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इस प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘Guardian Ministers’ की नियुक्ति की, जानिए क्या होगा उनका काम

इस प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘Guardian Ministers’ की नियुक्ति की, जानिए क्या होगा उनका काम

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने राज्य में “Guardian Ministers” को नियुक्त किया है।

संरक्षक मंत्रियों (Guardian Ministers) के कार्य
संरक्षक मंत्री राज्य के सभी 34 जिलों में संतुलित, तेज और सतत विकास की देखरेख करेंगे।
वे जिलों में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा योजनाओं को लागू करने और सम्बंधित मुद्दों को हल करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
वे सरकार के नीतिगत फैसलों, प्रशासनिक सुधारों और जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी भी करेंगे।
वे सामान्य रूप से और साथ ही आपातकालीन स्थितियों के दौरान नियत जिलों का अक्सर दौरा करेंगे।
वे सरकार को जिले के कल्याण और विकास के लिए नीतिगत फैसले भी सुझा सकते हैं।बाद में इस मामले पर राज्य मंत्रिमंडल विचार करेगा।
वे जिलों में सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए पुरस्कारों की सिफारिश करेंगे और जिला प्रशासन के साथ एक ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार करेंगे।
वे बुनियादी ढांचे के विकास की योजना भी बना सकते हैं और जिले में उपलब्ध संसाधनों का अध्ययन कर सकते हैं।
वे बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की योजना की देखरेख करेंगे।
अंत में, वे जिला विशिष्ट मामलों की सिफारिश करेंगे जहां बजट प्रावधान की आवश्यकता है।
जिलों का आवंटन
13 मंत्रियों में से आठ मंत्रियों को तीन-तीन जिले और पांच मंत्रियों को दो-दो जिले आवंटित किए गए हैं।

संरक्षक मंत्री (Guardian Minister) कौन है?
वह जिला योजना समिति (DPC) का पदेन अध्यक्ष होता है, जिसका गठन हर जिले में कानून के अनुसार किया जाता है। हालांकि, नियम में यह उल्लेख नहीं है कि डीपीसी का प्रमुख कौन होना चाहिए। इसका नेतृत्व प्रशासन के साथ-साथ निर्वाचित प्रतिनिधि भी कर सकते हैं। 

आज हुए प्रदेश भाजपाध्यक्ष श्री विष्णुदेव साय के प्रेस वार्ता की ये है मुख्य बाते

आज हुए प्रदेश भाजपाध्यक्ष श्री विष्णुदेव साय के प्रेस वार्ता की ये है मुख्य बाते

रायपुर, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल के शानदार 7 वर्ष इस 30 मई को पूरे हो रहे हैं. यह अवसर देश के लिए गौरव का है. अभी कोविड के हालात के कारण पार्टी के शीर्ष राष्ट्रीय नेतृत्व ने किसी तरह का उत्सव नहीं मनाने का निर्णय लिया है. हम ‘सेवा ही संगठन’ अभियान के तहत इस अवसर पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गांव-गांव तक पहुचेंगे. पार्टी ने इस अवसर पर निम्नलिखित अभियान हाथ में लिए हैं :-
1. पार्टी ने देश भर में 1 लाख गाँवों तक पहुंचना तय किया है, इसमें से छत्तीसगढ़ में हम 5 हज़ार गावों तक पहुचेंगे. प्रदेश में यह कार्यक्रम 31 मई को होगा. यहां पर कोरोना के खिलाफ जन-जागरण अभियान चलाएंगे. स्वच्छता अभियान. ऑक्सीजन एवं तापमान आदि जांच कर स्क्रीनिंग आदि.
2. क्योंकि कांग्रेस के दुष्प्रचार के कारण खासकर छत्तीसगढ़ में वैक्सीन के बारे में काफी भ्रम की स्थिति निर्मित हुई है. अतः हमारा प्रयास होगा कि इस अवसर पर अधिकाधिक जागरुकता फैला कर जनता को टीकाकरण के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित किये जाएँ.
3. इन गावों और ‘सेवा ही संगठन’ अभियान तहत फ़ूड पैकेट, सूखा राशन किट आदि बांटना. मास्क, सेनीटाईजर आदि का वितरण करना है.
4. कोविड प्रभावित परिवारों से मिलना. इस महामारी से दिवंगत हुए व्यक्तियों के परिवार तक पहुँच उन्हें सांत्वना देना, संवेदना प्रकट करना, साथ ही उनकी किस तरह से सहायता की जा सकती है, इसकी भी जानकारी लेना और समाधान की कोशिश करने भाजपा प्रयत्न करेगी.
5. हम सरकार से भी यह मांग करते हैं कि कोरोना पीड़ितों के प्रति वह संवेदनशील हो. अन्य प्रदेशों ने इस मामले में काफी कुछ किया है, यहां भी कोरोना से दिवंगत हुए परिवारों को 5 हज़ार प्रति माह पेंशन, रेहडी-पटरी वालों को पुनर्वास, उन्हें सहायता देना, आंगनवाडी-मितानिन समेत सभी को जो भी शासकीय कर्मचारी हताहत हुए हैं, उनके परिवार को नियुक्ति दिए जाएँ. बड़ी संख्या में शिक्षक दिवंगत हुए हैं, उनके लिए भी अनुकम्पा नियुक्ति समेत तमाम सहायता दिए जाएँ. भाजपा के दबाव में भले कांग्रेस ने अनुकम्पा नियुक्ति की पर लगी दस प्रतिशत के सीलिंग को शिथिल किया है, लेकिन यह महज़ घोषणा न रह जाए इसे शीघ्र अमल में लाये जाएँ. पत्रकार और मीडिया से जुड़े सभी लोगों को पर्याप्त सहायता दिए जाएँ. इनमें से कुछ घोषणाएं की भी है, उसे महज़ घोषणा तक सीमित न रखें जाएँ.
6. हम प्रदेश में कोविड प्रभावित परिवारों का एक डाटाबेस भी तैयार करने के प्रयत्न करेंगे.
7. केन्द्रीय नेतृत्व ने यह भी तय किया है कि इस अवसर पर देश भर में रक्तदान शिविर भी विभिन्न मोर्चों द्वारा आयोजित किये जायेंगे.

8. इसके अलावा एक दूसरा महत्वपूर्ण विषय बंगाल हिंसा से सम्बंधित है. जैसा कि हम सब जानते हैं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 3 सीट से बढ़ कर हम 76 सीटों पर जीतने में सफल हुए हैं. यह एक कीर्तिमान है. बंगाल में आज़ादी के बाद से लेकर अब तक शासन करने वाली कांग्रेस/वाम ने ममता बनर्जी सरकार के साथ अघोषित गठजोड़ नहीं कर लिया होता तो आज भाजपा वहां सत्ता में होती. कांग्रेस और कम्युनिस्ट दोनों दलों को शून्य पर समेटना और वहां अपनी सीटों में 25 गुना से अधिक वृद्धि कर 33 प्रतिशत से अधिक वोट पाना भाजपा के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है.

लेकिन तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी सभी भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत को पचा नहीं पा रहे हैं. बिलकुल कम्युनिस्ट तौर तरीके अपना कर ममता बनर्जी जी की पार्टी ने जीत हासिल करते ही जिस तरह हिंसा का तांडव मचाया है, वह घृणित है. लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं की नृशंस ह्त्या, दुष्कर्म, लूट, उनके घर जलाना आदि राज्य प्रायोजित हिंसा से बंगाल तबाह हो रहा है. इस संबंध में दो जून को दोपहर 12 से 1.30 बजे तक विशाल वर्चुअल रैली आयोजित की जायेगी.इसके खिलाफ भाजपा ने बड़े स्तर पर आन्दोलन करने का निर्णय लिया है. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यह अभी फिलहाल वर्चुअल माध्यम से ही किये जायेंगे.
 

BIG BREAKING : सीएम की कुर्सी जाने की अटकलें हुई तेज कुछ विधायक पहुचे दिल्ली, सीएम ने दिया यह जवाब

BIG BREAKING : सीएम की कुर्सी जाने की अटकलें हुई तेज कुछ विधायक पहुचे दिल्ली, सीएम ने दिया यह जवाब

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की कुर्सी जाने की अटकलें तेज हो गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि कर्नाटक के कुछ विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। हालांकि, इन अटकलों पर अब खुद बीएस येदियुरप्पा ने चुप्पी तोड़ी है। येदियुरप्पा ने कहा है कि सिर्फ किसी के दिल्ली चले जाने से कुछ नहीं बदलता।


येदियुरप्पा ने कहा, 'कुछ लोगों के दिल्ली जाने से कुछ नहीं बदलता। उन्हें सही जवाब के साथ वापस भेज दिया गया है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सबको एक साथ आना होगा। सभी विधायकों और मंत्रियों को कोरोना पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।'
कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा था कि उन्हें कई विधायकों के दिल्ली जाने की खबर मिली है। उन्हें यह भी पता चला है कि ये विधायक मंत्रियों से मिल रहे हैं।
इस बीच राज्य में विपक्ष और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि येदियुरप्पा को बदला जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि अगला मुख्यमंत्री जो भी बनेगा वह भी कमजोर होगा।

 

बेहतर प्रबंधन से बेमेतरा जिले में थमी कोरोना संक्रमण की रफ्तार : रविंद्र चौबे

बेहतर प्रबंधन से बेमेतरा जिले में थमी कोरोना संक्रमण की रफ्तार : रविंद्र चौबे

रायपुर । राज्य के बेमेतरा जिले में बेहतर प्रबंधन के चलते कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप काफी हद तक थम गया है। जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक मुख्यालयों में कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था के चलते कोविड मरीजों को बेहतर सुविधा मिली है। जिले के संक्रमण दर में काफी कमी आने के साथ ही रिकवरी रेट लगभग 98.5 प्रतिशत है। जिले के लगभग 55 फीसद आबादी को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण किया जा चुका है। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम, संक्रमितों के इलाज एवं जरूरतमंदों की मदद के लिए जिला प्रशासन के प्रभावी प्रबंधन की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि जिले के अधिकारियों-कर्मचारियों ने इस महामारी की रोकथाम के लिए बड़ी मेहनत की है। संक्रमण रोकने की कामयाबी का श्रेय जिला प्रशासन को जाता है। उन्होंने जिले के ब्लॉक मुख्यालय साजा, थान-खम्हरिया, बेरला, नवागढ़ एवं बेमेतरा में कोविड मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की स्थापना, ऑक्सीजन युक्त बिस्तर की व्यवस्था और आवश्यक उपकरण एवं दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था को सराहा और कहा कि सभी लोगों ने संकटकाल में मरीजों एवं जरूरतमंदों की खूब सेवा की है।
बेमेतरा जिले की आबादी लगभग 10 लाख है। यह जिला शिवनाथ नदी के आंचल में बसा एक कृषि प्रधान जिला है। जिले में कुल 699 गांव हैं। जिले में 150 स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं संक्रमित मरीजों की पहचान एवं उपचार में स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अमले के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन सहित अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अग्रणी भूमिका निभाई है। बेमेतरा छत्तीसगढ़ राज्य का एक ऐसा जिला है जिसके ब्लॉक मुख्यालयों में भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन युक्त बेड, कंसन्ट्रेटर सहित आवश्यक उपकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि ग्रामीण अंचल के लोगों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय या अन्य शहरों में न जाना पड़े। जिले के सभी सामुदायिक केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अन्य शासकीय भवनों में स्थापित कोविड केयर हॉस्पिटल में 620 बिस्तर तथा जिला मुख्यालय स्थित कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में 320 ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा उपलब्ध है। भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन के साथ-साथ 24 घंटे एम्बुलेंस एवं निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलबध है।
जिला प्रशासन बेमेतरा द्वारा कोविड के संबंध में जनसामान्य को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बीटको पोर्टल एवं मोबाइल एप्प संचालित है। जिले के समस्त फ्रंटलाइन वर्कर को कोरोना टीका की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें कोरोना दवा किट उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की समझाईश दी गई। कलेक्टर ने बताया कि बेमेतरा जिले में प्रतिदिन एक हजार सेम्पल की टेस्टिंग की जा रही है। अब तक एक लाख 90 हजार कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। पॉजिटिव पाए गए 18 हजार लोगों में से 16 हजार लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। जिले का रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत है। टीकाकरण के लिए गांव-गांव में कैम्प लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संस्थाओं एवं दान दाताओं की मदद से प्रवासी श्रमिकों के परिवहन एवं भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ कोविड उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।
 

भाजपा राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने ली कोर ग्रुप की बैठक

भाजपा राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने ली कोर ग्रुप की बैठक

रायपुर। भाजपा राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री व छत्तीसगढ़ प्रभारी शिवप्रकाश ने भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर, में कोर ग्रुप की बैठक ली। बैठक में टूलकिट के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कांग्रेस सरकार के एफ आई आर दर्ज करने व उसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी गई। कोर ग्रुप की बैठक में नेताओं ने माननीय शिव प्रकाश को बताया की प्रदर्शन के प्रथम दिन एक लाख से ऊपर भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने निवास से वर्चुअल धरना दिया। अगले चरण में सभी जिलों में वरिष्ठ नेताओं ने कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए जिला मुख्यालयों में पांच की संख्या में थाने में जाकर प्रदर्शन किया व अपनी गिरफ्तारी की मांग की। कोर ग्रुप की बैठक में उन्हें बताया गया कि आज प्रदेश के 500 से ज्यादा थाने और चौकियों में प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, मंडल पदाधिकारियों से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं ने थानों में प्रदर्शन कर कांग्रेस सरकार की अलोकतांत्रिक कार्रवाई के प्रति विरोध जताया। प्रदेश प्रभारी माननीय शिव प्रकाश ने सख्ती से कांग्रेसी सरकार के दमनकारी रवैया का भविष्य में भी विरोध करने का निर्देश दिया।


कोर ग्रुप की बैठक में भाजपा राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने इस कोविड-19 के समय संगठन ने क्या कार्य किया उसकी समीक्षा की। कोर ग्रुप की बैठक में प्रदेश प्रभारी को बताया गया कि भाजपा के प्रत्येक जिलों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सेवा ही संगठन हैइसे मूलमंत्र मानकर जरूरतमंदों को सुखा राशन, भाप मशीन व मास्क बड़ी संख्या में वितरित किये। दीनदयाल रसोई के माध्यम से प्रतिदिन हजारों की संख्या में भोजन पका कर जरूरतमंदों को वितरित की गई। साथ ही प्रत्येक जिलों में भाजपा हेल्पडेस्क बनाकर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना ,जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध कराना, आवश्यकता अनुसार सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बड़ी संख्या में व्यवस्था की गई। बैठक में कोरोना काल के दौरान कांग्रेस सरकार की विफलताओं की भी जानकारियां दी गई।


कोर ग्रुप की बैठक में डॉ रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय, बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम ,पूर्व संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह, पूर्व अध्यक्ष विक्रम उसेंडी व संगठन महामंत्री पवन साय उपस्थित रहे।

मोदी सरकार 2.0 का पूरा होने जा रहा दूसरा साल, मंत्रियों के कई पद खाली, जल्द कैबिनेट विस्तार के आसार

मोदी सरकार 2.0 का पूरा होने जा रहा दूसरा साल, मंत्रियों के कई पद खाली, जल्द कैबिनेट विस्तार के आसार

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 30 मई को अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के दूसरा वर्ष पूरा करने जा रही है। इस बीच पूरे देश की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट की उन रिक्तियों पर फिर से चला गया है जिसे जल्द से जल्द भरे जाने की संभावना है। इसकी संभावना इसलिए भी प्रबल हो गई है कि हाल के दिनों में कई राज्यों में बीजेपी के कुछ कद्दावर नेताओं ने पद छोड़े हैं। कई को राज्यसभा के जरिए दिल्ली बुलाया गया है। कुछ अभी भी इंतजार में हैं।

कैबिनेट के अलावा लगभग दो साल खाली पड़े लोकसभा के उपाध्यक्ष के पद को भी भरे जाने की संभावना है। आपको बता दें कि 25 मई, 2019 AIADMK के एम थंबीदुरई ने पद छोड़ दिया था। पार्टी और सरकारी हलकों में इससे वाकिफ लोगों का कहना है कि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार या फेरबदल कब होगा। हालांकि इस बात की काफी अटकलें थीं कि महामारी की पहली लहर के बाद कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है।

आज की तारीख में चार मंत्रियों के पास मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार है। ऐसा मंत्रियों के निधन या किसी बीमारी की वजह से हुआ है। या फिर एनडीए से अलग होने वाले दलों के द्वारा मंत्री पद छोड़ने के कारण उनके पद आज भी खाली हैं। उसकी अतिरिक्त जिम्मेदारी कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के कंधों पर है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास पर्यावरण के अलावा नवंबर 2019 से भारी उद्योगों का प्रभार भी है। आपको बता दें कि इस पद की जिम्मेदारी पहले शिवसेना के अरविंद सावंत के पास थी। महाराष्ट्र में बीजेपी से राह अलग होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।


केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को लोजपा नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद अक्टूबर में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। पासवान के जाने से केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक भी गैर-भाजपा मंत्री नहीं हैं। केवल आरपीआई के रामदास अठावले, एनडीए के सहयोगी, मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री हैं।

इसी तरह, नरेंद्र सिंह तोमर, जो पहले से ही तीन मंत्रालयों, कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज को संभाल रहे थे, को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा कैबिनेट छोड़ने के बाद पिछले साल सितंबर में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। आपको बता दें कि अकाली दल ने कृषि कानूनों को लेकर एनडीए छोड़ने का फैसला किया। इसके अलाना सितंबर में सुरेश अंगड़ी के निधन के बाद रेल राज्य मंत्री का पद भी खाली पड़ा है.


हाल ही में, केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू को श्रीपद नाइक के बाद आयुष मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, जिनके पास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार है, जनवरी में एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। नाइक अभी भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुए हैं।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “कुछ रिक्तियां हैं जिन्हें भरने की आवश्यकता है। कुछ उम्मीदें हैं जो मंत्रिपरिषद में स्थान पाने की उम्मीद कर रही हैं, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब किया जाएगा। फिलहाल सरकार के हाथ कोरोना महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश है।”

मंत्रिपरिषद में वर्तमान में 21 कैबिनेट मंत्री हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले नौ राज्य मंत्री हैं; इनमें राजकुमार सिंह, मनसुख मांडविया, जितेंद्र सिंह, रिजिजू, हरदीप पुरी और नाइक भी अतिरिक्त मंत्रालयों के साथ राज्य मंत्री हैं। राज्य के मंत्रियों की कुल संख्या 23 है। सत्तारूढ़ दल ने 2019 से तीन सहयोगियों, शिवसेना, अकाली दल और लोजपा को खो दिया है। नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), 2017 में एनडीए में फिर से शामिल हो गई, लेकिन केंद्र में इसका प्रतिनिधित्व नहीं है।


सरकार ने लोकसभा उपाध्यक्ष पद के लिए भी दो साल से किसी उम्मीदवार का प्रस्ताव नहीं रखा है। यह सबसे लंबी अवधि है जिसके लिए वह पद रिक्त रहा है। मार्च 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार पीएम बने, तो कांग्रेस नेता पीएम सईद, जिन्होंने 17 सितंबर 1998 को शपथ ली थी, के पास जाने से पहले डिप्टी स्पीकर का पद तय करने में लगभग नौ महीने लग गए।

संसद प्रबंधकों ने बताया कि उपसभापति का पद, परंपरा के अनुसार, एक विपक्षी दल के पास जाता है। भाजपा के कांग्रेस के उस पद को प्राप्त करने के खिलाफ, सरकार अन्य विपक्षी दलों के विकल्पों पर विचार कर रही थी। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपनी पार्टी बीजद से उम्मीदवार के लिए ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से संपर्क किया था। लेकिन पटनायक ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई।

डिप्टी स्पीकर के पद पर टिप्पणी करते हुए, भाजपा के एक दूसरे पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा: “अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। चूंकि महामारी ने संसद के कामकाज को भी प्रभावित किया है, इसलिए संभावना है कि सत्र सामान्य रूप से फिर से शुरू होने के बाद प्रक्रिया तेज हो जाएगी।” 

जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, भूपेश जी आपने तो दिलों पर राज करने वाले नेता पर आरोप लगाया है, पढ़े पूरी खबर

जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, भूपेश जी आपने तो दिलों पर राज करने वाले नेता पर आरोप लगाया है, पढ़े पूरी खबर

रायपुर ! भूपेश सरकार द्वारा दुर्भावनापूर्ण ढंग से भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के ऊपर की एएफआईआर के विरोध में भारतीय जनता पार्टी रायपुर जिला, जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी के नेतृत्व में आज रायपुर शहर के सारे थानों में प्रदर्शन कर स्वयं को गिरफ्तार करने की मांग की।
तेलीबांधा थाना में स्वयं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बैठे जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि भाजपा अपने सभी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध हुए अन्याय में हमेशा साथ रहती है, पर इस समय तो कांग्रेस ने भाजपा के दिलों में राज करने वाले नेता पर आरोप लगाया है। जो उनकी क्षुद्र मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानती है कि वह अपने ढाई वर्ष के कार्यकाल में इतनी अलोकप्रिय हो गई है कि वह भाजपा में सीधी लड़ाई से नहीं जीत सकती है इसलिए वह यह हथकंडे अपना रही है।
भाजपा रायपुर जिला मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने बताया की आज इस f.i.r. के विरोध में भाजपा के रायपुर जिले में निवासरत प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी ,मंडल अध्यक्ष व पार्षद गणों ने विभिन्न थानों में प्रदर्शन किया । जिसमें भारतीय जनता पार्टी के साथ अजजा मोर्चा, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा ने भी सक्रिय भागीदारी की ।आज के प्रदर्शन में
सचीदानंद उपासने , छगन मुदडा,ओंकार बैस, रमेश सिंह ठाकुर , संजय श्रीवास्तव , श्रीमति अंबिका यदु , बजरंग खंडेलवाल ,सूर्यकात राठोर , नरेशचंद गुप्ता ,प्रफुल्ल विश्वकर्मा ,श्रीमति मीनल चौबे ,मोतीलाल साहू, श्रीमती चन्नी वर्मा ,अशोक पांडे, अंजय शुक्ला , सलीम राज,सुभाष तिवारी ,नंदकुमार साहू , विकास मरकाम , सत्यम दुआ जी, बजरंग खंडेलवाल , श्यामा चक्रवर्ती, आशु चंद्रवंशी ,अमित मैसेरी, ललित जयसिंह ,अमरजीत छबडा , श्रीमती मनीषा चंद्राकर ,खेम कुमार सेन ,गोपी साहू ,हरीश ठाकुर , सावित्री जगत, अकबर अली ,मुरली शर्मा , संजय तिवारी ,रमेश मिरघानी, राजेश पाण्डेय ,जितेंद्र गोलछ, दीना डोंगरे ,राजीव मिश्रा ,ज्ञानचंद चौधरी ,राजकुमार राठी , अनुराग अग्रवाल ,चंद्रेश शाह ,राजीव चक्रवर्ती जी, श्रीमती वंदना राठौर , गोरेलाल नायक,श्रीमती अर्चना शुक्ला, अनूप खेलकर, हंसराज विश्वकर्मा,
सालिक सिंह ठाकुर, महेश शर्मा, प्रवीण कुमार देवड़ा, अनिल सोनकर, भूपेंद्र ठाकुर , प्रीतम ठाकुर, बी.श्रीनिवास राव, होरीलाल देवांगन,जीतेन्द्र धुरंदर, ओमप्रकाश साहू, रविन्द्र सिंह ठाकुर, वरिष्ठ पार्षद मनोज वर्मा मृत्युंजय दुबे सरिता वर्मा सीमा संतोष साहू गोविंदा गुप्ता राहुल राव अर्पित सूर्यवंशी तुषार चोपड़ा सुनील चौधरी उपस्थित थे। 

रमन सिंह नान, झीरम, अंतागढ़, पनामा और अगुस्ता घोटाले में भी पुलिस को बयान देने का साहस दिखाएं : शैलेश नितिन त्रिवेदी

रमन सिंह नान, झीरम, अंतागढ़, पनामा और अगुस्ता घोटाले में भी पुलिस को बयान देने का साहस दिखाएं : शैलेश नितिन त्रिवेदी

रायपुर, कांग्रेस ने कहा कि अपने अपराधों की गम्भीरता से ध्यान भटकाने के लिए रमन सिंह और भाजपा थानों के घेराव और गिरफ्तारी की नौटंकी कर रहे हैं। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉ. रमन सिंह पूर्व में झीरम कांड, नानघोटाले, अगुस्ता हेलीकाप्टर घोटाले, पुष्प स्टील घोटाले में और अंतागढ़ कांड में भी संदिग्ध हैं, यह सही समय है कि वे इन मामलों में भी बयान देने का साहस दिखाएं।
संचार विभाग के प्रमुख ने कहा है कि रमन सिंह ने जो दस्तावेज ट्विटर पर शेयर किये थे वे दस्तावेज फर्जी थे। ट्विटर ने इस पर छेड़छाड़कर बनाया गया दस्तावेज़ यानी ‘मेन्यूप्यूलेटेड मीडिया’ की मुहर लगा दी। बीबीसी, ऑल्ट न्यूज और सभी जाने माने प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इन दस्तावेजों को फर्जी पाया। कांग्रेस के दस्तावेज कुछ और थे उन दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके रमन सिंह ने इन दस्तावेजों को सार्वजनिक किया। फर्जी दस्तावेजों को सही बता कर फैलाना एक अपराध है। रमन सिंह यदि इसके लिये थाने जा रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं तो वे इसका सच जानते हैं। वे कितना भी प्रदर्शन कर लें जो गलत है वो गलत ही रहेगा। उनके प्रदर्शन से, उनके भीड़ से, उनकी गीदड़ भभकी से झूठ सच में नहीं बदल जएगा।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि रमन सिंह किसी का भी नाम ले ले, कोई भी आरोप लगा ले जो अराजकता रमन सिंह के शासनकाल में हुई नसबंदी कांड, अंखफोड़वा कांड, झलियामारी, सारकेगुड़ा, पेद्दागेलूर, मीना खल्खों कांड और झीरम कांड अभी छत्तीसगढ़ के लोग उन कांडों को भूले नहीं है। रमन सिंह की जो भूमिका रही है उसको भी नहीं भूले हैं। कांग्रेस पर आरोप लगाने के पहले रमन सिंह अपने 15 साल के काले कार्यकाल को याद कर लें। अपने मुख्यमंत्री रहते हुए काले कारनामों को याद कर लें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। रमन सिंह थाने जा रहे हैं तो थाने में वे ये भी बता दें कि रमन मेडिकल स्टोर्स के पते पर खुले विदेशी खाते, नान घोटाले की डायरी में दर्ज सीएम मैडम की हकीकत क्या है? रमन सिंह को यह भी बताना चाहिये कि झीरम के षडयंत्र जांच उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए क्यों नहीं होने दी? उनकी केन्द्र सरकार हर बार झीरम कांड के षडयंत्र की जांच को क्यों रोकती है? रमन सिंह को यह भी बताना चाहिये कि वे क्या छिपाना चाहते हैं और क्यों छिपाना चाहते हैं। रमन सिंह को यह भी बताना चाहिये कि जिस जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता के काफिले पर हमला हुआ ठीक वहीं पर पुलिस की सुरक्षा क्यों नहीं थी? कथित माओवादियों के हमले की जगह पर पुलिस सुरक्षा न होने के बीच क्या संबंध था ये भी रमन सिंह को बताना चाहिये।
 

रमन सिंह थानों के सामने भीड़ लगाकर टूलकिट के मामले से बच नहीं सकते: धनंजय सिंह ठाकुर

रमन सिंह थानों के सामने भीड़ लगाकर टूलकिट के मामले से बच नहीं सकते: धनंजय सिंह ठाकुर

रायपुर,  टूलकिट मामले में फंसे रमन सिंह को बचाने भाजपा के गिरफ्तारी की सियासी नोटंकी एवं सोशल मीडिया में चल रहे मै भी हूँ डॉ रमन हैशटैग पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा भाजपा थानों के सामने भीड़ इकट्ठा कर टूलकिट मामले में फंसे अपने नेताओं के जुर्म पर पर्दा नही डाल सकती ।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवँ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने ट्विटर के जरिये फेक एवं जाली दस्तावेज जारी कर कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की एवँ छत्तीसगढ़ की शांत धरा में वैमनस्यता की जहर बोने का घिनोना षड्यंत्र रचा है।जिसका पर्दाफाश हो गया।छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता के बीच डॉ रमन सिंह की निम्न स्तरीय घटिया षड्यंरकारी सोच एवँ छत्तीसगढ़ के सामाजिक समरसता,भाईचार, को चोटिल करने की मंशा उजागर हो गई है।भाजपा अब अपने नेताओं के काले कारनामे पर पर्दा डालने घटिया से घटिया राजनीति पर उतर आई है

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा के सोशल मीडिया कैपन "मै भी हूँ डॉ रमन" पर कहा कि भाजपा के बड़े नेता जब कभी किसी मामले में फंसते है तब भाजपा सोशल मीडिया में पैड फॉलोवर्स और अपने भोलेभाले कार्यकर्ताओ के सहारे इवेंट करती है और अपने नेताओं के करतूतों पर पर्दा डालती है।रफाल मामले में भी "मै हूँ चौकीदार" कैपन चलाया गया।अब मैं भी हूँ डॉ रमन कैम्पन चलाकर डॉ रमन सिंह के काले कारनामे से जनता का ध्यान भटकाने में लगी है इसके लिए भाजपा अपने भोले भाले कार्यकर्ता जिनका इस प्रकार के आपराधिक मामलों से कोई लेना देना नही होता उनका इस्तेमाल करती है और अपने नेताओं के गुनाह में उन कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती ढकेलती है।
 

रामदेव का बयान संयोग नहीं बल्कि एक सुनियोजित प्रयोग: सुरेंद्र वर्मा

रामदेव का बयान संयोग नहीं बल्कि एक सुनियोजित प्रयोग: सुरेंद्र वर्मा

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि दरअसल अपना इलाज मेदांता हॉस्पिटल में और अपने चेले आचार्य बालकृष्ण को 2019 में एम्स में भर्ती कर इलाज कराने वाले बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी को ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ कहना RSS और भाजपा की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। कोरोना के बेकाबू हालात और देशभर के सभी राज्यों में वैक्सीन की कमी से जनता का ध्यान भटकाने अपने मोहरे, लाला(बाबा) रामदेव से अनर्गल बयान दिलवाया गया, और जब देशभर में किरकिरी होने लगी तो माफीवीर सावरकर के अनुयाई माफ़ी मोड़ पर आ गए। यही नहीं बाबा रामदेव ने यहां तक कहा कि एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है। जबकि सच यह है कि विगत दिनों रामदेव के पतंजलि आश्रम परिसर के ही 83 लोग एक साथ कोरोना संक्रमित हुए और उनका इलाज एलोपैथी से ही हुआ। विभिन्न समाचार पत्रों और मिडिया चैनलों के द्वारा उक्त समाचार की पुष्टि भी की गई। बाबा रामदेव का एलोपैथी डाक्टरों का मज़ाक उड़ाते हुए डॉक्टर को टर...टर...कहते हुए तंज कसा जो बेहद आपत्तिजनक है। प्रशासन पूरे मामले में आरंभ से ही भाजपा के प्रथम पंक्ति के नेताओं का संरक्षण रामदेव के कई विवादित कृत्यों पर पर्दा डालने में रहा। रुचि सोया मामले में करोड़ों रुपए के लोन को राइट ऑफ कर दिया गया उसके बाद कंपनी को बाबा रामदेव ने खरीदा और आज वह सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी में से एक है। विगत दिनों पतंजलि हनी में चाइना के शुगर सिरप के मिलावट की जांच में प्रमाणित होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। देश के इतिहास में पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एक आयुर्वेदिक प्रोडक्ट "कोरोनिल" के लॉन्चिंग में उपस्थित होकर प्रमोट करते हैं, जबकि आईसीएमआर का स्पष्ट कहना है कि कोरोना संक्रमण के इलाज में कोरोनिल का कोई असर प्रमाणित नहीं है।
देश में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने उन पर ऐक्शन की मांग की। आईएमए ने पत्र लिखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कहा कि रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऐलोपैथी और वैज्ञानिक चिकित्सा के खिलाफ “अज्ञानताभरा” बयान देकर लोगों को गुमराह करने का काम किया।

सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की आपत्ति और बाबा रामदेव के "पत्र वापस लेता हूं" कहने मात्र से उनके पाप धुल नहीं जाते, साथ आचार्य बालकृष्ण का बयान
पर्याप्त नहीं है। ऐसे भीषण आपदा के समय जानबूझकर व्यावसायिक लाभ और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए झूठ, भ्रम और गलत बयानी करना गंभीर अपराध है। आपदा अधिनियम के तहत धारा 52 से 60 के बीच उपबंधित प्रावधानों के तहत् एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। ऐसे महामारी के विपरीत हालात में चौबीसों घंटे देवदूत की भूमिका निभा रहे डॉक्टरों और चिकित्सा पद्धति के खिलाफ दुष्प्रचार पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
मोदी सरकार के इशारे पर संघी और भाजपा के द्वारा तय एजेंडे पर लगातार इसी तरह से बयानबाजी नियमित रूप से की जा रही है। पहले बीकानेर के सांसद और केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मूर्खतापूर्ण सलाह "भाभी जी के पापड़" से कोरोना का इलाज। फिर कीचड़ में बैठकर शंख बजाने से कोरोना नहीं हो सकता भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया। गो-कोरोना-गो का मंत्र देने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावाले, हाल ही में आतंकी प्रज्ञा भी गौ मूत्र से इलाज़ और अब लाला रामदेव। ये महज़ संयोग नहीं बल्कि RSS/भाजपा का सुनियोजित प्रयोग है ताकि मोदी सरकार की तमाम विफलताओं से कुछ देर के लिए ध्यान भटकाया जा सके। मानवता पर व्याप्त संकट की इस घड़ी में ऐसे लोभी और षड्यंत्र कार्यों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
 

टूलकिट मामला: 'मैनुपुलेटेड' बताने पर दिल्ली पुलिस ने Twitter से पूछा- आपको ऐसा क्या पता है, जो हमें नहीं, स्पष्ट करें

टूलकिट मामला: 'मैनुपुलेटेड' बताने पर दिल्ली पुलिस ने Twitter से पूछा- आपको ऐसा क्या पता है, जो हमें नहीं, स्पष्ट करें

नई दिल्ली, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने टूलकिट मामले में ट्विटर को नोटिस भेजा है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो एक शिकायत पर जांच कर रही है, जिसमें ट्विटर से संबित पात्रा के ट्वीट को मैनुपुलेटिव फ्लैग करने पर सफाई मांगी गई है. पुलिस का कहना है कि लगता है ट्विटर के पास ऐसी कोई जानकारी है, जो हमारे पास नहीं है, जिसकी वजह से उन्होंने संबित पात्रा के ट्वीट को मैनुपुलेटेड फ्लैग किया है.

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ये जानकारी जांच के लिए महत्वपूर्ण है. मामले की जांच कर रही स्पेशल सेल सच का पता लगाना चाहती है. ट्विटर ने अंतर्निहित सच्चाई जानने का दावा किया है, इसलिए उसे सफाई देना चाहिए.
आपको बता दें कि कथि टूलकिट मामले में कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की थी और बीजेपी नेताओं द्वारा शेयर किए गए दस्तावेज़ को फर्ज़ी करार देते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की थी. इस बीच ट्विटर ने संबित पात्रा समेत कई नेताओं के ट्वीट के साथ 'मैनुपेलेट मीडिया' लिख दिया था. ट्विटर के 'मैनुपेलेट मीडिया' फ्लैग करने के बाद केंद्र सरकार ने भी ट्विटर से इसे हटाने के लिए कहा था.

बीजेपी ने लगाया है ये आरोप

बीजेपी नेता और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि सौम्या वर्मा ने कांग्रेस के लिए टूलकिट बनाई है और इसको साबित करने के कई सबूत भी हैं. संबित पात्रा ने कहा, 'सौम्या वर्मा प्रोफेसर राजीव गौड़ा की रिसर्च टीम के साथ कनेक्टिड हैं. सौम्या वर्मा की राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रोफेसर गौड़ा के साथ तस्वीर भी सबके सामने है.'
तस्वीर दिखाते हुए पात्रा ने कहा था, "ये वही टूलकिट मैनेजर्स का गैंग है, जिन्होंने देश को अपमानित करने, सेंट्रल विस्ट प्रोजेक्ट पर भ्रम फैलाने, वेटिंलेटर्स को लेकर झूठ फैलाने, मोदी जी की छवि को खराब करने का काम किया है. यही गैंग इस टूलकिट का निर्माता है."

 

भाजपा करेगी प्रदेश के थानों के सामने प्रदर्शन

भाजपा करेगी प्रदेश के थानों के सामने प्रदर्शन

रायपुर। भाजपा पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ 24 मई को प्रदर्शन करेगी। टूल किट मामले के खुलासे के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बदले भावना के साथ काम कर रही है। पार्टी के आला नेताओं के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करके भय का वातावरण बनाने जुटी है। इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में भाजपा के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश के थानों के सामने प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश के सभी जिलों में पार्टी के प्रुमख पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल होंगे।

इस प्रदेशव्यापी आंदोलन में संभागवार मुख्य रूप से ये नेतागण उपस्थित रहेंगे :-

रायपुर संभाग से
सांसद सुनील सोनी, पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर, पूर्व मंत्री चंदशेखर साहू, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, भाजपा उपाध्यक्ष व विधायक शिवरतन शर्मा, सांसद चुन्नीलाल साहू, पूर्व मंत्री पूनम चंद्राकर, पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, श्रीचंद सुंदरानी, डॉ. सनम जांगडे, अनिमेश कश्यप, पूर्व विधायक रूपकुमारी चौधरी, संजय श्रीवास्तव, संतोष उपाध्याय।

बिलासपुर संभाग से
प्रदेश महामंत्री एवं विधायक नारायण चंदेल,सांसद अरूण साव, पूर्व मंत्री ननकीराम कवर, अमर अग्रवाल, पुन्नूलाल मोहले, प्रदेश महांमत्री भूपेन्द्र सवन्नी, कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश सिंह, सौरभ सिंह।

बस्तर संभाग से
अजामोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कश्यप, प्रदेश महामंत्री किरण देव, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व विधायक संतोष बाफना, श्रीनिवासराव मद्दी, पूर्व विधायक राजाराम तोड़मे, लच्छूराम कश्यप, बैदूराम कश्यप व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा शामिल होंगे।

सरगुजा संभाग से
सांसद गोमती साय, पूर्व सांसद कमलभान सिंह, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा, भैय्यालाल राजवाड़े, मेजर अनिल सिंह, प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव, भरत सिसोदिया व जशपुर से कृष्णा राय,रणविजय सिंह जूदेव, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव सहित पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे।

दुर्ग संभाग से
सांसद विजय बघेल, प्रेमप्रकाश पाण्डेय, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, अभिषेक सिंह, नीलू शर्मा, विक्रांत सिंह सहित पार्टी के कार्यकर्ता, पूर्व सांसद, विधायक सहित पदाधिकारी, प्रमुख कार्यकर्तागण शामिल होंगे।

भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी सिविल लाईन थाना होंगे रवाना

रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत सहित पार्टी पदाधिकारी प्रातः 10 बजे सिविल लाईन थाना के लिये रवाना होंगे। वहां नेतागण पार्टी द्वारा तय कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
 

भाजपा कल नहीं करेगी थानों में पूर्व निर्धारित प्रदर्शन कार्यक्रम, जाने क्यों

भाजपा कल नहीं करेगी थानों में पूर्व निर्धारित प्रदर्शन कार्यक्रम, जाने क्यों

रायपुर। टूल किट मामलों में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ भूपेश सरकार के f.i.r. के विरोध में जारी भाजपा के क्रमबद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत रविवार को रायपुर शहर जिला के सभी थानों में धरना देकर गिरफ्तारी देने का कार्यक्रम आयोजित था ।
भारतीय जनता पार्टी रायपुर जिला द्वारा इस कार्यक्रम में आंशिक फेरबदल किया गया है । भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीचन्द सुन्दरनी, महामंत्री द्वय ओकार बैस, रमेश सिंह ठाकुर ने बताया कि शासन द्वारा लागू संपूर्ण लाक डाउन के नियमों का पालन करते हुए उक्त धरना, प्रदर्शन, गिरफ्तारी कार्यक्रम कल रविवार के स्थान पर अब सोमवार 24 मई दोपहर 3:00 से 5:00 बजे आयोजित की गई है। उपरोक्त जानकारी अनुराग अग्रवाल, भाजपा मीडिया प्रभारी रायपुर जिला ने दी|
 

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कसा तंज, जाने क्या कहा

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कसा तंज, जाने क्या कहा

रायपुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छपास रोग से पीड़ित कहा है। उन्होने ट्वीट किया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वैक्सीनेशन की नहीं सिर्फ अपनी `फोटो` की चिंता है।
-न समय से टेंडर निकाला
-न ही बजट की व्यवस्था की
-न ही टीकाकरण का इंतजाम
-पोर्टल भी बिना तैयारी के शुरू
-वैक्सीन का राजनीतिकरण

अब जनता त्रस्त है और सीएम मस्त हैं
 

अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान इन 7 वर्षों में मोदी सरकार ने पहुंचाया है: गिरीश देवांगन

अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान इन 7 वर्षों में मोदी सरकार ने पहुंचाया है: गिरीश देवांगन

रायपुर। भाजपा नेताओं की नौटंकी रूपी दिशाहीन आंदोलन पर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा कि कि भाजपा नेता आपदा में अवसर की तलाश कर रहे हैं। रमन सिंह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की गतिविधियों से लोकतंत्र को नुकसान हो रहा है । भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विरुद्ध हुए एफ आई आर पर भाजपाई स्वयं चिंतन करें तो उन्हें स्वयं उन्हें रमनसिंह को दोषी करार देने के लिए भी धरना करना पड़ेगा।

अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान इन 7 वर्षों में मोदी सरकार ने पहुंचाया है। लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के नाम से किसी कूट रचित दस्तावेज के उपयोग और प्रसार को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। किसी के सम्मान को नुकसान पहुंचाने के लिए की गयी कूट रचना और ऐसा कृत्य जिससे लोक शांति भंग हो वह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है

भाजपा नेताओं द्वारा सिर्फ डॉ रमन ने एक ट्वीट ही तो किया है कहना हास्यास्पद है क्योंकि एक जिम्मेदार राजनीतिक पद पर रहते हुए अपनी राजनीतिक निष्ठा प्रदर्शित करने के लिए कूटरचित दस्तावेज को असल रूप में सोशल मीडिया में जारी करना गंभीर अपराध है । यहां यह बताना भी आवश्यक है कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बैठी है और उसके निर्णयों और असफलता देश सामने उजागर हुए है तो उस समय भाजपा के लोग नए प्रपंच कर जनता का ध्यान असफलता से हटाने के लिए साजिशों में संलिप्त रहते हैं कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए प्रारंभ से ही केंद्र की भाजपा सरकार पूरी तरह से असफल रही और तो और मानव जीवन को सुरक्षा कवच प्रदान करने वाली वैक्सीन लगाने की समय सीमा में लगातार केंद्र सरकार द्वारा किया गया परिवर्तन वेक्सीन मामले में भी केंद्र सरकार की विश्वसनीयता को भी कटघरे में खड़ा कर दिया गया है ।

भाजपा प्रवक्ता के ट्वीट के बाद उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष उपाध्यक्ष महासचिव केंद्रीय मंत्री सभी ने उन कूटरचित दस्तावेजों को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने का जो षड्यंत्र रचा वह लोकतत्र में स्वीकार्य नहीं है अपराध के दायरे में आने वाले व्यक्ति और उसके कृत्य को संरक्षण देना या उसके कृत्य को दोहराना भी अपराध की श्रेणी वाला कृत्य है
 

आरएसएस और भाजपा का इतिहास है कि ये ध्यान भटकाने के लिए टूलकिट बनाते हैं : शैलेश नितिन त्रिवेदी

आरएसएस और भाजपा का इतिहास है कि ये ध्यान भटकाने के लिए टूलकिट बनाते हैं : शैलेश नितिन त्रिवेदी

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीति ही मुद्दों से ध्यान भटकाकर अपना नया एजेंडा सेट करने की रही है. इतिहास गवाह है कि हर बार वह एक नया टूककिट बनाकर अपनी मंशा को अंजाम देते रही हैं.
 
भारत के विभाजन से लेकर रथयात्रा और अन्ना हज़ारे के आंदोलन से लेकर पुलवामा और अब ‘टूलकिट’ तक सब इसका प्रमाण हैं.
 
इस समय पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विफलता पर चर्चा कर रहा है. कोरोना के संकट को जिस तरह से मोदी सरकार ने विकराल बना दिया है और जिस तरह से देश भर में लोग अस्पताल, ऑक्सीजन और दवाओं के लिए भटक रहे हैं, उसने साबित कर दिया है कि देश को संभालना केंद्र की भाजपा सरकार के बूते का है नहीं. देश भर के श्मसान घाटों पर हज़ारों की संख्या में जल रही लाशें और गंगा के तट पर दफ़नाए गए शव बता रहे हैं कि देश भयानक क़िस्म की महामारी से जूझ रहा है और इस से न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की काबिलियत पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
 
यह संयोग नहीं है कि ठीक इसी समय  एक संदिग्ध ‘टूलकिट’ को प्रचारित करके इसका ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ने की कवायद शुरु हुई है. ट्विटर ने भी कह दिया है कि जो टूलकिट जेपी नड्डा, संबित पात्रा से लेकर डॉ रमन सिंह तक सबने ट्वीट किया है वह संदिग्ध है.
 
छत्तीसगढ़ में भाजपा के नेता धरना प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन का नाटक कर रहे हैं. जिससे कि जनता का ध्यान नरेंद्र मोदी की विफलता से भटकाया जा सके. जब भाजपा ने देख लिया कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने कोरोना पर तत्परता से काबू पा लिया है और यहां कोई समस्या नहीं है तो भाजपा नेताओं ने टूलकिट पर हंगामा करने का टूलकिट इस्तेमाल करने की योजना बनाई है.
 
 
इतिहास है गवाह

 
 
1937 में सावरकर ने देश के विभाजन का टूलकिट बनाया
 

देश के विभाजन के टूल किट के बाद नेहरू गांधी को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराने और बदनाम करने का टूलकिट आरएसएस ने बनाया

 
देश के सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण का टूल किट भाजपा ने रथ यात्राओं के द्वारा बनाया
 

400 से ज्यादा लोकसभा सीट जीत कर आए राजीव गांधी जी की छवि खराब करने के लिए भाजपा ने बोफोर्स का टूलकिट बनाया. अदालत का फैसला आ गया कि राजीव गांधी इस मामले में निर्दोष थे

 
गुजरात में गोधरा का टूलकिट बनाकर भाजपा और मोदी ने सांप्रदायिक आधार पर समाज को विभाजित किया
 
यूपीए सरकार जिसने खाद्य सुरक्षा कानून सूचना का अधिकार भू अधिग्रहण कानून जैसे क्रांतिकारी फैसले किए उसे बदनाम करने के लिए अन्ना हजारे का टूलकिट बनाया गया जिसमें अरविंद केजरीवाल किरण बेदी और बाबा रामदेव ने भूमिका निभाई
 

पिछले लोकसभा चुनाव से पहले जब नरेंद्र मोदी हारते हुए दिख रहे थे तो पुलवामा हमले और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक का टूलकिट सामने आया और देश की फिजा बदल दी गई.
 
आरएसएस और भाजपा के इस षडयंत्र को समझने की ज़रुरत है.
 

भाजपा के ये बड़े नेता आज जायंगे सिविल लाइन थाना

भाजपा के ये बड़े नेता आज जायंगे सिविल लाइन थाना

रायपुर, आज 22 मई शनिवार दोपहर 3:00 बजे ,पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल जी ,पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत जी, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री चंद सुन्दरानी जी, प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू जी व भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव जी, बृजमोहन अग्रवाल जी के निवास से सिविल लाइन थाने धरना देने जाएंगे। उपरोक्त जानकारी रायपुर जिला भाजपा मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने दी | 

कोरोना बदनामी से देश का ध्यान भटकाने फर्जी टूलकिट भाजपा की साजिश, ट्विटर ने किया खुलासा:    घनश्याम राजू तिवारी

कोरोना बदनामी से देश का ध्यान भटकाने फर्जी टूलकिट भाजपा की साजिश, ट्विटर ने किया खुलासा: घनश्याम राजू तिवारी

रायपुर। जब भाजपा का ध्यान कोरोना से जूझ रहे देशवासियों के जनस्वास्थ्य की तरफ होना चाहिए था, उस समय भाजपा एक फर्जीवाड़ा करने में लगी थी। भाजपा के लिए देश बचाने की बजाय प्रधानमंत्री की आभासी छवि बचाना महत्वपूर्ण है। पूर्ण बहुमत 352 सीटो वाली भाजपा मोदी सरकार की विफलताओं के चलते आज देश कोरोना संक्रमित हो गया है, 2 करोड़ 63 लाख संक्रमित एवं लगभग 3 लाख मौतें इनकी लापरवाहियों की भेंट चढ़ चुके है। देशभर में हो रही किरकिरी उठ रहे सवालों से ध्यान भटकाने संकट के इस दौर में फर्जी टूलकिट दस्तावेज तैयार कर भाजपा ने कांग्रेस को बदनाम करने की नाकाम कोशिश को ट्विटर ने उजागर कर दिया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि देश ने जिस विश्वास और भरोसे से भाजपा मोदी सरकार को दूसरी बार सत्ता सौंपी तो उन्हें लगा देश सुरक्षित हाथों में है मगर, महंगाई, बेरोजगारी को छोड़ वैश्विक महामारी कोरोना की लड़ाई में देश को संक्रमण के आग में झोंकने का काम स्वयं देश के प्रधानमंत्री और उनके राजनीतिक स्वार्थ ने किया है। देश में करोड़ों लोगों संक्रमित थे लाखों लोगों की मौतें हो चुकी है,ऑक्सीजन और दवाइयों की कमियों से देश का नागरिक हैरान परेशान है न्यायपालिका केंद्र सरकार की जिम्मेदारियों के लिए लगातार नोटिस जारी कर देश में कोरोना संक्रमण की लड़ाई में रोड मैप तैयार करने को लेकर कान खींचे रही हैं ऐसे अनेक वजह है जिससे बचने षड्यंत्रकारी भाजपा ने इस तरह का फर्जीवाड़ा कर टूलकिट जारी किया है, जिसके बचाव में प्रदेश भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह गिरफ्तारी की नौटंकी करने वाले हैं।
 

रमन सिंह के फर्जीवाड़े से भाजपा और भाजमुयो  के अधिकांश कार्यकर्ताओ ने बनाई दूरी, आंदोलन फैल: धनंजय सिंह ठाकुर

रमन सिंह के फर्जीवाड़े से भाजपा और भाजमुयो के अधिकांश कार्यकर्ताओ ने बनाई दूरी, आंदोलन फैल: धनंजय सिंह ठाकुर

रायपुर, टूलकिट मामले में फंसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित जाली दस्तावेज को शेयर करने वाले भाजपा नेताओं के बचाव में उतरी भाजपा के आंदोलन पूरी तरह से फ्लॉप रहा है प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित टूलकिट मामले में बुरी तरह फंस चुके भाजपा नेताओं को बचाने के लिए भाजपा के आयोजित आंदोलन से भाजपा एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता ने दूरी बना ली।भाजपा कार्यकर्ता घर में रहकर भी टूलकिट मामले में फंसे नेताओ के बचाव में आयोजित आंदोलन में शामिल नहीं हुए।रमन सिंह के बचाव में आयोजित आंदोलन में भाजपा के वही नेता शामिल हुये जो 15 साल तक कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार में सहभागी रहे हैं।इसे स्पष्ट हो गया कि रमन सिंह और भाजपा नेताओं के फर्जीवाड़ा से कार्यकर्ता भी नाखूश है। कांग्रेस पार्टी के छवि धूमिल करने के लिए भाजपा के नेताओं ने षड्यंत्र रचा जालसाजी की जाली दस्तावेज तैयार किए और कांग्रेस की छवि धूमिल करने का प्रयास के जिसका पर्दाफाश अनेक फेक न्यूज़ पकड़ने वाले विश्वसनीय एजेंसियों ने किया है और ट्विटर ने भी भाजपा के जाली दस्तावेज शेयर करने वाले नेताओं के ट्विटर में हेराफेरी में मेनूप्लेट मीडिया लिखकर भाजपा नेताओं के काले कारनामे को उजागर किया है।भाजपा नेताओं में अगर गैरत बाकी है शर्म बाकी है तो भाजपा नेताओं को अपने इस अपराध के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
 

इस सीट से ममता बनर्जी लड़ेंगी उपचुनाव, ये वर्तमान विधायक आज देंगे इस्तीफा

इस सीट से ममता बनर्जी लड़ेंगी उपचुनाव, ये वर्तमान विधायक आज देंगे इस्तीफा

कोलकाता, पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर सामने आयी है. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर से चुनाव लड़ सकती हैं. भवानीपुर से विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय आज अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं. विधानसभा चुनाव में ममता ने अपनी सीट भवानीपुर छोड़कर शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं सूत्रों की मानें तो शोभनदेव चट्टोपाध्याय को टीएमसी राज्यसभा भेज सकती है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी को छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी. 2016 के चुनावों में शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट पर लेफ्ट के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था. अब 2021 में शुभेंदु ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को 1953 मतों से हरा दिया.


भवानीपुर से क्यों उपचुनाव लड़ेंगी ममता

अनुच्छेद 164 के अनुसार, 'एक मुख्यमंत्री अगर छह महीने तक किसी राज्यी के विधानसभा या विधानमंडल का सदस्य नहीं होता है, वह मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रह सकता.' बंगाल में विधान परिषद नहीं है इसलिए ममता बनर्जी को 6 महीने के भीतर किसी सीट से नामांकन दाखिल कर चुनाव जीतना अनिवार्य है. उपचुनाव जीतकर विधायक बनना होगा.

भारत के तीन सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, योगी आदित्यनाथ और उद्धव ठाकरे, सभी मुख्यमंत्री बनने के लिए विधानसभा चुनाव नहीं जीते हैं. तीनों अपने-अपने राज्यों की विधानसभा की जगह विधान परिषदों के सदस्य हैं. नीतीश कुमार एकमात्र मुख्यरमंत्री है, जिन्होंाने 36 साल पहले विधानसभा चुनाव लड़ा था.