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आ सकती है कोविड की तीसरी लहर! केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताई इसकी वजह

आ सकती है कोविड की तीसरी लहर! केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताई इसकी वजह

देश में कोरोना के मामलों में कमी तो आई है लेकिन आने वाले तीन महीने काफी अहम और एहतियात बरतने की जरूरत है. खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है. अगले तीन महीने नवरात्रि, दशहरा, दीवाली, ईद, क्रिसमस जैसे त्यौहार है. जिसमें ना सिर्फ लोग एक दूसरे से मिलते है बल्कि बाजारों में भी काफी भीड़ होती है. ऐसे में जरा सी चूक तीसरी लहर की वजह बन सकती है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आने वाले तीन महीनों में बहुत सारे त्योहार, शादियां और पार्टी होंगी लेकिन कोविड का खतरा खत्म नहीं हुआ है. आज भी देश मे कई जगह संक्रमण स्प्रेड हाई है और ऐसे समय पर हमें ध्यान रखना है कि जिस तरह से पिछले साल हमने इस दौरान संयम रखा था, वैसा ही इन तीन महीनों में रखना है.

त्योहारों पर कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना
अगले तीन महीने में कई त्योहार है. जैसे नवरात्रि, दशहरा, दीवाली, ईद, क्रिसमस और नया साल. इन मौकों पर एक दूसरे से मिलना जुलना, घर आना जाना और बाजारों में भीड़ होती है. यह एक ऐसा वक्त है जब कोरोना संक्रमण के फैलने की पूरी संभावना होती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनिए के कुछ देशों का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां भीड़ और कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने की वजह से कोरोना केस बढ़ने लगे हैं. जैसे यूरो कप के दौरान यूके और रूस में स्टेडियम में भीड़, नीदरलैंड में म्यूजिक फेस्टिवल के बाद केस बढ़े है.
लव अग्रवाल ने कहा कि इंग्लैंड में जुलाई के महीने में भीड़ को आने देने के बाद देखा गया कि कैसे कोरोना के मामले उभर कर आते हैं और कोविड मैनेजमेंट में चैलेंज खड़ा करता है. इसी तरह रूस में हुआ. जब भीड़ हुई तो केस में उछाल आया. इसी तरह से नीदरलैंड में म्यूजिक फेस्टिवल में कोविड बिहेवियर का पालन ना होने की वजह से कोविड केस में बढ़ोतरी दर्ज की गई. देश में अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है और ना ही केस पूरी तरह से आने बंद हुए हैं.
देश के 34 जिलों में अभी वीकली पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है. जबकि 28 जिले ऐसे है जहां ये वीकली पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी के बीच है. वहीं एक्टिव केस की बात करें तो सिर्फ 1 राज्य केरल में एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं. 10 से 50 हजार के बीच एक्टिव केस 4 राज्यों में है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मिजोरम और कर्नाटक. वहीं 31 राज्यों में 10 हजार से कम एक्टिव केस हैं.
बता दें कि देश में टीकाकरण तेजी से हो रहा है. अब तक 92.77 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी है. 67.02 करोड़ को पहली और 25.75 करोड़ को दूसरी डोज दी जा चुकी है. वहीं 18 साल से ज्यादा उम्र के 71% को पहली और 27% को दोनों डोज दी जा चुकी है. लेकिन टीकाकरण के बावजूद भी सावधानी जरूरी है. इसलिए कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए अगले तीन महीने जरूरी है.

 

कोरोना अपडेट: प्रदेश के इन जिलों में कोरोना का एक भी मरीज नहीं

कोरोना अपडेट: प्रदेश के इन जिलों में कोरोना का एक भी मरीज नहीं

रायपुर: प्रदेश के 22 जिलों में 4 अक्टूबर को कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है। इस दिन प्रदेश भर में हुए 21 हजार 897 सैंपलों की जांच में दस व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए। दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम, धमतरी, बलौदाबाजार-भाटापारा, महासमुंद, गरियाबंद, बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, कोंडागांव, सुकमा, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर जिले में 4 अक्टूबर को कोरोना संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया है। इस दिन रायपुर, सूरजपुर और बस्तर जिले में एक-एक, कोरबा और दंतेवाड़ा में दो-दो तथा राजनांदगांव में तीन व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए।


कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने और रोज कम संख्या में नए मरीज मिलने के कारण प्रदेश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या घट रही है। प्रदेश में अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या 232 है। राज्य के पांच जिलों कबीरधाम, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज और नारायणपुर में कोरोना का एक भी सक्रिय मरीज नहीं है। प्रदेश की औसत पॉजिविटी दर घटकर 0.05 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

कोरोना अपडेट: प्रदेश के इन जिलों में कोरोना का एक भी मरीज नहीं

कोरोना अपडेट: प्रदेश के इन जिलों में कोरोना का एक भी मरीज नहीं

रायपुर: कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने और रोज कम संख्या में नए मरीज मिलने के कारण प्रदेश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या घट रही है। प्रदेश में अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या 254 है। राज्य के पांच जिलों कबीरधाम, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज और नारायणपुर में कोरोना का एक भी सक्रिय मरीज नहीं है। अभी प्रदेश की औसत पॉजिविटी दर 0.1 प्रतिशत है।

प्रदेश के 19 जिलों में 3 अक्टूबर को कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है। इस दिन प्रदेश भर में हुए 14 हजार 674 सैंपलों की जांच में 15 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए। राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम, रायपुर, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, रायगढ़, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, बस्तर, सुकमा, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर जिले में 3 अक्टूबर को कोरोना संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया है। इस दिन दुर्ग, मुंगेली, जशपुर और कोंडागांव में एक-एक, बलौदाबाजार-भाटापारा, बिलासपुर, कोरबा और जांजगीर-चांपा में दो-दो तथा दंतेवाड़ा में तीन व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए।

क्या आपके शरीर में दिख रहें है इस प्रकार के लक्षण, तो हो सकते हैं आप विटामिन डी की कमी के शिकार, ऐसे करे विटामिन डी की कमी पूरी

क्या आपके शरीर में दिख रहें है इस प्रकार के लक्षण, तो हो सकते हैं आप विटामिन डी की कमी के शिकार, ऐसे करे विटामिन डी की कमी पूरी

महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है. विटामिन डी की कमी से महिलाओं में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रेगनेंसी से लेकर बढ़ती उम्र में महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है. ऐसे में आपको स्वस्थ रहने के लिए सनशाइन विटामिन यानि विटामिन डी जरूर लेना चाहिए. आप प्राकृतिक स्रोत जैसे धूप में बैठकर या टहलकर विटामिन डी ले सकते हैं. सुबह की धूप से शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है. अगर आप धूप में नहीं बैठ सकते तो विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाए. विटामिन डी आपकी हड्डियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत जरूरी है. जानते हैं महिलाओं में विटामिन डी की कमी के लक्षण और कैसे दूर करें.

क्यों जरूरी है विटामिन डी ?
एक रिसर्च में कहा गया है कि जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है उन्हें हार्ट फेल, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रेगनेंसी में अगर विटामिन डी की कमी हो जाए तो इससे प्री एक्लेप्सिया, गेस्टेशनल डायबिटिज जैसी स्थिति बन जाती है. शरीर में विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर, जोड़ों में दर्द और हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है.

विटामिन डी की कमी के लक्षण
1- ज्यादा बीमार पड़ना- जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. शरीर में बीमारियों, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. विटामिन डी की कमी होने पर अक्सर फ्लू, बुखार और सर्दी खांसी की समस्या होने लगती है. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होनी चाहिए.

2- थकान और चिंता- अक्सर महिलाओं को चिंता और थकान महसूस होती रहती है. इसकी एक बड़ी वजह शरीर में विटामिन डी की कमी भी हो सकती है. शरीर में बहुत कम ब्लड शुगर लेवल होने पर भी थकान रहती है, जिससे हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है.

3- जख्म भरने में समय लगे- शरीर मे विटामिन डी की कमी होने पर चोट, सर्जरी या घाव देरी से भरते हैं. ये विटामिन डी की कमी के संकेत हैं. अगर शरीर मेंविटामिन डी का स्तर बहुत कम होता है जो जख्म देरी से भरते हैं.

4- हड्डियां कमजोर- शरीर में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की जरूरत होती है. कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों को स्वस्थ रखने में विटामिन डी अहम भूमिका निभाता है. विटामिन डी कम होने से बोन डेंसिटी भी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों में फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.

कैसे पूरी करें विटामिन डी की कमी
1- सुबह 10 बजे की धूप कम से कम आधे घंटे जरूर बैठें.
2- अपने वजन को कंट्रोल रखें, मोटापा बढ़ने के साथ शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है.
3- विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फैटी फिश और मशरूम अपनी डाइट में शामिल करें.
4- खाने में लो फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.
5- रोज नियमित रुप से कम से कम 2 गिलास दूध पिएं, कोशिश करें गाय का दूध पीएं.

दांत ही नहीं इन 10 जगहों के लिए भी फायदेमंद है टूथपेस्ट, इस्तेमाल करके देखिए

दांत ही नहीं इन 10 जगहों के लिए भी फायदेमंद है टूथपेस्ट, इस्तेमाल करके देखिए

प्रतिदिन सुबह उठते ही हम कुल्ला करने के साथ ही ब्रश करते हैं। दाँतों की सफाई और रात का खाना खाने के बाद मुँह में पैदा हुई बदबू को दूर करने के लिए हम ब्रश पर टूथ पेस्ट लगा कर दाँतों को चमकाते हैं। टूथपेस्ट करने के बाद मुंह से बदबू आना बंद हो जाती है और शरीर में नई ताजगी का अहसास होता है। बहुत ही कम लोगों को यह जानकारी होगी कि टूथपेस्ट से सिर्फ दांतों को साफ करने का काम ही नहीं किया जाता है अपितु यह कई अन्य कामों में भी इस्तेमाल की जा सकती है।
आइए डालते हैं एक नजर उन दूसरे कामों पर जिनमें हम टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं—
1. कई बार रसोई में काम करते हुए अचानक से महिलाओं के हाथ या बाँह गरम तवे या गरम बर्तन से छू जाता है। जिस स्थान पर यह गरम अचानक से लगता है वहाँ पर छाले पडऩे की सम्भावना हो जाती है। यदि आप चाहते हैं कि आपको छाले या फफुले न पड़े तो तुरन्त उस स्थान पर आप टूथपेस्ट लगा लें। टूथपेस्ट लगाने के बाद आपको उस स्थान पर ठंडक का अहसास होने के साथ ही फफूले भी नहीं होंगे।
2. किशोरावस्था में कदम रखते ही युवाओं के चेहरे पर कील मुंहासे अर्थात् पिंपल निकलने शुरू हो जाते हैं। यदि आपके चेहरे पर पिंपल निकल रहे हैं तो आप उन पर टूथपेस्ट लगा लें। कम से कम 20 मिनट बाद आप उसे ठंडे पानी से धो लें। आपके चेहरे पर पिंपल अर्थात् मुँहासे कम हो जाएंगे।
3. अगर आप के कपड़ों पर स्याही का दाग लग गया है तो आप उस पर कुछ मिनटों के लिए टूथपेस्ट लगाकर छोड़ दें। फिर धो लें। दाग चला जाएगा।
4. वैसे तो चांदी और पीतल के बर्तनों को साफ करने के लिए मिट्टी और अमचूर का प्रयाग किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि टूथपेस्ट का प्रयोग चांदी और पीतल के बर्तनों को को साफ करने के लिए किया जा सकता है। ब्रश पर थोड़ा सा पेस्ट लेकर चांदी और पीतल के बर्तनों पर लगा दे और थोड़ी देर बाद उसे पानी से धो लें। आपके चांदी और पीतल के बर्तन नए बर्तनों की तरह दमकने लगेंगे।
5. मच्छर या कीड़ा काट ले, तो उस जगह पर टूथपेस्ट लगा लें। यह दर्द को कम करेगा।
6. महिलाएँ अक्सर अपने हीरे जडि़त कंगनों को साफ करने के लिए परेशान होती नजर आती हैं। यदि आपके पास हीरे जडि़त कंगन या अंगूठी है तो आप उसे चमकदार बनाने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
7. कमोबेश हर परिवार के बाथरुम नलों में जंग लगी नजर आती है। यदि स्टील के नल हैं तो उन पर अजीब से सफेद परत नजर आने लगती हैं। नलों को फिर से नया बनाने के लिए आप उसे टूथपेस्ट लगाकर धो लें तो नल फिर से नए हो जाएंगे।
8. अपने नाखूनों को प्राकृतिक चमक देने के लिए हलका सा टूथपेस्ट नाखूनों पर लगाएं और टूथब्रश से साफ कर लें।
9. चश्मे को साफ करने के लिए हल्का सा टूथपेस्ट लगा कर चश्मे को पोंछ लें।
10.चाय का कप या पानी का गिलास वुडेन फर्नीचर पर रख देते हैं, जिस से वहां पानी का गोल निशान सा बन जाता है। इस निशान को हटाने के लिए हलका सा टूथपेस्ट उस जगह लगा दें और साफ कपड़े से पोंछ लें।
 

इन कारणों से पेट में बनने लगती है गैस, जानें इससे छुटकारा पाने का तरीका

इन कारणों से पेट में बनने लगती है गैस, जानें इससे छुटकारा पाने का तरीका

उम्र छोटी हो या बड़ी पेट में गैस बनने की समस्या आजकल आम बनती जा रही है. वैसे तो पेट में गैस बनने के कई कारण होते हैं, लेकिन फिर भी लाइफ स्टाइल और उल्टा-सीधा खान-पान इसका मुख्य कारण हो सकता है. ऐसे में आइये जानते हैं कि क्या हैं वो कारण जिसकी वजह से पेट में गैस बनने लगती है और इस समस्या से कैसे छुटकारा पाएं.
पेट में गैस बनने के कारण
ज्यादा खाना खाना, लंबे समय तक भूखे रहना, तीखा भोजन करना, खाना चबाकर ना खाना, ज्यादा चिंता करना, शराब पीना, फास्ट फूड खाना आदि.

पेट में गैस होने पर ये लक्षण आते है नजर
भूख न लगना, सांसों का बदबूदार होना, पेट में सूजन रहना, उलटी, बदहजमी, दस्त होना, पेट फूलना आदि

पेट की गैस से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय
• एक चम्मच में नींबू के रस में बेकिंग सोडा मिलाकर सुबह के समय खाली पेट पिएं.
• काली मिर्च का सेवन करें. इससे आपको पेट की गैस की समस्या में आराम मिल सकता है.
• दूध में काली मिर्च मिलाकर पीने से गैस की समस्या में आराम मिलता है.
• छाछ में काला नमक और अजवाइन मिलाकर पीने से गैस की समस्या में आराम मिलता है.
• गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और सुबह खाली पेट पिएं. इसके बाद इसमे शहद मिलकार पिएं. ऐसा करने से गैस की समस्या में आराम मिलता है.
• दिनभऱ में दो से तीन बार इलायची का सेवन करें. ऐसा इसलिए क्योंकि इलायची आपके खाने को पचने में मदद करती है जिसके कारण गैस की समस्या नहीं होती है.
• वहीं गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए खाना हमेशा खूब चबाकर खाएं. ऐसा करने से आपको गैस की समस्या होने की संभावने कम होती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

इन मुख्य पांच कारणों से झड़ते है आपके बाल, जानिए इनके उपाय

इन मुख्य पांच कारणों से झड़ते है आपके बाल, जानिए इनके उपाय

हर कोई अच्छे बाल रखने की चाह रखता है, लेकिन झड़ते बालों के कारण आपकी ये चाहत अधूरी ही रह जाती है। इस कारण से कुछ लोग तो महंगे से महंगा शैंपू और कंडिशनर इस्तेमाल करते हैं फिर भी झड़ते बालों से परेशान रहते हैं और अपनी उम्र से ज्यादा बड़े लगने लगते है। इस समस्या से बचने के लिए आपको इसके कारण पता होने चाहिए। तो आइए जाने इसके कारण और उपाय।


बाल झडऩे के मुख्य कारण हैं- आनुवंशिकता, कुछ दवाएं और तनाव
आनुवंशिकता : इसका मतलब यह है कि अगर आपके परिवार में माता-पिता में से किसी को बाल झडऩे की समस्या है, तो यह आपको भी हो सकती है। इसमें आगे के हिस्से के बाल गिरने लगते हैं या कम होने लगते हैं। दवाइयां: कैंसर, गठिया, डिप्रेशन आदि रोगों के उपचार कि दवाईयां भी बालों के झडऩे का कारण बनती हैं। तनाव: बालों के कमजोर होने का प्रमुख कारण शारीरिक या मानसिक रूप से तनावपूर्ण होना है।


हार्मोन में बदलाव और कुछ हेयर स्टाइल भी हैं बाल झडऩे के मुख्य कारण
हार्मोन में बदलाव: डॉक्टरों का कहना है कि हार्मोंस में बदलाव के कारण भी बाल झड़ते हैं। हार्मोंस में बदलाव गर्भावस्था, बच्चे को जन्म देते हुए, रजोनिवृत्ति, थायरॉयड आदि के कारण होते हैं। कुछ हेयर स्टाइल और हेयर ट्रीटमेंट: कुछ हेयर स्टाइल जो बालों पर दबाव डालते हैं, वे भी बालों के झडऩे का कारण हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ घरेलू उपचार जैसे गर्म तेल आदि जो कि हमारे बालों के झडऩे का कारण बन जाता है।


उपाय-1
ये कुछ उपाय जो बचा सकते है आपके बालों को झडऩे से
आनुवंशिकता पीडि़त लोगों के बालों को झडऩे से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ उपायों से झड़ते बालों की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। वह उपाय इस प्रकार हैं: 1) टाइट हेयर स्टाइल जैसे चोटी और पोनीटेल न बनाए। ज्यादा बालों को खींचने या मोडऩे में उलझे न रहें। 2) दवाइयों के सेवन से बचें, जो बालों के झडऩे का कारण होती हैं। 3) आर्टिफि़शियल बालों का उपचार जैसे हॉट रोलर्स, कर्लिंग आयरन से बचें।


उपाय-2
अन्य उपाय जो बचा सकते है आपके बालों को झडऩे से
4) अपने बालों को हल्के हाथों से धोएं और कंघी करें। कंघी करने के लिए, चौड़े दांतों वाली कंघी का ही इस्तेमाल करें। 5) अपने बालों को तेज धूप और यूवी किरणों के अन्य स्रोतों से बचाएं। 6) धूम्रपान से भी बाल झड़ते हैं, इसलिए धूम्रपान न करें। नोट: यदि इन उपायों से भी आपके झड़ते बालों की समस्या समाप्त नहीं होती है। तो किसी डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएं। शायद आपके बालों के झडऩे का कारण कुछ और हो सकता है।

क्या आप भी हैं अपने बढ़े पेट से परेशान, तो अपने दिनचर्या में करें इन उपायों को शामिल, मिलेगा फायदा

क्या आप भी हैं अपने बढ़े पेट से परेशान, तो अपने दिनचर्या में करें इन उपायों को शामिल, मिलेगा फायदा

कहते हैं कि कई छोटी-छोटी चीजें मिलकर आपको हेल्दी बनती हैं। वहीं, कई बार ऐसा होता है कि हम डाइट और एक्सरसाइज पर तो ध्यान देते हैं लेकिन कई छोटी बातों को इग्नोर करते रहते हैं, जिससे न सिर्फ हमारी सेहत खराब होती है बल्कि इससे आपका बेली फैट भी काफी बढ़ जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं, ऐसी हेल्दी आदतें, जिनसे आप हेल्दी रहने के साथ आपका वेट भी कंट्रोल रहेगा।

खाना खाने के बाद वॉक
खाना खाने खासकर डिनर करने के बाद वॉक करना बेहद जरूरी है। इससे खाना जल्दी डाइजेस्ट हो जाता है। बेली फैट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है, रात को खाना खाते ही बिस्तर पर सो जाना।

रात को स्नैक्स खाना
स्नैक्स खाने में बहुत जल्दी ख़त्म हो जाते हैं, लेकिन पचने में बहुत देर लगती है। खासकर मैदे और डीप फ्राई चीजें। रात में स्नैक्स खाने से आपका मोटापा बढ़ता है।

पानी कम पीना
पानी पीने से हमारी बॉडी डिटॉक्स होती है लेकिन कई लोग बार-बार टॉयलेट जाने से बचने के लिए पानी कम पीते हैं। आप भी अगर ऐसा ही करते हैं, तो अपनी ये आदत बदल दें।

नॉनवेज ज्यादा खाना
यह बात सही है कि नॉनवेज में बहुत ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है लेकिन फिर भी नॉनवेज ज्यादा खाने से आपका बेली फैट बढ़ता रहता है, इसलिए आपको नॉनवेज कम खाना चाहिए।

सुबह नाश्ता न करना
सुबह नाश्ता न करने से आपका बेली फैट बढ़ता है। आप सोच रहे होंगे कि कैसे? असल में जब आप सुबह नाश्ता नहीं करते, तो लंच बहुत हैवी कर लेते हैं। इस कारण शाम को कुछ खाने का मन नहीं करता और रात को तेज भूख लगने पर आप ज्यादा खा लेते हैं।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है | इनको केवल सुझाव के रूप में लें | इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

क्या आप भी है चाऊमीन खाने के शौकीन, तो हो जाइये सावधान, आपके शरीर हो रहा है ये नुकसान

क्या आप भी है चाऊमीन खाने के शौकीन, तो हो जाइये सावधान, आपके शरीर हो रहा है ये नुकसान

ज्यादातर लोगों को चाइनीज डिश बहुत पसंद आती है. ऐसे में चाऊमीन तो बच्चे से लेकर बड़ों तक सभी की फेवरेट होती है. इसलिए बहुत से लोग जब बाहर खाना खाने जाते हैं तो खाने में चाऊमीन या फिर हक्का नूडल्स जरूर खाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जाऊमीन खाने के फायदे कम और नुकसान ज्यादा होते हैं. हम यहां आपको बताएंगे कि चाऊमीन खाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं. चलिए जानते हैं.

जानें चाऊमीन खाने के नुकसान
*  क्या आपको पता है कि चाऊमीन में स्वाद के लिए खतरनाक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं इस तरह के फास्ट फूड बनाने में अजीनोमोटो का अधिक इस्तेमाल के अलावा अन्य खतरनाक रसायनों का प्रयोग किया जाता है. वहीं चाऊमीन खाने से आपके शरीर की स्वाद ग्रंथियों को नुकसान पहुंचता है. इतना ही नहीं, ये आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है.
*  चाऊमीन मैदा की बनी हुई होती है. वहीं चाऊमीन के साथ मिलाकर खाई जाने वाली सॉस कई बार एक्सपायर हो चुकी होती है या फिर ये बहुत ही घटिया किस्म की होती है. वहीं इस तरह की सॉस खाने से आपको कब्ज की समस्या हो सकती है. जिसके कारण आपको लंबे समय तक कई बीमारियों से जूझना पड़ सकता है.
*  चाऊमीन मैदे की बनी होती है. इसलिए आंतों में चिपकती है और पेट में दर्द जैसी समस्या पैदा कर सकती है. वहीं अगर आप चाऊमीन खाते हैं तो इससे आपका पेट भी पूरी तरह साफ नहीं होता है. इसके अलावा मैदे के टुकड़े शरीर के अपेंडिक्स पर असर डाल सकते हैं.
*  अगर आप हफ्ते में चार से पांच बार चाऊमीन खाते हैं तो इसका सेवन आपकी पाचन क्षमता कमजोर कर सकता है. इसलिए चाऊमीन का सेवन करने से बचना चाहिए.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है | इनको केवल सुझाव के रूप में लें | इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

क्या आप चाहते हैं बेबी प्लान करना, तो अपने पति और अपने डाइट में रखे इन बातों का खास ध्यान, मिलेगा काफी फायदा

क्या आप चाहते हैं बेबी प्लान करना, तो अपने पति और अपने डाइट में रखे इन बातों का खास ध्यान, मिलेगा काफी फायदा

जब बच्चा प्लान करने की बात आती है तो सबसे पहले औरतों को कहा जाता है, अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें लेकिन क्या आपको यह पता है कि औरतों के साथ साथ पुरुषों को भी अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि आपका होने वाला बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त हो. होने वाले पिता की डाइट स्वस्थ बच्चे के लिए कितनी महत्वपूर्ण है आइये जानते हैं.

बच्चे की सेहत जुड़ी है पिता की डाइट से
यह तो हम सभी जानते हैं कि अगर डाइट अच्छी होती है तो पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी और स्पर्म काउंट बेहतर होता है. लेकिन डाइट सही न हो तो बच्चे के विकास पर इसका असर पड़ता है. ऐसे बच्चों में बर्थ डिफेक्ट का भी खतरा रहता है.

लो स्पर्म काउंट से हो सकता है गर्भपात
गर्भपात का कारण सिर्फ महिलाओं का स्वास्थ्य ही नहीं है, लो स्पर्म काउंट या स्पर्म की क्वालिटी अच्छी नहीं होने से भी महिलाओं को बार बार गर्भपात का सामना करना पड़ सकता है.

क्या खाएं स्वस्थ बच्चे के लिए
महिलाओं की तरह पुरुषों में भी फोलिक एसिड की जरूरत होती है. अपने आहार में फोलेट से भरपूर भोजन जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, जिंक और विटामिन सी शामिल करें. ब्रोकली, पत्तेदार साग, गाजर, पपीता, ब्राउन राइस, फोर्टिफाइड अनाज और स्प्राउट्स भी फोलिक एसिड के अच्छे स्रोत हैं. जिंक के स्तर को बनाए रखें क्योंकि जिंक की अधिक मात्रा भी स्पर्म की मोबिलिटी पर असर करती है.

कॉफी और विटमिन ई
महिलाओं को सलाह दी जाती है कि कॉफी के सेवन से दूर रहना लेकिन पुरुष को अच्छी स्पर्म मोबिलिटी के लिए दिन में चार से पांच कप कॉफी पीनी चाहिए. साथ ही विटामिन ई से भरपूर चीजों का सेवन भी करना चाहिए.

इन चीज़ों से रहें दूर
शराब, धूम्रपान और नशीली दवाओं से बचें क्योंकि ये सभी स्पर्म की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित करते हैं. पुरुषों में बांझपन की समस्या लगभग महिला जैसी ही होती है इसलिए नशीली चीज़ों और धूम्रपान से बचने की सलाह दी जाती है. शराब या बीयर का अत्यधिक उपयोग हॉर्मोन के स्तर को प्रभावित करता है और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है | इनको केवल सुझाव के रूप में लें | इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

 

क्या आपके शरीर में भी कम है हीमोग्लोबिन की मात्रा, उसे बढ़ाने के ये है 10 सटीक तरीके

क्या आपके शरीर में भी कम है हीमोग्लोबिन की मात्रा, उसे बढ़ाने के ये है 10 सटीक तरीके

शरीर में खून की कमी होने पर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। जिससे एनिमिया का शिकार हो जाते हैं। खून की कमी होने पर बॉडी, आंख, नाखून, हथेली एकदम सफेद हो जाती है। इतना ही नहीं खून की कमी से महिलओं को पीरियड्स में अधिक समस्या आती है। लेकिन 10 सटीक तरीके हैं हीमोग्लोबिन बढ़ाने के। जिसका लगातार सेवन करने से बिना दवा के आपका खून बढ़ सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि खून की कमी होने पर शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। वहीं ऑक्सीजन लेवल कम होने लगता है।

आइए जानते हैं 10 सटीक तरीकें -

1. चुकंदर - अपने आहार में रोज एक गोल स्लाीइस चुकंदर की खाना चाहिए। चुकंदर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। इसमें मौजूद तत्वर शरीर को डिटॉक्सीोफाई कर हीमोग्लोदबिन की मात्रा को भी बढ़ाते हैं। इसका सेवन करने से खून की कमी बहुत हद तक कम हो जाती है।

2 अनार - खून की कमी होने पर रोज अनार के दाने खाना चाहिए, ज्यू स नहीं पिना चाहिए। अनार के दाने का सेवन करने की सलाह डॉक्टनर भी देते हैं। अनार खाने या जूस पीने से अपच की समस्या भी ठीक हो जाती है।

3.गुड़ का पानी - रोज गुड़ का पानी पीने से खुन तेजी से बढ़ता है। रात को कांच के गिलास में 1 चम्मेच जितना गुड़ डालें और उसमें पानी भरकर रख दें। सुबह उठकर उस पानी को दूसरे कांच के गिलास में छान लें। उसमें आप चाहे तो स्वापद के लिए नींबू और थोड़ा सा काला नमक भी मिला सकते हैं। इससे आपको पानी स्वांदिष्ट् लगेगा और पीने के बाद एकदम ताजगी महसूस करेंगे।
4.मनुक्का दाख - खून की कमी होना, पेट साफ नहीं होना, जैसी समस्या होने पर मनुक्का दाख का सेवन करना चाहिए। इससे आपका खून जल्दी बढ़ता है। इसके लिए सुबह एक कटोरी में मनुक्का दाख को पानी में भिगोकर रख दें। इसके बाद शाम को उसका सेवन कर लें।

5. टमाटर - इसमें मौजूद एंटीऑक्सीएडेंट की मात्रा हीमोग्लोहबिन बढ़ाने में मदद करती है। टमाटर का सलाद, जूस या सूप किसी भी तरह से इस्तेेमाल कर सकते है। साथ ही इसमें विटामिन-सी की प्रचूर मात्रा होती है, जिससे इम्यूनिटी बूस्ट् होती है।

6. नारियल पानी - खून की कमी होने पर आपके बाल भी झड़ने लगते हैं। ऐसे में नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। इससे हीमोग्लोबिन का स्तोर ठीक रहता है और बाल झड़ना भी कम हो जाते हैं।

7. जामफल - पका हुआ जामफल खाने से शरीर में हीमोग्लोबीन की कमी नहीं होती है। पका अमरूद खाने से खून का स्तर बना रहता है। महिलाओं के लिए भी पका अमरूद खाना लाभकारी है।

8. आंवला - आंवले का सेवन करने से शरीर में विटामिन सी की पूर्ति होती है। विटामिन सी कमी होने पर हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है। इसलिए अलग - अलग तरह से आंवले का सेवन करते रहना चाहिए। आप आंवले का सेवन सबसे अच्छा मुरब्बे के रूप में कर सकते हैं। इसका नियमित रूप से सेवन करने से हीमोग्लोबिन बराबर रहेगी।

9.तिल - तिल में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्वक मौजूद है। इसका सेवन करने के लिए सबसे पहले तिल को दो घंटे के लिए भीगों दें। पानी छानकर उसका पेस्ट बना लें। शहद के साथ मिलाकर उसका दिन में दो बार सेवन करें।

10. अंजीर - अंजीर खून बढ़ाने का बहुत अच्छा स्त्रोत है। 3 अंजीर को दूध में उबालकर पीने से हीमोग्लोाबिन तेजी से बढ़ता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है | इनको केवल सुझाव के रूप में लें | इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |
 

नहीं समझ पा रहे हैं क्यों बढ़ रहा है तेजी से वजन? ये हो सकते हैं संभावित कारण

नहीं समझ पा रहे हैं क्यों बढ़ रहा है तेजी से वजन? ये हो सकते हैं संभावित कारण

वजन बढ़ने के बहुत से कारण होते हैं और हम में से ज्यादातर उन कारणों से वाकिफ होते हैं. हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि कोई गलती न करने के बावजूद वजन बढ़ता ही चला जाता है और समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों हो रहा है. इसके पीछे कुछ वजहें हो सकती हैं जैसे स्ट्रेस या ठीक से न सोना आदि. जानते हैं विस्तार से.
स्ट्रेस –
यह शब्द सुनने में जितना छोटा सा है इससे होने वाले नुकसान उतने ही बड़े हैं. कोई व्यक्ति जब लंबे समय तक स्ट्रेस में रहता है तो उसके बहुत से हॉरमोन प्रभावित होने लगते हैं जो वेट गेन का कारण बनते हैं. ये स्ट्रेस काम से लेकर घर परिवार या बीमारी तक किसी भी प्रकार का हो सकता है.
Binge ईटिंग –
वेट गेन होने के पीछे एक कारण Binge Eating Disorder भी है. कई बार लोगों को लगता है कि उन्हें सारे दिन ऐसे ही भूख लगती रहती है और वे ऊट-पटांग स्नैक्स खाते रहते हैं. दरअसल इसके पीछे वजह Binge ईटिंग डिसऑर्डर हो सकता है. इस कारण दिन भर कुछ न कुछ चुगते रहने से वजन बढ़ने लगता है.
नींद पूरी न होना –
सही नींद स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से लाभकारी है. इससे वेट भी बहुत हद तक प्रभावित होता है. जो लोग रात में ठीक से नहीं सोते या देर रात तक जागते रहते हैं उन्हें भी वेट गेन की समस्या होती है. अगर नींद नहीं पूरी होगी तो बिना बात के भी वजन बढ़ेगा.
हाइड्रेटेड न रहना –
शरीर में पानी की सही मात्रा मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है. अगर आप उचित मात्रा में पानी नहीं पीते तो मान लीजिए की वेट बढ़ना तय है. इससे टॉक्सिन्स बॉडी से निकल नहीं पाते तमात तरह की बीमारियां पैदा करते हैं.
अंडरएक्टिव थायरॉएड –
अंडरएक्टिव थायरॉएड को हाइपोथायरॉडिज्म भी कहते हैं. इस कंडीशन में आपकी थायरॉएड ग्लैंड जरूरत भर के हारमोन नहीं बना पाती और वजन बढ़ता है. इस समस्या से निपटने कि लिए दवाई के साथ ही डाइट और लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने पड़ते हैं.
 

आपके शरीर की ऊचाई भी कर सकती है आपको बीमार, जाने कौन से बिमारियों का हो सकता है खतरा

आपके शरीर की ऊचाई भी कर सकती है आपको बीमार, जाने कौन से बिमारियों का हो सकता है खतरा

अब आपकी हाइट से भी आपको बीमारी का खतरा पता चल सकता है। एक नई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है। यानि आपकी हाइट से भी बीमारी का कनेक्‍शन है। वैज्ञानिकों ने अपनी इस रिसर्च पर मुहर भी लगाई है। रिसर्च के मुताबिक, लम्बी औरतों में कैंसर होने का खतरा अधिक होता है वहीं, कम लम्बाई वाली औरतों में प्री-मैच्योर डिलीवरी की आशंका रहती है। वहीं, अगर पुरुषों की बात करें तो कम लम्बाई वालों में समय से पहले गंजेपन का रिस्क रहता है और लम्बे पुरुषों में रक्त के थक्के जमने का खतरा रहता है।

लंबी औरतों में कैंसर का खतरा
रिसर्च कहती है कि 5 फि‍ट 9 इंच तक लंबाई वाली महिलाओं में कैंसर का खतरा 33 प्रतिशत तक ज्‍यादा हो सकता है।

रिसर्च के मुताबि‍क लंबाई शरीर में ऐसे हॉर्मोन पैदा करती है जि‍ससे ट्यूमर का खतरा हो सकता है। इसके साथ ही ज्‍यादा लंबाई वाले व्‍यक्‍तियों के पैरों में खून के थक्‍के भी जम सकते हैं।

कम लंबाई वालों में ये खतरें
जबकि कम लंबाई वालों में डायबि‍टीज का खतरा ज्‍यादा रहता है। क्‍योंकि कम लंबाई वालों के लीवर में फैट, ब्‍लड प्रेशर और सूजन की आशंका रहती है। जबकि पांच फीट से कम लंबाई औरतों में प्री-मेच्‍यौर डि‍लिवरी का खतरा है। लंबी औरतों के फैले हुए अंग उसके लिए फायदा देते हैं, जबकि कम हाइट की महिलाओं में समय से पहले डिलिवरी की आशंका है।

कम लंबाई की वजह से बाल झडने का खतरा भी है यानि समय से पहले बालों का पकना और गि‍रना। यह पूरी रिसर्च माल्‍मो यूनिवर्सि‍टी, बॉन यूनिवर्सि‍टी, हेलिंस्‍क‍ि यूनिवर्सि‍टी में की गई अलग अलग रिचर्स के आधार पर है।

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क्या आपको भी है कोरोना होने के बाद बाल झड़ने की शिकायत, तो अपनाइए ये उपाय, होगा फायदा

क्या आपको भी है कोरोना होने के बाद बाल झड़ने की शिकायत, तो अपनाइए ये उपाय, होगा फायदा

कोरोना वायरस के साइड इफेक्‍ट पहले कुछ टाइम तक के लिए सामने आ रहे थे लेकिन अब यह बीमारी गंभीर हो रही है। जी हां, पोस्‍ट कोविड के अलग-अलग लक्षण सामने आ रहे हैं।

जिसमें मुख्‍य रूप से ब्‍लक फंगस है। साथ ही खुजली, दर्द, शुगर की बीमारी, हार्ट पर असर पड़ना, सरदर्द, हड्डियों का गलना, सांस लेने में दिक्‍कत होना, सीने में दर्द रहना, थकान रहना, बोलने में असमर्थ होना, ब्रेन पर असर पड़ना जैसे लक्षण नजर आते हैं। वहीं अब पोस्‍ट कोविड से रिकवर हो रहे मरीजों में हेयर लॉस यानी गंजापन हो रहा है। इस वजह से और अधिक मा‍नसिक तनाव बढ़ सकता है। तो आइए जानते हैं गंजेपन को रोकने के लिए अपनी डाइट में इन सप्‍लीमेंट्स को शामिल करें।

1. आईल पुलिंग करें - बालों को झड़ने से रोकने के लिए आइल पुलिंग भी बेहतर तरीका है। इन दिनों ऑइल पुलिंग सबसे अधिक ट्रेंडिंग में है। यह एक आयुर्वेदिक प्रयोग है। रोज सुबह अपने मुंह में एक चम्‍मच तेल रखें और फिर मुंह में उसे घुमाएं। करीब 5 मिनट तक घुमाते रहें। इसके बाद कुल्‍ला कर दें। करीब 1 महीने तक रोज करें। इससे आपके बाल स्‍वस्‍थ्‍य रहेंगे।

2. योग करें - कोविड-19 से उभरने के लिए मरीज साइकेटि्रस्‍ट की मदद लेने लगे हैं। बढ़ते तनाव की वजह से बाल तेजी से झड़ने लगे हैं। इसके लिए प्राणायाम और एक्‍सरसाइज जरूर करना चाहिए। प्राणायाम और अनुलोम-विलोम ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज से खून का प्रवाह पूरी बॉडी में अच्‍छे से होता है। साथ आपके बालों की जड़ों में रक्‍त का प्रवाह भी अच्छे से होता है।

3. नींद की कमी - कोविड मरीजों को ठीक होने के लिए भरपूर आराम करना चाहिए। नींद की कमी पोस्‍ट कोविड मरीजों के लक्षण के रूप में भी नजर आई है। लेकिन अच्‍छी नींद के लिए कई तरीके हैं जिन्‍हें आजमा सकते हैं। रात को सोने से पहले पैरों को धोकर सोएं, नींद नहीं आने पर किताबें पढ़ें, रात को हल्‍दी का दूध पीकर सोएं या अपने पास असेंशियल ऑइल जरूर रखें। इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी और नींद भी अच्‍छे से आएगी।

4. बाल धोने का तरीका - अगर आपके बाल तेजी से झड़ रहे है तो आप उन्‍हें आहिस्‍ता से धोएं। साथ ही रात को अपनी नाभि पर तेल लगाकर सोएं। सिर धोने से पहले सिर में किताबें का तेल लगाएं। उससे अच्‍छे से बालों में मालिश करें। सिर करीब 45 मिनट तक उसे लगा रहने दें।

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क्या आपको भी आदत है खाना खाने के बाद इन कामों को करने की, तो हो जाइये सावधान, हो सकते हैं ये नुकसान

क्या आपको भी आदत है खाना खाने के बाद इन कामों को करने की, तो हो जाइये सावधान, हो सकते हैं ये नुकसान

वजन बढ़ाने से लेकर कई बीमारियां ना केवल गलत खान-पान के कारण होती है | बल्कि खाना खाने के बाद की गई छोटी-छोटी आदतों के कारण भी हो सकती है | इसलिए खाना खाने के बाद कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है | ऐसें में आज यहां हम आपको बताएंगे कि आपको खाना खाने के बाद कौन सी गलतियां हैं जो नहीं करनी चाहिए | आइएं जानते हैं |

खाना खाने के बाद न करें ये गलतियां :-

फल खाना :
भोजन के बाद कभी भी फल नहीं खाना चाहिए | क्योंकि भोजन के बाद फल खाने से भोजन का अवशोषण सीमित हो जाता है इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं |

स्मोकिंग :
बहुत से लोगों को खाना खाने के बाद स्मोकिंग करने की आदत होती है लेकिन क्या आपको पता है कि भोजन के ठीक बाद स्मोकिंग करना आपके शरीर का वजन बढ़ सकता है | क्योंकि सिगरेट में कार्सिनोजेन्स होते हैं जो आपके आंत्र सिंड्रोम को खराब कर सकते हैं |

सोने से बचें :
जब आप खाना खाने के तुरंत बाद सोते हैं तो पेट में खाना पचने में दिक्कत हो सकती हैं जिससे डाइजेशन बिगड़ सकता है |

शॉवर ना लें :
खाना खाने के तुरंत बाद नहाने से बचना चाहिए | जब आप भोजन के बाद नहाते हैं तो रक्त शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए त्वचा में जाता है | जिससे पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं |

व्यायाम करने से बचें :
क्या आपको पता है क खाना खाने के तुरंत बाद व्यायाम करने से आपकी पाचन प्रकिया बिगड़ सकती है, इससे आपको उल्टी और पेट में दर्द का अनुभव कर सकते हैं |

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थायराइड को कंट्रोल करने के लिए खाएं ये फल, हमेशा रहेंगे हेल्दी

थायराइड को कंट्रोल करने के लिए खाएं ये फल, हमेशा रहेंगे हेल्दी

खराब लाइफस्टाइल, बेवक्त खानापीना और नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. इन सभी चीजों का असर मेटाबॉलिज्म पड़ता है. थायराइड एक ऐसी बीमारी है. थायराइड बटरफ्लाई की तरह दिखने वाला ग्लैंड है जो हमारे गले की नीचे होते हैं. ये शरीर के कई हिस्सों को कंट्रोल करने में मदद करता है. इस ग्लैंड में किसी तरह की परेशानी से थकान, बाल टूटना, कोल्ड, वजन बढऩा और अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं. थायरइड दो तरह का होते हैं. हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म. दोनों स्थितियां अलग- अलग बीमारी के कारण होती हैं जो थायराइड ग्लैंड को प्रभावित करने का काम करती हैं.
डाइट थायराइड के लक्षणों को मैनेंज करने में मदद करता है. एक पौष्टिक और संतुलित आहार के साथ दवाएं लेने से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. इसमें आयोडिन, कैल्शियम और विटामिन डी वाली चीजों के सेवन से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. हम आपको ऐसे 4 फ्रूट्स के बारे में बता रहे हैं जिसका सेवन कर थायराइड के लक्षण को कम कर सकते हैं.
सेब
सेब सबसे हेल्दी फूड होता है और दुनिया भर में पसंद किया जाने वाला फल है. रोजाना एक सेब खाना से वजन को कंट्रोल किया जा सकता है. ब्लड शुगर को मेंटेन करने में मदद करता है और थायराइड ग्लैंड को मैनेज करने में मदद करता है. अध्ययनों से पता चलता है कि सेब आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है. ये मोटापा, डायबिटीज, और हृदय रोग के खतरे को कम करता है.
बैरिज
बैरिज यानी जामुन में एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है जो थायराइड के लिए फायदेमंद होता है. जामुन में विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होत है जो फ्री रेडिकल्स को दूर करने में मदद करता है. थायराइड में डायबिटीज और वजन बढऩा आमबात है. स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और रास्पबेरी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
संतरा
संतरा में विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है जो फ्री रेडिकल्स को दूर रखने में मदद करता है. विटामिन सी इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है.
अनानास
अनानास में विटामिन सी और मैंगनीज की भरपूर मात्रा होती है. ये दोनों पोषक तत्व शरीर को फ्री रेडिकल्स से सुरक्षित रखने में मदद करता है. इसमें विटामिन बी की भरपूर मात्रा होती है जो थकान को दूर करने में मदद करता है. अनानास कैंसर, ट्यूमर और कब्ज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है.
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अगर आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं तो दूध में मिलाकर पीये यह 1 चीज

अगर आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं तो दूध में मिलाकर पीये यह 1 चीज

इस खबर में हम आपके लिए लेकर आए हैं लौंग वाले दूध के फायदे.  वैसे तो दूध और लौंग का अलग-अलग सेवन करने से शरीर को फायदे होते ही हैं, लेकिन यदि आप इन दोनों का एक साथ सेवन करते हैं तो आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं.
लौंग में पाए जाने वाले तत्व
रिपोर्ट के अनुसार, लौंग में विटामिन के साथ अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं. इनमें जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इसके अलावा लौंग में प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम और सोडियम एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
लौंग के फायदे
लौंग का सेवन करने से भूख बढ़ती है.
लौंग पेट के कीड़ों को खत्म करती है.
लौंग चेतना शक्ति को नॉर्मल रखती है.
लौंक का सेवन करने से शरीर की दुर्गंध दूर हो जाती है
लौंग का सेवन करने से मूत्र मार्ग ठीक रहता.
सूत्रों ने बताया कि दूध में प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -2) पाया जाता है. साथ ही विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है. ये सभी हमारे शरीर के लिए कई तरह की बामारियों से बचाती हैं.
दूध के फायदे
एक गिलास दूध में पुरुषों की रोज की जरूरत का 37 प्रतिशत कैल्शियम पाया जाता है.
इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं
दूध में मौजूद फैट और प्रोटीन्स मेल हार्मोन्स को एक्टिव करते हैं. फर्टिलिटी बढ़ती है.
दूध में मौजूद कैल्शियम स्ट्रोक से बचाता है.
दूध में मौजूद कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखते हैं
दूध में सेसिन और व्हे प्रोटीन होते हैं, जो मसल्स को मजबूत बनाते हैं.
लौंग और दूध का एक साथ सेवन करने से फायदे
लौंग-दूध के सेवन से शरीर के कई रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं.
एसिडिटी, कब्ज, गैस की समस्या खत्म हो जाती है.
मुंह से आने वाली बदबू से राहत पाने के लिए भी लौंग को चबाकर उपयोग कर सकते हैं.
दूध में दूध में मौजूद फैट और प्रोटीन्स मेल हार्मोन्स को एक्टिव करते हैं. इसलिए लौंग के साथ दूध का सेवन करने से पुरुष अपने आपको तरो-ताजा महसूस करते हैं.
दूध में लौंग मिक्स करके पीने से यौन शक्ति बढ़ती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 

क्या आप भी हैं प्रेग्नेंसी के बाद बढ़े वजन से परेशान, तो अपनाये ये टीप्स, होंगे फायदे

क्या आप भी हैं प्रेग्नेंसी के बाद बढ़े वजन से परेशान, तो अपनाये ये टीप्स, होंगे फायदे

बच्चे के जन्म के बाद लगभग हर महिला जल्दी से जल्दी वजन कम करना चाहती है. वापस शेप में आने की जितनी ललक होती है, उसे पाना उतना ही मुश्किल लगता है. कुछ छोटी और जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप पोस्ट प्रेग्नेंसी वेट को तुलनात्मक रूप से आसानी से कम कर सकती हैं.

ब्रेस्ट फीडिंग से मिलेगी मदद –
इस मामले में एक्सपर्ट्स एकमत नहीं होते. कोई कहता है इससे वेट लॉस में मदद मिलती है तो कोई कहता है इन दो बातों का आपस में कोई लेना-देना नहीं. इस बहस में पड़ने से बेहतर है यह समझना कि बच्चे को दूध पिलाने से आपकी कैलोरीज तो बर्न होती ही हैं साथ ही यह आपके बच्चे के लिए भी बहुत मददगार सिद्ध होता है.

खूब पानी पिएं –
बात चाहे पोस्ट प्रेग्नेंसी वेट की हो या आम दिनों की वजन कम करने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है. इससे ऊट-पटांग खाने की इच्छा भी नहीं होती और मेटाबॉलिज्म भी अच्छा रहता है. इसे समझने का सही तरीका है कि इतना पानी पिएं कि आपकी यूरीन क्लियर हो.

डाइट न करें, हेल्दी खाएं –
बच्चे के जन्म के बाद जब मां बहुत से इमोशनल और हॉरमोनल चेंजेस से गुजर रही होती है, ऐसे में डाइट करना अच्छा विकल्प नहीं है. इससे आपको स्ट्रेस होगा और गलत खाने से गिल्ट. बेहतर है भूख को दबाएं नहीं लेकिन हेल्दी खाएं जैसे, मखाने, फल, मूंगफली, मेवा आदि.

एक्सरसाइज का कोई सानी नहीं –
पोस्ट प्रेग्नेंसी वेट हो या नहीं बिना फिजिकल एक्टिविटी के अपने शरीर से एक्सट्रा वेट हटाना आसान नहीं. हालांकि बच्चे के जन्म के बाद आपको हल्की एक्सरसाइज ही चुननी है. धीमे-धीमे वॉक कर लें, आसान स्ट्रेच कर लें या योगा भी कर सकती हैं. किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परमीशन जरूर ले लें.

 बच्चों के Vaccination पर आई बड़ी खबर, जानें पहले किन्हें, कैसे और कब लगेगा टीका?

बच्चों के Vaccination पर आई बड़ी खबर, जानें पहले किन्हें, कैसे और कब लगेगा टीका?

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार जल्द से जल्द बच्चों का टीकाकरण करना चाहती है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि अक्‍टूबर-नवंबर से 12-17 साल के बच्‍चों को वैक्सीन देने का काम शुरू हो जाए. माना जा रहा है कि मोटापा, दिल सहित अन्य बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को सबसे पहले वैक्‍सीन लगाई जाएगी. पहले राउंड में ऐसे करीब 20-30 लाख बच्‍चों को कवर करने का अनुमान है.

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने अपनी रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया है कि सरकार ने जायडस कैडिला की डीएनए वैक्‍सीन ZyCov-D को ध्‍यान में रखकर अक्‍टूबर-नवंबर से 12-17 साल के बच्‍चों के वैक्सीनेशन की योजना बनाई है. बता दें कि ZyCoV-D ही इकलौती ऐसी वैक्‍सीन है जिसे देश में बच्‍चों पर आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी मिली है.

वरिष्‍ठ ने बताया कि सरकार जायडस के सप्‍लाई शुरू करने का इंतजार कर रही है. सप्लाई शुरू होते ही बच्‍चों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा. सबसे पहले उन बच्चों को टीका लगाया जाएगा, जिन्हें कोई न कोई बीमारी है. बाकियों को अगले साल की पहली तिमाही से वैक्‍सीन लगनी शुरू होगी.
 
रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली खेप में जायडस करीब 40 लाख डोज सप्‍लाई करेगी. उसके बाद हर महीने एक करोड़ डोज सप्‍लाई होंगी. सरकार को उम्‍मीद है कि कंपनी दिसंबर तक करीब 4-5 करोड़ डोज मुहैया करा देगी. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ZyCoV-D तीन डोज वाली वैक्‍सीन है. सरकार अगले साल मार्च तक बाकी बच्‍चों तक वैक्‍सीनेशन कवरेज को बढ़ाएगी.
 
बता दें कि भारत बायोटेक की Covaxin को भी बच्‍चों पर टेस्‍ट किया जा रहा है. उसके क्लीनिकल ट्रायल जल्द पूरे होने वाले हैं. यदि Covaxin को बच्‍चों पर आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी मिल जाती है, तो उसे दो साल से ज्‍यादा उम्र वाले सभी बच्‍चों को लगाया जा सकता है. बायोलॉजिकल ई और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के टीकों को भी हाल ही में बच्‍चों पर ट्रायल की मंजूरी दी गई है.
 
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 18 साल से कम उम्र के करीब 44 करोड़ बच्‍चे हैं. इनमें से 12-17 की उम्र वाले लगभग 12 करोड़ हैं, जिन्‍हें सबसे पहले वैक्‍सीन मिलेगी. हालांकि सीमित सप्‍लाई को देखते हुए सरकार ने इस आयुवर्ग में भी प्रायोरिटी ग्रुप्‍स बनाने का फैसला किया है. यही रणनीति बड़ों के वैक्‍सीनेशन अभियान में भी अपनाई गई थी. गौरतलब है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर जल्द आने की आशंका जताई जा रही है. सरकार की योजना है कि इससे पहले ही बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाए.
 तीसरी लहर से पहले नई चुनौती बने निपाह, डेंगू और मलेरिया

तीसरी लहर से पहले नई चुनौती बने निपाह, डेंगू और मलेरिया

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी भी जारी हो चुकी है। लेकिन इसी बीच सेहत विभाग के सामने नई समस्या खड़ी हो चुकी है। केरल में निपाह वायरस, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में डेंगू, दिल्ली में वायरल और बिहार में मलेरिया के प्रसार के कारण मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई राज्यों के अस्पतालों में 95 फीसदी बिस्तर भरे हुए हैं। इनमें 60 से 70 फीसदी तक मरीज बुखार या वायरल से संक्रमित हैं।
 
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। खासतौर पर बच्चों में इन्फ्लूएंजा संक्रमण देखने को मिल रहा है। स्क्रब टाइफस व लेप्टोस्पिरोसिस जैसे जीवाणु संक्रमण (बैक्टीरियल इंफेक्शन) भी कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों में जानलेवा साबित हो सकते हैं। बुखार के कारण हालात बिगडऩे की चेतावनी पहले ही दे दी गई थी। 

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। खासतौर पर बच्चों में इन्फ्लूएंजा संक्रमण देखने को मिल रहा है। स्क्रब टाइफस व लेप्टोस्पिरोसिस जैसे जीवाणु संक्रमण (बैक्टीरियल इंफेक्शन) भी कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों में जानलेवा साबित हो सकते हैं। बुखार के कारण हालात बिगडऩे की चेतावनी पहले ही दे दी गई थी। 

वहीं, एनआईवी की वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में फैले रहस्यमयी बुखार के मरीजों की जीनोम सीच्ेंसिंग में हमें डेंगू वायरस का डी-2 स्ट्रेन मिला है, जो काफी जानलेवा है। महाराष्ट्र और यूपी के अलावा दिल्ली से भी कुछ सैंपल मंगाए गए हैं, क्योंकि वहां वायरल बुखार के बाद लोगों को लंबे समय तक खांसी व कफ बने रहने की शिकायत मिल रही है।
 
इसके अलावा डेंगू के चलते महाराष्ट्र के अस्पतालों के ब्लडबैंकों में रक्त की कमी हो गई है। हालात ऐसे हैं कि मुंबई के टाटा अस्पताल को सोशल मीडिया पर रक्तदान के लिए लोगों से अपील करनी पड़ रही है। अस्पताल के अनुसार, रक्त की मांग कई महीने से पहले अधिक थी, लेकिन अब यह संकट और गहरा चुका है, क्योंकि कोरोना टीकाकरण भी इसका कारण है।