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महंगाई और बेरोजगारी से लड़ रहे लाखों भारतीय परिवार : राहुल गांधी

महंगाई और बेरोजगारी से लड़ रहे लाखों भारतीय परिवार : राहुल गांधी

नई दिल्ली : घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा। पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि लाखों भारतीय परिवार अत्यधिक महंगाई, बेरोजगारी और खराब शासन के खिलाफ एक कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी को वापस लेना चाहिए और इसे उसी स्तर पर लाना चाहिए जैसा कि 2014 में सब्सिडी वाले सिलेंडर के लिए था।


घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में शनिवार को 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। नए सशोधन के साथ 14.2 किलोग्राम के घरेलू सिलेंडर की कीमत अब शनिवार से 999.50 रुपये प्रति सिलेंडर होगी। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान एक रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 414 रुपये थी और हर सिलेंडर पर 827 रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी।


राहुल ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आम आदमी की सुरक्षा के लिए कांग्रेस द्वारा लागू सभी सुरक्षा उपाय हटा दिए हैं। राहुल ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, आज लाखों भारतीय परिवार अत्यधिक मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और खराब शासन के खिलाफ एक कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने हैशटैग 'महंगाई मुक्त भारत' और 'बीजेपीफेल्सइंडिया' के साथ कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ऐसा कभी नहीं होने दिया। हम जरूरतमंद परिवारों का समर्थन करते हैं और हमेशा करेंगे।


घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की खबर के बाद कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में सब्सिडी वाली रसोई गैस की कीमत में 585 रुपये से अधिक की वृद्धि की है और दी जाने वाली सब्सिडी को भी समाप्त कर दिया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, भाजपा अमीर है, लोग लाचार हैं। भाजपा शासन में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम ढाई गुना बढ़ गए हैं। एलपीजी सिलेंडर अब मध्यम वर्ग और गरीबों की पहुंच से बाहर है।
 

भूपेश के इशारे पर सिंहदेव का अपमान हो रहा : विष्णुदेव

भूपेश के इशारे पर सिंहदेव का अपमान हो रहा : विष्णुदेव

रायपुर : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इशारे पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का अपमान हो रहा है। बेहतर होगा कि वे मंत्रिमंडल की सदस्यता का परित्याग कर अपना सम्मान बचायें। मंत्री सिंहदेव छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ और सम्माननीय नेता हैं। वे कांग्रेस घोषणा पत्र के सूत्रधार और मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे हैं। कांग्रेस की सरकार न तो उनके घोषणा पत्र पर अमल कर रही और न ही ढ़ाई साल बीतने पर उन्हें सत्ता का नेतृत्व प्राप्त हुआ। कांग्रेस की सरकार का नेतृत्व कौन करे, यह कांग्रेस का मामला है लेकिन जिस तरह कांग्रेस के सत्ता संघर्ष में जनता के हित प्रभावित हो रहे हैं, वह घोर आपत्तिजनक है।


प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साय ने कहा कि सिंहदेव राज्य के पंचायत और स्वास्थ्य मंत्री हैं। ये दोनों ही विभाग कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई से प्रभावित हो रहे हैं। जिससे लोक महत्व के काम ठप हैं। पंचायत विभाग की दुर्गति कर दी गई है तो स्वास्थ्य सेवा भी चरमरा गई है। इस पर भी सिंहदेव को काम करने नहीं मिल रहा। सरकारी तंत्र कहता है कि मंत्रियों को दौरे के लिए उड़ान की व्यवस्था की गई है तो सिंहदेव कह रहे हैं कि मुझे इस तरह की कोई सूचना नही है, और जबकि मेरा दौरा शुरू हुआ था, तब प्रक्रिया के तहत चॉपर की बात हुई थी, लेकिन तब उपलब्धता न होने की सूचना दी गई थी। अब यदि सरकारी चॉपर की व्यवस्था हो गई हो, तो भी मेरे लिए क्या उपयोग है, मैंने तो निजी चॉपर का पूरा भुगतान किया है। मुझे या मेरे कार्यालय को आज के इस हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए जाने की न सूचना है न जानकारी है,और न ही इस दौरे में अब मेरे लिए उसका कोई उपयोग है। इससे साफ जाहिर है कि अन्य मंत्रियों के मुकाबले सिंहदेव के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।


प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साय ने कहा कि सिंहदेव को बस्तर दौरे में दंतेवाड़ा और जगदलपुर के एसपी कलेक्टर ने सामान्य शिष्टाचार के लायक भी नहीं समझा तो स्पष्ट है कि ऊपर के इशारे पर ही सिंहदेव का अपमान किया गया है। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ। इसके पहले भी विधानसभा सत्र के दौरान सिंहदेव का अपमान कराया गया था और आहत होकर वे अपनी ही सरकार के खिलाफ बहिर्गमन कर गए थे। साय ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की अपमानजनक घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। दोनों जिलों के एसपी कलेक्टर के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। भूपेश बघेल से प्रशासन सम्हल नहीं रहा है। अफसर इतने बेकाबू हो गए हैं कि मंत्री के शिष्टाचार का पालन करना जरूरी नहीं समझते।
 

 राजनीति में एंट्री के लिए तैयार प्रशांत किशोर, बनाएंगे अलग पार्टी! ट्वीट कर कहा…..

राजनीति में एंट्री के लिए तैयार प्रशांत किशोर, बनाएंगे अलग पार्टी! ट्वीट कर कहा…..

पटना : पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल होनें के लेकर सुर्खियों में रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। पीके अब दूसरों के लिए रणनीति नहीं बनाएंगे, बल्कि वो अब अपनी पार्टी के लिए ही स्ट्रेटजी तैयार करने लगे हैं। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि उनके द्वारा किए एक ट्वीट से कयास लगाए जाने लगे हैं कि प्रशांत किशोर ने अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं।

प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा- लोकतंत्र में प्रभावशाली योगदान देने की उनकी भूख और लोगों के प्रति कार्य नीति तैयार करने में मदद करने का सफर काफी उतार चढ़ाव वाला रहा है। आज जब वे पन्ने पलटते हैं तो लगता है कि समय आ गया है कि असली मालिकों के बीच जाएं। यानि लोगों के बीच ताकि उनकी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सकें और ‘जन सुराज’ की पथ पर अग्रसर हो सकें।’

अपने लिए रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई पार्टी कब तक लॉन्च होगी। अभी तक इसका खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन PK जल्द ही देश भर में पार्टी लॉन्च करेंगे। प्रशांत किशोर फिलहाल पटना में ही हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर अपने लिए नई रणनीति बना रहे हैं।


राजनीति में धमाल करेंगे PK !
प्रशांत किशोर की कांग्रेस से बात नहीं बनी। इसके बाद वे राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर राजनीति में बड़ा धमाल कर सकते हैं। प्रशांत किशोर की पार्टी पूरी तरह से आधुनिक होगी। डिजिटल और जनसंपर्क की नई तकनीक के साथ लॉन्च की जाएगी। फिलहाल पार्टी का नाम फाइनल नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर एक-दो साल में अपनी पार्टी लॉन्च कर सकते हैं।


2014 में मोदी को सत्ता में लाए थे PK

प्रशांत किशोर 2014 में मोदी सरकार को सत्ता में लाए थे। वे जब 34 साल के थे तब अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़कर 2011 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़ गए थे। इसके बाद राजनीति में ब्रांडिंग का दौर चला। नरेंद्र मोदी की अच्छी मार्केटिंग, 3डी रैली, रन फॉर यूनिटी जैसे एड कैंपेन का श्रेय प्रशांत किशोर को जाता है। प्रशांत किशोर हमेशा से पर्दे के पीछे रहकर अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं।

 

मुख्यमंत्री का श्रम दिवस पर शासकीय कमर्चारियों को दिया यह तोहफा...

मुख्यमंत्री का श्रम दिवस पर शासकीय कमर्चारियों को दिया यह तोहफा...

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रम दिवस के अवसर पर शासकीय कमर्चारियों को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता का तोहफा दिया है। उन्होंने कमर्चारियों के हित में लिए गए इस फैसले की जानकारी ट्वीट कर दी है।

शासकीय कमर्चारियों को महंगाई भत्ते की यह दर एक मई से ही लागू होगी। उल्लेखनीय है कि वतर्मान में राज्य के कमर्चारियों को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है, जो अब बढ़कर 22 प्रतिशत हो जाएगा। 

सीएम हाउस में अब से कुछ देर बाद शुरू होगी भूपेश कैबिनेट की बैठक, इन मुद्दों पर आ सकता है बड़ा फैसला...

सीएम हाउस में अब से कुछ देर बाद शुरू होगी भूपेश कैबिनेट की बैठक, इन मुद्दों पर आ सकता है बड़ा फैसला...

रायपुर : भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक आज, रविवार को होने वाली है। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। माना जा रहा है कि कर्मचारियों के डीए बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है।


वहीं कैबिनेट की मीटिंग में निगम मंडल की पुरानी बिल्डिंग और अतिशेष ज़मीनों के उपयोग के लिए नई योजना को मंजूरी मिल सकती है। हाउसिंग बोर्ड को ज़्यादातर ज़मीन देने का प्रस्ताव है।


इसके साथ ही कलेक्टर्स को और शक्तियां देने का प्रस्ताव भी है। लघु वनोपज खरीदी में निजी कंपनियों को जोड़ने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। राजीव गांधी भूमिहीन किसान मजदूर न्याय योजना की राशि बढ़ाए जाने के साथ ही 6000 से 7000 सालाना करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
 

कमल नाथ ने दिया इस्तीफा, डॉक्टर गोविंद सिंह होंगे नए नेता प्रतिपक्ष

कमल नाथ ने दिया इस्तीफा, डॉक्टर गोविंद सिंह होंगे नए नेता प्रतिपक्ष

भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष होंगे । डॉक्टर गोविंद सिंह को कमल नाथ की जगह नेता नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। कमल नाथ अब तक प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की दोहरी जि़म्मेदारी निभा रहे थे। नाथ अब सिफऱ् मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहेंगे।

डां. सिर्फ को नेताप्रतिपक्ष बनाने की मांग काफी समय से कांग्रेस चल रही थी. लहार भिंड से लंबे समय से विधायक रहे डां. गोविन्द सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक हैं.

 

राजेश मूणत को जन्मदिन की बधाई देने लगा तांता

राजेश मूणत को जन्मदिन की बधाई देने लगा तांता

रायपुर, पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने गुरुवार को अपना 59वा जन्मदिन मनाया. श्री मूणत के जन्मदिन को लेकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह नज़र आया। श्री मूणत के दीर्घायु की कामना करते हुए रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न आयोजन भी हुए.

सुबह 10 बजे से ही श्री मूणत को जन्मदिन की बधाई देने बड़ी संख्या में भाजपा नेता, कार्यकर्ता उनके मौलश्री विहार स्थित निवास पहुँचे। भाजपा नेताओं ने उन्हें फूल माला और गुलदस्ता भेंट कर जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस दौरान श्री मूणत ने सभी का आभार जताया और धन्यवाद ज्ञापित किया। दोपहर होते होते बड़ी संख्या में राजधानी के हर वार्ड से कार्यकर्ता अलग अलग टोलियों में पहुँचे। गुरुवार सुबह महादेव घाट के हटकेश्वर मंदिर में श्री मूणत के जन्मदिन के अवसर पर रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया, जिसमे बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, इसी तरह युवाओं के एक टोली ने शहर में मिठाइयों का वितरण किया। राजधानी के सभी 16 मंडलों में अलग अलग कार्यक्रम हुए,डीडी नगर गोल चौक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों युवाओं ने रेड क्रॉस ब्लड बैंक के लिए रक्तदान किया।

श्री मूणत अपने जन्मदिन के अवसर पर रामनगर के शीतला मंदिर में आयोजित पूजा- अर्चना कार्यक्रम में शामिल हुए, यंहा उनका आतिशबाजी कर स्वागत किया गया। इसके बाद शहीद चूड़ामणि नायक वार्ड में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत लोगों को प्रमाण पत्र का वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए, फिर बाल गंगाधर तिलक वार्ड में स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र की जनता ने श्री मूणत के विधानसभा में किये पंद्रह वर्षो के कार्यों के प्रति स्वागत कर आभार प्रकट किया और आतिशबाजी कर मिठाईयां बांटी। मालूम हो श्री मूणत ने कोरोना संक्रमण काल के चलते 2 साल तक अपना जन्मदिन नही मनाया था, इस बार कोविड19 मे छूट मिलने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जन्मदिन को लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया। 

धरना प्रदर्शन के नियम को लेकर भाजपा फैला रही है भ्रम, रमन सरकार खुद धरना प्रदर्शन के पहले 23 बिंदुओं का शपथ पत्र भरवाती थी- मोहन मरकाम

धरना प्रदर्शन के नियम को लेकर भाजपा फैला रही है भ्रम, रमन सरकार खुद धरना प्रदर्शन के पहले 23 बिंदुओं का शपथ पत्र भरवाती थी- मोहन मरकाम

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि हम इस पत्रकारवार्ता के माध्यम से स्पष्ट कर देना चाहते है एक भ्रम जो भारतीय जनता पार्टी के द्वारा फैलाने की कोशिश की जा रही है उसमें साफ कर देना चाहते है कि छत्तीसगढ़ में किसी भी प्रकार के शांतिपूर्ण संवैधानिक धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, धार्मिक आयोजन में रोक नहीं लगाया गया है। इस संबंध में भाजपा भ्रम और झूठ फैला रही है जो पूरी तरह से मिथ्या और भ्रामक है।
ऽ हमारी सरकार ने धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, सार्वजनिक आयोजन के संबंध में जो निर्देश जारी किये है वह नये नहीं है इस प्रदेश में पहले से लागू है। पिछले कुछ दशकों से लागू है। पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय से लागू है। आयोजनों के दौरान शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिये पूर्ववत बने नियमों के पालन की ही बात है इस निर्देश में है। जो नियम भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में लागू थे और जिसका 15 साल तक स्वयं भाजपा की रमन सरकार कड़ाई से पालन करवाती रही उन्हीं नियमों के संबंध में जारी किये गये निर्देश अलोकतांत्रिक कैसे हो गये?
ऽ चार दिन पहले जिस कानून के पालन के निर्देश भाजपा की उत्तरप्रदेश सरकार अपने राज्य में करती है वही कानून उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक है और छत्तीसगढ़ में गैर प्रजातांत्रिक हो गया।
ऽ दरअसल भारतीय जनता पार्टी का चरित्र अलोकतांत्रिक हो गया। संवैधानिक मूल्य, संवैधानिक संस्थानों की अवहेलना करते-करते भाजपा अब नियमों कानूनों की व्याख्या भी अपनी सुविधा के अनुसार करने लगी है।
ऽ रमन सरकार ने तो बारात निकालने, डीजे बजाने और अखंड रामायण के लिये भी अनुमति लेने का नियम बनाया था।
ऽ धरना, प्रदर्शन के लिये अनुमति देने शर्तें लगाने का अधिकार पुलिस को भाजपा की रमन सरकार ने दिया था। पूर्ववर्ती रमन सरकार के द्वारा बनाये गये छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम 2007 के धारा 34 में सभाओं, जुलूस एवं परिसरों के विनियमन के तहत पुलिस को यह कानून व्यवस्था के लिये धरना प्रदर्शन, आंदोलन, आयोजन की अनुमति के लिये यह अधिकार दिया गया है कि वह शर्तों के साथ अनुमति नियम भी भाजपा ने बनाया 15 साल पालन भी किया और अब विरोध भी कर रहे यह है भाजपा का दोहरा चरित्र।
ऽ भाजपा जिस नियमों के पालन के जारी निर्देश पर सवाल खड़ा कर आंदोलन की बातें कर जनता में भ्रम फैला रही है, वैसे ही उन नियमों को खुद रमन सरकार के द्वारा पालन करवाया जाता था। हम आपके समक्ष कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे है जिसमें राजनैतिक, सामाजिक, कर्मचारी वर्ग के द्वारा धरना प्रदर्शन के लिये जो अनुमति दी गयी है उसको उन्हीं नियमों शर्तों के साथ दी गयी है जो 22.04.2022 को हमारी सरकार के द्वारा जारी निर्देश में है-
1 श्याम प्रचार सेवा समिति के आवेदन पर 23/12/2017 से 24/12/2017 तक श्री श्याम महोत्सव के कार्यक्रम की अनुमति हेतु 23 बिंदुओं की शर्त लगाये गये यह आदेश 14/12/2017 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर शहर द्वारा जारी किया गया था।
2 ईश्वरी साहू प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सहकारी संघ को 23/12/2017 को धरना प्रदर्शन की अनुमति विजय अग्रवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा 13/12/2017 को जारी किया गया उसमें भी 19 शर्ते लगाई गयी।
3 अशरफ हुसैन युवा कांग्रेस, महासचिव द्वारा मांगे गये रैली की अनुमति दिनांक 18/07/2018 के संबंध में भी 17 बिंदु की शर्ते जोड़ी गयी।
4 विकास उपाध्याय शहर अध्यक्ष रायपुर के द्वारा विधानसभा की ओर जाने की अनुमति भी दिनांक 3/7/2018 के लिये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर द्वारा भी 17 बिंदुओं के शर्तों के साथ जारी किया गया।
ऽ इसी प्रकार भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार के तरफ से सभी पुलिस अधीक्षक और जिलाधीशों को निर्देश दिया है जिसमें उनके द्वारा धरना प्रदर्शन के लिये 9 बिंदु जारी कर उनका पालन सुनिश्चित करवाने को कहा गया है। साथ ही वहां पर भी अनुमति के पूर्व शपथ पत्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेश और उनका पालन नहीं करने पर माननीय न्यायालय की अवमानना जैसे शब्दों का भी उल्लेख है।
ऽ ऐसा ही सर्कुलर दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा 28.3.12 को जारी किया गया जिसे 19.1.20 से फिर यथावत रखा गया है जिसमें भी धरना प्रदर्शन, आंदोलन के आयोजन के लिये अनुमति का प्रावधान है तथा जिसमें अनुमति देने के पूर्व 21 बिंदुओं का अंग्रेजी में शपथ पत्र भरवाया जाता है।
दिल्ली पुलिस तो भाजपा की केंद्र सरकार के अधीन है।
ऽ गुजरात में हाल ही में प्रदेश कांग्रेस के सचिव महेश राजपूत के द्वारा आयोजित बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि के खिलाफ धरने को राजकोट में इसलिये बंद करवा दिया गया क्योंकि उन्होंने अनुमति नहीं लिया था।
ऽ जो नियम यूपी में लागू है, जो नियम दिल्ली में लागू है, जो नियम गुजरात में लागू है, लगभग देशभर में लागू है उसी नियम के लिये छत्तीसगढ़ में जारी निर्देश पर भाजपाई बेशर्मीपूर्वक आंदोलन की बात कर रहे हैं।
पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अमरजीत चावला, वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी. सिंह, घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय सिंह ठाकुर, नितिन भंसाली, अमित श्रीवास्तव, अजय गंगवानी, सुबोध हरितवाल उपस्थित थे।
 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ने कसा तंज कहा- महंगाई पर चर्चा करने से भाग रहे भाजपा के सांसद और नेता

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ने कसा तंज कहा- महंगाई पर चर्चा करने से भाग रहे भाजपा के सांसद और नेता

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के सांसद और नेता महंगाई पर चर्चा करने से भाग रहे हैं। आम जनता से मुंह छुपा रहे हैं। 100 दिनों में महंगाई कम कर सत्ता में आए मोदी सरकार ने 8 साल में देश की जनता का जीना दूभर कर दिया है। ‘‘एक ओर रोजगार का संकट दूसरी ओर महंगाई की मार, यही है मोदी सरकार’’ की नारा जनता लगा रही है। मोदी सरकार के गलत नीतियों कुप्रबंधन और हम दो हमारे दो के हित की सोच के चलते देश की जनता महंगाई बेरोजगारी और महामारी की चपेट में है। केंद्र में बैठी सरकार ने 8 साल के कार्यकाल में देश में यह हालात उत्पन्न कर दिए कि जनता अब सोच रही है कि इस स्थिति में कमाये क्या? खाय क्या और बचाये क्या? महंगाई और टैक्स दोनो देश की जनता के सुख चैन को निगल रही है। माता पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित होते थे अब वर्तमान में उसका लालन-पालन कैसे करें इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित होता नज़र आ रहे हैं महंगाई के चलते कुपोषण और भुखमरी की समस्याएं बढ़ रही है भुखमरी और कुपोषण के मामले में देश पड़ोसी देशों से भी नीचे है। बेरोजगारी के मामले में देश 45 साल पुराने हालात में खड़े हुए हैं दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष मिलना दूर की बात 23 करोड़ हाथों से रोजगार छीना गया है अब जो सरकारी आंकड़े बता रहे हैं देश में 45करोड़ युवा महिलाये वयस्क रोजगार खोजते खोजते इतने हताश और परेशान हो गए कि अब रोजगार खोजना ही बंद कर दिए और मायूस और उदास बैठे हुए हैं। मोदी सरकार के गलत नीतियों का प्रभाव हर सेक्टर में दिख रहा है सरकारी कंपनियों का बेधड़क निजीकरण किया जा रहा है प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां बंद हो रही है। 70 प्रतिशत एमएसएमई शुरू होने के एक वर्ष के भीतर बंद हो जा रहे है। व्यापार व्यवसाय ऑक्सीजन में है देश की अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरी हुई है और केंद्र में बैठी सरकार जनता को इस विपत्ति से राहत दिलाने के बजाय चंद अपने अनुवांशिक संगठनों के सहारे हिंदू मुस्लिम का उन्माद फैलाकर जनता का ध्यान भटका रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मार्च 2014 से 2022 तक 299 वस्तु की एक सूची थी जिसमें से 235 चीजों का दाम करीब करीब 80 प्रतिशत बढ़ चुका है। 2014 से लेकर 2022 तक एक और विडंबना है कि जब क्रूड ऑयल के दाम गिरता था तो पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते रहे हैं। कोविड के दौरान 1 समय ऐसा भी आया कि अमेरिका वायदा बाजार में कु्रड आयल इतिहास में पहली बार -1.41 डालर प्रति बैरल अर्थात कु्रड आयल भी ले लो पैसे भी ले लो उस समय में भी मोदी सरकार डीजल पेट्रोल में मुनाफाखोरी कर जनता के जेब डकैती करना नही छोड़ी।बीते 2 साल में घर चलाने के खर्चे में 44 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। मुर्गा मछली के दाम में 95 प्रतिशत से लेकर 57 प्रतिशतकी वृद्धि हुई है दूध में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है गेहूं के आटा में 27 प्रतिशतकी वृद्धि हुई है सरसों के तेल में करीब 96 प्रतिशतकी वृद्धि हुई है रिफाइंड आयल में 90 प्रतिशतबढ़ोतरी हुई है मूंगफली का तेल कई 48 प्रतिशत बढ़ गई है दाल अरहर तुवर दाल मूंग दाल में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है सब्जियों के दाम में आग लगी हुई है प्याज में 8 सालों में 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है बैगन जैसे सब्जी में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है पालक और साग सब्जी में 40 प्रतिशत के दाम बढ़े हैं अस्पताल में इलाज का खर्चा में 71. 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है दवाइयों के दाम में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है होटल में खाना खाने में 55 प्रतिशत वृद्धि, बस का किराया 54 प्रतिशतबढ़ा है घर का किराया 46 प्रतिशत बढ़ा टियूशन फीस 51 प्रतिशत बढ़ा है । देश की 84 प्रतिशत आबादी की आय घटी है। 15 करोड़ परिवारों की आय आधी हुई है। आटा 30 रु किलो पकोड़े तलने का तेल 240 रु लीटर मदर डेयरी के दूध में 60 रु लीटर है ।
 

कांग्रेस और प्रशांत किशोर में इन तीन मुद्दों पर फंस गया पेच, बनते-बनते बिगड़ गई बात

कांग्रेस और प्रशांत किशोर में इन तीन मुद्दों पर फंस गया पेच, बनते-बनते बिगड़ गई बात

लंबे समय से चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस के जाने की अटकलें थीं और इसे लेकर तीन राउंड की मीटिंग भी हुई। लेकिन अंत में बात बेनतीजा रही। कांग्रेस और खुद पीके ने ही ऐलान कर दिया कि दोनों साथ नहीं आ रहे हैं। इसके साथ ही लंबे समय से चुनावी पराजयों का दंश झेल रही कांग्रेस को प्रशांत किशोर के जरिए बूस्टर डोज मिलने की संभावनाएं भी समाप्त हो गईं। कांग्रेस औैर प्रशांत किशोर के बीच बात बिगड़ने के पीछे मुख्य तौर तीन वजहें मानी जा रही हैं। पहली बात यह कि कांग्रेस चाहती थी कि प्रशांत किशोर सिर्फ कांग्रेस के लिए काम करें, जबकि उनकी संस्था आईपैक हाल ही में तेलंगाना में केसीआर के साथ भी काम करने के लिए तैयार हो गई है।
इसके अलावा प्रशांत किशोर महासचिव का पद और अहमद पटेल जैसा दर्जा चाह रहे थे, जबकि कांग्रेस उन्हें Empowered Action Group 2024 में शामिल करने भर के लिए तैयार थी। प्रशांत किशोर इस भूमिका में नहीं उतरना चाहते थे बल्कि कांग्रेस में अहम परिवर्तन करने और सुझाव देने के रोल में खुद को लाने की बात कर रहे थे। तीसरा, कांग्रेस प्रशांत किशोर के सांगठनिक फेरबदल के प्रस्ताव को भी अपनाने के लिए तैयार नहीं थी। प्रशांत किशोर का एक प्रस्ताव यह भी था कि 'गांधी' के बजाय किसी और को अध्यक्ष बनाया जाए। इस पर भी कांग्रेस में सहमति नहीं थी।
इसके अलावा एक समस्या कांग्रेस के नेताओं के एक गुट की ओर से प्रशांत किशोर पर सवाल खड़ा किया जाना था। कांग्रेस के कई नेताओं ने प्रशांत किशोर की विश्वसनीयत पर सवाल उठाया था और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान का हवाला भी दिया कि उन्होंने कहा था कि अमित शाह के कहने पर उन्हें जदयू का उपाध्यक्ष बनाया था। हालांकि, सोनिया गांधी इन सवालों को दरकिनार करके प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने के लिए तैयार थीं, लेकिन कुछ दूसरे बड़े और सैद्धांतिक मुद्दे पर बात अटक गई।
भले नहीं आए साथ, पर कांग्रेस को समस्या बता गए प्रशांत किशोर
भले ही प्रशांत किशोर कांग्रेस का हिस्सा नहीं बने हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी की मुख्य समस्या जरूर सामने रख दी है। पीके ने कांग्रेस से न जुड़ने की जानकारी देने वाला जो ट्वीट किया है, उसमें साफ बताया है कि कांग्रेस को मेरे से ज्यादा सामूहिक लीडरशिप की जरूरत है। यह बात काफी हद तक सही है। दरअसल कांग्रेस इन दिनों राष्ट्रीय स्तर से लेकर तमाम राज्यों तक में लीडरशिप की कमी से जूझ रही है। उसके पास फिलहाल ऐसे कद्दावर चेहरों का अभाव दिखता है, जो अपने दम पर मतदाताओं को लुभा सकें। ऐसे में बिना लीडरशिप के नैरेटिव तैयार करना आसान नहीं है।

 

PCC चीफ मरकाम ने घेरा DRM दफ्तर, कहा- छत्तीसगढ़ में ट्रेनें नहीं चली तो कोयला भी नहीं ले जाने देंगे

PCC चीफ मरकाम ने घेरा DRM दफ्तर, कहा- छत्तीसगढ़ में ट्रेनें नहीं चली तो कोयला भी नहीं ले जाने देंगे

छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 23 ट्रेनों को एक महीने के लिए रद्द किया गया है। इससे प्रदेश के यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है तो वहीं भाजपा व कांग्रेस के बीच राजनीति भी तेज हो गई है। मंगलवार को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में DRM कार्यालय का घेराव कर दिया। कांग्रेस ने कोयला लेकर जाने वाली गाड़ियों को रोकने की चेतावनी दी है। इधर सीएम भूपेश बघेल ने रेल मंत्री अश्वनी कुमार से फोन पर बात कर सभी ट्रेनों को फिर से चलाने की मांग की। मंत्री ने इस पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
मंगलवार को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में डीआरएम कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि यदि यात्री ट्रेनों को बहाल नहीं किया गया तो कांग्रेस यहां से कोयला लेकर जाने वाली मालगाड़ियों को रोकेगी और देश में कोयले की सप्लाई ठप कर देगी। वहीं एक दिन पहले सीएम भूपेश बघेल ने ट्रेनों को बंद करने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी। सीएम के अपर मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर यात्री ट्रेनों को जारी रखने का आग्रह किया गया है।
एसीएस दो बार लिख चुके हैं रेलवे को पत्र
सीएम भूपेश बघेल के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र में लिखा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के 31 मार्च 2022 के आदेश द्वारा कुल 10 रेलों का परिचालन बंद कर दिया गया था। इन ट्रेनों को शुरू करने राज्य शासन द्वारा 5 अप्रैल को पत्र लिखा गया था, लेकिन इस पर भी कोई अमल नहीं किया गया। अब 23 अप्रैल को 23 ट्रेनों को एक माह के लिए बंद किया गया है, जिससे प्रदेश के लाखों यात्रियों को परेशानी हो रही है। एसीएस ने रेलवे से सभी ट्रेनों को तत्काल बहाल करने का आग्रह किया है।
 

भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोला कांग्रेस सरकार पर हमला

भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोला कांग्रेस सरकार पर हमला

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कह कि नया रायपुर प्रभावित किसान कल्याण समिति द्वारा अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर विगत 03/01/2022 से अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन कर रहे है, परन्तु भूपेश सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर किसानों की मांगों को पूरा करने के बजाय उनके ऊपर लाठीचार्ज कर बर्बरतापूर्ण कार्यवाही कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण आंदोलनरत किसानों पर राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास के समय आंदोलनरत किसानों के ऊपर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कर किसानों के आंदोलन को दबाने व कुचलने का प्रयास किया गया। दूसरी बार अपनी मांग पत्रों को लेकर ज्ञापन सौंपने प्रमुख सचिव के पास मंत्रालय जा रहे किसानों पर पुनः लाठीचार्ज कर मारपीट कर पुलिसिया कार्यवाही किया गया। जिसमें स्थानीय निवासी ग्राम बरौदा के सियाराम पटेल जी का धरनास्थल पर ही निधन हो गया। किसान सियाराम पटेल के मृत्यु के बाद भी आंदोलन जारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी झूठे वादों से बचने के लिए बुढ़ातालाब धरना स्थल पर विद्युत कर्मचारियों के ऊपर पुलिसिया कार्यवाही बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। जिसमें कई कर्मचारियों को गंभीर चोट भी आयी है। उसी दिन 23/04/2022 को धरना स्थल पर सो रहे किसानों के ऊपर मध्यरात्रि को अचानक पुलिसिया कार्यवाही किया गया। वहीं किसानों की गिरफ्तारी कर उन्हें बलपूर्वक हटाया तथा बाकि आंदोलनरत किसानों को तितरबितर करने लाठी व बल का प्रयोग किया गया। तत्पश्चात धरना स्थल पर लगे हुए पंडाल, खाना बनाने के बर्तन, चावल, सामानों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया गया तथा सामानों को जब्त कर थानों में रखा गया व बंदी बनाए गए किसानों को कभी राखी थाना तो कभी जेल परिसर तो कभी माना थाने घुमाकर चकमा देते हुए उनके ऊपर पुलिसिया कार्यवाही किया गया। अन्य आंदोलनरत कर्मचारियों व मितानिनों के ऊपर अत्याचार कर बलपूर्वक पुलिसिया कार्यवाही किया गया। इसी तरह भूपेश सरकार आंदोलनरत किसानों, कर्मचारियों एवं मितानिनों के ऊपर पुलिसिया डर दिखाकर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया।


भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक नवीन मार्कडेय ने प्रदेश सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि क्या पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दिया गया? क्या प्रदेश में व्यक्ति को अपनी बातें रखने का आजादी नहीं है, स्वतंत्रता का गला क्यों घोंटा जा रहा है? क्या एसडीएम के द्वारा आंदोलन समाप्त करने का जो हवाला दिया गया है वह उचित है? पुलिस किसानों को कहां लेकर गई तथा किस धारा के अंतर्गत उन्हें लेकर गया? छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री अन्य प्रांत जाकर बड़ी-बड़ी घोषणा करता है और छत्तीसगढ़ के किसानों के मांग पर जो वादा किया गया था उसे पूरा नहीं कर रहे है बल्कि उसे बर्बरतापूर्वक जूतें की नोक पर कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। किसान हितैषी होने का नाटक करने वाले प्रदेश सरकार क्यों किसानों के ऊपर कभी लाठीचार्ज तो किसानों के द्वारा किए जा रहे आंदोलन को कुचलने का प्रयास पुलिसिया सहारा लेकर कर रही है।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आते ही आपातकाल जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। प्रदेश सरकार अपने किए वादों को पूरा करने के बजाय आंदोलनरत किसानों के ऊपर बर्बरतपूर्वक कार्यवाही कर रहे है। क्या यही है अपने आपको किसान हितैषी बताने वाली सरकार का असली चेहरा। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के ऊपर अत्याचार करना बंद कर उनकी मांगों को पूरा करें नहीं तो भाजपा किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में प्रदेश सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क उतरकर पर आंदोलन करेगी।

इस दौरान पत्रकारवार्ता में किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा, किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष पूनम चंद्राकर, अजय साहू, अनिल नायक मौजूद रहे। 

भाजपा क्यों गुपचुप तरीके से आंदोलन करना चाहती है क्या मंशा है?

भाजपा क्यों गुपचुप तरीके से आंदोलन करना चाहती है क्या मंशा है?

रायपुर, राज्य सरकार के द्वारा पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन जुलूस रैली के लिए पहले से अनुमति लेना अनिवार्य करने का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा धरना प्रदर्शन जुलूस रैली के आयोजन में किसी भी प्रकार से प्रतिबन्ध नही लगाया गया है बल्कि जिला प्रशासन से अनुमति लेने की पूर्व व्यवस्था को सख्ती से पालन करवा रही है तो भाजपा क्यो विरोध कर रही है?जबकि यूपी में योगी सरकार तो इस तरह का आदेश पहले ही लागू कर चुकी है जिसका स्वागत भाजपा कर रही है।भाजपा का यही दोमुंही चाल है भाजपाशासित राज्यो में कोई आदेश व्यवस्था लागू हो तो स्वागत करती है और वही व्यवस्था गैरभाजपा शासित राज्यो में लागू हो तो विरोध करती है। ऐसे में भाजपा की मंशा पर सवाल उठता है आखिर जिला प्रशासन से अनुमति लेकर धरना प्रदर्शन आंदोलन करने से क्यों घबरा रही है?भाजपा गुपचुप तरीके से  जिला प्रशासन को सूचना दिए बगैर आंदोलन क्यों करना चाहती है?जिला प्रशासन से छिपाकर भाजपा आंदोलन के माध्यम से आखिर अपने किस काले मंसूबे को पूरा करना चाहती है?भाजपा क्या आंदोलन में हथियार लहराकर डराने धमकाने की राजनीति करना चाहती है या ऐसे आंदोलन का समर्थन करती है?लोकतांत्रिक तरीको से हर कोई अपना आयोजन कर सकता है आयोजनकर्ता को आयोजन के पहले स्थान समय की जानकारी आंदोलन में शामिल लोगों की संख्या  और माननीय न्यायालय के द्वारा ध्वनि यंत्रो के लिए तय मापदण्ड का पालन करने  एवं आयोजन में कोई हथियार का उपयोग नही करने की सहमति के साथ जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी है। ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित ना हो कानून व्यवस्था बिगड़े नही आमजनता को असुविधा न हो। 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल में लोकतंत्र की हत्या होते रही है।उस दौरान तो शादी ब्याह में बारात निकालने से पहले परमिशन लेना पड़ता था बिना अनुमति बारात निकालने पर पुलिस आकर कार्यवाही करती थी।रमन सरकार ने तो हमारी नर्स बहनों को मासूम बच्चों के साथ जेल में बंद किया था बाथरूम शौचालय  के दरवाजों पर ताला लगवा दिया था शिक्षाकर्मी को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था धमतरी में पानी मांग रहे किसानों के ऊपर लाठीचार्ज किया था जिसमें एक किसान की मौत हो गई थी विकास यात्रा लेकर निकले रमन सिंह ने स्कूल में सुविधा और शिक्षक की मांग कर रहे बच्चियों के ऊपर लाठियां बरसाईं थे।विपक्ष में बैठे जनता की आवाज उठा रहे कांग्रेस नेताओं को तो घरों से बाजारों से  पारिवारिक कार्यक्रमों से पुलिस पकड़ कर जेलों में बंद कर देती थी।दिल्ली में बैठी भाजपा की सरकार हो या भाजपा शासित प्रदेशों की बात कर ली जाए वहां तो लोकतंत्र शून्य हो चुका है जनता सरकार से सवाल नहीं कर सकती? सरकार के सामने अपनी समस्याओं को नहीं रख सकती ?युवा अगर लोकतांत्रिक तरीकों से बात रखें तो भाजपा के नेता उन्हें टुकड़े टुकड़े गैंग के सदस्य बता देते हैं? किसान अपनी समस्या को रखें अपने साथ हो रही अन्याय का विरोध करे तो भाजपा नेता उसे आतंकवादी नक्सली राष्ट्रद्रोही विदेशों से फंडिंग लेकर अशांति फैलाने वाला और न जाने  उन किसानों के ऊपर कितने आरोप लगा देते हैं? भाजपा जो लोकतंत्र की हत्या करने की सोच रखती है वह किस मुंह से लोकतंत्र की दुहाई दे रही है छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र का राज है लोकतंत्र का पूरा सम्मान है लोकतांत्रिक तरीकों से आंदोलन धरना प्रदर्शन जुलूस रैली करने वालों को जिला प्रशासन पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी आम जनता  को असुविधा न हो कानून व्यवस्था बनी रहे और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना जिला प्रशासन का काम है।भाजपा को बताना चाहिए आखिर वह जिला प्रशासन को सूचना दिए बगैर आखिर कर अपने किस मंसूबे को अंजाम देना चाहती है 

प्रशांत किशोर के सामने कांग्रेस ने रखी शर्त, छोड़ना होगा इनका साथ; PK भी मांग रहे है ये...

प्रशांत किशोर के सामने कांग्रेस ने रखी शर्त, छोड़ना होगा इनका साथ; PK भी मांग रहे है ये...

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर जल्द कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। पार्टी के ज्यादातर नेता उन्हें पार्टी में शामिल करने में पक्ष में हैं। उनके विधानसभा और लोकसभा चुनाव की रणनीति की कार्ययोजना का अध्यन करने के लिए गठित समिति ने पार्टी अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में उनको पार्टी में शामिल करने पर सहमति जताते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि उन्हें दूसरे राजनीतिक दलों से खुद को अलग करना होगा।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रशांत किशोर कई राजनीतिक दलों के साथ काम कर रहे हैं। इनमें तृणमूल कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति शामिल हैं। हम चाहते हैं कि वह दूसरे दलों से खुद को अलग कर पूरी तरह सिर्फ कांग्रेस के लए काम करें। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्द इसका औपचारिक ऐलान कर सकती हैं। पार्टी के अंदर उनकी भूमिका कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी के साथ चर्चा के बाद तय की जाएगी।
प्रशांत किशोर ने भी रखी कुछ मांग
प्रशांत ने भी अपनी तरफ से कुछ मांग रखी है। वह अपनी कार्ययोजना को लागू करने के लिए फ्री हैंड चाहते हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा कि प्रशांत सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट करना चाहते हैं। इसके साथ वह चुनावी राज्यों में रणनीति को लागू करने के लिए जरूरी अधिकार भी चाहते हैं। अंतिम फैसला इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
दस जनपथ में हुई बैठक
इस बीच, शुक्रवार को दस जनपथ पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल की लंबी बैठक हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बैठक में प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। सोनिया गांधी इस बारे में जल्द राहुल गांधी से चर्चा कर अंतिम फैसला ले सकती हैं। पार्टी नेता और प्रशांत की कार्ययोजना का अध्यन करने के लिए गठित समिति के सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव रणनीतिकार के तौर पर जो बात बताई हैं, वह अच्छे फार्मेट में हैं। कई अच्छे सुझाव हैं। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके पार्टी में शामिल होने पर उनका कोई विरोध नहीं है।
 

छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री के बिगड़े बोल, कवासी लखमा ने कहा- PM मोदी दो बार बस्तर क्या बाथरूम करने आए?

छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री के बिगड़े बोल, कवासी लखमा ने कहा- PM मोदी दो बार बस्तर क्या बाथरूम करने आए?

छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अमर्यादित बयान दिया है। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आबकारी मंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी दो बार बस्तर आकर गए। यहां आकर वे क्या किए... बाथरूम... यहां की मिट्टी को बेकार किए...। उनके लिए झोपड़ी बनाए, मंच बनाए, स्वागत किए...। देश के लोकतंत्र में प्रधानमंत्री राजा है... राजा है...। लोगों को उनसे उम्मीद थी कि वे बस्तर की जनता को कुछ देंगे।
भूपेश बघेल सरकार के आबकारी मंत्री लखमा ने कहा कि मोदी दंतेवाड़ा और बीजापुर आ रहे थे, तब उस समय लोगों ने सोचा राजा आ रहा है। यहां के लोगों को सुविधा देंगे, सिंचाई के लिए पानी देंगे, लोगों को नौकरी देंगे। उन्होंने एक चपरासी की नौकरी भी नहीं दी। बस्तर के आकांक्षी जिलों में केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को लेकर लखमा ने कहा कि इनका तो चलता नहीं है। ये आ रहे हैं खाली खाकर और घूमकर जाएंगे। दाल-भात खाएंगे और जाएंगे। ये बस्तर में केवल पिकनिक मनाने आए हैं।

 


मोदी-शाह के सामने इनकी नहीं चलती
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मोदी के सामने, अमित शाह के सामने इनकी (छत्तीसगढ़ के बस्तर दौरे पर आए केंद्रीय मंत्रियों) कुछ नहीं चलती है, जिसकी चलनी थी वो खुद आए और कुछ नहीं दिए तो ये क्या देंगे। मैं इसकी निंदा करता हूं...। दरअसल, आबकारी मंत्री कवासी लखमा सुकमा जिले के चिंतलनार पहुंचे थे। सड़क निर्माण का उन्होंने उद्घाटन किया। इस बीच कवासी लखमा ने मीडिया से बातचीत करते हुए पीएम पर अमर्यादित बयान दिया।

Source: Hindustan Live
 

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले - बीजेपी मुख्यालय पर चला दो बुलडोजर, जाने क्या है पूरा मामला

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले - बीजेपी मुख्यालय पर चला दो बुलडोजर, जाने क्या है पूरा मामला

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जहांगीरपुरी को लेकर कहा है कि, BJP ने अराजकता का माहौल बना रखा है. वह हर तरफ़ गुंडाई और लफंगाई का नाम बन गई है. अगर ये गुंडागर्दी और लफंगाई को बंद करना है तो इसका सरल तरीका है कि भाजपा के मुख्यालय में बुलडोज़र चला दो, लफंगों के मुख्यालयों में अपने आप बुलडोज़र चल जाएगा.
आपको बता दे सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर पर दिए अपने आदेश के बावजूद भी चल रही तोड़फोड़ की कार्रवाई पर दोबारा कहा कि इस पर तुरंत रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि चीफ जस्टिस को बताया था कि कार्रवाई अभी भी जारी है. चीफ जस्टिस ने कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को जानकारी देने के लिए कहा. कोर्ट ने कहा कि एमसीडी और पुलिस कमिश्नर को आदेश की कॉपी दी जाए.
वही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहांगीरपुरी में कार्रवाई को लेकर कहा कि, ये भारत के संवैधानिक मूल्यों का विध्वंस है. ये सत्ता की तरफ से गरीबों और अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. बीजेपी को अपने दिल में भरी नफरत पर बुलडोजर चलाना चाहिए.
 

मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा, नगरीय निकायों की संपत्तियां होगी फ्री होल्ड

मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा, नगरीय निकायों की संपत्तियां होगी फ्री होल्ड

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विभिन्न विभागों के कामकाजों की समीक्षा कर रहे है। इन बैठकों के दौरान मुख्यमंत्री ने जहां नगरीय निकायों की संपत्तियों को फ्री होल्ड करने की बड़ी घोषणा की है, वहीं ले आउट पास कराने का अधिकार भी नगर निगम को देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज नगरीय प्रशासन, आवास एवं पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक ली।

इस बैठक में बघेल ने बड़ा निर्णय लेते हुए नगरीय निकायों की संपत्तियों को फ्री होल्ड करने का फैसला लिया। साथ ही लेआउट पास करने का अधिकार नगर निगम को देने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले से लाखों की संख्या में लोगों को फायदा होगा। इस निर्णय के बाद लोगों को दो दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को राजपत्रित अधिकारी घोषित किये जाने का भी निर्णय लिया है। इस निर्णय से नगरीय निकायों के अधिकारियों में खुशी की लहर है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में जेनेरिक दवाईयों को लेकर भी कड़े तेवर दिखाये। उन्होंने बैठक में कहा कि सरकारी डॉक्टर जेनेरिक दवाईयां ही लिखे। ब्राण्डेड दवाईयां लिखे जाने पर कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., आयुक्त, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल डॉ अयाज भाई तम्बोली, टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग के संचालक जय प्रकाश मौर्य, सूडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौमिल रंजन चौबे सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हैं।

 

मुंबई में जुटेंगे गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सीएम ममता ने भेजा पत्र

मुंबई में जुटेंगे गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सीएम ममता ने भेजा पत्र

मुंबई। मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए जल्दी ही मुंबई में गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों का एक सम्मेलन होने की संभावना है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है जहां भाजपा सत्ता में नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा है कि देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने की जरूरत है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनके इस प्रस्ताव पर चर्चा की है। जिसके बाद मुंबई में इस तरह का एक सम्मेलन आयोजित करने के प्रयास शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में बेरोजगारी, महंगाई, केंद्रीय जांच एजेंसियों के 'दुरुपयोग', सांप्रदायिक कलह पैदा करने के प्रयास आदि समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
राउत ने आरोप लगाया कि रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए जुलूसों पर हुए हमले वोटरों का ध्रुवीकरण करने के लिए राजनीतिक रूप से प्रायोजित थे। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं उन राज्यों में हो रही हैं, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं।
इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे पर भी हमला किया। उन्होंने राज ठाकरे को 'नया हिंदू ओवैसी' बताया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी एक 'हिंदू ओवैसी' ने हनुमान जयंती पर शांति भंग करने के सभी प्रयास किए, लेकिन यहां लोग और पुलिस धैर्यवान और मजबूत हैं।
गौरतलब है कि 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने शनिवार को देश में अभद्र भाषा और सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। इन दलों के नेताओं ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया। एक संयुक्त बयान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके तमिलनाडु और झारखंड के समकक्ष एम के स्टालिन और हेमंत सोरेन सहित अन्य नेताओं ने भी भोजन और पहनावे से संबंधित मुद्दों पर चिंता जताई। इन नेताओं ने कहा कि समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए सत्ता पक्ष द्वारा लोगों की आस्था, त्योहारों और भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मनसे प्रमुख ने शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर पुणे में भगवान हनुमान की 'महा आरती' की थी। इस दौरान पुणे में राज ठाकरे को हिंदुओं के नेता के रूप में घोषित करने वाले पोस्टर लगाए गए थे, जिससे सत्तारूढ़ शिवसेना को नाराज हो गई थी।
 

आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगी राजीव गांधी किसान न्याय योजना : भूपेश बघेल

आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगी राजीव गांधी किसान न्याय योजना : भूपेश बघेल

रायपुर : मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के लिए हमने इस बार भी 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। इसका मतलब यह है कि योजना चालू रहेगी। विगत दो वर्षों में इस योजना के माध्यम से 11 हजार 180 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। एक सवाल का जवाब देते हुए उक्त बातें मुख्यमंत्री बघेल ने अपनी रेडियो वार्ता लोकवाणी की 28 वीं कड़ी में कहीं।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 28वीं कड़ी में प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है। प्रदेश की खुशहाली में जनभागीदारी की सर्वाधिक भूमिका रहे, प्रदेश की समृद्धि में प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी की भागीदारी रहे, यह हम सुनिश्चित करेंगे। हमारी सरकार जनहित और राज्य के विकास के लिए चट्टान की तरह मजबूती से काम कर रही है। कोरोना संकट, जीएसटी और केन्द्रीय करों के हिस्से में कमी के बावजूद राजस्व आधिक्य का बजट प्रस्तुत किया गया है। राज्य का ऋण भार और वित्तीय घाटा लगातार कम हो रहा है तथा पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ रहा है। आज प्रसारित लोकवाणी -‘नवा छत्तीसगढ़, नवा बजट’ विषय पर केन्द्रित रही। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद अब तक का सबसे बड़ा बजट राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया है। राज्य के बजट का आकार एक लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए है।

 


मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में श्रोताओं की जिज्ञासाओं का सिलसिलेवार जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ की मजबूत आर्थिक स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख करोड़ के ऊपर पहुंचना, प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के राज्य सरकार के बजट में हमने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में बजट प्रावधान किया है, वहीं सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र को भी बराबर तवज्जो दी है। कृषि क्षेत्र को लेकर हमारी प्राथमिकता बहुत ही मुखर है। वर्ष 2022-23 में कृषि बजट के लिए 20 हजार 405 करोड़ रुपए की राशि रखी है। हम अपने संसाधनों के सम्मान, वेल्यू-एडीशन, अपनी मेहनतकश जनता की लगन और मेहनत को सही मान और राज्य के उत्पादन को सही दाम दिलाते हुए आगे बढ़ेंगे। हमारी इसी रणनीति के कारण छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति को सहारा मिला।


मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विभिन्न पर्वों की दी बधाई

मुख्यमंत्री भपेश बघेल ने लोकवाणी की शुरूआत छत्तीसगढ़ी भाषा में की। उन्होंनें कहा जम्मो सियान-जवान, दाई-दीदी, नोनी-बाबू मन ल जय जोहार। जय सियाराम। आप सब ल रामनवमी, डॉ. अम्बेडकर जयंती, महावीर जयंती, बैसाखी, हाटकेश्वर जयंती, श्रीमद् वल्लभाचार्य जयंती, ईद-उल-फितर के गाड़ा-गाड़ा बधाई। हमर छत्तीसगढ़ के प्राचीन नाम दक्षिण कोसल रिहिस। हमर छत्तीसगढ़ म भगवान राम ल भांचा माने जाथे। ते पायके हमन, छत्तीसगढ़ म माता कौशल्या, भगवान राम, सीता माता, लवकुश के चिन्हारी के सुरता हमेशा-हमेशा के लिए मजबूत करे बर, राम वन गमन पथ विकसित करत हन। कोरिया ले सुकमा जिला तक 2 हजार 660 किलोमीटर म राम वन गमन के चिन्हारी ल संजाए जाथे। प्रथम चरण म 9 जगह म विकास के बूता करे जाथे। ओमा दू जगह लोकार्पण करे गे हे। चंदखुरी अउ शिवरीनारायण म विकास कार्य के लोकार्पण बताथे के हमन मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रद्दा म चलत हन। ‘‘प्राण जाए पर वचन न जाए’’ हमर सिद्धांत हे। जनता ल दिए वचन निभाए के खातिर हमर नेता मन घलो बलिदान दे हे। हर कीमत म हमन वादा पूरा करबो, ऐला जनता मन जानथे अउ मानथे।


लोकवाणी में रायपुर जिले के मलदा गांव के उमाकांत वर्मा, छत्तीसगढ़ को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट प्रस्तुत करने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। रायपुर के राजेश वासवानी ने राजस्व आधिक्य का बजट पेश करने और कोरोना की चुनौती के बावजूद बजट में कोई भी नया कर व्यापारियों के ऊपर नहीं लगाने के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि एक जमाना था जब दिल्ली की यूपीए सरकार द्वारा प्रदेश को केन्द्र से अधिक राशि दी जाती थी, लेकिन तब भी हमारे प्रदेश में आधिक्य का बजट नहीं बना था। अब की स्थिति में तो हमारे बजट में राज्य और केन्द्र की राशि लगभग बराबर है। इसके अलावा जीएसटी से संबंधित समस्या और भी अधिक गहरा रही है। इसके बावजूद हमने अपने राज्य की कुशलता के आधार पर आधिक्य का बजट बनाया है। हमारी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर छत्तीसगढ़ को जिस मुकाम पर पहुंचाया है, उस पर पूरे प्रदेशवासियों का सिर, सम्मान और गौरव से ऊंचा हुआ है।


बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत का प्रावधान

लोकवाणी में कबीरधाम जिले के रणवीरपुर की आम्रपाली सहारे के बजट की प्राथमिकता के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 45 प्रतिशत है। हमारे बजट के कुल प्रावधान में 33 प्रतिशत राशि अनुसूचित जनजाति के लिए और 12 प्रतिशत राशि अनुसूचित जाति के लिए है। सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में देखें तो हमने 40 प्रतिशत प्रावधान आर्थिक क्षेत्र के लिए रखा है तो इसके करीब ही 37 प्रतिशत का प्रावधान सामाजिक क्षेत्र के लिए भी किया है। राजनांदगांव मोहला के संजय जैन ने राज्य की ऋण स्थिति के संबंध में पूछा। मुख्यमंत्री बघेल ने सवाल जवाब देते हुए कहा कि 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में हमें 41 हजार 695 करोड़ का ऋण भार विरासत में मिला था। हमारी सरकार बनने के बाद शुद्ध ऋण में वृद्धि 42 हजार 528 करोड़ है।

इसके पीछे एक बड़ा कारण है कि भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलने के कारण हमें जीएसटी ऋण लेने के लिए कहा गया, अगर हमें जीएसटी की राशि मिल जाती तो ऋण नहीं लेना पड़ता। इसमें वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भारत सरकार से प्राप्त जीएसटी ऋण 8 हजार 74 करोड़ तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 568 करोड़ सहित कुल 8 हजार 642 करोड़ शामिल है। इसे कम करने पर सरकार द्वारा लिया गया शुद्ध ऋण केवल 33 हजार 886 करोड़ है। विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ की कमी तथा कोविड-19 आपदा के कारण राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं भी एक बड़ा कारण है, जिससे हमें यह ऋण लेना पड़ा। हमने वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का शुद्ध ऋण लिया। वर्ष 2022-23 के बजट में इसे और भी कम करते हुए शुद्ध ऋण 7 हजार 100 करोड़ किया गया है। इस प्रकार ऋण लेना लगातार कम किया जा रहा है। हमने जो भी ऋण लिया है, उसका लाभ किसानों तथा जरूरतमंद परिवारों को मिल रहा है और लौटकर अर्थव्यस्था में आ रहा है। इस तरह से हमने एक ओर जहां धीरे-धीरे ऋण भार को कम करने में सफलता पाई है, वहीं दूसरी ओर जनहित के कार्यों को थमने नहीं दिया है।


अनेक चुनौतियों के बावजूद किया गया स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कोरिया जिले के चिरमिरी के राहुल भाई पटेल पूंजीगत व्यय के संबंध में पूछा। मुख्यमंत्री ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 का पूंजीगत व्यय 14 हजार 191 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 के बजट में 15 हजार 241 करोड़ रखा गया है। इस प्रकार पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है। हमें सरकार चलाते हुए सिर्फ तीन साल हुए हैं। हमसे पहले जब सामान्य परिस्थितियां थीं, केन्द्र से राज्य के हक की राशि बराबर मिल रही थी, और कोरोना शुरू भी नहीं हुआ था तब भी प्रदेश के मुख्य बजट में पूंजीगत व्यय 15 हजार करोड़ के आसपास ही था। 15 साल का औसत तो और भी कम होगा। वैसे भी कोरोना संकट जैसी स्थिति में सरकार की प्राथमिकता दवा, उपचार की सुविधा बढ़ाना, अस्पतालों का विस्तार करना, रोजी-राहत का इंतजाम करना था, ऐसे समय की सबसे बड़ी प्राथमिकता राहत कार्यों की होती है। पूंजीगत व्यय की नहीं। फिर भी हमने संतुलन बनाए रखा। हमने पूंजीगत व्यय को कम नहीं होने दिया। इसलिए आप विश्वास रखिए, हमारी सरकार जनहित और राज्य के विकास के लिए चट्टान की तरह मजबूती से काम कर रही है।


मुख्यमंत्री बघेल ने कोरबा के डॉ. सूरज कुमार गोहिल द्वारा वित्तीय घाटे को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि वर्ष 2021-22 में सकल वित्तीय घाटा 15 हजार 257 करोड़ था। वर्ष 2022-23 के लिए इसे कम करते हुए 14 हजार 600 करोड़ अनुमानित रखा गया है। इसमें 3 हजार 400 करोड़ 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की राशि शामिल है, जिसे कम करने पर यह घटकर 11 हजार 200 करोड़ होगा, जो वर्ष 2022-23 के लिए राज्य की जीएसडीपी का केवल 2.55 प्रतिशत होगा। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा से काफी कम है। अतः वित्तीय घाटा भी लगातार कम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने जिस विश्वास के साथ हमारे हाथों में सरकार की बागडोर सौंपी है, उस भरोसे पर खरे उतरने के लिए हम भरपूर मेहनत कर रहे हैं और उसकी सफलता आपके सामने है।


राज्य सरकार किसी भी हालत में अपने वायदे से पीछे हटने वाली नहीं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धमतरी जिले के ग्राम-जी जामगांव, शुभम दास बघेल ने जानना चाहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ नए वित्तीय वर्ष में भी चालू रहेगी या नहीं? कोण्डागांव जिले के ग्राम बरगई महेश कुमार बघेल ने नए बजट में वन अंचल और ग्रामीण अंचल के विकास के लिए किए गए प्रावधानों के संबंध में जानना चाहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के लिए हमने इस बार भी 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। इसका मतलब यह है कि योजना चालू रहेगी। विगत दो वर्षों में इस योजना के माध्यम से 11 हजार 180 करोड़ रुपए की राशि दी गई है।


उन्होंने कहा कि आप विश्वास रखिए कि हम किसी भी हालत में अपने वायदे से पीछे हटने वाले नहीं हैं और जो काम शुरू किए हैं, उन्हें आगे भी जारी रखेगें ताकि धान के किसानों को विभिन्न योजनाओं के सहयोग से 2500 रुपए प्रति क्विंटल से कम दाम किसी भी सूरत में न मिले। गन्ना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 से बढ़ाकर 355 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। किसानों को उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज दिलाने के लिए ‘कृषक समग्र विकास योजना’ में 123 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है। ‘चिराग परियोजना’ के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। फल-फूल और सब्जी की खेती के लिए किसानों को अनुदान सहायता दी जाएगी। कृषि तथा उद्यानिकी फसलों के सुरक्षित भण्डारण के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना की जाएगी। फसल बीमा योजना के लिए 575 करोड़ रुपए का प्रावधान तथा खाद्य सुरक्षा मिशन, ड्रिप और स्प्रिंकलर तथा कृषि उपकरणों के लिए 470 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने का संकल्प भी हम पूरा करने जा रहे हैं। यहां बुनियादी अधोसंरचना के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


लोकवाणी में महासमुन्द, झलप के पवन दास मानिकपुरी ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल करके एक तरह से नई उम्मीद जगा दी है। रायपुर, मोवा के टिकेश साहू ने पीएससी और व्यापम का परीक्षा शुल्क माफ करने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। सूरजपुर, कुरूवा की श्रीमती रंजना जायसवाल जनप्रतिनिधियों का मानदेय और विकास निधि बढ़ाने की घोषणा के बारे में जानना चाहा
समाज के हर वर्ग के आर्थिक स्वावलंबन का प्रयास मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक जनकल्याणकारी सरकार हैं। मेरा यह मानना है कि समाज के हर वर्ग को आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ाना हमारा कर्त्तव्य है। मैंने बजट में यह घोषणा की है कि पीएससी तथा व्यापम अब अपने परीक्षार्थियों से परीक्षा शुल्क नहीं लेगा। बजट के बाद भी एक नई घोषणा करते हुए हमने विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से होने वाली परीक्षाओं में भी परीक्षा शुल्क माफ कर दिया है। इस तरह हम युवाओं की मदद के लिए एक कदम और आगे बढ़े हैं। आदिवासी अंचलों में देवस्थलों पर पूजा करने वाले, मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी से लेकर हाट पाहर्या, बाजा मोहरिया आदि लोगों को ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ से जोड़ने की घोषणा की गई है। इस योजना के सभी पात्र हितग्राहियों को मिलने वाली वार्षिक सहायता राशि 6 हजार से बढ़ाकर 7 हजार रुपए कर दी गई है। कुंभकार परिवारों को विद्युत चाक का वितरण किया जाएगा। शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि का प्रावधान किया गया है।


विधायकों से लेकर त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के लिए क्रांतिकारी प्रावधान विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ की गई है। जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, जिला पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार एवं जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह किया गया है। जनपद पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, जनपद पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार एवं जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1 हजार 500 से बढ़ाकर 5 हजार प्रतिमाह किया गया है। सरपंचों का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार एवं पंचों का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिमाह किया गया है। विकास निधि में जिला पंचायत अध्यक्षों को 15 लाख, उपाध्यक्षों हेतु 10 लाख एवं सदस्यों हेतु 4 लाख रुपए प्रतिवर्ष के मान से देने का प्रावधान किया गया है। जनपद पंचायत अध्यक्षों को 5 लाख, उपाध्यक्षों को 3 लाख एवं सदस्यों को 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष के मान से विकाास निधि के रूप में देने का भी प्रावधान किया गया है। इसी तरह महापौर, सभापति, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों का मानदेय दोगुना करने के साथ विकास निधि को डेढ़ गुना बढ़ाया जाएगा। इस तरह हमने विधायकों से लेकर त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारियां बेहतर ढंग से निभाने के लिए बड़े क्रांतिकारी प्रावधान किए हैं। जनप्रतिनिधियों को सक्षम बनाने पर वे अधिक कुशलता और लगन से काम करेंगे। इतना ही नहीं, ग्राम पंचायतों को और सशक्त बनाने के लिए अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किए जाने का प्रावधान भी किया गया है।


बस्तर संभाग में 30 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि नारंगी वन क्षेत्र से राजस्व मद में दर्ज की गई मुख्यमंत्री बघेल ने युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। इससेे वहां के निवासियों को कृषि एवं व्यवसाय हेतु पट्टे दिए जा सकेंगे। नए उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। सरकारी भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य कार्यों के लिए भी सरलता से भूमि मिल सकेगी। मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत की जाएगी। गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने, प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना करने, महिला स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा देने, अधोसंरचना विकास के विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए भरपूर प्रावधान हमने किए हैं। 65 वनोपजों का समर्थन मूल्य पर क्रय, कैम्पा मद का उपयोग, वन प्रबंधन समितियों की भागीदारी आदि से वन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। महात्मा गांधी नरेगा, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना, उत्थान परियोजना, मिलाप परियोजना आदि से ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए साधन विकसित होंगे। जशपुर के मदन तिर्की ने वर्ष 2022-23 के बजट में स्थानीय युवाओं के साथ ही वन क्षेत्रों, ग्रामीण अंचलों में रोजगार के लिए की गई पहल के संबंध में जानना चाहा था।


नए जिलों में 1100 पदों की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक नौकरी का सवाल है, नए जिलों के लिए 1 हजार 100 पद, नई तहसीलों और अनुविभागों के लिए 161 पद, नई पुलिस चौकियों तथा थानों के लिए 350 पद, बिलासपुर तथा जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 पद स्वीकृत किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 2 वर्षों में 2 हजार 409 पदों पर भर्ती की जा चुकी है और 195 नए पद सृजित किए गए हैं। जरूरत अनुसार इसे बढ़ाया भी जाएगा। इसके अतिरिक्त बस्तर संभाग में सहायक आरक्षकों को वेतन भत्ते, पदोन्नति आदि का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक्ट फोर्स नामक नवीन कैडर के गठन से युवाओं को लाभ होगा।


मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान मुंगेली जिले की भारती ताम्रकार ने अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्रों में बजट प्रावधान जानने चाहे। मुख्यमंत्री बघेल ने इस संबंध में कहा कि जनता की मांग को देखते हुए हमने मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। ताकि स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी जैसे सरकारी भवनों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा लोक निर्माण विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपए लागत की सड़कें बनाई जाएंगी। नक्सल प्रभावित अंचलों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। दूरस्थ आदिवासी अंचल जगरगुंडा, जिला सुकमा सहित 3 स्थानों पर 90 बिस्तर के अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। अम्बिकापुर, कांकेर तथा रायपुर के मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं के उन्नयन हेतु प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय खोलने के अलावा 80 से अधिक शालाओं का दर्जा बढ़ाया जाएगा। 100 से अधिक शालाओं में सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।


जगदलपुर, बासीन और माकड़ी में शासकीय महाविद्यालय मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए बजट प्रावधान मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए जगदलपुर जिला बस्तर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए बजट प्रावधान है। शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु बजट प्रावधान है। भवन विहीन 18 सरकारी कॉलेजों के लिए नवीन भवन का निर्माण तथा 22 कॉलेजों में अतिरिक्त कमरों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर, जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है।
 

खैरागढ़ का जनादेश विनम्रतापूर्वक  स्वीकार, मतदाताओं का सम्मान, धन्यवाद : भाजपा

खैरागढ़ का जनादेश विनम्रतापूर्वक स्वीकार, मतदाताओं का सम्मान, धन्यवाद : भाजपा

रायपुर | छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के नतीजे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा जनादेश का सम्मान करती है। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने विजयी प्रत्याशी को बधाई दी। 


श्री साय ने कहा कि जनता के हित में भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ भाजपा लगातार संघर्षरत रहेगी। भाजपा के कार्यकर्ता कांग्रेस घोषणा पत्र के सभी 29 बिंदुओं पर अमल के लिए इसी क्षण से भूपेश बघेल सरकार के विरुद्ध संघर्ष करने तैयार हैं। हम अपने सभी कार्यकर्ताओं की संघर्ष क्षमता को नमन करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं, जिन्होंने सत्ता और उसके चाटुकार प्रशासन की तानाशाही तथा कांग्रेस के कारनामों का जमकर मुकाबला किया।

प्रदेश भाजपाध्यक्ष श्री साय ने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस ने अनैतिकता की हद पार कर दी। कांग्रेस ने शासन-प्रशासन का खुला दुरुपयोग किया। यह चुनाव कांग्रेस ने नहीं बल्कि प्रशासन ने लड़ा। जिसमें सरकारी मशीनरी का सौ फीसदी दुरुपयोग किया गया है। यह कांग्रेस के हथकंडों और अनैतिक दुष्प्रचार की जीत तथा लोकतंत्र की पवित्रता पर डाका है। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले चुनाव में पूरे प्रदेश से कांग्रेस की अलोकतांत्रिक तरीके अपनाकर जनता को छलने वाली सरकार के सफाये के लिए भाजपा के कार्यकर्ता संघर्ष करेंगे।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस ने पहले जनता को झांसा देकर सत्ता हासिल की। उसके बाद जनता के साथ हर मुद्दे पर वादाखिलाफी की। यही झाँसेबाजी खैरागढ़ उपचुनाव में भी की गई है। कांग्रेस के घोषणा पत्र के सभी बिंदु उसकी सरकार की विफलता का दस्तावेज हैं। साढ़े तीन साल तक कांग्रेस की सरकार ने अगर कोई काम किया होता तो खैरागढ़ उपचुनाव में 29 वादे करने की जरूरत नहीं पड़ती। भूपेश बघेल ने न तो जनघोषणा पत्र के वादे पूरे किए हैं और न ही खैरागढ़ उपचुनाव के घोषणा पत्र में किये गए वादे पूरे होने वाले। भाजपा इन वादों को पूरा करने जनता के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क की लड़ाई लड़ेगी।