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मंडी शुल्क को लेकर भाजपा ने की प्रेस वार्ता भूपेश सरकार पर लगाये ये आरोप

मंडी शुल्क को लेकर भाजपा ने की प्रेस वार्ता भूपेश सरकार पर लगाये ये आरोप

रायपुर, मंडी शुल्क में 150% बढ़ोतरी करके भूपेश सरकार ने किसानों पर भारी वज्र पात किया है। शुल्क बढ़ोतरी के आदेश से ऐसा लगता है मानो पहले धान में लगने वाले शुल्क 2 रु को बढ़ाकर 5रु कर कर दिया गया है जबकि सच्चाई यह है कि 2018 में भाजपा की रमन सरकार के समय जिस धान के समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल 31 रु शुल्क लगता था वहीं आज बढ़े हुए नए शुल्क के चलते अब धान समर्थन मूल्य पर अब 98 रु शुल्क लगेगा। जो कि 2018 की तुलना में तीन गुना से अधिक है। इसकी मार अन्तोगत्वा किसानों को ही पड़ती है।

मंडी शुल्क में बढ़ोतरी का दुष्परिणाम बढ़ोतरी के दूसरे ही दिन दिखने लगा जब मंडियों में 1450 से 1480रु तक बोली लगने वाले धान की बोली राजिम मंडी सहित तमाम मंडियों में 1000रु से शुरू किया जाकर 1250-1280 रु में रुक गई। मंडी शुल्क बढ़ने से मंडियों में धान के भाव अचानक 200रु नीचे आ गए हैं। इस बात से आक्रोशित होकर अनेक मंडियों में किसानों ने धान बेचने से मना कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि मई जून 2018 में जब भाजपा की रमन सरकार थी और धान का समर्थन मूल्य 1570 रु लागू था तब किसानों अपना धान 1550 रु में बेच लिया था। लेकिन आज जब धान का समर्थन मूल्य 1960रु है तब किसानों को भूपेश सरकार की मंडियों में धान 1200- से 1300 रु क्विंटल में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। औऱ यह सब कृषि कानून रद्द होने के ही दुष्परिणाम हैं।

चर्चा में हमेशा यह कह गुमराह किया जाता है कि मंडी शुल्क तो व्यापारी देता है , किसान नही देता, जबकि सच्चाई यह है कि मंडी शुल्क किसानों के ही जेब से जाता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है धान के दाम में अचानक 200रु की कमी आ जाना।

अब सवाल यह उठता है कि टेक्स 31 रु से बढ़कर 98 रु अर्थात 67 रु बढ़ा है तो धान के दाम 200 रु कम कैसे हो गए? क्या 133₹ अतिरिक्त को भूपेश टेक्स माना जाय? या इसे यूपी चुनाव के लिए जबरदस्ती का लिया गया योगदान माने? उत्तर प्रदेश में जाकर झूठी आत्म प्रशंसा करने वाले मुख्य मंत्री किसानों के जेब के पैसा से ही किसानों के बर्बादी का इबारत लिख रहे हैं। इस टेक्स वृद्धि से राज्य की सरकार केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपये और राज्य के किसानों से 1000 करोड़ वसूलने के जुगत बना लिया है।

आज ही व्यापारियों ने मंडी शुल्क वापस करने ज्ञापन दिया है। उनका तर्क है कि बढ़े टेक्स के चलते प्रतिस्पर्धा मं0 बने रहना मुश्किल है। प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए उन्होंने बोली 200₹ घटा दिया, मुख्यमंत्री जी का सम्मान भी कर दिया। किसान कहाँ जाएं? और इसी प्रकार के जंजाल के चलते राज्य में किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं। 550 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके, अपने खेत के पेड़ पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर रहे हैं।

दूसरी तरफ धान खरीदी में किसानों के पंजीयन भी घटाए जा रहे हैं, किसानों से बारदाना की मांग की जा रही है। किसानों के 40-50रु वाले बारदाना (कट्टा) के मात्र 25 रु देने का वादा किया गया है। हजारों या कहें लाखों किसान के पिछले साल का भुगतान अभी भी नही हुआ है।

नमी का बहाना बनाकर किसानों के धान लौटाए जा रहे हैं वह अलग है। खासकर ऐसी शिकायत बस्तर संभाग से ज्यादा है जहां भोले भाले आदिवासी किसानों के साथ यह अत्याचार किया जा रहा है।

हम मांग करते हैं कि यह सरकार शीघ्र बढ़े हुए मंडी शुल्क वापस ले और मंडियों की अव्यवस्था दूर करते हुए मंडियों में हो रहे किसानों के शोषण पर लगाम लगाए, साथ ही साथ पंजीयन में हुए गड़बड़ी को सुधारते हुए समितियों में धान खरीदी व्यवस्था दुरुस्त करे।
 

विष्णुदेव साय ने दी चेतावनी: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सल्तनत समझ ले, यदि भगवा ध्वज का अपमान होगा तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी

विष्णुदेव साय ने दी चेतावनी: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सल्तनत समझ ले, यदि भगवा ध्वज का अपमान होगा तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को सीधे चेतावनी देते हुए कवर्धा के बाद अब राजधानी रायपुर के टिकरापारा में भगवा ध्वज के अपमान, ध्वज उखाड़े जाने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सल्तनत और खुद को सुल्तान समझने वाले भूपेश बघेल समझ लें, यदि भगवान श्री राम के ननिहाल में भगवा ध्वज का अपमान हुआ तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में लगातार भगवा ध्वज के अपमान और पहले कवर्धा और अब राजधानी रायपुर के टिकरापारा में भगवा ध्वज के अपमान को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों है कि कांग्रेस के आते ही छत्तीसगढ़ में लगातार भगवा ध्वज का अपमान किया जा रहा है? शांति का टापू प्रभु राम के आदर्शों को मानने वाले प्रदेश में भगवा ध्वज का अपमान कांग्रेस के आते ही क्यों हो रहा हैं? उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राजधानी रायपुर में भगवा ध्वज का अपमान करने वाले सभी लोगों की शीघ्र गिरफ्तारी करने व कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की हैं साथ ही कवर्धा मामले की न्यायिक जांच कर कवर्धा का न्याय कर जनता के सामने दूध का दूध और पानी का पानी करने की मांग की हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने यह भी आरोप लगाया कि कवर्धा मामले में भेदभावपूर्ण रवैय्या ही राजधानी सहित अन्य स्थानों में भगवा ध्वज के अपमान को प्रोत्साहित कर रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं चिंता का विषय है और यदि प्रदेश सरकार का यही रवैय्या रहा तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी।
 

किसानों को मिले उनका हक, आंदोलन में जान गंवाने वालों को मिले मुआवजा: राहुल गाँधी

किसानों को मिले उनका हक, आंदोलन में जान गंवाने वालों को मिले मुआवजा: राहुल गाँधी

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र लगातार विपक्ष द्वारा बाधित किया जा रहा है। विपक्ष लगातार अपने निलंबित 12 सांसदों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। संसद में भी शोर-शराबा जारी है। यही वजह है कि किसी भी दिन संसद में शीतकालीन सत्र बिना रुके नहीं चल पा रहा है। सोमवार को भी सदन में नगालैंड के मुद्दे पर विपक्ष का शोर-शराबा देखने को मिला था। अब विपक्ष इस मांग पर अड़ा है कि इस पर सरकार को गलती माननी चाहिए। बता दें कि इस पूरी घटना पर सोमवार को सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया था। सदन में हो रहे शोर-शराबे को देखते हुए भाजपा की आज पार्लियामेंटरी मीट भी हुई है। इसका मकसद सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी सांसदों को मर्यादित बयानबाजी करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है। मंगलवार को भी संसद में शोर-शराबे के पूरे आसार है। कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने लोकसभा में नोटिस देकर अरुणाचल प्रदेश में सीमा के निकट चीन द्वारा गांव बसाने पर बहस करने की मांग की है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कसा भाजपा पर तंज कहा, उनके सांप्रदायिक एजेंडे को कवर्धा की जनता ने नकार दिया, रैली हुई फेल

सुशील आनंद शुक्ला ने कसा भाजपा पर तंज कहा, उनके सांप्रदायिक एजेंडे को कवर्धा की जनता ने नकार दिया, रैली हुई फेल

रायपुर। कवर्धा में विहिप भाजपा के द्वारा किये गये सभा भाजपा की डूबती राजनैतिक नैय्या को बचाने की कवायद है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कवर्धा की जनता ने भाजपा ने सांप्रदायिक एजेंडे को खारिज कर दिया। भाजपा और आरएसएस विहिप के द्वारा दावा किया गया था कि कवर्धा में एक लाख से अधिक लोग एकत्रित होंगे, पूरी ताकत लगाने के बाद दो से तीन हजार लोग ही इकट्ठा कर पाये। भाजपा, आरएसएस के द्वारा पूरी ताकत लगाने तथा रमन सिंह के भ्रष्टाचार के लाखों रूपये खर्च करने के बावजूद लोंगो ने भाजपा के धर्म से धर्म को लड़ाने के प्रयास एक बार फिर से विफल कर दिया।हिंदुओ ने कवर्धा में यह भी जता दिया कि विहिप उनकी ठेकेदार नही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा लगातार धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने की कुचेष्टा में लगी है। कभी धर्मांतरण के नाम पर कभी सांप्रदायिकता के नाम पर भाजपा नेता भ्रम फैलाने की कोशिशें करते है। जनता भाजपा के चरित्र को समझ चुकी है इसिलिये लोग भाजपा के बहकावे में नहीं आ रहे और हर बार भाजपा को सांप्रदायिक एजेंडे की हवा निकल जाती है।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का इतिहास साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ कर अपनी राजनीति को चमकाने का रहा है। कवर्धा में युवकों के दो छोटे समूह के आपसी झगड़े को भाजपा ने सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया। धार्मिक सद्भाव खराब करने का षडयंत्र भाजपा आरएसएस विहिप द्वारा रचा गया। कवर्धा के बाहर से भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं को बुलाकर रमन सिंह के पुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान सांसद संतोष पाण्डेय ने सारी राजनैतिक मर्यादाओं को ताक के रखकर महौल को खराब करने असमाजिक तत्वों का नेतृत्व कर रैली निकाल कर तनाव को बढ़ाया। किसी भी भाजपा नेता ने कवर्धा में शांति बनाने की अपील नहीं किया। छोटा बड़ा हर नेता चाहता था सांप्रदायिक तनाव बढ़े ताकि भाजपा उसका राजनैतिक फायदा उठा सके।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा खुद को धर्म का सबसे बड़ा ठेकेदार बताने में लगी हुई है जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा धर्म के नाम से सिर्फ चंदा चकारी करती है वोट बटोर ती है और सत्ता मिलने के बाद उन्हीं लोगों का तिरस्कार करती है उन्हीं लोगों को प्रताड़ित करती है जिन्होंने उनको चंदा दिया और वोट दिया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा सत्ता हाथ जाने के बाद तडफ रही है, उसके पास जनहित के मुद्दों पर बोलने को कुछ है नही तो वह धर्म की आड़ में छुप रही है।
 

टिकट नहीं मिलने से नेताओं का फूटा गुस्सा, मचाया बवाल...

टिकट नहीं मिलने से नेताओं का फूटा गुस्सा, मचाया बवाल...

दुर्ग। देश में सबसे अनुशासित पार्टी का दावा करने वाली बीजेपी के कार्यकर्ता कितने अनुशासित हैं इसका ताजा उदाहरण जिले के भिलाई में देखने को मिला जहां टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ और बड़े नेताओं के सामने कुर्सी तोड़ डाली।


भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब टिकट नहीं मिलने वाले नेताओं का रोष खुलकर सामने आ चुके हैं। भाजपा चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के समय असंतुष्ट नेताओ ने जमकर बवाल मचाया और विरोध दर्ज कराया। बात यहीं नहीं रुकी, कुछ कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नेताओं को अपशब्द कहे डालें और टिकट को बेचने बात की बात कह डाली।

दरअसल बीजेपी प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है, कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिनको पहली बार चुनावी टिकट दी गई है तो वही कई प्रत्याशियों के टिकट भी काट दिए गए है।कई वार्डों में पैराशूट प्रत्याशी भी उतारे गए हैं, जिसके विरोध में स्थानीय कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे दुर्ग जिला चुनाव प्रभारी राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे वैशाली नगर विधायक विद्या रतन भसीन के सामने कुर्सी को तोड़ा।

कैप्टन ने किया अपनी पार्टी कार्यालय का उद्घाटन, किया यह ऐलान...

कैप्टन ने किया अपनी पार्टी कार्यालय का उद्घाटन, किया यह ऐलान...

चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के कार्यालय का सोमवार को चंडीगढ़ में उद्घाटन किया । चंडीगढ़ के सेक्टर 9 डी में स्थित दफ्तर का उद्धाटन करने कैप्टन खुद पहुंचे। इस दौरान कैप्टन ने राज्य का अगला विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ने का एलान कर दिया है। अमरिंदर ने कहा कि उन्होंने इस बारे में अमित शाह से बात की है। हालांकि, सीटों पर समझौता होना बाकी है। पंजाब में अगले साल फरवरी के बाद चुनाव होने की संभावना है।


इस दौरान प्रेसवार्ता में कैप्टन ने कहा कि हमारा उद्देश्य पंजाब विधानसभा चुनाव जीतना है और हम जीतेंगे। इससे पहले उन्होंने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करने से पहले वाहेगुरु जी का आशीर्वाद लिया। कैप्टन ने ट्वीट किया कि पंजाब की समृद्धि और सुरक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना की, क्योंकि मैं अपने राज्य और इसके लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखने का संकल्प लेता हूं।


इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) और टकसाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा के संयुक्त अकाली दल के साथ गठबंधन का स्पष्ट संकेत दिया था। यह पहला अवसर है जब भाजपा की तरफ से कैप्टन और ढींढसा के साथ चुनावी गठबंधन करने पर खुलकर बयान दिया गया है। कैप्टन पहले ही कह चुके हैं कि वे भाजपा के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।


शनिवार को नई दिल्ली में अमित शाह ने एक बयान में कहा था कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह और पूर्व शिअद नेता सुखदेव सिंह ढींढसा के साथ बातचीत जारी है और उम्मीद है कि दोनों के साथ बात बन जाएगी। शाह ने विपक्ष के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि किसान आंदोलन का असर यूपी और पंजाब के चुनावों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब कोई मुद्दा ही नहीं बचा है।

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, इस महिला नेत्री ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जाने किन कारणों से दिया इस्तीफा

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, इस महिला नेत्री ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जाने किन कारणों से दिया इस्तीफा

भोपाल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी उन्होनें ट्वीट कर दी है। ट्वीटर पर उन्होने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी में रहकर अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं एवं अपने लोगों को राजनैतिक एवं सामाजिक न्याय दिलाने में असहज महसूस कर रही हूं, भेदभाव की शिकार हो रही हूं। अतः अपने सारे पदों से आज इस्तीफ़ा दे रही हूं। 

किसानों का धान रिजेक्ट कर कांग्रेस सरकार ने फिर साबित किया वो किसान विरोधी है: विष्णु देव साय

किसानों का धान रिजेक्ट कर कांग्रेस सरकार ने फिर साबित किया वो किसान विरोधी है: विष्णु देव साय

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि विभिन्न धान ख़रीदी केंद्रों से किसानों का धान रिजेक्ट करने की आ रही ख़बरें प्रदेश सरकार की किसानों के प्रति घोर संवेदनहीनता की परिचायक हैं, जबकि किसानों की फसल प्रदेश सरकार के हठीलेपन और षड्यंत्रकारी मानसिकता के कारण बेमौसम बारिश में खराब हुई है। श्री साय ने कहा, भाजपा ने प्रदेश सरकार को आगाह किया था कि प्रदेश सरकार ने 01 नवम्बर से धान ख़रीदी शुरू नहीं करके किसानों को आपदा का शिकार बनाया है और अब उसे हर हाल में किसानों का पूरा धान मापदंडों को शिथिल करके ख़रीदना चाहिए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तरप्रदेश के किसानों के नाम पर घटिया राजनीति तो खूब कर रहे हैं हैं, वहाँ जाकर सियासी लफ़्फ़ाजियाँ कर रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति उनमें रत्तीभर संवेदना नहीं है। कीट-प्रकोप, बीनारियों और बेमौसम बारिश की मार से धान के उत्पादन में गिरावट आई है। किसान जैसे-तैसे अपनी फसल बचाकर ख़रीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने पहुँच रहे हैं तो वहाँ धान में नमी और धान के लाल होने की बात करके धान को रिजेक्ट किया जा रहा है। श्री साय ने कहा कि संबंधित ज़वाबदेह अधिकारी भी किसानों की गुहार को अनसुना कर अपनी ज़वाबदेही से पल्ला झाड़ने में लगे हैं। श्री साय ने कहा कि किसानों की फसल के रिजेक्ट करके प्रदेश सरकार किसानों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। अगर किसानों का धान ख़रीदने में प्रदेश सरकार इसी तरह आनाकानी करेगी तो किसान अपना कर्ज़ कैसे चुका पाएंगे? आख़िर प्रदेश सरकार अपने प्रदेश के किसानों को और कितना ख़ून के आँसू रुलाएगी?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि बस्तर ज़िले के सबसे पुराने बिरिंगपाल धान संग्रहण केंद्र में धान के रखरखाव की समुचित व्यवस्था और समय पर उठाव नहीं होने के कारण यहाँ रखा लगभग 20 हज़ार क्विंटल धान बेमौसम बारिश में भीगकर सड़ गया है, जो प्रदेश के अन्नदाताओं के परिश्रम का खुला अपमान और राष्ट्रीय सम्पदा की भारी क्षति है। अब इसकी ज़वाबदेही लेने से भी प्रदेश सरकार और उसके संबंधित नौकरशाह अपना मुँह चुरा रहे हैं। श्री साय ने कहा कि आला अफ़सर धान की सुरक्षा का ज़िम्मा संग्रहण केंद्र प्रभारी पर डालकर अपनी जान छुड़ाने की फ़िराक़ में हैं जबकि धान ख़रीदी और संग्रहण केंद्रों में धान की सुरक्षा के समुचित प्रबंधों को लेकर शासन-प्रशासन कभी ध्यान नहीं दिया। श्री साय ने कहा कि मिलर्स द्वारा बारदाना नहीं दिए जाने पर किसानों को 50 फ़ीसदी बारदाने के साथ धान बेचने के लिए विवश करने की सामने आ रहीं ख़बरें भी प्रदेश सरकार के किसान-विरोधी चरित्र का परिचायक है। प्रदेश सरकार अपने तुग़लक़ी फ़रमानों से किसानों को प्रताड़ित करना बंद करे।
 

मंडी शुल्क पर भाजपा भ्रम फैला रही, मंडी शुल्क किसानों पर नही लगेगा -सुशील आनंद शुक्ला

मंडी शुल्क पर भाजपा भ्रम फैला रही, मंडी शुल्क किसानों पर नही लगेगा -सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के मंडी शुल्क में बढ़ोत्तरी सम्बन्धी निर्णय पर भ्रम फैला रहे हैं।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में किसान धान बेचने में मशगूल है उन्हें उनकी फसल की भरपूर कीमत मिल रहा है ।भूपेश सरकार खरीदी केंद्रों में चाक चौबंद व्यवस्था कर किसानों से धान खरीद रही है।भाजपा की केंद्र सरकार के द्वारा उसना चावल नही लेने और बारदाना नही देने की अड़ंगेबाजी के बावजूद धान खरीदी प्रगति पर है ।पिछले वर्ष की अपेक्षा शुरुआती पांच दिनों में खरीदी का रिकार्ड टूट गया है।
भाजपा विष्णुदेव साय झूठ बोलकर दुष्प्रचार कर रहे कि मंडी शुल्क किसानों से लिया जाएगा जबकि हकीकत यह है मंडी शुल्क व्यापारियों से लिया जाएगा और इस राशि का इस्तेमाल कृषक कल्याण और मंडी समितियों की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने में होगा। भाजपा मंडी शुल्क पर घड़ियाली आंसू बहा रही इसी भाजपा ने मंडियों को समाप्त करने काले कानून बनाया था आज भाजपाई मंडियों की उपयोगिता बता रहे ।भाजपा और पीएम मोदी की बदनीयत छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के किसानों के सामने बेपरदा हो चुकी है कि ये किसानों को गुलाम बनाने की मानसिकता रखते हैं, तभी तो तीन काले कानून लाये थे और अब जबकि किसानों तथा कांग्रेस के दबाव में उनकी मंशा पर पानी फिर गया तो किसानों के साथ बारदाने की कमी और उसना चावल न खरीदने जैसी साजिश रची। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप व्यवस्थित रूप से किसान की धान का दाना दाना खरीदना आरंभ कर दिया तो तरह तरह की अफवाहें फैलाने लगे।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अपनी उपज आम किसान से पहले बेचकर 2500 रुपये के दाम बटोरने के लिए आतुर भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार के खिलाफ झूठ के गुब्बारे फुलाकर उड़ाने की आपसी स्पर्धा कर रहे हैं। विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, जनता द्वारा पूरी तरह नकार दिये गए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित तमाम भाजपा नेताओं के बीच होड़ चल रही है कि कौन कितना बड़ा झूठ बोलने का कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। लेकिन जनता भाजपाइयों की हकीकत को जान चुकी है। अब इनके झूठ पर जनता ध्यान नहीं देने वाली। राजनीति के चूल्हे पर भाजपाई झूठ की हांडी तीन बार चढ़ने के बाद अब नीचे से जल चुकी है। अब उसमें झूठ का कितना भी मिर्च मसाला डालें, वह भस्म ही होना है। किसान देख रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार 2500 की दर से किसान का दाना दाना खरीद रही है। भाजपा की केंद्र सरकार के अड़ंगे के बाद भी वादा पूरा किया जा रहा है और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अंतर की राशि दी जाती है। किसान का बोनस खुद दबा देने वाले, मंडियों को कांजी हाउस जैसा बना देने वाले, किसान को कंगाल बनाने के लिए हर पल तत्पर रहने वाले भाजपाई अब किसानों की खुशहाली बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और उनके नाम पर घड़ियाल बन रहे हैं। कांग्रेस की सरकार किसानों की सरकार है। वह किसानों के कल्याण के लिए तत्पर है।
 

दुखद खबर: पूर्व मुख्यमंत्री का हुआ निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

दुखद खबर: पूर्व मुख्यमंत्री का हुआ निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल के रोसैया का 4 दिसंबर की सुबह निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शनिवार की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है।


88 वर्षीय के रोसैया कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और उन्होंने के. विजया भास्कर रेड्डी और वाई.एस. सहित कई मुख्यमंत्रियों के मंत्रिमंडल में काम किया था। 2009 में वाई एस रेड्डी की अचानक मौत के बाद वित्त मंत्रालय का पद संभाल रहे के रोसैया को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद उन्हें तमिलनाडु का राज्यपाल बनाया गया।

 

BREAKING NEWS: इस मशहूर पंजाबी गायक ने ज्वाइन किया कांग्रेस

BREAKING NEWS: इस मशहूर पंजाबी गायक ने ज्वाइन किया कांग्रेस

नई दिल्ली: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला का कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया।

चुनाव प्रभारी बनने से सिंहदेव ने किया इंकार, जाने क्या है वजह

चुनाव प्रभारी बनने से सिंहदेव ने किया इंकार, जाने क्या है वजह

रायपुर । पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस के चुनाव समिति के फैसले को दरकिनार करते हुए बैकुंठपुर जिला प्रभारी बनने से इंकार कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार हाल ही घोषित नए जिले मनेंद्रगढ़ में खड़गंवा ब्लॉक को शामिल नहीं किए जाने से लोगों में गुस्सा है। यहां तक राजनीतिक दल के लोग भी इस कदम पर अपना विरोध दर्ज करा रहा हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि लोगों के विरोध से चुनाव में बनने-बिगड़ने वाले समीकरण को देखते हुए सिंहदेव ने बैकुंठपुर और शिवपुर चरचा नगर पालिका का चुनाव प्रभारी बनने से इंकार कर दिया है।
सिंहदेव के चुनाव प्रभारी बनने से इंकार करने के बाद अब कांग्रेस चुनाव समिति दुविधा में पड़ गई है। उनका विकल्प तलाशन एक बड़ी समस्या है। सिंहदेव जैसे वरिष्ठ मंत्री के इंकार के बाद किसी दूसरे मंत्री के लिए उस जिम्मेदारी को निभाना बहुत कठिन होगा।
 

प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर निशाना, विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं, हारती है 90% चुनाव

प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर निशाना, विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं, हारती है 90% चुनाव

ममता बनर्जी के बाद अब उनके करीबी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी गांधी परिवार पर हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने विपक्ष के नेतृत्व के सवाल पर कहा कि कांग्रेस पिछले 10 साल में अपने 90% चुनाव हारी है. ऐसे में विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं हो सकता.


प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा, “एक मजबूत विपक्ष के लिए कांग्रेस जिस आईडिया और स्पेस का प्रतिनिधित्व करती है, वह महत्वपूर्ण है. लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं है, खासकर तब, जब पार्टी पिछले 10 सालों में 90% से अधिक चुनाव हार गई हो. विपक्षी नेतृत्व को लोकतांत्रिक तरीके से तय करने दें.”
प्रशांत किशोर से पहले ममता बनर्जी ने कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे. ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए ये कहा था कि अब कोई यूपीए नहीं बचा है. दरअसल, ममता बनर्जी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्च की तैयारियों में जुट गई हैं. वे अलग-अलग राज्यों में पार्टियों के नेताओं से मिलकर बीजेपी का विकल्प बनने की अपील कर रही हैं. हाल ही में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के साथ अपनी बहुप्रतीक्षित बैठक में, सभी विपक्षी दलों के लिए अगले चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की रणनीति पर चर्चा की.

 

विधायक जुनेजा के चौक में पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री के पुत्र ने ली चाय की चुस्की...

विधायक जुनेजा के चौक में पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री के पुत्र ने ली चाय की चुस्की...

रायपुर: पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के सुपुत्र राष्ट्रीय काँग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल कुमार शास्त्री राजधानी में हैं। श्री शास्त्री ने आज, 2 दिसंबर को देवेंद्र नगर चौक में विधायक कुलदीप जुनेजा के कार्यालय में कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान महापौर एजाज ढेबर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता संजय पाठक, विधायक सत्यनारायण शर्मा, गिरीश दुबे सहित कांग्रेस के दिग्गज नेता भी मौजूद थे। स्व. शास्त्री के सुपुत्र ने चौक में ही कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद केटीएस तुलसी की तरह चाय की चुस्की भी ली।

ममता बनर्जी ने बैठे-बैठे गाया राष्ट्रगान, बीजेपी नेता ने पुलिस में की शिकायत

ममता बनर्जी ने बैठे-बैठे गाया राष्ट्रगान, बीजेपी नेता ने पुलिस में की शिकायत

मुंबई दौरे पर रहीं टीएमसी चीफ ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, ममता पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रगान का अपमान किया। अब मुंबई बीजेपी नेता ने कहा है कि वह ममता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। इस मामले में बीजेपी नेता ने पुलिस में शिकायत कर दी है।
बीजेपी नेता का आरोप है कि ममता ने बैठकर ही राष्ट्रगान गाया और पूरा किए बिना 2-4 लाइनें गाकर रोक भी दिया। ममता बनर्जी बुधवार को मुंबई दौरे पर थीं।
इस बीच बीजेपी की पश्चिम बंगाल यूनिट ने भी राष्ट्रगान का अपमान करने को लेकर ममता पर निशाना साधा। बीजेपी बंगाल ने ट्वीट किया, 'ममता बनर्जी पहले बैठी रहीं, फिर उठीं और बीच में भी राष्ट्रगान गाना बंद कर दिया। एक मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बंगाल की संस्कृति, राष्ट्रगान और देश के साथ ही गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है।'
बता दें कि मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता का एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह राष्ट्रगान शुरू करने के कुछ सेकंड बाद कुर्सी से उठती हैं। इतना ही नहीं 'द्राविड़ उत्कल बंग' के बाद वह जय महाराष्ट्र, जय बिहार और जय भारत बोलकर राष्ट्रगान गाना बंद कर देती हैं। ममता बनर्जी के इसी वीडियो को अब बीजेपी नेता भी ट्वीट कर रहे हैं और उन पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा रहे हैं।
 

मरकाम ने कहा किस बात की माफी मांगे सांसद? बिना शर्त वापस लिया जाय निलंबन

मरकाम ने कहा किस बात की माफी मांगे सांसद? बिना शर्त वापस लिया जाय निलंबन

रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कांग्रेस की महिला सांसद फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा सहित अन्य सभी राज्यसभा सांसदों का शीतकालीन सत्र से निलंबन बिना शर्त वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सांसदों के निलंबन समाप्ति के लिये माफी मांगने की शर्त अलोकतांत्रिक है। सांसद किस बात की माफी मांगें? लोकतंत्र के मंदिर में जनता के हित में आवाज उठाना कोई गुनाह नहीं है। माफी मांगने की शर्त पर सांसदों का निलंबन वापस लेने संबंधी बात लोकतंत्र की आवाज को दबाना है कांग्रेस जनता की आवाज उठाती रही है और उठाती रहेगी। लोकतंत्र का गला घोंटने, जनता की आवाज को दबाने की किसी भी कोशिश का कांग्रेस डटकर मुकाबला करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आसंदी से उम्मीद की जाती है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करते हुए विपक्ष को संरक्षण दे लेकिन राज्यसभा में जो हुआ, उसने जाहिर कर दिया कि सरकार के दबाव में विपक्ष को आवाज़ उठाने से रोका जा रहा है। लोकतंत्र की मूल भावना को खूंटी पर टांगकर सरकार के इशारे पर कंग्रेस सहित विपक्ष के सांसदों का निलंबन किया गया है और अब सरकार के अहंकार की तुष्टि के लिए हमारे सांसदों से माफी मांगने कहा जा रहा है। मोदी सरकार यह जान ले कि उसका अहंकार उसे ही ले डूबेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ से भाजपा के सभी सांसदों को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि उनमें छत्तीसगढ़ की मातृ शक्ति के प्रति जरा भी सम्मान है, छत्तीसगढ़िया होने का स्वाभिमान है और थोड़ी सी भी गैरत बाकी रह गई है तो छत्तीसगढ़ की दो बेटियों के साथ राज्यसभा में हुए अन्याय का प्रतिकार करने की हिम्मत दिखाएं औऱ मोदी सरकार के एजेंट जैसी भूमिका प्रदर्शित करने वाली व्यवस्था का विरोध करते हुए फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा के निलंबन की बिना शर्त वापसी की मांग का समर्थन करें। अन्यथा छत्तीसगढ़ महतारी की संतानें उन्हें सबक सिखाने तैयार हैं ।
 

जहां कमीशनखोरी-भ्रष्टाचार की गुंजाइश दिखाई देती है, कांग्रेसी उन्हीं कामों में रुचि लेते हैं...

जहां कमीशनखोरी-भ्रष्टाचार की गुंजाइश दिखाई देती है, कांग्रेसी उन्हीं कामों में रुचि लेते हैं...

रायपुर । भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू ने कहा है कि इस बार के स्थानीय निकाय के चुनावों में कांग्रेस को उसकी राजनीतिक हैसियत बताने के लिए मतदाता तैयार हैं और अब वे कांग्रेस के चुनावी वादों के झाँसे में नहीं आने वाले हैं। श्री साहू ने कहा कि पिछले विधानसभा और नगरीय निकाय चुनाव के समय किए गए वादों से मुकरने वाली कांग्रेस से प्रदेश के मतदाताओं का पूरी तरह मोहभंग हो चुका है और अब वे प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस को माक़ूल ज़वाब देने का निश्चय कर चुके हैं।
श्री साहू ने कहा कि पिछले नगरीय निकाय चुनावों में सम्पत्ति कर आधा करने का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन सम्पत्ति कर आधा करने वाले कांग्रेस के नेताओं के फ़र्ज़ी वादों का आगामी निकाय चुनावों में जनता पर कोई असर नहीं रहेगा। तीन साल में किसी भी नगरीय निकाय में कांग्रेस ने सम्पत्ति कर आधा करने का वादा पूरा नहीं किया है। श्री साहू ने कहा कि पिछले नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने एक वर्ष के भीतर होम स्टेड अधिनियम लाकर प्रत्येक ग्रामीण भूमिहीन पाँच सदस्यीय परिवार को घर एवं बाड़ी हेतु ज़मीन देने का वादा किया था, शहरी क्षेत्र में आवासहीन परिवारों को दो कमरों का मकान देने का वादा किया था, भूमिहीन कब्जाधारी परिवारों को पट्टा देने की बात कही थी, लेकिन इनमें से एक भी वादे पर कांग्रेस के सत्ताधारियों ने अब तक अमल नहीं किया। श्री साहू ने कहा कि नगरीय निकाय चुनावों में दूसरा प्रमुख मुद्दा जल-जीवन मिशन का है, जिसमें प्रदेश सरकार और कांग्रेस बुरी तरह विफल साबित हुई है। प्रदेशभर में 22सौ स्थान आज भी ऐसे हैं, जहाँ प्रदेश की कांग्रेस सरकार और कांग्रेस शासित नगरीय निकायों ने स्वच्छ जल देने का काम ही शुरू नहीं किया है। 33सौ करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार और कांग्रेस शासित नगरीय निकायों के ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि निकम्मे बनकर बैठे हुए हैं और इस योजना में उन्होंने कोई काम नहीं किया।
जहाँ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश दिखाई देती है, कांग्रेस के लोग उन्हीं कामों में रुचि लेते हैं। राजधानी में 07 करोड़ रुपए की लागत से लगाए गए फव्वारे महज़ 07 दिनों में ही ख़राब हो गए।इससे साफ़ हो जाता है कि सरकारी ख़ज़ाने की राशि का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करते हैं। श्री साहू ने कहा कि राजधानी रायपुर में सफाई का काम भी माशाअल्लाह ही है। जाँच करने पर पता चला था कि 03 हज़ार सफाई कर्मियों में से 01 हज़ार सफाई कर्मी तो काम पर उपस्थित ही नहीं होते, जबकि रजिस्टर में बाक़ायदा उनकी एण्ट्री है और फ़र्जीवाड़ा कर उनके नाम से पूरा भुगतान करना दर्शाया जा रहा है! सरकारी पैसों का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और वादाख़िलाफ़ी करना ही कांग्रेस के लोगों की कुलजमा राजनीतिक उपलब्धि है। प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनावों में अब कांग्रेस का फ़रेब नहीं चलेगा और इन चुनावों में भाजपा कार्यकर्ता त्रिपुरा के प्रदर्शन को दोहराने के लिए कटिबद्ध हैं।
 

ममता बनर्जी ने तेज किया कांग्रेस मुक्त विपक्ष का अभियान, बताया भाजपा को हराने का प्लान

ममता बनर्जी ने तेज किया कांग्रेस मुक्त विपक्ष का अभियान, बताया भाजपा को हराने का प्लान

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी लगातार देश भर में दौरे कर रही हैं और गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों से मुलाकात कर एक अलग ही मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। इस बीच बुधवार को उन्होंने मुंबई में सिविल सोसायटी के सदस्यों से बात करते हुए भाजपा को 2024 के आम चुनाव में हराने का भी प्लान बताया। ममता बनर्जी ने कहा, 'यदि सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आते हैं तो फिर भाजपा को हराना आसान होगा।' इस तरह उन्होंने साफ संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उनका कुछ और क्षेत्रीय दलों को जोड़ने का प्लान होगा। ममता बनर्जी ने मंगलवार को ही एनसीपी के चीफ शरद पवार और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे से मुलाकात की थी।
ममता बनर्जी इससे पहले गोवा भी गई थीं, जहां उन्होंने पूर्व सीएम लुईजिन्हो फलेरियो समेत कांग्रेस को कई नेताओं को टीएमसी में शामिल कराया है। इसके अलावा हाल ही में दिल्ली दौरे में उन्होंने बिहार कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद और हरियाणा के नेता एवं राहुल गांधी के करीबी अशोक तंवर को भी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। जेडीयू से पवन वर्मा और भाजपा के पूर्व सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा भी अब टीएमसी का हिस्सा हैं। इस तरह तृणमूल कांग्रेस ने लगातार अपने अभियान को आगे बढ़ाया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ कमजोर बताते हुए लगातार हमला बोला है। यहां तक कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी भाजपा पर खुलकर हमला कर चुके हैं।
क्यों कांग्रेस और राहुल गांधी से दूरी बनाकर चल रही हैं ममता?
यही नहीं अपने हालिया दौरे में सोनिया गांधी से मुलाकात न करने को लेकर जब सवाल पूछा तो उन्होंने तंज किया कि क्या यह संविधान में लिखा है कि उनसे हर बार मिलना है। यही नहीं टीएमसी ने ममता बनर्जी को 2024 के चुनाव में विपक्ष के चेहरे के तौर पर पेश करने का फैसला लिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी खुद को पीएम फेस के तौर पर पेश करना चाहती हैं, इसीलिए वह राहुल गांधी और कांग्रेस को भाव देने के मूड में नहीं हैं। इसी रणनीति के तहत वह देश भर में उन राज्यों में घूम रही हैं, जहां कांग्रेस का संगठन कमजोर है या फिर वह भाजपा के मुकाबले खड़े होने की स्थिति में नहीं है।
 

भाजपा के इस वरिष्ठ नेता को कोर ग्रुप व चुनाव समिति में तवज्जो नहीं मिलने से छलका उनका दर्द...

भाजपा के इस वरिष्ठ नेता को कोर ग्रुप व चुनाव समिति में तवज्जो नहीं मिलने से छलका उनका दर्द...

रायपुर भाजपा की कोर ग्रुप तथा चुनाव समिति में जगह नहीं मिलने से वरिष्ठ नेता व अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय का दर्द छलक गया। बड़े मायूस होकर उन्होंने कहा- ` मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है, मुझे मालूम नहीं है।`

नन्द कुमार साय का नाम भाजपा के जानेमाने नेताओं में शुमार है। वे अविभाजित मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे। छत्तीसगढ़ गठन के बाद वे अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के अलावा नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा, और राज्यसभा के सदस्य भी रहे। इसके बावजूद पार्टी आलाकमान ने उन्हें कोर ग्रुप व चुनाव समिति में तवज्जो नहीं दिया।
नन्द कुमार साय की अगुआई में पिछले दिनों आरंग में 6 हजार लोगों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, और संगठन मंत्री शिवप्रकाश के लगातार संपर्क में रहे हैं। इसके बावजूद महत्वपूर्ण कमेटियों में से किसी में भी उन्हें जगह नहीं मिली। इस मामले में साय ने कहा कि वो छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत करने के लिए भरसक प्रयत्न कर रहे हैं। कई कार्यक्रम भी कराए हैं। हम अपने दायित्वों को निभाने में कभी पीछे नहीं रहे हैं, लेकिन ऐसा क्या हो गया कि उन्हें किसी भी कमेटी में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि शायद हमारे कार्यों में त्रुटि रही हो। वो प्रदेश में पार्टी की सरकार का हिस्सा न होने के बावजूद यहां पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। अब उन्हें कोर, और अन्य कमेटियों से दूर रखा गया है। ऐसा क्यों हुआ है, यह तो पार्टी के बड़े नेता ही बता सकते हैं।

धामी ने पलटा त्रिवेंद्र सरकार का फैसला, किया यह ऐलान...........

धामी ने पलटा त्रिवेंद्र सरकार का फैसला, किया यह ऐलान...........

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर त्रिवेंद्र सरकार का फैसला पलट दिया। धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान किया। दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के विरोध और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2019 में श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया था। तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बावजूद सरकार ने सदन से विधेयक पारित कर अधिनियम बनाया। चारधामों के तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारी आंदोलन पर उतर आए, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार अपने फैसले पर अडिग रही।

चारधाम समेत 51 मंदिर थे शामिल
सरकार का तर्क था कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम समेत 51 मंदिर बोर्ड के अधीन आने से यात्री सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास होगा। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने भी जनभावनाओं के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड निर्णय लेने की बात कही थी, लेकिन उनके कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड पर सरकार आगे नहीं बढ़ पाई। फिर नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की घोषणा की।

पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। इस समिति में चारधामों के तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया। अब समिति की अंतिम रिपोर्ट का परीक्षण कर मंत्रिमंडलीय उप समिति ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।


कब क्या हुआ
27 नवंबर 2019 को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को मंजूरी।
5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पारित हुआ।
14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।
24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया।
24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन
21 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट ने राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करने फैसला सुनाया।
15 अगस्त 2021 को सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी को बनाने की घोषणा की।
30 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए।
25 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी
27 नवंबर 2021 को तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड भंग करने के विरोध में देहरादून में आक्रोश रैली निकाली।
28 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
29 अक्तूबर 2021 को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने रिपोर्ट का परीक्षण कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी।