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रमन सरकार का 15 साल का कार्यकाल छत्तीसगढ़ के विकास के लिए नुकसानदेह रहा- धनंजय ठाकुर

रमन सरकार का 15 साल का कार्यकाल छत्तीसगढ़ के विकास के लिए नुकसानदेह रहा- धनंजय ठाकुर

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने अब सच्चाई स्वीकार कर ली है कि रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल के कारण छत्तीसगढ़ का डेवलपमेन्ट और बीते 6 साल के मोदी सरकार के कार्यकाल के वजह से देश की अर्थव्यवस्था रोजगार कारोबार अमन चैन शांति सब तबाह हुआ। 15 साल के रमन सिंह के शासनकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं हुई थी। 3000 से अधिक स्कूलों को बंद कर दिया गया ।आदिवासियों के जल जंगल जमीन पर कब्जा करने पांचवी अनुसूची क्षेत्रों को प्राप्त अधिकारों पेशा कानून और फॉरेस्ट राइट एक्ट का खुला उल्लंघन हुआ था। विकास कार्यों के नाम से मात्र भ्रष्टाचार किया गया गरीबों के मकान दुकान पर बुलडोजर चलाए गए।शासकीय नौकरियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेचा गया था छत्तीसगढ़ के खनिज संपदा का दोहन किया गया लेकिन छत्तीसगढ़ को लाभ नहीं मिला उस दौरान मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह और उनके परिवार पर लगातार भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगते रहे।पूरी भाजपा कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार करने में मशगूल रही। रमन सरकार के दौरान किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया गौ माता के नाम से प्राप्त अनुदान पर भाजपाइयों ने भारी भ्रष्टाचार किया है।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ मं लचर स्वास्थ्य व्यवस्था नकली दवाइयों के कारण नसबंदी कांड गर्भाशय कांड ऑंखफोड़वा कांड जैसे गंभीर कांड हुए थे जिसमे मासूम बच्चो के सिर से मां का आचंल छीन गया था। झीरम घाटी कांड हुई जिसमें कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं निर्मम हत्या हुई। अंतागढ़ उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या, पनामा पेपर्स मामला और भाजपा नेताओं के नक्सलियों के साथ गांठ उजागर हुए थे।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ के संस्कृति परंपरा संस्कार स्वाभिमान के अनुरूप काम कर रही है। भाजपा इसी का निरंतर विरोध कर रही है। किसानों के कर्ज माफी बिजली बिल हाफ सिंचाई कर माफ धान की कीमत 2500 प्रति क्विंटल, आदिवासियों की 4 हजार एकड़ जमीन को वापस लौट आना तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 से बढ़ाकर ?4000 प्रति बोरा करना, 25 से अधिक वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी करना, बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाना, बस्तर के युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर एनएमडीसी के भर्ती प्रक्रिया शुरू करना 15000 शिक्षकों की भर्ती 3000 पुलिस विभाग की भर्ती, नर्सों की भर्ती सहित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए धान गन्ना और मक्का उत्पादक किसानों के अलावा आने वाले दिनों में दलहन तिलहन और भूमिहीन किसानों को योजना के माध्यम से जोड़कर लाभ पहुंचाना। गोधन योजना के माध्यम से पशुपालकों से गोबर की खरीदी करना किसानों को सस्ते दरों में वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर देना पशुधन के लिए चारा पानी दवाई की व्यवस्था करना सहित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के जनकल्याणकारी कार्यो को मिल रहे व्यापक जनसमर्थन के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दा विहीन हो चुकी है ।
 

राज्य सरकार के निकम्मेपन के कारण राज्यपाल को हस्तक्षेप करना पड़ा : बृजमोहन अग्रवाल

राज्य सरकार के निकम्मेपन के कारण राज्यपाल को हस्तक्षेप करना पड़ा : बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर, विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार पर आदिवासी, जनजाति विरोधी होने का आरोप लगाया है। बृजमोहन ने कहा है कि, कांग्रेस सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने वाले सुरक्षा और सुविधा मूलक योजनाओं को एक-एक कर बंद कर दिया है। बीमा की अनेक योजनाएं बंद कर दी गई हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनका हक उनका खुद का पैसा 2 सीजन का बोनस नहीं दिया गया है। प्राथमिक समितियों को लाभांश नहीं दिया गया है। दो सत्रों से छात्रवृत्ति योजना की राशि बच्चों को नहीं मिली है। प्रदेश में 13 लाख 50 हजार संग्राहक संख्या है। संग्राहक परिवारिक सदस्यों की संख्या 18 लाख 38 हजार है। इसमें सर्वाधिक संख्या वनांचल में रह रहे आदिवासी समाज के लोग हंै। इन सब के लिए कांग्रेस सरकार ने एक भी बीमा योजना चालू नहीं की है, बल्कि पूर्व में भाजपा सरकार में चल रही योजनाऐ भी इस सरकार की लापरवाही की बलि चढ़ गई व बंद हो गई है। शासन, आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं और संस्थाओं के 1000 करोड़ से भी अधिक की राशि बैंक में जमा कर ब्याज कमा रही है। इसमें 597 करोड़ रुपए आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं को वितरित करने वाली राशि है,लेकिन कांग्रेस सरकार आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहकों को न तो बोनस दे रही है, न उनका बीमा करा रही है और न ही उनके बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति जारी कर रही है। अपने हक के पैसे के लिए आदिवासी समाज दर दर भटक रहा हैं। पूरी सरकार मूकदर्शक की भूमिका में है। सरकार के निकम्मेपन के कारण इस विषय में राज्यपाल को नाराजगी व्यक्त करनी पड़ी है। संस्था के उन समितियों और संग्राहकों को कम से कम अभी तो कोविङ आपदा के समय में मानवीय आधार पर बोनस राशि का वितरण तत्काल प्रभाव से कर देना चाहिए। सिर्फ ब्याज प्राप्त करने के लिए राशि रोककर रखना उचित नहीं है। प्राथमिक समितियों को लाभांश की राशि भी सरकार नहीं दे रही है। 31मार्च 2019 की स्थिति में उक्त राशि 432 करोड़ रुपए है। बीमा योजना के संबंध में जानबूझ कर की गई लापरवाही के कारण लाखों आदिवासी संग्राहक परिवारों का भी हित प्रभावित हुआ है। तेंदूपत्ता के बोनस नहीं मिल पाने के कारण आदिवासी परिवारों के सामने इस कोरोना काल में आर्थिक संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। आदिवासी हितों का ढिढ़ोरा पीटने वाली कांग्रेस सरकार प्रदेश के आदिवासी, जनजाति परिवार के साथ अन्याय कर रही है। आदिवासी हितों के लिए भाजपा की पूर्व सरकार की सारी योजनाएं बंद कर दी गई है। 

बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के बजाय प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के त्योहारों के राजनीतिकरण के मोह में उलझी है

बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के बजाय प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के त्योहारों के राजनीतिकरण के मोह में उलझी है

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने सड़कों पर हो रही मवेशियों की मौत के लिए प्रदेश सरकार और उसके प्रशासन तंत्र को ज़िम्मेदार ठहराते हुए इसमें प्रदेश में गौ-वंश के सफाए के षड्यंत्र की आशंका जताई है। श्री शर्मा ने कहा कि गौ-वंश की रक्षा न कर पाना प्रदेश सरकार के कृषि-विरोधी चरित्र का परिचायक है। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के हर पारंपरिक त्योहारों का राजनीतिकरण करके प्रदेश की संस्कृति और समृद्ध परंपराओं के साथ निंदनीय खिलवाड़ करने पर आमादा हैं, वहीं गौ-धन न्याय योजना और ‘रोका-छेका’ की एक नई सियासी नौटंकी खेलकर वे अपने दोहरे राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि लगातार दो दिनों से गौ-वंश की हुई अस्वाभाविक मौतों ने सरकार और प्रशासन तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। महासमुंद ज़िला मुख्यालय से सटे झालखम्हरिया में शनिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर 13 गायों को अज्ञात वाहन द्वारा रौंदकर मार दिए जाने की दर्दनाक घटना के बाद बलौदाबाजार में 16 गायों की तड़प-तड़पकर हुई मौत प्रदेश के लिए कलंकपूर्ण है। श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अमूमन सभी त्योहार कृषि और पशुधन से जुड़े होते हैं लेकिन प्रदेश सरकार इन त्योहारों का राजनीतिकरण करने में जितनी मशगूल है, उतनी गंभीर वह प्रदेश के पशुधन की रक्षा के लिए होती तो सड़कों पर पशुधन यूँ काल के गाल में नहीं समाता। प्रदेश सरकार अपनी योजनाओं के नाम पर सियासी लफ्फाजियों से बाज आकर उन पर ज़मीनी तौर पर संजीदगी के साथ काम करे। श्री शर्मा ने कहा कि पिछले दो दिनों में सामने आईं इन ख़बरों ने प्रदेश सरकार की रोका-छेका योजना को लेकर सवाल उठाए हैं और अब यह आशंका भी बलवती होती जा रही है कि कहीं यह प्रदेश में पशुधन का सफाया करने का कोई बड़ा षड्यंत्र तो अमल में नहीं लाया जा रहा है?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल को अपनी सियासी नौटंकियों से इतना अधिक मोह है कि कोरोना जैसे महासंकट के काल में भी इसे छोड़ना उन्होंने जरूरी नहीं समझा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के विस्फोटक फैलाव के बीच जब पूरा प्रदेश जब एक मत से राज्यभर में संपूर्ण लॉकडाउन की ज़रूरत महसूस कर रहा है, घर-घर शराब बिकवाने और पहुँचाने वाली प्रदेश सरकार ने अपने न्यस्त राजनीतिक स्वार्थों को पूरा करने लॉकडाउन को विलंबित करने का फैसला लिया ताकि हरेली जैसे त्योहार को वह अपने राजनीतिक मक़सद साधने में इस्तेमाल कर सके। श्री शर्मा ने हैरत जताई कि रोका-छेका योजना शुरू हुए एक माह का समय बीत जाने के बावज़ूद प्रदेशभर की सड़कों और गलियों-मोहल्लों में घुमंतू मवेशियों के झुंड अगर नज़र आ रहे हैं, वे हादसों के शिकार होकर मौत के मुँह में समा रहे हैं तो इस नाकारेपन के लिए किसे ज़िम्मेदार माना जाएगा? सरकार ने साफ-साफ कहा था कि 30 जून के बाद अगर कोई मवेशी निकाय क्षेत्र में अनियंत्रित खुले में घूनता हुआ पाया गया तो उसके लिए संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त, मुख्य नगरपालिका अधिकारी ज़िम्मेदार होंगे और पशुपालकों पर भी नियमानुसार कार्रवाई होगी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने रोका-छेका योजना का सिर्फ़ नारा ही दिया पर उसके लिए आवश्यक संसाधन की व्यवस्था करने के बजाय अफ़सरों पर इसकी ज़िम्मेदारी डालकर वह बेफ़िक़्र हो गई है। बिना विज़न के ऐसी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ प्रदेश सरकार झूठे आँकड़ों के सहारे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सिर्फ़ जुबानी जमाखर्च कर रही है। प्रदेश सरकार पहले मवेशियों के चारे-पानी के इंतज़ाम की व्यवस्था करे, उसके बाद मवेशियों को रोकने-छेकने की कोशिश करे। आपसी रंजिश और अफ़परशाही की लापरवाही के चलते अगर पशुधन अगर यूँ ही दम तोड़ने के लिए मज़बूर होंगे तो फिर खेती-किसानी और उससे जुड़े पारंपरिक पर्वों का महत्व ही क्या रह जाएगा और तब सरकार किसका राजनीतिकरण करेगी? श्री शर्मा ने कहा कि नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी योजना के बुरे हश्र के बावज़ूद प्रदेश सरकार गौठानों की बदइंतज़ामी-बदहाली के ज़मीनी सच को अनदेखा कर रही है, महासमुंद और बलौदाबाजार की दर्दनाक घटनाएँ इस बात की तस्दीक करने के लिए पर्याप्त हैं। इससे यही प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश सरकार अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने और नित नई योजनाओं के नारे देकर भरमाने में लगी है।
 

यूपी चुनाव में अपने ये तीनों एजेंडे हल करने के बाद उतरेगी भाजपा

यूपी चुनाव में अपने ये तीनों एजेंडे हल करने के बाद उतरेगी भाजपा

नई दिल्ली, साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे के साथ उतरेगी। पार्टी की योजना चुनाव से पूर्व अपने तीनों अहम एजेंडे को अमली जामा पहना देने की है। राम मंदिर निर्माण और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का एजेंडा पूरा कर चुकी भाजपा की योजना इस चुनाव से पूर्व समान नागरिक संहिता लागू करने के अपने तीसरे अहम एजेंडे को अमली जामा पहनाने की है। इसके बाद पार्टी चुनाव मैदान में जो कहा वो किया के नारे के साथ मैदान में उतरेगी।


गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सिलसिला पांच अगस्त से भूमि पूजन के साथ शुरू होगा। भूमि पूजन ऐसे समय में हो रहा है जब बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। मंदिर निर्माण में तीन से चार साल का वक्त लगेगा। ऐसे में पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ही नहीं बल्कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक इस मुद्दे का साथ मिलेगा। बहुत संभावना है कि मंदिर निर्माण का काम लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही हो जाए।

समान नागरिक संहिता के लिए अभियान
संघ सूत्रों के मुताबिक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद केलिए आने वाला साल 2021 बेहद महत्वपूर्ण होगा। इसी साल तीन तलाक विरोधी अभियान की तर्ज पर समान नागरिक संहिता बहाल करने की मुहिम छिड़ेगी। संघ के एजेंडे में इसी साल के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून और गोहत्या पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध का भी एजेंडा शामिल है। संघ सूत्रों का कहना है कि पहले दो एजेंडे राम मंदिर निर्माण और अनुच्छेद 370 को अमली जामा पहनाने की राह आसान नहीं थी। जबकि समान नागरिक संहिता की राह अपेक्षाकृत आसान है। सुप्रीम कोर्ट और कुछ राज्य के हाईकोर्ट इसके समर्थन में कई बार पहले भी टिप्पणी कर चुके हैं।

काशी-मथुरा पर रुख साफ नहीं
फिलहाल संघ का काशी-मथुरा को ले कर रुख साफ नहीं है। विश्व हिंदू परिषद चाहता है कि अब इस मामले में आगे बढ़ा जाना चाहिए। हालांकि इस पर फिलहाल आम सहमति नहीं है। संघ सूत्रों का कहना है कि फिलहाल दोनों ही मामलों में एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। इस अर्जी में वर्ष 1991 के कानून के तहत इन पूजा गृहों को मिले संरक्षण को चुनौती दी गई है। फिलहाल निगाहें सुप्रीम कोर्ट के रुख पर है।

 

वेतन काटकर कोरोना के ख़िलाफ़ जंग को कमज़ोर और सफाई कर्मियों का मनोबल तोड़ने का काम कर रही सरकार : सुंदरानी

वेतन काटकर कोरोना के ख़िलाफ़ जंग को कमज़ोर और सफाई कर्मियों का मनोबल तोड़ने का काम कर रही सरकार : सुंदरानी

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने राजधानी के अंबेडकर अस्पताल में बने कोविड-19 अस्पताल के सफाई कर्मियों द्वारा दो दिन का वेतन काटे जाने के ख़िलाफ़ की गई हड़ताल को प्रदेश सरकार की निरी अमानवीयता और संवेदनहीनता का दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम बताया है। श्री सुंदरानी ने कहा कि प्रदेश सरकार ख़ुद तो कोरोना की रोकथाम के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है, और जो लोग अपना सबकुछ दाँव पर लगाकर कोरोना से लोगों को सुरक्षित रखने का काम कर रहे हैं, उन्हें इस तरह प्रताड़ित कर कोरोना के ख़िलाफ़ जारी जंग को कमज़ोर करने और कोरोना वॉरियर्स का मनोबल तोड़ने का शर्मनाक कृत्य कर रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डींगें हाँकते नहीं थकते कि लॉकडाउन में भी प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा और दूसरी तरफ कोरोना से लड़ने के लिए फंड मांगने पर प्रदेश की माली हालत खराब होने का रोना रोकर केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रलाप पर उतारू हो जाते हैं। श्री सुंदरानी ने कहा कि ऐसे दोहरे राजनीतिक चरित्र के साथ मुख्यमंत्री बघेल द्वारा एम्स के कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाए जाने पर अपनी ओर से अंबेडकर अस्पताल के कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाना महज़ एक नौटंकी से अधिक कुछ नहीं था, यह इसी अंबेडकर अस्पताल के सफाई कर्मियों का पूरे महीने काम करने के बावज़ूद दो दिन का वेतन काट कर प्रदेश सरकार ने साफ़ कर दिया है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल और उनके सुर में सुर मिलाने वाले कांग्रेस के नेता जब-तब प्रदेश की आर्थिक स्थिति की बेहतरी की शेखी बघारकर तरह-तरह के आँकड़ों का जाल बिछाने में लगे रहते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल अगर सफाई कर्मियों के दो दिन का वेतन की कटौती तक नहीं रोक पाते हैं तो फिर सरकारी दावों के ढोल की पोल साफ नज़र आ जाती है। श्री सुंदरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस नेता दावा करते हैं कि जब पूरा देश आर्थिक मंदी के दौर में था तब भी छत्तीसगढ़ में कहीं मंदी नहीं थी, प्रदेश में जीएसटी का कलेक्शन भी बेहतर है, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया तक छत्तीसगढ़ की अर्थ-व्यवस्था की तारीफ़ कर चुका है; तो फिर सरकार के सामने ऐसी क्या नौबत आ गई कि उसे सफाई कर्मियों का वेतन काटना पड़ा?

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि जो सफाई कर्मचारी अपना सबकुछ दाँव पर लगाकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं, प्रदेश सरकार ने उनका बीमा तक तो नहीं कराया है, उनको कोई विशेष सुविधाएँ व सुरक्षा के संसाधन तक मुहैया नहीं कराए गए हैं और अब पूरे महीने काम कर चुके सफाई कर्मियों का दो दिन का वेतन काट कर प्रदेश सरकार न केवल कोरोना वॉरियर्स का अपमान कर रही है, अपितु उनका शोषण करके उनके प्रति अत्याचार की पराकाष्ठा कर रही है। श्री सुंदरानी ने चेतावनी दी है कि प्रदेश सरकार और उसकीनौकरशाही सफाई कर्मियों की वेतन कटौती का निर्णय तुरंत वापस ले अन्यथा समय आने पर प्रदेश सरकार को इसकी भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
 

संसदीय सचिव नियुक्ति पर अमित जोगी ने ट्विट कर प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

संसदीय सचिव नियुक्ति पर अमित जोगी ने ट्विट कर प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

रायपुर,जनता कांग्रेस के प्रमुख अमित जोगी जी ने एक ट्विट करते हुए कहा कि प्रदेश में संसदीय सचिव, निगम-मंडल अध्यक्ष जैसे सफ़ेद हाथियों से कहीं ज़्यादा छत्तीसगढ़ के भविष्य के लिए शिक्षक और पुलिस बल ज़रूरी हैं।इनको लाल बत्ती बाँटने के पहले प्रदेश सरकार को पिछले कई सालों से मजधार में अटकी 14580 शिक्षकों, 48761 पुलिस बल के उम्मीदवारों की पदस्थापना, 417 CAF वेटिंग लिस्ट को जोईनिंग, 1756 विद्यामितानों, 1092 व्यावसायिक प्रशिक्षकों, 16802 प्ररकों, जनभागीदारी और अतिथि शिक्षकों को नियमित कर देने के आदेशों में अपना दस्तख़त कर देना चाहिए। वैसे भी उच्च न्यायालय ने 13.4.18 को संसदीय सचिवों की तमाम शक्तियों, सुविधाएं और मंत्रियों के रूप में काम करनेपर रोक लगा दी है। साथ में संसदीय सचिवों को शपथ दिलाने के पहले श्री भूपेश बघेल जी के अधिकृत मंत्री श्री मो. अकबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी अनु. 136 की याचिका वापस ले लेना था जिसमें उन्होंने इस पद को निरस्त करने की माँग करी है। 

अनसन का ग्यारहवा दिन: अंतिम सांस तक गांधी जी के सत्याग्रह की राह पर जारी रहेगा आंदोलन- तेजेन्द्र तोड़ेकर

अनसन का ग्यारहवा दिन: अंतिम सांस तक गांधी जी के सत्याग्रह की राह पर जारी रहेगा आंदोलन- तेजेन्द्र तोड़ेकर

रायपुर,आम आदमी पार्टी का आज अनसन का ग्यारहवा दिन है और आम आदमी पार्टी अपने इस अनसन पर अडिग है कि जबतक चयनित शिक्षकों की नियुक्ति नही हो जाती एवम प्रदेश के सभी विभागों के रिक्त पदों पर शिक्षित बेरोजगारों की भर्ती की प्रक्रिया की पहल नही की जाती ये अनसन जारी रहेगा ।

आंदोलन को जनजन तक पहुचाने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जिलेवार रायपुर प्रदेश कार्यालय अनसन स्थल पहुच कर एक दिवसीय उपवास कर इस आंदोलन को समर्थन देंगे जिसमे चौदह जुलाई को गरियाबंद जिले के पदाधिकारी रायपुर पहुच कर एकदिवसीय उपवास पर बैठेंगे, पन्द्रह जुलाई बेमेतरा जिले के पदाधिकारी एक दिवसीय उपवास करेंगे,सोलह जुलाई बालोद जिले के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है ,सत्रह जुलाई को राजनांदगांव ,और इसी कड़ी में अट्ठारह जुलाई को रायपुर जिले के पदाधिकारी एक दिवसीय उपवास पर बैठेंगे इन सभी कार्यक्रमो के बाद उन्नीस जुलाई से सभी जिला मुख्यालयों में अनिश्चित कालीन आमरण अनशन शुरू किया जाएगा ।

कोमल हुपेंडी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के युवाओं की अनदेखी कर भुपेश सरकार का सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नही है चुनाव के दौरान जो युवाओं से वादा किया था उसे पूरा करना होगा छत्तीसगढ़ में अनेकों खनिज सम्पदायें है इस प्रकार आर्थिक कमजोरी का बहाना नही चलेगा ।

अनसन पर बैठे प्रदेश प्रवक्ता देवलाल नरेटी ने कहा जिस प्रकार भुपेश सरकार इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है ये हम होने नही देंगे और जबतक जिंदा है प्रदेश के युवाओं के लिए ये लड़ाई जारी रहेगी अपनी अंतिम सांस तक इस आंदोलन को हम लेजाएँगे और बेरोजगारों को रोजगार के किये सरकार के वायदे याद दिलाते रहेंगे ।
 

क्या राजस्थान में दोहराई जाएगी मध्यप्रदेश की कहानी ? कई कांग्रेस विधायक हुए एक होटल में एकत्र

क्या राजस्थान में दोहराई जाएगी मध्यप्रदेश की कहानी ? कई कांग्रेस विधायक हुए एक होटल में एकत्र

जयपुर, राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं, एक ओर जहां शनिवार को सीएम गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाया था वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस का आपसी कलह करार दिया है। शनिवार को राजस्थान का सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलता नजर आया, जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि क्या मध्यप्रदेश की कहानी यहां भी दोहराई जाएगी।


आपको बता दे राजस्थान के सीएम गहलोत और डेप्युटी सीएम सचिन पायलट के बीच आपसी खींचतान की चर्चाएं गर्म हैं। इन चर्चाओं को बल तब मिला, जब शुक्रवार से पायलट दिल्ली में है।

इतना ही नहीं, शनिवार की रात हरियाणा के मानेसर में राजस्थान के 24 विधायक एक बड़े होटल में पहुंचे। यह कुछ वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है, जैसे मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तमाम विधायक पहले हरियाणा के गुड़गांव और फिर कर्नाटक में जाकर एक रिसोर्ट में ठहरे थे।
 

भाजपा पुरानीबस्ती मंडल की कार्यकारिणी घोषित, मनीष बने प्रचार प्रसार मंत्री

भाजपा पुरानीबस्ती मंडल की कार्यकारिणी घोषित, मनीष बने प्रचार प्रसार मंत्री

रायपुर, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राजीव कुमार अग्रवाल जी की सहमति से पुरानीबस्ती मंडल अध्यक्ष सालिक सिंह ठाकुर ने अपने मंडल की कार्यकारिणी घोषित की उपरोक्त जानकारी जिला कार्यालय प्रभारी अकबर अली ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दी।


नवगठित पदाधिकारियों ने की बृजमोहन एवं राजीव अग्रवाल से मुलाकात
भारतीय जनता पार्टी के पुरानी बस्ती मंडल के नवगठित पदाधिकारियों ने विधायक बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल से मुलाकात की। बृजमोहन अग्रवाल ने सभी पदाधिकारियों को पार्टी और संगठन के द्वारा दिए दायित्वों और कार्यक्रमों को एकजुटता से करने कहा। जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने पदाधिकारियों को आगामी चुनाव में विजय हासिल करने का लक्ष्य लेकर संगठन को सुचारू रूप से संचालित करने की बात कही।


इस दौरान पुरानी बस्ती मण्डल के अध्यक्ष सालिक सिंह ठाकुर, महामंत्री आशीष धनगर, कोषाध्यक्ष जितेंद्र गोलछा, उपाध्यक्ष सुधीर यादव, मंत्री पिंटा यादव, केदार धनगर, विजय सिंह, मनोज साहू, प्रचार प्रसार मंत्री मनीष यदु, सह-प्रचार प्रसार मंत्री उत्तम गुप्ता, कार्यालय मंत्री अभिमन्यु धनगर सहित भाजयुमो प्रदेश महामंत्री संजू नारायण सिंह, वरिष्ठ नेता कमल साहू, बद्री गुप्ताऔर अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
 

छत्तीसगढ़ के साथ लगातार भेदभाव अन्याय पर भाजपा सांसदों का मौन दुखद- धनंजय

छत्तीसगढ़ के साथ लगातार भेदभाव अन्याय पर भाजपा सांसदों का मौन दुखद- धनंजय

पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को मिला 13 करोड़ कोरोना संकट में अपर्याप्त

 

रायपुर, पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को मिले 13 करोड़ की राशि को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय करार दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी भाजपा सरकार ने पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को मात्र 13 करोड़ देकर छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय किया है। पीएम केयर फंड में छत्तीसगढ़ की जनता की हक अधिकार के सीएसआरफंड की हजार करोड़ की राशि़ लगभग जमा करा ली गई। एनएमडीसी, सेल, बीएसपी सहित अनेक उद्योगों ने सीएसआर फंड को पीएम केयर फंड में जमा करा दिया। भाजपा के सांसदों ने भी सांसद निधि से 100 करोड़ की राशि जिस पर क्षेत्र की जनता का अधिकार होता है, उस फंड को मोदी, शाह को खुश करने पीएम केयर फंड में जमा करा दिये। कोरोना महामारी संकट में गरीब, मजदूर, महिलाओं, किसानों और जरूरत मंदो की मदद के लिए देश भर से सभी वर्गों ने मुक्त हस्त से 73,800 करोड़ से अधिक की राशि जमा की, लेकिन दानदाता के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाई। कोरोना महामारी संकट में मजदूर सड़कों पर भूखे, प्यासे, नंगे पैर भटकते रहे, दुर्घटनाओं एवं भूख-प्यास के चलते 700 से अधिक प्रवासी मजदूरों की असामयिक मौत हो गयी। आज भी देश में कोरोना महामारी की जनसंख्या के हिसाब से टेस्टिंग नहीं हो पा रही है। कोरोना महामारी से पीडि़तों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई कीट एवं अन्य चिकित्सकीय उपकरण नहीं मिल पा रहे है। पीएम केयर फंड भी भाजपा की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। पीएम केयर फंड से खरीदी गई वेंटिलेटर के दामों को लेकर सवाल उठने लग गये है। पीएम केयर फंड भी भाजपा समर्थित चंद उद्योगपतियों के सहयोग फंड की तरह हो गया है, जिस प्रकार आरबीआई से 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए लेकर चंद उद्योगपतियों को लाभान्वित किया गया। उसी प्रकार पीएम केयर फंड की राशि का भी लाभ उद्योगपतियों को दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को किसी भी प्रकार की मदद मोदी सरकार के द्वारा नहीं की गई। मजदूरों के घर वापसी के खर्चे का टिकट भी राज्य सरकार एवं कांग्रेस पार्टी ने वहन किया। गरीबों के नाम से बनाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ को दूर रखकर छत्तीसगढ़ के मजदूरों के साथ अन्याय किया गया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को 9 सांसद दिए लेकिन भाजपा के 9 सांसद कभी भी मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ किये जा रहे अन्याय भेदभाव का विरोध नही किये। बल्कि मोदीभक्ति में लीन होकर सत्तापरिकर्मा के चलते मौन रहे। भाजपा के सांसद छत्तीसगढ़ की जनता के द्वारा दिए गए जिम्मेदारियों को निर्वहन नहीं कर रहे है। भाजपा सांसदों में मोदी-शाह के सामने खड़े होकर छत्तीसगढ़ के हक अधिकारों की बात करने की सामर्थ नहीं है।

 

 

कांग्रेस के सत्ता में आते ही क़दम-क़दम पर अपराधियों के आतंक के चलते पूरा प्रदेश संत्रस्त हो चला है : सुंदरानी

कांग्रेस के सत्ता में आते ही क़दम-क़दम पर अपराधियों के आतंक के चलते पूरा प्रदेश संत्रस्त हो चला है : सुंदरानी

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कवर्धा ज़िले के पांडातराई थाना क्षेत्र में गुरुवार को आँखों में मिर्च पाउडर झोंककर की गई 70 लाख रुपए की लूट के मामने को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि प्रदेश सरकार अब क़ानून-व्यवस्था के मोर्चे पर भी शर्मनाक विफलता की प्रतीक हो चली है। श्री सुंदरानी ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह चोरी, लूट, डकैती, बलात्कार, हत्या, रंगदारी की घटनाएँ आम हो चली हैं, उससे आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है। हर क़दम पर आम आदमी की सुरक्षा व महिलाओं की अस्मिता दाँव पर लगी हुई है।


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि रायगढ़ में पिछले शुक्रवार को सरेआम कैश वाहन को लूटने और वाहन के चालक की गोली मारकर हत्या करने व गार्ड को घायल करने की वारदात के बाद सप्ताहभर के भीतर हुई यह लूट प्रदेश सरकार की अक्षम कार्यप्रणाली की जीती-जागती मिसाल है। अभी हाल ही एक नाबालिग बच्ची द्वारा दुष्कर्म का प्रतिरोध करने पर मार दिए जाने की घटना प्रदेश के माथे पर बदनुमा दाग़ लगा ही चुकी है। श्री सुंदरानी ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, प्रदेश में हर तरह के अपराधों की बाढ़-सी आ गई है। प्रदेश सरकार जन सुरक्षा और क़ानून के राज के दावे तो ख़ूब करती है पर ज़मीनी सच यह है कि प्रदेश में न कोई घर सुरक्षित है, न लोगों की जान और न ही महिलाओं-युवतियों और यहाँ तक कि नाबालिग बच्चियों तक की अस्मिता सुरक्षित रह गई है। क़दम-क़दम पर अपराधियों के आतंक के चलते पूरा प्रदेश संत्रस्त हो चला है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि रायगढ़ की वारदात के हफ़्तेभर में ही पांडातराई की ताज़ा वारदात अपने आपमें प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था की बेहद गंभीर स्थिति को बयान कर रही है। बढ़ते अपराधों के मद्देनज़र श्री सुंदरानी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के आते ही छत्तीसगढ़ में अपराधियों की पौ बारह हो गई है। कांग्रेस शासन के डेढ़ साल के इस कार्यकाल में गुंडागर्दी करने वालों को कांग्रेस नेताओं और प्रदेश सरकार से जुड़े लोगों के संरक्षण ने छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ बनाने में कोई क़सर नहीं रख छोड़ी है। प्रशासन और पुलिस तंत्र का राजनीतिक प्रतिशोध के अपने एजेंडे में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए दुरुपयोग के कारण ही आज प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था का राज दम तोड़ता नज़र आ रहा है। प्रदेश सरकार यदि बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगा पाने में विफल है तो वह तत्काल इस्तीफा दे। 

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक, इन फैसलों पर लगी मुहर

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक, इन फैसलों पर लगी मुहर

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट की बैठक में ईपीएफ, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना समेत प्रवासी श्रमिकों के लिए किराए पर आवासीय योजना जैसे महत्वपूर्ण फैसलों को अमलीजामा पहनाया गया.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और नरेन्द्र सिंह तोमर ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ने गरीबों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट के समक्ष आए सभी मामलों को गंभीरता से लागू करने के निर्देश दिए हैं ताकि कोरोना की वजह से प्रभावित हुआ गरीब तबके को राहत दी जा सके.

इन फैसलों पर लगी मुहर

1. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी मिली. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इसके तहत पिछले तीन महीने में 81 करोड़ लोगों को मुफ्त 5 किलो अनाज और प्रति परिवार 3 किलो दाल दी गई. इस योजना को नवंबर तक के लिए बढ़ाया गया उसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसके तहत प्रति व्यक्ति 25 किलो अनाज और 5 किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा. इस योजना में 1 लाख 49 हजार करोड़ का खर्च होगा. जो दुनिया मे अब तक कि सबसे बड़ी योजना है कि किसी देश मे 8 महीने तक इतने लोगों को अन्न दिया गया है.

2. दूसरे निर्णय के तहत सितंबर के अंत तक उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त सिलेंडर देने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत तीन सिलेंडर मुफ्त दिए जाने थे. इसमें दो दिए जा चुके हैं. जबकि तीसरे सिलेंडर को लेने के लिए सितंबर तक की अवधि बढ़ा दी गई है.

3. 15 हजार तक की तनख्वाह वाले श्रमिकों का पीएफ खुद सरकार भरेगी. इससे मजदूरों को 12.5 फीसदी की मदद होगी. इसे सितंबर माह तक के लिए बढ़ा दिया गया है. यानि सितंबर माह तक श्रमिकों का पीएफ खुद सरकार जमा करेगी. इससे श्रमिकों को 12.5 फीसदी का सीधा लाभ होगा. जबकि रोजगार प्रदाता को भी सीधा फायदा होगा.

4. प्रवासी मजदूरों के लिए किराए पर आवासीय योजना पर भी मुहर लगी. इसके तहत देश के 107 शहरों में 1 लाख 8 हजार फ्लैट बनकर तैयार है. जबकि 1 लाख 35 हजार डोरमेट्री भी उप्लब्ध हैं जिन्हें शहर के कॉर्पोरेशन के जरिये प्रवासी श्रमिकों को किराए पर दिए जाएंगे. सरकार का उद्देश्य है कि अधिक किराए से बचाने के लिए इस योजना के तहत श्रमिको को उपलब्ध कराया जाएगा.

5. भारत की तीनों जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को उबारने के लिए 12 हजार 450 करोड़ के निवेश को मिली मंजूरी. इसके तहत यूनाइटेड इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस में सरकार निवेश करेगी ताकि इन कंपनियों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके.

 

महंगाई को डायन बताने वाली भाजपा को महंगाई अब बेहद प्रिय लगने लगी है- मरकाम

महंगाई को डायन बताने वाली भाजपा को महंगाई अब बेहद प्रिय लगने लगी है- मरकाम

रायपुर, मोदी मंत्रीमंडल के आज के फैसलों को मजदूर, किसानों, व्यापार जगर, नौजवानों और मजदूरों के लिये सिर्फ दिखावा और औपचारिकता का निर्वहन निरूपित करनते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि देश की बिगड़ी आर्थिक व्यवस्था इन कृत्रिम उपायों से सुधरने वाली नहीं है। नोटबंदी, गब्बर सिंह टैक्स, जीएसटी, बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम, बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी की मार झेल रहे अर्थव्यवस्था कर्ज बांटने वाले लोन मेलों की निरंतरता से सुधरने वाली नहीं है। कर्ज से मोदी जी के नीरव मोदी, मेहुल चौकसी विजय माल्या जैसो की स्थिति सुधर गयी। देश को आज गंभीरता से काम करने वाले अर्थशास्त्री की आवश्यकता है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से लडऩे के लिए कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व अर्थात सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी की ओर से बार-बार अनुरोध और सकारात्मक लिखित सुझावों के बावजूद, मोदी सरकार अपने अहंकार में कुछ भी करने में विफल रही है ।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि सरकार बनने पर 100 दिनों में महंगाई कम करने का दंभ भरने वाली भाजपा सरकार बनाने के 6 साल बाद भी बढ़ती महंगाई को रोकने में असफल है। बीते 4 सालों में देश में महंगाई कम होने की अपार संभावनाएं थी लेकिन मोदी सरकार के मनमानी गलत तरीके से लगाए गए जीएसटी, नोटबंदी ने आम जनता का बंटाधार कर दिया। मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत खाद्यन्न और मैन्यूफैक्चर उत्पादों की बढ़ती कीमतों ही इसके लिए जिम्मेदार है। महंगाई रोकने में भाजपा सरकार नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कुप्रभाव से देश अभी तक उबर नहीं पाया है। नोटबंदी से अधमरी अर्थव्यवस्था को कमजोर बनाने में कई स्लैब में लगाई गई जीएसटी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। नोटबंदी और जीएसटी के कारण किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं, व्यापारी, छात्र सभी वर्ग त्रस्त है। नगद राशि की कमी और जीएसटी के अड़चनदायक प्रावधान से कारोबार ध्वस्त हो चुका है। फैक्ट्रियां उत्पादन की बिक्री नहीं होने के कारण बंद होने के कगार पर खड़ी है। फसल का सही दाम नहीं मिल पाने से किसान हताश, परेशान है। मजदूर, किसान, व्यापारी, मध्यमवर्ग, गरीब सभी मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई और बेरोजगारी झेलने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि देश की महंगाई पूरी तरीके से भाजपा सरकार के द्वारा उत्पन्न की गई है। भाजपा सरकार की जुमलेबाजी कथनी-करनी को जनता समझ चुकी है। इस सरकार के रहते इस देश को राक्षसरूपी महंगाई से मुक्ति नहीं मिलेगी। यूपीए सरकार के समय महंगाई को डायन बताने वाली भाजपा को महंगाई अब बेहद प्रिय लगने लगी है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार देश के लिए नुकसानदेह साबित हुई है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से देश को लगातार सभी सामाजिक-आर्थिक सूचकांकों पर नीचे खींचने का काम मोदी सरकार ने किया है। विशेष रूप से पिछले तीन महीनों के दौरान मोदी सरकार के द्वारा लिए गए विचारहीन और नासमझ निर्णयों से मजदूरों और उद्योगजगत को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा है। कोविड महामारी शुरू होने के बाद से इन विचारहीन और नासमझ निर्णयों का नुकसान लगातार देश को उठाना पड़ रहा है। अपरिपच् फैसलों ने तबाही का कहर बरपाया है । घरेलू और कूटनीतिक मोर्चों पर मोदी सरकार की नाकामी के कारणयुवाओं और कामकाजी नागरिकों के लिए रोजगार का अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 13 करोड़ घरेलू नौकरी का नुकसान युवाओं और कामकाजी नागरिको को उठाना पड़ा है। कई राज्यों में 40 प्रतिशत तक बेरोजगारी के आंकड़े पहुंच चुके है। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 24 जून 2020 के दौरान एच-1बी वीजा को निलंबित करने के निर्णय के परिणामस्वरूप लगभग 2 लाख भारतीयों को स्वदेश वापस भेजा जा रहा है। इसके अतिरिक्त सभी 85000 एच-1 बी वीजा भी खतरे में है। चूंकि इनमें से 60,000 से अधिक भारतीय है। इसका मतलब यह होगा कि भारतीयों के लिए रोजगार के अवसर खोने की बड़ी समस्या सामने खड़ी हैं। कुवैत सरकार ने सभी भारतीयों की संख्या को सीमित करने वाला कानून लाया जा रहा है। कुवैत में 8.5 लाख भारतीय जो अब तक घर पैसा भेजते थे, अपना रोजी रोजगार छोडऩे कुवैत छोडऩे और घर वापस आने के लिए मजबूर होंगे। 2018 में, भारत को रेमिटेंस के रूप में कुवैत से 4.8 अरब डॉलर (वर्तमान दर पर लगभग 35,939 करोड़ रुपये) प्राप्त हुए जो अब नहीं मिलेंगे। घर में रोजगार के अवसर पैदा नहीं करने में मोदी सरकार की विफलता के साथ-साथ भारत और भारतीयों का हित साधन करने में अब तक के मित्र राज्यों को भी प्रभावित करने में नाकाम रही है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार अपनी अहंकारकारी निद्रा से जागे और इन महत्वपूर्ण घरेलू मुद्दों को हल करे। देश और विदेश में भारतीयों के रोजगार पर खतरों को दूर करे और लगातार डाउन स्लाइड पर रोक लगाने के लिये आवश्यक कदम उठायें। आज युवाओं के हाथ में रोजगार नहीं है। मोदी सरकार बनने के बाद हर साल दो करोड़ नौकरियों की दर से 6 साल में 12 करोड़ नौकरियाँ तो दूर की बात है। जिनके हाथ में मोदी सरकार बनने के पहले नौकरियाँ, स्वरोजगार था वह भी नोटबंदी और जीएसटी जैसे मोदी की उद्योग-व्यापार विरोधी नीतियों के कारण आज बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे है। पढ़े-लिखे युवाओं को पकौड़ा तलने, पंचर बनाने की सलाह देने वाले भाजपा रोजगार उपलब्ध कराने में पूरी तरह से नाकाम है।

 

3 जुलाई, 3 बजे, 3 लोग मिलकर, छत्तीसगढ़ शासन का पूरे प्रदेश में 3000 पुतला जलायेगी युवा मोर्चा- विजय शर्मा

3 जुलाई, 3 बजे, 3 लोग मिलकर, छत्तीसगढ़ शासन का पूरे प्रदेश में 3000 पुतला जलायेगी युवा मोर्चा- विजय शर्मा

मीसा बंदियों के वंशजो को जेल का डर न दिखाये भुपेश- भाजयुमो
रायपुर | लोकतंत्र में विरोध विपक्ष का मौलिक अधिकार होता है। परंतु आपातकाल की डीएनए वाली कांग्रेस सरकार को ये बर्दाश्त नही होता कि कोई उन्हें उसका विद्रूप चेहरा दिखाये ।
प्रदेश का एक हताश बेरोजगार युवा हरदेव सिन्हा मुख्यमंत्री से समय ना मिलने के कारण मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह कर लेता है और प्रदेश भर के हजारों बेरोजगार युवा के समर्थन में जब भारतीय जनता युवा मोर्चा विरोध स्वरूप कांग्रेस सरकार का पुतला जलाने का आवाहन करता है तो कांग्रेसिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निरंकुश पुलिस विभिन्न जिलों में भाजयुमो कार्यकर्ताओ पर FIR दर्ज करती है ।
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा कि हम उस पीढ़ी के अनुयायी है जिसने 2 साल आपातकाल का दंश झेला है। कांगेस सरकार को ये बात समझ लेनी चाहिए कि संघर्ष के कोख से जन्म लेने वाली भाजपा इन बातों से डरने वाली नही है। उन्होंने भाजयुमो के कार्यकर्ताओं से आवाहन किया है कि कल 3 जुलाई को दोपहर 3 बजे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 3 की संख्या में कार्यकर्ता और युवा जनप्रतिनिधि अपने अपने घरों में इस युवा विरोधी सरकार का पुतला जलाए और सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब,ट्वीटर पर लाइव प्रसारण करे।

 

अमित जोगी ने दिखाई मानवता हरदेव सिन्हा से मुलाकात कर 1 लाख रुपए का सौंपा चेक

अमित जोगी ने दिखाई मानवता हरदेव सिन्हा से मुलाकात कर 1 लाख रुपए का सौंपा चेक

रायपुर, सिविल लाइन इलाके में खुदकुशी की कोशिश करने वाले युवक से अमित जोगी ने मुलाकात कर उसके परिजन को 1 लाख रुपए का चेक सौपा.
आपको बता दे अमित जोगी जी आज उनसे शिक्षक और पुलिस अभ्यर्थियों के साथ अस्पताल में मिले उन्होंने कहा की वे 65% से अधिक जल चुके हैं और अपने जीवन के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी हालत नाज़ुक है उनके हौसले को पूरे छत्तीसगढ़ के नौजवान सलाम करते हैं।मैंने अपनी विधायक पेन्शन से 1लाख सहयोग राशि हरदेव के पिताजी श्री प्यारेलाल सिन्हा को सौंपी।राजनीति से ऊपर उठके हम सबको संकल्प लेना होगा कि अब हमारे छत्तीसगढ़ में कोई और युवा स्व. योगेश साहू और हरदेव बनने के लिए मजबूर न हो।
 

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी का बड़ा खुलासा, कहा- पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रताड़ित था खुदकुशी की कोशिश करने वाला युवक

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी का बड़ा खुलासा, कहा- पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रताड़ित था खुदकुशी की कोशिश करने वाला युवक

रायपुर,सिविल लाइन इलाके में सोमवार को धमतरी जिले के एक युवक ने खुदकुशी करने की कोशिश की है। मामले को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने बड़ा खुलासा किया है। विकास तिवारी ने कहा है कि कल आत्महत्या का प्रयास करने वाले धमतरी निवासी हरदेव सिन्हा ने दिनांक 29/03/2017 को तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भृत्य पद की नियुक्ति हेतु आवेदन जनदर्शन कार्यक्रम में सौंपा था, जिसका क्रमांक-2017/848 था।


विकास तिवारी ने कहा है कि इस घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ट्विटर में लिखा था कि हरदेव सिन्हा के आत्महत्या के प्रयास को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सफलता समझें या विफलता? अब जब सारे तथ्य सामने आ चुके हैं। यह स्पष्ट हो चुका है कि धमतरी निवासी हरदेव सिन्हा तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को लिखित में पत्र सौंपकर सरकारी नौकरी की मांग की थी। उस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने अपने डेढ़ साल के अंतिम कार्यकाल में पहल क्यों नहीं की?

कांग्रेस पार्टी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर आरोप लगाते हुए कह रही है कि भाजपा शासनकाल में 25 लाख बेरोजगार पंजीकृत और 25 लाख बेरोजगार अपंजीकृत थे। जिस युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया है, वह भी पूर्ववर्ती भाजपा से ही प्रताड़ित था। इस सवाल का जवाब भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को जनता के समक्ष आ कर देना चाहिए।
 

शिवराज सिंह को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ आयात करने का प्रयोग भी नाकाम, भाजपा की वर्चुअल रैली फ्लाप शो : मोहन मरकाम

शिवराज सिंह को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ आयात करने का प्रयोग भी नाकाम, भाजपा की वर्चुअल रैली फ्लाप शो : मोहन मरकाम

रायपुर, भाजपा की वर्चुअल रैली को फ्लाप शो निरूपित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि जब भाजपा ने छत्तीसगढ़ के सारे नेताओं रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, सरोज पांडेय, विष्णु देव साय को अपना कर देख लिया और इन सभी को जनता से और भाजपा कार्यकर्ताओं से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो मजबूरन भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को वरचुअल रैली के लिये मध्यप्रदेश से आयात किया। भाजपा का शिवराज सिंह चौहान को छत्तीसगढ़ की वरचुअल रैली का नेतृत्व करने के लिये मध्यप्रदेश से लाने का भाजपा का प्रयोग भी विफल रहा है। भाजपा की आज की वर्चुअल रैली पूरी तरह फ्लाप शो ही साबित हुयी।


भाजपा की वर्चुअल रैली पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर विफलता का कीर्तिमान रचा है। मजदूर, किसान, नौजवान, व्यापारी, मध्यम वर्ग सबमें भाजपा के प्रति नाराजगी है। अर्थव्यवस्था सम्हालने में विफल, कोरोना संक्रमण रोक पाने में विफल, किसानों की आय दुगुनी करने में विफल, 2 करोड़ रोजगार हर साल नौजवानों को देने में विफल, प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश घर गांव तक पहुंचाने में विफल, सरहदों की रक्षा कर पाने में विफल रही है। नरेन्द्र मोदी के वायदे के मुताबिक दो करोड़ रोजगार हर साल के अनुसार 6 साल में 12 करोड़ रोजगार मिलने थे देश के युवाओं को लेकिन हुआ ठीक उल्टा बेरोजगारी 45 साल में सर्वाधिक 27 प्रतिशत तक पहुंच गयी। नोटबंदी और जीएसटी के बाद देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के भी कुप्रबंधन के चलते बेहद खराब दौर से गुजर रही है। 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने की जिसमें पूरे देश में किसी भी गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, मजदूर, ठेले वाले, दुकानदार, उद्योग काम धंधे वाले किसी को भी समझ में ही नहीं आ रहा है कि उनको मिला क्या है? क्या नहीं मिल पाया है, यह सबको पता है। इसीलिये भाजपा की वरचुअल रैली को जनसमर्थन तो दूर की बात भाजपा कार्यकर्ताओं का भी समर्थन नहीं मिल सका। भाजपा ने दस लाख लोगों की भागीदारी का दावा किया था लेकिन दस-दस लोग जुटा पाने में भी विफल रही।

 

भव्य, समृद्ध, शक्तिशाली और स्वाभिमानी भारत के निर्माण का काम प्रधानमंत्री मोदी की क्रांतिकारी उपलब्धि : डॉ. रमन

भव्य, समृद्ध, शक्तिशाली और स्वाभिमानी भारत के निर्माण का काम प्रधानमंत्री मोदी की क्रांतिकारी उपलब्धि : डॉ. रमन

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के हाल ही पूरे हुए एक वर्ष को वर्षों से संजोए गए सपनों के पूरा होने और बड़े फैसलों से देश की दशा-दिशा तय करने वाला बताया और कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में अपने कार्यों व फैसलों की जो बुनियाद रखी थी, दूसरे कार्यकाल में उस बुनियाद पर एक भव्य भारत के निर्माण, एक समृद्ध, शक्तिशाली और स्वाभिमानी भारत की इमारत के निर्माण का काम प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष की ऐतिहासिक, साहसिक व क्रांतिकारी उपलब्धि है। डॉ. सिंह गुरुवार को यहाँ कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति परिसर में भाजपा द्वारा आहूत जिला जनसंवाद कार्यक्रम के तहत बलौदाबाजार ज़िला की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सभा को संबोधित कर रहे थे। विदित रहे, प्रदेश भाजपा द्वारा केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने पर जिला स्तर पर इन सभाओं का आयोजन रखा जा रहा है और यह सभा इस क्रम में गुरुवार की पहली सभा थी।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष देश की वर्षों की संजोई हुई आशा व आकांक्षाओं की पूर्ति का रहा है। केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में चौपट हो रही अर्थ व्यवस्था के दौर में भी देश को एकजुट रखते हुए ग़रीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान कर प्रभावित ग़रीब परिवारों, श्रमिकों और ज़रूरतमंदों को हरसंभव सहायता सामग्री व आवश्यक राशि मुहैया कराई, देश की अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए स्थायी आर्थिक उपायों पर काम करते हुए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज घोषित किया। दूरदर्शितापूर्ण निर्णय लेकर उन पर त्वरित अमल करके प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोरोना संकट को काबू में रखा। केंद्र सरकार ने 45सौ ट्रेनों से देशभर में फँसे लगभग 56 लाख और बसों से 45 लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुँचाने का काम किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने एक देश-एक कर, एक देश-एक राशन कार्ड और किसानों के ले एक देश-एक बाजार और आर्थिक आधार पर सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण जैसे निर्णय लेकर जहाँ देश के तंत्र को दुरुस्त करने का काम किया, वहीं आतंकवाद के ख़िलाफ़ हुँकार भरकर राष्ट्रीय अखंडता व संप्रभुता के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और विश्व मंच पर भारत की धमक कायम की। डॉ. सिंह ने धारा 370 व अनुच्छेद 35-ए की समाप्ति, तीन तलाक़ को ख़त्म करने क़ानून, नागरिकता संशोधन क़ानून और अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण की भी चर्चा कर इसे प्रधानमंत्री श्री मोदी के सक्षम नेतृत्व का सुपरिणाम बताया और कहा कि जिन कामों को असंभव बताया जा रहा था, श्री मोदी ने उन सारे कामों के अपने दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष में संभव करके दिखला दिया।
डॉ. सिंह ने प्रदेश सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल की आलोचना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को सम्हालने की ज़िम्मेदारी निभाने में कांग्रेस की प्रदेश सरकार विफल रही है। प्रदेश सरकार को बेरहम बताते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि वह प्रदेश के लोगों की वेदना को महसूस नहीं करती। देश के दीग़र राज्यों ने अपने प्रवासी श्रमिकों के खातों में आर्थिक सहायता के रूप में पर्याप्त राशि जमा कराई लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने ढाई लाख प्रवासी श्रमिकों के खाते में ढाई रुपए तक जमा नहीं कराए। उनकी वापसी के लिए ट्रेनों को अनुमति तक देने में प्रदेश सरकार आनाकानी करती रही। प्रदेश के किसानों के साथ छल-कपट किया, शराबबंदी के वादे से मुकर रही है। शराब के धंधे में करोड़ों की हेराफेरी हो रही है और 30 फीसदी शराब अवैध रूप से बिक रही है और वह पैसा सरकारी ख़जाने में नहीं जा रहा है। शराब की तस्करी में पुलिस के लोग पकड़े जा रहे हैं। किसानों के दो साल के बकाया बोनस भुगतान के वादे की याद दिलाते हुए डॉ. सिंह ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को भी दो साल का बोनस नहीं मिलने की बात कही। कोरोना के मोर्चे पर प्रदेश सरकार को विफल बताते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि विभिन्न मदों में 18 सौ करोड़ रुपए होने के बावज़ूद प्रदेश सरकार कोरोना संकट की रोकथाम और लॉकडाउन से प्रभावितों की सहायता में खर्च नहीं कर रही है। टेस्टिंग सुविधा नहीं बढ़ाए जाने के कारण जाँच रिपोर्ट का काम पेंडिंग पड़ा है और क्वारेंटाइन सेंटर्स यातना गृह बनकर रह गए हैं। केंद्र की राशि से संचालित मनरेगा को छोड़कर प्रदेश में कहीं कोई काम यह सरकार नहीं कर रही है। प्रदेश में माफिया आतंक बढ़ता जा रहा है और माफिया अपने ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे जनप्रतिनिधियों और लोगों पर जानलेवा हमले कर रहे हैं। प्रदेश सरकार बदलापुर की राजनीति कर भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही है। प्रदेश में भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल की चर्चा कर डॉ. सिंह ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता केंद्र सरकार के साथ ही प्रदेश के भाजपा शासनकाल की उपलब्धियों को भी बताएँ और मौज़ूदा प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विफलताओं से भी प्रदेश को अवगत कराएँ।
सभा की शुरुआत ज़िला भाजपा अध्यक्ष सनम जांगड़े के संबोधन से हुई। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू ने सभा की कार्यवाही संचालित की। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने सबको आत्म निर्भर भारत की संरचना की शपथ दिलाई। ज़िला महामंत्री राकेश तिवारी ने अंत में सबका आभार माना। इस मौके पर भाजपा वर्चुअल रैली के प्रदेश संयोजक व पूर्व मंत्री राजेश मूणत, संसद सदस्य द्वय सुनील सोनी व गुहाराम अजगले, प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा, पूर्व विधायक द्वय लक्ष्मी बघेल व मनाराम धृतलहरे, ज़िला महामंत्री सुभाष जालान, डॉ. अजय राव, पूर्व ज़िला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र टिकरिहा, पूर्व जिपं सदस्य पूनम मार्कंडेय सहित काफी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता वर्चुअली जुड़े थे।
 

कांग्रेस के धनंजय सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप,कहा राज्य को गरीब कल्याण योजना से वंचित रखना यहाँ के मजदूरों के साथ है अन्याय

कांग्रेस के धनंजय सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप,कहा राज्य को गरीब कल्याण योजना से वंचित रखना यहाँ के मजदूरों के साथ है अन्याय

रायपुर,कांग्रेस ने मोदी सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ के 28 जिला को बाहर कर मजदूरों के साथ अन्याय करने और मजदूर मजदूर में भेदभाव करने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी की नेतृत्व वाली सूटबूट वाली सरकार आजाद भारत की ऐसी पहली सरकार है जो केंद्रीय योजनाओं को भी दलगत कारणों से भेदभाव करते हुए लागू करती है। प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने शुरू की गई, मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजना का लाभ देश के 747 जिलों के प्रवासी मजदूरों को नहीं बल्कि मात्र 116 जिलों में इस योजना को लागू कर मोदी भाजपा की सूटबूट वाली सरकार ने मजदूर-मजदूर में भेदभाव करने का निंदनीय कृत्य किया है। कोरोना महामारी संकटकाल में छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में लगभग 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक एवं उनका परिवार सकुशल छत्तीसगढ़ लौटे हैं। मोदी सरकार के श्रमिकों के प्रति असंवेदनशील गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते बीते दो महिनें में छत्तीसगढ़ के 5 लाख प्रवासी मजदूरों को 1 हजार करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति पहुंची है। रोजी रोजगार का संकट और मानसिक तनाव से मजदूरो को गुजरना पड़ा है। मोदी सरकार तत्काल मजदूरों के खाते में 10 हजार रूपये जमा कराने के बजाये मजदूरों के नाम से शुरू की गयी गरीब कल्याण योजना से ही मजदूरों को बाहर कर दिया है। लाकडाउन के दौरान मोदी भाजपा के अन्याय पूर्ण अमानवीय रवैया के चलते छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को भूखे, प्यासे, नंगे पांव सड़को पर भटकना पड़ा। लखनउ से परिवार लेकर सायकल से छत्तीसगढ़ आने के लिये निकले श्रमिक की सड़क हादसे में सहपरिवार मौत हो गयी। ऐसे संकटकालीन दौर में प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की अत्यंत आवश्यकता है। राज्य सरकार मनरेगा के माध्यम से जॉब कार्ड बनाकर प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार देने का प्रबंध कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ के 28 जिलों के 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को बाहर करना मोदी भाजपा के छत्तीसगढ़ विरोधी, गरीब विरोधी और मजदूर विरोधी होने का पुख्ता प्रमाण है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ भाजपा के 9 सांसदों से सवाल पूछा क्या छत्तीसगढ़ के 28 जिला के प्रवासी मजदूरों को गरीब कल्याण योजना के मार्फत रोजगार नहीं मिलना चाहिए? क्या मोदी भाजपा की सरकार बनाने में 28 जिलों के गरीब मजदूर किसानों का कोई योगदान नहीं है? मजदूरों के नाम से घड़ियाली आंसू बहा कर राजनीति करने वाले भाजपा के सांसद मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के मजदूरों के साथ किए जा रहे अन्याय पर मौन क्यों हैं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के तीन चौथाई क्षेत्र अत्यंत पिछड़े एवं वन क्षेत्र है जहां पर राज्य के लगभग 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोग निवासरत हैं। राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि एवं सामान्य मजदूरी पर निर्भर है जो सामान्यतः असंगठित क्षेत्र कृषि मजदूर एवं सीमांत कृषक हैं। राज्य के बस्तर सरगुजा संभाग सहित अन्य संभागों में आदिवासी वर्ग की बहुलता है साथ ही दस आकांक्षी जिले हैं। गरीब कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को सम्मिलित नहीं किए जाने से यहां के गरीबों कृषि मजदूरों प्रवासी मजदूरों एवं सीमांत किसानों में अत्यंत निराशा का भाव है। उपरोक्त दृष्टि से राज्य वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के साथ में निवासरत मजदूरों को भी तत्कालिक रूप से रोजगार की प्राथमिक आवश्यकता है।

 

छ.ग.प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के ‘स्वयंभू ज़िम्मेदार’ लोग ‘लाल बत्ती की ललक’ में अपना नम्बर बढ़ाने में लगे हैं- सच्चिदानंद उपासने

छ.ग.प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के ‘स्वयंभू ज़िम्मेदार’ लोग ‘लाल बत्ती की ललक’ में अपना नम्बर बढ़ाने में लगे हैं- सच्चिदानंद उपासने

रायपुर,भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने भारत-चीन सीमा विवाद पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा है कि जिस पार्टी के पूर्ववर्ती शासकों ने हमेशा चीन के सामने घुटने टेकने और भारतीय भू-भाग पर चीनी कब्ज़े की ख़बरों पर लीपीपोती करने की लाचारी दिखाई हो, उस पार्टी के नेताओं की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की जा रहीं टिप्पणियाँ एक बार फिर भारतीय सेना के पराक्रम और भारतीय नेतृत्व के प्रति उनकी राजनीतिक दुर्भावना की परिचय ही दे रही हैं। श्री उपासने ने कहा कि सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले और प्रधानमंत्री श्री मोदी को चुनाव में हराने के लिए पाकिस्तान से सहायता और समर्थन मांगने वाले लोग आज फिर अपनी राजनीतिक सोच की दरिद्रता का प्रदर्शन कर रहे हैं!


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग को इस मुद्दे पर अपना तथ्यपरक संदर्भों का ज्ञान बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस बार-बार यह सवाल उठाकर अपने अल्प-ज्ञान का हास्यास्पद प्रदर्शन कर रही है कि भारतीय सैन्य अधिकारियों और सैनिकों को चीन से लड़ने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया? कांग्रेस के लोग हर मुद्दे पर अपनी गर्हित राजनीति से बाज नहीं आ रहे हों, यह तो समझ आता है; पर राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक राजनीति जैसे मुद्दों पर भी कांग्रेस ठीक उसी तरह तथ्यों से मुँह चुराकर देश को ग़ुमराह करने का आचरण करे, जैसा कि उरी, पुलवामा-बालाकोट और राफेल मुद्दे पर उसने किया था, यह समझ से परे है। श्री उपासने ने कहा कि भारतीय सैनिकों को गलवान घाटी में लड़ने नहीं भेजा गया था बल्कि वे रूटीन की गश्त पर गए थे और यह कांग्रेस समर्थित तत्कालीन देवगौड़ा सरकार के कार्यकाल के दौरान (29 नवम्बर सन् 1996) हुए एक समझौते के अनुच्छेद 6 की कण्डिका 1 के मुताबिक होता आया है। इसी समझौते के मुताबिक दोनों सेनाएँ दो-दो किमी पहले गश्त पर निकलती हैं। इतनी सामान्य समझ भी कांग्रेस के नेताओं में यदि नहीं है और वे मोदी-विरोध के इकलौते एजेंडे पर ही चल रहे हैं तो भारतीय सैन्य पराक्रम और विश्व मंच पर भारतीय नेतृत्व पर सवाल खड़े करने के इस घोर अपराध की कांग्रेस नेतृत्व को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री का मज़बूत नेतृत्व किसी ढोलनुमा प्रचार का मोहताज़ नहीं है। उरी और पुलवामा के आतंकी हमलों के बाद पहले सर्जिकल और फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक कर भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने मज़बूत इरादे जता दिए हैं और चीन के ताज़ा हमले के बाद भी उन्होंने यह साफ़ शब्दों में कह दिया है कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। श्री उपासने ने कहा कि अब कांग्रेस इस बात का ज़वाब दे कि 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना (सीपीसी) के तत्कालीन महासचिव शी जिनपिंग और भारतीय कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव राहुल गांधी के बीच कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौज़ूदगी में हुए एमओयू का क्या मतलब है? दो देशों में सरकारी स्तर पर किसी तरह के एमओयू की बात तो समझ आती है, पर ‘दो अलग-अलग देशों के राजनीतिक दलों में महासचिव स्तर का’ यह कैसा एमओयू हुआ था? क्या इसका यह साफ़ संकेत नहीं कि राफेल मुद्दे के बाद कांग्रेस का नेतृत्व सीमा विवाद पर चीन के इशारों पर भारत को ग़ुमराह करने पर आमादा है? ख़ुद को भारतीय सेना के साथ खड़ा बताने का दावा कर रही कांग्रेस अपने प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के उस बयान का क्या ज़वाब देगी जिसमें लद्दाख झड़प के लिए चीन को क़ुसूरवार ठहराने के बजाय मोदी सरकार पर इसकी ज़िम्मेदारी डाली गई है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि उरी, पुलवामा और राफेल मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने जिस तरह का आचरण देश में प्रदर्शित किया था, आज कांग्रेस एक बार फिर उसी राह पर चलती नज़र आ रही है। यह देश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश कांग्रेस नेताओं और सत्ताधीशों की नियति ही यही रह गई है कि वे केंद्रीय स्तर पर एक परिवार की चापलूसी करके अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाएँ और प्रदेशिक स्तर पर मुख्यमंत्री की हर बेसिर-पैर की बातों पर सुर में सुर मिलाएँ ताकि निगम-मंडलों में उन्हें भी लाल बत्ती का सुख मिल सके। प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के स्वयंभू ‘ज़िम्मेदार’ लोग आजकल इसी ललक के चलते भाजपा नेतृत्व को सीख देने और प्रदेश भाजपा नेतृत्व की हैसियत नापने की कोशिश में आकाश की ओर मुँह करके थूकने की चेष्टा कर रहे हैं। श्री उपासने ने कहा कि भाजपा नेताओं की हैसियत का अंदाजा लगाने से पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की देश की जनता की नजर में क्या हैसियत है, इस बात पर मंथन करने पर कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख को स्वयं अपनी, अपने नेता राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी की हैसियत का अंदाजा लग जाएगा। श्री उपासने ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख की यह मजबूरी हो सकती है कि शायद वह भी ‘लाल बत्ती की ललक’ में निगम-मंडल की अभिलाषा लिए अपने नेताओं के सामने अपना नम्बर बढ़ाने ऐसी बयानबाज़ी कर रहे हैं। पर विडम्बना ही है कि 18 महीने बाद भी कांग्रेस अपने बयानवीर की हैसियत निगम-मंडल के लायक नहीं समझ रही है!