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क्या आप जानते है, दोबारा गर्म करके चाय क्यों नहीं पीना चाहिए?

क्या आप जानते है, दोबारा गर्म करके चाय क्यों नहीं पीना चाहिए?

हम में से ज्यादार लोग चाय के साथ अपने दिन की शुरुआत करते हैं. इसका लाजवाब स्वाद हम में से ज्यादातर लोगों को पसंद होता है. चाय एक इंसान को दूसरे से जोडऩे का काम करता है. चाय में कई तरह के प्राकृतत्व होते हैं जिसे पीने का बाद हम तरोताजा महसूस करते हैं. ये हमारी एनर्जी को बढ़ाने का कम करते हैं. अक्सर ऑफिस में काम की थकान को दूर करने के लिए चाय पीते हैं. हालांकिस कुछ लोगों को जरूरत से ज्यादा चाय पीने की आदत होती है.
ऐसे में कई बार हम लोग चाय बनाने में आलस करते हैं जिसकी वजह से एक बार में अधिका मात्रा मे चाय बनाकर रख लेते हैं और उसे समय- समय पर गर्म करके पीते रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार- बार चाय को गर्म करके पीना सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है.

आइए जानते हैं चाय को बार- बार गर्म करके क्यों नहीं पीना चाहिए.
स्वाद और स्मेल खराब होता है
बार- बार चाय को गर्म करने से उसका स्वाद और खूशबू उड़ जाती है. ये दोनों चीजें चाय की खासियल होती है. इसके अलावा बार- बार चाय गर्म करने से इसके पौषक तत्व भी कम हो जाते है.
बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ जाता है
ज्यादा देर बाद बनी हुए चाय को दोबारा पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है. क्योंकि चाय में माइक्रोबियल बनने लगते हैं. ये माइल्ड बैक्टीरिया सेहत के लिए हानिकारक होते हैं. ज्यादातर घरों में दूध वाली चाय बनती हैं जिसमें दूध की मात्रा अधिक होती है. इस वजह से माइक्रोबियल खतरा बढ़ जाता है. वहीं, हर्बल चाय को बार- बार गर्म करने से उसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं.
सेहत के लिए हानिकारक
चाय को बार- बार गर्म करके पीना सेहत के लिए खतरनाक होता है. क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. अगर आप अपनी इस आदत को नहीं बदलते हैं तो लंबे समय बाद पेट खराब होने पेट दर्द. इंफ्लामेशन आदि बीमारियां हो सकती हैं. ये आदत आपके सेहत के लिए नुकसानदायक होता है.
चाय से जुड़ी ये बातें जान लें
1. चाय बनने के 15 मिनट बाद उसे गर्म करते हैं तो उससे आपको कोई नुकसान नहीं होता है.
2. लंबे समय बाद चाय को गर्म करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है.
3. हमेशा उतनी ही चाय बनानी चाहिए जितना आप उस समय में खत्म कर लें ताकि बाद के लिए चाय बचनी ही नहीं चाहिए.

 

बढ़ते ब्लड शुगर से परेशान हैं तो डाइट में शामिल करें ये प्राकृतिक खाद्य पदार्थ

बढ़ते ब्लड शुगर से परेशान हैं तो डाइट में शामिल करें ये प्राकृतिक खाद्य पदार्थ

आजकल अनियमित खान-पान की आदतों की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है. मधुमेह (Diabets) भी एक ऐसी बीमारी है जो आपकी बिगड़ी लाइफस्टाइल की वजह से हो सकती है. डायबिटीज को खतरनाक माना जाता है क्योंकि ये धीरे-धीरे आपके शरीर के दूसरे अंगो को प्रभावित करने लगती है. डायबिटीज को साइलेंट किलर (Silent Killer) भी कहा जाता है. इससे हार्ट (Heart), लिवर (Liver) आंखें (Eye) और किडनी (kidney) सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. आजकल कम उम्र में ही लोगों को डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगा है. कई बच्चों में डायबिटीज (Diabetes in Kids) की बीमारी होने लगी है.
क्या है डायबिटीज (What is Diabetes)


डायबिटीज होने पर पैंक्रियाज में इंसुलिन कम पहुंचता है, जिससे खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है. इंसुलिन हमारे शरीर में पाचन ग्रंथि से बनता है, जिसका काम भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है. इंसुलिन से ही शरीर में शुगर की मात्रा कंट्रोल रहती है. डायबिटीज होने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में परेशानी होती है. ऐसी स्थिति में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जिससे हमारे दूसरे अंग भी प्रभावित होने लगते हैं. डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप-1 और टाइप-2. वंशानुगत कारणों की वजह से होने वाले डायबिटीज को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाली डायबिटीज को टाइप-2 डायबिटीज कहते हैं.
डायबिटीज में आहार (Foo In Diabetes)


आपकी डाइट का डायबिटीज पर सीधा असर पड़ता है. ऐसे में आपको अपनी डाइट (Diabetes Diet) का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है. डायबिटीज में फल और सब्जियां का चुनाव भी सोच समझकर करने की जरूरत है. इसके अलावा कौन सा अनाज डायबिटीज में खाना चाहिए ये भी महत्तवपूर्ण है.
डायबिटीज में खाने वाले अनाज (Grains In Diabetes)


1- जौ का आटा- डायबिटीज के मरीजों को फाइबर से भरपूर अनाज का सेवन करना चाहिए. आपको डाइट में जौ की रोटी शामिल करनी चाहिए. जौ में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है और स्टार्च बहुत कम होता है. इसे पचाना काफी आसान होता है. जौ खाने से शुगर कंट्रोल रहता है.


2- बाजरा का आटा- बाजरा का आटा डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है. बाजरा में मैग्नीशियम काफी मात्रा में होता है, जिससे इंसुलिन और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है. बाजरा में हेल्दी फाइबर होता है, जो टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है.


3- रामदाना- ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए रामदाना काफी अच्छा होता है. इसमें ग्लूटेन नहीं होता और फाइबर भरपूर होता है. रामदाना में आयरन, पोटैशियम, अमीनो एसिड और कई दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं. आप डाइट में इसे शामिल कर सकते हैं.


4- राजगीरा- ये एक साबुत अनाज है जिसका सेवन डाबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है. राजगीर सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इससे शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. इसमें अमीनो-एसिड, आयरन, पोटैशियम होता है ये ग्लूटन-फ्री है.


5- मल्टीग्रेन आटा- अगर आप किसी एक तरह के अनाज को नहीं खाना चाहते हैं तो आप मल्टी ग्रेन आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें जौ, बाजरा, मक्का, चना, गेहूं और राजगीर जैसे अनाज को शामिल कर सकते हैं. ये आटा आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बहुत मदद करेगा.
डायबिटीज में खाने वाले फल (Fruits In Diabetes)


1- सेब (Apple)- एप्पल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. रोज एक सेब खाने से शरीर बीमारियों से दूर रहता है. डायबिटीज के मरीज के लिए भी सेब बहुत अच्छा फल है. सेब में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार का फाइबर काफी होता है. जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है. सेब खाने से पेट अच्छा रहता है और वजन भी कंट्रोल रहता है.


2- संतरा (Orange)- फलों में संतरा को सुपरफूड माना गया है. डायबिटीज के मरीज के लिए भी संतरा बहुत गुणकारी है. इसमें भरपूर फाइबर, विटामिन सी, फोलेट और पोटेशियम पाया जाता है. जिससे डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.


3- आड़ू (Peach)- आड़ू फुल ऑफ फाइबर फूड है. आड़ू खाने से ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. करीब 100 ग्राम आड़ू में 1.6 ग्राम फाइबर होता है. गर्मी और बारिश के मौसम में आड़ू आपको काफी मिल जाएगा. आड़ू पहाड़ों पर पाया जाने वाला फल है. शुगर के मरीज को आड़ू जरूर खाना चाहिए.


4- अमरूद (Guava)- अमरूद काफी सस्ता लेकिन सेहत के लिए फायदेमंद फल है. अमरुद में लो ग्लाइकैमिक इंडेक्स यानी जीआई होता है, जिससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है. अमरूद में विटामिन सी, विटामिन ए, फॉलेट, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. डायबिटीज और हार्ट के मरीज के लिए अमरूद बहुत अच्छा फल साबित होता है.


5- कीवी (Kiwi)- कीवी खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. खासबात ये है कि ये सभी सीजन में आसानी से मिल जाता है. कीवी में विटामिन ए और सी भरपूर होता है. एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर कीवी खाने से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है. इससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम करने में मदद मिलती है.
डायबिटीज में खाने वाली सब्जियां (Vegetables In Diabetes)


1- भिंडी (Ladyfinger)- डायबिटीज के मरीज के लिए भिंडी सब्जी का अच्छा ऑप्शन है. भिंडी में स्टार्च नहीं होता और घुलनशील फाइबर पाया जाता है. भिंडी आसानी से पच जाती है. इससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. भिंडी में मौजूद पोषक तत्व इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को बीमारियों से बचाते हैं.


2- गाजर (Carrot)- गाजर में भरपूर मात्रा में विटामिन ए और ढ़ेर सारे मिनरल्स पाए जाते हैं. डायबिटीज के मरीज को खाने में गाजर जरूर शामिल करनी चाहिए. ऐसे लोगों को सब्जी की बजाय सलाद के तौर पर कच्ची गाजर खानी चाहिए. गाजर में फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है. इससे बॉडी में धीरे-धीरे शुगर रिलीज होता है.


3- हरी सब्जियां (Green Vegetables)- डायबिटीज होने पर आपको खाने में हरी सब्जियां जरूर शामिल करनी चाहिए. आपको खाने में पालक, लौकी, तोरई, पत्तेदार सब्जियां और ब्रोकली शामिल करनी चाहिए. ये सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं. ये सब्जियां डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. इनमें विटामिन ए और सी काफी होता है. वहीं कैलोरीज की मात्रा बहुत कम होती है. ब्रोकली डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. वजन घटाने में भी ब्रोकली मदद करती है.


4- पत्ता गोभी (Cabbage)- पत्ता गोभी भी डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है. पत्ता गोभी में स्टार्च की मात्रा बहुत कम होती है. पत्ता गोभी एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स से भरपूर है. इसमें फाइबर भी भरपूर होता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए पत्ता गोभी बहुत पायदेमंद है. आप सलाद या सब्जी के तौर पर पत्ता गोभी का इस्तेमाल कर सकते हैं.


5- खीरा (Cucumber)- खीरा खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. गर्मियों में खीरा खाना सेहत के लिए अच्छा होता है. खीरा में पानी अच्छी मात्रा में होता है. खीरे में स्टार्च बिल्कुल नहीं होता है. वजन घटाने के लिए भी खीरा बहुत कारगर है. पेट को स्वस्थ रखने में भी खीरा मदद करता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


 

नहाते समय पानी में मिलाएं ये 5 चीजें, दिन भर की थकान होगी छू मंतर

नहाते समय पानी में मिलाएं ये 5 चीजें, दिन भर की थकान होगी छू मंतर

लेपटॉप या कम्यूटर स्क्रीन पर लगातार काम करने के बाद रात तक बुरी तरह से क जाते हैं। कई बार अगले दिन काम पर आपकी थकान का असर भी पड़ता है। इसके लिए एक सबसे आसान तरीका है जिससे आपकी थकान भी दूर हो जाएगी और सुबह उठने पर आप तरोताजा महसूस करेंगे। इसके लिए आप ऑफिस से आने के बाद जब भी नहाते हैं तो 5 में से कोई सी भी एक चीज अपनाएं। इससे आपकी दिनभर की थकान छू मंतर हो जाएगी। तो आइए जानते हैं -
1. नींबू -
नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीजडेंट गुण आपकी बॉडी को एक्टिव रखने में मदद करते हैं। पानी में दो बूंद नींबू की डालकर स्नान करने से दिनभर की थकान दूर हो जाती है। वहीं इसकी खुशबू से ताजगी महसूस होती है। जिससे आप एक दम फ्रेश महसूस करते हैं। शरीर पर मौजूद दिनभर की गंदगी को मिटाने में भी मदद मिलती है। और चेहरे या बॉडी पर जमा दाग-धब्बे भी हल्के पड़ जाते हैं।
2. ऑलिव ऑयल –
यह सबसे अधिक उपयोगी तेल है। स्नाान करने के दौरान बाल्टी् में एक ढक्कंन ऑलिव ऑयल डाल लें। यह एंटी-एजिंग का काम भी करती है। इसमें विटामिन ई और के की भरपूर मात्रा होती है। पानी में डालकर इसे लगाने से कोलेजन का काम भी हो जाता है।
3. नमक –
दिनभर की थकान दूर करने का सबसे अचूक उपाय है नमक। गुनगुने पानी में 1 चम्मच नमक डालकर नहाने से दिनभर की थकान और गंदगी दोनों दूर हो जाती है। जिससे थकान के बाद भी भरपूर नींद आती है।

4. दूध –
वैसे तो दूध से स्नाकन करना एक भारतीय परंपरा रही है। रात को आपके यहां दूध आता है तो आधी कटोरी दूध गुनगुने पानी में डालकर स्नाान करें। इससे आपकी स्किन बहुत अधिक सॉफ्ट हो जाएगी। बल्कि रात में आपको किसी प्रकार का मॉइश्चराइजर भी लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

5. लैवेंडर ऑयल –
इस तेल का इस्तेमाल स्पा के दौरान सबसे अधिक किया जाता है। लैवेंडर की सिर्फ दो बूंदों को पानी में डालने के बाद उस गुनगुने पानी से स्नान करें। आपकी सभी थकान दूर हो जाएगी। इस ऑयल से स्ना्न करने से मांसपेशियों का दर्द भी कम होता है।

 

क्या आपको भी है Thyroid की समस्या? तो भूलकर भी न खाएं ये चीजें

क्या आपको भी है Thyroid की समस्या? तो भूलकर भी न खाएं ये चीजें

इन दिनों थाइरॉइड की बीमारी आम बनती जा रही है. वहीं कुछ लोगों को इस बीमारी के लक्षण समझने में समय लग जाता है और यही वजह है कि ये बीमारी बढ़ जाती है. बता दें कि अगर आप इस बीमारी में आप लापरवाही करते हैं तो ये आपके लिए खतरनाक हो सकती है. थायरॉयड के मरीजों को ये भी पता होना चाहिए कि उनके शरीर के लिए किन चिजों का सेवन हानिकारक हो सकता है. ऐसे में हम आपको यहां बताएंगे कि थायरॉयड के मरीज को किन चीजों को खाने से बचना चाहिए. साथ ही थायरॉयड के क्या लक्षण हैं-
थायरॉयड (Thyroid) के प्रकार
थायरॉयड दो प्रकार के होते है एक हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइडिज्म. दोनों ही प्रकार के थायरॉयड के अलग-अलग लक्षण होते है.
थाइरॉइट (Thyroid) हाइपरथायराइडिज्म के लक्षण-
कम नींद आना
वजम कम होना
घबराना
प्यास ज्यादा लगना, सांस फूलना
थाइरॉइट (Thyroid) हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण-
वजन बढ़ना
मानसिक तनाव
बालों का झड़ना
थकान
स्किन का रूखा होना


थाइरॉइट (Thyroid) में इन चीजों से करें परहेज

सोयाबीन
अगर आपको थायरॉइड है तो सोयाबीन खाने से बचना चाहिए. थायरॉयड में किसी भी प्रकार से सोयाबीन का सेवन नहीं करना चाहिए.
कैफीन या ऐल्कोहल
थाइरॉयड के मरीजों के लिए कैफीन और एल्कोहल को छोड़ना जरूरी है ऐसा करने के बाद ही आप थाइरॉयड को कम कर सकते हैं. अगर आप थाइरॉयड के मरीज हैं और फिर भी ऐल्कोहल और कैफीन का सेवन करते हैं तो दवाओं के असर पर इसका प्रभाव पड़ सकता है. और आपका थाइरॉयड भी बढ़ सकता है.
चीनी
थाइरॉयड के मरीजों के लिए चीनी का सेवन भी अच्छा नहीं है. थाइरॉयड चीनी के सेवन से आपका वजन बढ़ सकता है. साथ ही थाइरॉयड के लेवल पर भी इसका असर पड़ सकता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

Alert ! कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद ये लक्षण दिखने पर हो सकते हैं संक्रमित

Alert ! कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद ये लक्षण दिखने पर हो सकते हैं संक्रमित

कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी भी किसी साये की तरह मन में बैठा हुआ है। लेकिन कुछ ही लोगों के मन में अब डर नजर आ रहा है।
लोग सड़कों पर बिना खौफ के नजर आ रहे। जहां अभी लोगों से दूरी बनाना है, मास्क। लगाना है लेकिन जनता ने वैक्सीबनेशन के बाद कोविड नियमों से दूरी बना ली। शायद वो मंजर जनता भूल गई जब मरीज मौत और जिदंगी के बीच खतरनाक संघर्ष कर रहे थे। जनता के मन में गलतफहमी पैदा हो रही है। वैक्सी नेशन के बाद उन्हें कुछ नहीं होगा। तो कुछ लोगों के मन में सवाल है कि वैक्सीबन लगवाने के बाद भी कोरोना होना है तो फिर वैक्सी‍न क्योंह लगाएं? सबसे पहले जानते हैं वैक्सीननेशन के बाद कुछ लक्षण नजर आते हैं तो सतर्क हो जाएं। क्योंीकि वह कोरोना वायरस के भी हो सकते हैं।

वैक्सींनेशन के बाद ये संकेत दिखने पर हो जाएं सतर्क

- नाक बहना
-सुगंध नहीं आना
-गले में खराश होना
-सिरदर्द
-जुकाम होना

टीका लगवाने से पहले ये लक्षण नजर आ रहे हैं तो सतर्क हो जाएं -

- सिरदर्द
- ठंड लगकर बुखार आना
- गले दुखना
- नाक बहना
- खांसी होना
- हाथ पैर दुखना

ऐसे कर सकते हैं खुद का बचाव

जी हां, दूसरी लहर पूरी तरह से खत्मस नहीं हुई। कई राज्योंं, शहरों में आज भी हजारों की तादाद में केस मिल रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों द्वारा लगातार तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। यह भी कहना है कि अगर लोग इस तरह से बेपरवाह घुमेंगे तो तीसरी लहर को किसी भी हालत में टाला नहीं जा सकता है। तीसरी लहर के जल्दीे आने संभावना और अधिक बढ़ जाएगी।

- वैक्सीबन लगवाने के बाद भी मास्क लगाना जरूरी है। क्योंंकि वायरस अभी भी हमारे बीच है।
- कोविड नियमों का पालन करें। दो गज की दूरी, हैंड सैनिटाइजर, और मास्कभ जरूर लगाएं।
- घर में ही रहें। जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाएं। कोविड लगातार म्यू टेट हो रहा है।
- दुकान या सार्वजनिक जगहों पर दूरी बनाकर रखें।

वैक्सीनेशन के बाद भी कोविड हो जाता है तो क्या फायदा

दरअसल, वैक्सीबनेशन के बाद भी कई लोग कोरोना की चपेट में आए है लेकिन उन्हें हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। वह घर पर ही ट्रीटमेंट लेकर ठीक हो गए। वैक्सीोनेशन के बाद वायरस की गंभीरता कम हो जाती है।

 

इन आदतों से आंखों के स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर, जल्द सुधारें

इन आदतों से आंखों के स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर, जल्द सुधारें

आंखें हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है और इन्हें स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए इनकी देखभाल करना बहुत जरूरी है। हालांकि कई बार आंखों का पूरा ख्याल रखने के बावजूद भी लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इसका मुख्य कारण उनकी कुछ आदतें हो सकती हैं। चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में बताते हैं, जिनका आंखों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
सनग्लासेस न पहनना
अगर किसी भी काम के लिए धूप में आंखों पर बिना सनग्लासेस लगाए घर से बाहर निकलते हैं तो आपकी यह आदत आंखों को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकती है। कई लोगों को लगता है कि सनग्लासेस सिर्फ लोग फैशन के लिए पहनते हैं, लेकिन असल में यह आंखों को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने में मदद करते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप धूप में निकलने से पहले आंखों पर यूवी प्रोटेक्शन वाले सनग्लासेस जरूर लगाएं।
ध्रूमपान करना
अगर आप यह सोचते हैं कि ध्रूमपान करने से आप कूल लगते हैं तो आपका ऐसा सोचना गलत है क्योंकि ध्रूमपान के कारण न केवल आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है, बल्कि इससे आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंचता है। दरअसल, ध्रूमपान के दौरान इसका धुआं आंखों में भी जाता है, जिसके कारण आंखों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आप ध्रूमपान करते हैं तो जल्द से जल्द इसे छोडऩे की कोशिश करें।
नींद पूरी न कर पाना
व्यस्त दिनचर्या के कारण कई लोग चाहकर भी अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते है और उनकी इसी आदत से आंखों को नुकसान पहुंचता है। नींद पूरी न कर पाने की वजह से ज्यादातर लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं। वहीं, इसके कारण आंखों में दर्द और जलन की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं तो इसके कारण आंखों को आराम नहीं मिलता, जो आंखों की समस्याओं का कारण बनता है।
डाइट का सही न होना
अगर आपकी डाइट सही नहीं है तो इसके कारण भी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। उदाहरण के लिए संतुलित डाइट न लेना और अनहेल्दी चीजों के सेवन से आंखें कमजोर हो सकती हैं या फिर इनमें कोई बीमारी उत्पन्न हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी डाइट में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य और पेय पदार्थों को शामिल करें। स्वास्थ्यवर्धक खाद्य और पेय पदार्थों के रूप में विटामिन-ई, विटामिन-सी, फाइबर, हेल्दी फैट्स और प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन जरूर करें।

 

 शोधकर्ताओं को मिली चौंकाने वाली जानकारी, सांप का जहर करेगा कोरोना का इलाज!

शोधकर्ताओं को मिली चौंकाने वाली जानकारी, सांप का जहर करेगा कोरोना का इलाज!

साओ पोलो. कोरोना वायरस का इलाज जल्द ही सांप के जहर से हो सकता है. ब्राजील के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जहर में मौजूद एक मॉलेक्यूल ने बंदर के सेल में कोरोना वायरस को बढ़ने से काफी हद तक रोक लिया. हालांकि, अभी तक इंसानों में कोविड के खिलाफ इस जहर के असर को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. शोधकर्ताओं ने बगैर समय की जानकारी दिए उम्मीद जताई है कि इंसानी सेल्स पर भी इस पदार्थ की जांच की जा सकती है.

साइंटिफिक जर्नल मॉलेक्यूल्स में प्रकाशित एक स्टडी में पता चला था कि jararacussu pit viper ने बंदर के सेल्स में वायरस के बढ़ने की क्षमता को 75 फीसदी तक रोक दिया था. साओ पोलो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और स्टडी के लेखक राफेल गीडो ने कहा, ‘हम यह दिखाने में सक्षम हुए कि सांप के जहर का यह हिस्सा वायरस के खास प्रोटीन को रोक सकता है.’

यह मॉलेक्यूल पेप्टाइड या अमीनो एसिड की चेन है, जो कोरोना वायरस की PLPro एंजाइम से जुड़ जाता है. अन्य सेल्स को नुकसान पहुंचाए बगैर यह वायरस के बढ़ने में काफी अहम भूमिका निभाता है. साथ ही एक्सपर्ट्स ने इसके चलते सांपों का शिकार करने और उन्हें पकड़ने को गैर-जरूरी बताया है. jararacussu ब्राजील के सबसे लंबे सांपों में से एक है. इसकी लंबाई करीब 6 फीट तक होती है.

एक इंटरव्यू के दौरान गीडो ने कहा था कि अपनी एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए पहले ही पहचाने जाने वाले पेप्टाइड को लैब में तैयार किया जा सकता है. इसके चलते सांपों को पकड़ना या पालना जरूरी नहीं है. हर्पेटोलोजिस्ट गिसीप पुओर्तो ने कहा, ‘हम ब्राजील में उन लोगों को लेकर सावधान है, जो jararacussu के शिकार पर यह सोचकर निकल जाएंगे कि वे दुनिया को बचाने जा रहे हैं… यह ऐसा नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘यह खुद जहर नहीं है, जो कोरोना वायरस का इलाज करेगा.
सावधान! नकली हो सकता है कोरोना का टीका, पहचान के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किया अलर्ट

सावधान! नकली हो सकता है कोरोना का टीका, पहचान के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किया अलर्ट

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सभी डीएम और सीएमओ को नकली कोविडशील्ड टीकों की पहचान के लिए अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में नकली कोविडशील्ड टीके की पहचान होने के बाद जारी किया गया है।
अलर्ट में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैक्सीन निर्माता कम्पनी की ओर से परीक्षण के बाद वैक्सीन नकली होने और निर्माता कम्पनी द्वारा आपूर्ति न किये जाने की पुष्टि की गई है। इस बारे में केन्द्र सरकार की ओर से 25 अगस्त को एक पत्र भी जारी किया गया था।
प्रदेश के सभी डीएम और सीएमओ को सलाह दी गई है कि नकली टीकों से बचाव के लिए सप्लाई चेन की निगरानी बढ़ाई जाए और कोविड टीकों के उपयोग से पहले गुणवत्ता की स्थिति को सावधानीपूर्वक प्रमाणित कर लिया जाए। खासतौर पर निजी कोविड टीकाकरण केन्द्रों द्वारा आयोजित सत्रों पर निगरानी रखी जाए और ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना मिलने पर सक्षम स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जहां कहीं भी कोविड टीकाकरण सत्र पर नकली टीकों से सम्बंधित गतिविधियां पायी जाती हैं तो उसकी तत्काल जांच और नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
 

बड़ा खुलासा: Corona का नया वैरिएंट C.1.2 हो सकता है अधिक संक्रामक, वैक्सीन भी है बेअसर

बड़ा खुलासा: Corona का नया वैरिएंट C.1.2 हो सकता है अधिक संक्रामक, वैक्सीन भी है बेअसर

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में कोरानावायरस (Coronavirus) का एक नया स्वरूप मिला है, जो अधिक संक्रामक हो सकता है। साथ ही कोविड रोधी टीके (Vaccine) से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है।
दक्षिण अफ्रीका स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज एवं क्वाजुलु नैटल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लैटफॉर्म के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोनावायरस के नए स्वरूप सी.1.2 का, सबसे पहले देश में इस साल मई में पता चला था।

उन्होंने कहा कि तब से लेकर गत 13 अगस्त तक यह स्वरूप चीन, कांगो, मॉरीशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में मिल चुका है।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान सामने आए वायरस के वेरिएंट में से एक सी.1 की तुलना में सी.1.2 अधिक म्यूटेंट हुआ है जिसे ‘रुचि के स्वरूप’ की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि सी.1.2 में अन्य स्वरूपों-
‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ और ‘वेरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट’ की तुलना में अधिक उत्परिवर्तन देखने को मिला है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि सी.1.2 अधिक संक्रामक हो सकता है तथा यह कोविड रोधी टीके से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है।

 

क्या आप सेक्स करते समय नहीं रखते हैं इन बातों का ध्यान, तो हो जाइये सावधान, पड़ सकते हैं आप बड़ी मुसीबत में

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यौन स्वास्थ्य को सही रखने के लिए एक्सपर्ट्स ने कई टिप्स बता रखे हैं. जिन्हें अपनाने से ना सिर्फ आपका अनुभव बेहतरीन बनता है, बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचता है. इन टिप्स को अपनाने के बाद आप कई यौन समस्याओं (Sexual Problems) से दूर रहते हैं और यौन सुख प्राप्त कर पाते हैं. आइए यौन संबंध (शारीरिक संबंध) बनाने से पहले ध्यान रखने वाले सेफ्टी टिप्स के बारे में जान लेते हैं.

यौन संबंध बनाने से पहले जरूर करें ये 5 काम
आइए जानते हैं कि सेक्शुअल हेल्थ को सही रखने के लिए आपको फिजिकल रिलेशन (यौन संबंध) बनाने से पहले किन कामों को करना चाहिए.

मूड है जरूरी
आपको यह बात अजीब लग सकती है, लेकिन यौन स्वास्थ्य को सही रखने के लिए आपको फिजिकल रिलेशन से पहले फीमेल पार्टनर के मूड का ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि, जब महिला उत्तेजना महसूस करती है, तो उनका जननांग नैचुरल ल्यूब्रीकेशन का उत्पादन करता है. ल्यूब्रीकेशन में कमी के कारण वजायनल टीअरिंग, कट या सूजन जैसी यौन चोटें लग सकती है.

प्राइवेट पार्ट की हाइजीन
यौन संबंध बनाने से पहले मेल और फीमेल पार्टनर दोनों को प्राइवेट पार्ट की हाइजीन का खास ख्याल रखना चाहिए. क्योंकि, शरीर के इस हिस्से में कई नुकसानदायक फंगस व बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं. जो शारीरिक संबंध बनाने के दौरान आपके हाथों से मुंह, कान, नाक आदि जगह पहुंचकर आपको बीमार कर सकते हैं.

अंडरगार्मेंट्स बदलें
अक्सर लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन यौन संबंध बनाने से पहले यह काम करना भी बहुत जरूरी है. क्योंकि, दिनभर आपके शरीर से पसीना निकलता है, जिसके कारण आपके अंडरगार्मेंट्स गंदे हो जाते हैं. यौन संबंध के दौरान यह पसीना यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन व अन्य संक्रमणों का कारण बन सकता है.

गहरी व लंबी सांस लें
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यौन संबंध से मिलने वाला सुख आपके मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. अगर आप ज्यादा तनाव व चिंता में होंगे, तो यौन संबंध बनाने में असफल भी हो सकते हैं. इसलिए फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले आपको कुछ देर गहरी व लंबी सांस लेनी चाहिए. जिससे आपका दिमाग और शरीर दोनों रिलैक्स हो जाएं.

ऐसा खाना ना खाएं
ध्यान रखें कि यौन संबंध से पहले आपके द्वारा लिया गया आहार भी आपके अंतरंग पलों पर असर डालता है. आप संबंध बनाने से पहले ऐसा कुछ भी ना खाएं, जिससे सांस की बदबू, गैस, पेट फूलना आदि समस्याएं हो सकती है. वरना फिजिकल रिलेशन बनाते हुए आपके पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

पुरुषों को शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ बनाते हैं ये 10 सुपरफूड, डाइट में जरूर शामिल करें

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Men’s Superfood: पुरुषों को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए कुछ खास पोषक तत्वों की जरूरत होती है. पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर, हार्ट, हाई कोलेस्ट्रॉल, शुगर, ब्लड प्रेशर और सेक्शुअल हेल्थ से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं. ऐसे में बीमारियों से बचने के लिए और खुद को फिट रखने के लिए आपको अपनी डाइट में कुछ सुपरफूड जरूर शामिल करने चाहिए. पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए ऐसा आहार जरूरी है जिससे उनकी मांसपेशियां मजबूत बन सकें और वो ऊर्जावान महसूस कर सकें. आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन मीट और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद जरूर शामिल करने चाहिए. हम आपको आज ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जो पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद हैं.
1- दूध और दही- सुपरफूड्स की लिस्ट में दूध-दही सबसे अहम हैं. महिला, परुष और बच्चों सभी की हेल्थ के लिए डेयरी उत्पाद बहुत फायदेमंद होते हैं. पुरुषों की हेल्थ के लिए भी दूध और दही को प्रोटीन, कैल्शियम और ल्यूटिन का अच्छा स्त्रोत माना गया है. मसल्स बनाने वालों के लिए दूध में भरपूर अमीनो एसिड पाया जाता है. दही में प्रोटीन, पोटेशियम और गुड बैक्टीरिया होते हैं जिससे आंत और पेट स्वस्थ रहते हैं.
2- फैटी फिश- पुरुषों को दिल का ख्याल रखने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए. इसके लिए सैल्मन, हेरिंग, सार्डिन और हलिबेट फैटी फिश काफी अच्छा स्त्रोत हैं. फिश से ओमेगा 3 फैटी एसिड, प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्व शरीर को मिलते हैं. जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है.
3- चॉकलेट- शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के लिए आप चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं. खासतौर से डार्क चॉकलेट में फ्लेवनॉल काफी पाया जाता है जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल घटाने और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रखने में मदद मिलती है. डार्क चॉकलेट खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है. सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी डार्क चॉकलेट फायदेमंद है.
4- सोया फूड्स- कई रिसर्च में ये सामने आया है कि सोया फूड्स पुरुषों के लिए काफी फायदेमंद हैं. इससे पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर से बचाव किया जा सकता है. सोया फूड से एस्ट्रोजन हार्मोन भी बढ़ते हैं. इसलिए पुरुषों को अपने आहार में सोयाबीन, टोफू, सोया दूध और मीसो सूप जरूर शामिल करना चाहिए.
5- अंडे- अंडे सभी के लिए बहुत फायदेमंद हैं. अंडे को सुपरफूड की लिस्ट में सबसे ऊपर माना जाता है. अंडे में भरपूर प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन बी, विटामिन डी और ल्यूटिन होता है. आपको रोज एक अंडा अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. अंडे की जर्दी में 185 mg कोलेस्ट्रॉल होता है जो हेल्दी शरीर के लिए 1 दिन की जरूरत है.
6- नारंगी सब्जियां- खाने में नारंगी सब्जियां बहुत फायदेमंद होती हैं. इनसे आंखें मजबूत बनती हैं. नारंगी फल सब्जियों में बीटा-कैरोटीन, ल्यूटिन और विटामिन C काफी मात्रा में होते हैं. रिसर्च में पता चला है कि नारंगी सब्जियों में काफी पोषक तत्व होते हैं जिससे प्रोस्टेट का खतरा कम होता है. आपको अपने भोजन में गाजर, कद्दू, शकरकंद और लाल शिमला मिर्च जैसी चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए.
7- हरी पत्तेदार सब्जियां- पुरुषों को अपने स्वास्थ्य के लिए डाइट में हरी सब्जियां जरूर शामिल करनी चाहिए. आप खाने में कोलार्ड साग, और केल जैसी हरी सब्जियां शामिल करनी चाहिए. इससे आंखे स्वस्थ रहती हैं और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी कम होता है. हरी सब्जियों में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये दोनों न्यूट्रिएंट्स मोतियाबिंद और आंखों से जुड़ी दूसरी बीमारियों से बचाते हैं.
8- एवोकाडो- पुरुषों को हेल्दी फैट के लिए डाइट में एवोकाडो भी शामिल करना चाहिए. इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है. स्वस्थ रहने के लिए आपको डाइट में सैचुरेटेड या ट्रांस फैट की बजाय मोनोअनसैचुरेटेड फैट शामिल करना चाहिए. आप खाने में ऑलिव ऑयल और नट्स भी शामिल करें.
9- नट्स और सीड्स- पुरुषों को अपनी डाइट में सीड्स और नट्स भी शामिल करने चाहिए. इनमें काफी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और जरूरी हेल्दी फैट होता है. अखरोट और बादाम शरीर से LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं. ड्राई फ्रूट्स से शरीर में ब्लड के थक्के जमने की समस्या भी कम हो जाती है. इससे प्रोस्टेट और कोलन के कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है.
10- पालक- आप खाने में पालक जरूर शामिल करें. पालक सभी के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. पालक में बहुत ज़्यादा मात्रा में मैग्नीशियम होता है. जिससे शरीर में रक्त वाहिकाओं को ये पतला करने का काम करता है. शरीर में अच्छे ब्लड फ्लो के लिए पालक बहुत जरूरी है. पालक फोलेट और पुरुषों की हेल्थ के लिए जरूरी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. टेस्टोस्टेरोन बूस्ट करने के लिए पालक में मैग्नीशियम काफी होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की just36news पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 

स्ट्रेचिंग करते समय भूल से भी न करें ये गलतियां, लग सकती है चोट

स्ट्रेचिंग करते समय भूल से भी न करें ये गलतियां, लग सकती है चोट

इस बात में कोई दो राय नही हैं कि स्ट्रेचिंग करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन स्ट्रेचिंग का लाभ तभी मिलता है जब इसे सही तरह से किया जाए। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि लोग स्ट्रेचिंग के दौरान अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते है जिससे उनकी सेहत को लाभ की जगह नुकसान हो जाता है। चलिए फिर स्ट्रेचिंग से जुड़ी ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में जानते हैं।
स्ट्रेचिंग का तरीका सही न होना
किसी भी चीज की आधी-अधूरी जानकारी नुकसानदायक हो सकती है और यही बात स्ट्रेचिंग पर लागू होती है। दरअसल, कई लोगों को स्ट्रेचिंग की पूरी जानकारी नहीं होती और वे गलत स्ट्रेचिंग करते हैं जिससे उन्हें चोट लगने की भी संभावना हो सकती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आपको जिस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, उसे किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करना सुनिश्चित करें ताकि आपको कोई चोट न लगे।
स्ट्रेचिंग के समय पर ध्यान न देना
अगर आपने स्ट्रेचिंग का समय निर्धारित नहीं किया है तो यह आपकी सबसे बड़ी गलती है। स्ट्रेचिंग से अधिकतम लाभ पाने के लिए इसका समय निर्धारित करने की जरूरत है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अगर जल्दबाजी में स्ट्रेचिंग की जाए तो इससे शरीर में झटका आने या फिर इंजरी होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, अत्याधिक स्ट्रेचिंग करने से भी बचें क्योंकि इससे मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।
वार्मअप न करना
वार्मअप देखने में भले ही एक छोटी चीज लगती हो, लेकिन किसी भी तरह की एक्सरसाइज या फिर योगासनों के अभ्यास से पहले इसे करना बेहद जरूरी माना जाता है। खासतौर पर स्ट्रेचिंग से पहले क्योंकि कोल्ड मसल्स के साथ कभी भी स्ट्रेचिंग नहीं करनी चाहिए। इसलिए बेहतर होगा कि आप लाइट एक्टिविटी या वार्मअप करने के बाद स्ट्रेचिंग करें। आप चाहें तो वार्मअप के तौर पर कुछ मिनट जॉगिंग या साइकलिंग आदि कर सकते हैं।
इंजर्ड मसल्स के साथ स्ट्रेचिंग करना
स्ट्रेचिंग करते समय आप थोड़ा असहज महसूस कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको पहले से दर्द हो रहा है या फिर स्ट्रेचिंग के दौरान दर्द महसूस हो रहा है तो समझ जाइए कि आप कुछ तो गलत कर रहे हैं। दरअसल, अगर आपकी मसल्स में पहले से ही किसी तरह की चोट लगी हुई है और आप तब भी स्ट्रेचिंग कर रहे हैं तो इससे आपकी समस्या और भी अधिक बढ़ सकती है।
 

हेल्थ : बदलते मौसम में बच्चों में इम्युनिटी हो जाती है कमजोर, बच्चों को बीमारी से सुरक्षित रखने करें ये जतन

हेल्थ : बदलते मौसम में बच्चों में इम्युनिटी हो जाती है कमजोर, बच्चों को बीमारी से सुरक्षित रखने करें ये जतन

रायगढ़। मौसम में हो रहे बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। जिले के शासकीय व निजी अस्पतालों की ओपीडी में वायरल फीवर से पीड़ित लोगों व बच्चों की भीड़ काफी बढ़ गई है। 6 माह से 15 वर्ष तक के बच्चे वायरल फीवर और डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। कोरोनाकाल में बच्चों की देखभाल की ज़िम्मेदारी पालकों पर कहीं ज्यादा बढ़ गई है जिसके लिए पालक सचेत हैं पर बदलते मौसम के कारण जो बीमारी संभव है उससे बचने के लिए पालकों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति अति संवेदनशील होना अब आवश्यक हो गया है।

इस मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बीमारियां होती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे और संभावित तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए खास ध्यान देना जरूरी है। शहर के शासकीय व निजी अस्पतालों में 50 से अधिक बच्चे भर्ती हैं। बच्चों को कोरोना टेस्ट भी किया गया। राहत की बात है कि किसी बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ताराचंद पटेल ने बताया,`उल्टी-दस्त, सर्दी-खांसी, बुखार, निमोनिया से ग्रस्त बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। टाइफाइड के भी एक-दो मामले सामने आए हैं। मौसम में बदलाव व स्वच्छता का स्तर बिगडऩे से बच्चे ज्यादा बीमार हो रहे हैं`

प्रतिरोधक क्षमता जरूरी
डॉ. ताराचंद पटेल का कहना है, `बदलते मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार जकड़ लेता है। छोटे बच्चों में यदि ऐसी बीमारी होती है तो उसे अनदेखी करने की बजाए तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। ऐसे में लापरवाही घातक हो सकती है। ज्यादा दिनों तक सर्दी रहने पर बच्चों में निमोनिया की शिकायत हो जाती है। डायरिया पीडि़त बच्चों को एक-दो दिन भर्ती रखने की जरूरत पड़ सकती है। परिजनों से पूरी हिस्ट्री ली जाती है। थोड़ा सा भी संदेह होने पर कोरोना जांच कराई जाती है`
एमडी मेडिसीन डॉ. रूपेंद्र पटेल ने कहा, “बदलते मौसम से बच्चों के स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ रहा है। 3 से 5 दिनों में वायरल फीवर ठीक हो जाता है। इससे ज्यादा दिन सर्दी-खांसी व बुखार होने पर कोरोना टेस्ट कराना जरूरी है।

ऐसे करें बचाव
00 ठंडा पानी पीने से बचे, जहां तक संभव हो पानी उबालकर पिलाएं।
00 बच्चों को गर्म व पौष्टिक भोजन दें। कटे फल व देर तक असुरक्षित तरीके से रखी गई वस्तुएं खाने को न दें।
00 बच्चों को निमोनिया, फ्लू, खसरा की वैक्सीन समय पर लगवाएं।
00 ज्यादा दिन तक सर्दी-बुखार होने पर कोविड टेस्ट जरूर कराएं।

बीयर पीने के 5 ऐसे फायदे जो आपको हैरान कर देंगे

बीयर पीने के 5 ऐसे फायदे जो आपको हैरान कर देंगे

बीयर जौ और अंगूर को सड़ा कर तैयार की जाती है. आमतौर पर लोग इसे सेहत के लिए नुकसानदायक मानते हैं. लेकिन शोध बताते हैं कि अगर बीयर को सीमित मात्रा में लिया जाए तो इसके काफी फायदे हो सकते हैं. आवश्यकता से अधिक लेने पर ये नुकसान करती है. जानिए इसके 5 फायदे.
तनाव दूर करती :
अल्कोहल को सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है. लेकिन बीयर को लेकर तमाम शोध बताते हैं कि यदि सीमित मात्रा में बीयर ली जाए तो ये कई तरह से सेहत को लाभ पहुंचा सकती है. तनाव, घबराहट और थकान आजकल लोगों में काफी कॉमन हो गई है. कुछ शोध बताते हैं कि बीयर के सेवन से तनाव, घबारहट, और थकान की समस्या से छुटकारा मिल जाता है. लेकिन इसे 350 मिली ग्राम से ज्यादा नहीं पीना चाहिए.
किडनी स्टोन में फायदेमंद :
तमाम लोगों का मानना है कि यदि किडनी स्टोन हो जाए तो बीयर पीने से स्टोन टूटकर यूरिन के जरिए बाहर आ जाता है. इसलिए कई लोग किडनी स्टोन के समय बीयर पीने की सलाह देते हैं. हालांकि इसके बारे में एक बार विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है.
स्किन के लिए अच्छी :
स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने के लिए लोग न जाने कितना पैसा खर्च कर देते हैं. लेकिन बीयर पीने मात्र से आपकी स्किन पर काफी असर पड़ जाता है. दरअसल बीयर में हॉप्स और खमीर होता है जो त्वचा को स्वस्थ तो रखने के साथ शरीर पर मौजूद जख्म को भी तेजी से भरता है.
अल्जाइमर में फायदेमंद :
अल्जाइमर की समस्या होने से व्यक्ति की याद्दाश्त कमजोर होने लगती है और वो भूलने लगता है. माना जाता है कि सीमित मात्रा में बीयर पीकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है. बीयर में मौजूद सिलकॉन और हॉप्स जैसे तत्व अल्जाइमर की रोकथाम करने में मददगार माने जाते हैं.
अल्सर में देती आराम :
कुछ शोध बताते हैं कि 75 मिग्रा. बीयर लेने से अल्सर की समस्या में काफी आराम होता है और इससे एच पायलोरी इंफेक्शन का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. लेकिन बीयर को सिर्फ सीमित मात्रा में ही लें क्योंकि इसके काफी नुकसान भी हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की Just36News पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 

वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव, रहेंगे हेल्दी और फिट

वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव, रहेंगे हेल्दी और फिट

बिजी लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान की वजह से ज्यादातर लोग बढ़ते वजन की समस्या से परेशान है. हर कोई बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. कई लोग सख्त डाइट करते हैं. कुछ जिम में घंटों वर्कआउट करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं लाइफस्टाइल में बदलाव कर बढ़े हुए वजन को कम कर सकते हैं. जी, हां बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए आप अपनी लाइस्टाइल में करें ये बदलाव. इन बदलावों को करने से आपके पेट में जमा चर्बी तेजी से कम होगी.
आइए जानते हैं इन टिप्स और ट्रिक्स के बारे में.

गर्म पानी पिएं
अगर आपका मेटाबॉलिज्म रात के समय में धीमा हो जाता है तो सुबह के समय में सही शुरुआत करें. इसके लिए आप सुबह में एक से दो गिलास गर्म पानी पिएं. गर्म पानी आपके पाचन के साथ टॉक्सिक पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है. दरअसल गर्म पानी शरीर के फैट सेल्स को बर्न करने में मदद करता है. इसके साथ पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसके अलावा भूख को भी शांत रखता है. खाना खाने से 30 मिनट पहले गर्म पानी पिएं ताकि कैलोरी इनटेक को नियंत्रित करता है.

सुबह धूप लें
एक स्टडी के अनुसार, सूरज की किरणे वजन घटाने में मदद करती हैं. ये स्टडी साइटफिक रिपोर्ट नाम के जर्नल में छपी थी. इस स्टडी के मुताबिक धूप लेने से शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ती है, विटामिन डी हड्डियों मजबूत करने के लिए मदद करता है.

नियमित रूप से वर्कआउट करें
हर रोज सुबह उठकर 20 से 25 मिनट के लिए वर्कआउट करें. इससे सिर्फ आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट नहीं होगा. बल्कि आपके दिन की शुरुआत भी अच्छी होगा. बेहतर मेटाबॉलिज्म वजन घटाने में तेजी से मदद करता है.

पौष्टिक आहार खाएं
केवल नियमित रूप से वर्कआउट करना, बल्कि वजन कम करने के लिए सही खाना बहुत जरूरी है. सीडीसी (रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र) के अनुसार, नियमित रूप से खाना वजन घटाने में मदद करता है. आप आपनी डाइट में हरी सब्जियां और फल शामिल करें. आप डाइट में फाइबर, मिनरल्स, विटामिन्स और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होनी चाहिए.

ठंडे पानी से नहाएं
ठंडे पानी से नहाना भले ही हर समय अच्छा नहीं लगें. लेकिन कुछ स्टडी में कहा गया है कि इससे शरीर में फ्रोजन एडीपोज टिशू एक्टिवेट होते हैं जिसकी वजह से व्हाइट फैटी टिशू बर्न होते है. कई स्टडी में दावा किया गया कि सुबह के समय में ठंडे पानी से नहाने से शरीर का फैट बर्न होता है और मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है.

 

 गृह मंत्रालय की चेतावनी : अक्तूबर में सबसे उच्च स्तर पर होंगे कोरोना के मामले, बच्चों और युवाओं पर बड़ा खतरा

गृह मंत्रालय की चेतावनी : अक्तूबर में सबसे उच्च स्तर पर होंगे कोरोना के मामले, बच्चों और युवाओं पर बड़ा खतरा

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी ने तीसरी लहर की आशंका जाहिर की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी है। इसके मुताबिक अक्तूबर में कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर होगी। साथ ही कमेटी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को बच्चों और युवाओं के लिए मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम करने की सलाह भी दी है। विशेषज्ञों की कमेटी का मानना है कि तीसरी लहर बच्चों व युवाओं के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बच्चों के लिए मेडिकल सुविधाएं, वेंटीलेटर, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस, ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। क्योंकि, बड़ी संख्या में बच्चे व युवा कोरोना से संक्रमित होंगे। 

प्राथमिकता के आधार पर करना होगा टीकाकरण 
गृह मंत्रालय ने यह रिपोर्ट उस समय जारी की है, जब बच्चों के लिए टीकाकरण भी शुरू होने वाला है। रिपेार्ट में कहा गया है कि बच्चों के बीच प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करना होगा। इसके साथ ही कमेटी ने कोविड वार्ड को फिर से इस आधार पर तैयार करने की सलाह दी है, जिससे बच्चों के तीमारदारों को भी साथ रहने की अनुमति मिल सके। 

हर दिन सामने आ सकते हैं पांच लाख केस 
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट की रिपेार्ट के मुताबिक सितंबर अंत तक तीसरी लहर अपना असर दिखाना शुरू कर देगी। वहीं अक्तूबर में देश में हर दिन पांच लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं। इस कारण करीब दो महीने तक देश को फिर से परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

केरल में सबसे ज्यादा संक्रमण
केरल, बंगलूरू, असम में तीसरी लहर की बानगी भी देखने को मिल रही है। यहां पिछले दो से तीन सप्ताह से बच्चों के संक्रमित होने की दर ज्यादा है। इस समय केरल में संक्रमण दर बढ़कर 17 प्रतिशत तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि केरल में ओणम के बाद कोरोना संक्रमण और भी ज्यादा बढ़ सकता है। वहीं डेल्टा प्लस वैरिएंट के भी मामले देश में बढ़ते जा रहे हैं। महाराष्ट्र में पिछले दिनों ही इससे कई मौतें हो चुकी हैं। 

आईआईटी कानपुर ने किया था तीसरी लहर से इंकार 
वहीं दूसरी तरफ आईआईटी कानपुर ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को न के बराबर बताया है। वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने अपने गणितीय ‘मॉडल सूत्र’ के आधार पर नई स्टडी जारी की है। उनका दावा है कि अक्तूबर तक उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में केसों की संख्या इकाई अंक तक पहुंच जाएगी।

उनका कहना है कि वैक्सीनेशन ने इसका खतरा और कम कर दिया है। इससे संक्रमण लगातार कम होगा। उन्होंने बताया कि यूपी, बिहार, दिल्ली जैसे राज्य लगभग संक्रमण मुक्त होने की ओर हैं। हालांकि, देश में एक्टिव केस अक्तूबर माह तक भी 15 हजार के करीब रहेंगे क्योंकि तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल समेत पूर्वोत्तर राज्यों में संक्रमण रहेगा।
 
WHO ने चेताया, भारत में कोविशील्ड की नकली खुराकों की हुई पहचान, रहें सतर्क

WHO ने चेताया, भारत में कोविशील्ड की नकली खुराकों की हुई पहचान, रहें सतर्क

Covid-19 Vaccine Alert: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि उसने भारत की प्राथमिक कोविड वैक्सीन, कोविशील्ड के नकली वर्जन की पहचान की है. बीबीसी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
डब्ल्यूएचओ के एक बयान में कहा गया है कि जुलाई और अगस्त के बीच भारत और अफ्रीका में अधिकारियों ने नकली खुराक को जब्त कर लिया है.
यह भी कहा गया है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पुष्टि की है कि खुराक नकली थी. डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि नकली टीके वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं.
बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का भारतीय निर्मित वर्जन है. अब तक 48.6 करोड़ से अधिक खुराक के साथ भारत में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला टीका है.
सीरम ने एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों को लाखों कोविशील्ड टीकों की आपूर्ति की थी. विभिन्न सरकारों और गरीब देशों के लिए वैश्विक कोवैक्स योजना के साथ किए गए सौदों के हिस्से के रूप में यह आपूर्ति की गई थी.
भारत, जो कोरोना से दुनिया का दूसरा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है, उसका लक्ष्य इस साल के अंत तक अपने सभी लोगों का टीकाकरण करना है.
जनवरी में अभियान की शुरुआत के बाद से लगभग 13 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है.
(india.com)

 

डायबिटीज मरीज रक्षाबंधन के दिन खा सकते हैं ये 5 खास मिठाइयां

डायबिटीज मरीज रक्षाबंधन के दिन खा सकते हैं ये 5 खास मिठाइयां

डायबिटीज के बाद अकसर मरीजों को अपने खानपान का ध्यान रखना जरूरी होता है। उन्हें मिठाईयों पर कंट्रोल करना होता है। जिन्हें मीठा बहुत पसंद होता है वह डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं। बात दें कि शुगर अधिक बढ़ जाने पर कई सारी गंभीर बीमारियां भी हो सकती है। जैसे - आंखों की रोशनी चले जाना, ब्रेन हेमरेज, ट्यूमर का खतरा, घाव हो जाने पर ठीक होने में अधिक वक्ते लगता है। तो आइए जानते हैं डायबिटीज मरीज किस प्रकार की मिठाई खा सकते हैं जो उनकी सेहत के लिए अच्छी हो –

1.ड्राई फ्रूट्स मिठाई –
भारत देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। इस वजह से अब मिठाइयों में भी वैरायटी बढ़ गई है और शुगर फ्री की मिठाइयां आसानी से बाजारों में उपलब्ध हो जाती है। शुगर के मरीज ड्राई फ्रूट्स की मिठाइयां आराम से खा सकते हैं।

2.खीर –
जी हां, घर पर बनी कम शक्कार की खीर खाना नुकसानदायक नहीं है। अगर शक्कर से बिल्कुल परहेज तो उसमें शुगर फ्री डाल सकते हैं। हालांकि यह भी निर्भर करता है कि आपको शुगर जरा भी खाना है या नहीं। ऐसे में आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
3.अंजीर बर्फी –
अंजीर सेहत के लिए अच्छी होती है। अंजीर के सेवन से मधुमेह का रिस्क कम होता है। बर्फी में रिफाइंड शुगर नहीं होने पर यह आराम से खा सकते हैं। वहीं इसमें काजू, बादाम, शहद, घी पिस्ता मुख्य, रूप से होता है। इसे बच्चे और बूढ़े भी खा सकते हैं।

4. पुचके –
नाम सुनने में बड़ा अजीब लग रहा होगा। लेकिन यह हेल्दी भी होते हैं। यह रवे से बने होते हैं। उन्हें घी में तलकर बनाया जाता है इसके बाद दूसरी ओर चाशनी में डालते हैं। आप उन्हें जितनी देर चाशनी में रखेंगे वह उतने मीठे हो जाएंगे। इसे शुगर मरीज सिर्फ चाशनी में डालकर निकाल लें। जिससे वह बहुत ज्‍यादा मीठे नहीं होंगे।

5.रसगुल्ले –
जी हां, रसगुल्ले शुगर के मरीज भी खा सकते हैं। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लैक्टोरएसिड और केसीन से भरपूर होते हैं। पूरी तरह से इसका रस निकालकर इसे आराम से खाया जा सकता है। रस निकालने के बाद यह जरा भी मीठा नहीं लगता है।

तो इस तरह डायबिटीज मरीज मिठाइयों से परहेज कर चुनिंदा स्वादिष्ट मिठाई खा सकते हैं। लेकिन एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

 

 खुशखबरी! देश में बच्चों के लिए आ गई वैक्सीन, जायडस कैडिला के टीके को आपात इस्तेमाल की मंजूरी

खुशखबरी! देश में बच्चों के लिए आ गई वैक्सीन, जायडस कैडिला के टीके को आपात इस्तेमाल की मंजूरी

नई दिल्ली। जाइडस कैडिला के स्वदेश में विकसित कोविड-19 रोधी टीके को भारत के औषधि महानियंत्रक ने शुक्रवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस टीके को 12 साल व इससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाइडस कैडिला के कोविड टीके ‘‘जाइकोव-डी’’ को भारत के औषधि महानियंत्रक से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी को एक ‘‘बेहद महत्वपूर्ण क्षण’’ बताया और कहा कि विश्व के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 रोधी टीके को मंजूरी मिलना भारत के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारत पूरी ताकत के साथ कोविड-19 से मुकाबला कर रहा है। विश्व के पहले डीएनए आधारित जाइडस केडिला के जाइकोव-डी टीके को मिली मंजूरी भारत के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है।’’

इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली है। इनमें सीरम इस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका का मॉडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन का टीका शामिल है।

इन टीकों में से कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक वी का देश में इस्तेमाल हो रहा है। इस मंजूरी के साथ जाइकोव-डी छठा टीका हो जाएगा।
न्यूजीलैंड के आकलैंड में डेल्टा वेरिएंट के 11 नए मामले

न्यूजीलैंड के आकलैंड में डेल्टा वेरिएंट के 11 नए मामले

वेलिंगटन: न्यूजीलैंड में शुक्रवार को कोरोना विषाणु के डेल्टा वेरिएंट के 11 नए मामले सामने आने के बाद आंकलैंड में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।


स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन सभी मरीजों को पूरी एहतियात बरतते हुए आइसोलशन केन्द्रों में भेजा जा रहा है और इन 11 नए मामलों में वैलिंगटन से तीन केस हैं। वैलिंगटन के जिन तीन लोगों में कोरोना का पता चला है ये हाल ही में आकलैंड गए थे।


गौरतलब है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोना की तीव्रता का पता लगाने के लिए आकलैंड में सीवरेज के पानी की जांच की थी और इस पानी तथा गंदगी में कोरोना विषाणु पाए गए हैं जो इस बात का प्रतीक है कि यहां के लोगों के शरीर में यह विषाणु मौजूद है।


आकलैंड में इस विषाणु का पहला मामला सामने आने के बाद न्यूजीलैंड में चौथे स्तर का लॉकडाउन प्रभावी हो गया है और लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है।इस स्तर के लॉकडाउन में कार्यालय तथा स्कूल बंद कर दिए जाते हैं और सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति वाले सुपर बाजार , मेडिकल स्टोर तथा सर्विस स्टेशन खुले रहते हैं।