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Bihar polls : बिहार चुनाव में अनुच्छेद 370 की एंट्री, BJP ने कांग्रेस को दी यह बड़ी चुनौती

Bihar polls : बिहार चुनाव में अनुच्छेद 370 की एंट्री, BJP ने कांग्रेस को दी यह बड़ी चुनौती

नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने की कांग्रेस द्वारा हिमायत करने के एक दिन बाद भाजपा ने शनिवार को उसे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा-पत्र में इसका उल्लेख करने की चुनौती दी। साथ ही भगवा पार्टी ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी अलगाववादियों की भाषा बोल रही है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पर बिहार चुनाव से पहले वोट की खातिर समाज को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोगों ने जम्मू कश्मीर में केंद्र के कदम का समर्थन किया है।

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बिहार विधानसभा के प्रथम चरण का मतदान 28 अक्टूबर को, दूसरे चरण का 3 नवंबर को और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होना है। मतगणना 10 नवंबर को होगी।
जावड़ेकर ने कहा कि लोगों ने देखा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कितनी प्रगति हुई है। फिर भी कांग्रेस वहां कुछ अलगाववादियों के सुर में बोल रही है। कांग्रेस एक संकीर्ण सोच वाली पार्टी हो गई है और यही कारण है कि वह देश में जनभावनाओं के खिलाफ खड़ी है।

उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि चाहे कोई भी मुद्दा हो, कांग्रेस पाकिस्तान और चीन की सराहना करती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल किए जाने के लिए वहां के मुख्य राजनीतिक दलों के गठबंधन बनाने का समर्थन करते हुए शुक्रवार को ट्विटर पर कहा था कि केंद्र सरकार को अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान हटाने संबंधी फैसलों को निरस्त कर देना चाहिए।

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भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के इस रुख को लेकर शुक्रवार रात ट्वीट किया कि चूंकि कांग्रेस के पास सुशासन के एजेंडे पर बात करने को कुछ नहीं है, वे बिहार चुनाव से पहले ‘भारत को बांटो’ के गंदे हथकंडे पर वापस आ गए हैं। राहुल गांधी पाकिस्तान की प्रशंसा करते हैं और चिदंबरम कहते हैं कि कांग्रेस अनुच्छेद-370 की वापसी चाहती है। शर्मनाक!’’ सरकार ने पिछले साल अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
 

संवैधानिक संकट खड़ा करके बाद में उससे मुकरना प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र बनता जा रहा है : भाजपा

संवैधानिक संकट खड़ा करके बाद में उससे मुकरना प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र बनता जा रहा है : भाजपा

साय का कटाक्ष : राज्यपाल का अपमान करने के बाद अपनी सफाई में कोई कहानी गढ़ने में गृह मंत्री को इतने दिन लग गए!
रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश के गृहमंत्री द्वारा प्रदेश के हालात को लेकर राजभवन में आहूत बैठक में अपनी अनुपस्थिति को लेकर दी गई सफाई पर कहा है कि उनका बैठक में नहीं जाना प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख के अपमान का विषय तो है ही, क्योंकि क्वारेंटाइन होने की बात कहकर राज्यपाल अनुसुइया उईके द्वारा बुलाई गई बैठक में नहीं जाने वाले गृह मंत्री साहू उसी दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बुलाई गई बैठक में शरीक़ हुए। श्री साय ने कहा कि संवैधानिक संकट खड़ा करके बाद में उससे मुकरना प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र बनता जा रहा है, और गृह मंत्री को इस संवैधानिक संकट के बाद अपनी सफाई में कोई कहानी गढ़ने में इतने दिन का समय लग गया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार कई मौकों पर राजभवन से टकराव के रास्ते पर चलती नज़र आई है। अभी प्रदेश सरकार का राज्यपाल की सहमति लिए बिना राजभवन के सचिव का तबादला करना न केवल संवैधानिक प्रमुख के अपमान का मामला है, अपितु यह संवैधानिक मर्यादा के उल्लंघन का परिचायक भी है। लेकिन प्रदेश सरकार सत्तावादी अहंकार में इतनी चूर हो चुकी है कि वह संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना तक ज़रूरी नहीं समझ रही है। श्री साय ने कहा कि राज्यपाल के अपमान का कोई इरादा नहीं होने का दावा करने से पहले गृह मंत्री अपने और अपनी सरकार के राजनीतिक चरित्र पर मंथन कर लें कि क्या प्रदेश सरकार राजभवन से टकराव के रास्ते पर चलकर संवैधानिक संकट खड़ा करने पर आमादा नहीं है? श्री साय ने कहा कि क्वारेंटाइन होने की बात कहकर राज्यपाल द्वारा आहूत बैठक स्थगित कराना और फिर मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल होना क्या संवैधानिक संकट के न्योता नहीं दे रहा है? जब राज्यपाल की बैठक क्वारेंटाइन होने के कारण स्थगित कराई जा सकती है, तो क्या मुख्यमंत्री की बैठक भी नहीं टाली जा सकती थी? श्री साय ने कहा कि ऐसा नहीं करके प्रदेश सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसके सामने संवैधानिक मान-सम्मान का कोई मोल नहीं है। फिर सवाल यह भी उठता है कि क्वारेंटाइन होते हुए मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का कोई बैठक लेना क्या कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला नहीं है?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने लगातार बढ़ती नक्सली हिंसा के साथ ही तमाम तरह के अपराधों में बढ़ोतरी को क़ानून-व्यवस्था का मसला नहीं माने जाने पर भी गृह मंत्री साहू को आड़े हाथों लिया और कहा कि कांग्रेस की सरकार के शासनकाल में जिस तरह अपराधी तत्वों और माफिया गुंडों का बोलबाला बढ़ा है और प्रदेश के नागरिकों व महिलाओं के साथ ही वन्य प्रणियों तक की सुरक्षा दाँव पर लगी हुई है, प्रदेश के गृह मंत्री का इसे क़ानून-व्यवस्था का मसला नहीं मानना हैरत भरा है। श्री साय ने कहा कि उनके अपने गृह ज़िले में दो किसान आत्महत्या के लिए विवश हो जाते हैं, नाबालिग बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाएँ तक सामूहिक दुष्कर्म की शकार हो रही हैं और जान तक गवाँ रही हैं, नेशनल क्राइम ब्यूरो के आँकड़े प्रदेश सरकार की विफलता जगज़ाहिर कर रहे हैं, राजनीतिक सत्ता का संरक्षण पाकर माफिया-गुंडे सरेआम क़ानून के राज का चीरहरण कर रहे हैं, इसके बाद भी गृह मंत्री इन मामलों को क़ानून-व्यवस्था और शांति व सुरक्षा का मसला नहीं मानकर यह साबित कर रहे हैं कि प्रदेश सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों के निर्वहन में क़तई गंभीर नहीं है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार क़ानून-व्यवस्था का राज क़ायम करने की इच्छाशक्ति से शून्य हो चली है और प्रदेश को अपराधगढ़ बनाकर अराजकता की ओर धकेल रही है।
 

मंगलवार को शहर में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ गृहमंत्री का बंगला घेरेगी भाजपा

मंगलवार को शहर में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ गृहमंत्री का बंगला घेरेगी भाजपा

रायपुर। भाजपा जिला कार्यालय एकात्म परिसर में आज राजधानी की लचर हो चुकी कानून व्यवस्था के विरोध में रैली की रूपरेखा बनाने जिले के 16 मंडल अध्यक्ष, पूर्व मंडल अध्यक्ष, महामंत्री व भाजपा पार्षदों की बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि जन शक्ति के सामने दुनिया झुकती है और जनशक्ति का उपयोग निर्बलों की आवाज़ बनने के लिए होना चाहिए। बैठक ने मंडल अध्यक्ष अनूप खेलकर, हंसराज विश्वकर्मा, ने कहा कि गृहमंत्री प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है। शहर में बढ़ते अपराध के लिए उनका घेराव होना चाहिए।
बैठक में उपस्थित महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री मीनल चौबे, पार्षद विश्वदिनी पांडे, सरिता वर्मा, सुशीला धीवर ने कहा प्रशासन के संरक्षण में शहर नशीले पदार्थ के दलदल में डूबता जा रहा है इस कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध की बाढ़ आ गई है। कार्यक्रम में अमित मैसेरी, रविन्द्र सिंग ठाकुर,अखिलेश तिवारी, दलविंदर सिंग,आशु चंद्रवंशी ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए कल एक आपका परिसर में युवा मोर्चा व महिला मोर्चा की बैठक रखी गई है।
बैठक में जितेंद्र धुरंधर, राजीव मिश्रा,प्रीतम महानंद, हरीश ठाकुर, अवतार बागल ,दीना डोंगरे ,अनिल सोनकर, कपिला सिंह, श्रीमती अर्चना शुक्ला, अनुराग अग्रवाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अकबर अली ने किया।
 

 संजीव बालियान सत्ता के अहंकार का चश्मा उतार कर देखें किसान और मजदूर सड़कों पर कर रहे है विरोध: मोहन मरकाम

संजीव बालियान सत्ता के अहंकार का चश्मा उतार कर देखें किसान और मजदूर सड़कों पर कर रहे है विरोध: मोहन मरकाम

रायपुर। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान की रायपुर में हुई प्रेस वार्ता में कही गयी बातों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आखिरकार कांग्रेस के आरोप और किसानों की आशंकायें सच साबित हुईं। मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों में एमएसपी में उपज खरीदने की अनिवार्यता का उल्लेख नहीं है और यह बिल किसान मजदूर विरोधी है।
 
 
उन्होंने कहा है कि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान ने स्वीकार किया है कि इन क़ानूनों से उद्योगपति और व्यापारियों को छूट मिलेगी। ये उद्योगपति कौन हैं, यह सारा देश बखूबी समझ रहा है। एमएसपी के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर कानून में हर बात नहीं लिखी जा सकती। इससे स्पष्ट है कि नए कृषि बिल चंद बड़े पूंजीपतियों को किसानों को अपनी फसल औने-पौने दाम में बेचने के लिये मजबूर करने का लाइसेंस है। किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर पूँजीपति किसानों को पांच साल के लिए गुलाम बनायेंगें।चंद बड़े व्यापारियों की अपनी मर्जी की कीमत में किसान की फसल लेंगे।
 
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान ने किसानों की फसल के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर अन्नदाताओं का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि कोलकाता का जूता चप्पल देश भर में बिक सकता है तो किसानों की फसल क्यों नहीं? उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री को इस प्रकार के उदाहरण देने से बचना चाहिए। जूता चप्पल के साथ किसानों की फसल की तुलना नहीं की जा सकती। भाजपा शासनकाल में बीएसएनएल की जो हालात खराब हुई है उसके लिए भाजपा सरकार के निजीकरण की नीतियां जिम्मेदार है ठीक उसी तरह अब मोदी सरकार कृषि क्षेत्र का निजीकरण कर किसानों की भी हालात को बीएसएनएल की तरह करना चाहती हैं। यह केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के द्वारा दिये गये उदाहरण से स्पष्ट हो गया है।
 
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान किसान विरोधी तीन काले कानून को सही ठहराने के लिए कांग्रेस के 2019 के घोषणा पत्र को आधार बना रहे तो केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान  को कांग्रेस के घोषणा पत्र के आधार पर कृषि बिल को तैयार करना था कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों  को सब्सिडी में खाद बीज डीजल दवाइयां के साथ किसानों के लिए प्रत्येक ब्लाक में आधुनिक गोदाम, कोल्ड स्टोरेज,खाद्य प्रसंस्करण की स्थापना,किसानों के घर के नजदीक सर्वसुविधायुक्त बाजार जिसमे किसानों को फसल बेचने में सहजता हो समर्थन मूल्य मिले, सहित अनेक किसान हितैषी योजना शामिल है उसे लागू कर दे।
छत्तीसगढ़ की बिगड़ती कानून व्यवस्था का जिम्मेदार कौन- राजेश मूणत

छत्तीसगढ़ की बिगड़ती कानून व्यवस्था का जिम्मेदार कौन- राजेश मूणत

रायपुर | छत्तीसगढ़ की बदहाल कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा की पूरी की पूरी सरकार सिर्फ और सिर्फ धंधा पानी में लगी हुई है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चैपट हो गई है। अपराधिक प्रवृति के लोग सिना ताना कर खुले आम घुम रहे है। अपराधिक तत्वों में प्रशासनिक भय नाम की कोई चीज दिखाई नहीं दे रही है। कहीं ना कहीं किसी ना किसी के संरक्षण के बगैर ऐसा संभव भी नहीं है। प्रदेश में 15 वर्षों तक जन आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी रही थी परन्तु अपराधिक प्रवृति के लोग सर उठाकर घुमने की हिमाकत नहीं करते थेे। कहीं न कहीं उनके अंदर प्रशासनिक भय का वातावरण था तभी वे बिल में घुसे हुए थे। परन्तु कांग्रेस की सरकार सत्ता में आते ही इन अपराधिक तत्वों के लोगों का हौसला बुलंद हो गया और वे छत्तीसगढ़ की राजधानी के हृदय स्थल जयस्तंभ चैक पर भी खुलेआम चाकुबाजी, चैन स्नैचिंग जैसे वरदात को बेखौफ अजाम दे रहे है। इससे कांग्रेस सरकार की लापरवाही और लचर प्रशासनिक व्यवस्था साफ दिखाई दे रही है।  

श्री राजेश मूणत ने सरकार के मुखिया भुपेश बघेल एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से सवाल किया कि:- 

1. आखिर किसके सरंक्षण पर प्रदेश भर में नशा एवं सट्टे का कारोबार  चल रहा है ?

2. प्रदेश मेें बहन बेटियों पर हो रहे अनाचार के लिए कौन जिम्मेदार है ?

3. अपहरण एवं फिरौती की बढ़ती घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है ?

4. जगह-जगह चाकूबाजी, हत्या की घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन ?


प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल एवं गृहमंत्री को इन सवालों का जवाब देना चाहिए

आखिर कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ जैसे शांत और संवेदनशील प्रदेश को किस दिशा की ओर ले जाना चाह रही है। पूरा प्रदेश आक्रांता, आरजकता, दूराचार एवं अनाचार, लूट खसौट, चोरी डकैती जैसे अपराधिक कृत्यों के दलदल में धंसता जा रहा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को तत्काल प्रभाव से प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं बहन बेटियों की सूरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए अन्यथा भारतीय जनता पार्टी इस गंभीर विषय पर सड़क की लड़ाई लड़ना भी जानती है। सरकार को कहीं ना कहीं अपनी प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए। बिना किसी विजन और मिशन के चल रही इस सरकार से छत्तीसगढ़ के लोगो की आशाएं धुमिल हुई है। जिस विश्वास और मकसद से छत्तीसगढ़ के लोगो ने कांग्रेस सरकार को अवसर दिया है सरकार में बैठे लोगो को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि जनता ने उन्हें सेवा करने के लिए सत्ता की चाबी सौंपी है तो सरकार को इस बात की चिंता करनी चाहिए।

अन्नदाता किसान के वोट से जन्मी मोदी सरकार आज किसानों के लिए भस्मासुर बन चुकी है- शैलेश नितिन त्रिवेदी

अन्नदाता किसान के वोट से जन्मी मोदी सरकार आज किसानों के लिए भस्मासुर बन चुकी है- शैलेश नितिन त्रिवेदी

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने एक संयुक्त वक्तव्य में भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए 3 किसान विरोधी अध्यादेशों को खेत-खलिहान को पूँजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का भाजपा सरकार का घिनौना षडयंत्र निरूपित किया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि मोदी सरकार पहले जमीन हड़पने का अध्यादेश लाई थी। अब खेती हड़पने के लिये तीन काले कानून लाई है। मोदी सरकार ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ बना कर कृषि को गुलामी की जंजीरों में जकड़ने का षडयंत्र कर रही है।

‘हरित क्रांति’ को हराने की भाजपाई साजिश को कांग्रेस नहीं होने देगी कामयाब

मोदी सरकार ने खेत-खलिहान-अनाज मंडियों पर तीन अध्यादेशों का क्रूर प्रहार किया है। ये ‘काले कानून’ देश में खेती व करोड़ों किसान-मज़दूर-आढ़तियों को खत्म करने की साजिश के दस्तावेज हैं।

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि खेती और किसानी को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का यह सोचा-समझा षडयंत्र है। अब यह साफ है कि मोदी सरकार पूंजीपति मित्रों के जरिए ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ बना रही है। अन्नदाता किसान व मजदूर की मेहनत को मुट्ठीभर पूंजीपतियों की जंजीरों में जकड़ना चाहती है। किसान को ‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’ का सपना दिखा सत्ता में आए प्रधानमंत्री मोदी ने तीन अध्यादेशों के माध्यम से खेती के खात्मे का पटकथा लिख दी है । अन्नदाता किसान के वोट से जन्मी मोदी सरकार आज किसानों के लिए भस्मासुर बन चुकी है।
मोदी सरकार आरंभ से ही है ‘किसान विरोधी’ ।साल 2014 में सत्ता में आते ही किसानों के भूमि मुआवज़ा कानून को खत्म करने का अध्यादेश लाई थी। तब भी कांग्रेस व किसान के विरोध से मोदी जी ने मुँह की खाई थी।
किसान-खेत मजदूर-आढ़ती-अनाज व सब्जी मंडियों को जड़ से खत्म करने के तीन काले कानूनों की सच्चाई इन दस बिंदुओं से उजागर हो जाती है:-

1. अनाज मंडी-सब्जी मंडी यानि APMC को खत्म करने से ‘कृषि उपज खरीद व्यवस्था’ पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। ऐसे में किसानों को न तो ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) मिलेगा और न ही बाजार भाव के अनुसार फसल की कीमत। इसका जीता जागता उदाहरण भाजपा शासित बिहार है। साल 2006 में APMC Act यानि अनाज मंडियों को खत्म कर दिया गया। आज बिहार के किसान की हालत बद से बदतर है। किसान की फसल को दलाल औने-पौने दामों पर खरीदकर दूसरे प्रांतों की मंडियों में मुनाफा कमा MSP पर बेच देते हैं। अगर पूरे देश की कृषि उपज मंडी व्यवस्था ही खत्म हो गई, तो इससे सबसे बड़ा नुकसान किसान-खेत मजदूर को होगा और सबसे बड़ा फायदा मुट्ठीभर पूंजीपतियों को।
2. किसान को खेत के नज़दीक अनाज मंडी-सब्जी मंडी में उचित दाम किसान के सामूहिक संगठन तथा मंडी में खरीददारों के परस्पर कॉम्पटिशन के आधार पर मिलता है। मंडी में पूर्व निर्धारित ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) किसान की फसल के मूल्य निर्धारण का बेंचमार्क है। यही एक उपाय है, जिससे किसान की उपज की सामूहिक तौर से ‘प्राईस डिस्कवरी’ यानि मूल्य निर्धारण हो पाता है। अनाज-सब्जी मंडी व्यवस्था किसान की फसल की सही कीमत, सही वजन व सही बिक्री की गारंटी है। अगर किसान की फसल को मुट्ठीभर कंपनियां मंडी में सामूहिक खरीद की बजाय उसके खेत से खरीदेंगे, तो फिर मूल्य निर्धारण, वजन व कीमत की सामूहिक मोलभाव की शक्ति खत्म हो जाएगी। स्वाभाविक तौर से इसका नुकसान किसान को होगा।
3. मोदी सरकार का दावा कि अब किसान अपनी फसल देश में कहीं भी बेच सकता है, पूरी तरह से सफेद झूठ है। आज भी किसान अपनी फसल किसी भी प्रांत में ले जाकर बेच सकता है। परंतु वास्तविक सत्य क्या है? कृषि सेंसस 2015-16 के मुताबिक देश का 86 प्रतिशत किसान 5 एकड़ से कम भूमि का मालिक है। जमीन की औसत मल्कियत 2 एकड़ या उससे कम है। ऐसे में 86 प्रतिशत किसान अपनी उपज नजदीक अनाज मंडी-सब्जी मंडी के अलावा कहीं और ट्रांसपोर्ट कर न ले जा सकता या बेच सकता है। मंडी प्रणाली नष्ट होते ही सीधा प्रहार स्वाभाविक तौर से किसान पर होगा।
4. मंडियां खत्म होते ही अनाज-सब्जी मंडी में काम करने वाले लाखों-करोड़ों मजदूरों, आढ़तियों, मुनीम, ढुलाईदारों, ट्रांसपोर्टरों, शेलर आदि की रोजी रोटी और आजीविका अपने आप खत्म हो जाएगी।
5. अनाज-सब्जी मंडी व्यवस्था खत्म होने के साथ ही प्रांतों की आय भी खत्म हो जाएगी। प्रांत ‘मार्केट फीस’ व ‘ग्रामीण विकास फंड’ के माध्यम से ग्रामीण अंचल का ढांचागत विकास करते हैं व खेती को प्रोत्साहन देते हैं। उदाहरण के तौर पर पंजाब ने इस गेहूं सीजन में 127.45 लाख टन गेहूँ खरीदा। पंजाब को 736 करोड़ रु. मार्केट फीस व इतना ही पैसा ग्रामीण विकास फंड में मिला। आढ़तियों को 613 करोड़ रु. कमीशन मिला। इन सबका भुगतान किसान ने नहीं, बल्कि मंडियों से गेहूँ खरीद करने वाली भारत सरकार की एफसीआई आदि सरकारी एजेंसियों तथा प्राईवेट व्यक्तियों ने किया। मंडी व्यवस्था खत्म होते ही आय का यह स्रोत अपने आप खत्म हो जाएगा।
6. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अध्यादेश की आड़ में मोदी सरकार असल में ‘शांता कुमार कमेटी’ की रिपोर्ट लागू करना चाहती है, ताकि एफसीआई के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद ही न करनी पड़े और सालाना 80,000 से 1 लाख करोड़ की बचत हो। इसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव खेत खलिहान पर पड़ेगा।
7. अध्यादेश के माध्यम से किसान को ‘ठेका प्रथा’ में फंसाकर उसे अपनी ही जमीन में मजदूर बना दिया जाएगा। क्या दो से पाँच एकड़ भूमि का मालिक गरीब किसान बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ फसल की खरीद फरोख्त का कॉन्ट्रैक्ट बनाने, समझने व साईन करने में सक्षम है? साफ तौर से जवाब नहीं में है।
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अध्यादेश की सबसे बड़ी खामी तो यही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी देना अनिवार्य नहीं। जब मंडी व्यवस्था खत्म होगी तो किसान केवल कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर निर्भर हो जाएगा और बड़ी कंपनियां किसान के खेत में उसकी फसल की मनमर्जी की कीमत निर्धारित करेंगी। यह नई जमींदारी प्रथा नहीं तो क्या है? यही नहीं कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से विवाद के समय गरीब किसान को बड़ी कंपनियों के साथ अदालत व अफसरशाही के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। ऐसे में ताकतवर बड़ी कंपनियां स्वाभाविक तौर से अफसरशाही पर असर इस्तेमाल कर तथा कानूनी पेचीदगियों में किसान को उलझाकर उसकी रोजी रोटी पर आक्रमण करेंगी तथा मुनाफा कमाएंगी।
8. कृषि उत्पाद, खाने की चीजों व फल-फूल-सब्जियों की स्टॉक लिमिट को पूरी तरह से हटाकर आखिरकार न किसान को फायदा होगा और न ही उपभोक्ता को। बस चीजों की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले मुट्ठीभर लोगों को फायदा होगा। वो सस्ते भाव खरीदकर, कानूनन जमाखोरी कर महंगे दामों पर चीजों को बेच पाएंगे। उदाहरण के तौर पर ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ की रबी 2020-21 की रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया कि सरकार किसानों से दाल खरीदकर स्टॉक करती है और दाल की फसल आने वाली हो, तो उसे खुले बाजार में बेच देती है। इससे किसानों को बाजार भाव नहीं मिल पाता। 2015 में हुआ ढाई लाख करोड़ का दाल घोटाला इसका जीता जागता सबूत है, जब 45 रु. किलो में दाल का आयात कर 200 रु. किलो तक बेचा गया था।
जब स्टॉक की सीमा ही खत्म हो जाएगी, तो जमाखोरों और कालाबाजारों को उपभोक्ता को लूटने की पूरी आजादी होगी।
9. अध्यादेशों में न तो खेत मजदूरों के अधिकारों के संरक्षण का कोई प्रावधान है और न ही जमीन जोतने वाले बंटाईदारों या मुजारों के अधिकारों के संरक्षण का। ऐसा लगता है कि उन्हें पूरी तरह से खत्म कर अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।
10. तीनों अध्यादेश ‘संघीय ढांचे’ पर सीधे-सीधे हमला हैं। ‘खेती’ व ‘मंडियां’ संविधान के सातवें शेड्यूल में प्रांतीय अधिकारों के क्षेत्र में आते हैं। परंतु मोदी सरकार ने प्रांतों से राय करना तक उचित नहीं समझा। खेती का संरक्षण और प्रोत्साहन स्वाभाविक तौर से प्रांतों का विषय है, परंतु उनकी कोई राय नहीं ली गई।उल्टा खेत खलिहान व गांव की तरक्की के लिए लगाई गई मार्केट फीस व ग्रामीण विकास फंड को एकतरफ़ा तरीके से खत्म कर दिया गया। यह अपने आप में संविधान की परिपाटी के विरुद्ध है।
महामारी की आड़ में ‘किसानों की आपदा’ को मुट्ठीभर ‘पूंजीपतियों के अवसर’ में बदलने की मोदी सरकार की साजिश को देश का अन्नदाता किसान व मजदूर कभी नहीं भूलेगा। भाजपा की सात पुश्तों को इस किसान विरोधी दुष्कृत्य के परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

 

 

मोदी जी के जन्मदिन पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होंगे वृहत कार्यक्रम, 28000 रक्तवीरो के नाम की अमृत-डायरेक्टरी होगी जनता को समर्पित-भाजयुमो

मोदी जी के जन्मदिन पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होंगे वृहत कार्यक्रम, 28000 रक्तवीरो के नाम की अमृत-डायरेक्टरी होगी जनता को समर्पित-भाजयुमो

रायपुर, आज भारतीय जनता युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ ने ऑन लाइन बैठक कर प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन के निर्देश पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिवस के अवसर पर "25 सितंबर श्री दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती से लेकर से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक" सेवा सप्ताह मनाने का निर्णय किया है।
बैठक में भाजयुमो छत्तीसगढ़ प्रभारी रंजीत दास,उपाध्यक्ष विक्रांत सिंग व समस्त जिलाध्यक्ष उपस्थित थे।
भाजयुमो मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 70 वें जन्म दिवस के अवसर पर प्रत्येक जिलो में सफाई कर्मियों का सम्मान कार्यक्रम श्रमेव जयते आयोजित किया जाएगा व 14 से 20 सितंबर के मध्य मंडल स्तर पर कम से कम 70 रक्तदाताओं की सूची व प्रदेश से 28000 रक्तदाताओं का नाम एकत्र कर अमृत डायरेक्टरी राज्यपाल के हाथों जनता हो समर्पित किया जाएगा। ताकि जन हित ने उसका उपयोग प्रत्येक जिला कलेक्टर, CMHO कर सके।
19 सितंबर को भाजयुमो का प्रत्येक कार्यकर्ता अपने निजी व सार्वजनिक भूमि पर फलदार वृक्षारोपण करेगा वह उसकी सेल्फी खींच कर आने वाले 3 सालों तक उसके देखरेख का संकल्प लेगा।
सेवा सप्ताह के प्रथम दिन 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल जी के जयंती के अवसर पर भाजयुमो के प्रत्येक कार्यकर्ता बूथों में दीनदयाल जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर अपने अपने घरों में भाजपा का झंडा फहराएंगे व मंडल स्तर पर दीनदयाल जी के विचारों को लेकर वेबीनार का आयोजन किया जाएगा।
26 से 29 सितंबर तक मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फ़ॉर लोकल के विचार को लेकर स्थानीय स्तर के उत्पादों का वीडियो बनाकर लोगों तक पहुंचाया जाएगा ।
30 सितंबर व 1 अक्टूबर को ई वेस्ट निष्पादन योजना के तहत प्रत्येक घरों से पुराने मोबाइल, पुराने कंप्यूटर का ई कचरा इकट्ठा कर, उसके निष्पादन हेतु जन जागरण अभियान चलाया जाएगा।
सेवा सप्ताह के अंतिम दिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर स्वदेशी आंदोलन हेतु कार्य करने वाले युवाओं का सम्मान कार्यक्रम प्रत्येक जिलों में आयोजित किया जाएगा ।
भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की अनुमति से भाजयुमो प्रदेश महामंत्री संजू नारायण सिंह ठाकुर को इस कार्यक्रम का संयोजक, व भाजयुमो सोशल मीडिया प्रभारी जयप्रकाश यादव को सहसंयोजक नियुक्त किया है।
कार्यक्रम संयोजक संजू नारायण सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा की अनुमति से जिलो में प्रभारियों की नियुक्तियां की है
सरगुजा संभाग

सरगुजा जिला
मनोज कंसारी 9753019648
सूरजपुर जिला
संत सिंह 9826147959
बलरामपुर जिला
दीपक मित्तल 9406262005
कोरिया जिला
रीत जैन 9424266466
जशपुर जिला
अमन शर्मा 7000337122
बिलासपुर संभाग

बिलासपुर जिला
दुर्गा कश्यप 9993279274
मुंगेली जिला
रितेश यादव 7999411700
कोरबा जिला
पंकज सोनी 9770696955
रायगढ़ जिला
विनायक पटनायक 998147783
जांजगीर-चांपा जिला
मनीष कुमार सिंह :
रायपुर संभाग

रायपुर शहर जिला
अमित मैसरी 9827168914
रायपुर ग्रामीण जिला
संचित तिवारी 9425222228
गरियाबंद जिला
राजू साहू 9826634776
महासमुंद जिला
सतप्रीत सलूजा 9993861161
बलोदा बाजार जिला
सुनील यादव ( गोलू )
9827132887
धमतरी जिला
अभिषेक शर्मा 8871531929
बस्तर संभाग

कांकेर जिला
विवेक परते 9827994488
कोडागांव जिला
संतोष पात्रे 9131302288
विजय‌ पोया 7987889494
बस्तर जिला
अविनाश श्रीवास्तव
9424282543
नारायणपुर जिला
राहुल पटेल 9406019080
दंतेवाड़ा जिला
कुणाल ठाकुर 9589040403
सुमित 9589040403
सुकमा जिला
शोभन गदामी 6263774432
उपेंद्र नायक 9479170466
दुर्ग संभाग

दुर्ग जिला
नितेश साहू 9893128833
राजनांदगांव जिला
मनोज निर्वाणी 9827196061
बेमेतरा जिला
चंद्र कुमार बबलू राजपूत
7566883360
बालोद जिला
नरेश साहू 9406080890
कवर्धा जिला
रवि राजपूत 8718998888
 

डॉ रमन सिंह बताये की किन कारणों से केंद्र सरकार के तीस लाख रिक्त पदों में नियुक्तियां नही हो रही है- विकास तिवारी

डॉ रमन सिंह बताये की किन कारणों से केंद्र सरकार के तीस लाख रिक्त पदों में नियुक्तियां नही हो रही है- विकास तिवारी

रायपुर, छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह के ट्विटर में किए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा को प्रदेश के 25 लाख पंजीकृत और 25 लाख पंजीकृत बेरोजगारों से माफी मांगनी चाहिए यह 50 लाख बेरोजगार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के शासन के समय के हैं भाजपा सरकार के समय युवाओं को झूठा वादा कर उनसे वोट तो ले लिया जाता था लेकिन उन्हें रोजगार नहीं दिया जाता था जिसके कारण प्रदेश के पढ़े-लिखे युवा युवा कमाने-खाने के लिये बड़े तादात में पलायन करने को मजबूर होते थे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और उनके मंत्री सहित तत्कालीन अधिकारीगण एवं उनके परिजन सरकारी पैसों से 15 सालों में अनेक देशों की यात्रा किए जिसका की उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योग और विदेशी कंपनियों को लाकर रोजगार देने का था लेकिन सरकारी पैसों से विदेश में पिकनिक मना कर वापस लौट जाते थे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जिसके कारण 15 सालों में एक भी विदेशी निवेश और कल कारखानों की स्थापना नहीं हो पाया।

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बेहद संजीदा है और उन्होंने विभाग से सात दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है लेकिन कोरोना महामारी के समय भाजपा नेता स्तरहीन राजनीति करने में उतारू हो चुके हैं। अगर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह प्रदेश के युवाओं के रोजगार के लिए संजीदा हैं तो उन्हें तत्काल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के पास रिक्त तीस लाख पदों में से कम से कम तीन लाख पदों पर छत्तीसगढ़ के पढ़े-लिखे युवाओं को नियुक्त करने के लिए आग्रह करना चाहिए क्योंकि डॉक्टर रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है इससे प्रदेश के पढ़े-लिखे युवाओं को काफी राहत मिल पाएगी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नेतृत्व के सामने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की दाल नहीं गलती प्रदेश के पढ़े-लिखे युवाओं के लिए वह नौकरी नहीं मांग सकते है।

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी से पूछा कि जब प्रदेश से कांग्रेस सरकार रुखसत हुई तो खजाने में चार सौ करोड़ रुपया था और जब डॉ रमन सरकार रुखसत हुई तो प्रदेश पर तिरलिस हजार करोड़ का भारी भरकम कर्ज था और पचास लाख पढ़े-लिखे युवा-युवतियां बेरोजगार थे किन कारणों से प्रदेश सरकार को भारी भरकम बोझ कर्ज के बोझ तले दबाया गया और प्रदेश के युवा युवतियों को रोजगार भाजपा की रमन सरकार नहीं दिला पाई इस बात को भी बताने की आवश्यकता है पूर्वर्ती रमन सरकार में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश के लाखों लाख युवा युवतियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को ट्विटर और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश के युवा-युवतियों से माफी मांगना चाहिये।
 

कोरोना रोकथाम के मोर्चे पर प्रदेश सरकार हुई पूरी तरह विफल, भाजपा ने गिनाई विफलताएँ

कोरोना रोकथाम के मोर्चे पर प्रदेश सरकार हुई पूरी तरह विफल, भाजपा ने गिनाई विफलताएँ

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के चुनाव विधिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नरेशचंद्र गुप्ता ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिम्मेदार हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मुख्यमंत्री बघेल के पास न तो कोई योजना है और न ही उनमें इच्छाशक्ति है। मुख्यमंत्री के पास कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कोई योजना और रणनीति नहीं है, तो वे विपक्षी दलों की बैठक बुलाकर उनसे सलाह-मशविरा कर लें और राय ले लें। इसमें उनको किसी तरह की झिझक नहीं होनी चाहिए। भाजपा उन्हें राज्य हित में सकारात्मक सहयोग करने में गुरेज नहीं करेगी।
भाजपा चुनाव विधिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि कोविड -19 को लेकर राज्य के कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई तरह के आरोप लगते हैं और रणनीति को गलत ठहराते हैं, जबकि वास्तविकता है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कई बार फोन और ऑनलाइन बैठकों के जरिये चर्चा की और राय ली। मुख्यमंत्रियों की मांग पर ही लॉकडाउन और दूसरे अधिकार राज्यों को दिए गए। मुख्यमंत्री बघेल ने ही कोरोना से लड़ाई का अधिकार राज्यों को देने की मांग की थी। जब अधिकार मिला तो प्रदेश सरकार फेल क्यों हो गए? श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेसियों में अपने नेता की गलती का ठीकरा प्रधानमंत्री के सिर फोड़ना एक परंपरा-सी बन गई है। यह उचित नहीं है और प्रदेश की जनता के साथ बेईमानी है। मुख्यमंत्री अपनी राजनीति चमकाने के लिए नाच-गाना कराके और ढोल बजाकर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि मार्च महीने में ‘कोरोना से एक कदम दूर’ के नारे लगवाते मुख्यमंत्री को आज सांप सूंघ गया है। वे किंकर्तव्यविमूढ़ जैसी स्थिति में हैं।
भाजपा चुनाव विधिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य में आज कोरोना पीड़ितों की संख्या 45हजार से ऊपर पहुँच गई है और 380 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब पौने तीन करोड़ आबादी वाले राज्य में आने वाले दिनों में सक्रिय संक्रमितों की संख्या 60 हजार के पार पहुँच जाने की आशंका राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ही व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तैयारियां धरातल पर कहीं नहीं दिख रही है। कागजों पर ही कोविड सेंटर और बेड तैयार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कल हुई बैठक में कोरोना पीड़ितों के लिए 22 हजार 606 बेड रिक्त होने की जानकारी दी गई, फिर मरीजों को बेड क्यों नहीं मिल पा रहे हैं? श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य के कोविड सेंटर्स में अव्यवस्था का आलम है। न दवाइयां मिल रही हैं और न ही अच्छा खाना। कई कोविड सेंटर्स में मरीजों ने खाने की गुणवत्ता को लेकर विरोध और हंगामा कर रहे हैं। यदि बेड खाली है तो मरीजों को टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती करने में 3 से 5 दिन क्यों लग रहे हैं? यह सरकार का एक और झूठ है।
भाजपा चुनाव विधिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल कोरोना संक्रमण को रोकने वाली बैठकों में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को अपने साथ क्यों नहीं बिठाते, यह विचारणीय प्रश्न है; जबकि कोरोना संक्रमण से निपटने और रणनीति बनाने की पहली जिम्मेदारी तो स्वास्थ्य विभाग की है। कल की बैठक में भी मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तो थे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री अन्य मंत्रियों की तरह ऑनलाइन ही जुड़े। मुख्यमंत्री ने कोविड -19 के मुद्दे पर पहली बैठक मार्च में दिल्ली से लौटकर ही बुलाई थी। कल भी दिल्ली से लौटकर ही बैठक की। श्री गुप्ता ने कटाक्ष कर पूछा कि क्या मुख्यमंत्री कोरोना से निपटने की रणनीति के लिए अपने ‘परिवार-दरबार’ में मत्था टेक कर पूछने जाते हैं? कोरोना महामारी वैश्विक आपदा है, ऐसे समय राजनीति नहीं, बल्कि जनहित और राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए। लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस महमारी काल में भी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगी है। अभी सरकार को पूरी ताकत और धन लोगों को कोरोना से बचाने में लगाने की ज़रूरत है।
भाजपा चुनाव विधिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की सरकार कोरोना से निपटने में धन खर्च करने की जगह बिना बजट आवंटन के विधानसभा भवन बनवाकर श्रेय लेने में लगी है, जिलों में बिना जमीन आवंटन के कब्जे कर कांग्रेस भवन बनाने के अभियान में लोगों को झोंक रही है। पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाकर आम लोगों को कोरोना के नाम पर लूट से बचाएं। श्री गुप्ता ने कहा कि टेस्ट रिपोर्ट कितने दोनों में मिलेगी, यह आज तक तय नहीं है। टेस्टिंग, हॉस्पिटल में भर्ती, भोजन, पानी और दवाई में सरकार ने वीआईपी लोगों के लिए प्राथमिकता तय कर दी है आम जनता मर रही है। मुख्यमंत्री सहित सत्ता के बड़े लोग कोरोना प्रोटोकॉल की लगातार अनदेखी कर रहे हैं, शासन प्रशासन मौन है। इंद्रावती भवन में कोरोना फैल चुका है और सरकार तमाशा देख रही है। वहाँ पर सामाजिक दूरी और सेनेटाइजेजेशन की कोई व्यवस्था नहीं है और कार्यालय चल रहा है! श्री गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री, दोनों ने आजतक किसी भी कोरोना हॉस्पिटल का निरीक्षण नहीं किया है। होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए डॉक्टर्स की जारी सूची में उनसे सहमति नहीं होना एक गंभीर अपराध है। ऐसे मरीजों के लिए ऑक्सीजन की क्या व्यवस्था है? इस कोरोना में स्वास्थ्य बीमा योजना का क्या योगदान है, जनता को स्पष्ट बताया जाए।
 

जननेता को जनहित के कार्य के लिये नही होता चांवल सुपारी का इंतजार, भाजपा कर रही है अवसरवादिता की ओछी राजनीति- धनंजय सिंह ठाकुर

जननेता को जनहित के कार्य के लिये नही होता चांवल सुपारी का इंतजार, भाजपा कर रही है अवसरवादिता की ओछी राजनीति- धनंजय सिंह ठाकुर

रायपुर, भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता बातों के धनी हैं और काम एवं सहयोग देने के मामले में हमेशा फिसड्डी ही साबित हुए हैं।कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में शुरुआत से लेकर अब तक भाजपा नेताओं से उनकी भूमिका पूछी जाए तो गुमराह करने वाली बयानबाजी के अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार क्वॉरेंटाइन सेंटर, कोविड-19 हॉस्पिटल कोविड-केयर सेंटर, आईसीयू वार्ड,टेस्टिंग लैब बनाकर मरीजो के खाने-पीने और दवाइयों का उचित प्रबंध कर छत्तीसगढ़ के कोरेना पॉजिटिव मरीजों का बेहतर से बेहतर इलाज कर रही है और मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को 9 सांसद दिए तब ये नही सोचे रहे होगे कि वे जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुन रहे है वो विषम परिस्थिति में भी जनप्रतिनिधि होने का दायित्व निभाने के बजाये जनहित कार्य के लिए पीला चांवल सुपारी का इंतजार करेंगे। महामारी काल में छत्तीसगढ़ के विभिन्न सामाजिक संगठनों गुरुद्वारा धार्मिक ट्रस्टों एवं बच्चों ने भी गुल्लक में जमा राशि को महामारी के लड़ाई में उपयोग करने सहयोग किए ।लेकिन भाजपा के 9 सांसद और विधायक भाजपा के नेता इस महामारी काल में सहयोग करने के बजाए क्वॉरेंटाइन सेंटर में सेवा दे रहे अधिकारियों को बेल्ट से मारने की धमकी देते रहे डराते रहे धमकाते रहे एम्स में इलाज करा रहे विशेष समुदाय के युवक के प्रति दुर्भावना पूर्वक बयानबाजी कर छत्तीसगढ़ के शांत माहौल को खराब करने का प्रयास किया.जिसका खंडन एम्स प्रशासन ने किया।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महामारी संकट को लेकर मोदी भाजपा की सरकार कभी भी सीरियस नहीं रही यही वजह है कि छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश गुजरात बिहार महाराष्ट्र राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों में भी कोरोना महामारी की काली छाया मंडरा रही है। भाजपा नेता आज भी कोरोना संकट से निपटने सहयोग करने के बजाए सिर्फ सुझाव देना चाहते हैं भाजपा नेताओं में थोड़ी बहुत भी नैतिकता बाकी है तो राज्य के हित में पीएम केयर्स फंड में छत्तीसगढ़ से जमा हुई सीएसआर फंड की राशि छत्तीसगढ़ के जनता के हित में खर्च करने वापस दिलाएं प्रधानमंत्री मजदूर कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल करने दबाव बनाएं छत्तीसगढ़ के जीएसटी के क्षति पूर्ति राशि 2828 करोड़ देने पक्ष में खड़े हो।


भाजपा महामारी काल में एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने में असफल साबित हुई है अभी भी वक्त है भाजपा आपदा में अवसर की राजनीति की सोच को बदल कर छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा करें महामारी संकटकाल में अब तक भाजपा के सांसदों से जनता ने जो अपेक्षा की थी उसकी पूर्ति नहीं हुई है।
 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा करोना से लड़ाई में आज लिये फैसलों का कांग्रेस ने किया स्वागत

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा करोना से लड़ाई में आज लिये फैसलों का कांग्रेस ने किया स्वागत

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा करोना से लड़ाई में आज लिये फैसलों का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और पूरी सरकार जिस तरह से संयमित रहकर संतुलित रहकर जनहित में फैसले ले रही है उससे यह आशा छत्तीसगढ़ में बलवती हो रही है कि हम सब करोना के खिलाफ लड़ाई जीतने में सफल होंगे। करोना मरीजों को निशुल्क दवाई वितरण बेड की संख्या बढ़ाई जाने जैसे जनहितकारी फैसलों से करुणा से लड़ने और जीतने का छत्तीसगढ़ का संकल्प और दृढ़ हुआ है ।आज छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी अधिकारी सफाई कर्मी स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर पुलिस वाले पंचायती राज संस्थाओं के ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के पदाधिकारी और पंचायत कर्मी पूरी ताकत से करोना के खिलाफ लड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में इस लड़ाई में अनेक योद्धाओं ने अपनी जान तक गंवाई है। करोना महामारी की समस्या से सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं पूरा देश और पूरा विश्व जूझ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग बढ़ाए जाने और केंद्र सरकार द्वारा आवागमन में ढिलाई दिए जाने के परिणाम स्वरूप करोना संक्रमण के केसेस की संख्या भी बढ़ी हैऔर छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए करोना के खिलाफ लड़ाई को तेज करते हुए लगातार महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। शुरू से छत्तीसगढ़ सरकार ने तेजी से फैसले लेते हुए परिस्थितियों के अनुरूप राज्य में जनहित में फैसले लिए और इसी का परिणाम है कि देश में करोना के मरीजों की मृत्यु दर 1.73% है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह इसकी आधी से भी कम मात्र 0.84% ही है.
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में करोना की जांच के लिए लैब की सुविधा पहले सिर्फ रायपुर में थी लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने युद्ध स्तर पर कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग की लैब जगदलपुर अंबिकापुर राजनांदगांव बिलासपुर जैसे स्थानों भी स्थापित की और अब सरकार प्रतिदिन बाईस हजार सैंपल टेस्ट करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। टेस्टिंग बढ़ने के साथ-साथ करोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ी है जो स्वाभाविक है। टेस्टिंग बढ़ने से मरीजों का आइसोलेशन और करोना संक्रमण पर बेहतर नियंत्रण संभव हुआ है।
 

आंगनबाड़ी खोलने सरकार ने जारी किया फरमान, भड़के बृजमोहन

आंगनबाड़ी खोलने सरकार ने जारी किया फरमान, भड़के बृजमोहन

रायपुर, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री ने सोमवार से आंगनबाड़ी खोलने के छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई है। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहां कि सरकार 5 साल से कम उम्र के मासूम बच्चों एवं गर्भवती माताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहयोगियों की जिंदगी से खिलवाड़ करने पर तुली हुई है।
श्री अग्रवाल ने एक बयान जारी कर 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने के निर्णय को तुगलकी निर्णय बताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की बीमारी भयावह रूप से पूरे प्रदेश में अपना पैर पसार रही है हजारों हजार लोग रोज प्रभावित हो रहे है, अस्पतालों में बेड नहीं है, इलाज की व्यवस्था नहीं है। शहर से लेकर गांव तक संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है आज के इस स्थिति में प्रदेश का पूरा 28 जिला प्रभावित हो गया है। ऐसे समय में मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र खोलना किसी भी दिशा से उचित नहीं है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक एक कमरे में धनी बस्तियों के बीच आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। उन केंद्रों में बच्चों को बुलाना व गर्भवती महिलाओं को बुलाना कहां तक उचित है। बच्चे और गर्भवती महिलाओं को एक कमरे के चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में सोशल डिसटेसिंग का पालन करवाना कैसा सम्भव होगा।
अग्रवाल ने कहा है कि पूरे प्रदेश में महिला बाल विकास के कर्मचारी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड-19 के तहत घर घर जाकर सर्वे के काम में लगी हुई है और जिनकी ड्यूटी इस काम में नहीं लगी है वह भी इस काम में लगे अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ बस्तियों का सर्वे में सहयोग करते हुए उन्हें मोहल्लों में घुमा रही हैं। आप बताइए जो महिलाएं घर-घर घूम रही हैं सर्वे कर रही हैं, अनेक लोग इसके चलते कोविड से प्रभावित भी है व प्रभावित भी होंगे ,उनके जिम्मे बच्चों को भेजना गर्भवती महिलाओं को भेजना कहां तक उचित है।
श्री अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश के लगभग 51 हजार आंगनबाड़ी में भीड़ लगाकर कोरोना संक्रमण को और बढ़ाने के बजाय हितग्राहियों को घर घर मे गर्म भोजन पहुंचाया जाना चाहिए। बड़े बड़े कैम्पस में चलने वाले ,सर्वसुविधायुक्त स्कूल व कालेज ,कोचिंग सेंटर, जिसमे बड़े बड़े बच्चे पढ़ते है वह सब अभी 30 सितम्बर तक बंद है फिर एक एक कमरे में चल रहे अबोध बच्चों के आंगन बाड़ी केंद्र क्यो प्रारम्भ किया जा रहा है।
कही इस आड़ में विभाग बड़ा भ्रष्टाचार करने के फिराक में तो नहीं है क्योंकि 51 हजार के लगभग आंगनबाड़ी केंद्रों में कितने हितग्राही आ रहे हैं कितने नहीं आ रहे हैं इन्हें देखेगा कौन और इन्हीं की आड़ में सभी हितग्राहियों के नाम पर बड़ा खेल खेला जाएगा।
 

जिला योजना समिति के 8 पदों में से 7 पदों पर भाजपा की हुई जीत

जिला योजना समिति के 8 पदों में से 7 पदों पर भाजपा की हुई जीत

जगदलपुर, बस्तर जिला योजना समिति के 08 पदों के लिए हुये चुनाव में भाजपा ने 07 पदों पर जीत दर्ज की है। सत्तारूढ़ कांग्रेस को सिर्फ 01 पद पर ही संतोष करना पड़ा है। चुनाव में भाजपा के धरमु राम मंडावी, सरिता जितेंद्र पाणीग्राही, पदमा कश्यप,निर्देश दीवान, मालती मंडावी, रामवती भंडारी एवं सीता नाग ने जीत दर्ज की है। चुनाव में भाजपा की ओर से भाजपा प्रदेश मंत्री किरण देव, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, योगेंद्र पांडे एवं जिला महामंत्री रामाश्रय सिंह व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप ने चुनावी कमान संभाल रखी थी। भाजपा जिला महामंत्री रामाश्रय सिंह, राजेन्द्र बाजपेई, रजनीश पाणीग्राही, नरसिंग राव, सुधीर शर्मा, राजपाल कसेर ने भाजपा समर्पित विजयी प्रत्याशियों को जीत की बधाई दी है। 

छत्तीसगढ़ी छात्रों के हित में भाजपा युवा मोर्चा के अभियान को मिली सफलता- विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ी छात्रों के हित में भाजपा युवा मोर्चा के अभियान को मिली सफलता- विजय शर्मा

रायपुर, पीएससी ने आखिरकार सेट 2019 के परीक्षा में सफल छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों को सहायक प्राध्यापक परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान कर दी है। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा, व युवा नेता अनुराग अग्रवाल ने इसे छत्तीसगढ़ियों की हक की जीत बताया है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा ने प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा के नेतृत्व में सर्वप्रथम व्यापम द्वारा सेट की परीक्षा परिणाम जारी करने में हो रहे विलंब के खिलाफ ज्ञापन देकर परिणाम घोषित करवाया था व पीएससी द्वारा 5 वर्ष में होने वाले सहायक प्राध्यापक परीक्षा में छत्तीसगढ़ के सैट2019 परीक्षा में सफल विद्यर्थियों को सम्मिलित करने की मांग को लेकर पीएससी के तात्कालिक सचिव पिस्दा जी को ज्ञापन दिया था व उच्चशिक्षमंत्री जी से छत्तीसगढ़ के युवाओं के हित मे निर्णय लेने हेतु चर्चा की थी।
पहले पीएससी ने केवल नेट (जो राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होती है)के सफल विद्यार्थियों को शामिल होने की अनुमति दी थी। इससे सेट (जिसमे केवल छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी ही शामिल होते है) परीक्षा में सफल होने वाले स्थानीय छात्रों का नुकसान होता।
आज सेट2019 परीक्षा में सफल छात्रों को पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा में भाग लेने के लिए अनुमति मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा व युवा नेता अनुराग अग्रवाल ने कहा कि सेट परीक्षा में छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी सम्मिलित होते हैं । और भाजयुमो के संघर्ष से उन्हें पीएससी द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिलना छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं की जीत है और भारतीय जनता युवा मोर्चा सदैव इस हेतु संघर्ष करती रहेगी।
 

भाजपा ने पूछा : जब स्वास्थ्य मंत्री जानते थे कि प्रदेश में कोरोना का आँकड़ा 60 हज़ार तक पहुँचेगा तो वर्कप्लान बनाकर पर्याप्त तैयारी क्यों नहीं की?

भाजपा ने पूछा : जब स्वास्थ्य मंत्री जानते थे कि प्रदेश में कोरोना का आँकड़ा 60 हज़ार तक पहुँचेगा तो वर्कप्लान बनाकर पर्याप्त तैयारी क्यों नहीं की?

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण के फैलाव पर प्रदेश सरकार पर सीधा आक्रमण करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार अब पल्ला झाड़कर अपना नाकारापन स्वीकार कर रही है। प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर पलटवार करते हुए श्री अग्रवाल ने सवाल किया कि जब स्वास्थ्य मंत्री को यह पता था और बार-बार वे इस बात को कह रहे थे कि प्रदेश में कोरोना मामललों का आँकड़ा 60 हज़ार तक पहुँचेगा तो प्रदेश सरकार और उसके स्वास्थ्य मंत्री ने वैसा वर्कप्लान बनाकर पर्याप्त तैयारी पहले से क्यों नहीं की? श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार इस आपदाकाल को लेकर ज़रा भी संवेदनशील नहीं है। बाजार में अब दवाएँ तक सहज-सुलभ नहीं है और प्रदेश सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। मध्यप्रदेश समेत अनेक प्रदेशों की तुलना में छत्तीसगढ़ का रिकवरी रेट बेहद कम है, टेस्ट रिपोर्ट भी कम है। इसी प्रकार होम आइसोलेशन को लेकर भी प्रदेश सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है।


भाजपा नेता व पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरोना की रोकथाम के झूठे दावे करके आत्ममुग्ध हुए जा रहे हैं, और ज़मीनी सच यहै कि अब प्रदेश के अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भर्ती करने में दिक्कतें आ रही हैं और अस्पतालों में भी इलाज की पर्याप्त व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है, वहीं स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर अपनी राय दुहराते जा रहे हैं तो अब सवाल यह है कि दोनों में सच कौन बोल रहा है? क्या स्वास्थ्य मंत्री यह कहकर कि कोरोना मरीजों का आँकड़ा 60 हजार तक तो पहुँचेगा ही, प्रदेश सरकार की ओर से अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में लगे हैं? और, यदि स्वास्थ्य मंत्री ऐसा कहकर प्रदेश सरकार की ओर से ज़वाबदेही से मुँह चुरा रहे हैं, तो इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। श्री अग्रवाल ने इस बात पर भी हैरत जताई कि लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हे प्रदेश सरकार अब जाँच का काम भी बाधित कर रही है। कोरोना के कारण लोगों में बढ़ रही दहशत और आक्रोश को दबाने के लिए प्रदेश में कोरोना टेस्ट कम किया जा रहा है ताकि कोरोना संक्रमितों की संख्या कम नज़र आए, जबकि कोरोना की पर्याप्त रोकथाम के लिए जाँच ज़्यादा-से-ज़्यादा कराई जानी चाहिए और पॉज़ीटिव संक्रमितों को तत्काल आइसोलेट कर दिया जाकर कोरोना के संक्रमण को रोका जाना चाहिए।


पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कांग्रेस नेताओं के सत्तावादी अहंकार के प्रदर्शन पर अपना कड़ा एतराज जताया और कहा कि एक तरफ कोरोना वॉरियर्स के सम्मान की बात करते नहीं अघाते कांग्रेस के नेता दूसरी तरफ सत्ता के मद में चूर होकर सरेआम लोगों की भीड़ में एक महिला आरक्षक को महज़ मास्क नहीं पहनने के कारण तमाचा जड़ने में ज़रा भी नहीं हिचकिचा रहे हैं। श्री अग्रवाल ने इसे कोरोना वॉरियर्स का घोर अपमान बताते हुए सवाल किया कि तमाचा मारने वाले कांग्रेस नेता को मुख्यमंत्री से लेकर कोरोना पॉज़ीटिव पार्षद तक अपने नेताओं के आचरण पर क्या कभी रंज हुआ जो अनेक अवसरों पर बिना मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ाते देखे जाते रहे हैं। प्रदेश साक्षी है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण का क़हर कांग्रेस सरकार की लापरवाही, कुनीतियों की देन है और अपनी इस कुंठा को छिपाने वे अब सीधे मारपीट पर उतारू हो गए हैं।
 

सरकार को बार व क्लब की चिंता है, लघु व्यापारियों के प्रति कोई संवेदना नहीं : राजेश मूणत

सरकार को बार व क्लब की चिंता है, लघु व्यापारियों के प्रति कोई संवेदना नहीं : राजेश मूणत

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश सरकार द्वारा बार और क्लब के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस माफ़ करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार का बार और क्लब संचालकों के प्रति कुछ ज़्यादा ही अनुराग उमड़ता नज़र आ रहा है। खोमचे-ठेले चलाकर अपने परिवार का जैसे-तैसे भरण-पोषण कर रहे लघु व्यापारियों के प्रति प्रदेश सरकार का कोई सकारात्मक और संवेदनापूर्ण दृष्टिकोण अब तक नज़र नहीं आया है।

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पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अप्रैल से अगस्त तक 5 माह के लिए बार व क्लब संचालकों के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस माफ और एफएल क्लब लाइसेंस के लिए चालू वर्ष में निर्धारित न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा में कमी करके यह साबित कर दिया है कि ग़रीबों और लघु व्यवसायियों के लिए उससे किसी तरह की संवेदनशील पहल की उम्मीद करना बेमानी है। श्री मूणत ने कहा कि प्रदेश एक तरफ गहरे अर्थसंकट के दौर में है, तब भी प्रदेश सरकार कोरोना काल की आड़ लेकर बार-क्लब की लाइसेंस फीस माफ करके प्रदेश की राजस्व आय को चूना लगा रही है लेकिन उसी कोरोना काल से जूझते हुए खोमचे-ठेले चलाकर अपने परिवार का जैसे-तैसे भरण-पोषण कर रहे लघु व्यापारियों के लिए उसकी संवेदना को काठ क्यों मार गया है? श्री मूणत ने कहा कि सरकारी स्कूल-कॉलेजों में दाखिले से लेकर हर मद की पूरी फीस ले रही सरकार बताए कि यह कहाँ का न्याय है कि एक तरफ सरकार शराब के धंधे में लगे लोगों पर मेहरबान होकर सरकारी खजाना लुटाने में भी नहीं हिचकिचा रही है, वहीं दूसरी तरफ रोजमर्रा के संघर्षों से जूझते लोगों को राहत पहुँचाने की कोई योजना ही उसने नहीं सोची है।
 

धनंजय सिंह ठाकुर ने बोला हमला- मोदी सरकार नहीं दे रही है छत्तीसगढ़ के हिस्से की जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि भाजपा सांसद क्यों है मौन?

धनंजय सिंह ठाकुर ने बोला हमला- मोदी सरकार नहीं दे रही है छत्तीसगढ़ के हिस्से की जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि भाजपा सांसद क्यों है मौन?

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के हिस्से की जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि लगभग 2828 करोड़ को देने में आनाकानी कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि तत्काल देने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है छत्तीसगढ़ ने भाजपा को 9 सांसद दिए जिसमें एक केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। उसके बावजूद छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे भेदभाव अन्याय पर भाजपा सांसदों का रवैया छत्तीसगढ़ विरोधी ही रहा है। छत्तीसगढ़ की जनता ने जिस अपेक्षा के साथ उम्मीद के साथ भाजपा को वोट दिया रेणुका सिंह सुनील सोनी संतोष पांडे विजय बघेल सहित भाजपा के सांसद को अपना प्रतिनिधि चुनकर देश के सर्वोच्च सदन में भेजा। लेकिन उसका लाभ छत्तीसगढ़ की जनता को नहीं मिला। भाजपा सांसदों को चुनकर छत्तीसगढ़ की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है ।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के साथ निरन्तर भेदभाव अन्याय कर रही है और भाजपा के 9 सांसद छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे अन्याय पर चुप है मौन साधे बैठे हैं। वर्तमान में केंद्र सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के हिस्से की जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि 2828 करोड देने में अनाकानी किया जा रहा है।तब भी भाजपा के सांसद मौन ही है। भाजपा के 9सांसदो का सहयोग छत्तीसगढ़ को कभी नहीं मिला। भाजपा के सांसद मोदी शाह के सामने खड़े होकर छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे अन्याय का विरोध करने से डरते हैं। किसानों के धान को 2500रुपया क्विंटल की दर में खरीदी करने छूट देने का मामला हो, लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग हो या कोरोना महामारी काल में लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ में बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की राहत पैकेज की मांग हो भाजपा के सांसद कभी भी छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता के साथ में खड़े नहीं हुए। प्रधानमंत्री मजदूर गरीब कल्याण योजना मेंं छत्तीसगढ़ को शामिल कराने कि भी साहस भाजपा सांसदों ने नहीं दिखाई।
 

इलाज के लिए निजी अस्पताल कोरोना संक्रमितों को लूट रहे और प्रदेश सरकार ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही : भाजपा

इलाज के लिए निजी अस्पताल कोरोना संक्रमितों को लूट रहे और प्रदेश सरकार ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही : भाजपा

रायपुर,भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कोरोना आपदा काल में भी बरती जा रही संवेदनहीनता और धांधलियों के लिए प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार की नाक के नीचे राजधानी में कोरोना संक्रमितों के उपचार के नाम पर निजी अस्पतालों में लूट मची है और प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। उपासने ने कहा कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर विधेयक लाकर दखल देने वाली प्रदेश सरकार निजी अस्पतालों में इलाज की राशि तय करने से पल्ला झाड़कर अपने दोहरे मापदंड का प्रदर्शन कर रही है। प्रदेश सरकार निजी अस्पतालों में इलाज की राशि तय कर उसकी मॉनीटरिंग करे ताकि कोरोना संक्रमितों लूट-खसोट से बच सकें।


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश की राजधानी के ज़िला अस्पताल में आसन्नप्रसवा महिला को तड़प-तड़कर प्रसव करना पड़ रहा है, प्रदेश के कोविड सेंटर की दो अलग-अलग जाँच में एक ही व्यक्ति की एक ही दिन में पहले पॉज़ीटिव और बाद में निगेटिव रिपोर्ट आ रही है। श्री उपासने ने कहा कि ये घटनाएं साबित कर रही हैं कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने के मामले में पूरी लापरवाही दिख रही है, संवेदना तो उसकी मर चुकी प्रतीत हो रही है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग को कैसे गलत दिशा में ले जाया जा रहा है, इसकी मिसाल रायगढ़ में देखने को मिली है। वहाँ सिंधी कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति ने सेंट्रल स्कूल के पास स्थित कोविड सेंटर में अपनी जाँच कराई जहाँ उसे कोरोना पॉज़ीटिव बताया गया। बिना किसी लक्षण के कोरोना पॉज़ीटिव बताए जाने पर उस व्यक्ति ने उसी दिन उसी समय जिंदल फोर्टिस अस्पताल में जाँच कराई और दो घंटे बाद उसे मिली रिपोर्ट निगेटिव थी! श्री उपासने ने कहा कि वह व्यक्ति अब इस ऊहापोह में है कि वह किस रिपोर्ट पर भरोसा करे? इधर सीएमएचओ ने यह कहकर कि, तीसरी जाँच फिर कराएंगे तो वह पॉज़ीटिव ही निकलेगा, चिकित्सकीय मर्यादा को ताक पर रख दिया है। श्री उपासने ने कहा कि किसी व्यक्ति को कोरोना पॉज़ीटिव बता दिया जाना उस व्यक्ति व उसके परिवार के लिए कई मुसीबतों की वज़ह बन जाता है, ऊपर से यह कहना कि पुन: टेस्ट में वह पॉज़ीटिव ही निकलेगा, बेहद ग़ैर ज़िम्मेदाराना आचरण है। प्रदेश सरकार और मेडिकल काऊंसिल को इस पूरे मामले की जाँच करके तथ्यों को सामने लाना चाहिए और दोशियों पर ज़रूरी कार्रवाई करनी चाहिए।


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता उपासने ने राजधानी के कालीबाड़ी ज़िला अस्पताल में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात में एक आसन्नप्रसवा महिला को कोरोना संक्रमित पाकर अस्पताल से ही निकाल दिए जाने की घटना को संवेदनहीनता की पराकाष्ठा माना है। वह महिला काफी देर तक ज़मीन पर दर्द से तड़पती रही लेकिन डॉक्टर्स-नर्सेस ने ज़रा भी मानवता नहीं दिकाई और अंतत: उस महिला ने ज़मीन पर ही तड़प-तड़कर शिशु को जन्म दिया। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन मामले की लीपापोती करने हरक़त में आया। जानकारी तो यह भी शर्मनाक है कि अस्पताल प्रबंधन अब पीड़ित परिवार को धमका रहा है कि अगर इस मामले का वीडियो सामने आया तो उनके ख़िलाफ़ एफआईआर करा दी जाएगी। उपासने ने याद दिलाया कि हाल ही भाठागाँव की एक महिला के साथ भी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा की गई थी जिसमें न केवल महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, बल्कि गर्भस्थ शिशु भी डॉक्टर्स की लापरवाही के चलते मौत के मुँह में चला गया था। श्री उपासने कहा कि राजधानी में अगर यह आलम है और यहाँ के अस्पतालों में आइसोलेशन के इंतज़ामात नहीं हैं तो प्रदेश के दीग़र इलाकों का तो भगवान ही मालिक होगा।
 

देश कोरोना से लड़ रहा मोदी कुत्तो की नस्ल सुधारने फिक्रमंद: सुशील आनंद शुक्ला

देश कोरोना से लड़ रहा मोदी कुत्तो की नस्ल सुधारने फिक्रमंद: सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर, कांग्रेस ने कहा देश मे रोज 80 हजार लोग कोरोना से बीमार हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुत्तो की नस्ल सुधारने के लिए फिक्र मन्द हो रहे। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त रविवार को प्रसारित मन की बात के अपने उद्बोधन में यह साबित कर दिया कि उनके मन में देशवासियों की कोई फिक्र नही है। मोदी ने अपने मन की बात इधर-उधर की बहुत बातें की लेकिन कोरोना बीमारी से बचाव के लिए उनकी सरकार द्वारा क्या उपाय किये गए है इसके बारे में एक शब्द भी नही कहा। देश की जनता को लग ही नही रहा की कोरोना काल में उनके साथ केंद्र सरकार भी है। जब देश और दुनिया कोरोना के वेक्सीन का इंतजार कर रही है ऐसे समय मोदी खिलौने और उसके अविष्कार और उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में 36 लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके है 65 हजार लोगों की मौते हो चुकी है आज भारत प्रतिदिन कोरोना पीड़ितों के मामले में दुर्भाग्यपूर्ण पहले नम्बर पर पहुंच गया है। ऐसे समय देश के प्रधानमंत्री देश की जनता को राहत पहुंचाने की बात करने के बजाय भारत की विविधता और देश मे भादों और क्वार महीने में मनाए जाने वाले त्योहारों का बखान करने में आत्म मुग्ध हो रहे है। देश की जनता को अपेक्षा थी कि प्रधानमंत्री मन की बात में भारत में होने वाली कुल टेस्टिंग के बारे में बताएंगे, कोरोना से देश भर में तैयार बिस्तर चिकित्सा सुविधा वेंटिलेटर आदि पर बात करेंगे लेकिन मोदी तो एक बार फिर चिरपरिचित अंदाज में जुमले बाजी कर गए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कोरोना से निपटने थाली ताली पिटवाने मोमबत्ती जलाने के बाद मोदी ने कोरोना के पीक समय में देश के राष्ट्रीय प्रसार माध्यमो में आ कर जिस प्रकार की उदासीनता और लापरवाही दिखाई है वह अक्षम्य और अस्वीकार्य है। आज देश का हर नागरिक इस वैश्विक महामारी के कारण संकट में है लोगो के रोजगार चले गए है। आमदनी के साधन चले गए है ऐसे समय देश का प्रधानमंत्री उनको मुंह चिढ़ा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा ठीक है कोरोना वैश्विक महामारी है लेकिन भारत मे इसके विकराल रूप तक पहुँचने में कहीं न कही मोदी सरकार की लापरवाही भी जिम्मेदार है। जनवरी में जब विदेश से आने वालों की हवाई अड्डे में स्क्रीनिंग कर क्वारेंटाइन करने की जरूरत थी तब मोदी सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार बनाने के लालच और नमस्ते ट्रम्प की वाहवाही में देश को खतरे में डाल दिया और आज जब कोरोना से लड़ाई की बात आई तो राज्यो को स्वतंत्रता देने के नाम पर खुद पल्ला झाड़ लिया सारी जिम्मेदारी राज्यो पर डाल कर केंद्र बेफिक्र हो गया है ।
 

क्वारेंटाइन सेंटर्स में खाद्य सामग्री की खरीदी व पीने के पानी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दावों की धज्जियाँ उड़ीं : शिवरतन शर्मा

क्वारेंटाइन सेंटर्स में खाद्य सामग्री की खरीदी व पीने के पानी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दावों की धज्जियाँ उड़ीं : शिवरतन शर्मा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने काँकेर ज़िले में क्वारेंटाइन सेंटर्स में खाद्य सामग्री की खरीदी व पीने के पानी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने के सामने आ रहे मामलों के मद्देनज़र प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ बड़ी-बड़ी डींगें हाँकने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेताओं के दावों की धज्जियाँ उड़ गई है। श्री शर्मा ने कहा कि बदनीयती, कुनीति और नेतृत्वहीनता के अभिशाप से जूझती प्रदेश की कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर भ्रष्ट और नाकारा साबित हो रही है। श्री शर्मा ने करारा कटाक्ष करते हुए कहा कि अब जाकर साफ हुआ कि प्रदेश सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर्स पर इस तरह 100 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जिसके बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री बघेल विधानसभा में सत्तावादी अहंकार का प्रदर्शन कर रहे थे!


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत जो तथ्य इस भ्रष्टाचार के मामले में सामने आए हैं, वे हैरतभरे हैं। काँकेर के इमलीपारा क्वारेंटाइन सेंटर में सब्जी बनाने के लिए 580 रुपए प्रतिकिलो की दर से टमाटर खरीदा जाना यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि शासन-प्रशासन की नाक के नीचे सरकारी धन की कैसी लूट-खसोट मची हुई है! अप्रैल-मई माह में जिन सब्जियों के भाव 05 से 10 रुपए प्रतिकिलो थे, उन सब्जियों के लिए 40-40 रुपए तक का भुगताना दर्शाया गया है। श्री शर्मा ने कहा कि अब जाकर अनुपूरक बज़ट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान करने वाली प्रदेश सरकार को पहले तो यह बताना होगा कि जब प्रदेश सरकार ने इससे पूर्व कोरोना के लिए कोई बज़ट प्रावधान किया ही नहीं था तो ये 100 करोड़ रुपए कहाँ से और किस हिसाब से खर्च किए गए? क्या अब तक प्रदेश सरकार केंद्र से मिली राशि से कोरोना की ज़ंग लड़ रही थी? क्या प्रदेश सरकार इसीलिए बार-बार केंद्र सरकार से पैसे मांग-मांगकर दबाव बना रही थी कि विभिन्न मदों में केंद्र से आने वाले पैसों से इसी तरह घोटालों को अंजाम दिया जा सके? क्या यही वज़ह है कि केंद्र से फिर 325 करोड़ रुपए की मांग करने पर प्रदेश सरकार को दो टूक पूर्व में प्रदत्त राशि 120 करोड़ रुपए का हिसाब देने कह दिया गया और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी प्रदेश सरकार यह हिसाब देने की स्थिति में नज़र नहीं आ रही है। श्री शर्मा ने आशंका जताई कि बज़ट प्रावधान की राशि का भी कहीं यही हश्र तो नहीं होगा?


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि काँकेर ज़िले के अधिकांश क्वारेंटाइन सेंटर्स में भारी अव्यवस्थाओं के बीच रह रहे 4,737 प्रवासी मज़दूरों पर यात्रा, खाने-पीने और ठहरने का कुल खर्च 1. 67 करोड़ रुपए बताया गया है जबकि प्रदेश के दीग़र क्वारेंटाइन सेंटर्स में प्रति व्यक्ति औसत खर्च 1,021 रु. है और इस मान से काँकेर ज़िले में प्रति व्यक्ति तीन गुना से भी अधिक खर्च बताया गया है। और तो और, बोर का पानी पिलाकर सील बोतल का बिल हिसाब के साथ पेश किया गया है। श्री शर्मा ने कहा कि जिस ज़िले के तक़रीबन 90 फीसदी मज़दूर अपने खर्च से या फिर अपने मालिकों के उपलब्ध वाहन से इन सेंटर्स तक पहुँचे, जिनके लिए भोजन भी मज़दूरों के घर से मंगाया जाता था, उस ज़िले में खर्च की गई राशि का यह ब्योरा प्रदेश सरकार को बेनक़ाब करने के लिए पर्याप्त है। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के नाम पर प्रदेश सरकार के संरक्षण में शुरू से ही भ्रष्टाचार का यह खेल चल रहा है। सेनिटाइजेशन के लिए चूना के बजाय कई बोरियों में हुई मिट्टी की आपूर्ति का मामला इसी भ्रष्टाचार का एक काला अध्याय है। कंटेनमेंट ज़ोन तक में लोगों को या तो खाद्य सामग्रियों के लाले पड़े रहे या फिर उन्हें सड़ा हुआ कीड़ायुक्त अनाज दिया गया। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में प्रदेश सरकार को कोई दिलचस्पी नहीं है और वह इस आपदा काल को भ्रषटाचार के जरिए अपनी जेब गर्म करने के अवसर के तौर पर भुनाने में लगी है। यही कारण है कि प्रदेश कोरोना संक्रमण के अपने विस्पोटक स्तर पर खड़ा है और सरकार मानसिक तौर पर इसे रोकने के लिए क़तई तैयार नहीं है।