडेट

केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार तेज करने और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 टीके की व्यापक उपलब्धता से जुड़ा नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू हुआ है। टीकाकरण अभियान के जरिये ज्यादा टीकों की उपलब्धता के साथ, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण उपलब्धता की अग्रिम जानकारी देकर तेज किया गया है ताकि टीकों को लेकर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बेहतर योजना बना सकें और टीकों की आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित की जा सके।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। सबको टीका उपलब्ध कराने से जुड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीके खरीदेगी और उनकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को (नि:शुल्क) आपूर्ति करेगी। भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 47.48 करोड़ से अधिक खुराक (47,48,77,490) सभी स्रोतों के माध्यम से प्रदान की है। इसके अलावा टीके की 53,05,260 खुराक प्रक्रियारत हैं। 
आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इनमें बर्बाद सहित कुल 44,74,97,240 खुराक की खपत हुई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अब भी टीके की 2.88 करोड़ से अधिक (2,88,55,050) खुराक उपलब्ध हैं जो बची हुई हैं, जिनका अभी इस्तेमाल किया जाना है।

29 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

29 जुलाई : कोविड-19 पर ताज़ा जानकारी

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 45.07 करोड़ डोज लगाई गई हैं।

अब तक पूरे देश में कुल 3,07,01,612 मरीज स्वस्थ हुये।

रिकवरी दर बढ़कर 97.38 प्रतिशत हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान 38,465 मरीज ठीक हुए।

भारत में पिछले 24 घंटों में 43,509 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय मामले वर्तमान में 4,03,840 हैं।

सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.28% हैं।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.38% है।

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.52%, लगातार 5 % से कम बना हुआ है।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई - कुल 46.26 करोड़ नमूनों की जांच की गई है। 

जानें वायरल फीवर के लक्षण, हो जाए तो ना घबराएं, अपनाएं ये घरेलू उपाय

जानें वायरल फीवर के लक्षण, हो जाए तो ना घबराएं, अपनाएं ये घरेलू उपाय

मॉनसून यानी बारिश के महीने में बुखार होना आम बात हो जाती है. इस मौसम में सबसे ज्यादा वायरल फीवर की चपेट में लोग आते हैं. लेकिन वायरल फीवर से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं, बस कुछ सावधानियों से आप इससे बच सकते हैं.
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि डॉक्टर्स के अनुसार, वायरल बुखार के क्या लक्षण हो सकते हैं.
Viral Fever Symptoms
1. गले में दर्द
2. सिर दर्द
3. जोड़ों में दर्द
4. सिर का तेज गर्म होना
5. अचानक से तेज बुखार जो समय-समय पर आता जाता रहे
6. खांसी
7. आंखों का लाल होना
8. उल्टी या मतली
9. बेहद थकान
10. दस्त
अगर आपको ये लक्षण दिखे तो सबसे पहले बीमार व्यक्ति को अलग कमरे में कर दें. इसकी वजह ये है कि यह बुखार एक से दूसरे को होने का खतरा होता है. तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें. दवाओं का सेवन शुरू करें.
इस बीच आप इन घरेलू नुस्खों को भी अपना सकते हैं, जिन्हें लोग सालों से अपनाते आए हैं.
काम के देसी नुस्खे
1. ये तो सभी जानते हैं कि तुलसी बेहद फायदेमंद होती है. इसलिए तुलसी का काढ़ा दें. तुलसी की चाय बनाकर दे सकते हैं. तुलसी ड्राप भी गुनगुने पानी संग फायदेमंद है.
2. मौसमी फलों का जरूर सेवन करें.
3. बुखार होने पर तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें. जिससे शरीर में पानी की कमी न हो. साथ ही पाचन आराम से हो जाए.
4. रोग प्रतिरोधक बढ़ाने के लिए गिलोय का सेवन जरूर करें.
5. अदरक की चाय पीएं. इससे खांसी-जुकाम में भी राहत मिलती है.
(डिस्केलमर: लेख में दी गई सलाह केवल सामान्य जानकारी है. ये एक्सपर्ट की राय नहीं है.)

 

28 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण की ताज़ा जानकारी

28 जुलाई : कोविड-19 टीकाकरण की ताज़ा जानकारी

केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और टीके लगाने की गति को तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। कोविड-19 के टीकों की सर्व-उपलब्धता का नया दौर 21 जून, 2021 से शुरू किया गया है। टीकाकरण अभियान को अधिक से अधिक वैक्सीन की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की गई, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके।
देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निशुल्क कोविड वैक्सीन प्रदान करके उन्हें समर्थन दे रही है। टीकों की सर्व-उपलब्धता के नये चरण में, केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर उन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निशुल्क प्रदान करेगी। केंद्र सरकार द्वारा सभी प्रकार के स्रोतों से अब तक वैक्सीन की 46.23 करोड़ से अधिक (46,23,27,530) खुराकें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की गई हैं। इसके अलावा 1,20,70,820 खुराकें भेजे जाने की तैयारी है। 
आज आठ बजे सुबह तक उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से उपरोक्त खुराकों में से खराब हो जाने वाली खुराकों को मिलाकर कुल 44,29,95,780 खुराकों की खपत हो चुकी है। अभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा निजी अस्पतालों के पास कोविड-19 टीके की 2.18 करोड़ से अधिक (2,18,10,422) अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल की हुई खुराकें बची हैं, जिन्हें लगाया जाना है।