रायपुर। सट्टा-पट्टी लिखते पाए जाने पर पुलिस ने 05 लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से नगदी रुपये एवं 11 नग सट्टा-पट्टी जब्त की है।
रायपुर। प्रदेश में बीते सप्ताह से मौसम ने करवट लिया हुआ है, तेज हवाओं के साथ मंगलवार सुबह फिर मौसम में जबरदस्त बदलाव हुआ। राजधानी रायपुर में तड़के 4 बजे से ही बारिश होने लगी, लेकिन आसमान में छाए काले बादलों की वजह से जैसे ही सुबह हुई, दिन रात जैसा लगने लगा। तेज हवाओं के साथ कई जिलों में बारिश हो रही है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। झमाझम बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। वहीं लगातार हो रही बारिश के चलते बिजली गुल है। इलाके सहित अमरकंटक में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बारिश के साथ तेज हवाओं के चलते करीब एक दर्जन से अधिक स्थानों पर कुदरत का कहर नजर आ रहा है। कहीं पेड़ गिर गए तो कहीं कुछ कच्चे मकानों को भारी नुकसान हुआ है। बेमौसम बारिश के चलते शहरी इलाकों में कई जगहों पर जलजमाव के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि पिछले चार दिनों से इलाके में रोज शाम तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला जारी है। सोमवार रात भर बारिश होने के चलते करीब तीन सौ गांवों की बिजली भी रात भर गुल रही। वहीं इस बारिश के बाद अब मौसमी बीमारियों के फैलने की संभावना बढ़ती जा रही है।
रायपुर, कोरोना लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग ने सोमवार से शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी। समोवार को पहले दिन सीएसएमसीएल एप और पोर्टल में एक लाख से ज्यादा लोगों ने अपना नाम और मोबाइल नम्बर डालकर रजिस्ट्रेशन किया। इसमें से 29 हज़ार लोगों ने 4 करोड़ 32 लाख रुपए से ज्यादा की शराब का आर्डर दिए। इससे पहले कि कल सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक केवल दो घंटे में ही हज़ारों लोगों ने पोर्टल में शराब की ऑर्डर देने के लिए अप्लाई किया। नतीजतन एप और पोर्टल का सर्वर डाउन हो गया फिर वायरस अटैक की समस्या भी आने लगी।
जिसके कारण ऑर्डर की प्रक्रिया धीमी होती चली गई। हालांकि देर शाम तक एप और पोर्टल में आई तकनीकी समस्या को दूर कर लिया गया। आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को फिर से सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक एप या पोर्टल में ऑनलाइन ऑर्डर देने से शराब की होम डिलीवरी की जाएगी। वहीं सोमवार को जिन ग्राहकों ने ऑर्डर के दौरान पेमेंट किए और जिन्हें शराब की डिलीवरी नहीं हो पाई थी। उन ग्राहकों को मंगलवार दोपहर तक शराब की होम डिलीवरी कर दी जाएगी।
महासमुंद। महासमुंद वनमण्डल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र पिथौरा परिवृत्त सांकरा बोइरडीह परिसर में अवैध शिकार के लिए बिछाए गए करंटयुक्त फंदे की चपेट में आने से एक बायसन की मौत हो गई। वन विभाग पिथौरा ने शिकार के आरोप में तीन ग्रामीणों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पिथौरा परिक्षेत्र के कक्ष क्र. 264 में शनिवार रात क्षेत्र के कुछ शिकारियों ने करंटयुक्त जीआई तार बिछाया था। ये फंदा ग्रामीण चीतल एवं जंगली सुअर के शिकार के लिए लगते हैं पर इसमें निरीह बायसन, बंदर एवं पालतू मवेशी भी फंस कर अक्सर मारे जाते हैं। इस फंदे की चपेट में जंगल में ही पानी पीने जा रहा एक बायसन आ गया और करंट से घटनास्थल पर ही मारा गया। कल सुबह जब शिकारियों ने देखा कि बायसन फंस कर मारा गया है तब वे उसे वहीं छोड़ स्वयं भाग खड़े हुए। घटना की जानकारी वन विभाग को मिलते ही एसडीओ यूआर बसंत तत्काल घटनास्थल पहुंचे तब मौके पर वन अधिकारियों एवं वन अमले ने पाया कि करंटयुक्त तार से उक्त मौत हुई है। अधिकारियों ने सुरेश नवरंग डॉग स्क्वाइड प्रभारी अचानकमार टाइगर रिजर्व को बुलाकर शिकारियों तक पहुंचने का प्रयास किया। डॉग स्क्वाड द्वारा बताए गए समीप के ग्राम जर्रा के ग्रामीणों के यहां छापा मारकर शिकार में प्रयुक्त सामग्री जब्त कर कार्रवाई की। एसडीओ श्री बसंत ने बताया कि ग्राम जर्रा निवासी प्रसंन (बटो) पिता संतू के घर में जीआई तार बांस की डंडी 02 नग, कांच की शीशी 71 नग तथा बांस की खूंटी, इन्द्रजीत पिता अलेख कोंध, ग्राम जर्रा के घर से लगभग 200 ग्राम जीआई तार एवं अनिल पिता जितेन्द्र के निवास स्थल से 03 बंडल जीआई तार एवं बांस की खूंटी जब्त की। मृत गौर. (बायसन) के शव को सहायक पशु चिकित्सक पिथौरा व्दारा शव परीक्षण किया गया तथा पंचनामा पश्चात घटनास्थल कक्ष क्र. 264 में जलाया गया। आरोपियों के विरुद्ध वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 50, 51 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 के तहत कार्रवाई कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
रायपुर। माना कैम्प थाना पुलिस ने माना कोविड सेंटर के बाजू में एक महिला का शव बरामद किया था। इसकी सूचना माना थाना पुलिस ने आला अफसरों की दी थी व घटना स्थल के आसपास के क्षेत्रों का बारिकी से निरीक्षण कर मृत महिला की शिनाख्तगी का प्रयास किया, पर शव की पहचान नहीं की जा स्की। थाना माना में अज्ञात मृत महिला का मर्ग कायम कर जांच में लिया गया।
एसएसपी अजय यादव ने घटना को गंभीरता से देखते हुए महिला की पहचान करने के साथ ही आरोपियों की भी पतासाजी के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जिस पर अधिकारियों के निर्देशन तथा प्रभारी सायबर सेल के नेतृत्व में सायबर सेल की टीम ने मृत महिला की पहचान नहीं होने से मृतिका की पहचान के लगातार प्रयास की जा रही थी। सायबर सेल की टीम ने मृतिका की पहचान के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
इसी दौरान मृतिका का जेठ सोशल मीडिया में मृतिका की फोटो की पहचान कर पुलिस को फोन कर मृतिका के संबंध में जानकारी दिया कि मृतिका का नाम वीरन कोवाची उर्फ बबली निवासी गज्जीटोला थाना खड़गांव जिला राजनांदगांव बताया। मृतिका की पहचान के बाद सायबर सेल और थाना माना की संयुक्त टीम ने घटना स्थल के आसपास लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों का अवलोकन करने के साथ ही तकनीकी विश्लेषण भी किया गया। फुटेज के अवलोकन पर पाया गया कि एक लाल रंग की वेगनआर कार से मृतिका के शव को बाहर निकाला गया है। जिस पर टीम ने वेगन आर की पतासाजी करते हुये आरोपी की भी पतासाजी प्रारंभ की। पतासाजी के दौरान टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि मृतिका 09 वर्ष पूर्व कुरूद निवासी चन्द्रेश भारती के साथ प्रेम विवाह किया था, दोनों की एक 07 वर्षीय पुत्री भी है।
मृतिका के पति का 02 वर्ष पूर्व मृत्यु होने से मृतिका अपनी पुत्री को लेकर अपने माता-पिता के घर गज्जीटोला जाकर रहने लगी। कुछ दिनों बाद अपनी पुत्री को अपने माता-पिता के पास छोड़कर स्वयं रायपुर आ गयी एवं थाना डी.डी.नगर क्षेत्रांतर्गत चंगोराभाठा में किराये का मकान लेकर झाड़ू पोछा का काम कर अपना जीवन यापन करने लगी। इसी दौरान मृतिका की पहचान खमतराई निवासी विनय से हुई जो कि वेश्यावृत्ति का धंधा करता है। उसके इस काम में उपेन्द्र यादव उसका साथी था जो ग्राहक तलाश करता था। इस तरह मृतिका विनय एवं उपेन्द्र के साथ मिलकर वेश्यावृत्ति करने लगी तथा मृतिका शराब पीने की भी आदि थी।
03, 04 मई की दरम्यानी रात मृतिका डी.डी.नगर निवासी सुमित लिमटे जो कि पेशे से फिजियोथेरेपी डाॅक्टर है के पास गयी थी। इस दौरान मृतिका वीरन कोवाची उर्फ बबली एवं सुमित लिपटे दोनों ने जमकर शराब सेवन किया तथा अत्यधिक शराब सेवन करने से मृतिका बेहोश हो गयी तथा उसकी सांसे लगातार नहीं चल रहीं थी, जिसकी सूचना सुमित लिमटे ने विनय एवं उपेन्द्र यादव को दिया गया। जिस पर तीनों सुमित लिमटे की वेगन आर कार में मृतिका को सीट में बैठाये एवं थाना माना क्षेत्र के घटना स्थल में ले जाकर बाहर उतारकर आ गये इसी दौरान मृतिका की मृत्यु हो गयी।
आरोपियों द्वारा मृतिका को बेहोशी होने की स्थिति में उसकी चिकित्सकीय सुविधा नहीं कराते हुये उसे किसी चिकित्सालय में भर्ती नहीं कराया गया और न ही किसी चिकित्सक को दिखाया गया। आरोपियों द्वारा मृतिका को ऐसी स्थिति में छोड़कर कि उसकी मृत्यु संभावित है, मृतिका को छोड़कर चले गये और अंततः किन्हीं कारणों से उसकी मृत्यु हो गई।
जिस पर आरोपियों के विरूद्ध थाना माना में अपराध क्रमांक 60/21 धारा 304, 201, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी उपेन्द्र यादव एवं सुमित लिमटे को गिरफ्तार किया जाकर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त वेगन आर कार एवं 02 नग मोबाईल फोन जप्त कर अग्रिम कार्यवाही किया गया। प्रकरण में आरोपी विनय फरार है जिसकी पतासाजी कर उसकी गिरफ्तारी करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। पुलिस ने मामले में सुमित लिमटे और उपेन्द्र यादव को गिरफ्तार कर लिया है।
नारायणपुर। राज्य शासन द्वारा और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विगत वर्ष लाकडाउन के समय कोरोना संक्रमण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों के बौद्धिक क्षमता विकास और विभिन्न गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रदेश में सजग अभियान शुरू किया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समाज सेवी संस्था सेंटर फार लर्निंग रिसोर्सेस सीएलआर द्वारा यूनिसेफ़ के सहयोग से चलाए जा रहे है, सजक कार्यक्रम। सजग अभियान ने सफलतापूर्वक अपने एक साल पूरे कर लिए। नारायणपुर जिले में कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भेंट के माध्यम से अपना कार्य संचालित कर रही है।
कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू के मार्गदर्शन और महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रविकान्त धुर्वे के दिशा-निर्देश में सजग अभियान का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है और विभाग द्वारा उपलब्ध शैक्षणिक सामग्री आडियो वीडियो द्वारा बच्चों को ज्ञान की बातें बताई जा रही है, ताकि बच्चे शिक्षा से निरंतर जुड़े रहे। सभी विकास खंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने अपने कार्य क्षेत्र में साहस का परिचय देते हुए अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रही है। गृह भेंट करके नन्हे बच्चों के पूरक पोषण आहार, गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार का भी वितरण कर रही है और महिलाओं को स्वस्थता साफ सफाई के बारे में जानकारी दी जा रही है। कार्यकर्ता अपने साथ वजन मशीन साथ लेके जाती है और पालकों की उपस्थिति में बच्चों का वजन करतीं हैं। साथ ही कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए अतिरिक्त आहार के बारे में जानकारी भी देती है।
टेक अवे एवं आडियो क्लिप के माध्यम से हितग्राहियों के घर घर जाकर साफ सफाई और कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए 18 से अधिक आयु वाले लोगों को टीकाकरण, मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस का अनिवार्य रूप से पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही टीकाकरण के लाभ के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही महिलाओं बच्चों और किशोरों बालिकाओं की समस्याओं को सुना जाता है। यथा संभव निराकरण करने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों में भावी जीवन को गढ़ने के लिए तथा उनमें एक अच्छे नागरिक के गुण लाने के लिए माता पिता एवं उनके परिवार को अपने बच्चों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाना चाहिए इसकी भी जानकारी दी जा रही है। महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रविकांत धुर्वे ने बताया कि सजग अभियान के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सजग आडियो का प्रत्येक कड़ी परिवार वालों को सुनाते हैं। माता पिता और परिवार के सदस्य उस आडियो को ध्यान से सुनते हैं और उसमें बताए गए गतिविधियां बच्चों में कराई जाती है। पालकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आडियो से हमें बहुत सारी जानकारी प्राप्त हो रही है। हम अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा बताए गए गतिविधियां को बच्चों को अनिवार्य रूप से कराएंगे।
अम्बिकापुर । ककलेक्टर के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षत्रो में भी नियम तोडऩे वालों पर कार्यवाही की जा रही है। इसी कड़ी में दरिमा तहसीलदार भूषण सिंह मंडावी के नेतृव में राजस्व और पुलिस की टीम की ओर से सोमवार को विभिन्न ग्रामो में दबिश देकर नियमो का उल्लंघन करने वालो पर कुल 9 हजार 400 रुपए की चालानी कार्यवाही की गई।
तहसीलदार मंडावी ने बताया कि बिना मास्क के तथा बेवजह घूमने वालोए दुकान खोल सामग्री बेचने वालों तथा पेट्रोल पंप में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं। करने पर कार्यवाही की गई। उन्होंने बताया कि एक विवाह आयोजक की ओर से विवाह में शामिल होने बीएमओ को दी गई 10 लोगों की सूची में से एक 65 वर्षीय व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकाला, जिसे मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान ग्राम अडची में एक नाबालिग किशोरी की विवाह की तैयारी कीजा रही थी। किशोरी के परिजनों को समझाईश देकर बाल विवाह रुकवाया गया। इस दौरान नायब तहसीलदार संजीत पांडेय और महिला व बाल विकास विभाग के सीडी पीओ भी मौजूद थे।
सुकमा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति अब भी चिंताजनक है। लेकिन इससे भी चिंताजनक है पड़ोसी राज्यों से पहुंच रहे मजदूरों की संख्या। इनके चलते बस्तर संभाग में कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा बढ़ गया है। पड़ोसी राज्यों को जोड़ने वाली सभी सीमाएं सील हैं। चेकपोस्ट बनाकर जांच भी की जा रही है, पर ग्रामीण अब जंगल के रास्ते प्रवेश कर रहे हैं। ये मजदूर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना मिर्ची तोड़ने के लिए गए थे। अफसरों को भी इसका पता है, लेकिन नक्सली इलाका होने के कारण उनके सामने भी समस्या है। ऐसे में बीजापुर और सुकमा जिला प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती आ गई है।
लॉकडाउन के कारण अंतरराज्यीय परिवहन बंद है। जो वाहन आ रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है। ऐसे में ग्रामीणों ने अपने घरों तक पहुंचने के लिए जंगल का रास्ता पकड़ लिया है। ये ग्रामीण बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और जगदलपुर से तेलंगाना के धर्माराम मजदूरी करने गए थे। मजदूरों ने बताया कि वे 2 दिन पहले सुबह निकले थे। दोपहर में पेड़ के नीचे रुकते और रात में फिर सफर शुरू होता। ऐसे में 200 किमी का सफर तय कर बीजापुर पहुंचे हैं।
बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र तारलागुड़ा में चेक पोस्ट बनाया गया है। इस चेक पोस्ट में तेलंगाना और अन्य राज्यों से आने वाले करीब 2200 से ज्यादा लोगों के नामों की एंट्री हो चुकी है। इनमें 6 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वहीं सुकमा के कोंटा चेक पोस्ट पर 7764 लोगों के नाम प्रशासन ने रजिस्टर में दर्ज किए हैं। इनमें से 117 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि यह सिर्फ वह लोग हैं, जो सड़क मार्ग से प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आ रहे कई मजदूरों के सुकमा, बीजापुर सहित पड़ोसी जिलों में अपने घर पहुंचने की जानकारी मिल रही है। जिन जंगल के रास्तों का उपयोग ग्रामीण कर रहे हैं, वो पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इसके कारण प्रशासन को भी इसका पता नहीं लग पा रहा है। यह ग्रामीण सुकमा और बीजापुर में के गांवों में पहुंचे हैं। इनकी न तो कोरोना जांच हुई है और न ही प्रशासन के रजिस्टर में इन मजदूरों के नाम दर्ज हैं।
बीजापुर में भोपालपट्नम के एसडीएम हेमेंद्र बुआर्य कहते हैं कि चेक पोस्ट से गुजरने वाले हर किसी की जांच हो रही है। गर्मी के चलते नदी-नाले सूखे हुए है, इसलिए ज्यादातर मजदूर जंगल के रास्तों से भी आ रहे हैं। नक्सल इलाका होने की वजह से थोड़ी परेशानी होती है, जब ग्रामीण सड़क पर पहुंचते हैं तो उन तक पहुंच जाते हैं। वहीं सुकमा के कोंटा एसडीएम बनसिंह नेताम ने बताया की ग्रामीण अंचलों और जंगल के रास्तों पर भी हमारी नजर है। जो भी लोग आ रहे हैं, उनके नामों की एंट्री व जांच भी की जा रही है।
धमतरी। वैशाख मास की तृतीया तिथि का हिंदू धर्म में बहुत विशेष महत्व है। इस दिन को अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार अक्षय तृतीया 14 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह तिथि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। यह तिथि सभी पापों का नाश करने वाली और सुखों को प्रदान करने वाली मानी गई है। इस दिन लोग सोने, चांदी और अन्य चीजों की खरीदारी करते हैं। इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु, परशुराम और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है।
अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस दिन दान-पुण्य करने से अक्षय फल कभी न समाप्त होने वाला की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग सोने चांदी से बनी चीजों की विशेष तौर पर खरीददारी करते हैं। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीज में हमेशा बढ़ोत्तरी होती है और सोना खरीदने से सुख-समृद्धि आती है। इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य आता है। भगवान परशुराम ने भी इसी दिन जन्म लिया था। इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।
इस वर्ष यह तिथि लॉकडाउन के बीच में आई है। इस वजह से व्यापार नहीं होगा। इस दिन शादियां भी अधिक होती है। लेकिन सीमित लोग ही शादी में शामिल होंगे। इस तिथि में गुड्डा गुडिया का विवाह भी कराया जाता है। जिसकी बिक्री के लिए कुम्हार मकई चैक में बैठे हुए ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं। 14 मई तक यहां पर बैठेंगे। इस बार व्यापारियों को व्यवसाय की काफी उम्मीद थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से सब धरा का धरा रह गया।
शुभ कार्य के लिए मुहुर्त शुद्धि की जरुरत नहीं:-
विप्र विद्वत परिषद धमतरी ने बताया कि देव पंचाग के अनुसार इस वर्ष 14 मई को अक्षय तृतीया अक्ति और भगवान विष्णु के छठवें अवतार परशुराम का प्राकटय उत्सव का पर्व मनाया जाएगा। परिषद के मीडिया प्रभारी पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि हिन्दु मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया को वर्ष का सबसे शुभ दिन माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहुर्त शुद्धि की जरुरत नही होती है। अक्षय तृतीया को पुण्य का तीन गुना फल देने वाली तिथि कही जाती है। इस दिन दान पुण्य करने से कभी क्षय नहीं होता।
इसी दिन किसान ग्रमीण देवता ठाकुर देवता का पूजा पाठ साथ मे परसा पत्ते का दोना बनाकर उसमे धान भरकर देवों पर चढ़ाते हैं। उसी धान को अच्छी फसल होने की कामना करते हुऐ फसल बोनी का कार्य प्रारंभ करते हैं। विवाह और पाणीग्रहण गोधोली बेला मे करने को शुभ मुर्हुत माना जाता है। इस कारण यह अक्षय तृतीया अक्ति का विशेष महत्व है। परिषद ने अपील की है की कोविड 19 की शासन प्रशासन के गाईड लाईन के अनुसार उपरोक्त पर्व को हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाए। अपने घर पर रहें और सुरक्षित रहें।
धमतरी। उद्योग मंत्री कवासी लखमा 11 मई को कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की बैठक लेंगे। दोपहर दो से तीन बजे के बीच आयोजित उक्त वीसी में जिला स्तरीय अधिकारी, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, व्यापारीगण, सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अस्पताल संचालक तथा राजनीतिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।