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VIDEO: उज्जैन के महाकाल मंदिर मे भस्म आरती के दौरान दर्शन को पहुंचे BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय, पुजारियों को रोका गया तो हुआ हंगामा

VIDEO: उज्जैन के महाकाल मंदिर मे भस्म आरती के दौरान दर्शन को पहुंचे BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय, पुजारियों को रोका गया तो हुआ हंगामा

मध्य प्रदेश के उज्जैन में भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर में पुजारियों ने जमकर हंगामा किया. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उनके पुत्र व विधायक आकाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला को भस्म आरती से ठीक पहले महाकाल दर्शन कराने को लेकर मुख्य पुजारियों को रोका गया, इसके कारण भस्मप आरती करीब आधे घंटे लेट हुई।


घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें देखा जा सकता है कि विजयवर्गीय और अन्यन बीजेपी नेता जब दर्शन के लिए जा रहे थे तो पुजारी उनसे आने नहीं देने को लेकर शिकायत कर रहे हैं. वीडियो में पुजारियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है,' कैलाश जी.. मेंदोला जी... पुजारियों को आपके कारण नीचे आने नहीं दिया जा रहा है, क्याउ आप इस बारे में कुछ बोलेंगे. इस दौरान रमेश मेंदोला मुंह पर कपड़ा ढांककर मीडिया से बचकर निकलते दिखाई दिए।


गौरतलब है कि महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान सभी वीआईपी और आम श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है. मुख्यत पुजारी ने बताया कि इस कारण भस्मा आरती करीब आठ घंटे लेट हुई, पास भी दिखा दिया लेकिन जाने नहीं दिया गया. यह हालत है पुजारियों की. उन्होंबने कहा कि ऐसा हर साल होता है।

 

केन्द्र के तानाशाही सरकार ने सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया - वंदना राजपूत

केन्द्र के तानाशाही सरकार ने सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया - वंदना राजपूत

रायपुर। राज्यसभा संसद मे महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की घटना को प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने बहुत ही निंदनीय एवं शर्मनाक घटना बताते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी के महिला विरोधी चरित्र का ये जीताजागता सबूत है जिसे देश की 139 करोड़ की जनता ने देखा है। आज देश की राजधानी दिल्ली में नारी शक्ति का अपमान हुआ। महिला सांसदों के साथ ऐसा अपमान संसद में हो सकता है तो सामान्य महिलाओं के साथ कितना अत्याचार होता होगा। राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम को संसद में मार्शल द्वारा धक्का दिया गया जिससे वह नीचे गिर गई हाथ व पैर में मोच आ गई है। भाजपा का यही असली चेहरा है महिलाओं का अपमान करना। इस घटना को इतिहास कभी भूल नहीं पायेगा। भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। लोकतंत्र में जनता को प्रभु की मूरत माना जाता है और संसद को लोकतंत्र का मंदिर लेकिन जब लोकतंत्र के मंदिर में पुजारी की जगह पांखडी बैठ जाएं और जनता जनार्दन के ऊपर जुल्म करें। यदि जनता के हित की बात करो तो देशद्रोही का नाम दिया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही चल रही है। सरकार नए-नए तरीकों से तानाशाही रूख ऐसी योजनाओं को जनता पर थोप रही है जिससे लोगों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। रमन राज में भी महिलाओं एवं बच्चियों के साथ बहुत सारे अनाचार एवं अत्याचार हुए है। 

भाजयुमो का अनोखा प्रदर्शन, बांटे लॉलीपॉप, जाने क्या है मामला

भाजयुमो का अनोखा प्रदर्शन, बांटे लॉलीपॉप, जाने क्या है मामला

रायपुर, भारतीय जनता युवा मोर्चा, जिला रायपुर के आव्हान पर भाजयुमो तेलीबांधा मंडल द्वारा तेलीबांधा चौक एवम तेलीबांधा तालाब में भूपेश सरकार के बेरोजगारी भत्ता के वादाखिलाफी के विरोध में लॉलीपॉप बांटा, एवम साथ ही साथ लोगो को राज्य सरकार की वास्तविक रूप से अवगत कराया की कैसे भूपेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता, शराब बंदी, बिजली बिल हाफ जैसे वादा तो किया परंतु सरकार बनने के बाद आज तक उन मुद्दों पर उन पर ध्यान तक नही दिया, ये प्रदेश के युवाओं के साथ सीधा सीधा विश्वासघात है ।
इस उपलक्ष्य में भाजपा जिला मंत्री हरीश ठाकुर जी , मंडल अध्यक्ष सुश्री अर्चना शुक्ला जी ,रोहित साहू जी (पार्षद), दलविंदर बेदी जी, प्रवीण साहू जी , प्रखर साहू जी
भाजयुमो तेलीबांधा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र साहू , महामंत्री प्रेम कुर्रे, गोकुल थानापति, उपाध्यक्ष गोलू नागेश यादव, पप्पू ठाकुर, मुकेश चौहान, अमित बांसपाल, राकेश मार्कण्डेय, नीलकंठ साहू, हनी साहू, यश शुक्ला, राकेश शर्मा, संतोष शुक्ला, तारण यादव, हर्ष साहू आदि भाजयुमो के कार्यकर्ता मौजूद थे । 

बड़ी खबर : अब छत्तीसगढ़ के ये पूर्व आईएएस हुए बीजेपी में शामिल, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भाजपा का गमछा पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया

बड़ी खबर : अब छत्तीसगढ़ के ये पूर्व आईएएस हुए बीजेपी में शामिल, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भाजपा का गमछा पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया

रायपुर,  रायपुर के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्रा के बीजेपी में शामिल होने की ख़बर आने लगी है. बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की ख़बरें आईं. इसके बाद इस बात की चर्चा तेज़ हो गयी. नड्डा ने उन्हें भाजपा का गमछा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया.
अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखन लाल मिश्र के पुत्र गणेश शंकर मिश्रा का जन्म रायपुर के तिल्दा ब्लाक स्थित ग्राम मूरा में हुआ। परिवार की ख्याति शुरू से ही देशभक्ति और जनसेवा के मूल्यों पर आधारित थी। इन्हीं मूल्यों को साथ कर गणेश शंकर मिश्र ने अपने 36 वर्षीय शासकीय सेवाकाल में देश और प्रदेश में खूब यश अर्जित किया और अनेक अवसरों पर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया।

रायपुर नगर निगम के अंतिम प्रशासक के तौर पर मिश्रा ने 5 महीने के अन्दर पूरे शहर का कायाकल्प कर डाला था, आज जो घड़ी चौक रायपुर की पहचान बन गया है वो आपकी ही देन है। उस समय युद्ध अभियान चलाकर शहर के 5000 से अधिक बेजा कब्जे हटाये गए जिसके कारण मिश्रा को बुलडोज़र प्रशासक कहा जाने लगा। 1995 में आपके द्वारा आयोजित प्रतिष्ठा नेत्र शिविर में 11 दिन के अन्दर 5000 से अधिक मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन कराये गए थे, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। राजनंदगांव में कलेक्टर रहते हुए गणेश शंकर मिश्रा ने डोंगरगढ़ पदयात्रा का ऐसा जबरदस्त मैनेजमेंट किया था कि उनके पूरे कार्यकाल में पहली बार वृहद् स्तर पर पदयात्रियों की सेवा सहयोग के लिए स्व सहायता समूहों एवं सामाजिक संगठनों के माध्यम से हर 2-3 km की दूरी में पंडाल सजाकर भोजन, फलाहार, चिकित्सकीय सेवा एवं आराम की व्यवस्था रखी गयी थी।

इस दौरान सबसे उल्लेखनीय यह था कि पदयात्रियों की संख्या तो बढ़ी पर दुरुस्त प्रशासनिक मुस्तैदी के चलते एक भी पदयात्री का लहू सड़क पर नहीं बहा मिश्रा जब तक कलेक्टर रहे प्रतिवर्ष के दोनों नवरात्र में हर दिन दो से तीन बार डोंगरगढ़ जाकर सारी व्यवस्था का अवलोकन स्वयं करते थे। राजनंदगांव जिले में 500 से अधिक बाल विवाह समझाईश से रुकवा कर सामाजिक क्रांति की अलख इन्होने जगाई थी।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सम्मिलित क्षेत्र के प्रथम 12 ODF निर्मल ग्राम पंचायत भी मिश्रा के प्रयासों से वर्ष 2005 में राजनंदगांव में ही हुए, जिसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम ने दिल्ली में मिश्रा को पुरस्कृत कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया था। बस्तर में कलेक्टर होकर गए तो जगदलपुर शहर की जनता से ऐसा कनेक्शन बन गया कि सभी लोग जगदालपुर के सौन्दर्यीकरण का मिश्रा का स्वप्न साकार करने में बढ़-चढ़कर योगदान देते हुए अपने बेजा कब्जे हटाने लगे, कोई अप्रिय घटना या वाद-विवाद नहीं हुआ, परिणाम ऐसा कि 2007 में ऐसी चौड़ी सड़कें व्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम और भव्य चौक-चौराहे बने जैसे उस समय राजधानी रायपुर में भी नहीं थे। अगले ही वर्ष राज्य के सबसे अधिक ODF निर्मल ग्राम बस्तर जिले से हुए | देश का प्रथम ओक्सीज़ोन वन भी बस्तर में मिश्रा ने बनवाया था।

नवरात्रि में दंतेश्वरी माता के दर्शन को जाने वाले पदयात्रियों को डोंगरगढ़ पैटर्न की तर्ज पर जब सुविधा श्री गणेश शंकर मिश्रा के निर्देशों पर मिली तो माई के दरबार में जाने वाले पदयात्रियों की संख्या बढ़कर लाखों में हो गयी। आदिवासी इलाके में देवी उपासना की यह अलख हमारे मिश्राजी के प्रयासों से ही संभव हो पाया।

पूरे बस्तर संभाग की पहली आदमकद गाँधी प्रतिमा मिश्र द्वारा बस्तर जिलाधीश कार्यालय में लगवाई गयी और उन्होंने कलेक्टोरेट को गाँधी के आदर्शों का सेवा सदन बना डाला कार्यप्रणाली में परिवर्तन ऐसा जिसे आम लोगों ने महसूस करते हुए अधिकारीयों-कर्मचारियों में आयी संवेदनशीलता और अनुशासन तथा कार्य के प्रति निष्ठा की भूरी-भूरी प्रशंसा की एक लोकतान्त्रिक सरकार के नुमाइंदे के तौर पर कार्यरत जिलाधीश पर बाधा लोक विश्वास बस्तर जैसे नक्सलग्रस्त क्षेत्र में प्रजातान्त्रिक मूल्यों की बहुत बड़ी जीत थी।

गणेश शंकर मिश्रा सबसे लम्बे समय तक आबकारी और वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त रूप से सि रहे, इस दौरान शराबबंदी की दिशा में अब तक की सबसे सार्थक पहल करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर भारत माता वाहिनी का गठन किया, जिसके तहत घर-घर जाकर मदिरापान करने के कारण बर्बाद हो रहे लोगों को एक समूह समझाईश देता था और कभी मदिरा सेवन न करने की शपथ दिलाता था।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में सचिव बने तो हर घर नल योजना के अंतर्गत सिर्फ 2 वार्षों में राज्य भर में इतने नल कनेक्शन हुए जितना आज़ादी से 65 वर्ष पश्चात् तक की स्थिति के तुलना से लगभग 5 गुना था। रमन के गोठ कार्यक्रम जो रेडियो में बहुत पसंद किया जाता था, उसकी परिकल्पना भी मिश्र ने ही की अपने शासकीय सेवा के अंतिम पायदान में जब जल संसाधन के प्रमुख सचिव रहे तो मिश्रा ने काम समेटने के बजाये अभियान लक्ष्य भागिरती छेड़ डाला, जिसे वे अपने सभी कार्यों में सबसे ज्यादा महत्वकांक्षी बताते हैं।

मिश्रा के नेतृत्व में एक वर्ष में 1 लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई क्षमता विकसित की गयी थी, जो औसतन 39 हजार प्रतिवर्ष ही होती थी। मिश्र की मंशा थी की छत्तीसगढ़ के किसान अपनी खेती के लिए मानसून पर निर्भर न रहें और 100% सिंचाई क्षमता सन 2028 तक विकसित करने हर वर्ष कम से कम एक लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता विकसित की जाये। मिश्रा को आज भी मलाल है यह काम अब उन्डे बसते में चला गया है। कभी बुलडोजर प्रशासक तो कभी गाँधीवादी सेवक सेवक के रूप में मिश्रा जी का अब तक का सेवाकाल आरंभ से ही जमीनी पुख्ता और जनहितकारी रहा है। सेवानिवृत्ति के पश्चात् अपना ज्यादातर समय आप अपने पैत्रिक ग्राम में देते हैं और अपने खेत-खलिहान को दुरुस्त करने में व्यस्त रहते हैं।

 विपक्ष ने देश और संसद को किया शर्मशार, सभापति से जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

विपक्ष ने देश और संसद को किया शर्मशार, सभापति से जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली। मानसून सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा में हुए हंगामे पर सरकार और विपक्ष की बीच जंग तीखी हो गई है। बृहस्पतिवार को विपक्ष के हमले के तत्काल बाद सरकार के आठ मंत्रियों ने पलटवार करते हुए राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू से हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। इन मंत्रियों ने विपक्ष पर लोकतंत्र को शर्मसार करने और संसद के साथ सभापति की गरिमा गिराने के लिए देश से माफी मांगने की मांग की। मंत्रियों ने कहा कि पहले ही दिन से विपक्ष की मंशा पूरे सत्र में कामकाज को ठप करने की थी।

राज्यसभा की घटना के खिलाफ विपक्षी दलों के मार्च के बाद सरकार की ओर से पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रहलाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, भूपेंद्र यादव, अर्जुन मेघवाल, वी मुरलीधरण ने मोर्चा संभाला। इन मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस से पहले सभापति नायडू से मुलाकात कर राज्यसभा के घटनाक्रम की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

टेबल पर नाचने के लिए नहीं है सदन
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया। ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी पूरे सत्र और इस दौरान चली कार्यवाही को लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि सदन में टेबल पर नाचना लोकतंत्र नहीं है। महिला मार्शल पर हमला करना, सदन का शीशा तोडऩा, आसन पर रूल बुक फेंकना, मंत्री के हाथ से बयान की कॉपी छीन कर फाडऩा और नए मंत्रियों का परिचय तक नहीं कराने देना भी लोकतंत्र नहीं है।

जोशी बोले कांग्रेस को पच नहीं रहा जनादेश
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि समस्या कांग्रेस की मानसिकता है। पार्टी सात साल से अधिक समय से सत्ता से बाहर है। उसे लगता है कि सत्ता उसका अधिकार है। पार्टी को मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे देखना गवारा नहीं है। उसे लगता है कि पीएम मोदी ने उन्हें सत्ता के अधिकार से वंचित कर दिया है।

सरकार का हमला, सवाल और आरोप
- शुरू से विपक्ष की रणनीति सदन मेंं कामकाज ठप करने की थी।
-बीएसी और सर्वदलीय बैठक में किसान, कोरोना और महंगाई पर सर्वसम्मति बनी थी, मगर विपक्ष अचानक पेगासस पर अड़ गई।
-पेगासस पर सरकार की ओर से स्वत:स्फूर्त बयान दिया गया, विपक्ष के पास उस दौरान सवाल करने का अवसर था, मगर किसी ने सवाल नहीं पूछा।
- आसन पर भारी भड़कम रूल बुक फेंका गया, मंत्री के हाथ से बयान छीन कर फाड़ा गया।
-पहली बार सदन मेंं कुछ सांसदों ने टेबल पर चढ़ कर नृत्य किया। कुर्सी पर खड़े हुए।
-निलंबित सांसदों ने सदन में जबर्दस्ती घुसने की कोशिश की। इस दौरान शीशा तोड़ा, एक महिला मार्शल घायल हुई।
- नए मंत्रियोंं का परिचय नहीं कराने दिया इससे संसद की दशकों पुरानी परंपरा ध्वस्त हो गई।
- सरकार की ओर से विपक्ष से बार-बार संपर्ककिया गया, मगर विपक्षी दल अपनी जिद पर अड़े रहे।
- विधेयक पारित कराना सरकार का कर्तव्य, यह विपक्ष का भी कर्तव्य, मगर विपक्ष ने कर्तव्य से बनाई दूरी।
-यूपीए कार्यकाल में दर्जनों बिल बिना किसी चर्चा के पारित हुए। आंधप्रदेश पुनर्गठन बिल की जानकारी तक विपक्ष को नहीं दी गई।
बड़ी खबर: राहुल के बाद अब हुआ कांग्रेस का ट्विटर अकाउंट लॉक

बड़ी खबर: राहुल के बाद अब हुआ कांग्रेस का ट्विटर अकाउंट लॉक

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई नेताओं के अकाउंट के बाद अब कांग्रेस पार्टी का ट्विटर अकाउंट भी लॉक हो गया है। गुरुवार को कांग्रेस ने दावा करते हुए कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिया गया है, लेकिन हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। कांग्रेस ने कहा कि जब हमारे नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, हम तब नहीं डरे तो अब ट्विटर अकाउंट बंद करने से क्या ख़ाक डरेंगे। हम कांग्रेस हैं, जनता का संदेश है, हम लड़ेंगे, लड़ते रहेंगे। अगर दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाना अपराध है, तो ये अपराध हम सौ बार करेंगे। जय हिंद...सत्यमेव जयते।


राहुल गांधी का भी ट्विटर अकाउंट हुआ था लॉक
आपको बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में एक नौ साल की बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म फिर हत्या के मामले में उसके परिवार से मुलाकात की थी और इसके कुछ देर बाद ही राहुल गांधी ने इस मुलाकात की तस्वीर ट्विटर पर साझा की थी। राहुल गांधी के ट्वीट के खिलाफ राष्ट्रीय बाल आयोग की शिकायत के बाद ट्विटर ने न केवल राहुल गांधी का ट्वीट हटा दिया बल्कि उनके अकाउंट पर अस्थाई रोक भी लगा दी। ट्विटर के जरिए रोजाना मोदी सरकार पर हमला करने वाले राहुल गांधी पाबंदी के कारण दो दिन से ट्वीट नहीं कर पाए।

इन कांग्रेस नेताओं के भी ट्विटर अकाउंट हुए थे लॉक
राहुल गांधी के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, लोकसभा में पार्टी के सचेतक मनिकम टैगोर, असम प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव के ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिए गए थे।

ऑनलाइन परीक्षा की माँग: महासचिव संकल्प मिश्रा के नेतृत्व में अनोखा प्रदर्शन

ऑनलाइन परीक्षा की माँग: महासचिव संकल्प मिश्रा के नेतृत्व में अनोखा प्रदर्शन

रायपुर, पं रविशंकर वि.वि में NSUI महासचिव संकल्प मिश्रा एवं अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने को लेकर कुलपति एवं कुलसचिव के सामने ज्ञापन और दंडवत प्रणाम कर अपनी मांग रखी।


रायपुर NSUI के महासचिव संकल्प मिश्रा ने आज दिनांक 11/08/21 को पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा की मांग को लेकर कुलपति एवं कुलसचिव को ज्ञापन दिया इस दौरान कुलपति और कुलसचिव प्रशासनिक भवन के बाहर आकर ज्ञापन को प्राप्त किया इस बीच में संकल्प मिश्रा एवं साथ गए एनएसयूआई के पदाधिकारियों एवं छात्रों द्वारा कुलपति एवं कुलसचिव के सामने हाथ जोड़कर दंडवत प्रणाम किया और कुलपति से यह मांग की जब बच्चों के क्लास ऑनलाइन हुए हैं तो परीक्षा को ऑफलाइन क्यों कराया जा रहा है इसको लेकर कुलपति को ज्ञापन दिया और बड़े अनोखे तरीके से अपनी मांग को विश्वविद्यालय के प्रशासन के सामने रखा।


रायपुर जिला महासचिव संकल्प मिश्रा ने बताया की आज हम पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन एग्जाम कराने की मांग को लेकर एकत्रित हुए हैं इस दौरान हमने विश्वविद्यालय के प्रशासन से यह मांग की जब सारी कक्षाएं ऑनलाइन पद्धति से संचालित की गई है तो परीक्षाओं को भी ऑनलाइन पद्धति से ही कराया जाए क्योंकि भारत में डॉक्टर और विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर भी आने वाली है इसको देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य साथ खिलवाड़ ना किया जाए और जिस प्रकार सारी कक्षाएं संचालित की गई है उसी तरीके से परीक्षाओं को भी ऑनलाइन पद्धति से ही लिया जाए इस मांग को लेकर आज हम कुलपति एवं कुलसचिव को ज्ञापन दे रहे हैं और सारे विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा प्रशासन भवन के सामने हम सभी ने विनम्र तरीके से हाथ जोड़कर दंडवत प्रणाम कर कर इस मांग को विश्वविद्यालय के पटल पर रखा यदि आने वाले समय में विश्वविद्यालय अपना फैसला नहीं बदलती तो हम इस मांग को लेकर विश्वविद्यालय का घेराव भी करेंगे।


कार्यक्रम में मुख्य रूप से हर्ष राज शर्मा, शिवांश राज शुक्ला, ऋषभ डगरे, दीपेश यादव, निशांत शर्मा,संस्कार द्विवेदी, प्रेम साहू, प्रमोद चंद्रवंशी, विशाल असगर आदि छात्र मौजूद थे
 

BREAKING NEWS: पूर्व भाजपा नेता को उनकी कार समेत जलाया, डिक्की में मृत मिले

BREAKING NEWS: पूर्व भाजपा नेता को उनकी कार समेत जलाया, डिक्की में मृत मिले

मेडक: तेलंगाना के मेडक जिले में एक राजनीतिक पार्टी के नेता का दर्दनाक हत्या कर दी गई। पुलिस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और व्यवसायी वी. श्रीनिवास प्रसाद अपनी जली हुई कार की डिक्की में मृत पाए गए। मेडक जिले की पुलिस अधीक्षक चंदना दीप्ति के मुताबिक, दिन की तड़के कुछ आरोपियों ने श्रीनिवास को उनकी कार समेत आग लगा दी। आग की सूचना मिलने के बाद हम पहुंचे तो देखा कि श्रीनिवास का शव कार की डिक्की में पड़ा था। आरोपियों ने श्रीनिवास को उनकी कार के साथ ही आग लगा दी है।


बताया गया कि जांच अभी भी जारी है, लाश को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया है। 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है। वहीं, इससे पहले पिछले हफ्ते तेलंगाना में एक महिला ने अपने दो बच्चों को मार दिया और फिर खुद बाद में आत्महत्या करने का प्रयास किया, जिसको बचा लिया गया। संगारेड्डी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एम रमण कुमार ने बताया था कि एक 30 वर्षीय महिला ने शुक्रवार को अपने दो बेटों की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी और बाद में एक झील में कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि महिला ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि छह और चार साल की उम्र के दोनों बच्चे जानलेवा बीमारियों से पीड़ित थे।


महिला को मछुआरों ने बचाया और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। झील में कूदने से पहले उसने अपने मोबाइल पर एक सेल्फी ली और अपने पति को भेज दी।

ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी समेत 6 टीएमसी नेताओं पर एफआईआर

ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी समेत 6 टीएमसी नेताओं पर एफआईआर

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत के बाद अब त्रिपुरा में बीजेपी और टीएमसी के बीच रार मची हुई है। हाल ही में हुई राजनीतिक हिंसा की घटनाओं को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच त्रिपुरा पुलिस ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी समेत तृणमूल नेताओं डोला सेन, ब्रत्य बसु, कुणाल घोष, सुबल भौमिक और श्रीप्रकाश दास के खिलाफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन पर अतिरिक्त एसपी और एसडीपीओ खोवाई के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने और उनकी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का आरोप है।


प्राथमिकी में कहा गया है कि रविवार सुबह 14 तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद मंत्री ब्रत्य बसु और सांसद डोला सेन के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक समूह खोवाई थाने पहुंचा। इसके तुरंत बाद ही अभिषेक बनर्जी भी थाने पहुंच गए। टीएमसी नेताओं ने एडिशनल एसपी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया। अब त्रिपुरा पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है।


गौर हो कि पिछले दिनों टीएमसी के तीन युवा नेताओं, देबांग्शु भट्टाचार्य, सुदीप राहा और जया दत्ता पार्टी के काम से त्रिपुरा गए थे। इस दौरान रास्ते में रोककर इन लोगों पर हमला किया गया। युवा नेताओं ने आरोप लगाया कि उनकी कारों को अंबासा रोड पर रोका गया और हमला किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगरतला के बाद धर्मनगर में गोलियां चलाई गईं और एक टीएमसी कार्यालय में तोडफ़ोड़ की गई। इसके बाद त्रिपुरा पहुंचे अभिषेक बनर्जी को भी काले झंडे दिखाए गए। आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ता ने उनकी कार पर डंडे से हमला किया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


इसके बाद खोवई थाने पर प्रदर्शन कर रहे तृणमूल के 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को कोरोना नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनमें बीते दिन भाजपा कार्यकर्ताओं के कथित हमलों में घायल कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इन सभी को खोवाई में सीजेएम अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत भी दे दी गई।

प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच आज पीएम मोदी से मिल सकते हैं सीएम अमरिंदर

प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच आज पीएम मोदी से मिल सकते हैं सीएम अमरिंदर

चंडीगढ़: पंजाब में सियासी उठापटक जोरों पर है और कांग्रेस में खासा घमासान मचा हुआ है। इस बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह दिल्ली में हैं। वह आज प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। ज्ञातव्य है कि मंगलवार को ही अमरिंदर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।

इसके बाद से सियासी अटकलों का बाजार और गर्म हो गया है। पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू की सियासी बल्लेबाजी सीएम अमरिंदर के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। अमरिंदर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी कर चुके हैं। उन्हें हाईकमान से नसीहत भी मिल चुकी है। ऐसे में प्रधानमंत्री के साथ कैप्टन की संभावित मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

हालिया घटनाक्रम के बाद साफ हो गया है कि पंजाब में अमरिंदर सिंह की स्थिति पहले जैसी मजबूत नहीं रही है। नवजोत सिंह सिद्धू के बतौर प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस की कमान संभालने के बाद अमरिंदर की स्थिति कमजोर हो गई है। प्रशांत किशोर भी उनका साथ छोड़ चुके हैं।

नवजोत सिद्धू खुले तौर पर अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने टि्वटर पर अमरिंदर सिंह सरकार पर एक बार फिर हमला किया। नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया- ड्रग के कारेाबार के दोषियों को सजा देना 18 प्वाइंट के एजेंडे के तहत कांग्रेस की प्राथमिकता रही है।

मजीठिया पर क्या कार्रवाई की गई। यदि और देर हुई तो हम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे।

ऐसे माहौल में कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात क्या रंग लाएगी इस पर कयासबाजी जारी है। हालांकि, मंगलवार को अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्होंने किसानों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन के सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा प्रभावों का हवाला देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील की थी।

साथ ही अमरिंदर ने पंजाब के सीमावर्ती राज्य होने का हवाला देते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी ताकतों से बचाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 25 कंपनियां और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए ड्रोनरोधी उपकरणों की भी मांग की। उन्होंने हिंदू मंदिरों, प्रमुख किसान नेताओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालयों, आरएसएस-भाजपा के नेताओं को निशाना बनाये जाने की आशंका का भी हवाला दिया। अब देखना है कि पीएम से मुलाकात के बाद अमरिंदर का क्या रुख रहता है और इस मुलाकात का क्या असर रहता है।

दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें सरकार - संजय श्रीवास्तव

दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें सरकार - संजय श्रीवास्तव

रायपुर |  भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंह देव से मांग की है की चुनाव पूर्व किये हुए वादे को पूरा करते हुए दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रितों को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें ।                                

      भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा की गत 21 जुलाई से कोरोना काल एवं बरसात के इस भीषण समय में दिवंगत शिक्षक परिवार की महिलाएं धरना स्थल पर धरना दे रही हैं लेकिन भूपेश सरकार की संवेदनहीनता के कारण इस पर निर्णय नहीं हो पा रहा है।
       भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा की संविलयन के पूर्व दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति हेतु बी एड, डी एड एवं टीईटी की अनिवार्यता रखना दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों के साथ अन्याय एवं पक्षपातपूर्ण व्यवहार है इस कोरोना  काल में सभी आश्रितों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है उन्होंने कहा की बीएड ,डीएड एवं टीटी की अनिवार्यता नियुक्ति पश्चात भी एक अवधि के अंदर कराई जा सकती है।         
          भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने सरकार से मांग की है कि बी एड ,डीएड एवं टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी एवं सहायक शिक्षकों के पद एवं प्रयोगशाला शिक्षक के पदों पर एवं पंचायत सचिव के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जावे ।
सांसदों की गैरहाजिरी पर सख्त हुए प्रधानमंत्री मोदी, मांगी ऐसे लोगों की लिस्ट

सांसदों की गैरहाजिरी पर सख्त हुए प्रधानमंत्री मोदी, मांगी ऐसे लोगों की लिस्ट

नई दिल्ली: सदन में सांसदों के अनुपस्थित होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हैं। ऐसे सांसदों की लिस्ट उन्होंने तैयार करने को कहा है जो सदन में अनुपस्थित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने `अधिकरण सुधार विधेयक, 2021` को सोमवार को राज्यसभा में पारित किए जाने के वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ज्यादातर सदस्यों के अनुपस्थित रहने को लेकर मंगलवार को नाराजगी जाहिर की है।

भाजपा संसदीय दल की बैठक में इस पर नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री ने उन सांसदों की सूची मंगवाई है जो कल, विधेयक के पारित होने के दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे। ज्ञात हो कि राज्यसभा में सोमवार को संक्षिप्त चर्चा के बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच `अधिकरण सुधार विधेयक, 2021` को मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक में चलचित्र कानून, सीमा शुल्क कानून, व्यापार चिन्ह कानून सहित कई कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।

विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा और बाद में उस पर मतविभाजन की मांग की। हालांकि मतविभाजन में सदन ने 44 के मुकाबले 79 मतों से विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. राज्यसभा में वर्तमान में भाजपा के कुल 94 सदस्य हैं।

इधर पेगासस जासूसी विवाद तथा कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक मंगलवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया। बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। आसन की अनुमति से संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दस्तावेज सदन के पटल पर रखे।

कुछ सदस्यों ने एक ही मंत्री द्वारा विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने को लेकर आपत्ति जताई। इस पर सभापति ने कहा कि यह व्यवस्था कोविड-19 महामारी की वजह से की गई है और यह स्थाई व्यवस्था नहीं है। इसके बाद सभापति ने सदन को सूचित किया कि तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा के इलामारम करीम तथा भाकपा के विनय विश्वम ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से सदन में बयान दिया गया था जिस पर सवाल और स्पष्टीकरण पूछे जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कितने लोगों ने खरीदी जमीन, गृह राज्य मंत्री ने दिया जवाब

धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कितने लोगों ने खरीदी जमीन, गृह राज्य मंत्री ने दिया जवाब

नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में प्रश्न के एक लिखित उत्तर में बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर के बाहर के केवल दो व्यक्तियों ने अब तक संपत्तियां खरीदी हैं। जम्मू-कश्मीर में अब जमीन खरीदने में बाहरी लोगों या सरकार को किसी तरह की कठिन प्रक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में साल 2019 में पांच अगस्त को प्रदेश को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-a को खत्म कर दिया गया था। इसके बाद से बाहरी लोग जो यहां के कई अधिकारों से वंचित रह जाते थे उन्हें वास्तविक अधिकार मिलने लगा।

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में जनगणना 2021 पर एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस स्तर पर जाति के आंकड़े जारी करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि आगामी जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी और इसमें स्व-गणना का प्रावधान है। आंकड़ों के संग्रह के लिए मोबाइल एप और जनगणना से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के प्रबंधन और निगरानी के लिए एक जनगणना पोर्टल विकसित किया गया है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) तैयार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

संसद में जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम संशोधन विधेयक-2021 पारित

संसद में जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम संशोधन विधेयक-2021 पारित

नई दिल्ली: संसद ने जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी है। आज लोकसभा में यह विधेयक बिना चर्चा पारित किया गया, जबकि राज्यखसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है। यह विधेयक जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम अधिनियम 1961 का स्थांन लेगा। विधेयक में जमाकर्ताओं को उनकी बीमित जमा राशि तक समयबद्ध तरीके से पहुंच प्रदान करने का प्रावधान है।


यदि बैंक में जमा राशि प्रतिबंधित हो जाती है तो निगम अंतरिम आधार पर जमाकर्ताओं को बीमित जमा राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा और 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं को बीमित राशि का भुगतान करना होगा। विधेयक के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य छोटे जमाकर्ताओं की सहायता करना है। इस विधेयक के पारित हो जाने से पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक, श्रीगुरू राघवेन्द्र सहकार बैंक और अन्यक बैंकों के जमाकर्ताओं को लाभ होगा। बीमा कवर की सीमा एक लाख से बढाकर पांच लाख कर दी गई है।

विमान-रेल यात्रियों को कोरोना आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट मुहैया कराने में फ़र्जीवाड़ा चिंताजनक : नेताम

विमान-रेल यात्रियों को कोरोना आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट मुहैया कराने में फ़र्जीवाड़ा चिंताजनक : नेताम

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के संसद सदस्य (राज्यसभा) ने विमान और रेलगाड़ियों से देश के विभिन्न स्थानों की यात्रा करने वाले यात्रियों को आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट मुहैया कराने में हो रहे फ़र्जीवाड़े के ख़ुलासे को चिंताजनक बताते हुए कहा है कि एक ओर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है, बिना बैक-अप मैनेज़मेंट के प्रदेश में शुरू कर दी गई शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं, वहीं अब यह ताज़ा ख़ुलासा बताता है कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मामले में शर्मनाक लापरवाही बरत रही है।
भाजपा संसद सदस्य श्री नेताम ने हाल ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को एक पत्र लिखकर कोरोना की रोकथाम के मामले में प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी द्वारा बरती जा रही गंभीर लापरवाहियों पर ध्यान आकृष्ट कर समुचित कार्रवाई करने की बात कही थी। श्री नेताम ने कहा कि प्रदेश सरकार और आला नौकरशाहों की नाक के नीचे राजधानी में निजी लैब वालों ने अँधेरगर्दी मचा रखी है, जिसके व्यापक दुष्परिणामों की आशंका को अनदेखा-अनसुना नहीं किया सकता; लेकिन प्रदेश सरकार झूठी वाहवाही कराके चैन की बंसी बजाने में ही मशगूल है। श्री नेताम ने कहा कि यह नेगेटिव रिपोर्ट देश में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने की दृष्टि से अनिवार्य की गई है, लेकिन इसी नियम की आड़ में प्राइवेट लैब संचालकों ने इसे फ़र्जीवाड़े और लूट का सुनहरा अवसर बना लिया है। निजी लैब में महज़ हज़ार-दो हज़ार रुपयों में आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट मुहैया कराने का चल रहा गोरखधंधा तत्काल बंद हो ताकि देश में एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा सुरक्षित और संक्रमण-मुक्त हो। सांसद श्री नेताम ने कहा कि एक तो प्रदेश सरकार कोरोना महामारी को लेकर यूँ भी दुर्भावनापूर्ण नज़रिया रखे हुए है। कोविड गाइडलाइन की धज्जियाँ जिस सरकार के मंत्री-विधायक तक खुलेआम उड़ाते नज़र आ रहे हैं, उस सरकार में क्या यह नैतिक बल शेष रह गया है कि वह प्रदेशवासियों से कोविड गाइडलाइन का पालन करा सके? ऐसे हालात में आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के नाम पर मची अंधेरगर्दी प्रदेश सरकार के नाकारापन का जीता-जागता प्रमाण है।
 

इस विधानसभा में वेंटिलेटर बोलना माना जाएगा असंसदीय, जाने क्या है मामला

इस विधानसभा में वेंटिलेटर बोलना माना जाएगा असंसदीय, जाने क्या है मामला

भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इससे ठीक एक दिन पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ऐसे शब्दों की सूची जारी की है जिसे असंसदीय माना जाता है और विधानसभा में सदन के भीतर इन्हें बोलने की पाबंदी रहेगी। मध्य प्रदेश विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया गया है।
किन शब्दों पर रहेगी पाबंदी
करीब 1600 शब्दों को विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले असंसदीय माना गया है। इनमे वेंटिलेटर, पप्पू पास हो गया, दादागिरी, चोर मचाए शोर, मिर्ची लग गई , हत्यारे, मंत्री की बहू ने आत्महत्या कर ली, शर्म करो, यह झूठ का पुलिंदा है, चमचा, भेदभाव, चापलूस, नौटंकी, पप्पू माई का लाल, मुक्का मारा, व्यभिचारी, शर्मनाक, चड्डी वाला, गोलमाल, मुर्गा और दारू में पैसे खत्म कर देते हैं, सोच में शौच भरा है, फर्जी पत्रकार, नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, मां कसम, गुंडे, तानाशाही, अंगूठा छाप, नक्सलवादी, चुड़ैल, जनसंघी जैसे शब्द शामिल हैं।
वेंटिलेटर पर पाबंदी से उठे सवाल
सदन की कार्यवाही के दौरान जिन शब्दों को और संसदीय बताया गया है उनमें एक शब्द वेंटिलेटर भी है। अब कांग्रेस यह सवाल उठा रही है कि कोरोना काल के दौरान बड़ी संख्या में खराब वेंटिलेटर शिकायत सामने आई थी ऐसे में विधायक अगर सरकार से सवाल पूछेंगे वेंटिलेटर की जगह किस शब्द का इस्तेमाल करें।
ऐसे शब्दों का चयन ही क्यों करें : शिवराज
रविवार को विधानसभा परिसर में इस डायरेक्टरी का विमोचन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि `कई बार हम ऐसे शब्दों का चयन कर जाते हैं, जिससे सुनने वाला निराश होता है। विधानसभा व लोकसभा ईंट-गारे का भवन नहीं, लोकतंत्र के मंदिर हैं. विधानसभा में असंसदीय शब्दों की जानकारी एक साथ संग्रहित कर उसे सार्वजनिक करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का धन्यवाद।
 

संसद मानसून सत्र : आखिरी हफ्ते में भी सरकार को घेरने विपक्ष कर रही है ...

संसद मानसून सत्र : आखिरी हफ्ते में भी सरकार को घेरने विपक्ष कर रही है ...

नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र का ये आखिरी हफ्ता है। हालांकि पेगासस और कृषि कानून पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष का हंगामा लगातार दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित कर रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस ने साफ कहा है कि विपक्ष अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगा तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति को बहाल करने वाला एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश करना चाह रही है। इसके लिए एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी, जिसमें कम से कम 50 फीसदी उपस्थिति के साथ कार्यवाही के दौरान उपस्थित होने वाले दो-तिहाई बहुमत के समर्थन की आवश्यकता होगी। 

जब ढोल की थाप नाचने लगे सीएम भूपेश बघेल, इस तरह मनाई हरेली, देखें वीडियो

जब ढोल की थाप नाचने लगे सीएम भूपेश बघेल, इस तरह मनाई हरेली, देखें वीडियो

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब ढोल की थाप और पारंपरिक गाने की आवाज सुनी को खुद को नाचने से रोक नहीं सके. सीएम ने पारंपरिक डांस भी किया. मौका था छत्तीसगढ़ के विशेष त्योहार हरेली का, जो विशेष रूप से खेती-किसानी से जुड़ा त्योहार है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम बघेल ने भी हिस्सा लिया और जमकर नाचे.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजधानी रायपुर स्थित निवास में 8 अगस्त को पूर्वान्ह 11 बजे इस साल भी परंपरा के अनुरुप छत्तीसगढ़ के प्रथम त्योहार ‘हरेली’ का आयोजन किया गया. संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री निवास को ग्रामीण परिवेश में सजाया गया और पारंपरिक वेश भूषा में स्थानीय कलाकारों ने जो समां बांधा तो सीएम भी खुद को थिरकने से रोक नहीं सके.
इस कार्यक्रम में पारंपरिक कृषि उपकरणों एवं गाय-बैलों का पूजन किया जाता है. इसके साथ ही पारंपरिक नृत्य, गड़वा बाजा के साथ छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों भौंरा चालन, गिल्ली डंडा तथा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया जाता है.

 

जनसुविधा की दृष्टि से हमने किया राज्य में 29 नई तहसीलों और 4 नए अनुविभागों का गठन : भूपेश बघेल

जनसुविधा की दृष्टि से हमने किया राज्य में 29 नई तहसीलों और 4 नए अनुविभागों का गठन : भूपेश बघेल

जांजगीर-चांपा । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज ‘‘लोकवाणी‘‘ की 20वीं कड़ी में ‘‘आदिवासी अंचलों की अपेक्षाएं और विकास‘‘ विषय पर प्रदेशवासियों से बात-चीत करते हुए सबसे पहले छत्तीसगढ़ी में प्रदेशवासियों को पारंपरिक हरेली तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अनुसार हरेली साल का पहला त्यौहार है। इस दिन अपने गांव-घर, गौठान को लीप-पोत कर तैयार किया जाता है। गौमाता की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़िया भावना को ध्यान में रखते हुए हरेली सहित पांच त्यौहारों में सरकारी छुट्टी घोषित की गई है।

जिले में किया गया लोकवाणी का मनोयोग से श्रवण-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मासिक लोकवाणी कार्यक्रम को जांजगीर-चांपा जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में भी बड़े उत्साह के साथ लोगों ने सुना। जिला मुख्यालय जांजगीर के वार्ड नंबर -22 में शांतिलाल रात्रे, अमित, श्रीकांत सूर्यवंशी, संतोष कहरा, सुनील, और रूद्रेश रात्रे ने भी कार्यक्रम का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद प्रदेश में पहली बार विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इससे सभी लोगों को आदिवासी समाज की परंपराओं, संस्कृतियों और उनके उच्च आदर्शों और जीवन मूल्यों को समझने का अवसर मिला है।
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेशवासियों को अगस्त माह में आने वाले त्यौहार हरेली, नागपंचमी, राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस, ओणम, राखी, कमरछठ और कृष्ण जन्माष्टमी की भी बधाई दी।
29 नई तहसीलों और 04 अनुविभागों का गठन-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ढाई वर्षों में 29 नई तहसीलें और 4 नए राजस्व अनुविभाग गठित किए हैं, उनमें से अधिकतर आदिवासी अंचल में ही हैं। कोरिया जिले में पटना के साथ चिरमिरी और केल्हारी तहसीलें भी गठित की गई हैं। इसके अलावा कबीरधाम जिले में रेंगाखार-कला, सरगुजा जिले में दरिमा, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में रामचंद्रपुर, सामरी, सूरजपुर जिले में लटोरी, बिहारपुर, जशपुर जिले में सन्ना और सुकमा जिले में गादीरास आदि प्रमुख हैं। इसी तरह चार नवीन अनुविभागों में दंतेवाड़ा का बड़े बचेली और बस्तर का लोहंडीगुड़ा शामिल है।
52 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी -
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन से हमें लगा था कि आदिवासी अंचलों और शेष क्षेत्रों के बीच विकास का अंतर दूर कर लिया जाएगा, लेकिन हमने देखा कि विगत वर्षों में यह अंतर और भी अधिक बढ़ गया है। इसलिए हमने सबसे पहले विश्वास जीतने की बात की। इसके लिए निरस्त वन अधिकार पट्टों के दावों की समीक्षा, जेल में बंद आदिवासियों के प्रकरणों की समीक्षा कर अपराध मुक्ति, बड़े उद्योग समूह के कब्जे से आदिवासियों की जमीन वापस लौटाने का निर्णय, तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा करने का निर्णय लिया गया। इससे आदिवासी अंचलों में सरकार और व्यवस्था के प्रति विश्वास का नया दौर शुरू हुआ है। हमने 7 से बढ़ाकर 52 वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की, पुरानी दरों को भी बदला जिसके कारण वनोपज संग्रह से ही 500 करोड़ रुपए से अधिक अतिरिक्त सालाना आमदनी का रास्ता बन गया। अनुसूचित क्षेत्रों में कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने के इंतजाम किए गए हैं तथा लाख को कृषि का दर्जा दिया गया है। वन अधिकार मान्यता पत्रधारी परिवारों के खेतों में उपजे धान को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है। देवगुड़ी और घोटुल स्थलों का विकास कर आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 1637 करोड़ रूपए की लागत से सड़कें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 16 हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे हमारे आदिवासी अंचलों को सैकड़ों ऐसी सड़कें मिलेंगी, जिनका इंतजार वे दशकों से कर रहे थे। नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में संपर्क बहाल करने के लिए हम 1 हजार 637 करोड़ रुपए की लागत से सड़कें बना रहे हैं। आदिवासी अंचलों में बिजली की सुविधा देने के लिए अति उच्च दाब के चार वृहद उपकेन्द्र का निर्माण पूरा कर लिया गया है। नारायणपुर, जगदलपुर, बीजापुर और सूरजपुर जिले के उदयपुर में ये उपकेन्द्र प्रारंभ हो जाने से बिजली आपूर्ति सुचारू हो गई है। इसके अलावा विगत ढाई वर्षों में आदिवासी अंचलों में सौर ऊर्जा से संचालित 74 हजार सिंचाई पम्प, 44 हजार से अधिक घरों में रोशनी और लगभग 4 हजार सोलर पेयजल पम्पों की स्थापना की गई है, जो अपने आप में कीर्तिमान है।
छत्तीसगढ़ को लघु वनोपज की खरीदी के लिए 11 राष्ट्रीय पुरस्कार-
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा में एक बड़े उद्योग की स्थापना के नाम से ली गई आदिवासियों की जमीन वापसी की घोषणा के साथ आदिवासियों को न्याय दिलाने का सिलसिला शुरू हो गया है। 10 गांवों के 1 हजार 707 किसानों को 4 हजार 200 एकड़ जमीन के दस्तावेज प्रदान किए जा चुके हैं। कोण्डागांव में मक्का प्रोसेसिंग इकाई का शिलान्यास किया गया है। प्रदेश में 146 विकासखण्डों में से 110 विकासखण्डों में फूडपार्क स्थापित करने हेतु भूमि का चिन्हांकन तथा अनेक स्थानों पर भूमि हस्तांतरण भी किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में 139 वनधन विकास केन्द्र स्थापित हो चुके हैं, जिनमें से 50 केन्द्रों में वनोपजों का प्रसंस्करण भी हो रहा है। इस काम में लगभग 18 हजार लोगों को रोजगार मिला है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड’ के नाम से 121 उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है। भारत सरकार की संस्था ट्रायफेड द्वारा 6 अगस्त को छत्तीसगढ़ को लघु वनोपज की खरीदी तथा इससे संबंधित अन्य व्यवस्थाओं के लिए 11 राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। यह हमारे आदिवासी अंचलों के साथ पूरे प्रदेश के लिए भी गौरव का विषय है। दुर्ग जिले में 78 करोड़ रुपए से अधिक लागत पर एक वृहद प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जा रही है। राज्य में वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए वनांचल उद्योग पैकेज लागू किया गया है। इसके अलावा दंतेवाड़ा में रेडिमेड कपड़ों का ‘ब्रांड डेनेक्स’ एक सफल प्रयोग साबित हुआ है। नवचेतना बेकरी भी काफी सफल हो रही है। ऐसे कामों से सैकड़ों स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है।
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ से बढ़ेंगे ग्रामीणों की आय के साधन-
‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को वे भविष्य में स्थानीय लोगों, आदिवासी और वन आश्रित परिवारों की आय के बहुत बड़े साधन के रूप में देखते हैं। खुद लगाए वृक्षों से इमारती लकड़ी की कटाई और फलों को बेचकर लोगों की आय बड़े पैमाने पर बढ़ेगी। निजी लोगों को ही नहीं, बल्कि पंचायतों और वन प्रबंधन समितियों को भी पेड़ लगाने और काटने के अधिकार दिए गए हैं।
हाट-बाजारों तक पहुंची स्वास्थ्य सुविधा, एनीमिया और कुपोषण में आई कमी
लोकवाणी के माध्यम से आदिवासी क्षेत्र की मूलभूत आवश्यकताएं अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, रोजगार और स्कूल में शिक्षकों की कमी के प्रश्न पर जवाब देते हुए श्री बघेल ने कहा कि निश्चित तौर पर आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सबसे बड़ी जरूरत है। इस दिशा में प्राथमिकता से काम शुरू किया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरतोें को डीएमएफ मद से पूरी करने के लिए आवश्यक नियम बनाए गए हैं। सीएसआर और अन्य मदों की राशि भी इन्हीं प्राथमिकताओं के लिए खर्च करने की रणनीति अपनाई है। इसके कारण बीजापुर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर में अब उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं। सुकमा जिले में भी बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के सुदूर अंचल में ग्रामीणों को सहजता से स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने हमने मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना शुरू की है। इससे अब आदिवासी भाई-बहनों का उपचार हाट-बाजारों में होने लगा है। इसका लाभ 11 लाख से अधिक लोगों को मिल चुका है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पांच वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे और 15 से 49 वर्ष तक की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया अर्थात खून की कमी से ग्रस्त थीं। आदिवासी जिलों में हालत और भी खराब थी। इसे देखते हुए हमने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया, जिसमें डीएमएफ और जनभागीदारी के योगदान को बढ़ावा दिया। योजना के माध्यम से बच्चों को दूध, अण्डा, स्थानीय प्रचलन के अनुसार पौष्टिक आहार दिया, जिसके कारण कुपोषण और एनीमिया की दर में तेजी से कमी आ रही है।
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की यूएनडीपी और नीति आयोग ने की सराहना-
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘मलेरिया मुक्त बस्तर’ अभियान शुरू होने से एक साल में बस्तर संभाग में मलेरिया के प्रकरण 45 प्रतिशत और सरगुजा संभाग में 60 प्रतिशत कम हो जाना सुखद है। यूएनडीपी और नीति आयोग ने मलेरियामुक्त बस्तर अभियान की तारीफ करते हुए बीजापुर जिले में मलेरिया में 71 प्रतिशत तथा दंतेवाड़ा में 54 प्रतिशत तक कमी करने की सफलता को बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में सराहा है और अन्य आकांक्षी जिलों को भी इस अभियान को अपनाने की सलाह दी है।
प्रदेश में 14 हजार 580 शिक्षकों की नियुक्ति-
श्री बघेल ने बताया कि शिक्षा के लिए हमने संकटग्रस्त क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया। जिसके कारण सुकमा जिले के जगरगुंडा में 13 वर्षों से बंद स्कूल बीते साल खुल चुका है। कुन्ना में स्कूल भवन का पुनर्निर्माण तथा दंतेवाड़ा जिले के मासापारा-भांसी में भी 6 सालों से बंद स्कूल अब खुल गया है। कोरोना काल में पढ़ाई तुंहर पारा अभियान के तहत लाखों बच्चों को उनके गांव-घर-मोहल्लों में खुले स्थानों पर भी पढ़ाया गया। प्रारंभिक कक्षाओं में बच्चों को मातृभाषा में समझाना अधिक आसान होता है इसलिए हमने 20 स्थानीय बोली-भाषाओं में पुस्तकें छपवाईं, जिसका लाभ आदिवासी अंचलों में मिला। बीस साल बाद प्रदेश में 14 हजार 580 शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियुक्ति आदेश दे दिए गए हैं। इससे आदिवासी अंचलों में भी शिक्षकों की कमी स्थायी रूप से दूर हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कोरोना की ‘तीसरी लहर’ को लेकर सभी से बहुत सावधान रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि पर्व-त्यौहार मनाते समय फिजिकल डेस्टैंसिंग का पालन करें, मास्क का उपयोग करें, हाथ को साबुन-पानी से धोते रहें तथा टीका जरूर लगवाएं। खुद को बचाए रखना ही सबसे जरूरी उपाय है।
मुख्यमंत्री बघेल ने राम-वन-गमन पथ पर बात करते हुए कहा कि यह बहुत गर्व का विषय है कि भगवान राम का अवतार जिस काम के लिए हुआ था, उन प्रसंगों की रचना छत्तीसगढ़ में हुई। वास्तव में भगवान राम छत्तीसगढ़ में कौशल्या के राम और ‘वनवासी राम’ के रूप में प्रकट होते हैं। यह अद्भुत संयोग है कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ में प्रवेश, संचरण और प्रस्थान सघन आदिवासी अंचल में ही हुआ। कोरिया जिले के सीतामढ़ी हरचौका में प्रवेश और सुकमा जिले के अंतिम स्थान कोंटा तक उनकी पदयात्रा। एक बार फिर राम के रास्ते पर चलते हुए अगर हम 2 हजार 260 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करते हैं तो इससे पूरे रास्ते में विकास के दीये जल उठेंगे। आस्था के साथ जुड़ी सड़कें, सुविधाओं के साथ आजीविका के नए-नए साधन भी आएंगे। यह समरसता और सौहार्द्र के साथ वनवासी राम के प्रति आस्था का परिपथ बनेगा, जो नदियों, नालों, झरनों, जलप्रपातों, खूबसूरत जंगलों से गुजरते हुए सैकड़ों पर्यटन स्थलों का उद्धार करेगा।
 

मुख्यमंत्री बघेल ने की कृषि यंत्रों की पूजा, मुख्यमंत्री निवास में हरेली की धूम...

मुख्यमंत्री बघेल ने की कृषि यंत्रों की पूजा, मुख्यमंत्री निवास में हरेली की धूम...

रायपुर। लोक महापर्व हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास पर धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गोधन तथा कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश वासियों को नये साल के पहले त्यौहार की बधाई दी। मुख्यमंत्री गेड़ी भी चढ़े और पर्व से जुड़ी परंपराओं का निर्वहन किया। उन्होंने रहचुल और गिल्ली डंडा के खेल का आनंद लिया।
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली का त्यौहार मनाने के लिए आज मुख्यमंत्री निवास के एक हिस्से को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया। मुख्यमंत्री निवास में गांव के घरों में जिस प्रकार पूजा की जाती है, उसकी झांकी तैयार की गई। छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नर्तकों, लोक गायकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों एवं साज सज्जा के साथ प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने उनका उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, विधायक मोहन मरकाम, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, राजेश तिवारी और प्रदीप शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।