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सैर सपाटा संघ द्वारा संस्कृत कॉलेज परिसर में विश्व योग दिवस के अवसर पर किया योगाअभ्यास

सैर सपाटा संघ द्वारा संस्कृत कॉलेज परिसर में विश्व योग दिवस के अवसर पर किया योगाअभ्यास

रायपुर,सैर सपाटा संघ, संस्कृत कॉलेज में विश्व योगा दिवस पर आज शोशल डिस्डेन्टिग का पालन करते हुऐ हमारे योगा महागुरू श्री अशोक शर्मा जी के द्वारा योगाअभ्यास कराया गया,76वर्षीय महायोग गुरु ने बताया गया कि अगर आप रोज सुबह 1घण्टे योग करते है,100 साल की उम्र में भी 50 साल के लगेंगे एवम सभी प्रकार के रोग से मुक्त रहेंगे,साथ ही उन्होंने जिंदगी भर योग से जुड़े रहने की शपथ दिलाई,इस अवसर पर मुख्य रूप से सचिनानंद व्यास, धनेश व्यास, रमेश यदु, राजेन्द्र पारेख, हीरालालजी, अशोक अग्रवाल, राजेश कृष्णानी, गोपाल बंक, रमेश कुमार जी उपस्थित रहे 

अक्सर महिलाये हो जाती है अनचाहे बालो को लेकर परेशान,जानें इसका कारण और बचने के उपाय

अक्सर महिलाये हो जाती है अनचाहे बालो को लेकर परेशान,जानें इसका कारण और बचने के उपाय

पुरुषों की ही तरह महिलाओं में भी चेहरे पर बाल (फेशियल हेयर) होना सामान्य सी बात है, क्योंकि हमारे शरीर की त्वचा पर सभी जगह हेयर फॉलिकल्स होते हैं. हालांकि सभी महिलाओं के शरीर में बालों का विकास अलग-अलग तरीके से होता है. कुछ महिलाओं में जहां चेहरे पर बेहद पतले, बारीक और छिटपुट बाल होते हैं, वहीं दूसरी महिलाओं में बालों का विकास बेहद घना हो सकता है. बालों के विकास का पैटर्न आपके पारिवारिक इतिहास पर भी काफी हद तक निर्भर करता है. कई बार किसी बीमारी की वजह से भी महिलाओं के चेहरे पर ज्यादा बाल उगने लगते हैं.

महिलाओं के चेहरे और शरीर के दूसरे अंगों पर अत्यधिक बालों के उगने की इस समस्या को मेडिकल टर्म में हिर्सुटिज्म कहते हैं. प्रजनन के उम्र वाली दुनियाभर की करीब 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं में हिर्सुटिज्म की समस्या देखने को मिलती है. आमतौर पर महिलाओं के शरीर में उगने वाले बालों की बनावट बेहद बारीक होती है और उनका रंग भी हल्का रहता है. हालांकि वैसी महिलाएं जो हिर्सुटिज्म की समस्या से ग्रसित हों उनके शरीर में मौजूद बाल बेहद घने, मोटे और गहरे रंग के होते हैं. ये बाल महिलाओं की ठुड्डी पर, साइडबर्न्स यानी कलम की जगह पर, छाती पर, पेट पर, पीठ पर, जांघ के अंदरूनी हिस्सों में हो सकते हैं.

1.चेहरे पर ज्यादा बाल आने का कारण

वैसे तो महिलाओं में जींस की वजह से चेहरे और शरीर पर ज्यादा बाल उगने लगते हैं, लेकिन कई बार इसके पीछे कोई बीमारी भी जिम्मेदार हो सकती है:

पीसीओएस: महिलाओं के चेहरे पर ज्यादा बाल होने के ज्यादातर मामलों में पीसीओएस या पीसीओडी बीमारी मुख्य कारण होती है. इस बीमारी में शरीर में सेक्स हार्मोन्स का संतुलन बिगडऩे लगता है जिससे चेहरे पर अनचाहे और अतिरिक्त बाल उगने लगते हैं.

एन्जाइम की कमी: महिलाओं के शरीर में एन्जाइम की कमी की वजह मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन की शरीर में अधिकता होने लगती है जिस कारण चेहरे और शरीर पर हद से ज्यादा बाल उगने की समस्या होने लगती है.

हाइपरट्राइकोसिस: इसे वेयरवोल्फ सिंड्रोम भी कहते हैं और यह कई बीमारियों की वजह से भी हो सकता है, जैसे- हाइपोथायराइडिज्म, ऐक्रोमेगाली (शरीर में ग्रोथ हार्मोन की अधिकता), कुपोषण और एचआईवी. हाइपरट्रिकोसिस की वजह से नाक के टिप और कान के पास ज्यादा बाल उगने लगते हैं.

कशिंग्स सिंड्रोम: यह एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें ऐड्रिनल ग्लैंड में गड़बड़ी की वजह से शरीर में कोर्टिसोल जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं ज्यादा बनने लगता है. कशिंग्स सिंड्रोम से पीडि़त महिला में हद से ज्यादा बालों के विकास के अलावा बहुत ज्यादा वजन बढऩा, हाई बीपी और चिड़चिड़ापन भी देखने को मिलता है.

दवाइयां: कई बार कुछ दवाइयों की वजह से भी महिलाओं के शरीर में अनचाहे बालों का विकास होने लगता है. हार्मोनल थेरेपी और एन्डोमेट्रिओसिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां और मल्टीपल इन्फ्लेमेशन के इलाज में इस्तेमाल होने वाले ग्लूकोकोर्टिकोयड्स की वजह से भी महिलाओं के शरीर में बालों का असामान्य विकास होने लगता है.

2. चेहरे के अनचाहे बाल हटाने के टिप्स

जो महिलाएं चेहरे पर मौजूद अनचाहे बालों से छुटकारा पाना चाहती हैं वे हेयर रिमूवल का इनमें से कोई भी तरीका इस्तेमाल कर सकती हैं:

प्लकिंग: प्लकर की मदद से आइब्रो, अपर लिप और ठुड्डी के पास के अतिरिक्त बालों को हटाया जा सकता है, लेकिन अगर चेहरे पर बालों की ग्रोथ ज्यादा हो तो उसमें यह तरीका कारगर साबित नहीं होगा.

शेविंग: चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के लिए आप रेजर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. शेविंग हो जाने के बाद उस हिस्से को पानी से साफ कर मॉइश्चराइजर लगा लें.

क्रीम: डेपिलेटरी क्रीम इस्तेमाल कर अनचाहे बाल हटाने का तरीका दर्द रहित है. क्रीम को बाल हटाने वाली जगह पर लगाएं, स्पैट्यूला से फैलाएं, 5-10 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर स्पैट्यूला की मदद से क्रीम के साथ-साथ बालों को भी हटा दें.

वैक्सिंग: आप चाहें तो घर पर ही वैक्सिंग की मदद से भी चेहरे के अनचाहे बाल हटा सकती हैं. इसके लिए गर्म वैक्स की जगह वैक्सिंग स्ट्रिप का इस्तेमाल कर सकती हैं.

थ्रेडिंग: एक खास तरह के कॉटन धागे की मदद से अनचाहे बालों को एक-एक कर प्लकिंग के जरिए हटाया जाता है. आप चाहें तो पार्लर या सलॉन में जाकर थ्रेडिंग के जरिए अनचाहे बालों को हटवा सकती हैं.

एपिलेटसर्: यह जड़ों से अनचाहे बालों को खींचकर निकालता है. इसे इस्तेमाल करने के दौरान काफी दर्द होता है.

लेजर ट्रीटमेंट: इस दौरान डॉक्टर लेजर लाइट की मदद से हेयर फॉलिकल्स को डैमेज करते हैं. ऐसा करने से बालों की ग्रोथ कम हो जाती है.

इलेक्ट्रोलाइसिस: इसमें डॉक्टर हेयर फॉलिकल्स के बीच से बिजली के करेंट को दौड़ाते हैं जिससे बालों को नुकसान पहुंचता है और वे दोबारा उग नहीं पाते.

ब्लीचिंग: ब्लीचिंग करवाने से चेहरे पर मौजूद अतिरिक्त बाल हटते नहीं हैं लेकिन उनका रंग हल्का हो जाता है जिससे वे कम नजर आते हैं. किसी भी तरह की ब्लीच को सीधे चेहरे पर लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें.

3. अनचाहे बाल हटाते वक्त बरतें सावधानी

शेविंग करते वक्त ध्यान रखें कि आपका रेजर नया हो. जंग वाले रेजर का इस्तेमाल करने से स्किन इंफेक्शन हो सकता है. हॉट वैक्स इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखें कि स्किन उसे सह पाए. ज्यादा गर्म वैक्स इस्तेमाल करने से स्किन जल सकती है. बालों के उगने की विपरित दिशा में शेविंग न करें वरना इससे स्किन के अंदर उगने वाले इन्ग्रोन हेयर की समस्या हो सकती है. शेविंग करने से स्किन ड्राई होने लगती है लिहाजा शेविंग के तुरंत बाद स्किन पर मॉइश्चराइजर लगाएं.

 

अगर आप भी लैपटॉप पर अधिक समय बिताते हैं तो आंखों को हो सकता है नुक्सान,बचने के लिए अपनाये ये उपाय

अगर आप भी लैपटॉप पर अधिक समय बिताते हैं तो आंखों को हो सकता है नुक्सान,बचने के लिए अपनाये ये उपाय

जब हम ऑनलाइन काम करते हैं तो लाख कोशिश के बाद भी हम पलके कम झपकते हैं। पलकें कम झपकाने (आई ब्लिंकिंग) की वजह से हमारी आंखों की ऑइल ग्लैंड काम करना बंद कर देती हैं। ये ग्लैंड्स या महीन धमनियां हमारी आखों में नैचरली गीलापन बनाए रखने का काम करती हैं। लेकिन पलकें ना झपके के चलते हमारी आंखों में ड्राईनेस बढ़ जाती है।

आंखों में आ जाता है रुखापन

-आंखों में जब ड्राईनेस की समस्या होती है तो व्यक्ति को बार-बार ऐसा लगता है कि आंख में कुछ गिर गया है, जबकि ऐसा होता नहीं है। आंख में किरकिराहट की यह दिक्कत ड्राईनेस की वजह से होती है। इस स्थिति में आंखों तो तुरंत मिनरल वॉटर से धोना चाहिए। आंखों को रगडऩे से बचें नहीं तो आंखों को अधिक नुकसान हो सकता है।

इन कारणों से भी बढ़ती है ड्राईनेस

-स्क्रीन पर अधिक वक्त बिताने के साथ ही एसी कमरों में घंटों बैठना या सर्दी के मौसम में हीटर में अधिक बैठना भी आंखों में बढ़ती ड्राईनेस की एक वजह होता है। स्क्रीन पर अधिक समय देना, पलकें कम झपकना और आर्टिफिशल एटमॉसफेयर में रहने के कारण हमारी आंखों में बननेवाले आंसू जल्दी सूख जाते हैं और आंखे ड्राई होने लगती हैं।

-दूसरी कई ऐसी वजहें होती हैं, जिनसे आंखों में ड्राईनेस होती है। जैसे, कोई एलर्जी, किसी दवाई का साइडइफेक्ट, किसी तरह के इंफेक्शन की चपेट में आना या बढ़ती उम्र के कारण होनेवाली समस्याएं। जैसे, महिलाओं में मेनॉपॉज और पुरुषों में हॉर्मोनल इंबैलंस।

-आंखों में ड्राईनेस के कारण किरकिराहट के साथ ही बार-बार ऐसा अहसास हो सकता है कि आंख में मिट्टी गिर गई है, आंखों में भारीपन हो सकता है, यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे और आप लापरवाही बरतें तो आंखों में एलर्जी भी हो सकती है।

आंखों को हेल्दी रखने के घरेलू तरीके

-अगर आपका काम ही ऐसा कि लंबा वक्त स्क्रीन पर बिताना पड़ता है तो पलकें झपकने पर ध्यान दें। हर 45 मिनट बाद स्क्रीन से कुछ देर का ब्रेक लें। लुब्रिकेंटिंग आई ड्रॉप का यूज करें, गर्म पानी से आंखों की सिकाई करें, आंखों की मसाज करें।

-चाय और कॉफी पीने के दौरान गर्म कप से आपकी उंगलियां गर्म हो जाती हैं, उन गर्म उंगलियों से आंखों को हल्का प्रेस करें मसाज करें।

-आंखों की देखभाल के लिए जरूरी है कि आप आंखों को मिनरल वॉटर से धोएं, टंकी में सप्लाई होनेवाले पानी से नहीं। खासतौर पर उस स्थिति में जब आप अपने एरिया में सप्लाई होनेवाली पानी की क्वालिटी को लेकर श्योर ना हों। कई बार लो क्वालिटी वॉटर भी आंखों में दिक्कत की वजह बन जाता है।

-हर दिन और लगातार कई घंटें स्क्रीन पर काम करने वाले युवाओं को अपनी आंखों की सेहत और सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए रुटीन आई चेकअप कराना चाहिए। अगर आपको पहले से डायबीटीज है या इसकी हिस्ट्री है तो ऐसे में और अधिक सतर्क रहना चाहिए।

-एक बात हमेशा याद रखें कि एलर्जी ट्रीटेबल होती है क्यॉरेबल नहीं। यानी जब तक आप इससे बचाव करते रहेंगे, बचे रहेंगे। जरा-सी असावधानी बरतेंगे तो फिर से समस्या हो सकती है। किसी भी परेशानी में डॉक्टर की सलाह के बिना दवाई ना खरीदें।

-आंखों की देखभाल के लिए पेशंट्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे, अगर आप कॉन्टेक्ट लैंस का यूज करते हैं तो कभी भी इन्हें लगाकर ना सोएं।

- कॉन्टेक्ट लैंस का सलूशन रोज बदलें। नहीं तो यह भी आपकी परेशानी की वजह बन सकता है।

-परिवार में अगर किसी की आंखों का इलाज चल रहा है तो आप भी उन्हीं की दवाइयां इस्तेमाल करना ना शुरू करें। जब तक कि डॉक्टर आपको सजेस्ट ना करे।

-अगर डॉक्टर ने आपको कोई दवाई एक आंख में डालने के लिए बोला है तो सिर्फ उसी आंख में डालें, दोनों आंखों में नहीं। ऐसे केस अक्सर देखने को मिलते हैं।

 

-परिवार में एक-दूसरे की दवाइयों का उपयोग ना करें। यदि आंखों में एक जैसी समस्या हो तब भी बिना डॉक्टर की सलाह के किसी अन्य व्यक्ति की आई ड्रॉप का उपयोग ना करें।

    

 

अगर आपके सर के बाल भी झड़-झड़ कर कम हो गए हैं, तो हफ्ते में 2 बार जरूर लगाएं इसको

अगर आपके सर के बाल भी झड़-झड़ कर कम हो गए हैं, तो हफ्ते में 2 बार जरूर लगाएं इसको

हम सभी जानते हैं कि नीम का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। नीम की पत्तियों समेत हम इसकी छाल, जड़ों और तेल का प्रयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए करते हैं। खासकर, नीम का तेल स्कैल्प और बालों के कई रोगों को दूर करने में उपयोग किया जाता है। इसे सिर पर लगाने से हेल्दी और मजबूत बालों का विकास होता है।

नीम के तेल में ऐंटिफंगल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो कि रूसी और सिर की खुजली भगाने के लिए असरदार होता है। यही नहीं यह एक्जिमा और पपड़ीदार स्कैल्प को मॉइस्चराइज करता है। यही नहीं, यह हेयर फॉल को भी कंट्रोल करता है और उनकी ग्रोथ बढ़ाता है। इसे किस तरह से प्रयोग करें, आइए जानते हैं...

बालों की ग्रोथ के लिए सामग्री-
*डेढ़ छोटा चम्मच नीम का तेल
*3 बड़े चम्मच नारियल का तेल
*10 बूंद लैवेंडर एसेंशियल ऑयल (वैकल्पिक)

एक कटोरी में नीम और नारियल का तेल अच्छी तरह मिलाएं और बालों में लगाकर मसाज करें। बालों की ग्रोथ प्रभावी रूप से बढ़े इसके लिए इसमें लैवेंडर ऑयल मिक्स करें। इस तेल को सिर में लगभग एक घंटे के लिए बैठने दें और बाद में प्राकृतिक शैंपू से धो लें।

खुजली और रूसी से दिलाए छुटकारा

सामग्री-
*डेढ़ छोटा चम्मच नीम का तेल
*3 बड़े चम्मच जैतून का तेल
इन सभी सामग्रियों को मिलाएं और अपने सिर पर लगाकर कुछ देर मालिश करें। इसे एक या दो घंटे के लिएछोड़ दें और फिर धो लें।

एक्जिमा से दिलाए राहत
*डेढ छोटा चम्मच नीम का तेल
*3 बड़े चम्मच बादाम का तेल
एक कटोरी में, बादाम के तेल के साथ नीम का तेल मिलाएं। फिर इसे सिर की एक्जिमा वाली जगह पर लगाएं। तेल के सोखने तक सिर की धीरे-धीरे मालिश करें और फिर छोड़

सोरायसिस को कम करने में करे मदद
आप नीम के तेल का उपयोग उसी तरह से कर सकते हैं, जैसे एक्जिमा। या फिर स्कैल्प पर नीम के तेल की कुछ बूंदें लगाकर मालिश करें।
नीम का तेल जूं को दूर करे
सामग्री-
*1 चम्मच नीम का तेल
*3 बड़े चम्मच नारियल का तेल
*20 बूंद टी ट्री ऑयल (वैकल्पिक)
एक कटोरे में नीम का तेल और नारियल का तेल डालें और अच्छी तरह मिलाएं। जरूरत पडऩे पर आप इसमें टी-ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिक्स कर सकते हैं। इस तेल से सिर की मालिश करें। फिर कुछ घंटों के लिए बैठने दें। जब तक सिर की जूं खत्म न हो जाए, इसे हर दूसरे दिन दोहराएं।

 

क्या आप भी मोटापे से परेशान है, तो कम करने अपनाए ये आसान घरेलू टिप्स

क्या आप भी मोटापे से परेशान है, तो कम करने अपनाए ये आसान घरेलू टिप्स

अगर हमारे मोटापे की वजह कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है तो हम सिर्फ अपने लाइफस्टाइल में जरूरी और छोटे-छोटे बदलाव करके बहुत ही आसानी से खुदो को शेप-अप कर सकते हैं। आइए यहां बात करते हैं उन ईजी फैक्टर्स के बारे में जो हमारी रुटीन लाइफ से जुड़े हैं और बढ़ते वेट की बड़ी वजह बन जाते हैं...

रात को पूरा आराम करें
-देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना। या फिर देर रात तक जागना और मात्र 4 से 5 घंटे की नींद लेना और अगले दिन अपने काम में जुट जाना। साथ ही सोने और जागने का कोई निश्चित समय ना होना। ये कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं, जिनके चलते हमारी नींद पूरी नहीं हो पाती और बॉडी ब्लॉट करने लगती है।

-यानी हमारी बोन्स और मसल्स पर जो फैट है, बॉडी उसे लूज छोड़ देती है। जिस कारण हम मोटे ना होते हुए भी मोटे दिखने लगते हैं। इसके साथ ही हमारी स्किन का चार्म भी लूज होने लगता है। इसके साथ ही नींद पूरी ना होने के कारण हमारी ईटिंग हेबिट बहुत अधिक प्रभावित होती है।

- हमारे शरीर को भूख नहीं लग रही होती है लेकिन हमारा ब्रेन हमें इस तरह के संकेत देने लगता है कि हर समय क्रेविंग होती रहती है। इसकी वजह होता है नींद पूरी ना होने के कारण ब्रेन में रिलीज होनेवाला लेप्टिन हॉर्मोन। यही वह हॉर्मोन है, जो हमारे वेट को कंट्रोल करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक मेडिकली टेस्टेड फॉर्म्यूला है, जो आपको फिट रखने में बहुत काम आएगा।
पानी पीते रहना

-पानी अगर सही तरीके से पिया जाए तो ना केवल आपके शरीर को फैटी होने से बचाता है बल्कि बीपी कंट्रोल रखता है और स्किन को ग्लोइंग बनाए रखता है। अपने शरीर को हाइड्रेट रखना फिटनेस का एक सॉलिड मंत्र है।

-एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर व्यक्ति को एक दिन में कम से कम तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। ऐसा करना आपकी फिजिकल फिटनेस को ही नहीं बल्कि मेंटल फिटनेस को भी बनाए रखता है।

-इससे हमारी पाचन क्रिया सही रहती है, मेटाबॉलिज़म हाई होता है साथ ही हम जो भी खाना खाते हैं वो हमारे शरीर को पूरा लाभ देता है। अब आपको लग सकता है कि खाने का लाभ पानी से कैसे मिलेगा... तो जबाव है मेटाबॉलिज़म। यही तो हमारे शरीर को पोषित करने का काम करता है।

प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं

-प्रोटीन से भरपूर चीजें जैसे दालें और साबुत अनाज खाने से हमारे शरीर को प्रोटीन की भरपूर मात्रा मिलती है। प्रोटीन शरीर के लिए जरूरी एक ऐसा तत्व है, जो हमारी भूख को कंट्रोल करने का काम करता है। अगर आपको लगता है कि आपको भूख अधिक लगती है तो अपने डॉक्टर से सलाह करने के साथ ही आपको प्रोटीन डायट बढ़ा देनी चाहिए।

-यहां हम प्रोटीन शेक की बात बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। प्रोटीन डायट लेने से पेट ज्यादा देर तक भरा हुआ रहता है और हमें भूख कम लगती है। क्योंकि प्रोटीन हमारे शरीर में भूख बढ़ाने से संबंधित हॉर्मोन घ्रेलिन के प्रोडक्शन को कम कर देता है। प्रोटीन डायट में आप अंडा, सोयाबीन और प्रोटीन राइज जैसी चीजें ले सकते हैं। हां दाल और स्प्राउट्स को भूल मत जाना।
पाचनतंत्र को मजबूत बनाने का तरीका

-फूड एक्सपर्ट्स के अनुसार, सेब के सिरके का इस्तेमाल अपने फूड में करने से हमारा मेटाबॉलिज़म बहुत ही मजबूत बनता है। जब मेटाबॉलिज़म सही और फास्ट होता है तो वह एक्स्ट्रा फैट को हमारी बॉडी में स्टोर ही नहीं होने देता है।

-अगर आप फूड में इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं तो हर दिन दो चम्मच सेब का सिरका पानी डायल्यूट करके खाने के बाद पीना शुरू कर दें। यह पाचन बेहतर करने के साथ ही आपका वेट भी कम करेगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो सिर्फ इतना करके आप तीन महीने में 2 किलो से अधिक वेट लूज कर सकते हैं।

हेल्दी रहने का पुराना तरीका

-वेट घटाने का और बॉडी को फर्म करने का सबसे अच्छा तरीका है योग। अगर आप हर दिन योग की प्रैक्टिस करेंगे तो बेशक लंबे समय तक हेल्दी रहेंगे। हां, योग के साथ अपनी डायट पर जरूर ध्यान रखें। हेल्दी डायट लें और इस बात को सुनिश्चित करें कि आपको खाना खाए हुए 4 घंटे हो चुके हों।

-साथ ही योग करने के 1 घंटे बाद तक हैवी डायट ना लें। ऐसा करने से आपको खाने का भी पूरा पोषण मिलेगा और योग का भी पूरा फायदा मिलेगा। और इन दोनों ही चीजों का भरपूर फायदा लेने कि लिए आपको टाइमिंग का ध्यान रखना होगा।

-याद रखें अगर आप योग की दुनिया में पहला कदम रख रहे हैं तो एक्सपर्ट्स की मदद जरूर लें। ताकि ट्रेनर आपको सही पोश्चर और सही बॉडी स्ट्रैस के बारे में बता सके। ताकि आपको दर्द या दूसरी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
डायट में रखें इन बातों का ध्यान

-फाइबर से भरपूर डायट हमारे शरी को कई तरीकों से लाभ पहुंचाती है। सबसे पहले तो वेट कम करने पर ही हम फोकस करेंगे। दरअसल, हाई फाइबर डायट जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और बीन्स आदि में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। यह फाइबर हमारे पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है।

-क्योंकि रेशे डायजेस्ट होने में वक्त लगता है। इससे हमें भूख कम लगती है और शरीर को पोषण पूरा मिलता है। एक खास फायदा जो हाई फाइबर डायट का है, वह है इसे लेने से हमें कब्ज की समस्या नहीं होती है। यानी पेट साफ रहेगा तो मोटापा भी दूर रहेगा। क्योंकि बीमारियां नहीं पनप पाएंगी।

 

क्या आप भी Body Spray का उपयोग करते है तो जानिये उससे  से होने वाले नुकसान के बारे में

क्या आप भी Body Spray का उपयोग करते है तो जानिये उससे से होने वाले नुकसान के बारे में

पसीने की दुर्गंध से बचने के लिए लोग बॉडी स्प्रे का सहारा लेते हैं जिससे कि शरीर से आ रही पसीने की बदबू से छुटकारा मिल सके। कुछ लोग बॉडी स्प्रे के इतने शौकीन होते हैं कि वे अलग-अलग वैरायटी के डियोडरेंट अपनी अलमारी में सजाकर रखते हैं और इन बॉडी स्प्रे का रोज इस्तेमाल भी करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉडी स्प्रे से आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचता है। जी हां, यदि आप भी डियोडरेंट के शौकीन हैं तो एक बार उनके नुकसान के बारे में भी जान लीजिए।

बॉडी स्प्रे से होने वाले नुकसान

डियोडरेंट के नियमित इस्तेमाल से त्वचा में लाल रेशेज हो जाते हैं व खुजली जैसी समस्या होने लगती है।

बॉडी स्प्रे के इस्तेमाल से सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या भी हो सकती है। किसी-किसी को तेज महक वाले डियोडरेंट से एलर्जी भी होती है।

बॉडी स्प्रे पसीने की दुर्गंध को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं लेकिन डिओ से पसीना निकलने की प्रक्रिया प्रभावित होती है जिससे अंदर रहने वाला पसीना और भी अधिक दुर्गंधित हो जाता है।
डिओ के इस्तेमाल से आपके अंडरआर्म्स काले भी पड़ सकते हैं। अगर आप सीधे डिओ को स्कीन पर लगाते हैं तो यह धीरे-धीरे आपकी त्वचा को काला करने लगता है।

परफ्यूम व डिओ का इस्तेमाल करते समय सावधानी रखें। इसे सीधे शरीर पर न लगाएं बल्कि कपड़ों पर स्प्रे करें।

ज्वेलरी पहनने से पहले ही परफ्यूम को स्प्रे कर लें, नहीं तो इसमें मिले केमिकल्स से ज्वेलरी की चमक प्रभावित हो सकती है।

 

कीवी खाने से मजबूत होगी इम्यूनिटी, नहीं होंगी ये 7 बीमारियां

कीवी खाने से मजबूत होगी इम्यूनिटी, नहीं होंगी ये 7 बीमारियां

फलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के उपचार में तो सहायक होते ही हैं साथ ही साथ यह हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भी बचाए रखते हैं। इन्हीं फलों में से एक गुणकारी फल का नाम कीवी है। यह तो किसी भी फ्रूट शॉप पर बड़ी आसानी से मिल जाएगा जो आपके लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। 

कीवी फल को खाने से होने वाले सात प्रमुख स्वास्थ्य फायदों को यहां बताया जा रहा है, जिसके बाद आप भी इस फल को अपनी डायट में शामिल करके सेहतमंद बने रह सकते हैं। इतना ही नहीं, तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए आयुष मंत्रालय ने भी इम्यूनिटी बढ़ाने के कुछ टिप्स जारी किए हैं। 

बूस्ट करेगा इम्यून सिस्टम

सबसे पहले अगर बात की जाए कीवी फल को खाने से होने वाले फायदे के बारे में तो वह आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सक्रिय रूप से असर डालता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कीवी फल में विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है जो इम्यून सेल्स को मजबूत करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने में मदद करता है। इसलिए एक इम्यूनिटी बूस्टर फ्रूट के रूप में आप इसका सेवन कर सकते हैं।

आंखों के स्वास्थ्य के लिए

आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी कीवी फल के फायदे देखे जा सकते हैं क्योंकि इसमें ल्यूटिन नामक पौष्टिक तत्व पाया जाता है। यह आंखों के लिए बेहद स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसका कार्य आंखों की रेटिना को सुरक्षित रखने के साथ-साथ उसमें होने वाली किसी भी बीमारी से भी बचाए रखने का है। इसलिए आंखों से जुड़ी हुई समस्या से बचे रहने के लिए भी आप कीवी फल का सेवन कर सकते हैं। 

डायबिटीज से बचाए रखने में मदद करे

डायबिटीज की समस्या से बचे रहने के लिए भी कीवी फल का सेवन काफी फायदेमंद रहेगा, क्योंकि इस फल में एंटीडायबेटिक गुण होने के साथ-साथ ब्लड शुगर की मात्रा कम करने की भी क्षमता पाई जाती है। इसलिए डायबिटीज के जोखिम से बचे रहने की साथ-साथ इस बीमारी की चपेट में आने से बचे रहने के लिए भी कीवी फल का सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं।

कैंसर से बचाने में मददगार

कैंसर आज एक जानलेवा बीमारी बन चुकी है जिसके कारण हर साल हजारों लोगों की मौत होती है। इसलिए हमें अपने खान-पान के प्रति बेहद सतर्क रहना चाहिए ताकि हम ऐसी जानलेवा बीमारियों से बचे रहें। कीवी फल का सेवन आपको इस घातक बीमारी से बचाए रखने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें एंटी-कैंसर गुण मौजूद होता है। इसलिए यदि अगर आप हफ्ते में तीन से चार बार भी कीवी फल का सेवन करते हैं तो यह आपको कैंसर के खतरे से काफी हद तक बचाए रखेगा। 

मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए

मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए भी कीवी फल काफी फायदेमंद साबित होगा । इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में चेहरे की त्वचा के लिए कार्य कर सकती है। एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी कील मुहांसों की समस्या को खत्म करके चेहरे पर मौजूद दाग-धब्बों को भी दूर करने में काफी मददगार साबित होती है इसलिए अगर आप भी मुंहासों की समस्या से परेशान हैं तो कीवी फल का सेवन करके इसके फायदे देख सकते हैं।

बालों के लिए

बालों से जुड़ी हुई समस्या अब धीरे-धीरे आम होती जा रही है। वहीं, कई लोग रूसी और बाल झडऩे की समस्या से परेशान रहते हैं। इससे बचे रहने के लिए कीवी फल काफी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इसमें विटामिन सी के साथ-साथ विटामिन ए और विटामिन बी भी पाया जाता है। यह बालों के लिए बहुत जरूरी पौष्टिक तत्व माने जाते हैं जिनका सेवन करने से न केवल बालों से रूसी की समस्या खत्म होती है बल्कि बालों की जड़ें मजबूत होने के साथ-साथ बाल झडऩा भी काफी हद तक कम हो जाता है। 

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में

ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखने से कई प्रकार के हृदय रोगों से तो बचने में मदद मिलती ही मिलती है साथ ही साथ स्ट्रोक का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। कीवी फल में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में काफी हद तक सक्षम होते हैं। इसलिए ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोज सुबह कीवी फल का सेवन जरूर करना चाहिए।

 
दिमाग के लिए टॉनिक का काम करती है शंखपुष्पी, जानिए और भी फायदे

दिमाग के लिए टॉनिक का काम करती है शंखपुष्पी, जानिए और भी फायदे

आयुर्वेदिक दवाओं में व्यापक रूप से शंखपुष्पी का उपयोग किया जाता है। इस जड़ी-बूटी को दिमाग तेज करने का टॉनिक भी कहा जाता है। ये मानसिक स्वास्थ्य के लिए अमृत का काम करती है। शंखपुष्पी को वैष्णव, विष्णुकांता और विष्णुगंधी जैसे कई नामों से जाना जाता है।
इस जड़ी-बूटी का स्वाद कड़वा होता है और ये स्निग्ध (तैलीय) और पिछिल (पतला) गुण रखती है। शंखपुष्पी की तासीर ठंडी होती है एवं इससे त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ को संतुलित किया जा सकता है। वात और पित्त दोष पर ये ज्यादा काम करती है।


आइए जानते हैं शंखपुष्पी से स्वास्थ्य को क्या लाभ मिलते हैं?

मस्तिष्क के लिए टॉनिक
इस जड़ी-बूटी को दिमाग और याद्दाश्त तेज करने वाला टॉनिक भी कहा जा सकता है। ये बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। ये जड़ी-बूटी बढ़ती उम्र में याद्दाश्त कमजोर होने से भी रोकती है और इसे चिंता एवं डिप्रेशन को कम करने में भी असरकारी पाया गया है। इससे अल्जाइमर, तनाव, चिंता, डिप्रेशन और मानसिक तनाव जैसी कई समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।

हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी का इलाज
शंखपुष्पी से ठीक होने वाली बीमारियों में हाइपरटेंशन का नाम भी शामिल है। ये जड़ी-बूटी ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाले हार्मोन जैसे कि एड्रेनलाइन और कोर्टिसोल को नियंत्रित कर स्ट्रेस हार्मोन के उत्पादन को कंट्रोल करने में असरकारी पाई गई है।

हाइपरथायराइड
अध्ययनों की मानें तो शंखपुष्पी में थायराइड-रोधी गुण होते हैं। इस बूटी की जड़ को हाइपरथायराइड पर प्रभावशाली पाया गया है। इसके पौधे का रस स्ट्रेस की स्थितियों में थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम कर के थायराइड ग्रंथि को ठीक तरह से काम करने में मदद करता है। ये जड़ी-बूटी लिवर द्वारा उत्पादित कुछ एंजाइम्स पर तेज असर करती है जिससे हायपरथायराइड के लक्षणों में सुधार आने में मदद मिलती है।

पाचन में सुधार
शंखपुष्पी शरीर में पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करने में भी मदद करती है। इसके पौधे के हर हिस्से से निकला रस शरीर में फ्लूइड को जमने से रोकता है और पाचन में मदद करता है। ये पेट से जुड़ी परेशानियों खासतौर पर पेचिस के इलाज में इस्तेमाल की जाती है।

कार्डियक अरेस्ट से बचाव
शंखपुष्पी में मौजूद एथेनोलिक एसिड कार्डियक अरेस्ट आने के प्रमुख कारणों में से एक नॉन-एस्टेरिफाइड फैटी एसिड (एनईएफए) के स्तर को कम करता है। इस पौधे में केंफेरोल नामक फ्लेवेनॉएड पाया जाता है जो कि एनईएफए के असर को कम कर देता है। इस प्रकार शंखपुष्पी दिल को भी स्वस्थ रखती है।

पेट में अल्सर
ग्लाइकोप्रोटीन के स्राव के कारण होने वाले कई तरह के अल्सर पर असरकारी है। इसका रस पेप्टिक अल्सर का इलाज भी करता है।

अनिद्रा
शंखपुष्पी स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के सतर को कम करने में मदद करती है और बेहतर नींद लाती है। एक गिलास दूध में सोने से पहले जीरा और शंखपुष्पी का एक चम्मच पाउडर मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है और नींद से जुड़े विकार जैसे कि अनिद्रा का इलाज होता है।

शंखपुष्पी का सेवन सिरप और पाउडर के रूप में किया जा सकता है। अगर आपके बच्चे की याददाश्त कमजोर है या वो पढ़ाई में कमजोर है तो आप उसे शंखपुष्पी का सिरप जरूर पिलाएं।

 

बालों में तेल लगाने से होते हैं गजब के फायदे, लेकिन तरीका होना चाहिए सही

बालों में तेल लगाने से होते हैं गजब के फायदे, लेकिन तरीका होना चाहिए सही

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बालों की देखभाल के लिए समय नहीं मिल पाता है। जिसके कारण बाल समय से पहले रूखे, बेजान और कमजोर हो जाते हैं। इसके अलावा बालों में तेल लगाए बिना सीधे शैंपू करने या अन्य हेयर प्रोडक्ट लगाने से बाल टूटने और झडऩे लगते हैं।
चूंकि लंबे, घने और आकर्षक बाल महिलाओं की सुंदरता का एक हिस्सा हैं। इसलिए समय-समय पर बालों की उचित देखभाल बेहद जरूरी है। घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर हमें बालों में तेल लगाने की सलाह देते हैं। दरअसल, तेल बालों को जड़ से मजबूत करता है और इन्हें हेल्दी रखता है। बालों में हमेशा तेल लगाते रहने से बाल लंबे होते हैं और हेयर फॉल की समस्या भी दूर हो जाती है। यहां जानें बालों में हेयर ऑयल लगाने से क्या फायदे मिलते हैं...


ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाए
हेयर ऑयल न सिर्फ बालों को स्वस्थ रखने में मदद करता है बल्कि स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता भी है। स्कैल्प में तेल लगाकर मालिश करने से बालों की जड़ों को पोषण मिलता है। इससे बालों की सुंदरता बनी रहती है।

हेयर फॉल की समस्या करे दूर
बाल झडऩा एक आम समस्या है। लेकिन नियमित बालों में तेल लगाने से बालों का झडऩा रुक जाता है। हेयर ऑयल बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है और इन्हें मजबूती प्रदान करता है।

बालों को रखे स्वस्थ
हेयर ऑयल में कई तरह के विटामिन और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। ये बालों को गहराई से पोषण प्रदान करते हैं और स्वस्थ रखते हैं। हफ्ते में दो दिन बालों में तेल लगाने से बालों में चमक आती है और हेयर फॉल भी कम होता है।

हेयर टिश्यू को बनाए मजबूत
बालों में तेल लगाकर मसाज करने से हेयर टिश्यू मजबूत होते हैं। इसके कारण बाल सफेद होने या टूटने की समस्या से छुटकारा मिलता है। दरअसल हेयर ऑयल बालों की जड़ों में जाकर इन्हें पोषण प्रदान करता है। जिससे बालों के ऊतक भी मजबूत होते हैं।

बालों में तेल लगाने के लिए कुछ टिप्स
1.बालों में तेल लगाने से पहले स्कैल्प को साफ करें। इससे बालों में तेल अच्छी तरह काम करता है।

2.बालों में शैंपू करें और पूरी तरह सुखने के बाद तेल लगाएं।

3.बालों में धूल और गंदगी जमने से पहले तेल से मसाज करके शैंपू कर लें।

4.हेयर ऑयल को हल्का गर्म करके बालों में लगाने से यह जड़ों में गहराई तक पहुंचता है।

5.बालों में तेल लगाने के बाद हल्के हाथों से 10 से 15 मिनट तक मसाज करें।

6.बालों में तेल लगाने के कम से कम 3 घंटे बाद शैंपू करें।

7.यदि आपके बाल बहुत कमजोर हैं तो रात को सोने से पहले बालों में तेल लगाने की आदत डालें।

हफ्ते में एक दिन बालों में तेल जरूर लगाएं। अगर आपके बाल ड्राई हैं तो हफ्ते में दो दिन ऑयल लगाएं।

 

अगर आपको भी बार-बार डकार आ रही है तो अपनाये ये घरेलू उपाय

अगर आपको भी बार-बार डकार आ रही है तो अपनाये ये घरेलू उपाय

पेट में बनी गैस डकार के जरिए शरीर से बाहर निकलती है। डकार से बदबू आ भी सकती है और नहीं भी। डकार के जरिए शरीर पेट में जमा अत्यधिक गैस को बाहर निकालता है। वैसे तो डकार का कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन अगर बार-बार डकार आए तो ये आपके लिए शर्मिंदगी की वजह बन सकता है।
अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं जिन्हें बार-बार डकार आने की प्रॉब्लम है तो कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।


डकार बंद करने का घरेलू नुस्खा है पुदीना


पुदीने में मासंपेशियों को आराम देने वाले गुण होते हैं जो पाचन मार्ग को राहत देता है और पेट में बनने वाली गैस को कम करता है। ये पित्त के प्रवाह में भी सुधार लाता है और पाचन को बेहतर करता है जिससे डकार कम आती है। एक चम्मच पुदीने की सूखी पत्तियां लें और उसे एक कप गर्म पानी में डालें। इसे 10 मिनट तक उबालें और फिर छानकर दिन में दो से तीन बार पिएं।


ज्यादा डकार आने का इलाज है अदरक
डकार पैदा करने वाली गैस से संबंधित समस्याओं का असरकारी रूप से इलाज करने में अदरक बुहत फायदेमंद है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लामेट्री और दर्द-निवारक गुण होते हैं। ताजी का अदरक का एक छोटा-सा टुकड़ा लेकर चबाएं।

ज्यादा डकार आने का घरेलू उपाय है पपीता
पपीते में एक ऐसा एंजाइम होता है जो बैक्टीरिया को बढऩे से रोकता है और पाचन में सुधार लाता है। पपीता डकार और सीने में जलन का बेहद असरकारी घरेलू उपचार है। आप पका पपीता रोज खाएं या इसकी स्मूदी बनाकर पिएं।

बार बार डकार आने का इलाज है केला
केले में फाइबर उच्च मात्रा में होता है जिससे पाचन में सुधार आता है और डकार कम आती है। अगर आपका बार-बार डकार आ रही है तो केला खा लें लेकिन एक दिन में एक से ज्यादा केला न खाएं।

डकार रोकने का तरीका है सौंफ
खट्टी डकार को सौंफ से ठीक किया जा सकता है। पेट दर्द के साथ-साथ खट्टी डकारें आ रही हैं तो एक या आधा चम्मच सौंफ चबा लें। आप गुनगुने पानी में भी इसे मिलाकर पी सकते हैं।

डकार आने का उपाय है हींग
हींग डकार पैदा करने वाली गैस से राहत पाने में मदद करती है। एक गिलास गुनगुने पानी में एक चुटकी हींग, अदरक पाउडर और नमक डालकर मिक्स करें। अब इस पानी को पी लें।

बार बार डकार आने की दवा है इलायची
इलायची पाचक रस का अधिक उत्पादन करने में मदद करती है और गैस को बनने से रोकती है। एक इलायची को मुंह में रखकर चबाएं, आप चाहें को पानी में दो तीन इलायची कूटकर डालने के बाद उबाल भी सकते हैं। इस पानी को छानकर पी लें।

डकार रोकने का उपाय है दही
दही पाचन में मदद करता है और गट बैक्टीरिया को संतुलित कर गैस बनने से रोकता है। यहां तक कि इससे हर प्रकार के पाचन विकार को ठीक करने में मदद मिल सकती है। दही में एक चुटकी नमक मिलाकर खाएं या छाछ पीना भी फायदेमंद रहता है। खाना खाने के बाद छाछ पिएं।
उपरोक्त घरेलू नुस्खों की मदद से आप बार-बार डकार आने की परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।

 

गर्मी में घमौरियों से हो रहे हैं परेशान, 5 मिनट में इन 5 चीजों से करें इलाज

गर्मी में घमौरियों से हो रहे हैं परेशान, 5 मिनट में इन 5 चीजों से करें इलाज

गर्मी के मौसम में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को घमौरियां बहुत ही कष्ट पहुंचाती हैं. इस मौसम में न सिर्फ कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं बल्कि शरीर में घमौरियों की वजह से तेज खुजली भी होती है. घमौरी से शरीर खुजलाने के कारण जलन और इचिंग भी बढ़ जाती है. इससे शरीर पर रैशेज भी हो जाते हैं. त्वचा संबंधी यह दिक्कत यूं तो बहुत बड़ी नहीं होती लेकिन सभी को परेशान कर देती है. आप चाहें तो इसे घर पर ही कुछ आसान टिप्स की मदद से ठीक कर सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कौन से हैं वो घरेलू नुस्खे.


क्या होती है घमौरी
चिलचिलाती हुई गर्मी में जब पसीने की वजह से स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं, तो शरीर पर लाल रंग के छोटे-छोटे दानें निकल आते हैं. इनमें बेहद तेज खुजली होती है और जलन महसूस होती है. इन्हीं दानों को घमौरियां कहते हैं. यह अक्सर पीठ, छाती, बगल व कमर के आसपास होती है. यह कई बार अपने आप ठीक हो जाती हैं मगर कई बार इन्हें कुछ उपायों सो ठीक करना पड़ता है.

मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल लंबे समय से घमौरियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है. यह बंद पोर्स को खोलती है और स्किन को रिफ्रेश करती है. इसे लगाने के लिए इसको गुलाब जल के साथ मिक्स करें. फिर प्रभावित जगह पर लगा कर 20 मिनट के लिए छोड़ दें. गर्मियों में इसे रोज लगाएं और जब फर्क दिखाई पडऩे लगे तो एक दिन छोड़ कर लगाना शुरू करें. जल्द ही असर नजर आएगा.

खीरा
गर्मी की वजह से स्किन पर होने वाली खुजली को खीरा लगाकर आसानी से ठीक किया जा सकता है. यह त्वचा को तुरंत निखारता है और ठंडक पहुंचाता है. इसके लिए आधा खीरा लेकर उसे छीलें और पतले स्लाइस काट लें. इन्हें कुछ मिनटों के लिए फ्रिज में ठंडा करें और फिर उन्हें घमौरियों पर लगाएं.

बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडे में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. यह गर्मी और पसीने की वजह से शरीर पर पैदा होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करता है. 2 चम्मच बेकिंग सोडा को 1 कटोरी पानी में मिलाकर शरीर के प्रभावित क्षेत्र को साफ करें. रोजाना दिन में 2 बार ऐसा करने से लाभ मिलता है.

एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो गर्मी के कारण होने वाली घमौरियों से राहत दिलाते हैं. यह खुजली के साथ लाल रंगे के रैशेज को भी दूर करता है. अगर आपको घमौरियों से बचना है तो ताजा एलोवेरा जेल लगाएं. इसे कम से कम दिन में दो बार जरूर लगाएं.

बर्फ
बर्फ की ठंडक त्वचा की गर्मी और खुजली को शांत करती है. एक कॉटन के कपड़े में 2-3 आइस क्यूब लेकर उसे घमौरी वाली जगह पर लगाएं. आप चाहें तो पानी में बर्फ डालकर उसे पिघलने दें और फिर उसमें कपड़ा भिगोकर प्रभावित क्षेत्र की सिकाई कर सकते हैं. बर्फ लगाने से खुजली में राहत मिलती है.

 

कोरोना जैसे संक्रमण को दूर रखना है तो साफ-सफाई का रखें ख्याल

कोरोना जैसे संक्रमण को दूर रखना है तो साफ-सफाई का रखें ख्याल

कोरोना के चलते पूरे देशभर में लॉकडाउन है। कोरोना को लेकर कई तरह के भ्रम भी फैलाए जा रहे हैं। लेकिन इस बीच हमें इन सब बातों से परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। जरूरी है तो बस खुद को जागरूक रखने की कि हमारे आस-पास क्या हो रहा है? इस बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए और यह जरूरी भी है।


लेकिन उन बातों से खुद को हमें परेशान नहीं करना है। बस इस बात का ध्यान रखें कि कोरोना से दूर रहना है तो हमें साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखने की आवश्यकता है, खुद की भी और हमारे घर की भी। जी हां, इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत है साफ-सफाई की जिससे कि कोरोना जैसे संक्रमण को दूर रखा जा सके।

इस समय आप बार-बार हाथ धोना, सफाई से रहना इन सब बातों का ध्यान तो जरूर रखते ही होंगे। लेकिन जरा सोचिए कि जब आप गेट बंद करते हैं, खिड़कियों को छूते हैं तब? चलिए आप तो समझदार हैं, आपको पता है कि इसके बाद हाथ धोना जरूरी है लेकिन घर में मौजूद बच्चों पर कई बार आपका भी ध्यान नहीं जा पाता। लेकिन, इस समय ऐसी गलती होना आम बात नहीं है। आपको ही इन सब बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इसलिए घर की सफाई का विशेषतौर पर ध्यान दें। इसके लिए आप क्या कर सकती हैं, आइए जानते हैं।

फिनाइल और पानी का घोल तैयार करके पूरे घर की सफाई करें

घर के दरवाजे, हैंडल व रैलिंग को जरूर पोंछें। इसे अच्छी तरह से साफ करें और ध्यान रहे कि इन्हें साफ करने के बाद अपने हाथों को भी तुरंत साबुन से धोएं।

घर में सबसे पहले उन जगहों की सफाई करें, जहां अधिकतर आपके हाथ जाते हैं, जैसे फ्रिज का हैंडल, मेज-कुर्सी, नल, टीवी के रिमोट, मोबाइल, लैपटॉप, की-बोर्ड, बच्चों के खिलौने, डस्टबिन आदि। इनकी दिन में 2 से 3 बार सफाई करें।
बच्चों के खिलौने जिससे वे खेलते हैं, उन्हें भी जरूर साफ करें।

बच्चों को जरूर सिखाएं-

साबुन से हाथ धोते रहें। बिना हाथ धोएं चेहरे, नाक, आंखों में हाथ न लगाएं।

उन्हें बाहर जाने से रोकें व घर में ही रहने के लिए कहें।

हाथ धोने का सही तरीका उन्हें समझाए।

 

शिशु पर इस तरह करें एलोवेरा जैल का इस्तेमाल, मिलेंगें कई फायदे

शिशु पर इस तरह करें एलोवेरा जैल का इस्तेमाल, मिलेंगें कई फायदे

सदियों से सेहत, सौंदर्य, औषधियों में एलोवेरा का इस्तेमाल होता आया है। अब तो कई बीमारियों जैसे गठिया, जलने पर और पेप्टिक अल्सर में भी एलोवेरा को असरकारी पाया गया है। एलोवेरा में कई गुण होते हैं और अपने शिशु को आप किस तरह इसके लाभ दे सकती हैं, इसी के बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं।

क्या शिशु के लिए एलोवेरा सुरक्षित है

नवजात शिशु की त्वचा पर एलोवेरा लगाया जा सकता है। यूएस नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लीमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ स्टेट्स के मुताबिक एलोवेरा लगाना सुरक्षित होता है। हालांकि, शिशु को एलोवेरा खिलाने या इसके जूस के सेवन को लेकर कोई चिकित्सकीय सलाह उपलब्ध नहीं है।

शिशु पर कैसे करें एलोवेरा का उपयोग

आप घर पर ताजा एलोवेरा जैल का शिशु पर कई तरह से इस्तेमाल कर सकत हैं, जैसे कि :

*दिन में कई बार एलोवेरा जैल से शिशु की मालिश करने से स्किन हाइड्रेट रहती है। चेहरे पर जैल लगाने से बचें।

*आप एलोवेरा जैल से शिशु के बालों और स्कैल्प की मालिश भी कर सकते हैं। हालांकि, इसके प्रभाव की पुष्टि को लेकर अभी तक कोई रिसर्च नहीं की गई है।

शिशु को एलोवेरा जैल से मिलने वाले लाभ

एलोवेरा जैल में 200 बायोएक्टिव तत्व जैसे कि एंजाइम, लिग्निन, सैपोनिंगस, सलाइलिक एसिड और अमीनो एसिड होते हैं। ये सभी शिशु के लिए लाभकारी हैं। स्किन जलने, एक्ने या डायपर रैशेज में आप एलोवेरा जैल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

शिशु के लिए कैसे तैयार करें एलोवेरा जैल

आपको बाजार में पाउडर, जैल, जूस या कैप्सूल के रूप में एलोवेरा मिल जाएगा लेकिन बेहतर होगा कि आप शिशु के लिए घर पर ही ताजा एलोवेरा जैल बनाएं। एलोवेरा जैल बनाने का तरीका इस प्रकार है : 

*एलोवेरा के पौधे से एक पत्ती लें और उसे गुनगुने पानी से धो लें।

*इसे सुखाने के बाद छीलें, आपको इसके अंदर सफेद रंग का जैल दिखाई देगा।

*पत्ती को नीचे रख दें और उसमें से नीले का रंग का रस निकलने दें।

*जब ये रस निकल जाए तो चम्मच या चाकू की मदद से जैल को निकाल लें।

*इस जैल को आप एयर टाइट कंटेनर में स्टोर कर के रख सकते हैं और शिशु की त्वचा पर लगा सकते हैं।

*ध्यान रहे कि आपको शिशु की त्वचा पर सिर्फ ताजा एलोवेरा जैल ही लगाना है। बच्चे को एलोवेरा जैल खिलाएं नहीं और न ही इसका जूस पीने को दें। ऐसा बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। चूंकि, शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है इसलिए चेहरे पर जैल लगााने से बचें।

इस प्रकार आप सुरक्षित तरीके से शिशु पर एलोवेरा जैल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 
क्या आप को भी बेड टी की आदत है तो हो जाइए सावधान हो सकती है ये परेशानिया

क्या आप को भी बेड टी की आदत है तो हो जाइए सावधान हो सकती है ये परेशानिया

बेड-टी से दिन की शुरुआत करनेवाले लोगों को कुछ खास तरह की दिक्कतें अपनी सेहत को लेकर अक्सर होती रहती हैं। लेकिन उन्हें पता ही नहीं होता कि आखिर उनकी परेशानी की वजह क्या है... अगर आप भी पेट और पाचन संबंधी कुछ समस्याओं का सामना कर रहे हैं या अक्सर लो फील करते हैं तो यहां जानें क्या हो सकती है आपकी समस्या की वजह...

एनर्जी नहीं उदासी बढ़ती है!
-आपको थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है लेकिन अगर आप सुबह के समय खाली पेट चाय लेते हैं तो नोजिया, उनिंदापन, रोने की इच्छा होना और उदासी बढऩे जैसी मानसिक समस्याएं होने लगती हैं।
-हालांकि आपको अभी तक यही पता होगा कि कैफीन हमें तुरंत एनर्जी देता है। लेकिन अगर आप सुबह के वक्त खाली पेट कैफीन लेंगे तो इससे तो इसके साइड इफेक्ट मानसिक समस्याओं के रूप में भी सामने आ सकते हैं।

गट बैक्टीरिया को हानि
-हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में गट बैक्टीरिया का बहुत बड़ा रोल होता है। ये ऐसे बैक्टीरिया हैं, जो सेहत को दुरुस्त रखने के लिए भोजन के पाचन और जरूरी एंजाइम्स के उत्पादन में सहायता करते हैं।
-लेकिन खाली पेट चाय पीने से इन्हें हानि पहुंचती है। साथ ही हमारे मुंह में बने अच्छे बैक्टीरिया भी चाय में मिली शुगर को तोडऩे में जुट जाते हैं, जिससे ओरल हेल्थ को हानि होती है। इससे मुंह से स्मेल आने की दिक्कत बढ़ जाती है।

यूरिन अधिक आना
-चाय के साथ दिन की शुरुआत करनेवाले लोगों को सबसे पहले समस्या यूरिन अधिक आने की होती है। इससे इनके शरीर में पानी की कमी होने लगती है। क्योंकि चाय में मौजूद कैफीन और दूसरे डियूरेटिक एलिमेंट्स शरीर से पानी के बाहर करने का काम करते हैं।
-इस कारण बार-बार प्यास लगना और बार-बार यूरिन आने की समस्या अक्सर हो जाती है। इस कारण पेट भी ठीक से साफ नहीं होता। पेट में भारीपन और टफनेस की दिक्कत हो सकती है।


पेट साफ नहीं होता
-अगर आपको पेट ठीक से साफ ना होने की शिकायत रहती है तो इसका एक कारण आपकी बेड-टी लेने की आदत भी हो सकती है। क्योंकि दिन की शुरुआत चाय के साथ करने से पेट में एसिडिटी की समस्या हो जाती है।
-कैफीन से दिन की शुरुआत करना पाचन तंत्र को डिस्टर्ब करता है और चाय में बड़ी मात्रा में कैफीन होता है। खासतौर पर जिन लोगों को मोशन से जुड़ी दिक्कत होती है, उन्हें दिन की शुरुआत चाय के साथ नहीं करनी चाहिए।
 

एम्स रायपुर का ब्लड बैंक नए स्वरुप और सुविधाओ के साथ विस्तृत परिसर में हुआ शिफ्ट

एम्स रायपुर का ब्लड बैंक नए स्वरुप और सुविधाओ के साथ विस्तृत परिसर में हुआ शिफ्ट

रायपुर, एम्स का ब्लड बैंक अब ए-1 ब्लॉक में बने विस्तृत परिसर में शिफ्ट हो गया है। यहां रक्तदाताओं और ब्लड लेने वालों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
ब्लड बैंक कई विशिष्ट सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है जिसमें ल्यूको रेडयूसेड ब्लड, इररेडीएटेड ब्लड, न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (नेट)-जिससे डीएनए-आरएनए स्क्रीनिंग में सहायता मिलेगी, थैराप्यूटिक प्लाज्मा एक्सचेंज और पेरिफेरल ब्लड स्टेम सेल कलेक्शन शामिल है।
रक्तदान हेतु एम्स रायपुर, ब्लड बैंक एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन से संपर्क कर रक्तदान पास प्राप्त कर सकते है जिससे लॉकडाउन में रक्तदाता को एम्स तक आने में कोई कोई समस्या नहीं होगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 8518883771 और 8518881735 पर संपर्क किया जा सकता है।
 

गर्मियों में खूब खाएं नारियल, सेहत को नहीं होने देगा इतने नुकसान

गर्मियों में खूब खाएं नारियल, सेहत को नहीं होने देगा इतने नुकसान

नारियल एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो हमें सारे मौसम में बड़ी आसानी से मिल जाता है। वैसे तो पूरे भारत में इसका बड़े चाव से सेवन किया जाता है लेकिन दक्षिण भारत में इसका विशेष रूप से उपयोग होता है। कच्चे नारियल की चटनी से लेकर कई कई प्रकार के पकवान में भी नारियल का इस्तेमाल होता है। वहीं केवल नारियल खाने से भी कई प्रकार का फायदा हमारी सेहत को पहुंचता है। यह कई गंभीर बीमारियों के खतरे से बचाने के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। आइए जानते ही नारियल खाने से हमें क्या-क्या लाभ हो सकते हैं। 

थायरॉइड फंक्शन को ठीक करें

थायरॉइड फंक्शन अगर ठीक से काम नहीं करता है तो हमारे गले में कई प्रकार के रोग भी हो सकते हैं। कुछ लोगों को थायरॉइडरोग भी हो जाता है जो थायरॉइड फंक्शन के ठीक तरीके से काम ना करने के कारण भी हो सकता है। जबकि वैज्ञानिकों ने अध्ययन के पश्चात यह पाया है कि नारियल का सेवन करने वाले लोगों में थायरॉइड फंक्शन ठीक तरीके से काम करता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आप भी नारियल का सेवन कर सकते हैं। 

दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाए

दिमाग की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए भी नारियल काफी फायदेमंद साबित होगा। ऐसा इसलिए भी मुमकिन हो सकता है क्योंकि नारियल में ब्रेन बूस्टिंग गुण पाया जाता है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व आपकी ब्रेन सेल्स को एक्टिवेट करते हैं ताकि आपके दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ सके। इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है जिससे वह अच्छी तरीके से काम करने लगता है। 

वजन नियंत्रण करने के लिए

कुछ लोग मोटापे की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान होते हैं और उसके लिए वह तरह-तरह की टिप्स को फॉलो करते हैं। इन सबसे अलग अगर खान-पान पर ही विशेष ध्यान दिया जाए तो मोटापे की समस्या से बचने में काफी मदद मिल सकती है। वैज्ञानिक रिपोर्ट की मानें तो नारियल का सेवन करने के कारण वजन को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है। इसलिए वजन को नियंत्रित करने के लिए आप भी नारियल को अपनी डायट में जरूर शामिल करें। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने के कारण हम कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहते हैं। एक मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर में एंटीबॉडी इसको प्रवेश करने से रोकती है जिसके कारण हमें कई प्रकार के संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी के अनुसार,नारियल का सेवन करने वाले लोगों में इम्यून सिस्टम के मजबूत होने का सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। 

हृदय को स्वस्थ रखे

नारियल का सेवन करने वाले लोगों में हृदय रोगों का खतरा भी कई गुना तक कम हो जाता है। इसके वैज्ञानिक कारणों की बात करें तो नारियल में पाया जाता है। यह हृदय को सुरक्षा प्रदान करने का एक विशेष गुण होता है जो खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसलिए जो लोग ह्रदय रोगों की चपेट में आने से बच के रहना चाहते हैं, वे भी नारियल को खाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 

पाचन शक्ति को बढ़ाए

कहते हैं कि हमारे शरीर में कई बीमारियों की वजह पेट होता है। इसका मतलब अगर आपका पेट स्वस्थ नहीं है तो आप कई प्रकार की बीमारियां से जूझ सकते हैं। इसलिए सबसे जरूरी है कि अपने पेट की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखें। पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के लिए नारियल में पाया जाता है। इसलिए नारियल का सेवन आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भी काफी काम आ सकता है। आप चाहें तो ताजे नारियल को स्मूदी के रूप में बनाकर भी पी सकते हैं।

 
कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के साथ-साथ इन 6 रोगों से भी दूर रखता है पंपकिन सीड्स का सेवन

कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के साथ-साथ इन 6 रोगों से भी दूर रखता है पंपकिन सीड्स का सेवन

कद्दू यानी कद्दू का इस्तेमाल कई प्रकार की सब्जियों के रूप में किया जाता है। इसका सेवन करने वाले ज्यादातर लोग ऐसे भी होते हैं जो इसके सीड्स यानी बीजों को फेंक देते हैं। लेकिन इसके बीज के कई सारे फायदे हैं जो आपकी सेहत को कद्दू से ज्यादा लाभ पहुंचा सकते हैं। पंपकिन सीड्स का सेवन तो वैसे भी प्रोटीन शेक या फिर स्मूदी के रूप में किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि पंपकिन सीड्स कैंसर और डायबिटीज जैसी कई प्रकार की गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से भी आप को बचाए रख सकता है। इसके सेवन से होने वाले कुछ और खास फायदों को आगे बताया जा रहा है...


कैंसर से बचाव
पंपकिन सीड्स का सेवन करने वाले लोग कैंसर की चपेट में आने से काफी हद तक बचे रहेंगे। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, इस बात की भी पुष्टि की गई है कि कद्दू के बीज में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के जोखिम को काफी निष्क्रिय कर देता है। यह पेट के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, कोलन कैंसर जैसे कैंसर के खतरे से बचाए रखने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकता है। इसलिए अगर आप भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आने से बचे रहना चाहते हैं तो इसे अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं।

डायबिटीज से सुरक्षा
कद्दू के बीजों में एंटी डायबेटिक गुण पाए जाते हैं और यही वजह है कि यह डायबिटीज जैसी बीमारी से बचाए रखने के लिए काफी सक्रिय खाद्य पदार्थ माना जाता है। इसे खाने के लिए आप चाहें तो इसकी स्मूदी इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर आप इसे प्रोटीन शेक के रूप में भी पी सकते हैं। इसका नियमित रूप से किया गया सेवन शरीर में डायबिटीज की स्थिति को उत्पन्न होने से रोकता है और आप डायबिटीज की बीमारी से सुरक्षित रहते हैं।

हृदय रोगों से बचाने में
हृदय रोगों से बचे रहने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि आप अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। आप अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जो कार्डियोप्रोटेक्टिव कौन रहते हैं और आपके हृदय के लिए भी लाभदायक हों। ऐसे में जब बात आती है पंपकिन सीड्स की तो यह भी आपके दिल के लिए काफी फायदेमंद सीड साबित हो सकता है। यहां भी मैग्नीशियम के बारे में आपको बताया जाएगा क्योंकि मैग्नीशियम एक ऐसा मिनरल है जो ह्रदय रोगों से भी बचाए रखने के लिए काफी मदद करता है।

सूजन कम करने में
कभी-कभी खेलते वक्त या फिर किसी चोट के कारण या शरीर के अंदर मौजूद कोशिकाओं के टूटने की स्थिति में सूजन हो जाती है। यह सूजन शरीर के किसी भी हिस्से में होती है जो कभी-कभी बढ़ भी सकती है। हालांकि, ऐसी स्थिति के लिए प्राथमिक रूप से पंपकिन सीड्स का सेवन काफी लाभ दिला सकता है। दरअसल, पंपकिन सीड्स में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह सूजन को कम करने का विशेष गुण रखता है। इसलिए जब आप इन बीजों का सेवन करेंगे तो इससे आपके शरीर की सूजन को कम करने में बड़ी मदद मिल सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में
बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के कारण दिल से जुड़ी कई बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। यहां तक कि क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब करने के साथ-साथ कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी पैदा हो सकती है। इस बीमारी को हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। जबकि । यह एक ऐसा मिनरल है जो ब्लड प्रेशर की स्थिति को संतुलित बनाए रखने में सक्रिय रूप से कार्य करता है। इसलिए आप भी इसका नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं।

पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए
पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है कि आप फाइबर वाले शोध खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करें। फाइबर एक ऐसा पोषक तत्व है जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए कार्य करता है। वहीं, पंपकिन सीड में भी फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है और अगर आप इसका नियमित रूप से सेवन करते हैं तो यह आपकी पाचन किया को मेंटेन रखने के लिए भी मदद कर सकता है।

स्पर्म क्वालिटी
पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी लो होने के कारण उनकी सेक्सुअल लाइफ काफी बुरी हो जाती है। उनकी प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए जिन पुरुषों को अपने स्पर्म काउंट को मेंटेन रखना है वह हफ्ते में कम से कम 2 से 3 बार पंपकिन सीड्स का सेवन कर सकते हैं। दरअसल,यहां पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने के लिए भी काफी मददगार क्रिया होती है जो स्पर्म क्वालिटी को बढ़ाने के साथ-साथ स्पर्म मोटिलिटी में भी मददगार हो सकती है। आप चाहें तो स्पर्म क्वालिटी को बूस्ट करने के लिए कद्दू के बीजों को प्रोटीन शेक के रूप में भी पी सकते हैं।

 

इन 2 तरीकों से नहाने पर बॉडी पेन में मिलती है तुरंत राहत, दूर होती है थकान

इन 2 तरीकों से नहाने पर बॉडी पेन में मिलती है तुरंत राहत, दूर होती है थकान

एक वक्त था जब हम घड़ी देखा करते थे कितने बजे हैं? एक आज का वक्त है कि घड़ी हमें दिखाती है कि इतना वक्त हो गया और तुम्हारा इतना ज्यादा काम बाकी है। हर समय हमारे दिमाग पर काम का प्रेशर रहता है, कभी ऑफिस का काम तो कभी घर का काम। ऐसे में शारीरिक और मानसिक थकान होना तय है। इस स्थिति में हम कुछ ऐसा चाहते हैं जो हमें तुरंत राहत दे सके। हमारे शरीर में फिर से एनर्जी भर सके कि हम बाकी बचे काम को गोली की स्पीड से पूरा कर लें। अब सवाल यह उठता है कि ऐसा है क्या किया जा सकता है जो तुरंत राहत दे...


जानकर आप हैरान हो सकते हैं कि थकान और बॉडी पेन दूर करने के लिए हम आपको नहाने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन आपको वैसे नहीं नहाना है, जैसे आप अब तक नाहते रहे हैं। आपको अपने नहाने के पानी में कुछ हर्ब्स मिलानी हैं। ये आपकी बॉडी में बढ़े तनाव, जलन और थकान को कम कर आपको तुरंत राहत देंगी। इस तरह नहाने का तरीका हर्ब बाथ के नाम से जाना जाता है।

कैसे करना चाहिए हर्ब बाथ?


- हर्ब बाथ करने के लिए आप कोई भी हर्ब चुन सकते हैं। जैसे, लैवंडर, पिपरमिंट, रोजमैरी और अजवाइन। अगर आपके पास ये लिक्विड फॉर्म में हैं तो आप इन्हें 25 से 30 मिलीलीटर लें। वहीं अगर ये हर्ब्स आपके पास ड्राई फॉर्म में हैं तो आप बाथ टब के लिए 5 से 6 स्पून और बकेट के लिए 3 से 4 स्पून ले सकते हैं।


- अगर आपके पास सूखी हर्ब हैं तो अब आप एक लीटर पानी लेकर उसमें ये हर्ब डाल दीजिए। इस पानी को उबाल लीजिए और फिर 20 मिनट के लिए सोक करने के लिए छोड़ दीजिए।

-अब इस पानी को छलनी में छानकर अपने नाहने के पानी या बाथ टब में भरे पानी में मिला लीजिए। इस बात का ध्यान रखिए कि जब भी आप बहुत थके हुए हों और मौसम ठंडा हो या रात का समय हो तो नहाने का पानी हल्का गुनगुना होना चाहिए। क्योंकि यह बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और नर्ब्स को रिलैक्स करने का काम करता है।

दूसरा तरीका


आप एक लीटर पानी लीजिए और इसे उबाल लीजिए। इस उबले हुए पानी में लैवंडर या लेमन असेंशियल ऑइल मिक्स कर लीजिए। साथ ही 5 स्पून रोज वॉटर यानी गुलाबजल मिक्स कर लीजिए। तैयार लिक्विड को नहाने के पानी में मिक्स कर लीजिए। बेहतर होगा कि आप बाथ टब में इस पानी को मिक्स कर उसमें 20 मिनट के लिए सोक करें। इससे आपकी मसल्स रिलैक्स होंगी और सारी थकान दूर हो जाएगी।
 

इस समय भूलकर भी न खाएं दही, हो सकते हैं ये खतरे

इस समय भूलकर भी न खाएं दही, हो सकते हैं ये खतरे

दही यूं तो सेहत के लिए काफी अच्छा होता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार अगर इसे गलत समय पर खाया जाए तो इसका उल्टा प्रभाव भी हो सकता है। गर्मियां आते ही, लंच में खाने के साथ दही खाना अधिकतर लोगों की आदत में शामिल होता है। यह एक अच्छी आदत भी है। दही कई मामलों में सेहत के लिए काफी अच्छा होता है और अधिकतर लोगों को इसे खाने से परेशनी नहीं होती। आपको बता दें, आयुर्वेद में कहा गया है की रात को दही खाने से बचना चाहिए। रात को दही लेने पर यह एक तरह से शरीर के लिए हानिकारक साबित होता है।

क्या है इसके पीछे की वजह?
रात के समय हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से कफ की प्रबलता बढ़ जाती है। इसलिए रात को दही खाने से पेट से जुडी कई बीमारियां होने का खतरा रहता है। कई एक्सपर्ट्स के अनुसार, रात को दही खाने से फूड पॉइजनिंग तक हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग लैक्टोस नहीं ले पाते हैं, वो भी दही खा सकते हैं। आमतौर पर, जो लोग दूध ले पाते हैं, उन्हें दही भी कोई दिक्कत नहीं करता है। वैज्ञानिक रूप से तो दही के कोई नुकसान नहीं है, लेकिन यह आयुर्वेदिक कांसेप्ट है की हमें ठंडा और गर्म खाना मिक्स नहीं करना चाहिए। इससे आपको गले में परेशानी और सूजन हो सकती है।

कब और कैसे खाएं दही?
दही सबसे अधिक फायदेमंद नाश्ते में खाने से होता है। दही में चीनी मिलाकर खाने से खून की कमी दूर होती है। पेट की परेशानी को दूर करने के लिए दही से बानी लस्सी या छाछ भी सेहत के लिए अच्छी होती है।

पचाने में हो सकती है मुश्किल
रात को दही खाने से इसे पचाने में मुश्किल हो सकती है। इस तरह के भोजन को पचाने के लिए एनर्जी बर्न करनी की जरूरत पड़ती है। खाने के बाद तुरंत सोने से पाचन तंत्र कमजोर होता है। दही सूजन को बढ़ाता है, इसलिए शरीर में सूजन हो तो इसे न खाएं।

गलत समय पर दही कर सकते हैं बड़ी परेशानी
रात में दही खाने से खांसी-जुखाम, जोड़ो के दर्द की परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हो सके तो रात के समय दही खाने से परहेज करना ही बेहतर होता है। दही को रात के साथ-साथ बसंत में भी नहीं खाना चाहिए।
 

काम की खबर : प्रेग्नेंट होने से पहले महिलाओं को करवा लेने चाहिए ये टेस्ट

काम की खबर : प्रेग्नेंट होने से पहले महिलाओं को करवा लेने चाहिए ये टेस्ट

प्रेग्नेंसी के बाद तो मां और शिशु के स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए टेस्ट और नियमित चेकअप करवाए ही जाते हंस लेकिन गर्भधारण करने से पहले भी महिलाओं को कुछ जरूरी टेस्ट करवा लेने चाहिए। डॉक्टर प्रेग्नेंसी से पहले कुछ टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं जिन्हें प्री-प्रेग्नेंसी टेस्ट कहा जाता है।


क्या है प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप
गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर महिला और पुरुष दोनों के ही कुछ टेस्ट करवाते हैं जिनकी मदद से ये पता लगता है कि उन दोनों को कोई बीमारी या स्वास्थ्य समस्या तो नहीं है। इन टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर ही डॉक्टर प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी आहार, एक्सरसाइज और सप्लीमेंट देते हैं।


ब्लड ग्रुप और एंटीबॉडी स्क्रीन
सबसे पहले महिला का ब्लड ग्रुप जानने के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जाता है। यदि किसी महिला का आरएच नेगेटिव या आरएच पॉजीटिव ब्लड है और उसके पार्टनर का आरएच नेगेटिव ब्लड ग्रुप है तो आरएच नेगेटिव महिला एवं आरएच पॉजीटिव पुरुष के शिशु में हीमोलिएटिक डिजीज का खतरा रहता है। इस स्थिति में शिशु के मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है या नवजात की मृत्यु भी हो सकती है।

प्रेग्नेंसी से पहले महिला का एंटीबॉडी टेस्ट भी करवाया जाता है। अगर किसी महिला ने पहले कभी खसरे या रूबैला के लिए बहुत समय पहले वैक्सीन लगवाया था तो इस टेस्ट की मदद से पता लगाकर उन्हें बूस्टर वैक्सीन लेने की जरूरत जांची जाती है।

सिफलिस सेरोलॉजी
सिफलिस इंफेक्शन के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जाता है। सिफलिस एक यौन संक्रमित इंफेक्शन है जिसमें अक्सर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। सिफलिस के कारण गर्भावस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है लेकिन इसके पता चलने के बाद एंटीबायोटिक की मदद से आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है।

वायरल इंफेक्शन
डॉक्टर इस बात की सलाह देते हैं कि सभी महिलाओं को गर्भधारण से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी की जांच करवा लेनी चाहिए। इनकी वजह से गर्भवती महिला और शिशु दोनों को ही मुश्किल हो सकता है।

यूरिन टेस्ट
प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप में मूत्रमार्ग में संक्रमण यानी यूटीआई और किडनी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच की जाती है।

गायनेकोलोजिकल स्क्रीनिंग
इस स्क्रीनिंग में यूटराइन फाइब्राएड, सिस्ट, गैर-कैंसरकारी ट्यूमर या पेल्विक इंफ्लामेट्री डिजीज का पता लगाया जाता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी को प्रभावित करने वाली समस्याओं जैसे कि अनियमित माहवारी और पीसीओएस की भी जांच की जाती है।

अन्य ब्लड टेस्ट
विटामिन बी की कमी, हीमोग्लोबिन काउंट जानने, आरएच फैक्टर, रूबैला, वैरीसेला, टीबी, थायराइड और टोक्सोप्लासमोसिस आदि की जांच के लिए भी प्रेग्नेंसी से पहले डॉक्टर महिलाओं को ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।