जब हरी पत्तेदार सब्जियों की बात करें तो पालक का नाम सबसे पहले आता है। इसका पौधा लगभग एक से डेढ़ फुट ऊंचा होता है। पालक की सब्जी जितनी आसानी से बन जाती है, इसके सेवन से उतनी ही आसानी से आपको सेहत और सौन्दर्य दोनों लाभ मिल सकते है। आइए, जानते हैं पालक के पत्तों का किसी भी रूप में सेवन करने से होने वाले फायदे –
सुबह काम का बोझ और शाम को ऑफिस में ओवर टाइम। ऐसे में जिम ज्वॉगइन करना एक आसान नहीं है। ऐसे में आपको चाहिए कि सुबह के वक्त थोडा सा समय निकाल लें तो आप दिनभर फिट और तरोताजा महसूस करेंगे। करना आपको इतना है कि अपने लिए सुबह सिर्फ 40 मिनट निकालना है। और इन 40 मिनट में आपको धीमी गति से लेकिन मिलेगी स्थाई फिटनेस। जानते हैं कैसे।
आधा घंटा पहले उठे
सुबह जल्दीह उठते हैं तो बेहतर। अगर देरी से उठने की आदत है तो कम से कम इतना कर लें कि 30 या 40 मिनट पहले उठ जाए। इसके बाद यह 40 मिनट आप योगा को दें।
रोज करें योगा
यह पूरे 40 मिनट आप योगा को दें। योगा में आप अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति और दूसरे प्राणायाम शामिल करें। इन्हें 5- 5 मिनट का वक्त दें।
सूर्य नमस्कार
प्राणायाम करने के बाद करीब पांच मिनट का वक्तग सूर्य नमस्का र को दें। प्राणायाम जहां आपके अंदर की कोशिकाओं को मजबूत करेगा वहीं सूर्य नमस्कार बाहर की मांसपेशियों को लचीला बनाएगा।
पांच मिनट करें रिलेक्सन
प्राणायाम और कसरत करने के बाद पांच मिनट ध्याीन में लगाएं। इसके बाद अपना पसंदीदा संगीत सुने। सकारात्मचक सोचे और मुस्कुराए। यह दोनों तरह के अभ्याणस आपकी शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर करेगा, मन को शांत रखेगा और स्वीस्य्ानस बनाएगा। अगर आपके दिन की शुरुआत इसी तरह होगी तो आप दिनभर तंदरुस्त रहेंगे।
यू करें शाम की शुरुआत
1. रात 8 बजे से पहले खाना जरुर खा लें।
2. डिनर जितना हो सके लाइट रखें।
3. शाम 6 बजे के बाद पानी पीना कम कर दें, ताकि रात को बार-बार यूरीन आने पर आपकी नींद न डिस्टर्ब हो।
4. ज्यादा ऑयली फूड रात के वक्त खाने से परहेज करें।
5. रात बेड पर लेटे हुए मोबाइल फोन्स का इस्तेमाल न करें।
6. खाने के दो घंटे बाद 1 छोटा कप दूध जरुर पिएं, इससे कम समय में आप अपनी नींद पूरी कर लेंगे।
सफर चाहे लंबा हो या छोटा आजकल हर किसी के कानों में ईयरफोन और हेडफोन जरूर मिलेगा. आज के वक्त में घंटों तक ईयरफोन का इस्तेमाल करना एक आदत सी बन गई है. अगर, आपको भी कोई ऐसी ही आदत लग गई है, तो सावधान हो जाइए.
महिलाएं अपनी खूबसूरती को लेकर काफी सजग रहती है और इसके लिए काफी मेहनत करती हैं। महिलाओं के सुंदर बाल उनकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं, इसलिए वह अपने बालों का खास खयाल रखती हैं। वहीं, यही भी देखा जाता है कि महिलाओं में बाल झडऩे की समस्या हो जाती है। लोगों का यह भी मानना होता है कि बाल झडऩा नैचरल होता है। फिर भी इससे निजात पाने के लिए वह काफी कोशिश करती हैं। यह भी देखा गया है कि आपकी हेयरस्टाइल भी आपके बाल झडऩे का कारण होती है।
1- बालों को कसकर बांधना
अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं में बाल झडऩे के पीछे सबसे बड़ा कारण होता है कि बालों की कसकर बांधना। इससे बाल टूटने लगते हैं। इस तरह से अगर बाल टूट रहे हैं तो आप इस पर नियंत्रण कर बालों का झडऩा या टूटना आसानी से रोक सकते हैं।
2- ऊपर से चोटी या पोनीटेल बनाना
महिलाएं कई बार बहुत ऊपर से चोटी बनाती हैं या पोनीटेल बनाती हैं। ऐसा करने से भी बाल टूटने लगते हैं। ऊपर से चोटी बनाने या पोनीटेल बनाने से भी बाल खींचते हैं। जिसके चलते आपके टूटने या झडऩे लगते हैं।
3- कैमिकल्स से होता है हेयर लॉस
हेयरस्टाइल बालों के झडऩे और टूटने के लिए जिम्मेदार साबित होती है। यह भी देखा गया है कि बालों में डाई, ब्लीच, स्ट्रेटनर्स या परमानेंट वेव सॉल्यूशन के इस्तेमाल से भी बाल झडऩा शुरू हो सकता है। इसमे पाए जाने वाले कैमिकल्स से हेयर लॉस परमानेंट होता रहता है।
4- बालों के लिए नुकसानदेह है हेयर ड्रायर
महिलाएं नहाने के बाद अक्सर अपने बालों को सुखाने के लिए हेयर ड्रायर की मदद लेती हैं। इसको बाल सुखाने और हेयरस्टाइल बनाने का एक आसान तरीका माना जाता है। वहीं, कई स्टडी में यह बात सामने आई है कि रोजाना इसका इस्तेमाल आपके बालों के लिए नुकसानदेह है। इससे बाल झडऩे लगते हैं।
आज के जीवन मे हर व्यक्ति को कही न कही तनाव, डिप्रेशन माइग्रेन, डायबिटीज, बी.पी., स्मरणशक्ति कम होना, व्यापार के नुकसान, आत्मविश्वास की कमजोरी, आपसी मनमुटाव की समस्या से ग्रषित है इन समस्या से निजात पाने के लिए जैन युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ के द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला "भक्तामर हीलिंग चिकित्सा" वृन्दावन हॉल रायपुर में सपन्न हुआ । जिसमें 48 स्त्रोत्र की महिमा से मानसिक एवं शारीरिक व्याधियों का निदान मंत्रों के उच्चारण आध्यात्मिक उपचार मुख्य वक्ता -डॉ अर्चना जैन (अंतराष्ट्रीय सोउल मोटिवेटर व भक्तामर हीलर) ने बीज मंत्र, रिद्धि मंत्रो के साथ प्रदान की ।
श्रीं मति सुनीता लुनिया (ऑउरा प्रेक्ट्रिशनर) ने उपस्थित बंधुओ को नेगेटिव और पाजिटिव ऑरा का विस्तार से जानकारी दी । ततपश्चात अमेरिका से पधारे अजित जी ने हीलिंग चिकित्सा से अपनी खोई हुई आवाज को पुनः प्राप्त करने की गाथा सचित्र विवरण मंच से प्रदान की ।
भक्तामर हीलिंग चिकित्सा शिविर में रायपुर , दुर्ग , राजनांदगांव , धमतरी, कोंडागांव , महासमुंद दल्लीराजहरा से पधारे लोगों ने लाभ लिया । अध्यक्षीय उध्बोधन में लोकेश चन्द्रकान्त जैन ने जैन युवा मोर्चा के कार्य व उद्देश्य की जानकारी दी ।। कार्यक्रम का मंच संचालन अंकिता जैन के द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम के अंत में आभार कार्यक्रम प्रभारी महावीर कोचर , विपुल जैन ने दी । कार्यक्रम में जैन युवा मोर्चा के संरक्षक अतुल गोधा , राजेन्द्र पारख (महामंत्री )जितेंद्र गोलछा, सुरेश बाफना , अशोक साँखला , नीलेश ,गौतम बोथरा , दर्शन साँखला ,राहुल जैन , जितेंद्र सेठिया , विनोद साँखला उपस्थित हुए।
ठंड के मौसम में आम तौर पर प्यास कम लगती है, और यही कारण है कि कई लोग पानी कम ही पीते हैं। लेकिन ये गलती आप पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि पानी की कमी से हो सकती हैं ये 5 बीमारियां-
जब स्वादिष्ट खाना किसी के सामने हो तो उसे जल्दी जल्दी खत्म करना कौन नहीं पसंद करेगा. जब भोजन लजीज हो और साथ में गरमा-गरम हो तो उसे खाने में और भी ज्यादा स्वाद आता है. लेकिन कभी आपने ये ध्यान दिया है कि खाने को लेकर कभी-कभी हमे इतनी जल्दी रहती है कि हमें लगता है की उस खाने को कितनी जल्दी से खा के खत्म कर दें. इसी खाने को जल्दी-जल्दी खाने से हम ऐसी कई बिमारियों को दावत दे देते हैं जिनके बारे में हमें जानकारी ही नहीं रहती. आइए आपको बताते हैं कि जल्दी-जल्दी खाने से आपके शरीर पर इसका क्या इफ्फेक्ट पड़ता है.
मोटापा
लोगों के अनुसार ज्यादा खाना खाने से मोटापा होता है लेकिन सच्चाई ये है की जल्दी-जल्दी खाने के चक्कर में हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि हमे उस खाने को चबा के खाना चाहिए. आप जितना अधिक खाने को चबाते हैं उतना ही मोटापा कम होने का अनुमान रहता है. आप जब भी खाना खाने बैठें तो खाने को अच्छे से चबाएं. इससे यह शरीर में लगता है न कि शरीर के फैट को बढ़ाता है.
अधिक भोजन का सेवन
जब सामने बेहतरीन खाना रखा हो तो लोग ये भूल जाते हैं कि कितना खाना चाहिए और कितना नहीं खाना चाहिए. आपको बता दें की ओवरइटिंग कई तरह से आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है. ओवरइटिंग शरीर के वजन को बढ़ाता है. जब लोग तेजी से या जल्दी-जल्दी खाते हैं तो ये भूल जाते हैं उन्हें कितना कैलोरी चाहिए और कितना नहीं. हो सके तो ओवरइटिंग से बचे.
डायबिटीज
भारत में लगभग हर घर में एक डायबिटीज का मरीज मिल ही जाता है. हालांकि डायबिटीज होने के बहुत से कारण हो सकते हैं लेकिन इसके पीछे जल्दी-जल्दी भोजन करना भी एक प्रमुख कारण है. अगर आपको डायबिटीज हो और न भी हो तो भी जल्दी-जल्दी खाना कभी नहीं खाना चाहिए. आप हमेशा संतुलित आहार ही अपने खाने में शामिल करे और इसे आराम से चबाकर खाएं.
हाथ धोने की आदत बचपन से ही सिखाई जाती है. टॉयलेट जाने के बाद, खाने से पहले, खाने के बाद या कोई गंदी चीज छूने व उठाने के बाद हाथों को धोना जरूरी बताया जाता है. इसका कारण यह है कि हमारे हाथ कीटाणुओं और गंदे बैक्टीरिया के सबसे आम वाहक होते हैं. शरीर में ज्यादातर हानिकारक जर्म्स हाथों से ही पहुंचते हैं. इसलिए हाथ धोना ज्यादातर लोगों की आदत में शामिल हो जाता है. लेकिन क्या आप सही तरीके से हाथ धोते हैं? कहीं आपके हाथ धोने का तरीका गलत तो नहीं? अगर ऐसा है तो आपको हाथ धोने का पूरा फायदा ही नहीं मिलेगा यानी हाथ धोने के बाद भी जर्म्स आपके शरीर में पहुंच ही जाएंगे.
डॉक्टरों का मानना है कि ज्यादातर लोग हाथ धोते समय कुछ सामान्य गलतियां करते हैं, जिसके कारण उनका हाथ सही तरह से कभी भी साफ नहीं हो पाता है. मगर इसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं होती है. डॉक्टर्स ये बताते हैं कि अगर आप सही तरह से हाथ धोएं, तो हजारों तरह के रोगों और इंफेक्शन से आप खुद को बचा सकते हैं. आइए आपको बताते हैं हाथ धोने के दौरान की जाने वाली 5 सामान्य गलतियों के बारे में जिनकी तरफ आपका ध्यान शायद नहीं जाता है.
जल्दबाजी करना
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च बताती है कि ज्यादातर लोग हाथ धोते समय जल्दबाजी में रहते हैं जिसके कारण उनके हाथों के कीटाणु पूरी तरह से मरते नहीं हैं. सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार आपको अपने हाथों पर साबुन या हैंडवॉश लगाने के बाद कम से कम 20 सेंकड तक झाग से हाथों को रगडऩा चाहिए. तभी आपके हाथों के कीटाणु अच्छी तरह से साफ होंगे.
पूरा हाथ न धोना
बहुत सारे लोग यह गलती भी करते हैं कि वह सिर्फ हथेली के हिस्से में ही साबुन या हैंडवॉश लगाते हैं और हाथ धो लेते हैं. ऐसे में आपके हाथ के कई हिस्से छूट जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि जब आप हाथों को धोएं तो हथेली के साथ-साथ पीछे के हिस्से, उंगलियों में साबुन लगाते हुए कलाइयों तक लगाएं. इसके बाद पानी की धार में पूरे हाथ को रगड़ते हुए सफाई से हाथ धोएं ताकि आपका पूरा हाथ साफ हो जाए.
गंदे कपड़े में हाथ पोंछ लेना
गंदे कपड़े में हाथ पोंछ लेना सबसे सामान्य गलती है. ज्यादातर लोग हाथ तो बड़े शौक से धोते हैं, मगर इसके बाद हाथों का पानी पोंछने के लिए ऐसे कपड़े या टॉवेल का इस्तेमाल करते हैं, जो पहले से ही गंदा होता है या 7-8 दिन से ज्यादा समय से धोया नहीं गया होता है. ऐसे में हाथ धोने के बाद कपड़े में लगे हुए जर्म्स दोबारा आपके हाथों में लग जाते हैं और आपको हाथ धोने का कोई फायदा नहीं मिलता है. इसलिए जिस कपड़े में आप हाथों को धोने के बाद पोंछते हैं, उसे रोजाना या कम से कम 1 दिन छोड़कर जरूर धोएं और धूप में सुखाएं. इसके अलावा अपना पर्सनल हैंड टॉवल रखें. कई लोग एक ही कपड़े को हाथ सुखाने के लिए इस्तेमाल न करें.
हाथों को ठीक से न सुखाना
जर्म्स और बैक्टीरिया गीलापन या नमी पाकर तेजी से बढ़ते हैं. यही कारण है कि बरसात के दिनों में इनका अटैक बढ़ जाता है. इसलिए अगर आप हाथों को धोने के बाद इसे सही तरह से साफ नहीं करते हैं, तो आपके हाथों में रह गए कीटाणु तेजी से बढ़ते हैं और दोबारा आपके हाथ गंदे हो जाते हैं, जबकि आपको यही लगता है कि आपके हाथ साफ हैं. इसलिए आप जब भी हाथ धोएं, इसे पूरी तरह और सही तरीके से सुखाएं. हाथों को सुखाने के लिए आप कोई साफ कपड़ा, हैंड टॉवल, हैंड ड्रायर या टिशू पेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पब्लिक प्लेस पर की जाने वाली गलतियां
एक बड़ी गलती आप तब करते हैं जब आप पब्लिक प्लेस पर टॉयलेट या वॉशरूम का इस्तेमाल करते हैं. दरअसल पब्लिक प्लेस पर बने वॉशरूम को दिन में सैकड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं, इसलिए यहां जर्म्स और बैक्टीरिया सामान्य वॉशरूम के मुकाबले कई गुना ज्यादा होते हैं. इसलिए पब्लिक प्लेस पर हाथों को धोने के बाद जब आप सादे हाथों से कमरे के अंदर की कोई चीज छूते हैं, तो आपके हाथों में फिर ढेर सारे जर्म्स लग जाते हैं. जैसे- नल चलाने के लिए प्रेस करने वाली बटन, गेट खोलने का हैंडल, हैंड वॉश डिस्पेंसर या कोई अन्य जगह. इसलिए जरूरी है कि आप इस दौरान भी पूरी सावधानी रखें.
रायपुर, आप तनाव, डिप्रेशन माइग्रेन, डायबिटीज, बी.पी., स्मरणशक्ति कम होना, व्यापार के नुकसान, आत्मविश्वास की कमजोरी, आपसी मनमुटाव आदि आपके जीवन मे समस्या हो रही है तो आपकी चिंता को दूर करने के लिए जैन युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ के द्वारा आयोजित "भक्तामर हीलिंग चिकित्सा" में स्त्रोत्र की महिमा से मानसिक एवं शारीरिक व्याधियों का निदान मंत्रों के उच्चारण आध्यात्मिक उपचार एवं विशेष कार्यशाला का आयोजन
मुख्य वक्ता -डॉ अर्चना जैन (अंतराष्ट्रीय सोउल मोटिवेटर व भक्तामर हीलर) व
विशेष सहयोग श्रीं मति सुनीता लुनिया (ऑउरा प्रेक्ट्रिशनर) की उपस्थिति में 18 जनवरी 2020 शनिवार प्रातः 9:30 बजे से 12:30 बजे तक वृंदावन हॉल सिविल लाइन रायपुर में निःशुल्क सपन्न होने जा रहा है ।
उक्त जानकारी लोकेश चन्द्रकान्त जैन(अध्यक्ष) राजेंद्र पारख(महामंत्री )मयूर बैद (कोषाध्यक्ष) व कार्यक्रम प्रभारी महावीर कोचर , विपुल जैन ने प्रदान की।
अनार एक ऐसा फल है जिसके नियमित सेवन से हमें अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। ऐसा माना जाता है कि अनार का जन्मस्थल अरब देश है। अनार खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचक और हमारे शरीर में रक्त वृद्धि करने वाला भी होता है। इस फल के दाने लाल मोती जैसे चमकते हैं।
छोटे बच्चों की मांसपेशियों की मजबूती और सेहत के लिए मालिश बहुत जरूरी है। लेकिन यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि मालिश सही तरह से और सही दिशा में की जाए। और उससे भी ज्यादा जरूरी है कि मालिश के लिए सही तेल का चुनाव किया जाए। चूंकि बेबी की स्किन काफी सॉफ्ट होती है, इसलिए मालिश के लिए नारियल का तेल बेस्ट माना जाता है।
सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं होना आम बात है। मौसम ठंडा होने के कारण सिरदर्द, कमर दर्द, जुकाम, बदन दर्द, जोड़ों में समस्या, सांस लेने में परेशानी और हार्ट संबंधी व मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं। लेकिन इन योग व्यायाम का साथ, आपके स्वास्थ्य पर बेहतर बनाए रखने में सहायक होगा-
1.शरीर संचालन हेतु पैर की उंगलियां, एड़ी, घुटना, जांघ, पेट, हाथों की उंगलियां, कलाई, कोहनी, कंधा, गर्दन व आंख प्रत्येक अंग का 5 से 10 बार संचालन सुबह-शाम दोनों समय करना फायदेमंद होगा।
2. सायको सोमेटिक, न्यूरोसोमेटिक, दमा में भी ये यौगिक क्रियाएं लाभदायक हैं। इसके साथ-साथ शशांक आसन, योगमुद्रा, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, स्ट्रेच मकरासन (क्रोकोडायल)-2 लाभदायक हैं।
3. कुछ शारीरिक व मानसिक रोग तनाव व चिंता से भी होते हैं। इन्हें दूर करने के लिए यौगिक क्रियाएं उत्तम हैं। प्राणायाम और मेडिटेशन करना मानसिक समस्याओं में बेहद फायदेमंद है।
4. स्वस्थ लोगों के लिए भी यौगिक क्रियाएं लाभदायक हैं। स्वस्थ लोग स्वस्थ रहें, इसलिए योग विशेषज्ञ की सलाह से ये आसन करें - ताड़ासन, त्रिकोणासन, कमर को खड़े होकर आगे-पीछे व दाएं-बाएं झुकाने की क्रियाएं 5 बार करें।
5. सीधा लेटकर अर्द्धहलासन, साइकलिंग, पवनमुक्तासन, सीधा नौकासन। बैठकर पश्चिमोत्तासन, शशांक आसन व योगमुद्रा करना चाहिए। उल्टा लेटकर भुजंगासन, सर्पासन, शलभासन, धनुरासन, नौकासन, रोलिंग नौकासन करना चाहिए।
6. प्राणायाम सभी के लिए लाभदायक है। इसमें योगेन्द्र प्राणायाम, नाड़ीशोधन प्राणायाम, भ्रमिका प्राणायाम, उज्जयी प्राणायाम अधिक लाभदायक रहते हैं। ध्यान अपनी शक्ति के अनुसार कर सकते हैं। लंबी गहरी सांस लें व छोड़ें। ओम का उच्चारण भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
7.ध्यान, प्राणायाम, शवासन, योगनिद्रा के द्वारा सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत कर सकते हैं। इससे काम करने की शक्ति बढ़ सकती है, मन एकाग्र होता है, बुद्धि तीक्ष्ण होती है। इन क्रियाओं से शारीरिक व मानसिक रोगों से लडऩे की प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ जाती है।
8. ठंड के दिनों में, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग के रोगियों को रात में अधिक कष्ट होता है। उनके लिए भी डॉक्टर की सलाह व योग विशेषज्ञ की सलाह से लाभ होता है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रात:- शाम घूमना चाहिए। दिन में एक बार दिल खोलकर हंसना चाहिए। सोने के 2 घंटे पूर्व सुपाच्य भोजन करना चाहिए।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच थकना मना है. जिंदगी जितनी ज्यादा भागदौड़ भरी है, उससे कहीं ज्यादा स्ट्रेस से लबरेज है. आजकल किसी से भी पूछो कि आप कैसे हैं, कहां जा रहे हैं और क्या कर रहे हैं. इस सवाल का हर किसी की जुबान पर एक ही जवाब रहता है बहुत ज्यादा वयस्त हूं. किसी से बात करने की तो क्या लोगों के पास खाने-पीने तक का समय नहीं है.
नियमित रूप से एक्सरसाइज करना हेल्थ के लिए अच्छा होता है. यह आपके फिटनेस स्तर को भी बढ़ाता है लेकिन कुछ ऐसे एक्सरसाइज भी हैं जो आपके लिए सही नहीं है. उनमें से कुछ आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. आपको यह समझना चाहिए कि मांसपेशियों की थकान और बेचैनी आम बात है लेकिन अगर यह दर्द में बदल जाता है, तो आपको इसे करना बंद कर देना चाहिए.
सर्दी के मौसम में लोगों को होंठ फटने की परेशानी का सामना करना पड़ता है. सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती है, जिसके कारण त्वचा और होंठ दोनों में ही नमी कम हो जाती है. इस वजह से होंठ फटने लगते हैं. इसके साथ ही सर्दियों में स्वस्थ खान-पान न लेने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से भी आपके होंठ फटने शुरू हो जाते हैं.
सर्दियों में आने वाला संतरे के स्वाद ऐसा होता है कि इसे बड़े क्या बल्कि बच्चे भी खाने से हिचकते नहीं हैं। विटमिन सी, फाइबर जैसी कई खूबियों से भरा यह फल फिट रहने में मदद करने के साथ ही स्किन को भी खूबसूरत बनाए रखने में सहायता करता है। चलिए जानते हैं संतरे के इन फायदों के बारे में:
वायरल और जुकाम से बचाव
संतरे में विटमिन सी की भरमार होती है। एक स्टडी में यह साबित हो चुका है कि विटमिन सी शरीर में वाइट सेल्स के प्रॉडक्शन को बढ़ाता है, जो इम्युन सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करता है। इससे शरीर को वायरल व जुकाम के बैक्टीरिया से लडऩे और उन्हें दूर रखने में मदद मिलती है।
हड्डियां मजबूत बनाए
क्या आपको पता है कि संतरा कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स है? तो अगर आपको दूध पीना ज्यादा पसंद न हो तो सर्दियों में इस फल का सेवन जरूर करें और अपनी हड्डियों को मजबूती दें।
ब्लड प्रेशर
सर्दियों में ब्लड प्रेशर के बिगडऩे के ज्यादा चांस होते हैं। इस समस्या से निपटने में संतरा मदद कर सकता है। दरअसल, यह फल ऐंटी-ऑक्सिडेंट रिच होता है जो ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
दिल की सेहत का रखे ख्याल
संतरा शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। इस वजह से यह डायबीटीज और दिल के मरीजों के लिए काफी गुणकारी साबित होता है। क्योंकि ज्यादा कोलेस्ट्रॉल ब्लड प्रेशर को इफेक्ट करते हुए दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
किडनी स्टोन की समस्या रखे दूर
एक स्टडी के मुताबिक, रोज संतरा खाने पर किडनी स्टोन होने के चांस कम हो जाते हैं। साथ ही किडनी पर फैट जमा होने की आशंका भी कम होती है।
पेट रखे दुरुस्त
ठंड में खासतौर पर लोग पेट गड़बड़ होने की शिकायत करते हैं। इस समस्या को दूर रखने में भी संतरा मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा खाने को बेहतर तरीके से पचाने और पेट का साफ रखने में मदद करती है।
बेहतर नींद के लिए
संतरे में मौजूद ऐंटी ऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड्स कुछ विशेष न्यूरोट्रांसमिटर को रिलीज करने में मदद करते हैं, जिससे न सिर्फ याद्दाश्त तेज होती है बल्कि नींद न आने की समस्या भी दूर हो जाती है।
स्किन रहे हेल्दी
अगर आप स्किन ग्लो में आती कमी से परेशान हैं तो संतरा जरूर खाएं। इसमें मौजूद विटमिन सी और ऐंटीऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज सेल्स को रिपेयर करते हुए स्किन पर ग्लो लाती है साथ ही में पिंपल्स की समस्या को भी दूर रखने में मदद करती है। इससे रंगत में भी निखार आता है।