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BIG BREAKING : छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हुआ बड़ा बदलाव, संचार विभाग के साथ कई उपाध्यक्ष एंव महासचिवों की हुई छुट्टी, AICC महासचिव ने किया आदेश जारी

BIG BREAKING : छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हुआ बड़ा बदलाव, संचार विभाग के साथ कई उपाध्यक्ष एंव महासचिवों की हुई छुट्टी, AICC महासचिव ने किया आदेश जारी

रायपुर | राजधानी रायपुर से एक सनसनीखेज खबर आ रही है | खबर मिली है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सीएम भूपेश बघेल के करीबी पीसीसी के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, अटल श्रीवास्तव और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी को हटा दिया गया है। इस सम्बन्ध में AICC के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने आदेश जारी किया है | जारी आदेश के अनुसार अरुण सिंघानिया, पीआर खूंटे, अंबिका मरकाम और वाणी राव को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। त्रिवेदी के स्थान पर मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला को संचार विभाग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश महासचिव के रूप में वासुदेव यादव, अमरजीत चावला और सुमित्रा धृतलहरे की नियुक्ति की गई है। चार जिलों के अध्यक्ष भी बदले गए हैं। इनमें भिलाई शहर, कोरबा ग्रामीण, बिलासपुर और जांजगीर चांपा शामिल है। भिलाई शहर में मुकेश चंद्राकर, कोरबा ग्रामीण में सुरेंद्र जायसवाल, बिलासपुर शहर में विजय पांडेय और जांजगीर चांपा में राघवेंद्र सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि इनमें कई नेता ऐसे हैं, जिन्हें निगम-मंडल में जिम्मेदारी दी गई थी। यह माना जा रहा है कि एक पद एक फॉर्मूले के तहत नई सूची जारी की गई है।

BREAKING : छत्तीसगढ़ एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बने नीरज पांडे

BREAKING : छत्तीसगढ़ एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बने नीरज पांडे

रायपुर, अभी अभी सूचना प्राप्त हो रही है छत्तीसगढ़ एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नीरज पांडे की ताजपोशी हो गई है।
आज कांग्रेस के महासचिव वेणु गोपाल जी ने इसका आदेश जारी कर दिया है। 

  बड़ी खबर : छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के चार और विधायक हुए दिल्ली रवाना

बड़ी खबर : छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के चार और विधायक हुए दिल्ली रवाना

रायपुर। आज सुबह कांग्रेस के चार और विधायक दिल्ली गए हैं। वही निगम-मंडलों के अध्यक्ष भी दिल्ली जा रहे हैं। जो चार विधायक आज सुबह की फ्लाइट से दिल्ली गए, उनमें विधायक कुंवर निषाद, विनय भगत, ममता चंद्रकार और लक्ष्मी ध्रुव शामिल हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद कह चुके हैं कि विधायकों का अपने हाईकमान से मिलना गलत नहीं है और आज पीसीसी चीफ ने भी इस पर उठ रहे सवालों को ये कहकर खत्म किया कि विधायकों का आलाकमान से मिलना कोई गुनाह नहीं है।
 
 
BIG BREAKING: आज 10 और कांग्रेस विधायक आज रात की फ्लाईट से होंगे दिल्ली रवाना

BIG BREAKING: आज 10 और कांग्रेस विधायक आज रात की फ्लाईट से होंगे दिल्ली रवाना

रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा सियासी संकट गहराते जा रहा है. विधायक विक्रम मंडावी और शिशुपाल सोरी भी दिल्ली जाएंगे. एक विधायक ने बताया कि अभी बड़ी संख्या में विधायक दिल्ली दौरे पर जाएंगे. जो विधायक दिल्ली में हैं, उन्हें वापस आने से रोका गया है. सूत्रों के मुताबिक, विधायकों को दिल्ली में रुकने को कहा गया है. आज रात को करीब 10 और विधायक दिल्ली रवाना हो रहे हैं. रात 9 बजे की फ्लाइट से दिल्ली रवाना होंगे. शनिवार सुबह भी कुछ और विधायक दिल्ली कूच करेंगे. अभी दिल्ली में करीब 25 विधायक हैं.

छत्तीसगढ़ के सियासी घटनाक्रम पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस साहब दोनों ने भी कहा है कि अगर कोई विधायक दिल्ली जाता है, तो कोई मनाही नहीं है. हर कोई चाहता है कि हाईकमान मिले, बात करे. इसमें बुराई क्या है? विधायकों द्वारा हस्ताक्षर युक्त पत्र ले जाने की बात पर कहा कि ऐसा हमारी जानकारी में नहीं है. क्या ले गए, क्या नहीं ले गए, ये विधायक ही बताएंगे. क्या हो रहा, क्या नहीं हो रहा है, ये वे नेता ही बताएंगे, जो दिल्ली गए हैं.


" विधायकों के अनुशासनहीनता पर उन्होंने कहा, "क्या बयान दिए हैं, क्या बयान नहीं दिए हैं, जो मीडिया में बातें आईं हैं, सब संगठन के संज्ञान में है. समय आने पर सब तय होगा क्या करना है, क्या नहीं करना है."

धर्मांतरण के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रदेश सरकार पर कसा शिकंजा, कही ये बड़ी बाते

धर्मांतरण के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रदेश सरकार पर कसा शिकंजा, कही ये बड़ी बाते

धर्मांतरण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। गरियाबंद में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे रमन ने कहा कि ढाई साल की इस कांग्रेस सरकार में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण चल रहा है। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक धर्मांतरण को कांग्रेस का संरक्षण प्राप्त है। वहीं ढाई-ढाई साल पर भी रमन ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं में कुर्सी दौड़ हो रही है।
रमन सिंह शुक्रवार को गरियाबंद जिले के छुरा पहुंचे थे। यहां रमन ने कोसंबुड़ा घाट में वृक्षारोपण कर तीज मिलन कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और भाजपा नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए रमन ने एक बार फिर से नान घोटाले को लेकर भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ED के सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में भूपेश सरकार नान घोटाले के दो आरोपियों को बचाने में लगी है, इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की स्थिति ठीक नहीं
रमन सिंंह ने पंजाब की राजनीतिक हालत का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की स्थिति ठीक नहीं है। रमन ने कहा कि कांग्रेस का ढाई ढाई साल का मुख्यमंत्री का मुद्दा जल्द नहीं सुलझने के कारण प्रदेश का विकास पूरी तरह से रुक गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं में कुर्सी दौड़ हो रही है, सरकार विकास के मुद्दों को छोड़कर कुर्सी के पीछे दौड़ लगा रही है।


धर्मांतरण पर लगातार हमलावर है बीजेपी
दरअसल, धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर बीजेपी इन दिनों लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी नेता धर्मांतरण को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। खासकर रमन सिंह भी बयान दे चुके हैं। इसके पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि छत्तीसगढ़ में यदि धर्मांतरण बंद नहीं हुआ तो भारतीय जनता पार्टी ईंट से ईंट बजा देगी। सरकारी संरक्षण में जो धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है उसे रोकने भाजपा का कार्यकर्ता चाहे पानी गिरे या आग बरसे डिगने या हटने वाला नहीं है। रमन का ये ट्वीट रायपुर में बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद आया था। यहां रमन सिंह समेत तमाम नेताओं ने बरसात में भींगते हुए राजधानी की सड़कों पर धर्मांतरण के खिलाफ शांति मार्च निकाला था।


रमन सिंह ने 2 दिन पहले नान घोटाले को लेकर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा था। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भूपेश बघेल SIT जांच में दखल दे रहे हैं। आरोपी IAS अफसर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ केस को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।

 कांग्रेस को लग रहे एक के बाद एक बड़े नेताओं के इस्तीफे से झटके : प्रदेश उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, बोले...

कांग्रेस को लग रहे एक के बाद एक बड़े नेताओं के इस्तीफे से झटके : प्रदेश उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, बोले...

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) को लेकर इन दिनों कांग्रेस भले ही UP प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नेतृत्व में युद्धस्तर पर तैयारी करते हुए नजर आ रही है. लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस में जारी अन्तर्कलह से आहत होकर एक के बाद एक कांग्रेस के बड़े नेताओं के इस्तीफे से पार्टी को लगातार झटके भी लग रहे हैं.

पहले यूपी के कद्दावर ब्राह्मण नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया. फिर प्रियंका गांधी के पिछले लखनऊ दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पौत्र और कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेशपति त्रिपाठी नें भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. अब प्रियंका फिर लखनऊ दौरे पर हैं और गुरुवार को कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. यही नहीं पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता इमरान मसूद के भी जल्द कांग्रेस छोड़ने की चर्चा है.

कांग्रेस के दिग्गज नेता और हमीरपुर जिले की राठ विधानसभा से विधायक रहे प्रदेश उपाध्यक्ष गयादीन अनुरागी ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गये अपने इस्तीफे में लिखा है कि ‘मैं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उच्च पदाधिकारियों की कार्यशैली एवं निष्क्रियता को देखते हुए अपने आप को पार्टी में काम करने में असहज महसूस कर रहा हूं. इसलिये मैं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी से अपने समस्त पदों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं.’

जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना…
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गयादीन अनुरागी ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा, ‘मेरा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से तालमेल नहीं बैठ रहा था. मैं जो बात प्रदेश अध्यक्ष जी से करता था, वो उसे नजरअंदाज कर रहे थे. हमारी बात नहीं सुनी जा रही थी. आदमी का सब कुछ चला जाय, मान-सम्मान नहीं जाना चाहिए. चाहे जितनी गरीबी हो जाये, पर हाल बताना न चाहिए, जिस घर में अपना मान नहीं, उस घर में जाना न चाहिए.

उन्होंने कहा, “मैंने प्रियंका गांधी जी के पीए राजकुमार से कई बार मैडम से बात करवाने के लिये बात की. लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की. हर चीज की कोई सीमा होती है. इसलिये हम बैठक में नहीं जा रहे थे. तो वो हमारी लीडर है, तो उन्हे पता होना चाहिए कि हम क्यों नाराज हैं? लेकिन लीडर ही ये नहीं समझ पा रहा कि उनके कार्यकर्ता और पदाधिकारी क्यों नाराज हैं? इसलिये कहा जाता है कि जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना? इन्हीं सबके बाद मैंने इस्तीफा दे दिया है.’
 
पंजाब के नाराज नेताओं के साथ नया संगठन खड़ा करेंगे कैप्टन...

पंजाब के नाराज नेताओं के साथ नया संगठन खड़ा करेंगे कैप्टन...

चंडीगढ़। लगभग दो दशक से पंजाब में कांग्रेस का पर्याय बने कैप्टन अमरिंदर सिंह अब नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर अपने तीखे तेवर से सभी को अवगत तो करवा ही दिया है। प्रदेश में कांग्रेस के नाराज वरिष्ठ नेताओं का एक बड़ा गुट है। कैप्टन उन्हीं को साधकर हाईकमान और पंजाब कांग्रेस को जमीन पर लाना चाहते हैं। पंजाब की अफसरशाही में कैप्टन की खासी पकड़ रही है, वहीं सरकार के साथ-साथ उन्होंने संगठन पर भी अपना कब्जा हमेशा बरकरार रखा। कैप्टन के निकटवर्ती अब उन वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साध रहे हैं, जिनको दरकिनार किया जा रहा है। 

डांवाडोल पार्टी में फूंकी थी जान
राजिंदर कौर भट्ठल के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब कांग्रेस की कमान संभाली थी तो पार्टी की स्थिति डांवाडोल थी। 1997 में तो कांग्रेस के सिर्फ 14 विधायक ही जीते थे और भाजपा-अकाली दल का पूरा वर्चस्व था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी में जान फूंकी और 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी को सत्ता में ले आए और 14 से सीधे 61 विधायक कांग्रेस के जीते। कैप्टन ने सबसे अधिक झटका भाजपा को दिया, जिनके सिर्फ तीन विधायक रह गए। 2007 में कांग्रेस का प्रदर्शन भी निराशाजनक नहीं रहा, कैप्टन के नेतृत्व में 44 विधायक कांग्रेस के जीते थे। इसके बाद कांग्रेस की कमान मोहिंदर सिंह केपी को मिली और बाद में प्रताप बाजवा को लेकिन दोनों कांग्रेस को सत्ता तक नहीं ला सके। 2012 में कांग्रेस के 46 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे लेकिन सत्ता नहीं मिली। 

हाईकमान ने दोबारा कैप्टन को कांग्रेस का प्रधान बनाया और 2017 में कैप्टन दोबारा कांग्रेस को सत्ता में ले आए और 77 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता संभाली तो प्रदेश की प्रधानगी सुनील जाखड़ को मिली। संगठन और सरकार के बीच लगातार तालमेल रहा। हालांकि प्रताप बाजवा, अश्वनी सेखड़ी, सांसद शमशेर सिंह दूलो समेत कई नेता कैप्टन विरोधी रहे लेकिन सरकार व संगठन के बीच संतुलन बना रहा।  

अफसरशाही पर है मजबूत पकड़
कैप्टन की अफसरशाही में पकड़ बेशक उनको मजबूत बनाती रही लेकिन आम कार्यकर्ताओं व नेताओं से उनकी दूरी बढ़ती चली गई। अब स्थिति बिल्कुल उलट है। सिद्धू प्रदेश प्रधान बनने के बाद सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह दूलो, अश्वनी सेखड़ी समेत कई नेता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सिद्धू व चन्नी की ताजपोशी के बाद जिस तेजी से वरिष्ठ नेताओं को किनारे किया गया है, उसको पूरी तरह से कैप्टन भुनाने की तैयारी में है।

हर नाराज नेता के संपर्क में हैं कैप्टन
सूत्रों के अनुसार कैप्टन की टीम ने सभी से संपर्क साध रखा है और कैप्टन कांग्रेस को छोड़ने के बाद अपना अलग खेमा तैयार करने जा रहा है। जाहिर है कि चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन के कई निकटवर्ती नेताओं को किनारे लगाकर उनकी टिकटों की कांट छांट कर सकते हैं, ऐसे में कैप्टन उन नेताओं व साथियों को अपनी टीम में शामिल करेंगे। कई नेता कैप्टन के चुनावी जहाज में सवार हो सकते हैं। कैप्टन के कई निकटवर्ती मंत्रियों की छुट्टी की गई है, जिसमें गुरप्रीत सिंह कांगड़, सुंदर शाम अरोड़ा, साधू सिंह धर्मसोत, बलवीर सिंह सिद्धू शामिल हैं। यह सभी सिद्धू से खासे नाराज चल रहे हैं। लिहाजा, कैप्टन ने नाराज नेताओं को अपना प्लेटफार्म देने की तैयारी शुरू कर दी है।

 

पंजाब सियासी संकट: सिद्धू और चन्नी के बीच बातचीत के बाद सुलझा विवाद, जानिए डिटेल में

पंजाब सियासी संकट: सिद्धू और चन्नी के बीच बातचीत के बाद सुलझा विवाद, जानिए डिटेल में

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की बातचीत खत्म हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सारे मामले सुलझ गए हैं। बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बारे में बातचीत हुई। बताया जाता है कि सिद्धू पंजाब के कार्यवाहक डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता और एजी अमरप्रीत सिंह देयोल को हटाने पर अड़े हुए थे। दूसरी ओर, कांग्रेस सूत्रों ने संकेत दिया है कि दोनो की बैठक में मामला सुलझ सकता है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य कैबिनेट की 4 अक्टूबर को बैठक बुलाई है।


सिद्धू को दो अफसरों कार्यवाहक डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता और एडवोकेट जनरल (एजी) अमरप्रीत सिंह देयोल की नियुक्ति पर आपत्ति है। इनकी जगह वह अपने चहेते अधिकारियों की नियुक्ति करवाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री चन्नी ने कल संकेत दिया था कि वह कुछ फैसले वापस ले सकते हैं। दूसरी ओर दबाव बढ़ाने के लिए सिद्धू ने वार्ता से ठीक पहले अपने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने दिनकर गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए इकबाल प्रीत सिंह सहोता पर निशाना साधा। माना जा रहा है कि इस बैठक में यह तय हो जाएगा कि सिद्धू पार्टी अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लेते हैं या नहीं। पार्टी हाईकमान ने सिद्धू के इस्तीफे के मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चन्नी को सौंपी है।


नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के साथ बैठक से पहले डीजीपी बनाए गए इकबाल प्रीत सहोता पर ट्वीट कर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि डीजीपी आइपीएस सहोता बादल सरकार के समय हुई बेअदबी की घटना की जांच के लिए गठित एसआइटी के प्रमुख थे। उन्होंने दो सिख युवकों को गलत ढ़ंग से फंसाया था और बादलों को क्लीनचिट दे दी थी। उस समय मैं कांग्रेस के कई मंत्रियों और आज के गृहमंत्री के साथ वहां गए थे और उन लोगों (फंसाए गए युवकों) के समर्थन में लड़ाई का भरोसा दिलाया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने कई पुराने वीडियो ट्वीट को भी रि-ट्वीट भी किए हैं।

 मैं अवसरवादी नेता नहीं हूं, सौ जन्मों तक नहीं जाऊंगा भाजपा में-सिंहदेव

मैं अवसरवादी नेता नहीं हूं, सौ जन्मों तक नहीं जाऊंगा भाजपा में-सिंहदेव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल को लेकर चल रही अफवाहों की खबरों के बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने एक बार फिर मीडिया को बड़ा बयान दिया है कि वे अवसर वादी नेता नहीं है और सौ जन्मों तक भाजपा में नहीं जाएंगे। 

सिंहदेव ने कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका बयान अपरिपक्व और बचकाना है। उन्होंने कहा कि मैं कोई अवसर वादी नेता नहीं हूं। न मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं और न ही मैं अमरिंदर सिंह हूं, मैं टीएस सिंहदेव हूं। मैं सौ जन्मों तक भाजपा में नहीं जाऊंगा। 

ज्ञात हो कि कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने अपने एक बयान में कहा है कि राज्य में सरकार को अस्थिर करने के लिए विरोधी दल ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह सरगुजा महाराज टीएस सिंहदेव को गुमराह कर रहे है। श्री सिंहदेव ने विधायक बृहस्पत सिंह के इसी बयान को बचकाना बताया है। 
BIG BREAKING: अमित शाह से अमरिंदर सिंह की मुलाकात खत्म, बीजेपी में हो सकते है शामिल

BIG BREAKING: अमित शाह से अमरिंदर सिंह की मुलाकात खत्म, बीजेपी में हो सकते है शामिल

नई दिल्ली: पंजाब में जारी सियासी घमाशान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह आज (बुधवार) शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। खबरों की माने तो करीब 45 मिनट दोनों की बीच बातचीत हुई।


दरअसल , कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को पंजाब से राजधानी दिल्ली आए थे और तभी से उनके राजनीतिक इरादों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि मंगलवार को पहले उनके मीडिया सलाहकार रविन ठुकराल ने ट्वीट करके और बाद में कैप्टन ने स्वयं बयान देकर यह कहा था कि वे निजी यात्रा पर दिल्ली आए हैं और उनका मकसद दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस को नए मुख्यमंत्री के लिए खाली करना है।


लेकिन आज शाम को अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचकर कैप्टन ने एक बार फिर से राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है और उनके भविष्य के मूव को लेकर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं।


सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या कैप्टन भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं ? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब फिलहाल दोनों तरफ से ना के रूप में ही दिया जा रहा है। लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए यह कहा नहीं जा सकता इसलिए फिलहाल तो इंतजार ही किया जा सकता है। दोनों में से किसी भी पक्ष की तरफ से आधिकारिक बयान आने का .


हालांकि सूत्र ये बता रहे हैं कि अमरिंदर सिंह बॉर्डर की सुरक्षा, सीमा के हालात , किसान आंदोलन समेत वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए हैं।

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सियासी घमासान: MLA की टीम दिल्ली रवाना, सिंहदेव ने कही ये बड़ी बाते

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सियासी घमासान: MLA की टीम दिल्ली रवाना, सिंहदेव ने कही ये बड़ी बाते

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में फिर से सियासी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अचानक 10 से अधिक विधायक दिल्ली रवाना हो गए हैं। इनमें बृहस्पति सिंह भी शामिल हैं। दिल्ली जाकर अब एक प्राइवेट होटल में विधायकों ने डेरा डाल दिया है। खबर है कि जल्द ही सभी प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात करेंगे। इस दौरे की वजह से प्रदेश में एक बार फिर से कैबिनेट में बदलाव या शीर्ष नेतृत्व में किसी बड़े परिवर्तन की बातें फिर से शुरू हो गई हैं। विधायकों के इस कदर दिल्ली कूच करने के मायने भी कई निकाले जा रहे हैं। इस पूरे मामले पर बुधवार की शाम पत्रकारों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी सवाल किया। उनसे पूछा गया कि विधायक वहां जाकर प्रदेश के सियासी हाल और विकास के कामों की चर्चा का दावा कर रहे हैं। इसका जवाब देते हुए सिंहदेव बोले हम सब जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या चर्चाएं हो रही हैं। बदलाव की बात है तो ये हो सकता है या नहीं, ये देखना होगा। मगर अब ये बात खुल गई है।


सिंहदेव ने आगे कहा कि पिछली बार भी जब विधायक वहां गए तो बात खुल गई। हो सकता है इसी को लेकर वो अपनी बात रखने गए हों। भले ही वो कह रहे हों कि विकास के काम दिखाने का आमंत्रण देने गए हैं। विकास के कार्य के लिए आमंत्रित करें ये दायित्व मुख्यमंत्री से ऊपर किसी का नहीं है। अब मैं जाकर कहूं कि आइए हमारे यहां तो वो कहेंगे ठीक है। इस पर मुख्यमंत्री से बात करेंगे।


दरअसल, पिछली बार के विधायकों के दौरे पर जब मीडिया ने सवाल किए थे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम नेताओं ने कह दिया था कि दिल्ली के राष्ट्रीय नेताओं को वो प्रदेश में हो रहे अच्छे कामों के को दिखाने के लिए निमंत्रण देने आए थे। इस बार भी दबी जुबान में मीडिया तक यही मैसेज भेजने का प्रयास दिल्ली गए विधायक कर रहे हैं।


कांग्रेस खुला मंच है
टीएस सिंहदेव ने कहा, कांग्रेस पार्टी एक खुला मंच है। लीडरशिप समय-समय पर परिस्थिति के अनुसार समय देता है। अगर यहां से कुछ लोग जाकर मिलना चाहते हैं। अगर उन्हें समय मिलेगा तो जरूर मुलाकात होगी।

दिल्ली जाने के सवाल पर जोड़ लिए हाथ
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने फिलहाल तो दिल्ली जाने से इनकार कर दिया है। दर्जन भर विधायकों और दो मंत्रियों के दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी से मुलाकात की कोशिश के बाद उनके दिल्ली जाने के सवाल पर सिंहदेव ने हाथ जोड़ लिए।


राहुल गांधी आएंगे कहकर मामला टालने की कोशिश तो नहीं
करीब 1 महीने पहले छत्तीसगढ़ के विधायकों के दिल्ली कूच के बाद राहुल गांधी के घर से बाहर आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था- छत्तीसगढ़ के विकास पर बात हुई और उन्हें प्रदेश आने का न्यौता दिया गया उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है और वे संभवतः अगले सप्ताह छत्तीसगढ़ आ सकते हैं। तब बघेल ने आप CM रहेंगे या नहीं इस सवाल पर पूरे आत्मविश्वास से कहा, ‘मैंने तो उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में ही छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया है।’ ढाई साल के बाद दूसरे को सत्ता सौंपने के सवाल पर उन्होंने फिर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई। हालांकि एक महीना बीतने को है राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आने का कोई कार्यक्रम अब तक तय हुआ नहीं।


भाजपा बोली- पिछली बार कोई कमी रह गई लगता है
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस के सियासी ड्रामे पर चुटकी ली है। उन्होंने छत्तीसगढ़ से 13 विधायकों के दिल्ली जाने का दावा किया। श्रीवास्तव ने कहा कि कहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक और शक्ति प्रदर्शन तो नहीं? उन्होंने कहा कि सत्ता और सीएम की कुर्सी के लिए बीते दिनों 50 से ज्यादा विधायक दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करने गए थे, क्या कहीं कोई कमी रह गई जो विधायक बृहस्पत सिंह सहित 13 विधायक फिर से भूपेश के समर्थन में दिल्ली पहुंच गए। कहीं मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी बचाने 13 विधायक तो नहीं भेजने पड़े?

 पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर उनकी भाषा को लेकर साधा निशाना, जानिए क्या कहा

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर उनकी भाषा को लेकर साधा निशाना, जानिए क्या कहा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मीडिया पर दी गई एक टिप्पणी पर आज ट्वीट कर कहा कि इस तरह की ओछी और अशिष्ट भाषा आपको शोभा नहीं देती है।

पूर्व मुख्यमंत्री डा. सिंह ने कहा कि  एक संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को खुलेआम धमकी दे रहा है। इस तरह की भाषा से छत्तीसगढ़ बदनाम हो रहा है। डा. सिंह ने श्री बघेल से  कहा कि कम से कम प्रदेश की गरिमा का तो ख्याल रखिए।
 

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि कान खोलकर सुन लिया जाए, राहुल गांधी इस समय विपक्ष के प्रमुख नेता हैं। उनके बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग कांग्रेस कार्यकर्ता कतई स्वीकार नहीं करेंगे। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का दायित्व निभा रहे हर मीडिया का पूर्ण सम्मान है। लेकिन मर्यादा नहीं भूलना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने श्री बघेल के इसी टिप्पणी को लेकर उनकी भाषा को लेकर उन पर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री चन्नी का बड़ा बयान : सिद्धू के इस्तीफे से माहौल बिगड़ा, हम मिल बैठकर करेंगे बात

मुख्यमंत्री चन्नी का बड़ा बयान : सिद्धू के इस्तीफे से माहौल बिगड़ा, हम मिल बैठकर करेंगे बात

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज चंडीगढ़ में कैबिनेट की बैठक ली। बैठक में में मुख्यमंत्री ने बिजली बिल माफी का बड़ा ऐलान किया। इसके साथ ही सिद्धू को लेकर उठ रहे सवालों के भी जवाब दिए। मुख्यमंत्री ने माना कि सिद्धू के इस्तीफे से माहौल खराब हुआ है। चन्नी ने कहा, वे सिद्धू के साथ बैठकर बात करेंगे और मामले को सुलझा लेंगे। सीएम ने कहा कि उन्होंने सिद्धू से फोन पर बात की है। साथ ही परगट सिंह को भी बात करने के लिए कहा है।

संविधान की प्रतियां जलाने की बात कहने वाले लोगों का संरक्षण कर रही सरकार : बृजमोहन

संविधान की प्रतियां जलाने की बात कहने वाले लोगों का संरक्षण कर रही सरकार : बृजमोहन

रायपुर। प्रदेश में धर्मांतरण के विरोध में 28 सितंबर को भाजपा के 8000 से अधिक धर्म सैनिक मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले। भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा की धर्मांतरण करने वालों की गिरफ्तारी व शिकायत करने वालों की रिहाई की मांग को लेकर भाजपा शहर-जिला के सभी 16 मंडलों के 16 स्थानों से 16 नेताओं व कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में 8000 से अधिक धर्म सैनिकों ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर गिरफ्तारी दी।


तत्पर कार्यालय पुरानी बस्ती से कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अभी तो हम हजारों कार्यकर्ता निकले हैं। सरकार का यही रवैया रहा तो लाखों की संख्या में जनता साथ निकल कर इस धर्मद्रोही सरकार के घमंड की हवा निकाल देगी। उन्होंने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि संविधान को जलाने की बात कहने वाले लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करने के बजाय सरकार उनको बचा रही है । तो कहीं न कहीं सरकार भी उस अपराध में बराबर की भागीदार है।

दीनदयाल उपाध्याय मंडल से कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करते निकले पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने जोर देकर कहा कि सरकार धर्मांतरण करने वालों को खुलेआम संरक्षण देकर लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है । उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत कोई अपना धर्म माने हमें आपत्ति नहीं, परंतु लोभ, प्रलोभन व भय दिखाकर कोई धर्मांतरण करेगा तो हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे । इन देश विरोधी ताकतों के खिलाफ जब तक यह सरकार नहीं जागेगी हम आंदोलन करते रहेंगे ।

लाखे नगर मंडल से सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री निवास घेरने निकले रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि सभी का सम्मान करना हमारी सनातनी परंपरा है। हम वसुदेव कुटुंबकम को मानने वाले लोग हैं और इसीलिए हिंदुस्तान ने सभी धर्मों को अपने हृदय में स्थान दिया है । लेकिन जो हृदय पर घात करेगा। उसका इलाज किया जाएगा ।

भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा धर्मांतरण राजनीति नहीं जन नीति का मुद्दा है , और सरकार को जनता की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति कानून के विरुद्ध काम करता है तो सरकार का दायित्व है कि उसे रोके और यदि सरकार अपने कर्तव्य का पालन नहीं करेगी तो जागरूक विपक्ष होने के नाते हमारा दायित्व है कि हम जनता के साथ खड़े हो।

रायपुर शहर बिरगांव नगर निगम व माना पंचायत के 16 मंडलों से भाजपा के वरिष्ठ नेता, मंडल प्रभारी, मंडल अध्यक्ष ,जिला पदाधिकारी व पार्षदों के नेतृत्व में धर्मांतरण के खिलाफ भूपेश सरकार को जगाने निकले कार्यकर्ताओं को विभिन्न स्थानों पर कांग्रेस सरकार ने दमनकारी नीति के तहत बलपूर्वक पुलिस द्वारा रोकने का प्रयास किया गया । परंतु कार्यकर्ताओं के सामने शासन बौना ही साबित हुआ। लगभग 6 मंडलों से कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सप्रे शाला मैदान के खुले जेल में रखा गया। बाकी 10 मंडलों में विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ताओं की हज़ारो की संख्या में गिरफ्तारियां हुई।

आंदोलन में प्रमुख रूप से रामसागरपारा का नेतृत्व जिला महामंत्री ओंकार बैस व लाखेनगर का नेतृत्व रमेश सिंह ठाकुर, के साथ शहर के मंडलो में नंदे साहू , सुभाष तिवारी, मीनल चौबे, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, अशोक पांडे, गोवर्धन खंडेलवाल, सूर्यकांत राठौर, योगी अग्रवाल ,जिला मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल, सत्यम दुआ, बजरंग खंडेलवाल, ललित जैसिंघ, आशु चंद्रवंशी, श्यामा चक्रवर्ती,अमरजीत छाबड़ा, रमेश मिर्घनी, जिला मंत्री मुरली शर्मा, हरीश ठाकुर, राजीव मिश्रा, खेम सेन, अकबर अली, गोपी साहू,संजय तिवारी, मनोज वर्मा, मृत्युंजय दुबे, राजियत ध्रुव, राजेश पांडेय, रोहित साहू, भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोविंद गुप्ता, अर्पित सूर्यवंशी, सीमा संतोष साहू, सावित्री जगत,संजय तिवारी ,तुषार चोपड़ा,ज्ञानचंद चौधरी, दीना डोंगरे, वंदना राठौर, मीडिया प्रभारी राहुल राय,मडल अध्यक्ष सालिक ठाकुर, महेश शर्मा, मुकेश पंजवानी, प्रवीण देवड़ा, भूपेंद्र ठाकुर, प्रीतम ठाकुर, बी.निवास राव, अनिल सोनकर,होरीलाल देवांगन, ओमप्रकाश साहू,जितेंद्र धुरंधर, मोर्चा पदाधिकारी महादेव नायक, जसपाल सिंग रंधावा, गज्जू साहू, अमित शुक्ला, सचिन सिंघल, पुष्पेन्द्र उपाध्याय, राजेश गुप्ता, राजेश देवांगन, नीलम सिंह, पहलाद जलक्षत्री ,श्रीमती स्वप्निल मिश्रा,भूपेंद्र डागा उपस्थित थे।

सभी 16 मंडलों ने वरिष्ठ नेतागण मंडल प्रभारी व मंडल अध्यक्ष ने घेराव का नेतृत्व किया ।
तेलीबांधा मंडल कार्यक्रम प्रभारी श्रीचंद सुन्दरानी, मंडल के प्रभारी चंद्रेश शाह, रमेश मिरघानी एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में तेलीबांधा से
फाफाडीह मंडल कार्यक्रम प्रभारी मोतीलाल साहू, सूर्यकान्त राठौर, मंडल के प्रभारी अमरजीत छाबड़ा, राजीव मिश्रा एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में फाफाडीह से। 
शंकर नगर मंडल कार्यक्रम प्रभारी राजीव कुमार अग्रवाल, मंडल के प्रभारी हरीश ठाकुर, वंदना राठौर एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में शंकर नगर से।
जवाहर नगर मंडल कार्यक्रम प्रभारी संजय श्रीवास्तव, मंडल के प्रभारी गुंजन प्रजापति, सावित्री जगत एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में जवाहर नगर से। 
पुरानी बस्ती मंडल कार्यक्रम प्रभारी बृजमोहन अग्रवाल, मंडल के प्रभारी योगेश अग्रवाल, श्याम सुन्दर अग्रवाल एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में पुरानी बस्ती से। 
लाखेनगर मंडल कार्यक्रम प्रभारी सुनील सोनी, मंडल के प्रभारी मुरली शर्मा, जयंती पटेल एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में लाखेनगर से। 
सदर बाजार मंडल कार्यक्रम प्रभारी वर्धमान सुराना, केदारनाथ गुप्ता, मंडल के प्रभारी रमेश सिंह ठाकुर, मीनल चौबे एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में सदर बाजार से।
सिविल लाइन मंडल कार्यक्रम प्रभारी सुभाष तिवारी, मंडल के प्रभारी सुभाष तिवारी, ललित जयसिंह एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में सिविल लाइन से।
डी.डी नगर मंडल कार्यक्रम प्रभारी – राजेश मूणत, मंडल के प्रभारी – प्रफुल्ल विश्वकर्मा, बजरंग खंडेलवाल एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में डी.डी नगर से
तात्यापारा मंडल कार्यक्रम प्रभारी गोवर्धन खंडेलवाल, सत्यम दुबा मंडल के प्रभारी गोवर्धन खंडेलवाल, सत्यम दुबा एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में तात्यापारा मंडल से।
रामसागर पारा मंडल कार्यक्रम प्रभारी ओंकार बैस, आशु चन्द्रवंशी मंडल के प्रभारी ओंकार बैस, आशु चन्द्रवंशी एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में रामसागर पारा से।
गुढ़ियारी मंडल कार्यक्रम प्रभारी अशोक पाण्डेय, गोपी साहू, चन्नी वर्मा मंडल के प्रभारी अशोक पाण्डेय, गोपी साहू एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में गुढ़ियारी से।
बीरगाव मंडल कार्यक्रम प्रभारी नन्द कुमार साहू, मंडल के प्रभारी लीलाधर चन्द्राकर, राजकुमार राठी एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में बीरगाव से। 
रायपुर ग्रामीण मंडल कार्यक्रम प्रभारी अमित साहू, मंडल के प्रभारी खेम कुमार सेन, ज्ञानचंद चौधरी एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में रायपुर ग्रामीण से मंडल के प्रभारी श्यामा चक्रवर्ती, राजीव चक्रवर्ती एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में भनपुरी थे।
पंजाब में कांग्रेस को एक और झटका, अब रजिया सुल्ताना ने दिया इस्तीफा

पंजाब में कांग्रेस को एक और झटका, अब रजिया सुल्ताना ने दिया इस्तीफा

चंडीगढ़: पंजाब में कांग्रेस को एक और झटका लगा है। पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस कमेटी से इस्तीफा दे दिया। अब खबर आ रही है कि पंजाब कैबिनेट में दो दिन पहले शामिल हुईं रजिया सुल्ताना ने भी इस्तीफा दिया दे दिया है। कांग्रेस के लिए आज का दिन पंजाब के लिहाज से काफी खराब रहा है।

सुल्ताना को सिद्धू की करीबी माना जाता है. उनके पति मोहम्मद मुस्तफा सिद्धू के प्रधान रणनीतिक सलाहकार हैं जो भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रह चुके हैं. इससे पहले आज दिन में सुल्ताना को जल आपूर्ति और स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास तथा मुद्रण एवं स्टेशनरी विभागों का प्रभार सौंपा गया था. अमरिंदर सिंह नीत सरकार में वह परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुल्ताना ने कहा, "सिद्धू साहब सिद्धांतों के व्यक्ति हैं. वह पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ रहे हैं." अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा, "मैं पंजाब के सर्वोत्तम हित में एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए काम करना जारी रखूंगी."

कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी ने थामा कांग्रेस का हाथ, राहुल गांधी ने दिलाई सदस्यता

कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी ने थामा कांग्रेस का हाथ, राहुल गांधी ने दिलाई सदस्यता

नई दिल्ली: सीपीआई नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। कन्हैया कुमार और जिग्नेश ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस का 'हाथ' थामा है। इससे पहले दोनों ने दिल्ली के शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क में राहुल गांधी से मुलाकात की। जिग्नेश गुजरात के निर्दलीय विधायक हैं, जबकि कन्हैया अब तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे हैं।


दोनों के कांग्रेस में शामिल होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी पर तंज किया। उन्होंने कम्युनिस्ट विचारक रहे कुमारमंगलम की पुस्तक कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस का हवाला दिया जिससे यह प्रतीत होता है कि वह पार्टी पर कटाक्ष कर रहे हैं। तिवारी ने ट्वीट किया किया कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं।

नवजोत सिंह सिधु के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान आया सामने, कही ये बड़ी बाते

नवजोत सिंह सिधु के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान आया सामने, कही ये बड़ी बाते

नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिधु के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, ' "मैंने पहले ही कहा था कि वह इस सीमाई राज्य के लिए सही व्यक्तिप नहीं हैं..."


बता दें कि हाल ही में काफी उठापटक के बाद कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नियुक्त किए गए पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने एक आकस्मि्क घटनाक्रम में मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी है. बताया जा रहा है कि हाल ही में राज्य में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ लोगों को शामिल किए जाने से वो खुश नहीं थे.


पंजाब चुनाव से कुछ महीने पहले इस इस्तीफे ने कांग्रेस नेतृत्व को झकझोर दिया है और इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि गांधी परिवार को सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में नियुक्त करने के बारे में चेतावनी दी गई थी. यह प्रियंका गांधी वाड्रा थीं जिन्होंने तमाम विरोध के बावजूद सिद्धू को आगे बढ़ाया था.


दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने भी सिद्धू के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए उन्हें दलित विरोधी बताया है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'इससे यह पता चलता है कि सिद्धू दलित विरोधी हैं, एक गरीब मां के बेटे का मुख्यमंत्री बनना बर्दाश्त नहीं कर सके.'

गौरतलब है कि पंजाब में सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर स‍िंह के बीच लंबे अर्से से खींचतान चली आ रही है. पार्टी आलाकमान की तमाम कोश‍िशों के बाद कुछ समय पहले दोनों के बीच समझौता होता हुआ नजर आया था लेकिन बाद में कैप्टन ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर बता दिया था कि वो सिद्धू के साथ किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं हैं.
 

BREAKING : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक दिया इस्तीफा

BREAKING : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक दिया इस्तीफा

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है। उनके इस इस्तीफी के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीती गरमा गई है। नवजोत सिंह ने अपना इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी को भेज दिया है। इसके कुछ ही देर बाद अब मुख्यमंत्री चन्नी पत्रकारों से चर्चा भी करेंगे।

 धर्मांतरण के विरोध में आज बिरगांव मंडल द्वारा मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च कर  गिरफ्तारी दी जाएगी

धर्मांतरण के विरोध में आज बिरगांव मंडल द्वारा मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च कर गिरफ्तारी दी जाएगी

रायपुर। भाजपा बिरगांव मंडल द्वारा शहर जिला भाजपा के आह्वान पर आज पूर्व विधायक नंदकुमार साहू, मंडल प्रभारी राजकुमार राठी, लीलाधर चंद्राकर, मंडल अध्यक्ष होरी लाल देवांगन के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा धर्मांतरण को संरक्षण दिए जाने के विरोध में दोपहर 2 बजे भनपुरी चौक से मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च कर गिरफ्तारी दी जाएगी।

 महामंत्री टीका राम साहू एवं योगेश साहू ने बताया कि विगत दिनों भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भांठागांव मैं हो रहे धर्मांतरण की शिकायत पुरानी बस्ती थाने में की गई थी परंतु पुलिस द्वारा धर्मांतरण करवाने वाले पादरी को गिरफ्तार करने के बजाए उल्टा शिकायतकर्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस प्रकार  राज्य शासन के संरक्षण में पूरे प्रदेश में चल रहे धर्मांतरण का भाजपा द्वारा आज मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर एवं गिरफ्तारी देकर विरोध किया जाएगा जिसमें सैकड़ों की संख्या बिरगांव मंडल के कार्यकर्ता गिरफ्तारी देंगे।
BREAKING: कैप्टन अमरिंदर हुए दिल्ली के लिए रवाना, नड्डा-शाह से कर सकते हैं मुलाकात...

BREAKING: कैप्टन अमरिंदर हुए दिल्ली के लिए रवाना, नड्डा-शाह से कर सकते हैं मुलाकात...

चंडीगढ़। कांग्रेस के लिए पंजाब में आने वाले दिन काफी कड़े हो सकते हैं। खबर मिल रही है कि पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह आज दिल्ली रवाना हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वह भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, पंजाब कांग्रेस के कई विधयक कैप्टन के संपर्क में हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि वह कांग्रेस पार्टी को तोड़कर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।

 

पंजाब में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले ही कांग्रेस ने अपने सीएम उम्मीदवार को बदल दिया है, जिससे पार्टी में बड़ी टूट का खतरा मंडरा गया है। प्रदेश में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली अकाली दल ने इस बार बसपा के साथ गठबंधन किया है। अकाली ने तीन कृषि कानूनों का विरोध करते हुए बीजेपी के साथ अपने रिश्‍तों को खत्म कर दिया है।

 

वहीं आम आदमी पार्टी ने भी पंजाब में अपने ताकत झोंक दी है। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजन अरविंद केजरीवाल भी दो दिन के पंजाब दौरे पर जाने वाले हैं। केजरीवाल कल लुधियाना जाएंगे और पंजाब के ट्रेड्स और व्यापारियों से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वह 30 सितंबर को प्रेस कांफ्रेंस करेंगे, जिसमें वह बड़ी घोषणा कर सकते हैं।

ऐसे में प्रदेश में होने वाले आगामी चुनाव काफी रोचक हो सकते हैं, क्योंकि प्रदेश में बीजेपी अकेले की चुनाव मैदान में उतरेगी। हालांकि तीन कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब में ही हो रहा है, जिसको इतना आगे ले जाने का श्रय भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही जाता है।


पंजाब में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा
कैप्टन के हटने के बाद पंजाब के सीएम बनाए गए चरणजीत सिंह चन्नी ने आज मंत्रियों को मंत्रालय सौंप दिए हैं। जानकारी के अनुसार, मनप्रीत बादल को फाइनस, डॉ राज कुमार वेरका को मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, काका रणदीप सिंह खेतीबाड़ी, राणा गुरजीत टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च, गुरकीरत कोटली को उद्योग, विजय इंदर सिंगला पीडब्ल्यूडी, परगट सिंह शिक्षा, सुखजिंदर रंधवा गृह मंत्री, राजा वरिंग ट्रांसपोर्ट, संगत सिंह गिल्जिया फारेस्ट, सुखबिंदर सरकारिया अर्बन डिवलोपमेंट और भारत भूषण आशु को फ़ूड सप्लाई मंत्रालय दिया गया है।