आयकर विभाग (Income Tax Department) ने 7 जून, 2021 को अपना नया ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometax.gov.in लॉन्च किया। गौरतलब है कि इससे पहले ई-फाइलिंग के लिए www.incometaxindiaefiling.gov.in पोर्टल का उपयोग किया जाता था। अब से इस नए ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से लोग अपना आयकर फाइल कर सकेंगे। इस नए ई-फाइलिंग पोर्टल का उद्देश्य करदाताओं को सुविधा और आधुनिक, निर्बाध अनुभव प्रदान करना है। करदाताओं को त्वरित रिफंड जारी करने के लिए यह पोर्टल आयकर रिटर्न के तत्काल प्रसंस्करण के साथ एकीकृत है।
इस नए पोर्टल में करदाता द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई के लिए सभी इंटरैक्शन और अपलोड या लंबित कार्रवाइयां एकल डैशबोर्ड पर दिखाई जाएंगी। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न, ट्यूटोरियल, वीडियो और चैटबॉट या लाइव एजेंट के साथ करदाताओं के प्रश्नों के तत्काल उत्तर के लिए करदाता सहायता के लिए नया कॉल सेंटर भी उपलब्ध होगा। यह एक सरकारी एजेंसी है जो भारत सरकार के प्रत्यक्ष कर संग्रह का कार्य करती है। आयकर विभाग केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन काम करता है। भारत के आयकर विभाग का गठन 1860 में हुआ था और इसका नेतृत्व केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा किया जाता है।
नई दिल्ली, देश आज लगातार दूसरी बार पेट्रोल और डीजल के दामों में बढोत्तरी हुई है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल का दाम 28 पैसे प्रति लीटर और डीजल का 27 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया है. अब दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 95.31 रुपए और एक लीटर डीजल की कीमत 86.22 रुपए हो गई है.
कई राज्यों में 100 के पार पहुंचा पेट्रोल
इससे देश के अलग-अलग हिस्सों में अब पेट्रोल ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लद्दाख समेत छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गया है.
मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 101.52 रुपए
देश में राजस्थान पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक वैट लगाता है. उसके बाद मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का नंबर आता है. मुंबई देश का पहला महानगर है, जहां 29 मई को पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंचा था. मुंबई में इस समय पेट्रोल 101.52 रुपये और डीजल 93.58 रुपये प्रति लीटर है.
चार मई के बाद 4.96 रुपए महंगा हुआ पेट्रोल
इस साल चार मई के बाद पेट्रोल, डीजल के दाम में 21वीं बार वृद्धि हुई है. इस दौरान पेट्रोल का दाम 4.96 रुपए और डीजल का दाम 5.55 रुपए प्रति लीटर बढ़ा है. तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिन के भावों के औसत के आधार पर रोजाना घरेलू बाजार में दाम तय करतीं हैं.
स्थानीय करों मसलन मूल्य वर्धित कर (वैट) और ढुलाई भाड़े की वजह से राज्यों में ईंधन के दाम अलग-अलग होते हैं. वाहन ईंधन की खुदरा कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऊपर जा रही हैं. निवेशकों को उम्मीद है कि बढ़ती मांग की वजह से बाजार ओपेक और उसके सहयोगियों के अतिरिक्त उत्पादन का उपयोग कर सकेगा. ब्रेंट कच्चा तेल इस समय 72 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया है। यह दो साल में पहली बार इस स्तर पर पहुंचा है.
नई दिल्ली | विदेशों में दोनों कीमती धातुओं में रही गिरावट के बीच घरेलू स्तर पर वैवाहिक मांग आने से सोना लगातार तीसरे सप्ताह मजबूत हुआ जबकि चांदी में गिरावट रही। एमसीएक्स वायदा बाजार में सोने की कीमत सप्ताह के दौरान 478 रुपये चढ़कर 49,020 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गई। सोना मिनी भी 247 रुपये की साप्ताहिक तेजी के साथ अंतिम कारोबारी दिवस पर 48,790 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ।
रायपुर । तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम रविवार को एक बार फिर बढ़ा दिए। राजधानी रायपुर में पेट्रोल 26 पैसे की बढ़त के बाद 93.04 रूपए प्रति लीटर तथा 30 पैसे की बढ़ोतरी के बाद डीजल 92.70 रूपए प्रति लीटर चल रहा है। ज्ञातव्य है कि पिछले दो दिनों में कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
वहीं देश के चार महानगरों में आज पेट्रोल की कीमत 27 पैसे तक और डीजल की 31 पैसे तक बढ़ाई गई। गत 4 मई से अब तक 19 दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाये गये हैं जबकि शेष 15 दिन कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 4.63 रुपये तथा डीजल 5.22 रुपये महंगा हो चुका है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत 27-27 पैसे बढ़कर क्रमश: 95.03 रुपये 101.25 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई।
डीजल दिल्ली में 29 पैसे और मुंबई में 31 पैसे महंगा हुआ। एक लीटर डीजल की कीमत मुंबई में 93.30 रुपये और दिल्ली में 85.95 रुपये प्रति लीटर हो गई।
कोलकाता में पेट्रोल 26 पैसे महंगा होकर 95.02 रुपये और डीजल 29 पैसे महंगा होकर 88.80 रुपये प्रति लीटर पर रहा।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 24 पैसे और डीजल की 28 पैसे बढ़ी। वहां एक लीटर पेट्रोल 96.47 रुपये और एक लीटर डीजल 90.66 रुपये का मिला।
पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। बैंक एक जुलाई से सर्विस चार्ज में बदलाव करने जा रहा है। अब एटीएम, चेक बुक, ब्रांच से पैसा निकालने पर शुल्क लगेगा। हालांकि, नया नियम सिर्फ बेसिक सेविंग अकाउंट होल्डर (BSBD) पर ही लागू होगा। आइए जानते हैं कि SBI किस सर्विस के नाम पर कितना पैसा वसूलेगा -
SBI ब्रांच से 4 बार से अधिक पैसा निकालने पर देना होगा शुल्क
बैंक के कस्टमर अगर महीने में बैंक से 4 बार से अधिक पैसा निकालते हैं, तब बैंक उनसे एडिशनल चार्ज वसूलेगा। इस ट्रांजैक्शन में बैंक के एटीएम भी शामिल हैं। सरल भाषा में कहें तो अगर आप महीने में चार बार से अधिक बार एसबीआई ब्रांच या एटीएम से पैसा निकालते हैं तो उसपर आपको 15 रुपये और जीएसटी जोड़ कर शुल्क देना होगा। यह चार्ज हर एक अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर लगेगा। यह नियम गैर एसबीआई ब्रांच पर भी लागू है।
ATM से पैसा निकालने पर भी लगेगा शुल्क
बीएसबीडी ग्राहक SBI एटीएम और गैर एसबीआई से अगर चार बार से अधिक पैसा निकालते हैं तो उन्हें सर्विस चार्ज का भुगतान करना होगा। सर्विस चार्ज के नाम पर बैंक को 15 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज देना होगा।
चेकबुक के लिए भी देना होगा अधिक पैसा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बीएसबीडी खाता धारकों से 10 चेकबुक पर कोई चार्ज नहीं लेता है। लेकिन 10 के बाद 40 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज किया जाएगा। वहीं, 25 चेक वाली चेकबुक पर 75 रुपये चार्ज किए जाएंगे। जबकि इमरजेंसी चेकबुक पर 50 रुपये और जीएसटी चार्ज जोड़कर देना होगा। सीनीयर सिटीजन को इन सुविधाओं के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा।
SBI BSBD अकाउंट क्या है ?
BSBD को आसान भाषा में जीरो बैलेंस अकाउंट बोला जाता है। इस बचत खाते की कई सारी खूबियां हैं। इस खाते में ग्राहक को एसबीआई के बचत खाते के बराबर ही ब्याज मिलता है, लेकिन साथ ही इस खाते में ग्राहकों को ऐसी कई स्पेशल सुविधाएं मिलती हैं, जो सामान्य बचत खाताधारकों को नहीं मिलती। इस खाते में ग्राहक को न्यूनतम बैलेंस रखने से छूट, फ्री एटीएम व डेबिट कार्ड और अधिकतम बैलेंस की सीमा से छूट सहित कई सुविधाएं मिलती हैं।
ये लोग खुलवा सकते हैं BSBD अकाउंट
एसबीआई बीएसबीडी अकाउंट को एसबीआई नेट बैंकिंग (SBI Net Banking) या एसबीआई ऑनलाइन सेवाओं के जरिए एसबीआई केवाईसी जरूरतों को पूरा कर खुलवाया जा सकता है। जिस किसी के पास वैध केवाईसी दस्तावेज हैं, वह यह अकाउंट खुलवा सकता है। इस खाते को व्यक्तिगत, संयुक्त, या उत्तराधिकारी आधार पर खाता खुलवाया जा सकता है। भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट के अनुसार, इस समय बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट पर 2.75 फीसद सालाना की दर से ब्याज दिया जा रहा है।
रायपुर । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चैबे बताया कि ‘‘साँसे हो रही हैं कम-आओ वृक्ष लगाएं हम’’ के स्लोगन के साथ देश में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए कनफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने विश्व पर्यावरण दिवस को देश भर में बड़े पैमाने पर मनाते हुए आज से देश भर के व्यापारियों को साथ लेते हुए एक बहुआयामी ष्ऑक्सीभारतष् राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जिसमें 31 मई 2022 तक देश भर में 1 करोड़ वृक्ष लगाए जाने का संकल्प लियां वहीं इस एक वर्ष की अवधि के दौरान देश भर में 2 करोड़ व्यापारियों, उनके कर्मचारियों एवं ग्राहकों से एक संकल्प पत्र भरवाया जाएगा जिसमें पर्यावरण की रक्षा एवं वर्ष भर में वृक्षारोपण अभियान को लगातार चलाने का संकल्प लिया जाएगा ।
मुंबई। कोरोना के मुश्किल दौर में ब्याजदरों में कमीं और ईएमआई में राहत की आस लगाए बैठे लोगों के लिए आज का दिन अहम होने जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक का शुक्रवार को आखिरी दिन है और नई पॉलिसी का ऐलान किया जाएगा। हालांकि राहत की उम्मीद कम ही है। कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के कारण नीतिगत दरों में यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला लिया सकती है। समिति की पिछली बैठक अप्रैल 2021 में हुई थी, तब भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस समय रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर है।
कोविड चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेलवे के लिए मई 2021 के महीने में माल ढुलाई के आंकड़े कमाई और लोडिंग की दृष्टि से उच्च गति बनाए हुए है। मिशन मोड में भारतीय रेल की माल ढ़ुलाई मई के महीने में सबसे अधिक रही। मई, 2021 में 114.8 एमटी माल ढुलाई हुई जो मई 2019 की इसी अवधि की माल ढुलाई (104.6 एमटी) से 9.7 प्रतिशत ज्यादा है।
मई, 2021 के दौरान ढुलाई की महत्वपूर्ण सामग्रियों में 54.52 मिलियन टन कोयला, 15.12 मिलियन टन लौह अयस्क, 5.61 मिलियन टन खाद्यान्न, 3.68 मिलियन टन उर्वरक, 3.18 मिलियन टन खनिज तेल, 5.36 मिलियन टन सीमेंट (धातु की तलछट छोड़कर) और 4.2 मिलियन टन धातु की तलछट शामिल हैं।
मई 2021 महीने में भारतीय रेल ने माल ढुलाई से 11604.94 करोड़ रुपए की कमाई की।
इस महीने वैगन टर्न अराउंड अवधि में 26 प्रतिशत का सुधार देखा गया। मई 2021 में वैगन टर्न अराउंड समय 4.81 दिनों का रहा जबकि मई 2019 में यह 6.46 दिन था।
यह ध्यान देने योग्य है कि भारतीय रेल में अनेक रियायतें/छूट दी जा रही हैं ताकि रेल द्वारा माल ढुलाई को आकर्षक बनाया जा सके।
साथ ही वर्तमान नेटवर्क में माल गाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ाई गई है।
माल गाड़ियों की गति बढ़ाए जाने से सभी हितधारकों के लिए लागत में कमी आती है। पिछले 18 महीनों में माल ढ़ुलाई की गति दोगुनी हुई है।
कुछ मंडलों (लगभग 4 मंडलों) ने माल गाड़ियों की गति 50 किलो मीटर प्रति घंटे से अधिक दर्ज की है। भौगोलिक स्थितियों के कारण कुछ सेक्शन माल गाड़ियों को अच्छी गति दे रहे हैं। मई 2021 में माल गाड़ियों की औसत गति 45.6 किलो मीटर प्रति घंटे रही है जो समान अवधि की गति 36.19 किलो मीटर प्रति घंटे की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय रेल ने कोविड-19 का उपयोग अवसर के रूप में किया है ताकि दक्षता और प्रदर्शन में चौतरफा सुधार हो सके।
Bank Holidays in June 2021: देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है. इस बीच देश के लगभग सभी छोटे बड़े बैंक अपने ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें ऑनलाइन सेवाएं दे रहे हैं. हालांकि कई राज्यों में जारी लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों की वजह से बैंक या तो बंद हैं, या उनमें आवाजाही कम है. हालांकि अब कुछ राज्यों ने धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी है. जानिए जून में किस किस दिन बैंकों की छुट्टी रहेगी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से बैंक की छुट्टियों की लिस्ट जारी की जाती है, इसमें राज्य के हिसाब से सभी बैंकों की छुट्टियां तय होती है. आरबीआई की तरफ से जारी छुट्टियों के मुताबिक, साप्ताहिक छुट्टियां और अन्य हॉलिडेज़ को मिलाकर इस महीने में कुल नौ दिन बैंक बंद रहेंगे. जून के महीने में कोई बड़ा त्योहार नहीं होता है. इसलिए ज्यादातर छुट्टियां रविवार और शनिवार के साप्ताहिक अवकाश हैं. कुछ राज्यों में लोकल त्योहारों की वजह से जून के महीने में बैंक बंद रहेंगे.
इस इस दिन बंद रहेंगे बैंक
6 जून- रविवार
12 जून- दूसरा शनिवार13 जून- रविवार
15 जून- मिथुन संक्रांति व रज पर्व (इजवाल-मिजोरम, भुवनेश्वर में बैंक बंद रहेंगे)
20 जून- रविवार
25 जून- गुरु हरगोविंद जी की जयंती (जम्मू और श्रीनगर के बैंक बंद रहेंगे)
26 जून- दूसरा शनिवार
27 जून- रविवार
30 जून- रेमना नी (केवल इजवाल में बैंक बंद रहेंगे)
हालांकि कोरोना की दूसरी लहर और लॉक डाउन के चलते बैंकों की सलाह तो यही है कि आप घर बैठे ऑनलाइन तरीके से ही इसकी कई सुविधाएं हासिल कर सकते हैं. अगर आपको कैश चाहिए तो वो भी सरकारी बैंक्स आपको घर लाकर देते हैं. चेक बुक, लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़ी सेवाएं भी आपको घर बैठे मिल रही हैं.
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कोविड-19 बीमारी के कारण मरने वाले श्रमिकों के आश्रितों के लिए ESIC और EPF योजनाओं के तहत श्रमिकों के लिए अतिरिक्त लाभ की घोषणा की है। अतिरिक्त लाभ से मृत्यु की बढ़ती घटनाओं के बीच अपने परिवार के सदस्यों की भलाई के बारे में श्रमिकों के डर और चिंता में कमी आएगी। वर्तमान मानदंडों के अनुसार, यदि कोई बीमित व्यक्ति अपने कार्य के दौरान मर जाता है या विकलांग हो जाता है, तो उसकी पत्नी, विधवा मां और 25 वर्ष की आयु के बच्चों को कार्यकर्ता के औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत के बराबर आजीवन पेंशन दी जाती है। कन्या होने पर उसके विवाह तक लाभ प्रदान किया जाता है। यह योजना 24 मार्च, 2021 से भूतलक्षी (retrospectively) प्रभाव से लागू होगी।
अतिरिक्त लाभ कैसे प्रदान किया जाएगा?
बीमित व्यक्तियों के परिवार के सभी आश्रित सदस्य, जो कोविड-19 बीमारी से पहले ESIC के ऑनलाइन पोर्टल में पंजीकृत हैं और इसके कारण मृत्यु हो गई है, उन्हें बीमाकृत व्यक्तियों के आश्रितों को प्राप्त होने वाले समान लाभ और समान पैमाने पर दिया जाएगा।
शर्तें क्या हैं?
बीमित व्यक्ति को COVID-19 का निदान होने से तीन महीने पहले ESIC ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो गई।
उसे न्यूनतम 78 दिनों के लिए मजदूरी और योगदान के लिए नियोजित होना चाहिए।
Employees’ Deposit Linked Insurance Scheme (EDLI)
इस योजना के तहत, इस योजना के सदस्यों के परिवार के सभी जीवित आश्रित सदस्य श्रमिक की मृत्यु की स्थिति में EDLI का लाभ उठा सकते हैं।
कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर के बीच आज करीब सात महीने बाद जीएसटी परिषद (GST Council Meeting) की इस साल की पहली बैठक हुई। इस 43वीं GST काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कई अहम फैसले लिए हैं। सीतारमण ने बताया कि कोविड महामारी को लेकर मीटिंग विस्चार से चर्चा हुई और इसमें कई अहम फैसले लिए गए। आइए आपको बताते हैं कि इस मीटिंग में क्या फैसले हुए हैं:
1. 31 अगस्त तक राहत सामग्री के आयात में छूट
इस मीटिंग में निर्मला सीतारमण ने कोविड से जुड़ी राहत वस्तुओं के आयात में छूट देने का फैसला किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि परिषद ने 31 अगस्त तक मुफ्त COVID संबंधित सप्लाई पर IGST से छूट देने का फैसला किया है। बता दें कि अब तक, IGST छूट केवल तब मिलती थी जब आप मुफ्त में आयात कर रहे थे।
2. Amphotericin B भी IGST छूट में शामिल: केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के मामलों को बढ़ता देख इसके इलाज में काम आने वाली दवा एंपोटेरिसिन-बी को भी टैक्स छूट की सूची में शामिल किया है।
3. GST कम्पेंशेसन के रूप में राज्यों को 1.58 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे: वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार राज्यों को GST कम्पेंशेसन के रूप में राज्यों को 1.58 लाख करोड़ रुपये देगी।
4. मेडिकल इक्विपमेंट्स पर GST रेट कट पर 8 जून तक आएगा फैसला: सीतारमण ने कोविड रिलेडेट मेडिकल इक्विपमेंट्स पर GST रेट कट को लेकर कहा कि इस पर चर्चा हुई है और फिटमेंट पैनल के सजेशन काउंसिल से सामने रखे गए हैं। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) इन पर विचार और विचार करेगी और रेट को लेकर 8 जून को रिपोर्ट दी जाएगी।
5. एनुअल रिटर्न फाइलिंग ऑप्शनल रहेगी: टैक्स के मोर्चे पर निर्मला ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी एनुअल रिटर्न फाइलिंग ऑप्शनल रहेगी। यह 2 करोड़ रुपये से कम के टर्मओवर वाले छोटे टैक्सपेयर्स के लिए ऑप्शनल रहेगी। उन्होंने ये भी कहा कि 2020-21 के लिए रेकन्सिलीऐशन स्टेटमेंट भी केवल उन करदाताओं को देनी होगी, जिनका कारोबार 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक है।
6. GST टैक्सपेयर्स को लेट फीस से राहत मिलती रहेगी: वित्त मंत्री ने कहा कि आज लिया गया सबसे बड़ा फैसला छोटे टैक्सपेयर्स का बोझ कम करेगा. टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए चल रही amnesty scheme चालू रहेगी है, ताकि लेट फीस से राहत मिले। इससे करीब 89% GST टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।
GST काउंसिल की बैठक में कोविड रिलेटेड मेडिकल इक्विपमेंट्स पर GST की दरों मे कटौती को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच गहमागहमी चली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि GST काउंसिल की बैठक में हमने कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन सिलेंडर कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर, पीपीई किट, सैनिटाइजर, मास्क, टेस्टिंग किट आदि को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव रखा था।
मुंबई, भारतीय रिजर्व बैंक की कल जारी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल की तरह वित्त वर्ष 2020-21 में 2,000 रुपए के नए नोटों की कोई सप्लाई नहीं हुई है. रिजर्व बैंक ने पिछली बार 2018-19 में 467 लाख 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई की थी. आरबीआई ने 20 रुपए के नोटों की सप्लाई 2019-20 में 13,390 लाख नोटों से बढ़ाकर 2020-21 में 38,250 लाख नोट कर दी है.
चलन में मौजूद नोटों में 500 और 2,000 के नोटों का हिस्सा 85.7 प्रतिशत
मूल्य के हिसाब से चलन में मौजूद नोटों में 500 और 2,000 के नोटों का हिस्सा 85.7 प्रतिशत है. मात्रा के हिसाब से 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद नोटों में 500 रुपए के नोट का हिस्सा सबसे ज्यादा 31.1 प्रतिशत था. उसके बाद 10 रुपए के नोट का नंबर आता है. इसका हिस्सा 23.6 प्रतिशत था. रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में बैंक नोटों के लिए ऑर्डर एक साल पहले की तुलना में 9.7 प्रतिशत कम रहे. सप्लाई भी एक साल पहले की तुलना में 0.3 प्रतिशत कम रही. रिजर्व बैंक ने अपना वित्त वर्ष पहले के जुलाई से जून से बदलकर अप्रैल- मार्च कर दिया है. वर्तमान सालाना रिपोर्ट जुलाई 2020 से मार्च 2021 की नौ माह की अवधि के लिये जारी की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद कुल बैंक नोटों में 500 और 2,000 रुपये के नोटों का हिस्सा 85.7 प्रतिशत था. वहीं, 31 मार्च, 2020 के अंत तक यह आंकड़ा 83.4 प्रतिशत था.
लोगों ने एहतियातन नकदी को अपने पास रोककर रखा- RBI
केंद्रीय बैंक की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘2020-21 में कोविड-19 महामारी की वजह से लोगों ने एहतियातन नकदी को अपने पास रोककर रखा, जिससे चलन में नोटों में औसत से ज्यादा का इजाफा हुआ.’’ रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में नकदी की एहतियाती मांग बढ़ने के बीच उसने बैंक नोटों की बढ़ी मांग को पूरा करने का प्रयास किया.
बता दें कि चलन में मौजूद मुद्रा में नोट और सिक्के आते हैं. अभी रिजर्व बैंक 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपए के नोट जारी करता है. साथ ही केंद्रीय बैंक 50 पैसे, 1, 2, 5, 10 और 20 रुपए के सिक्के भी जारी करता है