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बड़ी खबर : भूपेश के लौटते ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे सिंहदेव...

बड़ी खबर : भूपेश के लौटते ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे सिंहदेव...

रायपुर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार से दिल्ली में हैं। वे शनिवार देर शाम रवाना होकर रायपुर वापस लौटेंगे। इस दौरान उनकी पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से भी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद खबर है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव देर शाम दिल्ली के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री बघेल के रायपुर लौटते ही वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे। 

बड़ी खबर : सीडब्लूसी में इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

बड़ी खबर : सीडब्लूसी में इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

नई दिल्ली: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक ख़त्म हुई। बैठक के दौरान दो हफ्तों के जन जागरण कार्यक्रम के तहत सभी बड़े वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं और सभी विभागों की ओर से अब यात्राएं निकाले जाने, हर ब्लॉक में छोटे समूहों में लोगों से बातचीत करने की सहमति बनी। इसके साथ ही सभी प्रदेश कार्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्णय सीडब्लूसी की बैठक में लिया गया।

बैठक में संगठन चुनाव की तारीखों सहित 1 नवंबर से ₹5 रु में मेंबरशिप प्रोग्राम चालने का निर्णय लिया गया। यह कार्यक्रम 31 मार्च तक चलेगा। 1 से 15 अप्रैल तक प्राइमरी मेंबर्स और एलिजिबल कंटेस्टेंट की प्रिलिमनरी लिस्ट जारी की जाएगी।

एआईसीसी की बैठक में तीन प्रस्ताव भी पास किये गए, जिसमें पहला प्रस्ताव देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की असफलताओं को झेल रही आम आदमी पर बोझ बढ़ा है। इंटरनल और एक्सटर्नल सिक्योरिटी एक चिंता का विषय बना हुआ है। भारत को चीन और पाकिस्तान से चुनौती मिल रही है। अपनी पोजीशन हम रिकवर नही कर पाए हैं। जम्मू कश्मीर के हालातों से निपटने का एकमात्र उपाय है कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और तुरंत चुनाव कराए जाएं।

कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर चल रही बहस पर सोनिया गांधी ने लगाया पूर्ण विराम

कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर चल रही बहस पर सोनिया गांधी ने लगाया पूर्ण विराम

नई दिल्ली: कांग्रेस मुख्यालय 10 जनपद में चल रही कांग्रेस पार्टी के स्थाई अध्यक्ष पद को लेकर चल रही बहस पर फिलहाल सोनिया गांधी ने पूर्ण विराम लगा दिया है। शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने साफ किया कि वह ही कांग्रेस की स्थायी अध्यक्ष हैं।


अपने संबोधन में श्रीमती गांधी ने कहा- `पूरा संगठन कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहता है। लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है। सबसे बढ़कर, इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता होती है। मैं इस तथ्य के प्रति पूरी तरह से सचेत हूं कि मैं सीडब्ल्यूसी के बाद से अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष रहा हूं, मुझे 2019 में इस क्षमता में लौटने के लिए कहा। इसके बाद, आपको याद होगा, हमने 30 जून तक एक नियमित अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक रोडमैप को अंतिम रूप दिया था। लेकिन कोविद -19 की दूसरी लहर ने देश को पछाड़ दिया और इस समय सीमा को सीडब्ल्यूसी द्वारा 10 मई को हुई अपनी बैठक में अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया गया। आज एक बार और सभी के लिए स्पष्टता लाने का अवसर है पूर्ण संगठनात्मक चुनावों के लिए एक अनुसूची आपके सामने हैं, संगठन के महासचिव वेणुगोपाल आपको बाद में पूरी प्रक्रिया से अवगत कराएंगे।`


उन्होंने आगे कहा- `मैंने हमेशा स्पष्टता की सराहना की है। मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है तो आइए हम सभी एक स्वतंत्र और ईमानदार चर्चा करें। लेकिन इस कमरे की चारदीवारी के बाहर क्या बात होनी चाहिए, यह सीडब्ल्यूसी का सामूहिक निर्णय है।`


G-23 को सोनिया की सीधी सिख
G23-नेताओं को सोनिया गांधी का करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा `अगर आप मुझे बोलने की इजाजत दें तो मैं ही कांग्रेस की पूर्णकालिक और कार्यकारी अध्यक्ष हूँ।`


सोनिया गांधी ने दो टूक कहा कि उन्होंने हर मामले को गंभीरता से सुना और सुलझाया है। मीडिया के जरिए उनसे बात करने की जरूरत नहीं है। पार्टी के अंदर विशेषतौर पर युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। चाहें वह किसानों का मुद्दा हो, महामारी के दौरान राहत पहुंचाना हो या फिर युवाओं व महिलाओं का मुद्दा हो। लखीमपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि यह घटना भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।


पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जारी है। इस बैठक में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, आनंद शर्मा,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश समेत पार्टी के 52 वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह समेत पांच अन्य नेता बैठक का हिस्सा नहीं हैं।


पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी। यहां तक कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाए और पार्टी के संगठनात्मक चुनाव और आतंरिक मामलों पर चर्चा की जाए।

बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी

बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी

रायपुर, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस ने पुनिया को उत्तर प्रदेश इलेक्श्न कैंपेन कमिटी का चेयरमैन बनया गया है. AICC ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. इसके साथ ही प्रदीप जैन आदित्य को कनवीनर का पद दिया गया है. इसके साथ ही कांग्रेस की 20 सदस्यों की इलेक्शलन कैंपेन कमेटी की घोषणा शुक्रवार को कर दी गई.
इसके साथ ही इस कमेटी में मोहसिना किदवई, प्रकाश जयसवाल, प्रमोद तिवारी, राज बब्बर, आरपीएन सिंह, हरेंद्र मलिक, विवेक बंसल, रणजीत सिंह जूदियो, नसीमुद्दीन सिद्दिकी, गजराज सिंह, अजय राय, इमरान मसूद, अजय कपूर, बाल किशन चौहान, इमरान प्रतापगढ़ी, नरेश सैनी, विभाकर शास्त्रीस और दीपक सिंह सदस्य रहेंगे.
 

मेरी बातों को तोड़-मोड़ कर प्रस्तुत करना राजनीतिक शरारत-भेंड़िया

मेरी बातों को तोड़-मोड़ कर प्रस्तुत करना राजनीतिक शरारत-भेंड़िया

रायपुर, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने कहा है कि एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उनके द्वारा कही गई बातों को राजनीतिक शरारत के साथ तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने की कोशिश की जा रही है।
श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि जिन लोगों को शराब की लत लग चुकी है उनसे मैंने छत्तीसगढ़ी में कहा- "आप लोग थोड़ा पीना-खाना कम कर दें, क्योंकि हमारी मां-बहनों को घर चलाना होता है, गृहस्थी चलानी होती है, बच्चे पालने होते हैं, इन सब परिस्थितियों में उन्हें बहुत मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ती है।" मेरी बातों का अर्थ यही था कि शराब की लत अच्छी नहीं होती, इससे मुक्ति पानी चाहिए। शराब पीकर घर के लोगों को प्रताड़ित करना भी अच्छी बात नहीं है।"

 

कांग्रेस के पुरखों ने जिन ऐतिहासिक तथ्य व सत्य से देश को वंचित रखा, एक परिवार की भक्ति में मशगूल उन कांग्रेस के नेताओं को किसी के प्रति बेहूदगीभरी टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है- मूणत

कांग्रेस के पुरखों ने जिन ऐतिहासिक तथ्य व सत्य से देश को वंचित रखा, एक परिवार की भक्ति में मशगूल उन कांग्रेस के नेताओं को किसी के प्रति बेहूदगीभरी टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है- मूणत

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और स्वातंत्र्यवीर सावरकर को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही टिप्पणियों को उनकी इतिहास के बारे में तथ्यात्मक अज्ञानता का परिचायक बताते हुए कहा कि केंद्र सें सत्ता से बेदख़ली से विचलित और छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत के कारण राजनीतिक बदहज़मी से त्रस्त कांग्रेस के लोग मानसिक व वैचारिक असंतुलन का जब-तब बेहूदा प्रदर्शन करते रहते हैं। श्री मूणत ने कहा कि वीर सावरकर और रास्वसं को लेकर अशोभनीय टिप्पणियाँ करके कांग्रेस के लोग भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम के ऐतिहासिक तथ्यों और रास्वसं के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा को झुठलाने का निंदनीय व अक्षम्य कृत्य कर रहे हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि जिस राजनीतिक दल का अपना इतिहास और चरित्र ही विदेशियों की दासता में सियासत करने का रहा है, उस राजनीतिक दल के लोग मिथ्याचारी वामपंथियों के स्क्रिप्ट राइटर्स के इशारों पर भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम के नायकों और राष्ट्रभक्त संगठन को सर्टीफ़िकेट देने की हास्यास्पद कोशिश कर रहे हैं। श्री मूणत ने कहा कि राजनीति में अपने बचकानेपन की पराकाष्ठा करते कांग्रेस नेताओं को पहले अपना इतिहास खंगालने की ज़्यादा ज़रूरत है। एक अंग्रेज़ अफ़सर ह्यूम ने 1885 में कांग्रेस की स्थापना 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम से अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ उपजे भारतीय आक्रोश के मद्देनज़र एक ‘सेफ़्टी वॉल्व’ के तौर पर की थी। बाद में भी इसी कांग्रेस के लगभग आधा दर्ज़न अध्यक्ष अंग्रेज़ ही रहे। श्री मूणत ने कहा कि कांग्रेस के लोग जब-तब रास्वसं, जनसंघ और भाजपा के लोगों के स्वाधीनता संग्राम में योगदान पर सवाल उठाते समय यह तथ्य क्यों भूल जाते हैं कि 1914 में प्रथम विश्वयुद्ध के समय तमाम बड़े कांग्रेस नेताओं ने भारतीय जनमानस की भावनाओं के विपरीत जाकर ब्रिटेन की तरफ़ से लड़ने के लिए सेना में भारतीयों की भर्ती कराई, जिसमें लगभग 40 हज़ार भारतीय सैनिक मारे गए और लगभग 60 हज़ार भारतीय सैनिक घायल हुए थे। तब भारत की अर्थव्यवस्था भी पूरी तरह चौपट हो गई थी। आज के कांग्रेस नेता अपने पुरखों की इस नाक़ामी पर मुँह में दही क्यों जमा लेते हैं?

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि दया याचिका बोल-बोलकर वीर सावरकर के यश और उनके बलिदान पर उंगली उठाते कांग्रेस के वैचारिक दुराग्रह की पराकाष्ठा यह है कि वे उस तथ्य से आँखें फेर लेते हैं, जो कांग्रेस नेताओं की मानसिकता को बेनक़ाब करने के लिए पर्याप्त है। प्रथम विश्व युद्ध के समय कांग्रेस नेता यह मानकर चल रहे थे कि ब्रिटेन की तरफ़ से युद्ध में भारत के सहयोग के बाद अंग्रेज़ हुक़्मरान ‘दया करके’ भारत को स्वतंत्रता न सही, स्वायत्तता तो दे ही देंगे। श्री मूणत ने कहा कि अंग्रेज़ों ने स्वायत्तता की दया करने के बज़ाय जलियाँवाला नरसंहार भारत को दिया और ‘दयापूर्वक स्वायत्तता’ के मुग़ालते में जी रहे तत्कालीन कांग्रेस नेताओं का अनुमान झूठा साबित हो गया। श्री मूणत ने कहा कि इस ऐतिहासिक तथ्य को भी वामपंथियों की रटी-रटाई स्क्रिप्ट पढ़ते समय कांग्रेस के लोग भूल जाते हैं कि सन 1943 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने प्रथम स्वतंत्र भारत सरकार का गठन किया था जिसे विश्व के 11 अन्य देशों ने मान्यता तक दी। श्री मूणत के मुताबिक़ कांग्रेस नेता देश विभाजन के लिए मुस्लिम लीग को ज़िम्मेदार बताकर अपने पाप को ढँकने की कोशिश करते हैं जबकि यह एक स्थापित ऐतिहासिक सत्य है कि धर्म के आधार पर हुए देश विभाजन के बाद भी भारत व पाकिस्तान में हिन्दू-मुस्लिम आबादी लगभग बराबर ही रही है। अगर मुस्लिम लीग के कारण देश विभाजित होता तो सारे मुस्लिम पाकिस्तान चले जाने चाहिए थे।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि देश का विभाजन सिर्फ़ एक ख़ानदान की सत्ता-लोलुपता का परिणाम थी। इस ऐतिहासिक सत्य को कभी झुठलाया नहीं जाना चाहिए कि देश का बँटवारा जवाहरलाल नेहरू के अहं और ईगो का नतीजा था। देश की आज़ादी के बाद भी देश के वीर सपूतों के प्रति भारत सरकार का रवैया एकांगी रहा। नेताजी सुभाष बाबू की खोज-ख़बर लेने तथा संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु के बारे में सच को सामने लाने में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने कोई रुचि नहीं दिखाई। श्री मूणत ने कहा कि इसी तरह 1966 में ताशकंद में तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की संदिग्ध मौत का सच सामने लाने में उनके बाद प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी ने कोई प्रयास नहीं किया। कांग्रेस के पुरखों ने जिन ऐतिहासिक तथ्य व सत्य से देश को वंचित रखा, एक परिवार की भक्ति में मशगूल उन कांग्रेस के नेताओं को किसी की राष्ट्रभक्ति और देश के लिए किए गए बलिदान पर बेहूदगीभरी टिप्पणी करना न तो शोभा देता है और न ही उनको इसका कोई अधिकार है। वे बस अपने राजनीतिक चरित्र पर ध्यान केंद्रित रखें।
 

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष राजपूत ने पूछा, क्या प्रदेश सरकार के पास यूपी चुनाव के लिए पैसे नहीं हैं जो अब वे महिलाओं को भी शराब पीने के लिए बोल रहे हैं?

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष राजपूत ने पूछा, क्या प्रदेश सरकार के पास यूपी चुनाव के लिए पैसे नहीं हैं जो अब वे महिलाओं को भी शराब पीने के लिए बोल रहे हैं?

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि प्रदेश में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब उन्हें पुलिस प्रशासन का डर भी नहीं है। प्रदेश में अपराधी बेखौफ होकर कहीं शराब बेच रहे हैं तो कहीं नशे का कारोबार कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार उन दोषियों के ऊपर कार्यवाही करने के बजाए उन्हें संरक्षण दे रही है। प्रदेश में ज्यादातर घटनाएं शराब एवं नशे के कारण हो रही है। कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किए उनमें से 32 महीने बीत जाने के बाद भी उन वादों पर अमल करने के बजाए कुर्सी की दौड़ में लगे हुए हैं।
भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि शराबबंदी का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार शराबबंदी नहीं कर रही है बल्कि प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया द्वारा महिलाओं को शराब सेवन करने के लिए सलाह दे रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था लेकिन सत्ता में आते ही शराबबंदी करने के बजाए प्रदेश सरकार के आबकारी मंत्री कहते हैं कि लोग थकान दूर करने के लिए शराब का सेवन करते हैं, वही दूसरी ओर महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा भी महिलाओं को शराब सेवन करने की बातें कह रही है इससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार शराबबंदी करने के बजाए अब प्रदेश में शराब का प्रचार कर रही है। प्रदेश सरकार अपने आला नेताओं को खुश करने के लिए एवं शराब से प्राप्त पैसों को यूपी चुनाव में खर्च करें इसलिए महिलाओं को महिला बाल विकास मंत्री के द्वारा यह बात कहलवा रही है। उन्होंने कहा कि एक तो शराब के सेवन से घर एवं परिवार पूरी तरह तबाह हो रही वहीं इसी शराब की वजह से हत्या, लूट, बलात्कार, मारपीट जैसे घटनाएं हो रही हैं।
भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने जांजगीर में हुए महिला के साथ गैंगरेप की निंदा करते हुए कहा कि एक ओर अपराधी दुष्कर्म जैसी जघन्य घटना कर रहे है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने दस जनपद को खुश करने के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि जांजगीर में महिला को दोषियों ने पति का दुर्घटना हो गया है कहकर साथ में ले जाकर उनके साथ गैंगरेप किया। गैंगरेप करने के बाद उस महिला की कपड़े से गले घोट कर हत्या कर दी। महिलाएं प्रदेश में कहीं भी सुरक्षित नहीं है यह वह घर के बाहर निकलने में भयभीत हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल यूपी चुनाव के बजाय प्रदेश पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हो। प्रदेश की जनता ने उन्हें प्रदेश की सेवा के लिए पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लाया है ना कि कुछ परिवार की सेवा के लिए।
 

कार्यकारिणी की बैठक में पुनिया और भूपेश इन पर बिफरे और कहा...

कार्यकारिणी की बैठक में पुनिया और भूपेश इन पर बिफरे और कहा...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान के बीच एक नया बवाल प्रदेश कांग्रेस में खड़ा हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर नाराजगी व्यक्त की है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भूपेश बघेल की जानकारी के बगैर बुला ली गई थी, जिसे लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष होते हुए वे खुद विधायक दल के नेता को बुलाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में नहीं बुलाया जाएगा, तो फीड बैक कैसे मिलेगा।
इसी बीच पीएल पुनिया ने भी जितेंद्र मिश्रा को फटकार लगाई। मिश्रा ने कहा था कि ढाई साल के मसले पर स्थिति साफ हो। इस पर पुनिया ने कहा कि ये इस स्तर की बात नहीं है। जेपी श्रीवास्तव ने अनुशासनहीनता का मामला उठाया, इस पर पुनिया ने कहा कि पार्टी देखेगी।
 

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का जन्मदिन नहीं मनाने का निर्णय घड़ियाली आंसू : कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का जन्मदिन नहीं मनाने का निर्णय घड़ियाली आंसू : कांग्रेस

रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री के कवर्धा तनाव के कारण अपना जन्मदिन नहीं मनाने के निर्णय को कांग्रेस ने घड़ियाली आंसू बहाने की संज्ञा दी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह को वास्तव में कवर्धा की इतनी ही चिंता होती तो कवर्धा में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनती ही नहीं। रमन अपने पुत्र को समझा लेते तो कवर्धा में तनाव होता ही नहीं। युवाओं के दो छोटे समूह के झगड़े को भारतीय जनता पार्टी व् संघ ने सांप्रदायिक तनाव का रंग देने का प्रयास किया। रमन सिंह के पुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय ने वहां पर माहौल को और बिगाड़ने का काम किया। रमन सिंह जेल में बंद उपद्रवी तत्वों के लिये चिंतित है लेकिन कवर्धा में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये दोनों पक्षों से शांति की अपील रमन सिंह ने कभी नहीं की। रमन सिंह जन्मदिन नहीं मनाने की नौटंकी करने के बजाय अपने पुत्र को शांति और सद्भाव की शिक्षा देते तो प्रदेश और कवर्धा का ज्यादा भला होता। रमन सिंह प्रदेश के तीन बार 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे है। प्रदेश की जनता उनसे इतनी अपेक्षा तो रखती है कि खोई हुई सत्ता प्राप्ति के जतन के लिये वे प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब पर प्रहार नहीं करेंगे।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कवर्धा में शांति की स्थापना और कर्फ्यू में ढील के बाद जिस प्रकार से संघ भाजपा और विहिप के लोगों ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया, उससे स्पष्ट हो गया कि कवर्धा तनाव संघ और भाजपा की सुनियोजित प्रयोग था जिसे भाजपा पूरे प्रदेश में फैलाकर अपनी राजनैतिक रोटी सेकना चाहती है। एक शहर के दो गुटों के छोटे से झगड़े को सांप्रदायिक तनाव में बदलने की साजिश के बाद उसको प्रदेश स्तर पर विस्तारित करने की भाजपा की योजना बेनकाब हो चुकी है। प्रदेश और देश की जनता भाजपा के चरित्र को जान चुकी है भाजपा अपने राजनैतिक हितों को साधने के लिये किसी भी स्तर तक जा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्री ने जाना पूर्व पीएम हाल, मोदी ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

स्वास्थ्य मंत्री ने जाना पूर्व पीएम हाल, मोदी ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में भर्ती हैं। अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें बुधवार कोअस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पूर्व प्रधानमंत्री से गुरुवार को मुलाकात की और उनकी सेहत का हाल जाना।

डॉक्टर ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री को एम्स के कार्डियो-न्यूरो केंद्र के निजी वार्ड में बुधवार को भर्ती कराया गया था और वह डॉक्टर नीतीश नाइक के नेतृत्व में ह्रदय रोग विशेषज्ञों की टीम की देख-रेख में हैं। सिंह को सोमवार को बुखार आ गया था और वह उससे उबर भी गए थे लेकिन उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी थी और केवल तरल चीजों का सेवन कर पा रहे थे।

पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार की कामना की
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं डॉ. मनमोहन सिंह जी के अच्छे स्वास्थ्य और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’

डॉ. रमन ने स्थगित किए अपने जन्मदिवस के कार्यक्रम, ट्विटर पर कहा

डॉ. रमन ने स्थगित किए अपने जन्मदिवस के कार्यक्रम, ट्विटर पर कहा

रायपुर: 15 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह है जन्मदिवस है। कवर्धा की घटना से व्यथित होकर उन्होंने अपने जन्मदिवस के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। अपने ट्विटर अकाउंट में एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है।


डॉ. सिंह ने अपने अकाउंट में लिखा- `15 अक्टूबर को मेरा जन्मदिन है,लेकिन कवर्धा में हुई घटना के कारण मन व्यथित है। भूपेश सरकार ने भाजपा के निर्दोष कार्यकर्ताओ को जेल में बंद कर रखा है। मैंने विरोध स्वरूप कवर्धा, राजनांदगांव जिले समेत सभी कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया है। वर्चुअल माध्यम से ही शुभकामनाएं प्रेषित करें।`

BIG BREAKING : देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तबियत बिगड़ी, राजधानी के AIIMS में किया गया भर्ती

BIG BREAKING : देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तबियत बिगड़ी, राजधानी के AIIMS में किया गया भर्ती

नई दिल्ली भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था और वह लगातार चेस्ट कंजेशन की शिकायत कर रहे थे। इसके बाद उन्हें बुधवार शाम 6:15 दिल्ली एम्स के कार्डियो न्यूरो टावर में भर्ती कराया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री का इलाज न्यूरो के डॉक्टर अचल श्रीवास्तव और दिल के डॉक्टर नीतीश नायक इलाज कर रहे हैं। फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर है। 

आपको बता दें कि 89 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह को शुगर की भी बीमारी है। वहीं, इसी साल 19 अप्रैल को वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 29 अप्रैल को उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी दे दी गई थी। इससे पहले पूर्व पीएम की दो बायपास सर्जरी भी हो चुकी है। उनकी पहली सर्जरी साल 1990 में यूके में हुई थी, जबकि 2009 में एम्स में उनकी दूसरी बायपास सर्जरी की गई थी। पिछले साल मई के महीने में भी उन्हें बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

सीएम पद के चेहरे के तौर पर ब्राह्मण नेता पर दांव लगा सकती है कांग्रेस

सीएम पद के चेहरे के तौर पर ब्राह्मण नेता पर दांव लगा सकती है कांग्रेस

लखनऊ: यूपी चुनाव में कांग्रेस अपने सीएम पद के चेहरे के तौर पर ब्राह्मण नेता पर दांव लगा सकती है। इस लिहाज से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला और भाजपा में बड़े पद पर रहे एक नेता के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस बार कांग्रेस ने पूरी तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव में उतरने की रणनीति बनाई है। इसलिए `चेहरा` देने में वह पीछे नहीं रहना चाहती।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी का प्रभारी बनाए जाने के बाद से पार्टी किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार चर्चा में है। खासकर कानून-व्यवस्था, उत्पीड़न और किसानों के मुद्दों पर या तो लगातार आंदोलन कर रही है या चल रहे आंदोलनों में सक्रिय भूमिका में है। सार्वजनिक मंच से पार्टी भले ही सर्व समाज की बात करती हो, पर उसके नेता स्वीकार करते हैं कि अपना आधार वोट बनाने की पुख्ता रणनीति भी बनाई गई है।

प्रदेश में 80 के दशक तक अधिकांश समय कांग्रेस की ही सरकारें रहीं। इस दौरान उसने छह मुख्यमंत्री ब्राह्मण जाति से दिए। अपने जमीनी छोटे-छोटे अभियानों में कांग्रेस के नेता इसका प्रचार करने से भी नहीं चूकते, ताकि ब्राह्मण मतदाताओं के बीच फिर से अपनी पैठ बना सकें। यूपी में वर्तमान में ब्राह्मणों की अनुमानित संख्या 10-12 फीसदी है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण नेता को सीएम चेहरे के रूप में पेश करने की अंदर ही अंदर योजना बना ली है।


कांग्रेस के रणनीतिकार बताते हैं कि ब्राह्मणों के मुद्दे भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। हमारे पास जो ब्राह्मण नेता हैं, चेहरे के तौर पर वर्तमान में वही विकल्प हमारे सामने हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला समेत कई ब्राह्मण नेताओं के नाम पर विचार चल रहा है। हालांकि, अंतिम निर्णय में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की राय अहम होगी। राजीव शुक्ला इस संकट के दौर में भी पार्टी के मजबूत मददगार माने जाते हैं। उनके कद का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि ट्विटर पर उन्हें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ही नहीं, पीएमओ भी फॉलो करता है।


मोदी व योगी के मंत्री करते हैं फॉलो, तेजस्वी यादव से भी अच्छे रिश्ते
भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल, यूपी के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक और जितिन प्रसाद भी उन्हें फॉलो करने वालों की सूची में शामिल हैं। इस लिहाज से राजद नेता तेजस्वी यादव से भी उनके अच्छे रिश्ते हैं। कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा में बड़े पद पर रहे एक ब्राह्मण नेता भी उनके संपर्क में हैं। फिलहाल यह नेता अपनी पार्टी में साइड लाइन चल रहे हैं। कई बार उन्हें भाजपा में कुछ न कुछ बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा चली, पर नतीजा सिफर ही रहा।


नतीजतन, वह अपने पार्टी नेतृत्व से काफी निराश हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। इनमें से एक वरिष्ठ नेता तो अपनी बात का यकीन दिलाने के लिए अपनी पॉकेट डायरी में दर्ज निराश चल रहे इन भाजपा नेता का नाम और नंबर भी दिखाते हैं। कहा जा सकता है कि यह करीब-करीब तय है कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस ब्राह्मण चेहरे को आगे करेगी, यह कौन होगा, इसके लिए मंथन जरूर चल रहा है।

राहुल-प्रियंका ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, की मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग

राहुल-प्रियंका ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, की मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग करते हुए बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।


कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल थीं।हाल ही में कांग्रेस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा था। कांग्रेस लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग कर रही है।


राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से मांग कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री हैं, को पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों से भी इस मामले की जांच की जाए। प्रियंका गांधी ने बताया कि राष्ट्रपति ने हमें आश्वासन दिया है कि वह आज ही सरकार से इस मामले पर चर्चा करेंगे।


गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में गत तीन अक्तूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आशीष को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद इस प्रदेश में भी शुरू हुई कांग्रेस की कलह, जाने क्या है मामला

पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद इस प्रदेश में भी शुरू हुई कांग्रेस की कलह, जाने क्या है मामला

ऐसा लगता है कि अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी कलह शुरू हो गया है। दरअसल पार्टी ने कैलाश कदम को पिंपरी-चिंचवाड यूनिट का अध्यक्ष बनाया है। लेकिन कैलाश कदम को यह अहम जिम्मेदारी सौंपना पार्टी के कुछ नेताओं को रास नहीं आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के कुछ नेता कैलाश कदम को इस जिम्मेदारी से नवाजे जाने का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले नेताओं का मानना है कि कैलाश कदम की छवि दागी नेता की है और उनके क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले इस छवि की वजह से संगठन की छवि को नुकसान पहुंचेगा। इस बारे में पार्टी नेताओें ने शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत कराया है। बता दें कि पुणे में कैलाश कदम के खिलाफ कई आपराधिक केस अभी पेंडिंग हैं।
कैलाश कदम पर हत्या, हत्या की कोशिश और रंगदारी मांगने के मामले में पहले केस दर्ज हो चुका है। एक बार तो कुछ समय के लिए उन्हें पिंपरी-चिंचवाड से बाहर तक कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कैलाश कदम का चयन राहुल गांधी की टीम ने किया है। यह टीम इस इलाके में एक आक्रमक और उग्र चेहरे की तलाश कर रही थी जो विरोधियों को करारा जवाब दे सके। टीम की यह तलाश कैलाश कदम पर जाकर खत्म हुई थी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पृथ्वीराज साठे ने कहा, 'कदम पर कई आपराधिक केसों से विमुक्त हो चुके हैं। उनपर ज्यादातर केस राजनीति से प्रेरित थे।' साठे ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने कैलाश कदम का चुनाव काफी सोच-समझ कर उनकी पार्टी में उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखकर किया है। उन्होंने कहा, 'पिंपरी-चिंचवाड में हम खराब स्थिति में हैं और हमें यहां एक मजबूत नेता की जरुरत है। कैलाश कदम यहां की स्थानीय ईकाई का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल सही हैं।
जब साठे से कैलाश कदम के चुने जाने के बाद पार्टी नेताओं के विरोध के बारे में पूछा गया तब उन्होंने अकरुदी में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'जिन लोगों ने कैलाश कदम के चयन का विरोध किया वो कमरे में मौजूद थे। हम उन्हें इस बात के लिए मनाएंगे कि कदम का आना पार्टी के लिए बेहतर साबित होगा।'
वहीं पार्टी में राज्य स्तर के सचिव सचिन साठे ने कहा कि कैलाश कदम के चुने जाने से कई पार्टी नेता नाराज थे। उन्होंने एक बैठक के बाद कैलाश कदम को चुने जाने का विरोध करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी भावनाओं से मुझे अवगत कराया है और मैं इस मामले को पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा दूंगा। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैलाश कदम ने उनकी छवि को लेकर पूछे गये सवालों को टाल दिया। हालांकि, उन्होंने यहा कहा कि उनके पीछे पार्टी हमेशा खड़ी थी और वो अगले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेंगे।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले राजस्थान में गहलोत और पायलेट के बीच विवाद उसके बाद पंजाब कांग्रेस में कलह की वजह से राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस में आपसी कलह की बातें सामने आती रही हैं। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच काफी दिनों तक टशन चला था।
 

शहर की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए महापौर के पास नहीं है समय, सभापति से जल्द करने कहा ये काम - मीनल चौबे

शहर की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए महापौर के पास नहीं है समय, सभापति से जल्द करने कहा ये काम - मीनल चौबे

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल ने शहर के सभी 70 वार्ड में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा करने के लिए सभापति से मुलाकात कर सामान्य सभा बुलाने की मांग की है।
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि रायपुर के 70 वार्डों में विकास की हालत बहुत दयनीय है। पूर्व की सामान्य सभा में भी भाजपा पार्षद दल ने सभी वार्डों की समस्याओं को लेकर अलग से चर्चा करने का समय मांगा था । परंतु आज तक वह समय नहीं मिल पाया है। मीनल चौबे ने कहा कि एक तरफ महापौर शहर में विकास की गंगा बहाने के दावे करते हैं। परंतु पार्षद दल जब उनसे समस्याओं पर चर्चा करना चाहते है तेो सामान्य सभा के आयोजन में रुचि नहीं दिखाते है.उन्होंने कहा कि विगत दिनों बरसात के मौसम में शहर ने देखा है कि कुछ घंटे की बारिश में शहर तालाब बन जाते थे। जबकि इससे पहले महापौर नाली और नाले चौड़ीकरण के बड़े-बड़े दावे करते रहे।
भाजपा पार्षद दल ने आरोप लगाया कि चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण को ही महापौर शायद शहर का विकास समझते हैं । यह साफ बताता है कि वे जिम्मेदारी से मुंह चुराना चाहते हैं। इसीलिए भाजपा पार्षद दल ने अपने संवैधानिक अधिकार के तहत सामान्य सभा बुलाकर वहां अपनी बात रखने हेतु सभापति से अनुरोध किया है।
भाजपा पार्षद दल के उपसभापति मनोज वर्मा, प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे, कामनी देवांगन, कमलेश वर्मा, गोदावरी साहू, आशु चंद्रवंशी, विनोद अग्रवाल, सुशीला धीवर, रवि ध्रुव, चंद्रपाल धनगर, राम प्रजापति , सावित्री साहू, भोला साहू, सीमा मुकेश कंदोई, सरिता वर्मा, कुँवर राजियांत ध्रुव ने सभापति से मुलाकात की। उपरोक्त जानकारी भाजपा रायपुर जिला मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने दी।

 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका: विधायक से नाराज 4 महामंत्री समेत 200 कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा, कही ये बाते

छत्तीसगढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका: विधायक से नाराज 4 महामंत्री समेत 200 कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा, कही ये बाते

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हालही में सियासी कलह शांत भी नहीं हुआ था कि अब एक नया संकट पैदा हो गया है। गरियाबंद जिले में पार्टी के 4 जिला महामंत्री, दो ब्लॉक महामंत्री समेत 200 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन कार्यकर्ताओं ने राजिम से कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे जिस सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विधायक उसी सरपंच का साथ दे रहे हैं। जबकि विधायक पर पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।


कोपरा पंचायत के कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे का पत्र मोहन मरकाम, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, विधायक अमितेश शुक्ल, जिला अध्यक्ष भावसिंह साहू और ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू को भेजा है। जिसमें जिला महामंत्री राजेश यादव, ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू और मोतीलाल साहू के नाम शामिल हैं। इसके अलावा दो ब्लॉक महामंत्री रिकेश साहू ओर नंदकुमार साहू सहित 200 से अधिक गांव के कार्यकर्ता ने भी इस्तीफा दिया है।


ग्रामीण कर रहे हैं सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग
दरअसल, ये पूरा विवाद शुरू हुआ है, कोपरा पंचायत की महिला सरपंच डॉली साहू को लेकर। ग्रामीणों को आरोप है कि सरपंच ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। इसलिए वे लोग सरपंच के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। इनमें कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी शामिल हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विधायक अमितेश शुक्ल इस मामले में उनका साथ ही नहीं दे रह हैं। बल्कि सरपंच का साथ दे रहे हैं। इसी वजह से कांग्रेस कार्यकर्ता समेत गांव के लोग काफी नाराज हैं।


कांग्रेस का गढ़ है कोपरा
कोपरा जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। खासकर ये कांग्रेस का गढ़ भी माना जाता है। ऐसे में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस तरह से इस्तीफा देना, कांग्रेस को मुश्किल में डाल सकता है। वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष भावसिंह का कहना है कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी मिली है। किसी भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा। मामले को बैठकर सुलझाने का प्रयास करेंगे।


विधायक अमितेश शुक्ल कौन हैं?
अमितेश शुक्ल तीसरी बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के संतोष उप्धयाय को करीब 58 हजार वोटों से हराया था। अमितेश मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के पोते और श्यामाचरण शुक्ल के बेटे हैं। श्यामाचरण शुक्ल भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यही वजह है कि अमितेश की न सिर्फ अपने विधानसभा में बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भी पकड़ है।

कई मौके आए जब दुनिया भटकी, पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा : नरेंद्र मोदी

कई मौके आए जब दुनिया भटकी, पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा : नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: देश भर में आज (12 अक्तूबर) 28वां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कई मौके आए जब दुनिया भटकी पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा कि ये हम सभी का सौभाग्य है कि आज अमृत महोत्सव के जरिए हम महात्मा गांधी के उन मूल्यों और आदर्शों को जीने का संकल्प ले रहे हैं। मुझे संतोष है कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत के इन नैतिक संकल्पों को ताकत दे रहा है, अपना सहयोग कर रहा है।


पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का सेलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है। पीएम मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता।


हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया। एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग सुझाया।


मानव-मानव में, जीव-जीव में भेद नहीं है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आत्मवत सर्वभूतेषु के महान आदर्शों, संस्कारों और विचारों को लेकर चलने वाला देश है। आत्मवत सर्वभूतेषु यानि जैसा मैं हूं वैसे ही सब मनुष्य हैं। मानव-मानव में, जीव-जीव में भेद नहीं है।


पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने लगातार विश्व को समानता और मानव अधिकारों के जुड़े विषयों पर नया विजन दिया है। बीते दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आए हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है। लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है, संवेदनशील रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश `सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास` के मूल मंत्र पर चल रहा है। ये एक तरह से मानव अधिकार को सुनिश्चित करने की ही मूल भावना है।


हमने कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया: पीएम मोदी
बीते वर्षों में देश ने अलग-अलग वर्गों में, अलग-अलग स्तर पर हो रहे अन्याय को भी दूर करने का प्रयास किया है। दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं। हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है।


आज गरीबों का आत्मसम्मान बढ़ा: पीएम मोदी
जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर था, उब गरीब को जब शौचालय मिलता है, तो उसे आत्मसम्मान भी मिलता है। जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसका आत्मसम्मान बढ़ता है।


भारत 80 करोड़ लागों को मुफ्त अनाज मुहैया करा रहा: पीएम मोदी
वैश्विक महामारी के ऐसे कठिन समय में भी भारत ने इस बात का प्रयास किया कि एक भी गरीब को भूखा नहीं रहना पड़े। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन आज भी भारत 80 करोड़ लागों को मुफ्त अनाज मुहैया करा रहा है।


12 अक्तूबर 1993 को हुई थी स्थापना
मानवाधिकार संरक्षण कानून, 1993 के तहत आयोग की स्थापना 12 अक्तूबर 1993 को मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ की गई थी। एनएचआरसी मानवाधिकारों के उल्लंघन का संज्ञान लेता है, जांच करता है और सार्वजनिक प्राधिकारों द्वारा पीड़ितों को दिए जाने के लिए मुआवजे की सिफारिश करता है।


बेटियों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम: पीएम मोदी
बेटियों की सुरक्षा से जुड़े अनेक कानूनी कदम बीते वर्षों में उठाए गए हैं। देश के 700 से अधिक जिलों में वन स्टॉप सेंटर चल रहे हैं। जहां एक ही जगह पर महिलाओं को मेडिकल सहायता, पुलिस सुरक्षा, कानूनी मदद और अस्थाई आश्रय दिया जाता है।


दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भी कानून बनाए गए: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों की क्या शक्ति है, ये हमने हाल के पैरालंपिक में फिर अनुभव किया है। बीते वर्षों में दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भी कानून बनाए गए हैं, उनको नई सुविधाओं से जोड़ा गया है।

लखीमपुर खीरी घटना के दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर कांग्रेस ने रखा मौन व्रत

लखीमपुर खीरी घटना के दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर कांग्रेस ने रखा मौन व्रत

दुर्ग: किसानों के नाम पर सत्तासीन हुई केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया, तीन काले क़ानून बनाकर किसानों का हक छीनने और अपने मित्र उद्योगपतियों के लाभार्थ काम किया है। तीन काले कानूनों का विरोध पूरे देश मे किसान कर रहे हैं,किंतु मोदी सरकार मनमानी पर अड़ी हुई है। उक्ताशय के वक्तव्य छत्तीसगढ़ भंडार निगम के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री अरुण वोरा ने व्यक्त किये।

प्रवक्ता देवेश मिश्रा ने बताया कि लखीमपुर खीरी जिला उत्तरप्रदेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को गृह राज्यमंत्री के पुत्र व बीजेपी नेताओं द्वारा वाहनों से कुचल दिया गया, जिससे 6 किसानों की मौत हो गई।आजाद भारत में यह पहली बहुत ही दर्दनाक दुखद घटना है।हम कांग्रेसजन केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर सोमवार को 2 घंटे का मौन व्रत कर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष गया पटेल ने कहा कि लखीमपुर खीरी में कृषि कानून के विरोध में आंदोलित अन्नदाता किसानों की बर्बरतापूर्ण हत्या अंग्रेजी शासकों की याद ताजा कर दी है।यह घोर निंदनीय और शर्मनाक है।ऐसे लोगों का सत्ता में बने रहने का कोई हक नही है।

इस मौन व्रत में विशेष रूप से महापौर धीरज बाकलीवाल,प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र साहू,सभापति राजेश यादव,परमजीत सिंह भुई प्रवक्ता देवेश मिश्रा सुशील भारद्वाज, नासिर खोखर, संदीप श्रीवास्तव, अब्दुल गनी, कन्या ढीमर, फ़त्ते भाटिया, ब्लॉक अध्यक्ष अल्ताफ अहमद, अजय मिश्रा, संदीप वोरा, हामिद अहमद, अय्यूब खान, मासूब अली, अज़हर जमिल, सय्यद सैफ ,निकिता मिलिंद, छाया चौधरी अलख नवरंग, फिरोज खान,भोला महोबिया, राजेश्वरी मिश्रा राकेश चौहान यूसुफ सहित बडी संख्या में कांग्रेसी उपस्थित थे।

बड़ी खबर: देश के इन 11 राज्यों में गहराया बिजली संकट, मुख्यमंत्री भूपेश ने दागा केंद्र पर सवाल

बड़ी खबर: देश के इन 11 राज्यों में गहराया बिजली संकट, मुख्यमंत्री भूपेश ने दागा केंद्र पर सवाल

नई दिल्ली/रायपुर: देश में कोयले की कमी के चलते के कई राज्यों में बिजली संकट की आशंका गहरा गया है। राज्यों के पास कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है। ऐसे में थर्मल पॉवर प्लांट को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने और तुरंत कोयला आपूर्ति को सुनिश्चित कराने की अपील की है। वहीं, केंद्र सरकार और ऊर्जा मंत्री ने देश में कोयले की कमी नहीं होने का दावा किया है। केंद्र सरकार के इस दावे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर तीखा हमला बोला है।

भूपेश बघेल ने सवाल किया कि अगर देश में कोयला की पर्याप्त मात्रा है तो देश भर में बिजली संयंत्र क्यों बंद हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा `केंद्र का दावा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, लेकिन बिजली संयंत्र बंद हो रहे हैं। यह झूठे दावे क्यों किए जा रहे हैं, कोयला आयात बंद होने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। आखिर केंद्र सरकार इस पर क्या सोच रही है।

कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं : बघेल
उन्होंने कहा, `जहां तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, मैंने कोयले की आपूर्ति को लेकर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), बिजली और रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी।`

दिल्ली में कोयले की भारी किल्लत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा था कि उनके यहां के बिजली संयंत्रों में केवल एक ही दिन का कोयला बचा रह गया है। ऐसे में यदि जल्द आपूर्ति नहीं की गई तो संयंत्र बंद हो सकते हैं। केजरीवाल के अलावा दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने इससे पहले दिन में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी को पहले की आधी बिजली मिल रही है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली को पहले 4,000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन अब उसे आधी भी नहीं मिल रही है। ज्यादातर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है। किसी भी बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक 15 से कम नहीं होना चाहिए। स्टॉक केवल दो से तीन दिनों के लिए बचा है। एनटीपीसी ने अपने संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को 50-55 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है, `

बिहार में कई प्लांट बंद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी संभावित कोयले की कमी के मुद्दे को लेकर चिंता जताई है। नीतीश कुमार ने कहा कि कोयले की कमी से कई प्लांट बंद होने की स्थिति में है। राज्य सरकार अपनी आवश्यकतानुसार एनटीपीसी या निजी कंपनियों से कोयला खरीदती है, लेकिन आपूर्ति अब प्रभावित है। मुजफ्फरपुर और बेगूसराय समेत कई जिलों में कोयले की कमी के चलते बिजली संयंत्र बंद हो गए हैं।

कर्नाटक में बिजली की कमी
पंजाब, दिल्ली और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने-अपने राज्यों में बिजली संयंत्रों को कोयले और गैस की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है। वहीं कर्नाटक सरकार ने भी कोयले की कमी का मुद्दा उठाया है। कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू के कई इलाकों में आठ से 10 घंटे बजली कटौती हो रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने केंद्र से कोयला आपूर्ति की मांग की है।

गृहमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने स्पष्ट कर दिया है देश में बिजली आपूर्ति जारी रहेगी। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश में पर्याप्त कोयले का स्टॉक है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने ऊर्जा मंत्री और कोयला मंत्री समेत आला अधिकारियों के साथ बैठक की।