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इस हरी भाजी के रस का सेवन करें या सब्जी खाएं, दोनों ही सेहत और सौन्दर्य के लिए बेहतर हैं

इस हरी भाजी के रस का सेवन करें या सब्जी खाएं, दोनों ही सेहत और सौन्दर्य के लिए बेहतर हैं

ब हरी पत्तेदार सब्जियों की बात करें तो पालक का नाम सबसे पहले आता है। इसका पौधा लगभग एक से डेढ़ फुट ऊंचा होता है। पालक की सब्जी जितनी आसानी से बन जाती है, इसके सेवन से उतनी ही आसानी से आपको सेहत और सौन्दर्य दोनों लाभ मिल सकते है। आइए, जानते हैं पालक के पत्तों का किसी भी रूप में सेवन करने से होने वाले फायदे –

1. पालक में कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, लोहा, खनिज लवण, प्रोटीन, श्वेतसार, विटामिन 'ए' और 'सी' भरपूर मात्रा में होते है। जिनकी आपके शरीर को फिट रहने के लिए जरूरत होती है।
2. पालक के पत्ते शरीर में कई प्रकार के विकारों को दूर करने में मदद करते है, जैसे कफ को बढऩे से रोकते है, श्वास संबंधी समस्या, पित्त, रक्त विकार और बुखार को आने से रोकते है।
3. पालक के पत्तों की सब्जी या भाजी के रूप में सेवन करने से सीने और फेफड़े की जलन जैसे समस्या होने पर राहत मिलती है।
4. पालक शरीर में रक्त को शुद्ध करता है इसलिए यदि महिलाएं अपने चेहरे का सौंदर्य एवं चमक बढ़ाना चाहती हैं, तो उन्हें नियमित रूप से पालक के रस का सेवन करना चाहिए।

 
क्या आपके चेहरे में है दाग-धब्बे, तो चेहरे के दाग-धब्बे हटाने का यह है घरेलू और आसान तरीका

क्या आपके चेहरे में है दाग-धब्बे, तो चेहरे के दाग-धब्बे हटाने का यह है घरेलू और आसान तरीका

ले ही आपका रंग गोरा हो लेकिन चेहरे पर दाग-धब्बे आपका पूरा लुक बिगाड़ सकते हैं । खासतौर पर पिंपल्स और ऐक्ने के निशान के निशान लंबे वक्त तक नहीं जाते और आपका कॉन्फिडेंस लूज कर सकते हैं ।
त्वचा पर ऑइल इकठ्ठा होना या गंदगी पिंपल्स की सबसे बड़ी वजह है । इसके लिए स्किन की सफाई और हेल्दी डायट लेना जरूरी है । कई बार हॉर्मोनल चेंजज की वजह से भी यह समस्या हो जाती है । इन सब चीजों के लिए आपको डर्मेटॉलजिस्ट से मिल लेना चाहिए । वहीं अगर पिंपल्स के बाद चेहरे से निशान न जा रहे हों तो कुछ आसान तरीके अपना सकती हैं ।
नारियल तेल
नारियल तेल बालों के साथ स्किन के लिए भी काफी अच्छा होता है । इसमें ऐंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो कि स्किन की हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं । इसमें मौजूद ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स पुरानी स्किन सेल्स तेजी से रिप्लेस करते हैं, जिससे दाग-धब्बे कम हो जाते हैं ।
नारियल तेल अगर चेहरे पर लगाना है तो इसको असर दिखाने के लिए रातभर लगाकर छोड़ देना चाहिए । सुबह स्किन को धो लें । बेहतर रिजल्ट के लिए इसे हर रोज आजमाना चाहिए ।
आप चाहें तो नारियल तेल में नींबू की कुछ बूंदे भी मिला सकते हैं यह अच्छा ब्लीचिंग एजेंट होता है जो दाग-धब्बे कम करने में मदद करता है ।

 

यदि आप भी वर्कआउट करते है तो जान लीजिये, वर्कआउट करने से पहले गलती से भी न खाएं ये चीजें, जानें नुकसान

यदि आप भी वर्कआउट करते है तो जान लीजिये, वर्कआउट करने से पहले गलती से भी न खाएं ये चीजें, जानें नुकसान

खाली पेट एक्सर्साइज या वर्कआउट करना हेल्दी नहीं माना जाता। हालांकि इसे लेकर कई स्टडी आईं। किसी में कहा गया कि खाली पेट एक्सर्साइज हेल्दी है तो किसी में इसके नुकसान गिनाए गए। अब अगर खाकर एक्सर्साइज करना जरूरी माना जाता है, तो फिर यह जरूर पता होना चाहिए कि एक्सर्साइज या वर्कआउट से पहले क्या खाएं और क्या नहीं। कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें वर्कआउट से पहले बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। यहां ऐसी ही चीजों के बारे में बताया जा रहा है: 
ऐवकाडो 
ऐवकाडो सेहत के लिहाज से अच्छे माने जाते हैं। लेकिन वर्कआउट से पहले खाना थोड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल ऐवकाडो में फैट और फाइबर की अधिक मात्रा होती है। इस वजह से ऐवकाडो को पचने में काफी वक्त लगता है। इसे खाकर एक्सर्साइज करने से पेट में ऐंठन और दर्द हो सकता है।
नमक वाली चीजें 
एक्सर्साइज करने से पहले नमक वाली चीजें न खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनसे डिहाईड्रेशन हो सकता है, जो बाद में सिरदर्द और पेट में ऐंठन का कारण बन सकता है। अगर फिर भी नमक वाली कोई चीज खाई है साथ में पहले ही 2-3 गिलास पानी पी लें। 
रिफाइन्ड शुगर और स्वीट बेवेरज 
रिफाइन्ड शुगर और स्वीट बेवरेज भी वर्कआउट से पहले नहीं लेने चाहिए। इनकी वजह से शरीर में आलस आने लगता है और थकान महसूस होती है। ऐसी स्थिति में वर्कआउट या कुछ भी काम करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
स्पाइसी और तला-भुना 
वर्कआउट करने से पहले स्पाइसी और तला-भुना खाने से भी बचना चाहिए। इन चीजों की वजह से सीने में जलन के साथ-साथ दर्द भी हो सकता है, जो आपके वर्कआउट को और भी मुश्किल बना सकता है। इसके अलावा क्रीम या चीज़ वाले प्रॉडक्ट्स भी खाने से बचें क्योंकि ये पचने में काफी लंबा वक्त लेते हैं और आपके वर्कआउट प्लान को खराब कर सकते हैं। 
बीन्स और ब्रोकली 
बीन्स, ब्रोकली और दूध के उत्पाद का सेवन भी एक्सर्साइज करने से पहले नहीं करना चाहिए, नहीं तो पेट में गैस हो सकती है। भले ही ये चीजें हेल्दी हैं, लेकिन इन्हें बेली ब्लॉटिंग फूड्स की कैटिगरी में शामिल किया जाता है। इसीलिए वर्कआउट से पहले इन्हें न खाएं।
कई जानलेवा बीमारियों के खतरे को कम करता है ये फल, जान लें इस फल को खाने के खास फायदे

कई जानलेवा बीमारियों के खतरे को कम करता है ये फल, जान लें इस फल को खाने के खास फायदे

लों और सब्जियों से भरपूर डाइट आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिला सकती है. इन रोगों में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और मोटापा शामिल हैं. अन्य फलों और सब्जियों की तरह, अंगूर फाइबर और पानी का एक अच्छा स्रोत है. अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व व्यक्ति को विशेष रूप से स्वस्थ बनाते हैं. अंगूर आजकल हर मौसम में मिलते हैं, इसमें कई विटामिन भी पाए जाते हैं.
 
खून में शुगर की मात्रा को घटाता है
मुलायम और रसीले होने के कारण ये बच्चे और बड़े, दोनों के मन को खूब भाते हैं. अंगूर में हेरोस्टिलवेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो एंटीआक्सीडेंट होता है. ये खून में शुगर की मात्रा को घटाता है, इसलिए यह डायबिटीज और कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद है. हरे अंगूरों की तुलना में, काले अंगूरों में हेरोस्टिलवेन की मात्रा अधिक होती है, जिसे खाने से रक्त संचार बढ़ता है. स्वादिष्ट होने के साथ-साथ ये आपके शरीर को कई फायदे पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं अंगूर के कुछ खास फायदे.
*अक्सर आप जुकाम में, कई नुस्खे अपनाने के बाद भी निजात नहीं पाते हैं. अगर आप रोजाना 50 ग्राम अंगूर खाएंगे, तो जल्द ही जुकाम से छुटकारा पा सकते हैं.
*अंगूर खाने से ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है और इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है. ये हाई बीपी वाले लोगों में, सोडियम की मात्रा कम करने में मदद करता हैं.
*कैंसर रोगी, शुरुआत में तीन दिन थोड़े से अंगूर के रस का सेवन करें और फिर धीरे-धीरे एक ग्लास पानी की आदत डालें. ये आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है.
*अंगूर खाने से पेट साफ रहता है और पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है.
*चेचक के रोगी को अंगूर खिलाने से आराम मिलता है.
*हर्ट में दर्द हो तो अंगूर का रस पीने से काफी हद तक राहत मिलती है.
*अंगूर को नमक और काली-मिर्च के साथ खाने से कब्ज की परेशानी भी दूर हो जाती है.
*किडनी के दर्द में अंगूर के ताजा पत्ते पानी में पीसकर, थोड़ा नमक मिलाकर छान लें, रोगी को पिलाने से दर्द ठीक हो जाता है.
*अंगूर का सेवन कई तरह के एलर्जी को कम करने में मदद कर सकता है.
*अंगूर को किसी भी रूप में खाने से फायदा होता है लेकिन अंगूर को खाने से पहले उसे अच्छी तरह धो लें क्योंकि अंगूर की खेती के समय इन पर कई सारे कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है जो आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है
 बेवजह गुस्सा, चिड़चिड़पन हो सकते हैं इस बीमारी के संकेत, कही आप के साथ भी तो नहीं है ये समस्या ,पहचानिए लक्षण

बेवजह गुस्सा, चिड़चिड़पन हो सकते हैं इस बीमारी के संकेत, कही आप के साथ भी तो नहीं है ये समस्या ,पहचानिए लक्षण

गर आप भी अपने आप को थकान भरा और चिड़चिड़ा महसूस करती है और वो भी बिना कोई ऐसा काम किये तो हो सकता है कि आप कुछ ऐसी समस्या से गुजर रही है जिसकी ओर आपका ध्यान देना जरुरी है क्युकी ये एक तरह का सिंड्रोम है जिसे बर्न आउट कहा जाता है | जी हां जब आप लम्बे समय तक स्ट्रेस या तनाव की स्थिति में रहते है या ऐसी स्थिति से बाहर नहीं आ पाते है तो आप बर्न आउट के शिकार है |
आमतौर पर ये सुनने में डिप्रेशन की तरह ही लगता है लेकिन ये डिप्रेशन से अलग होता है क्योंकि डिप्रेशन की स्थिति में ग्रसित व्यक्ति हर समय आत्मविश्वास की कमी और बिना वजह ही हीन भावना से भरा महसूस करता है जबकि बर्न आउट में हर समय थकान और चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है |
इन लोगों को ज्यादा परेशान करती है ये बीमारी
एक शोध में ये बात सामने आई है की बर्न आउट की स्थिति में ज्यादातर वे लोग पाए जाते है जो घर पर या ऑफिस में लम्बे समय से तनाव में कार्य करते रहते है बहुत अधिक थकान, शरीर में सूजन और सायकॉलजिकल तनाव का बढऩा एक दूसरे से लिंक है. जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो हार्ट टिश्यूज को डैमेज करने के का काम करती है. इसी कारण अरिद्मिया की स्थिति बनने लगती है और दिल की धड़कने कभी कम और कभी ज्यादा होती रहती हैं.
बढ़ता है अन्य बीमारियों का खतरा
इस स्थिति में हार्ट बीट्स रेग्युलर तरीके से काम नहीं पाती हैं और ब्लड क्लॉट्स, हार्ट फेल्यॉर और दिल संबंधी दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि इस खतरे की दर को अभी मापा नहीं जा सका है.
पहचानिए ये लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बर्न आउट जैसी बीमारी प्रोफेशनल लोगों से जुड़ी हुई है. खासकर जो महिलाएं घर और ऑफिस दोनों का काम करती हैं उन्हें बर्न आउट होने के चांस ज्यादा रहते हैं. डब्लूएचओ के मुताबिक बर्न आउट के लक्षण निम्नलिखित है:
- शरीर का काफी थका हुआ महसूस करना
- कुछ घंटे काम करने के बाद शरीर में एनर्जी का स्तर गिरा हुआ महसूस करना
- काम करते वक्त दिमाग का आउट ऑफ फोकस होना
- दिमाग में हमेशा नेगेटिव विचारों का आना
अपने लिए सुबह सिर्फ 40 मिनट निकाले , हो जाएंगे फिट

अपने लिए सुबह सिर्फ 40 मिनट निकाले , हो जाएंगे फिट

सुबह काम का बोझ और शाम को ऑफिस में ओवर टाइम। ऐसे में जिम ज्वॉगइन करना एक आसान नहीं है। ऐसे में आपको चाहिए कि सुबह के वक्त थोडा सा समय निकाल लें तो आप दिनभर फिट और तरोताजा महसूस करेंगे। करना आपको इतना है कि अपने लिए सुबह सिर्फ 40 मिनट निकालना है। और इन 40 मिनट में आपको धीमी गति से लेकिन मिलेगी स्थाई फिटनेस। जानते हैं कैसे।
आधा घंटा पहले उठे
सुबह जल्दीह उठते हैं तो बेहतर। अगर देरी से उठने की आदत है तो कम से कम इतना कर लें कि 30 या 40 मिनट पहले उठ जाए। इसके बाद यह 40 मिनट आप योगा को दें।

रोज करें योगा
यह पूरे 40 मिनट आप योगा को दें। योगा में आप अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति और दूसरे प्राणायाम शामिल करें। इन्हें 5- 5 मिनट का वक्त दें।

सूर्य नमस्कार
प्राणायाम करने के बाद करीब पांच मिनट का वक्तग सूर्य नमस्का र को दें। प्राणायाम जहां आपके अंदर की कोशिकाओं को मजबूत करेगा वहीं सूर्य नमस्कार बाहर की मांसपेशियों को लचीला बनाएगा।

पांच मिनट करें रिलेक्सन
प्राणायाम और कसरत करने के बाद पांच मिनट ध्याीन में लगाएं। इसके बाद अपना पसंदीदा संगीत सुने। सकारात्मचक सोचे और मुस्कुराए। यह दोनों तरह के अभ्याणस आपकी शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर करेगा, मन को शांत रखेगा और स्वीस्य्ानस बनाएगा। अगर आपके दिन की शुरुआत इसी तरह होगी तो आप दिनभर तंदरुस्त रहेंगे।

यू करें शाम की शुरुआत

1. रात 8 बजे से पहले खाना जरुर खा लें।
2. डिनर जितना हो सके लाइट रखें।
3. शाम 6 बजे के बाद पानी पीना कम कर दें, ताकि रात को बार-बार यूरीन आने पर आपकी नींद न डिस्टर्ब हो।
4. ज्यादा ऑयली फूड रात के वक्त खाने से परहेज करें।
5. रात बेड पर लेटे हुए मोबाइल फोन्स का इस्तेमाल न करें।
6. खाने के दो घंटे बाद 1 छोटा कप दूध जरुर पिएं, इससे कम समय में आप अपनी नींद पूरी कर लेंगे।

 

यदि आप भी करते है ईयरफोन का उपयोग तो हो जाइये सावधान, कानों के साथ दिमाग को भी बीमार कर रहा है ईयरफोन

यदि आप भी करते है ईयरफोन का उपयोग तो हो जाइये सावधान, कानों के साथ दिमाग को भी बीमार कर रहा है ईयरफोन

फर चाहे लंबा हो या छोटा आजकल हर किसी के कानों में ईयरफोन और हेडफोन जरूर मिलेगा. आज के वक्त में घंटों तक ईयरफोन का इस्तेमाल करना एक आदत सी बन गई है. अगर, आपको भी कोई ऐसी ही आदत लग गई है, तो सावधान हो जाइए.

काफी देर तक ईयरफोन का इस्तेमाल करने से न सिर्फ आपके कानों को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि ये आपके शरीर के बाकि हिस्सों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है.
कानों का होता है इंफेक्शन
मेट्रो, बस, गाड़ी में घंटों तक हेडफोन और ईयरफोन का इस्तेमाल करने से कान के इंफेक्शन का खतरा हो सकता है. कोई व्यक्ति 40 घंटे से अधिक देर तक ईयरफोन पर 90 डेसिबल की ध्वनि पर कोई चीज सुनता है, तो कान की सुनने वाली नसें डेड हो सकती है.
मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव
कई घंटों तक हेडफोन और ईयरफोन का इस्तेमाल करने से न सिर्फ कानों को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि इससे मस्तिष्क पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. ईयरफोन से निकलने वाली चुंबकीय तरंगे सीधे तौर पर मस्तिष्क की कोशिकाओं पर बुरा असर डालते हैं. ज्यादा देर तक ईयरफोन का इस्तेमाल करने से सिर दर्द, नींद की कमी, कानों में दर्द, गर्दन के किसी हिस्से में दर्द जैसी समस्या हो सकती है. 
कानों से कम सुनाई देना...
ईयरफोन का इस्तेमाल कर ने से कानों की सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है. सामान्य तौर पर कानों की सुनने की क्षमता 90 डेसिबल होती है जो लगातार सुनने से धीरे-धीरे 40 से 50 डेसिबल तक कम हो जाती है. कुछ मामलों में यह बहरेपन की वजह भी बन सकता है.
आज ही करें कानों का बचाव
- सफर या किसी भी वक्त बिना जरूरत के ईयरफोन का प्रयोग करने से बचें.
- लगातार कई घंटों तक ईयरफोन का इस्तेमाल करना जरूरी हो तो एक घंटे के बीच 5-10 मिनट का ब्रेक जरूर लें.
- कानों में किसी तरह का इस्तेमाल न करें. अच्छे क्वालिटी के ईयरफोन्स का इस्तेमाल ही करें.
 
आपके झड़ते बालों के लिए जिम्मेदार है आपका हेयरस्टाइल करने का तरीका

आपके झड़ते बालों के लिए जिम्मेदार है आपका हेयरस्टाइल करने का तरीका

महिलाएं अपनी खूबसूरती को लेकर काफी सजग रहती है और इसके लिए काफी मेहनत करती हैं। महिलाओं के सुंदर बाल उनकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं, इसलिए वह अपने बालों का खास खयाल रखती हैं। वहीं, यही भी देखा जाता है कि महिलाओं में बाल झडऩे की समस्या हो जाती है। लोगों का यह भी मानना होता है कि बाल झडऩा नैचरल होता है। फिर भी इससे निजात पाने के लिए वह काफी कोशिश करती हैं। यह भी देखा गया है कि आपकी हेयरस्टाइल भी आपके बाल झडऩे का कारण होती है।
1- बालों को कसकर बांधना

अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं में बाल झडऩे के पीछे सबसे बड़ा कारण होता है कि बालों की कसकर बांधना। इससे बाल टूटने लगते हैं। इस तरह से अगर बाल टूट रहे हैं तो आप इस पर नियंत्रण कर बालों का झडऩा या टूटना आसानी से रोक सकते हैं।
2- ऊपर से चोटी या पोनीटेल बनाना
महिलाएं कई बार बहुत ऊपर से चोटी बनाती हैं या पोनीटेल बनाती हैं। ऐसा करने से भी बाल टूटने लगते हैं। ऊपर से चोटी बनाने या पोनीटेल बनाने से भी बाल खींचते हैं। जिसके चलते आपके टूटने या झडऩे लगते हैं।
3- कैमिकल्स से होता है हेयर लॉस
हेयरस्टाइल बालों के झडऩे और टूटने के लिए जिम्मेदार साबित होती है। यह भी देखा गया है कि बालों में डाई, ब्लीच, स्ट्रेटनर्स या परमानेंट वेव सॉल्यूशन के इस्तेमाल से भी बाल झडऩा शुरू हो सकता है। इसमे पाए जाने वाले कैमिकल्स से हेयर लॉस परमानेंट होता रहता है।
4- बालों के लिए नुकसानदेह है हेयर ड्रायर
महिलाएं नहाने के बाद अक्सर अपने बालों को सुखाने के लिए हेयर ड्रायर की मदद लेती हैं। इसको बाल सुखाने और हेयरस्टाइल बनाने का एक आसान तरीका माना जाता है। वहीं, कई स्टडी में यह बात सामने आई है कि रोजाना इसका इस्तेमाल आपके बालों के लिए नुकसानदेह है। इससे बाल झडऩे लगते हैं।
 

जैन युवा मोर्चा के द्वारा आयोजित भक्तामर हीलिंग चिकित्सा शिविर सफलता पूर्वक संपन्न

जैन युवा मोर्चा के द्वारा आयोजित भक्तामर हीलिंग चिकित्सा शिविर सफलता पूर्वक संपन्न

आज के जीवन मे हर व्यक्ति को कही न कही तनाव, डिप्रेशन माइग्रेन, डायबिटीज, बी.पी., स्मरणशक्ति कम होना, व्यापार के नुकसान, आत्मविश्वास की कमजोरी, आपसी मनमुटाव की समस्या से ग्रषित है इन समस्या से निजात पाने के लिए जैन युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ के द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला "भक्तामर हीलिंग चिकित्सा" वृन्दावन हॉल रायपुर में सपन्न हुआ । जिसमें 48 स्त्रोत्र की महिमा से मानसिक एवं शारीरिक व्याधियों का निदान मंत्रों के उच्चारण आध्यात्मिक उपचार मुख्य वक्ता -डॉ अर्चना जैन (अंतराष्ट्रीय सोउल मोटिवेटर व भक्तामर हीलर) ने बीज मंत्र, रिद्धि मंत्रो के साथ प्रदान की ।  

श्रीं मति सुनीता लुनिया (ऑउरा प्रेक्ट्रिशनर) ने उपस्थित बंधुओ को नेगेटिव और पाजिटिव ऑरा का विस्तार से जानकारी दी । ततपश्चात अमेरिका से पधारे अजित जी ने हीलिंग चिकित्सा से अपनी खोई हुई आवाज को पुनः प्राप्त करने की गाथा सचित्र विवरण मंच से प्रदान की ।


भक्तामर हीलिंग चिकित्सा शिविर में रायपुर , दुर्ग , राजनांदगांव , धमतरी, कोंडागांव , महासमुंद दल्लीराजहरा से पधारे लोगों ने लाभ लिया । अध्यक्षीय उध्बोधन में लोकेश चन्द्रकान्त जैन ने जैन युवा मोर्चा के कार्य व उद्देश्य की जानकारी दी ।। कार्यक्रम का मंच संचालन अंकिता जैन के द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम के अंत में आभार कार्यक्रम प्रभारी महावीर कोचर , विपुल जैन ने दी । कार्यक्रम में जैन युवा मोर्चा के संरक्षक अतुल गोधा , राजेन्द्र पारख (महामंत्री )जितेंद्र गोलछा, सुरेश बाफना , अशोक साँखला , नीलेश ,गौतम बोथरा , दर्शन साँखला ,राहुल जैन , जितेंद्र सेठिया , विनोद साँखला उपस्थित हुए।
 

क्या आप ठंड में पानी कम पीते हैं ? तो जानिए पानी की कमी से होने वाली 5 बीमारियां

क्या आप ठंड में पानी कम पीते हैं ? तो जानिए पानी की कमी से होने वाली 5 बीमारियां

ठंड के मौसम में आम तौर पर प्यास कम लगती है, और यही कारण है कि कई लोग पानी कम ही पीते हैं। लेकिन ये गलती आप पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि पानी की कमी से हो सकती हैं ये 5 बीमारियां-

ऊर्जा की कमी 
शरीर के ऊतकों में पानी की कमी होने से आपको शरीर में स्फूर्ति महसूस नहीं होती और थकान भी जल्दी होती है।
कब्ज
पानी की कमी से होने वाली सबसे आम समस्या है कब्ज, जो कई लोगों को होती है। इसके बढऩे पर गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं।
पेट के अल्सर
पानी की कमी से अम्ल बनने की गति बढ़ जाती है और पेट में छाले हो जाते हैं। इस समस्या के बढऩे पर यह घातक साबित हो सकती है।
त्वचा संबंधी रोग
पानी की कमी से त्वचा नमी खोती जाती है, जिससे त्वचा संबंधी रोग होने लगते हैं। नमी की कमी से त्वचा में खारिश-खुजली होने लगती है।
यूरिन इंफेक्शन
पानी की कमी से शरीर के टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते, जिससे शरीर के अंदर और मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है, जो बढऩे पर कैंसर का रूप भी ले सकता है।
 
अगर आप भी जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं तो कहीं हो न जाए ये गंभीर बीमारी

अगर आप भी जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं तो कहीं हो न जाए ये गंभीर बीमारी

जब स्वादिष्ट खाना किसी के सामने हो तो उसे जल्दी जल्दी खत्म करना कौन नहीं पसंद करेगा. जब भोजन लजीज हो और साथ में गरमा-गरम हो तो उसे खाने में और भी ज्यादा स्वाद आता है. लेकिन कभी आपने ये ध्यान दिया है कि खाने को लेकर कभी-कभी हमे इतनी जल्दी रहती है कि हमें लगता है की उस खाने को कितनी जल्दी से खा के खत्म कर दें. इसी खाने को जल्दी-जल्दी खाने से हम ऐसी कई बिमारियों को दावत दे देते हैं जिनके बारे में हमें जानकारी ही नहीं रहती. आइए आपको बताते हैं कि जल्दी-जल्दी खाने से आपके शरीर पर इसका क्या इफ्फेक्ट पड़ता है.
मोटापा
लोगों के अनुसार ज्यादा खाना खाने से मोटापा होता है लेकिन सच्चाई ये है की जल्दी-जल्दी खाने के चक्कर में हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि हमे उस खाने को चबा के खाना चाहिए. आप जितना अधिक खाने को चबाते हैं उतना ही मोटापा कम होने का अनुमान रहता है. आप जब भी खाना खाने बैठें तो खाने को अच्छे से चबाएं. इससे यह शरीर में लगता है न कि शरीर के फैट को बढ़ाता है.
अधिक भोजन का सेवन
जब सामने बेहतरीन खाना रखा हो तो लोग ये भूल जाते हैं कि कितना खाना चाहिए और कितना नहीं खाना चाहिए. आपको बता दें की ओवरइटिंग कई तरह से आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है. ओवरइटिंग शरीर के वजन को बढ़ाता है. जब लोग तेजी से या जल्दी-जल्दी खाते हैं तो ये भूल जाते हैं उन्हें कितना कैलोरी चाहिए और कितना नहीं. हो सके तो ओवरइटिंग से बचे.
डायबिटीज
भारत में लगभग हर घर में एक डायबिटीज का मरीज मिल ही जाता है. हालांकि डायबिटीज होने के बहुत से कारण हो सकते हैं लेकिन इसके पीछे जल्दी-जल्दी भोजन करना भी एक प्रमुख कारण है. अगर आपको डायबिटीज हो और न भी हो तो भी जल्दी-जल्दी खाना कभी नहीं खाना चाहिए. आप हमेशा संतुलित आहार ही अपने खाने में शामिल करे और इसे आराम से चबाकर खाएं.

 

हाथ धोते समय हर कोई करता है ये 5 गलतियां, जिससे हो सकती है ये गंभीर परेशानी

हाथ धोते समय हर कोई करता है ये 5 गलतियां, जिससे हो सकती है ये गंभीर परेशानी

हाथ धोने की आदत बचपन से ही सिखाई जाती है. टॉयलेट जाने के बाद, खाने से पहले, खाने के बाद या कोई गंदी चीज छूने व उठाने के बाद हाथों को धोना जरूरी बताया जाता है. इसका कारण यह है कि हमारे हाथ कीटाणुओं और गंदे बैक्टीरिया के सबसे आम वाहक होते हैं. शरीर में ज्यादातर हानिकारक जर्म्स हाथों से ही पहुंचते हैं. इसलिए हाथ धोना ज्यादातर लोगों की आदत में शामिल हो जाता है. लेकिन क्या आप सही तरीके से हाथ धोते हैं? कहीं आपके हाथ धोने का तरीका गलत तो नहीं? अगर ऐसा है तो आपको हाथ धोने का पूरा फायदा ही नहीं मिलेगा यानी हाथ धोने के बाद भी जर्म्स आपके शरीर में पहुंच ही जाएंगे.
डॉक्टरों का मानना है कि ज्यादातर लोग हाथ धोते समय कुछ सामान्य गलतियां करते हैं, जिसके कारण उनका हाथ सही तरह से कभी भी साफ नहीं हो पाता है. मगर इसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं होती है. डॉक्टर्स ये बताते हैं कि अगर आप सही तरह से हाथ धोएं, तो हजारों तरह के रोगों और इंफेक्शन से आप खुद को बचा सकते हैं. आइए आपको बताते हैं हाथ धोने के दौरान की जाने वाली 5 सामान्य गलतियों के बारे में जिनकी तरफ आपका ध्यान शायद नहीं जाता है.
जल्दबाजी करना
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च बताती है कि ज्यादातर लोग हाथ धोते समय जल्दबाजी में रहते हैं जिसके कारण उनके हाथों के कीटाणु पूरी तरह से मरते नहीं हैं. सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार आपको अपने हाथों पर साबुन या हैंडवॉश लगाने के बाद कम से कम 20 सेंकड तक झाग से हाथों को रगडऩा चाहिए. तभी आपके हाथों के कीटाणु अच्छी तरह से साफ होंगे.
पूरा हाथ न धोना
बहुत सारे लोग यह गलती भी करते हैं कि वह सिर्फ हथेली के हिस्से में ही साबुन या हैंडवॉश लगाते हैं और हाथ धो लेते हैं. ऐसे में आपके हाथ के कई हिस्से छूट जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि जब आप हाथों को धोएं तो हथेली के साथ-साथ पीछे के हिस्से, उंगलियों में साबुन लगाते हुए कलाइयों तक लगाएं. इसके बाद पानी की धार में पूरे हाथ को रगड़ते हुए सफाई से हाथ धोएं ताकि आपका पूरा हाथ साफ हो जाए.
गंदे कपड़े में हाथ पोंछ लेना
गंदे कपड़े में हाथ पोंछ लेना सबसे सामान्य गलती है. ज्यादातर लोग हाथ तो बड़े शौक से धोते हैं, मगर इसके बाद हाथों का पानी पोंछने के लिए ऐसे कपड़े या टॉवेल का इस्तेमाल करते हैं, जो पहले से ही गंदा होता है या 7-8 दिन से ज्यादा समय से धोया नहीं गया होता है. ऐसे में हाथ धोने के बाद कपड़े में लगे हुए जर्म्स दोबारा आपके हाथों में लग जाते हैं और आपको हाथ धोने का कोई फायदा नहीं मिलता है. इसलिए जिस कपड़े में आप हाथों को धोने के बाद पोंछते हैं, उसे रोजाना या कम से कम 1 दिन छोड़कर जरूर धोएं और धूप में सुखाएं. इसके अलावा अपना पर्सनल हैंड टॉवल रखें. कई लोग एक ही कपड़े को हाथ सुखाने के लिए इस्तेमाल न करें.
हाथों को ठीक से न सुखाना
जर्म्स और बैक्टीरिया गीलापन या नमी पाकर तेजी से बढ़ते हैं. यही कारण है कि बरसात के दिनों में इनका अटैक बढ़ जाता है. इसलिए अगर आप हाथों को धोने के बाद इसे सही तरह से साफ नहीं करते हैं, तो आपके हाथों में रह गए कीटाणु तेजी से बढ़ते हैं और दोबारा आपके हाथ गंदे हो जाते हैं, जबकि आपको यही लगता है कि आपके हाथ साफ हैं. इसलिए आप जब भी हाथ धोएं, इसे पूरी तरह और सही तरीके से सुखाएं. हाथों को सुखाने के लिए आप कोई साफ कपड़ा, हैंड टॉवल, हैंड ड्रायर या टिशू पेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पब्लिक प्लेस पर की जाने वाली गलतियां
एक बड़ी गलती आप तब करते हैं जब आप पब्लिक प्लेस पर टॉयलेट या वॉशरूम का इस्तेमाल करते हैं. दरअसल पब्लिक प्लेस पर बने वॉशरूम को दिन में सैकड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं, इसलिए यहां जर्म्स और बैक्टीरिया सामान्य वॉशरूम के मुकाबले कई गुना ज्यादा होते हैं. इसलिए पब्लिक प्लेस पर हाथों को धोने के बाद जब आप सादे हाथों से कमरे के अंदर की कोई चीज छूते हैं, तो आपके हाथों में फिर ढेर सारे जर्म्स लग जाते हैं. जैसे- नल चलाने के लिए प्रेस करने वाली बटन, गेट खोलने का हैंडल, हैंड वॉश डिस्पेंसर या कोई अन्य जगह. इसलिए जरूरी है कि आप इस दौरान भी पूरी सावधानी रखें.
 

जैन युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ के द्वारा भक्तामर हीलिंग चिकित्सा शिविर 18 जनवरी को रायपुर में

जैन युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ के द्वारा भक्तामर हीलिंग चिकित्सा शिविर 18 जनवरी को रायपुर में

रायपुर, आप तनाव, डिप्रेशन माइग्रेन, डायबिटीज, बी.पी., स्मरणशक्ति कम होना, व्यापार के नुकसान, आत्मविश्वास की कमजोरी, आपसी मनमुटाव आदि आपके जीवन मे समस्या हो रही है तो आपकी चिंता को दूर करने के लिए जैन युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ के द्वारा आयोजित "भक्तामर हीलिंग चिकित्सा" में स्त्रोत्र की महिमा से मानसिक एवं शारीरिक व्याधियों का निदान मंत्रों के उच्चारण आध्यात्मिक उपचार एवं विशेष कार्यशाला का आयोजन

मुख्य वक्ता -डॉ अर्चना जैन (अंतराष्ट्रीय सोउल मोटिवेटर व भक्तामर हीलर) व

विशेष सहयोग श्रीं मति सुनीता लुनिया (ऑउरा प्रेक्ट्रिशनर) की उपस्थिति में 18 जनवरी 2020 शनिवार प्रातः 9:30 बजे से 12:30 बजे तक वृंदावन हॉल सिविल लाइन रायपुर में निःशुल्क सपन्न होने जा रहा है ।
उक्त जानकारी लोकेश चन्द्रकान्त जैन(अध्यक्ष) राजेंद्र पारख(महामंत्री )मयूर बैद (कोषाध्यक्ष) व कार्यक्रम प्रभारी महावीर कोचर , विपुल जैन ने प्रदान की।
 

इस फल को खाने और जूस पीने के है ये फायदे , जाने क्या है वो फल

इस फल को खाने और जूस पीने के है ये फायदे , जाने क्या है वो फल

नार एक ऐसा फल है जिसके नियमित सेवन से हमें अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। ऐसा माना जाता है कि अनार का जन्मस्थल अरब देश है। अनार खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचक और हमारे शरीर में रक्त वृद्धि करने वाला भी होता है। इस फल के दाने लाल मोती जैसे चमकते हैं।

यह फल खट्टा मीठा स्वाद लिए होता है। अनुपम गुणों वाला अनार स्वास्थ्यवर्धक फल है। जिसका नियमित सेवन करने से बीमारी पडऩे की संभावना कम हो जाती है और इसके चूर्ण से बीमारियां हमसे कोसों दूर भागती हैं।
इसके लगातार सेवन से हम बहुत सी बीमारियों को दूर कर सकते हैं। जैसे-
अतिसार - अनार के रस के साथ सौंफ, धनिया और जीरा इनको बराबर मात्रा में पीस कर इनका चूर्ण बनाकर सेवन करें। अथवा अनार के रस में पका हुआ केला मथकर इसका सेवन करें।
कब्ज - अनार के पत्तों को उबाल कर उसका काढ़ा पीने से कब्ज से पीछा छुड़ाया जा सकता है। अजवायन का चूर्ण फांक कर फिर अनार का रस पीएं। तो कब्ज से मुक्ति मिलेगी।
शरीर में खून की कमी - एनीमिया शीघ्र दूर करने के लिए अनार का रस और मूली का रस समान मात्रा में मिलाकर पीएं।
एसीडिटी (अम्ल पित्त)- अनार रस और मूली का रस समान मात्रा में लेकर उसमें अजवायन, सैंधा नमक चुटकी भर मिलाकर सेवन करने से अम्ल पित्त बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
यदि आपको देर रात की पार्टी से अपच हो गया है तो पके अनार का रस चम्मच, आधा चम्मच सेंका हुआ जीरा पीसकर तथा गुड़ मिलाकर दिन में तीन बार लें।
प्लीहा और यकृत की कमजोरी तथा पेटदर्द अनार खाने से ठीक हो जाते हैं। इसका शर्बत एसिडिटी को दूर करता है।
दस्त तथा पेचिश में : 15 ग्राम अनार के सूखे छिलके और दो लौंग लें। दोनों को एक गिलास पानी में उबालें। फिर पानी आधा रह जाए तो दिन में तीन बार लें। इससे दस्त तथा पेचिश में आराम होता है।
दमा/खांसी में : जवाखार आधा तौला, कालीमिर्च एक तौला, पीपल दो तौला, अनारदाना चार तौला, इन सबका चूर्ण बना लें। फिर आठ तौला गुड़ में मिलाकर चटनी बना लें। चार-चार रत्ती की गोलियां बना लें। गरम पानी से सुबह, दोपहर, शाम एक-एक गोली लें। इस प्रयोग से दु:साध्य खांसी मिट जाती है, दमा रोग में राहत मिलती है। बच्चों की खांसी अनार के छिलकों का चूर्ण आधा-आधा छोटा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम चटाने से मिट जाती है।
सर्दियों में अपने शिशु की इस तेल से करें मालिश, मिलेंगे भरपूर फायदे

सर्दियों में अपने शिशु की इस तेल से करें मालिश, मिलेंगे भरपूर फायदे

छोटे बच्चों की मांसपेशियों की मजबूती और सेहत के लिए मालिश बहुत जरूरी है। लेकिन यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि मालिश सही तरह से और सही दिशा में की जाए। और उससे भी ज्यादा जरूरी है कि मालिश के लिए सही तेल का चुनाव किया जाए। चूंकि बेबी की स्किन काफी सॉफ्ट होती है, इसलिए मालिश के लिए नारियल का तेल बेस्ट माना जाता है। 

सर्दियों में बच्चे को धूप में लिटाकर नारियल के तेल यानी कोकोनट ऑइल से मालिश करनी चाहिए। इसके ढेरों फायदे होते हैं। आइए जानते हैं कि वे फायदे क्या हैं:
1-नारियल के तेल में ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो हर तरह के इंफेक्शन को दूर रखती हैं। यह स्किन में आसानी से अब्जॉर्ब भी हो जाता है। 
2- डायपर के इस्तेमाल से कई बार बच्चों की स्किन पर रैशेज भी पड़ जाते हैं। इससे बचने के लिए स्किन पर नारियल का तेल लगाने के अलावा डायपर पर भी हल्का सा तेल लगा दें। इससे स्किन ड्राई नहीं होगी और हेल्दी रहेगी। 
3- नारियल के तेल में आयरन होता है और इसकी मालिश से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। इसके अलावा इसमें विटमिन सी, ई और के भी होता है जो बच्चे की सेहत के साथ-साथ स्किन को हेल्दी बनाए रखने में भी मदद करते हैं।
4- कई बार बच्चों के मुंह पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। इनमें कई बार दर्द और खुजली भी होने लगती है। ये दाने वक्त के साथ इंफेक्शन का रूप ले सकते हैं और पूरे शरीर में फैल सकते हैं। लेकिन नारियल के तेल की मालिश से इन दानों को सही किया जा सकता है। दरअसल कोकोनट ऑइल में लॉरिक ऐसिड होता है जो इन दानों को जन्म देने वाले कीटाणुओं को नष्ट करने में मदद करता है।
5- लोरिक एसिड पेट में ऐंठन की समस्या को भी दूर करता है। इसके लिए आप बेबी फूड में कोकोनट ऑइल की कुछ बूंदे मिक्स कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इसके लिए पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें। 
6- नारियल का तेल बच्चों की स्किन के लिए एक सनस्क्रीन का काम करता है। रोजाना इसकी मालिश से बच्चे सूरज की पराबैंगनी किरणों के दुष्प्रभावों से दूर रहेंगे।
ये 8 बेहतरीन योगासन और प्राणायाम आपको सर्द मौसम में रखेंगे तंदरुस्त

ये 8 बेहतरीन योगासन और प्राणायाम आपको सर्द मौसम में रखेंगे तंदरुस्त

सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं होना आम बात है। मौसम ठंडा होने के कारण सिरदर्द, कमर दर्द, जुकाम, बदन दर्द, जोड़ों में समस्या, सांस लेने में परेशानी और हार्ट संबंधी व मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं। लेकिन इन योग व्यायाम का साथ, आपके स्वास्थ्य पर बेहतर बनाए रखने में सहायक होगा-
1.शरीर संचालन हेतु पैर की उंगलियां, एड़ी, घुटना, जांघ, पेट, हाथों की उंगलियां, कलाई, कोहनी, कंधा, गर्दन व आंख प्रत्येक अंग का 5 से 10 बार संचालन सुबह-शाम दोनों समय करना फायदेमंद होगा।
2. सायको सोमेटिक, न्यूरोसोमेटिक, दमा में भी ये यौगिक क्रियाएं लाभदायक हैं। इसके साथ-साथ शशांक आसन, योगमुद्रा, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, स्ट्रेच मकरासन (क्रोकोडायल)-2 लाभदायक हैं।
3. कुछ शारीरिक व मानसिक रोग तनाव व चिंता से भी होते हैं। इन्हें दूर करने के लिए यौगिक क्रियाएं उत्तम हैं। प्राणायाम और मेडिटेशन करना मानसिक समस्याओं में बेहद फायदेमंद है।
4. स्वस्थ लोगों के लिए भी यौगिक क्रियाएं लाभदायक हैं। स्वस्थ लोग स्वस्थ रहें, इसलिए योग विशेषज्ञ की सलाह से ये आसन करें - ताड़ासन, त्रिकोणासन, कमर को खड़े होकर आगे-पीछे व दाएं-बाएं झुकाने की क्रियाएं 5 बार करें।
5. सीधा लेटकर अर्द्धहलासन, साइकलिंग, पवनमुक्तासन, सीधा नौकासन। बैठकर पश्चिमोत्तासन, शशांक आसन व योगमुद्रा करना चाहिए। उल्टा लेटकर भुजंगासन, सर्पासन, शलभासन, धनुरासन, नौकासन, रोलिंग नौकासन करना चाहिए।
6. प्राणायाम सभी के लिए लाभदायक है। इसमें योगेन्द्र प्राणायाम, नाड़ीशोधन प्राणायाम, भ्रमिका प्राणायाम, उज्जयी प्राणायाम अधिक लाभदायक रहते हैं। ध्यान अपनी शक्ति के अनुसार कर सकते हैं। लंबी गहरी सांस लें व छोड़ें। ओम का उच्चारण भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
7.ध्यान, प्राणायाम, शवासन, योगनिद्रा के द्वारा सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत कर सकते हैं। इससे काम करने की शक्ति बढ़ सकती है, मन एकाग्र होता है, बुद्धि तीक्ष्ण होती है। इन क्रियाओं से शारीरिक व मानसिक रोगों से लडऩे की प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ जाती है।
8. ठंड के दिनों में, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग के रोगियों को रात में अधिक कष्ट होता है। उनके लिए भी डॉक्टर की सलाह व योग विशेषज्ञ की सलाह से लाभ होता है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रात:- शाम घूमना चाहिए। दिन में एक बार दिल खोलकर हंसना चाहिए। सोने के 2 घंटे पूर्व सुपाच्य भोजन करना चाहिए।
 

रोजाना पिएं ये जादुई पानी, तेजी से घटेगा वजन, स्किन भी दिखेगी ग्लोइंग

रोजाना पिएं ये जादुई पानी, तेजी से घटेगा वजन, स्किन भी दिखेगी ग्लोइंग

जकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच थकना मना है. जिंदगी जितनी ज्यादा भागदौड़ भरी है, उससे कहीं ज्यादा स्ट्रेस से लबरेज है. आजकल किसी से भी पूछो कि आप कैसे हैं, कहां जा रहे हैं और क्या कर रहे हैं. इस सवाल का हर किसी की जुबान पर एक ही जवाब रहता है बहुत ज्यादा वयस्त हूं. किसी से बात करने की तो क्या लोगों के पास खाने-पीने तक का समय नहीं है.

काम का प्रेशर, खुद को आगे रखने की दौड़ इतनी हो गई है कि आज के समय में लोगों को स्वास्थ्य से समझौता करना पड़ता है. जिसका रिजल्ट ये होता है कि लोगों को दवाइयों, सप्लीमेंट का सहारा लेना पड़ता है. ज्यादा मात्रा में दवाई और अनहेल्दी फूड खाने से बेली फैट, स्किन प्रॉब्लम होना आम बात है. ऐसी लाइफस्टाइल में अगर कुछ नेचुरल, घरेलू उपाय को अपनाएं तो सेहत को बेहतर किया जा सकता है और स्किन को ग्लोइंग बनाया जा सकता है.
सुबह-सुबह पीना है लाभदायक
इन्हीं घरेलू उपायों में से एक है शहद और गर्म पानी. गर्म पानी और शहद दोनों में ही कई तरह के औषधीय गुण पाएं जाते हैं. अगर आप सुबह-सुबह खाली पेट शहद और गर्म पानी पीने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं.
वजन कम करने में मिलेगी मदद
आजकल लोग जितना व्यस्त हैं उतना ही फिटनेस फ्रीक भी हैं. सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ शहद पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है. ऐसा कहा जाता है कि सुबह खाली पेट गर्म पानी और शहद पीने से भूख कम लगती है, जिससे वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
पाचन क्रिया को रखता है दुरुस्त
शहद में एंटी बैक्टीरियल मौजूद होते हैं जो पेट में किसी भी तरह के संक्रमण को दूर करने में मदद करते. रोजाना सुबह एक गिलास गर्म पानी के साथ शहद पीने से पाचन संबंधित समस्याएं नहीं होती है.
खांसी को करता है ठीक
शहद एंटीबैक्टीरियल प्रापर्टी की तरह काम करता है. रोजाना शहद का सेवन करने वालों के शरीर में किसी तरह के हानिकारक बैक्टीरिया प्रवेश नहीं कर पाते हैं. रोजाना गर्म पानी के साथ शहद का सेवन करने से खांसी, बुखार जैसी समस्या नहीं होती है.
ग्लोइंग स्किन
गर्म पानी में शहद मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म में सुधार आता है और यह शरीर को पूरी तरह से डिटॉक्स भी करता है. जिससे स्किन पर मुंहासे, पिंपल जैसी समस्या नहीं होती है.
 
हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती हैं ये 6 एक्सरसाइज, पहले जान लें इनके फायदे और नुकसान

हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती हैं ये 6 एक्सरसाइज, पहले जान लें इनके फायदे और नुकसान

नियमित रूप से एक्सरसाइज करना हेल्थ के लिए अच्छा होता है. यह आपके फिटनेस स्तर को भी बढ़ाता है लेकिन कुछ ऐसे एक्सरसाइज भी हैं जो आपके लिए सही नहीं है. उनमें से कुछ आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. आपको यह समझना चाहिए कि मांसपेशियों की थकान और बेचैनी आम बात है लेकिन अगर यह दर्द में बदल जाता है, तो आपको इसे करना बंद कर देना चाहिए.

इसके अलावा किसी भी एक्सरसाइज को करने से पहले अपने ट्रेनर से उसके फायदे और नुकसान के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. आपको अपने शरीर का ख्याल रखते हुए एक्सरसाइज को चुनना चाहिए. वहीं कुछ एक्सरसाइज आपकी मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. आइए सबसे पहले जान लेते हैं ऐसे ही 6 एक्सरसाइज और उनसे पहुंचने वाले नुकसान के बारे में.
घुटनों के लिए खतरनाक मशीन पैर एक्सटेंशन
मशीन पैर एक्सटेंशन आमतौर पर लोग वजन कम करने के लिए करते हैं. हालांकि कई बार इससे आपको नुकसान भी पहुंच सकता है. ये आपके घुटनों को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप मशीन पैर एक्सटेंशन को करते हैं तो इसमें आप अपने घुटने एक गलत कोण में रखते हैं. इस कोण में जब आप वजन उठाते हैं तो ये बैलेंस नहीं कर पाता है और इससे घुटने के ज्वाइंट्स को नुकसान पहुंच सकता है. वहीं कभी कभी आपकी हड्डियां भी चटक सकती हैं. तो अच्छा यही होगा कि इसके बजाय आप नियमित स्क्वाट और डेडलिफ्ट करें.
पेट के लिए नुकसानदेह एब्स बनाने वाली मशीनें
आज के समय में हर युवा एब्स बनाने के लिए अपना बहुत सारा समय जिम में बिताते है. सिट-अप की तुलना में ये निश्चित रूप से अधिक आरामदायक है लेकिन यह आपके पेट की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसे करने से आपके पेट में दर्द भी हो सकता है. वहीं अगर आप ज्यादा मोटे हैं और आपने इसे नया-नया शुरू किया है, तो ये आपको और नुकसान पहुंचा सकता है. इसकी वजह से आपके आंतों में भी कुछ परेशानियां आ सकती हैं. इसलिए जब भी आप किसी ऐसे एक्सरसाइज के बारे में सोचें या करने जाएं तो पहले अपने ट्रेनर से इसके बारे में पूरी जांच कर लें.
हार्ट के लिए नुकसानदेह हो सकता है एलिप्टिकल वर्कआउट
यह सरल और प्रयोग करने में आसान है. ये आपके मांसेपशियों में दर्द और हर्ट रेट को बढ़ा सकता है. जिन लोगों को सांस से जुड़ी कोई भी परेशानी है या उन्हें धड़कन के अचानक बढऩे की शिकायत रहती हैं, तो इसे बिल्कुल न करें. ये एक्सरसाइज आपकी धड़कनों को अचानक से बढ़ा देगी और आपकी सांस फूलने लगेगी.
एबडक्टर मशीनों से मांसपेशियों में दर्द
ये बहुत प्रभावी नहीं हैं क्योंकि इसमें शरीर के कुछ खास हिस्से ही शामिल हो पाते हैं. इसके बजाय आप स्क्वाट करें. इस एबडक्टर वाली मशीनों को वो लोग बिल्कुल न इस्तेमाल करें जिन्हें नर्व्स या उनके खिंचाव से जुड़ी कोई भी परेशानी हो. इसके बजाय आप सिंपल योग करना शुरू करें और तब जाके समझे कि आपको अन्य किन-किन एक्सरसाइजों की जरूरत है.
कंधे को घायल कर सकता है ट्राइसेप्स डिप्स
ये आपके कंधे के रोटेटर कफ की मांसपेशियों को घायल कर सकता है. यह एक दर्दनाक स्थिति पैदा कर सकता है, जिसमें साधारण कार्य भी दर्द बन सकते हैं. इसके बजाय पुशडाउन और, ट्राइसेप्स पुश-अप्स के लिए जाएं. यह आपके ट्राइसेप्स को और अधिक टोनिंग देगा. अगर आप हड्डियों के किसी पूराने दर्द से पीडि़त हैं तो ये ट्राइसेप्स डिप्स इसे और बढ़ा सकता है. इसलिए आपको इसे करने से बचना चाहिए.
डम्बल से पैरों में दर्द
अगर आप वजन उठा रहे हैं तो आपको वास्तव में वजन उठाने की आवश्यकता है. आप इसे शुरू करें लेकिन धीरे-धीरे भारी वजन उठाने की ओर बढ़ें. यहां आपको अपनी गति चुननी होगी. आपको पसीना बहाने के लिए पर्याप्त चुनौतीपूर्ण होना चाहिए लेकिन इससे आपके पैरों में दर्द हो सकता है. इसके लिए अच्छा ये होगा कि डंबल को पहले आराम से करना शुरू करें और फिर इस गति को धीरे-धीरे बढ़ाएं.
 
सर्दियों में बार-बार करते हैं लिप बाम का इस्तेमाल, जानें होंठ फटने पर क्या करें और क्या न करें

सर्दियों में बार-बार करते हैं लिप बाम का इस्तेमाल, जानें होंठ फटने पर क्या करें और क्या न करें

र्दी के मौसम में लोगों को होंठ फटने की परेशानी का सामना करना पड़ता है. सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती है, जिसके कारण त्वचा और होंठ दोनों में ही नमी कम हो जाती है. इस वजह से होंठ फटने लगते हैं. इसके साथ ही सर्दियों में स्वस्थ खान-पान न लेने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से भी आपके होंठ फटने शुरू हो जाते हैं.

सर्दियों के मौसम में आपको अपनी त्वचा के साथ-साथ होंठ का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. क्या आप जानते हैं कि मार्केट में मौजूद कुछ लिप बाम में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. कई लिप बाम में कैंसर की बीमारी का खतरा बढ़ाने वाले तत्व भी मौजूद हो सकते हैं जिनसे आपको अपना बचाव करना बेहद ही जरूरी है. आइए आपको बताते हैं कि आप अपने होंठों का ख्याल कैसे रखें. इसके लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
ऐसे करें होंठों की देखभाल
पानी ज्यादा पिएं
आपके होंठ तब फटते हैं जब उनमें सूखापन आने लगता है. अगर आप उनमें सही तरह से नमी बनाकर रखेंगे तो आपके होंठ हमेशा स्वस्थ रहेंगे. इसके लिए आपको ज्यादा मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है. अक्सर सर्दियों में लोग पानी कम पीते हैं जिसकी वजह से उनका शरीर नमी खओने लगता है. अगर आप सही मात्रा में पानी पिएंगे तो इससे आपके शरीर में सही मात्रा में नमी रहेगी और आपके होंठ भी नहीं फटेंगे.
मछली खाएंमछली का सेवन करने से आपके शरीर में ओमेगा-3 फैट्टी एसिड की कमी पूरी होती है जो आपकी त्वचा को हाईड्रेट करता है. अगर आप मछली खाना पसंद नहीं करते तो आप खाने में मछली के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें
बढ़ते प्रदूषण को लेकर आजकल ज्यादातर लोग ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल कर रहे हैं जो हवा को बेहतर करता है. साथ ही हवा में नमी बनाने का भी काम करता है. आप अपने शरीर में नमी बनाने के लिए घर पर ह्यूमिडिफायर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जब आपके शरीर में नमी रहेगी तो इससे आपके होंठ भी स्वस्थ रहेंगे.
घरेलू चीजें अपनाएं
अगर आप अपने होंठों को रूखेपन से बचाना चाहते हैं तो इसके लिए आप घरेलू तरीकों को भी अपना सकते हैं. आप अपने होंठों के लिए घी, बादाम का तेल या फिर जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही आप अपने शरीर में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करें जिससे कि आपके शरीर में किसी भी तरह के पोषण की कमी न रहे.
ये चीजें न करें
बार-बार जीभ न लगाएं
कई लोगों की आदत होती है कि वो बार-बार अपनी जीभ होंठ पर लगाते रहते हैं लेकिन क्या आपको पता है आपका बार-बार जीभ लगाना ही आपके होंठ के लिए नुकसानदायक होता है और होंठ के फटने का कारण बनता है. आपको बता दें कि होठ पर जीभ से बार-बार गिला करने से कुछ देर बाद ही फिर से होंठ सूखने लगते हैं. इससे ये समस्या कम नहीं होती बल्कि और ज्यादा हो जाती है.
लिपस्टिक का कम करें इस्तेमाल
पार्टियों में या फिर ऑफिस टाइमिंग में अक्सर महिलाएं लिपस्टिक लगाकर रखती हैं जिसकी वजह से होंठ खराब होने लगते हैं. आप कोशिश करें कि ज्यादा देर तक लिपस्टिक का इस्तेमाल न करें.
 
इस सर्दी संतरे से करें दोस्ती, फिट रहने के साथ ही स्किन रहेगी हेल्दी

इस सर्दी संतरे से करें दोस्ती, फिट रहने के साथ ही स्किन रहेगी हेल्दी

सर्दियों में आने वाला संतरे के स्वाद ऐसा होता है कि इसे बड़े क्या बल्कि बच्चे भी खाने से हिचकते नहीं हैं। विटमिन सी, फाइबर जैसी कई खूबियों से भरा यह फल फिट रहने में मदद करने के साथ ही स्किन को भी खूबसूरत बनाए रखने में सहायता करता है। चलिए जानते हैं संतरे के इन फायदों के बारे में:
वायरल और जुकाम से बचाव
संतरे में विटमिन सी की भरमार होती है। एक स्टडी में यह साबित हो चुका है कि विटमिन सी शरीर में वाइट सेल्स के प्रॉडक्शन को बढ़ाता है, जो इम्युन सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करता है। इससे शरीर को वायरल व जुकाम के बैक्टीरिया से लडऩे और उन्हें दूर रखने में मदद मिलती है।

हड्डियां मजबूत बनाए
क्या आपको पता है कि संतरा कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स है? तो अगर आपको दूध पीना ज्यादा पसंद न हो तो सर्दियों में इस फल का सेवन जरूर करें और अपनी हड्डियों को मजबूती दें।
ब्लड प्रेशर
सर्दियों में ब्लड प्रेशर के बिगडऩे के ज्यादा चांस होते हैं। इस समस्या से निपटने में संतरा मदद कर सकता है। दरअसल, यह फल ऐंटी-ऑक्सिडेंट रिच होता है जो ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
दिल की सेहत का रखे ख्याल
संतरा शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। इस वजह से यह डायबीटीज और दिल के मरीजों के लिए काफी गुणकारी साबित होता है। क्योंकि ज्यादा कोलेस्ट्रॉल ब्लड प्रेशर को इफेक्ट करते हुए दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
किडनी स्टोन की समस्या रखे दूर
एक स्टडी के मुताबिक, रोज संतरा खाने पर किडनी स्टोन होने के चांस कम हो जाते हैं। साथ ही किडनी पर फैट जमा होने की आशंका भी कम होती है।
पेट रखे दुरुस्त
ठंड में खासतौर पर लोग पेट गड़बड़ होने की शिकायत करते हैं। इस समस्या को दूर रखने में भी संतरा मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा खाने को बेहतर तरीके से पचाने और पेट का साफ रखने में मदद करती है।
बेहतर नींद के लिए
संतरे में मौजूद ऐंटी ऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड्स कुछ विशेष न्यूरोट्रांसमिटर को रिलीज करने में मदद करते हैं, जिससे न सिर्फ याद्दाश्त तेज होती है बल्कि नींद न आने की समस्या भी दूर हो जाती है।
स्किन रहे हेल्दी
अगर आप स्किन ग्लो में आती कमी से परेशान हैं तो संतरा जरूर खाएं। इसमें मौजूद विटमिन सी और ऐंटीऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज सेल्स को रिपेयर करते हुए स्किन पर ग्लो लाती है साथ ही में पिंपल्स की समस्या को भी दूर रखने में मदद करती है। इससे रंगत में भी निखार आता है।