पंजाब कांग्रेस चीफ पद से इस्तीफा देकर सियासी घमासान को बढ़ाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान से जोर का झटका दिए जाने की तैयारी कर ली गई है। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस पद से नवजोत सिंह सिद्धू की विदाई का मन बना लिया है और नए अध्यक्ष के तौर पर रवनीत सिंह बिट्टू के नाम पर भी चर्चा जारी है।
खबरों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया है। बता दें कि मंगलवार को सीएम चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी दिल्ली में मुलाकात की है। माना जा रहा है कि चन्नी इस दौरे पर राहुल गांधी से मिलेंगे।
बीते हफ्ते नवजोत सिंह सिद्धू ने अनदेखी का आरोप लगाते हुए पंजाब कांग्रेस चीफ पद से इस्तीफा दिया था। पार्टी पिछले कई दिनों से सिद्धू को फिर से प्रदेश की कमान सौंपने के लिए मना रही है लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उनका इस्तीफा मंजूर कर सकती हैं।
बताया यह भी जा रहा है कि आलाकमान रवनीत सिंह बिट्टू के अलावा पंजाब कांग्रेस इकाई के प्रमुख के तौर पर मनीष तिवारी और प्रताप सिंह बाजवा के नाम पर भी विचार कर रही है। सिद्धू ने चरनजीत सिंह चन्नी की सरकार में हुई कुछ नियुक्तियों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए अपना इस्तीफा दिया था। सिद्धू को कैबिनेट के साथ ही एडवोकेट जनरल और डीजीपी की नियुक्ति पर भी आपत्ति थी।
सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि समझौते से इंसान के अस्तित्व का पतन होना शुरू हो जाता है। मैं पंजाब के कल्याण और भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकता है। मैं कांग्रेस में आगे भी बढ़ा रहूंगा।
इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने वीडियो जारी कर कहा था कि वह अपनी आखिरी सांस तक सच के लिए लड़ते रहेंगे। हालांकि, इसके बाद सिद्धू ने एक और ट्वीट कर कहा था कि पद रहे या न रहे वह राहुल और प्रियंका गांधी के साथ खड़े रहेंगे।
बता दें कि कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच जारी कलह को खत्म करने के लिए सिद्धू को जुलाई में पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाया था।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ हवाई अड्डे से वापस लौटा दिया है। मुख्यमंत्री वापस दिल्ली जा रहे हैं, जहां अगली रणनीति तय होगी। भूपेश बघेल 2 बजे के करीब लखनऊ हवाई अड्डे पहुंचे थे। वहां से बाहर निकलने की इजाजत नहीं मिली तो फर्श पर ही धरने पर बैठ गए। वहीं से उन्होंने जूम एप के जरिए पत्रकारों से चर्चा भी की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, वे जब हवाई अड्डे से निकल रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। कहा गया धारा-144 लगी है, इसलिए वे हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकल सकते। मैंने उनसे पूछा कि धारा-144 तो लखीमपुर में लगी है, लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर जाने से कैसे रोका जा सकता है। अधिकारियों ने कहा- लखनऊ में भी धारा-144 लगी है। मैंने पूछा कि जब यहां धारा-144 लगी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम कैसे हो गया। उसके बाद अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था, लेकिन उन लोगों ने हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया। बताया जा रहा है, काफी मशक्कत के बाद अफसरों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिल्ली जाने के लिए मनाया। उसके बाद मुख्यमंत्री विशेष विमान से दिल्ली लौट रहे हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने बहुत से आंदोलनों में हिस्सा लिया। धरना-प्रदर्शन किया। जेल भरो आंदोलन किए, लेकिन हवाई अड्डे के भीतर धरना देने का यह पहला अवसर है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यह अवसर भी दे दिया। उन्होंने कहा, जब तक उन्हें लखनऊ और सीतापुर जाकर अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं से मिलने की अनुमति नहीं मिलती वे यहीं बैठेंगे। यह उत्तर प्रदेश सरकार को तय करना है कि वह क्या चाहती है। उन्होंने कहा, भाजपा अंग्रेजों की समर्थक रही है। वैचारिक रूप से वह अंग्रेजों को ही फॉलो करती है। अंग्रेजों ने किसानों का दमन किया। भाजपा भी किसानों की विरोधी है। इन लोगों ने प्रियंका गांधी पर बिना किसी अपराध के तीन धाराएं लगाई हैं। हो सकता है मुझे भी गिरफ्तार कर ले।
हत्यारे बाहर हैं और न्याय मांगने वाले जेल में
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जो हत्यारे हैं वो घूम रहे हैं और जो न्याय की मांग करते हैं उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। बिना अपराध प्रियंका गांधी को अवैध हिरासत में रखा जा सकता है। गिरफ्तार किया जा सकता है तो हम लोगों के साथ कुछ भी हो सकता है।
कहा- जनता को कीड़े-मकोड़े समझ रहे हैं भाजपा नेता
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा भाजपा के नेता सत्ता के मद में इतने चूर हो गए हैं कि जनता को कीड़े-मकोड़े समझ रहे हैं। किसानों को तो वे कुछ समझ ही नहीं रहे हैं। उत्तर प्रदेश की हालत तो सबसे बुरी है। हाथरस, गोरखपुर और अब लखीमपुर खीरी की घटनाओं से साफ हो गया है कि यहां की पुलिस कुछ भी कर सकती है।
PM से पूछा - किसानों को रौंदा जा रहा है, क्या यही अमृत महोत्सव है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं द्वारा किसानों को रौंदा जा रहा है। उनके ऊपर गाड़ी चढ़ाई जा रही है। क्या यही अमृत महोत्सव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में लखनऊ में ही थे।
लखीमपुर के सच को छिपाना, दबाना और मंत्री पुत्र को बचाना चाहती है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा, विपक्ष को लखीमपुर खीरी जाने से रोककर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मामले को छिपाना, दबाना और किसी को बचाना चाहती है। सामने आए वीडियो में साफ दिख रहा है कि शांतिपूर्वक सड़क पर जा रहे किसानों पर पीछे से जीप चढ़ा दी गई। उसमें किसानों की मौत हुई। सरकार इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उसके बेटे को बचाना चाह रही है।
दावा किया - योगी सरकार की विदाई का समय आ गया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश से योगी सरकार की विदाई का समय आ गया है। उन्होंने कहा, यहां दलितों, व्यापारियों और किसानों की किस तरह हत्या हो रही है। यह हाथरस, गोरखपुर और लखीमपुर में दिख गया है। यह घटनाएं पूरा प्रदेश देख रहा है।
हवाई जहाज से अकेले उतारा, प्रोटोकॉल की कार भी नहीं दी
लखनऊ हवाई अड्डे पर लैंडिंग के बाद मुझे अन्य यात्रियों से अलग कर दिया गया। यात्रियों को रोक लिया गया, मैं सामने की लाइन में ही बैठा था तो उन्हें अकेले उतारा गया। उनके सुरक्षाकर्मी और अधिकारी साथ आ गए। वहां सामान्य प्रोटोकाॅल की कार भी नहीं दी गई। एक बस में सभी को बैठाकर एराइवल तक छोड़ा गया।
हमने कहा, या तो प्रोटोकॉल का पालन करते या फिर सामान्य यात्रियों के साथ ही आने देते। अधिकारियों ने कहा, हमें यही आदेश मिला है। यहां से बाहर निकलने की कोशिश की तो पुलिस अधिकारियों ने रोक लिया। कोई जबरदस्ती तो नहीं हुई तो लेकिन हवाई अड्डे से बाहर जाने से रोका हुआ है। कुछ देर पहले DM भी आए थे, वे वापस लौट जाने का आग्रह कर रहे थे। मैंने बना कर दिया।
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 28 घंटे बाद भी औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए बिना पुलिस हिरासत में हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी हिरासत के बारे में ट्वीट किया है। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, मोदी जी, आपकी सरकार ने बिना किसी आदेश या एफआईआर के मुझे 28 घंटे से हिरासत में रखा हुआ है। लेकिन किसानों को कुचलने वालों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। क्यों?
छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान के चलते जो विधायक दिल्ली गए थे वे आज लौट आये, दिल्ली में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायकों का शक्ति प्रदर्शन खत्म हो गया है। एक सप्ताह की मोर्चाबंदी में उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता से मुलाकात नहीं हुई। अब सभी विधायक एक ही विमान से रायपुर लौट रहे हैं। विधायक सोमवार को लौट आए।
रविवार तक हाईकमान से मिलने की रणनीति और समय का दावा कर रहे कांग्रेस विधायकों का सुर शाम तक बदल चुका था। लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन पर जीप चढ़ा देने की घटना के बाद साफ हो गया कि कांग्रेस नेतृत्व छत्तीसगढ़ के विधायकों को सुनने का समय नहीं दे पाएगा।
रविवार शाम चंद्रपुर विधायक राम कुमार यादव ने कहा, यहां हम लोग केंद्रीय नेतृत्व में से किसी से मिलने नहीं आए थे। सभी अपना निजी काम निपटा रहे हैं। वहीं, महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर ने बताया, विधायक कल शाम तक रायपुर वापस लौट जाएंगे। उन्होंने कहा, यह अभी तय नहीं है कि सभी एक साथ जाएंगे या फिर सुविधा के मुताबिक अलग-अलग। लेकिन यह तय है कि संगठन में किसी नेता से मुलाकात करने कोई नहीं जा रहा है। विनोद चंद्राकर ने भी कहा, यहां पहुंचे विधायकों की आलाकमान से मुलाकात की कभी कोई योजना बनी ही नहीं थी। देर रात तक तय हो गया कि विधायकों का शक्ति प्रदर्शन पूरा हो चुका है। उन्हें सोमवार शाम तक रायपुर लौट जाना है। उसके बाद सभी के लिए टिकट का इंतजाम करा लिया गया।
मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद थी, नहीं मिले
सुबह 11 बजे तक विधायकों के पास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिल्ली जाने और छत्तीसगढ़ सदन में ठहरने की सूचना पहुंची। सभी को उम्मीद थी कि यहां उनकी मुलाकात और चर्चा होगी, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसी भी विधायक से नहीं मिले। उसके बाद विधायक हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए।
हवाई जहाज में बनाया विक्ट्री साइन
दिल्ली हवाई अड्डे पर बोर्डिंग के बाद विधायकों ने विक्ट्री साइन बनाकर फोटो खिंचवाया। विधायक यह जताने की कोशिश कर रहे हैं, वे अपना मकसद हासिल करने में कामयाब रहे हैं। एक विधायक ने दावा किया, जिस काम के लिए वे लोग दिल्ली पहुंचे थे, वह पूरा हो गया है।
ये विधायक दिल्ली गए थे
देवेंद्र यादव, चंदन कश्यप और गुरुदयाल बंजारे, आशीष छाबड़ा रविवार को दिल्ली गए। विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, विधायक रेखचंद जैन और अनूप नाग, ममता चंद्राकर, कुंवर सिंह निषाद, विनय भगत, लक्ष्मी ध्रुव, रामकुमार यादव, शिशुपाल शोरी, लालजीत सिंह राठिया, संतराम नेताम, राजमन बेंजाम, डॉ. केके ध्रुव, उत्तरी जांगड़े और किश्मतलाल नंद शुक्रवार- शनिवार को दिल्ली पहुंचे। वहीं बृहस्पत सिंह, गुरुदयाल बंजारे, मोहित केरकेट्टा, डॉ. विनय जायसवाल, द्वारिकाधीश यादव, यूडी मिंज, पुरुषोत्तम कंवर, चंद्रदेव राय और प्रकाश नायक पहले से ही दिल्ली में ठहरे हुए थे।
रायपुर: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 अक्टूबर को एक दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर रहेंगी। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण जी 5 अक्टूबर को सुबह 11ः50 बजे दिल्ली से स्वामी विवेकानंद विमानतल रायपुर पहुंचेंगी। विमानतल में पार्टी पदाधिकारियों ने स्वागत के उपरांत युवा मोर्चा के आयोजित बाईक रैली के माध्यम से भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचेंगी। प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे आगमन के बाद दोपहर 12: 50 बजे पत्रकारों को संबोधित करेंगे। वहां से 1:45 बजे भाटागांव उप स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी। 3 :05 बजे तेलीबांधा तालाब मरीन ड्राइव में जल संरक्षण एक पहल कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। उसके उपरांत 3: 20 बजे टाऊन हाॅल में आयोजित रक्तदान शिविर कार्यक्रम का अवलोकन करेगी। केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण जी होटल बेबीलॉन में 4 बजे आयोजित संगोष्ठी में शामिल होने के उपरांत भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह से उनके निवास में मुलाकात कर दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
लखनऊ: यूपी के लखीमपुर खीरी में भाजपा नेता द्वारा प्रदर्शन कर रहे किसानों को कार टक्कर मारने के आरोप पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर अपना गुस्सा जाहिर किया है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की है। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि लखीमपुर खीरी में भाजपाइयों द्वारा गाड़ी से रौंदे जाने की घटना में गंभीर रूप से घायल किसान नेता श्री तेजिंदर सिंह विर्क जी से अभी थोड़ी बात हो पाई। उनकी अति गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार तुरंत उन्हें सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराए। बस एक माँग मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा दें।
प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएँगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका। ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है। किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी।
इसके पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था कि कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा, गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है। उत्तर प्रदेश दंभी भाजपाइयों का ज़ुल्म अब और नहीं सहेगा। यही हाल रहा तो उप्र में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि गृह राज्य मंत्री टेनी के बेटे ने अपनी गाड़ी से 4 किसानों को कुचल कर मार डाला है। वहीं बढ़ते मामले के देखते हुए डीजीपी मुकुल गोयल ने एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को फौरन मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की हैं। ममता बनर्जी ने भवानीपुर में भाजपा की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को 58,832 वोटों से हराया है। नंदीग्राम में हार के बाद मुख्यमंत्री बनीं ममता के लिए 5 नवंबर से पहले विधानसभा में पहुंचना जरूरी था। ममता इससे पहले भी दो बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुकी हैं, लेकिन वोटों के अंतर के लिहाज से यह उनकी सबसे बड़ी जीत है।
ममता बनर्जी को कुल 84,709 वोट मिले तो भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को 26,320 और सीपीआई (एम) के श्रीजिब बिस्वास को महज 4201 वोट मिले।जीत के बाद मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने भवानीपुर और पश्चिम बंगाल के लोगों का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उन्होंने नंदीग्राम की हार का जिक्र करते हुए कहा कि वहां रची गई साजिश का भवानीपुर के लोगों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने अपनी हार स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी को बधाई दी है।
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार विकास, विश्वास और सुरक्षा की नीति अपनाकर इन क्षेत्रों में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ-साथ विभिन्न जन कल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इससे नक्सलियों से लोगों का मोह भंग हो रहा है। नक्सल गतिविधियां अब सिमट सी गई है। इन क्षेत्रों में लोगों के जीवन में आ रहे बदलाव से यह बात स्पष्ट होती है। मुख्यमंत्री बघेल आज एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम 12 आवर स्वस्थ भारत सम्पन्न भारत टेलीथॉन कार्यक्रम को बेमेतरा जिला मुख्यालय से वर्चुअल रूप से सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महानायक अमिताभ बच्चन के एक प्रश्न के जवाब में बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रोें में स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने के लिए चिकित्सकों और स्टाफ की नियुक्ति की गई है। दंतेवाड़ा जिले से मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की शुरूआत की गई थी, यह योजना राज्य के सभी जिलों में संचालित है। उन्होंने कहा कि हमने इन क्षेत्रों में विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति पर काम करना शुरू किया। इससे आम जनता तक सरकार की पहुंच बनी। इस नीति पर अमल करते हुए हमने लोगों तक स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली और सोलर उर्जा से बिजली पहुंचाने की दिशा मंस काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लागों के जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है। बीजापुर में दिसंबर 2018 तक, जहां साल भर में एक दो ट्रैक्टर की ब्रिकी होती थी आज यह आकड़ा 400 के पार पहुंच गया है। वहीं मोटर सायकलों की ब्रिकी संख्या औसतन 15-16 से बढ़कर 5000 तक पहुंच गई है। इन क्षेत्रों में वनअधिकार कानून का प्रभावी क्रियान्वयन कर लोगों को वनाधिकार पट्टे दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में वर्षों से बंद सैकड़ों स्कूल फिर से शुरू किए गए है। धुर नक्सल क्षेत्र जगरगुण्डा के स्कूलों में भी अब अध्ययन-अध्यापन सुचारू रूप से होने लगा है। बीजापुर के सिलगेर गांव में शासन-प्रशासन द्वारा शिविर आयोजित कर तीन हजार लोगों के आधार कार्ड, जाब कार्ड बनाने बनाए गए। उन्होंने कहा कि नक्सल गतिविधियां अब बीजापुर और नारायणपुर में सिमट कर रह गई है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने के लिए बस्तर अंचल के सभी अस्पतालों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए। इन क्षेत्रों में लोग सप्ताह में एक बार हाट बाजार जरूर जाते हैं, इसलिए हमने लोगों की चिकित्सा का इंतजाम भी हाट बाजारों में किया। मलेरिया मुक्त अभियान चलाया इस अभियान के दौरान 14 लाख लोगों का मलेरिया के लिए रक्त परीक्षण किया गया। आज इन क्षेत्रों में मलेरिया के प्रकरण 40 प्रतिशत से घट कर 4-5 प्रतिशत रह गए है। इसके अलावा मोबाइल मेडिकल यूनिट और दाई दीदी क्लिनिक के जरिए भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये दोनों ही योजनाएं काफी लोकप्रिय है। दाई- दीदी क्लिनिक वर्तमान में रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई निगम क्षेत्र में संचालित है। जल्द ही इसका विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुपोषण मुक्ति अभियान की सराहना हाल में ही नीति आयोग ने की है। राज्य में 37.8 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से और 41.5 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से पीड़ित थी इस लिए राज्य में लोगों के लिए गरम भोजन देने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। पिछले एक साल में कुपोषण के मामले में उल्लेखनीय कमी आयी है। इसी प्रकार स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए लोगों को जागरूक करने की पहल के सार्थक परिणाम देखने को मिल रहा है।
कोलकाता | पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी के घर सैंकड़ों की संख्या में टीएमसी कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं। यहां खेला होबे की धुन पर कार्यकर्ता थिरक रहे हैं। वहीं 12 वें राउंड की काउंटिंग के बाद ममता बनर्जी 35 हजार वोटों से आगे चल रही हैं। इस बढ़त के बाद ममता बनर्जी की जीत तय मानी जा रही है।
पश्चिम बंगाल में तीन सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। तीनों सीटों में भवानीपुर एक हाई प्रोफाइल सीट है जहां टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी का मुकाबला भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल और सीपीएम के श्रीजीव विश्वास से है। भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव का परिणाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए काफी अहम है। आज के परिणाम से साफ हो जाएगा कि ममता बनर्जी मुख्यमंत्री पद के लिए बनी रहेंगी या नहीं।
भवानीपुर सीट से भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल को अबतक केवल 10477 वोट मिले हैं और वह ममता बनर्जी से 31 हजार से अधिक वोटों से पीछे चल रही हैं। जबकि सीपीएम के श्रीजीब विश्वास को अबतक मात्र 1234 वोट मिले हैं।
अखिलेश यादव ने दी बधाई
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने जीत की घोषणा होने से पहले ही ममता बनर्जी को बधाई दे दी है। उन्होंने कहा कि है ये `ममता दीदी की जो जीत है वही, सत्यमेव जयते की रीत` है। बता दें कि ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से 31 हजार वोटों से आगे चल रही हैं।
रायपुर | राजधानी रायपुर से एक सनसनीखेज खबर आ रही है | खबर मिली है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सीएम भूपेश बघेल के करीबी पीसीसी के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, अटल श्रीवास्तव और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी को हटा दिया गया है। इस सम्बन्ध में AICC के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने आदेश जारी किया है | जारी आदेश के अनुसार अरुण सिंघानिया, पीआर खूंटे, अंबिका मरकाम और वाणी राव को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। त्रिवेदी के स्थान पर मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला को संचार विभाग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश महासचिव के रूप में वासुदेव यादव, अमरजीत चावला और सुमित्रा धृतलहरे की नियुक्ति की गई है। चार जिलों के अध्यक्ष भी बदले गए हैं। इनमें भिलाई शहर, कोरबा ग्रामीण, बिलासपुर और जांजगीर चांपा शामिल है। भिलाई शहर में मुकेश चंद्राकर, कोरबा ग्रामीण में सुरेंद्र जायसवाल, बिलासपुर शहर में विजय पांडेय और जांजगीर चांपा में राघवेंद्र सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि इनमें कई नेता ऐसे हैं, जिन्हें निगम-मंडल में जिम्मेदारी दी गई थी। यह माना जा रहा है कि एक पद एक फॉर्मूले के तहत नई सूची जारी की गई है।
रायपुर, अभी अभी सूचना प्राप्त हो रही है छत्तीसगढ़ एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नीरज पांडे की ताजपोशी हो गई है।
आज कांग्रेस के महासचिव वेणु गोपाल जी ने इसका आदेश जारी कर दिया है।
विधायकों के दिल्ली दौरे पर @bhupeshbaghel
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 2, 2021
मीडिया इसके पीछे क्यों पड़ी है, विधायक आते-जाते रहते हैं, कोई राजनीतिक घटनाक्रम हुआ क्या? गए हैं आ जाएंगे। हर व्यक्ति स्वतंत्र है कोई आदमी आए जाए @ndtv @ndtvindia #Congress pic.twitter.com/hzvFYWpnjO
रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा सियासी संकट गहराते जा रहा है. विधायक विक्रम मंडावी और शिशुपाल सोरी भी दिल्ली जाएंगे. एक विधायक ने बताया कि अभी बड़ी संख्या में विधायक दिल्ली दौरे पर जाएंगे. जो विधायक दिल्ली में हैं, उन्हें वापस आने से रोका गया है. सूत्रों के मुताबिक, विधायकों को दिल्ली में रुकने को कहा गया है. आज रात को करीब 10 और विधायक दिल्ली रवाना हो रहे हैं. रात 9 बजे की फ्लाइट से दिल्ली रवाना होंगे. शनिवार सुबह भी कुछ और विधायक दिल्ली कूच करेंगे. अभी दिल्ली में करीब 25 विधायक हैं.
छत्तीसगढ़ के सियासी घटनाक्रम पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस साहब दोनों ने भी कहा है कि अगर कोई विधायक दिल्ली जाता है, तो कोई मनाही नहीं है. हर कोई चाहता है कि हाईकमान मिले, बात करे. इसमें बुराई क्या है? विधायकों द्वारा हस्ताक्षर युक्त पत्र ले जाने की बात पर कहा कि ऐसा हमारी जानकारी में नहीं है. क्या ले गए, क्या नहीं ले गए, ये विधायक ही बताएंगे. क्या हो रहा, क्या नहीं हो रहा है, ये वे नेता ही बताएंगे, जो दिल्ली गए हैं.
" विधायकों के अनुशासनहीनता पर उन्होंने कहा, "क्या बयान दिए हैं, क्या बयान नहीं दिए हैं, जो मीडिया में बातें आईं हैं, सब संगठन के संज्ञान में है. समय आने पर सब तय होगा क्या करना है, क्या नहीं करना है."
धर्मांतरण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। गरियाबंद में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे रमन ने कहा कि ढाई साल की इस कांग्रेस सरकार में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण चल रहा है। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक धर्मांतरण को कांग्रेस का संरक्षण प्राप्त है। वहीं ढाई-ढाई साल पर भी रमन ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं में कुर्सी दौड़ हो रही है।
रमन सिंह शुक्रवार को गरियाबंद जिले के छुरा पहुंचे थे। यहां रमन ने कोसंबुड़ा घाट में वृक्षारोपण कर तीज मिलन कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और भाजपा नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए रमन ने एक बार फिर से नान घोटाले को लेकर भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ED के सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में भूपेश सरकार नान घोटाले के दो आरोपियों को बचाने में लगी है, इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की स्थिति ठीक नहीं
रमन सिंंह ने पंजाब की राजनीतिक हालत का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की स्थिति ठीक नहीं है। रमन ने कहा कि कांग्रेस का ढाई ढाई साल का मुख्यमंत्री का मुद्दा जल्द नहीं सुलझने के कारण प्रदेश का विकास पूरी तरह से रुक गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं में कुर्सी दौड़ हो रही है, सरकार विकास के मुद्दों को छोड़कर कुर्सी के पीछे दौड़ लगा रही है।
धर्मांतरण पर लगातार हमलावर है बीजेपी
दरअसल, धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर बीजेपी इन दिनों लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी नेता धर्मांतरण को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। खासकर रमन सिंह भी बयान दे चुके हैं। इसके पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि छत्तीसगढ़ में यदि धर्मांतरण बंद नहीं हुआ तो भारतीय जनता पार्टी ईंट से ईंट बजा देगी। सरकारी संरक्षण में जो धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है उसे रोकने भाजपा का कार्यकर्ता चाहे पानी गिरे या आग बरसे डिगने या हटने वाला नहीं है। रमन का ये ट्वीट रायपुर में बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद आया था। यहां रमन सिंह समेत तमाम नेताओं ने बरसात में भींगते हुए राजधानी की सड़कों पर धर्मांतरण के खिलाफ शांति मार्च निकाला था।
रमन सिंह ने 2 दिन पहले नान घोटाले को लेकर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा था। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भूपेश बघेल SIT जांच में दखल दे रहे हैं। आरोपी IAS अफसर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ केस को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
चंडीगढ़। लगभग दो दशक से पंजाब में कांग्रेस का पर्याय बने कैप्टन अमरिंदर सिंह अब नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर अपने तीखे तेवर से सभी को अवगत तो करवा ही दिया है। प्रदेश में कांग्रेस के नाराज वरिष्ठ नेताओं का एक बड़ा गुट है। कैप्टन उन्हीं को साधकर हाईकमान और पंजाब कांग्रेस को जमीन पर लाना चाहते हैं। पंजाब की अफसरशाही में कैप्टन की खासी पकड़ रही है, वहीं सरकार के साथ-साथ उन्होंने संगठन पर भी अपना कब्जा हमेशा बरकरार रखा। कैप्टन के निकटवर्ती अब उन वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साध रहे हैं, जिनको दरकिनार किया जा रहा है।
डांवाडोल पार्टी में फूंकी थी जान
राजिंदर कौर भट्ठल के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब कांग्रेस की कमान संभाली थी तो पार्टी की स्थिति डांवाडोल थी। 1997 में तो कांग्रेस के सिर्फ 14 विधायक ही जीते थे और भाजपा-अकाली दल का पूरा वर्चस्व था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी में जान फूंकी और 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी को सत्ता में ले आए और 14 से सीधे 61 विधायक कांग्रेस के जीते। कैप्टन ने सबसे अधिक झटका भाजपा को दिया, जिनके सिर्फ तीन विधायक रह गए। 2007 में कांग्रेस का प्रदर्शन भी निराशाजनक नहीं रहा, कैप्टन के नेतृत्व में 44 विधायक कांग्रेस के जीते थे। इसके बाद कांग्रेस की कमान मोहिंदर सिंह केपी को मिली और बाद में प्रताप बाजवा को लेकिन दोनों कांग्रेस को सत्ता तक नहीं ला सके। 2012 में कांग्रेस के 46 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे लेकिन सत्ता नहीं मिली।
हाईकमान ने दोबारा कैप्टन को कांग्रेस का प्रधान बनाया और 2017 में कैप्टन दोबारा कांग्रेस को सत्ता में ले आए और 77 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता संभाली तो प्रदेश की प्रधानगी सुनील जाखड़ को मिली। संगठन और सरकार के बीच लगातार तालमेल रहा। हालांकि प्रताप बाजवा, अश्वनी सेखड़ी, सांसद शमशेर सिंह दूलो समेत कई नेता कैप्टन विरोधी रहे लेकिन सरकार व संगठन के बीच संतुलन बना रहा।
अफसरशाही पर है मजबूत पकड़
कैप्टन की अफसरशाही में पकड़ बेशक उनको मजबूत बनाती रही लेकिन आम कार्यकर्ताओं व नेताओं से उनकी दूरी बढ़ती चली गई। अब स्थिति बिल्कुल उलट है। सिद्धू प्रदेश प्रधान बनने के बाद सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह दूलो, अश्वनी सेखड़ी समेत कई नेता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सिद्धू व चन्नी की ताजपोशी के बाद जिस तेजी से वरिष्ठ नेताओं को किनारे किया गया है, उसको पूरी तरह से कैप्टन भुनाने की तैयारी में है।
हर नाराज नेता के संपर्क में हैं कैप्टन
सूत्रों के अनुसार कैप्टन की टीम ने सभी से संपर्क साध रखा है और कैप्टन कांग्रेस को छोड़ने के बाद अपना अलग खेमा तैयार करने जा रहा है। जाहिर है कि चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन के कई निकटवर्ती नेताओं को किनारे लगाकर उनकी टिकटों की कांट छांट कर सकते हैं, ऐसे में कैप्टन उन नेताओं व साथियों को अपनी टीम में शामिल करेंगे। कई नेता कैप्टन के चुनावी जहाज में सवार हो सकते हैं। कैप्टन के कई निकटवर्ती मंत्रियों की छुट्टी की गई है, जिसमें गुरप्रीत सिंह कांगड़, सुंदर शाम अरोड़ा, साधू सिंह धर्मसोत, बलवीर सिंह सिद्धू शामिल हैं। यह सभी सिद्धू से खासे नाराज चल रहे हैं। लिहाजा, कैप्टन ने नाराज नेताओं को अपना प्लेटफार्म देने की तैयारी शुरू कर दी है।
चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की बातचीत खत्म हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सारे मामले सुलझ गए हैं। बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बारे में बातचीत हुई। बताया जाता है कि सिद्धू पंजाब के कार्यवाहक डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता और एजी अमरप्रीत सिंह देयोल को हटाने पर अड़े हुए थे। दूसरी ओर, कांग्रेस सूत्रों ने संकेत दिया है कि दोनो की बैठक में मामला सुलझ सकता है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य कैबिनेट की 4 अक्टूबर को बैठक बुलाई है।
सिद्धू को दो अफसरों कार्यवाहक डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता और एडवोकेट जनरल (एजी) अमरप्रीत सिंह देयोल की नियुक्ति पर आपत्ति है। इनकी जगह वह अपने चहेते अधिकारियों की नियुक्ति करवाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री चन्नी ने कल संकेत दिया था कि वह कुछ फैसले वापस ले सकते हैं। दूसरी ओर दबाव बढ़ाने के लिए सिद्धू ने वार्ता से ठीक पहले अपने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने दिनकर गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए इकबाल प्रीत सिंह सहोता पर निशाना साधा। माना जा रहा है कि इस बैठक में यह तय हो जाएगा कि सिद्धू पार्टी अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लेते हैं या नहीं। पार्टी हाईकमान ने सिद्धू के इस्तीफे के मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चन्नी को सौंपी है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के साथ बैठक से पहले डीजीपी बनाए गए इकबाल प्रीत सहोता पर ट्वीट कर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि डीजीपी आइपीएस सहोता बादल सरकार के समय हुई बेअदबी की घटना की जांच के लिए गठित एसआइटी के प्रमुख थे। उन्होंने दो सिख युवकों को गलत ढ़ंग से फंसाया था और बादलों को क्लीनचिट दे दी थी। उस समय मैं कांग्रेस के कई मंत्रियों और आज के गृहमंत्री के साथ वहां गए थे और उन लोगों (फंसाए गए युवकों) के समर्थन में लड़ाई का भरोसा दिलाया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने कई पुराने वीडियो ट्वीट को भी रि-ट्वीट भी किए हैं।