CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |    छत्तीसगढ़ में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना,कल फिर 8 नए मरीजों की पुष्टि...एक्टिव मरीजों की संख्या हुई 71    |
मुख्यमंत्री बघेल आज अंबिकापुर में सर्व यादव समाज के स्वाभिमान सम्मेलन में होंगे शामिल

मुख्यमंत्री बघेल आज अंबिकापुर में सर्व यादव समाज के स्वाभिमान सम्मेलन में होंगे शामिल

 रायपुर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज गुरूवार को सरगुजा दौरे पर रहेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री दोपहर 12.40 बजे राजधानी रायपुर के पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 1.55 बजे अंबिकापुर के पी.जी. कॉलेज ग्राउण्ड हेलीपेड पहुंचेंगे।

मुख्यमंत्री बघेल दोपहर 2.25 बजे अंबिकापुर में ट्रांजिट हॉस्टल भवन का लोकार्पण करेंगे और दोपहर 2.40 बजे कलाकेंद्र मैदान, अंबिकापुर में आयोजित सरगुजा संभाग के सर्व यादव समाज के स्वाभिमान सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके पश्चात् वे दोपहर 3.45 बजे अंबिकापुर से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर शाम 5 बजे पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड, रायपुर लौट आएंगे।

सीएम बघेल आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 4 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान करेंगे…

सीएम बघेल आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 4 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान करेंगे…

 रायपुर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 4 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 1.30 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 59 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1 करोड़ 6 लाख रूपए और महिला समूहों को 75 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।

गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान बराबर की भागीदारी निभाने लगे हैं। बीते कई महीनों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक की रहने लगी है। आज की स्थिति में 50 फीसद से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान के अन्य व्यवस्थाएं कर रहे हैं। 1अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में कुल 1.30 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है। जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 2.59 करोड़ रूपए की राशि में से 1.24 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 1.67 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा। स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 49.21 करोड़ रूपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।

राज्य में हितग्राहियों को लगभग 435 करोड़ 33 लाख रूपए का भुगतान

गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को लगभग 435 करोड़ 33 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 अप्रैल को 4.40 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 439 करोड़ 73 लाख रूपए हो जाएगा। यह यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 15 अप्रैल 2023 तक गौठानों में 112.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से 31 मार्च तक क्रय किए गए गोबर के एवज में 222 करोड़ 9 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 अप्रैल को गोबर विक्रेताओं को 2.59 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 224 करोड़ 68 लाख रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 190 करोड़ 84 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

भरोसे का सम्मेलन : भूपेश-प्रियंका ने हितग्राहियों को वितरित की सामग्री

भरोसे का सम्मेलन : भूपेश-प्रियंका ने हितग्राहियों को वितरित की सामग्री

 रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल ने 13 अप्रैल को अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान अलग-अलग योजनाओं का लाभ ले रहे हितग्राहियों को सामग्री वितरित की। मुख्यमंत्री ने विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में  जिला पंचायत जगदलपुर द्वारा संचालित रीपा सेंटर की 10 महिला समूहों को पेपर कप चाय, पापड़, चिप्स, मुर्रा-लाई बनाने के मशीन का वितरण किया।

मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत एनआरएलएम की 21 महिला समूहों को बैंक लिंकेज चेक का वितरण किया। जिला अंताव्यवसायी सहकारी विकास समीति के तहत संचालित द्वारा संचालित अजजा महिला सशक्तिकरण योजना के तहत तोकापाल विकासखंड के ग्राम बेड़ागुड़ापारा की सहादई को बुक स्टोर की दूसरी किस्त प्रदान की।

महिला एवं बाल विकास विभाग के ऋण योजना के अंतर्गत लघु व्यवसाय हेतु 5 महिला स्व सहायता समूहों को चेक प्रदान किया। कृषि विभाग द्वारा संचालित कृषि यांत्रिकीकरण योजना, कृषि समृद्धि योजना के अंतर्गत नलकूप खनन और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभार्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा चेक प्रदान किय गया।

उद्यानिकी विभाग के द्वारा संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन बीज के लिए बकावंड, जगदलपुर और दरभा विकासखंड के हितग्राहियों को चेक वितरित किया गया। आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत बकावंड के जिराखाल व धोबीगुड़ा इरिकपाल और बस्तर के बागमोहलई-2 व सोनार पाल (मातागुड़ी) ग्राम पंचायत को सामुदायिक वन अधिकार पट्टा का वितरण किया।

बीएससी नर्सिंग पाठ्क्रम हेतु 10 विद्यार्थियों को 10 लाख 8 हजार रुपए का चेक मुख्यमंत्री द्वारा वितरित किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के जगदलपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले 10 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड का वितरण भी मुख्यमंत्री बघेल व श्रीमती प्रियंका गांधी ने किया।

सीएम बघेल और प्रियंका गांधी ने 129 करोड़ 44 लाख से अधिक राशि के 52 विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन, देखें “भरोसे का सम्मेलन” कार्यक्रम का लाइव वीडियो

सीएम बघेल और प्रियंका गांधी ने 129 करोड़ 44 लाख से अधिक राशि के 52 विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन, देखें “भरोसे का सम्मेलन” कार्यक्रम का लाइव वीडियो

 जगदलपुर। CG LIVE VIDEO : छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जहाँ शामिल होने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रियंका गांधी पहुंचे है।

जहाँ सर्वप्रथम दन्तेश्वरी एयरपोर्ट स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गर्मजोशी के साथ अतिथियों का भव्य स्वागत किया। उसके बाद सीएम बघेल और प्रियंका गांधी जगदलपुर स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर पहुंचकर माता के किए दर्शन। पूजा अर्चना कर देश और प्रदेश के लिए सुख शांति, समृद्धि की कामना की।

फिर लालबाग मैदान के निकट स्थित डॉ.अम्बेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।  तत्पश्चात लालबाग मैदान के निकट स्थित नेहरु स्मृति मंच स्थल में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

 

जिसके बाद प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं योजनाओं की सराहना की। उन्होंने “मनवा नवा नार” स्टॉल पर बस्तर में राज्य सरकार के विश्वास, विकास और सुरक्षा की उपलब्धियों को सराहा। उन्होंने ग्राम उद्योग विभाग द्वारा रेशम से बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ली, इस मौके पर एसएचजी की महिलाओं ने श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा को कोसा की साड़ी भेंट की।

 

विशिष्ट अतिथि प्रियंका गांधी ने काजू प्रसंस्करण केंद्र के स्टॉल का निरीक्षण किया।इस दौरान गांधी ने बस्तर के काजू का लिया स्वाद, तारीफ की। आमचो बस्तर स्टॉल में गांधी ने मिट्टी एवं तांबे के बर्तन की ढलाई करते कारीगरों से बात की। श्रीमती गांधी वाड्रा ने मिलेट्स से बने बिस्किट का भी स्वाद लिया।

अबूझमाड़ की महिलाओं ने विशिष्ट अथिति प्रियंका गांधी को बांस शिल्प से बने उत्पाद भेंट किये। प्रियंका गांधी ने यहां बस्तर फाइटर्स की जवानों से भी मुलाकात की और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।

फिर राज्यगीत के साथ मंचीय कार्यक्रम शुरू हुआ, जहाँ मुख्यमंत्री ने गौर मुकुट पहनाकर प्रियंका गांधी का स्वागत किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विशिष्ट अतिथि प्रियंका गाँधी ने किया 129 करोड़ 44 लाख से अधिक राशि के 52 विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन।

देखें कार्यक्रम का लाइव विडिओ 

 CM बघेल आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में ’भरोसे का सम्मेलन’ में होंगे शामिल, ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का करेंगे शुभारंभ

CM बघेल आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में ’भरोसे का सम्मेलन’ में होंगे शामिल, ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का करेंगे शुभारंभ

 रायपुर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित ’भरोसे का सम्मेलन’ में ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ करेंगे। इस योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को अनुदान दिया जाएगा। योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल बस्तर संभाग की 1840 ग्राम पंचायतों को प्रथम किश्त के रूप में 5-5 हजार रूपए की राशि जारी करेंगे।

’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ के तहत अनुसूचित  क्षेत्र के ग्रामों में जनजातियों के उत्सवों, त्यौहारों के मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, हरेली आदि उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष 10,000 रूपए की अनुदान राशि दो किश्तों में जारी की जायेगी।

मुख्यमंत्री  बघेल ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्वों की परम्परा के संरक्षण के लिए ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की घोषणा की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इस योजना के लिए 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति विकासखण्ड) में लागू होगी।

योजना के लिए नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होंगे

मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि का उद्देश्य आदिवासियों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं परम्परा को संरक्षित करना एवं इन त्यौहारों, उत्सवों को मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परम्पराओं का अभिलेखन करना है। योजना की इकाई ग्राम (गांव) होंगे। योजना के लिए नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होंगे।

योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तरीय शासी निकाय एवं अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। निकाय का स्वरूप निम्नानुसार होगा-

ग्राम स्तरीय शासी निकाय में संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच अध्यक्ष होंगे। गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया, बैगा सदस्य होंगे। ग्राम स्तरीय शासी निकाय में ग्राम के दो बुजुर्ग, दो महिला, ग्राम कोटवार, पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव सदस्य होंगे।

जनपद स्तरीय शासी निकाय में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव होंगे। जनपद स्तरीय शासी निकाय में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार सदस्य होंगे। ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। जनपद स्तर पर इस योजना के क्रियान्वयन के निगरानी एवं समन्वय हेतु जनपद स्तरीय शासी निकाय उत्तरदायी होगा।

 

भरोसे का सम्मेलन: सीएम भूपेश बघेल के साथ प्रियंका गांधी भी होंगी शामिल

भरोसे का सम्मेलन: सीएम भूपेश बघेल के साथ प्रियंका गांधी भी होंगी शामिल

 रायपुर । छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में गुरुवार को लालबाग मैदान में भरोसे का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

इसमें शामिल होने बस्तर आ रही प्रिंयका वाड्रा गांधी को राज्य सरकार नक्सलवाद को पछाड़कर बस्तर में हो रहे विकास का प्रेजेंटेशन दिखाएगी। सम्मेलन में विकास प्रदर्शनी लगाई गई है। सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरकार के सभी मंत्री मौजूद रहेंगे।

इस प्रदर्शनी में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बीते चार साल में बस्तर के विकास को तस्वीरों और माडल के माध्यम से दिखाया गया है। संभाग के सातों जिले सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर ने अपने-अपने क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को फोकस किया है। सुकमा, बीजापुर व दंतेवाड़ा जिलों में डेढ़ दशक तक नक्सल भय से बंद रहे लगभग 250 स्कूल अब खुल चुके हैं। इसे माडल और पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। स्कूलों को दोबारा किस तरह प्रारंभ किया, इसकी चरणबद्ध प्रक्रिया बताई गई है।

इसी तरह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अंदरुनी क्षेत्रों तक सुरक्षा बलों के कैंप खोलने, सड़कों, पुलों का जाल बिछाने, बस्तर के हस्तशिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराते हुए अधिकाधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने, मिलेट की खेती को बढ़ावा देने, बस्तर काफी, पपीता, चाय की खेती सहित विभिन्ना क्षेत्रों में मिल रही सफलता को प्रमुखता से बताया गया है। साथ ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी प्रदर्शित की गई है।

प्रियंका को दिखाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई विकास कार्यों की प्रदर्शनी में अधिकारी-कर्मचारी हर सवालों का जवाब देने के लिए उपस्थित रहेंगे। प्रदर्शनी भरोसे का सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण होगी। प्रदर्शनी में एक ऐसा भी स्टाल लगाया गया है, जहां बीते 68 सालों में नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों के बस्तर प्रवास से जुड़ी तस्वीरों का प्रदर्शन किया गया है।

इस साल विधानसभा चुनाव होना है। बीते चार साल में यह अब तक का बस्तर में सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसे कांग्रेस के चुनावी अभियान का शुभारंभ माना जा रहा है। सम्मेलन को भव्य बनाने सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है। एक लाख से अधिक भीड़ आने की संभावना जताई गई है।

CG News : रायपुर में ‘श्री हुनमान जन्मोत्सव’ में शामिल होंगे मुख्यमंत्री बघेल साथ ही जशपुर और अम्बिकापुर में खद्दी परब (सरहुल) समारोह में होंगे शामिल

CG News : रायपुर में ‘श्री हुनमान जन्मोत्सव’ में शामिल होंगे मुख्यमंत्री बघेल साथ ही जशपुर और अम्बिकापुर में खद्दी परब (सरहुल) समारोह में होंगे शामिल

 रायपुर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेलआज जशपुर, सरगुजा और राजधानी रायपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री पूर्वान्ह 11 बजे राजधानी रायपुर के पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड से प्रस्थान कर दोपहर 12.30 बजे जशपुर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 12.35 बजे सरना पूजा स्थल, दीपू बगीचा में आयोजित खद्दी परब धरती पूजा (सरहुल) समारोह में शामिल होंगे। कार्यक्रम के बाद वे वहां से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर दोपहर 2.25 बजे अम्बिकापुर के पी.जी. कॉलेज ग्राउण्ड पहुंचेंगे और वहां सरहुल पूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री अम्बिकापुर से दोपहर 3.50 बजे रायपुर के लिए रवाना होंगे।

श्री हुनमान जन्मोत्सव’ कार्यक्रम में शाम 7.15 बजे शामिल होंगे

मुख्यमंत्री  बघेल राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में आयोजित ‘श्री हुनमान जन्मोत्सव’ कार्यक्रम में शाम 7.15 बजे शामिल होंगे।

BJP को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में नंद कुमार साय ने निभाई अहम भूमिका, जानिए भाजपा में कैसा रहा अब तक का राजनीतिक सफर

BJP को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में नंद कुमार साय ने निभाई अहम भूमिका, जानिए भाजपा में कैसा रहा अब तक का राजनीतिक सफर

 रायपुर: Nand Kumar Sai Political Career छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। दरसल नंद कुमार साय ने कल शाम भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि नंद कुमार जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी भाजपा-कांग्रेस की ओर से अ​भी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है। लेकिन ये कहा जा रहा है कि नंद कुमार दिल्ली से रवाना हो गए हैं और वहां से रायपुर आकर कांग्रेस भवन में सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। आइए जानते हैं नंद कुमार साय का राजनीतिक जीवन कैसा रहा।

Nand Kumar Sai Political Career नंद कुमार साय का रजनीतिक सफर

  • छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय
  • 1977 में पहली बार विधायक बने
  • छत्तीसगढ़ के पहले नेता प्रतिपक्ष रहे
  • 2 बार राज्यसभा सदस्य रहे
  • 3 बार लोकसभा सदस्य रहे
  • 3 बार विधायक रहे हैं
  • छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष रहे चुके हैं
  • अविभाजित मध्यप्रदेश के बीजेपी के अध्यक्ष
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहे
  • छत्तीसगढ़ में बीजेपी संगठन को खड़ा करने में अहम भूमिका

बता दें कि कांग्रेस ने आज आपात बैठक बुलाई है। बैठक में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, सीएम भूपेश बघेल सहित पार्टी के कई दिग्गज बड़े नेता मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि इसी बैठक मं नंद कुमार साय कांग्रेस की सदस्यता लेंगे।

कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो नंदकुमार साय सोमवार सुबह साढ़े दस बजे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचेंगे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता लेंगे। साय के सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित सभी मंत्री और पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे।

महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस के सामने क्या होगी चुनौती?

महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस के सामने क्या होगी चुनौती?

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी  के इस्तीफे को राष्ट्रपति भवन की मंजूरी के बाद झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस  को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. रमेश बैस का झारखंड में बतौर राज्यपाल कार्यकाल भी विवादों में रहा है. हेमंत सोरेन सरकार के साथ आधे दर्जन से ज्यादा बार सरकार के विजन और सरकार के फैसलों पर राज्यपाल सवाल खड़े कर चुके हैं.
हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी ने नेता कई मौके पर राज्यपाल को निशाने पर लेते दिखाई दिए हैं. राज्यपाल रमेश बैस के लिए महाराष्ट्र की नई जिम्मेदारी आसान नहीं रहने वाली है.

विधायकों का मुद्दा रमेश बैस के लिए सिर दर्द साबित हो सकता है?

उद्धव ठाकरे सरकार के वक्त कैबिनेट की मंजूरी से राज्यपाल नियुक्त 12 लोगों के नाम राजभवन भेजे गए थे. लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया. वहीं एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने अस्तित्व में आने के बाद सीएम दफ्तर ने MVA सरकार द्वारा दी लिस्ट को रद्द करने की मांग राज्यपाल से की. हालांकि राजभवन ने सीएम दफ्तर के पत्र पर कोई फैसला नहीं लिया. नए राज्यपाल रमेश बैस के सामने राज्यपाल नियुक्त 12 विधायकों पर निर्णय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगा जो राज्यपाल को बड़ी निष्पक्षता के साथ लेना होगा.  

BIG BREAKING : रितेश मोहरे बने BJYM छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष, BJYM ने जारी किया 57 पदाधिकारियों की सूची, देखें किन्हें मिला कौन सा पद

BIG BREAKING : रितेश मोहरे बने BJYM छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष, BJYM ने जारी किया 57 पदाधिकारियों की सूची, देखें किन्हें मिला कौन सा पद

 

रायपुर | भारतीय जनता युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ ने 2022-23 के लिए प्रदेश पदाधिकारियों की सूचि जारी कर दी है |

देखें सूची

टोकन के लिए किसान हो रहे है परेशान, सरकार की नीयत ठीक नहीं- संदीप शर्मा

टोकन के लिए किसान हो रहे है परेशान, सरकार की नीयत ठीक नहीं- संदीप शर्मा

रायपुर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कोरिया और मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी बैकुंठपुर जिले में टोकन तुंहर द्वार एप नहीं खुलने से किसानों को ऑफ लाइन टोकन के लिए किसानों को चक्कर लगाने मजबूर होने के कारण एक फीसदी किसानों की भी धान खरीदी न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार की मंशा ही नहीं थी कि एक नवंबर से धान खरीदी करे। जबकि सारा व्यय केंद्र सरकार करती है। भाजपा के दबाव में राज्य सरकार ने 1 नवंबर से धान खरीदी का ऐलान तो कर दिया लेकिन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये। जिसकी वजह से किसान परेशान हैं।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि भाजपा अक्टूबर माह से ही लगातार चेताती आ रही है कि एक नवंबर से धान खरीदी की ठोस व्यवस्था की जाए। बारदाने के लिए भी भाजपा हर साल कई माह पहले से कहती रही है लेकिन भूपेश बघेल सरकार की नीयत की खोट सामने आ जाती है। इस बार भी यही स्थिति है। पूरे प्रदेश में किसान परेशान हैं।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि जिन समितियों में 35 हजार किसानों की धान खरीदी होना है, वहां पखवाड़े भर में मात्र 300 किसानों से धान खरीदी साबित कर रहा है कि सरकार की मंशा ठीक नही।
किसान जब टोकन लेने जाते हैं तो कहा जाता है कि ऑनलाइन टोकन ले लें, जब एप से टोकन के लिए किसान प्रयास करते हैं तो एप खुलता ही नही। कुल मिलाकर कांग्रेस की सरकार में किसानों के किस्मत में भटकना ही लिखा है।
किसान नेता संदीप शर्मा ने ऐसी किसान विरोधी सरकार को आगामी चुनाव में उखाड़ फेंकने का आव्हान राज्य के किसानों से की है
 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम  ने बोला भाजपा का विधायक भारत जोड़ो यात्रा रोकने धमकी भरा पत्र भेज रहा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बोला भाजपा का विधायक भारत जोड़ो यात्रा रोकने धमकी भरा पत्र भेज रहा

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को देशभर में अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा। भाजपा भारत जोड़ो यात्रा को मिल रहे जन समर्थन और राहुल गांधी द्वारा उठाये जा रहे मुद्दों से इतना ज्यादा घबरा गयी है कि भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की भी मांग करने लगी है। मध्यप्रदेश भाजपा का विधायक यात्रा रोकने धमकी भरा पत्र भेज रहा। राहुल गांधी के देश जोड़ो अभियान शांति और सद्भाव फैलाने की कोशिशे बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ मुहिम को दबाने के लिये भाजपाई षडयंत्र करना शुरू कर रहे है। भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा की झूठ और नफरत की राजनीति देश के सामने बेनकाब हो रही है। देश भर में भाजपा के नेता भारत जोड़ो यात्रा के बारे में अनर्गल बयानबाजी और अतार्किक सवाल खड़ा करने की कोशिश के बावजूद देश की जनता राहुल गांधी की पदयात्रा को अभूतपूर्व समर्थन दे रही है। भारत जोड़ो यात्रा का काफिला 10 किमी तक लंबा हो जाता है। राहुल गांधी की यात्रा में देश के हर वर्ग के लोग साथ आ रहे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि इस यात्रा को 72 दिन हो गये, रोज वे सैकड़ों लोगों से मिल रहे, छात्रों, गरीबों, महिलाओं वंचित हर वर्ग से मिल रहे उनकी समस्या सुन रहे, सांत्वना दे रहे। मीडिया के साथियों से मिल कर भारत जोड़ो यात्रा में भारत के सामने मौजूद गंभीर विषयों पर देशवासियों के साथ सीधा संवाद किया जा रहा। अभी तक 6 राज्य तमिलनाडु, केरला, आंध्रप्रदेश, कर्नाटका, तेलंगाना, महाराष्ट्र के हजारों लोगो से राहुल गांधी मिल चुके है तथा 150 दिनों में कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किमी. का रास्ता तय करेंगे और देश भर में लाखों लोगों के साथ भारत जोड़ो यात्रा का मकसद भी यही है कि हम बच्चे, बूढ़े, नौजवान, महिलाएं, मजदूर, गरीब, किसान और आदिवासियों सबकी बात सुन सकें, उनकी समस्याओं का समाधान निकाल सकें। हम सफल भी हो रहें हैं, युवा खुल कर हमसे बात कर रहे हैं, साथ चल रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश के वर्तमान हालात में जब क्षेत्र धर्म सांप्रदायिकता के नाम पर देश की सत्ता में बैठे हुये लोग राजनीति कर रहे है वैसे में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा देश के लोगों के सामने एक नई उम्मीद लेकर सामने आई है। जब देश चलाने वाली दल सत्ताधीश और हुक्मरान आम आदमी की जरूरतों शिक्षा, रोजगार को परिदृश्य पीछे धकेल कर धार्मिक आधार पर धु्रवीकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हो तब उस समय कांग्रेस जैसी जन सरोकारी वाली पार्टी का यह नैतिक और राजनैतिक कर्तव्य हो जाता है कि वह देश को बचाने देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिये भारत जोड़ो जैसा महाअभियान चलाये भारत जोड़ो यात्रा का यही उद्देश्य है।
 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने मोदी पर कसा तंज कहा “रूपया के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट पर बोलती क्यों हो गयी है बंद?”

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने मोदी पर कसा तंज कहा “रूपया के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट पर बोलती क्यों हो गयी है बंद?”

रायपुर, डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार डॉलर की कीमत 80 रू. हो गयी है। 2014 के पहले जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे तब 1 डॉलर की कीमत 58 रू. था तब मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के लिये प्रयोग किये जाने वाले शब्दों की मर्यादा को तोड़कर तीन बयान दिया था।
1 भाइयों और बहनों, रुपया उसी देश का गिरता है जहां की सरकार भ्रष्ट और गिरी हुई हो!

2 कभी कभी तो लगता है दिल्ली सरकार और रुपए के बीच में कॉम्पटिशन चल रहा है - किसकी आबरू तेज़ी से गिरती चली जा रही है - कौन और आगे जाएगा?

3 रुपया सिर्फ़ काग़ज़ का टुकड़ा नहीं होता, सिर्फ़ करेन्सी नहीं होती-इसके साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई होती है। जैसे जैसे रुपया गिरता है देश को प्रतिष्ठा गिरती है
यह हमारे शब्द नहीं हैं- यह वो जुमले हैं जो इस देश के सामने 2014 से पहले जुमला जीवी प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को खूब सुनाए थे। जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, मोदी जी की कृपा से वो दिन भी देश ने देख ही लिया। भारत का रुपया अमरीकी डॉलर के मुक़ाबले 80 पार कर गया। यह वही रुपया है जिससे प्रधानमंत्री की आबरू और प्रतिष्ठा जुड़े होने का दावा खुद मोदी जी करते थे। पर आज तो डर यह है कि जिस तेज़ी से रुपया गिर रहा है - कहीं पेट्रोल की तरह यहाँ भी शतक की तैयारी तो नहीं?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 2014 के पहले रुपए की मज़बूती के लिए मोदी ज़रूरी है का दावा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी तो हमारे रुपए के लिए बड़े हानिकारक साबित हुए। इन तथाकथित मजबूत सरकार का दावा करने वालों ने इतिहास में रुपए को सबसे कमजोर बना दिया। पिछले 6 महीने में रुपया 7 प्रतिशत से ज़्यादा गिरा है। कभी कोरोना कभी यूक्रेन रूस की जंग के पीछे कब तक छिपते रहेंगे प्रधानमंत्री जी? क्योंकि यह वही रुपया है जिसकी क़ीमत 2014 में 1 डॉलर के मुक़ाबले मात्र 58 थी और पिछले 8 सालों में अब 80 के पार पहुँचा है - 8 साल में 1 डॉलर के मुक़ाबले 22 रुपए की गिरावट! प्रधानमंत्री जी अपनी उजड़ती आबरू और गिरती हुई साख की थोड़ी तो चिंता कीजिए। इस गिरावट पर प्रधानमंत्री क्यों मौन है देश की जनता जानना चाह रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रूपये के इतना गिरने से कमरतोड़ महंगाई और तेज़ी से बढ़ेगी। ज़रूरी चीज़ों के दाम बढ़ेंगे- पेट्रोल, डीज़ल रसोई गैस के दामों में और आग लगेगी। तेल महंगा होने की वजह से आवा गमन की क़ीमत - ट्रेन, बस का किराया बढ़ेगा। इसका सीधा असर आम आदमी की थाली पर भी दिखेगा, खाना बनाने वाले तेल की क़ीमतें बढ़ेंगी। विदेशों से आयात किए जाने वाले छोटे से छोटे सामान पर रुपये के कमज़ोर होने का असर पड़ेगा. टीवी, फ़्रिज, मोबाइल फोन और बाक़ी इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर लगातार टूटते रुपये का सीधा असर पड़ेगा।
 

BIG BREAKING : उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने इस्तीफा किया स्वीकार

BIG BREAKING : उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने इस्तीफा किया स्वीकार

नई दिल्ली | महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को इस्तीफे वाला खत सौंपा. राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इससे पहले उन्होंने फेसबवुक लाइव में कहा कि मुझे इसमें जाना ही नहीं था. इसलिए मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं.उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का कोई दुख नहीं है कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं. उद्धव ने कहा कि मुझे इन सबमें आना ही नहीं था, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री आवास को पहले ही छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि कल से मैं शिवसेना ऑफिस जाऊंगा.

मुझे अशोक चव्हाण ने कहा, अगर दिक्कत है तो हम एमवीए से बाहर आते हैं
उद्धव ठाकरे ने कहा, मैं आया भी अनपेक्षित रूप से था और जा भी अनपेक्षित रूप से रहा हूं. मतलब हमेशा के लिए नहीं जा रहा हूं मैं यहीं रहूंगा और शिवसेना भवन में फिर जा कर बैठूंगा, अपने सभी लोगों को एकत्र करूंगा. उन्होंने कहा, आज कैबिनेट समाप्त होने के बाद अशोक चव्हाण ने मुझे कहा कि हम आपके साथ हैं अगर इसलिए दिक्कत हो रही है तो हम महा विकास आघाडी के बाहर जाते हैं और आप को बाहर से समर्थन देते हैं लेकिन मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं होता.

जिस पर लगा था भ्रष्टाचार का आरोप, मुख्यमंत्री ने दिया ईमानदारी का सर्टिफिकेट :  साय

जिस पर लगा था भ्रष्टाचार का आरोप, मुख्यमंत्री ने दिया ईमानदारी का सर्टिफिकेट : साय

रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए आईएएस अधिकारी को मुंगेली कलेक्टर बनाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की यह कौन सी दोहरी नीति है वो ईश्वर ही जाने। कुछ दिन पहले जिस आईएएस अधिकारी को सूरजपुर में अपने जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान हटाया था अब उन्हें ही मुंगेली जिले का कलेक्टर बनाया गया है। यह सवाल उठता है कि आखिरकार मुख्यमंत्री बघेल ने केवल भयादोहन के नाम पर उस आईएएस अधिकारी को हटाया था अब ऐसी कौन सी वजह है कि उसे ही ईमानदारी का सर्टिफिकेट देकर कलेक्टर बनाना कितना जायज है। उसी तरह से कोरबा के कलेक्टर पर प्रदेश के एक मंत्री ने ही भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था उन्हें अब रायगढ़ का कलेक्टर बनाकर उपकृत किया गया है। इस तरह से पूरे प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आयी है तबादला को अधिकृत उद्योग का स्वरूप दिया गया है जिसके कई डीलर प्रदेश में नियुक्त किए गए है जो तबादला उद्योग के संचालन में सहयोगी है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कथनी और करनी हमेशा अलग रही है। इसी का नतीजा है कि अपने लाभ के लिए वह हर फैसला लेते है। उनका सरोकार प्रदेश की जनता से नहीं है। मुख्यमंत्री बघेल अपनी दिल्ली के लिए व एक परिवार के लिए ही समर्पित हैं। किन कारणों से भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे आईएएस अधिकारी को मात्र कुछ दिनों में ही कलेक्टर बना देना मुख्यमंत्री के काम काज को बताता है कि वह अपने फैसले पर ही अडिग नहीं रहते हैं और जिस तरह के फैसले लेते है उस फैसले में समाज की जन भावनाओं की अनदेखी होता है। उन्होंनेे कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इतने कम दिनों में ही आईएएस अधिकारी पर लगे आरोप यदि सत्य थे तो इतने जल्दी आरोप से मुक्त कैसे हुए और उन्हें कलेक्टर किन कारणों से बनाया गया। 

सारा देश जानता है मोदी कितने सच्चे, कितने झूठे हैं- सुशील आनंद शुक्ला

सारा देश जानता है मोदी कितने सच्चे, कितने झूठे हैं- सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रदेश भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सच्चा बताये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देश की जनता अच्छी तरह जान चुकी है कि मोदी कितने सच्चे और कितने झूठे हैं ।मोदी झूठ बोलने का विश्व कीर्तिमान बना चुके हैं। अपनी जनता से जितना झूठ मोदी बोलते हैं, उतना संसार के किसी नेता ने नहीं बोला। वर्ष 2014 में किसानों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों को झूठे ख्वाब दिखाकर सत्ता में आये और जनता के हर वर्ग को अपनी नीतियों के जरिये प्रताड़ित किया। किसानों को लागत का दोगुना दाम देने का झांसा देने वाले तीन काले कानून ले आये। इनका इरादा किसानों को चंद औद्योगिक घरानों का गुलाम बनाकर रख देने का था। एक अदालती फैसले से कोई महान नहीं बन जाता अदालत का फैसला शिरोधार्य है। गुजरात की तत्कालीन परिस्थितियों के मंजर को देश की जनता भूली नहीं है।इंसाफ की आखिरी एक और अदालत है ऊपर वाले कि अदालत उन हजारों हजार लोगों को वहाँ निराश नही होना पड़ेगा।

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का भरोसा दिलाया था और उनकी नीतियों के देश को बेरोजगारी की सौगात दे दी। लाखों युवाओं की नौकरी छीन ली गई। महिलाओं को महंगाई से निजात दिलाने का झांसा देकर महंगाई को आसमान पर पहुंचा दिया। पेट्रोल डीजल में जनता को लूट लिया। बुजुर्गों को मिलने वाली रेलवे रियायत छीन ली। देश की धरोहरों को नीलाम कर दिया।

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि गुजरात दंगों में जो लोग मारे गए, वे भी इस देश के नागरिक थे। उनको जीवन जीने का सुरक्षित माहौल देना तत्कालीन सरकार का दायित्व था जो उस समय की गुजरात सरकार नहीं कर पाई थी वे हताहत लोग भी इस देश की संतान थे। इसके अलावा मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश भर में जिन किसानों और तंगहाली में जिन बेरोजगार युवाओं ने आत्महत्या की है, उसका हिसाब कौन देगा? देश की आम जनता जो तिल तिलकर मर रही है, उसका जवाब कौन देगा?
 

अग्निपथ की बात, युवाओं से विश्वासघात: एआईसीसी नेत्री एवं महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा की प्रेसवार्ता

अग्निपथ की बात, युवाओं से विश्वासघात: एआईसीसी नेत्री एवं महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा की प्रेसवार्ता

(1) हम अग्निवीर योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग करते हैं। प्रधानमंत्री युवाओं की बात क्यों नहीं सुन रहे हैं? वह चुप क्यों है? हम उनसे उनके अहंकार को त्यागने का निवेदन करते हैं। उनके इसी अहंकार ने किसान आंदोलन के दौरान 700 किसानों की जान ली थी। देश हित में, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस इतिहास को दोहराया नहीं जाना चाहिए और प्रधानमंत्री द्वारा अपनी गलती मानते हुए इस युवा और राष्ट्र विरोधी योजना को वापस लिया जाए।

(2) यह तुगलकी सरकार पहले फैसला करती है, और बाद में सोचती है। अग्निपथ योजना के मामले में भी अनेक बदलाव आ चुके हैं, लेकिन भारत के युवा इसे वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। आज देश को बचाने की जरूरत है, परंतु यह सरकार पैसे बचाने में लगी है। युवा, पूर्व सैनिक तथा रक्षा विशेषज्ञ, सभी हितधारकों (stakeholders) ने मोदी सरकार की इस अग्निपथ योजना को नकार कर दिया है। अनेक सेवारत अधिकारियों ने निजी तौर पर इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है। हम सेना के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं कहते। हम अपने सशस्त्र बलों के कल्याण और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं।

(3) अग्निपथ योजना अभी तक भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई एक अन्य गलत योजना है, जो मौजूदा समस्याओं का समाधान किए बिना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नई समस्याएं पैदा करेगी। अग्निवीरों के लिए प्रशिक्षण की अल्प अवधि (6 महीने) का हमारे सशस्त्र बलों की गुणवत्ता, दक्षता और प्रभावशीलता पर नकारात्मक असर पड़ेगा। व्यवहार और वेतन/लाभ के दो पैमाने निष्पक्षता के सभी मानदंडों का उल्लंघन है। यह भेदभाव सशस्त्र बलों और उनमें अनुशासन के लिए कई अप्रत्याशित और गंभीर समस्याएं पैदा करेगा।

(4) देश में निवेश नहीं हो रहा है, उद्योग नहीं लग रहे, अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। देश के करोड़ों युवा बेरोजगारी झेल रहे हैं, पर सरकार बिल्कुल बेपरवाह है और सरकारी आंकड़ों के अनुसार आज देश में 62 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियों के पद खाली पड़े हैं, जिनमें से 26 लाख तो केवल केन्द्र सरकार की नौकरियाँ हैं।

(5) यह सरकार जवानों को केवल चार साल के बाद रिटायर करके, जनरल बिपिन रावत, सीडीएस का भी अपमान कर रही है। उन्होंने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘सेना में सैनिक 17 साल के बाद में काम करके रिटायर हो जाते हैं, तो उनको रिटायरमेंट की एज बढ़ानी चाहिए। उन्होंने एक सर्कुलर भी निकाला था। इस प्रकार अग्निपथ स्कीम उनकी सोच और इच्छा का सीधा अपमान है।

(6) इन महत्वपूर्ण मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पूरे देश में आंदोलन कर रही है। पहले हमने 20 जून, 2022 को जंतर-मंतर और विभिन्न राज्यों में शांतिपूर्ण सत्याग्रह हुआ था। सांसदों ने संसद से शांतिपूर्ण मार्च निकाला और वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने भारत के माननीय राष्ट्रपति को इसे वापिस लेने के लिए एक ज्ञापन भी सौंपा। 27 जून, 2022 यानि कल सुबह 10 से 1 बजे सभी राज्यों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शांतिपूर्ण सत्याग्रह करेंगे।

दावा 1 - इस योजना से युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।
सच्चाई - यह सरासर झूठ है, दरअसल रोजगार के अवसर कम हुए हैं। अब तक हर साल सेना में 50 से 80 हजार सीधे पक्की भर्तियां होती थीं। अग्निपथ में उन्हें ख़त्म कर दिया गया है। अब आगे से सेना में डायरेक्ट पक्की भर्ती नहीं होगी। पिछले दो साल में जो भर्तियां अधूरी थीं उन्हें भी रद्द कर दिया गया है। उसके बदले हर साल 45 से 50 हजार कॉन्ट्रैक्ट की भर्तियां होंगी। उनमे से एक चौथाई यानि लगभग 12 हजार जवानो को हर साल पक्की नौकरी मिलेगी। अगर यह योजना 15 साल तक चली तो भारतीय सेना में कुल सैनिकों की संख्या 14 लाख से घटकर 6 लाख से भी कम रह जाएगी। आप खुद देख लो, रोजगार बढ़ेगा या घटेगा?

इस योजना के माध्यम से देश के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया जा रहा है और उनके भविष्य से बहुत बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। अग्निपथ य़ोजना के कारण 50,000 के आस-पास हमारे युवक, जिन्होंने भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया था, जो दौड़ में पास हो गए थे, जो मैडिकल में भी पास हो गए थे और केवल लिखित की परीक्षा बाकी थी मैरिट बनने के लिए, उन 50,000 के लगभग युवाओं के साथ धोखा हुआ है और उनकी पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द किए जाने के समाचार छप चुके हंथ और उन युवाओं को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया में भाग लेना पड़ेगा।

दावा 2 - हमारी सेना पहले से ज्यादा युवा, तकनीकी रूप से सक्षम और मजबूत हो जाएगी।
सच्चाई - कॉन्ट्रैक्ट की नौकरी पर 17 से 21 साल के जवानों को रखने से औसत आयु तो कम हो जाएगी, क्या वास्तव में इसकी जरूरत थी? अगर 30 साल का फौजी लड़ने लायक नहीं बचता तो तो 30 से अधिक उम्र के इतने सैनिकों को बहादुरी के लिए परमवीर चक्र कैसे मिला? जवानों को चार साल की कच्ची नौकरी पर रखने और उसके बाद एक चौथाई को निकाल देने से सेना का मनोबल मजबूत कैसे होगा? तकनीकी रूप से सक्षम होने के लिए लम्बी ट्रेनिंग के जरूरत होगी। दसवीं पास जवान को सिर्फ चार साल के लिए भर्ती करने से तकनीकी क्षमता कैसे बढ़ेगी?

दावा 3 - इस योजना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों को बहुत फायदे होंगे -- वेतन मिलेगा, बचत होगी, रोजगार प्रशिक्षण मिलेगा और स्थायी नौकरी के मौके मिलेंगे।
सच्चाई - चार साल की किसी भी नौकरी से कुछ न कुछ फायदा तो होगा ही। सवाल यह है कि क्या पक्की नौकरी में जो बचत थी, जो ट्रेनिंग मिलती उससे बेहतर चार साल की कच्ची नौकरी से मिलेगी? चार साल बाद पक्की सरकारी या प्राइवेट नौकरी की सब बातें झांसा है। सच यह है कि सरकार 15-20 साल की नौकरी करने वाले पूर्व सैनिकों को भी नौकरी नहीं दे पायी है। कुल 5,69,404 पूर्व सैनिकों ने नौकरी के लिए पंजीकरण कराया था, जिसमे से मात्र 14,155 पूर्व सैनिकों (यानी मात्र 2.5 प्रतिशत) को सरकारी, अर्ध सरकारी, निजी क्षेत्र में रोजगार मिल पाया। ऐसे में अग्निवीर को नौकरी दिलवाने की बात सिर्फ जुमला है।

दावा 4 - इस योजना से सेना में जातिवाद और क्षेत्रवाद समाप्त होगा।
सच्चाई - अग्निपथ में “आल इंडिया आल क्लास“ आधार पर नियुक्ति करने से सेना में सभी इलाके के युवाओं को मौका तो मिलेगा, लेकिन इससे रेजिमेंट का सामाजिक चरित्र बिगड़ जायेगा। “नाम, नमक, निशान“ के लिए प्राण न्यौछावर करने की भावना कमजोर होगी। मोदी सरकार ही ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर यह यह तर्क दिया कि समुदाय आधारित भर्ती को समाप्त करने से रेजिमेंट के चरित्र और लड़ाई के जज्बे को नुकसान होगा। सशस्त्र बलों की भर्ती में सभी क्षेत्रों और समुदायों को प्रतिनिधित्व देना एक अपरिहार्य राष्ट्रहित है और प्रत्येक राज्य और क्षेत्र की भर्ती योग्य पुरुष आबादी के अनुसार भर्ती करके यह सुनिश्चित किया जाता रहा है। ऑनलाइन आवेदनों की प्रणाली यह कैसे सुनिश्चित करेगी?

दावा 5 - दुनिया के कई देशों में सेना में अल्पकालिक भर्ती होती है। हमारे यहाँ भी सेना में अफसरों की भर्ती में 5 साल का शार्ट सर्विस कमीशन है।
सच्चाई - सरकार के समर्थक इजराइल जैसे जिन देशों का उदाहरण देते हैं वहां सैन्य भर्ती अनिवार्य है, नहीं तो उन्हें सेना में भर्ती के लिए युवा नहीं मिलते। अनिवार्य सेवा दो चार साल से ज्यादा नहीं करवाई जा सकती। भारत में देशप्रेम और बेरोजगारी इतनी अधिक है कि यहां सेना में भर्ती होने के लिए लाखों युवा हमेशा खड़े हैं। वैसे भी इन देशों में अल्पकालिक भर्ती के इलावा डायरेक्ट पक्की भर्ती भी होती है, अग्निपथ योजना में इसे बंद किया जा रहा है। यही बात हमारे शार्ट सर्विस कमीशन पर भी लागू होती है। जब सेना को अफसरों की भर्ती में पर्याप्त अच्छे उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे, उसकी कमी को पूरा करने के लिए यह योजना लाई गयी थे। उस योजना के कारण सेना में अफसरों की डायरेक्ट और पक्की भर्ती रोकी नहीं गयी है।

दावा 6 - कारगिल युद्ध के बाद बनी रिव्यु समिति और अन्य कई विशेषज्ञों ने इसकी सिफारिश की थी।
सच्चाई - कारगिल समिति ने कहीं यह नहीं कहा कि 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट की नियुक्तियां की जानी चाहिए। समिति ने यह सलाह दी थी कि जवानों को शुरू के 7 -10 वर्षों में सैनिकों में नियुक्त किया जाना चाहिए, उसके बाद उन्हें अन्य बलों जैसे सीआईएसएफ, बीएसएफ आदि में स्थानांतरित किया जा सकता है। कई विशेषज्ञों और समितियों ने जवानों की औसत आयु कुछ घटाने के बात कही है, लेकिन पक्की नौकरी खत्म कर कॉन्ट्रैक्ट के बात किसी ने नहीं की। इस योजना को संसद या संसद की रक्षा मामले की स्थायी समिति के सामने कभी नहीं रखा गया।

दावा 7 - थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख इस योजना का समर्थन कर रहे हैं।
सच्चाई - हम सशस्त्र बलों का सम्मान करते हैं और सेवारत अधिकारियों की बाध्यताओं को भी समझते हैं। उनके पास और रास्ता ही क्या है? लेकिन हम अपने सेवारत अधिकारियों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। अगर अनुभवी देशभक्त सैनिकों की मन की बात सुननी है तो रिटायर्ड सेना अधिकारियों को सुनना चाहिए जिसमे अधिकांश इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। कई पूर्व जनरल और परमवीर चक्र विजेता बाना सिंह और योगेन्द्र सिंह यादव जैसे शूरवीर कह रहे हैं कि यह खतरनाक योजना है।

दावा 8 - अग्निवीर योजना को युवाओं का समर्थन है, वो इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाने को तैयार बैठे हैं।
सच्चाई - इस देश में बेरोजगारी की ऐसी हालत है की आप चार साल छोड़ो, चार महीने की नौकरी भी दोगे तो हर पोस्ट के लिए सैंकड़ों उम्मीदवार खड़े मिलेंगे। यहाँ चपरासी की नौकरी के लिए पीएचडी वाले अप्लाई करते हैं। इससे युवाओं की मजबूरी साबित होती है, योजना की मजबूती नहीं।

दावा 9 - इस योजना से सरकार के खजाने पर पेंशन और वेतन का बोझ कम होगा।
सच्चाई - सच्चा तर्क यही है, बाकी सब तो सच पर पर्दा डालने वाले तर्क हैं। यह सच है कि रक्षा बजट का लगभग 40 प्रतिशत वेतन और पेंशन में चला जाता है, लेकिन इसका समाधान यह नहीं है कि हम डायरेक्ट और पक्की भर्ती ही रोक दें, सेना बल की संख्या आधी कर दें। समाधान यह होगा कि रक्षा बजट को बढ़ाया जाए। लेकिन मोदी सरकार ने रक्षा बजट को 2017-18 में केंद्र सरकार के खर्च के 17.8 प्रतिशत से घटाकर 2020-21 में 13.2 प्रतिशत कर दिया है। समाधान यह भी हो सकता था कि रक्षा बजट में गैर सैनिक (सिविलियन) कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में कमी की जाए। एक झटके में पेंशनधारी नौकरियों को ही ख़त्म कर देना तो देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। सवाल है कि क्या हम देश की सुरक्षा पर कंजूसी कर सकते हैं, जब राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बढ़ रहा है?

दावा 10 - इस योजना के अंतर्गत 25 प्रतिशत अग्नि वीरों की सेना में भर्ती की जाएगी।
सच्चाई - बोल रहे हैं कि उसमें से 25 प्रतिशत लोगों को, 25 प्रतिशत नहीं, 25 प्रतिशत तक, ध्यान रखिएगा। ये है सेल्समैन, मेगा बम्पर ऑफर की मानसिकता। 25 प्रतिशत तक क्या होता है, मतलब 25 प्रतिशत की भी गारंटी नहीं है।

प्रेसवार्ता में संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री संगठन अमरजीत चावला, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, वंदना राजपूत, अजय गंगवानी, मणि प्रकाश वैष्णव उपस्थित थे।
 

राउत ने बागी विधायकों पर कसा तंज, आखिर कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में

राउत ने बागी विधायकों पर कसा तंज, आखिर कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में

मुंबई, शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को पार्टी के बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि आखिर कब तक वे (विधायक) असम के गुवाहाटी में छिपे रहेंगे, आखिरकार उन्हें चौपाटी (मुंबई के संदर्भ में) आना ही होगा। शिवसेना सांसद ने ट्वीट किया, कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में। दक्षिण मुंबई में मंत्रालय (राज्य सचिवालय), विधान भवन (विधायिका परिसर), राजभवन और मुख्यमंत्री का आधिकारिक बंगला 'वर्षा सहित प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठान गिरगाम समुद्र तट के आसपास के क्षेत्र में स्थित हैं, जिसे गिरगाम चौपाटी भी कहा जाता है। शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने मंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है और वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिसने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को संकट में डाल दिया है। महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग को लेकर दी गई अर्जी के आधार पर उन्हें 'समन जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उद्धव ठाकरे को बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है।

 

सांसद पाण्डेय ने लगाया आरोप, मुख्यमंत्री युवाओं को भटकाने व उनका उपहास कर रहे हैं

सांसद पाण्डेय ने लगाया आरोप, मुख्यमंत्री युवाओं को भटकाने व उनका उपहास कर रहे हैं

रायपुर, सांसद संतोष पाण्डेय ने अग्निवीरों व अग्निपथ अभियान को लेकर मुख्यमंत्री के दिए गए गैर जिम्मेदाराना बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी हमेशा युवाओं को भटकाने व अटकाने का कार्य सदा करती है। प्रदेश के युवाओं को नशे व अंधकार में डुबने व छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने युवाओं की चिंता करने का अधिकार खो चुकी है। यहां के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के साथ नौकरी देने का वादा कर चुकी कांग्रेस की सरकार ने संविदा से नियमितीकरण की बात कहकर हमेशा छल किया है। प्रदेश की जनता को दगा देने वाली कांग्रेस सरकार ने रेडी टू ईट अभियान से जुड़े लोगों का अधिकार छीना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जिस तरह से युवाओं का उपहास कर रहे हैं और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे है यह बेहद ही निंदनीय है। जिस तरह से वे स्तरहीन बातें कर रहे हैं इसमें कांग्रेस की सोच साफ झलकती है। यही कारण है कि कांग्रेस राज्यों में सिमट कर रह गई है। जनता के जनादेश का अपमान करके केवल राहुल गांधी को बचाने के लिए पूरी कांग्रेस गांधी परिवार के प्रति वफादारी निभाने में जुटी हुई हैं। कांग्रेस ने देश के युवाओं को हमेशा भ्रमित करने का कार्य किया है।
सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि महान क्रांतिकारी सुभाषचंद बोस के सपने को साकार करने वाले प्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अग्निवीर व अग्निपथ अभियान के माध्यम से राष्ट्र के युवाओं को एक दर्शन व राष्ट्रभक्ति के दिशा में मजबूती से प्रशस्त किया है। उन्होंने मांग की है कि यूपी हिमाचल जैसे अन्य राज्यों में अग्निपथ अभियान से जुड़े युवाओं को स्थानीय पुलिस व सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में रोजगार की प्राथमिकता देने की बात कही गई है। उस की तरह की नीति छत्तीसगढ सरकार को बनानी चाहिए और युवाओं के उपहास से मुख्यमंत्री बघेल को बचना चाहिए।
 

घोषणावीर है भाजयुमो के नेता पहले भी दो बार बेरोजगारी का टेंट लगाने की घोषणा कर मैदान से भाग गये- धनंजय सिंह ठाकुर

घोषणावीर है भाजयुमो के नेता पहले भी दो बार बेरोजगारी का टेंट लगाने की घोषणा कर मैदान से भाग गये- धनंजय सिंह ठाकुर

रायपुर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा युवा मोर्चा पर तंज कसते हुये पूछा इस बार पक्का बेरोजगारी का टेंट लगाएंगे ना? क्योंकि इसके पहले भाजयुमो दो बार बेरोजगारी का टेंट लगाने की घोषणा करके मैदान छोड़कर भाग गए थे। 2014 के पहले भाजयुमो ने गली-गली गांव-गांव शहर शहर घूम कर युवाओं को केंद्र में सरकार बनने के बाद प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा और दावा किया था उसका क्या हुआ? अग्निपथ स्कीम में 4 साल की टेम्परेरी नियुक्ति दे रहे हैं? मोदी सरकार ने 8 साल में 16 करोड़ रोजगार को कहा फ्रिज करके रखा दिया है? और 23 करोड़ हाथों से जो रोजगार छीना गया है उसके लिए कौन जिम्मेदार है? केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद बेरोजगारी के मामले में देश 45 साल पुराने हालात में खड़ी हुई है। 1 करोड़ 25 लाख महिलाओं के हाथ से काम छीना गया है 15,000 से अधिक उद्योगपति कारोबार समेट कर देश छोड़कर चले गए। मोदी सरकार के पास अभी भी एक करोड़ से अधिक सरकारी पद रिक्त है उसमें भर्ती कब होगी? सरकारी नौकरी में भर्ती के नाम से निरंतर मोदी सरकार देश के युवाओं को ठग रही है और लूट रही है सरकारी पदों में भर्ती का विज्ञापन निकालकर देश के बेरोजगार युवाओं से 1300 करोड़ों सलाना मोदी सरकार कमाती है। केंद्र सरकार के पास देश के युवाओं को रोजगार देने का कोई रोडमैप नहीं है देश के 45 करोड़ युवा रोजगार की तलाश करते करते इतना हताश और परेशान हो गए हैं की अब वो रोजगार ढूंढना ही बंद कर दिए हैं।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नये विश्वसनीय छत्तीसगढ़ मॉडल से 5 लाख से अधिक युवाओं के लिये रोजगार, स्वरोजगार और सरकारी नौकरी के द्वार खुले। सत्ता परिवर्तन के पहले 2018 में जहां राज्य का बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से ऊपर था। आज छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है। जबकि देश की बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत है।