ठंडे मौसम प्रतिरोधक क्षमता में कमी से आप आसानी से बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इन 5 प्रकार के पेय पदार्थों का सेवन आपको ठंड के मौसम में बीमारियों से भी बचाएगा, लिक्विड की कमी भी पूरा करेगा और वजन भी कंट्रोल करेगा जानिए -
1 गर्म पानी - सबसे आसान और सुलभ तरीका है गर्म पानी पीना, जो गर्म होने पर कीटाणु रहित भी होता है पाचन व इम्यून पावर को दुरुस्त करता है, जिसे आप बीमारियों से बच सकते हैं।
2 चाय - ग्रीन टी हो, ब्लैक टी या फिर अदरक और दालचीनी वाली गर्म चाय, आपको सर्द मौसम में बीमार पड़ने से जरूर बचा सकती हैं, इसलिए इनका सेवन करने से परहेज न करें।
3 सूप - सूप हमेशा से ही हेल्थ के लिए एक बेहतरीन विकल्प रहा है, इसलिए आप बेझिझक अपनी पसंद के गर्मागर्म सूप का सेवन करें, और सर्दियों में स्वस्थ रहें।
4 दालचीनी का पानी - दालचीनी को पानी के साथ उबालकर तैयार किए गए पानी का उपयोग मौसम की आपको बीमारियों से बचाता है, तो यह एक अच्छा विकल्प है।
5 तुलसी का काढ़ा - इस मौसम में तुलसी का काढ़ा आपको बीमार पड़ने से बचा सकता है। आप चाहें तो इसमें गुड़, अदरक या लौंग का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन मात्रा कम ही रखें।
सर्दी के दिनों में सिर्फ त्वचा ही नहीं, बाल भी रूखे और बेजान हो जाते हैं, और बालों को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। सर्द मौसम में बालों का झडऩा एक बड़ी समस्या होती है, जिससे निजात पाना जरूरी है। जानें बाल झडऩे के कारण और 5 कारगर उपाय-
सभी के घरों में पाई जाने वाली शकर के कुछ ऐसे जबरदस्त नुस्खे है, जो सभी को नहीं पता होते। अगर आप इन नुस्खों को जानकर इन्हें आजमाएंगे तो आपकी कई परेशानियां दूर हो सकती है, जिनमें घर से कॉकरोच का सफाया करना भी शामिल है। आइए, जानते हैं कैसे-
नारियल तेल को बालों में लगाने के तो कई फायदे आप जानते ही होंगे, लेकिन क्या आपको पता हैं कि इसे आप मॉइश्चराइजर, बॉडी क्रीम या बॉडी लोशन की जगह पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप अपनी त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए मेहंगे उत्पाद खरीदते हैं, तो अब से इनके विकल्प के रूप में आप नारियल तेल भी त्वचा पर नहाने के बाद लगा सकते है।
स्टाइल को लेकर आप विंटर में भी बोरियत फील नहीं करेंगी। बस आपको जरूरत है अपने वार्डरोब में कुछ कलर्स ऐड करने की। अगर आपने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो बिल्कुल देर ना करें। क्योंकि सर्दियों को बोरियत में कोई नहीं बिताना चाहता। तो अपने वार्डरोब के लिए सबसे सही आइडिया होगा कि इस सीजन में प्रिंटेड ब्लेजर खरीदे जाएं। ताकि आप इन्हें पैन्ट्स, ट्राउजर,डेनिम या लॉन्ग स्कर्ट्स के साथ कैरी कर सकें।
फूलगोभी आम तौर पर सबसे सुलभ उपलब्ध होने वाली सब्जी है, जिसका प्रयोग न केवल सब्जी बनाने बल्कि अलग-अलग स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए भी किया जाता है। यह सब्जी भले ही बेहद आम हो, लेकिन इससे मिलने वाले फायदे बहुत खास और अनमोल हैं। जानिए फूलगोभी के यह फायदे -
1 फूलगोभी में कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और लौह तत्व के अलावा विटामिन ए, बी, सी, आयोडीन, और पोटैशियम तथा थोड़ी सी मात्रा में तांबा भी मौजूद होता है। गोभी आपको इतने सारे पोषक तत्व एक साथ प्रदान करती है।
2 खून साफ करने और चर्म रोगों से बचाने में गोभी बेहद फायदेमंद होती है। इसके लिए आप चाहें तो कच्ची गोभी या फिर इसका जूस बनाकर सेवन कर सकते हैं। यह दोनों ही तरीके कारगर होंगे।
3 जोड़ों का दर्द, गठिया और हड्डियों में दर्द की समस्या होने पर गोभी और गाजर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से काफी लाभ होता है। लगातार तीन महीने इसका सेवन बेहद लाभप्रद है।
4 कोलायटिस, पेट दर्द या पेट से संबंधित अन्य समस्याओं में गोभी कारगर है। चावल के पानी में इसके हरे भाग को पाकर इसका सेवन करने से पेट की समस्याओं से निजात मिलती है।
5 लिवर में मौजूद एंजाइम्स को सक्रिय करने में गोभी का सेवन मददगार होता है। इसके सेवन से लिवर सही तरीके से काम करता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर कर देता है।
6 गले की समस्याएं, जैसे गले में दर्द, सूजन आदि होने पर गोभी के पत्तों को पीसकर उसका रस निकालें और इसका सेवन करें। गोभी का रस गले की समस्याओं में लाभकारी साबित होगा।
7 मसूड़ों में दर्द, सूजन या मसूड़ों से खून आने की समस्या होने पर गोभी के पत्तों के रस से कुल्ला करना फायदेमंद होगा। यह पैराथायरॉइड ग्रंथि के सही कार्या
कार्यान्वयन में भी मददगार होती है।
8 गर्भावस्था के दौरान गोभी काफी फायदेमंद होती है। यह फोलेट, विटामिन ए और विटामिन बी से भी भरपूर होती है और कोशिकाओं के विकास के साथ ही इससे गर्भ में पल रहे भ्रूण को काफी लाभ होता है। गोभी विटामिन सी का भी उत्तम स्रोत है।
9 वजन कम करने में गोभी काफी फायदेमंद है। इसमें मौजूद विटामिन सी अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है। इसमें फोलेट की मौजूदगी भी मोटापे से निजात दिलाने में मददगार है। और इसमें स्टार्च भी नहीं होता।
10 यह एंटी ऑक्सीडेंट के साथ-साथ कैल्शियम मात्रा से भरपूर है, जो तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है। कैल्शियम हमारे दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है। और शरीर के सही क्रियान्वयन में मदद करता है।
अगर आप सोचते हैं कि घी खाने से मोटापा बढ़ेगा, तो आपको ये जानकर जरूर हैरानी होगी कि आयुर्वेद के अनुसार डाइट में घी शामिल करने से मोटापा और कब्ज जैसी कई अन्य समस्याओं से राहत पाया जा सकता है। आइए जानते हैं डाइट में घी शामिल करने के 5 फायदे-
1 मोटापा से दिलाता है राहत-
ऐसा भी माना जाता है कि घी का सेवन मोटापे से निजात दिलाने में मदद करता है। कहते है कि देसी घी में मौजूद सीएलए मेटाबॉल्जिम को सही रखता है, जिससे वजन कंट्रोल होने में मदद मिलती है। गाय के घी में कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता है जो शरीर में जमे, जिद्दी फैट को पिघलाकर मेटाबोलिज्म बढ़ाने में मदद करता है।
खाने में स्वाद और महक के लिए हींग का प्रयोग विशेष तौर पर किया जाता है और पेट के लिए भी इसे काफी फायदेमंद माना जाता है। वैसे सेहत के लिए हींग के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं। यकीन नहीं होता तो, जानिए यह 5 खास फायदे -
1) कब्ज की शिकायत होने पर हींग का प्रयोग लाभ देगा। रात को सोने से पहले हींग के चूर्ण को पानी में मिलाकर पिएं और सुबह देखें असर। सुबह पेट पूरी तरह से साफ हो जाएगा।
2) अगर भूख नहीं लगती या भूख लगना कम हो गया है, तो भोजन करने से पहले हींग को घी में भूनकर अदरक और मक्खन के साथ लेने से फायदा होगा और भूख खुलकर लगेगी।
3 त्वचा में कांच, कांटा या कोई नुकीली चीज चुभ जाए और निकालने में परेशानी आ रही हो, तो उस स्थान पर हींग का पानी या लेप लगाएं। चुभी हुई चीज अपने आप ही बाहर निकल आएगी।
4 अगर कान में दर्द हो रहा हो, तो तिल के तेल में हींग को गर्म करके, उस तेल की एक-दो बूंद कान में डालने से कान का दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।
चिकित्सा की वैदिक पद्धतियां एक्यूप्रेश और ऐक्यूपंक्चर कैंसर के कारण होनेवाले भीषण दर्द की तीव्रता को कम करती हैं। इतना ही नहीं दर्द को दूर कर कैंसर में ओपिओइड की जरूरत को भी कम कर सकती हैं। यह स्टडी हाल ही जामा ऑन्कॉलजी जर्नल में प्रकाशित हुई है।
सर्दियों के मौसम का एक सबसे बेहतरीन, मौसमी और लोकल फल है संतरा यानी ऑरेंजेज। मीठा और खट्टा के कॉम्बिनेशन वाला यह फल विटमिन सी से भरपूर होता है और अगर आप वजन घटाने की सोच रहे हैं तो संतरे को अपनी डायट में जरूर शामिल करें। यह वेट लॉस करने में आपकी काफी मदद कर सकता है। और सिर्फ संतरा ही नहीं बल्कि इसका छिलका भी काफी फायदेमंद है, कैसे यहां जानें...
सर्दियों का मौसम आते ही जहां पूरे शरीर में रूखापन आ जाता है, वहीं होंठों के ड्राई होने की समस्या आम हो जाती है। होंठों के ड्राईनेस के कारण ये बहुत ही बुरे नजर आते हैं। यदि आप भी होंठों के ड्राईनेस परेशान हैं तो कुछ टिप्स हम आपको बता रहे हैं और जिसके इस्तेमाल से आप पा सकते हैं सॉफ्ट लिप्स।
सर्दियों के दिनों में लगातार गिरते तापमान की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ठंडी हवाएं, सुबह और रात के समय कोहरा, दिन में हल्की धूप और कभी बारिश से ठंड बढऩे पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. हालांकि सुबह के समय ताजी हवा लेना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है लेकिन सर्दियों में ऐसा करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ठंड के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.
आप सर्दियों की सुबह ठंडी हवा में टहलने के लिए घर से बाहर निकलते हैं और ठंडी हवा का लुत्फ उठाते हैं और टहलते समय आप सांस लेने में परेशानी महसूस करते हैं. सर्दियों के मौसम में ऐसा होना सामान्य है. कुछ लोगों को सांस में तकलीफ या सीने में जकडऩ भी महसूस होने लगती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? आइए आपको बताते हैं इसके पीछे के कारणों के बारे में.
ठंडी और शुष्क हवाएं
वास्तव में ऐसा ठंडी और शुष्क हवाओं की वजह से होता है. इससे आपको सांस लेने में तकलीफ होती है और फेफड़ों में जलन होने लगती है. जब आप ठंडी हवा को सांस के द्वारा अपने फेफड़ों के अंदर लेते हैं, तो इससे श्वांसनली में सूजन आ जाती है, जिससे नली ब्लॉक हो जाती है. इससे आपको सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. साथ ही इससे सीने में जकडऩ और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या भी हो सकती है.
नाक करती है ठंडी हवा को गर्म
वातावरण की ठंडी हवा को जब आप सांसों के जरिए अंदर खींचते हैं, तो नाक के रास्ते से इस हवा का तापमान शरीर बढ़ा देता है, ताकि फेफड़ों को कोई तकलीफ न हो. इसके साथ ही हवा की शुष्कता को कम करने के लिए नाक इसमें जरूरी नमी भी पैदा करती है. लेकिन अगर आप सर्द मौसम में देर तक बाहर रहते हैं, तो नाक इतनी हवा को गर्म करने में सक्षम नहीं हो पाती. जिसके कारण आपके फेफड़ों में ठंडी हवा पहुंचने लगती है और आपको तकलीफ होती है. फेफड़े गर्म हवा के निश्चित स्तर को संभालने का काम करते हैं. जब हवा के तापमान में मामूली सा बदलाव होता है, तो इससे सांस लेने के रास्ते में जलन और दर्द महसूस होता है.नाक से खून आना
सर्दियों में कई लोगों की नाक से खून भी आता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंडी हवा की वजह से नाक से सांस लेने का रास्ता शुष्क हो जाता है. नमी की कमी के कारण कोशिकाएं फट जाती हैं और उनसे खून आने आने लगता है. ऐसे में आप अपने नाक के रास्ते की नमी को बनाए रखने के लिए मरहम का इस्तेमाल कर सकते हैं.
सर्दी की ठंडी हवा से बचने के उपाय
मुंह से सांस लेने की बजाए अपनी नाक से सांस लेने की कोशिश करें क्योंकि आपकी नाक हवा को आपके फेफड़ों तक पहुंचाने से पहले गर्म कर देती है, जिससे फेफड़ों को तकलीफ नहीं होती है.
सर्दियों में बाहर निकलने से पहले अपने मुंह और नाक को स्कार्फ की मदद से अच्छे से ढक लें. ऐसा करने से ठंडी हवा आपके नाक के संपर्क में आने से पहले ही थोड़ा गर्म हो जाएगी.
यदि आप ठंडे वातावरण या ठंडे तापमान के प्रति संवेदनशील हैं तो बाहर कसरत करने, घूमने या बाइक चलाने से बचें. ऐसे समय में आप जरूरी हो, तभी यात्रा करें और घर पर ही इनडोर एक्सरसाइज, योगासन कर सकते हैं. यदि आप अस्थमा या अन्य किसी सांस संबंधी बीमारी से पीडि़त हैं, तो आपको अधिक सावधान रहने की जरूरत है.
नारियल तेल को बालों में लगाने के तो कई फायदे आप जानते ही होंगे, लेकिन क्या आपको पता हैं कि इसे आप मॉइश्चराइजर, बॉडी क्रीम या बॉडी लोशन की जगह पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप अपनी त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए मेहंगे उत्पाद खरीदते हैं, तो अब से इनके विकल्प के रूप में आप नारियल तेल भी त्वचा पर नहाने के बाद लगा सकते है।
सर्द मौसम में नहाने के बाद नारियल तेल लगाना कही ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए, जानते हैं सर्द मौसम में नहाने के तुरंत बाद नारियल तेल लगाने के कई फायदे -
1 नहाने के बाद अगर आपको महंगे मॉइश्चराइजर, बॉडी क्रीम या बॉडी लोशन प्रयोग करने की आदत है, तो आपके लिए यह काम नारियल तेल भी कर सकता है, वह भी कम दामों पर। नारियल तेल आपकी त्वचा को चिकनाई प्रदान करेगा।
2 अगर आपको शरीर के किसी अंग में इंफेक्शन या खुजली की समस्या है, तो नारियल तेल के साथ कपूर मिलाकर अपने बाथरूम में जरूर रखें। हर दिन नहाने के बाद संबंधित स्थान पर इसे लगाना आपको त्वचा की समस्याओं से निजात दिलाएगा।
3 यदि आप अंर्तवस्त्रों के कारण होने वाले निशान, जलन, सूजन फिर खुजली से परेशान हैं, तब भी नारियल तेल और कपूर का यह मिश्रण आपके लिए बेहद फायदेमंद चीज है।
4 चेहरे की सफाई, खास तौर से मेकअप साफ करने के लिए नारियल का तेल किसी भी क्लिंजिंग मिल्क से ज्यादा बेहतर है। रुई के फाहे में थोड़ा नारियल तेल लेकर चेहरे की सफाई करें या फिर पहले चेहरे पर तेल लगा लें फिर रुई से साफ कर लें।
5 हेयर रिमूविंग के लिए नारियल का तेल एक बढ़िया विकल्प है। हेयर रिमूव करने से पहले नारियल तेल से मसाज करने पर आपकी त्वचा नर्म, मुलायम और चिकनी हो सकती है। लेकिन वैक्सिंकग पर यह प्रयोग कारगर नहीं होगा।
योग करने से न सिर्फ आप शारीरिक रूप से स्वस्थ बनेंगे बल्कि मानसिक रूप से आपका दिमाग भी फिट और हेल्दी बना रहेगा। नई स्टडी की मानें तो योग इंसानी दिमाग के कई हिस्सों में नसों के आपसी जुड़ाव को मजबूत बनाता है। यह उतना ही प्रभावी है, जितना ऐरोबिक्स का एक्सर्साइज। हठ योग पर किए गए पिछले 11 शोधों के अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है।
सिरदर्द बहुत की आम समस्या है। कब, कहां हमें यह परेशानी घेर ले कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन आमतौर पर हम जानते हैं कि आखिर हमारे सिर में दर्द क्यों हो रहा है? जैसे, अगर हम रात को ठीक से नहीं सो पाए, सुबह बहुत जल्दी उठ गए, कई घंटों से कुछ नहीं खाया...ये कुछ ऐसी बाते हैं, जिन्हें हम सब जानते हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी भी हैं, जिन पर हम लोग गौर नहीं करते हैं कि ये भी हमारे सिर में दर्द की वजह बन सकती हैं। आइए, एक नजर डालते हैं...
कई बार कॉफी पीना
ऑफिस में काम करते हुए या दोस्तों को साथ गप्पे मारते हुए, चाय और कॉफी पीना आम बात है। लेकिन इनमें मौजूद कैफीन उस वक्त हमारे लिए सिरदर्द का कारण बन जाता है, जब हम अधिक मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन कर लेते हैं।
कई घंटों से पानी ना पीना
अगर आपने लगातार कई घंटों से पानी नहीं पिया है या आप हर रोज शरीर की जरूरत के हिसाब से पानी नहीं पीते हैं तो शरीर में खुस्की हो जाती है। इस कारण भी सिरदर्द की समस्या होती है।
पेट में गैस
कभी-कभी सिर्फ चाय-कॉफी पीते रहने से भी पेट में गैस बन जाती है तो कभी कुछ भी ना खाने के कारण पेट में गैस बनती है। इतना ही नहीं कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो हमारी बॉडी में गैस बढ़ाने का काम करते हैं। इस गैस के कारण भी सिर में दर्द की समस्या होती है।
हॉर्मोनल चेंज
महिलाओं में पीएमएस यानी प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंप्टम्स और पुरुषों में आईएमएस यानी इरिटेबल मेन्स सिंड्रोम के चलते हर महीने हॉर्मोनल चेज होते हैं। यह बदलाव कई बार अलग-अलग कारणों से सिरदर्द की वजह बन जाता है।
बैठने का गलत तरीका
अगर हम ऑफिस या कॉलेज में लंबे समय से गलत पॉश्चर में बैठे रहते हैं तो हमारा डायजेशन इफेक्ट होता है और अपच के कारण सिरदर्द की समस्या हो जाती है। या नसों में तनाव के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो जाती है।
गैजेट्स का बहुत अधिक उपयोग
घंटों तक लगातार मोबाइल फोन, लैपटॉप या टीवी के साथ वक्त बिताने पर भी सिरदर्द की समस्या हो जाती है। इसलिए अगर आपके सिर में दर्द अक्सर हो जाता है तो सोचने की जरूरत है कि आप अपने साथ क्या गलत कर रहे हैं।
ठंड के मौसम में तिल के बने पकवान अधिकतर लोगों के घर में बनाए जाते है या बाजार से खरीद कर लाए जाते है, जैसे तिल की गजक व पट्टी आदि। दरअसल सर्दियों के मौसम में तिल को किसी भी रूप में खाने से सेहत को फायदा होता है, वहीं त्वचा पर भी इसका अच्छा प्रभाव होता है।
आइए, जानते हैं ठंड के मौसम में तिल का सेवन करने के बेहतरीन फायदे -
1. तिल में मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो शरीर से कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
2. तिल खाना दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है।
3. तिल में सेसमीन नाम का एन्टीऑक्सिडेंट पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
4. तिल में कुछ ऐसे तत्व और विटामिन पाए जाते हैं जो तनाव और डिप्रेशन को कम करने में मदद करते हैं।
5. तिल में कैल्शिेयम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम जैसे तत्व होते हैं, जो हृदय की मांसपेशियों को सक्रिय रूप से काम करने में मदद करते हैं।
6. तिल में डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास में सहायक होता है।
सेहत की समस्या हो या स्वास्थ्य की देखभाल, दोनों के लिए हल्दी का दूध फायदेमंद है। आम तौर पर सर्दी होने या शारीरिक पीड़ा होने पर घरेलू इलाज के रूप में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि हल्दी वाले दूध के एक नहीं अनेक फायदे हैं? नहीं जानते तो हम बता रहे हैं-
हल्दी अपने एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों के लिए जानी जाती है, और दूध, कैल्शियम का स्त्रोत होने के साथ ही शरीर और दिमाग के लिए अमृत के समान हैं। लेकिन जब दोनों के गुणों को मिला दिया जाए, तो यह मेल आपके लिए और भी बेहतर साबित होता है, जानते हैं कैसे -
जब चोट लग जाए –
यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी वाला दूध उसे जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है। क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता।
शारीरिक दर्द –
शरीर के दर्द में हल्दी वाला दूध आराम देता है। हाथ-पैर व शरीर के अन्य भागों में दर्द की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें।
त्वचा हो खूबसूरत –
दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है, और दूध के साथ हल्दी का सेवन, एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल होने के कारण त्वचा की समस्याओं जैसे - इंफेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। इससे आपकी त्वचा साफ और स्वस्थ और चमकदार दिखाई देती है।
सर्दी होने पर –
सर्दी, जुकाम या कफ होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। इससे सर्दी, जुकाम तो ठीक होता ही है, साथ ही गर्म दूध के सेवन से फेफड़ों में जमा हुआ कफ भी निकल जाता है। सर्दी के मौसम में इसका सेवन आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
हड्डियां बने मजबूत -
दूध में कैल्शिखयम होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हल्दी के गुणों के कारण रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे हड्डी संबंधित अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस में कमी आती है।
जब नींद न आए –
यदि आपको किसी भी कारण से नींद नहीं आ रही है, तो आपके लिए सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा है, हल्दी वाला दूध। बस रात को भोजन के बाद सोने के आधे घंटे पहले हल्दी वाला दूध पीएं, और देखिए कमाल।
पाचन तंत्र –
हल्दी वाले दूध का सेवन, आपकी आंतो को स्वस्थ रखकर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। पेट के अल्सर, डायरिया, अपच, कोलाइटिस एवं बवासीर जैसी समस्याओं में भी हल्दी वाला दूध फायदेमंद है।
जोड़ों के लिए असरकारी –
हल्दी वाले दूध का प्रतिदिन सेवन, गठिया- बाय, जकड़न को दूर करता है, साथ ही जोड़ों मांसपेशियों को लचीला बनाता है।
ब्लड शुगर –
खून में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाने पर हल्दी वाले दूध का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है।लेकिन अत्यधिक सेवन शुगर को अत्यधिक कम कर सकता है, इस बात का ध्यान रखें।
सांस की तकलीफ –
हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटी माइक्रो बैक्टीरियल गुण, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, फेफड़ों में जकड़न व कफ से राहत देने में सहायता करते हैं। गर्म दूध के सेवन से शरीर में गर्मी का संचार होता है जिससे सांस की तकलीफ में आराम मिलता है।
वायरल संक्रमण –
वायरल संक्रमण में हल्दी वाला दूध सबसे बेहतर उपाय है, यह आपको हर तरह के संक्रमण से बचाता है।
कभी-कभी आप अनजाने में या फिर जल्दबाजी में गर्मागर्म चीजों को खा लेते हैं, जिसका असर बाद में जीभ पर महसूस होता है। ऐसे में आप स्वाद से वंचित हो जाते हैं, और तकलीफ होती है सो अलग। लेकिन उपाय करना तो जरूरी है, इसलिए जानिए ये 4 उपाय –
1 जीभ जल जाने पर सबसे पहला और आसान उपाय है देसी घी, जिसे जले हुए हिस्से पर लगाएं या फिर कोई ऐसी मीठी चीज बनाकर खाएं जिसमें खूब सारा घी हो, जैसे हलवा। ये दवा का काम करेगा।
2 दूसरा उपाय है शहद। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो जीभ की चोट को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं और दर्द को कम करते हैं। इससे आराम मिलेगा।
3 तीसरा उपाय है ठंडा दही। जी हां, गर्म चीज से जले हैं, तो दही की ठंडक मलहम का काम करेगी। ठंडे दही को कुछ देर मुंह में रखें, यह आराम देगा।
4 चौथा इलाज है पेपरमिंट। यह जीभ में ठंडक का एहसास तो देगा ही आपकी तकलीफ को भी कम करेगा। चाहें तो मिंट च्युइंगम से भी काम चला सकते हैं।
5 पांचवा इलाज भी सीधा सा है। इसके लिए फ्रीजर से बर्फ लेकर जले पर लगाएं, ताकि आपको दर्द और तकलीफ ये राहत मिल सके।
गुड़ खाना वैसे तो आपके स्वास्थ्य और पाचन के लिए लाभदायक होता है, लेकिन सर्दी के मौसम में गुड़ खाने के अपने ही फायदे हैं। सर्दी के दिनों में गुड़ आपके लिए हर तरह से फायदेमंद है। फिलहाल जानिए गुड़ के यह 5 बेशकीमती फायदे –
1 गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दी के दिनों में इसका सेवन आपको गर्माहट देने में बेहद कारगर होता है। सर्दी में गुड़ का प्रतिदिन सेवन आपको सर्दी, खांसी और जुकाम से भी बचाता है।
2 सर्दी के दिनों में आम तौर पर रक्तसंचार बहुत धीमा होता है। लेकिन गुड़ का नियमित सेवन करना रक्तसंचार को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही रक्तचाप की समस्याओं में भी फायदेमंद है।
3 इन दिनों में गले और फेफड़ों में संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है। इससे बचने में भी गुड़ का सेवन आपकी बहुत मदद कर सकता है। सर्दी और संक्रमण की दवाईयों में गुड़ का प्रयोग किया जाता है।
4 पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में भी गुड़ का सेवन बहुत लाभकारी है। खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ खाना आपके पाचन को और भी बेहतर बनाता है।
5 गुड़ मैग्नीशियम का एक बेहीतरीन स्रोत है। गुड़ खाने से मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को थकान से राहत मिलती है। और खून की कमी दूर करने में भी यह बेहद मददगार साबित होता है।