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सड़क के गड्ढे पर खड़े होकर जनता पूछ रही है सरकार कर्ज के पैसे से कहां के गड्ढे पाट रही है : सुनील सोनी

सड़क के गड्ढे पर खड़े होकर जनता पूछ रही है सरकार कर्ज के पैसे से कहां के गड्ढे पाट रही है : सुनील सोनी

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी सांसद सुनील सोनी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ पर कर्ज़ लादकर हर व्यक्ति को कर्ज़दार बना रही प्रदेश सरकार उपलब्धियों और विकास के नाम पर लगातार झूठ परोस रही है। सांसद सुनील सोनी ने बुधवार को बेमेतरा नवागढ़ के रनबोड़ में प्राथमिक शाला के जर्जर भवन की छत का प्लास्टर गिरने से छह बच्चियों के घायल होने और रायगढ़ के मेडिकल कॉलेज अस्पताल (ज़िला चिकित्सालय) भवन की छत का कांक्रीट प्लास्टर टूटकर गिरने से मरीज समेत चार लोगों को घायल हो जाने की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए प्रदेश सरकार के नाकारापन पर जमकर हमला बोला।

सांसद सुनील सोनी ने कहा कि अपने पूरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री बघेल, उनके मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के लोग ओछे राजनीतिक हथकंडों और मिथ्या प्रलाप में ही मशगूल रहे और प्रदेश में विकास और सुविधाओं के नाम पर एक ईंट रखना तो दूर भाजपा शासन काल में निर्मित शासकीय भवन व सड़कों का मरम्मत तक नहीं करा पा रहे हैं बल्कि प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौज़ूदा केंद्र सरकार के कार्यकाल की योजनाओं पर अपने नाम का लेबल लगाकर यह प्रदेश सरकार लोगों को भ्रमित करके श्रेय लेने की हास्यास्पद कोशिशों में लगी है। सांसद सुनील सोनी ने कहा कि नवागढ़ ब्लॉक के प्राथमिक शाला भवन की दुर्घटना हो या फिर रायगढ़ के ज़िला अस्पताल की छत टूटकर गिरने का मामला हो, दोनों ही घटनाएँ प्रदेश सरकार के नाकामी की ग़वाही दे रही हैं। कर्ज़ पर कर्ज़ लेकर प्रदेश को कर्ज के दलदल में धकेलने पर आमादा प्रदेश सरकार ने हर छत्तीसगढ़वासी को लगभग 45 हज़ार रुपए का कर्ज़दार बना दिया है और हालात ये हैं कि ख़ुद मुख्यमंत्री के अपने गृह ज़िले में सड़क पर ज़गह-ज़गह गड्ढे होने के कारण रोज़ दुर्घटनाएँ हो रही हैं और इसके विरोध में बुधवार को ही महिलाओं ने भिलाई में सड़क पर भरे पानी में कैटवॉक करके अपना आक्रोश जता कर पूछा कि आखिर वो कर्ज का पैसा जा कहां रहा है। सांसद सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश के दीग़र शहरों-नगरों और गाँवों, खासकर आदिवासी बहुल इलाक़ों की सड़कें इतनी खस्ता-हाल हैं कि इसके कारण लोगों को समय पर चिकित्सा सुविधा तक के लिए मोहताज होकर अपनी जान गवाँनी पड़ रही है।

सांसद सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश को विकास के सपने दिखाकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने आज छत्तीसगढ़ को विनाश और पिछड़ेपन के लिए अभिशप्त बना दिया है और इसके बावज़ूद प्रदेश सरकार को अपनी झूठी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटते ज़रा भी शर्म महसूस नहीं हो रही है। सांसद सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने खानदानी-शहज़ादेके सामने अपनी झूठी उपलब्धियाँ परोसने के लिए बेताब हो रही है, पर प्रदेश सरकार बताए कि वह राहुल गांधी को प्रदेश के कौन-कौन-से विकास की सूचियाँ पेश करेगी ? अगर प्रदेश सरकार को अपने कार्यकाल की कड़वी सच्चाइयों और मिथ्याचार को स्वीकार करने करने का दमखम न हो तो भाजपा प्रदेश के उन स्थानों की सूचियाँ राहुल गांधी को सीधे भेंट करने को तैयार है, जो प्रदेश सरकार के झूठ का भण्डाफोड़ कर देगी। सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कुर्सी के घमासान के बीच कांग्रेस का कमजोर नेतृत्व छत्तीसगढ़ का दौरा नही करने वाली अगर ऐसा होता है तो प्रदेश भाजपा प्रदेश सरकार के उन तमाम काले कारनामों की सूची सीधे राहुल गांधी को भेजेगी, जो प्रदेश में बढ़ते अपराध, बलात्कार, हत्याओं, के साथ-साथ प्रदेश के बुनियादी विकास और सुविधाओं के मोर्चे पर प्रदेश सरकार की विफलताओं की ग़वाही देने के लिए पर्याप्त होगी। सांसद सुनील सोनी ने चुनौती दी कि अगर प्रदेश सरकार में ज़रा भी नैतिक साहस है तो वह राहुल गांधी को सच का सामना कराए।

डॉ. रमन पर लखमा ने किया वार, कह डाली यह बात...

डॉ. रमन पर लखमा ने किया वार, कह डाली यह बात...

रायपुर। उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि 15 साल के कार्यकाल में डॉ. रमन ने केवल हैलीकॉप्टर से यात्रा ही की है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में आज बस्तर में शांति है, नेता कार से यात्रा कर रहे है। डॉ. रमन सिंह पर वार करते हुए कवासी लखमा ने कहा कि डॉ रमन सिंह पहले झोलाछाप डॉक्टर थे, फिर मुख्यमंत्री बने। भूपेश बघेल आदिवासियों, किसान मज़दूरों के लिए काम करने वाले मुख्यमंत्री है। आने वाले चुनाव में 1 भी सीट भाजपा को नही मिलेगी।

बड़ी खबर: टूलकिट मामले में संबित पात्रा और रमन सिंह को राहत

बड़ी खबर: टूलकिट मामले में संबित पात्रा और रमन सिंह को राहत

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने कथित फर्जी टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें दोनों नेताओं के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। कथित फर्जी टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह एवं भाजपा नेता संबित पात्रा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।


दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने कथित फर्जी टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें दोनों नेताओं के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। वहीं इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को इस मामले का फैसला करने दें। वहीं न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि मौजूदा मामलों को अलग-अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि टूलकिट मुद्दे से संबंधित कई मामले विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। पीठ ने कहा कि यहां अपनी ऊर्जा बर्बाद मत करें। हम विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हम एसएलपी को खारिज करते हैं। शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से फर्जी टूलकिट मामले से संबंधित याचिकाओं पर तेजी से निर्णय लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि मामलों को पहले की टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना तय किया जाए। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 11 जून को दो अलग-अलग आदेश पारित किए और सिंह एवं पात्रा के खिलाफ दर्ज एक ही प्राथमिकी में अंतरिम राहत प्रदान की थी। इस दौरान उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस मामले से आम लोगों के बीच कोई शांति भंग नहीं हुई बल्कि यह दो पार्टियों के बीच एक शुद्ध राजनीतिक मामला है।


क्या है मामला
दरअसल, 19 मई को, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष आकाश शर्मा की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सिंह, पात्रा और अन्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मनगढ़ंत सामग्री प्रसारित की थी। पार्टी द्वारा विकसित टूलकिट के रूप में पेश करके कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।

 BREAKING : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी कांग्रेस के इस नेता के खिलाफ FIR दर्ज

BREAKING : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी कांग्रेस के इस नेता के खिलाफ FIR दर्ज

बिलासपुर।  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के कट्टर समर्थक पंकज सिंह के खिलाफ पुलिस में दर्ज आपराधिक प्रकरण को लेकर बुधवार एक बजे शहर विधायक शैलेष पांडेय व समर्थकों ने कोतवाली थाने का घेराव कर दिया व नारेबाजी करते हुए हंगामा मचाया। थाना परिसर में तनाव को देखते हुए पुलिस अफसर पहुंच गए हैं। एहतियात के तौर बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती भी कर दी गई है। विधायक का आरोप है कि कांग्रेस नेता पंकज पर पुलिस ने झूठे आरोप पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।

घटना शनिवार की रात मसानगंज निवासी मरीज को सिम्स में भर्ती कराया गया था। देर रात मेडिसीन विभाग के डॉक्टर ने जांच के बाद एमआइआर कराने की सलाह दी। इस पर स्वजन मरीज को लेकर मेडिसीन विभाग पहुंचे। वहां टेक्नीशियन तुलांचद टांडे ड्यूटी पर थे। उन्होंने मरीज के स्वजन को मशीन चालू होने तक इंतजार करने के लिए कहा। इसके बाद तकनीकि गड़बड़ी होने की जानकारी देकर टेक्नीशियन ने थोड़ा समय लगने की बात कही। इसी बीच मरीज के स्वजन फोन कर इसकी जानकारी कांगे्रस नेता पंकज सिंह को दी। इस पर पंकज सिंह देर रात सिम्स पहुंच गए।

आरोप है कि उन्होंने रेडियोलॉजी विभाग के टेक्नीशियन से विवाद किया व कर्मचारी को गलियारे में ले जाकर हाथपाई भी की। इस घटना के बाद सोमवार को विरोध स्वरूप कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया था। इस मामले को लेकर पंकज सिंह के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत भी दर्ज करा दी। मंगलवार को पुलिस ने पंकज सिंह के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा व मारपीट का मामला दर्ज कर लिया है।

बुधवार को इस मामले की जानकारी मिलते ही विधायक शैलेष पांडेय व समर्थक दोपहर में कोतवाली थाना पहुंच गए। उन्होंने कांग्रेस नेता के मामले की जांच के बिना आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आरोप लगाया है। समाचार लिखे जाने तक थाना परिसर में समर्थक हंगामा मचाते रहे। वहीं, पुलिस के आला अफसर विधायक का मानमनौव्वल करते रहे।
 टूलकिट मामले में संबित पात्रा और रमन सिंह को राहत : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर किया सुनवाई से इनकार

टूलकिट मामले में संबित पात्रा और रमन सिंह को राहत : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर किया सुनवाई से इनकार

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने कथित टूलकिट विवाद पर ट्वीट के लिए पूर्व सीएम रमन सिंह और बीजेपी नेता संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार की अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया है।

इससे पूर्व सीएम रमन सिंह एवं भाजपा नेता संबित पात्रा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने कथित फर्जी टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की उस याचिका को खारिज कर दी है जिसमें दोनों नेताओं के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।
BREAKING NEWS: गुवाहाटी के पास जंगली हाथियों ने भाजपा नेता को मार डाला

BREAKING NEWS: गुवाहाटी के पास जंगली हाथियों ने भाजपा नेता को मार डाला

गुवाहाटी: गुवाहाटी शहर के बाहरी इलाके में रानी रिजर्व फॉरेस्ट के पास असम के भाजपा नेता राजीव बोरो को जंगली हाथियों के झुंड ने कुचलकर मार डाला। वन एवं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रानी मंडल में भाजपा के शक्तिकेंद्र संयोजक 35 वर्षीय बोरो की कुछ देर बाद उनके घर पर कुछ जंगली हाथियों के हमले में मौत हो गई।


घटना की सूचना पर वन एवं पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को मेडिकल जांच के लिए रानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने बोरो के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वन और वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले 10 वर्षो के दौरान मानव-हाथी संघर्ष में 888 लोगों की मौत हुई है। सोनितपुर जिले में सबसे अधिक 124 मौतें दर्ज की गई हैं, इसके बाद उदलगुरी जिले में 118 और गोलपारा जिले में 78 मौतें हुई हैं। इस वर्ष असम के विभिन्न हिस्सों में हाथियों के हमले से अब तक 99 लोगों की मौत हो चुकी है।

सीएम बघेल ने रमन सिंह के टीएस सिंहदेव के दिल्ली दौरे वाले बयान पर किया पलटवार

सीएम बघेल ने रमन सिंह के टीएस सिंहदेव के दिल्ली दौरे वाले बयान पर किया पलटवार

रायपुर, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के दिल्ली दौरे पर डॉ. रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वे ख्याली पुलाव न पकाएं। वो अपने दल और अपनी स्थिति को देखें. किसी के घर में तांक-झांक ना करें।
दुर्ग जिले में सेलूद में आयोजित सहकारिता सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रमन सिंह की वो बातें याद आ रही है, जब वो कहते थे कि भूपेश सुबह तैयार होकर मीडिया से बात करते हैं, और उनके पास कोई काम नहीं है। आज यह बात रमन सिंह पर लागू हो रही है। पुरंदेश्वरी कह चुकी है कि उनकी पार्टी में मुख्यमंत्री का अभी कोई चेहरा नहीं है. आज रमन सिंह की बात का जबाब देना मैं उचित नहीं समझता।

नेताओं के निधन पर जताया शोक
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के नेताओं के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि आज हमारे दो पूर्व साथी राजेन्द्र भाटिया और युध्दवीर सिंह जूदेव के जाने से अपूरणीय क्षति हुई है। दोनों के साथ काम करने का अवसर मिला, दोनों ही नेता बहुत ही सरल और मिलनसार रहे है। उनके प्रति अपनी शोक भावना व्यक्त करता हूं. मुख्यमंत्री बघेल के साथ गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे भी रवाना हुए।

सिंहदेव ने दिल्ली यात्रा को बताया था व्यक्तिगत
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आज दिल्ली रवाना हुए। एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में दौरे को गैर राजनीतिक बताते हुए कहा कि व्यक्तिगत कारण की वजह से वे दिल्ली जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अपनी बहन आशा देवी का जन्मदिन मनाने के लिए वे दिल्ली गए हैं।

रमन सिंह ने यात्रा को लेकर कही थी यह बात
वहीं सिंहदेव के दिल्ली जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री किसी को कुछ बताते नहीं है। पूछने पर कहते हैं कि मुझे नहीं बोलने कहा गया है. उनकी राहुल गांधी से क्या बात होती है। इसकी किसी को जानकारी नहीं है. सब अनुमान लगाते रहते हैं।
 

 छत्तीसगढ़ : कांग्रेसियों ने भाजपा के स्थानीय नेता पर लगाया ये बड़ा आरोप...

छत्तीसगढ़ : कांग्रेसियों ने भाजपा के स्थानीय नेता पर लगाया ये बड़ा आरोप...

बिलाईगढ़। धर्मांतरण के खिलाफ भाजपा जहां मोर्चा खोल सड़क पर उतर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहें है। वहीं बिलाईगढ़ विधानसभा के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाजपा के स्थानीय पर धर्मान्तरण के स्टार प्रचारक का आरोप लगया है। वहीं उन्होंने कहा की पार्टी के शीर्ष नेता ने बिलाईगढ़ आकर उनसे मुलाकात भी की।

काँग्रेसियों ने आरोप लगाते भाजपा के नेता बलिराम सांडे को धर्म परिवर्तन के मुख्य स्टार प्रचारक बताया है। साथ ही साथ काँग्रेसियों ने सोशल मीडिया में भी आरोप वाईरल किए हैं। काँग्रेसियों ने आरोप में कहा है कि, भाजपा के नेता धर्मांतरण के स्टार प्रचारक से बिलाईगढ़ में मुलाकात कर रहे है। जबकि वही नेता दूसरी तरफ धर्मांतरण के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे है। भाजपा नेता सबसे पहले अपने ही पार्टी के नेता के खिलाफ पहले कार्यवाही करें, धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन करने का दिखावा और ढोंग न करें।

बता दें कि बीते दिनों भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा बिलाईगढ़ के दौरे पर रहे इस दौरान उन्होंने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री बलिराम सांडे से मुलाकात की थी। साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता वेदराम जांगड़े के नवनिर्मित मकान के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
 
बड़ी खबर छत्तीसगढ़ : पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव का हुआ निधन, सियासी गलियारों में शोक की लहर

बड़ी खबर छत्तीसगढ़ : पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव का हुआ निधन, सियासी गलियारों में शोक की लहर

रायपुर स्व. दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र और चंद्रपुर से दो बार विधायक रहे युद्धवीर सिंह जूदेव का निधन हो गया। लिवर संबंधी समस्याओं के कारण लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। विगत 2 दिनों से उनकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई थी। उन्हें इलाज के लिए बैंगलुरू ले जाया गया था। जहां आज सुबह 4 बजे उनका निधन हो गया। आज उनके निधन की खबर आते ही जशपुर एवं चंद्रपुर समेत पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।

युद्धवीर सींग जूदेव के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी शोक प्रकट किया है। अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा- चंद्रपुर के पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव के निधन का समाचार दुखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिजनों को इस दुःख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति:

बड़ी खबर: सिद्धू के करीबी बनेंगे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री, पंजाब प्रभारी रावत ने ट्वीट कर दी जानकारी

बड़ी खबर: सिद्धू के करीबी बनेंगे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री, पंजाब प्रभारी रावत ने ट्वीट कर दी जानकारी

चंडीगढ़: कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मंजूर होने के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग गई है। नवजोत सिद्धू के करीबी विधायक चरणजीत चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे। पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सुखजिंदर रंधावा के नाम पर विरोध के बाद पार्टी हाईकमान ने दलित नेता के नाम पर मुहर लगाई। अब शाम 6:30 बजे चन्नी राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने फैसला ले लिया है। जल्द ही घोषणा की जाएगी। सुनील जाखड़ के नाम को लेकर खूब बातें की गईं, हालांकि कांग्रेस के कुछ नेता सिख चेहरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी दिए जाने की सिफारिश कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू भी मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़े लेकिन वे नहीं जीते। सिद्धू ने खुद हाईकमान से मुख्यमंत्री पद की मांग की थी। सिद्धू ने आलाकमान पर दबाव बनाने की भी कोशिश की थी लेकिन अंत में रंधावा का नाम फाइनल हो गया है।

वहीं सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि सरकार चाहे 4 महीने की हो या 4 दिन की, काम करने वाले के लिए ये समय पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने काम नहीं करना है तो उसके लिए 4 साल भी कम हैं। मुख्यमंत्री की शपथ को लेकर उन्होंने कहा इस पर अंतिम फैसला आलाकमान ही करेगा।

इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद रविवार को चंडीगढ़ में होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक स्थगित कर दी गई थी। कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के नामों पर मंथन किया जा रहा था। इसमें अंबिका सोनी से भी सोनिया गांधी ने राय ली थी। हालांकि सोनी ने मुख्यमंत्री पद की पेशकश को ठुकरा दिया है। राहुल गांधी से मिलने पहुंचीं सोनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री का चेहरा सिख होना चाहिए।

BIG BREAKING : ये हो सकते हैं प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, नाम हुआ लगभग तय, जल्द होगी घोषणा

BIG BREAKING : ये हो सकते हैं प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, नाम हुआ लगभग तय, जल्द होगी घोषणा

चंडीगढ़ | कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए अभी तक किसी का नाम तय नहीं हो पाया है। इस बीच खबर आ रही है कि पंजाब कांग्रेस ने सुखजिंदर रंधावा का नाम मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस आलाकमान को भेजा है। पार्टी के इस प्रस्ताव पर सोनिया गांधी को अंतिम फैसला लेना है। आपको बता दें कि इससे पहले अंबिका सोनी को सीएम पद का ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।

सुखजिंदर के अलावा दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर भी चर्चा हो रही है। अरुणा चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। इसके अलावा एक और नेता भारत भूषण आशु को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा है।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, पंजाब के विधायकों के साथ चर्चा के बाद, AICC ने सीएम पद के लिए सुखजिंदर रंधावा के नाम का प्रस्ताव रखा। दिल्ली में अंबिका सोनी के साथ राहुल गांधी के आवास पर बैठक चल रही है। जल्द ही नाम पर अंतिम घोषणा होगी।

पंजाब कांग्रेस द्वारा नाम भेजे जाने के बाद रंधावा के घर पर विधायकों और कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा हो रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू सरीखे नेता उनके घर पहुंचे हैं। रंधावा के नाम को लेकर महज घोषणा बाकी है।

BIG BREAKING CG  : प्रदेश कांग्रेस पार्टी को लगा एक और झटका, कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद का हुआ निधन, सीएम बघेल ने जताया दुःख

BIG BREAKING CG : प्रदेश कांग्रेस पार्टी को लगा एक और झटका, कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद का हुआ निधन, सीएम बघेल ने जताया दुःख

बिलासपुर | बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस के पूर्व सांसद व पूर्व विधायक गोदिल प्रसाद अनुरागी का निधन हो गया है | उन्होंने अपने गृह ग्राम में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि विधायक गोदिल प्रसाद लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन पर कांग्रेस ने शोक व्यक्त किया है।

BIG BREAKING : इस कांग्रेस नेता ने ठुकराई CM की खुर्सी, कही ये बड़ी बात

BIG BREAKING : इस कांग्रेस नेता ने ठुकराई CM की खुर्सी, कही ये बड़ी बात

चंडीगढ़पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर राज्य की कप्तानी कौन करेगा। अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब नए मुख्यमंत्री के नामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। पंजाब का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस रेस में सुनील जाखड़, पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी, नवजोत सिंह सिद्धू और  विजय इंदर सिंगला भी शामिल हैं। हालांकि, फाइनल फैसला सोनिया गांधी को ही करना है, क्योंकि विधायक दल ने नया नेता चुनने के लिए सोनिया गांधी को ही अधिकृत किया है। फिलहाल, कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य का अगला सीएम कौन होगा? इसे लेकर पार्टी आलाकमान के बीच मंथन जारी है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अंबिका सोनी को सीएम बनाने पर आलाकमान ने मन बना लिया था, मगर खुद अंबिका ने मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा था कि कुर्सी के अगले दावेदार के नाम पर आज मुहर लग जाएगी, मगर इस बीच सीएलपी की बैठक भी टल गई है।

BIG BREAKING : पंजाब के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री के OSD ने दिया इस्तीफा, सियासी गलियारों में मची खलबली

BIG BREAKING : पंजाब के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री के OSD ने दिया इस्तीफा, सियासी गलियारों में मची खलबली

जयपुर | पंजाब की सियासत में जोरदार उठापटक के बाद अब राजस्थान में भी सुगबुगाहट दिखने लगी है। कांग्रेस पार्टी पंजाब सीएम के इस्तीफे से उबर नहीं पाई है कि अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार देर रात करीब 12:30 बजे अपना इस्तीफा सीएम गहलोत को भेजा।

इस्तीफे का कारण उन्होंने खुद के एक ट्वीट को बताया है। दरअसल, ट्विटर पर उन्होंने लिखा था कि `मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए...। बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए..` लोकेश शर्मा का कहना है कि उनके ट्वीट को राजनीतक रंग दिया जा रहा है। इसे पंजाब की सियासत से जोड़ा जा रहा है, यह गलत है। इसलिए वे अपना इस्तीफा दे रहे हैं।

लोकेश शर्मा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं 2010 से ट्विटर पर सक्रिय हूं। आज तक पार्टी लाइन से अलग कोई भी ऐसे शब्द नहीं लिखे जिन्हें गलत कहा जा सके। मैंने अपनी मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए कोई भी राजनैतिक ट्वीट नहीं किया है। फिर भी आपको लगता है मेरे द्वारा जान-बूझकर कोई गलती की गई है तो मैं इस्तीफा भेज रहा हूं, निर्णय आपको करना है।

राजस्थान में भी कांग्रेस की राह में रोड़े
यह किसी से छिपा नहीं है कि पंजाब की तरह राजस्थान कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। 2018 विधानसभा चुनाव के बाद से सीएम अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच तल्खी बढ़ती चली गई है। कई बार इसे सार्वजनिक तौर पर भी देखा गया है।

BIG BREAKING : कांग्रेस विधायक दल ने सोनिया गाँधी को दिया मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार, जल्द आ सकता है नाम

BIG BREAKING : कांग्रेस विधायक दल ने सोनिया गाँधी को दिया मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार, जल्द आ सकता है नाम

चंडीगढ़ कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आलाकमान सोनिया गांधी को फैसला लेने का अधिकार दिया गया है | सोनिया गांधी जो फैसला लेंगी पार्टी के नेता उसे मानेंगे | आपको बता दें कि आलाकमान द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस के 80 विधायकों मे से 78 विधायक बैठक में मौजूद है |

BIG BREAKING : सीएम पूरा नहीं कर पाए अपने 5 साल का कार्यकाल, आलाकमान के आदेश पर विधायक दल की बुलाई गई बैठक, जल्द हो सकती है प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषण

BIG BREAKING : सीएम पूरा नहीं कर पाए अपने 5 साल का कार्यकाल, आलाकमान के आदेश पर विधायक दल की बुलाई गई बैठक, जल्द हो सकती है प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषण

चंडीगढ़पंजाब में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने कैबिनेट का इस्तीफा भी राज्यपाल को सौंप दिया है। कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर आज शाम 5 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में विधायक अपना नया नेता चुन सकते हैं। 

इससे पहले सूत्रों ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की आज कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी के साथ फोन पर बात हुई। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह ऐसे अपमान के साथ पार्टी में नहीं रह सकते हैं। दोनों नेताओं की बातचीत के बाद कैप्टन के इस्तीफे के अटकलों को और हवा मिली है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस विधायक दल को नया नेता चुनना होगा। सुक्खी रंधावा, सुनील जाखड़, तृप्त राजिंदर सिंह में से किसी एक नेता को सीएम चुना जा सकता है।

 BREAKING : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिया इस्तीफा

BREAKING : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिया इस्तीफा

चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Amarinder Singh) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल बनवारी पुरोहित से मुलाकात की ओर इस्तीफा सौंपा. बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को फोन करके AICC द्वारा बिना उन्हें विश्वास में लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर ऐतराज दर्ज कराया था.
रमन सिंह के 15 साल मुख्यमंत्री रहने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा

रमन सिंह के 15 साल मुख्यमंत्री रहने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह जिस पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में है, उसे ही अपना बहुमूल्य मार्गदर्शन दें। रमन सिंह के 15 साल मुख्यमंत्री रहने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। रमन सिंह जी 6 महीने में जिन 5 मुख्यमंत्रियों के बदले जाने पर गर्व कर रहे हैं उन मुख्यमंत्रियों को नालायक पाए जाने पर भाजपा ने बदला है। उत्तराखंड में तो 3 माह में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। गुजरात में तो मुख्यमंत्री के साथ साथ पूरा मंत्रिमंडल नालायक पाया गया और किसी को भी नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई।

यदि स्वयं के 15 साल मुख्यमंत्री बने रहने को रमन सिंह जी उपलब्धि मानते है तो बतायें कि 15 साल रमन सिंह जी को मुख्यमंत्री बनाए रखने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा उसे सब जानते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15 सीटें भी नहीं मिल पाई। 2018 में भाजपा के छत्तीसगढ़ में 56 लाख सदस्य थे लेकिन मात्र 47 लाख एक हजार वोट ही मिल पाए। भाजपा के 8 लाख 99 हजार से भी अधिक सदस्यों ने रमन सिंह के 15 साल के शासन के बाद भाजपा को वोट देना मुनासिब नहीं समझा। रमन सिंह के 15 साल के शासन के बाद भाजपा के सदस्यों के परिवारजनों की बात छोड़िये, भाजपा के 15 लाख सदस्यों ने हीं भाजपा को वोट नहीं दिया था।

बार-बार मुख्यमंत्री बदलना और अस्थिरता यदि रमन सिंह जी की निगाहों में अच्छा है तो रमन सिंह जी 15 साल मुख्यमंत्री क्यों बने रहे? जब-जब उनकी कुर्सी हिलती थी तो कभी राजनाथ सिंह की मद्द और कभी-कभी सौंदान सिंह जी की कृपा प्राप्त करने की कोशिशें क्यों करते रहे? 15 साल रमन सिंह जी की सरकार चली लेकिन उसी का परिणाम तो यह हुआ कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नहीं चल पायी और 15 सीटों पर सिमट कर रह गयी।

रमन सिंह ने फिर से उल्टा चश्मा पहन लिया है : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज कांग्रेस की सरकार में किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मजदूरों के लिए न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, वनोपज संग्रहण, चौतरफा विकास का काम हो रहा है। छत्तीसगढ़ समृद्ध हो रहा है। पुरखों के सपनों का छत्तीसगढ़ का निर्माण हो रहा है। यह रमन सिंह जी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। रमन सिंह जी को लग रहा है कि कोई मुख्यमंत्री नहीं है, कोई सरकार नहीं है। रमन सिंह जी बताये जब जीरम में कांग्रेस की विकास यात्रा पर माओवादी हमला हुआ, ठीक उसी जगह हमला हुआ था जहां पुलिस सुरक्षा हटा ली गयी थी। तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नहीं?

नसबंदी कांड हुआ, नकली दवाओं के कारण 13 माताओं की मौत हुयी, तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नहीं? झलियामारी, आमागुड़ा में बच्चियों के साथ अनाचार हुआ, अंखफोड़वा कांड में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के क्षेत्र राजनांदगांव से लेकर बागबाहरा तक बुजुर्गो को आंख फोड़ी गयी, सारकेगुडा में चौथी और आस की कक्षा में गणित के शाला में टापर बच्चों को माओवादी बताकर फर्जी मुठभेड़ में गोली मारी गयी गयी तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नहीं?

नान घोटाला, चावल घोटाला, धान घोटाला हुआ, चंद पैसो के लिये सैकड़ो माताओं के गर्भाशय निकाले गये, जंगल में मवेशी चराने गयी आदिवासी लड़की मीना खल्खों को बलात्कार के बाद नक्सली बताकर गोली मार दी गयी तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नही? रमन सिंह जी का कार्यकाल तो इन्हीं के लिए जाना जाता है। रमन सिंह के शासनकाल में एड़समेटा, पेद्दागेलूर, सोनकू-बिजलू हत्याकांड जैसी घटनायें, फर्जी आत्मसमर्पण, फर्जी मुठभेड़ों में आदिवासियों की हत्यायें जैसे कामों के लिये ही जाना जाता है। आज छत्तीसगढ़ में ऐसे कोई काम नहीं हो रहे हैं इसलिए रमन सिंह जी को लगता है कोई मुख्यमंत्री नहीं है। जबकि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार हैं और जनहित में अच्छा काम कर रही हैं।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 15 साल तक छत्तीसगढ़ में रमन सिंह जी मुख्यमंत्री थे उस दौरान उनको सभी ओर विकास दिखता था और छत्तीसगढ़ की जनता विकास ढूंढते रही। रमन सिंह के कार्यकाल में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी रही। किसानों की आत्महत्या की घटनाएं, किसानों के साथ वादाखिलाफी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती, युवाओं के रोजगार को आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेचने की नीति और छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, परंपरा को दबाने की कोशिश किया गया।

प्रशासनिक अराजकता चरम सीमा पर रही है। उसे डॉ. रमन सिंह विकास बताते रहे हैं और समझते रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों से किए वादे को पूरा कर रही है। छत्तीसगढ़ कला, संस्कृति परंपरा को सहेजने के लिए काम कर रही है। सर्वहारा वर्ग के विकास की सोच के साथ काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ की जनता को विकास दिख रहा है और रमन सिंह जी को विकास नहीं दिख रहा, सरकार नही दिख रही है तो स्पष्ट है कि रमन सिंह ने फिर से उल्टा चश्मा पहन लिया है। इस बार चश्में में जो विकास होता है, किसानों, मजदूरों, गरीबों के हित में अच्छा काम होता है वह रमन सिंह जी को नहीं दिखता।

 बड़ी खबर : शीर्ष नेतृत्व ने अब इस राज्य के मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा

बड़ी खबर : शीर्ष नेतृत्व ने अब इस राज्य के मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा

चंडीगढ़। पंजाब में चल रहे सियासी उठापटक के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि एआईसीसी कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनका इस्तीफा मांगा है। जानकारी के अनुसार पंजाब कांग्रेस भवन में शाम को विधायक दल की मीटिंग से पहले ही पार्टी हाईकमान ने सीएम कैप्टरन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांग लिया है। एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है। पिछले कई दिनों से उन्हें हटाने की तैयारी चल रही थी। इसके बाद आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नया नेता चुना जाएगा।

सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को फोन करके कहा कि उन्हें इस तरह की ह्यूमिलेशन बर्दाश्त नहीं है। अगर आज यह क्लेेश खत्म नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने यह बात कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ से भी की है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। दूसरी ओर, यह भी चर्चा है कि कैप्टैन ने सीएम पद से हटाने पर कांग्रेस छोड़ने की भी धमकी दी है। वैसे इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

अब पंजाब में विधानसभा चुनाव को मात्र छह महीने का ही समय बचा है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांग लिया है। हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन बताया जा रहा है कि पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। कैप्टन से उन्हें इस्तीफा सौंपने को कहा गया है। नए मुख्यशमंत्री के लिए सुनील जाखड़ व पंजाब कांग्रेस अध्यंक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कुछ अन्य‍ नामाें की चर्चा है।

ज्ञातव्य है कि तीन दिन पहले करीब 40 विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जता दिया था। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा था कि और भी कई विधायक उनके खिलाफ हैं लेकिन जब तक वह सीएम रहेंगे,कोई भी खुलकर उनके खिलाफ नहीं बोलेगा। ऐसे में विधायक दल की मीटिंग बुलानी जरूरी है जिसमें दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भी हों। इस चिट्ठी के आधार पर हरीश रावत ने कांग्रेस की प्रधान सोनिया गांधी से मुलाकात की और शुक्रवार देर रात को उन्होंने पंजाब कांग्रेस कमेटी से आज शाम को पांच बजे विधायक दल की मीटिंग बुलाने को कहा। इसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर अजय माकन और हरीश राय चौधरी को भेजा जा रहा है। सुबह से यह तय हो गया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने निकटवर्ती विधायकों की बैठक सिसवां फार्म हाउस पर बुलाने जा रहे हैं । उनके बेहद करीबी माने जाने वाले विधायकों ने भी दबी जुबां से कहना शुरू कर दिया है कि अब खेल खत्म हो गया है।

बता दें कि इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने 40 विधायकाें की पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को स्वीककार कर लिया। पंजाब कांग्रेस के अध्यंक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट का बताया है कि पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम पांच बजे होगी। बैठक में दो पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश राय चौधरी भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और कैप्ट न अमरिंदर सिंह को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सियासी गलियारों में इसको लेकर कयासबाजी लगाई जा रही है कि कैप्ट न अमरिंदर सिंह की कुर्सी कायम रहेगी या कांग्रेस नया मुख्यलमंत्री बनाएगी।
 
उधर पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने कहा कि पार्टी में कई अंदरुनी मसले हैं। पार्टी के कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। पंजाब कांग्रेस में कोई समस्या  नहीं है। मैं समझता हूं कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों के विचार सुने जाने चाहिए। इसमें क्या  समस्याक ?
 
पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर आज शाम पांच बजे पंजाब के कांग्रेस विधायक दल की चंडीगढ में बैठक होगी। सिद्धू ने इस संबंध में पंजाब कांग्रेस अध्येक्ष हरीश रावत के ट्वीट को भी रिट्वीट किया है।
 
हरीश रावत ने अपने ट्वीट में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को पंजाब के काफी संख्याश में कांग्रेस विधायकों का पत्र मिला। इसमें कांग्रेस विधायक दल की तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद कांग्रेस विधासक दल की 18 सितंबर को शाम पांच बजे बैहोगी हाेगी।
 
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ 40 विधायकों की ओर से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र के बाद कांग्रेस के विधायक दल की मीटिंग शनिवार को शाम पांच बजे बुलाने के बारे में ट्वीट हरीश रावत ने देर रात करीब पौने 12 बजे किया। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद रावत ने देर रात यह जानकारी दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन और हरीश राय चौधरी पर्यवेक्षक के रूप में इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
बता दें कि कांग्रेस विधायकों की ओर से विधायक दल की मीटिंग की मांग के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राज्य के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की। इसमें शनिवार को विधायक दल की मीटिंग बुला कर कांग्रेस की खींचतान को जल्द खत्म करने को कहा है। दोनों पर्यवेक्षक सभी विधायकों से बात के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करके सोनिया गांधी को सौंपेंगे।
 
कैप्टन अमरिंदर सिंह के विकल्प के रूप में पार्टी को कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा है जो सभी वर्गों को साथ लेकर चल सके। विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अविश्वास जताने वाले कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा अपने साथी तीन मंत्रियों और कुछ विधायकों को साथ लेकर बुधवार को कांग्रेस के अन्य विधायकों से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करवाए थे।
 
इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश महासचिव (संगठन) परगट सिंह और उसके बाद तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर नेताओं में लंबी बातचीत का दौर चला। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर बातचीत हुई थी। बैठक में शामिल विधायकों ने मुख्यमंत्री पर अविश्वास जताया है। पिछले महीने बाजवा के घर हुई थी बैठक गौरतलब है कि 25 अगस्त को भी इसी तरह की एक बैठक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर हुई थी। इसमें चार मंत्रियों सहित 20 विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जताया था।
 
BIG BREAKING: फिर दिल्ली रवाना हुए स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव, जानिए वजह

BIG BREAKING: फिर दिल्ली रवाना हुए स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव, जानिए वजह

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सरगर्मी तेज हो गई है। सीएम भूपेश बघेल को उन्हीं की सरकार के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव ढाई ढाई साल के सीएम को लेकर चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान भी इस समस्या से जूझ रहा है। अब कहा जा रहा है कि सिंहदेव शुक्रवार को अपनी मांग को लेकर फिर दिल्ली रवाना हो गए हैं। हाईकमान भी समिति बनाकर कोई फॉर्मूला तलाशने के प्रयासों में जुटा है।

इस बीच, राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी दिल्ली में थे। दोनों ने छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया से मुलाकात की। इस दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न समाज, संगठनों का बघेल के नेतृत्व पर पूरा भरोसा होने से संबंधित पत्र भी सौंपे गए।

रायपुर में कुछ विधायकों और कांग्रेस पदाधिकारियों का अलग-अलग होटलों में मिलने का सिलसिला भी जारी है। एक प्रभावी नेता विधायकों के संपर्क में हैं और उन्हें एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है। इस हलचल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। इस मामले में पुनिया जवाब दे चुके हैं।

उधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से भी केंद्रीय संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के संदर्भ में चर्चा की थी। सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनसे छत्तीसगढ़ के मामलों में पहले भी सलाह ली जाती रही है। सिंह को छत्तीसगढ़ की समीक्षा करने के लिए रायपुर भेजा जा सकता है।

सीएम बघेल का ढाई साल का कार्यकाल हो चुका पूरा
दरअसल, ढाई ढाई साल के सीएम के फॉर्मूले के अनुसार सिंहदेव सीएम पद पर दावेदारी कर रहे हैं। बघेल को 16 जून को ढाई साल पूरे हो गए हैं। इसे लेकर सिंहदेव व उनके समर्थक लगातार दिल्ली रायपुर एक किए हुए हैं। बीते दिनों तो 50 से ज्यादा विधायक राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए थे। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा छग में नेतृत्व बदलने से इनकार के बाद भी बार बार यही मांग की जा रही है। 2018 में जब कांग्रेस की छग में सरकार बनी तो हाईकमान के सामने ढाई-ढाई साल के सीएम का फॉर्मूला बनाया गया था। इसमें प्रदेश के दोनों बड़े नेताओं को मौका देने के लिए बारी-बारी से सीएम की कुर्सी संभालनी थी।