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चिराग पासवान पिता के बंगले को खाली करने के मूड में नहीं

चिराग पासवान पिता के बंगले को खाली करने के मूड में नहीं

नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी में जारी घमासान के बीच पिता रामविलास पासवान के दिल्ली स्थित 12 जनपद वाले बंगले को चिराग पासवान खाली करने के मूड में नहीं हैं। चिराग पासवान ने इस बंगले में पिता रामविलास पासवान की मूर्ति उनके नाम का बोर्ड भी लगावा दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने चिराग को वह बंगला छोडऩे के लिए कहा था, लेकिन चिराग ने पिता की बरसी तक उस बंगले में रहने की इजाजत मांगी थी।


स्वर्गीय राम विलास पासवान के नाम पर आवंटित यह बांग्ला अब केंद्रीय आईटी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया गया है। यह बंगला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बंगले के बिल्कुल बगल में है। रामविलास पासवान ने 12 जनपद में ही करीब तीन दशक अपने परिवार के साथ बिताए थे। इस बंगले में जो प्रतिमा लगाई गई है उसमें पासवान की छाती तक का हिस्सा दर्शाया गया है। मूर्ति में नीले रंग का प्रयोग किया गया है और चेहरे पर मुस्कान को दिखाया गया है। चिराग पासवान को 23 नॉर्थ एवेन्यू आवंटित होने के बाद भी वह अपने पिता के साथ 12 जनपद में ही रहते थे। पिता की मृत्यु के बाद शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने पासवान परिवार को बंगला खाली करने से जुड़े नोटिस भेजा था। दूसरी ओर चिराग के करीबी सूत्रों का कहना है कि पासवान परिवार ने वहां रहने के लिए कुछ वक्त की मोहलत ले ली है।


सम्मान में लगाई मूर्ति
रामविलास पासवान की मूर्ति लगाए जाने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी की युवा विंग के अध्यक्ष यामिनी मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाने के पीछे सियासत नहीं है। यह सिर्फ इसलिए लगाई गई है, जिससे उनके प्रति अपने सम्मान को प्रकट कर सकें। वह देश के दूसरे आंबेडकर माने जाते हैं।


रेल मंत्री वैष्णव को आवंटित हुआ था बंगला
पिछले दिनों यह बंगला रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित हो चुका है, लेकिन अभी तक बंगला खाली नहीं हुआ है। वहीं अब नए केंद्रीय मंत्रियों को भी सरकार बंगले आवंटित होना शुरू हो गए हैं।

नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी को भाजपा ने बताया नौटंकी, कही ये बड़ी बाते

नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी को भाजपा ने बताया नौटंकी, कही ये बड़ी बाते

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी के बाद भी भाजपा का आक्रामक रुख जारी है। भाजपा ने इसे सियासी नौटंकी बताया है। भाजपा प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा, उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष चुनाव है। मुख्यमंत्री के पिता ने वहां जाकर एक समाज के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया है उसपर वहां गिरफ्तारी न हो जाए, इसलिए छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह जाल बिछाया है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस गिरफ्तारी पर संतोष जताया है।


भाजपा प्रवक्ता मूणत ने कहा, अगर वे पिता को गिरफ्तार भी कर लें। उंगली कटाकर शहीद बन जाएं कि कानून से बड़ा कोई नहीं। यह ये बताने की कोशिश है कि मैंने अपने पिताजी को अंदर कर दिया। यह राजनीतिक नौटंकी है जो हमें भी आती है। मूणत ने कहा, अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव है। वोट को साधने की राजनीति है। इसलिए उत्तर प्रदेश में जाकर मुख्यमंत्री के पिता एक समाज के प्रति जिन शब्दों का प्रयोग किया है भाजपा उसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा, कहीं उत्तर प्रदेश की सरकार उनको गिरफ्तार न कर ले इसलिए छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपना जाल बिछाया है। राजेश मूणत ने कहा, पिता-पुत्र समाज में वैमनस्यता फैलाने के बड़े उद्देश्य पर काम कर रहे हैं। बेटा धर्मांतरण को समर्थन दे रहा है तो पिता बार-बार वर्ग विशेष पर टिप्पणी कर रहा है। अपनी साजिश को भुनाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं, उसकी बानगी है कि बेटे ने भी जमानत नहीं ली थी, अब पिता भी उसी राह पर है।


श्रीचंद बोले, सोनिया के दबाव में गिरफ्तारी
भाजपा के रायपुर जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा, यह उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए हुआ है। यह गिरफ्तारी भी निश्चित रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दबाव में हुई है।


मूणत से जुड़ा है भूपेश बघेल के जमानत नहीं लेने का किस्सा
राजेश मूणत बेटे के जमानत नहीं लेने के जिस किस्से का जिक्र कर रहे थे वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है। उसमें राजेश मूणत खुद बड़ा किरदार हैं। 24 सितम्बर 2018 को सीबीआई ने कथित रूप से राजेश मूणत से जुड़ी अश्लील सीडी को वितरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय भूपेश बघेल ने जमानत लेने से इन्कार कर दिया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। उसके बाद पहली बार कांग्रेस की वापसी की पटकथा तैयार हो गई।


भाजपा अध्यक्ष बोले, भले ही सियासी कारण लेकिन कार्रवाई पर संतोष
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नन्द कुमार बघेल के खिलाफ हुई कार्रवाई को सामाजिक-धार्मिक सौहार्द के हित में बताया है। उन्होंने कहा, अगर समय रहते मुख्यमंत्री ने इस तरफ ध्यान दिया होता तो आज हालात इतने नहीं बिगड़ते।कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही नंद कुमार बघेल लगातार देश-धर्म-जातियों के खिलाफ भड़काऊ और उकसाऊ बयानबाजी करते रहे थे। साय ने कहा, भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार को इन घटनाक्रमों से सावधान करती आ रही थी, लेकिन कभी मुख्यमंत्री ने ध्यान नहीं दिया। मामला क्योंकि सीधे मुखिया के पिता से जुडा था, ऐसे में प्रशासन भी इनके खिलाफ कदम उठाने का साहस नहीं कर पा रहा था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, इस समय कारवाई के लिए हरी झंडी दिखाने के भले अलग सियासी कारण हों, फिर भी इस करवाई पर संतोष व्यक्त किया जा सकता है।


आपत्तिजनक बयानों पर आज हुई है नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को रायपुर पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें मंगलवार को रायपुर की अदालत में पेश किया गया है। जहां उन्होंने जमानत लेने और वकील रखने से इन्कार कर दिया। अदालत ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन पर ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान देने का आरोप है।


रायपुर के डीडी नगर थाने में दर्ज है FIR
नंद कुमार बघेल के खिलाफ रायपुर के डीडी नगर थाने में केस दर्ज किया गया है। सर्व ब्राह्मण समाज की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया। नंद कुमार पर सामाजिक द्वेष पैदा करने का आरोप है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505 समुदायों के बीच शत्रुताए घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने और धारा 153 ए के तहत सामाजिक तनाव बढ़ाने वाला बयान देने का आरोप है।

शहर की महिलाओं ने कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित होकर किया कांग्रेस प्रवेश

शहर की महिलाओं ने कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित होकर किया कांग्रेस प्रवेश

महासमुंद।  संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर द्वारा क्षेत्र में कराए जा रहे विकास कार्यों तथा कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित होकर क्लबपारा की महिलाओं ने कांग्रेस प्रवेश किया। कांग्रेस प्रवेश करने वाली सभी महिलाओं का संसदीय सचिव  चंद्राकर ने स्वागत किया।

महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव मती लता कैलाश चंद्राकर व लक्ष्मी सोनी के नेतृत्व में महिलाएं आज मंगलवार को संसदीय सचिव निवास पहुंची और संसदीय सचिव  चंद्राकर से मुलाकात की। बाद इसके महिलाओं ने कांग्रेस की नीतियों व क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से प्रभावित होकर कांग्रेस प्रवेश किया। संसदीय सचिव  चंद्राकर ने सभी महिलाओं का कांग्रेस पार्टी में प्रवेश करने पर स्वागत किया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस प्रवेश करने वाली महिलाओं को पार्टी हित में काम करने आव्हान किया। कांग्रेस प्रवेश करने वाली महिलाओं में संध्या यादव, किरण यादव, सीमा विश्वकर्मा, सुनीता पाडे, संतोषी यादव, पुन्नी यादव, संध्या यादव, रेणुका, निधि, नीलम, कुमारी बघेल, सुरजो बघेल, देवकी यादव, शांति बघेल, पूजा पाडे, अनिता यादव, उमा बघेल, ज्योति पाडे, उर्मिला, लता, मंजू, शिवबती, सुखिया यादव, तिजिया यादव शामिल हैं।
धर्मांतरण के मुद्दे पर बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

धर्मांतरण के मुद्दे पर बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

धर्मांतरण के मुद्दे पर पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। रविवार को पुरानी बस्ती थाने में हुए हंगामे की घटना के संबंध में उन्होंने कहा कि राजधानी में धर्मांतरण करने वालों को थाने में बुलाकर चाय पिलाई जा रही है। जो लोग शिकायत करने पहुंच रहे हैं उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है। आखिर क्यों धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसा ना होने पर उनके हौसले बुलंद होते हैं।


पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि बस्तर के चिंतन शिविर में भी धर्मांतरण की बातें सामने आईं। बस्तर में 20 से ज्यादा प्रदर्शन धर्मांतरण के मुद्दे के खिलाफ हो चुके हैं, मगर सरकार ध्यान नहीं दे रही। मैदानी इलाके दुर्ग, रायपुर, महासमुंद जैसे शहरों में भी लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। यदि इन हरकतों पर लगाम नहीं कसी गई तो आने वाले दिनों में स्थिति भयानक होगी। कानून व्यवस्था संभालना मुश्किल हो जाएगा।


थाने में पादरी को पीटा
भाटागांव इलाके में रविवार को धर्मांतरण की शिकायत लेकर कुछ युवाओं का गुट पुरानी बस्ती थाने पहुंचा था। बजरंग दल और भाजपा से ताल्लुक रखने वाले युवकों ने पुलिस को बताया कि पादरी हरीश साहू लोगों को धार्मिक सभा में बुलाकर धर्म परिवर्तन कर रहा है। थानेदार के चैंबर में ही हरीश को युवकों ने जूतों से पीट दिया। इस मामले में पुलिस ने सम्भव शाह, शुभान्कर द्विवेदी, मनीष साहू, संजय सिंह, विकाश मित्तल, अनुरोध शर्मा और शुभम अग्रवाल पर केस दर्ज किया है।


धर्मांतरण की पटरी पर भाजपा की सियासी गाड़ी
अगस्त के महीने में भाजपा के युवा मोर्चा ने धर्मांतरण के विरोध में मार्च निकाला था। तब भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने मीडिया से बातचीत में ईसाई मिशनरीज में काम करने वालों को धमकी भी दी थी। साहू ने कहा था कि इस पद यात्रा के जरिए हम सांकेतिक तौर पर धर्मांतरण रोकने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो एक बार रोकेंगे और अगर धर्मांतरण का सिलसिला जारी रहा तो फिर ठोकेंगे।


भाजपा पर CM का हमला
हाल ही में धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा ने कई तरह के आरोप कांग्रेस पर लगाए थे, CM भूपेश बघेल ने इस पर जवाब दिया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा की सरकार में ही प्रदेश में सर्वाधिक चर्च बने हैं। उन्होंने कहा, संविधान ने सबको धार्मिक आजादी दी है। यहां कोई जबरन धर्मांतरण का एक भी मामला बता दे, कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, यहां उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली स्थिति है। भाजपा सत्ता में वापसी के लिए धर्मांतरण का सहारा ले रही है। जबकि सबसे ज्यादा चर्च भाजपा के शासनकाल में ही बने हैं। हम सब अलग-अलग धर्मों के मानने वाले लोग हैं। जहां जिस समुदाय की आबादी अधिक होती है उससे जुड़े आस्था के केंद्र बनाए जाते हैं।

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के अपमानजनक बयान के विरोध में NSUI का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के अपमानजनक बयान के विरोध में NSUI का प्रदर्शन

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के थूकने वाले बयान को लेकर NSUI ने प्रदेश के भाजपा विधायक, सांसद और महापौर के घर पर जाकर उनको थूकदान भेंट कर रही है. इस दौरान उनसे यह कहा गया कि भाजपा नेता कृपया कर यहां थूकें, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान पर नहीं.


इसी कड़ी में NSUI छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा के निर्देश अनुसार जिला सचिव आदि पांडेय के नेतृत्व में आज नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक निवास के सामने जाकर NSUI के कार्यकर्ताओं ने थूक दान भेंट किया और नारेबाज़ी की.
इस प्रदर्शन में जिला कार्य. अध्यक्ष विनोद कश्यप, जिला महासचिव संकल्प मिश्रा के साथ विधानसभा अध्यक्ष केशव सिन्हा, हिमांशु शर्मा, ज़िला सचिव पुष्पेंद्र ध्रुव, हर्शराज शर्मा, ऋषभ डगरे, दीपेश यादव, निशांत शर्मा, संस्कार द्विवेदी, कुलदीप बाघमार, शिवम जयसवाल, परमवीर सिन्हा, अरुण आदुत्या दुबे, श्रेयांश ठाकुर, स्वप्निल सोनी, संगीत, अमन सरकार, हिमाशु चंद्रा, गौरव, मुकेश व अन्य छात्र नेता उपस्थित थे
 

BREAKING: ममता बेनर्जी ने ली चैन की सांस, चुनाव आयोग ने उपचुनाव के तारीखों का किया ऐलान

BREAKING: ममता बेनर्जी ने ली चैन की सांस, चुनाव आयोग ने उपचुनाव के तारीखों का किया ऐलान

पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित उपचुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग के इस ऐलान के साथ ही ममता बनर्जी की बड़ी टेंशन खत्म हो गई है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की तीन और ओडिशा की एक सीट लिए उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके मुताबिक, भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होंगे और वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। बंगाल का भवानीपुर विधानसभा वही सीट है, जहां से ममता बनर्जी उपचुनाव लड़ेंगी।


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र (पश्चिम बंगाल) में उपचुनाव कराने का फैसला किया है। इस तारीख को पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीरपुर और पिपली (ओडिशा) में भी उपचुनाव होंगे। उपचुनाव के वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि अन्य 31 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव को कोरोना की वजह से टाल दिया गया है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, 13 सितंबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारिख होगी और वहीं कैंडिडेट 16 सितंबर से पहले तक अपना नाम वापस ले सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि संवैधानिक आवश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य के विशेष अनुरोध पर विचार करते हुए भवानीपुर (ममता बनर्जी की परंपरागत सीट) के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। आयोग द्वारा कोरोना से बचाव के लिए अत्यधिक सावधानी के रूप में बहुत सख्त मानदंड बनाए गए हैं।
बंगाल में किन सात सीटों पर होने हैं उपचुनाव
जिन सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है वे हैं, मुर्शिदाबाद में जंगीपुर और समसेरगंज, 24 दक्षिण परगना में गोसाबा, दक्षिण मेदनीपुर में खरगपुर, नादिया में शांतिपुर, कूचबिहार में दिनहाटा और भवानीपुर। ममता बनर्जी के कुर्सी पर मंडराते खतरे की वजह से टीएमसी बार-बार चुनाव आयोग से जल्द उपचुनाव की मांग कर रही थी।
5 नवंबर तक है मियाद
बता दें कि ममता की सीट पर उपचुनाव कराने के लिए टीएमसी दिन-रात एक की हुई थी। वजह यह थी कि अगर ममता बनर्जी 5 नवंबर तक विधानसभा की सदस्य नहीं बन पाती तो उन्हें मुख्यमंत्री पद की कुर्सी से हटना पड़ता। जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही थी, तृणमूल कांग्रेस की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। भाजपा कोरोना का हवाला देकर उपचुनाव का विरोध कर रही थी।

 

किसानों के प्रति घृणा है भाजपा का असली रूप, माफी मांगे पुरंदेश्वरी : भूपेश

किसानों के प्रति घृणा है भाजपा का असली रूप, माफी मांगे पुरंदेश्वरी : भूपेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री रविंद्र चौबे, प्रेमसाय सिंह टेकाम, शिव डहरिया, मोहम्मद अकबर और कवासी लखमा ने पत्रकारों से चर्चा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा 31 अगस्त और 01 और 02 सितम्बर को चिंतन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल शामिल हुए।

भाजपा ने बस्तर में चिंतन शिविर आयोजित किया। इसमें आदिवासियों के लिए चिंतन नहीं हुआ। चिंतन हुआ सिर्फ धर्मांतरण के लिए, राज्य सरकार के लिए, ओबीसी वर्ग को साधने, सरकार के मंत्री मंडल पर। पिछले दिनों भाजपा प्रभारी ने कहा था कि पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उसका किसान होना है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा प्रभारी पुरंदेश्वरी ने जो बातें कही उसमें सबसे बड़ी बात, यदि भाजपा कार्यकर्ता पीछे मुड़कर थूक देंगे तो राज्य सरकार और उनका मंत्रीमंडल बह जाएगा। छत्तीसगढ़ की धरती मां कौशिल्या की धरती है। यहां नारियों के प्रति सम्मान का भाव है। राज्य में लिंगानुपात सबसे अच्छा है। प्रदेश में बेटियां बेफिक्र है। राज्य में नारियों का सम्मान होता रहा है। उनके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता।

आज राज्य भाजपा के प्रभारी के लिए सबसे बड़ी चुनौति किसान और राज्य का मंत्रीमंडल है। पहली बात यह है कि थूकने का मतलब घृणा करना है। कितनी घृणा लोगों के प्रति है इससे यह स्पष्ट हो गया। यह सरकार किसानों की सरकार है। मैं किसान पहले हूं, राज्य का मुख्यमंत्री बाद में हूं। किसानों, पिछड़े वर्ग और अनुसूचितों के प्रति भाजपा की भावना कैसी है उसे पूरा प्रदेश देख रहा है। पुरंदेश्वरी ने पार्टी और मंत्रीमंडल पर घृणा की नहीं किसानों के प्रति घृणा है।

ये किसानों का अपमान है, छत्तीसगढ़ राज्य का अपमान है। हम किसान हैं, हमारे मन में नफरत नहीं, हिंसा नहीं। ये कबीर की धरती है, स्वामी आत्मानंद की धरती है। भाजपा नफरत की फसल उगा रहे हैं। आज इस बयान का तीसरा दिन है। कोई खंडन नहीं आया है, कोई माफी नामा नहीं आया है। न केवल पुरंदेश्वरी बल्कि भाजपा की राष्ट्रीय ईकाई भी किसान और छत्तीसगढिय़ों को नफरत के लायक समझती है। पुरंदेश्वरी के बयान पर भाजपा राज्य की जनता से माफी मांगे।

शासकीय कर्मचारियों की हड़ताल को भाजपा का समर्थन

शासकीय कर्मचारियों की हड़ताल को भाजपा का समर्थन

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन किया है। श्री साय ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने 32-33 महीनों के शासनकाल में हर वर्ग को त्रस्त करने और अपने हक़ के लिए सड़क पर उतरने के लिए विवश किया है। उन्होंने ने कहा कि न्याय योजना के नाम पर लफ्फाजी करती कांग्रेस सरकार कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों पर संजीदा होकर संवेदनशील पहल कर उन्हें राहत प्रदान करे।


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने और उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस सरकार ने कुछ नहीं किया। संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण लटकाकर और डीए भुगतान रोककर प्रदेश सरकार कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। श्री साय ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें वही हैं, जिसका वादा कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में किया है। श्री साय ने कहा कि सेवाकाल के दौरान मृत्यु के बाद दिवंगत कर्मचारी के परिवार के एक सदस्य को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति मिले, प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए। श्री साय ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि कर्मचारियों के हक और न्याय की लड़ाई में भाजपा हर क़दम पर उनके साथ है।

कांग्रेस के नेता पॉलिटिकल हिप्पोक्रेसी का कर रहे प्रदर्शन : सरोज

कांग्रेस के नेता पॉलिटिकल हिप्पोक्रेसी का कर रहे प्रदर्शन : सरोज

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महाचिव अजय माकन के उस कथन को झूठा बताया है, जिसमें कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश की सम्पत्तियों को बेचने की बात कही है। सरोज पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस के नेता झूठ परोसकर देश को ग़ुमराह करने में लगे हैं। दरअसल केंद्र की मौज़ूदा सरकार के फैसलों से सरकार के ख़जाने में 6 लाख करोड़ रुपए आ रहे हैं जो देश के सर्वांगीण विकास और देश की आत्मनिर्भरता के काम आएंगे। यह बात ही राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं को हज़म नहीं हो रही है।

भाजपा नेत्री पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की विश्वसनीयतो ख़त्म हो चुकी है। राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के माफ़ीनामे ने यह प्रमाणित कर दिया है कि कांग्रेस पूरी तरह झूठ की फैक्ट्री होकर रह गई है। देश के तमाम गंभीर मुद्दों पर तर्कसंगत बातचीत करने से भागने वाले एक ख़ानदान का झूठ देशभर में फैलाते रहना ही कांग्रेस नेताओं की अब नियति रह गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग पहले देश को यह बताएँ कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे का 8 हज़ार करोड़ रुपए का जो मोनेटाइजेशन कांग्रेस गठबंधन के शासनकाल में किया गया, क्या राहुल गांधी और कांग्रेस नेता यह मानते हैं कि सरकार ने तब एक्सप्रेस वे बेच दिया था? इसी तरह सन 2008 में कांग्रेस गठबंधन की सरकार के शासनकाल में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में एक आरएफपी घोषित हुआ। तो क्या राहुल गांधी और पूर्व मंत्री माकन समेत झूठ फैलाते तमाम कांग्रेस यह मानते हैं कि जिस सरकार की मुखिया तब सोनिया गांधी हुआ करती थीं, वह सरकार देश और देश की सम्पत्ति बेचने का दुस्साहस कर रही थी? इससे पहले सन 2006 में एयरपोर्ट के निजीकरण की शुरुआत भी कांग्रेस गठबंधन की केंद्र सरकार ने की थी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव माकन इस बात का जवाब दें कि क्या कांग्रेस सरकार ने रोड, रेल और एयरपोर्ट बेच डाला? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता पोलिटिकल हिप्पोक्रेसी का प्रदर्शन कर रहे हैं। सुश्री पाण्डेय ने कहा कि पारदर्शिता के साथ केंद्र की जिस मौज़ूदा भाजपा सरकार ने देश की तिजोरी को भरने का काम किया है और कांग्रेस के लुटेरों से देश के ख़जाने को सुरक्षित किया है, उस सरकार के ख़िलाफ़ कांग्रेस के नेता अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

भाजपा नेत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार अपनी ओनरशिप को रिटेन करेगी, मोनेटाइजेशन की प्रक्रिया में सरकार की ओनरशिप में बदलाव नहीं होगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या पूर्व मंत्री माकन यह मानते हैं कि कांग्रेस शासित राज्यों में हो रहे मोनेटाइजेशन से अपने-अपने राज्यों को बेचने का काम कर रहे हैं? कांग्रेस के नेताओं को एक परिवार की ग़ुलामी की मानसिकता से उबरकर देश के बारे में पहले सोचना चाहिए और पहले अपना गिरेबाँ झाँक लेना चाहिए।

आसमान पर थूकने से वह खुद के चेहरे पर ही गिरता है : भूपेश बघेल

आसमान पर थूकने से वह खुद के चेहरे पर ही गिरता है : भूपेश बघेल

रायपुर। जगदलपुर में चल रहे चिंतन शिविर में छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के विवादस्पद बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पुरंदेश्वरी के बयान पर उन्होंने कहा कि आसमान पर थूकने से वह खुद के चेहरे पर ही गिरता है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि पुरंदेश्वरी कांग्रेस में थीं तब तो ठीक-ठाक थीं, इस मानसिक स्तर के बारे में पता नहीं था।

ज्ञातव्य है कि पिछले 3 दिन से जगदलपुर में भाजपा का चिंतन शिविर चल रहा था। शिविर के अंतिम दिन कार्यकर्ताओं का सम्मेलन रखा गया। इसमें उद्बोधन के दौरान पुरंदेश्वरी ने कहा कि अगर आप पीछे पलट कर थूकेंगे भी तो इससे भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल बह जाएगा।

जिस समय भाजपा की प्रदेश प्रभारी ने यह बयान दिया सभा स्थल पर करीब 2000 कार्यकर्ता मौजूद थे। पुरंदेश्वरी ने कहा सभी जानते हैं की कांग्रेस में एक परिवार का आदमी ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है, जबकि भाजपा में एक चाय वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है। आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनानी है। हमें इसके लिए बस्तर की सीटें भी जीतनी है। यह तभी संभव होगा जब भाजपा के कार्यकर्ता अपनी ताकत झोंके।

अमरकंटक से रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब इस बयान के बारे में प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं था कि भाजपा में आने के बाद पुरंदेश्वरी की मानसिक स्थिति इस स्तर पर आ जाएगी। जब वह अर्जुन सिंह के साथ राज्यमंत्री थी तब तो ठीक थी। सीएम बघेल ने कहा कि 3 दिन के चिंतन शिविर का यही निष्कर्ष निकला है। आसमान पर थूकने से वह खुद के चेहरे पर ही गिरता है।

चिंतन शिविर में मांदर की थाप पर झूम उठे बीजेपी के नेतागण, विडियो हुआ वायरल

चिंतन शिविर में मांदर की थाप पर झूम उठे बीजेपी के नेतागण, विडियो हुआ वायरल

रायपुर, छत्तीसगढ़ बीजेपी ने बस्तर में तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया है। बीजेपी मिशन 2023 की चुनावी रणनीति पर मंथन कर रही है। इसी बीच चिंतन शिविर के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या में बीजेपी नेता मांदर की थाप पर थिरकते नजर आए। बीजेपी नेता पारम्परिक धुन पर जमकर थिरके। नंदकुमार साय ने मांदर भी बजाया।
चिंतन शिविर में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, सांसद रामविचार नेताम, संतोष पांडेय, संगठन मंत्री पवन साय समेत कई बड़े नेता मांदर की थाप पर जमकर झूम उठे। जिसका वीडियो भी सामने आया है।
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देश के सामने 1991 जैसा आर्थिक संकट: राहुल गाँधी

देश के सामने 1991 जैसा आर्थिक संकट: राहुल गाँधी

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि ईंधन की कीमतों में जब भी इजाफे की बात कही जाती है तो कह दिया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा हो रहा है। यह बात गलत है। हमारी सरकार थी, तब क्रूड ऑयल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल था और अब यह 71 डॉलर प्रति बैरल है। उन्होंने आगे कहा कि देश के सामने 1991 जैसा ही संकट पैदा हो रहा है। यह अर्थव्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि ढांचागत समस्या है। इससे नीतियों में बदलाव किए बिना बाहर निकला नहीं जा सकता है।


राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश के युवाओं को यह सोचना चाहिए कि यह आपका पैसा है और इसे किसके हाथों में दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि 23 लाख करोड़ रुपए की रकम किन हाथों में जा रही है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोनेटाइजेशन प्लान से 6 लाख करोड़ रुपए जुटाने की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के ही 4 से 5 प्रिय मित्रों के हाथों में इसके तहत देश की संपत्ति चली जाएगी। महंगाई समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस का विरोध नजर न आने को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि अभिव्यक्ति को रोका जा रहा है। आप जानते हैं कि मीडिया को बोलने नहीं दिया जा रहा है। हमें संसद में भी रोका जा रहा है। लेकिन इससे गुस्सा बढ़ता जाएगा और रिएक्शन जबरदस्त होगा। राहुल गांधी ने कहा कि हम लाखों लोगों को लेकर सड़क पर उतर सकते हैं, लेकिन उसके दूसरे खतरे हैं। इसलिए हम ऐसा करने से बच रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को 23 लाख करोड़ रुपये की रकम बढ़े हुए टैक्स से मिली है। आखिर यह रकम कहां जाएगी। हमारी सरकार के दौर में जब 105 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल था तो देश में पेट्रोल की कीमत 71 रुपये लीटर थी। आज दुनिया में क्रूड 71 में है तो पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के पार है।

तालिबानियों से बात कर केंद्र सरकार का असली चेहरा हुआ बेनकाब : कांग्रेस

तालिबानियों से बात कर केंद्र सरकार का असली चेहरा हुआ बेनकाब : कांग्रेस

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार को तालिबान से बात करना कूबूल है लेकिन 9 माह से दिल्ली बॉर्डर में आंदोलनरत किसानों से नहीं। भूपेश बघेल सरकार और मोदी सरकार का अंतर स्पष्ट है। मोदी सरकार किसान विरोधी, गरीब विरोधी और भ्रष्ट है। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को लगातार राहत देने वाले फैसले कर रही है। वहीं केन्द्र की मोदी सरकार ने 2022 में किसानों को आय दुगुना करना तो दूर कृषि उपकरण टीकाकरण दवाईया, रासायनिक खाद डीजल के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। धान के समर्थन मूल्य में केन्द्र सरकार ने मामूली वृद्धि की है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। किसानों की आय दुगुनी करना तो दूर, मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल, खाद महंगा कर किसानों के जेब से पैसे निकालने का काम कर रही है। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का मोदी सरकार का भी झूठा साबित हुआ।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इसके ठीक विपरीत अकाल की स्थिति होने पर भी किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की 9000 रू. प्रति एकड़ की राशि देने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की यह राशि चार किस्तों में किसानों को मिलेगी। अकाल की स्थिति होने पर भी किसानों को 9 हजार रू. प्रति एकड़ राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि देने की घोषणा से एक बार फिर साबित हो गया कि हर स्थिति में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार किसानों के साथ खड़ी है।

कांग्रेस सरकार ने अकाल की स्थिति में भी किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रति एकड़ 9 हजार रू. की राशि देने की घोषणा करके ग्रामीणों के स्वावलबन और किसानों को आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने एक और मजबूत कदम बढ़ाया है। इस निर्णय से एक बार फिर साबित हो गया कि भूपेश बघेल है तो भरोसा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अब स्पष्ट हो गया है कि भाजपा किसानों के हमदर्द बनने का झूठा खोखला दावा करती है। सच यह है कि भाजपा सरकार ने 9 माह से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे।

किसानों की मांग पूरा करना तो दूर उनसे अभी तक ठीक से बात तक नहीं की है। बहुत से किसान इस आंदोलन के चलते शहीद हो गए। केन्द्र सरकार की ओर से न तो उन्हें श्रद्धांजलि दी गई न किसानों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की गई है। तालिबान की अफगानिस्तान में सरकार भी अभी ठीक से नहीं बनी है। मोदी सरकार को तालिबान से बात करने की इतनी जल्दी है कि सरकार का ढ़ाचा बने और तालिबान सरकार की नीति स्पष्ट हुए बिना अनौपचारिक ही नहीं औपचारिक बात भी शुरू कर दी है।

अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गुड तालिबान और बैड तालिबान अब में चलने वाला नहीं है। हर किसी को यह तय करने पड़ेगा की वह आंतकवादियों के साथ है या मानवता के साथ है। अगस्त 2015 को अभी 6 साल भी नहीं बीते है और अगस्त 2021 में अब तालिबान को गुड तालिबान और बैड तालिबान की परिभाषा देकर जो कुचक मोदी सरकार ने शुरू किया है उसे देश समझ भी रहा है और उससे असहमत है। अब मोदी सरकार को यह फैसला लेने का समय आ गया है कि यह मानवता के साथ है या आतंकवादियों के साथ है। कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तनेकजेई से औपचारिक मुलाकात कर ली है। अमेरिका के दबाव में आकर मोदी सरकार पहले ही तालिबान से अनौपचारिक चर्चा कर ही रही थी। तालिबान के नाम से देश के मुसलमान भाईयों के खिलाफ जहर फैलाने वाली भाजपा की सरकार का यह दोहरा चरित्र है। जबकि खुद विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि हाथ में हथियार लेकर राज करने वालों के संग हम बात नहीं कर सकते। खुद तालिबान से गलबहियां कर रही भाजपा की सरकार की वास्तविकता अब स्पष्ट हो गई है। यह अब तक तालिबान का नाम का उपयोग नफरत फैलाने के लिये करते थे, लेकिन हकीकत में इनको तालिबान से कोई परहेज नहीं है।

जितनी चर्चा होनी थी हो गई, अब ढाई-ढाई साल के मुद्दे पर बोलने कुछ नहीं बचा : सिंहदेव

जितनी चर्चा होनी थी हो गई, अब ढाई-ढाई साल के मुद्दे पर बोलने कुछ नहीं बचा : सिंहदेव

रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली से रायपुर पहुंच गए हैं। अपने दिल्ली दौरे से लौटने के बाद सिंहदेव ने कहा कि वे दिल्ली पारिवारिक पूजा कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। आगे उन्होंने कह कि ढाई-ढाई साल वाले मामले में जितनी चर्चा होनी थी हो गई, अब इस मुद्दे पर बोलने के लिए कुछ बचा नहीं है। इसलिए इस पर अब काेई बात नहीं हाेगी।

टीएस सिंहदेव के दिल्ली जाने के बाद यहां पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे। उनके दिल्ली जाने काे लेकर भूपेश खेमे के लाेग भी जानने के प्रयास में लग गए थे कि आखिर टीएस किनके बुलावे पर दिल्ली गए हैं। इधर कल शाम रायपुर वापस लाैटने पर टीएस ने कहा, दिल्ली में किसी नेता से किसी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई। इसी के साथ टीएस सिंहदेव ने कहा, मेरे शुभचिंतकों ने मुझे सचेत रहने के लिए कहा है, ताकि कोई विवाद की स्थिति न हो।

पं रविशंकर विश्वविद्यालय में "जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा" को NSUI एवं 6000 छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय में किया जोरदार प्रदर्शन- संकल्प मिश्रा

पं रविशंकर विश्वविद्यालय में "जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा" को NSUI एवं 6000 छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय में किया जोरदार प्रदर्शन- संकल्प मिश्रा

रायपुर, "जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा" को लेकर रायपुर ज़िला एनएसयूआई के द्वारा संयुक्त रुप से पिछले 1 महीने से लगातार विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन एवं ज्ञापन दिया जा रहा है आज उसी कड़ी में हजारों की संख्या में छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर का घेराव किया।
ज़िला महासचिव संकल्प मिश्रा ने बताया की एनएसयूआई द्वारा पिछले 1 महीने से लगातार विभिन्न तरीको से विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति को ज्ञापन, दंडवत प्रणाम एवं कुलपति के निवास के सामने रात को प्रदर्शन कर अपनी मांग को मुखर किया गया एनएसयूआई की यह मांग है कि कक्षाएं ऑनलाइन ली गई है तो परीक्षा भी ऑनलाइन कराया जाए इसको लेकर आज विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से प्रमाणित महाविद्यालय के लगभग 6000 छात्रों ने मिलकर विश्वविद्यालय के मेन गेट का घेराव किया इस गिरोह के दौरान पंडित रविशंकर जी की मूर्ति के नीचे प्रदर्शन कर रहे पदाधिकारियों एवं छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने की मांग रखी गई उसके बाद कुलपति प्रोफेसर वर्मा द्वारा 25 पदाधिकारियों का डेलिगेशन को अपने कक्ष में बुलाया और उनसे उनकी मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की और उसके बाद उनको आश्वासन दिलाया की विश्वविद्यालय द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी जिसमें परीक्षा को ऑनलाइन कराए जाने को लेकर कमेटी अपना जांच करेगी।
शाम 4:00 बजे एनएसयूआई के पदाधिकारियों द्वारा माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल से मुलाकात कर उनको छात्रों की परिस्थिति से अवगत कराया और उनसे भी यह मांग की गई जैसी शिक्षा दी गई है वैसे ही परीक्षा ली जाए और मंत्री श्री उमेश पटेल ने एनएसयूआई के पदाधिकारियों को आश्वासन दिलाया की जल्दी से छात्र हित में निर्णय लिया जाएगा।
एनएसयूआई के मुख्य पदाधिकारी जिला महासचिव संकल्प मिश्रा, प्रशांत गोस्वामी, हरिओम तिवारी एवं निखिल वंजीरी द्वारा संयुक्त रुप से इस मांग को उठाया गया। जिसमें मुख्यरूप से विधानसभा अध्यक्ष केशव सिन्हा, देव निर्मलकर, विकास राजपूताना, मोनु तिवारी, ज़िला महासचिव राहुल चंद्राकर, ज़िला सचिव पुष्पेंद्र ध्रुव, विशाल दुबे, हर्षराज शर्मा, शिवंश राज शुक्ला, फ़रदीन खान, प्रतीक भगत संस्कार द्विवेदी, निशांत शर्मा समेत हज़ारों छात्र शामिल थे
 

 बड़ी खबर: रायपुर से बस्तर की फ्लाइट में उड़ेंगे 40 भाजपा नेता, तीन दिवसीय चिंतन शिविर का प्रारंभ आज से

बड़ी खबर: रायपुर से बस्तर की फ्लाइट में उड़ेंगे 40 भाजपा नेता, तीन दिवसीय चिंतन शिविर का प्रारंभ आज से

रायपुर। बस्तर में आज शाम से भाजपा का तीन दिवसीय चिंतन शिविर प्रारंभ हाेगा। इस शिविर में शामिल होने वाले राष्ट्रीय नेता राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश, सहप्रभारी नितिन नवीन रायपुर पहुंच गए हैं। अब ये नेता राज्य के नेताओं, सांसद, विधायकाें के साथ दाेपहर एक बजे जगदलपुर की नियमित फ्लाइट से रवाना हाेंगे। इस फ्लाइट में भाजपा नेताओं की 40 सीटें बुक हैं। प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी हैदराबाद से सीधे जगदलपुर पहुंचेंगी। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संताेष कल रायपुर आकर बस्तर जाएंगे।

भाजपा ने मिशन 2023 की तैयारी के लिए बस्तर में चिंतन शिविर का आयोजन किया है। तीन दिनों से इस शिविर में चुनिंदा नेता ही शामिल होेंगे। जिनको चिंतन शिविर में शामिल किया जा रहा है, उनको इसकी सूचना सीधे दी गई है। इस शिविर में सभी सांसद, विधायक और कोर ग्रुप के सारे सदस्यों के साथ प्रदेश संगठन के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय, चारों महामंत्री नारायण सिंह चंदेल, भूपेंद्र सवन्नी, पवन साय और किरण देव के साथ तीन उपाध्यक्षाें काे ही शामिल किया गया है। पदाधिकारियों काे शिविर से अलग रखा गया है।
 
छत्तीसगढ़, पंजाब के बाद अब इस राज्य के कांग्रेस में रार, राहुल को खत लिख उठाया सवाल तो हुए बाहर

छत्तीसगढ़, पंजाब के बाद अब इस राज्य के कांग्रेस में रार, राहुल को खत लिख उठाया सवाल तो हुए बाहर

कांग्रेस के लिए समस्याएं खत्म नहीं हो रही हैं। अभी वह पंजाब और छत्तीसगढ़ में विवाद को सुलझा नहीं पाई है कि केरल में भी कांग्रेस को कुछ ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। केरल में कांग्रेस सेक्रेट्री पीएस पारसनाथ को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है। उनके ऊपर आरोप हैं कि वह कांग्रेस हाई कमान को चुनौती दे रहे थे और गलत आरोप लगा रहे थे। केरल में कांग्रेस पार्टी चीफ के सुधाकरन ने यह बातें कहीं हैं। पारसनाथ ने अपने लेटर में पार्टी के जनरल सेक्रेट्री केसी वेणुगोपाल पर सवाल उठाए थे।

कहा, जबसे वेणुगोपाल ने चार्ज लिया कुछ भी ठीक नहीं
गौरतलब है कि पीएस पारसनाथ ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी जनरल सेक्रेटी केसी वेणुगोपाल पर आरोप लगाए थे। इस चिट्ठी में पारसनाथ ने लिखा था कि जबसे वेणुगोपाल ने चार्ज संभाला है पार्टी में बिखराव नजर आने लगा है। पारसनाथ ने आगे लिखा है कि सिर्फ केरल में ही नहीं, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ समेत तमाम जगहों पर पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ी है।
भाजपा से मिलीभगत का लगाया था आरोप
पारसनाथ सिर्फ इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा है कि केरल में कांग्रेस के कार्यकर्ता बिल्कुल कंफ्यूज हैं। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि कहीं केसी वेणुगोपाल भाजपा के साथ मिलीभगत करके प्रदेश में पार्टी को धराशाई तो नहीं करना चाहते हैं। उनका यह पत्र सामने आने के बाद से ही तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। इसके बाद शाम होते-होते पारसनाथ के पार्टी से बाहर निकालने का आदेश आ गया।
अखाड़ा बन गई है कांग्रेस पार्टी
गौरतलब है कि हाल-फिलहाल कांग्रेस पार्टी में लगातार घमासान हो रहा है। विभिन्न राज्यों में पार्टी के अंदर गुटबाजी और विवाद सामने आ रहा है और उसके लिए हालत बहुत मुश्किल हो गई है। पहले राजस्थान में गहलोत और पायलट गुट के बीच किसी तरह सुलह हुई। इसके बाद पंजाब में सिद्धू और कैप्टन के बीच आए दिन तलवार खिंची हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस देव के बीच सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है। इन सबके बीच केरल में इस तरह का विवाद सामने आना पार्टी के लिए नई चुनौती बन सकता है।

 

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धूमधाम से मनाया श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धूमधाम से मनाया श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व

रायपुर: मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास में आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।


संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में राजधानी रायपुर के कोपलवाणी विद्यालय के मूक-बधिर बच्चे श्री कृष्ण और राधा की वेशभूषा में शामिल हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य वनौषधि पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष छविन्द्र कर्मा, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित अनेक अधिकारी-कर्मचारीगण भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बच्चों को तिलक लगाकर मिठाई खिलाया।


कोपलवाणी विद्यालय की प्राध्यापिका डॉ. प्रीति उपाध्याय ने बताया कि इस कार्यक्रम में कक्षा 1 से लेकर स्नातक स्तर के बच्चे शामिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय में सभी बच्चों को नृत्य, पेंटिंग और ड्रॉइंग की विधाओं में भी प्रशिक्षित किया जाता है। इससे पूर्व विद्यालय के बच्चों के द्वारा मुख्यमंत्री जी को अपने हाथों से निर्मित उनकी पेंटिंग भी उपहार स्वरूप भेंट किया जा चुका है।

 छत्तीसगढ़ सरकार की आर्थिक नीतियां राज्य को कर्ज में डुबा रही हैं- डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ सरकार की आर्थिक नीतियां राज्य को कर्ज में डुबा रही हैं- डॉ. रमन सिंह

रायपुर. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जमकर निशाना साधा. मीडिया से बात करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण ही राज्य कर्ज के बोझ तले दबता चला जा रहा है. राज्य का मैचिंग ग्रांट नहीं मिलने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना के 11 लाख मकान नहीं बन पा रहे हैं. इसका सीधा नुकसान प्रदेश के 11 लाख गरीबों को होगा. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के मुताबिक, राज्य सरकार की कुप्रबंधन की ही देन है कि राज्य को साल का 10 हजार करोड़ रुपये सिर्फ ब्याज के रूप में चुकाना पड़ रहा है.

वहीं, आर्थिक नीतियों को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की सरकार जिस गति से प्रदेश को कर्ज में डुबो रही है, राज्य को डूबने से कोई नहीं बचा सकता. राज्य सरकार अपनी गलत नीतियों के कारण महज ढाई साल में 36 हजार करोड़ रुपये कर्ज ले चुकी है, जिसका सीधा भार आम जनता पर पड़ता है.

बीजेपी की ओर से राज्य सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद सत्ताधारी दल की ओर से मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने बयान जारी करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार संसाधन के नाम पर जनता का पैसा लूटती थी. बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाकर बीजेपी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करती थी. जबकि कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता में गांव, गरीब और किसान हैं. इसलिए राज्य सरकार किसानों के लिए, गरीबों के लिए और आम जनता के लिए कई योजनाएं चला रही है. कांग्रेस ने यह भी कहा कि डॉ. रमन सिंह बड़े अर्थशास्त्री बनते हैं तो थोड़ा ज्ञान केंद्र की मोदी सरकार को भी दे दें कि किस तरह से रिजर्व फंड को भी केंद्र खर्च करती जा रही है.
 बड़ी खबर: कांग्रेस ने दो वरिष्ठ नेताओं को किया निलंबित, जानिए आखिर क्यों किया गया निलंबित

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तिरुवनंतपुरम। केरल में कांग्रेस द्वारा एआईसीसी ने राज्य में पार्टी के जिला प्रमुखों के चयन पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त करने के लिए अपने दो वरिष्ठ नेताओं को निलंबित कर दिया है।

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने कहा कि पूर्व विधायक के शिवदासन नायर और केपीसीसी के पूर्व महासचिव केपी अनिल कुमार को पार्टी से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।

एक बयान में कहा गया कि दोनों ने अनुशासन की कमी दिखाई और डीसीसी के पुनर्गठन से संबंधित मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक बयान दिए। दोनों नेताओं ने जिला कांग्रेस कमेटी (डीडीसी) प्रमुखों के चयन को लेकर राज्य नेतृत्व की तीखी आलोचना की। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने शनिवार शाम को राज्य के 14 डीसीसी की सूची प्रकाशित की थी, जिसके बाद असंतुष्ट नेताओं ने टीवी टॉक शो में यह टिप्पणी की।