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खैरागढ़ उपचुनाव : भाजपा ने कोमल जंघेल को बनाया प्रत्याशी

खैरागढ़ उपचुनाव : भाजपा ने कोमल जंघेल को बनाया प्रत्याशी

रायपुर : कांग्रेस और जनता कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। खैरागढ़ उपचुनाव के लिए भाजपा ने कोमल जंघेल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने इस नाम पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है।

चुनाव आयोग के मुताबिक 24 मार्च नामांकन का आखिरी दिन होगा। नामांकन पत्रों की जांच 25 मार्च को होगी। 28 मार्च तक प्रत्याशी नामांकन वापस ले सकेंगे। इसके बाद 12 अप्रैल को मतदान होगा।

वहीं, 16 अप्रैल को मतगणना होगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधान सभा सीट विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हुई है।

 

कांग्रेस ने खैरागढ़ उपचुनाव के लिए यशोदा वर्मा को बनाया प्रत्याशी

कांग्रेस ने खैरागढ़ उपचुनाव के लिए यशोदा वर्मा को बनाया प्रत्याशी

रायपुर : खैरागढ़ उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से खैरागढ़ की स्थानीय महिला प्रत्याशी यशोदा वर्मा ताल ठोंकेंगी। इस बात की घोषणा नई दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय से जारी की गई है।

बता दें कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-73 खैरागढ़ अंतर्गत पुरूष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 6 हजार 252 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 5 हजार 229 है। जो 12 अप्रैल 2022 को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

निर्वाचन व्यय पर नजर रखने के लिए 9 स्थैतिक निगरानी दल कार्यरत है। इसी प्रकार निर्वाचन संबंधी शिकायतों की जांच एवं निर्वाचन व्यय पर नजर रखने के लए 9 उडऩदस्ता दल 24 घंटे कार्यरत है। दलों को पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान कर निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया गया है।
 

कांग्रेस को बड़ा झटका, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत 23 नेता आप में शामिल

कांग्रेस को बड़ा झटका, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत 23 नेता आप में शामिल

शिमला : पंजाब में जीत के बाद आम आदमी पार्टी में दूसरे दलों के नेताओं का शामिल होने का सिलसिला तेज हो गया है। हरियाणा के बाद अब हिमाचल प्रदेश के नेता आप में शामिल होने लग गए है। कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश शाखा का एक बड़ा हिस्सा सोमवार को आप में शामिल हो गया।

आम आदमी पार्टी के हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन ने हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मनीष ठाकुर सहित 23 अन्य युवा नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई।

आप में यूथ कांग्रेस के साजिद अली, अत्तर कपूर, राकेश ठाकुर, गौरव ठाकुर, जय लाल शर्मा, गौरव बंचैक, भानु शर्मा, ईशान ओहरी, सुधीर सुमन, जसवीर सिंह, विवेक जसवाल, मनोज शर्मा, जगपाल चौहान, पदम नेगी, पंकज सिंगला, प्रवेश शर्मा, रितेश मेहता, राधेश्याम, रोनी घेड़ा, अनीश राठौर, विशाल दुरी, चेतन चौहान व सागर क्लांटा शामिल हुए।

इस अवसर पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि पार्टी को पूरे हिमाचल प्रदेश से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है और लोग बदलाव के लिए मतदान करने के लिए तैयार है। आम आदमी पार्टी के गवर्नेंस मॉडल की मांग पूरे देश में हो रही है। दूसरी पार्टियों में कई अच्छे लोग हैं जो आम आदमी पार्टी से जुड़ कर इस बदलाव की राजनीति का हिस्सा बनना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि एक हफ्ते पहले आम आदमी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इसके बाद पूरे राज्य से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। हिमाचल प्रदेश के कई युवा और जागरूक नेता आज आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए आगे आए हैं।
 

राज्यसभा के लिए आप ने घोषित किए उम्मीदवार, लिस्ट में शामिल हुए ये नाम...

राज्यसभा के लिए आप ने घोषित किए उम्मीदवार, लिस्ट में शामिल हुए ये नाम...

चंडीगढ़ : पंजाब से राज्यसभा की पांच सीटों के लिए नामांकन का सोमवार को अंतिम दिन है। इन सीटों के लिए क्रिकेटर हरभजन सिंह, पंजाब के आप सह प्रभारी राघव चड्ढा, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर संदीप पाठक के नाम घोषित किए गए हैं। वहीं लिस्ट में शामिल एक नाम ने सभी को चौंका दिया है। आप ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर अशोक मित्तल के नाम का भी एलान किया है। मित्तल का नाम अभी तक कहीं चर्चा में नहीं था।

वहीं पंजाब से बाहर के लोगों के नाम सामने आने से विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने कहा है कि राज्यसभा के लिए प्रत्याशी पंजाब से बाहर के नहीं होने चाहिए। खैरा ने नामों की लिस्ट ट्वीट करते हुए कहा कि यदि ये संभावित राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची है तो यह पंजाब के लिए सबसे दुखद खबर है और यह हमारे राज्य के लिए पहला भेदभाव होगा। हम किसी भी गैर-पंजाबी को नामांकित किए जाने का डटकर विरोध करेंगे। यह आप कार्यकर्ताओं के साथ भी एक मजाक है, जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया है। उन्होंने लिखा कि भगवंत मान से मेरा निवेदन है कि बीबी खालरा जैसे लोगों को राज्यसभा सदस्य बनाकर सम्मान किया जाए जो पुलिस की बर्बरता के शिकार हुए हैं।

पंजाब के विधानसभा चुनाव में आप ने 117 में से 92 सीटों पर विजय हासिल की है। इस कारण से राज्यसभा की खाली हो रहीं पांच सीटों पर आप के प्रत्याशियों की जीत होनी तय है। नामों की घोषणा नहीं किए जाने से आम आदमी पार्टी राज्य के विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के मुख्य प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलियेवाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को कहा है कि पंजाब ने उन पर भरोसा किया है। पंजाब के लोगों द्वारा किए गए विश्वास पर उन्हें खरा उतरना है। उन्होंने पंजाब में आप के सह प्रभारी राघव चड्ढा का नाम राज्यसभा के लिए प्रस्तावित किए जाने की चर्चा के बाद यह बयान दिया है। हालांकि पार्टी की तरफ से अभी तक किसी भी उम्मीदवार के नाम की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
 

छत्तीसगढ़ के अखाड़े में AAP की एंट्री, केजरीवाल ने किया विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान

छत्तीसगढ़ के अखाड़े में AAP की एंट्री, केजरीवाल ने किया विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान

पंजाब में शानदार जीत के बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) की नजर अब छत्तीसगढ़ पर है और अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने अगले साल आदिवासी बहुल राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। योजना के तहत, आप के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को छत्तीसगढ़ के दो-दिवसीय दौरे पर जाएंगे, ताकि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को गति दी जा सके। छत्तीसगढ़ में फिलहाल कांग्रेस का शासन है। आप की पूर्वांचल इकाई के प्रभारी और बुराड़ी से विधायक संजीव झा, राय के साथ छत्तीसगढ़ जाएंगे।
आप के एक नेता ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान राय आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की कार्य योजना तैयार करने के लिए आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें करेंगे और राज्य में बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान भी शुरू करेंगे। वह रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पार्टी के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन करेंगे।

आप के एक नेता ने कहा कि सोमवार को, राय पंजाब में पार्टी की शानदार जीत को रेखांकित करने के लिए रायपुर में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा निकाली जाने वाली विजय यात्रा में भाग लेंगे और पार्टी को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के एक विकल्प के रूप में पेश करेंगे।
यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा, 'यह यात्रा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए हमारी कार्य योजना तैयार करने के लिए है। अपनी विजय यात्रा के माध्यम से हम अपनी पार्टी का संदेश जनता तक पहुंचाएंगे।' आप के दिल्ली संयोजक राय ने कहा कि पार्टी ने अगले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, क्योंकि राज्य के लोग, खासकर युवा और महिलाएं, कांग्रेस सरकार से निराश हैं और 'बदलाव' चाहते हैं।

उन्होंने कहा, 'अलग राज्य के रूप में गठन के बाद 15 वर्षों तक, भाजपा शासित छत्तीसगढ़ ने अपने वादों को पूरा नहीं किया। पिछले विधानसभा चुनाव में, लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया और कांग्रेस को अपना जनादेश दिया।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने साढ़े तीन साल के शासन के दौरान राज्य के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में भी 'पूरी तरह से विफल' रही है।
राय ने कहा, 'कांग्रेस जहां आंतरिक झगड़ों से त्रस्त है, वहीं राज्य के लोगों, विशेषकर युवाओं, महिलाओं और आदिवासियों में बहुत निराशा है। उन्होंने भाजपा शासन और कांग्रेस को भी देखा है। अब, वे बदलाव चाहते हैं।' आप ने 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कुल 90 सीटों में से 85 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी।

source: hindustan news 

भाजपा विधायक दल की बैठक आज , शामिल होने इंफाल पहुंचे सीतारमण और रिजिजू

भाजपा विधायक दल की बैठक आज , शामिल होने इंफाल पहुंचे सीतारमण और रिजिजू

इंफाल : मणिपुर में लगातार दूसरी बार सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी में अगली राज्य सरकार के कार्यभार को लेकर चर्चा जारी है। राज्य के नेतृत्व पर अभी कोई नाम स्पष्ट नहीं किया गया है। इसी कड़ी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू आज सुबह (20 मार्च) बीरेन सिंह और बिस्वजीत सिंह के साथ इंफाल पहुंचे। भाजपा मणिपुर की विधायक दल की बैठक दोपहर 3 बजे होने की संभावना जताई गई है।

मणिपुर के अगले मुख्यमंत्री के नाम और सरकार गठन पर चर्चा के लिए भाजपा के केंद्रीय नेताओं द्वारा बैठकें की जा रही है। वहीं बीते सोमवार को, भाजपा संसदीय बोर्ड ने मणिपुर भाजपा विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को केंद्रीय पर्यवेक्षक के लिए, जबकि न्याय मंत्री किरेन रिजिजू को सह-पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया था।

कौन-कौन होगा बैठक में शामिल इस खास बैठक में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ मणिपुर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और भाजपा नेता विश्वजीत सिंह भी होंगे जो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ सरकार गठन पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के अनुसार बताया गया है कि भाजपा मणिपुर की विधायक दल की बैठक रविवार दोपहर 3 बजे शुरू हो सकती है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री पद के लिए एन बीरेन सिंह और विश्वजीत सिंह को सबसे आगे के रूप में देखा जा रहा है। वहीं इन सभी चर्चाओं के बीच, सीएम बीरेन सिंह ने कहा था कि उन्होंने कभी भी सीएम या किसी अन्य पद के लिए चुनाव नहीं लड़ा। वह अपने आप को भाजपा का एक कार्यकर्ता मानते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने कभी भी सीएम या किसी अन्य पद के लिए चुनाव नहीं लड़ा, बल्कि अपनी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में हुं। निर्णय (मुख्यमंत्री के चेहरे पर) उच्च अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा। मैं भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने दिल्ली आया हूं। मुख्यमंत्री हो या कोई मुख्यमंत्री नहीं, मैं वह हूं जिसने पार्टी के हित में काम किया है और आगे भी करता रहूंगा।

वहीं दूसरी तरफ बिस्वजीत सिंह ने भी राज्य के अगले मुख्यमंत्री की दौड़ में उनके बारे में चल रही अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, बिस्वजीत सिंह ने कहा, 'मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। हमारा आपस में कोई समूह नहीं है, यह पक्का है। भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है, और नेतृत्व यह (सीएम मुद्दा) तय करेगा। आपको बता दें कि मणिपुर में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया।
 

BIG BREAKING : भाजपा ने जारी की MLC चुनाव हेतु 30 प्रत्याशियों की सूची, देखें पूरी लिस्ट

BIG BREAKING : भाजपा ने जारी की MLC चुनाव हेतु 30 प्रत्याशियों की सूची, देखें पूरी लिस्ट

लखनाऊ | उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 30 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. मुरादाबाद-बिजनौर स्थानीय प्राधिकरण से सत्यपाल सैनी, रामपुर-बरेली स्थानीय प्राधिकरण से कुंवर महाराज सिंह, बदायूं स्थानीय प्राधिकरण से वागीश पाठक, पीलीभीत-शाहजहांपुर स्थानीय प्राधिकरण से डॉ. सुधीप गुप्ता को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है.

हरदोई स्थानीय प्राधिकरण से डॉ. अशोक अग्रवाल, खीरी स्थानीय प्राधिकरण से अनूप गुप्ता, सीतापुर स्थानीय प्राधिकरण से पवन सिंह चौहा बीजेपी के प्रत्याशी हैं. इसके अलावा लखनऊ-उन्नाव स्थानीय प्राधिकरण से रामचंद्र प्रधान, रायबरेली स्थानीय प्राधिकरण से दिनेश प्रताप सिंह, प्रतापगढ़ स्थानीय प्राधिकरण से हरिप्रताप सिंह बीजेपी के उम्मीदवार हैं.

बाराबंकी स्थानीय प्रधाकिरण से अंगद कुमार सिंह, बहराइच स्थानीय प्राधिकरण से डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी, गोंडा स्थानीय प्राधिकरण अवधेश सिंह मंजू, फैजाबाद स्थानीय प्राधिकरण हरिओम पाण्डेय, गोरखपुर-महाराजगंज स्थानीय प्राधिकरण से सीपी चंद को बीजेपी ने विधान परिषद चुनाव में मैदान में उतारा है.

देवरिया स्थानीय प्राधिकरण से रतनपाल सिंह, आजमगढ़-मऊ स्थानीय प्राधिकरण से अरुण कुमार यादव, बलिया ये रविशंकर सिंह पप्पू, गाजीपुर स्थानीय प्राधिकरण से चंचल सिंह, इलाहाबाद स्थानीय प्राधिकरण से केपी श्रीवास्तव, बांदा-हमीरपुर स्थानीय प्राधिकरण से जितेंद्र सिंहसेंगर, झांसी-जालौन-ललितपुर स्थानीय प्राधिकरण रमा निरंजन को चुनाव मैदान में उतारा है.

इटावा-फर्रुखाबाद स्थानीय प्राधिकरण, आगरा-फिरोजाबाद स्थानीय प्राधिकरण से प्रांशु दत्त द्विवेदी, आगरा-फिरोजाबाद स्थानीय प्राधिकरण से विजय शिवहरे, मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण से ओमप्रकाश सिंह, मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकर से आशीष यादव आशु, अलीगढ़ से ऋषिपाल सिंह, बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी, मेरठ-गाजियाबाद स्थानीय प्राधिकरण से धर्मेंद्र भारद्वाज, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर से वंदना मुदित वर्मा प्रत्याशी हैं.

चुनाव हारने के बाद भी इनका सीएम बनना तय, पार्टी ने नाम पर लगाई मुहर!

चुनाव हारने के बाद भी इनका सीएम बनना तय, पार्टी ने नाम पर लगाई मुहर!

उत्तराखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राज्य का सीएम बनना तय हो गया है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड के अगले सीएम के तौर पर पुष्कर धामी के नाम को मंज़ूरी दे दी है. इससे पहले सीएम की रेस में कई नामों की चर्चा थी, हालांकि धामी ने सभी को पीछे छोड़ दिया है.
बीजेपी ने 70 सदस्यीय सदन में 47 सीटें जीतकर उत्तराखंड में दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता बरकरार रखी है. खटीमा विधानसभा सीट से पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए थे ऐसे में नए सीएम को लेकर चुनाव नतीजों के बाद से ही सस्पेंस बरकरार था. बीजेपी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
 

छत्तीसगढ़ : भाजपा के 15 कार्यकर्ताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

छत्तीसगढ़ : भाजपा के 15 कार्यकर्ताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

बीजापुर : बीजापुर के विधायक और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी की उपस्थिति में गुरुवार को मिंगाचल के पंद्रह भाजपा कार्यकर्ता हरेंद्र ठाकुर, सत्यपाल ठाकुर, अर्जुन ठाकुर, निलेंद्र ठाकुर, करन सिंह ठाकुर, बलवीर ठाकुर, गोपी सिंह ठाकुर, राजाराम ठाकुर, सुखराम यादव, चैतूराम पुनेम, इतवारी यादव, आसमन कश्यप, भूतनाथ नेताम, आयतु कुरसम एवं मंगु कुरसम आदि ने कांग्रेस कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति को अपनाते हुए भूपेश सरकार के कल्याणकारी कार्यों से प्रभावित होकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। भाजपा से कांग्रेस प्रवेश करने वालों का कांग्रेस नेताओं ने पुष्पहार और कांग्रेस का गमछा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया।

इस दौरान ज़िला कांग्रेस कमेटी बीजापुर के अध्यक्ष लालू राठौर, ज़िला पंचायत अध्यक्ष शंकर कड़ियम, युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह, ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, ज़िला पंचायत सदस्य नीना रवतियाउद्दे, ज़िला पंचायत सदस्य सोमारु कश्यप, ज़िला पंचायत सदस्य संतकुमारी मंडावी, ज़िला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ज्योति कुमार, ब्लॉक कांग्रेस क़ुटरु के अध्यक्ष शैलेश मंडावी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी भैरमगढ़ के अध्यक्ष लच्छुराम मौर्य, जनपद उपाध्यक्ष सहदेव नेगी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता की उपस्थित थे।
 

पंजाब में करारी हार के बाद अकाली दल में दो फाड़, डीएसजीएमसी चीफ ने किया अलग पार्टी बनाने का ऐलान

पंजाब में करारी हार के बाद अकाली दल में दो फाड़, डीएसजीएमसी चीफ ने किया अलग पार्टी बनाने का ऐलान

चंडीगढ़  : पंजाब में करारी हार के बाद शिरोमणि अकाली दल में पार्टी के सीनियर नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने एक अलग अकाली दल बनाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 26 अन्य सदस्यों के साथ यह फैसला किया गया है। पार्टी ने 47 में से 27 सदस्यों के साथ डीएसजीएमसी का चुनाव जीता था।

कालका के इस ऐलान के बाद एसएडी ने एक बैठक बुलाई और उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। इसके अलावा पार्टी की दिल्ली यूनिट का विलय करवा दिया गया है। अकाली दल के उपाध्यक्ष प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि तब तक पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह इस यूनिट की कमान संभालेंगे।
पंजाब में बठिंडा शहर से अकाली दल के उम्मीदवार और पूर्व विधायक सरूप सिंह सिंहला ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बादल परिवार पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने चचेरे भाई और कांग्रेस नेता मनप्रीत सिंह बादल का सहयोग किया इसलिए वह चुनाव हार गए। यहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने चुनाव जीता है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के दो अकाली नेता भी पार्टी में विद्रोह कर चुके हैं। बलदेव सिंह चुंगा और किरनजोत कौर ने बादल परिवार का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बादल परिवार की गलत नीतियों की वजह से अकाली दल का यह हाल हुआ है। बादल परिवार सिख पंथ को छोड़कर डेरा की शरण में पहुंच गया।

 

कांग्रेस पार्टी में बड़ा बदलाव , इन नेताओं को सौंपी गई 5 राज्यों की जिम्मेदारी

कांग्रेस पार्टी में बड़ा बदलाव , इन नेताओं को सौंपी गई 5 राज्यों की जिम्मेदारी

नई दिल्ली : देश के 5 राज्यों में हुये चुनाव का परिणाम जारी कर दिया गया है। पंजाब को छोडकर देश के बाकि 4 चार राज्यों में भाजपा की की जीत हुई है। इस बीच एक खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के उन 5 राज्यों में आए चुनाव परिणाम की स्थिति को देखकर आकलन करने और अपनी चुनावी हार के बाद संगठनात्मक परिवर्तन का सुझाव देने के लिए 5 सीनियर नेताओं को नियुक्त किया है। जयराम रमेश को मणिपुर, अजय माकन को पंजाब में स्थिति का आकलन करने का काम सौंपा गया है।

राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल को गोवा के हालात का आकलन करने को कहा गया है। कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद की स्थिति का आकलन करेंगे और बदलाव का सुझाव देंगे, जबकि अविनाश पांडे को उत्तराखंड में ऐसा करने के लिए कहा गया है।

बुधवार को कांग्रेस की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनाव के बाद की स्थिति का आकलन करने के लिए नेताओं को नियुक्त किया है और तत्काल प्रभाव से विधायक उम्मीदवारों और महत्वपूर्ण नेताओं से राज्यों में संगठनात्मक परिवर्तन का सुझाव दिया है।

 

 

कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के भाजपा शासित राज्यों में से किसी को भी वापस जीतने में नाकाम रही है जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी से हारकर अपनी सत्ता गवां दी। इससे पहले सोनिया गांधी ने 15 मार्च को अपनी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर इकाइयों के प्रमुखों को अपना इस्तीफा सौंपने को कहा था। 

पूर्व नपं उपाध्यक्ष समेत 58 कांग्रेसियों ने थामा भाजपा का दामन, प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी ने किया स्वागत

पूर्व नपं उपाध्यक्ष समेत 58 कांग्रेसियों ने थामा भाजपा का दामन, प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी ने किया स्वागत

बीजापुर : चार राज्यों में जीत के चलते आत्मविश्वास से लबरेज बीजापुर भाजपा जिला ईकाई बुधवार को और भी मजबूत हो गई। भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के एक दिवसीय बीजापुर प्रवास के दौरान पूर्व नपं उपाध्यक्ष एवं महामंत्री समेत कांग्रेस के 58 कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया। एकाएक हुए दलबदल से कांग्रेस भी सकते में आ गई है। देश के पांच राज्यों में संपन्न चुनाव में पिछड़ने के बाद मायूस कांग्रेस के लिए यह खबर भी हलक नहीं उतर रही थी।

भाजपा प्रवेश करने वालों में पूर्व नपं उपाध्यक्ष और जिला महामंत्री भैरमगढ़ लव कुमार रायडू,पूर्व पार्षद माधव बघेल, संजय सिंह ठाकुर, पूर्व एल्डरमेन विरेंद्र यादव, व्यापारी संघ अध्यक्ष रींकु ठाकुर, महेश कुमार,अनुमंत पशपुल, रविंद्र कुमार, रोहन कोरसा, राकेश कुरसम,आर्यन सकनी, अनुण पटेल, परमानंद पटेल, धर्मेंद्र यादव, अजमेरी कुरैशी, राजेश पाण्डेय, आरीफ खान, रमेश ठाकुर, संतोष सोनी, भुनेश्वर यादव, प्राणेश्वर यादव, सत्य प्रकाश बघेल, सुनील बेंजाम, अषोक यादव, परवेज खान, राजेश यादव, कपिल कोरसा, अर्जुन कड़ियम, शिशुपाल सिंह कुशवाह, बबलू कुंजाम, मनोज शर्मा, विकास शर्मा, मोहन लेकाम, ईतवारी लेकाम, रामदरस पटेल, विवेक पटेल, संतोष जयसवाल, मनीष यादव, रमेश ठाकुर, इस्माइल खान, कमलू वेक्को, महादेव कश्यप, श्रीनाथ नाग, जगमोहन यादव, भैंसू कोरसा, अमित कुड़ियम, गीता नक्का, मीना कड़ियम, अयूब खान, रमेश सिंह समेत 54 कांग्रेसी शामिल है।

प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी ने सभी को भगवा गमछा और फूल माला पहनाकर पार्टी में प्रवेश कराया। इधर भाजपा प्रदेश प्रभारी के प्रवास के दौरान इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के भाजपा प्रवेश से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, इतना ही नहीं प्रदेश कांग्रेस में भी हड़कंप मचा है। दूसरी ओर भाजपा पदाधिकारियों में हर्ष व्याप्त है।
 

पंजाब में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन , नवजोत सिंह सिद्धू ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

पंजाब में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन , नवजोत सिंह सिद्धू ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बुधवार को पार्टी कमेटी को त्यागपत्र सौंप दिया है। बीते साल जुलाई में पहली बार पार्टी के राज्य प्रमुख बनाए गए सिद्धू इससे पहले भी पद छोडऩे की पेशकश कर चुके हैं। खास बात है कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच राज्यों के अध्यक्षों से इस्तीफा सौंपने की मांग की थी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी ने यह फैसला किया था।

बीते सप्ताह संपन्न हुए चुनाव में कांग्रेस पंजाब में केवल 18 सीटें ही हासिल कर सकी थी। सिद्धू ने संक्षिप्त रूप में लिखा, आदरणीय मैडम, यहां मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इससे पहले उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख भी अपना पद छोड़ चुके हैं। कांग्रेस को पांच में से एक भी राज्य में सफलता हासिल नहीं हो सकी। कहा जा रहा था कि पार्टी उत्तराखंड और गोवा में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, लेकिन नतीजों में पार्टी को निराशा हाथ लगी।

उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गोडियाल ने भी पार्टी को इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने ट्वीट किया था, प्रदेश में हुये विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए आज मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मैं परिणाम के दिन ही इस्तीफा देना चाहता था पर हाईकमान के आदेश की प्रतिक्षा पर रुका था।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, आज दिल्ली पंहुच कर जैसे ही यह अवगत हुआ कि अन्य वह सभी राज्यों के जबावदेह पदाधिकारी, जहां चुनावों में आशातीत सफलता नहीं मिली, अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं, मैंने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर संघर्ष करता रहूंगा।

यूपी कांग्रेस के प्रमुख अजय कुमार लल्लू ने भी मंगलवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हमारी अध्यक्ष का जो भी फैसला होगा, उसे माना जाएगा। मैं हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं और पूरे चुनाव में हम मुद्दों के लिए लड़े। हमने मतदाताओं के भरोसे को जीतने की कोशिश की। लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च है और भविष्य में हम उन्हें खुश करने की कोशिश करेंगे।

गोवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चूड़ांकर ने भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। मणिपुर में एन लोकेन सिंह पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया था, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के पुनर्निमाण के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के पीसीसी अध्यक्षों से इस्तीफा देने के लिए कहा है।

 

बड़ी खबर : पीएम मोदी ने अपने आवास में बुलाई बैठक, इन बड़े मुद्दों पर हो रही है चर्चा

बड़ी खबर : पीएम मोदी ने अपने आवास में बुलाई बैठक, इन बड़े मुद्दों पर हो रही है चर्चा

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बड़ी बैठक हो रही है. यह बैठक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सरकार गठन को लेकर हो रही | इस बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष शामिल हैं. 10 मार्च को आए चुनावी नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जीत हासिल हुई. बीजेपी लगातार इन राज्यों में सरकार बनाने को लेकर बैठकें कर रही है.

दिल्ली में आज उत्तराखंड और मणिपुर में सरकार गठन को लेकर बड़ी बैठकें हुईं. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड से दिल्ली पहुंचे. उत्तराखंड में सरकार को लेकर दिल्ली में मंथन हुआ. जे पी नड्डा, बीएल संतोष, पुष्कर धामी के साथ राज्य के कई नेताओं ने की बैठक हुई. बैठक से पहले पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "हम पार्टी की बैठक में शामिल होने आए हैं. पार्टी आलाकमान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के निर्णय के मुद्दे पर विचार करेगा और उनका फैसला आखिरी होगा."

दरअसल उत्तराखंड में 70 में से 47 सीटें हासिल करने वाली बीजेपी अभी तक सीएम का नाम तय नहीं कर सकी है. निवर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से खुद चुनाव हार गए हैं. हालांकि सीएम के तौर पर उनका नाम सबसे आगे चल रहा है. इनके अलावा चर्चा में निवर्तमान मंत्री धन सिंह रावत, निवर्तमान मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूड़ी भूषण, निवर्तमान मंत्री गणेश जोशी का नाम भी है.

गोवा में अब तक पेश नहीं किया सरकार बनाने का दावा
गोवा में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के पांच दिन बाद भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अगली सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है. राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मिलने के लिए आज दिल्ली आए. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, विधायक दल के नेता के चयन के लिए बीजेपी की गोवा इकाई के विधायक दल की बैठक बुधवार को होने की संभावना है. विधायक दल का नेता राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनेगा.

हार के बाद बड़े फेरबदल के लिए कांग्रेस तैयार! सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से मांगा इस्तीफा

हार के बाद बड़े फेरबदल के लिए कांग्रेस तैयार! सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से मांगा इस्तीफा

पांच राज्यों में बड़ी हार के बीच कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और बड़े फेरबदल की चर्चाओं के बीच अहम खबर सामने आई है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के पीसीसी अध्यक्षों से कहा है कि वे पीसीसी के पुनर्गठन के लिए अपना इस्तीफा दे दें.
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट जारी करते हुए इस संबंध में जानकारी शेयर की है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में कहा था कि ‘हम पार्टी के हित में किसी भी त्याग के लिए तैयार हैं. इसके बाद सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने उनके नेतृत्व में भरोसा जताते हुए उनसे आग्रह किया कि संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक वह पद पर बनी रहें.
सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने सोनिया गांधी से यह भी कहा था कि वह कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी बदलाव करें और सुधारात्मक कदम उठाएं. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में करीब साढ़े चार घंटे तक हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला भी किया गया था कि संसद का बजट सत्र संपन्न होने के तत्काल बाद एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने प्रदेश में ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन करने का प्रस्ताव दिया था. ‘चिंतन शिविर’ से पहले सीडब्ल्यूसी की एक और बैठक होगी. बैठक के बाद सीडब्ल्यूसी के कई नेताओं ने बताया कि सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा ‘हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुरूप पार्टी के हित में किसी भी त्याग के लिए तैयार हैं.’ कई लोग इसे उनके इस कथन को सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी के पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त होने की पेशकश के तौर पर देख रहे हैं.
उनके इस कथन के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने ‘सर्वसम्मति से’ उनके नेतृत्व में विश्वास जताया और कहा कि संगठनात्मक चुनाव होने तक वह पद पर बनी रहें. बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया. सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल ‘जी 23’ के कुछ नेताओं ने कहा कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कुछ नेताओं ने उनका ‘अपमान’ किया है, जो अब बंद होना चाहिए. ‘जी 23’ के तीन नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक सीडब्ल्यूसी में शामिल हैं.
सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए गंभीर चिंतन का विषय हैं. पार्टी का यह मानना है कि अपनी रणनीति में खामियों के चलते हम जहां चार राज्यों में भाजपा सरकारों के कुशासन को प्रभावी ढंग से उजागर नहीं कर पाए. सीडब्ल्यूसी के मुताबिक पंजाब राज्य में नेतृत्व बदलाव के बाद मिले सीमित समय में सत्ता विरोधी लहर पर काबू नहीं पाया जा सका.

 source:ABP News

कांग्रेस की लीडरशिप छोड़े गांधी परिवार, किसी और को मौका देकर देखिए : कपिल सिब्बल

कांग्रेस की लीडरशिप छोड़े गांधी परिवार, किसी और को मौका देकर देखिए : कपिल सिब्बल

नई दिल्ली : कांग्रेस के सीनियर कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार को पार्टी के नेतृत्व से अलग होने को कहा है। उन्होंने कहा कि यह सही समय है जब गांधी परिवार से कांग्रेस की लीडरशिप से हट जाना चाहिए और नेतृत्व की भूमिका के लिए और किसी अन्य व्यक्ति को मौका देना चाहिए। सिब्बल का यह बयान पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार और कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से सोनिया गांधी के नेतृत्व में अपना विश्वास दिखाने के बाद आया है।

कपिल सिब्बल ने विचार-मंथन सत्र आयोजित करने के पार्टी के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नेतृत्व कुकू लैंड में रह रहा है, अगर उसे आठ साल बाद भी पार्टी के पतन के कारणों के बारे में पता नहीं है। जी23 नेताओं ने 2020 में सोनिया गांधी को पार्टी में बड़े बदलावों की मांग की थी। सिब्बल कांग्रेस के पहले वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने मांग की कि गांधी परिवार एक नए नेता के लिए रास्ता बनाए। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से दूर जाना चाहिए, क्योंकि उनकी ओर से नामित बॉडी उन्हें कभी नहीं बताएगी कि उन्हें सत्ता की बागडोर जारी नहीं रखनी चाहिए।

सीडब्लूसी के बाहर के नेताओं की राय भी सुनी जाए
सिब्बल ने कहा कि वह न तो विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार से हैरान हैं और न ही सीडब्ल्यूसी के सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास दिखाने के फैसले से। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी के बाहर बड़ी संख्या में नेताओं का दृष्टिकोण पूरी तरह से अलग है। उन्होंने कहा, सीडब्ल्यूसी के बाहर एक कांग्रेस है... कृपया उनके विचारों को सुनें। अगर आप चाहें तो... हमारे जैसे बहुत से नेता जो सीडब्ल्यूसी में नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस में एक पूरी तरह से अलग दृष्टिकोण है। क्या आपको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हम सीडब्ल्यूसी में नहीं हैं

सिब्बल बोले- मुझे सब की कांग्रेस चाहिए
कांग्रेस नेता ने कहा, उनके अनुसार सीडब्ल्यूसी भारत में कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करती है। मुझे नहीं लगता कि यह सही है। देश भर में बहुत सारे कांग्रेसी हैं... केरल से, असम से, जम्मू-कश्मीर से, महाराष्ट्र से, उत्तर प्रदेश से, गुजरात से, जो इस तरह की राय नहीं रखते हैं। मैं दूसरों की ओर से बात नहीं कर सकता। यह मेरा निजी विचार है कि आज कम से कम मुझे सब की कांग्रेस चाहिए। कुछ अन्य घर की कांग्रेस चाहते हैं। मैं निश्चित रूप से घर की कांग्रेस नहीं चाहता। और मैं अपनी आखिरी सांस तक सब की कांग्रेस के लिए लड़ूंगा।

 

कई मायने में अलग होगा योगी का नया मंत्रिमंडल, दिखाई देगी मिशन-2024 की छाप

कई मायने में अलग होगा योगी का नया मंत्रिमंडल, दिखाई देगी मिशन-2024 की छाप

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नया मंत्रिमंडल इस बार पहले से कई मायने में अलग होगा। इस मंत्रिमंडल पर मिशन-2024 की छाप स्पष्ट दिखाई देगी। टीम योगी का हिस्सा बनने वाले चेहरों के जरिए पार्टी मिशन-2024 के लिए क्षेत्रीय संतुलन के साथ ही सामाजिक समीकरणों को साधने का प्रयास करेगी। प्रशासनिक अनुभव वाले कुछ चेहरे भी इस बार मंत्रिमंडल में दिखाई दे सकते हैं। कोशिश होगी कि विधानसभा चुनावों में जहां पार्टी की स्थिति 2017 की तुलना में कमजोर हुई वहां प्रतिनिधित्व देकर उसे मजबूती दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएम नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के तमाम शीर्ष नेताओं से मुलाकात और आभार प्रदर्शन के बाद सोमवार की शाम लखनऊ लौट आए। नई सरकार के स्वरूप को लेकर दिल्ली दरबार में मंत्रणा हो चुकी है। अब देखना यह है कि तय किए गए सांचे में कौन-कौन से चेहरे फिट होते हैं। यूं तो मंत्री बनने को लेकर विधायकों ने लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगाई है। काम बन जाए इसलिए तमाम प्रयास और पूजा-पाठ का भी सहारा ले रहे हैं। सोमवार को भी भाजपा कार्यालय में दिनभर विधायकों का तांता लगा रहा।
हर इलाके का दिखेगा प्रतिनिधित्व
नई टीम में बृज क्षेत्र, मथुरा, आगरा, एटा, बदायूं, देविरया, हाथरस जिलों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। वहीं पश्चिम क्षेत्र में मेरठ को भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल सकता है। इसी तरह सहारनपुर, शाहजहांपुर, बरेली का प्रतिनिधित्व भी दिखेगा। कानपुर और गोरखपुर क्षेत्र, बलिया, फतेहपुर, काशी क्षेत्र से कई चेहरों को जगह मिल सकती है। लखनऊ और इलाहाबाद मंडल से फिर कई चेहरे मंत्रिमंडल में दिखेंगे।
कुछ पुराने चेहरे नहीं होंगे रिपीट
दूसरी ओर पार्टी में जीते गए विधायकों को लेकर क्षेत्रवार और जातीय आधार पर आंकलन किया जा रहा है। पूर्वांचल के कई इलाकों के साथ ही पश्चिम पर इस बार खास फोकस रहेगा। पहली सरकार में बेहतर प्रदर्शन न करने वाले कई चेहरों को बदलने की चर्चा तो रही लेकिन पार्टी ने चुनाव से पहले कोई जोखिम नहीं लिया। हालांकि नवंबर में जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कई चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह जरूर दी गई। नई टीम में खराब परफारमेंस वाले चेहरे रिपीट नहीं होंगे।
 

पंजाब के होने वाले मुख्यमंत्री ने लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, होली के पहले लेंगे पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ

पंजाब के होने वाले मुख्यमंत्री ने लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, होली के पहले लेंगे पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ

पंजाब : देश के पांच राज्यों में हुये चुनाव के बाद 10 मार्च को नतीजे घोषित कर दिए गये है। वही पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई है। इसके साथ ही अब पंजाब के होने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा। 

आपको बता दे कि पंजाब के खटकड़कलां गांव में होने जा रहे भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह में कोई भी VVIP गेस्ट नहीं होगा। दिल्ली की ही तरह पंजाब में भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए आम आदमी पार्टी ने किसी भी दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री या किसी भी अन्य पार्टी के बड़े नेता को निमंत्रण नहीं दिया है। शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे। 

करारी हार के बाद फिर एक्टिव हुए G-23 नेता, थरूर बोले- कांग्रेस विश्वसनीय विपक्षी दल, फिर से जान फूंकने की जरूरत

करारी हार के बाद फिर एक्टिव हुए G-23 नेता, थरूर बोले- कांग्रेस विश्वसनीय विपक्षी दल, फिर से जान फूंकने की जरूरत

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व में एक बार फिर बदलाव की मांग उठने लगी है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी में नई जान फूंकने की बात कही है। थरूर ने कांग्रेस पार्टी को सबसे विश्वसनीय विपक्षी दल भी बताया है। थरूर इससे पहले भी पार्टी में बदलाव और सुधार की मांग कर चुके हैं।
शशि थरूर ने देश में विभिन्न दलों के विधायकों की संख्या वाला एक चार्ट साझा करते हुए ट्वीट किया, 'यही वजह है कि कांग्रेस सबसे विश्वसनीय राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी बनी हुई है। इसीलिए सुधार और नयी जान फूंकनी जरूरी है।' थरूर की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब कांग्रेस कार्य समिति की बैठक भी चल रही थी। इस बैठक में पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई सीनियर नेता शामिल हुए थे।
शशि थरूर कांग्रेस के G-23 नेताओं में शामिल हैं। इनके अलावा इसमें गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी समेत कुल 23 नेता शामिल हैं। अगस्त 2020 में 23 कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सक्रिय नेतृत्व और संगठन में व्यापक बदलाव की मांग की थी। तब से ये नेता चर्चा में बने रहते हैं और जब-जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है तब-तब ये नेता अपनी मांग को दोहराते रहते हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि राहुल गांधी अकेले व्यक्ति हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरे दमखम से मुकाबला कर कर रहे हैं।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी है। पंजाब में सत्ता भी गंवानी पड़ी है। इसके अलावा यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पार्टी का प्रदर्शन एक बार फिर निराशा जनक ही रहा है। चुनाव में करारी हार पर मंथन के लिए रविवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई।

 

बड़ी खबर : कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर सीएम गहलोत का आया बड़ा बयान, सीएम ने कहाँ इन्हें होना चाहिए कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष

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नई दिल्ली | पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में हलचल मची हुई है. आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग भी हुई. इस बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बन जाना चाहिए. सिर्फ राहुल गांधी में ही नरेंद्र करने का दमखम है. वह ऐसा कर भी रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशक से गाँधी परिवार से कोई पीएम या मंत्री नहीं बना. इससे समझा जा सकता है कि कांग्रेस की एकजुटता के लिए गांधी परिवार कितना ज़रूरी है.

अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘राजनीति में कई तरह की परिस्थिति बन जाती है, उससे घबराना नहीं चाहिए. हम लोगों ने लंबे समय से देखा है, उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, यही भारतीय जनता पार्टी जो आज सत्ता में है, उसे कभी संसद में सिर्फ 2 सीट मिली थी. इसलिए चुनाव में हार-जीत होती रहती है, हम उनसे घबराते नहीं हैं.’’

उनके मुताबिक, ‘‘आज राहुल गांधी अकेले व्यक्ति हैं, जो दमखम के साथ नरेंद्र मोदी जी का मुकाबला कर रहे हैं और नरेंद्र मोदी जी को भी राहुल गांधी जी को टार्गेट करके ही अपना भाषण शुरू करना पड़ता है और उसका अंत करना पड़ता है. आप समझ सकते हो कि इसका क्या मतलब है.’’