धमतरी: भाजपा जिला कोषाध्यक्ष चेतन हिंदूजा ने कुरूद की घटना की लेकर कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सभी को है। एनएसयूआई एवं युवक कांग्रेस द्वारा विरोध का तरीका अपनाया गया है, वह सर्वथा अनुचित, अलोकतांत्रिक तरीका है। विरोध सड़क पर होना चाहिए वह भी शान्ति पूर्ण ढंग से कांग्रेसी कुरूद स्थित भाजपा कार्यलय में घुसकर गुंडागर्दी ,दादागिरी कर रहे थे यह बर्दाशत योग्य नही है इस प्रकार के कृत्य से ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता के नशे में चूर कांग्रेसी प्रदेश का माहौल खराब खरना चाहते हैं।
रायपुर: कांग्रेस ने आरएसएस भाजपा पर धर्मांतरण के नाम से झूठ और अफवाह राजनीति कर प्रदेश के शांत माहौल को खराब करने का षड्यंत्र करने का आरोप लगाते हुये तीखा प्रहार किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में दबावपूर्वक धर्मांतरण का आरोप लगाने से पहले आरएसएस भाजपा को रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल को याद करना चाहिए जिस दौरान हजारों की संख्या में धर्मांतरण हुये। बिना सोचे समझे मात्र वाहवाही लूटने और कमीशनखोरी भ्रष्टाचार करने के लिये प्रदेश भर में विकास कार्यो के नाम से रमन सिंह सरकार में तेलीबांधा तालाब के किनारे प्राचीन मौलीमाता मंदिर सहित प्रदेश में सैंकड़ो हिन्दू देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर को तोड़ा गया। हजारों हिंदुओ के मकान और दुकान को ढहाया गया। उस दौरान आरएसएस भाजपा सत्ता की मलाई चाटने में व्यस्त थी और आज जब सत्ता विमुख हो गई है तब इन्हें सत्ता प्राप्ति के लिए धर्म और धर्मांतरण की याद आ रही है। छत्तीसगढ़ में 15 साल तक भाजपा की सरकार रही और बीते सात साल से केंद्र में मोदी सरकार है लेकिन धर्मान्तरण रोकने कोई ठोस उपाय इनके द्वारा अभी तक नही किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने जोर जबरदस्ती दबावपूर्वक भयभीत कर, डरा धमका कर और लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों के ऊपर सख्त एवं कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। छत्तीसगढ़ में सविधान से कोई ऊपर नही है सभी के सवैधानिक अधिकार की रक्षा राज्य सरकार कर रही है। सविधान विपरीत कार्य करने वालो को बख्शा नही जाएगा। भाजपा धर्म परिवर्तन करने का झूठा आरोप लगाकर सिर्फ राजनीति कर रही है। भाजपा नेताओं से धर्म परिवर्तन करने वालों की सूची मांगो तब इनकी बोलती बंद हो जाती है और भाजपा के झूठ का पर्दाफाश हो जाता है। धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कांग्रेस शासनकाल में ही कड़े और सख्त कानून का निर्माण हुआ है और इस पर कार्यवाही भी की गई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेताओं को छत्तीसगढ़ की जनता को बताना चाहिए 15 साल के रमन शासनकाल में हिंदुओ के जीवन स्तर सुधारने उनके शिक्षा दीक्षा, रोजगार, के लिए क्या काम किया गया? आरएसएस भाजपा ने हिंदुओ को एटीएम की तरह इस्तेमाल किया सिर्फ चंदा लेने और वोट लेने तक हिंदुत्व की बाते करते है। भाजपा बताये पूर्व के रमन सरकार में एवं वर्तमान में मोदी सरकार ने धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए क्या उपाय किया ? गैर कानूनी तरीके से धर्मांतरण कराने वाले कितने लोगों पर कानूनी कार्यवाही की ?रमन सरकार ने विकास कार्यों के नाम से देवी देवताओं के सैकडो प्राचीन मंदिरों और हिंदुओं के मकान दुकान को तोड़ा तब आर एस एस और भाजपा मौन क्यों थी?
रायपुर: भाजपा रायपुर जिला ने पूर्व में दी चेतावनी के अनुसार बुढ़ापारा में धरना दिया उसके पश्चात पुरानी बस्ती थाने का घेराव करने कूच किया।
भाजपा ने कल पुरानी बस्ती थाने में आवेदन देकर धर्मांतरण करने वाले व संविधान को जला देने की बात करने वाले लोगों पर खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। साथ ही आज सुबह 11:00 बजे तक का समय देकर एफआईआर दर्ज न होने पर बुढ़ापारा धरना स्थल में धरना देने व उसके पश्चात पुरानी बस्ती थाना घेराव की चेतावनी दी थी। परंतु शासन में हठधर्मिता दिखाते हुए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज नहीं किए और लोकतंत्र की आवाज कुचलने की कोशिश के तहत थाने के रास्ते मे सैकड़ो बल तैनात कर बेरिकेटिंग कर दी। इसके विरोध में हजारों की संख्या में भाजपाइयों ने धरना दिया।
धरना स्थल पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमने अयोध्या में सदियों से चल रही इतिहास की गलतियों को सुधारते हुए राम मंदिर निर्माण प्रारम्भ कर दिया है। तो हम छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को वैसी गलतियां करने नही देंगे। अब कोई भी हमारे धर्म पर अतिक्रमण का प्रयास करेगा तो उसे बर्दाश्त नही करेंगे। उन्होंने कहा कि निरंकुश शासन कार्यकर्त्ता को जेल में डाल सकती पर उसके धर्म को उसके उत्साह को बांध नही सकती।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा हम अभी आवेदन दे रहे है ये हमारी लोकतंत्र में आस्था का प्रतीक है। इसे ताकत से मत रोको। नही तो जनता सड़को पर उतर जायेगी और तुम्हारे दमन के बावजूद धर्म और सत्य की लड़ाई जीतेंगी।
पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि सरकार संविधान की सपथ लेकर कहते है कि सब वर्ग हमारा है। जब भाजपा के लोग कहते है कि धर्मांतरण हो रहे है। तब ये भाजपाईयो पर ही FIR दर्ज करती है मैं पूछता हूं कि क्या हिन्दू वर्ग आप का अपना नही है ? क्या कॉंग्रेस में मौजूद हिन्दुओ की आत्मा सो गई है।
हम थाने में आवेदन देना चाहते है। कांग्रेस सरकार पुलिस को आगे करके हमारे मौलिक अधिकारों पर हमला करते हुए चीन की दीवार खड़ी कर देती है। उन्होंने शासन को चुनौती देते हुए कहा कि कितने थानों के सामने चीन की दीवार बनाओगे। कहां-कहां धर्मांतरण करने वालों को संरक्षण दोगे। भाजपाइयों के हिम्मत के पहाड़ के सामने यह सारे दीवार छोटे पड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा आज कुमार दिलीप सिंह जूदेव को याद करने का समय है । अब हम न केवल धर्मांतरण रोकेंगे बल्कि अपने भटके भाइयो को भी वापस लाएंगे।
धरना और घेराव का नेतृत्व करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा किस गुप्त एजेंडे से ये सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है। आखिर राज्य सरकार अपने केंद्रीय नेतृत्व के किस `पथ` से आदेश लेकर धर्मपरिवर्तन करने वाले अपराधियो को बचा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत जल्दी धर्म संसद बुला कर इस आंदोलन को विस्तार देगी । भाजपा इस सरकार के धर्म परिवर्तन वाले आचरण को प्रत्येक गणेश उत्सव ,दुर्गोत्सव सहित सभी सामाजिक मंच तक पहुंचा कर इसके खिलाफ जन जागरण अभियान चलाएंगे।
धरने के संयोजन जिला महामंत्री ओंकार बैस ने किया
धरने को पूर्व विधायक नंदे साहू, निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, नवीन मार्कण्डेय, भाजयुमो अध्यक्ष अमित साहू, अशोक पांडेय,सच्चिदानंद उपासने, ओंकार बैस, रमेश सिंह ठाकुर, प्रफुल विश्वकर्मा,मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल, अमरजीत छाबड़ा, मंडल अध्यक्ष अनूप खेलकर, प्रवीण देवड़ा, अनिल सोनकर, रविन्द्र ठाकुर, होरीलाल साहू, सचिन मेघानी,अमित मैसेरी, विश्वदिनी पांडेय, नवीन शर्मा ने संबोधित किया।
तत्पश्यात बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत,जिलाध्यक्ष श्रीचन्द सुन्दरनी के नेतृत्व में रायपुर जिला के हज़ारों कार्यकर्ताओ ने थाने घेरने के लिए कूच किया। कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यम दुबा,योगी अग्रवाल, बजरंग खंडेलवाल, आशु चंद्रवंशी, श्यामा चक्रवर्ती, अमरजीत छाबड़ा, ललित जैसिंघ, रमेश मिर्घनी, जिला मंत्री मुरली शर्मा, खेम सेन, अकबर अली, गोपी साहू,राजीव मिश्रा, हरीश ठाकुर,मनोज वर्मा,मृत्युंजय दुबे,राजियत ध्रुव, राजेश पांडेय, रोहित साहू, भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोविंद गुप्ता,अर्पित सूर्यवंशी , सावित्री जगत,वंदना मुखर्जी सहित जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, पार्षद, मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व संयोजक के साथ हजारों की संख्या में कार्यकर्ता व आम नागरिकों ने भाग लिया।
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निम्नानुसार महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
राज्य में लघु वनोपज के प्रसंस्कण और औषधि पौधा आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत स्थापित उद्योगों में वार्षिक आवश्यकता का 70 प्रतिशत तक कच्चे माल की आपूर्ति छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ में मिशन मोड में कोदो, कुटकी, रागी फसलों के लिए मिलेट (लघु धान्य) मिशन को वित्तीय वर्ष 2022-23 से लागू करने का निर्णय लिया गया। उत्पादित मिलेट का उपार्जन छ.ग. लघु वनोपज सहकारी संघ अंतर्गत वन धन समितियों के माध्यम से किया जाएगा। उपार्जित मिलेट का उपयोग मध्यान्ह भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनबाड़ी के पोषण आहार कार्यक्रम में किया जाएगा। मिलेट मिशन के आगामी 5 वर्षो के लिए 170.30 करोड़ रूपए का प्रबंधन जिला खनिज न्यास एवं अन्य शासकीय योजनाओं के कन्वर्जेंस से किया जाएगा।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना में खरीफ वर्ष 2021-22 से खरीफ के समस्त फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्यानिकी फसल उत्पादक किसानों को प्रति वर्ष 9 हजार प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही वर्ष 2020-21 में जिस रकबे में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, अन्य अनाज, दलहन, तिलहन, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपए प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश के अधिसूचित क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के जिला संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों को उस क्षेत्र के स्थानीय निवासी से भरे जाने हेतु बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन किया गया है। बिलासपुर बोर्ड में एक जिला कोरबा शामिल हैं, इस बोर्ड के कार्यक्षेत्र में ‘‘गौरला-पेण्ड्रा-मरवाही‘‘ जिले को भी सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021 के तहत निजी विद्यालयों के संदर्भ में शासन द्वारा वहन किए जाने वाले व्यय की अधिकतम सीमा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आवासीय नवोदय एवं एकलव्य विद्यालय में शैक्षणिक व्यय के समतुल्य अथवा उक्त निजी विद्यालय की वास्तविक व्यय जो भी कम हो का अनुमोदन किया गया।
अविभाजित बिलासपुर जिले से नव गठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही तथा विभाजित बिलासपुर जिला का अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग का आरक्षण प्रतिशत एवं नियम का अनुमोदन किया गया।
ऐसे आवेदक जिनके माता-पिता छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता रखते है, छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर अन्य राज्यों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं अथवा प्राप्त किए हैं, उन्हें भी छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के अंतर्गत साहित्य अकादमी में अध्यक्ष और 8 सदस्य के स्थान पर 9 सदस्य होंगे। इसके साथ ही साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी एवं लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग तथा छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी के मानदेय और भत्ते में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
इस साल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 28 अक्टूबर से एक नवंबर छत्तीसगढ़ राज्योत्सव तक आयोजित किया जाएगा। प्रथम तीन दिन 28, 29 और 30 अक्टूबर को आदिवासी नर्तक दलों के कार्यक्रम, 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि को प्रदर्शनी और डाक्युमेंटी का प्रदर्शन तथा एक नवबंर को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ फिल्म नीति-2021 के निर्माण की अनुमति प्रदान की गई। फिल्म नीति का प्रमुख उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य को फिल्म अनुकूल राज्य बनाने, फिल्म शूटिंग के लिए छत्तीसगढ़ को सेंट्रल हब के रूप में विकसित करना, स्थानीय प्रतिभाओं के लिए रोजगार के अवसरों का विकास करना, फिल्म निर्माण के क्षेत्र में राज्य में निवेशकों को प्रोत्साहित करना तथा प्रदेश के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ में निर्मित राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त फिल्म को प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा। जिसके तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली से प्राईम कैटेगरी में राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ी पृष्ठभूमि के सर्वोत्तम फिल्म, सर्वोत्तम निदेशक, सर्वोत्तम अभिनेता, सर्वोत्तम अभिनेत्री, राष्ट्रीय एकता अथवा सामाजिक संदेश आदि मापदण्ड हेतु अधिकतम एक करोड़ रूपए की राशि (किसी भी एक कैटेगरी में तथा वर्ष में एक बार) अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में घोषित 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अंतर्गत ‘भूलन द मेज‘ को क्षेत्रीय भाषा छत्तीसगढ़ी की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। वर्ष 2021 के लिए एक करोड़ रूपए प्रोत्साहन अनुदान की पात्रता होगी।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर केन्द्रित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के लघु फिल्म एवं वृत्तचित्र के निर्माण का निर्णय लिया गया। जिसके तहत वर्ष 2021-22 में प्रदेश की संस्कृति के 5 विविध आयामों जैसे सिरपुर, बायसन माड़िया, घोटुल, ढोकरा आर्ट तथा बैगा पर केन्द्रित लघु फिल्म एवं वृत्तचित्र का निर्माण कराया जाएगा।
मोटरयान अधिनियम, 1988 यथा संशोधित 2019 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत शमन-शुल्क की राशि को पुनरीक्षित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
डीजल के मूल्य में वृद्धि एवं बस संचालन में अन्य लागत के परिणामस्वरूप प्रक्रम यात्री वाहनों (नगर वाहन सेवा एवं संविदा वाहनों को छोड़कर) के यात्री किराए की दर में वृद्धि का अनुमोदन किया गया।
नेत्रहीन, बौद्धिक दिव्यांगता, दोनों पैरो से चलने में असमर्थ दिव्यांग व्यक्ति, 80 वर्ष या उससे अधिक वरिष्ठ नागरिक और एचआईव्ही एड़स से पीड़ित व्यक्तियों को राज्य में किसी भी स्थान पर उपचार या अन्यथा के लिए एक सहायक के साथ यात्रा करने पर यात्री किराए में 100 प्रतिशत की छूट अर्थात कोई किराया नही लिया जाएगा।
छ.ग. राज्य का निवासी कोई व्यक्ति संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर कलेक्टर द्वारा सम्यक रूप से जारी किया गया ‘नक्सल प्रभावित व्यक्ति‘ का प्रमाण पत्र रखकर यदि राज्य के भीतर यात्री बस द्वारा यात्रा के दौरान इसे दिखाता है तो उसे 50 प्रतिशत यात्री किराए के भुगतान से छूट दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड की विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के भू-विस्थापितों को पुनर्वास लाभ के तहत नियुक्ति प्राप्त भू-विस्थापित कर्मचारियों के नियमितीकरण एवं सेवा शर्तो पर छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित पुनर्वास योजना 2015 की कंडिकाओं में प्रावधानों के तहत ऐसे भूधारक जो नियमित शासकीय नौकरी या निजी नौकरी करते थे, तथा ऐसे भूधारक जो भूअर्जन से प्रभावित ग्राम से निवासरत न होकर अन्यत्र नियमित व्यापार अथवा स्व व्यवसाय करते थे या हैं, अपात्रता की स्थिति में, उन्हें लाभ देने का निर्णय लिया गया।
मॉ दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति मर्यादित कोण्डागांव में वर्तमान में प्रक्रियाधीन मक्का प्रोसेसिंग प्लांट के स्थान पर मक्का आधारित इथेनॉल संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया गया।
राज्य सरकार द्वारा लाख की खेती को कृषि का दर्जा प्रदान किया गया है। जिसके तहत लाख उत्पादक कृषकों अथवा कृषक समूहों को लाख उत्पादन के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन ऋण दिए जाने का निर्णय लिया गया।
मुख्यालय जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, छत्तीसगढ़ रायपुर हेतु अतिरिक्त जेल महानिरीक्षक (वेतन लेवल-16) का पद स्वीकृत करने का अनुमोदन किया गया।
रमन श्रीवास्तव आत्मज स्व. व्ही.के. श्रीवास्तव (अधीक्षण अभियंता सिविल) को द्वितीय श्रेणी सहायक अभियंता (वि./या.) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति का निर्णय लिया गया।
बीजापुर जिले के एड़समेटा में 17-18 मई 2013 को घटित घटना का न्यायिक प्रतिवेदन केबिनेट की बैठक में प्रस्तुत, रिपोर्ट को स्वीकार किया गया।
मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया।
राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गो के क्वांटिफियेबल डाटा एकत्रित करने हेतु गठित समिति के प्रतिवेदन की प्रति अनुषांगिक कार्यवाही हेतु महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ को प्रेषित करने तथा सामान्य प्रशासन विभाग को प्रकरण में आगामी कार्यवाही करने के लिए अधिकृत करने का अनुमोदन किया गया।
पटना। बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह का आज सुबह निधन हो गया। वह करीब 84 वर्ष के थे। स्व. सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश ने बुधवार को बताया कि उनके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे। तबियत अधिक बिगडऩे पर इलाज के लिए उन्हें राजधानी पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज सुबह उनका निधन हो गया।
देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल के सचिव बीके संत ने इसकी पुष्टि की है। बेनीरानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर बीती 26 अगस्त को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं।
दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं। वहीं, अब प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।
उत्तराखंड की दूसरी महिला राज्यपाल थीं बेबी रानी मौर्य
तीन साल पहले उत्तराखंड में राज्यपाल की कमान संभालने वालीं बेबी रानी मौर्य प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल थीं। उनसे पहले मारग्रेट आल्वा प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी थीं।
नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी में जारी घमासान के बीच पिता रामविलास पासवान के दिल्ली स्थित 12 जनपद वाले बंगले को चिराग पासवान खाली करने के मूड में नहीं हैं। चिराग पासवान ने इस बंगले में पिता रामविलास पासवान की मूर्ति उनके नाम का बोर्ड भी लगावा दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने चिराग को वह बंगला छोडऩे के लिए कहा था, लेकिन चिराग ने पिता की बरसी तक उस बंगले में रहने की इजाजत मांगी थी।
स्वर्गीय राम विलास पासवान के नाम पर आवंटित यह बांग्ला अब केंद्रीय आईटी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया गया है। यह बंगला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बंगले के बिल्कुल बगल में है। रामविलास पासवान ने 12 जनपद में ही करीब तीन दशक अपने परिवार के साथ बिताए थे। इस बंगले में जो प्रतिमा लगाई गई है उसमें पासवान की छाती तक का हिस्सा दर्शाया गया है। मूर्ति में नीले रंग का प्रयोग किया गया है और चेहरे पर मुस्कान को दिखाया गया है। चिराग पासवान को 23 नॉर्थ एवेन्यू आवंटित होने के बाद भी वह अपने पिता के साथ 12 जनपद में ही रहते थे। पिता की मृत्यु के बाद शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने पासवान परिवार को बंगला खाली करने से जुड़े नोटिस भेजा था। दूसरी ओर चिराग के करीबी सूत्रों का कहना है कि पासवान परिवार ने वहां रहने के लिए कुछ वक्त की मोहलत ले ली है।
सम्मान में लगाई मूर्ति
रामविलास पासवान की मूर्ति लगाए जाने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी की युवा विंग के अध्यक्ष यामिनी मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाने के पीछे सियासत नहीं है। यह सिर्फ इसलिए लगाई गई है, जिससे उनके प्रति अपने सम्मान को प्रकट कर सकें। वह देश के दूसरे आंबेडकर माने जाते हैं।
रेल मंत्री वैष्णव को आवंटित हुआ था बंगला
पिछले दिनों यह बंगला रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित हो चुका है, लेकिन अभी तक बंगला खाली नहीं हुआ है। वहीं अब नए केंद्रीय मंत्रियों को भी सरकार बंगले आवंटित होना शुरू हो गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी के बाद भी भाजपा का आक्रामक रुख जारी है। भाजपा ने इसे सियासी नौटंकी बताया है। भाजपा प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा, उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष चुनाव है। मुख्यमंत्री के पिता ने वहां जाकर एक समाज के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया है उसपर वहां गिरफ्तारी न हो जाए, इसलिए छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह जाल बिछाया है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस गिरफ्तारी पर संतोष जताया है।
भाजपा प्रवक्ता मूणत ने कहा, अगर वे पिता को गिरफ्तार भी कर लें। उंगली कटाकर शहीद बन जाएं कि कानून से बड़ा कोई नहीं। यह ये बताने की कोशिश है कि मैंने अपने पिताजी को अंदर कर दिया। यह राजनीतिक नौटंकी है जो हमें भी आती है। मूणत ने कहा, अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव है। वोट को साधने की राजनीति है। इसलिए उत्तर प्रदेश में जाकर मुख्यमंत्री के पिता एक समाज के प्रति जिन शब्दों का प्रयोग किया है भाजपा उसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा, कहीं उत्तर प्रदेश की सरकार उनको गिरफ्तार न कर ले इसलिए छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपना जाल बिछाया है। राजेश मूणत ने कहा, पिता-पुत्र समाज में वैमनस्यता फैलाने के बड़े उद्देश्य पर काम कर रहे हैं। बेटा धर्मांतरण को समर्थन दे रहा है तो पिता बार-बार वर्ग विशेष पर टिप्पणी कर रहा है। अपनी साजिश को भुनाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं, उसकी बानगी है कि बेटे ने भी जमानत नहीं ली थी, अब पिता भी उसी राह पर है।
श्रीचंद बोले, सोनिया के दबाव में गिरफ्तारी
भाजपा के रायपुर जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा, यह उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए हुआ है। यह गिरफ्तारी भी निश्चित रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दबाव में हुई है।
मूणत से जुड़ा है भूपेश बघेल के जमानत नहीं लेने का किस्सा
राजेश मूणत बेटे के जमानत नहीं लेने के जिस किस्से का जिक्र कर रहे थे वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है। उसमें राजेश मूणत खुद बड़ा किरदार हैं। 24 सितम्बर 2018 को सीबीआई ने कथित रूप से राजेश मूणत से जुड़ी अश्लील सीडी को वितरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय भूपेश बघेल ने जमानत लेने से इन्कार कर दिया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। उसके बाद पहली बार कांग्रेस की वापसी की पटकथा तैयार हो गई।
भाजपा अध्यक्ष बोले, भले ही सियासी कारण लेकिन कार्रवाई पर संतोष
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नन्द कुमार बघेल के खिलाफ हुई कार्रवाई को सामाजिक-धार्मिक सौहार्द के हित में बताया है। उन्होंने कहा, अगर समय रहते मुख्यमंत्री ने इस तरफ ध्यान दिया होता तो आज हालात इतने नहीं बिगड़ते।कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही नंद कुमार बघेल लगातार देश-धर्म-जातियों के खिलाफ भड़काऊ और उकसाऊ बयानबाजी करते रहे थे। साय ने कहा, भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार को इन घटनाक्रमों से सावधान करती आ रही थी, लेकिन कभी मुख्यमंत्री ने ध्यान नहीं दिया। मामला क्योंकि सीधे मुखिया के पिता से जुडा था, ऐसे में प्रशासन भी इनके खिलाफ कदम उठाने का साहस नहीं कर पा रहा था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, इस समय कारवाई के लिए हरी झंडी दिखाने के भले अलग सियासी कारण हों, फिर भी इस करवाई पर संतोष व्यक्त किया जा सकता है।
आपत्तिजनक बयानों पर आज हुई है नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को रायपुर पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें मंगलवार को रायपुर की अदालत में पेश किया गया है। जहां उन्होंने जमानत लेने और वकील रखने से इन्कार कर दिया। अदालत ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन पर ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान देने का आरोप है।
रायपुर के डीडी नगर थाने में दर्ज है FIR
नंद कुमार बघेल के खिलाफ रायपुर के डीडी नगर थाने में केस दर्ज किया गया है। सर्व ब्राह्मण समाज की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया। नंद कुमार पर सामाजिक द्वेष पैदा करने का आरोप है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505 समुदायों के बीच शत्रुताए घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने और धारा 153 ए के तहत सामाजिक तनाव बढ़ाने वाला बयान देने का आरोप है।
धर्मांतरण के मुद्दे पर पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। रविवार को पुरानी बस्ती थाने में हुए हंगामे की घटना के संबंध में उन्होंने कहा कि राजधानी में धर्मांतरण करने वालों को थाने में बुलाकर चाय पिलाई जा रही है। जो लोग शिकायत करने पहुंच रहे हैं उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है। आखिर क्यों धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसा ना होने पर उनके हौसले बुलंद होते हैं।
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि बस्तर के चिंतन शिविर में भी धर्मांतरण की बातें सामने आईं। बस्तर में 20 से ज्यादा प्रदर्शन धर्मांतरण के मुद्दे के खिलाफ हो चुके हैं, मगर सरकार ध्यान नहीं दे रही। मैदानी इलाके दुर्ग, रायपुर, महासमुंद जैसे शहरों में भी लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। यदि इन हरकतों पर लगाम नहीं कसी गई तो आने वाले दिनों में स्थिति भयानक होगी। कानून व्यवस्था संभालना मुश्किल हो जाएगा।
थाने में पादरी को पीटा
भाटागांव इलाके में रविवार को धर्मांतरण की शिकायत लेकर कुछ युवाओं का गुट पुरानी बस्ती थाने पहुंचा था। बजरंग दल और भाजपा से ताल्लुक रखने वाले युवकों ने पुलिस को बताया कि पादरी हरीश साहू लोगों को धार्मिक सभा में बुलाकर धर्म परिवर्तन कर रहा है। थानेदार के चैंबर में ही हरीश को युवकों ने जूतों से पीट दिया। इस मामले में पुलिस ने सम्भव शाह, शुभान्कर द्विवेदी, मनीष साहू, संजय सिंह, विकाश मित्तल, अनुरोध शर्मा और शुभम अग्रवाल पर केस दर्ज किया है।
धर्मांतरण की पटरी पर भाजपा की सियासी गाड़ी
अगस्त के महीने में भाजपा के युवा मोर्चा ने धर्मांतरण के विरोध में मार्च निकाला था। तब भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने मीडिया से बातचीत में ईसाई मिशनरीज में काम करने वालों को धमकी भी दी थी। साहू ने कहा था कि इस पद यात्रा के जरिए हम सांकेतिक तौर पर धर्मांतरण रोकने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो एक बार रोकेंगे और अगर धर्मांतरण का सिलसिला जारी रहा तो फिर ठोकेंगे।
भाजपा पर CM का हमला
हाल ही में धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा ने कई तरह के आरोप कांग्रेस पर लगाए थे, CM भूपेश बघेल ने इस पर जवाब दिया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा की सरकार में ही प्रदेश में सर्वाधिक चर्च बने हैं। उन्होंने कहा, संविधान ने सबको धार्मिक आजादी दी है। यहां कोई जबरन धर्मांतरण का एक भी मामला बता दे, कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, यहां उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली स्थिति है। भाजपा सत्ता में वापसी के लिए धर्मांतरण का सहारा ले रही है। जबकि सबसे ज्यादा चर्च भाजपा के शासनकाल में ही बने हैं। हम सब अलग-अलग धर्मों के मानने वाले लोग हैं। जहां जिस समुदाय की आबादी अधिक होती है उससे जुड़े आस्था के केंद्र बनाए जाते हैं।
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के थूकने वाले बयान को लेकर NSUI ने प्रदेश के भाजपा विधायक, सांसद और महापौर के घर पर जाकर उनको थूकदान भेंट कर रही है. इस दौरान उनसे यह कहा गया कि भाजपा नेता कृपया कर यहां थूकें, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान पर नहीं.
इसी कड़ी में NSUI छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा के निर्देश अनुसार जिला सचिव आदि पांडेय के नेतृत्व में आज नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक निवास के सामने जाकर NSUI के कार्यकर्ताओं ने थूक दान भेंट किया और नारेबाज़ी की.
इस प्रदर्शन में जिला कार्य. अध्यक्ष विनोद कश्यप, जिला महासचिव संकल्प मिश्रा के साथ विधानसभा अध्यक्ष केशव सिन्हा, हिमांशु शर्मा, ज़िला सचिव पुष्पेंद्र ध्रुव, हर्शराज शर्मा, ऋषभ डगरे, दीपेश यादव, निशांत शर्मा, संस्कार द्विवेदी, कुलदीप बाघमार, शिवम जयसवाल, परमवीर सिन्हा, अरुण आदुत्या दुबे, श्रेयांश ठाकुर, स्वप्निल सोनी, संगीत, अमन सरकार, हिमाशु चंद्रा, गौरव, मुकेश व अन्य छात्र नेता उपस्थित थे
पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित उपचुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग के इस ऐलान के साथ ही ममता बनर्जी की बड़ी टेंशन खत्म हो गई है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की तीन और ओडिशा की एक सीट लिए उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके मुताबिक, भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होंगे और वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। बंगाल का भवानीपुर विधानसभा वही सीट है, जहां से ममता बनर्जी उपचुनाव लड़ेंगी।
Election Commission of India has decided to hold a by-election in Bhabanipur Assembly Constituency (West Bengal) on 30th September. Polls will also be held in Samserganj and Jangipur of West Bengal and Pipli (Odisha) on the date. Counting on 3rd October. pic.twitter.com/NkD0rsc17I
— ANI (@ANI) September 4, 2021
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र (पश्चिम बंगाल) में उपचुनाव कराने का फैसला किया है। इस तारीख को पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीरपुर और पिपली (ओडिशा) में भी उपचुनाव होंगे। उपचुनाव के वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि अन्य 31 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव को कोरोना की वजह से टाल दिया गया है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, 13 सितंबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारिख होगी और वहीं कैंडिडेट 16 सितंबर से पहले तक अपना नाम वापस ले सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि संवैधानिक आवश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य के विशेष अनुरोध पर विचार करते हुए भवानीपुर (ममता बनर्जी की परंपरागत सीट) के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। आयोग द्वारा कोरोना से बचाव के लिए अत्यधिक सावधानी के रूप में बहुत सख्त मानदंड बनाए गए हैं।
बंगाल में किन सात सीटों पर होने हैं उपचुनाव
जिन सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है वे हैं, मुर्शिदाबाद में जंगीपुर और समसेरगंज, 24 दक्षिण परगना में गोसाबा, दक्षिण मेदनीपुर में खरगपुर, नादिया में शांतिपुर, कूचबिहार में दिनहाटा और भवानीपुर। ममता बनर्जी के कुर्सी पर मंडराते खतरे की वजह से टीएमसी बार-बार चुनाव आयोग से जल्द उपचुनाव की मांग कर रही थी।
5 नवंबर तक है मियाद
बता दें कि ममता की सीट पर उपचुनाव कराने के लिए टीएमसी दिन-रात एक की हुई थी। वजह यह थी कि अगर ममता बनर्जी 5 नवंबर तक विधानसभा की सदस्य नहीं बन पाती तो उन्हें मुख्यमंत्री पद की कुर्सी से हटना पड़ता। जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही थी, तृणमूल कांग्रेस की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। भाजपा कोरोना का हवाला देकर उपचुनाव का विरोध कर रही थी।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री रविंद्र चौबे, प्रेमसाय सिंह टेकाम, शिव डहरिया, मोहम्मद अकबर और कवासी लखमा ने पत्रकारों से चर्चा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा 31 अगस्त और 01 और 02 सितम्बर को चिंतन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल शामिल हुए।
भाजपा ने बस्तर में चिंतन शिविर आयोजित किया। इसमें आदिवासियों के लिए चिंतन नहीं हुआ। चिंतन हुआ सिर्फ धर्मांतरण के लिए, राज्य सरकार के लिए, ओबीसी वर्ग को साधने, सरकार के मंत्री मंडल पर। पिछले दिनों भाजपा प्रभारी ने कहा था कि पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उसका किसान होना है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा प्रभारी पुरंदेश्वरी ने जो बातें कही उसमें सबसे बड़ी बात, यदि भाजपा कार्यकर्ता पीछे मुड़कर थूक देंगे तो राज्य सरकार और उनका मंत्रीमंडल बह जाएगा। छत्तीसगढ़ की धरती मां कौशिल्या की धरती है। यहां नारियों के प्रति सम्मान का भाव है। राज्य में लिंगानुपात सबसे अच्छा है। प्रदेश में बेटियां बेफिक्र है। राज्य में नारियों का सम्मान होता रहा है। उनके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता।
आज राज्य भाजपा के प्रभारी के लिए सबसे बड़ी चुनौति किसान और राज्य का मंत्रीमंडल है। पहली बात यह है कि थूकने का मतलब घृणा करना है। कितनी घृणा लोगों के प्रति है इससे यह स्पष्ट हो गया। यह सरकार किसानों की सरकार है। मैं किसान पहले हूं, राज्य का मुख्यमंत्री बाद में हूं। किसानों, पिछड़े वर्ग और अनुसूचितों के प्रति भाजपा की भावना कैसी है उसे पूरा प्रदेश देख रहा है। पुरंदेश्वरी ने पार्टी और मंत्रीमंडल पर घृणा की नहीं किसानों के प्रति घृणा है।
ये किसानों का अपमान है, छत्तीसगढ़ राज्य का अपमान है। हम किसान हैं, हमारे मन में नफरत नहीं, हिंसा नहीं। ये कबीर की धरती है, स्वामी आत्मानंद की धरती है। भाजपा नफरत की फसल उगा रहे हैं। आज इस बयान का तीसरा दिन है। कोई खंडन नहीं आया है, कोई माफी नामा नहीं आया है। न केवल पुरंदेश्वरी बल्कि भाजपा की राष्ट्रीय ईकाई भी किसान और छत्तीसगढिय़ों को नफरत के लायक समझती है। पुरंदेश्वरी के बयान पर भाजपा राज्य की जनता से माफी मांगे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन किया है। श्री साय ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने 32-33 महीनों के शासनकाल में हर वर्ग को त्रस्त करने और अपने हक़ के लिए सड़क पर उतरने के लिए विवश किया है। उन्होंने ने कहा कि न्याय योजना के नाम पर लफ्फाजी करती कांग्रेस सरकार कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों पर संजीदा होकर संवेदनशील पहल कर उन्हें राहत प्रदान करे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने और उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस सरकार ने कुछ नहीं किया। संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण लटकाकर और डीए भुगतान रोककर प्रदेश सरकार कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। श्री साय ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें वही हैं, जिसका वादा कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में किया है। श्री साय ने कहा कि सेवाकाल के दौरान मृत्यु के बाद दिवंगत कर्मचारी के परिवार के एक सदस्य को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति मिले, प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए। श्री साय ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि कर्मचारियों के हक और न्याय की लड़ाई में भाजपा हर क़दम पर उनके साथ है।
रायपुर: भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महाचिव अजय माकन के उस कथन को झूठा बताया है, जिसमें कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश की सम्पत्तियों को बेचने की बात कही है। सरोज पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस के नेता झूठ परोसकर देश को ग़ुमराह करने में लगे हैं। दरअसल केंद्र की मौज़ूदा सरकार के फैसलों से सरकार के ख़जाने में 6 लाख करोड़ रुपए आ रहे हैं जो देश के सर्वांगीण विकास और देश की आत्मनिर्भरता के काम आएंगे। यह बात ही राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं को हज़म नहीं हो रही है।
भाजपा नेत्री पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की विश्वसनीयतो ख़त्म हो चुकी है। राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के माफ़ीनामे ने यह प्रमाणित कर दिया है कि कांग्रेस पूरी तरह झूठ की फैक्ट्री होकर रह गई है। देश के तमाम गंभीर मुद्दों पर तर्कसंगत बातचीत करने से भागने वाले एक ख़ानदान का झूठ देशभर में फैलाते रहना ही कांग्रेस नेताओं की अब नियति रह गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग पहले देश को यह बताएँ कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे का 8 हज़ार करोड़ रुपए का जो मोनेटाइजेशन कांग्रेस गठबंधन के शासनकाल में किया गया, क्या राहुल गांधी और कांग्रेस नेता यह मानते हैं कि सरकार ने तब एक्सप्रेस वे बेच दिया था? इसी तरह सन 2008 में कांग्रेस गठबंधन की सरकार के शासनकाल में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में एक आरएफपी घोषित हुआ। तो क्या राहुल गांधी और पूर्व मंत्री माकन समेत झूठ फैलाते तमाम कांग्रेस यह मानते हैं कि जिस सरकार की मुखिया तब सोनिया गांधी हुआ करती थीं, वह सरकार देश और देश की सम्पत्ति बेचने का दुस्साहस कर रही थी? इससे पहले सन 2006 में एयरपोर्ट के निजीकरण की शुरुआत भी कांग्रेस गठबंधन की केंद्र सरकार ने की थी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव माकन इस बात का जवाब दें कि क्या कांग्रेस सरकार ने रोड, रेल और एयरपोर्ट बेच डाला? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता पोलिटिकल हिप्पोक्रेसी का प्रदर्शन कर रहे हैं। सुश्री पाण्डेय ने कहा कि पारदर्शिता के साथ केंद्र की जिस मौज़ूदा भाजपा सरकार ने देश की तिजोरी को भरने का काम किया है और कांग्रेस के लुटेरों से देश के ख़जाने को सुरक्षित किया है, उस सरकार के ख़िलाफ़ कांग्रेस के नेता अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।
भाजपा नेत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार अपनी ओनरशिप को रिटेन करेगी, मोनेटाइजेशन की प्रक्रिया में सरकार की ओनरशिप में बदलाव नहीं होगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या पूर्व मंत्री माकन यह मानते हैं कि कांग्रेस शासित राज्यों में हो रहे मोनेटाइजेशन से अपने-अपने राज्यों को बेचने का काम कर रहे हैं? कांग्रेस के नेताओं को एक परिवार की ग़ुलामी की मानसिकता से उबरकर देश के बारे में पहले सोचना चाहिए और पहले अपना गिरेबाँ झाँक लेना चाहिए।