अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के आवाह्न पर छत्तीसगढ़ प्रदेश युथ कांग्रेस व जिला कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, जिला महिला कांग्रेस कमेटी, जिला युथ कांग्रेस सरगुजा, जिला हृस्ढ्ढ सरगुजा ने आज सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
लोकतंत्र की हत्यारी मोदी सरकार की ओर से राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की महिला सांसदों के साथ अभद्र व्यवहार कर मारपीट की गई है। हमारे प्रदेश के लोकप्रिय राज्यसभा सांसदगण छाया वर्मा और फूलों देवी नेताम जी को चोट आई है। इस घटना की जिला युवा कांग्रेस कड़ी निंदा करता है। मोदी सरकार के खिलाफ काली पट्टी लगाकर पुतला दहन कर लोकतंत्र की हत्यारी मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से जिला कांग्रेसकमेटी के अध्यक्ष राकेश गुप्ता, महापौर अजय तिर्की, महिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सांध्या रवानी, अम्बिकापुर शहर ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, यूथ कांग्रेस सरगुजा जिला अध्यक्ष अजय सिंह शैलेन्द्र प्रताप सिंह, सतीश बारी, उत्तम राजवाड़े, हिमांशु जायसवाल, मिंकु शुक्ला, देवब्रत गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, शिप्पू सिंह, आकाश यादव प्रिंस जायसवाल, कृष्णा यादव, पवन साय, वैभव, अभिषेक, शकीला, रेणुका व गिता रजक, रजनी सीता श्रीवास्तव, पूर्णिमा, कुसुम, पूनम सोनी हामिदा, समा परवीन गीता प्रजापति, समस्त जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा महिला कांग्रेस के सदस्य उपस्थित थे
रायपुर: भाजपा सूचना के अधिकार प्रकोष्ठ ने सवाल उठाया कि राज्य स्तरीय क्रय समिति कोविड-19 की अंतिम बैठक कब होगी? यदि बैठक 2, 5 या 10 साल नहीं हुई तो क्या क्रय समिति द्वारा की गई खरीदी की जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी? यह सूचना के अधिकार कानून का खुला उल्लंघन है।
भाजपा सूचना के अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश मीडिया प्रभारी जयराम दुबे ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि कोविड संक्रमण काल मे राज्य सरकार ने जो कोरोना उपचार को लेकर खरीदी की है। उसमें बड़ी अनियमितता है। जब आरटीआई लगाई गई थी, तब छत्तीसगढ़ दवा निगम (सीजीएमएससीएल) के जन सूचना अधिकारी ने लिखित में जानकारी की दवा निगम ने नहीं बल्कि राज्य स्तरीय क्रय समिति ने कोरोना काल मे खरीदी की है। जब यह मामला सार्वजनिक हुआ तो दवा निगम ने पलटी मार दी और बताया कि दवा निगम ने 586.6 करोड़ की खरीदी की है।
मीडिया प्रभारी दुबे ने बताया कि जब उक्त खरीदी को लेकर दस्तावेज की मांग की गई तो बहानेबाजी करते हुए राज्य स्तरीय क्रय समिति से दस्तावेज मांगे गए। प्रथम अपील में गए तो वहा से लिखित जानकारी दे दी गई कि क्रय समिति की अंतिम बैठक के बाद दस्तावेज आवेदक को दिया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि खरीदी में किस तरह की गड़बड़ी और अनियमितता बरती गई है। भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ जल्द इस मामले में राज्य सूचना आयोग में अपील करेगा, उसके बाद हाइकोर्ट की शरण मे जाएंगे। उन्होंने कहा की कोरोना संक्रमण काल को राज्य की कांग्रेस सरकार ने आपदा को अवसर बनाने का काम किया है। यह परिलक्षित हो रहा है और पूरी प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है जिसके कारण विभाग के आला अधिकारी सवालों के घेरे में है।
रायपुर। राज्यसभा में छत्तीसगढ़ की दो महिला सांसदों के साथ पुरूष मार्शलों द्वारा किया गया दुर्व्यवहार केंद्र सरकार की मानसिकता और बौद्धिक दिवालिये पन को दिखाता है। जिस देश में `नार्यस्तु पूजयन्ति तत्र रमंते देवता` की परंपरा रही हो, जहां महिलाओं के सम्मान करने पर देवताओं के प्रसन्न होने के संस्कार हो वहां देश की सबसे बड़ी पंचायत में दो महिला सांसदों के साथ दुर्व्यवहार सर्वथा अस्वीकार्य और अक्षम्य है।
राज्यसभा संसद का उच्च सदन है ऐसा माना जाता है। राज्यसभा विमर्श और आचरण का जो उच्च आदर्श प्रस्तुत करता है। वह देश के लोगों को गौरवान्वित करता है। देश के जनसामान्य के लिए नजीर होती है। केंद्र सरकार ने इसी राज्य सभा में महिला सांसदों के साथ जो बदतमीजी करवाई उससे भारत का गौरवशाली लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली दोनों कलंकित हुई।
इस दुर्भाग्यजनक घटना के बाद जिस प्रकार से भाजपा का नेतृत्व और उनके नेता पीड़ित महिला सांसदों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे वह अनुचित निंदनीय और भाजपा के नारी विरोधी चरित्र को बताते है। महिला सांसदों से दुर्व्यवहार करने के तुरंत बाद कि 10 सेकंड की क्लिप को जारी कर भाजपाई न अपने कुकर्म पर पर्दा डाल सकते और न ही दोषियों को बचा सकते।
इस घटनाक्रम से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा मूल रूप से महिलाओं की विरोधी है यह भाजपा के जीन में है। जिस आरएसएस ने वर्षों तक महिलाओं को अपने संगठन से दूर रखा जिस आरएसएस में आज भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा नहीं है उस आरएसएस की पोषित भाजपा की सरकार कैसे यह बर्दाश्त करें कि उसके सरकार के खिलाफ दो ऐसी महिलाएं मुखर हो कर बोल रही जो छत्तीसगढ़ जैसे दूरस्थ क्षेत्र के पिछड़े वर्ग और आदिवासी समाज से आती है।
भाजपा का यह आचरण इस दल का फासीवादी अधिनायकवादी रवैया है जो अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को किसी भी स्तर तक जा कर कुचलना चाहता है। संसद में जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ की दो महिला सांसदों एक आदिवासी वर्ग की फूलोदेवी नेताम और पिछड़ा वर्ग की छाया वर्मा इन पर जिस तरीके से भाजपा के पुरूष सांसदों ने और मार्शलों ने हमला किया वह बेहद और शर्मनाक है। छत्तीसगढ़ की महिला सांसदों का यह अपमान छत्तीसगढ़ के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। घूसे बरसाये गये इन महिला सांसदों पर धक्का देकर गिराया गया। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता इस बर्बरता और असंसदीय आचरण को उचित साबित करने के लिये राजधानी रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस करते है, इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?
भाजपा के सांसदों ने और संसद के मार्शलों ने छत्तीसगढ़ की नारी शक्ति का और छत्तीसगढ़ की गौरवशाली परंपराओं का अपमान किया है। संस्कारी प्रदेश छत्तीसगढ़ है इस पर कोई असहमति नहीं हो सकती है। लेकिन संसद में जो कुछ भी हुआ उससे तो संस्कार टूटे है।
बीमा विधेयक को पारित कराने के लिये संसदीय आचरण और मर्यादा को तार-तार करने वाले लोग छत्तीसगढ़ को और कांग्रेस को मर्यादा नैतिकता की शिक्षा न दें। भाजपा की नैतिकता और मर्यादा तो हम छत्तीसगढ़ के लोग भली-भांति जानते है।
नरेन्द्र मोदी जी भी छत्तीसगढ़ भाजपा के नैतिकता और मर्यादा के मानदंडों को बखूबी जानते समझते है। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर्यवेक्षक बन के वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में आये थे और उनके साथ जो कुछ हुआ उसको वे भी नहीं भूले होंगे और छत्तीसगढ़ के लोग भी नहीं भूले हैं। इसके पहले भी किसान विरोधी तीन काले कानूनों को पास कराने के लिये ऐसी ही अलोकतांत्रिक कार्यविधि अपनाई गयी थी। केन्द्र के तानाशाही सरकार ने सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया। सदन में महिला सांसदों का अपमान बहुत ही निंदनीय है। भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है।
राज्यसभा संसद मे महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की घटना बहुत ही निंदनीय एवं शर्मनाक घटना है। भारतीय जनता पार्टी के महिला विरोधी चरित्र का ये जीताजागता सबूत है जिसे देश की 139 करोड़ की जनता ने देखा है।
आज देश की राजधानी दिल्ली में नारी शक्ति का अपमान हुआ। महिला सांसदों के साथ ऐसा अपमान संसद में हो सकता है तो समान्य महिलाओं के साथ कितना अत्याचार होता होगा। राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम को संसद में मार्शल द्वारा धक्का दिया गया जिससे वह नीचे गिर गई हाथ व पैर में मोच आ गई है। भाजपा का यही असली चेहरा है महिलाओं का अपमान करना। इस घटना को इतिहास कभी भूल नहीं पायेगा।
रायपुर, पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में आज दिनांक 14/08/21 को एनएसयूआई के महासचिव संकल्प मिश्रा द्वारा लगातार ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने की मांग को लेकर आज विश्वविद्यालय के गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया इस हस्ताक्षर अभियान में सैकड़ों छात्रों ने हस्ताक्षर कर विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग की छात्रों की कक्षा एवं पढ़ाई ऑनलाइन पद्धति से की गई है तो परीक्षा भी ऑनलाइन पद्धति से ली जाए।
जिला महासचिव संकल्प मिश्रा ने बताया की जिस प्रकार विश्वविद्यालय प्रशासन ऑफलाइन पद्धति से एग्जाम लेना चाह रही है हम उसका विरोध लगातार करते हुए आ रहे हैं हमने ज्ञापन के माध्यम से पहले भी अवगत कराया है कि परीक्षा ऑनलाइन पद्धति से ली जाए और आज हमने विश्वविद्यालय के मेन गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाया और इस अभियान में "जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा" की मांग को लेकर हस्ताक्षर कराया इसमें सैकड़ों की तादाद में छात्रों द्वारा हस्ताक्षर कर इस अभियान का समर्थन किया और हम आने वाले समय में विश्वविद्यालय का घेराव भी करेंगे यदि हमारी मांग पूरी नहीं होती तो।
अभियान में NSUI विधानसभा अध्यक्ष देव निर्मलकर, केशव सिन्हा, हर्षराज शर्मा, शिवंशराज शुक्ला, ऋषभ डगरे, राज साहू, निशांत शर्मा, संस्कार द्विवेदी,भावेश वर्मा, कबीर साहू, अलंकार अग्रवाल, विनायक गुप्ता, शुभम शर्मा, आदि शर्मा, परम सिंह, रोहन दुबे, अथर्व श्रीवास्तव, विजय जेठानी, हिमांशु पाठक, दिव्य चंद्रवंशी, मो. ताहिर आदि उपस्तिथ थे
नई दिल्ली। राज्यसभा में सदन की मर्यादा तोड़ हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ सभापति वेंकैया नायडू सख्त एक्शन की तैयारी में हैं। इन सांसदों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए इसे लेकर जानकारों की राय ली जा रही है। सदन में जो कुछ हुआ उसे लेकर नायडू ऐतराज जता चुके हैं। सदन में हंगामा इतना बढ़ गया कि नौबत धक्का-मुक्की तक की आ गई थी। अब इस मामले में वेंकैया नायडू ने सचिवालय के पूर्व मौजूदा सदस्यों से कानूनी सलाह ली है। माना जा रहा है कि हंगामा करने वाले सांसदों पर कार्रवाई तय है।
विशेषाधिकार समिति को सौंपा जा सकता है मामला
सूत्रों के मुताबिक हंगामा करने वाले सांसदों पर कार्रवाई के लिए मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपा जा सकता है। नई समिति बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य सभा की विशेषाधिकार समिति किसी सदस्य या परिषद या उसकी किसी समिति के विशेषाधिकार के उल्लंघन से जुड़े मुद्दों पर गौर कर सकती है। जबकि नैतिकता संबंधी समिति सदस्यों के नैतिक आचरण जांच करने के लिए देखरेख करती है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि वेंकैया नायडू के पास इसके अलावा एक विकल्प भी है। नायडू इस मामले में जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन कर सकते हैं। ऐसी ही एक समिति का गठन UPA-I की सरकार के दौरान इसका इस्तेमाल सोमनाथ चटर्जी ने लोकसभा अध्यक्ष के रूप में किया था। तब लोकसभा में कुछ सदस्यों द्वारा पैसे लेकर सवाल पूछने का मामला सामने आया था। उस समय पवन कुमार बंसल की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गठित की गई। इस समिति ने लोकसभा ने अपने 10 सदस्यों को निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित किया था।
जानकारों की ली जा रही सलाह
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सभापति नायडू ने अक्टूबर 2007 से सितंबर 2012 तक राज्यसभा के महासचिव रहे वीके अग्निहोत्री से बात की है। वहीं कानून के बड़े जानकार सुभाष कश्यप से सलाह लेने का मन बना रहे हैं। कश्यप ने दिसंबर 1983 से अगस्त 1990 तक लोकसभा महासचिव के रूप में कार्य किया था। सुभाष कश्यप मौजूदा समय में संसदीय परंपरा संविधान के बड़े जानकार हैं। केंद्र से लेकर राज्य सरकार उनसे कानूनी सलाह ले चुकी हैं।
रायपुर । रायपुर जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीचन्द सुन्दरनी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस महानिरीक्षक डॉ आनंद छाबड़ा से मिलकर ज्ञापन दिया तथा लचर पुलिस व्यवस्था को सुधारने कुछ बिंदुओं में सुझाव भी दिए। श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि राजधानी रायपुर में हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, डकैती, अपहरण,सायबर अपराध, अवैध नशे का कारोबार, छुरे बाजी अब आम बात हो गई है। अब अपराधी पुलिस पर हमले करने लगी है। जब पुलिस अपने ही लोगों सुरक्षा नहीं कर पा रही है तो आम लोगों का क्या हाल होगा। दूसरे प्रदेश के अवैध शराब, नशे की गोलियां आज खुलेआम गली-गली में बिक रही है। पूरा जिला जुआ और सट्टे की चपेट में आ गया है। खुलेआम देर रात तक हुक्का बार चल रहे हैं, एटीएम लूटा जा रहा है, साइबर अपराध के नाम से इस नये अपराध ने शहर को अपनी चपेट में ले चुका है। पीड़ित एफ आई आर दर्ज करवाने थाने पहुंचते हैं तो उन पर एफ आई आर दर्ज नहीं की जाती है।
उन्होंने कांग्रेस सरकार के दबाव के कारण पुलिस के गिरते मनोबल व अपराध रोकने में अक्षमता पर भी चर्चा की। उन्होंने वर्ष वार अपराध के आंकड़े देकर पुलिस महानिरीक्षक को इन अपराध को रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए।
भाजपा ने मांग की कि त्योहारी सीजन को देखते हुए चालानी कार्रवाई रोकी जाए । क्योंकि आस-पास के गांव से बड़ी संख्या में लोग रायपुर आते हैं और इस चलान की कार्रवाई से उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
भाजपा ने बाहर से आए लोगों, ऑफिस, मकान, दुकान के स्टाफ व किराएदार के वेरिफिकेशन की व्यवस्था ऑनलाइन ऐप के माध्यम से करने की मांग की ।
भाजपा ने सकरी गली मोहल्ले में होने वाले अपराध रोकने के लिए, भाजपा शासन काल के समान पुलिस मित्र व बाइक गश्त का प्रयोग करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने रात्रि कालीन पेट्रोलिंग बढ़ाने, अपराध को रोकथाम के लिए थाने में सामंजस्य के लिए सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम की व्यवस्था करने, अपराध में कमी न आने पर संबंधित थानेदारों की जिम्मेदारी तय करने की मांग की ।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि हम अपने तय कार्यक्रम अनुसार कानून व्यवस्था के लिए पुलिस महानिरीक्षक के पास निवेदन करने आए हैं व शीघ्र ही शहर की विभिन्न समस्याओं को लेकर निगम कमिश्नर व कलेक्टर व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी निवेदन लेकर जनहित के कार्यों के लिए जाएंगे।
जिलाध्यक्ष के साथ पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन देने प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू,पूर्व विधायक नंदे साहू, जिला महामंत्री ओंकार बैस ,रमेश सिंह ठाकुर, निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, जिला मंत्री अकबर अली , मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल शिष्टमंडल में शामिल थे।
रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में बिजली दर बढ़ाए जाने पर विरोध जताते हुए भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली बढ़ोतरी को लेकर जो फैसला लिया है उसके विरोध में 17 अगस्त को पूरे प्रदेश में कंडील यात्रा निकाली जाएगी इसके साथ ही बिजली विभाग के कार्यालय में प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं राजधानी रायपुर के नगर निगम के 70 वार्ड, बिरगांव नगर निगम के 40 व माना के 15 वार्डों में भाजपा कार्यकर्ता जंगी प्रदर्शन व कंडील यात्रा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जब से सत्ता में आई है उस दिन से ही हर वादे पर मुकरने व विश्वासघात करने का नया अध्याय रच रही है। इस कोरोना काल में आम उपभोक्ताओं को मदद के बजाय बिजली बिल के दरों में बढ़ोतरी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने साबित कर दिया है कि उन्हें जन सरोकार से कोई मतलब नहीं और सत्ता का आनंद ही उनका अंतिम लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस समय पूरा प्रदेश, कांग्रेस सरकार के इस फैसले से ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली बिल हाफ, कर्जा माफ के वादे के साथ सत्ता में आयी कांग्रेस ने जनता को बिजली में 8 पैसे के राहत न देने के बजाय 8 प्रतिशत दर बढ़ाकर दगा किया है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घरेलू बिजली की औसत दर 6.41 निर्धारित की है जो पिछले वर्ष 5.93 यूनिट थी अब यह दर पिछले साल की तुलना में 48 पैसा अधिक होगा। उन्होंने कहा कि जब हम सरकार में थे, तब पूरे प्रदेश में सरप्लस इलेक्ट्रिक स्टेट के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके थे, लेकिन जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आयी है बिजली कटौती से समाज का हर वर्ग परेशान है। प्रदेश के किसी शहर, गांव, टोले में विद्युत की आपूर्ति सही नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस फैसले से किसान से लेकर मजदूर तक हर व्यक्ति परेशान है। अब तो परिस्थितियां यह हो चली है कि नए कनेक्शन लेने में भी आम उपभोक्ताओं के काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्ज में डूबी प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जरा भी प्रदेश वासियों की चिंता नहीं है। आखिरकार कोरोना जैसे हालत के बीच बिजली बिल की दर में बढ़ोतरी कर प्रदेश की सरकार क्या साबित करना चाहती है वह खुद ही जानती है। सबको अंधेरे में रख कर आखिरकार किस उजाले की बात प्रदेश की सरकार करती है, वह समझ से परे है। हालात तो इतने दुखदायी है कि प्रदेश की सरकार अब ट्रांसफार्मर तक भी नहीं बदल पा रही है इससे दुखद और क्या हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की सरकार को जनहित में बिजली बढ़ोतरी का फैसला वापस लेना चाहिए।
इस मौके पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत व भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग के प्रभारी नलिनीश ठोकने मौजूद थे।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर में पुजारियों ने जमकर हंगामा किया. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उनके पुत्र व विधायक आकाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला को भस्म आरती से ठीक पहले महाकाल दर्शन कराने को लेकर मुख्य पुजारियों को रोका गया, इसके कारण भस्मप आरती करीब आधे घंटे लेट हुई।
घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें देखा जा सकता है कि विजयवर्गीय और अन्यन बीजेपी नेता जब दर्शन के लिए जा रहे थे तो पुजारी उनसे आने नहीं देने को लेकर शिकायत कर रहे हैं. वीडियो में पुजारियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है,' कैलाश जी.. मेंदोला जी... पुजारियों को आपके कारण नीचे आने नहीं दिया जा रहा है, क्याउ आप इस बारे में कुछ बोलेंगे. इस दौरान रमेश मेंदोला मुंह पर कपड़ा ढांककर मीडिया से बचकर निकलते दिखाई दिए।
गौरतलब है कि महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान सभी वीआईपी और आम श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है. मुख्यत पुजारी ने बताया कि इस कारण भस्मा आरती करीब आठ घंटे लेट हुई, पास भी दिखा दिया लेकिन जाने नहीं दिया गया. यह हालत है पुजारियों की. उन्होंबने कहा कि ऐसा हर साल होता है।
मंदिर में भी वीआईपी! महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान सभी वीआईपी और आम श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है लेकिन @KailashOnline @AkashVOnline @Ramesh_Mendola के लिये पुजारियों तक को रोक दिया गया और आपको लगता है @BJP4India धर्म की ध्वजा उठाती है @manishndtv @vinodkapri pic.twitter.com/CozyuiSYUe
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 13, 2021
रायपुर। राज्यसभा संसद मे महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की घटना को प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने बहुत ही निंदनीय एवं शर्मनाक घटना बताते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी के महिला विरोधी चरित्र का ये जीताजागता सबूत है जिसे देश की 139 करोड़ की जनता ने देखा है। आज देश की राजधानी दिल्ली में नारी शक्ति का अपमान हुआ। महिला सांसदों के साथ ऐसा अपमान संसद में हो सकता है तो सामान्य महिलाओं के साथ कितना अत्याचार होता होगा। राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम को संसद में मार्शल द्वारा धक्का दिया गया जिससे वह नीचे गिर गई हाथ व पैर में मोच आ गई है। भाजपा का यही असली चेहरा है महिलाओं का अपमान करना। इस घटना को इतिहास कभी भूल नहीं पायेगा। भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। लोकतंत्र में जनता को प्रभु की मूरत माना जाता है और संसद को लोकतंत्र का मंदिर लेकिन जब लोकतंत्र के मंदिर में पुजारी की जगह पांखडी बैठ जाएं और जनता जनार्दन के ऊपर जुल्म करें। यदि जनता के हित की बात करो तो देशद्रोही का नाम दिया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही चल रही है। सरकार नए-नए तरीकों से तानाशाही रूख ऐसी योजनाओं को जनता पर थोप रही है जिससे लोगों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। रमन राज में भी महिलाओं एवं बच्चियों के साथ बहुत सारे अनाचार एवं अत्याचार हुए है।
रायपुर, भारतीय जनता युवा मोर्चा, जिला रायपुर के आव्हान पर भाजयुमो तेलीबांधा मंडल द्वारा तेलीबांधा चौक एवम तेलीबांधा तालाब में भूपेश सरकार के बेरोजगारी भत्ता के वादाखिलाफी के विरोध में लॉलीपॉप बांटा, एवम साथ ही साथ लोगो को राज्य सरकार की वास्तविक रूप से अवगत कराया की कैसे भूपेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता, शराब बंदी, बिजली बिल हाफ जैसे वादा तो किया परंतु सरकार बनने के बाद आज तक उन मुद्दों पर उन पर ध्यान तक नही दिया, ये प्रदेश के युवाओं के साथ सीधा सीधा विश्वासघात है ।
इस उपलक्ष्य में भाजपा जिला मंत्री हरीश ठाकुर जी , मंडल अध्यक्ष सुश्री अर्चना शुक्ला जी ,रोहित साहू जी (पार्षद), दलविंदर बेदी जी, प्रवीण साहू जी , प्रखर साहू जी
भाजयुमो तेलीबांधा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र साहू , महामंत्री प्रेम कुर्रे, गोकुल थानापति, उपाध्यक्ष गोलू नागेश यादव, पप्पू ठाकुर, मुकेश चौहान, अमित बांसपाल, राकेश मार्कण्डेय, नीलकंठ साहू, हनी साहू, यश शुक्ला, राकेश शर्मा, संतोष शुक्ला, तारण यादव, हर्ष साहू आदि भाजयुमो के कार्यकर्ता मौजूद थे ।
रायपुर, रायपुर के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्रा के बीजेपी में शामिल होने की ख़बर आने लगी है. बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की ख़बरें आईं. इसके बाद इस बात की चर्चा तेज़ हो गयी. नड्डा ने उन्हें भाजपा का गमछा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया.
अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखन लाल मिश्र के पुत्र गणेश शंकर मिश्रा का जन्म रायपुर के तिल्दा ब्लाक स्थित ग्राम मूरा में हुआ। परिवार की ख्याति शुरू से ही देशभक्ति और जनसेवा के मूल्यों पर आधारित थी। इन्हीं मूल्यों को साथ कर गणेश शंकर मिश्र ने अपने 36 वर्षीय शासकीय सेवाकाल में देश और प्रदेश में खूब यश अर्जित किया और अनेक अवसरों पर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया।
रायपुर नगर निगम के अंतिम प्रशासक के तौर पर मिश्रा ने 5 महीने के अन्दर पूरे शहर का कायाकल्प कर डाला था, आज जो घड़ी चौक रायपुर की पहचान बन गया है वो आपकी ही देन है। उस समय युद्ध अभियान चलाकर शहर के 5000 से अधिक बेजा कब्जे हटाये गए जिसके कारण मिश्रा को बुलडोज़र प्रशासक कहा जाने लगा। 1995 में आपके द्वारा आयोजित प्रतिष्ठा नेत्र शिविर में 11 दिन के अन्दर 5000 से अधिक मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन कराये गए थे, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। राजनंदगांव में कलेक्टर रहते हुए गणेश शंकर मिश्रा ने डोंगरगढ़ पदयात्रा का ऐसा जबरदस्त मैनेजमेंट किया था कि उनके पूरे कार्यकाल में पहली बार वृहद् स्तर पर पदयात्रियों की सेवा सहयोग के लिए स्व सहायता समूहों एवं सामाजिक संगठनों के माध्यम से हर 2-3 km की दूरी में पंडाल सजाकर भोजन, फलाहार, चिकित्सकीय सेवा एवं आराम की व्यवस्था रखी गयी थी।
इस दौरान सबसे उल्लेखनीय यह था कि पदयात्रियों की संख्या तो बढ़ी पर दुरुस्त प्रशासनिक मुस्तैदी के चलते एक भी पदयात्री का लहू सड़क पर नहीं बहा मिश्रा जब तक कलेक्टर रहे प्रतिवर्ष के दोनों नवरात्र में हर दिन दो से तीन बार डोंगरगढ़ जाकर सारी व्यवस्था का अवलोकन स्वयं करते थे। राजनंदगांव जिले में 500 से अधिक बाल विवाह समझाईश से रुकवा कर सामाजिक क्रांति की अलख इन्होने जगाई थी।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सम्मिलित क्षेत्र के प्रथम 12 ODF निर्मल ग्राम पंचायत भी मिश्रा के प्रयासों से वर्ष 2005 में राजनंदगांव में ही हुए, जिसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम ने दिल्ली में मिश्रा को पुरस्कृत कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया था। बस्तर में कलेक्टर होकर गए तो जगदलपुर शहर की जनता से ऐसा कनेक्शन बन गया कि सभी लोग जगदालपुर के सौन्दर्यीकरण का मिश्रा का स्वप्न साकार करने में बढ़-चढ़कर योगदान देते हुए अपने बेजा कब्जे हटाने लगे, कोई अप्रिय घटना या वाद-विवाद नहीं हुआ, परिणाम ऐसा कि 2007 में ऐसी चौड़ी सड़कें व्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम और भव्य चौक-चौराहे बने जैसे उस समय राजधानी रायपुर में भी नहीं थे। अगले ही वर्ष राज्य के सबसे अधिक ODF निर्मल ग्राम बस्तर जिले से हुए | देश का प्रथम ओक्सीज़ोन वन भी बस्तर में मिश्रा ने बनवाया था।
नवरात्रि में दंतेश्वरी माता के दर्शन को जाने वाले पदयात्रियों को डोंगरगढ़ पैटर्न की तर्ज पर जब सुविधा श्री गणेश शंकर मिश्रा के निर्देशों पर मिली तो माई के दरबार में जाने वाले पदयात्रियों की संख्या बढ़कर लाखों में हो गयी। आदिवासी इलाके में देवी उपासना की यह अलख हमारे मिश्राजी के प्रयासों से ही संभव हो पाया।
पूरे बस्तर संभाग की पहली आदमकद गाँधी प्रतिमा मिश्र द्वारा बस्तर जिलाधीश कार्यालय में लगवाई गयी और उन्होंने कलेक्टोरेट को गाँधी के आदर्शों का सेवा सदन बना डाला कार्यप्रणाली में परिवर्तन ऐसा जिसे आम लोगों ने महसूस करते हुए अधिकारीयों-कर्मचारियों में आयी संवेदनशीलता और अनुशासन तथा कार्य के प्रति निष्ठा की भूरी-भूरी प्रशंसा की एक लोकतान्त्रिक सरकार के नुमाइंदे के तौर पर कार्यरत जिलाधीश पर बाधा लोक विश्वास बस्तर जैसे नक्सलग्रस्त क्षेत्र में प्रजातान्त्रिक मूल्यों की बहुत बड़ी जीत थी।
गणेश शंकर मिश्रा सबसे लम्बे समय तक आबकारी और वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त रूप से सि रहे, इस दौरान शराबबंदी की दिशा में अब तक की सबसे सार्थक पहल करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर भारत माता वाहिनी का गठन किया, जिसके तहत घर-घर जाकर मदिरापान करने के कारण बर्बाद हो रहे लोगों को एक समूह समझाईश देता था और कभी मदिरा सेवन न करने की शपथ दिलाता था।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में सचिव बने तो हर घर नल योजना के अंतर्गत सिर्फ 2 वार्षों में राज्य भर में इतने नल कनेक्शन हुए जितना आज़ादी से 65 वर्ष पश्चात् तक की स्थिति के तुलना से लगभग 5 गुना था। रमन के गोठ कार्यक्रम जो रेडियो में बहुत पसंद किया जाता था, उसकी परिकल्पना भी मिश्र ने ही की अपने शासकीय सेवा के अंतिम पायदान में जब जल संसाधन के प्रमुख सचिव रहे तो मिश्रा ने काम समेटने के बजाये अभियान लक्ष्य भागिरती छेड़ डाला, जिसे वे अपने सभी कार्यों में सबसे ज्यादा महत्वकांक्षी बताते हैं।
मिश्रा के नेतृत्व में एक वर्ष में 1 लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई क्षमता विकसित की गयी थी, जो औसतन 39 हजार प्रतिवर्ष ही होती थी। मिश्र की मंशा थी की छत्तीसगढ़ के किसान अपनी खेती के लिए मानसून पर निर्भर न रहें और 100% सिंचाई क्षमता सन 2028 तक विकसित करने हर वर्ष कम से कम एक लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता विकसित की जाये। मिश्रा को आज भी मलाल है यह काम अब उन्डे बसते में चला गया है। कभी बुलडोजर प्रशासक तो कभी गाँधीवादी सेवक सेवक के रूप में मिश्रा जी का अब तक का सेवाकाल आरंभ से ही जमीनी पुख्ता और जनहितकारी रहा है। सेवानिवृत्ति के पश्चात् अपना ज्यादातर समय आप अपने पैत्रिक ग्राम में देते हैं और अपने खेत-खलिहान को दुरुस्त करने में व्यस्त रहते हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई नेताओं के अकाउंट के बाद अब कांग्रेस पार्टी का ट्विटर अकाउंट भी लॉक हो गया है। गुरुवार को कांग्रेस ने दावा करते हुए कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिया गया है, लेकिन हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। कांग्रेस ने कहा कि जब हमारे नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, हम तब नहीं डरे तो अब ट्विटर अकाउंट बंद करने से क्या ख़ाक डरेंगे। हम कांग्रेस हैं, जनता का संदेश है, हम लड़ेंगे, लड़ते रहेंगे। अगर दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाना अपराध है, तो ये अपराध हम सौ बार करेंगे। जय हिंद...सत्यमेव जयते।
राहुल गांधी का भी ट्विटर अकाउंट हुआ था लॉक
आपको बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में एक नौ साल की बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म फिर हत्या के मामले में उसके परिवार से मुलाकात की थी और इसके कुछ देर बाद ही राहुल गांधी ने इस मुलाकात की तस्वीर ट्विटर पर साझा की थी। राहुल गांधी के ट्वीट के खिलाफ राष्ट्रीय बाल आयोग की शिकायत के बाद ट्विटर ने न केवल राहुल गांधी का ट्वीट हटा दिया बल्कि उनके अकाउंट पर अस्थाई रोक भी लगा दी। ट्विटर के जरिए रोजाना मोदी सरकार पर हमला करने वाले राहुल गांधी पाबंदी के कारण दो दिन से ट्वीट नहीं कर पाए।
इन कांग्रेस नेताओं के भी ट्विटर अकाउंट हुए थे लॉक
राहुल गांधी के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, लोकसभा में पार्टी के सचेतक मनिकम टैगोर, असम प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव के ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिए गए थे।
रायपुर, पं रविशंकर वि.वि में NSUI महासचिव संकल्प मिश्रा एवं अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने को लेकर कुलपति एवं कुलसचिव के सामने ज्ञापन और दंडवत प्रणाम कर अपनी मांग रखी।
रायपुर NSUI के महासचिव संकल्प मिश्रा ने आज दिनांक 11/08/21 को पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा की मांग को लेकर कुलपति एवं कुलसचिव को ज्ञापन दिया इस दौरान कुलपति और कुलसचिव प्रशासनिक भवन के बाहर आकर ज्ञापन को प्राप्त किया इस बीच में संकल्प मिश्रा एवं साथ गए एनएसयूआई के पदाधिकारियों एवं छात्रों द्वारा कुलपति एवं कुलसचिव के सामने हाथ जोड़कर दंडवत प्रणाम किया और कुलपति से यह मांग की जब बच्चों के क्लास ऑनलाइन हुए हैं तो परीक्षा को ऑफलाइन क्यों कराया जा रहा है इसको लेकर कुलपति को ज्ञापन दिया और बड़े अनोखे तरीके से अपनी मांग को विश्वविद्यालय के प्रशासन के सामने रखा।
रायपुर जिला महासचिव संकल्प मिश्रा ने बताया की आज हम पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन एग्जाम कराने की मांग को लेकर एकत्रित हुए हैं इस दौरान हमने विश्वविद्यालय के प्रशासन से यह मांग की जब सारी कक्षाएं ऑनलाइन पद्धति से संचालित की गई है तो परीक्षाओं को भी ऑनलाइन पद्धति से ही कराया जाए क्योंकि भारत में डॉक्टर और विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर भी आने वाली है इसको देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य साथ खिलवाड़ ना किया जाए और जिस प्रकार सारी कक्षाएं संचालित की गई है उसी तरीके से परीक्षाओं को भी ऑनलाइन पद्धति से ही लिया जाए इस मांग को लेकर आज हम कुलपति एवं कुलसचिव को ज्ञापन दे रहे हैं और सारे विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा प्रशासन भवन के सामने हम सभी ने विनम्र तरीके से हाथ जोड़कर दंडवत प्रणाम कर कर इस मांग को विश्वविद्यालय के पटल पर रखा यदि आने वाले समय में विश्वविद्यालय अपना फैसला नहीं बदलती तो हम इस मांग को लेकर विश्वविद्यालय का घेराव भी करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से हर्ष राज शर्मा, शिवांश राज शुक्ला, ऋषभ डगरे, दीपेश यादव, निशांत शर्मा,संस्कार द्विवेदी, प्रेम साहू, प्रमोद चंद्रवंशी, विशाल असगर आदि छात्र मौजूद थे
मेडक: तेलंगाना के मेडक जिले में एक राजनीतिक पार्टी के नेता का दर्दनाक हत्या कर दी गई। पुलिस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और व्यवसायी वी. श्रीनिवास प्रसाद अपनी जली हुई कार की डिक्की में मृत पाए गए। मेडक जिले की पुलिस अधीक्षक चंदना दीप्ति के मुताबिक, दिन की तड़के कुछ आरोपियों ने श्रीनिवास को उनकी कार समेत आग लगा दी। आग की सूचना मिलने के बाद हम पहुंचे तो देखा कि श्रीनिवास का शव कार की डिक्की में पड़ा था। आरोपियों ने श्रीनिवास को उनकी कार के साथ ही आग लगा दी है।
बताया गया कि जांच अभी भी जारी है, लाश को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया है। 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है। वहीं, इससे पहले पिछले हफ्ते तेलंगाना में एक महिला ने अपने दो बच्चों को मार दिया और फिर खुद बाद में आत्महत्या करने का प्रयास किया, जिसको बचा लिया गया। संगारेड्डी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एम रमण कुमार ने बताया था कि एक 30 वर्षीय महिला ने शुक्रवार को अपने दो बेटों की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी और बाद में एक झील में कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि महिला ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि छह और चार साल की उम्र के दोनों बच्चे जानलेवा बीमारियों से पीड़ित थे।
महिला को मछुआरों ने बचाया और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। झील में कूदने से पहले उसने अपने मोबाइल पर एक सेल्फी ली और अपने पति को भेज दी।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत के बाद अब त्रिपुरा में बीजेपी और टीएमसी के बीच रार मची हुई है। हाल ही में हुई राजनीतिक हिंसा की घटनाओं को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच त्रिपुरा पुलिस ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी समेत तृणमूल नेताओं डोला सेन, ब्रत्य बसु, कुणाल घोष, सुबल भौमिक और श्रीप्रकाश दास के खिलाफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन पर अतिरिक्त एसपी और एसडीपीओ खोवाई के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने और उनकी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का आरोप है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि रविवार सुबह 14 तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद मंत्री ब्रत्य बसु और सांसद डोला सेन के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक समूह खोवाई थाने पहुंचा। इसके तुरंत बाद ही अभिषेक बनर्जी भी थाने पहुंच गए। टीएमसी नेताओं ने एडिशनल एसपी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया। अब त्रिपुरा पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
गौर हो कि पिछले दिनों टीएमसी के तीन युवा नेताओं, देबांग्शु भट्टाचार्य, सुदीप राहा और जया दत्ता पार्टी के काम से त्रिपुरा गए थे। इस दौरान रास्ते में रोककर इन लोगों पर हमला किया गया। युवा नेताओं ने आरोप लगाया कि उनकी कारों को अंबासा रोड पर रोका गया और हमला किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगरतला के बाद धर्मनगर में गोलियां चलाई गईं और एक टीएमसी कार्यालय में तोडफ़ोड़ की गई। इसके बाद त्रिपुरा पहुंचे अभिषेक बनर्जी को भी काले झंडे दिखाए गए। आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ता ने उनकी कार पर डंडे से हमला किया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इसके बाद खोवई थाने पर प्रदर्शन कर रहे तृणमूल के 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को कोरोना नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनमें बीते दिन भाजपा कार्यकर्ताओं के कथित हमलों में घायल कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इन सभी को खोवाई में सीजेएम अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत भी दे दी गई।