रायपुर | भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कल 18 सितम्बर को राजधानी रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में सम्पन्न होगी, उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश मीडिया प्रभारी संतोष जैन एवं राजकुमार राठी ने बताया कि व्यापारी हित के विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श कर सरकार से उन समस्याओं के निराकरण की मांग की जाएगी, निराकरण नहीं होने पर सरकार के खिलाफ व्यापार प्रकोष्ठ द्वारा सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी। कार्यसमिति की बैठक में प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, संगठन मंत्री पवन साय, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री राजेश मूणत शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश संयोजक लाभचंद बाफना करेंगे।
धमतरी: जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरद लोहाना, महापौर विजय देवांगन, पूर्व अध्यक्ष मोहन लालवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष कांति सोनवानी, उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर, निगम सभापति अनुराग मसीह ने कहा है कि भाजपा उन नेताओं को जिन्होंने भाजपा के लिए अपने जीवन लगा दिया। संगठन में सब कुछ लगा दिया। पूरे देश में भाजपा एक-एक करके अपने नींव के पत्थर को उखाडऩे में लगी है। येदुरप्पा, उसके बाद त्रिवेंद्र रावत, तीरथ सिंह रावत, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, विजय रुपाणी जैसों को उनके पदों से हटा दिया। अब मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान का नंबर है। फिर छत्तीसगढ़ के नेताओं का भी नंबर आएगा। छत्तीसगढ़ के नेताओं के लिए यह चेतावनी है। छत्तीसगढ़ के भाजपा के सारे वरिष्ठ नेता मार्गदर्शक मंडल में अपनी जगह तलाशने के लिए तैयार रहें।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि धर्मांतरण पर भाजपा के आंदोलन का उद्देश्य डी. पुरंदेश्वरी के थूकने वाले शर्मनाक बयान से ध्यान हटाने का प्रयास है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि धर्मांतरण पर भाजपा का आंदोलन दरअसल विषयान्तरण की कोशिश मात्र है, जो सफल नहीं हो रही। डी. पुरंदेश्वरी के शर्मनाक बेहूदे बयान से छत्तीसगढ़ के मान सम्मान स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। मजदूर और किसानों की ध्यान रखने वाली सरकार पर थूकने और थूक से इस सरकार से बहने की बात डी. पुरंदेश्वरी ने कही थी, जो अप्रजातांत्रिक है। अब डी पुरंदेश्वरी के बेहूदे बयान से ध्यान हटाने के लिए विषयान्तरण करने के लिए भाजपा ने धर्मांतरण को विषय के रूप में चुना है।
दरअसल भाजपा धर्मांतरण को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। अगर जरा भी गंभीर होती तो 15 साल के भाजपा के रमन सिंह के सरकार में धर्मांतरण का एक मामला तो दर्ज होता।कांग्रेस नेताओं ने चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा के नेता उन शिकायतों को पब्लिक के सामने रखें। भाजपा के नेता उन शिकायतों को राज्य सरकार के सामने रखें और यह देखा जाए कि कहां पर किस कानून का उल्लंघन हो रहा है। 24 घंटे के अंदर कांग्रेस की सरकार कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगी। दरअसल भाजपा का उद्देश्य धर्मांतरण पर रोक है ही नहीं। ऐसा होता तो भाजपा ने 15 वर्ष में अपनी सरकार में कुछ किया होता। कुछ तो नहीं किया और कांग्रेस की सरकार पर झूठे आरोप मढऩे के लिए विषयान्तरण करने पुरंदेश्वरी के बयान से ध्यान हटाने के लिए भाजपा धर्मांतरण की बात कर रही है।
भाजपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं हुए तो खटखटाएंगे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा : अजय चन्द्राकर
धमतरी: 9 सितम्बर को भाजपा कार्यालय कुरूद में घुसकर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए दुव्र्यवहार के विरोध में पूर्व मंत्री एवं कुरूद विधायक अजय चन्द्राकर ने गुरूवार 16 सितम्बर को एसपी कार्यालय धमतरी के पास सद्भावना उपवास रखकर धरना दिया। जिसमें जिले भर के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमे को अगर वापस नहीं लिया गया तो जरूरत पडऩे पर सुप्रीम कोर्ट तक जाकर लड़ाई लडेंग़े। वैसे उक्त मुद्दे को लेेकर पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। फिर भी इस मामले में भाजपा ने मुखर होकर सड़क की लड़ाई शुरू कर दी है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा किए गए कार्यवाही को गलत ठहराते हुए पूर्व मंत्री एवं कुरूद विधायक अजय चन्द्राकर ने एसपी कार्यालय के पास सद्भावना उपवास रखा एवं धरना दिया।
उन्होंने इस अवसर पर प्रखर समाचार से विशेष चर्चा में कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का अपना अलग स्थान है। यह पहली बार हुआ है कि सत्तारूढ़ दल के लोगों ने बिना अनुमति के भाजपा कार्यालय में घुसकर गुंदागर्दी की। यहां तक की मेरे साथ भी दुव्र्यवहार करने लगे। अगर भाजपा के कार्यकर्ता संयम नहीं बरतते तो उस दिन बड़ी घटना हो जाती। बड़ी घटना होने के बाद भी पुलिस ने कांग्रेस, भाजपा पर काउंटर अपराध दर्ज किया और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को थाने में 6 घंटे तक मेहमान की तरह बैठाकर हाथ जोड़ती रही। धमतरी जिले में हमारे आंदोलन को प्रशासन और कांग्रेस रोकने की कोशिश में लगे रहे। जबकि अनुमति लेकर आंदोलन किया जा रहा है। फिर भी जिला प्रशासन के पेट में दर्द होने लगा है। जिला प्रशासन हमारे इस आंदोलन को ठप करने में लगा रहा। यहां तक कांग्रेस, प्रशासन के साथ मिलकर भाजपा को कमतर आंकने में लगी हुई है।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि धमतरी जिले के साथ-साथ देश और प्रदेश में भाजपा पूरी तरह मजबूत है। कांग्रेस यह जान ले कि भाजपा को प्रताडि़त करने की हिमाकत न करे। ढाई साल में धमतरी को क्या मिला। मीडिया में खबर है कि धमतरी एक बारिश में ही पूरी तरह डूब गया। क्या यही विकास का स्वरूप है। धमतरी के स्वरूप को बदलने के लिए कोई कार्य नहीं किए गए। धोखे में रखकर कांग्रेस ने अपने हाथ में सत्ता की चाबी रख ली। भूपेश सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। अपनी गलती को छिपाने के लिए केन्द्र सरकार पर दोष थोप रही है। 3 चौथाई बहुमत की सरकार है तो उन्हें हस्ताक्षर अभियान चलाने की जरूरत क्यों पड़ रही है। पूरे प्रदेश में आज अस्थिरिता की स्थितियां बन गई है। सरकार के पास जनता के बारे में सोचने का कोई वक्त नहीं है। प्रदेश भर में प्रशासन निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के 1-2 अधिकारी अतिउत्साह में कांग्रेस के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे हमारे राडार में हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का भी सम्मान होना चाहिए। भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमे को वापस लिया जाए नहीं तो हम अदालत जाएंगे। इस संबंध में वकीलों से भी बात हो गई है। जरूरत पडऩे पर कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए हम सुप्रीम कोर्ट तक भी लड़ाई लड़ेंगे।
इस अवसर पर श्री चन्द्राकर के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष शशि पवार, धमतरी विधायक रंजना साहू, पूर्व जिलाध्यक्ष रामू रोहरा, निरंजन सिन्हा, कविन्द्र जैन, महेन्द्र पंडित, प्रीतेश गांधी, प्रकाश बैस, नागेन्द्र शुक्ला, विजय मोटवानी, कमल डागा, बीथिका विश्वास, हेमंत माला, विकल गुप्ता, भानु चन्द्राकर, हेमलता शर्मा, खिलेश्वरी किरण, छत्रपाल बैस, सुरेश अग्रवाल, मूलचंद सिन्हा, ज्योति चन्द्राकर, राजेन्द्र शर्मा, विजय साहू, हेमंत चन्द्राकर, ऋषभ देवंागन, मुरारी यादव, अकबर कश्यप, विजय यदु, निर्मल चन्द्राकर, होरीलाल साहू, पुष्पेन्द्र, मोनिका देवांगन, दिनेश्वरी नेताम, हुमित लिमजा, चेतन हिन्दुजा, प्रकाश गोलछा, रोशन चन्द्रकार, मनोहर मानिकपुरी, मोहन पुजारी, बलजीत छाबड़ा, घनश्याम साहू, कीर्तन मीनपाल, श्यामा साहू, डीपेन्द्र साहू, यूसुफ खान समेत बड़ी संख्या में जिले भर के भाजपाई मौजूद थे।
प्रदर्शन के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष शशि पवार के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया कि युवा कांग्रेस के कृष्ण कुमार मरकाम, देवव्रत साहू, डोमन साहू एवं अन्य आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की जाए। इन कांग्रेसियों ने भाजपा कार्यालय में बिना अनुमति के घुसकर गंदा मैला पसीने से लतपथ संक्रमित गमछे को विधायक को पहनाने का प्रयास किया। जबकि विधायक शालीनता के साथ बैठे थे। देवव्रत साहू, डोमन साहू, योगेश चन्द्राकर अन्य कांगे्रसी पूर्वाग्रह और षडयंत्रपूर्वक असभ्यता पर उतारू हो गए। भाजपा कार्यालय की कुर्सियों को तोडफ़ोड़ किया गया। धक्का मुक्की की आड़ में विधायक पर हमला बोल दिया जिसे विधायक नेे कथित कांग्रेसी नेताओं को कार्यालय से बाहर किया। अनाधिकृत प्रवेश करने एवं कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कार्यवाही की जाए।
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि भाजपा और डा. रमन सिंह की फितरत लाशों पर राजनीति करना है, इसीलिये शायद इन्होंने अनर्गल आरोप लगाना बंद नहीं किया है। डा. रमन सिंह ये बताना चाहेंगे कि उनके शासनकाल में पंडो जनजाति के लिये क्या किया कि 15 वर्षों में भी पंडो लोगों की स्थिति में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ? क्या कारण था कि सूरजपुर के पंडोनगर के लोगों को विधानसभा चुनाव 2018 का बहिष्कार करने की घोषणा करनी पड़ी थी?
भाजपा ने सन 2017 में तब जांच टीम क्यों नहीं भेजी जब सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में थोड़े से अंतराल में ही पंडो समाज के करीब 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी जिस पर केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम को जांच करने के लिये आना पड़ा था? उस समय डा. रमन सिंह के मुंह पर ताला क्यों पड़ गया था? 2016 में वाड्रफनगर के बसंतपुर में रामकरण पंडो की मृत्यु को लेकर क्यों पूरे पंडो समाज को उग्र आंदोलन करने पर विवश होना पड़ा था, क्या डा. रमन सिंह इस पर प्रकाश डालना नहीं चाहेंगे?
क्या कारण है कि पंडो समाज में भाजपा अपने शासन के 15 वर्षों में अंधविश्वास और अशिक्षा को दूर नहीं कर पायी, क्या कारण है कि पंडो समाज की मातायें बहनें वर्षों से कुपोषण का शिकार रहीं जिसके कारण एक बड़ी आबादी हिमोग्लोबिन की कमी से जूझती रही? इन प्रश्नों में से किसी का भी उत्तर डा. रमन सिंह के पास नहीं होगा लेकिन एक बात वे बखूबी करना जानते हैं, और वो है एक ऐसे संवेदनशील विषय पर कुत्सित राजनीति करना।
बलरामपुर में पंडो समाज के लोगों की मृत्यु की घटना की जांच के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव को दिये जा चुके हैं जिन्हें तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। पंडो जनजाति में हिमोग्लोबिन की कमी के मद्देनज़र सभी आवश्यक दवायें सप्लाई करने के निर्देश दिये जा चुके हैं। भाजपा शौक से अपनी जांच समिति गठित करके भेज सकती है, वैसे भाजपा को ये जांच समिति अपनी सरकार के समय गठित करनी थी और उनकी सुध लेनी चाहिये थी। अब वहा जाकर घड़ियाली आंसू बहाना सिर्फ और सिर्फ भाजपा की डर्टी पालिटिक्स है और कुछ नहीं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस सरकार न सिर्फ पंडो बल्कि सभी जनजातीय समाजों के लिये पूरी गंभीरता से काम कर रही है। पंडो विकास अभिकरण के लिये बजट की कोई कमी नहीं रखी गई है। सरकार ने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत कुपोषण के विरूद्ध एक निर्णायक जंग छेड़ी हुई है जिससे सभी लाभान्वित हो रहे हैं। मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं और दाई दीदी क्लीनिकों के माध्यम से माताओं और बहनों को निरंतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जो भी स्थानीय बाधायें रहीं या कमियां छूट गईं वे जांच में सामने आने पर उन पर सरकार कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा किसानों से, किसानों की प्रतिनिधि सरकार से कितना नफरत करती है ये उनके शासन के 15 साल में स्पष्ट हो ही गया था, बस्तर में अपने चिंतन शिविर में किसानों की सरकार को थूक कर बहा देने के बयान से भाजपा ने अपनी खीझ को और प्रकट कर दिया क्योंकि किसान भाईयों ने आपकी धोखेबाज सरकार और धोखेबाज पार्टी को सत्ता से उतार फेंका था। तब से आप किसानों को भ्रमित करने के लिये दोहरी राजनीति खेल रहे हैं, एक तरफ किसान हितैषी योजनाओं का लाभ उठाते हुए लाखो रूपये कमा रहे हैं, दूसरी तरफ प्रदेश के किसानों में सरकार के प्रति असंतोष भरने का षड़यंत्र कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आपको प्रदेश के किसानों को ये बताना चाहिये कि आपकी भाजपा की केंद्र सरकार ने किस तरह से छत्तीसगढ़ से धान खरीदी करने के वादा करके धान नहीं खरीदा और हमारे किसानों के खून पसीने से सींचकर उपजाये गये धान का अपमान किया गया। आपको बताना चाहिये कि किस तरह से भाजपा की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक-एक बारदाने के लिये तरसाया जिसके कारण हमें मजबूरी में वैकल्पिक व्यवस्थायें करनी पड़ीं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आपको बताना चाहिये कि किस प्रकार से केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की सरकार को परेशान करते हुए एफसीआई को धान का उठाव नहीं करने दिया गया जिसके कारण धान खरीदी केंद्रों, संग्रहण केंद्रों में धान का उठाव नहीं किये जाने से धान पड़ा रह गया और सबसे दुखद बात ये है कि भाजपा के प्रदेश के नेताओं ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाना तो दूर एक आवाज तक नहीं उठाई बल्कि फर्जी मुद्दे बना बनाकर किसानों और जनता को भ्रमित करते रहे। आपने प्रदेश सरकार के हिस्से की जीएसटी की राशि केंद्र सरकार द्वारा दबा लिये जाने पर भी मौन साधे रखा क्योंकि आपको प्रदेश की जनता के कल्याण की कोई चिंता नहीं थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा अब शिकायत करने का अधिकार खो चुकी है आपको पश्चाताप करना चाहिये। अब भाजपा के पास कोई मुंह नहीं बचा है कि वह आदिवासी, किसानों, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के लोगों के संबंध में कोई भी तर्क करे और भाजपा को अपनी सांप्रदायिकता की राजनीति को भी बंद करना चाहिये क्योंकि प्रदेश की जनता जानती है कि भाजपा अपने शासनकाल में धर्मान्तरण पर कोई कार्यवाही नहीं करती और इसे कांग्रेस की सरकार आने पर एक घातक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है जैसे छत्तीसगढ़ में हाल फिलहाल में कर रही है। प्रदेश की जनता जानती है कि धर्म भाजपा के लिये समाज को विभाजित करके वोट बैंक की राजनीति करने की एक चाल है और जनता कभी आपके मंसूबों को सफल नहीं होने देगी।
रायपुर: केवल एक या 2 घंटे की बारिश में शहर में चारों तरफ पानी भर जाता है। निचली बस्तियों की बात तो दूर, शहर के हृदय स्थल जय स्तंभ चौक से लेकर सभी मार्ग जल मग्न हो जाते हैं। निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि हम बारिश के पहले से निगम अधिकारियों से नाली ,नाले के ऊपर अतिक्रमण हटाने की मांग करते रहे । लेकिन नगर निगम के कांग्रेसी सरकार ने अपने चहेतों को लाभ दिलाने के लिए ना तो अतिक्रमण हटाए ना नाली, नालों की सफाई को लेकर गंभीर रही। इसका परिणाम आज पूरा शहर भोग रहा है। सफ़ाई एवम् जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए जो इतने पैसे आते है वह जाता कहाँ है?विगत 5 दिनों मेंअनेकों बार शहर के विभिन्न बस्तियों मार्गों में पानी भर गया । शहर की चिंता सरकार में बैठे लोगों को नहीं है।
इन सब समस्याओं को लेकर कल 15 सितंबर को सुबह 12:00 बजे भाजपा पार्षद दल निगम मुख्यालय में प्रदर्शन करेगी एवम कमिश्नर को ज्ञापन देगी।
रायपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान विकास के झूठे दावों को परोसकर अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनने के लिए बेताब हुई जा रही प्रदेश सरकार के घेरे से बाहर निकलकर ज़रा छत्तीसगढ़ की उन क्रूर सच्चाइयों का मुआयना करने की ज़हमत भी उठाएँ, जिन्हें प्रदेश की उनकी नाकारा सरकार के लगभग पौने तीन साल के शासनकाल में छत्तीसगढ़ के बाशिंदे भोगने के लिए विवश हुए हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि राहुल गांधी के तीन दिनी दौरे का रोडमैप तैयार कर रही प्रदेश सरकार विकास के खोखले दावों का ढोल पीटने की बचकानी कोशिश में लगी है। सत्ता-संघर्ष और अंदरूनी कलह से जूझती प्रदेश सरकार अपनी कुर्सी बचाने की ज़द्दोज़हद का यह आख़िरी दाँव खेल रही है और इसलिए वह अपनी शर्मनाक विफलताओं पर पर्दा डालकर कुछ चुनिंदा ज़गहों पर राहुल गांधी को ले जाकर झूठा श्रेय लूटने की नौटंकी कर रही है। साय ने चुनौती दी कि अगर प्रदेश सरकार में ज़रा भी नैतिक साहस है तो वह राहुल गांधी को अपनी बदनीयती और कुनीतियों के सच का सामना करने का मौक़ा दे। साय ने इस संदर्भ में प्रदेश सरकार से कुछ सवाल कर उनके ज़वाब मांगे हैं :
किसानों के नाम पर सियासत कर सत्ता में आने के बाद उन्हीं किसानों से वादाख़िलाफ़ी, छलावा करने वाली प्रदेश सरकार क्या राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ के उन 440 किसानों के घर ले जाएगी, जिन्होंने कांग्रेस शासन के बीते पौने तीन सालों में प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियों और तुग़लक़शाही के चलते आत्महत्या की है?
क्या प्रदेश सरकार राहुल गांधी को उन 10 हज़ार से ज़्यादा महिलाओं और 4,000 नाबालिग किशोरियों के घर लेकर जाएगी, जो दुष्कर्म/सामूहिक दुष्कर्म की दरिंदगी के दंश से अपनी लहूलुहान अस्मिता की मर्मान्तक पीड़ा भोग रही हैं? क्या सरगुजा की उस दुष्कर्म पीड़िता पांच साल की बच्ची और उसके परिजनों से मिलवाने का साहस दिखाएगी, जिस पीड़िता बच्ची के डॉक्टरी मुलाहिजे के लिए उसके पिता कई दिनों तक इस अस्पताल से उस अस्पताल की चौखटों पर ठोकरें खा रहे थे?
क्या प्रदेश सरकार अपने ख़ानदानी शहज़ादे को उन ज़गहों पर ले जाकर सामूहिक हत्याकांड की बर्बरता का सच बताएगी जहाँ पीड़ित परिजनों की चीत्कार आज भी पूरे प्रदेश की मानवता और संवेदनाओं का मर्म भेद रही हैं? क्य वह प्रदेशभर में खुलेआम चाकूबाजी, हत्याओं की वारदात के आँकड़ों का ग्राफ़ दिखाएगी? क्या राहुल गांधी को प्रदेश सरकार सत्तावादी अहंकार में चूर उन कांग्रेस नेताओं, पार्षदों, विधायकों से भी मिलवाएगी जिन्होंने महिलाओं और सरकारी अफ़सरों से सरेआम मारपीट और बदसलूकी करने रिकॉर्ड अपने नाम किया है?
क्या प्रदेश सरकार सच के आईने में नज़र आ रही अपनी बदसूरत का नज़ारा कांग्रेस के अपने पूर्व अध्यक्ष को करा यह बता पाएगी कि कैसे आपराधिक तत्वों और तमाम माफ़ियाओं को सत्ता-संरक्षण में फलने-फूलने देकर छत्तीसगढ़ को अराजकता के गर्त में धकेल दिया गया है और क्या यह बताने का दम भी यह सरकार दिखाएगी कि कैसे एक दहेज हत्या के मामले में सजा काट चुके अपराधी को बड़ा पद देकर सरकार द्वारा उपकृत किया गया है?
क्या प्रदेश सरकार राजधानी के उस जयस्तम्भ चौक पर राहुल गांधी को लेकर जाकर यह दिखाएगी कि जहाँ बहुत भीड़ होती है, दिन-रात रौनक रहती है, वहाँ चाकुओं से गोदकर लोगों की सरेआम हत्या करके आरोपी बड़ी बेफ़िक्री से फ़रार हो जाते हैं?
क्या उन ज़गहों पर ले जाकर राहुल गांधी को प्रदेश सरकार सड़ांध फैलाते हुए उन लाखों मीट्रिक टन धान के बारे में बताएगी, जिसे ख़रीदकर प्रदेश सरकार ने खुले में रखकर बर्बाद करके अपने निकम्मेपन की मिसाल पेश की है? स्व. राजीव गांधी के नाम पर न्याय योजना चलाकर किसानों के साथ हर साल क्यों अन्याय किया जा रहा है?
क्या कांग्रेस के चश्म-ओ-चिराग़ को उन घरों तक ले जाकर प्रदेश सरकार अपनी उन बर्बर कलंक-कथाओं के बारे भी बताएगी, जिन घरों की किशोरवय की लगभग 6,000 नाबालिग लड़कियों का अपहरण किया गया और 111 मामले मानव तस्करी समने आए हैं? एक सभ्य समाज को शराबखोरी और नशीले पदार्थों की अंधी गलियों में धकेलने के कारण घरेलू हिंसा के बढ़ते ग्राफ़ से भी क्या प्रदेश सरकार राहुल गांधी को नावाक़िफ़ ही रखेगी?
रायपुर । 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक सेवा समर्पण अभियान व धर्मांतरण करने वाले की गिरफ्तारी के विषय में भारतीय जनता पार्टी रायपुर जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, पार्षद एवं कार्यकर्ताओं की आवश्यक बैठक एकात्म परिसर रजबन्धा मैदान में संपन्न हुई।
बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा धर्मांतरण, देश की सभ्यता, संस्कृति व जड़ों को कमजोर करने प्रयास है। धर्म कमजोर होने से देश कमजोर होता है। देश और धर्म की रक्षा के लिए कार्यकर्ताओं को हमेशा कमर कस के तैयार रहना चाहिए। उन्होंने धर्मांतरण करने वालों को चुनौती देते हुए कहा कि देश और धर्म की रक्षा के लिए हजारों भाजपा कार्यकर्ता बलिदान देने के लिए तैयार है।
पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि भाजपा धर्म रक्षकों के साथ खड़ी है उनको और उनके परिवार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ प्रदेश में जो अग्नि प्रज्ज्वलित हुई है। उस मशाल को हम लक्ष्य प्राप्ति होने तक जलाए रखेंगे।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा यह सरकार धर्म विरोधी है और धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है परंतु भारतीय जनता पार्टी पीछे नहीं हटेगी 15 तारीख को भाजपा सभी थानों में धर्मांतरण की बात कहने वालों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने आवेदन देगी 19 तारीख को रायपुर के सभी 70 वार्ड में सुबह 9:00 बजे प्रभात फेरी निकालेगी और 21 तारीख को रायपुर शहर जिला अंतर्गत प्रत्येक थानों में रायपुर जिला में निवासरत प्रदेश पदाधिकारी , जिला पदाधिकारी, पार्षदगण, मंडल अध्यक्ष 100 से ज्यादा की संख्या में जाकर गिरफ्तारी देगी।
रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कार्यकर्ताओ को बताया कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिवस 17 सितंबर से लेकर उनके प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के रूप में 20 वर्ष कार्यकाल 7 अक्टूबर को पूर्ण हो रहा है इस अवसर को भाजपा सेवा और समर्पण अभियान के रूप में मनाएगी। उन्होंने बताया माननीय प्रधानमंत्री जी सदैव गरीब वंचित दलित आदिवासी पिछड़े एवं किसानों के कल्याण हेतु समर्पित रहते हैं। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सेवा के महत्व तथा समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से जन जागरण अभियान चला जनता को जागृत करना है।
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी प्रत्येक कार्यालयों में प्रधानमंत्री के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की प्रदर्शनी लगायेंगे । दिव्यांगों को कृत्रिम अंग उपकरण वितरित करेंगे । युवा मोर्चा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाएगी। भाजपा कार्यकर्ता गरीब बस्तियों अनाथालय अस्पताल में फल वितरण करेगी। महिला मोर्चा सभी राशन दुकानों में राशन बैग वितरण करेगी।
बैठक का संचालन भाजपा जिला महामंत्री ओंकार बैस ने किया।
कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदे साहू, छगन मून्दड़ा, राजीव अग्रवाल, अमित साहू, सत्यम दुबा, योगी अग्रवाल, जिला मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल, आशु चंद्रवंशी, श्यामा चक्रवर्ती, अमरजीत छाबड़ा, ललित जैसिंघ, रमेश मिर्घनी, जिला मंत्री मुरली शर्मा, खेम सेन, अकबर अली, गोपी साहू,राजीव मिश्रा, हरीश ठाकुर,संजय तिवारी, मनोज वर्मा,मृत्युंजय दुबे,राजियत ध्रुव, राजेश पांडेय, रोहित साहू, भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोविंद गुप्ता, अर्पित सूर्यवंशी, सावित्री जगत, संजय तिवारी, ज्ञानचंद चौधरी, उमेश घोरमोडे, दीना डोंगरे , वंदना राठौर , मीडिया प्रभारी राहुल राय, उत्कर्ष त्रिवेदी, मडल अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, सालिक सिंह ठाकुर, अभिषेक तिवारी, महेश शर्मा, मुकेश पंजवानी, भूपेंद्र ठाकुर, प्रीतम ठाकुर, बी.निवास राव, होरीलाल देवांगन, ओमप्रकाश साहू, मोर्चा पदाधिकारीगण महादेव नायक, जसपाल सिंग रंधावा, गज्जू साहू, अमित शुक्ला, सचिन सिंघल, पुष्पेन्द्र उपाध्याय, राजेश गुप्ता, राजेश देवांगन, नीलम सिंह, पहलाद जलक्षत्री, श्रीमती स्वप्निल मिश्रा, भूपेंद्र डागा उपस्थित थे।
नई दिल्ली | पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीज का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 80 वर्षीय ऑस्कर फर्नांडीज का पिछले दो महीने से मंगलुरू के येनोपोया अस्पताल में इलाज चल रहा था। 18 जुलाई को वह घरेलू कामकाज करते हुए चोटिल हुए थे। इसके चलते उन्हें सिर में अंदरूनी चोटें आई थीं। 19 जुलाई को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां 27 जुलाई को ब्रेन सर्जरी के बाद खून के थक्के हटाए गए थे। इसके बाद से उनकी लगातार डायलिसिस चल रही थी। कांग्रेस ने उनकी मौत पर शोक जताते हुए ट्वीट किया।
We are deeply saddened by the demise of Shri Oscar Fernandes ji, our heartfelt condolences to his family.
— Congress (@INCIndia) September 13, 2021
A Congress stalwart, his vision for an inclusive India had a huge influence on the politics of our times.
The Congress family will deeply miss his mentorship & guidance. pic.twitter.com/UXcLI765yP
रायपुर, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि धर्मांतरण पर भाजपा का आंदोलन दरअसल विषयान्तरण की असफल कोशिश मात्र है। डी पुरंदेश्वरी के शर्मनाक बेहूदे बयान जिसमें छत्तीसगढ़ के मान सम्मान स्वाभिमान की ध्यान रखने वाली सरकार, मजदूर और किसान की ध्यान रखने वाली सरकार पर थूकने और थूक से इस सरकार से बहने की बात कहीं गई थी, डी पुरंदेश्वरी ने ऐसी घोर अप्रजातांत्रिक बात कहीं थी ।अब डी पुरंदेश्वरी के बेहूदे बयान से ध्यान हटाने के लिए विषयान्तरण करने के लिए भाजपा ने धर्मांतरण को विषय के रूप में चुना है। दरअसल भाजपा धर्मांतरण को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है अगर जरा भी गंभीर होती तो 15 साल के भाजपा के रमन सिंह के सरकार में धर्मांतरण का एक मामला तो दर्ज होता। जिन 200 शिकायतों की बात भाजपा के नेता कर रहे हैं मैं चुनौती देता हूं कि भाजपा के नेता उन शिकायतों को पब्लिक के डोमेन में रखें। भाजपा के नेता उन शिकायतों को राज्य सरकार के सामने रखें और यह देखा जाए कि कहां पर किस कानून का उल्लंघन हो रहा है। 24 घंटे के अंदर कांग्रेस की सरकार कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगी। दरअसल भाजपा का उद्देश्य धर्मांतरण पर रोक है ही नहीं। ऐसा होता तो भाजपा ने 15 वर्ष में अपनी सरकार में कुछ किया होता। कुछ तो नहीं किया और कांग्रेस की सरकार पर झूठे आरोप मढ़ने के लिए विषयान्तरण करने के लिए पुरंदेश्वरी के बयान से ध्यान हटाने के लिए भाजपा धर्मांतरण की बात कर रही है।
नई दिल्ली: भूपेंद्र पटेल गुजरात के अगले मुख्यमंत्री होंंगे। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के अचानक इस्तीफे के बाद रविवार को हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुना गया। विधायक दल की बैठक से पूर्व भाजपा कोर गु्रप की बैठक में अगले मुख्यमंत्री के रूप में पटेल के नाम पर मुहर लगी। पटेल संभवत: सोमवार के 15 मंत्रियों की टीम के साथ पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
गौरतलब है कि शनिवार को अचानक मुख्यमंत्री रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सीएम पद की रेस में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, मनसुख मंडाविया, डिप्टी सीएम नितिन पटेल, सौरभ पटेल, गोर्धन झड़पिया और प्रफुल्ल पटेल जैसे कई नामी चेहरे थे। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल के नाम पर मुहर लगवा कर एक बार फिर से सभी को चौंकने के लिए मजबूर किया।
गैरविवादित छवि-संगठन में पकड़ ने राह की आसान
गैरविवादित छवि और संगठन में पकड़ के साथ-साथ भूपेंद्र को पटेल बिरादरी से होने का लाभ मिला। चूंकि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में नेतृत्व राज्य के लिए पटेल समुदाय से किसी गैरविवादित चेहरे की तलाश मेंं था। यूपी की वर्तमान राज्यपाल और राज्य की पूर्व सीएम आनंदी बेन की पारंपरिक घाटतोलिया सीट से बीते चुनाव में पहली बार विधायक बने पटेल की संगठन में अच्छी पकड़ है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पटेल इससे पूर्व अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण में चेयरमैन का पद संभाल चुके हैं।
आनंदी के करीबी और पीएम के विश्वस्त
विधायक दल का नेता चुने गए भूपेंद्र उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन के करीबी और प्रधानमंत्री के विश्वस्त नेता रहे हैं। बीते चुनाव में आनंदी बेन की सिफारिश पर ही उनकी पारंपरिक सीट घाटलोडिया से उन्हें टिकट मिला। भूपेंद्र ने 80 हजार केबड़े अंतर से जीत हासिल की। हालांकि आनंदी की जगह उम्मीदवार बनाए गए भूपेंद्र के नाम की चर्चा उस समय भी हुई थी, मगर उन्हें नई सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।
पद संभालते ही चुनौतियों का अंबार
भूपेंद्र को पद संभालते ही कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। दरअसल कोरोना की पहली और दूसरी लहर में राज्य में सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ी। इसी दौरान पटेल समुदाय में नाराजगी पहले से और बढ़ गई। अब नए सीएम को कोरोना के कारण उत्पन्न नाराजगी के साथ अपनी बिरादरी में जारी असंतोष को थामने की चुनौती होगी। गौरतलब है कि पीएम बनने के बाद मोदी के सीएम पद से इस्तीफा देने के सात साल की अवधि में गुजरात को भूपेंद्र के रूप में तीसरा सीएम मिलने वाला है।
गुजरात के नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए बीजेपी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. दोनों नेता गांधीनगर के बीजेपी कार्यालय श्री कमलम पहुंच गए हैं. दोपहर तीन बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी. सूत्रों से जानकारी मिली है कि गुजरात में ओबीसी और आदिवासी समाज से दो डिप्टी सीएम का बनना संभव है. भारतीबेन शियाल और गणपत सिंह बसावा के नाम पर विचार किया जा रहा है.
बीजेपी के सभी विधायक केंद्रीय पर्यवेक्षकों और केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक में शामिल होंगे. गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के लिए कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं. कुछ प्रमुख नामों में प्रफुल्ल पटेल, गोरधन जदाफिया, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रूपाला और राज्य भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल शामिल हैं.
विधायक दल की बैठक से पहले, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि विधायक दल का नेता “लोकप्रिय, मजबूत, अनुभवी और सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।”
उन्होंने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि वह इस चरण में किसी का नाम नहीं लेंगे और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व नए मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लेगा। यह पूछ जाने पर कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर कौन सबसे योग्य है, पटेल ने रविवार को कहा कि नेता को “लोकप्रिय, मजबूत, अनुभवी और सर्व स्वीकार्य होना चाहिए.”
उन्होंने गांधीनगर में अपने आवास के बाहर कहा, “मैं यहां किसी संभावित नाम पर अपनी व्यक्तिगत राय देने नहीं आया हूं. नए मुख्यमंत्री का चुनाव केवल एक खाली पद को भरने की कवायद नहीं है. गुजरात को एक सफल नेतृत्व की जरूरत है ताकि राज्य सबको साथ लेकर विकास कर सके.”
भाजपा नेतृत्व ने तीन माह में अपने तीन राज्यों के मुख्यमंत्री बदलकर भावी राजनीतिक तैयारियों के लिए बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। जल्दी ही कुछ और राज्यों में भी बदलाव हो सकता है। दरअसल, पार्टी नेतृत्व को जो फीडबैक मिल रहा है वह उतना अच्छा नहीं है, जिसकी वह उम्मीद कर रहा था। ऐसे में कमजोर विपक्ष के बावजूद भी पार्टी की रणनीतिक चिंता बरकरार है और वह उनको समय रहते हल कर लेना चाहती है।
भाजपा नेतृत्व ने तीन महीनों में उत्तराखंड, कर्नाटक और अब गुजरात के मुख्यमंत्री बदले हैं। उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में चुनाव हैं और पार्टी रणनीति के अनुसार वहां पर पुराने नेतृत्व के साथ जरूरी चुनावी तैयारियां नहीं कर पा रही थी। ऐसे में वहां पर तो एक साल में तीन मुख्यमंत्री बदले गए हैं। कर्नाटक में भी पार्टी ने अपने सबसे बड़े नेता बीएस येद्दुरप्पा को बदल दिया है ताकि भविष्य की मजबूत जमीन तैयार की जा सके। अब गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन कर साफ कर दिया है कि वह अपनी भावी रणनीति को लेकर बेहद संजीदा है और इसमें किसी तरह की हीला हवाली के पक्ष में नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व की असली चिंता 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं। पार्टी उनमें अपना प्रदर्शन मजबूत रखना चाहती है, ताकि 2024 की मजबूत बुनियाद खड़ी हो सके। विभिन्न स्थानों से पार्टी ने जो फीडबैक हासिल किया है उसके अनुसार कोरोना काल के दौरान लोगों की दिक्कतें बढ़ी है। मौजूदा राज्यों के नेतृत्व को लेकर यह नाराजगी कहीं कम तो कहीं ज्यादा है। इसका विपरीत असर चुनाव पर पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी नए नेताओं के साथ नई तैयारियों के जरिए जनता के बीच जाना चाहती है और उसका विश्वास बहाल रखना चाहती है।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी की समीक्षा में जिन राज्यों की रिपोर्ट अच्छी नहीं है उनमें मध्य प्रदेश, हरियाणा और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल है, जहां उसकी अपनी सरकार हैं। इनमें मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी को चुनाव में जाना पड़ेगा। त्रिपुरा में नेतृत्व पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं और पार्टी की दिक्कतें कम नहीं हो पा रही है। हरियाणा में भी कमोबेश यही स्थिति है। वहां के सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर भाजपा ने गैर जाट राजनीति को आगे बढ़ाया है, लेकिन नेतृत्व को लेकर दिक्कत है बनी हुई है।
source: Hindustan
Gujarat New Chief Minister: गुजरात में विजय रुपाणी के अचानक सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज़ हो गई है. बताया जा रहा है कि कल यानी रविवार को बीजेपी के विधायक दल की बैठक हो सकती है. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि सीएम पद की रेस में नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा है.
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया भी रेस में
सीएम पद की रेस में कई नाम सामने आए हैं, जिनमें मनसुख भाई मंडाविया भी शामिल हैं. मंडाविया का नाम भी सीएम की रेस में है. मनसुख मांडविया फिलहाल केंद्र में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हैं. वो गुजरात से बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं. 49 साल के मनसुख मांडविया करीब 2 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं.
कौन हैं नितिन पटेल
इस वक्त सूत्रों के मुताबिक नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा है. नितिन पटेल 5 अगस्त 2016 को गुजरात के डिप्टी सीएम बने थे. बता दें कि नितिन पटेल को गुजरात सरकार में साल 2001 में वित्त मंत्री बनाया गया था. नितिन पटेल छह बार के विधायक हैं और तीन दशक का उनका राजनीतिक करियर है. 1990 में पहली बार गुजरात विधानसभा से विधायक बने थे. नितिन पटेल उत्तरी गुजरात के रहने वाले हैं.
रायपुर: मात्र 2 घंटे की बारिश में रायपुर शहर जलमग्न हो जाने पर भाजपा मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अक्षम सरकार के अक्षम महापौर की अक्षमता से आज रायपुर की ना केवल निचली बस्ती अपितु शॉपिंग मॉल, व्यवसायिक कंपलेक्स , दुकान,मकान,सड़कें, अंडर ब्रिज पानी में डूब गया है। नालों के कचरे लोगों के घरों में घुस गए हैं । पूरे शहर में बाढ़ के हालात हैं । आज महापौर एजाज ढेबर को बताना चाहिए कि साल भर से नाली सफाई और निर्माण के नाम पर जो करोडो रुपए निकले हैं वह आखिर कहां उपयोग में लाए गए हैं ।
भारतीय जनता पार्टी लगातार निगम में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। विगत दिनों अधिकारियों की जांच में विभिन्न वार्डों में आधे से कम सफाई कर्मचारी मिले परंतु निगम सरकार व अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। कांग्रेस के शासनकाल में कमीशन के चक्कर में जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। निगम द्वारा शहर की सफाई के नाम पर हर महीने ₹5 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है परंतु आज 2 घंटे की बारिश ने सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। कमीशन के खेल के कारण वार्ड में क्लस्टर सिस्टम लागू नहीं होने दिया जा रहा है । क्योंकि अगर कलस्टर सिस्टम लागू होंगे तो सीधे वार्ड की जनता बोर्ड देखकर सफाई कर्मी की पहचान कर लेंगे और उनके अनुपस्थित रहने पर शिकायत करेंगे।
जिला मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश वैसे ही डेंगू की चपेट में है ।अब इस जलभराव के बाद हैजा, पीलिया जैसी पानी जनित बीमारियां बढ़ेंगी। इसके लिए उन्होंने सीधा सरकार को दोषी ठहराते हुए मांग की है कि जनहित में सफाई व स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करें बा दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें ।
रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से ही यहां धर्मांतरण की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। राजधानी रायपुर से लेकर सुदूर आदिवासी इलाकों तक में ऐसी घटनाएं बड़ी तादाद में हो रही हैं। पिछले दिनों सुकमा के पुलिस अधीक्षक ने तो बाकायदा पत्र जारी कर इस गंभीर समस्या के प्रति पुलिस अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया था, लेकिन बजाय इसके रोकथाम के शासन पूरी तरह पेशेवर प्रचारकों के पक्ष में खड़ी और उसका बचाव करती नज़र आती है। ऐसे असामाजिक और विधर्मी तत्वों के हौसले बुलंद हैं। दुखद यह है कि इसके खिलाफ आवाज़ उठाने वाले सनातन समाज के लोगों को उलटे प्रताड़ित किया जा रहा है।
इन तत्वों के शासन द्वारा बढाए इसी मनोबल का दुष्परिणाम है कि ऐसी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। राजधानी रायपुर से सटे भाटागांव में भी पिछले दिनों हिन्दू समाज के लोगों द्वारा एसपी रायपुर को शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन आंख मूंदें रहा। दुबारा कार्यकर्ताओं द्वारा फिर थाने में शिकायत किये जाने पर उलटे शिकायतकर्ताओं को ही जेल में डाल दिया गया है। वहां आरोपी दुसरे पक्ष पेशेवर मत प्रचारकों को पुलिस थाने में बैठा कर आवभगत की जा रही थी। इस कारण वहां काफी अप्रिय स्थिति भी उत्त्पन्न हो गयी थी।
आश्चर्य यह है कि जहां बार-बार आवेदन देने पर भी दूसरे पक्ष पर कारवाई नहीं की गयी, वहीं दुसरे पक्ष की शिकायत पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर, अपराध पंजीबद्ध कर दिया गया. बाद में अन्य अनेक गंभीर धाराएं भी उन पर लगा दी गयी। प्राइवेट पक्ष द्वारा दर्ज करायी शिकायत में ‘शासकीय कार्य में बाधा डालने’ की धारा लगा देना यह साबित करता है कि प्रशासन किस तरह दबाव में एकपक्षीय कारवाई कर रहा है. संबंधित अधिकारियों का तुरंत तबादला कर देना भी इस मामले में ‘काफी ऊंचे स्तर’ के दखल की आशंका को भी पुष्ट करता है।
इसी बीच विशेष समुदाय के नेताओं का एक काफी भड़काउ वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देकर लगातार लोगों को उकसा रहा है, मतांतरण करते रहने की बात वह कर रहा है। ऐसे में क़ानून-व्यवस्था पर गंभीर संकट पैदा हो गया है, अब महामहिम का दखल ऐसे में अनिवार्य है। दुखद यह है कि न केवल वह धर्म परिवर्तन कराने की बात कर रहा है अपितु संविधान को जलाने तक की बात की जा रही है। बावजूद इसके पुलिस के द्वारा उनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई।
भाजपा का कहना है कि धर्मांतरण वास्तव में ‘राष्ट्रांतरण’ ही होता है। महान भारतवर्ष की अखंडता को सबसे अधिक चोट ऐसे ही धर्मांतरण से पहुंचा है.भारतवर्ष काफी बड़े स्तर पर मतांतरण के दुतरफा षड्यंत्र का शिकार हो रहा है। छत्तीसगढ़ भी उनकी प्रयोगस्थली के रूप में एक सॉफ्ट टार्गेट है। पिछले दिनों खुद एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने प्रदेश के सरगुजा संभाग में रोहिंग्याओं को बसाए जाने की बात कही थी। ऐसे में हमें अतिरिक्त सावधान रहना होगा. प्रदेश में संविधान के अंतिम रक्षक होने के नाते भाजपा आपसे इस गंभीर मामले पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग करती है
शासन को स्पष्ट निर्देशित कर जबरन धर्मांतरण की कारवाई पर अंकुश लगाए।
संविधान जलाने जैसी घोर आपतिजनक बात तक कहने वाले पास्टर और उनके लोगों के विरुद्ध राजद्रोह और धार्मिक भावनाएं भड़काने का अपराध दर्ज हो।
जबरन धर्मांतरण का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं की तुरंत रिहाई हो. उनके विरुद्ध की गयी सभी एकपक्षीय कारवाई निरस्त हो।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न थानों में जिन लोगों के खिलाफ भय-लोभ से धर्मांतरण कराये जाने की शिकायत दर्ज है, उन पर शीघ्र कारवाई हो। ऐसे तमाम लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत त्वरित कारवाई हो।
ऐसे सभी शिकायतों का निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता देकर किये जाएं।
धर्मांतरण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमाई हुई है, इस मुद्दे पर बीजेपी अब आक्रामक मोड में नजर आ रही है। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधा। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार के संरक्षण में धर्मांतरण किया जा रहा है। हम इसे सहने वाले नहीं हैं और अब मामला सड़क से सदन तक पहुंचेगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोई व्यक्ति किसी को लालच देकर उसका धर्म बदलता है तो यह अपराध है। यही अपराध पूरे प्रदेश में हो रहा है। अब तक राजधानी जैसे इलाके इससे अछूते थे, मगर अब रायपुर में भी धर्मांतरण के मामले बढ़ चुके हैं। हम सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेंगे। यह आग से खेलने वाली बात है। जिम्मेदारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
दिल्ली वाले आकाओं का इशारा
बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि भाटा गांव इलाके में धर्मांतरण की शिकायत लेकर सभी युवक पुरानी बस्ती थाने पहुंचे थे। पुलिस ने कुछ पादरियों को भी बुलाया, जिनके खिलाफ शिकायत थी। दोनों गुट थाने में आमने-सामने हुए तो पादरी ने युवकों को उकसाया। कहा कि हम थाने में बैठे हैं कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसी बात को लेकर दोनों गुटों में झड़प हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में सिर्फ धर्मांतरण की शिकायत लेकर पहुंचे युवकों के खिलाफ कार्रवाई हुई। उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया, जबकि दूसरे गुट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि ऐसा क्या दिल्ली में बैठे आकाओं के इशारे पर किया गया। क्या प्रदेश में धर्मांतरण भी दिल्ली वाले आकाओं की मर्जी से हो रहा है।
शांति मार्च निकालेगी भाजपा
शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता सड़क पर शांति मार्च निकालेंगे। यह सभी राज्यपाल के पास जाकर प्रदेश में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों की जानकारी देकर, इसके पीछे काम कर रहे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। इस शांति मार्च में वर्तमान व पूर्व सांसद ,विधायक, प्रदेश पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
दो युवकों को अब तक नहीं मिली जमानत
रविवार को थाने में पादरी की पिटाई के बाद संजय सिंह और मनीष साहू को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन्हें अब तक जमानत नहीं मिली है। पिटाई करने वालों में कुछ युवक हिंदूवादी संगठन और भाजपा के कार्यकर्ता भी थे। उसी दिन थाने के प्रभारी को हटा दिया गया और देर रात अचानक शहर के एसपी भी बदल दिए गए।
यह हुआ था उस दिन थाने में
पिछले कुछ दिनों से भाटागांव में सभाएं कर धार्मिक ग्रंथ बांटने और लोगों का धर्म बदलने की शिकायत लेकर युवा पुरानी बस्ती थाने पहुंचे थे। अपना पक्ष रखने आए पादरियों के साथ युवक भिड़ गए। बात इस कदर बिगड़ी की धक्का-मुक्की शुरू हो गई। पुलिस पादरी को इंस्पेक्टर के कमरे में लेकर गई। यहां घुसकर युवकों ने पादरी को जूते से पीट दिया। छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम का महासचिव अंकुश बरियेकर की शिकायत पर पुलिस ने सम्भव शाह, शुभान्कर द्विवेदी, मनीष साहू, संजय सिंह, विकाश मित्तल, अनुरोध शर्मा, शुभम अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा है कि दिग्विजय सिंह, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता तालिबान के साथ हैं। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी नेताओं को घेरते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती तालिबान के साथ खड़े हैं। क्या वो तालिबान के महिलाओं के प्रति सोच को स्वीकार करते हैं? अगर वो नहीं करते तब उन्हें खुलकर विरोध करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोहन भागवत ने यह नहीं कहा कि महिलाओं को सिर्फ घर संभालना चाहिए। हमारी सरकार में सबसे ज्यादा महिला मंत्री हैं और हम लगातार महिला सशक्तिकरण को लेकर काम कर रहे हैं। यह हमारी प्रथामिकताओं में शुमार है। हम उन्हें बेहतरीन शिक्षा देने पर काम कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि महिलाओं को लेकर आरएसएस और तालिबान की मानसिकता ऐक जैसी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि, तालिबान कहता है कि महिलाएं मंत्री नहीं बन सकती हैं। मोहन भागवत कहते हैं कि महिलाओं को घर पर रहना चाहिेए और घर का ख्याल रखना चाहिए। क्या दोनों की सोच एक जैसी नहीं है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि, तालिबान को मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और इस्लामी सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही बाकी दुनिया के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि तालिबान एक हकीकत बनकर सामने आ रहा है और उनको चहिए कि पहली बार उनकी जो छवि बनी है वो इंसानों के खिलाफ थी लेकिन अबकी बार वो आए हैं और हुकूमत करना चाहते हैं अफगानिस्तान में तो बाकी जो असली शरिया कहता है, जो हमारे कुरान शरीफ में है। जो बच्चों और औरतों के अधिकार हैं. किस तरह से शासन करना चाहिए जो मदीने का हमारा मॉडल रहा है। तो अगर वो वाकई उसपर अमल करना चाहते हैं तो वो दुनिया के लिए मिसाल बन सकते हैं। अगर वो उसपर अमल करेंगे तभी दुनिया के देश हैं उनके साथ कारोबार कर सकते हैं।