रायपुर । पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस के चुनाव समिति के फैसले को दरकिनार करते हुए बैकुंठपुर जिला प्रभारी बनने से इंकार कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार हाल ही घोषित नए जिले मनेंद्रगढ़ में खड़गंवा ब्लॉक को शामिल नहीं किए जाने से लोगों में गुस्सा है। यहां तक राजनीतिक दल के लोग भी इस कदम पर अपना विरोध दर्ज करा रहा हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि लोगों के विरोध से चुनाव में बनने-बिगड़ने वाले समीकरण को देखते हुए सिंहदेव ने बैकुंठपुर और शिवपुर चरचा नगर पालिका का चुनाव प्रभारी बनने से इंकार कर दिया है।
सिंहदेव के चुनाव प्रभारी बनने से इंकार करने के बाद अब कांग्रेस चुनाव समिति दुविधा में पड़ गई है। उनका विकल्प तलाशन एक बड़ी समस्या है। सिंहदेव जैसे वरिष्ठ मंत्री के इंकार के बाद किसी दूसरे मंत्री के लिए उस जिम्मेदारी को निभाना बहुत कठिन होगा।
ममता बनर्जी के बाद अब उनके करीबी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी गांधी परिवार पर हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने विपक्ष के नेतृत्व के सवाल पर कहा कि कांग्रेस पिछले 10 साल में अपने 90% चुनाव हारी है. ऐसे में विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं हो सकता.
The IDEA and SPACE that #Congress represents is vital for a strong opposition. But Congress’ leadership is not the DIVINE RIGHT of an individual especially, when the party has lost more than 90% elections in last 10 years.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 2, 2021
Let opposition leadership be decided Democratically.
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा, “एक मजबूत विपक्ष के लिए कांग्रेस जिस आईडिया और स्पेस का प्रतिनिधित्व करती है, वह महत्वपूर्ण है. लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं है, खासकर तब, जब पार्टी पिछले 10 सालों में 90% से अधिक चुनाव हार गई हो. विपक्षी नेतृत्व को लोकतांत्रिक तरीके से तय करने दें.”
प्रशांत किशोर से पहले ममता बनर्जी ने कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे. ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए ये कहा था कि अब कोई यूपीए नहीं बचा है. दरअसल, ममता बनर्जी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्च की तैयारियों में जुट गई हैं. वे अलग-अलग राज्यों में पार्टियों के नेताओं से मिलकर बीजेपी का विकल्प बनने की अपील कर रही हैं. हाल ही में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के साथ अपनी बहुप्रतीक्षित बैठक में, सभी विपक्षी दलों के लिए अगले चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की रणनीति पर चर्चा की.
रायपुर: पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के सुपुत्र राष्ट्रीय काँग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल कुमार शास्त्री राजधानी में हैं। श्री शास्त्री ने आज, 2 दिसंबर को देवेंद्र नगर चौक में विधायक कुलदीप जुनेजा के कार्यालय में कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान महापौर एजाज ढेबर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता संजय पाठक, विधायक सत्यनारायण शर्मा, गिरीश दुबे सहित कांग्रेस के दिग्गज नेता भी मौजूद थे। स्व. शास्त्री के सुपुत्र ने चौक में ही कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद केटीएस तुलसी की तरह चाय की चुस्की भी ली।
मुंबई दौरे पर रहीं टीएमसी चीफ ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, ममता पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रगान का अपमान किया। अब मुंबई बीजेपी नेता ने कहा है कि वह ममता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। इस मामले में बीजेपी नेता ने पुलिस में शिकायत कर दी है।
बीजेपी नेता का आरोप है कि ममता ने बैठकर ही राष्ट्रगान गाया और पूरा किए बिना 2-4 लाइनें गाकर रोक भी दिया। ममता बनर्जी बुधवार को मुंबई दौरे पर थीं।
इस बीच बीजेपी की पश्चिम बंगाल यूनिट ने भी राष्ट्रगान का अपमान करने को लेकर ममता पर निशाना साधा। बीजेपी बंगाल ने ट्वीट किया, 'ममता बनर्जी पहले बैठी रहीं, फिर उठीं और बीच में भी राष्ट्रगान गाना बंद कर दिया। एक मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बंगाल की संस्कृति, राष्ट्रगान और देश के साथ ही गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है।'
बता दें कि मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता का एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह राष्ट्रगान शुरू करने के कुछ सेकंड बाद कुर्सी से उठती हैं। इतना ही नहीं 'द्राविड़ उत्कल बंग' के बाद वह जय महाराष्ट्र, जय बिहार और जय भारत बोलकर राष्ट्रगान गाना बंद कर देती हैं। ममता बनर्जी के इसी वीडियो को अब बीजेपी नेता भी ट्वीट कर रहे हैं और उन पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा रहे हैं।
Isn’t this demeaning National Anthem ?
— Pratik Karpe (@CAPratikKarpe) December 1, 2021
What were the so called intellectuals present doing
When CM @MamataOfficial started National Anthem in a sitting position
Not only that Then she went ahead and abruptly stopped it in between #MamataBanerjee pic.twitter.com/icyU3kv5bn
रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कांग्रेस की महिला सांसद फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा सहित अन्य सभी राज्यसभा सांसदों का शीतकालीन सत्र से निलंबन बिना शर्त वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सांसदों के निलंबन समाप्ति के लिये माफी मांगने की शर्त अलोकतांत्रिक है। सांसद किस बात की माफी मांगें? लोकतंत्र के मंदिर में जनता के हित में आवाज उठाना कोई गुनाह नहीं है। माफी मांगने की शर्त पर सांसदों का निलंबन वापस लेने संबंधी बात लोकतंत्र की आवाज को दबाना है कांग्रेस जनता की आवाज उठाती रही है और उठाती रहेगी। लोकतंत्र का गला घोंटने, जनता की आवाज को दबाने की किसी भी कोशिश का कांग्रेस डटकर मुकाबला करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आसंदी से उम्मीद की जाती है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करते हुए विपक्ष को संरक्षण दे लेकिन राज्यसभा में जो हुआ, उसने जाहिर कर दिया कि सरकार के दबाव में विपक्ष को आवाज़ उठाने से रोका जा रहा है। लोकतंत्र की मूल भावना को खूंटी पर टांगकर सरकार के इशारे पर कंग्रेस सहित विपक्ष के सांसदों का निलंबन किया गया है और अब सरकार के अहंकार की तुष्टि के लिए हमारे सांसदों से माफी मांगने कहा जा रहा है। मोदी सरकार यह जान ले कि उसका अहंकार उसे ही ले डूबेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ से भाजपा के सभी सांसदों को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि उनमें छत्तीसगढ़ की मातृ शक्ति के प्रति जरा भी सम्मान है, छत्तीसगढ़िया होने का स्वाभिमान है और थोड़ी सी भी गैरत बाकी रह गई है तो छत्तीसगढ़ की दो बेटियों के साथ राज्यसभा में हुए अन्याय का प्रतिकार करने की हिम्मत दिखाएं औऱ मोदी सरकार के एजेंट जैसी भूमिका प्रदर्शित करने वाली व्यवस्था का विरोध करते हुए फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा के निलंबन की बिना शर्त वापसी की मांग का समर्थन करें। अन्यथा छत्तीसगढ़ महतारी की संतानें उन्हें सबक सिखाने तैयार हैं ।
रायपुर । भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू ने कहा है कि इस बार के स्थानीय निकाय के चुनावों में कांग्रेस को उसकी राजनीतिक हैसियत बताने के लिए मतदाता तैयार हैं और अब वे कांग्रेस के चुनावी वादों के झाँसे में नहीं आने वाले हैं। श्री साहू ने कहा कि पिछले विधानसभा और नगरीय निकाय चुनाव के समय किए गए वादों से मुकरने वाली कांग्रेस से प्रदेश के मतदाताओं का पूरी तरह मोहभंग हो चुका है और अब वे प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस को माक़ूल ज़वाब देने का निश्चय कर चुके हैं।
श्री साहू ने कहा कि पिछले नगरीय निकाय चुनावों में सम्पत्ति कर आधा करने का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन सम्पत्ति कर आधा करने वाले कांग्रेस के नेताओं के फ़र्ज़ी वादों का आगामी निकाय चुनावों में जनता पर कोई असर नहीं रहेगा। तीन साल में किसी भी नगरीय निकाय में कांग्रेस ने सम्पत्ति कर आधा करने का वादा पूरा नहीं किया है। श्री साहू ने कहा कि पिछले नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने एक वर्ष के भीतर होम स्टेड अधिनियम लाकर प्रत्येक ग्रामीण भूमिहीन पाँच सदस्यीय परिवार को घर एवं बाड़ी हेतु ज़मीन देने का वादा किया था, शहरी क्षेत्र में आवासहीन परिवारों को दो कमरों का मकान देने का वादा किया था, भूमिहीन कब्जाधारी परिवारों को पट्टा देने की बात कही थी, लेकिन इनमें से एक भी वादे पर कांग्रेस के सत्ताधारियों ने अब तक अमल नहीं किया। श्री साहू ने कहा कि नगरीय निकाय चुनावों में दूसरा प्रमुख मुद्दा जल-जीवन मिशन का है, जिसमें प्रदेश सरकार और कांग्रेस बुरी तरह विफल साबित हुई है। प्रदेशभर में 22सौ स्थान आज भी ऐसे हैं, जहाँ प्रदेश की कांग्रेस सरकार और कांग्रेस शासित नगरीय निकायों ने स्वच्छ जल देने का काम ही शुरू नहीं किया है। 33सौ करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार और कांग्रेस शासित नगरीय निकायों के ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि निकम्मे बनकर बैठे हुए हैं और इस योजना में उन्होंने कोई काम नहीं किया।
जहाँ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश दिखाई देती है, कांग्रेस के लोग उन्हीं कामों में रुचि लेते हैं। राजधानी में 07 करोड़ रुपए की लागत से लगाए गए फव्वारे महज़ 07 दिनों में ही ख़राब हो गए।इससे साफ़ हो जाता है कि सरकारी ख़ज़ाने की राशि का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करते हैं। श्री साहू ने कहा कि राजधानी रायपुर में सफाई का काम भी माशाअल्लाह ही है। जाँच करने पर पता चला था कि 03 हज़ार सफाई कर्मियों में से 01 हज़ार सफाई कर्मी तो काम पर उपस्थित ही नहीं होते, जबकि रजिस्टर में बाक़ायदा उनकी एण्ट्री है और फ़र्जीवाड़ा कर उनके नाम से पूरा भुगतान करना दर्शाया जा रहा है! सरकारी पैसों का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और वादाख़िलाफ़ी करना ही कांग्रेस के लोगों की कुलजमा राजनीतिक उपलब्धि है। प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनावों में अब कांग्रेस का फ़रेब नहीं चलेगा और इन चुनावों में भाजपा कार्यकर्ता त्रिपुरा के प्रदर्शन को दोहराने के लिए कटिबद्ध हैं।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी लगातार देश भर में दौरे कर रही हैं और गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों से मुलाकात कर एक अलग ही मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। इस बीच बुधवार को उन्होंने मुंबई में सिविल सोसायटी के सदस्यों से बात करते हुए भाजपा को 2024 के आम चुनाव में हराने का भी प्लान बताया। ममता बनर्जी ने कहा, 'यदि सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आते हैं तो फिर भाजपा को हराना आसान होगा।' इस तरह उन्होंने साफ संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उनका कुछ और क्षेत्रीय दलों को जोड़ने का प्लान होगा। ममता बनर्जी ने मंगलवार को ही एनसीपी के चीफ शरद पवार और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे से मुलाकात की थी।
ममता बनर्जी इससे पहले गोवा भी गई थीं, जहां उन्होंने पूर्व सीएम लुईजिन्हो फलेरियो समेत कांग्रेस को कई नेताओं को टीएमसी में शामिल कराया है। इसके अलावा हाल ही में दिल्ली दौरे में उन्होंने बिहार कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद और हरियाणा के नेता एवं राहुल गांधी के करीबी अशोक तंवर को भी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। जेडीयू से पवन वर्मा और भाजपा के पूर्व सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा भी अब टीएमसी का हिस्सा हैं। इस तरह तृणमूल कांग्रेस ने लगातार अपने अभियान को आगे बढ़ाया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ कमजोर बताते हुए लगातार हमला बोला है। यहां तक कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी भाजपा पर खुलकर हमला कर चुके हैं।
क्यों कांग्रेस और राहुल गांधी से दूरी बनाकर चल रही हैं ममता?
यही नहीं अपने हालिया दौरे में सोनिया गांधी से मुलाकात न करने को लेकर जब सवाल पूछा तो उन्होंने तंज किया कि क्या यह संविधान में लिखा है कि उनसे हर बार मिलना है। यही नहीं टीएमसी ने ममता बनर्जी को 2024 के चुनाव में विपक्ष के चेहरे के तौर पर पेश करने का फैसला लिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी खुद को पीएम फेस के तौर पर पेश करना चाहती हैं, इसीलिए वह राहुल गांधी और कांग्रेस को भाव देने के मूड में नहीं हैं। इसी रणनीति के तहत वह देश भर में उन राज्यों में घूम रही हैं, जहां कांग्रेस का संगठन कमजोर है या फिर वह भाजपा के मुकाबले खड़े होने की स्थिति में नहीं है।
If all regional parties come together, then it will be easy to defeat the Bharatiya Janata Party: West Bengal CM and Trinamool Congress leader Mamata Banerjee during interaction with civil society members in Mumbai pic.twitter.com/KCFomgkWoK
— ANI (@ANI) December 1, 2021
रायपुर | भाजपा की कोर ग्रुप तथा चुनाव समिति में जगह नहीं मिलने से वरिष्ठ नेता व अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय का दर्द छलक गया। बड़े मायूस होकर उन्होंने कहा- ` मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है, मुझे मालूम नहीं है।`
नन्द कुमार साय का नाम भाजपा के जानेमाने नेताओं में शुमार है। वे अविभाजित मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे। छत्तीसगढ़ गठन के बाद वे अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के अलावा नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा, और राज्यसभा के सदस्य भी रहे। इसके बावजूद पार्टी आलाकमान ने उन्हें कोर ग्रुप व चुनाव समिति में तवज्जो नहीं दिया।
नन्द कुमार साय की अगुआई में पिछले दिनों आरंग में 6 हजार लोगों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, और संगठन मंत्री शिवप्रकाश के लगातार संपर्क में रहे हैं। इसके बावजूद महत्वपूर्ण कमेटियों में से किसी में भी उन्हें जगह नहीं मिली। इस मामले में साय ने कहा कि वो छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत करने के लिए भरसक प्रयत्न कर रहे हैं। कई कार्यक्रम भी कराए हैं। हम अपने दायित्वों को निभाने में कभी पीछे नहीं रहे हैं, लेकिन ऐसा क्या हो गया कि उन्हें किसी भी कमेटी में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि शायद हमारे कार्यों में त्रुटि रही हो। वो प्रदेश में पार्टी की सरकार का हिस्सा न होने के बावजूद यहां पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। अब उन्हें कोर, और अन्य कमेटियों से दूर रखा गया है। ऐसा क्यों हुआ है, यह तो पार्टी के बड़े नेता ही बता सकते हैं।
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर त्रिवेंद्र सरकार का फैसला पलट दिया। धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान किया। दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के विरोध और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2019 में श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया था। तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बावजूद सरकार ने सदन से विधेयक पारित कर अधिनियम बनाया। चारधामों के तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारी आंदोलन पर उतर आए, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार अपने फैसले पर अडिग रही।
चारधाम समेत 51 मंदिर थे शामिल
सरकार का तर्क था कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम समेत 51 मंदिर बोर्ड के अधीन आने से यात्री सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास होगा। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने भी जनभावनाओं के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड निर्णय लेने की बात कही थी, लेकिन उनके कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड पर सरकार आगे नहीं बढ़ पाई। फिर नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की घोषणा की।
पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। इस समिति में चारधामों के तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया। अब समिति की अंतिम रिपोर्ट का परीक्षण कर मंत्रिमंडलीय उप समिति ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
कब क्या हुआ
27 नवंबर 2019 को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को मंजूरी।
5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पारित हुआ।
14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।
24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया।
24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन
21 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट ने राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करने फैसला सुनाया।
15 अगस्त 2021 को सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी को बनाने की घोषणा की।
30 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए।
25 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी
27 नवंबर 2021 को तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड भंग करने के विरोध में देहरादून में आक्रोश रैली निकाली।
28 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
29 अक्तूबर 2021 को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने रिपोर्ट का परीक्षण कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने सोमवार को छह महिला सांसदों के साथ अपनी एक सेल्फी साझा की और कहा कि ‘कौन कहता है कि लोकसभा काम करने के लिए आकर्षक जगह नहीं है.’ इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया और कुछ लोगों ने उन पर लिंग के आधार पर भेदभाव की भावना रखने का आरोप लगाया.
विवाद होने के बाद शशि थरूर ने कुछ लोगों को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी और कहा कि महिला सांसदों के कहने पर ही ये सेल्फी ली गई और ट्विटर पर पोस्ट की गई और ये सब अच्छे मिजाज के साथ किया गया. थरूर ने सुप्रिया सुले, परनीत कौर, थमीजाची थंगापंडियन, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां रूही और ज्योतिमणि के साथ सेल्फी साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कौन कहता है कि लोकसभा काम करने के लिए आकर्षक स्थान नहीं है? आज सुबह अपनी छह साथी सांसदों के साथ.’’
कई इंटरनेट यूजर ने उन पर लिंग के आधार पर भेदभाव और आपत्तिजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘आप इन्हें आकर्षण की वस्तु के तौर पर पेश करके संसद एवं राजनीतिक में इन महिला सांसदों के योगदान को कमतर कर रहे हैं. संसद में महिलाओं को वस्तु की तरह पेश करना बंद करिए.’’
वकील करुणा नंदी और कुछ अन्य लोगों ने भी शशि थरूर की आलोचना की. इसके बाद थरूर ने कहा, ‘‘यह सेल्फी महिला सांसदों की पहल थी जो अच्छे मिजाज में ली गई थी और इन महिला सांसदों ने इसी भावना के साथ इस तस्वीर को ट्वीट करने के लिए कहा था.’’
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और कुछ लोगों ने थरूर का बचाव भी किया. महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि इस बात से ज़रा भी आश्चर्यचकित नहीं हूं कि कुछ ट्रोल्स बेकार मुद्दे को लेकर शशि थरूर पर वार कर रहे हैं ताकि गैर आकर्षक सरकार से ध्यान हटाया जा सके कि वो किसान कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर बहस नहीं करा रहे हैं.
The whole selfie thing was done (at the women MPs' initiative) in great good humour & it was they who asked me to tweet it in the same spirit. I am sorry some people are offended but i was happy to be roped in to this show of workplace camaraderie. That's all this is. https://t.co/MfpcilPmSB
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 29, 2021
नई दिल्ली: राज्यसभा में बीते मानसून सत्र में हुए हंगामे में कड़ी कार्यवाही करते हुए 12 सदस्यों को इस शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया गया है। जिन बारह सदस्यों को राज्यसभा के इस सत्र से निलंबित कर दिया गया है उनमें एलामरम करीम (सीपीएम) , फूलो देवी नेताम (कांग्रेस) , छाया वर्मा (कांग्रेस) ,रिपुन बोरा (कांग्रेस) ,बिनय विश्वम (सीपीआई), राजामणि पटेल (कांग्रेस) ,डोला सेन (टीएमसी) ,शांता छेत्री (टीएमसी) , सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस) , प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना) , अनिल देसाई (शिवसेना), अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस) शामिल है।
राजगढ़: मध्य प्रदेश के राजगढ़ में दर्दनाक हादसे में दो युवकों की मौत हो गई है। एक कार 40 फीट गहरे कुएं में गिर गई, जिससे कार में सवार बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच के दो नेताओं की मौत हो गई। वहीं एक युवक घायल हो गया।
घटना राजगढ़ से खुजनेर रोड पर बरखेड़ा गांव की है। पुलिस के मुताबिक रविवार देर रात कार कुएं में गिर गई थी। कार में सवार 2 युवक भी कार के साथ गहरे पानी में समा गए थे, जबकि तीसरा युवक कार के कुएं में गिरने से पहले ही कार के बाहर आ गया था, जिसे बाद में इंदौर रेफर किया गया।
करीब चार घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सोमवार सुबह करीब 5 बजे क्रेन की मदद से कार को कुएं में से निकाला गया। 2 युवकों के शव कार में ही फंसे हुए थे, जिनकी पहचान बजरंग दल के विभाग सहसंयोजक लेखराज सिसोदिया और हिंदू जागरण मंच के जिला महामंत्री लखन नेजर के रूप में हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
राजगढ़ थाने के एएसआई सोमनाथ भारती के मुताबिक सड़क पर 2 गाय मृत पड़ी हुई हैं। शुरुआती जांच से पता चला है कि गायों को बचाने के चक्कर में तेज रफ्तार कार अनियंत्रित हो गई और कुएं में जा गिरी।
त्रिपुरा में आज यानी रविवार को नगर निकाय चुनावों के नतीजे घोषित किए गए, जिसमें बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है. 222 सीटों पर हुई वोटों की गिनती के बाद बीजेपी ने 217 सीटों पर जीत हासिल की है. बीजेपी ने 51 सदस्यीय अगरतला नगर निगम (एएमसी) की सभी सीटें जीतकर और कई अन्य शहरी नगर निकायों पर कब्जा करके नगर निकाय चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया. विपक्षी तृणमूल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एएमसी में खाता भी नहीं खोल पाईं.
329 वार्ड में बीजेपी की जीत, विपक्ष को मिली 5 सीटें
त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की जीत पर पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा, "त्रिपुरा में स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी को भव्य जीत हासिल हुई है. इस ऐतिहासिक जीत के लिए मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री विप्लव देव, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और बीजेपी कार्यकर्ताओं को दिल से बधाई देता हूं." उन्होंने कहा, "बीजेपी ने आज घोषित हुए 334 वार्ड के नतीजों में 329 वार्ड में जीत दर्ज की है, जिसमें बीजेपी ने 112 सीटें पहले ही निर्विरोध जीत ली थी. इस चुनाव में विपक्ष को मात्र 5 सीटें हासिल हुई हैं."
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि भगवा दल ने 15 सदस्यीय खोवाई नगर परिषद, 17 सदस्यीय बेलोनिया नगर परिषद, 15 सदस्यीय कुमारघाट नगर परिषद और नौ सदस्यीय सबरूम नगर पंचायत के सभी वार्ड में जीत हासिल की. उन्होंने बताया कि पार्टी ने 25 वार्ड वाले धर्मनगर नगर परिषद, 15 सदस्यीय तेलियामुरा नगर परिषद और 13 सदस्यीय अमरपुर नगर पंचायत में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया.
सोनामूरा-मेलाघर नगर पंचायत में बीजेपी की जीत
बीजेपी ने सोनामूरा नगर पंचायत और मेलाघर नगर पंचायत की सभी 13-13 सीटों पर जीत हासिल कर ली. उसने 11 सदस्यीय जिरानिया नगर पंचायत में भी विजय प्राप्त की. पार्टी ने अंबासा नगर परिषद की 12 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि तृणमूल और माकपा ने एक-एक सीट जीती और एक अन्य सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास गई. बीजेपी ने कैलाशहर नगर परिषद की 16 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि माकपा को एक सीट मिली. पानीसागर नगर पंचायत में बीजेपी 12 सीटों पर विजयी हुई, जबकि माकपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की.
चुनाव में बीजेपी-टीएमसी-माकपा थीं आमने-सामने
राज्य में एएमसी, 13 नगर परिषदों और छह नगर पंचायतों की सभी 334 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवार उतारे थे और उनमें से 112 पर निर्विरोध जीत हासिल की थी. बाकी 222 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था. चुनावी लड़ाई में सत्तारूढ़ बीजेपी, तृणमूल कांग्रेस और माकपा आमने-सामने थीं. तृणमूल कांग्रेस स्वयं को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने के लिए पूर्वोत्तर और अन्य स्थानों पर अपनी पैठ जमाना चाहती है, जबकि माकपा को कुछ वर्ष पहले बीजेपी ने राज्य में सत्ता से हटाया था.
मतदान में धांधली और डराने-धमकाने का आरोप लगाने वाली तृणमूल ने पूरे चुनाव को रद्द करने की मांग की थी, जबकि माकपा ने एएमसी सहित पांच नगर निकायों में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी. दोनों दलों ने दावा किया था कि बीजेपी समर्थकों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला किया और चुनाव में धांधली की, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी रही. हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
तृणमूल कार्यकर्ताओं को बताया भाड़े के लोग
चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव के परिणामों ने पूर्वोत्तर राज्य में पैठ जमाने के तृणमूल कांग्रेस के दावों के खोखलेपन को उजागर कर दिया है और राज्य के लोगों को बीजेपी पर भरोसा है. घोष ने मीडिया से बातचीत के दौरान त्रिपुरा में चुनाव प्रचार करने वाले तृणमूल कार्यकर्ताओं को भाड़े के लोग बताया और कहा कि बीजेपी और राज्य के लोगों के बीच मजबूत संबंध हैं
नगर निकाय चुनाव के नतीजे उम्मीद के मुताबिक
घोष ने कहा ने कि तृणमूल त्रिपुरा में अपना खाता तब तक नहीं खोल सकती, जब तक बीजेपी किसी सीट से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला करे. उन्होंने कहा, "नगर निकाय चुनाव के परिणाम उम्मीद के अनुसार आए हैं. तृणमूल के त्रिपुरा में खाता खुलने के कोई आसार नहीं हैं. उन्होंने केवल शोर मचाया. यह जनादेश दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल से आए भाड़े के लोग ऐसे राज्य में किसी पार्टी को अपना आधार बनाने में मदद नहीं कर सकते, जिसका बीजेपी पर भरोसा है."
भिलाई: भाजपा ने नगर निगम चुनाव में अपने दिग्गज नेताओं को कमान सौंप दिया है। इससे पहले घोषित चुनाव प्रभारियों के उपर नए प्रभारी बनाये जाने से चुनाव में भाजपा की दमदारी के साथ उतरने का साफ संकेत नजर आया है। भिलाई नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा ने राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय को कमान सौंपी है। इससे पहले भाजपा ने यहां के लिए भूपेंद्र सवन्नी को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है।
मुख्यमंत्री के निवास क्षेत्र भिलाई-चरोदा नगर निगम में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को फिर एक बार भाजपा की सत्ता बरकरार रखने के उद्देश्य से चुनाव प्रभारी बनाया गया है। चुनाव घोषित होने के साथ ही इस निगम के लिए भाजपा ने विधायक शिवरतन शर्मा और अशोक बजाज को प्रभार दिया था। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के प्रभाव वाले रिसाली नगर निगम में प्रभारी के रूप में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को भाजपा ने प्रभारी बनाकर पूरी दमखम के साथ चुनाव लडऩे का संकेत दे दिया है।
इस नवगठित नगर निगम के पहली बार हो रहे चुनाव के लिए भाजपा ने जगदलपुर के महापौर रह चुके किरण देव को पहले प्रभारी बनाया था। जामुल नगर पालिका के लिए भाजपा ने पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना को चुनाव प्रभारी घोषित किया है। इससे पहले यहां की जिम्मेदारी नीलू शर्मा को दी गई थी। चारों निकाय में भाजपा के पूर्व घोषित प्रभारियों के साथ नए प्रभारी नेतृत्वकर्ता के रूप में चुनाव संचालन करेंगे।
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार की गोद में बैठकर चिटफण्ड कंपनियों का काला धंधा खूब पुष्पित-पल्लवित हुआ। हजारों शिकायतों के बावजूद भाजपा सरकार ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं किया। चिटफंड कंपनियां ऊपर से नीचे तक हिस्सा बाँटती रहीं और प्रदेश की जनता को लूटती रहीं। इस सुप्रबन्धित लूट का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 11 अरब रुपये चिटफंड कंपनियां डकार चुकी हैं। भाजपा के 15 साल के राज में छत्तीसगढ़ की जनता के साथ चिटफंड कंपनियों ने सुनियोजित तरीके से लूट खसोट किया। सरकार में बैठे हुये लोगों ने चिटफंड कंपनियों के लूट को प्रश्रय दिया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह वे स्वयं चिटफंड कंपनियों के दफ्तर का उद्घाटन करने जाते थे। पूर्व मुख्यमंत्री, वीणा सिंह, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह राजनांदगांव, कवर्धा में अनेक चिटफंड कंपनियों के प्रमोशन करने गए थे। भाजपा सरकार ने लगाये गए रोजगार मेले में चिटफंड कंपनियों के स्टॉल लगते थे, युवा उस पर भरोसा करके इन कंपनियों में नौकरी करने लगे तथा एजेंट भी बने। उन्होंने अपने रिश्तेदारों और परिचितों का पैसा इन कंपनियों में लगवाया, बाद में बेचारे युवा ठगी के शिकार हुये। कानूनी शिकंजो में अलग फंसे। पंद्रह साल के भाजपा राज में चिटफंड कंपनियों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने भोले-भाले छत्तीसगढ़ वासियों के अरबों रुपए बेधड़क गबन कर लिये। छत्तीसगढ़ वासियों के खून पसीने से कमाए गए 11 अरब रुपये डकार चुकी कंपनियों पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार लगातार सख्ती से कार्यवाही कर रही है और जनता के पैसे जनता को वापिस दिलवा रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पुलिस प्रशासन देश के कोने-कोने से चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों को दबोच रही है। छत्तीसगढ़ सरकार इन कंपनी डायरेक्टरों की संपत्तियों की कुर्की व नीलामी करके वसूली कर रही है। साथ ही फॉरेंसिक ऑडिट ने उनकी गुप्त संपत्ति और शेल कंपनियों में किये गए निवेश का भी पता लगा रही है। अब तक सात चिटफण्ड कंपनियों के डायरेक्टर पकड़े जा चुके हैं, साथ ही अन्य राज्यों की जेलों में बंद आरोपियों गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी कर कई राज्यों में छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम को भेजा गया है। लगभग 10 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ की जनता को वापस दिलवाये जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ वासियों के खून पसीने के पैसों को वापस उनके हाथों में पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रतिबद्ध हैं।
रायपुर। एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा है कि आज की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई है, प्रत्याशी चयन के लिए वार्ड स्तर पर समिति बनेगी। जनता से पूछकर हम अपना प्रत्याशी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि जीतने वालों को ही कांग्रेस टिकट देगी। इसके साथ ही पुनिया ने कहा कि मेनिफेस्टो में 5 मुद्दों को शामिल करेंगे, कांग्रेस सरकार ने निकायों में खूब काम किया है, इसके कारण कांग्रेस की जीत तय है।
इसके पहले आज, गुरुवार को नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजीव भवन में कांग्रेस की बैठक रखी गई थी। बैठक में पीसीसी प्रभारी पीएल पुनिया समेत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम भी मौजूद थे। मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, मो.अकबर, अमरजीत भगत भी शामिल रहे। बैठक में 15 जिलों के कांग्रेस प्रभारी व पर्यवेक्षक भी शामिल हुए, जहां पार्षद प्रत्याशी को लेकर चर्चा की गई है।
कानपूर: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। सिक्योरिटी की पूरी जानकारी व्हाट्सप्प पर लीक हुई है। जिनमें उनकी उनके पूरे दिन के प्लान की पूरी जानकारी थी। इस मामले में अब पुलिस ने जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दो दिन के दौर पर कानपुर में हैं। इस शहर में उनका दूसरा दिन है।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि दस्तावेज जिसमें सुरक्षा के बारे में विस्तृत विवरण, बलों की तैनाती और कोविंद के शिरकत वाले स्थान जैसी जानकारियां थी, वरिष्ठ अधिकारियों को वितरित किया गया था, लेकिन यह कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों पर प्रसारित पाया गया, जिसके बाद कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने मामले की जांच के आदेश दियें हैं।
पुलिस आयुक्त अरूण ने बताया कि अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) राहुल मिठास को मामले की जांच करने और संबंधित ब्योरा जुटाने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी को दस्तावेज को सार्वजनिक करने के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और इस काम के पीछे के तथ्यों और मंशा का पता लगाने के लिए कहा गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया `कुछ व्हाट्सएप ग्रुप पर मिली जानकारी में राष्ट्रपति को दी गई सुरक्षा, उनके बेड़े (फ्लीट), सभी स्थानों पर बलों की तैनाती और यहां तक कि सभी पुलिस कर्मियों के नाम, पदनाम और संपर्क नंबर और उनकी भूमिका का विवरण था।` राष्ट्रपति कोविंद बुधवार को शौर्य चक्र विजेता पूर्व सांसद चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्मशती समारोह में दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे हैं।
इससे पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकेरी हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया। कोविंद बृहस्पतिवार को हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे।
मुंबई: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कपिल शर्मा शो मे विशिष्ठ अथिति के रूप में बुधवार को बुलाया गया था। लेकिन सड़क से मंच तक पहुंचने की दूरी वे पूरी नही कर पाई। उनकी गाड़ी को गॉर्ड ने अंदर जाने नहीं दिया। आखिरकार स्मृति ईरानी को वापस लौटना पड़ा।
बता दे कि मंत्री स्मृति ईरानी अपनी किताब ‘लाल सलाम’ के प्रमोशन के लिए आई थी। बताया गया कि स्मृति ईरानी और कपिल शर्मा को इस पूरे मामले को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। स्मृति ईरानी के ड्राइवर और द कपिल शर्मा शो के गेटकीपर के बीच गलतफहमी हो गई। जिसकी वजह से ये घटना घटी।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार की शाम पांच बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। इस दौरान वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र और राज्य के विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगी। इसके अलावा ममता बनर्जी आज राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से भी मुलाकात करेंगी। हालांकि अभी यह बात सामने नहीं आई है कि आखिर दीदी स्वामी से किस मुद्दे पर बात करेंगी।
ममता बनर्जी पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान त्रिपुरा में व्यापक हिंसा के मुद्दे पर भी बात कर सकती हैं। बता दें कि बीते दिनों त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को लेकर टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में पहले से ही मौजूद है। टीएमसी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस स्टेशन में घुसकर उनकी जमकर पिटाई की है।
बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांता मजूमदार ने कहा कि अगर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं तो स्वाभाविक है कि वह दिल्ली आएंगी और प्रधानमंत्री समेत हमारे मंत्रियों से मिलेंगी। हर मुख्यमंत्री राज्य के विकास के लिए केंद्रीय मंत्रियों से मिलने दिल्ली आता है।
गौरतलब है कि बंगाल चुनाव में बड़ी जीत के बाद सीएम ममता बनर्जी का ये दूसरा दिल्ली दौरा है। ममता बनर्जी यहां चार दिनों तक ठहरेंगी। पीएम मोदी और उद्योगपतियों के अलावा ममता बनर्जी दिल्ली में विभिन्न विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं।
रायपुर में मंगलवार की शाम भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त बवाल किया। CM का पुतला फूंकने के ऐलान के साथ सभी भाजयुमो कार्यकर्ता जय स्तंभ चौक पर पहुंचे। दूसरी तरफ मौदहापारा, आजाद चौक, गोलबाजार जैसे थानों के इंस्पेक्टर और सिटी SP तारकेश्वर पटेल भी अपनी टीम के साथ मुस्तैद थे। पुलिस यहां मुख्यमंत्री का पुतला जलने से रोकने आई थी। पुलिस को चकमा देते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता जयस्तंभ चौक की परिक्रमा करते हुए नारेबाजी करने लगे। पीछे - पीछे पुलिस के अफसर भी चलते रहे। इतने में मौका पाकर सड़क की दूसरी तरफ कार्यकर्ताओं की एक अन्य टीम ने छुपाकर रखा मुख्यमंत्री का पुतला निकाला और अचानक आग लगा दी। भागकर पुलिसकर्मी पुतला छीनने लपके, तब तक कार्यकर्ता मुख्यमंत्री का पुतला जला चुके थे। कुछ कॉन्स्टेबल अपने साथ पानी की बोतल लेकर दौड़े और पुतले पर डाल दिया यह देखकर कार्यकर्ताओं ने पुलिस के हाथ से पानी की बोतल छीनी और उसे हवा में उछाल दी।
आपको बता दे मंगलवार को सरकार की गोधन न्याय योजना पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में गोबर घोटाले का आरोप लगाया। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कह दिया कि उनके दिमाग में ही गोबर भरा हुआ है। इस पर अब भाजपा भड़की हुई है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इसे बदजुबानी बताते हुए मुख्यमंत्री को संयमित रहने की सलाह दी है।
भाजयुमो का एलान- पूरे प्रदेश में जहां जाएंगे दिखाएंगे काले झंडे
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को लेकर CM के गोबर वाले बयान की हम निंदा करते हैं। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पूरे राज्य में विरोध किया जाएगा। जहां भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम होंगे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे।
अब जहां जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कार्यक्रम होगा वहाँ वहाँ युवा मोर्चा काला झंडा दिखायेगा...
— Amit Sahu (@AmitSahuBjp) November 23, 2021
गोबर मुख्यमंत्री मुर्दाबाद
भूपेश बघेल शर्म करो..@PawanSaiBJP @PurandeswariBJP @vishnudsai @NitinNabin @Tejasvi_Surya @BJYM @BJYMCGState @BJP4CGState