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 किसानो के हित में बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार से की शीघ्र मुआवजे की मांग, जानिए पूरा मामला

किसानो के हित में बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार से की शीघ्र मुआवजे की मांग, जानिए पूरा मामला

रायपुर। प्रदेश में हो रही बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि से रबी फसल और सब्जियों की खेती को हुए नुकसान पर किसानों को आरबीसी 6-4 के तहत अतिशीघ्र मुआवजा देने की मांग विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से की है। 

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बीते कुछ दिनों से प्रदेश के जशपुर, कोरिया,सरगुजा, महासमुंद,कवर्धा,  बेमेतरा, धमतरी, बालोद, कोरबा, दुर्ग,कांकेर,रायगढ़, जगदलपुर, रायपुर सहित विभिन्न जिलों में हवा-तूफान के साथ असमय बरसात तथा ओला वृष्टि हुई है। यह क्रम निरंतर जारी है। इस वजह से बहुत से किसानों के धान व दलहन तिलहन की फसल खराब हो गई है। सब्जियों, फलों और फूलों  की खेती करने वाले किसानों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। वे गंभीर आर्थिक संकट में फस गए है। ये किसान खेती के लिए कर्ज लिए हुए है पर इन हालातों के चलते अब उनकी स्थिति कर्ज चुकाने की बिल्कुल भी नही है।

उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकार को 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से जो धान बेचा है उसमें उन्हें प्रति क्विंटल 1815 और 1835 ही प्राप्त हुआ है। अंतर की राशि अभी तक उन्हें नहीं मिली है। जबकि सरकार ने फरवरी के बजट सत्र से 5000 करोड़ की राशि स्वीकृत कर चुकी है। आज किसानों का वक्त बुरा है ऐसे में सरकार द्वारा यह राशि भी नही दिये जाने से उनकी हालत और भी खराब हो गई है। यह राशि भी किसानों के खातों में अविलंब जमा करना चाहिए।तथा किसानों को उनके फसलों की बीमा राशि  भुगतान की कार्यवाही भी जल्द की जानी चाहिए। बृजमोहन ने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की खेती के नुकसान का सर्वे कराकर  आरबीसी 6/4 पीड़ित किसानों को अतिशीघ्र मुआवजा दिया जाए। 
बृजमोहन ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर टोकन प्राप्त किसानों का धान खरीदने कहा

बृजमोहन ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर टोकन प्राप्त किसानों का धान खरीदने कहा

रायपुर,पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को पत्र लिखकर टोकन प्राप्त किसानों के धान खरीदी में आ रही बाधाओं को दूर करने की मांग की है।


अपने पत्र के माध्यम से बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि मुंगेली जिले अंतर्गत लोरमी तहसील के ग्राम डिंडौरी, चंदली, अखरार, गुरूवाईन डबरी, झाफल के सैकड़ों किसानों को दिनांक 19.02.2020 को टोकन जारी हुआ है, परंतु आज दिनांक तक इनका धान नहीं खरीदा जा सका। किसानों को धान खरीदी केंद्रों के प्रबंधकों द्वारा धान खरीदी की कोई निश्चित तारीख नहीं बतायी जा रही है तथा बार-बार किसानों का धान को लौटाया जा रहा है।

बृजमोहन ने कहा कि किसान आज झुब्ध व परेशान है। किसानों को अपना धान लादकर नित्य धान खरीदी केन्द्र जाकर वापस अपने घर आना पड़ रहा हैं, इससे किसानों का श्रम व समय दोनों बर्बाद हो रहा है। धान खरीदी नहीं होने से किसान के.सी.सी. से लिये कर्ज भी अदा नहीं कर पा रहे हैं तथा वे आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। बृजमोहन ने कहा कि अतिशीघ्र बाधाओं को दूर कर किसानों का धान खरीदने का निर्देश जारी किया जाए।
 

मध्यप्रदेश के इस बड़े नेता ने फोन कर जाना जोगी का हालचाल

मध्यप्रदेश के इस बड़े नेता ने फोन कर जाना जोगी का हालचाल

रायपुर. मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फोन कर पूर्व सीएम अजीत जोगी का हालचाल जाना. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फोन पर रेणु जोगी और अमित जोगी से बातचीत की. बता दें कि पूर्व सीएम अजीत जोगी इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं. उन्हें कार्डियक अरेस्ट आने के बाद अस्पताल में एडमिट किया गया है. डॉक्टर खेमका ने कहा है कि इलाज में आगामी 72 घंटे बेहद अहम है.

 

बृजमोहन ने राज्य सरकार पर बोला हमला किसी बाहरी को उनके अपने राज्य में जाने की अनुमति में देरी समझ से परे, साधारण निर्णय लेने में भी अक्षम है

बृजमोहन ने राज्य सरकार पर बोला हमला किसी बाहरी को उनके अपने राज्य में जाने की अनुमति में देरी समझ से परे, साधारण निर्णय लेने में भी अक्षम है

रायपुर,कोरोना संकट में लाकडाउन के कारण राज्य के बाहर फंसे हुए प्रदेश के नागरिकों को वापस घर आने की अनुमति देने मे घोर लापरवाही बरते जाने पर विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य शासन पर सवाल खड़े किये है ।


उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में 10 मिनट से लेकर 12 घंटे के भीतर निर्धारित समय सीमा में परमिशन मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में कई लोगों का 15-17 दिनों से आवेदन लगा है पर उन्हें अब तक परमिशन नही मिला है। जो लोग राज्य से बाहर जाना चाहते है,उन्हें जाने देने में कोई दिक्कत नही होनी चाहिए वही हमारे राज्य लोग जो अपने साधनों से आना चाहते है उनको उचित निर्देशों के पालन के साथ तत्काल परमिशन मिलना चाहिए।


बृजमोहन ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि साधारण स्तर के निर्णय लेने में भी सरकार ने अदूरदर्शिता का परिचय दिया है। मसलन 23 मार्च के पहले जो लोग राज्य से बाहर पारिवारिक कारणों से या इलाज के लिए या घूमने गए थे। जो लॉक डाउन के कारण , वापस छत्तीसगढ़ नहीं आ पाए है उनके लिए सरकार ने कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया है। कई छोटे परिवार तो पूरे सदस्यों के साथ छत्तीसगढ़ के आसपास के जिलों में महीनों से अटके हुए हैं। वे अपने निजि साधनों से वापस अपने घर छत्तीसगढ़ आना चाहते हैं । पर सरकार है कि उन्हें ना तो छत्तीसगढ़ आने की अनुमति दे रही है, न हीं यह बता रही है कि वह कब तक छत्तीसगढ़ आ सकेंगे । यह दुर्भाग्य जनक है। देश के अन्य राज्यों में इसके लिए बहुत उपयुक्त व्यवस्था की गई है। वे अपने लोगो को निजि साधनों से घर आने की अनुमति दे रहे हैं , छत्तीसगढ़ सरकार कम से कम इन राज्यों से सीखे।श्री अग्रवाल ने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य का ऑनलाइन ई-पास एप्प सिर्फ औपचारिकता के लिए है


इस एप्प के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आने वाले नागरिकों को पास जारी ही नहीं किया जा रहा है । राज्य सरकार तत्काल इस दिशा में उचित कदम उठाए।
 

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने  भाजपा मीडिया विभाग को  दी चुनौती कहा अगर मैं गलत हूँ तो FIR करवाये

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने भाजपा मीडिया विभाग को दी चुनौती कहा अगर मैं गलत हूँ तो FIR करवाये

रायपुर,छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी जी ने कहा कि साल भर पहले बिना कारण भयभीत भाजपा ने मुझ पर LIVE डिबेट में बैन लगाया और जिस विषय के कारण बैन लगा उस व्यक्ति को दिल्ली विधनसभा में टिकिट दिया,मैं आज भी भाजपा से निवेदन पूर्वक और चुनौती देते हुवे कह रहा हूं कि मेरे किस डिबेट पर तिलमिला कर बैन लगाया उसे सार्वजनिक करें और अगर मैंने प्रधानमंत्री श्री मोदी,मंत्री श्रीमती ईरानी,श्री अमित शाह,पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह उनके किसी भी पूर्व मंत्री के खिलाफ बिना तथ्य के डिबेट में कुछ भी अपशब्द,अमर्यादित कहा हो तो मुझे धारा 499/500 का नोटिस भेजे और IPC/CRPC की धाराओं के तहत केस दर्ज करवाये,मैं जनेऊ धारी ब्राह्मण हुँ प्रण लेकर कहता हूं मैं माननीय न्यायालय में जमानत याचिका भी नही लगाऊंगा।
और भाजपा का मीडिया विभाग साबित कर दे कि मेरे किस डिबेट में किस बड़े नेता को अपशब्द/अमर्यादित बाते कही गयी तो मैं भाजपा के कोष में 2 लाख रुपया नकद राशि दान में प्रेषित करूंगा। 

महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन के शताब्दी वर्ष व श्रमिक दिवस पर पूर्ण शराबबंदी करने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को बृजमोहन ने लिखा पत्र

महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन के शताब्दी वर्ष व श्रमिक दिवस पर पूर्ण शराबबंदी करने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को बृजमोहन ने लिखा पत्र

रायपुर,पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ में प्रथम आगमन के 100 वर्ष पूरे होने तथा श्रमिकों के हित में श्रमिक दिवस पर राज्य में पूर्ण शराब बंदी की घोषणा करने का आग्रह किया है।
बृजमोहन ने लिखे अपने पत्र में कहा कि ‘‘कोरोना वायरस‘‘ का भयावह संकट, दुनिया पर एक आफत बनकर मंडरा रहा है। जिंदगी की सीमाएं, घर की चार दिवारी तक सीमित हो गई हैं। इस ठहराव से व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक परिवेश में कई बदलाव महसूस किये जा रहे हैं। इनमें एक बदलाव, सीधे श्रमिक परिवारों से सरोकार रखता हैं। जिस पर चिंतन, मनन और नीतिगत निर्णय लेने के लिए इस पत्र के माध्यम से आग्रह कर रहा हूँ। जैसा कि आपको विदित ही हैं, कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में ‘‘लाक डाउन‘‘ से शराब दुकाने बंद हुई हैं, ज्यादातर श्रमिक परिवारों में होने वाली हर दिन की शराब जनित घरेलू हिंसा, शराब अवसाद से आत्म-हत्यायें, शराब से उत्पन्न अनेकानेक रोग व्याधियां मानों थम सी गई हैं। इस हेतु प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी होनी चाहिए ऐसी विचार प्रदेश भर के लोगों के आ रहे है।

बृजमोहन ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को लिखा है कि इतिहास भी आपको इतिहास गढ़ने का मौका दे रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, छत्तीसगढ़ की पुण्य धरा पर, प्रथम बार 20 दिसम्बर 1920 को पधारे थे, पं. सुंदर लाल शर्मा उनके साथ थे। गांधी जी ने सदैव ही शराब को शरीर और आत्मा का दुश्मन माना। ये ऐतिहासिक अवसर हैं कि गांधी जी के छ.ग. पदार्पण के 100 साल पूरे होने पर, आप गांधी दर्शन को यथार्थ धरातल पर उतारे और प्रदेश में शराब बंदी की घोषणा करे।

उन्होंने कहा कि ‘लाक डाउन‘ के बीच इस वर्ष 01 मई 2020 का श्रमिक दिवस हम मनायेंगे। प्रदेश में 56 लाख से अधिक परिवार शारीरिक श्रम से जीविका चला रहे हैं। इनमें से बहुत से परिवार शराब से बुरी तरह प्रभावित हैं।‘‘लाक डाउन‘‘ से श्रमिक परिवारों में एक अवधारणा ने जन्म लिया है, कि ‘जनता तो शराब पीना नहीं चाहती, सरकार जबरिया गली-गली, गांव-गांव शराब की लत फैला रही हैं। ये राजनैतिक आलोचना नहीं है, जनता का फीड बैक हैं। स्वाभाविक हैं, शराब से आम गरीब आदमी का तन, मन, धन, और चरित्र प्रभावित ही नहीं हुआ है बल्कि पारिवारिक बिखराव भी हो रहा हैं। आज लाक डाउन के कारण यह बातें थमी हैं, तो इन परिवारों को उम्मीद भी जगी हैं, कि आप अपने पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल ‘शराब बंदी‘ का वादा, अब पूरा करेगें।

बृजमोहन ने कहा कि मेरे लंबे जनप्रतिनिधित्व जीवन का अनुभव है कि सत्ता केवल विधानसभा के जरिये ही हाथों में नहीं आती है। सत्य तो यह हैं, कि जनता अपनी आकांक्षाओं एवं जीवन की खुशहाली के लिए हमें चुनती है। जनता के हितों से परे सत्ता का कोई महत्व नहीं हैं। देश के महान चिंतक चाणक्य ने तो शासक के लिए जनता के सुख और हित को ही परम् राजधर्म बताते हुए कहां भी हैं कि-

‘‘प्रजा सुखे सुखं राज्ञः प्रजानां तु हिंत हितम् ।
नात्मप्रियं हित राज्ञः प्रजानां तु प्रियं हितम ।। ‘‘

इस लोकतंत्र में भी जनता की इच्छा ही सर्वोपरी है। यहां तक कि हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना भी शासन का स्रोत जन इच्छा ही इंगिद करती हैं। इस इच्छा में आज प्रदेश के श्रमिक और बेहद गरीब 56 लाख से अधिक परिवारों के हित की अभिव्यक्ति हैं कि प्रदेश में शराब बंदी हो। अर्थात् 86 प्रतिशत प्रदेश के परिवारों की सर्वोपारी इच्छा शराब बंदी की ही हैं।


उन्होंने कहा कि एक तर्क जो हमेंशा ‘‘शराबी बंदी‘‘ के आड़े आता है वो है, इससे होने वाली राज्य को आमदनी। पर तथ्यों पर गौर करें। वर्तमान में ‘लाक डाउन‘ से शराब बंदी से श्रमिकों तक शराब नहीं पहुँच पा रही हैं। परिणाम आपके सामने हैं। पुलिस थानों में घरेलू हिंसा, मोहल्ले के झगडे और आत्म हत्याओं में भारी गिरावट आयी है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों के अभाव में खाली पड़ी हैं। इस पर एक अनुसधान भी हुआ है कि अगर शराब से 100 रूपये आमदनी होती है तो 124 रूपये उससे होने वाले दुष्प्रभाव पर सरकार को खर्च करने पड़ते है। फिर प्रदेश में लाखों माताओं, बहनों के साथ होने वाली हिंसा, उनके परिवार के बिलखते बच्चे, समाज में बढ़ता अपराध और क्लेश, क्या राज्य को शराब से होने वाली आमदनी से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होना चाहिए।


उन्होंने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से आग्रह करते हुए कहा कि लाखों गरीब परिवारों की झोली से खुशहाली न झीने, जन भावनाओं के अनुरूप तत्काल राज्य में शराब बंदी की घोषणा करने का कष्ट करे।
 

कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री का पलटवार,पहला लक्ष्य कोविड-19 को हराना है, ना की सस्ती राजनीति करना

कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री का पलटवार,पहला लक्ष्य कोविड-19 को हराना है, ना की सस्ती राजनीति करना

नई दिल्ली, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में दिए गए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जब पूरा देश COVID19 के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, कांग्रेस, केंद्र सरकार से लड़ रही है. कांग्रेस के इस व्यवहार पर किसी दिन सवाल उठाए जाएंगे और उन्हें इसका जवाब देना होगा. उन्होंने कहा हम एक होकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं लेकिन इस स्थिति में भी, केवल कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ लड़ रही है.

 

सोनिया गांधी ने क्या कहा था?


कोरोना महामारी बीच हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि कोरोना से लड़ाई के वक्त बीजेपी नफरत का वायरस फैला रही है. कोरोना के वक्त बीजेपी पर साम्प्रदायिक राजनीति करने से बाज ना आने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा था, " जब हम सबको मिलकर कोरोना से लड़ना चाहिए तब बीजेपी साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत के वायरस फैला रही है जो चिंताजनक है. इससे सामाजिक सौहार्द का बड़ा नुकसान हो रहा है. हमें इस नुकसान की भरपाई करनी होगी."


 

मप्र में न कोई मंत्रिमंडल, न स्वास्थ्य मंत्री कैसे लड़ेगी सरकार कोरोना से : कमलनाथ

मप्र में न कोई मंत्रिमंडल, न स्वास्थ्य मंत्री कैसे लड़ेगी सरकार कोरोना से : कमलनाथ

भोपाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर रविवार को प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।


उन्होंने भाजपा पर मध्य प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कोरोना संकट के चलते अभी तक ना तो मंत्रिमंडल का गठन हुआ है, ना ही स्वास्थ्य मंत्री या गृहमंत्री का प्रभार किसी को दिया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं और इस तरह का उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा।

 

उन्होंने देश में कोरोना संकट के लिए भाजपा नीत केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया कि मार्च में कोरोना संकट के दौरान संसद की कार्यवाही केन्द्र सरकार ने महज इसलिए स्थगित नहीं होने दी जिससे मध्य प्रदेश की विधानसभा चलती रहे और उनकी अगुवाई वाली राज्य सरकार को गिराया जा सके।

 

कमलनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा, जाहिर है कि संसद इसीलिए चल रही थी, ताकि मध्य प्रदेश विधानसभा चलती रहे और कांग्रेस की सरकार गिराई जा सके। कमलनाथ ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हालात बहुत नाजुक हैं और अगर संक्रमण के परीक्षण का दायरा बढ़ा दिया जाए तो मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी।

 

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति है। इसके मद्देनजर केन्द्र सरकार को आर्थिक पैकेज देने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पैकेज को लागू कैसे किया जा रहा है और इसमें किन क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया गया है।
 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ फिर से खोला गया मामला EOW ने किया बंद

ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ फिर से खोला गया मामला EOW ने किया बंद

भोपाल, मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बीजेपी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजन के खिलाफ हाल ही में फिर से खोले गये कथित संपत्ति के दस्तावेजों में हेरफेर के मामले को बंद कर दिया है. सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में जाने के बाद तत्कालीन कमलनाथ की सरकार के दौरान ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर में शिकायतकर्ता सुरेन्द्र श्रीवास्तव की शिकायत पर 12 मार्च को यह मामला फिर से खोला था.


ईओडब्ल्यू के एक आला अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ''सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने 12 मार्च को सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ फिर से शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने एक रजिस्ट्री दस्तावेज में हेरफेर कर साल 2009 में ग्वालियर के महलगांव में 6000 वर्ग फुट जमीन उन्हें बेची. उनकी शिकायत के बाद हमने तथ्यों को फिर से सत्यापित करने के लिए अपने ग्वालियर कार्यालय को आदेश दिए.'' उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद हमने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजन के खिलाफ इस मामले को फिर से बंद कर दिया है.


 

प्रदेश कांग्रेस का दावा कमलनाथ मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर 15 अगस्त 2020 को करेंगे ध्वजारोहण,पढ़े पूरी खबर

प्रदेश कांग्रेस का दावा कमलनाथ मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर 15 अगस्त 2020 को करेंगे ध्वजारोहण,पढ़े पूरी खबर

 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। इसके बाद से जहां भाजपा में खुशियों का महौल बना हुआ है, तो कांग्रेस में गम का महौल बना हुआ है। कमलनाथ के इस्तीफे के बाद महाधिवक्ता ने भी अपना इस्तीफा सौप दिया है। इसी बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस का बड़ा बयान सामने आया है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने अधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट किया कि 15 अगस्त 2020 को कमलनाथजी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी लेंगे। ये बेहद अल्प विश्राम है। इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने इस ट्वीट को संभाल कर रखने की सलाह दी है।

 

प्रदेश हित के अलावा हर कार्य के लिए समय है सीएम के पास : विक्रम उसेंडी

प्रदेश हित के अलावा हर कार्य के लिए समय है सीएम के पास : विक्रम उसेंडी

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने मध्यप्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को निरा हास्यास्पद और राजनीतिक नासमझी का परिचायक बताया है। श्री उसेंडी ने कटाक्ष किया कि फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने का दावा करने वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कराकर यह स्वीकार कर लिया है कि वह सदन में अपना बहुमत और विश्वास खो चुकी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि मध्यप्रदेश की सियासी नौटंकी में रुचि लेकर भाजपा को कोसने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल अब पहले यह साफ करें कि राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के आदेश के बावजूद सदन का विश्वास हासिल किए बिना विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कराना कौन-सी संवैधानिक व लोकतांत्रिक परम्पराओं का परिचायक है? क्या कांग्रेस अपने बहुमत के जुगाड़ के लिए वक्त जुटाकर खुद हॉर्स ट्रेडिंग करना चाह रही है? श्री उसेंडी ने भाजपा पर संवैधानिक व्यवस्था को तार-तार करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाने पर भी मुख्यमंत्री बघेल को निशाने पर लिया। श्री उसेंडी ने कहा कि जो लोग अपना घर तक नहीं सम्हाल सकते, वे पड़ोसियों पर अपनी भड़ास निकालकर अपनी जगहंसाई करते फिरते हैं। अपने दल के नेताओं के कद को नापने और पद को छीनकर सर्वशक्तिमान बनने की सत्तावादी प्रवृत्ति से उपजे अहंकार ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को ये दुर्दिन दिखाए हैं, तो इसमें भाजपा को बीच में घसीटने के राजनीतिक चरित्र से कांग्रेस के नेताओं को बाज आना चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि अराजकता का माहौल बनाना भाजपा नहीं, कांग्रेस की फितरत है और कांग्रेस ने अपनी इस फितरत का परिचय हाल के महीनों में देश में विभिन्न हिस्सों में बखूबी दिया है। स्वयं मुख्यमंत्री बघेल ने सीबीआई, एनआईए, सीएए, आरक्षण जैसे मुद्दों के अलावा हाल के आयकर छापों को लेकर अपने मिथ्या प्रलाप से जो अराजकता फैलाने की कोशिश की है, प्रदेश का जनमानस उसका साक्षी है। श्री उसेंडी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जिस काम के लिए सीएम ने शपथ लिया है उसे छोड़कर दुनिया भर के मुद्दे पर बात करना यह दिखाता है कि सीएम के पास काफी समय है क्योंकि प्रदेश के हित में इनके करने लायक न कोई विजन है और न इच्छाशक्ति। उन्होंने कहा कि सीएम जनता से किए वादे को निभाने की कोशिश में जुटते तो इन्हें अनावश्यक विषय के लिए समय नही रहता।
 

 महापौर ने किया महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड का दौरा पार्षद एवं एमआईसी सदस्य जितेन्द्र अग्रवाल ने वार्ड के विकास हेतु रखी अपनी बात

महापौर ने किया महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड का दौरा पार्षद एवं एमआईसी सदस्य जितेन्द्र अग्रवाल ने वार्ड के विकास हेतु रखी अपनी बात

रायपुर, महापौर एजाज ढेबर महंत लक्ष्मीनारायण दास वार्ड क्र. 43 पहुंचे और पुरे वार्ड का दौरा किया। इस अवसर पर एमआईसी सदस्य जीतेन्द्र अग्रवाल भी उपस्थित रहें। वार्डवासियों ने अपनी समस्या बताई, जिस पर महापौर ने समस्याओं के तत्काल समाधान करने अधिकारियों को निर्देशित किए।

वार्ड के खो-खो पारा स्थित शासकीय शाला के जर्जर भवन के पुनर्निमाण एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूके हुए अधूरे कार्य को जल्द पूरा करने, पटेल समाज के भवन में अतिरिक्त भवन का निर्माण, गोवर्धन चौक में गार्डन के सौंदर्यीकरण, लिलि चौक स्थित मिश्रा नााला के निर्माण की बात भी जितेन्द्र अग्रवाल एवं ब्लाक अध्यक्ष सुनीता शर्मा ने रखी।

इसके अलावा तालाब साफ-सफाई, नाले का निर्माण, पानी की पाईप को लूप लाईन से जोडऩे, लिली चौक, सरस्वती चौक, बनियापारा, गोवर्धन चौक, ढीमरपारा, पटेलपारा, पंकज गार्डन के नवनिर्माण कराये जाने की ओर इंगित कराते हुए वार्ड पार्षद जितेन्द्र अग्रवाल ने महापौर के समक्ष अपनी बात रखी। इस अवसर पर राहुल ठाकुर, मोनू शर्मा, नवनीत यदु, मोनू राजपूत, जितेन्द्र मिश्रा, प्रवीण अग्रवाल, सुनीता शर्मा,वैभव बीबे,अविनाश शर्मा ,बंशी कनौजे एवं वार्डवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। 

बृजमोहन ने कहा जीवन जलक्षत्री की हत्या से दुखी हूं और आक्रोशित भी, अंतिम संस्कार में शामिल हुए

बृजमोहन ने कहा जीवन जलक्षत्री की हत्या से दुखी हूं और आक्रोशित भी, अंतिम संस्कार में शामिल हुए

रायपुर,वरिष्ठ भाजपा नेता एवं रायपुर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मेरे सहयोगी साथी डॉ. जीवन जलक्षत्री की भाठागांव स्थित उनके क्लिनिक में दिनदहाड़े चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई।इस घटना से मैं दुःखी भी हु और आक्रोशित भी। राजधानी में भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ का वरिष्ठ पदाधिकारी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति की ऐसी नृशंस हत्या यहा के बदहाल कानून व्यवस्था को बयां कर रहा है। हम देख रहे है कि अपराधियों में कानून का भय बिल्कुल भी नही है।अब तो दिन प्रतिदिन ऐसी घटनाएं घट रही है। सवाल यह उठ रहा है कि हमारा शांत छत्तीसगढ़ प्रदेश किस ओर जा रहा है?सुरक्षित माहौल यहा क्यों नही बन पा रहा यह चिंतन का विषय है।
जीवन जलछत्री के दिनदहाड़े की गई हत्या ने राजधानी रायपुर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। उन्होंने कहा कि 10 दिन पहले विधानसभा में प्रदेश के गृहमंत्री पिछले 1 साल के अपराध का आंकड़े प्रस्तुत करते है जिसमे राजधानी रायपुर में सर्वाधिक 85 हत्याओं की जानकारी वो देते है। बावजूद राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त नही की जाती।
अंतिम यात्रा में शामिल हुए बृजमोहन-
बृजमोहन अग्रवाल आज डॉ. जीवन जलक्षत्री के अंतिम यात्रा में शामिल हुए। अंतिम यात्रा में हज़ारों की संख्या में लोग शामिल थे। इस अवसर पर
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। एक शांत-सौम्य, मृदुभाषी हर किसी को सहयोग करने आगे आने वाला वह भाजपा का वह निष्ठावान सिपाही था। इस तरह उसका गुजरना बहुत ही पीड़ादायक है। ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि उसके परिवार व सभी स्नेहीजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें एवं मृतात्मा को श्रीचरणों में स्थान मिले।
बृजमोहन ने कहा-नशे का व्यापार बंद करे सरकार-
बृजमोहन ने कहा कि रायपुर शहर में नशे का कारोबार धड़ल्लेसे चल रहा है। छोटी-छोटी दुकानों में नशीली गोलियां बिक रही है। युवा पीढ़ी बहककर धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में फंसते हुए अपराध की तरफ बढ़ता जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाठागांव में चल रही शराब दुकान बंद करने के लिए कई पत्र सरकार को लिखे है बावजूद कार्रवाई नही हुई है। इस शराब दुकान के चलते पूरा क्षेत्र अशांत हो रहा है। नशे में धुत्त लोग नित नए अपराध को अंजाम दे रहे है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों ने बताया कि डॉ. जीवन के हत्यारों को पहले भी पुलिस गश्त टीम के साथ रात को देखा जाता रहा है, इसलिए पूरे मामले को गंभीरता से जांच किये जाने की आवश्यकता है।
 

ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुचे भोपाल हुआ ऐतिहासिक स्वागत

ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुचे भोपाल हुआ ऐतिहासिक स्वागत

भोपाल। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचने पर ऐतिहासिक स्वागत हुआ। एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे। खुद सिंधिया को भी भरोसा नहीं था कि उनका ऐसा स्वागत होगा।

सिंधिया एयरपोर्ट से भाजपा कार्यालय तक रोड शो के जरिए जाएंगे। उनके स्वागत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एयरपोर्ट पर 1 किलोमीटर तक कारों का काफिला नजर आ रहा है। एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद हैं।

जिस तरह से सिंधिया का भोपाल में स्वागत हुआ है, वह कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के लिए एक तरह से चेतावनी है कि यदि कांग्रेसी नेताओं की उपेक्षा होती रही तो आने वाले समय में इसी तरह के नजारे देखने को मिलते रहेंगे।

एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सिंधिया का फूलमाला और ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। खुद सिंधिया भी इस स्वागत से हैरान है। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि भाजपा में शामिल होने के बाद कार्यकर्ता उन्हें इतना प्यार देंगे। सड़कों के दोनों तरफ काफी देर से लोग फूल मालाएं लेकर स्वागत करने को बेताब हैं।

भोपाल भाजपा कार्यालय में भी हजारों की संख्या में कार्यकर्ता सिंधिया के आने का इंतजार कर रहे हैं। यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद हैं।

 

भाजपा नहीं उतारेगी राज्यसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार-कौशिक

भाजपा नहीं उतारेगी राज्यसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार-कौशिक

रायपुर, विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि राज्यसभा सदस्य के लिए भाजपा इस बार अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
श्री कौशिक ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि विधानसभा में इस बार हमारे दल की संख्या कम होने के कारण छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य के लिए भाजपा अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। उन्होंने नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कहा कि नया प्रदेश अध्यक्ष किसे बनाना है यह पार्टी तय करती है। श्री कौशिक ने वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी को प्रदेश अध्यक्ष रहते एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर उन्हें बधाई दी है।
 

राजधानी में पीलिया पर निगम प्रशासन की उदासीनता दुर्भाग्यपूर्ण : भाजयुमो

राजधानी में पीलिया पर निगम प्रशासन की उदासीनता दुर्भाग्यपूर्ण : भाजयुमो

रायपुर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी उमेश घोरमोड़े ने राजधानी में गंदे पानी की आपूर्ति को लेकर नगर निगम प्रशासन की उदासीनता पर जमकर हमला बोला है। श्री घोरमोड़े ने कहा कि एक तरफ शहर गंदे पानी के कारण पीलिया व दीगर बीमारियों का शिकार हो रहा है और दूसरी तरफ साफ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी खारून इंटेकवेल में खुलेआम ड्यूटी के दौरान शराबखोरी कर रहे हैं।
भाजयुमो जिला मीडिया प्रभारी श्री घोरमोड़े ने शनिवार को वायरल हुए न्यूज वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि फिल्टर प्लांट में इस तरह खुलेआम शराबखोरी एक गंभीर मामला है। राजधानी में एकाएक पीलिया व दीगर बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की वजह क्या नगर निगम प्रशासन की लापरवाही नहीं है? एक तरफ तो निगम के अधिकारी लीकेज सुधारने, टंकी सफाई कराने का दावा करते है वहीं उनके अधीनस्थ ड्यूटी के दौरान शराबखोरी कर नगर निगम प्रशासन की शहर की जनता के प्रति जिम्मेदारियों की सारी पोल खोल देते हैं। श्री घोरमोड़े ने कहा कि एक तरफ पीलिया का प्रकोप है तो दूसरी तरफ कोरोना वायरस संक्रमण का खौफ लोगों को परेशान कर रहा है। ऐसी स्थिति में अपने अधिकारी-कर्मचारियों के इस गैर जिम्मेदाराना आचरण व खुलेआम शराबखोरी पर निगम प्रशासन की उदासीनता निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले श्रीमती किरणमयी नायक व प्रमोद दुबे के महापौर रहते राजधानी गंदे पानी के सेवन व उपयोग के दुष्परिणाम झेल चुकी है और अब महापौर एजाज ढेबर के कार्यकाल में भी यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति निर्मित हुई है। श्री घोरमोड़े ने इस गैर जिम्मेदाराना आचरण के लिए संबंधित उच्चाधिकारियों समेत सभी जिम्मेदार लोगों पर दण्डात्मक कार्रवाई की मांग की है।
 

कथित फेक न्यूज मॉनिटरिंग पर भाजपा का कटाक्ष,धूल चेहरे पे थी और करता रहा आईना साफ

कथित फेक न्यूज मॉनिटरिंग पर भाजपा का कटाक्ष,धूल चेहरे पे थी और करता रहा आईना साफ

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाया है कि वे प्रदेश में अघोषित सेंसरशिप लादकर अलोकतांत्रिक आचरण प्रस्तुत करने पर आमादा हैं। यह राजनीतिक असहिष्णुता का नमूना है जिसके जरिए प्रदेश सरकार मीडिया पर शिंकजा कसकर भय और आतंक का माहौल बनाने के एजेंडे पर काम कर रही है। भाजपा ने कथित फेक न्यूज की आड़ में आतंक पैदा करने की सरकारी कोशिश की निंदा की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फेक न्यूज की मॉनीटरिंग के लिए सेल का गठन किया है, इस संदेह के पर्याप्त आधार है कि इसके बहाने वे अपने हितों पर चोट पहुंचाने वाली हर सूचना व सामग्रियों को फेक न्यूज या अफवाह बताकर संपादकों-संचालकों को कार्रवाई के दायरे में घसीटेंगे। प्रदेश को अभी कुछ महीनों पूर्व ही बिजली कटौती को लेकर वायरल वीडियो और समाचार प्रसारण के मामले में राजनांदगांव जिले के मांगीलाल अग्रवाल व महासमुंद के पत्रकार को राजद्रोह की धाराओं के तहत पुलिस हिरासत में रखे जाने की घटनाएं याद हैं। तब भी सरकार ने इसे फेक न्यूज और सरकार के खिलाफ उकसाने वाली कार्रवाई बताया था। प्रदेश गवाह है कि बाद में हाल ही हुए खुलासे से वायरल वीडियो की बातें सही साबित हुई थीं। श्री उसेंडी ने कहा कि अपने खिलाफ मीडिया की किसी भी सूचना और सामग्री को सिरे से खारिज करना मौजूदा सत्ता प्रतिष्ठान ने अपनी फितरत बना ली है। उन्होंने कहा कि भाजपा भ्रामक खबरों व अफवाहों से सावधान रहने की हिमायती होने के साथ-साथ मीडिया की स्वतंत्रता के लिए डटकर मैदान में खड़ी रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि दरअसल मीडिया की सक्रिय भूमिका के चलते आयकर छापों और खासकर किसानों के साथ लगातार हो रही बर्बरता के सामने आने से सरकार की पोल खुलती रही है। आयकर छापों में मिले दस्तावेजों और दीगर सम्पत्तियों की तो अभी जांच चल रही है, तो फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार किस आधार पर यह दावा कर सकती है कि आयकर छापों में कुछ नहीं मिला है। क्या आयकर विभाग द्वारा 150 करोड़ के नाजायज संपत्ति मिलने की बात नहीं कि गई है? श्री उसेंडी ने कहा कि सीएम खुद को तानाशाह समझ बैठे हैं। वे सत्ता की हनक में काफी जल्दी इस बात को भूल गए कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है, और संविधान द्वारा दी गई आमव्यक्ति की आजादी सीएम की मुहताज नहीं है। श्री उसेंडी ने याद दिलाया कि उन्हीं की नेता प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की थी, आज तक उसके कारण कांग्रेस का इतिहास कलंकित है फिर भी वे इस आवाज को रोक नहीं पाए। श्री उसेंडी ने आग्रह किया है कि सीएम पिछले साल भर में शासन के चेहरे पर लगे दाग धब्बे को साफ करने, इमानदारी, पारदर्शिता और विनम्रता के साथ जनता से किए वादे को एक सेवक की तरह निभाने की कोशिश में जुटें, आईना तोड़ देने से कुछ भी नहीं होने वाला। उन्होंने एक शेर “उम्र भर यह भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा” अर्ज करते हुए कहा कि आईना पर सवाल उठाने से चेहरे साफ नहीं होते, अपने अच्छे कर्मों से उसे साफ करना होता है।
 

बृजमोहन ने उठाया पुलिस अभिरक्षा व जेलों में मौतों का मामला, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा से सदन की समिति करेगी जांच

बृजमोहन ने उठाया पुलिस अभिरक्षा व जेलों में मौतों का मामला, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा से सदन की समिति करेगी जांच

रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के थानों व जेलों में हुई मौतों का मामला उठाया। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष  डॉ चरणदास महंत ने सदन की कमेटी से जांच कराने की बात कही। इस मामले में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के वक्तव्य से असंतुष्ट बृजमोहन ने कहा कि हम व्यक्ति को सुधारने के लिए जेल भेजते हैं और जो व्यक्ति जेल जाता है वैसे ही उसका परिवार दुःखी होता है। ऐसे में विचाराधीन बंदियों की प्रदेश के जेलों व थानों में मौत दुर्भाग्यजनक है। ऐसे मामलों में परिवार को मुआवजा भी न देना  मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करता है।

 बृजमोहन ने चंदौरा थाने में कृष्णा सारथी की मौत का मामले का जिक्र करते हुए कहा कि बिना किसी अपराध के आदिवासी युवक को पकड़कर लॉकअप में बन्द कर दिया गया। जैसी बाते सामने आ रही है उससे पता चलता है कि उससे पैसे की मांग की गई। उसने पैसा नहीं दिया तो उसे पीटा गया और उसे पीटने के बाद फांसी पर लटका दिया गया। यह 30 साल का नौजवान था इसके दो छोटे बच्चे हैं।
बृजमोहन ने पुलिस अभिरक्षा में अंबिकापुर के पंकज बेथ की मृत्यु का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सुसाइडल मौत होने की जानकारी बताई गई है। जबकि उसकी लॉकअप में मौत हुई है।इस मामले में अफसर भी सस्पेंड हुए है। 15 सितंबर 2019 को कमलेश्वर सिदार की जेल में मौत, 26 जून 2019 को जशपुर निवासी गौटिया साय की जेल में मौत, 30 अगस्त 2019 को पेंड्रा में विचाराधीन कैदी रघुनाथ गौड़ की जेल में मौत हुई है पर इन्हें छिपाया गया है।
 उन्होंने दुर्ग जेल में विचाराधीन कैदी रहे राजेंद्र देवांगन का उल्लेख करते हुए कहा कि व्यक्ति पहले दिन जेल जाता है और अगले दिन सीढ़ियों से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई। पीएम रिपोर्ट में हाथ पैर की हड्डियां टूटी पाई जाती है। उन्होंने कहा कि अधूरी जानकारी देकर विधानसभा को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
 बृजमोहन ने कहा कि हम सरकार से जमीर को जागृत करने की बात कह रहे हैं। उन निर्दोष व्यक्ति को ऐसे मरना पड़े और  परिवार को मुआवजा भी ना मिले दुर्भाग्यपूर्ण है।मुआवजे का प्रस्ताव भेजे जाने की बात कहना टालने जैसा है। आपके पास मुख्यमंत्री सहायता राशि  वह अन्य मद की सहायता राशि है। गरीब पीड़ित परिवार को निश्चित रूप से सहायता मिले यह सुनिश्चित होना चाहिए।
बृजमोहन ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत से सदन की कमेटी बनाने का आग्रह किया।  जिस पर चरणदास महंत ने कहा कि पुलिस अभिरक्षा और  जिलों में मौत के मामलों  को लेकर विधानसभा के कई सदस्य उद्धेलित है इसलिए  वे सदन की समिति से जांच कराने का अनुरोध स्वीकार करता हूँ।
भूपेश सरकार के बजट पर भाजपा के दिग्गज नेताओ के बोल, विक्रम उसेंडी ने निराशाजनक तो बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ को पीछे धकेलने वाला बजट बताया, पढ़े भाजपा नेताओ की प्रतिकिया बजट को लेकर

भूपेश सरकार के बजट पर भाजपा के दिग्गज नेताओ के बोल, विक्रम उसेंडी ने निराशाजनक तो बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ को पीछे धकेलने वाला बजट बताया, पढ़े भाजपा नेताओ की प्रतिकिया बजट को लेकर

दिशाहीन एवं निराशाजनक बजट: विक्रम उसेंडी
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने राज्य सरकार के बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताया है। श्री उसेंडी ने कहा कि राज्य सरकार के इस बजट में कांग्रेस के जनघोषणा पत्र की कोई झलक दिखाई ही नहीं दे रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि पहले बजट से छत्तीसगढ़ देश में 15 से 21 स्थान पर फिसला अब दूसरे बजट से कहा पहुंचेगा पता नहीं?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि आर्थिक प्रबंधन के मोर्चे पर प्रदेश सरकार का यह बजट वैचारिक दिशाहीनता और नेतृत्व की विफलता का श्वेत पत्र है जिसमें प्रदेश को विभिन्न योजनाओं का झुनझुना थमाकर लोगों को जरूरतों और जरूरी विकास कार्यों की अनदेखी कर दी गई है। इस बजट में न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कुछ नया विजन है और न ही सबसे विकसित प्रदेश होने की तैयारी। श्री उसेंडी ने कहा कि धान खरीदी के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही प्रदेश सरकार के पास कृषि के नवीनीकरण की कोई योजना तो है ही नहीं, किसानों के स्थायी कल्याण और उनकी खेती व अर्थतंत्र को मजबूत व लाभप्रद बनाने का कोई भी दृष्टिकोण नजर नहीं आ रहा है। खेती की सिंचाई के लिए भी जो घोषणाएं बजट में की गई हैं, आधे-अधूरे मन से की गई हैं। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी जैसी अपनी ही योजना के प्रति प्रदेश सरकार कोई ठोस काम करने की इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि शिक्षा जगत हो या सामाजिक कल्याण, युवा कल्याण, किसी भी मोर्चे पर सरकार काम करने की इच्छा-शक्ति से शून्य नजर आ रही है। शराबबंदी के वादे पर प्रदेश सरकार फिर मौन साधे बैठ गई है। सुपोषण का ढोल पीट रही सरकार ने कुपोषण से मुक्ति के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया है। स्वास्थ्य योजनाओं के नाम पर भी प्रदेश सरकार का यह बजट छत्तीसगढ़ को बेहतर स्वास्थ्य और मरीजों को राहत की गारंटी देता नहीं दिख रहा है। श्री उसेंडी ने कहा कि कुल मिलाकर बजट के नाम पर प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से मिलने वाले राज्यांश को ही बजट प्रावधान बनाकर प्रदेश को भरमाने और बजट के नाम पर खानापूर्ति करने का काम किया है।

न विकास की आहट, न रोजगार की राहत: डॉ. रमन
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज पेश राज्य के बजट को घोर निराशाजनक करार देते हुए कहा है कि इस बजट ने राज्य की जनता के सपने तोड़कर रख दिए। बड़े-बड़े वादे करने वालों के असल इरादे इस बजट ने जाहिर कर दिये हैं जिसमें न तो विकास की आहट सुनाई दे रही है और न ही रोजगार की राहत नजर आ रही है। बजट में सभी तबकों को छला गया है। सरकार का नरवा गरुवा मॉडल भी बुरी तरह फेल हो गया है। अब सारे वादों की हकीकत उजागर हो गई है। बजट प्रावधानों में न तो अधोसंरचना विकास का कोई खाका नजर आ रहा है, न ही कौशल उन्नयन के लिए सरकार की इच्छा-शक्ति दिख रही है। कृषि, रोजगार, शिक्षा, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी सरकार का नजरिया बदनीयती भरा नजर आ रहा है। महिला के सशक्तिकरण एवं उनकी सुरक्षा के साथ ही शराबबंदी के मामले में सरकार एक बार फिर प्रदेश और महिलाओं को छलने का काम कर रही है।
छत्तीसगढ़ को पीछे ले जाने वाला बजट-बृजमोहन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इसे छत्तीसगढ़ को पीछे ले जाने वाला बजट करार दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार की नीति और नियत दोनों ठीक नही है।
इस बजट में युवाओं, महिलाओं, विद्यार्थियों,किसानों के लिए कुछ भी नहीं। जिन वादों के दम पर इन्होंने सरकार बनाई है अपने उन वादों से भी ये मुकरते नजर आ रहे हैं।
कृषि के लिए परंपरागत बजट हर बार की तरह है कोई विशेष योजना नहीं लाई गई है। सिंचाई के लिए यह सरकार क्या करने जा रही है वह भी स्पष्ट नहीं है।
युवाओं को 25सौ रुपये बेरोजगारी भत्ते का वादा,महिला स्वसहायता समूहों के ऋण माफी का वादा,पूर्ण शराबबंदी के वादे से भी ये मुकरते नज़र आ रहे है।
बृजमोहन ने कहा कि इस बजट में नया कुछ भी नहीं है। बल्कि पूंजीगत व्यय बहुत कम है। यह केंद्र पर निर्भर बजट प्रतीत हो रहा है।

छत्तीसगढ़ राज्य का बजट निराशाजनक है  रामविचार नेताम 
बजट से न तो प्रदेश के युवाओ को कोई रोजगार मिलेगा न ही प्रदेश के किसी वर्ग को कोई लाभ
भाजपा अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि घोषणा पत्र में 10 लाख बेरोजगार युवाओ को मासिक भत्ता, सुपेबेड़ा, सरगुजा, बस्तर को एयर एम्बुलेंस की सेवा से जोड़ना, छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलना, महिला सुरक्षा के नाम पर विशेष महिला पुलिस स्टेशन बनाना, दैनिक मजदूरों के लिए सुरक्षित आय सुनिश्चित करने के साथ राज्य के लोगो को बिजली बिल हाफ करने जैसे वादों को पूर्ण न करना राज्य की जनता के साथ धोखा है। प्रदेश कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020-21 के बजट में इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की है और राज्य की जनता के विश्वास को तोड़ा है, जिसकी कीमत प्रदेश सरकार को चुकानी पड़ेगी।

दीया न तेल, केवल नाउम्मीदी का खेल: कौशिक
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बजट पर प्रक्रिया व्यक्त करते कहा कि इस पूरे बजट में कहीं भी छत्तीसगढ़ के आम जनों की चिंता नहीं की गई है। इस बजट को लेकर यही कहा जा सकता है कि दीया है न तेल है केवल नाउम्मीदी का खेल है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की सरकार अपने घोषणा पत्र में किये गये वादों को भी पूरा करने में नाकाम है। शराबबंदी को लेकर कुछ भी नहीं किया गया है। जिन वादों के साथ कांग्रेस सत्ता में आयी है उन्हीं वादों से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को निराशा हाथ लगी है। उद्योगों के लिये कुछ भी खास नहीं है। आधारभूत संरचना को मजबूत करने के दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। निवेश की संभावनाएं शून्य हैं। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा की कोई चिंता नहीं की गई है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि गरीब, मजदूर, किसान, युवाओं को बजट में ठगा गया है। बजट पूरी तरह से कोरी कल्पनाओं पर केंद्रित है। विकास की सोच से कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि ये छत्तीसगढ़ में वादाखिलाफी का सबसे बड़ा बजट है। कांग्रेस सरकार ने पूरी तरह से असफल बजट पेश किया है।


युवकों के लिए निराशाजनक: विजय शर्मा

भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा कि इय बजट की तरफ छत्तीसगढ़ के युवा बड़ी आशा भरी निगाहों से देख रहे थे। परन्तु इस बजट में नई नौकरियों के लिए कोई प्रयास नहीं दिखता और न ही 25 सौ रुपए बेरोजगारी प्रोत्साहन भत्ता के लिए कोई प्रावधान है। यह बजट थोथा चना बाजे घना के समान है। भूपेश सरकार इतनी जल्दी जिस प्रकार एक वर्ष में अलोकप्रिय हुई है। यह बजट राज्य सरकार की अलोकप्रियता में और इजाफा करेगा। जिस बजट से उन्हीं के मंत्रिमंडल के सदस्य 10 के 7.5 अंक दे रहे है, उस बजट में प्रदेश के विकास की किरण देखना बेमानी है। ।

महिलाओं के मुद्दों पर सरकार चुप: पूजा विधानी
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पूजा विधानी ने प्रदेश सरकार के बजट पर आश्चर्य व्यक्त किया है। श्रीमती विधानी ने कहा कि महिलाओं के उत्थान, सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए बजट में प्रदेश सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है। बजट का अधिकांश हिस्सा तो ऋण चुकाने में ही चला जाएगा तो 21 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ में कराहते प्रदेश के सर्वांगीण विकास की उम्मीद तो इस प्रदेश सरकार से बेमानी ही है। श्रीमती विधानी ने कहा कि शराबबंदी के बजाय शराब की तीन नई फैक्टरी खोलने की घोषणा कर सरकार ने अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर थी और अपने वादे के मुताबिक महिला स्व-सहायता समूहों की कर्ज माफ करने के मामले में इस बार भी प्रदेश सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया है।
 

प्रदेश के स्कूलों में 93329 पद रिक्त पिछले 1 साल में एक भी भर्ती नहीं, विधानसभा में वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने उठाया मुद्दा

प्रदेश के स्कूलों में 93329 पद रिक्त पिछले 1 साल में एक भी भर्ती नहीं, विधानसभा में वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने उठाया मुद्दा

विधानसभा में वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने बदहाल शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की कमी का उठाया मुद्दा

रायपुर | प्रदेश के शासकीय स्कूलों में 93329 पद रिक्त है। शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने इन रिक्त पदों की पूर्ति के लिए सरकार ने कोई भी प्रयास नहीं किया है। एक भी रिक्त पद की पूर्ति पिछले 1 साल में नहीं हुई है। इस संबंध में वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के शासकीय स्कूलों में रिक्त पदों का मुद्दा विधानसभा में उठाया।  उन्होंने जानना चाहा कि प्रदेश के स्कूलों में किस किस वर्ग की कितने पद स्वीकृत हैं स्वीकृत पद के विरुद्ध कितने पद 1 जनवरी 2020 की स्थिति में रिक्त हैं तथा उन्होंने यह भी पूछा कि रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है तथा पदवार कितनी भर्तियां की गई है।इस सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्वीकार किया कि  बीते 1 सालों में एक भी भर्ती नहीं हुई है।कुल 2322215 स्वीकृत है और रिक्त पद 93326 है जो इस प्रकार है- व्याख्याता/व्याख्याता पंचायत/नगरीय निकाय स्वीकृत पद 4617 रिक्त पद 2828, सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला स्वीकृत 47874 रिक्त पद 9622,व्यायाम शिक्षक स्वीकृत 2541रिक्त पद 1390, प्रधान पाठक(पु.मा.) स्वीकृत पद13116 रिक्त पद 5715,शिक्षक/शिक्षक पंचायत/नगरीय निकाय स्वीकृत पद 57283 रिक्त पद15968, प्रधान पाठक (प्रा.शाला) स्वीकृत पद 30328 रिक्त पद 20678, सहायक शिक्षक/सहायक शिक्षक पंचायत/नगरीय निकाय 82748 रिक्त पद 7144,लेखापाल/सहायक ग्रेड 2 स्वीकृत पद 3236 रिक्त पद 1118,सहायक ग्रेड 3 स्वीकृत पद 4954 रिक्त पद2134,ग्रंथपाल स्वीकृत पद2600 रिक्त पद2264, भृत्य(नियमित) स्वीकृत पद 23995 रिक्त पद 15573,चौकीदार स्वीकृत पद2361 रिक्त पद1970,सफाई कर्मचारी(अंशकालीन) स्वीकृत पद 37519 रिक्त पद  3887 है।