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BIG BREAKING : देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तबियत बिगड़ी, राजधानी के AIIMS में किया गया भर्ती

BIG BREAKING : देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तबियत बिगड़ी, राजधानी के AIIMS में किया गया भर्ती

नई दिल्ली भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था और वह लगातार चेस्ट कंजेशन की शिकायत कर रहे थे। इसके बाद उन्हें बुधवार शाम 6:15 दिल्ली एम्स के कार्डियो न्यूरो टावर में भर्ती कराया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री का इलाज न्यूरो के डॉक्टर अचल श्रीवास्तव और दिल के डॉक्टर नीतीश नायक इलाज कर रहे हैं। फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर है। 

आपको बता दें कि 89 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह को शुगर की भी बीमारी है। वहीं, इसी साल 19 अप्रैल को वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 29 अप्रैल को उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी दे दी गई थी। इससे पहले पूर्व पीएम की दो बायपास सर्जरी भी हो चुकी है। उनकी पहली सर्जरी साल 1990 में यूके में हुई थी, जबकि 2009 में एम्स में उनकी दूसरी बायपास सर्जरी की गई थी। पिछले साल मई के महीने में भी उन्हें बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

सीएम पद के चेहरे के तौर पर ब्राह्मण नेता पर दांव लगा सकती है कांग्रेस

सीएम पद के चेहरे के तौर पर ब्राह्मण नेता पर दांव लगा सकती है कांग्रेस

लखनऊ: यूपी चुनाव में कांग्रेस अपने सीएम पद के चेहरे के तौर पर ब्राह्मण नेता पर दांव लगा सकती है। इस लिहाज से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला और भाजपा में बड़े पद पर रहे एक नेता के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस बार कांग्रेस ने पूरी तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव में उतरने की रणनीति बनाई है। इसलिए `चेहरा` देने में वह पीछे नहीं रहना चाहती।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी का प्रभारी बनाए जाने के बाद से पार्टी किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार चर्चा में है। खासकर कानून-व्यवस्था, उत्पीड़न और किसानों के मुद्दों पर या तो लगातार आंदोलन कर रही है या चल रहे आंदोलनों में सक्रिय भूमिका में है। सार्वजनिक मंच से पार्टी भले ही सर्व समाज की बात करती हो, पर उसके नेता स्वीकार करते हैं कि अपना आधार वोट बनाने की पुख्ता रणनीति भी बनाई गई है।

प्रदेश में 80 के दशक तक अधिकांश समय कांग्रेस की ही सरकारें रहीं। इस दौरान उसने छह मुख्यमंत्री ब्राह्मण जाति से दिए। अपने जमीनी छोटे-छोटे अभियानों में कांग्रेस के नेता इसका प्रचार करने से भी नहीं चूकते, ताकि ब्राह्मण मतदाताओं के बीच फिर से अपनी पैठ बना सकें। यूपी में वर्तमान में ब्राह्मणों की अनुमानित संख्या 10-12 फीसदी है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण नेता को सीएम चेहरे के रूप में पेश करने की अंदर ही अंदर योजना बना ली है।


कांग्रेस के रणनीतिकार बताते हैं कि ब्राह्मणों के मुद्दे भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। हमारे पास जो ब्राह्मण नेता हैं, चेहरे के तौर पर वर्तमान में वही विकल्प हमारे सामने हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला समेत कई ब्राह्मण नेताओं के नाम पर विचार चल रहा है। हालांकि, अंतिम निर्णय में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की राय अहम होगी। राजीव शुक्ला इस संकट के दौर में भी पार्टी के मजबूत मददगार माने जाते हैं। उनके कद का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि ट्विटर पर उन्हें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ही नहीं, पीएमओ भी फॉलो करता है।


मोदी व योगी के मंत्री करते हैं फॉलो, तेजस्वी यादव से भी अच्छे रिश्ते
भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल, यूपी के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक और जितिन प्रसाद भी उन्हें फॉलो करने वालों की सूची में शामिल हैं। इस लिहाज से राजद नेता तेजस्वी यादव से भी उनके अच्छे रिश्ते हैं। कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा में बड़े पद पर रहे एक ब्राह्मण नेता भी उनके संपर्क में हैं। फिलहाल यह नेता अपनी पार्टी में साइड लाइन चल रहे हैं। कई बार उन्हें भाजपा में कुछ न कुछ बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा चली, पर नतीजा सिफर ही रहा।


नतीजतन, वह अपने पार्टी नेतृत्व से काफी निराश हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। इनमें से एक वरिष्ठ नेता तो अपनी बात का यकीन दिलाने के लिए अपनी पॉकेट डायरी में दर्ज निराश चल रहे इन भाजपा नेता का नाम और नंबर भी दिखाते हैं। कहा जा सकता है कि यह करीब-करीब तय है कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस ब्राह्मण चेहरे को आगे करेगी, यह कौन होगा, इसके लिए मंथन जरूर चल रहा है।

राहुल-प्रियंका ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, की मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग

राहुल-प्रियंका ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, की मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग करते हुए बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।


कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल थीं।हाल ही में कांग्रेस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा था। कांग्रेस लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग कर रही है।


राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से मांग कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री हैं, को पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों से भी इस मामले की जांच की जाए। प्रियंका गांधी ने बताया कि राष्ट्रपति ने हमें आश्वासन दिया है कि वह आज ही सरकार से इस मामले पर चर्चा करेंगे।


गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में गत तीन अक्तूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आशीष को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद इस प्रदेश में भी शुरू हुई कांग्रेस की कलह, जाने क्या है मामला

पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद इस प्रदेश में भी शुरू हुई कांग्रेस की कलह, जाने क्या है मामला

ऐसा लगता है कि अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी कलह शुरू हो गया है। दरअसल पार्टी ने कैलाश कदम को पिंपरी-चिंचवाड यूनिट का अध्यक्ष बनाया है। लेकिन कैलाश कदम को यह अहम जिम्मेदारी सौंपना पार्टी के कुछ नेताओं को रास नहीं आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के कुछ नेता कैलाश कदम को इस जिम्मेदारी से नवाजे जाने का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले नेताओं का मानना है कि कैलाश कदम की छवि दागी नेता की है और उनके क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले इस छवि की वजह से संगठन की छवि को नुकसान पहुंचेगा। इस बारे में पार्टी नेताओें ने शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत कराया है। बता दें कि पुणे में कैलाश कदम के खिलाफ कई आपराधिक केस अभी पेंडिंग हैं।
कैलाश कदम पर हत्या, हत्या की कोशिश और रंगदारी मांगने के मामले में पहले केस दर्ज हो चुका है। एक बार तो कुछ समय के लिए उन्हें पिंपरी-चिंचवाड से बाहर तक कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कैलाश कदम का चयन राहुल गांधी की टीम ने किया है। यह टीम इस इलाके में एक आक्रमक और उग्र चेहरे की तलाश कर रही थी जो विरोधियों को करारा जवाब दे सके। टीम की यह तलाश कैलाश कदम पर जाकर खत्म हुई थी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पृथ्वीराज साठे ने कहा, 'कदम पर कई आपराधिक केसों से विमुक्त हो चुके हैं। उनपर ज्यादातर केस राजनीति से प्रेरित थे।' साठे ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने कैलाश कदम का चुनाव काफी सोच-समझ कर उनकी पार्टी में उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखकर किया है। उन्होंने कहा, 'पिंपरी-चिंचवाड में हम खराब स्थिति में हैं और हमें यहां एक मजबूत नेता की जरुरत है। कैलाश कदम यहां की स्थानीय ईकाई का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल सही हैं।
जब साठे से कैलाश कदम के चुने जाने के बाद पार्टी नेताओं के विरोध के बारे में पूछा गया तब उन्होंने अकरुदी में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'जिन लोगों ने कैलाश कदम के चयन का विरोध किया वो कमरे में मौजूद थे। हम उन्हें इस बात के लिए मनाएंगे कि कदम का आना पार्टी के लिए बेहतर साबित होगा।'
वहीं पार्टी में राज्य स्तर के सचिव सचिन साठे ने कहा कि कैलाश कदम के चुने जाने से कई पार्टी नेता नाराज थे। उन्होंने एक बैठक के बाद कैलाश कदम को चुने जाने का विरोध करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी भावनाओं से मुझे अवगत कराया है और मैं इस मामले को पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा दूंगा। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैलाश कदम ने उनकी छवि को लेकर पूछे गये सवालों को टाल दिया। हालांकि, उन्होंने यहा कहा कि उनके पीछे पार्टी हमेशा खड़ी थी और वो अगले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेंगे।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले राजस्थान में गहलोत और पायलेट के बीच विवाद उसके बाद पंजाब कांग्रेस में कलह की वजह से राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस में आपसी कलह की बातें सामने आती रही हैं। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच काफी दिनों तक टशन चला था।
 

शहर की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए महापौर के पास नहीं है समय, सभापति से जल्द करने कहा ये काम - मीनल चौबे

शहर की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए महापौर के पास नहीं है समय, सभापति से जल्द करने कहा ये काम - मीनल चौबे

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल ने शहर के सभी 70 वार्ड में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा करने के लिए सभापति से मुलाकात कर सामान्य सभा बुलाने की मांग की है।
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि रायपुर के 70 वार्डों में विकास की हालत बहुत दयनीय है। पूर्व की सामान्य सभा में भी भाजपा पार्षद दल ने सभी वार्डों की समस्याओं को लेकर अलग से चर्चा करने का समय मांगा था । परंतु आज तक वह समय नहीं मिल पाया है। मीनल चौबे ने कहा कि एक तरफ महापौर शहर में विकास की गंगा बहाने के दावे करते हैं। परंतु पार्षद दल जब उनसे समस्याओं पर चर्चा करना चाहते है तेो सामान्य सभा के आयोजन में रुचि नहीं दिखाते है.उन्होंने कहा कि विगत दिनों बरसात के मौसम में शहर ने देखा है कि कुछ घंटे की बारिश में शहर तालाब बन जाते थे। जबकि इससे पहले महापौर नाली और नाले चौड़ीकरण के बड़े-बड़े दावे करते रहे।
भाजपा पार्षद दल ने आरोप लगाया कि चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण को ही महापौर शायद शहर का विकास समझते हैं । यह साफ बताता है कि वे जिम्मेदारी से मुंह चुराना चाहते हैं। इसीलिए भाजपा पार्षद दल ने अपने संवैधानिक अधिकार के तहत सामान्य सभा बुलाकर वहां अपनी बात रखने हेतु सभापति से अनुरोध किया है।
भाजपा पार्षद दल के उपसभापति मनोज वर्मा, प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे, कामनी देवांगन, कमलेश वर्मा, गोदावरी साहू, आशु चंद्रवंशी, विनोद अग्रवाल, सुशीला धीवर, रवि ध्रुव, चंद्रपाल धनगर, राम प्रजापति , सावित्री साहू, भोला साहू, सीमा मुकेश कंदोई, सरिता वर्मा, कुँवर राजियांत ध्रुव ने सभापति से मुलाकात की। उपरोक्त जानकारी भाजपा रायपुर जिला मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने दी।

 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका: विधायक से नाराज 4 महामंत्री समेत 200 कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा, कही ये बाते

छत्तीसगढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका: विधायक से नाराज 4 महामंत्री समेत 200 कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा, कही ये बाते

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हालही में सियासी कलह शांत भी नहीं हुआ था कि अब एक नया संकट पैदा हो गया है। गरियाबंद जिले में पार्टी के 4 जिला महामंत्री, दो ब्लॉक महामंत्री समेत 200 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन कार्यकर्ताओं ने राजिम से कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे जिस सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विधायक उसी सरपंच का साथ दे रहे हैं। जबकि विधायक पर पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।


कोपरा पंचायत के कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे का पत्र मोहन मरकाम, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, विधायक अमितेश शुक्ल, जिला अध्यक्ष भावसिंह साहू और ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू को भेजा है। जिसमें जिला महामंत्री राजेश यादव, ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू और मोतीलाल साहू के नाम शामिल हैं। इसके अलावा दो ब्लॉक महामंत्री रिकेश साहू ओर नंदकुमार साहू सहित 200 से अधिक गांव के कार्यकर्ता ने भी इस्तीफा दिया है।


ग्रामीण कर रहे हैं सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग
दरअसल, ये पूरा विवाद शुरू हुआ है, कोपरा पंचायत की महिला सरपंच डॉली साहू को लेकर। ग्रामीणों को आरोप है कि सरपंच ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। इसलिए वे लोग सरपंच के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। इनमें कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी शामिल हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विधायक अमितेश शुक्ल इस मामले में उनका साथ ही नहीं दे रह हैं। बल्कि सरपंच का साथ दे रहे हैं। इसी वजह से कांग्रेस कार्यकर्ता समेत गांव के लोग काफी नाराज हैं।


कांग्रेस का गढ़ है कोपरा
कोपरा जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। खासकर ये कांग्रेस का गढ़ भी माना जाता है। ऐसे में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस तरह से इस्तीफा देना, कांग्रेस को मुश्किल में डाल सकता है। वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष भावसिंह का कहना है कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी मिली है। किसी भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा। मामले को बैठकर सुलझाने का प्रयास करेंगे।


विधायक अमितेश शुक्ल कौन हैं?
अमितेश शुक्ल तीसरी बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के संतोष उप्धयाय को करीब 58 हजार वोटों से हराया था। अमितेश मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के पोते और श्यामाचरण शुक्ल के बेटे हैं। श्यामाचरण शुक्ल भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यही वजह है कि अमितेश की न सिर्फ अपने विधानसभा में बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भी पकड़ है।

कई मौके आए जब दुनिया भटकी, पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा : नरेंद्र मोदी

कई मौके आए जब दुनिया भटकी, पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा : नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: देश भर में आज (12 अक्तूबर) 28वां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कई मौके आए जब दुनिया भटकी पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा कि ये हम सभी का सौभाग्य है कि आज अमृत महोत्सव के जरिए हम महात्मा गांधी के उन मूल्यों और आदर्शों को जीने का संकल्प ले रहे हैं। मुझे संतोष है कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत के इन नैतिक संकल्पों को ताकत दे रहा है, अपना सहयोग कर रहा है।


पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का सेलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है। पीएम मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता।


हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया। एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग सुझाया।


मानव-मानव में, जीव-जीव में भेद नहीं है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आत्मवत सर्वभूतेषु के महान आदर्शों, संस्कारों और विचारों को लेकर चलने वाला देश है। आत्मवत सर्वभूतेषु यानि जैसा मैं हूं वैसे ही सब मनुष्य हैं। मानव-मानव में, जीव-जीव में भेद नहीं है।


पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने लगातार विश्व को समानता और मानव अधिकारों के जुड़े विषयों पर नया विजन दिया है। बीते दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आए हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है। लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है, संवेदनशील रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश `सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास` के मूल मंत्र पर चल रहा है। ये एक तरह से मानव अधिकार को सुनिश्चित करने की ही मूल भावना है।


हमने कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया: पीएम मोदी
बीते वर्षों में देश ने अलग-अलग वर्गों में, अलग-अलग स्तर पर हो रहे अन्याय को भी दूर करने का प्रयास किया है। दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं। हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है।


आज गरीबों का आत्मसम्मान बढ़ा: पीएम मोदी
जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर था, उब गरीब को जब शौचालय मिलता है, तो उसे आत्मसम्मान भी मिलता है। जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसका आत्मसम्मान बढ़ता है।


भारत 80 करोड़ लागों को मुफ्त अनाज मुहैया करा रहा: पीएम मोदी
वैश्विक महामारी के ऐसे कठिन समय में भी भारत ने इस बात का प्रयास किया कि एक भी गरीब को भूखा नहीं रहना पड़े। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन आज भी भारत 80 करोड़ लागों को मुफ्त अनाज मुहैया करा रहा है।


12 अक्तूबर 1993 को हुई थी स्थापना
मानवाधिकार संरक्षण कानून, 1993 के तहत आयोग की स्थापना 12 अक्तूबर 1993 को मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ की गई थी। एनएचआरसी मानवाधिकारों के उल्लंघन का संज्ञान लेता है, जांच करता है और सार्वजनिक प्राधिकारों द्वारा पीड़ितों को दिए जाने के लिए मुआवजे की सिफारिश करता है।


बेटियों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम: पीएम मोदी
बेटियों की सुरक्षा से जुड़े अनेक कानूनी कदम बीते वर्षों में उठाए गए हैं। देश के 700 से अधिक जिलों में वन स्टॉप सेंटर चल रहे हैं। जहां एक ही जगह पर महिलाओं को मेडिकल सहायता, पुलिस सुरक्षा, कानूनी मदद और अस्थाई आश्रय दिया जाता है।


दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भी कानून बनाए गए: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों की क्या शक्ति है, ये हमने हाल के पैरालंपिक में फिर अनुभव किया है। बीते वर्षों में दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भी कानून बनाए गए हैं, उनको नई सुविधाओं से जोड़ा गया है।

लखीमपुर खीरी घटना के दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर कांग्रेस ने रखा मौन व्रत

लखीमपुर खीरी घटना के दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर कांग्रेस ने रखा मौन व्रत

दुर्ग: किसानों के नाम पर सत्तासीन हुई केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया, तीन काले क़ानून बनाकर किसानों का हक छीनने और अपने मित्र उद्योगपतियों के लाभार्थ काम किया है। तीन काले कानूनों का विरोध पूरे देश मे किसान कर रहे हैं,किंतु मोदी सरकार मनमानी पर अड़ी हुई है। उक्ताशय के वक्तव्य छत्तीसगढ़ भंडार निगम के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री अरुण वोरा ने व्यक्त किये।

प्रवक्ता देवेश मिश्रा ने बताया कि लखीमपुर खीरी जिला उत्तरप्रदेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को गृह राज्यमंत्री के पुत्र व बीजेपी नेताओं द्वारा वाहनों से कुचल दिया गया, जिससे 6 किसानों की मौत हो गई।आजाद भारत में यह पहली बहुत ही दर्दनाक दुखद घटना है।हम कांग्रेसजन केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर सोमवार को 2 घंटे का मौन व्रत कर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष गया पटेल ने कहा कि लखीमपुर खीरी में कृषि कानून के विरोध में आंदोलित अन्नदाता किसानों की बर्बरतापूर्ण हत्या अंग्रेजी शासकों की याद ताजा कर दी है।यह घोर निंदनीय और शर्मनाक है।ऐसे लोगों का सत्ता में बने रहने का कोई हक नही है।

इस मौन व्रत में विशेष रूप से महापौर धीरज बाकलीवाल,प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र साहू,सभापति राजेश यादव,परमजीत सिंह भुई प्रवक्ता देवेश मिश्रा सुशील भारद्वाज, नासिर खोखर, संदीप श्रीवास्तव, अब्दुल गनी, कन्या ढीमर, फ़त्ते भाटिया, ब्लॉक अध्यक्ष अल्ताफ अहमद, अजय मिश्रा, संदीप वोरा, हामिद अहमद, अय्यूब खान, मासूब अली, अज़हर जमिल, सय्यद सैफ ,निकिता मिलिंद, छाया चौधरी अलख नवरंग, फिरोज खान,भोला महोबिया, राजेश्वरी मिश्रा राकेश चौहान यूसुफ सहित बडी संख्या में कांग्रेसी उपस्थित थे।

बड़ी खबर: देश के इन 11 राज्यों में गहराया बिजली संकट, मुख्यमंत्री भूपेश ने दागा केंद्र पर सवाल

बड़ी खबर: देश के इन 11 राज्यों में गहराया बिजली संकट, मुख्यमंत्री भूपेश ने दागा केंद्र पर सवाल

नई दिल्ली/रायपुर: देश में कोयले की कमी के चलते के कई राज्यों में बिजली संकट की आशंका गहरा गया है। राज्यों के पास कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है। ऐसे में थर्मल पॉवर प्लांट को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने और तुरंत कोयला आपूर्ति को सुनिश्चित कराने की अपील की है। वहीं, केंद्र सरकार और ऊर्जा मंत्री ने देश में कोयले की कमी नहीं होने का दावा किया है। केंद्र सरकार के इस दावे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर तीखा हमला बोला है।

भूपेश बघेल ने सवाल किया कि अगर देश में कोयला की पर्याप्त मात्रा है तो देश भर में बिजली संयंत्र क्यों बंद हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा `केंद्र का दावा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, लेकिन बिजली संयंत्र बंद हो रहे हैं। यह झूठे दावे क्यों किए जा रहे हैं, कोयला आयात बंद होने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। आखिर केंद्र सरकार इस पर क्या सोच रही है।

कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं : बघेल
उन्होंने कहा, `जहां तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, मैंने कोयले की आपूर्ति को लेकर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), बिजली और रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी।`

दिल्ली में कोयले की भारी किल्लत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा था कि उनके यहां के बिजली संयंत्रों में केवल एक ही दिन का कोयला बचा रह गया है। ऐसे में यदि जल्द आपूर्ति नहीं की गई तो संयंत्र बंद हो सकते हैं। केजरीवाल के अलावा दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने इससे पहले दिन में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी को पहले की आधी बिजली मिल रही है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली को पहले 4,000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन अब उसे आधी भी नहीं मिल रही है। ज्यादातर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है। किसी भी बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक 15 से कम नहीं होना चाहिए। स्टॉक केवल दो से तीन दिनों के लिए बचा है। एनटीपीसी ने अपने संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को 50-55 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है, `

बिहार में कई प्लांट बंद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी संभावित कोयले की कमी के मुद्दे को लेकर चिंता जताई है। नीतीश कुमार ने कहा कि कोयले की कमी से कई प्लांट बंद होने की स्थिति में है। राज्य सरकार अपनी आवश्यकतानुसार एनटीपीसी या निजी कंपनियों से कोयला खरीदती है, लेकिन आपूर्ति अब प्रभावित है। मुजफ्फरपुर और बेगूसराय समेत कई जिलों में कोयले की कमी के चलते बिजली संयंत्र बंद हो गए हैं।

कर्नाटक में बिजली की कमी
पंजाब, दिल्ली और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने-अपने राज्यों में बिजली संयंत्रों को कोयले और गैस की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है। वहीं कर्नाटक सरकार ने भी कोयले की कमी का मुद्दा उठाया है। कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू के कई इलाकों में आठ से 10 घंटे बजली कटौती हो रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने केंद्र से कोयला आपूर्ति की मांग की है।

गृहमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने स्पष्ट कर दिया है देश में बिजली आपूर्ति जारी रहेगी। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश में पर्याप्त कोयले का स्टॉक है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने ऊर्जा मंत्री और कोयला मंत्री समेत आला अधिकारियों के साथ बैठक की।

रमन, कौशिक कवर्धा में शांति बहाली नहीं राजनीति करने गए थे : धनंजय सिंह ठाकुर

रमन, कौशिक कवर्धा में शांति बहाली नहीं राजनीति करने गए थे : धनंजय सिंह ठाकुर

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का काम कलह फैलाना है। भाजपा हमेशा से धर्म से धर्म को लड़ा कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने और देश प्रदेश की सामाजिक समरसता भाईचारा एकता अखंडता को खंडित करने का काम किया है। कवर्धा में फैली अशांति के पीछे भी भाजपा ने बाहर से बुलाए गए लोगों की संलिप्तता उजागर हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित भाजपा के नेता कवर्धा में शांति स्थापित करने अपील करने नहीं बल्कि अशांति की भभक रही आग में घी डालने की नीयत से गए थे। कवर्धा के 35 संगठनों ने शांति की अपील के साथ बाहर से जाकर कवर्धा के वातावरण को खराब करने वालों की निंदा की। आज कवर्धा के वरिष्ठजनों ने सद्भावना मार्च निकालकर एवं शांति हवन किया। वही मुसलमानों ने दुर्गा पंडाल में जाकर भगवाध्वज लगाये, तोरण लगाये। कवर्धा की जनता ने भाजपा के घृणा और नफरत फैलाने की राजनीति को आईना दिखाने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के अब तक के कार्यकाल के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दाविहीन हो चुकी है। मुद्दों के दिवालियापन के दौर से गुजर रही है। भाजपा नेताओं को छत्तीसगढ़ के खुशहाल होते किसान, युवा, मजदूर, आदिवासी वर्ग, पिछड़ा वर्ग, व्यापारी वर्ग की खुशहाली पच नहीं रही है। बस्तर में चिंतन शिविर में जिस प्रकार से भाजपा के प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को छत्तीसगढ़ सरकार के ऊपर थूककर बहा देने की अपील की, इससे भाजपा के घृणा और नफरत फैलाकर राजनीतिक रोटी सेकने का संकेत मिलता है। भाजपा ने चिंतन शिविर में तय घृणा और नफरत फैलाने की रणनीति को ही आगे बढ़ा रही है। उसी के रणनीति का हिस्सा था झूठा और तथ्यहीन धर्मांतरण का आरोप लगाना। जबकि भाजपा के 15 साल में ही सबसे ज्यादा धर्मांतरण की घटनाएं हुई है। भाजपा ने कवर्धा की छोटी घटना को जिसे कवर्धा के वासियों ने शांति समिति की बैठक में खत्म कर दिया था, बाहर से लोगो को इकठ्ठा कर कवर्धा में अशांति फैलाने की कोशिश की। छत्तीसगढ़ की शांत धरती को अशांत करने का षड्यंत्र किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कवर्धा के मामले में स्पष्ट निर्देश दिया जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नही जाएगा, और कवर्धा के शांति भंग करने वाले जो चेहरा है उन्हें सार्वजनिक किया जाए।
 

BIG BREAKING: कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए मांगा समय, भेजा पत्र, जानिए वजह

BIG BREAKING: कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए मांगा समय, भेजा पत्र, जानिए वजह

नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी की घटना में पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात का समय मांगा है। राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के सात नेताओं का नाम भेजा गया है। कांग्रेस केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाने की मांग के साथ एक ज्ञापन सौंपेगी।

कांग्रेस महासचिव संगठन केसी. वेणुगोपाल ने रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में कहा है कि लखीमपुर की घटना के हवाले से लिखा है कि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस गाड़ी ने किसानों को रौंदा है उसे गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का पुत्र चला रहा था लेकिन सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

वहीं गृह राज्य मंत्री पर लगे आरोपों के बाद भी सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पत्र में राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है कि कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल इस मुद्दे पर मुलाकात कर उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराना चाहता है। प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद, भी मौजूद रहेंगे।

भाजपा मीडिया विभाग की जॉइंट बैठक हुई शुरू, इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा

भाजपा मीडिया विभाग की जॉइंट बैठक हुई शुरू, इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा

रायपुर | छत्तीसगढ़ में विपक्ष के रूप में भाजपा मीडिया और सोशल मीडिया विभाग की रविवार को जॉइंट बैठक बुलाई गई है। भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में शुरू हो गई है। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंहप्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और संगठन महामंत्री पवन साय कामकाज की समीक्षा करेंगे और ज्यादा आक्रामक ढंग से विषयों को रखने के लिए टिप्स देंगे।

इस बैठक को इसलिए भी काफी अहम माना जा रहा हैक्योंकि कार्यालय मंत्री सुभाष रावआईटी सेल के प्रभारी दीपक म्हस्केमीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकनेप्रकाशन विभाग के प्रमुख पंकज झामीडिया संपर्क विभाग के रसिक परमारदुर्गेश ठाकुरसुनील पिल्लई के साथ ही सभी जिलों के मीडिया प्रभारीआईटी सेल प्रभारीसोशल मीडिया प्रभारियों के साथ पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।

कवर्धा प्रकरण में एकतरफा कार्यवाही के विरोध में भाजपा रायपुर जिला ने दिया एक दिवसीय धरना

कवर्धा प्रकरण में एकतरफा कार्यवाही के विरोध में भाजपा रायपुर जिला ने दिया एक दिवसीय धरना

रायपुर, कवर्धा में पूरे प्रदेश ने दुर्भावना पूर्ण ढंग से एकतरफा कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता रायपुर जिला ने बूढ़ा तालाब में एक दिवसीय धरना दिया।
सैकड़ो की संख्या में धरना में बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं ने शासन के प्रश्रय में हिंदू धर्म के अपमान किए जाने के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। कवर्धा में दशको से चलते आ रही एक परंपरा को स्थानीय विधायक और मंत्री के शह देने पर बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया गया । भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध करने पर व शांतिपूर्ण मार्च निकालने पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की गई।


इस घटना से आक्रोशित धरने पर बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में कभी धर्म के नाम पर प्रदेश का माहौल खराब नही हुआ। कभी धारा 144 नहीं लगी कर्फ्यू तो दूर की बात है। लेकिन जब यहाँ कवर्धा जल रहा था तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री दूसरे प्रदेश में चाटुकारिता की रोटी गर्म कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पलायन तो भूपेश की पुरानी आदत है। क्योंकि जब नक्सली हमले में जवान शहीद हो रहे थे तब असम में भूपेश बघेल नृत्य कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू धर्म, सर्वधर्म समभाव में विश्वास करता है । वह अहिंसात्मक है लेकिन नपुंसक नही। जिस प्रकार छत्तीसगढ़ की भुपेश बघेल और उसकी सरकार एकतरफा दृश्टिकोण से कार्य कर रही है वह प्रदेश की जनता को कभी स्वीकार नही होगा। और भाजपा के कार्यकर्ता इस दोहरी नीति के खिलाफ प्रत्येक मंच का पूरी ताकत से पुरजोर विरोध करेंगे।

पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को चाटुकारिता में अपनी सीमा नही भूलनी चाहिए। उन्होंने कहा सत्ता तो जनता की गुलाम होती है अपने अहंकार में अधिकारी वर्ग उसे जनता के सिर पर बैठाने की कोशिस न करे ।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कवर्धा की घटना कोई आकस्मिक नहीं है जब से कांग्रेस सरकार आई है वहां एक धर्म विशेष के लोगों को बसा कर, उन्हें राशन कार्ड, आधार कार्ड और आवास दिए जा रहे हैं। प्रशासन अगर निष्पक्ष काम करना चाहता तो पहले ही दिन दोनों पक्षों पर कार्रवाई करके घटना को काबू में किया जा सकता था । परंतु उन्होंने इक धर्म विशेष के लोगों को प्रश्रय दे कर घटना को बड़ा होने दिया।
भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भुपेश बघेल चंदखुरी में कहते है कि भाजपा के राम अलग है हमारे अलग। उन्होंने उनके वक्तव्य पर कटाक्ष करते हुए कहा जो प्रभु राम की अस्मिता, मर्यादा नही जानता वो राम को सिर्फ राजनीति के लिए ही इस्तेमाल कर सकता है। और इसीलिए उन्होंने आज तक हिंदुत्व के प्रतीक भगवा का अपमान करने वालों के खिलाफ एक एफआईआर तक दर्ज नहीं की है।
धरना को डॉक्टर सलीम राज, राम प्रजापति ,हंसराज विश्वकर्मा,प्रवीण देवड़ा, राजकुमार राठी,सालिक सिंह ठाकुर, स्वप्निल मिश्रा,अनिल सोनकर, गोरेलाल नायक ,पद्मा चन्द्राकर,सचिन मेघानी,ओमप्रकाश साहू, मृत्युंजय दुबे ने भी संबोधित किया।

धरने का संचालन महामंत्री रमेश सिंह ठाकुर व आभार प्रदर्शन महामंत्री ओंकार बैस ने किया।
धरने में पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, सच्चिदानंद उपासने, सुभाष तिवारी,प्रफुल्ल विश्वकर्मा, अशोक पांडे, ललित जैसिंघ, जिला मंत्री मुरली शर्मा, गोपी साहू, गुंजन प्रजापति,राजीव मिश्रा,खेम सेन, अकबर अली, संजय तिवारी, मृत्युंजय दुबे,ज्ञानचंद चौधरी, भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोविंद गुप्ता,अर्पित सूर्यवंशी ,तुषार चोपड़ा,ज्ञानचंद चौधरी, दीना डोंगरे , मीडिया प्रभारी राहुल राय, संजू नारायण सिंह,मडल अध्यक्ष महेश शर्मा, मुकेश पंजवानी, भूपेंद्र ठाकुर, प्रीतम ठाकुर, बी.निवास राव,होरीलाल देवांगन, जितेंद्र धुरंधर, मोर्चा पदाधिकारीगण जसपाल सिंग रंधावा, तोषण साहू, गज्जू साहू, पुष्पेन्द्र उपाध्याय, राजेश गुप्ता, भूपेंद्र डागा, तरल सोलंकी व भाजपा मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल उपस्थित थे।
 

बड़ी खबर : देर रात फिर दिल्ली जायेंगे मुख्यमंत्री बघेल

बड़ी खबर : देर रात फिर दिल्ली जायेंगे मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 9 अक्टूबर की देर रात दिल्ली जायेंगे। रात करीब 8 बजे विमान से वे रायपुर से निकलेंगे और 9.45 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे। वहां रात्रि विश्राम करेंगे।


उल्लेखनीय है कि पार्टी आलाकमान से एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुलाकात हो सकती है। कांग्रेस आलाकमान अगले सप्ताह वर्किंग कमेटी की बैठक बुला सकती है। हालांकि, अभी तक इसकी तारीख तय नहीं है, लेकिन 16 अक्टूबर से पहले कांग्रेस की बड़ी बैठक हो सकती है। हाल ही में वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल सहित कई नेताओं ने जल्द बैठक बुलाने की मांग की थी।

कवर्धा मामला : दिग्गज मंत्रियों ने विपक्ष पर लगाया आरोप, अकबर ने दौरे पर कही बड़ी बात

कवर्धा मामला : दिग्गज मंत्रियों ने विपक्ष पर लगाया आरोप, अकबर ने दौरे पर कही बड़ी बात

रायपुर: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में उपजे सामाजिक सौहाद्रता पर विवाद के मामले में मंत्री मोहम्मद अकबर, रविन्द्र चौबे और प्रेमसाय सिंह टेकाम सामूहिक परस्वरता की। इस दौरान मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, छत्तीसगढ़ शांत प्रदेश है। यहां कवर्धा जैसी घटना अक्षम्य है, जिनका भी चेहरा फुटेज में दिख रहा है उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।


उन्होंने कहा, भाजपा इस पर अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रही है। वहां के स्कूलों में बाहरी लोगों को क्यों ठहराया गया था। बाहरी लोग किनके बुलावे पर गए थे। दूर से ये घटना दिख रही है, लेकिन यह भाजपा की प्रायोजित घटना है, जिसे वो प्रदेश में संप्रदायिक रूप दे रही। मुख्यमंत्री ने वीडियो फुटेज भी सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी समाज प्रमुखों ने इस घटना की निंदा की है। अब कवर्धा में फिर से शांति लौट रही है। यहां कलेक्टर ने कर्फ्यू में 
4 घंटे की ढील दी है। धीरे-धीरे इसमें बढ़ोत्तरी होगी।
मंत्री मोहम्मद अकबर ने अपने कवर्धा दौरे पर कहा, अभी जब तक 144 लागू है, तब तक जाने का कार्यक्रम नहीं है।

ट्विटर पर भिड़े टीएमसी और कांग्रेस नेता, ममता के लिए ये बोल गए बघेल

ट्विटर पर भिड़े टीएमसी और कांग्रेस नेता, ममता के लिए ये बोल गए बघेल

रायपुर/नई दिल्ली: कांग्रेस और टीएमसी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई, जब प्रशांत किशोर के संदेश के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की नंदीग्राम की हार पर सवाल उठा दिया। वहीं इसके बाद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी की हार पर कटाक्ष किया और पूछा कि क्या कांग्रेस ट्विटर ट्रेंड के जरिए इस हार को जीत में बदल सकती है।

दोनों पार्टियों के खिलाफ शुक्रवार को ट्विटर पर उस समय जुबानी जंग शुरू हो गई जब चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए एक संदेश में कहा कि जो लोग लखीमपुर खीरी की घटना के बाद सबसे पुरानी पार्टी (जीओपी) कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के त्वरित पुनरुद्धार की संभावना तलाश कर रहे हैं, वे बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं।

किशोर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर जीओपी (कांग्रेस) के नेतृत्व वाले विपक्ष के त्वरित, सहज पुनरुद्धार की संभावना तलाश कर रहे लोग बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं। उन्होंने कहा था कि दुर्भाग्य से जीओपी की गहरी समस्याओं और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है।

प्रशांत किशोर के संदेश के बाद बघेल ने ममता पर साधा निशाना
भूपेश बघेल ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना ट्वीट करते हुए लिखा कि अपनी सीट भी नहीं जीत पाने वाले आईएनसी पदाधिकारियों को अपने पाले में ले जाकर एक `राष्ट्रीय` विकल्प की तलाश करने वाले लोग गलतफहमी में हैं। एक राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरी जड़ें और ठोस प्रयासों की आवश्यकता होती है और दुर्भाग्य से इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है। बघेल का इशारा साफ तौर पर ममता बनर्जी की नंदीग्राम सीट से हार और कांग्रेस की पूर्व सांसद और इसकी महिला इकाई की प्रमुख सुष्मिता देव तथा गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो को टीएमसी में शामिल होने को लेकर था।

टीएमसी ने किया पलटवार
वहीं बघेल के इस ट्वीट के बाद टीएमसी ने भी पलटवार किया और इसे `आलाकमान को खुश करने का घटिया प्रयास` बताया। टीएमसी ने ट्वीट किया कि `पहली बार मुख्यमंत्री बने व्यक्ति की बड़ी-बड़ी बातें। अपनी हैसियत से ऊंची बात करना आपको शोभा नहीं देता भूपेश बघेल। यह आलाकमान को खुश करने का कितना घटिया प्रयास है! वैसे, क्या कांग्रेस एक और ट्विटर ट्रेंड के जरिए अमेठी की ऐतिहासिक हार को मिटाने की कोशिश कर रही है?` टीएमसी का साफ इशारा राहुल गांधी की तरफ था जो कि अमेठी से लोकसभा चुनाव हार गए थे।

2022 तक कांग्रेस मर जाएगी, मुझे CM बनाया होता तो... मौन व्रत से पहले ये क्या बोल गए नवजोत सिंह सिद्धू, वीडियो वायरल

2022 तक कांग्रेस मर जाएगी, मुझे CM बनाया होता तो... मौन व्रत से पहले ये क्या बोल गए नवजोत सिंह सिद्धू, वीडियो वायरल

2022 विधानसभा चुनाव से पहले एक ओर कांग्रेस जहां तेजी से रन जुटाने की कोशिश कर रही है तो नवजोत सिंह सिद्धू की गुगली से पार्टी हिट विकेट होती दिख रही है। पहले लड़-झगड़कर पंजाब कांग्रेस के कैप्टन बने और फिर अचानक इस्तीफा देकर पार्टी को मझधार में डालने वाले सिद्धू ने यह कह डाला है कि कांग्रेस 2022 तक मर जाएगी। लखीमपुर खीरी में पत्रकार रमन कश्यप के घर मौन व्रत पर बैठे सिद्धू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लखीमपुर के लिए मार्च पर निकलते हुए सिद्धू ने चरणजीत सिंह की बजाय खुद को सीएम बनाए जाने पर सफलता दिखाने की बात कही। इस दौरान वह अपशब्द का भी इस्तेमाल करते हैं।
अभी तक इस्तीफा वापस नहीं लेने वाले सिद्धू लखीमपुर हिंसा के विरोध में गुरुवार को पंजाब कांग्रेस का जुलूस लेकर मोहाली से लखीमपुर खीरी के लिए निकले। वायरल वीडियो इसी यात्रा की शुरुआत के वक्त का बताया जा रहा था, जब उन्हें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का इंतजार करना पड़ा। सिद्धू इस दौरान निराश दिखाई दिए और अपने साथियों से बातचीत में जो कुछ उन्होंने कहा वह मीडिया के कैमरों में रिकॉर्ड हो गया। 
हालांकि just36news.com इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।

वीडियो में पंजाब कैबिनेट के मंत्री प्रकट सिंह उन्हें यह कहकर संतोष देते हुए दिखते हैं कि चन्नी जल्द ही पहुंचने वाले हैं। पंजाब के वर्किंग प्रेजिडेंट सुखविंदर सिंह डैनी कहते हैं कि मार्च सफल रहेगा। इस सिद्धू कहते हैं, ''सफलता कहां है? यदि भगवंत सिद्ध (नवजोत सिंह सिद्धू के पिता) के बेटे को नेतृत्व दिया गया होता, तब आप देखते.... 2022 तक कांग्रेस मर जाएगी। इस दौरान वह अपशब्द का भी इस्तेमाल करते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर कांग्रेस पार्टी या खुद नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से अभी कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि विपक्ष हमलावर हो गया है। अकाली दल के नेताओं ने सिद्धू के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वह दलित समुदाय के मुख्यमंत्री का सम्मान नहीं करते हैं। अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा, ''जो व्यक्ति लोगों के कल्याण से ऊपर अपनी आकांक्षाओं को रखता है, राज्य को कोई दिशा नहीं दे सकता है। वे एक्सपोज हो गए हैं।''
 

ब्रे़किंग न्यूज़: राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय अब ठीक, डॉक्टर बोले- कूल्हे के ऊपर फ्रैक्चर

ब्रे़किंग न्यूज़: राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय अब ठीक, डॉक्टर बोले- कूल्हे के ऊपर फ्रैक्चर

राज्यसभा सांसद और भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य सरोज पांडेय का रायपुर AIIMS में ऑपरेशन खत्म हो गया है। AIIMS के डॉक्टरों का कहना है कि वह अब खतरे से बाहर हैं। उन्हें कूल्हे के ऊपर एक फैक्चर बताया जा रहा है। ऑपरेशन के बाद उन्हें पोस्ट ऑपरेशन वार्ड में लाकर रखा गया है। कुछ दिन उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज भी किया जा सकता है।


गुरुवार सुबह सरोज पाण्डेय दुर्ग के मैत्रीनगर स्थित अपने बंगले में पूजा के लिए फूल तोड़ने निकली थीं। इसी दौरान अचानक उनका पैर फिसल गया और गंभीर चोट आई थी। आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल ले जाया गया। वहां उनकी स्थिति को गंभीर बताते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ICU में शिफ्ट किया था। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें रायपुर ले जाने की सलाह दी थी।


सांसद के भाई राकेश पाण्डेय ने जिला प्रशासन से ग्रीन कॉरीडोर की मांग की थी। जैसी ही इसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हुई तो उन्होंने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उन्हें ले जाने के निर्देश दिए। इसके बाद गुरुवार शाम को उन्हें रायपुर एम्स में दाखिल कराया गया है। यहां हड्‌डी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. आलोक अग्रवाल की देखरेख में उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। एम्स पीआरओ शिव शर्मा के मुताबिक उनकी हालत सामान्य है। दोपहर बाद उनका ऑपरेशन खत्म हुआ। एम्स से जारी बयान के मुताबिक ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है। उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।


राज्यसभा चुनाव के समय भी लगी थी चोट
12 मार्च 2018 को भी सरोज पाण्डेय सीढ़ियों से फिसलकर गिर पड़ी थीं। उनके पैर और हाथ में गंभीर चोट आई थी। उस समय वे भाजपा की राज्यसभा उम्मीदवार थीं। उस दिन सरोज अपनी मां को देखने सेक्टर-9 अस्पताल पहुंची थीं। वहां से लौटते समय वे सीढ़ियों से फिसलकर गिर पड़ी थीं। वे राज्यसभा के लिए अपना नामांकन करने भी व्हील चेयर पर पहुंची थीं।

हिमाचल में उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भूपेश बघेल

हिमाचल में उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भूपेश बघेल

रायपुर: हिमाचल प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम शामिल है।


इनके अलावा लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, अभिनेता और कांग्रेस नेता राज बब्बर, कन्हैया कुमार कांग्रेस के स्टार प्रचारक होंगे। कांग्रेस हाईकमान ने 20 स्टार प्रचारकों के नामों की सूची जारी की है।


इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, राजीव शुक्ला, आशा कुमारी, धनीराम शांडिल, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, गुरकीरत सिंह कोटली, संजय दत, कौल सिंह ठाकुर, सुखविंदर सिंह सुक्खू, कुलदीप सिंह राठौर, मुकेश अग्निहोत्री, राजेंद्र राणा, मेजर जनरल सेवानिवृत्त धर्मवीर सिंह राणा और शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह का नाम कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है।

 भाजपा द्वारा सांसद सोनी के नेतृत्व में राशन दुकान के सामने प्रदर्शन कर ईमानदारी से चावल वितरित करने की दी गयी नसीहत

भाजपा द्वारा सांसद सोनी के नेतृत्व में राशन दुकान के सामने प्रदर्शन कर ईमानदारी से चावल वितरित करने की दी गयी नसीहत

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीब व्यक्तियो के लिए प्रत्येक माह 5 किलो चावल भेजा जा रहा है परंतु छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार राशनकार्ड धारियों को इसका लाभ नही दे रही है, इसके विरोध में आज रायपुर संसद सुनील सोनी के नेतृत्व में अवंति विहार अमन नगर स्थित राशन दुकान में भारतीय जनता पार्टी माना मंडल द्वारा प्रदर्शन कर राशन दुकानदार को चेतावनी दी गयी,उक्त जानकारी देते हुए जिला मीडिया प्रभारी राजकुमार राठी ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा भेजे जा रहे चावल एवं गेंहू व चना का ईमानदारी से वितरण करने की नसीहत दी गयी अन्यथा परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गयी।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से माना मंडल अध्यक्ष रविन्द्र सिंह ठाकुर,जितेंद्र नाग, विलास सुतार, बिंदु महेश्वरी, शारदा पटेल मेघुराम साहू, प्रेम टंडन,अनिल यादव,विवेक श्रीवास्तव, रामलाल साहू, गायत्री नवरंगे, नरेश पिल्ले, रविंद्र चौहान, हेमलाल भारती, रवि सोनवानी,सुतापा पाल, गीता सरकार,नेतराम साहू,आलोक सरकार, सागर सोनी, कमला चंद्राकर,अमन सागर, विनय निर्मलकर,रजनी यादव ,विशाल सिंह,जूही कुमारी, सितु सोनी, अखिल चटर्जी, उदय बराडे, पुष्पा पटेल, वामन गोरे, सीपी तम्बोली,शेखर वर्मा, विलास प्रदान प्रमुख रूप से उपस्थित थे।