नई दिल्ली, कोरोना महामारी के कहर के बीच भाजपा ने गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली बिहार जननसंवाद के जरिए बिहार में चुनावी बिगुल बजा दिया है। रविवार को इस रैली में शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। राज्य में लालटेन युग के खत्म होने की घोषणा करते हुए शाह ने सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में दो तिहाई बहुमत हासिल करने का दावा किया। कोरोना के कहर के बीच यह किसी भी पार्टी की पहली वर्चुअल रैली थी।
इस ऑनलाइन रैली में शाह ने मोदी सरकार की गरीबों से जुड़ी एक एक योजनाओं की चर्चा की और कांग्रेस पर पूर्वी भारतकी अनदेखी का आरोप लगाया। शाह ने कहा बीते छह साल में आवास, बिजली, जनधन, उज्जवला, शौचालय योजनाओं के जरिए गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने की कोशिशें हुई। देश के 25 करोड़ लोगों के घरों तक शुद्घ जल पहुंचाने की योजना शुरू की गई। किसान सम्मान निधि योजना के जरिए किसानों को हर साल 72 हजार करोड़ रुपये की सहायता शुरू की। जबकि कांग्रेस अब तक 60 हजार करोड़ की ऋण माफी पर ही अपनी पीठ थपथपा रही है।
नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव
पहली ऑनलाइन रैली में ही शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में लग रहे सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने साफ साफ कहा कि पार्टी नीतीश की अगुवाई में ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी और दो तिहाई बहुमत हासिल करेगी। दरअसल स्थानीय स्तर पर भाजपा, जदयू, लोजपा के नेताओं की परस्पर विरोधी बयानबाजी से कई बार गठबंधन टूटने के कयास लगाए जा रहे थे।
लॉकडाउन पर दिया हर हमले का जवाब
पहली रैली में शाह ने लॉकडाउन के संदर्भ में विपक्ष के सभी हमलों का जवाब दिया। विपक्ष ने लॉकडाउन की आधी अधूरी तैयारी, कोरोना योद्घाओं पर वायुसेना के विमान से पुष्प वर्षा, ताली-थाली बजाने की पीएम की अपील पर निशाना साधा था। शाह ने कहा कि जनता कर्फयू देश के लोकतांत्रिक इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में लिखा जाएगा। लोग जानेंगे कि कैसे देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया। चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब पीएम की अपील ही थी। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम थी।
राजद पर सबसे तीखा निशाना
बिहार में राजद मुख्य विपक्षी दल है। इसलिए शाह ने सबसे तीखा निशाना भी राजद पर ही किया। इस पार्टी के चुनान निशान का परोक्ष जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि बिहार में लालटेन युग खत्म हो गया है। अब लालटेन नहीं एलईडी का युग है। राजद द्वारा इस रैली का थाली बजा कर विरोध करने पर भी शाह ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर पीएम मोदी की अपील को उन्होंने मान लिया है।
पहली वर्चुअल रैली
यह किसी भी राजनीतिक दल की पहली वर्चुअल रैली थी। इसके जरिए भाजपा ने कोरोना के कारण पारंपरिक चुनाव प्रचार पर भविष्य में पडऩे वाले असर का विकल्प ढूंढने का संकेत दे दिया है। पार्टी ने इसी प्रकार कई ऑनलाइन रैली और अन्य तरह के राजनीतिक संवाद की योजना बनाई है। गौरतलब है कि बिहार में अक्टूबर नवंबर में चुनाव होंगे। माना जा रहा है तब तक कोरोना का असर मौजूद रहने के कारण चुनाव प्रचार का तरीका बदला बदला सा होगा।
क्या है बिहार का सियासी समीकरण
वर्तमान में राज्य में भाजपा-जदयू, लोजपा का गठबंधन है। इस गठबंधन की अगुवाई जदयू कर रही है। विपक्ष में राजद के नेतृत्व में कांग्रेस, वाम दल सहित कुछ अन्य दलों का गठबंधन बनने की उम्मीद है। बीते विधानसभा चुनाव में राजद-जदयू गठबंधन ने भाजपा की अगुवाई वाले गठंबधन को करारी मात दी थी। हालांकि बाद में एक बड़े सियासी उलटफेर के तहत जदयू और भाजपा का पुरान गठबंधन फिर से बहाल हो गया।