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सर्दियों में कर रहे हैं सुबह की सैर तो रखें इन 7 बातों का ख्याल

सर्दियों में कर रहे हैं सुबह की सैर तो रखें इन 7 बातों का ख्याल

वैसे तो सुबह की सैर हर मौसम में सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन सर्दी के दिनों में यह कुछ खास फायदे देती है। यह न केवल अपके शरीर को गर्माहट देती है बल्कि मौसम की स्वास्थ समस्याओं से भी बचाए रखने में मददगार साबित होती है।
हल्की-हल्की ठंड में सुबह की सैर हड्डियों के घनत्व को बढ़ाती है। टहलने से न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक क्षमता भी बढ़ जाती है एवं तनाव दूर होता है। लगती हुई ठंड में कम से कम प्रतिदिन 3 किलोमीटर एवं सप्ताह में 5 दिन अवश्य सैर करें।

क्या ध्यान रखें -
1-जूते आरामदायक हों ताकि चलते समय तकलीफ न हो।
2- सैर हेतु शांत वातावरण और चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य वाला (बाग-बगीचा) या खुला स्थान चुनें।
3- टहलते समय हल्की गहरी सांस लेने की आदत डालें और मन में शुद्ध विचार लाएं।
4- शरीर का तापमान सामान्य रखने हेतु शरीर को अतिरिक्त पानी चाहिए, अतः सैर पर जाने से पहले और पश्चात एक गिलास पानी अवश्य पिएं।
5- टहलते समय किसी प्रकार का मानसिक तनाव न रखें। टहलते समय अपने हाथों को नीचे की ओर रखें और बराबर हिलाते रहें, इससे स्फूर्ति मिलती है।
6- हृदय रोग, रक्तचाप या कोई अन्य गंभीर समस्या वाले रोगी टहलना प्रारंभ करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
7- सैर करते समय प्रारंभ और अंत में हमेशा गति धीमी रखें। यही नहीं प्रातः भ्रमण के पश्चात हमें संतुलित आहार की ओर भी ध्यान देना होगा।

 

150 गर्भवती महिलाये कोरोना पॉज़िटिव डॉक्टर के संपर्क मे आये, लोगो मे मची हड़कंप....

150 गर्भवती महिलाये कोरोना पॉज़िटिव डॉक्टर के संपर्क मे आये, लोगो मे मची हड़कंप....

भोपाल, मध्यप्रदेश : घटना जेपी अस्पताल में सोनोग्राफी करने वाले एक डॉक्टर को कोरोना संक्रमित पाए जाने की पुष्टिष के बाद कई गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।


अब हफ्ते भर तक बंद रहेगा जेपी अस्पताल का सोनोग्राफी रूम।
इसकी वजह यह कि संक्रमण की चपेट में आए डाक्टर ने बीते शनिवार तक हर दिन करीब 150 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी की।
जिले में आधी से ज्यादा गर्भवती को टीका नहीं लगा है। जिन्हें लगा है उनमें भी आधी को सिर्फ पहली डोज लगी है। गर्भवती महिलाओं की

प्रतिरोधक क्षमता वैसे भी कमजोर रहती है।
ऐसे में उनके संक्रमित होने और हालत बिगड़ने का खतरा है। अब जेपी अस्पताल की तरफ से गर्भवती महिलाओं को फोन कर कोरोना की जांच कराने की सलाह दी जा रही है।
 

कोरोना अपडेट: पिछले 24 घंटे में मिले इतने कोरोना मरीज, देखे आकड़े

कोरोना अपडेट: पिछले 24 घंटे में मिले इतने कोरोना मरीज, देखे आकड़े

नई दिल्ली: भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 11,919 नए केस सामने आए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट आई है। देश में फिलहाल सक्रिय मामलों की संख्या 1,28,762 है, जो कुल मामलों का 0.37 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। वहीं, बीते 24 घंटे में महामारी से 470 लोगों की मौत हो गई जबकि 11,242 लोग ठीक हुए। 11,919 नए मामलों में से केरल से ही 6849 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, केरल में पिछले 24 घंटे में 61 लोगों की मौत हो गई जबकि 6046 लोग ठीक हुए।

महाराष्ट्र के ठाणे में कोरोना के 139 नए मामले सामने आए। इसके बाद यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5,68,042 हो गई। वहीं संक्रमण से दो मरीजों की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11,564 हो गई। ये आंकड़े बुधवार के हैं। जिले में कोरोना से मृत्यु दर 2.03 प्रतिशत है। उधर, पालघर जिले में कोरोना से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,38,366 हो गई और मरने वालों की संख्या 3,289 है।

मिजोरम में कोरोना के 570 नए मामले सामने आए। यहां कुल 1,30,415 हैं। इनमें से सक्रिय मामलों की संख्या 5,616 है। यहां 1,24,332 लोग महामारी से ठीक हो चुके हैं जबकि 467 लोगों की अब तक कोरोना से मौत हो चुकी है।

तुरंत खाना खाकर सोने से सेहत को हो सकते हैं ये नुकसान, जानें

तुरंत खाना खाकर सोने से सेहत को हो सकते हैं ये नुकसान, जानें

यदि आप खाना बहुत देर से खाते हैं और उसके बाद आपको नींद आनें में भी परेशानी होती है तो ये अनिद्रा के लक्षण हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल होते हैं कि खाना खाने के बाद कितनी देर में सोना चाहिए? वहीं बिजी दिन के बाद रात के डिनर में आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि भोजन के बाद बिस्तर पर जाने के लिए कितने देर तक इंतजार करना चाहिए. आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम यहां आपकी ये परेशानी दूर करेंगे. चलिए जानते हैं कैसे.
जानें कितना हो खाने और सोने के बीच में अंतर-
खाना और बिस्तर पर जाने के बीच का अंतर 3 घंटे का होना चाहिए. इससे पेट से भोजन छोटी आंत में चला जाता हैं और पाचन को बेहतर बनाता है. इससे रात में छाती में जलन और अनिद्रा जैसी समस्या नहीं होती है. वहीं खाने के बाद सोने में देरी करने से सीने में जलन जैसे लक्षण कम हो जाते हैं.
भोजन नींद को कब खराब करता है-
सोने से ठीक पहले खाना खाने से बेशक आपकी नींद खराब हो सकती है. ऐसा होने की संभावना तब होती है जब आप बहुत अधिक खाना खा लेते हैं या फिर ऐसा कुछ खाते हैं जिससे सीने में जलन होती है. खाना सोने से दो या तीन घंटे पहले खाना चाहिए.
सोने से पहले न पिएं ये चीजें-
सोने से पहले कभी भी कैफीन वाली चीजें जैसे चाय, सोडा, एनर्जी वाली ड्रिक्स और चॉकलेट खाने से बचना चाहिए. क्योंकि कैफीन एडिनोसिन को ब्लॉक करता है. यह एक ऐसा रसायन है जो नींद का एहसास करता है. वहीं अगर आप कैफीन युक्त चीजों का सेवन करते हैं तो आपको अनिद्रा की शिकायत हो सकती है.
 

नाखून चबाने की आदत से राहत पाने के लिए अपनाएं ये तरीके

नाखून चबाने की आदत से राहत पाने के लिए अपनाएं ये तरीके

कई लोग बोरियत को दूर करने या फिर चिंता में होने के कारण नाखून चबाने लगते हैं, लेकिन उनकी यह आदत स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। दरअसल, नाखूनों की गंदगी मुंह के माध्यम से पेट तक चली जाती है और कई तरह के संक्रमणों को जन्म देती है। इसलिए इस आदत को सुधारना काफी जरूरी है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी नाखून चबाने की आदत से छुटकारा पा सकते हैं।
नाखून चबाने की वजह को पहचानें
अगर आप अपनी नाखून चबाने की आदत से राहत पाने की कोशिश में हैं तो सबसे पहले इस बात का पता लगाएं कि आप अपनी किस स्थिति के कारण नाखून चबाने लगते हैं। उदाहरण के लिए, क्या आप बोरियत या चिंता आदि को कम करने की वजह से आप नाखून चबाते हैं। जब आप ऐसे कारणों का सही पता लगा लेंगे तब आपके लिए अपनी नाखून चबाने की आदत से छुटकारा पाना आसान हो जाएगा।
नाखूनों को छोटा रखें
अगर आप अपनी नाखून चबाने की आदत से छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने नाखूनों को छोटा रखें। जब आपके नाखून छोटे होंगे तब आपके पास चबाने के लिए कुछ भी नहीं होगा और आप अपने नाखूनों को चबाने के लिए खुद को मजबूर महसूस नहीं करेंगे। इसके लिए आपको बस नेल्स ट्रिमिंग वाले काम को अपने रूटीन में सबसे ऊपर रखना होगा क्योंकि नाखून बहुत जल्दी बढऩे लगते हैं।
मैनीक्योर कराएं
नाखून चबाने वाली आदत से राहत पाने के लिए आप मैनीक्योर का भी सहारा ले सकते हैं। समय-समय पर मैनीक्योर कराना नाखूनों को खूबसूरत बनाने के साथ-साथ इन्हें दांतों से चबाने से रोकने का अच्छा तरीका भी है। हालांकि अगर मैनीक्योर आपको नाखून चबाने से रोकने के लिए काफी नहीं है तो नाखूनों को ऊपर से ढकना भी एक अच्छा विकल्प है। इसके लिए अपने नाखूनों को किसी नेल एसेसरीज या टेप और बैंडेड से ढकें।
नाखूनों में खराब स्वाद वाली नेल पेंट लगाएं
अगर आप नहीं चाहते हैं कि नाखून चबाने की आदत से आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो तो इस आदत से राहत पाने की कोशिश करें। इस काम में खराब स्वाद वाली नेल पेंट आपकी मदद कर सकती है। ऐसी नेल पेंट को अपने नाखूनों पर लगा लें। ऐसा करने से जब आप नाखून चबाएंगे, तब इनका खराब स्वाद आपको नाखून चबाने से रोकने में मदद करेगा। आप नाखूनों में नीम के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटे में मिले इतने कोरोना मरीज, यह राज्य बना कोरोना का हॉटस्पॉट

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटे में मिले इतने कोरोना मरीज, यह राज्य बना कोरोना का हॉटस्पॉट

नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। दैनिक कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से नीचे गिर रही है। बीते 24 घंटो में कोविड-19 मामलों में सोमवार के मुकाबले और गिरावट आई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के तहत 24 घंटे के अंदर देश में 8,865 नए कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई। जबकि, सोमवार को यह 10,229 कोरोना के मामले सामने आए थे।

इसके अलावा बीते 24 घंटों में देश में 197 मौतें कोरोना की वजह से हुईं तो 11,971 लोग ठीक होकर अपने घर चले गए।

दूसरी लहर के बाद से यह पहला मौका है जब देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या इतनी घटी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक करीब नौ महीने (287 दिन) बाद देश में इतने कम कोरोना संक्रमित 24 घंटे में सामने आए हैं। इसके अलावा अब कुल सक्रिय मरीजों की संख्या भी घटकर 1,30,793 पहुंच गई है, जो पिछले 525 दिन में सबसे कम है।

आंकड़ों के तहत देश में दैनिक संक्रमण दर गिरकर 0.80 प्रतिशत पहुंच गई है, जो पिछले 43 दिनों से दो प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। इसके अलावा साप्ताहिक संक्रमण दर 0.97 प्रतिशत है, जो 53 दिनों से दो प्रतिशत से नीचे है।

केरल में सबसे खराब स्थिति
केरल में कोविड-19 संक्रमण की सबसे खराब स्थिति है। पिछले 24 घंटों में 8,865 संक्रमित सामने आए हैं, जिसमें सिर्फ केरल में ही 4547 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। यहां 57 लोगों की मौत भी पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई।

छत्तीसगढ़ के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन असोमाकॉन 2021 का बालको मेडिकल सेंटर द्वारा हुआ आयोजन

छत्तीसगढ़ के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन असोमाकॉन 2021 का बालको मेडिकल सेंटर द्वारा हुआ आयोजन

रायपुर, प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप 11 नवंबर 2021 को हुई और यह कार्यक्रम 14 नवंबर 2021 तक चला, इस साल के असोमाकॉन की थीम "ब्रेस्ट केयर: इनक्लूडिंग द डायवर्सिटीज" है। एशियन सोसाइटी ऑफ मास्टोलॉजी, असोमाकॉन 2021 के 5वें अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों वैज्ञानिक निकायों की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है। अमेरिका के सैन एंटोनियो के डॉ. इस्माइल जाटोई, द रॉयल मार्सडेन हॉस्पिटल, यूके से डॉ. फियोना मैकनील, यूके की डॉ. लिंडा वायल्ड, बर्मिंघम यूनिवर्सिटी, यूके की डॉ. विद्या राघवन, डॉ. रोमन पेसोत्स्की, काहिरा यूनिवर्सिटी जैसे प्रख्यात वक्ता हैं। मिस्र, नेपल्स विश्वविद्यालय, इटली से डॉ निकोला रोक्को और कई अन्य इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं । सम्मेलन पूर्व दिवस पर बालको मेडिकल सेंटर में रेडियोलॉजी वर्कशॉप और पं जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायपुर में कैडेवरिक वर्कशॉप का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम के पहले दिन कैंसर उत्तरजीवियों के लिए एक विशेष प्रेरक सभा "कॉन्ग्लोमरेशन ऑफ कॉन्करर्स" का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से अधिक उत्तरजीवियों और उनकी देखभाल करने वालों ने भाग लिया।
इस अंतराष्ट्रीय चिकित्सा सम्मलेन को संबोधित करते हुए वेदांता रिसोर्सेज और बालको मेडिकल सेंटर के चेयरमैन, श्री अनिल अग्रवाल ने कहा, "पिछले 3 वर्षों के संचालन में, बालको मेडिकल सेंटर ने मध्य भारत में कैंसर के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। आम आदमी के लाभ के लिए, हम राज्य में लगातार नवीनतम उपचार के तरीके ला रहे हैं, जो पहले केवल मेट्रो शहरों के कुछ केंद्रों तक ही सीमित थे। बालको मेडिकल सेंटर अब कैंसर शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में कदम रखते हुए अपने प्रयासों को तेज करने के लिए तैयार है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम अपने स्वास्थ्य देखभाल समर्थन का विस्तार करने और इस एक केंद्र से आगे विस्तार करने, नवीनतम तकनीक और डिजिटलीकरण का लाभ उठाने के लिए कैंसर मुक्त समाज के अपने सपने को साकार करने के लिए उत्सुक हैं। ”
बालको मेडिकल सेंटर के चिकित्सा निदेशक और एसोमैकन के मुख्य संरक्षक डॉ. (प्रो.) अनुराग श्रीवास्तव ने रायपुर में स्तन रोगों पर पहली बार अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन आयोजित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रख्यात डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के इस अद्भुत सम्मेलन में जिस तरह का ज्ञान साझा और आदान-प्रदान किया गया, वह सभी चिकित्सकों के लिए रोगियों के इलाज और देखभाल के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्तन देखभाल करने वाले डॉक्टरों और समुदाय के बीच स्तन रोगों के बारे में जागरूकता फैलाना समय की आवश्यकता है।
सत्र के बारे में बात करते हुए, असोमा के अध्यक्ष प्रो. चिंतामणि ने कहा, "एशियन सोसाइटी ऑफ़ मास्टोलॉजी या असोमा, स्तन विकारों, मुख्य रूप से स्तन कैंसर से संबंधित" एशियाई समस्याओं के एशियाई समाधान” खोजने के बारे में है। भारत और एशिया में बढ़ते स्तन कैंसर की घटनाओं के साथ हमें इस उभरती हुई महामारी से निपटने के लिए एक साथ आने की जरूरत है और यह केवल इस तरह की बैठकों के साथ ही हो सकता है। हम वास्तव में दुनिया भर से 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्तन विशेषज्ञों के शामिल होने के लिए आभारी हैं। हम अनुसंधान, परीक्षण, अकादमिक आदान-प्रदान और उत्तर खोजने के लिए बहु-विषयक टीमों के गठन में एकजुट होने की हमारी भविष्य की योजनाओं को उजागर करने के लिए एक आम सहमति बयान लाने जा रहे हैं। रायपुर से बेहतर स्थल और बालको मेडिकल सेंटर से बेहतर आयोजन करने वाली टीम के बारे में नहीं सोचा जा सकता था।”इस सम्मेलन में 1500 से अधिक डाक्टरो व नर्सों ने ज्ञान अर्जन किया।
 

सेब पर की गई वैक्स कोटिंग को हटाने के लिए अपनाएं ये नुस्खे

सेब पर की गई वैक्स कोटिंग को हटाने के लिए अपनाएं ये नुस्खे

कई दुकानदार पुराने सेब को चमकता हुए दिखाने के लिए इस पर वैक्स की कोटिंग कर देते हैं ताकि खरीदार को लगे कि सेब बढिय़ा और नया है। हालांकि, ऐसे सेब का सेवन सेहत के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि इसके कारण शरीर कई समस्याओं की चपेट में आ सकता है। आइए आज हम आपको सेब पर की गई वैक्स कोटिंग की पहचान करने का तरीका और इससे वैक्स को हटाने के कुछ असरदार घरेलू नुस्खे बताते हैं।
सेब पर वैक्स की कोटिंग का पता लगाने का तरीका
आमतौर पर सेब पर तीन तरह की वैक्स कोटिंग की जाती है, जिनका नाम बीजवैक्स, कर्नाउबा वैक्स और शेलैक वैक्स है। वैसे सेब पर मौजूद इनमें से किसी भी वैक्स कोटिंग को पहचाना मुश्किल काम नहीं हैं। बस जब भी आप सेब खरीदे तो उसके ऊपर हल्के हाथों से नाखून या किसी अन्य चीज से खुरेंचे। इससे आपको सफेद रंग की वैक्स की कोटिंग दिखाई देने लगेगी। बेहतर होगा कि आप ऐसे सेब को न खरीदें।
नमक और गुनगुने पानी का करें इस्तेमाल
अगर आपने वैक्स कोटिंग वाले सेब खरीद लिए हैं या फिर कोई मेहमान ऐसे सेब लेकर आया है तो इस कोटिंग को हटाने के लिए आप नमक और गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए बड़े बर्तन में गुनगुने पानी को भरे, फिर उसमें एक बड़ी चम्मच नमक मिलाएं। इसके बाद इसमें लगभग दो मिनट के लिए सेब को डालने के बाद निकाल लें और किसी फ्रेश कपड़े से पोंछकर उसका सेवन करें।
बेकिंग सोडा आएगा काम
बेकिंग सोडा की मदद से भी आप सेब पर की गई वैक्स कोटिंग को आसानी से साफ कर सकते हैं। इसके लिए पहले एक लीटर पानी में एक से दो चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं। अब इस मिश्रण में सेब को डालकर लगभग पांच मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दे। इसके बाद सेब को बाहर निकालकर किसी साफ कपड़े से अच्छे से पोंछ दें। यकीनन इसके बाद सेब खाने योग्य हो जाएंगे।
सिरका करेगा मदद
अगर सेब पर वैक्स की कोटिंग है तो उसे हटाने के लिए आप सिरके का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में दो चम्मच सिरका मिलाकर एक घोल तैयार कर लें, फिर इस घोल में सेब को कुछ देर रखने के बाद साफ पानी से अच्छे से धोएं। अंत में सेब को साफ कपड़े से पोंछकर स्टोर करें और जब चाहें सेब का सेवन करें।
नींबू का रस भी है प्रभावी
आमतौर पर नींबू के रस का इस्तेमाल खाने से लेकर घर की साफ-सफाई के लिए किया जाता है, लेकिन अगर आप चाहें तो इसका इस्तेमाल सेब की वैक्स कोटिंग को हटाने के लिए भी कर सकते हैं। इसके लिए पहले दो लीटर पानी में एक चौथाई कप नींबू का रस मिलाएं, फिर इसमें सेब डालकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। इसके बाद सेब को साफ पानी से धोकर इसे साफ कपड़े से पोंछकर खाएं।

 

World Diabetes Day 2021: डायबिटीज सामान्य करने के 6 आसान घरेलू उपाय

World Diabetes Day 2021: डायबिटीज सामान्य करने के 6 आसान घरेलू उपाय

डायबिटीज यानी मधुमेह अगर वह सामान्यं है तो चिंता की बात नहीं होती है। लेकिन कम ज्यादा होने पर वह चिंता का विषय बन जाती है। मधुमेह की चपेट में आने के बाद लाइफस्टाइल में पूरी तरह से बदलाव लाना पड़ता है। जी हां, जहां आप पहले योग या किसी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते थे तो डायबिटीज होने के बाद वह बहुत जरूरी हो जाता है। जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, चीनी युक्त चीजें, अधिक फैट या कार्बोहाइड्रेट वाले फूड आयटम से आपको दूरी बनाकर एक सामान्य खानपान की शैली अपनानी पड़ती है। विश्‍वमधुमेह दिवस पर जानते हैं डायबिटीज को सामान्य करने के आसान घरेलू उपाय -

1. नीम का पानी –
जी हां, अगर शुगर लगातार बढ़ती जा रही है तो एक सप्ताह तक लगातार नीम का पानी पीने से शुगर कंट्रोल में आ जाती है। इसके बाद धीरे-धीरे एक दिन छोड़कर नीम का जूस सुबह खाली पेट दे सकते हैं। हालांकि डॉक्टर के संपर्क में लगातार बने रहें।

2. करेले का जूस –
करेले का नाम सुनकर ही नाक सिकुड़ जाती है। लेकिन शुगर को कंट्रोल करने का यह सबसे अच्छा कारगर उपाय है। कोशिश करें फ्रेश जूस ही लें। और सुबह के समय इसे लिया जाता है।

3. मैथी दाना –
डायबिटीज मरीजों को मैथीदाने का सेवन करना चाहिए। आप इसे अलग-अलग प्रकार से ले सकते हैं। रात में एक चम्मच गिलास में भिगोकर भी ले सकते हैं या सुबह में 1 चम्मच मेथी दाना पाउडर गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं। इसके सेवन से पाचन क्रिया अच्छीे होती है और कार्बोहाइड्रेट और चीनी की मात्रा को कम करता है।

4. आंवला रस –
आंवले में मौजूद क्रोमियम खनिज तत्व हमारे शरीर में इंसुलिन को सही तरह से बनाने में मदद करता है। आंवले को रस से चुटकी भर हल्दी दो टाइम लेने से मधुमेह सामान्य होता है। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कारगर उपाय है।

5. ग्रीन टी –
वैसे तो ग्रीन टी का सेवन करना ही चाहिए। दिन में एक बार जरूर ग्रीन टी पीना चाहिए। लेकिन शुगर के मरीजों को दो टाइम ग्रीन टी पी सकते हैं। लेकिन यह भी निर्भर करता है कि ग्रीन टी आपकी बॉडी की पर उल्टी तो प्रतिक्रिया नहीं दें रही।

6.जामुन के पाउडर –
जामुन के बीच का पाउडर भी बहुत लाभदायक है। जामुन के बीज को सुखाकर उसका पाउडर बना लें। सुबह नाश्ते के बाद गुनगुने पानी से 1 चम्मच खा लें। इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बेहद आराम मिलेगा।

नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। अगर शुगर बहुत अधिक या बहुत कम है तो डॉक्टंर की सलाह से उपरोक्त उपाय करें।
 

विश्व मधुमेह दिवस कल: डाइबिटीज के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है ये दिवस- डॉ अनिमेष चौधरी, बालको मेडिकल सेंटर

विश्व मधुमेह दिवस कल: डाइबिटीज के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है ये दिवस- डॉ अनिमेष चौधरी, बालको मेडिकल सेंटर

रायपुर, हर साल 14 नवंबर को डाइबिटीज के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है. इस साल इन्सुलिन की खोज को भी 100 साल हो गए है। इन वर्षो में हमने इस क्षेत्र में काफी तरक्की की और बीमारी की जानकारी और उसके इलाज दोनों क्षेत्र में बहुत विकास किया, पर आज भी हम जनसामान्य को डाइबिटीज का सस्ता और सहज उपलब्ध इलाज नही उपलब्ध करा पाए है। साथ ही डाइबिटीज से जुड़े बहुत से मिथक आज भी लोगो को जल्द जांच कराने से और सही इलाज करवाने से रोकते है, जिससे डायबिटीज के कारण होने वाली दिल, किडनी और आंखों की परेशानिया जैसी जटिल बीमारियां बढ़ती जा रही है। इस समय भारत की जनसंख्या का बड़ा प्रतिशत इस बीमारी से जूझ रहा है। वर्तमान में हमारा जोर इसके इलाज के साथ साथ इसकी जल्दी जांच और सस्ता और सर्व सुलभ इलाज देने में है, क्योंकि यह बीमारी ऐसी है जिसमे लोगो को पूरी उम्र दवाई लेनी होती है। जल्दी जांच से बीमारी का इलाज आसान होता है और शुरुआत से ही शुगर को नियंत्रित करने से हृदय, आंखों और किडनी को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। साथ ही हमे इस बीमारी और उसके इलाज से जुड़े बहुत से मिथकों को भी दूर करने की आवश्यकता है। स्वस्थ जीवनशैली डायबिटीज से लड़ने के लिए बहुत सहायक है और इस बीमारी के शुरुआती पहचान से लेकर आखिरी स्टेज तक स्वस्थ जीवन शैली का योगदान होता है। आइए इस विश्व स्वास्थ्य दिवस में हम इस बीमारी से जीतने का संकल्प ले
स्वस्थ रहे, मस्त रहे
डॉ अनिमेष चौधरी
 

क्या आपके बाल झड़ रहे हैं? बालो को मजबूत, घना और काला बनाने के लिए अपनाए ये तरीके............

क्या आपके बाल झड़ रहे हैं? बालो को मजबूत, घना और काला बनाने के लिए अपनाए ये तरीके............

आजकल आदमी हो या औरत हर किसी के बाल झड़ रहे है इसका कारण केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग और न्यूट्रिशन में कमी हो सकती है कि कई लोगों की ये इच्छा पूरी नहीं हो पाती. नतीजा ये होता है कि बाल या तो तेजी से झड़ने लगते हैं या फिर सफेद होने लगते हैं. क्या आप जानते हैं कि बालों को इस हालत से बचाने और उनकी खूबसूरती बरकरार रखने का खजाना आपके घर की रसोई में ही छिपा है. कुछ ऐसी फल, सब्जियां और अन्य वस्तुएं हैं जिन्हें खाकर बालों की काली रंगत को और गाढ़ा किया जा सकता है और उनकी मजबूती को दोगुना.
झड़ते बालों से हैं परेशान, डाइट में शामिल करें ये चीजें और देखें कमाल


केला
केला आसानी से बारह महीने उपलब्ध होने वाला फल है. इसे अपनी डाइट में शामिल करें. केले में मौजूद फाइबर्स, थाइमिन और फोलिक एसिड बालों के लिए बेहद फायदेमंद है.


मटर
मटर का मौसम भी आ ही चुका है. इस मौसम में जी भर कर मटर खाइए. इसके आयरन, जिंक और विटामिन बालों की सेहत बढ़ाएंगे.


ओट्स
ओट्स खाने के तो ढेरों फायदे हैं. तन और बाल दोनों की सेहत के लिए ओट्स फायदेमंद है. इसमें मौजूद ओमेगा 6 फैटी एसिड बालों की ग्रोथ बढ़ाता है.


संतरा-नींबू
ऐसे खट्टे फल बालों को मजबूत बनाने में मददगार हैं. संतरा, नींबू, अंगूर या जामुन ऐसे फल पर्याप्त मात्रा में खाते रहें. आपके बाल लहराते रहेंगे.


दही
दही खाएं या बालों में लगाएं. दोनों ही तरीकों से बालों के लिए फायदेमंद है. बालों में रूसी होने पर दही का प्रोटीन और विटामिन बी 5 के गुण काफी असरदार साबित होते हैं.


अंडा
दही की तरह अंडे भी खाने और लगाने दोनों में ही बालों को फायदा पहुंचाते हैं. अंडे में मौजूद प्रोटीन बालों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन देते हैं.


हरी सब्जियां
मौसमी हरी सब्जियां सभी गुणों से लबरेज होती हैं. सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों से बिलकुल मुंह न मोड़ें. गर्मी में जो हरी सब्जियां उपलब्ध हों उनका सेवन करें. बाल हमेशा सेहतमंद होंगे.


ड्राई फ्रूट्स
बादाम और अखरोट- ये दो ऐसे ड्राई फ्रूट्स हैं जिनके सेवन से बालों की रंगत संवर सकती है. इनके नियमित सेवन से बालों को नई मजबूती मिलती है. इनमें भरपूर प्रोटीन होता है जो बालों के लिए फायदेमंद है. बादाम का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है


मछली
मछली में मौजूद प्रोटीन बालों को नई जान देता है. खासतौर से सैल्मन मछली ओमेगा थ्री फैटी एसिड और मिनरल्स से भरपूर है जो बालों की चमक बरकरार रखते हैं.


सूरजमुखी के बीज
सूरजमुखी के बीज में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है. जिसकी वजह से बालों की चमक और उनका रंग दोनों बना रहता है.


अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. JUST36NEWS इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

डाइट में शामिल करें ये स्वास्थ्यवर्धक पानी, आसान है इन्हें बनाना

डाइट में शामिल करें ये स्वास्थ्यवर्धक पानी, आसान है इन्हें बनाना

स्वस्थ रहने और अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए लोग न जाने क्या कुछ नहीं करते, फिर भी उन्हें मनचाह परिणाम नहीं मिल पाता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे स्वास्थ्यवर्धक पानी की रेसिपीज बताते हैं, जिनके सेवन से न सिर्फ आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि इनसे आपको अपनी खूबसूरती निखारने में भी काफी मदद मिल सकती है। चलिए फिर एक नजर इन स्वास्थ्यवर्धक पानी की रेसिपीज पर डालते हैं।
नींबू पानी
नींबू पानी में विटामिन- सी, फास्फोरस, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि जैसे कई पोषक तत्व शामिल होते हैं, जो शरीर को हाइड्रेट करने के साथ-साथ उसमें ऑक्सीजन की आपूर्ति करते है और इससे आप पूरा दिन ऊर्जावान व तरोताजा महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही नींबू पानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का काम करता है। इसके लिए बस आप एक गिलास गुनगुने पानी में एक या आधा नींबू निचोड़ें, फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर उसका सेवन करें।
खीरे का पानी
खीरा एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होता है, जो शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ कई तरह की त्वचा संबंधित समस्याओं से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। खीरे का पानी बनाने के लिए सबसे पहले एक मध्यम आकार के खीरे को काटकर एक लीटर पानी में डाल दें, फिर इस पानी को दो से तीन घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। इसके बाद इस पानी को पूरे दिन समय-समय पर पीते रहें।
हल्दी का पानी
हल्दी का पानी एंटी-बैक्टीरियल और हीलिंग गुण से समृद्ध होता है, जो शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। हल्दी का पानी बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दो कप पानी, एक छोटी चम्मच हल्दी पाउडर और एक चुटकी काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। अब इस पानी को धीमी आंच पर एक उबाल दिलाएं। इसके बाद गैस बंद करके पानी को छानकर पी जाएं।
अदरक का पानी
अदरक के पानी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण के साथ-साथ इम्यूनोन्यूट्रीशन गुण भी मौजूद होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकते हैं। अदरक का पानी बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दो कप पानी और एक इंच ताजा कटा हुआ अदरक डालकर एक उबाल दिलाएं। इसके बाद पानी को छानकर इसका सेवन करें। आप चाहें तो इस पानी में थोड़ा नींबू का रस और स्वादानुसार शहद भी मिला सकते हैं।

 

भारत बायोटेक का कहना, टीके की दूसरी खुराक के इतने महीने बाद दी जानी चाहिए तीसरी खुराक

भारत बायोटेक का कहना, टीके की दूसरी खुराक के इतने महीने बाद दी जानी चाहिए तीसरी खुराक

'भारत बायोटेक' के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक के छह महीने बाद ही तीसरी खुराक दी जानी चाहिए, यही सबसे उचित समय है। साथ ही, उन्होंने नाक से दिए जाने वाले टीके (नेज़ल वैक्सीन) के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि उनकी कंपनी 'जीका' रोधी टीका बनाने वाली दुनिया की पहली कंपनी है।
एल्ला ने 'टाइम्स नाउ समिट 2021' में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'कोवैक्सीन' टीका लगवाना उनका भारतीय विज्ञान में भरोसा दिखाता है। उन्होंने कहा, '' दूसरी खुराक के छह महीने बाद ही तीसरी खुराक दी जानी चाहिए। तीसरी खुराक के लिए यही सबसे उचित समय है।''
'भारत बायोटेक' नाक से दिए जाने वाली टीके को 'बूस्टर' खुराक के तौर पर लाने का भी विचार कर रहा है। 'नेज़ल वैक्सीन' के महत्व के बारे में उन्होंने कहा कि पूरा विश्व ऐसे टीके चाहता है। ''संक्रमण रोकने का यही एकमात्र तरीका है। हर कोई 'इम्यूनोलॉजी' (प्रतिरक्षा विज्ञान) का पता लगाने की कोशिश कर रहा है और सौभाग्य से, भारत बायोटेक ने इसका पता लगा लिया है।''
एल्ला ने कहा, '' हम नाक से देने वाला टीका ला रहे हैं... हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या कोवैक्सिन की दूसरी खुराक को नाक से दिया जा सकता है, यह रणनीतिक रूप से, वैज्ञानिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दूसरी खुराक को यदि आप नाक से देते हैं तो आप संक्रमण को फैलने से रोकते हैं।''
'जीका' रोधी टीके के बारे में एल्ला ने कहा कि 'भारत बायोटेक' ने 'जीका वायरस' रोधी टीका बना लिया है। प्रथम चरण पूरा हो गया है। सरकार को और अधिक परीक्षण (ट्रायल) करने होंगे क्योंकि मामले अधिक हैं। उन्होंने कहा '' हम 2014 में जीका रोधी टीका बनाने वाली विश्व की पहली कम्पनी थे। सबसे पहले हमने ही जीका रोधी टीके के वैश्विक पेटेंट के लिए आवेदन दिया था।''
 

स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है चाय का अधिक सेवन, हो सकती हैं ये समस्याएं

स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है चाय का अधिक सेवन, हो सकती हैं ये समस्याएं

सुबह-सुबह चाय की चुस्की लेना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है क्योंकि यह आलस को दूर भगाने में काफी मदद करती है। हालांकि, कहते हैं कि किसी भी चीज की अति नुकसान का कारण बनती है। यह नियम आपकी चाय पीने की आदत पर भी लागू होता है। अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो इससे आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए ऐसी ही कुछ समस्याओं के बारे में जानते हैं।
नींद की समस्या
यह समस्या आपको चाय का अधिक सेवन करने के अलावा गलत समय पर चाय पीने से उत्पन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, शाम के बाद चाय पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। खासकर, अगर आप रात का खाना खाने के बाद चाय का सेवन करते हैं तो यह वास्तव में आपके नींद के पैटर्न को प्रभावित करके लंबे समय तक जागने पर मजबूर कर सकता है।
लिवर की बीमारियां
चाय का अधिक सेवन लिवर के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है और इसे कमजोर कर सकता है। दरअसल, चाय कैफीन युक्त होती है, जो शरीर में पहुंचकर शरीर की तंत्रिकाओं और कोशिकाओं में सूजन पैदा करता है, जिसकी वजह से लिवर कमजोर होने लगता है। इसके अलावा इसका अधिक सेवन करने से फैटी लिवर की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप रोजाना सीमित मात्रा में ही चाय का सेवन करें।
सिरदर्द और चिड़चिड़ापन
सिरदर्द, एंग्जायटी, तेज धड़कन, शारीरिक अकडऩ या चिड़चिड़ापन आदि लक्षण कुछ दिनों तक लगातार सामने आएं तो समझ जाइए कि आप चाय का अधिक सेवन करने लगे हैं। ये सभी चाय में मौजूद कैफीन की अधिक मात्रा के कारण होते हैं। अगर आपको लगातार इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो बेहतर होगा कि इस स्थिति में आपको अपने चाय के सेवन की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए।
पेट संबंधी समस्या
अगर आपको अधिक चाय पीने की आदत हैं तो इसकी वजह से आपको अकसर सीने में जलन के साथ-साथ पेट संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप चाय के सेवन को सीमित करने के साथ-साथ इसका सही समय पर सेवन भी करें, ताकि किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से आप बच सकें क्योंकि यहां बात आपके स्वास्थ्य से संबंधित है।
 

कोरोना अपडेट: पिछले 24 घंटे में कोरोना के इतने नए मामले सामने आये, देखे आकड़े

कोरोना अपडेट: पिछले 24 घंटे में कोरोना के इतने नए मामले सामने आये, देखे आकड़े

नई दिल्ली: देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 11466 नए केस सामने आए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट आई है। देश में फिलहाल सक्रिय मामलों की संख्या 1,39,683 है, जो पिछले 264 दिन में सबसे कम है। वहीं, बीते 24 घंटे में महामारी से 460 लोगों की मौत हो गई है। 11466 नए मामलों में से केरल से ही 6409 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, केरल में पिछले 24 घंटे में 47 लोगों की मौत हो गई।

महाराष्ट्र के ठाणे में कोरोना के 115 नए मामले सामने आए। इसके बाद जिलों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5,67,002 हो गई। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये नए मामले मंगलवार को सामने आए। उन्होंने बताया कि दो और लोगों की संक्रमण से मौत हो गई है। इसके बाद जिले में मृतकों संख्या बढ़कर 11,547 हो गई है। उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 से मृत्यु दर 2.03 प्रतिशत है। इस बीच, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पालघर जिले में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 1,38,250 हो गई और मृतकों की संख्या 3,289 है।

देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्तूबर को 70 लाख, 29 अक्तूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

कोरोना अपडेट: सावधानी बरतने की जरुरत, देश में बढ़ रहे कोरोना के नए मामले, देखे आकड़े

कोरोना अपडेट: सावधानी बरतने की जरुरत, देश में बढ़ रहे कोरोना के नए मामले, देखे आकड़े

नई दिल्ली: देश में कोरोना से बीते दिन 526 मरीजों ने गंवाई जान, मिले 10 हजार 853 नए केस


देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 11,451 नए मामले आए, 13,204 रिकवरी हुईं और 266 लोगों की कोरोना से मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले अभी 1 लाख 42 हजार 826 हैं जो कि 262 दिनों में सबसे कम हैं। दैनिक पॉजिटिविटी रेट पिछले 35 दिनों से 2% से कम है।


भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया कि देश में कल कोरोना वायरस के लिए 8,70,058 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 61,60,71,949 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। नए कोरोनावायरस संक्रमणों में दैनिक वृद्धि 31 दिनों के लिए 20,000 से नीचे रही है और लगातार 134 दिनों से 50,000 से कम दैनिक नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामलों में कुल संक्रमणों का 0.42 प्रतिशत शामिल है, जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम है, रिकवरी दर 98.24 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है।


कोविड-19 के कुल आंकड़े :
कुल मामले: 3,43,66,987
सक्रिय मामले: 1,42,826
कुल रिकवरी: 3,37,63,104
कुल मौतें: 4,61,057
कुल वैक्सीनेशन: 1,08,47,23,042

अब बच्चों को लगेगा टीका, केंद्र ने Zydus Cadila की नीडल फ्री वैक्सीन खरीद के दिए आदेश

अब बच्चों को लगेगा टीका, केंद्र ने Zydus Cadila की नीडल फ्री वैक्सीन खरीद के दिए आदेश

नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की नीडल फ्री वैक्सीन (Needle Free Vaccine) की एक करोड़ डोज़ की खरीद करने का आदेश दिया है. जायडस कैडिला हर महीने एक करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराएगा. जायडस कैडिला वैक्सीन की तीन डोज़ लगेंगी. ये डोज़ 28 दिन के अंदर दी जाएगी. जायडस कैडिला (ZyCoV-D) वैक्सीन को 20 अगस्त को आपातकाल इस्तेमाल के लिए अनुमति मिल चुकी है. जाइडस कैडिला का टीका जाइकोव-डी पहला ऐसा टीका है जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 साल या उससे अधिक उम्र के किशोरों को लगाने की मंजूरी दी है.
बता दें कि पहले ही सरकार के साथ समझौते के बाद जाइडस कैडिला अपने कोविड-19 टीके की कीमत घटाकर 265 रुपये प्रति खुराक करने पर सहमत हो गई थी. अब अंतिम समझौता भी हो गया है. सुई मुक्त जाइकोव-डी (ZyCoV-D) टीके की प्रत्येक खुराक देने के लिए 93 रुपये की लागत वाले एक डिस्पोजेबल दर्द रहित जेट एप्लीकेटर की आवश्यकता होगी, जिससे इसकी कीमत 358 रुपये प्रति खुराक होगी.
कंपनी और सरकार के बीच लगातार बातचीत के बाद टीके के प्रत्येक खुराक की कीमत 358 रुपये निर्धारित की गयी है, जिसमें 93 रुपये का एक डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर भी शामिल है. तीन खुराकों को 28 दिनों के अंतराल पर दिया जाना है. देश में विकसित यह दुनिया का पहला ऐसा टीका है जो डीएनए-आधारित एवं सुई-मुक्त है. जाइकोव-डी को 20 अगस्त को दवा नियामक से आपातकालीन इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिली थी.
 

पटाखे से त्वचा जल जाए, तो बिल्कुल न करें 6 काम

पटाखे से त्वचा जल जाए, तो बिल्कुल न करें 6 काम

त्वचा का कोई भाग अगर जल गया है, तो आप उसके लिए किए जाने वाले कुछ घरेलू उपाय जरूर जानते होंगे। लेकिन क्या आप यह जानते हैं, कि जल जाने पर ऐसी कौन सी सावधानियां रखी जाए, जिससे आपके और परेशानी नहीं उठानी पड़े, और घाव बढ़ न जाए। आइए जानें, कि जलने पर कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए –
1 त्वचा के जल जाने पर कई लोग जलन से बचने के लिए बर्फ का सहारा लेते हैं। यह बात सही है कि बर्फ की सिकाई से जलन खत्म हो जाएगी, लेकिन बर्फ उस स्थान पर खून को जमा सकती है, जिससे आपका रक्त संचार प्रभावित हो सकता है। इसलिए बर्फ का प्रयोग करने से बचें।

2 बर्फ की सिकाई करने पर फफोले पड़ने की संभावना कम नहीं होती बल्कि इससे आपकी परेशानी बाद में बढ़ सकती है। इसलिए सावधानी जरूर बरतें।
3 कभी भी जले हुए स्थान पर रूई का प्रयोग भूल कर भी न करें। यह त्वचा पर चिपक सकती है, जिससे आपको अधिक जलन होगी। इसके अलावा बैक्टीरिया पनपने की संभावना भी होगी।

4 जले हुए स्थान पर मक्खन या मलहम को तुरंत लगाने से बचें और फफोले पड़ने पर उन्हें फोड़ने की गलती बिल्कुल न करें। इससे संक्रमण फैल सकता है और तकलीफ बढ़ सकती है।
5 अत्यधि‍क जल जाने पर घर पर उपचार आजमाने के बजाए तुरंत पीड़ि‍त को अस्पताल लेकर जाएं। जले हुए स्थान पर अगर कोई कपड़ा चिपका हुआ हो तो उसे उतारें नहीं, इससे त्वचा के निकलने के का खतरा होता है।

6 अत्यधि‍क जले हुए मरीज को एक साथ पानी मत दीजिए, बल्कि ओआरएस का घोल पिलाइए। क्योंकि जलने के बाद आदमी की आंत काम करना बंद कर देती है और पानी सांस नली में फंस सकता है जो कि जानलेवा हो सकता है।

 

कोरोना अपडेट: देश के इन राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के नए मामले, देखे आकड़े

कोरोना अपडेट: देश के इन राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के नए मामले, देखे आकड़े

नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में उतार चढ़ाव जारी है। किसी दिन मामले बढ़ जा रहे हैं तो किसी दिन केस कम हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, एक दिन में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है। पिछले 24 घंटे में 14313 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, मौतों की संख्या में करीब तीन सौ तक की कमी आई है। इस दौरान 549 लोगों की जानें गई हैं। इसके अलावा 13 हजार 543 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, एक्टिव केस की संख्या भी धीरे-धीरे कम हो रही है। देश में सक्रिय संक्रमित मरीजों की संख्या अब 1 लाख 61 हजार 655 तक रह गई है।

कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 3,42,46,157 हो गई है। इसके अलावा ठीक होने वालों का आंकड़ा 3,36,41,175 पर पहुंच गया है। वहीं, देश में कुल मृतकों की संख्या की बात करें तो यह 4,57,740 हो गई है ।

अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध
कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलो में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड, मिजोरम, असम समेत कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते भारत आने और जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है। इससे पहले नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी 31 अक्तूबर 2021 तक बढ़ा दी थी। वहीं, देश में टीकाकरण का आंकड़ा 105 करोड़ के पार पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

पैरों की ऐंठन को दूर करने में मदद कर सकते हैं ये घरेलू नुस्खे

पैरों की ऐंठन को दूर करने में मदद कर सकते हैं ये घरेलू नुस्खे

अगर किसी कारणवश पैरों की मांसपेशियों में अचानक से जकडऩ होने लगे तो इस समस्या को पैरों की ऐंठन कहा जाता है। आमतौर पर बहुत से लोग इस समस्या को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन कई बार इस लापरवाही के चलते कुछ जोखिम उठाने पड़ सकते हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप पैरों की ऐंठन से छुटकारा पा सकते हैं।
कोल्ड कंप्रेस से करें सिकाई
कोल्ड कंप्रेस की मदद से पैरों में होने वाली ऐंठन से काफी राहत मिल सकती है। राहत के लिए कोल्ड पैड से प्रभावित हिस्से की सिकाई करें। अगर आपके पास कोल्ड पैड नहीं है तो एक तौलिये का थोड़ा सा हिस्सा ठंडे पानी में डुबो लें, फिर इसे निचोड़कर चार-पांच मिनट तक इसे प्रभावित जगह पर लगाकर रखें। ऐसा दिन में दो-तीन बार करने से आपको काफी आराम मिलेगा।
बेकिंग सोडा का करें सेवन
बेकिंग सोडा का सेवन काफी हद तक पैरों की ऐंठन को दूर करने में मदद कर सकता है। राहत के लिए सबसे पहले एक गिलास सामान्य पानी में एक चौथाई छोटी चम्मच बेकिंग सोडा अच्छे से मिलाएं और मिलाने के बाद तुरंत इस पानी का सेवन करें। वैसे पैरों में ऐंठन होने पर इसे पीना लाभकारी हो सकता है, लेकिन अगर आप इसका सेवन नहीं कर सकते हैं तो अपने किसी भी खाने में एक चुटकी बेकिंग सोडा मिलाकर खाएं।
सेब के सिरके का करें इस्तेमाल
सेब का सिरका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध माना जाता है, जिसकी वजह से यह पैरों की ऐंठन से राहत दिलाने में सहायक है। इसके लिए आप एक छोटी बाल्टी में हल्के गर्म पानी के साथ सेब के सिरके की कुछ बूंदें अच्छे से मिलाएं, फिर इस मिश्रण में एक तौलिये को डूबोकर निचोड़ दें। इसके बाद उस तौलिये को ऐंठन से प्रभावित पैर पर अच्छे से लपेटकर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। यकीनन इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी है प्रभावी
अगर पैरों में ऐंठन की समस्या होने लगे तो घरेलू उपाय के तौर पर योग और स्ट्रेचिंग करना अच्छा विकल्प हो सकता है। जब भी आपको पैरों में ऐंठन महसूस हो तो कम से कम 15 मिनट तक वीरासन, गोमुखासन और वृक्षासन आदि योगासनों का अभ्यास करें। वहीं, योगाभ्यास से पहले और बाद में स्ट्रेचिंग करना न भूलें क्योंकि इसके अभ्यास से मांसपेशियों में लचीलापन आता है, जिससे पैरों को आराम मिलता है।